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हिन्दी दिवस पर निबंध Essay on Hindi Diwas in Hindi

हिन्दी दिवस पर निबंध Essay on Hindi Diwas in Hindi

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इस लेख में हिन्दी दिवस पर निबंध (Essay on Hindi Diwas in Hindi) लिखा गया है। इसमें हिन्दी दिवस या हिन्दी पखवाड़ा क्या है, हिन्दी दिवस का महत्व, हिन्दी दिवस कब मनाया जाता है, इसका इतिहास और हिन्दी दिवस समारोह के बारे में विस्तार से बताया गया है।

हिन्दी दिवस या हिन्दी पखवाड़ा क्या है? What is Hindi Diwas or Hindi Pakhwada?

विविधताओं से समृद्ध हमारे भारत देश को एक अन्य चीज भी अनोखा बनाती है, जो है यहां पर बोलचाल की भाषाएं। दुनिया की सबसे प्राचीन माने जाने वाली भाषाओं में से एक संस्कृत के पश्चात भारत में हिंदी एक प्रसिद्ध भाषा है। गौरतलब है कि हिंदी दिवस को हिंदी पखवाड़ा भी कहा जाता है।

हिंदी पूरे विश्व में सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषाओं में से एक है। भारत में लगभग आधी आबादी से भी अधिक हिंदी के वक्ता हैं। 14 सितंबर 1949 के दिन हिंदी को भारतीय संविधान में राजभाषा का दर्जा दिया गया था।

जिसके अगले ही साल 26 जनवरी 1950 में भारतीय संविधान को लागू किया गया। क्योंकि हिंदी हमारी मातृभाषा है, इसलिए हिंदी दिवस के दिन सभी भारतीय इसे एक उत्सव के रूप में मनाते हैं। हिंदी पखवाड़ा या हिंदी दिवस सभी मातृभाषा प्रेमियों के लिए बड़ा ही खास दिन होता है।

हिन्दी दिवस का महत्व Importance of Hindi Diwas in Hindi

‘भाषा’ यह शब्द सुनने में भले ही साधारण सा लगे, लेकिन यह सच है की बिना भाषा के कभी भी विकास की कल्पना नहीं की जा सकती है। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाले हमारे देश में सबसे अधिक बोले जाने वाली भाषा हिंदी को बोलने में आज कई लोगों को शर्म आती है। 

यह खेद की बात है की हिंदी को भारत में ही इतना सम्मान नहीं दिया जा रहा, जितना कि उसे मिलना चाहिए। लोगों को विदेशी भाषा इंग्लिश बोलने में बड़ा ही गर्व महसूस होता है, लेकिन हिंदी बोलने में दिक्कत होती है। हिंदी दिवस ऐसे ही लोगों को उनके महान भाषा हिंदी के इतिहास को बताता है।

हिंदी दिवस आज मनाया जाना बहुत ही जरूरी है। लोगों को कभी भी अपनी मातृभाषा को बोलने में शर्म नहीं करना चाहिए। हिंदी दिवस को अब तक राजभाषा तो घोषित किया गया है, लेकिन अभी भी राष्ट्रभाषा का दर्जा इसे नहीं मिला है। तथाकथित वेस्टर्न कल्चर को अपनाने वाले और हमारी भाषा और संस्कृति को पीछे छोड़ने वाले लोगों के मुंह पर हिंदी दिवस एक तमाचा है।

कई प्रयासों के बाद इस नए समय में हिंदी भाषा को महत्व प्रदान किया जाना प्रारंभ हो गया। हिंदी भाषा के महत्व को स्थापित करते हुए खुद हमारे भारत के प्रधानमंत्री अब संयुक्त राष्ट्र संघ और दूसरी बड़ी सम्मेलनों में हिंदी भाषा में सभी को संबोधित करते हैं। 

यह सभी भारत वासियों के लिए एक गर्व की बात है कि भारत में दौरे पर आने वाले बड़े-बड़े विदेशी राजनेता भी संबोधन के प्रारंभ में कुछ शब्द हिंदी में बोलते हैं, उसके बाद अपनी भाषा में भारतवासियों को संबोधित करते हैं। 

बदलते भारत में हिंदी भाषा के बढ़ते महत्व की कल्पना इस बात से की जा सकती है, कि सालों पहले हमारी मातृभाषा को विदेशों में जरा भी सम्मान नहीं दिया जाता था। उल्टा इसका मजाक बनाया जाता था और हिंदी बोलने वालों को अपमानित भी किया जाता था। लेकिन आज समय बिल्कुल विपरीत है। 

यह बेहद अच्छी तथा आश्चर्य की बात है, कि बढ़ते समय के साथ ही हिंदी भाषा सुनने और बोलने वाले लोगों की संख्या में भी बढ़ोतरी हुई है। अर्थात लोगों को अब अपनी मातृभाषा की कदर हो गई हैं। भारतीयों के अलावा विदेशियों को भी अब हिंदी भाषा को सीखना बड़ा ही दिलचस्प लगता है।

हिन्दी दिवस कब मनाया जाता है? When is Hindi Diwas Celebrated?

14 सितंबर के दिन हर वर्ष भारत में हिंदी दिवस मनाया जाता है। हालांकि विश्व हिंदी दिवस हर वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। 14 सितंबर 1949 में हिंदी को भारतीय संविधान द्वारा राजभाषा का दर्जा मिला, जिसके पश्चात हर साल हिंदी दिवस अथवा हिंदी पखवाड़ा मनाया जाने लगा।

हिन्दी दिवस का इतिहास History of Hindi Day

हिंदी भाषा की बात करें तो इसका इतिहास बेहद पुराना है। वैदिक काल में संस्कृत के बाद हिंदी भाषा का प्रचलन हुआ था। लगभग 12वीं शताब्दी के आसपास इसकी लोकप्रियता बेहद बढ़ गई थी। 

कई विद्वानों द्वारा इस भाषा में विभिन्न साहित्य का निर्माण भी किया गया। अमीर खुसरो, जिन्हे साहित्य की दुनिया के एक अमर कलाकार माना जाता है। उन्होंने हिंदी भाषा में भी कई कविताओं और शायरियों का निर्माण किया था।

आजाद भारत में हिंदी को राष्ट्रीय भाषा का दर्जा दिलवाने के लिए कई महान लोगों ने कड़े संघर्ष किए थे। जिनमें व्यौहार राजेंद्र सिंहा, काका कालेलकर, सेठ गोविंददास और हजारी प्रसाद द्विवेदी जैसे कई साहित्यकारों का नाम शामिल है। 

आखिरकार 14 सितंबर के दिन भारत को राजभाषा के रूप में स्वीकार किया गया। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 343 में एक अधिकारिक भाषा के रूप में हिंदी को मान्यता प्रदान की गई थी। हिंदी दिवस इसीलिए भी सर्वश्रेष्ठ माना जाता है, क्योंकि इसी दिन व्यौहार राजेंद्र सिंहा का 50वांजन्मदिन भी था।

हिंदी साहित्य सम्मेलन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने खुद 1918 में हिंदी को जनमानस की भाषा कहकर संबोधित किया था। गांधी जी ने यह भी कहा था की हिंदी को राजभाषा बनाना चाहिए। 

इसके अलावा वर्ष 1977 में पहली बार भारतीय प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई जी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में खड़े होकर हिंदी भाषा में सभी को संबोधित किया था।

हिंदी भाषा के वक्ताओं द्वारा चारों तरफ इसका प्रचार करने और हिंदी भाषा के उत्थान के उद्देश्य से 14 सितंबर से 21 सितंबर तक हिंदी दिवस के मौके पर हिंदी सप्ताह अथवा राजभाषा सप्ताह का आयोजन होता है।

हिन्दी दिवस समारोह Hindi Diwas Celebration

हिंदी भाषा के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए हिंदी दिवस के दिन तमाम प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इसके अलावा हिंदी भाषा को बोलने के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाता है। 

मातृभाषा के प्रचार प्रसार के लिए यह एक बड़ा अनोखा दिन होता है। विशेषकर हमारी नई पीढ़ी को हिंदी भाषा के प्राचीन इतिहास और महत्व को उनकी स्मृति में संजोए रखने के लिए हिंदी दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।

लगभग सभी स्कूल और कॉलेजों में भाषा के महत्व का प्रदर्शन करते हुए हिंदी दिवस का कार्यक्रम आयोजित किया जाता है, जिसमें अपनी मातृभाषा पर कविताएं, शायरियां, भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन, पाठक प्रतियोगिता इत्यादि आयोजित होता है। इसके अलावा तमाम सरकारी संस्थानों जैसे कि बैंक, दफ्तर इत्यादि में हिंदी भाषा के प्रयोग पर जोर दिया जाता है।

हिंदी दिवस से पूरे एक हफ्ते तक इस अवसर पर कई प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित होती है। जिसका मूलभूत उद्देश्य यही रहता है कि अधिक से अधिक इस भाषा को बढ़ावा दिया जाए और दूसरों को भी इसे बोलने में गौरव महसूस करके का प्रचार-प्रसार हो।

इसी पूरे सप्ताह में हिंदी भाषा के प्रति कुछ अनोखा करने वाले लोगों को पुरस्कारों से भी सम्मानित किया जाता है। ‘राष्ट्रभाषा गौरव पुरस्कार’ तथा ‘राष्ट्रभाषा कीर्ति पुरस्कार’ जैसे सम्मानो को समितियों द्वारा वितरित किया जाता है।

हिंदी दिवस का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दिन लोगों को अपने मूल भाषा के प्रति सम्मान को प्रदर्शित करने का अवसर मिलता है। वास्तव में हिंदी अथवा कोई भी भाषा सीधे लोगों की भावनाओं से जुड़ी होती हैं। 

इन्हें केवल एक दिन के त्यौहार की तरह मनाने के बदले इसे पूरे साल ही मनाया जाना चाहिए। तात्पर्य यह है कि भारतीय होने के नाते हमें हिंदी को केवल हिंदी दिवस के दिन ही नहीं बल्कि साल के पूरे दिन सम्मान देना चाहिए और इसे मातृभाषा की तरह अपना कर गौरवपूर्ण होकर बोलना चाहिए, यही हिंदी दिवस का सार है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने हिन्दी दिवस पर निबंध (Hindi Diwas Essay) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको जानकारी से भरपूर लगा होगा। अगर यह लेख आपको अच्छा लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।

6 thoughts on “हिन्दी दिवस पर निबंध Essay on Hindi Diwas in Hindi”

Really meaningful loved it

i love hindi

Bilkul sahi hame hamari rashtra bhasha ko bolne par hame Garva mahsush hona chahiye.

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स्कूली छात्रों और बच्चों के लिए हिंदी दिवस 2023 पर निबंध

हिंदी दिवस पर निबंध: हिंदी दिवस 2023 पर 150 - 200 शब्दों का निबंध हिंदी में पाने के लिए इस लेख को पढ़ें।.

Atul Rawal

हिंदी दिवस पर निबंध: छात्रों को पता होना चाहिए कि हिंदी दिवस 14 सितंबर, 2023 को है। इस अवसर पर, स्कूल, छात्रों को हिंदी और इसके महत्व के बारे में शिक्षित करने के लिए कार्यक्रम आयोजित करते हैं। स्कूल छात्रों को अधिक जानकार और खुद को अभिव्यक्त करने में आत्मविश्वासी बनाने के लिए निबंध लेखन और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।

यहां आपको हिंदी दिवस पर निबंधों के कुछ नमूने मिलेंगे। ये हिंदी दिवस निबंध हिंदी में हैं, जिसका उद्देश्य हिंदी दिवस 2023 के लिए आयोजित निबंध लेखन प्रतियोगिताओं में छात्रों को बेहतर प्रदर्शन करने में मदद करना है। हिंदी दिवस निबंध 150-200 शब्दों के हैं। छात्रों के लिए हिंदी दिवस पर निबंध देखें।

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हिंदी दिवस पर निबंध हिंदी में (Essay on Hindi Diwas in Hindi)

यदि आपको 500 शब्दों का हिंदी दिवस निबंध दिया गया है, तो शब्द संख्या बढ़ाने के लिए उपरोक्त हिंदी दिवस निबंध में अधिक जानकारी जोड़ें। अधिक जानकारी के लिए आप ऊपर दिए गए हिंदी दिवस भाषण को देख सकते हैं। अपने निबंध में हिंदी दिवस के नारे जोड़ने से यह और अधिक आकर्षक हो जाएगा।

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इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

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Hindi Pakwadha

14 सितम्‍बर,1949 को देश की संविधान सभा ने सर्वसम्‍मति से हिंदी को राजभाषा के रूप में अपनाया था और इसलिए प्रत्‍येक वर्ष 14 सितम्‍बर को हिंदी दिवस के रूप में मनाया जाता है और इसी दौरान हिंदी पखवाड़ा आयोजित किया जाता है। इस हिंदी पखवाड़ा के दौरान मंत्रालय में विभिन्‍न प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती है जैसे:- हिंदी अनुवाद, हिंदी टिप्‍पण/ आलेखन, हिंदी श्रुतलेखन, हिंदी कविता पाठ इत्‍यादि।

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Hindi Pakhwada -2023

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With the motto of "Aham Rashtri Sangmani Vasunam'', the Central Hindi Directorate was established on 1st March, 1960 as a subordinate office of the then Ministry of Education(At present Department of Higher Education, Ministry Of Education).

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स्वच्छता पखवाडा पर निबंध Essay on Swachhta Pakhwada in Hindi

स्वच्छता पखवाड़ा (Essay on Swachhta Pakhwada in Hindi ) भारत सरकार द्वारा आयोजित किया जाने वाला महत्वपूर्ण कार्यक्रम है जो साफ सुथरे और स्वस्थ भारत की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पखवाड़ा हर साल 2 बार मनाया जाता है, जिसका मुख्य उद्देश्य है लोगों को स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक करना और उन्हें स्वच्छता की ओर प्रोत्साहित करना।

Table of Contents

Essay on Swachhta Pakhwada in Hindi

Essay on Swachhta Pakhwada in Hindi

स्वच्छ पखवाड़ा क्या है?

स्वच्छ पखवाड़ा एक ऐसा अवसर है जो भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष मनाया जाता है जिसका मुख्य उद्देश्य साफ-सफाई के महत्व को जागरूक करना और स्वच्छता के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाना है। यह पखवाड़ा आमतौर पर दो सप्ताह की अवधि का होता है और 15 सितंबर से 2 अक्टूबर तक मनाया जाता है, जो महात्मा गांधी की जयंती के आस-पास होता है।

स्वच्छ पखवाड़ा के दौरान, सरकारी और गैर-सरकारी संगठनों में विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जिनमें सड़कों, जल, और हवा की सफाई, जनसंख्या को स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक करने के कार्यक्रम शामिल होते हैं। इसके अलावा, स्वच्छ पखवाड़ा जन-जागरूकता के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम और समर्पित गतिविधियों का आयोजन करता है ताकि लोग स्वच्छता के महत्व को समझें और इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल कर सकें।

स्वच्छ पखवाड़ा भारत सरकार के “स्वच्छ भारत अभियान” का हिस्सा है और इसका उद्देश्य देश को स्वच्छ बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करना है। यह एक महत्वपूर्ण पहल है स्वच्छता की ओर बढ़ने की और देश को स्वच्छ और स्वस्थ रखने के लिए लोगों को जागरूक करने का।

स्वच्छता पखवाड़ा क्यों मनाया जाता है?

स्वच्छता पखवाड़ा मनाया जाता है ताकि लोग स्वच्छता के महत्व को समझें और स्वच्छता के प्रति जागरूक हों। इसके पीछे कुछ मुख्य कारण हैं:

  • सामाजिक जागरूकता: स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान, विभिन्न कार्यक्रम और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है, जिनका उद्देश्य लोगों को स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक करना है। इसके माध्यम से समाज में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलती है.
  • स्वच्छ भारत अभियान: स्वच्छता पखवाड़ा भारत सरकार के “स्वच्छ भारत अभियान” का हिस्सा है, और इसका उद्देश्य देश को स्वच्छ बनाने के लिए लोगों को प्रेरित करना है।
  • महात्मा गांधी की जयंती: स्वच्छता पखवाड़ा महात्मा गांधी की जयंती के आस-पास मनाया जाता है, जो कि स्वच्छता और स्वच्छता के महत्व के प्रति उनके दृढ़ संकल्प को स्मरण करते हैं.
  • स्वच्छता के महत्व का प्रचार: स्वच्छता पखवाड़ा विभिन्न समूहों और संगठनों को स्वच्छता के महत्व को प्रमोट करने का मौका देता है।
  • स्वच्छता अभियान की प्राधिकृत गतिविधियाँ: स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान विभिन्न प्रकार की स्वच्छता अभियान गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं, जैसे कि सड़कों की सफाई, कूड़े की सफाई, पेड़-पौधों के वृक्षारोपण, जल-जनसंख्या को स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक करने के कार्यक्रम, आदि।

इन कारणों के संयोजन से, स्वच्छता पखवाड़ा लोगों को स्वच्छता के महत्व को समझाने और अपने दैनिक जीवन में स्वच्छता को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने में मदद करता है।

स्वच्छता पखवाडा कब शुरू हुआ?

स्वच्छता पखवाड़ा, भारत सरकार के “स्वच्छ भारत अभियान” के तहत मनाया जाने वाला है और इसे वार्षिक रूप से 2 अक्टूबर से 15 अक्टूबर तक मनाया जाता है। यह अभियान 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किया गया था और उसके उद्देश्य थे देश को स्वच्छ बनाना और स्वच्छता के महत्व को बढ़ावा देना।

स्वच्छता पखवाड़ा इस समय के दौरान विभिन्न स्थानों पर स्वच्छता अभियान और जागरूकता कार्यक्रमों का हिस्सा बनता है, जिनमें कूड़े की सफाई, जल-जनसंख्या को स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक करने के कार्यक्रम, स्वच्छता के महत्व को बढ़ावा देने वाले प्रसारण और विभिन्न सफाई गतिविधियाँ शामिल होती हैं।

इस पखवाड़े के माध्यम से, सरकार और विभिन्न संगठन स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करते हैं और स्वच्छता को बढ़ावा देने के उपायों को प्रमोट करते हैं।

स्वच्छता पखवाड़ा का महत्व

स्वच्छता पखवाड़ा का महत्व भारत सरकार के “स्वच्छ भारत अभियान” के अग्रणी इनीशिएटिव का हिस्सा है, और इसका मुख्य उद्देश्य देश को स्वच्छ और ह्यीजीनिक बनाना है। इस पखवाड़े के माध्यम से कई महत्वपूर्ण महत्वपूर्ण उद्देश्य होते हैं:

  • स्वच्छता की जागरूकता: स्वच्छता पखवाड़ा समय होता है जब सभी लोग स्वच्छता के महत्व को जागरूकता से देखते हैं और स्वच्छता के प्रति संवेदनशील होते हैं। इसके माध्यम से, लोगों को साफ-सफाई के महत्व के प्रति जागरूक किया जाता है और वे स्वच्छता के मामूले में सजग रहते हैं।
  • स्वच्छता अभियान को बढ़ावा: स्वच्छता पखवाड़ा, स्वच्छ भारत अभियान के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम होता है। इसके द्वारा सरकार, संगठन और व्यक्तिगत व्यक्तियों को स्वच्छता के लिए उत्साहित करने और सफाई के कार्यों को प्रमोट करने का मौका मिलता है।
  • बीमारियों के खिलाफ लड़ाई: स्वच्छता के माध्यम से कई बीमारियों के प्रसारण को रोका जा सकता है। स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान लोग साफ पानी पीने के महत्व को समझते हैं, स्वच्छ खानपान पर ध्यान देते हैं और हाथों को स्वच्छ रखने के आदत डालते हैं, जिससे बीमारियों के प्रसारण का खतरा कम होता है।
  • स्वच्छता के साथ स्वस्थ जीवन: स्वच्छता पखवाड़ा के दौरान लोग स्वस्थ जीवनशैली को प्राथमिकता देते हैं। यह उन्हें स्वच्छता के महत्व को समझने के साथ-साथ स्वस्थ रहने के उपायों के बारे में भी सिखाता है।
  • स्वच्छता के साथ जल संरक्षण: स्वच्छता पखवाड़ा जल संरक्षण के महत्व को भी प्रमोट करता है। इसके दौरान लोग स्वच्छ जल का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किए जाते हैं और जल संचयन और जल सफाई के उपायों को समझते हैं।

स्वच्छता पखवाड़ा का महत्व इसलिए है क्योंकि यह स्वच्छता के महत्व को समझाने, लोगों को स्वच्छता के कार्यों में भागीदार बनाने और स्वच्छता को एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनाने में मदद करता है।

Extra Tips 4 Extra Marks :

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स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi)

स्वच्छ भारत अभियान

प्रधानमंत्री की क्रांतिकारी अभियानों में से एक ‘स्वच्छ भारत अभियान’ अपने आप में अनूठा है। भारत सरकार की यह पहल प्रशंसनीय है। आजकल इस मुद्दे पर आए-दिन चर्चा होती है। स्कूल-कॉलेजों में भी विभिन्न प्रतियोगिताओं और परीक्षाओं में यह विषय दिया जाने लगा है। चूंकि यह प्रधानमंत्री की विकास योजनाओं में से एक है। इसलिए यह अपेक्षा की जाती है कि शैक्षणिक स्तर पर सबको इसकी जानकारी रहे।

स्वच्छ भारत अभियान पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Swachh Bharat Abhiyan in Hindi, Swachh Bharat Abhiyan par Nibandh Hindi mein)

हम यहाँ कुछ छोटे-बड़े निबंध प्रस्तुत कर रहे हैं। जो कि विभिन्न पक्षों पर आपकी मदद करेगें।

स्वच्छ भारत अभियान पर 10 पंक्तियों का निबंध

  • स्वच्छ भारत अभियान, 2014 में शुरू किया गया, यह एक राष्ट्रव्यापी स्वच्छता अभियान है।
  • इस अभियान का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शौचालय निर्माण को बढ़ावा देकर भारत को खुले में शौच से मुक्त बनाना है।
  • मशीनीकृत विकल्पों और सख्त कानूनी उपायों पर जोर देते हुए हाथ से मैला ढोने की प्रथा का उन्मूलन एक प्रमुख उद्देश्य है।
  • स्वच्छ भारत अभियान उचित ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर जोर देता है, बायोडिग्रेडेबल और गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे को अलग करने की बात करता है।
  • व्यवहार परिवर्तन एक केंद्र बिंदु है, जो जागरूकता अभियानों के माध्यम से स्वच्छता के प्रति सामाजिक दृष्टिकोण में बदलाव को प्रोत्साहित करता है।
  • शौचालय निर्माण को सक्रिय रूप से बढ़ावा दिया जा रहा है, प्रोत्साहन और भागीदारी से इस प्रक्रिया में तेजी आ रही है।
  • स्वच्छता पर जोर दिया जाता है, शौचालयों के उपयोग को बढ़ावा दिया जाता है और स्वास्थ्यकर आदतें अपनाई जाती हैं।
  • स्थानीय निकाय स्थानीय आवश्यकताओं के साथ लक्ष्यों को ध्यान देते हुए, जमीनी स्तर पर अभियान को लागू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • गैर-सरकारी संगठन और कॉर्पोरेट संस्थाएँ वित्तीय सहायता और स्वयंसेवी प्रयासों के माध्यम से योगदान करते हैं।
  • स्वच्छ भारत अभियान ने शौचालय निर्माण, अपशिष्ट प्रबंधन और स्वच्छता के बारे में जागरूकता बढ़ाने में उल्लेखनीय प्रगति की है।

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध – 1 (300 शब्द)

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार की सराहनीय कोशिश है। देखा जाए तो, अपने आस-पास साफ-सफाई रखना हमारी नैतिक जिम्मेदारी है। अगर सभी को अपनी जिम्मेदारियों का आभास होता, तो इस अभियान की जरूरत ही नही पड़ती।

कितनी शर्मिन्दगी की बात है कि हर कोई अपना घर तो जरूर साफ करता है, लेकिन अपनी सारी गंदगी, कूड़ा-कचरा बाहर, गलियों, सड़को और चौराहों पर फेंक देते है। ये नहीं सोचते कि पूरा देश ही हमारा घर है। इसे भी साफ रखना हमारा ही काम है। कोई पड़ोसी या बाहर का नहीं आएगा साफ करनें, इसे हमें ही साफ करना है।

स्वच्छ भारत अभियान का आरंभ

अपने प्रधानमंत्री बनने के बाद माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी ने गांधी जयंती के अवसर पर 02 अक्टूबर 2014, को इस अभियान का आगाज़ किया था। भारत को स्वच्छ करने की परिवर्तन कारी मुहिम चलाई थी। भारत को साफ-सुथरा देखना गांधी जी का सपना था। गांधी जी हमेशा लोगों को अपने आस-पास साफ-सफाई रखने को बोलते थे।

स्वच्छ भारत के माध्यम से विशेषकर ग्रामीण अँचल के लोगो के अंदर जागरूकता पैदा करना है कि वो शौचालयों का प्रयोग करें, खुले में न जाये। इससे तमाम बीमारियाँ भी फैलती है। जोकि किसी के लिए अच्छा नहीं है।

इस मिशन में सहयोग देने बड़ी-बड़ी हस्तियों ने हिस्सा लिया। इस मिशन का प्रचार-प्रसार का जिम्मा ग्यारह लोगों को दिया गया, जो कि निम्न हैं:–

  • सचिन तेंदुलकर
  • बाबा रामदेव
  • अनिल अंबानी
  • प्रियंका चोपड़ा
  • मृदुला सिन्हा
  • विराट कोहली
  • महेन्द्र सिंह धोनी
  • ‘तारक मेहता का उल्टा चश्मा’ सीरियल की पूरी टीम

गांधी जी की 145वीं जयंती को शुरू हुआ यह अभियान, 2 अक्टूबर 2019 को पूरे पाँच वर्ष पूरे कर चुका है। जैसा कि 2019 तक भारत को पूर्ण रूप से ओपन डेफिकेसन फ्री (खुले में शौच मुक्त) बनाने का लक्ष्य रखा गया था। यह लक्ष्य पूर्णतः फलीभूत तो नहीं हुआ, परंतु इसके आँकड़ो में आश्चर्यजनक रूप से उछाल आया है।

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध – 2 (400 शब्द)

गांधी जी हमेशा कहते थे कि स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा अहम है। इस कथन से हम समझ ही सकते हैं कि उनके नज़र में स्वच्छता कितनी जरूरी थी। उन्होंने एक स्वच्छ और स्वस्थ भारत की कल्पना की थी, जिसे पूरा करने का भार माननीय प्रधानमंत्री ने उठाया। अब तक किसी का भी ध्यान इस ओर नहीं गया था।

क्या है यह अभियान ?

इसकी परिकल्पना तो गांधीजी ने आजादी के पूर्व ही गढ़ दी थी, किंतु ऑफिशियली इसे एक अप्रैल, 1999 से शुरू माना जाता है। जब भारत सरकार ने ग्रामीण स्वच्छता और पूर्ण स्वच्छता के लिए आयोग गठित किए थे। जिसे बाद में 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डा. मनमोहन सिंह जी ने अपनी सहमति देकर इस योजना को ‘निर्मल भारत अभियान’ का नाम दिया।

सरकारी आँकड़ो की बात करें तो अब तक लगभग 10,19,64,757 घरों में शौचालयों का निर्माण किया जा चुका है। 6,03,055 ओपन डिफेकेशन फ्री गाँव हो चुके हैं। 706 जिले इसकी श्रेणी में आ चुके है। 36 राज्य और केन्द्र शासित प्रदेश मिलकर, इस मुहिम को सफल बना रहे हैं। ‘गांधीजी का चश्मा’ इस अभियान का लोगो (प्रतीक चिह्न) है। इसे भारत सरकार मंत्रालय के ‘जल शक्ति मंत्रालय’ के अधीन ‘पेयजल एवं स्वच्छता विभाग’ को सौंपा गया है।

प्रधानमंत्री जी ने पूरे देश से अपील की, कि ज्यादा से ज्यादा संख्या में इस मुहिम से जुड़कर इसे सफल बनाये। पूरे देश ने उनकी बात मानी और यह अभियान राष्ट्रव्यापि आंदोलन बन कर उभरा। बड़ी-बड़ी सेलिब्रिटिज़ ने प्रधानमंत्री के आग्रह पर इस मिशन में अपना हाथ बँटाया। सफाई आंदोलन के तहत सभी पीएम के साथ सड़कों पर उतरे। झाड़ू लेकर पीएम ने स्वयं वाराणसी के गंगा तट के अस्सी घाट पर सफाई की।

“जो परिवर्तन आप दुनिया में देखना चाहते हैं वह सबसे पहले अपने आप में लागू करें।” -महात्मा गांधी।

महात्मा गांधी जी की ये बात स्वच्छता पर भी लागू होती है। अगर हम समाज में बदलाव देखना चाहते हैं तो सर्वप्रथम हमें स्वयं में बदलाव लाना होगा। हर कोई दूसरों की राह तकता रहता है। और पहले आप-पहले आप में गाड़ी छूट जाती है।

साफ-सफाई से हमारा तन-मन दोनों स्वस्थ और सुरक्षित रहता है। यह हमें किसी और के लिए नहीं, वरन् खुद के लिए करना है। यह जागरूकता जन-जन तक पहुँचानी होगी। हमें इसके लिए ज़मीनी स्तर से लगकर काम करना होगा। हमें बचपन से ही बच्चों में सफाई की आदत डलवानी होगी। उन्हें सिखाना होगा कि, एक कुत्ता भी जहां बैठता है, उस जगह को झाड़-पोछ कर बैठता है। जब जानवरों में साफ-सफाई के प्रति इतनी जागरुकता है, फिर हम तो इन्सान है।

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध – 3 (500 शब्द)

यह कैसी विडम्बना है, कि हमारी सरकार को हमारा घर, पास-पड़ोस आदि में साफ-सफाई करने के लिए अभियान चलाना पड़ रहा है। भारतीय जनता भी कमाल की है, उनके खुद के काम के लिए भी वो सरकार का मुंह देखती है। हमारा घर आंगन साफ रहेगा तो ये हमारे लिए ही अच्छा होगा, आजकल हम अपने निजी स्वार्थ के लिए भी औरों से उम्मीद करते हैं। यह आदत बदलनी होगी। यह न केवल हमारे बल्कि, पूरे देश के लिए भी जरूरी है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए इस मुहिम की शुरुआत हुई।

क्यों शुरू हुआ स्वच्छ भारत अभियान

2 अक्टूबर 2014, को शुरु हुए इस अभियान का लक्ष्य गांधी जी के 150वी जयंती, 2019 तक भारत को ‘स्वच्छ भारत’ करना था। इससे अच्छी गांधी जी को क्या श्रध्दांजलि होगी, अपने सपनों का भारत देखने की। सोचने वाली बात है, आखिर इसकी जरूरत क्यों पड़ी। मैंने कई बार देखा है, लोगो के घरों में शौचालय होने के बाद भी वो बाहर ही जाते है। क्योंकि उन्होंने ऐसी प्रवृत्ति बना ली है। इनकी यही सोच को बदलने के लिए इस आंदोलन की शुरुआत हुई। ग्रामीण लोगों की सोच को बदलना थोड़ा कठिन कार्य होता है।

खुले में शौच की प्रवृति से भारत को मुक्ति दिलाना ही इसका प्रथम ध्येय है। इसके तहत सरकार ने गांव-गांव में शौचालयों का निर्माण कराया। साथ ही लोगों से अपील भी की, कि वो इन शौचालयो का प्रयोग करें। बाहर में जाने की आदत को त्यागें। इतना ही नहीं, लोगो में जागरुकता फैलाने के लिए जगह-जगह कैम्प लगाये जाते हैं, नुक्कड़ नाटकों के माध्यमों से उन्हें इसके लाभ से परिचित कराया जाता है। ग्राम-पंचायतों की मदद से सभी घरों में उचित अपशिष्ट प्रबंधन का गण भी सिखाया जाता है। और हर घर में पानी की पाइपलाईन भी बिछाई गई है। सवा सौ करोड़ की आबादी वाला भारत, उसमें से भी आधी से ज्यादा आबादी आज भी गांवो में ही निवास करती है।

अगर आँकड़ो की ओर नज़र घुमायें, तो 2011 की जनगणना के अनुसार, 16.78 करोड़ घरों में लगभग-लगभग 72.2% जनसंख्या गांवो में रहती है। और आपको जानकर हैरानी होगी कि केवल 5.48 करोड़ घरो में ही शौचालयों का प्रयोग किया जाता रहा है। तात्पर्य यह है कि 67% घरो में लोग, अब भी यह सुविधा का लाभ नहीं उठाते। 2012-13 में पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय द्वारा कराया गये सर्वेक्षण के अनुसार 40% ग्रामीण घरों में शौचालय है। 60% अब भी बाकी है। सरकारी खर्चे की अगर बात करें तो, 5 वर्षों के लिए अनुमानित राशि 62,009 करोड़ रुपये की है और इसमें लगभग 14,623 करोड़ रुपये की सहायता केंद्र सरकार की ओर से हुई है।

“यदि हम अपने घरों के पीछे सफाई नहीं रख सकते तो स्वराज की बात बेईमानी होगी। हर किसी को स्वयं अपना सफाईकर्मी होना चाहिए” – महात्मा गांधी

गांधी जी का यह कथन साफ बयां करता है कि सफाई हम सबके लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं। इस अभियान को सरकार ने बहुत ही जोश-खरोश के साथ प्रारंभ किया था। और इस संबंध में बहुत काम भी हुए। हमारे देश के सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों ने अपना अपना योगदान दिया है। इसी प्रवाह को आगे बढ़ाते हुए उत्तर प्रदेश के चीफ मिनिस्टर ‘योगी आदित्यनाथ जी’ ने सार्वजनिक स्थलों पर तंबाकू, गुटका, पान, आदि उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है।  किसी भी कार्यक्रम की सफलता लोगों की मानसिकता पर निर्भर करती है। आज भी ग्रामीण परिवेश में बुजुर्ग लोग या तो अनपढ़ है या कम पढ़े-लिखे हैं। ऐसे में स्थिति और भी चुनौतिपूर्ण हो जाती है।

Essay on Swachh Bharat Abhiyan in Hindi

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध – 4 (600 शब्द)

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत सरकार ने देश में स्वच्छता के प्रति जागरुकता लाने के लिये की है। हम ऐसे तो अपना घर साफ रखते हैं, तो क्या यह हमारी जिम्मेदारी नहीं बनती कि हम अपने देश को भी साफ रखें। कूड़े को यहां-वहां न फेक कर कूड़ेदान में डालें। महात्मा गाँधी जी ने स्वच्छ भारत का सपना देखा था, जिसके संदर्भ में गाँधीजी ने कहा कि, ”स्वच्छता स्वतंत्रता से ज्यादा जरुरी है” वे उस समय देश में व्याप्त गरीबी और गंदगी से अच्छी तरह अवगत थे, इसी वजह से उन्होंने अपने सपने को पूरा करने के लिये कई प्रयास भी किये, लेकिन सफल नहीं हो पाए।

स्वच्छ भारत अभियान क्या है ?

स्वच्छ भारत अभियान एक राष्ट्रीय स्वच्छता मुहिम है जो भारत सरकार द्वारा स्थापित किया गया है, इसके तहत 4041 सांविधिक नगरों के सड़क, पैदल मार्ग और अन्य कई स्थल आते है। ये एक बड़ा आंदोलन है जिसके तहत भारत को 2019 तक पूर्णंत: स्वच्छ बनाने की बात कही गयी थी। इस मिशन को 2 अक्टूबर 2014 (145वीं जन्म दिवस) को बापू के जन्म दिन के शुभ अवसर पर आरंभ किया गया था और 2 अक्टूबर 2019 (बापू के 150वीं जन्म दिवस ) तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। भारत के शहरी विकास तथा पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय द्वारा इस अभियान को ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में लागू किया गया है।

स्वच्छ भारत अभियान की जरुरत

इस मिशन की कार्यवाही निरंतर चलती रहनी चाहिये। भौतिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक कल्याण के लिये भारत के लोगों में इसका एहसास होना बेहद आवश्यक है। ये सही मायनों में भारत की सामाजिक स्थिति को बढ़ावा देने के लिये है, जो हर तरफ स्वच्छता लाने से शुरु किया जा सकता है। यहाँ नीचे कुछ बिंदु उल्लिखित किये जा रहे है जो स्वच्छ भारत अभियान की आवश्यकता को दिखाते है।

  • ये बेहद जरुरी है कि भारत के हर घर में शौचालय हों, साथ ही खुले में शौच की प्रवृति को भी खत्म करने की आवश्यकता है।
  • नगर निगम के कचरे का पुनर्चक्रण और दुबारा इस्तेमाल, सुरक्षित समापन, वैज्ञानिक तरीके से मल प्रबंधन को लागू करना।
  • खुद के स्वास्थ्य के प्रति भारत के लोगों की सोच और स्वभाव में परिवर्तन लाना और साफ-सफाई की प्रक्रियों का पालन करना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों में वैश्विक जागरुकता लाने करने के लिये और सामान्य लोगों को स्वास्थ्य से जोड़ने के लिये।
  • इसमें काम करने वाले लोगों को स्थानीय स्तर पर कचरे के निष्पादन का नियंत्रण करना, खाका तैयार करने के लिये मदद करना।
  • पूरे भारत में साफ-सफाई की सुविधा को विकसित करने के लिये निजी क्षेत्रों की हिस्सेदारी को बढ़ाना।
  • भारत को स्वच्छ और हरियाली युक्त बनाना।
  • ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाना।
  • स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से समुदायों और पंचायती राज संस्थानों को निरंतर साफ-सफाई के प्रति जागरुक करना।

स्वच्छ भारत – स्वच्छ विद्यालय अभियान

ये अभियान केन्द्रिय मानव संसाधन मंत्रालय द्वारा चलाया गया और इसका उद्देश्य भी स्कूलों में स्वच्छता लाना है। इस कार्यक्रम के तहत 25 सितंबर 2014 से 31 अक्टूबर 2014 तक केंद्रिय विद्यालय और नवोदय विद्यालय संगठन जहाँ कई सारे स्वच्छता क्रिया-कलाप आयोजित किये गए जैसे विद्यार्थियों द्वारा स्वच्छता के विभिन्न पहलूओं पर चर्चा, इससे संबंधित महात्मा गाँधी की शिक्षा, स्वच्छता और स्वाथ्य विज्ञान के विषय पर चर्चा, स्वच्छता क्रिया-कलाप(कक्षा में, पुस्तकालय, प्रयोगशाला, मैदान, बागीचा, किचन, शेड दुकान, खानपान की जगह इत्यादि)। स्कूल क्षेत्र में सफाई, महान व्यक्तियों के योगदान पर भाषण, निबंध लेखन प्रतियोगिता, कला, फिल्म, चर्चा, चित्रकारी, तथा स्वाथ्य और स्वच्छता पर नाटक मंचन आदि। इसके अलावा सप्ताह में दो बार साफ-सफाई अभियान चलाया जाना जिसमें शिक्षक, विद्यार्थी, और माता-पिता सभी हिस्सा लेंगे।

हम कह सकते है कि इस वर्ष के हमारे लक्षय में हम काफी हद तक सफल हो गये हैं। जैसा कि हम सभी ने कहावत में सुना है ‘स्वच्छता भगवान की ओर अगला कदम है’। हम विश्वास के साथ कह सकते है कि, अगर भारत की जनता प्रभावी रुप से इसका अनुसरण करे तो आने वाले समय में, स्वच्छ भारत अभियान से पूरा देश भगवान का निवास स्थल सा बन जाएगा। एक सच्चे नागरिक होने का हमारा कर्तव्य है कि, न गंदगी फैलाएं न फैलाने दें। देश को अपने घर कि तरह चमकाएं ताकि आप भी गर्व से कह सकें की आप भारतवासी हैं।

संबंधित जानकारी

स्वच्छ भारत अभियान पर स्लोगन

स्वच्छ भारत/स्वच्छ भारत अभियान पर कविता

FAQs: Frequently Asked Questions on Swachh Bharat Abhiyan (स्वच्छ भारत अभियान पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न)

उत्तर- महात्मा गांधी को।

उत्तर- घर-घर में शौचालय का निर्माण।

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स्वच्छता पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Essay on Swachata in Hindi

आज की इस आर्टिकल में हम आपके लिए लेकर आए हैं स्वच्छता पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। स्वच्छता का हर इंसान के जीवन में बहुत ज्यादा महत्व होता है क्योंकि यह लोगों के जीने के ढंग को गुणवत्ता से भरपूर बनाती है। इसी वजह से स्कूल में जाने वाले बच्चों को स्वच्छता को लेकर जागरूक किया जाता है। ऐसे में कई बार परीक्षा में स्वच्छता पर निबंध (essay on Swachata in Hindi), स्वच्छता का महत्व निबंध लिखने के लिए कहा जाता है। इसके अलावा बहुत से प्रतियोगी परीक्षाओं में भी स्वच्छता पर निबंध पूछा जाता है। अगर आप भी स्वच्छता पर निबंध अलग-अलग शब्दों में ढूंढ रहे हैं तो हमारे आज के इस लेख को जरुर पढ़ें। 

swachata par nibandh

स्वच्छता पर निबंध 100 शब्दों में

स्वच्छता हर मनुष्य के जीवन का एक बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण अंग है। अपने शरीर की स्वच्छता से लेकर अपने आसपास के वातावरण की स्वच्छता भी हमारी जिम्मेदारी है। यह इंसान के स्वस्थ रहने और बेहतर जीवन जीने का तरीका है। इसलिए किसी भी इंसान को स्वच्छता के साथ भूल से भी समझौता नहीं करना चाहिए। स्वच्छ रहना उतना ही जरूरी है जितना कि खाना, हवा और पानी जरूरी है। यही वजह है कि कुछ लोगों का ऐसा मानना है कि जहां पर साफ-सफाई यानी कि स्वच्छता होती है वहां पर ईश्वर का वास होता है। 

स्वच्छता पर निबंध 150 शब्दों में

स्वच्छता हर इंसान के लिए जरूरी है इसलिए हम सभी को अपने आपको और अपने आसपास की जगहों को साफ सुथरा रखना चाहिए। इसके साथ साथ हमें हमेशा साफ और धुले हुए कपड़े ही पहनने चाहिए। इसके अलावा जब भी खाना खाएं तो हमेशा अपने हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोना चाहिए। जब इंसान स्वच्छ रहता है तो उस इंसान की समाज में अच्छी छवि बनती है। स्वच्छता इंसान के चरित्र को दर्शाता है इसलिए साफ रहना अति आवश्यक होता है। 

जो लोग यह चाहते हैं कि उनका भविष्य बेहतर हो और वे निरोगी जीवन जियें तो उन्हें हमेशा स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए। इसके लिए हमें हमेशा अपने दांत, शरीर और कपड़ों को साफ़ रखना चाहिए। छोटे बच्चों को स्वच्छता के बारे में अपने माता-पिता से जानकारी लेनी चाहिए। जब इंसान स्वच्छ रहता है और अपने आसपास के वातावरण को भी पूरी तरह से साफ रखता है तो तब उसे किसी भी तरह की बीमारी नहीं हो सकती। इस तरह से व्यक्ति जब छोटी-छोटी बातों की तरफ ध्यान देता है तो तब वह खुद को और अपने आसपास की जगह को स्वच्छ बना सकता है। 

स्वच्छता पर निबंध 250 शब्दों में

स्वच्छता से हर इंसान का पूरा शरीर, दिमाग, पहनने के कपड़े और उसका घर शुद्ध रहता है। व्यक्ति के आसपास का वातावरण स्वच्छ है तो इससे उसके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है। इसलिए स्वच्छता से व्यक्ति का सामाजिक और बौद्धिक विकास होता है। जो लोग स्वच्छता को नहीं अपनाते उनकी समाज में कोई भी इज्जत नहीं करता और ना ही उन्हें कोई सम्मान की दृष्टि से देखता है। इसलिए समाज में अपनी एक अच्छी पहचान बनाए रखने के लिए जरूरी है कि स्वच्छता को अपनाया जाए। 

स्वच्छता के लिए जरूरी आदतें

स्वच्छता के लिए कुछ आदतें हर इंसान में होनी चाहिए और वो आदतें निम्नलिखित हैं – 

  • हर दिन अपने दांत साफ करने चाहिए और मुंह धोना चाहिए।
  • नहाकर साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए।
  • हमेशा कूढ़े को कूड़ेदान में डालना चाहिए।
  • अपने आसपास के स्थान साफ को रखना चाहिए क्योंकि गंदगी होने पर फंगस, वाइरस और कीटाणु जन्म लेते हैं जोकि कई तरह की जानलेवा बीमारियों का कारण बन सकते हैं। 
  • भोजन करने से पहले हाथों को धोना चाहिए। इसी तरह से भोजन करने के बाद भी हाथ धोने चाहिए।
  • ना तो खुद गंदगी फैलाएं और ना ही दूसरे लोगों को गंदगी फैलाने दें। 

स्वच्छता क्यों जरूरी है

स्वच्छता इसलिए जरूरी है क्योंकि जब व्यक्ति खुद साफ नहीं रहता और उसका आसपास का वातावरण भी गंदा रहता है तो इससे संक्रमण फैलने का डर रहता है। लेकिन समाज को स्वच्छ बनाए रखने की जिम्मेदारी किसी एक व्यक्ति की नहीं है बल्कि इसकी जिम्मेदारी देश के हर नागरिक की है। हर इंसान को स्वच्छता के महत्व को समझते हुए खुद को और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ बनाना चाहिए। 

स्वच्छता पर निबंध 500 शब्दों में

स्वच्छता हर इंसान के लिए बहुत जरूरी होती है चाहे वह किसी भी जगह पर रहता हो उसे हमेशा साफ रहना चाहिए। स्वच्छता एक तरह की नहीं होती बल्कि स्वच्छता कई तरह की होती है जैसे कि सामाजिक, व्यक्तिगत और वैचारिक स्वच्छता। इसे हर क्षेत्र में अपनाना चाहिए वैसे हर क्षेत्र में स्वच्छता के मायने अलग-अलग हो सकते हैं जैसे कि अगर हमारे विचार अच्छे हैं तो तब हम एक अच्छे इंसान बनते हैं। वहीं हमारी व्यक्तिगत स्वच्छता बहुत सी खतरनाक बीमारियों से हमारा बचाव करती है। इसलिए हर मनुष्य को चाहिए कि वह स्वच्छता का सार्वभौमिक विकास करें

स्वच्छता का महत्व 

इंसान को चाहिए कि वो स्वच्छता से संबंधित नियमों का सख्ती के साथ पालन करें फिर चाहे वो छोटा हो या फिर बड़ा हो। इसलिए सदैव भोजन करने से पहले और भोजन के उपरांत अपने हाथों को साबुन से धोना, दांतों को ब्रश करना, रोज नहाना, नीचे गिरी हुई चीज को ना खाना,  अपने नाखूनों को बढ़ने पर काटना अपनी आदत बना लेना चाहिए। कुछ लोग कूड़े को गली में फेंक देते हैं जो कि बहुत गलत बात है इससे वातावरण प्रदूषित होता है और कई तरह के कीटाणु भी पनपने लगते हैं। तो हमेशा इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कभी भी सार्वजनिक स्थान पर कूड़ा ना फेंके और हमेशा सूखे एवं गीले कचरे को अलग-अलग कूड़ेदान में डालना चाहिए। ऐसे और भी बहुत सारे कार्य हैं जिनको करके आप अपने अंदर स्वच्छता की आदतों का विकास कर सकते हैं। 

स्वच्छता से होने वाले लाभ 

स्वच्छता से होने वाले लाभ बहुत सारे हैं जो कि निम्नलिखित हैं –

  • स्वच्छता व्यक्ति को कई तरह की बीमारियों से बचाती है। 
  • जिस देश में स्वच्छता होती है उस देश में प्रगति भी तेजी के साथ होती है।
  • साफ-सफाई रखने वाला व्यक्ति अपने आसपास के सारे वातावरण को गंदा होने से बचा सकता है। 
  • स्वच्छ रहने वाले व्यक्ति का दूसरे लोग बहुत सम्मान करते हैं। 
  • जो इंसान स्वच्छता को अपने जीवन में अपनाता है उसका विकास लगातार होता रहता है।
  • इस तरह से मानसिक स्वच्छता को अपनाकर अपने आसपास के क्षेत्र को शांत और सुंदर बनाया जा सकता है। 
  • कई प्रकार की आपराधिक गतिविधियां मानसिक स्वच्छता के कारण रुक सकती हैं। 

सरकार द्वारा चलाए गए सफाई अभियान 

भारत की सरकार ने भारत में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत करके लोगों में स्वच्छता को लेकर जागरूकता फैलाने की कोशिश की है। इस अभियान के तहत बहुत से गांवों में जहां पर शौचालय नहीं थे वहां पर शौचालय बनवाए गए। इसके साथ-साथ-साथ स्वच्छ भारत अभियान में लोगों को अपने घरों के आसपास, धार्मिक स्थलों, कार्य स्थलों, कॉलेज, स्कूल और गार्डन की स्वच्छता पर विशेष ध्यान देने के लिए जोर दिया गया। यह अभियान लोगों के बीच बहुत ज्यादा लोकप्रिय भी रहा और इसकी वजह से अनेकों लोगों ने स्वच्छता के महत्व को समझा। इसके अलावा ऐसी बहुत सारी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं भी हैं जो लोगों को व्यक्तिगत रूप से स्वच्छ रहने के लिए मोटिवेट करतीं हैं। यदि देश के सभी लोग स्वच्छ रहने लगें तो पूरे देश को प्रगतिशील और विकासशील बनाया जा सकता है।

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दोस्तों यह था हमारा आज का पोस्ट स्वच्छता पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। इसमें हमने आपको स्वच्छता पर निबंध (essay on swachata in Hindi) अलग-अलग शब्दों में बताया। हमें पूरी आशा है कि हमारा यह लेख आपके लिए बहुत उपयोगी रहा होगा। अब आप बहुत आसानी के साथ स्वच्छता पर निबंध लिख सकेंगें। अगर आपको ये जानकारी उपयोगी लगी हो तो हमारे इस पोस्ट को उन लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें जो स्वच्छता पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में ढूंढ रहें हैं। 

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जी20 शिखर सम्मेलन पर निबंध (Essay on G20 Summit) - 100, 200, 500 शब्द

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जी20 शिखर सम्मेलन पर निबंध (Essay on G20 Summit in Hindi)- जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। शुरुआती दौर में बड़े पैमाने पर जी20 का ध्यान व्यापक आर्थिक मुद्दों पर केंद्रित रहा, लेकिन बाद में इसके एजेंडे का विस्तार किया गया। अब व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण और भ्रष्टाचार जैसी वैश्विक समस्याओं के महत्व को देखते हुए जी20 शिखर सम्मेलनों में इन विषयों को भी शामिल कर लिया गया है। जी20 शिखर सम्मेलन के दायरे तथा महत्व को देखते हुए, इसके प्रति जागरूक बनने की जरूरत अब पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है।

जी20 शिखर सम्मेलन पर निबंध (Essay on G20 Summit) - 100, 200, 500 शब्द

परीक्षाओं में भी जी20 शिखर सम्मेलन पर निबंध के प्रश्न भी पूछे जाते हैं। प्रशासनिक सेवाओं में भी टिप्पणी या जी20 शिखर सम्मेलन पर निबंध (Essay on G20 Summit in hindi) संबंधी प्रश्न कई बार पूछ लिए जाते हैं। ऐसे में इस G20 समिट निबंध (G20 Summit nibandh) से उपयोगी जानकारी मिलेगी जिससे न केवल ज्ञान का दायरा बढ़ेगा, बल्कि बेहतर अंक पाने में भी मदद मिलेगी। नई दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन 2023 घोषणा पत्र देखें

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भारत की अध्यक्षता में नई दिल्ली में आयोजित 9-10 सितंबर, 2023 तक आयोजित G20 Summit 2023 के घोषणा पत्र की प्रस्तावना - हम एक पृथ्वी, एक परिवार हैं और हमारा साझा भविष्य है (We are One Earth, One Family, and we share One Future) वसुधैव कुटुबंकम् की भारतीय विचारधारा को दर्शाती है। जी20 शिखरवार्ता बेहद सफल मानी गई, शिखर सम्मेलन के घोषणा पत्र पर आयोजन के पहले ही दिन बनी आम सहमति से पता चलती है। ध्येयवाक्य वाला बेहद सफल रहा। हालांकि रूस-यूक्रेन युद्ध पर सदस्य देशों के उलट राय के चलते इसकी सफलता पर संशय के बादल मंडरा रहे थे लेकिन अंततः सभी पक्षों को एक मंच और साझा उद्देश्यों के तहत काम करने पर सहमति बन गई। जी20 सम्मेलन का पूरा घोषणा पत्र लेख में दिए लिंक पर देखा जा सकता है।

1 दिसंबर, 2023 से जी20 की अध्यक्षता औपचारिक तौर पर ब्राजील को मिल जाएगी। इससे पहले जी-20 देशों के अध्यक्ष के तौर पर भारत के पास लगभग 80 दिन का समय है और इस दौरान सदस्य देशों के वर्चुअल सेशन का आयोजन विभिन्न सुझावों और प्रस्तावों पर विचार करने के लिए किया जा सकता है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ट्वीट कर जो कुछ लिखा उससे जी20 सम्मेलन की सफलता प्रदर्शित होती है -

"ऐसे समय में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था जलवायु संकट, कमजोरी और संघर्षों के थपेड़े झेल रही है, इस साल के शिखर सम्मेलन ने साबित कर दिया कि जी20 अब भी हमारी सबसे गंभीर समस्याओं का हल निकाल सकता है।"

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जी20 शिखर सम्मेलन का आयोजन प्रतिवर्ष अलग-अलग सदस्य देशों में किया जाता है। हमारे देश भारत के पास 1 दिसंबर 2022 से 30 नवंबर 2023 तक G20 की अध्यक्षता रही और जी20 2023 का आयोजन वर्ष 2023 में भारत में किया गया। जी20 शिखर सम्मेलन 2023 की शुरुआत 4-7 दिसंबर, 2022 तक उदयपुर में आयोजित पहली शेरपा मीटिंग के साथ हुई। जी20 समिट 2023 का आयोजन नई दिल्ली में 9-10 सितंबर, 2023 को किया गया जिसमें शासनाध्यक्षों और राष्ट्रयाध्यक्षों की बैठक हुई। इसके साथ ही जी20 समिट 2023 का समापन हुआ। पूरे वर्ष मंत्रियों, वरिष्ठ अधिकारियों और समितियों के बीच आयोजित सभी G20 प्रक्रियाओं और बैठकों का उपसंहार 9-10 सितंबर 2023 तक दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन के साथ हुआ। G20 नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के समापन पर जी20 नेताओं की घोषणा को अपनाया गया, जिसमें संबंधित मंत्रिस्तरीय और कार्य समूह की बैठकों के दौरान प्राथमिकताओं पर की गई चर्चा के दौरान विभिन्न विषयों पर नेताओं के बीच बनी सहमति और प्रतिबद्धताओं की घोषणा की गई।

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जी20 शिखर सम्मेलन पर 100 शब्दों का निबंध (100 Words Essay On G20 Summit in Hindi)

G20 शिखर सम्मेलन 20 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की सरकारों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच है। जी20 की स्थापना वर्ष 1999 में अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग और विकास से संबंधित नीतिगत मुद्दों पर चर्चा और उनका समाधान करने के लिए की गई थी। जी20 में प्रतिनिधित्व करने वाले 20 देशों का विश्व के सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85% और इसकी जनसंख्या का दो-तिहाई हिस्सा है। जी20 के सदस्य देश हैं - अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रूस, मैक्सिको, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके तथा यूएसए। जी20 भारत के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ जुड़ने, अपने आर्थिक हितों को बढ़ावा देने तथा महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

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जी20 शिखर सम्मेलन पर 200 शब्दों का निबंध (200 Words Essay On G20 Summit in Hindi)

भारत के लिए G20 का महत्व (Importance Of G20 For India)

जी20 भारत के लिए कई कारणों से महत्वपूर्ण है:

प्रतिनिधित्व: भारत G20 में शामिल 20 देशों में से एक है, जो इसे वैश्विक अर्थव्यवस्था से संबंधित नीतिगत मुद्दों पर चर्चा के लिए अंतर्राष्ट्रीय मंच में अपना पक्ष रखने का मौका देता है। जी20 सम्मेलन भारत को प्रमुख आर्थिक मुद्दों पर अपने दृष्टिकोण और राय साझा करने के साथ ही वैश्विक आर्थिक नीतियों की दिशा तय करने वाले मुद्दों पर राय देने का अवसर प्रदान करता है।

आर्थिक विकास: G20 भारत को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के साथ जुड़ने और अपने आर्थिक हितों को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान करता है। भारत निवेश और व्यापार को आकर्षित करने के लिए जी20 मंच का भरपूर लाभ उठा सकता है, जो इसके आर्थिक विकास और विकास को गति दे सकता है।

वैश्विक मुद्दे: भारत के लिए G20 जलवायु परिवर्तन, गरीबी और असमानता जैसे वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने का एक महत्वपूर्ण मंच है। भारत इन मुद्दों का समाधान खोजने और सतत व समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए अन्य जी20 देशों के साथ सहयोग कर सकता है।

वित्तीय स्थिरता: G20 समूह भारत के लिए भी प्रासंगिक है क्योंकि यह अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाता है। भारत वित्तीय विनियमन और स्थिरता से जुड़े विषयों पर चर्चा में भाग ले सकता है, जो यह सुनिश्चित करने में मदद कर सकता है कि वैश्विक वित्तीय प्रणाली स्थिर और लचीली बनी रहे और इसके हितों की अनदेखी न होने पाए।

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जी20 शिखर सम्मेलन पर 500 शब्दों का निबंध (500 Words Essay On G20 Summit in Hindi)

जी20 ने भारत को अंतरराष्ट्रीय आर्थिक नीतियों को आकार देने और अपनी वित्तीय स्थिरता को बढ़ाने में भाग लेने का अवसर भी प्रदान किया है। 2023 G20 शिखर सम्मेलन में कई प्रमुख मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किए गए, जिसमें COVID-19 की वैश्विक महामारी के बाद बनी वैश्विक आर्थिक संकट वाली स्थित से बाहर आने, स्थाई और समावेशी आर्थिक विकास को बढ़ावा देने तथा असमानता और गरीबी को दूर करने जैसे मुद्दे शामिल थे। नेताओं के बीच जलवायु संकट से निपटने, अंतरराष्ट्रीय व्यापार प्रणाली को मजबूत करने और अंतरराष्ट्रीय वित्तीय स्थिरता को बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की गई।

2023 G20 शिखर सम्मेलन में चर्चा के प्रमुख विषयों में से एक कोविड 19 टीकों का रोलआउट और महामारी से निपटने के लिए चल रहे प्रयास होने की उम्मीद है। नेता महामारी को दूर करने की दिशा में किए गए प्रयासों और मध्यम आय वाले देशों के लिए टीके की खुराक के प्रावधान सहित कई बिंदुओं पर विचारों का आदान-प्रदान करेंगे।

चर्चा का एक अन्य महत्वपूर्ण मुद्दा वैश्विक अर्थव्यवस्था को महामारी से उबारने और विकास को बहाल करने और रोजगार सृजित करने के लिए आवश्यक प्रयास होंगे। उन नीतियों को लागू करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे जो निवेश और व्यापार का समर्थन करती हों, डिजिटल परिवर्तन को बढ़ावा देती हों और छोटे और मध्यम आकार के उद्यमों के सामने आने वाली चुनौतियों का हल करती हों।

2023 जी20 शिखर सम्मेलन नेताओं को जलवायु संकट को संबोधित करने और अधिक टिकाऊ और समावेशी भविष्य की दिशा में काम करने का अवसर भी प्रदान करेगा। शिखर सम्मेलन में आर्थिक विकास और रोजगार सृजन को बढ़ावा देते हुए हरित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के संभावित तरीकों पर चर्चा किए जाने की उम्मीद है।

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G20 शिखर सम्मेलन की प्रासंगिकता (Relevance Of G20 Summit)

जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit in Hindi) प्रासंगिक है, क्योंकि यह विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं को एक साथ आने और महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

G20 देश दुनिया के सकल घरेलू उत्पाद का 85% और इसकी दो-तिहाई आबादी का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो इसे अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग और इससे जुड़े निर्णय लिए जाने का एक महत्वपूर्ण मंच बनाता है।

G20 शिखर सम्मेलन नेताओं को विचारों का आदान-प्रदान करने, नीतिगत समाधानों पर चर्चा करने और वैश्विक समुदाय की प्रमुख चुनौतियों के समाधान के प्रयासों का समन्वय करने की अवसर देता है। ये चुनौतियाँ आर्थिक मुद्दों जैसे मंदी, व्यापार और निवेश से लेकर गरीबी, असमानता और जलवायु परिवर्तन जैसे सामाजिक मुद्दों हो सकती हैं।

जी20 शिखर वार्ता (G20 Summit in Hindi) इसलिए भी प्रासंगिक है क्योंकि यह सामूहिक प्रयासों को मंच प्रदान करता है। प्रतिनिधि उन नीतियों और पहलों को लागू करने के लिए मिलकर काम कर सकते हैं जिनका वैश्विक अर्थव्यवस्था और समाज पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा। उदाहरण के लिए, G20 ने 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट का जवाब देने और COVID-19 महामारी की वैश्विक प्रतिक्रिया के समन्वय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

अंत में, जी20 शिखर सम्मेलन (G20 Summit in Hindi) बेहद प्रासंगिक है क्योंकि यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के नेताओं को महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों को संबोधित करने और उनका समाधान खोजने की दिशा में काम करने के लिए उन्हें एक साथ एक मंच पर लेकर आता है। इसका महत्व अंतरराष्ट्रीय सहयोग और निर्णय लेने की सुविधा और सामूहिक कार्रवाई को चलाने और सभी के लिए बेहतर भविष्य बनाने की क्षमता में निहित है।

उम्मीद है कि जी20 समिट 2023 (G20 Summit 2023 in Hindi) के बारे में इस निबंध से आपको उपयोगी जानकारी प्राप्त हो गई होगी और अब इस लेख के माध्यम से आपको जी20 समिट 2023 (G20 Summit 2023 in Hindi) के ऊपर निबंध लिखने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। धन्यवाद।

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Frequently Asked Question (FAQs)

जी20 (G20 in Hindi) की स्थापना 1999 में अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक सहयोग और विकास से संबंधित नीतिगत मुद्दों पर चर्चा और उनका समाधान करने के लिए की गई थी। बाद में जी20 के एजेंडे का विस्तार किया गया और अब व्यापार, जलवायु परिवर्तन, सतत विकास, स्वास्थ्य, कृषि, ऊर्जा, पर्यावरण और भ्रष्टाचार की समस्याओं को भी इसमें जगह मिल चुकी है।

जी20 2023 शिखर वार्ता का आयोजन भारत में किया जा रहा है। जी20 शिखर सम्मेलन 2023 की शुरुआत 4-7 दिसंबर, 2022 तक उदयपुर में आयोजित पहली शेरपा मीटिंग के साथ हुई। वर्ष भर इसकी विभिन्न समितियों की बैठकों का आयोजन किया जाता है। पूरा कैलेंडर G20 India 2023 की आधिकारिक साइट पर देखा जा सकता है। जी20 शिखर सम्मेलन 2023 का समापन नई दिल्ली में 9-10 सितंबर, 2023 को आयोजित शासनाध्यक्षों और राष्ट्रयाध्यक्षों की शिखर बैठक के साथ हुई जिसमें बनी सहमतियों की घोषणा की गई।

जी20 के सदस्य अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपीय संघ, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, रूस, मैक्सिको, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, यूके और यूएसए हैं।

जी20 शिखर सम्मेलन पर निबंध (Essay on G20 Summit in Hindi) लिखने के लिए सबसे पहले उस पर जानकारी जुटानी होगी। इसके बाद जी20 शिखर सम्मेलन पर निबंध (Essay on G20 Summit in Hindi) को असरदार बनाने के लिए सूचना को सुव्यवस्थित रूप देना होगा ताकि निबंध प्रभावी बने और बेहतर अंक मिल सकें। जी20 शिखर सम्मेलन पर निबंध (Essay on G20 Summit in Hindi) तैयार करने में यह लेख बेहद मददगार साबित होगा।

जी20 शिखर सम्मेलन 2023 की शुरुआत 4-7 दिसंबर, 2022 तक उदयपुर में आयोजित पहली शेरपा मीटिंग के साथ हुई। जी20 शिखर सम्मेलन 2023 का समापन नई दिल्ली में 9-10 सितंबर, 2023 को आयोजित शासनाध्यक्षों और राष्ट्रयाध्यक्षों की शिखर बैठक के साथ हुआ जिसमें बनी सहमतियों की घोषणा की गई।

जी20 शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता किसी एक राष्ट्र के पास हमेशा नहीं रहती है। भारत ने इंडोनेशिया से 1 दिसंबर, 2022 को अध्यक्षता हासिल की, 30 नवंंबर, 2023 भारत के बाद जी20 2024 की अध्यक्षता ब्राजील के पास होगी, जबकि 2025 जी20 की अध्यक्षता दक्षिण अफ्रीका करेगा।

जी20 की स्थापना 1999 में वैश्विक महत्व के नीतिगत मुद्दों पर चर्चाकर और उनका समाधान करने के लिए की गई।

नई दिल्ली में 9-10 सितंबर, 2023 को आयोजित g20 summit 2023 in Hindi के दौरान अफ्रीकन यूनियन को भी जी20 समूह में शामिल कर लिया गया है। इस तरह अफ्रीकी संघ जी20 समूह का नया सदस्य बन गया है।  

Explore Career Options (By Industry)

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Data Administrator

Database professionals use software to store and organise data such as financial information, and customer shipping records. Individuals who opt for a career as data administrators ensure that data is available for users and secured from unauthorised sales. DB administrators may work in various types of industries. It may involve computer systems design, service firms, insurance companies, banks and hospitals.

Bio Medical Engineer

The field of biomedical engineering opens up a universe of expert chances. An Individual in the biomedical engineering career path work in the field of engineering as well as medicine, in order to find out solutions to common problems of the two fields. The biomedical engineering job opportunities are to collaborate with doctors and researchers to develop medical systems, equipment, or devices that can solve clinical problems. Here we will be discussing jobs after biomedical engineering, how to get a job in biomedical engineering, biomedical engineering scope, and salary. 

Ethical Hacker

A career as ethical hacker involves various challenges and provides lucrative opportunities in the digital era where every giant business and startup owns its cyberspace on the world wide web. Individuals in the ethical hacker career path try to find the vulnerabilities in the cyber system to get its authority. If he or she succeeds in it then he or she gets its illegal authority. Individuals in the ethical hacker career path then steal information or delete the file that could affect the business, functioning, or services of the organization.

GIS officer work on various GIS software to conduct a study and gather spatial and non-spatial information. GIS experts update the GIS data and maintain it. The databases include aerial or satellite imagery, latitudinal and longitudinal coordinates, and manually digitized images of maps. In a career as GIS expert, one is responsible for creating online and mobile maps.

Data Analyst

The invention of the database has given fresh breath to the people involved in the data analytics career path. Analysis refers to splitting up a whole into its individual components for individual analysis. Data analysis is a method through which raw data are processed and transformed into information that would be beneficial for user strategic thinking.

Data are collected and examined to respond to questions, evaluate hypotheses or contradict theories. It is a tool for analyzing, transforming, modeling, and arranging data with useful knowledge, to assist in decision-making and methods, encompassing various strategies, and is used in different fields of business, research, and social science.

Geothermal Engineer

Individuals who opt for a career as geothermal engineers are the professionals involved in the processing of geothermal energy. The responsibilities of geothermal engineers may vary depending on the workplace location. Those who work in fields design facilities to process and distribute geothermal energy. They oversee the functioning of machinery used in the field.

Database Architect

If you are intrigued by the programming world and are interested in developing communications networks then a career as database architect may be a good option for you. Data architect roles and responsibilities include building design models for data communication networks. Wide Area Networks (WANs), local area networks (LANs), and intranets are included in the database networks. It is expected that database architects will have in-depth knowledge of a company's business to develop a network to fulfil the requirements of the organisation. Stay tuned as we look at the larger picture and give you more information on what is db architecture, why you should pursue database architecture, what to expect from such a degree and what your job opportunities will be after graduation. Here, we will be discussing how to become a data architect. Students can visit NIT Trichy , IIT Kharagpur , JMI New Delhi . 

Remote Sensing Technician

Individuals who opt for a career as a remote sensing technician possess unique personalities. Remote sensing analysts seem to be rational human beings, they are strong, independent, persistent, sincere, realistic and resourceful. Some of them are analytical as well, which means they are intelligent, introspective and inquisitive. 

Remote sensing scientists use remote sensing technology to support scientists in fields such as community planning, flight planning or the management of natural resources. Analysing data collected from aircraft, satellites or ground-based platforms using statistical analysis software, image analysis software or Geographic Information Systems (GIS) is a significant part of their work. Do you want to learn how to become remote sensing technician? There's no need to be concerned; we've devised a simple remote sensing technician career path for you. Scroll through the pages and read.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Product manager.

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Operations Manager

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Stock Analyst

Individuals who opt for a career as a stock analyst examine the company's investments makes decisions and keep track of financial securities. The nature of such investments will differ from one business to the next. Individuals in the stock analyst career use data mining to forecast a company's profits and revenues, advise clients on whether to buy or sell, participate in seminars, and discussing financial matters with executives and evaluate annual reports.

A Researcher is a professional who is responsible for collecting data and information by reviewing the literature and conducting experiments and surveys. He or she uses various methodological processes to provide accurate data and information that is utilised by academicians and other industry professionals. Here, we will discuss what is a researcher, the researcher's salary, types of researchers.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Safety Manager

A Safety Manager is a professional responsible for employee’s safety at work. He or she plans, implements and oversees the company’s employee safety. A Safety Manager ensures compliance and adherence to Occupational Health and Safety (OHS) guidelines.

Conservation Architect

A Conservation Architect is a professional responsible for conserving and restoring buildings or monuments having a historic value. He or she applies techniques to document and stabilise the object’s state without any further damage. A Conservation Architect restores the monuments and heritage buildings to bring them back to their original state.

Structural Engineer

A Structural Engineer designs buildings, bridges, and other related structures. He or she analyzes the structures and makes sure the structures are strong enough to be used by the people. A career as a Structural Engineer requires working in the construction process. It comes under the civil engineering discipline. A Structure Engineer creates structural models with the help of computer-aided design software. 

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Field Surveyor

Are you searching for a Field Surveyor Job Description? A Field Surveyor is a professional responsible for conducting field surveys for various places or geographical conditions. He or she collects the required data and information as per the instructions given by senior officials. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Pathologist

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Veterinary Doctor

Speech therapist, gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Are you searching for an ‘Anatomist job description’? An Anatomist is a research professional who applies the laws of biological science to determine the ability of bodies of various living organisms including animals and humans to regenerate the damaged or destroyed organs. If you want to know what does an anatomist do, then read the entire article, where we will answer all your questions.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Photographer

Photography is considered both a science and an art, an artistic means of expression in which the camera replaces the pen. In a career as a photographer, an individual is hired to capture the moments of public and private events, such as press conferences or weddings, or may also work inside a studio, where people go to get their picture clicked. Photography is divided into many streams each generating numerous career opportunities in photography. With the boom in advertising, media, and the fashion industry, photography has emerged as a lucrative and thrilling career option for many Indian youths.

An individual who is pursuing a career as a producer is responsible for managing the business aspects of production. They are involved in each aspect of production from its inception to deception. Famous movie producers review the script, recommend changes and visualise the story. 

They are responsible for overseeing the finance involved in the project and distributing the film for broadcasting on various platforms. A career as a producer is quite fulfilling as well as exhaustive in terms of playing different roles in order for a production to be successful. Famous movie producers are responsible for hiring creative and technical personnel on contract basis.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Individuals who opt for a career as a reporter may often be at work on national holidays and festivities. He or she pitches various story ideas and covers news stories in risky situations. Students can pursue a BMC (Bachelor of Mass Communication) , B.M.M. (Bachelor of Mass Media) , or  MAJMC (MA in Journalism and Mass Communication) to become a reporter. While we sit at home reporters travel to locations to collect information that carries a news value.  

Corporate Executive

Are you searching for a Corporate Executive job description? A Corporate Executive role comes with administrative duties. He or she provides support to the leadership of the organisation. A Corporate Executive fulfils the business purpose and ensures its financial stability. In this article, we are going to discuss how to become corporate executive.

Multimedia Specialist

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Process Development Engineer

The Process Development Engineers design, implement, manufacture, mine, and other production systems using technical knowledge and expertise in the industry. They use computer modeling software to test technologies and machinery. An individual who is opting career as Process Development Engineer is responsible for developing cost-effective and efficient processes. They also monitor the production process and ensure it functions smoothly and efficiently.

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

Information Security Manager

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

ITSM Manager

Automation test engineer.

An Automation Test Engineer job involves executing automated test scripts. He or she identifies the project’s problems and troubleshoots them. The role involves documenting the defect using management tools. He or she works with the application team in order to resolve any issues arising during the testing process. 

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Swachh Bharat Abhiyan Essay

500+ words swachh bharat abhiyan essay.

Swachh Bharat Abhiyan is one of the most significant and popular missions to have taken place in India. Swachh Bharat Abhiyan translates to Clean India Mission. This drive was formulated to cover all the cities and towns of India to make them clean . This campaign was administered by the Indian government and was introduced by the Prime Minister, Narendra Modi. It was launched on 2nd October in order to honor Mahatma Gandhi’s vision of a Clean India. The cleanliness campaign of Swachh Bharat Abhiyan was run on a national level and encompassed all the towns, rural and urban. It served as a great initiative in making people aware of the importance of cleanliness.

Swachh Bharat Abhiyan essay

Source- ZeeBiz

Objectives of Swachh Bharat Mission

Swachh Bharat Abhiyan set a lot of objectives to achieve so that India could become cleaner and better. In addition, it not only appealed the sweepers and workers but all the citizens of the country. This helped in making the message reach wider. It aims to build sanitary facilities for all households. One of the most common problems in rural areas is that of open defecation. Swachh Bharat Abhiyan aims to eliminate that.

Moreover, the Indian government intends to offer all the citizens with hand pumps, proper drainage system , bathing facility and more. This will promote cleanliness amongst citizens.

Similarly, they also wanted to make people aware of health and education through awareness programs. After that, a major objective was to teach citizens to dispose of waste mindfully.

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Why India Needs Swachh Bharat Abhiyan?

India is in dire need of a cleanliness drive like Swachh Bharat Abhiyan to eradicate dirtiness. It is important for the overall development of citizens in terms of health and well-being. As the majority of the population of India lives in rural areas, it is a big problem.

Generally, in these areas, people do not have proper toilet facilities. They go out in the fields or roads to excrete. This practice creates a lot of hygiene problems for citizens. Therefore, this Clean India mission can be of great help in enhancing the living conditions of these people.

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In other words, Swachh Bharat Abhiyan will help in proper waste management as well. When we will dispose of waste properly and recycle waste, it will develop the country. As its main focus is one rural area, the quality of life of the rural citizens will be enhanced through it.

Most importantly, it enhances the public health through its objectives. India is one of the dirtiest countries in the world, and this mission can change the scenario. Therefore, India needs a cleanliness drive like Swachh Bharat Abhiyan to achieve this.

In short, Swachh Bharat Abhiyan is a great start to make India cleaner and greener. If all the citizens could come together and participate in this drive, India will soon flourish. Moreover, when the hygienic conditions of India will improve, all of us will benefit equally. India will have more tourists visiting it every year and will create a happy and clean environment for the citizens.

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Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi : स्टूडेंट्स के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में

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  • Updated on  
  • अक्टूबर 2, 2023

Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कई क्रांतिकारी अभियान चलाएं हैं जिसमें स्वच्छ भारत अभियान एक है जिसका उद्देश्य ना सिर्फ आसपास की सफाई करना ही नहीं है बल्कि नागरिकों के सहयोग से अधिक-से अधिक पेड़ लगाना, कचरा मुक्त वातावरण बनाना, शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराना और उसे साफ़ रखना है जिससे एक स्वच्छ भारत का निर्माण हो सके। इस अभियान के प्रति जागरूकता बढ़ाने और इसके बारे में विद्यार्थियों को समझ प्रदान कराने के उद्देश्य से उन्हें Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi लिखने को दिया जाता है और बोर्ड परीक्षाओं में भी लिखने को दिया जाता है ताकि वे ध्यानपूर्वक इस अभियान को समझ सकें। स्वच्छ भारत अभियान पर स्टूडेंट्स के लिए 100, 200 और 500 शब्दों में निबंध यहां दिया गया है।

This Blog Includes:

Swachh bharat abhiyan पर निबंध 100 शब्दों में  , swachh bharat abhiyan पर निबंध 200 शब्दों में  , स्वच्छ भारत अभियान के उद्देश्य, स्वच्छ भारत अभियान की उपलब्धियां, swachh bharat abhiyan पर 10 लाइन्स , swachh bharat abhiyan quotes in hindi, swachh bharat abhiyan से जुड़े कुछ तथ्य , स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एम्बेसडर.

“स्वच्छ भारत अभियान” भारत सरकार द्वारा शुरू किया गया एक महत्वपूर्ण पहल है। इस अभियान की शुरुआत भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा की गई थी। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत में स्वच्छता और स्वच्छता की अद्भुतता को प्रोत्साहित करना है। इसके तहत, लोगों को जागरूक किया जाता है कि वे अपने घरों, सड़कों, और सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखें। यह अभियान नहीं केवल जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए है, बल्कि इसका एक महत्वपूर्ण भूमिका है स्वच्छता से जुड़े बीमारियों को नियंत्रित करने में भी। स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से, हम एक स्वस्थ और स्वच्छ भविष्य की ओर कदम बढ़ा रहे हैं।

स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था, जो महात्मा गांधी की जयंती के रूप में मनाई जाती है। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाने के लिए जागरूकता फैलाना है।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत, लोगों को स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षा दी जाती है, और उन्हें अपने घरों, स्कूलों, और सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अंतर्गत, शौचालय निर्माण, स्वच्छता अभियान, और जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

स्वच्छ भारत अभियान के माध्यम से सार्वजनिक स्वच्छता को सुनिश्चित करने के साथ-साथ जल, हवा, और भूमि की रक्षा भी की जाती है। यह अभियान भारत के स्वास्थ्य और पर्यावरण को सुधारने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

स्वच्छ भारत अभियान ने लोगों की सजगता और सामाजिक सामर्थ्य को बढ़ावा दिया है और भारत को एक स्वच्छ और हरित भूगोल बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

स्वच्छ भारत अभियान के तहत कई सरकारी योजनाएं और कार्यक्रम भी चलाए जाते हैं, जैसे कि “स्वच्छता ही सेवा” अभियान और “स्वच्छ ग्रामीण भारत” कार्यक्रम। यह अभियान सामाजिक सांस्कृतिक बदलाव को भी प्रोत्साहित करता है, जिससे भारतीय समाज में स्वच्छता के मामूले में सुधार होता है। स्वच्छ भारत अभियान ने दुनिया भर में बड़े पैमाने पर स्वच्छता के प्रति लोगों की जागरूकता बढ़ाई है।

यह भी पढ़ें: Diwali par Nibandh   

Swachh Bharat Abhiyan पर निबंध 500 शब्दों में

Swachh Bharat Abhiyan पर निबंध 500 शब्दों में नीचे दिया गया है :

“स्वच्छ भारत अभियान” भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो 2 अक्टूबर 2014 को महात्मा गांधी की जयंती के दिन शुरू हुई। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना है। यह भारतीय समाज को स्वच्छता की महत्वपूर्णता के प्रति जागरूक करने का प्रयास है और उन्हें स्वच्छता के मामूले में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करता है। 

इस अभियान के तहत, स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए लोगों को अपने घरों, स्कूलों, कामकाजी स्थलों, और सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। इसके अलावा, शौचालय निर्माण, स्वच्छता अभियान, और जन-जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 

स्वच्छ भारत अभियान का उद्देश्य न केवल स्वच्छता को बढ़ावा देना है, बल्कि यह सार्वजनिक स्वच्छता से जुड़े बीमारियों को नियंत्रित करने में भी मदद करना है और भारत को एक स्वस्थ और स्वच्छ भविष्य की ओर बढ़ाना है।

“स्वच्छ भारत अभियान” के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:

  • स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाना: इस अभियान का प्रमुख उद्देश्य लोगों को स्वच्छता की महत्वपूर्णता के प्रति जागरूक करना है और उन्हें स्वच्छता के मामूले में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए प्रोत्साहित करना है।
  • सार्वजनिक स्वच्छता सुनिश्चित करना: अभियान के तहत, लोगों को उनके घरों, स्कूलों, कामकाजी स्थलों, और सार्वजनिक स्थलों को स्वच्छ रखने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे सार्वजनिक स्वच्छता को सुनिश्चित किया जाता है।
  • स्वास्थ्य सुधारना: यह अभियान स्वच्छता के माध्यम से बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद करता है और भारतीय समुदाय के स्वास्थ्य को सुधारता है।
  • जल, हवा, और भूमि की रक्षा: इस अभियान के माध्यम से जल, हवा, और भूमि की रक्षा की जाती है, जिससे पर्यावरण को भी सुरक्षित रखा जा सकता है।
  •  सामाजिक सामर्थ्य को बढ़ावा: स्वच्छ भारत अभियान ने लोगों की सजगता और सामाजिक सामर्थ्य को बढ़ावा दिया है और समाज में स्वच्छता के मामूले में सुधार लाने में मदद की है।

स्वच्छ भारत अभियान के कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हैं, जिनमें निम्नलिखित कुछ मुख्य हैं:

  • सार्वजनिक स्वच्छता की सुधार: अभियान के प्रारंभ होते ही सार्वजनिक स्थलों की स्वच्छता में सुधार हुआ है, जैसे कि रेलवे स्थानक, बस डिपो, और अन्य सार्वजनिक स्थल।
  • शौचालय निर्माण: अभियान के तहत देशभर में लाखों शौचालय निर्मित किए गए हैं, जिससे जनमानस को स्वच्छ सौदा और स्वच्छ जीवनस्तर मिला है।
  • स्वच्छता ही सेवा: हर साल 2 अक्टूबर को “स्वच्छता ही सेवा” अभियान चलाया जाता है, जिसमें लोग स्वच्छता के लिए सेवा करने का प्रतिबद्ध रहते हैं।
  • स्वच्छ ग्रामीण भारत: अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वच्छता को प्रमोट करने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं, जैसे कि ग्रामीण शौचालय निर्माण योजना।
  • स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत: इस अभियान ने भारत को स्वस्थ भारत के रूप में प्रमोट किया है, क्योंकि स्वच्छता और स्वास्थ्य के बीच गहरा संबंध होता है।
  • जल, हवा, और भूमि के संरक्षण: अभियान ने पर्यावरण संरक्षण को भी महत्वपूर्ण बनाया है और जल, हवा, और भूमि की रक्षा के उपायों को प्रमोट किया है।
  • जन-जागरूकता: स्वच्छ भारत अभियान ने लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता फैलाई है और समुदाय के सदस्यों को इसके लिए सजग बनाया है।
  • स्वच्छता सर्वेक्षण: अभियान के अंतर्गत स्वच्छता सर्वेक्षण कार्यक्रम चलाया जाता है जिसके तहत स्वच्छता के प्रति लोगों के समुदायों की जांच की जाती है।

स्वच्छ भारत अभियान एक महत्वपूर्ण पहल है जो भारत को स्वच्छता और स्वस्थता के मामूले में सुधारने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाने का प्रयास कर रहा है। इस अभियान के परिणामस्वरूप, सार्वजनिक स्वच्छता में सुधार हुआ है, शौचालय निर्माण बढ़ा है, स्वच्छता सर्वेक्षण की प्रक्रिया तेजी से बढ़ी है, और जनमानस में स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ी है। यह अभियान न केवल स्वच्छता को प्रमोट कर रहा है, बल्कि भारत को स्वस्थ और स्वच्छ भविष्य की ओर अग्रसर कर रहा है।

 10 लाइन्स स्वच्छ भारत अभियान के बारे में:

  • स्वच्छ भारत अभियान भारतीय सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वपूर्ण पहल है।
  •  इसका मुख्य उद्देश्य भारत को स्वच्छ बनाना और सफाई के अच्छे प्रथाओं को प्रमोट करना है।
  • अभियान लोगों के बीच स्वच्छता के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।
  • इसके तहत, नागरिकों से अपने आस-पास की स्वच्छता बनाए रखने की सहयता करने का आग्रह किया जाता है।
  • इस अभियान के अंतर्गत, शौचालय निर्माण और सफाई अभियान जैसे कई पहल हैं।
  • स्वच्छ भारत अभियान ने सार्वजनिक स्वच्छता में दृश्यमान सुधार किया है।
  • यह ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में शौचालय निर्माण को बढ़ावा दिया है।
  • अभियान में स्वच्छता निरीक्षण शामिल है, जिसका उद्देश्य स्वच्छता मानकों का पालन सुनिश्चित करना है।
  • स्वच्छ भारत अभियान स्वस्थ और स्वच्छ भारत की ओर एक कदम बढ़ा रहा है।
  • यह अभियान सड़कों से लेकर सार्वजनिक स्थलों तक स्वच्छता के प्रति नागरिकों में जिम्मेदारी की भावना डालने में सफल रहा है।

Swachh Bharat Abhiyan कोट्स निम्न है:

“स्वच्छता ने ही स्वास्थ्य को मिलाने की कुंजी है।” – महात्मा गांधी

Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi

“स्वच्छ भारत ही समृद्ध भारत हो सकता है।” – नरेंद्र मोदी
“स्वच्छता का पालन करना हमारी जिम्मेदारी है, और यह नागरिकों की दायित्व है।” – एपीजे अब्दुल कलाम 
“स्वच्छता से जुड़ी शिक्षा सबसे महत्वपूर्ण शिक्षा है।” – महात्मा गांधी
“स्वच्छ भारत अभियान एक सपना नहीं, एक प्रतिबद्धता है।” – नरेंद्र मोदी

Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi

“स्वच्छता का पालन करना न सिर्फ हमारी देशभक्ति है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है।” – महात्मा गांधी
“स्वच्छता का मतलब है, हमारे आस-पास की सब कुछ सुखद और शुद्ध हो।” – नरेंद्र मोदी
“स्वच्छता एक अच्छे जीवन का पहला कदम है।” – महात्मा गांधी
“स्वच्छ भारत की ओर हमारा कदम बढ़ाएं, क्योंकि यह हमारी जिम्मेदारी है।” – नरेंद्र मोदी
“स्वच्छ भारत अभियान केवल एक सरकारी पहल नहीं, बल्कि एक समाज की पहल भी है।” – एपीजे अब्दुल कलाम

यह भी पढ़ें: शिक्षक दिवस पर निबंध

Swachh Bharat Abhiyan से जुड़े कुछ तथ्य यहां दिए गए हैं:

  • अभियान की शुरुआत: “स्वच्छ भारत अभियान” का आरंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूबर 2014 को किया गया था, महात्मा गांधी की जयंती के दिन।
  • मुख्य उद्देश्य: इस अभियान का मुख्य उद्देश्य भारत को स्वच्छ और स्वस्थ बनाना है, साथ ही स्वच्छता की महत्वपूर्णता के प्रति जागरूकता फैलाना है।
  • द्विचरणीय धारा: इस अभियान का मुख्य धाराएँ “ग्रामीण स्वच्छता” और “शहरी स्वच्छता” हैं, जिसके तहत गांवों और शहरों में स्वच्छता को प्राथमिकता दी जाती है।
  • शौचालय निर्माण: इस अभियान के तहत लाखों शौचालय निर्मित किए गए हैं, जिससे सार्वजनिक जगहों पर शौच मुक्ति मिली है।
  • स्वच्छता सर्वेक्षण: स्वच्छता सर्वेक्षण कार्यक्रम के तहत स्वच्छता के प्रति लोगों के समुदायों की जांच की जाती है और स्वच्छता मानकों का पालन मापता जाता है।
  • स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत: इस अभियान ने स्वस्थ भारत को स्वच्छ भारत के साथ जोड़कर प्रमोट किया है, क्योंकि स्वच्छता और स्वास्थ्य में गहरा संबंध होता है।
  • स्वच्छ भारत अभियान का संदेश: “स्वच्छता ही सेवा” और “स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत” जैसे संदेशों के माध्यम से इस अभियान का प्रचार किया जाता है।

स्वच्छ भारत अभियान के ब्रांड एम्बेसडर:

स्वच्छ भारत मिशन – ग्रामीण, पेयजल सार्वभौमिक स्वच्छता प्राप्त करने के लिए किए जा रहे प्रयासों में तेजी लाने के लिए और स्वच्छता पर ध्यान केंद्रित करने हेतु भारत के प्रधान मंत्री ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन का आरंभ किया था।

भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की नई दिल्ली, राजपथ पर शुरूआत करते हुए कहा था कि “एक स्वच्छ भारत के द्वारा ही देश 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अपनी सर्वोत्तम श्रद्धांजलि दे सकते हैं।” 2 अक्टूबर, 2014 को स्वच्छ भारत मिशन देश भर में व्यापक तौर पर राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में शुरू किया गया था।

स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध, swachh bharat abhiyan nibandh लिखने के लिए आपको इसे बारे मे आवश्यक जानकारी प्राप्त करनी होगी। उसके बाद सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं को मिलाकर निबंध लिखें। निबंध को एक ठोस संरचना दें, जैसे कि प्रस्तावना, मुख्य भाग, और निष्कर्षण। साफ, सुविधाजनक भाषा का प्रयोग करें और संयुक्ताक्षरों या विचारों को स्पष्टत: रूप से व्यक्त करें। अपने निबंध को समर्थन के लिए उपयुक्त स्रोतों से समर्थित करें। अपने दृष्टिकोण को व्यक्त करें, लेकिन दूसरों के खिलाफ वाद-विवाद से बचें। अपने निबंध को लिखने के बाद, इसे पुनः पढ़ें और सुधारें।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2 अक्तूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत की थी. यह महत्वाकांक्षी योजना दरअसल पहले की सरकार के केंद्रीय ग्रामीण स्वच्छता कार्यक्रम (1986-1999) और संपूर्ण स्वच्छता अभियान (1999) का बदला हुआ रूप है. संपूर्ण स्वच्छता अभियान का नाम 2012 में बदल कर निर्मल भारत अभियान कर दिया गया था। 

आशा हैं कि आपको इस ब्लाॅग में Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी प्रकार के हिंदी निबंध के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Swachata Ka Mahatva Essay In Hindi)

स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Swachata Ka Mahatva Essay In Hindi)

आज   हम स्वच्छता का महत्व पर निबंध (Essay On Swachata Ka Mahatva In Hindi) लिखेंगे। स्वच्छता का महत्व पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

स्वच्छता का महत्व पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Swachata Ka Mahatva In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

स्वच्छता यानी आस पास सफाई रखना, जो की अत्यंत महत्वपूर्ण है। सिर्फ घर की सफाई ही नहीं बल्कि अपने आस पड़ोस को स्वच्छ रखना ज़रूरी है। हमारे धर्मो और संस्कृति में भी साफ़ सफाई का विशेष महत्व है। स्वच्छता मनुष्य को शारीरिक और मानसिक स्तर पर स्वस्थ रखती है।

स्वच्छता का अर्थ है साफ़ – सफाई। अगर हम आस पास सफाई नहीं रखेंगे, तो बीमारियों के फैलने का डर लगा रहता है। जितनी हमारे आस पास गन्दगी रहेगी उतना ही हम कभी भी स्वस्थ नहीं रह पाएंगे और उतना ही हमे स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां होगी।

हमे स्वंय अपने आस पड़ोस, आँगन, बगीचे को साफ़ रखना चाहिए और दूसरो को भी सफाई के प्रति जागरूक करना चाहिए। देश के हर नागरिक का कर्त्तव्य है कि वह अपने आस पास कूड़ा, कचरा ना फेंके। महात्मा गांधी जी ने भी स्वच्छता पर काफी ज़ोर दिया था। कोरोना काल के इस कठिन परिस्थिति में लोग सफाई को अधिक प्राथमिकता दे रहे है और हर पल हाथ भी धो रहे है।

गंदगी से फैलती है बीमारियां

स्वच्छता की अहमियत लोगो को पता होने के बावजूद, वह छोटी छोटी चीज़ो का ध्यान नहीं रखते है। जैसे गाड़ी से जाते समय कुछ लोग कचरा बाहर फेंक देते है। यह बहुत गलत है। कई सड़को पर कूड़ा यूहीं पड़ा रहता है और इससे गंदगी फैलती है। गन्दगी से सिर्फ हम ही नहीं बल्कि पशु भी बीमार पड़ते है। रास्ते पर प्लास्टिक का कचरा पड़ा रहता है और गाय उसे खाना समझ कर खा लेती है, इससे उनकी मौत हो जाती है।

कोरोना संकटकाल में स्वच्छता का महत्त्व

अभी कोरोना संकटकाल की वजह से लोग साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान दे रहे है। कोरोना संकटकाल के दौरान लोग अस्पतालों की सफाई और अपने घर और अपने आस पास की सफाई पर ज़ोर दे रहे है। साफ़ सफाई हमारे जीवन में बेहद आवश्यक है।

स्वच्छता संबंधित दैनिक कार्य

जीवन को खूबसूरत और स्वस्थ बनाने के लिए अपने तन, घर और आस पड़ोस की सफाई ज़रूरी है। हम शरीर को रोज़ साफ़ रखते है, जो अनिवार्य भी है। नहाना, दांतों को साफ़ रखना, नाख़ून काटना और साफ़ पोशाक पहनंना, घर के हर कोने की सफाई इत्यादि कार्य हर दिन करने से स्वच्छता बनी रहती है। प्रातकाल उठकर हम अपने दांतो की सफाई सबसे पहले करते है।

बीमारी मुक्त जीवन

जब मनुष्य स्वच्छ रहेगा तो उसके आस पास का वातावरण बीमारी मुक्त रहेगा। बड़ो को अपने बच्चो को स्वच्छता के महत्व के विषय में अवगत कराना चाहिए। स्वच्छता के महत्व को सभी को समझाना और उसका पालन करना ज़रूरी है। मनुष्य को अपने आस पड़ोस की साफ़ सफाई करनी चाहिए जैसे हम अपने घरो को साफ़ रखते है।

हर स्थान पर बसे धार्मिक स्थलों की प्रातकाल पूजा की जाती है। ऐसे जगहों पर लोगो को यहां वहां कचरा नहीं फेंकना चाहिए। कचरे को कूड़ेदान में ही फेंकना चाहिए।

घर की नियमित रूप से साफ़ सफाई

जब सवेरे उठकर हम नहा लेते है और साफ़ सुथरे कपड़े पहनते है, तो हम अपने को ताज़ा और स्वच्छ महसूस करते है। हम घर पर सबसे पहले झाड़ू लगाते है और घर और आँगन को फिनाइल इत्यादि पदार्थों से पौछा लगाकर साफ करते है। इससे घर कीटाणुमुक्त हो जाता है।

स्वस्थ मन और तन जीवन में मनुष्य को अपने कार्य में सफल बनाता है और चिंतन मनन में मदद करता है। घर को साफ़ रखने से घर पर आने वाले मेहमान भी प्रसन्न होते है। इससे लोगो पर अच्छा प्रभाव पड़ता है।

धार्मिक स्थल / सार्वजनिक जगहों की सफाई

मंदिर इत्यादि धार्मिक स्थलों पर लोग पूजा पाठ करने के लिए आते है। इसलिए धार्मिक स्थलों की साफ़ सफाई ज़रूरी है। वहाँ कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किये जाते है। कई लोग धार्मिक स्थलों और कई सार्वजनिक जगहों पर आते है और गंदगी फैलाते है। लोगो को यह अहसास होना ज़रूरी है कि गंदगी फैलाने से कई भयंकर बीमारियां जन्म लेती है।

विचारो और सोच में स्वच्छता

आपने आस पास और खुद की स्वच्छता के साथ, मन की शुद्धि होना भी अत्यंत ज़रूरी है। हमारे मन के विचार भी अच्छे और शुद्ध होने चाहिए। जब हम तन को स्वच्छ रखेंगे, तो मन भी स्वच्छ रहेगा।

रोग से ग्रस्त

अपने आस पास और स्वंय की साफ़ सफाई करना एक अच्छा स्वभाव है। कुछ लोग जानकर भी इस अच्छी आदत को अपनाते नहीं है। देश के कई जगहों में, बस्तियों में गन्दगी पायी जाती है। कई लोग शिक्षित नहीं होते है, इसलिए सफाई के महत्व को समझ नहीं पाते है।

इसी वजह से बीमारियां उनके गली मोहल्ले में फैल जाती है। हमेशा घर और आस पड़ोस को रासायनिक पदार्थो यानी फिनाइल इत्यादि से साफ़ करना चाहिए। अपने बर्तन को समय पर साफ़ कर लेना चाहिए। कपड़े धोकर पहनने चाहिए। इससे हम स्वस्थ रहते है और बीमारियां कोसो दूर रहती है। हमे अपने आस पास कीटकनाशक दवाई का छिड़काव करना चाहिए। इससे मच्छर और मक्खियां कम आती है।

प्रदूषित वातावरण

आजकल हमारी धरती पर प्रदूषण बढ़ गया है। जितनी अधिक गन्दगी होगी, प्रदूषण में बढ़ोतरी देखने मिलेगी। प्रदूषण में वृद्धि हमारे लिए बहुत हानिकारक है। स्वच्छ वातावरण और पर्यावरण का होना अनिवार्य है। अपने आस पास और सड़को की सफाई रखना ज़रूरी है। अगर मनुष्य साफ़ सफाई नहीं रखेगा तो निश्चित तौर पर बीमार पड़ जाएगा। यदि हम अपने वातावरण को साफ़ नहीं रख पाए तो प्रदूषण कभी कम नहीं हो सकेगा।

प्लास्टिक पर प्रतिबंध

प्लास्टिक जल्दी सड़ता नहीं है और मिटटी में जाकर मिलता नहीं है। प्लास्टिक हानिकारक पदार्थ है और सालो साल समुद्रतल पर यूँही पड़ा रहता है। मनुष्य प्लास्टिक का इस्तेमाल दैनिक रूप से करता है। प्रकृति का संतुलन बनाये रखना बहुत ज़रूरी है। इसलिए अपने आस पास को साफ़ रखने के लिए प्लास्टिक से बने सामान का उपयोग हमे नहीं करना चाहिए।

अब देश ने प्लास्टिक के इस्तेमाल पर रोक लगाने के लिए कड़े नियम बनाये है। यह एक सकारात्मक कदम है, जिसका पालन हम सभी को करना चाहिए। कागज़ और कपड़े की थैली का इस्तेमाल करना चाहिए, प्लास्टिक की थैली का नहीं। हम बीमारियों से छुटकारा पा सकते है, यदि हम हमेशा स्वच्छता को बनाये रखे।

स्वच्छ भारत अभियान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल २०१४ के गांधी जयंती पर स्वच्छ भारत अभियान आरम्भ किया था। यह काफी लोकप्रिय अभियान रहा और देश द्वारा चलाया गया। बहुत सारे गाँवों में शौचालय की व्यवस्था अच्छी नहीं थी। स्वच्छ भारत अभियान के आरम्भ होते ही कई गाँवों में शौचालय का निर्माण करवाया गया। गाँवों में लोगो के बाहर शौच करने की आदत पर अंकुश लगाने को कहा गया। इससे लोगो ने स्वच्छता की अहमियत को समझा।

देश के सभी नागरिको की यह जिम्मेदारी है कि वह अपने आस पास के वातावरण को साफ़ रखे, पर्यावरण को दूषित ना करे और उसे सुन्दर बनाने की पूरी चेष्टा करे। सिर्फ कुछ लोगो के जागरूकता से यह संभव नहीं है। सभी को मिलकर धरती और पर्यावरण को स्वच्छ रखना होगा। हमे आस पास के नदियों, झीलों, समंदर, बगीचों को साफ़ रखना होगा।

हमे कचरा यहां वहाँ नहीं बल्कि कूड़ेदान में फेंकना चाहिए और बच्चो को भी यही सीख देनी चाहिए। हमें प्रकृति और पर्यावरण को गन्दगी से बचाना चाहिए। स्वच्छता को हम सभी लोगो को गंभीरता से लेना चाहिए।

इन्हे भी पढ़े :-

  • स्वच्छता पर निबंध (Cleanliness Essay In Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swacch Bharat Abhiyan Essay In Hindi)
  • 10 Lines On Cleanliness In Hindi Language
  • 10 Lines On Importance Of Cleanliness In Hindi Language

तो यह था स्वच्छता का महत्व  पर निबंध (Swachata Ka Mahatva Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि स्वच्छता का महत्व पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Swachata Ka Mahatva) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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भारत पर निबंध (Essay On India in Hindi) 10 lines 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

essay on hindi pakhwada 250 words

Essay On India in Hindi – भारत क्षेत्रफल के हिसाब से सातवां सबसे बड़ा देश है और एशिया में स्थित दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। भारत के तीन किनारे दक्षिण में हिंद महासागर, दक्षिण पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण पूर्व में बंगाल की खाड़ी से घिरे हुए हैं, यह उत्तर में पाकिस्तान, चीन, नेपाल और भूटान के साथ भूमि सीमा साझा करता है; और बांग्लादेश, और म्यांमार पूर्व में। भारत का राष्ट्रीय पशु रॉयल बंगाल टाइगर है, भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है, भारत का राष्ट्रीय फल आम है, भारत का राष्ट्रीय फूल कमल है, और भारत का राष्ट्रीय गान जन गण मन है।

छात्रों और बच्चों के लिए भारत पर लघु निबंध (Short Essay on India for Students and Kids in Hindi)

एशिया महाद्वीप में स्थित भारत देश क्षेत्रफल के हिसाब से सातवां सबसे बड़ा देश है और दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। भारत में 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश हैं। भारत के राष्ट्रीय ध्वज का आकार क्षैतिज है, और यह शीर्ष पर गहरा केसरिया रंग, बीच में सफेद रंग और सबसे नीचे कठोर हरा रंग और सफेद रंग के बीच में एक अशोक चक्र के साथ तिरंगा है।

भारत की राजधानी नई दिल्ली है। भारत का राष्ट्रीय पशु रॉयल बंगाल टाइगर है, भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है, भारत का राष्ट्रीय फल आम है, भारत का राष्ट्रीय फूल कमल है। भारत का राष्ट्रगान रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित जन गण मन है, और राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” है और राष्ट्रीय खेल हॉकी है। हम भारत में भाषाओं, भोजन, संस्कृतियों, भूमि, तापमान की किस्मों को देख सकते हैं। भारत में इतनी विविधता होने के बावजूद भी भारत के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं।

भारत पर निबंध 10 लाइन (Essay on India 10 lines in Hindi)

  • 1) भारत या ‘भारत गणराज्य’ एशिया का एक प्रायद्वीपीय देश है अर्थात् यह तीन ओर से जल से घिरा हुआ है।
  • 2) 7 पड़ोसी देशों के साथ भारत दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश है।
  • 3) चीन के बाद 1.3 अरब लोगों के साथ भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है।
  • 4) पश्चिमी भाग में ‘अरब सागर’, दक्षिणी भाग में ‘हिंद महासागर’ और पूर्व में ‘बंगाल की खाड़ी’ है।
  • 5) भारत का उत्तरी भाग पहाड़ों से ढका हुआ है और प्रसिद्ध पर्वत श्रृंखलाओं में से एक ‘हिमालय’ है।
  • 6) भारत में बहने वाली कई छोटी और बड़ी नदियाँ हैं, जैसे गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी आदि।
  • 7) भारत का राष्ट्रीय ध्वज एक आयताकार तिरंगा झंडा है जिसमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरे रंग में बीच में ‘अशोक चक्र’ है।
  • 8) भारत का राष्ट्रीय प्रतीक ‘सारनाथ’ में ‘अशोक की शेर की राजधानी’ है और इसके नीचे “सत्यमेव जयते” लिखा है, जिसका अर्थ है सत्य की ही जीत होती है।
  • 9) भारत का राष्ट्रगान “जन गण मन” है जिसकी रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी।
  • 10) भारत का राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” है जिसे बंकिम चंद्र चटर्जी ने लिखा था।

भारत पर निबंध 20 लाइन (Essay on India 20 lines in Hindi)

  • 1) भारत विशाल सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता वाला विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
  • 2) भारत 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों के संघ के साथ एक एकल एकात्मक देश है।
  • 3) भारत में विशाल भौगोलिक विविधताएँ भी हैं – पर्वत श्रृंखलाएँ से लेकर शुष्क रेगिस्तान और सदाबहार वन।
  • 4) वन्यजीवों से समृद्ध भारत एशियाई शेरों, बंगाल के बाघों, हाथियों और विभिन्न अन्य प्रजातियों का घर है।
  • 5) मेघालय के उत्तर पूर्वी राज्य चेरापूंजी में भारत में सबसे अधिक वार्षिक वर्षा होती है।
  • 6) राजस्थान के उत्तर पश्चिमी राज्य में जैसलमेर के रेगिस्तान में बहुत कम या बिल्कुल भी वर्षा नहीं होती है।
  • 7) भारत में हर राज्य की अपनी जातीयता के साथ-साथ सांस्कृतिक और भाषाई विरासत है।
  • 8) सदियों से आक्रमणों को देखने के बावजूद, भारत ने अपनी संस्कृति और मूल्यों को नहीं खोया है।
  • 9) मुंबई में बांद्रा-वर्ली सी लिंक में स्टील के तार हैं जो पृथ्वी की परिधि तक मापते हैं।
  • 10) भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक, सिंधु घाटी सभ्यता का घर रहा है।
  • 11) देश का नाम ‘इंडिया’ अति प्राचीन सिंधु नदी से लिया गया है।
  • 12) भारत गाँवों की भूमि है जहाँ 60 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र में रहती है।
  • 13) संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत में दूसरी सबसे बड़ी कृषि भूमि है और अधिकांश लोग कृषि में कार्यरत हैं।
  • 14) यह वह देश है जहाँ महान वैज्ञानिक, आध्यात्मिक गुरु, गणितज्ञों ने जन्म लिया और महान कार्य किया।
  • 15) भारत विविध संस्कृतियों, रीति-रिवाजों, परंपराओं और भाषाओं का देश है।
  • 16) भारत वह देश है जिसने पूरी दुनिया को सनातन धर्म के नाम से लोकप्रिय जीवन दर्शन के बारे में सिखाया।
  • 17) भारत का ISRO अमेरिका, रूस, चीन और यूरोप के अंतरिक्ष संगठन के बाद पांचवां सबसे बड़ा अंतरिक्ष संगठन है।
  • 18) संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद भारत के पास तीसरी सबसे बड़ी सेना है।
  • 19) इसमें लगभग 600 वन्य जीवन अभयारण्य हैं और पक्षियों की 1400 प्रजातियों का घर है।
  • 20) भारत में कई प्रसिद्ध और प्राचीन ऐतिहासिक इमारतें, विरासत और स्मारक हैं जो दुनिया भर के लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

इनके बारे मे जाने

भारत पर निबंध 100 शब्द (Essay on India 100 words in Hindi)

भारत पूरे विश्व में प्रसिद्ध देश है। भौगोलिक दृष्टि से हमारा देश एशिया महाद्वीप के दक्षिण में स्थित है। भारत एक अत्यधिक आबादी वाला देश है और स्वाभाविक रूप से सभी दिशाओं से सुरक्षित भी है। यह अपनी महान संस्कृति और पारंपरिक मूल्यों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध देश है। इसमें हिमालय नाम का एक पर्वत है जो दुनिया में सबसे ऊंचा है। यह तीन तरफ से तीन महासागरों से घिरा हुआ है, जैसे दक्षिण में हिंद महासागर, पूर्व में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में अरेबिका सागर। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जो जनसंख्या के मामले में दूसरे नंबर पर है। भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी है, यद्यपि यहाँ लगभग 14 राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त भाषाएँ बोली जाती हैं।

भारत पर निबंध 150 शब्द (Essay on India 150 words in Hindi)

भारत एक खूबसूरत देश है जो अपनी अलग संस्कृति और परंपरा के लिए जाना जाता है। यह अपनी ऐतिहासिक विरासत और स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के नागरिक स्वभाव से बेहद विनम्र और चकाचौंध वाले हैं। ब्रिटिश शासन के तहत, यह 1947 से पहले एक गुलाम देश था। हालाँकि, हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और समर्पण के कारण, भारत को 1947 में अंग्रेजों से आज़ादी मिली। जब भारत को आज़ादी मिली, तो पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधान मंत्री बने और भारतीय ध्वज फहराया और कहा “जब दुनिया सोती है, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जागेगा”।

भारत एक लोकतांत्रिक और लोकतांत्रिक देश है जहां देश के लोगों को देश की भलाई के लिए निर्णय लेने का अधिकार है। भारत इस कथन “विविधता में एकता” के लिए प्रसिद्ध देश है क्योंकि विभिन्न जाति, धर्म, संस्कृति और परंपरा के लोग एक साथ एकता में रहते हैं। अधिकांश भारतीय स्मारक और विरासत स्थल विश्व धरोहर स्थल से जुड़े हुए हैं।

भारत पर निबंध 200 शब्द (Essay on India 200 words in Hindi)

भारत एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र है। इसका अर्थ है कि सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान किया जाता है, और प्रत्येक व्यक्ति किसी भी धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां के लोगों के पास सभी बुनियादी मानवाधिकार हैं। भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु भारतीय हाथी है। भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा है। गंगा एक पवित्र हिंदू नदी है, जो इतनी पवित्र है कि ऐसा माना जाता है कि यह लोगों के पापों को धो देती है। भारत में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न है, जिसका अर्थ है ‘भारत का गहना’।

भारत की सबसे प्रमुख हस्तियां जो उत्कृष्टता के साथ सेवा करती हैं, उनका कार्यक्षेत्र समर्पण के साथ है, और कड़ी मेहनत इस पुरस्कार को अर्जित करती है। परमवीर चक्र बहादुरी प्रदर्शित करने के लिए दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान है। नागरिकों की रक्षा के लिए अपना जीवन ऑनलाइन करने वाले सैनिक भारत के नायक हैं। भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे, जिन्हें पंडित नेहरू या चाचा नेहरू भी कहा जाता है।

संविधान सभा द्वारा भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। वह आईएनसी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) के सदस्य थे, और वह एक विद्वान थे। मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें प्यार से बापूजी या महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है, हमारे राष्ट्रपिता हैं। वह दुनिया भर में सबसे अधिक मान्यता प्राप्त व्यक्ति हैं, जो अहिंसा द्वारा देश की स्वतंत्रता में उनके योगदान के लिए जाने जाते हैं। रवींद्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1913 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार जीता था, और वे भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों में से एक हैं।

भारत पर निबंध 250 शब्द (Essay on India 250 words in Hindi)

भारत में राजनीतिक परिदृश्य एक बहुदलीय चुनावी प्रणाली है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) भारत की पहली राजनीतिक पार्टी थी। भारत वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा शासित है। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी हैं, जबकि देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद हैं। गृह मंत्रालय का ध्यान अमित शाह द्वारा रखा जाता है, और विदेश मंत्रालय या विदेश मामलों के मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर हैं।

भारत को एक विकासशील देश माना जाता है और इसके वर्ष 2033 में महाशक्तियों की सूची में आने की उम्मीद है। चीन के बाद भारत भारत में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। जुलाई 2019 तक भारत की अनुमानित जनसंख्या 1,296,834,042 है। भारत की उत्तरी सीमा पर हिमालय और देश में बहने वाली गंगा के साथ आश्चर्यजनक विशेषताएं हैं। नई दिल्ली भारत की राष्ट्रीय राजधानी है।

भारत में वर्तमान में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश, 2 प्रमुख भाषाएँ और 22 आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त राज्य आधारित भाषाएँ हैं। भारत को एक उपमहाद्वीप कहा जाता है और तीन प्रमुख जल निकायों के साथ इसे तीन तरफ से कवर किया जाता है, अर्थात् बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और महान हिंद महासागर। ब्रिटिश भारत के औपनिवेशिक शासक थे और उन्होंने 200 वर्षों तक देश पर शासन किया। इसकी शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी के भारत में व्यापार करने और अधिक लाभ कमाने के लिए सत्ता पर कब्जा करने के लिए कलकत्ता पर कब्जा करने के साथ हुई। यह धीरे-धीरे फैल गया, और भारत वर्ष 1858 में ब्रिटिश महारानी के नियंत्रण में आ गया। भारत दुनिया की सबसे बड़ी सेना रखने में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। इसकी FPF रैंक गिरकर चौथे स्थान पर आ गई है क्योंकि इस मामले में अमेरिका और रूस चीन और भारत से आगे हैं।

भारत पर निबंध 300 शब्द (Essay on India 300 words in Hindi)

भारत मेरी मातृभूमि है जहां मैंने जन्म लिया है। मैं भारत से प्यार करता हूं और मुझे इस पर गर्व है। भारत एक बड़ा लोकतांत्रिक देश है, जो जनसंख्या के बाद चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। इसका समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है। इसे विश्व की पुरानी सभ्यता के देश के रूप में देखा जाता है। यह सीखने की भूमि है जहां दुनिया के कोने-कोने से छात्र यहां के विश्वविद्यालयों में पढ़ने आते हैं।

यह देश अपनी अनूठी और विविध संस्कृति और कई धर्मों के लोगों की परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। प्रकृति से आकर्षित होने के कारण विदेशों में रहने वाले लोग भी यहां की संस्कृति और परंपरा का पालन करते हैं। कई हमलावर यहां आए और यहां की खूबसूरती और बेशकीमती चीजें चुरा लीं। कुछ ने इसे अपना गुलाम मान लिया, देश के कई महान नेताओं के संघर्ष और बलिदान के कारण 1947 में हमारी मातृभूमि अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हो गई।

उसी दिन से हमारी मातृभूमि हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में आजाद हुई। पंडित नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण भूमि होते हुए भी यहां के निवासी गरीब हैं। रवींद्रनाथ टैगोर, सर जगदीश चंद्र बोस, सर सीवी रमन, श्री एचएन भाभा आदि जैसे उत्कृष्ट लोगों के कारण यह प्रौद्योगिकी, विज्ञान और साहित्य के क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है।

यह एक शांतिपूर्ण देश है जहां लोग बिना किसी हस्तक्षेप के अपने त्योहार मनाते हैं और विभिन्न धर्मों के लोग अपनी संस्कृति और परंपरा का पालन करते हैं। यहां कई बेहतरीन ऐतिहासिक इमारतें, विरासत, स्मारक और खूबसूरत नजारे हैं जो हर साल अलग-अलग देशों का मन मोह लेते हैं। भारत में, ताजमहल एक महान स्मारक और प्रेम का प्रतीक है और कश्मीर पृथ्वी के स्वर्ग के रूप में है।

भारत पर निबंध 500 शब्द (Essay on India 500 words in Hindi)

भारत हमारा देश ‘अनेकता में एकता’ का बेहतरीन उदाहरण है। विभिन्न पृष्ठभूमि और धर्मों के लोग यहां शांति और सद्भाव से रहते हैं। इसके अलावा, हमारा देश विभिन्न भाषाओं के लिए जाना जाता है। यहां तक ​​कि आपको हमारे देश में हर 100 किलोमीटर पर एक अलग भाषा मिल जाएगी। हमारे देश पर निबंध के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि भारत क्या है।

अनेकता में एकता- हमारा देश निबंध

भारत एक अनूठा देश है जो विभिन्न प्रकार के लोगों को आश्रय देता है जो विभिन्न भाषाएं बोलते हैं, विभिन्न खाद्य पदार्थ खाते हैं और विभिन्न प्रकार के कपड़े पहनते हैं। हमारे देश को जो खास बनाता है वह यह है कि इतने सारे मतभेदों के बावजूद लोग हमेशा शांति से एक साथ रहते हैं।

हमारा देश भारत दक्षिण एशिया में स्थित है। यह एक बड़ा देश है जो लगभग 139 करोड़ लोगों का घर है। इसके अलावा, भारत पूरी दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र भी है। सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक होने के कारण, यह एक बहुत समृद्ध देश है।

हमारे देश में उपजाऊ मिट्टी है जो इसे पूरी दुनिया में सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक बनाती है। भारत ने साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में प्रसिद्ध हस्तियों को जन्म दिया है। उदाहरण के लिए, रवींद्रनाथ टैगोर, सीवी रमन, डॉ अब्दुल कलाम और अन्य भारतीय हैं।

यह एक ऐसा देश है जो हजारों गांवों का घर है। इसी प्रकार, भारत के खेतों को शक्तिशाली नदियों द्वारा सिंचित किया जाता है। उदाहरण के लिए, गंगा, कावेरी, यमुना, नर्मदा और अन्य भारत की नदियाँ हैं।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे देश के तटों की रक्षा गहरे महासागर करते हैं और शक्तिशाली हिमालय हमारी प्राकृतिक सीमाएँ हैं। एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होने के नाते, भारत में विभिन्न प्रकार के धर्म हैं जो एक साथ खुशी से फलते-फूलते हैं।

हमारे देश की प्रसिद्ध चीजें निबंध

हमारे देश की संस्कृति दुनिया भर में बेहद समृद्ध और प्रसिद्ध है। हम जो अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं और जिन अलग-अलग देवताओं की हम पूजा करते हैं, वे हमारे बीच मतभेद पैदा नहीं करते हैं। हम सभी एक ही भावना साझा करते हैं।

भारत की आत्मा पूरे देश में चलती है। इसके अलावा, भारत बहुत सारे पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। उदाहरण के लिए, ताजमहल, कुतुब मीनार, गेटवे ऑफ इंडिया, हवा महल, चारमीनार और बहुत कुछ काफी लोकप्रिय हैं।

ये आकर्षण दुनिया भर के लोगों को एक साथ लाते हैं। इसी तरह, हमारे पास कश्मीर है जिसे धरती पर स्वर्ग के रूप में जाना जाता है। कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता, शक्तिशाली नदियाँ और भव्य घाटियाँ वास्तव में इसे स्वर्ग बनाती हैं।

इसके अलावा, भारत एक बहुत समृद्ध खाद्य संस्कृति होने के लिए प्रसिद्ध है। हमारे देश में इतने सारे व्यंजन पाए जाते हैं कि एक बार में सब कुछ खाना संभव नहीं है। समृद्धि के कारण हमें सब कुछ सर्वोत्तम मिलता है।

हमारे देश निबंध का निष्कर्ष

कुल मिलाकर हमारे देश की एक हजार साल पुरानी संस्कृति है। इसे दुनिया ने योग और आयुर्वेद की देन भी दी है। इसके अलावा, भारत ने विज्ञान, संगीत, गणित, दर्शन और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह विश्व स्तर पर लगभग हर क्षेत्र में एक आवश्यक देश है।

भारत पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

भारत में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह कौन सी है.

भारत में देखने लायक कई जगहें हैं, यह ध्यान में रखते हुए कि देश कितना खूबसूरत है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बैंगलोर यात्रा करने के लिए सबसे अच्छे भारतीय शहरों में से कुछ हैं। भारत में सबसे अच्छे समुद्र तट पुरी, ओडिशा और गोवा में वागा बीच हैं।

भारत में सबसे अधिक साक्षर राज्य कौन सा है?

केरल, प्रायद्वीप के दक्षिणी किनारे पर स्थित एक राज्य, भारत में सबसे अधिक साक्षरता दर वाला राज्य है। इसकी साक्षरता दर 91.58% है।

भारत का सबसे बड़ा राज्य कौन सा है?

उत्तर प्रदेश या यूपी भारत का सबसे बड़ा राज्य है, इसके क्षेत्रफल को देखते हुए।

Swachata Abhiyan In Hindi Essay For Students स्वच्छता अभियान हिंदी निबंध

Swachata Abhiyan In Hindi Essay:  समस्त भारत में 2 अक्टूबर 2014 से चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान, क्लीन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान देश का सामाजिक आंदोलन हैं, जो हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदीजी द्वारा बापू की 145 वीं जयंती पर आरम्भ किया गया था,

वर्ष 2019 को 2 अक्टूबर के दिन गांधीजी की 150 वीं जयंती पर स्वच्छ भारत के रूप में उन्हें श्रद्धांजलि देने का संकल्प किया गया हैं. स्वच्छता अभियान विश्व का सबसे अधिक जन भागीदारी वाला आंदोलन बन चूका हैं,

जिसमें बड़े से बड़े व्यक्ति से निम्न वर्ग का व्यक्ति भी जुड़ पाया हैं. स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाने के लिए इसी तरह सभी देशवासियों के प्रत्यक्ष सहयोग एवं समर्थन का महत्वपूर्ण योगदान हैं. 

essay on swachata in hindi –  स्वच्छता अभियान पर निबंध  में हम स्टूडेंट्स के लिए छोटा बड़ा निबंध एस्से स्पीच यहाँ लेकर आये हैं.

 स्वच्छता अभियान निबंध Swachata Abhiyan In Hindi Essay

essays on Swachh Bharat Abhiyan in easy Hindi language Swachh Bharat Abhiyan in Hindi. Swachh Bharat Abhiyan Essay in Hindi : स्वच्छता आज भारत का अहम तत्कालिक मुद्दा हैं.

बच्चों को हिंदी में स्वच्छता अभियान पर छोटा बड़ा निबंध एस्से लिखने को कहा जाता हैं. यहाँ आज हम आपके लिए स्वच्छता एस्से कक्षा 1,2, 3,4,5,6,7,8,10 के स्टूडेंट्स के लिए 10 लाइन, 100,200,250,300,400,500 और 1000 शब्दों में स्वच्छ भारत अभियान का निबंध यहाँ प्रस्तुत कर रहे हैं.

Swachata Abhiyan In Hindi Essay In 100 Words

स्वच्छ भारत अभियान माननीय प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलाया गया भारत सरकार का एक सफाई अभियान हैं. यह एक महत्वपूर्ण विषय हैं और बच्चों और छात्रों को इसकी जानकारी होना अति आवश्यक हैं.

यह एक जनरल नॉलेज के विषय की तरह अब आवश्यक बन चूका हैं. क्लीन इंडिया मिशन पर स्टूडेंट्स को शोर्ट & बड़ा निबंध लिखने को कहा जाता हैं.

स्वच्छता अभियान राजनीति से मुक्त अभियान हैं. और जो देशभक्ति से प्रेरित हैं. प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य हैं कि भारत को स्वच्छ देश बनाने के लिए मोदीजी के इस अभियान में अपनी भूमिका अदा करे.

राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी ने अपने समय में नारों द्वारा लोगों को स्वच्छता अपनाने के लिए प्रेरित किया था.

मगर लोगों की कम रूचि के चलते वे अपने लक्ष्य में कामयाब नही हो पाए थे. मगर वर्तमान समय में शिक्षक छात्र तथा आम आदमी हर्ष एवं उल्लास के साथ इस अभियान में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं.

भारत में गंदगी बहुत अफ्हिक हैं. ये यहाँ के लोगों की मानसिकता बनी हुई हैं, कि अकेले व्यक्ति के करने से क्या होगा. भारत में खुले में शौच , गंदे पानी की निकासी के लिए नालियों का प्रबंध ना होना तथा सफाई के लीये कड़े कानूनों का प्रावधान न होने की वजह से भारत में स्वच्छता अभियान की आवश्यकता हैं.

Swachata Abhiyan In Hindi Essay In 150 Words

स्वच्छ भारत मेरे सपनों का भारत

भारत के महान व्यक्ति महात्मा गांधी ने कहा था कि स्वच्छता स्वतंत्रता की तुलना में अधिक महत्वपूर्ण हैं. गरीबी, शिक्षा की कमी, स्वच्छता की कमी और अन्य सामाजिक मुद्दों के कारण भारत अभी भी विकासशील देश हैं. हमे समाज से सभी बुरी बातों को खत्म करने की आवश्यकता हैं, जिससे हमारे देश के विकास में रुकावट न हो.

और मुझे लगता हैं कि स्वच्छता अभियान समाज को सामाजिक मुद्दों को दूर करने के साथ साथ अपने नागरिकों के व्यक्तित्व विकास व देश के विकास को बढ़ावा देने की सर्वोत्तम शुरुआत हैं.

केवल स्वच्छता अभियान की सफलता से भारत में एक बड़ा सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता हैं. यह आंतरिक और बाहरी विकास से सम्बन्धित हैं.

जो हमें स्वच्छ खुश और स्वस्थ नागरिकों द्वारा स्वस्थ व विकसित राष्ट्र का जन्म होता हैं. स्वच्छता अभियान प्र धानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में महात्मा गाँधी की 145 वीं जयंती 2 अक्टूबर के अवसर पर शुरू किया था.

भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीय ग्रामीण लोगों की कमजोरी के बारे में महात्मा गांधी अच्छी तरह जानते थे, उन्होंने इस देश को एक स्वच्छ देश बनाने का सपना देखा था.

Swachata Abhiyan In Hindi Essay In 200 Words

प्रस्तावना-  मन में जो स्थान पवित्रता का हैं, तन में वही स्वच्छता का हैं. मन आंतरिक मनोभावों और विचारों का तथा बाह्य सांसारिक वातावरण का सूचक हैं. जीवन में हम अनेक वस्तुओं का प्रयोग करते हैं.

उनका अपशिष्ट हमारे आस-पास को अस्वच्छ बनाता हैं. इस अस्वच्छता को दूर करने के लिए हमें व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयास करने होते हैं.

भारत में स्वच्छता – अस्वच्छता भारत की एक विकट समस्या हैं हमारी संस्कृति मन की पवित्रता पर जितना जोर दिया गया हैं. हमारी संस्कृति में मन की पवित्रता पर जितना जोर दिया गया हैं.

जितना जोर बाह्य परिवेश की स्वच्छता पर नही रहा हैं. परिणामस्वरूप भारतीय लोग अस्वच्छता से इतने चिंतित दिखाई नही देते हैं. अस्वच्छता ग्रामीण तथा शहरी दोनों ही स्थानों पर दिखाई देती हैं.

अस्वच्छ गाँव और शहर – गाँव अस्वच्छ हैं जहाँ पक्की गलियों, नालियों के अभाव में ही कूड़े के निस्तारण के प्रबंध की समस्या हैं. गाँवों में इस अस्वच्छता के दुष्प्रभाव से कुछ मुक्ति इस कारण मिल जाती हैं कि वहां प्रकृति स्वयं स्वच्छकरण का कर्तव्य निभाती हैं. नगरों में ज्यादा आबादी होने से हर दिन भारी मात्रा में कूड़ा निकलता हैं.

गली मुहल्लों से लेकर सडकों तक झाड पौछ करना और कचरा उठाना, उसको ड्लाबघर तक पहुचाना, उसके निष्पादन की व्यवस्था करना, गंदे पानी को नालियों नालों से होकर जाने और उनकों स्वच्छ बनाकर सिंचाई के काम लाने की व्यवस्था करना आदि कारू नगरपालिका आदि सार्वजनिक संस्थाएं करती हैं.

Swachata Abhiyan In Hindi Essay In 250 Words

गांवों में शौचालय की घरों में व्यवस्था नही होने से परेशानी तो होती ही हैं. किन्तु खुले में शौच जाने से होने वाली अस्वच्छता उतनी भयावह नही होती हैं. जितनी शहरों में होती हैं.

शहरों में जिन घरों में शौचालयों की व्यवस्था नही हैं. वहां के निवासियों को सड़कों, रेलवे लाइनों तथा खाली पड़े मैदानों, नाले नालियों के किनारे शौच करते देखा जा सकता हैं. धन के अभाव में सभी के लिए सीवर की व्यवस्था करना संभव नही हो पा रहा हैं.

अस्वच्छता और अस्वास्थ्य – अस्वस्थता का अस्वास्थ्य से गहरा रिश्ता हैं. स्वच्छता की कमी से लोगों में तरह तरह के रोग होने लगते हैं. संसार के अनेक देशों में शिशु और मातृ मृत्यु दर बहुत ज्यादा हैं.

भारत भी उनमे से एक हैं. इसको घटाने के प्रयास हो रहे हैं. नई दिल्ली में इस विषय पर वैश्विक सम्मेलन हुआ था, भारत में 1990 में पांच साल से कम आयु के एक हजार में से 126 शिशुओं की मृत्यु हो जाती हैं. वर्ष 2013 में भारत की इस संख्या को घटाकर 49 तक लाने में सफलता मिली हैं.

इस बिच शिशु मृत्यु दर सालाना 6.6 प्रतिशत घटी हैं. प्रसव के समय मरने वाली महिलाओं की संख्या जो 1990 में 560 प्रति हजार थी वह अब घटकर 67 रह गई हैं. अभी भी भारत में अस्वच्छता से होने वाले अनेक रोगों को रोकना अब भी एक बड़ी समस्या हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध – भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी ने स्वच्छता अभियान चलाकर देश के नागरिकों को इससे जुड़ने का आव्हान किया हैं.

स्वच्छता की जिम्मेदारी सरकारी संस्थाओं की ही नही, प्रत्येक नागरिक की भी हैं. हमारे आस-पास जो गंदगी फैली दिखाई देती हैं इसका कारण हमारी आदते भी हैं. हम चाहे जहाँ कूड़ा फैकते हैं. और गंदगी फैलाते हैं.

खाते खाते केलों के छिलके सडकों को फेकना हमारी आदत हैं. मैंने एक विदेशी को देखा जो केले खाते हुए पैदल चल रहा था. और छिलके अपने कंधे पर लटके थैले में डाल रहा था. अपने आस-पास की सफाई करना अन्य देशों में बुरा नही माना जाता हैं.

महात्मा गांधी अपने आश्रम में शौचालय को भी साफ़ करना बुरा नही मानते थे. महान कहानीकार मुंशी प्रेमचन्द सवेरे घर की झाड़ू स्वयं लगाते थे.

भारत में चलने वाले स्वच्छता अभियान का लक्ष्य लोगों में यही भावना पैदा करना हैं. कि वे अपने घरों और आस-पास की सफाई करने की आदत डाले, ऐसा करने से हम अपने तथा अपने बच्चों के स्वास्थ्य के हित में भी महत्वपूर्ण योगदान दे सकेगे.

उपसंहार- उत्तम स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता आवश्यक हैं. अपने स्कूल, घर, दफ्तर, कारखाने आदि को स्वयं साफ करने का आदत हमें स्वच्छता के विषय में आत्म निर्भर बनाएगी.

इससे हमारे परिवेश में जो परिवर्तन होगा. हमारे स्वास्थ्य के लिए हितकारी होगा. यदपि कठोर दंड व्यवस्था द्वारा भी अस्वच्छता को रोका जा सकता हैं किन्तु स्वच्छता की आदत बनाना एक उत्तम उपाय हैं.

स्वच्छता अभियान पर निबंध

स्वच्छता हर किसी के लिए जरुरी हैं  स्वच्छता पर निबंध, स्वच्छता अभियान निबंध एस्से इन हिंदी, स्वच्छता मिशन भाषण, स्वच्छता अभियान पर निबंध कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10 के छात्रों, स्टूडेंट्स, बच्चों व शिक्षकों के लिए दिया गया हैं. 

स्व च्छता अभियान पर निबंध को 100, 200, 250, 300, 350, 400, 500 शब्दों में बाटा गया हैं.  Swachh Bharat Abhiyan Essay in hindi giving Blow.

स्वच्छता अभियान निबंध 1

खुले में शोच की प्रवृति देश को  अस्वस्थ  बना रही हैं और आज भी देश इस बुराई से लड़ रहा हैं. जब तक खुले में शोच की प्रवर्ती समाप्त नही होगी  स्वच्छ भारत अभियान  के हर प्रयास अधूरे रहेगे.

खुले में शौच के अलावा, देश में स्वच्छता के लिए अन्य गंभीर चुनौती कचरे का निस्तारण हैं. केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय और यूनिसेफ की एक सयुक्त रिपोर्ट के अनुसार ग्रामीण भारत हर रोज 18 अरब लीटर और 40 लाख किवटल ठोस अपशिष्ट पैदा करता हैं. 

नेशनल इनवायरमेंट इंजिनयरिंग रिसर्च इनस्टटयूट नागपुर  के अनुसार देश में हर साल 44 लाख टन खतरनाक कचरा निकल रहा हैं.

इस कचरे में से आधा कागज लकड़ी, कागज या पुट्टा होता हैं. जबकि 22 प्रतिशत अन्य घरेलू कबाड़ या कचरा होता हैं. कचरे के निपटान पुरे देश के लिए समस्या बनता जा रहा हैं.

राजधानी दिल्ली में 1950 से लेकर आज तक 12 बड़े कचरे के ढेर बनाए जा चुके हैं. जो कि सात मंजिल से अधिक ऊँचे हैं, मुंबई का सबसे बड़ा कचरा संग्रह 110 हैक्टर में फैला, देवनार कचरा स्थल हैं. यहाँ पर 92 लाख टन कचरे का ढेर लगा हुआ.

कचरा जन स्वास्थ्य एवं पर्यावरण के लिए एक बड़ी चुनौती बना हुआ हैं. कचरे से रिस कर जहरीला रसायन, भूमि, हवा तथा जल को दूषित कर रहा हैं. और इसके पास रहने वाली अनेक गंभीर आबादी अनेक गम्भीर बीमारियों जैसे मलेरिया, टीबी दमा तथा चर्म रोग से ग्रसित हैं.

मुंबई के देवनार इलाके में बसी बस्तियाँ में प्रत्येक एक हजार बच्चों में 60 बच्चे लेते ही मर जाते हैं, जबकि बाकी मुंबई में यह औसत 30 बच्चे प्रति हजार हैं.

आज के बढ़ते शहरीकरण के अलावा भारत जैसे विकासशील देशो में कचरा प्रबन्धन एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आया हैं. राजधानी दिल्ली का 57 प्रतिशत कचरा यमुना में बहा दिया जाता हैं.

जो कि पर्यावरण के लिए अत्यंत घातक हैं. हमारा कचरा निस्तारण बहुत पुराना हैं. अक्सर कचरा उसे समझा जाता हैं, जो बेकार हो चूका होता हैं.

लेकिन सही और सुनियोजित तरीके से कचरा प्रबन्धन का आशय, कचरे में से उपयोगी तत्वों को सुरक्षित रखा जाना उन्हें पुन: प्रयोग में लाना और पर्यावरण को सुरक्षित रखने का प्रयास हैं.

कचरे का प्रबन्धन और निस्तारण एक गंभीर समस्या के चिन्तन हेतु 7 से 9 सितम्बर 2015 को एंटवर्प (बेलिजियम) में UNEP द्वारा वैश्विक अपशिष्ट प्रबन्धन द्रष्टिकोण रिपोर्ट जारी की गईं. सयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) और अंतरराष्ट्रीय ठोस अपशिष्ट संघ (ISWA) द्वारा जारी की इस रिपोर्ट में कचरा प्रबन्धन पर जागरूकता पैदा करना हैं.

वैश्विक आधार पर कचरा प्रबन्धन के लिए यह प्रथम रिपोर्ट हैं. रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया में डंपिंग स्थलों ( कचरा डालने की जगह) में से एक बन गया हैं. विश्व के प्रमुख 50 डंपिंग स्थलों में 3 स्थल भारत में स्थित हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध 2

अगर हम स्वच्छ भारत अभियान में कचरे का सही ढंग से प्रबन्धन करे तो पर्यावरण की सुरक्षा होगी ही तथा हम सतत विकास की ओर बढ़ेगे. उदहारण के लिए अगर कचरे को सही तरह से एकत्रित किया जाए.

और उनको पुन: चक्रित किया जाए तो तो हमे कच्चे पदार्थ मिल जाएगे. जिससे धातुओ को पाने के लिए खदानों का भार कम होगा, कागज के लिए जंगल कम कटेगे. कागज को पुन: चक्रित कर कम से कम उतने पेड़ो को काटे जाने से रोका जा सकता हैं.

कचरा निस्तारण में घरो से निकले जैविक खाध्य पदार्थो का उपयोग सुनिश्चित किया जाना चाहिए. मीथेन गैस उर्जा का उत्तम स्त्रोत हैं. जो जैव खाद और मिटटी की उर्वरकता बढाने में मददगार हैं.

कचरा प्रबन्धन से प्राकृतिक संसाधनो पर हमारी निर्भरता को कुछ हद तक कम किया जा सकता हैं. क्युकि कचरा प्रबन्धन के उपयोग तथा उनके पुन: उपयोग से एक चक्र बनता हैं.

जो प्राकृतिक संसाधनो के दोहन को रोकने में महती भूमिका निभाता हैं. एक शोध के अनुसार एक टन ठोस कचरे से 55 घन मीटर गैस पैदा होती हैं और 12 हजार घन मीटर गैस से एक मेगावाट बिजली का उत्पादन होता हैं. कचरा प्रबन्धन का एक उत्कृष्ट उदाहरन राजस्थान के मध्यप्रदेश की सीमा से सटे प्रतापगढ़ जिले का हैं.

यहाँ एक कचरा वाहन शुरू किया गया हैं. जो कसबे के प्रत्येक घर से कचरा एकत्रित करने के लिए दिन के अलग-अलग समय में शहर के विभिन्न क्षेत्रो में घुमता हैं.इस कार्य का प्रबंध स्वयसेवी संगठन स्रजन द्वारा किया जाता जाता हैं.

कचरे को एकत्रित करते समय ही इस बात की सावधानी रखी जाती हैं कि निस्तारित करने वाला गीला अवशिष्ट जैसे अलग स्थान पर और पुन चक्रित करने योग्य सूखे कचरे को अलग स्थान पर एकत्रित किया जाता हैं.

नागरिको को इस सम्बन्ध में जागरूक किया गया और कचरे को घर में ही अलग-अलग श्रेणियों में एकत्रित किया जाता हैं. इससे व्यापक स्तर पर कचरे को अलग करने की लागत बच जाती हैं. गीले कचरे से जैविक खाद बनाई जाती हैं.

तथा पुरे कार्य में नगर परिषद की स्रजन का सहयोग कर रही हैं. इसलिए इस जैविक खाद को नीलाम किया जाता हैं जिससे परिषद को अतिरिक्त आय होती हैं. इस प्रणाली को अपनाने के बाद शहर से गंदगी जनित रोग कम फैले हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध 3

कचरा प्रबन्धन की दिशा में आंध्रप्रदेश की बाब्बिब्ली नगरपालिका के प्रयास सराहनीय हैं यहाँ घर से दो प्रकार का कूड़ा अलग-अलग एकत्रित किया जाता हैं.

रसोई से निकले गीले कूड़े को एक पार्क में निर्धारित स्थान पर पशूओ के खाने के लिए रख दिया हैं, बतख, मछली, सूअर आदि अपशिष्ट तथा कुत्तो द्वारा मॉस खा लिया जाता हैं.

शेष को खाद बनाकर बेच दिया जाता हैं, जहाँ उन्हें पुन: चक्रित कर दिया जाता हैं. जो कूड़ा पुन: चक्रित या खाद में परिवर्तित नही किया जाता उसे लैंडफिल में डाल दिया जाता हैं. या फिर जलाकर इसे बिजली प्राप्त कर दी जाती हैं.

आंध्र प्रदेश की ही सूर्यापेट नगरपालिका एक कदम आगे हैं. यहाँ किराणा दुकानों मिट विक्रेताओ को थैला लाने पर एक से पांच रूपये की छुट दी जाती हैं. इन शहरों की सड़के आज भी साफ़ हैं.

कचरा प्रबन्धन के चलते मैसूर भारत का सबसे स्वच्छ शहर हैं. मैसूर की स्वच्छता का सम्पूर्ण दायित्व वहां स्थानीय लोग उठाते हैं. पूर्वी मैसूर के कुंबर केप्प्ल में नागरिक कार्यकर्ता जिरो वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट की देखरेख करते हैं. चार घंटो तक वे पांच हजार घरो से अलग-अलग कचरा जमा करते हैं, जिसमे गीले और सूखे कचरे को अलग-अलग जमा किया जाता हैं.

और उस कचरे को वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट में भेज दिया जाता हैं. 45 दिनों के प्रशोधन के बाद खाद में बदल दिया जाता हैं. जिसे किसान ले जाते हैं. वही सूखे कचरे जैसे प्लास्टिक और ग्लास आदि को जमा कर बेच दिया जाता हैं. मैसूर के नौ में से एक प्लांट की स्थापना मैसूर नगर निगम द्वारा की गई.

ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन के विकेंद्रीकरण से न केवल केन्द्रीय सयंत्र का भार कम होता हैं. यहाँ एक वार्ड में 30 नागरिक कार्यकर्ताओ को कचरा जमा करने से लेकर संसाधित करने का दायित्व दिया जाता हैं.

ठोस अपशिष्ट प्रबन्धन एक वार्ड से 25 हजार रूपये प्रतिमाह की आय होती हैं. जिससे क्षमता संवर्द्धन और जागरूकता कार्यक्रमों में उपयोग किया जाता हैं.

उपर्युक्त उदाहरनो से स्पष्ट हो जाता हैं कि कचरा प्रबन्धन से कचरे को संसाधन में परिवर्तित किया जा सकता हैं. वही अपने मोहल्ले क्षेत्र, गाँव राज्य और देश को स्वच्छ बनाया जा सकता हैं.

इस दिशा में हमारे प्रमुख मंत्रालय नए कानून और नियम बनाने की प्रक्रिया में हैं. कचरा प्रबन्धन के साथ ही हमे कम कचरा पैदा करने का प्रयास किया जाना चाहिए.

‘स्वच्छता बनाए रखने के लिए अनेकानेक प्रयास करने की आवश्यकता हैं हैं इसके साथ ही हमे यह जानना चाहिए कि भारत में स्वच्छता को जीवन मानने की अलख किसने जगाई थी. क्या आप जानते हैं वौ कौन हैं ? वो देश के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ही हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध 4 (स्वच्छता का महत्व )

एक बार एक अंग्रेज में महात्मा गांधी से पूछा, यदि आपकों एक दिन के लिए भारत का लाट साहब बना दिया जाए तो आप क्या करेगे? गाँधीजी ने कहा- राजभवन के पास जो गंदी बसती हैं मै उसे साफ़ करुगा. अंग्रेज ने फिर कहा, मान लीजिए फिर आपकों उस पद पर रहने दिया जाए तो, गांधी ने फिर कहा दुसरे दिन भी वही करुगा.

सत्य के अन्वेषक के रूप में , गांधीजी ने बहुत सतर्क जीवन शैली अपनाई और स्वच्छता को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान की. गांधीजी ने अनुभव किया कि सफाई का राष्ट्र निर्माण में अपरिहार्य स्थान हैं. और कहा’ स्वच्छता का स्थान ईश्वर के करीब हैं’

सार्वजनिक स्वच्छता के प्रति शहर के लोगों के बेरुखी भरे रेवैयेपर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा ‘ यह सोच सुविधाजनक हैं नही हैं कि लोग बम्बई की सड़को पर निरंतर इस खौफ के इस छाए में चलते हैं कि बहुमंजिली इमारते के बाशिंदे उन पर थूक सकते हैं’

स्वास्थ्य के द्रष्टिकोण से गांधीजी ने गाँवों की स्थति को शोचनीय बताया. ‘ हमारी गरीबी का एक प्रमुख कारण स्वच्छता की अनिवार्य जानकारी उपलब्ध नही होना हैं.

यदि गाँवों की साफ़-सफाई में सुधार लाया जाए तो लाखों रूपये आसानी से बचाए जा सकते हैं और लोगों की दशा में कुछ हद तक सुधार लाया जा सकेगा.

लोक सेवक संघ के सविधान के मसौदे में उन्होंने कार्यकर्ताओ के सम्बन्ध में लिखा था-” कार्यकर्ता को गाँव की स्वच्छता और सफाई के बारे में जागरूक करना चाहिए और गाँवों में फैलने वाली बीमारियों को रोकने के सभी कदम उठाने चाहिए”

गांधीजी का विशवास था कि जो देश की भावी आधारस्तम्भ हैं अर्थात विद्यालय और विद्यार्थी जहाँ स्वच्छता का ज्ञान होना चाहिए. 20 मार्च 1916 को गुरुकुल कांगड़ी में दिए गये भाषण में उन्होंने कहा था. ‘

गुरुकुल के बच्चों के लिए स्वच्छता और सफाई के नियमों के ज्ञान के साथ ही उनका पालन करना भी प्रशिक्षण का अभिन्न हिस्सा होना चाहिए”

इन अदम्य स्वच्छता निरीक्षको ने लगातार लगातार चेतावनी दी हैं, कि स्वच्छता के बारे में सब कुछ ठीक नही हैं.. मुझे लग रहा हैं कि स्वच्छता पर आगन्तुको के लिए वार्षिक व्यवहारिक सबक देने के सुनहरे मौके को हमने खो दिया हैं.

स्वच्छता अभियान निबंध 5 (swachh bharat in hindi )

गांधीजी ने स्वच्छता को शुद्दता के कार्य के रूप में देखा. गांधीजी के सचिव प्यारेलाल इस सम्बन्ध में नौखाली का किस्सा सुनाते हैं. जहाँ गांधीजी हिन्दुओ और मुसलमानों के बिच सद्भाव कायम करने के लिए कोने-कोने में जा रहे थे.

वे लिखते हैं कि नोआखली के लिए वह ओस से भी गीली रात थी. जिस संकरे फुटपाथ पर गांधीजी को चलना था. उस पर बहुत फिचलन थी. फुटपाथ बहुत संकरा था इसलिए उनके दल के लोग एक एक कर आगे बढ़ सकते थे.

अचानक इस समूह को रुकना पड़ा क्युकि गांधीजी सूखी पतियों की मदद से फुटपाथ से मल हटा रहे थे. कुछ साम्प्रदायिक शरारती तत्वों ने फुटपाथ को गन्दा कर दिया था.

मनु ने पूछा, आपने मुझे क्यों नही करने दिया? आपने इस तरह हम सभी को शर्मसार क्यों किया ? गांधीजी ने हंसते हुए कहा- तुम उस आनन्द के बारे में नही जानती, जो ऐसे काम करने में मुझे प्राप्त होता हैं.

आप सभी को गांधीजी का यह उद्बोधन आश्चयर्यचकित लगा होगा कि कैसे एक व्यक्ति को मल साफ़ करने में आनन्द प्राप्त हो सकता हैं.

इस बात को समझने के लिए अपने द्रष्टिकोण को परिवर्तित करना होगा. क्या इस धरा पर ऐसा कोई व्यक्ति हैं. जिसे गंदगी देखने में अच्छी लगती हो. नही ना! परन्तु विडम्बना यह हैं.

कि हमे गंदगी देखना तो अच्छा नही लगता पर हम उस जगह से आँख मुदकर निकल जाना बेहतर समझते हैं. या प्रशासन को कोचते हैं. राष्ट्रभक्त वही करता हैं या कहता हैं. जो बापू ने किया.

मध्यप्रदेश के एक नवयुवक ने गांधीजी का आशीर्वाद लेने के लिए सेवाग्राम आश्रम में उनसे भेट की, उस युवक ने प्रशासनिक सेवा की प्रारम्भिक परीक्षा उतीर्ण कर ली थी. बापू ने उस युवक से प्रश्न किया-तुम आईसीएस क्यों बनना चाहते हो?

युवक ने उत्तर दिया, भारत की सेवा करने के लिए. बापू ने परामर्श दिया- गाँव में जाना और साफ़-सफाई करना भारत की उत्कर्षट सेवा हैं और इसके पश्चात् आईसीएस बनने के इच्छुक अप्पा पटवर्धन सफाई की कला में विशेष्यज्ञता हासिल कर देश के स्वाधीनता सेनानियों में शामिल हो गये.

गांधीजी ने ट्रेन के तृतीय क्लास के डिब्बे में बैठकर देशभर में प्रवास किये थे. वह भारतीय रेलवे के तीसरे श्रेणी के डिब्बे की गंदगी को देखकर स्तम्भ थे.

उन्होंने 25 सितम्बर 1917 को समाचार पत्र में लिखे एक पत्र के माध्यम से आमजन का इस ओर ध्यान आक्रष्ट किया. उन्होंने लिखा इस तरह की संकट की स्थति में यात्री को परिवहन बंद कर देना चाहिए जिस तरह की गंदगी की यह स्थति इन डिब्बो में हैं.

उसे जारी रहने नही दिया जा सकता क्युकि वह हमारे स्वास्थ्य और नैतिकता को प्रभावित करती हैं. निश्चित तौर पर तीसरी श्रेणी के यात्री को जीवन की बुनियादी जरुरत हासिल करने का अधिकार तो हैं. ही तीसरे श्रेणी के यात्री की उपेक्षा कर लाखों लोगों की व्यवस्था, स्वच्छता, शालीन जीवन की शिक्षा देना, सादगी और स्वच्छता की आदते विकसित करने का बेहतरीन मौका गँवा रहे हैं.

स्वच्छता अभियान हिंदी निबंध कक्षा पांच से बारहवीं के लिए

Cleanliness campaign Hindi essay for class five to XII:  स्वच्छ भारत अर्थात स्वच्छता अभियान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2 अक्टूम्बर 2014 शुरू किया गया| जिन्हें महात्मा गाँधी जयंती 2020 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित हैं|

आज आपके लिए स्वच्छ भारत अभियान नारे और कुछ लोकप्रिय उद्दरण स्वच्छ भारत अभियान नारे के अलावा स्वच्छ भारत अभियान पर कविता जो हमारे प्रधानमन्त्री के मिशन स्वच्छ भारत स्वस्थ भारत को साकार कर सके|

(स्वच्छता अभियान हिंदी निबंध) essay on swachh bharat swasth bharat in hindi

छात्र-छात्राओं के लिए स्वच्छ भारत अभियान पर भाषण और हिंदी निबन्ध की इस श्रखला में सभी विद्यार्थियों के लिए कक्षा 5 से 6, 7, 8, 9, 10, 11 और बाहरवी के स्टूडेंट्स के लिए स्वच्छ भारत अभियान मराठी निबंध में यहाँ उपलब्ध हैं|

यहाँ स्वच्छ भारत अभियान मराठी माहिती निबंध पढने के लिए गूगल ट्रांसलेटर टूल के जरिये आप स्वच्छ भारत मिशन योजना के इस लेख को मराठी, अग्रेजी, गुजराती, अग्रेजी, उर्दू, पंजाबी और अन्य भाषाओं में रीड कर सकेगे|

वर्तमान में स्वच्छ भारत मिशन शौचालय निर्माण का दूसरा चरण मार्च 2017 से 2020 तक चल रहा हैं| जिसकी प्रगति रिपोर्ट और आकड़े आपके लिए यहाँ एकत्रित किये गये हैं|

स्वच्छता अभियान हिंदी निबंध कक्षावार

आज स्वच्छता अभियान के इस लेख में सभी क्लास के विद्यार्थियों के भाषण और निबन्ध यहाँ दिए जा रहे हैं| सम्बन्धित कक्षा के बोद्दिक स्तर के अनुकूल शब्द सीमा में तथ्यात्मक जानकारी के साथ शुरू किया गया हैं| लीजिए मित्रो शुरू करते हैं,स्वच्छता अभियान निबंध कक्षा 1 के छात्रों के लिए-

स्वच्छता अभियान-निबंध/भाषण कक्षा 1

आजकल स्वच्छता का अर्थ हमे बेहद सकीर्ण रूप से लेते हैं|

स्वच्छता की परिभाषा को परिभाषित करना चाहे तो इनके सामान्य अर्थ(शब्दार्थ) निर्मलता, पवित्रता, सफ़ाई और उज्ज्वलता होते हैं| जिन्हें अंग्रेजी भाषा में cleanliness और neatness भी कहा जाता हैं|

अंग्रेजी व्याकरण में इसके पर्यायवाची शब्दों को तलाशे तो sincereness, sereneness,pellucidity,trimness, nattiness,primness, orderliness जैसे शब्दों से इसे परिभाषित किया जा सकता हैं|

यह स्वच्छता शब्द का जन्म आधुनिक समय की ही देन हैं| ओद्योगिक क्रांति के समय 18व़ी और 19व़ी सदी में यूरोप और अमेरिका में गंदगी का बेहद बोलबाला था| इस वजह से कई भयानक बीमारियाँ पनपनी शुरू हो गयी थी|

स्थानीय मशीनरीज और संस्थाओ ने जन-जागरूकता फैलाने के लिए स्वच्छता के सिद्दांत की खोज की| साफ़-सफाई और स्वच्छता को इश्वर के साथ जोड़कर इसे एक ईश्वरीय गुण की उपाधि दी गयी|

इस सिद्दांत में आमजन की भावनाओं को मूल में रखकर गंदगी करने वालों को जधन्य पाप की श्रेणी में माना गया| शालाओं में शारीरिक विषय के पाठ्यक्रम को पढाया जाने लगा|

उस समय लोगों में स्वच्छता मिशन के प्रति जागरूकता लाने के लिए इसे पाप और पुण्य जैसे धार्मिक हथकंडो को अपनाया गया| वैसे स्वास्थ्य का सीधा सम्बन्ध प्रत्येक व्यक्ति दे होता हैं, जिन्हें परिभाषित करने और समझने का अपना-अपना व्यू हैं|

समग्र स्वच्छता की बात करे तो इसमे आपके शारीरिक,मानसिक और बोद्दिक स्वच्छता की बात करते हैं| जिनमे सबसे बड़ी भूमिका आपके बाहरी वातावरण की होती हैं, व्यक्ति वैसा ही व्यवहार करता हैं| जिस वातावरण में वह रहता हैं उसका सीधा प्रभाव पड़ता हैं|

स्वच्छता अभियान  निबंध/भाषण कक्षा 2

समय के साथ स्वच्छता अभियान के अलग-अलग मतलब भी निकाले गये | आरम्भिक समय में साबुन और सूप को स्वच्छता से जोड़कर देखा जाता था| इसके पीछे लोजिक यह था कि बिमारी जीवाणुओं के कारण ही पनपती हैं| जिन्हें स्वच्छता रखकर नियंत्रित किया जा सकता हैं|

आज भी बहुत सारे लोग ये मानते हैं, कि दुनिया में कोई व्यवसाय या कारोबार करने से पैसा मिलता हैं, फिर हम साफसफाई क्यों करे| इसके लिए पगार कौन देता हैं| जब बात की जाती हैं, पर्यावरण की रक्षा की तो इससे हमे क्या मिलेगा|

बस यही से स्वच्छता अभियान का अभिप्राय अपने शरीर को साफ़-सुथरा रखने की रीती गढ़ दी गईं| मगर सर्वागींण स्वच्छता यही नही हैं, मानसिक,बौद्धिक,शारीरिक,आध्यात्मिक और पर्यावर्णीय स्वच्छता इसका हिस्सा हैं|

स्वच्छता अभियान  निबंध भाषण कक्षा 3

शारीरिक स्वच्छता प्रत्येक व्यक्ति के लिए बेहद आवश्यक हैं| यदि हम ऐसा नही करते हैं तो निकट भविष्य में हमे और अपने परिवार को कई तरह की मुशिब्तो का सामना करना पड़ सकता हैं|

हमे अपने शरीर अपने आस-पास के वातावरण की साफ़-सफाई का पूरा ध्यान रखना चाहिए| इसमे हमे कुछ वितीय खर्च आए तो भी इनसे मुह फेरने की बजाय स्वय जिम्मेदारी लेकर उनकी मरम्मत करवाए, हो सकता हैं|

इन्ही अव्यवस्थित वस्तुओ से पनपने वाली गंदगी और जीवाणु आपके परिवार के किसी सदस्य को बीमार कर सकती हैं| अथवा जान भी ले सकती हैं|

भारत सरकार के स्वच्छ भारत मिशन में हम स्वय अपनी और अपने आस-पास के परिद्रश्य की साफ़-सफाई रखकर बड़ा योगदान दे सकते हैं|

केंद्र सरकार खुले में शोच जाने से देश को मुक्त करने के लिए निरंतर प्रयत्न कर रही हैं| भारत सरकार की शौचालय योजना तभी अपने उदेश्यों में सफल हो सकेगी जब हम अपना सक्रिय योगदान दे|

एक जिम्मेदार विद्यार्थी होने के नाते आज मै यह प्रतिज्ञा करता हु.. मै स्वयं साफ़-सुथरा रहुगा| न तो गंदगी फैलाउगा न किसी को फ़ैलाने दुगा|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 4

स्वच्छ भारत अभियान का महत्व महात्मा गाँधी की एक उक्ति ” स्वच्छता स्वत्रन्त्रता से अधिक जरुरी हैं”

आज से 100 साल पहले गांधीजी द्वारा देखे गये स्वच्छ भारत के सपने को साकार करने का सकल्प माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी ने उठाया हैं| हम सभी देश के जिम्मेदार नागरिको का यह कर्तव्य बनता हैं|

हम अपने प्रधानमन्त्री के स्वच्छ भारत अभियान के सहयोगी बनने और राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी के इस सपने को सन 2020 को 2 अक्टूबर उनकी 150 व़ी जयंती पर स्वच्छ भारत का नक्शा समर्पित करे|

यह सच हैं जब तक कोई सरकारी कार्य या मिशन पूरा नही होता जब जनता का सहयोग न हो| स्वच्छता अभियान के इस सपने को साकार करने के लिए हमे घर-घर शौचालय बनाने भर पर्याप्त नही हैं|

हमारी जिम्मेदारी बनती हैं, हम समाज में एक नई सोच विकसित करे जो स्वच्छता अभियान में सक्रिय भूमिका निभाए| घर में बने शौचालयों का उपयोग करे और सरकार के प्रयास को सार्थक बनाए|

देश इस गंदगी का दश बेहद झेल चूका हैं| यहाँ तक की हमारे देश को बुढा भारत तक कहा जा चूका हैं| इसकी वजह हमारी आदतों में निर्मलता और स्वच्छता को इतना महत्व नही दिया गया हैं|

बड़ी आबादी इस गंदगी के माहौल के कारण बीमार ही रहती हैं| जिनका सीधा असर हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ता हैं, जिस तरह एक लगडा घोड़ा रेस जीत नही सकता. हम भी इस तरीके से तो आगे नही बढ़ सकते|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 5

देश के अरबन एरिया में सरकार द्वारा स्वच्छता अभियान को पूरा करने के लिए दो मापदंड अपनाए हैं| देश के सभी एक करोड़ दस लाख घरो में शौचालय का निर्माण करवाया जाए और कचरे का ठोस निपटान किया जाए|

इसके लिए ढाई-ढाई लाख सार्वजनिक और सामुदायिक शौचालयों का भी निर्माण करवाया जाना हैं| इस शौचालयों को घनी आबादी और सार्वजनिक स्थल जैसे बस स्टॉप, रेलवे स्टेशन हवाई अड्डा, खेल मैदान के सा-पास बनाए जाने प्रस्तावित हैं|

यदि हम एक नजर उठाकर आस-पास के शहरों के हालात देखे तो बेहद दयनीय हैं| हालाँकि शहरो की तुलना में गाँवों की स्थति बेहद सुविधाजनक हैं| घर-घर शौचालय उपलब्ध करवाना बेहद कठिन हैं| स्वच्छता अभियान के लिए सामुदायिक शौचालयों के द्वारा भी चल रही स्थति को काफी हद तक बदला जा सकता हैं|

दूसरी तरफ अपशिष्ट और कचरे के निपटन के लिए केंद्र सरकार 9 हजार करोड़ खर्च कर चुकी हैं| इस मिशन को 2 अक्टूबर 2020 तक पूरा किया जाना प्रस्तावित हैं|हमे यदि स्वच्छ भारत बनाना हैं|

 स्वय खुले में शौच जाने की प्रवर्ती को खत्म करनी होगी| साथ ही लोगों को भी इस दिशा में अग्रसर करना होगा | और अपने आस-पास सफाई अपने ऑफिस या कमरे की सफाई स्वय करने की आदत विकसित करनी होगी|

हमे बापू के सपने को पूरा करके दिखाना हैं| वाकई में यदि हम इस मिशन में 50 फीसदी भी सफल हो गये तो विश्व में भारत की छवि को और बेहतर और साफ़-सुथरी बना सकते हैं|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 6

भारत प्राक्रतिक सौदर्य का देश हैं किसी महाद्वीप में जितने दर्शनीय स्थल नही हैं उतने हमारे देश में हैं|यदि भारत की साफ़ सुथरी तस्वीर विश्व के अन्य देशो तक पहुचेगी तो यकीनन हमारा टूरिज्म कई गुना बढ़ सकता हैं जिससे हमारी अर्थव्यवस्था मजबूत होगी|

स्वच्छता अभियान में स्कुल एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं भारत के भविष्य की इस पौधशाला में कई कार्यक्रम आयोजित करवाए जा रहे हैं| जिसके जरिए बच्चो में स्वच्छता के प्रति जागरूकता और इसके महत्व को अच्छी तरह समझ सके|इस कार्यक्रम के तहंत महात्मा गाँधी के वक्तव्यों और स्वच्छता से जुड़े विचार शिक्षा पाठ्यक्रम में समाहित किया गया हैं|

साथ ही बारिवार स्वय छात्रों को अपने कक्षा कक्ष शोधशाला और रसोई घर में साफ़ सफाई के द्वारा उनमे अच्छी आदते विकसित की जा रही हैं|साथ ही शिक्षको को भी निर्देश दिया गया हैं वे स्वय अपने कार्यालय की सफाई करे जिससे छात्रों में अच्छा संदेश प्रसारित किया जा सके|

स्वच्छता अभियान में बच्चो से उनके खेल मैदान में सफाई विद्यालय भवन के आस-पास की सफाई और पेड़ पौधो की सुरक्षा की आदते भी विकसित की जा सकती हैं|

विभिन्न संस्कृतिक कार्यक्रमों,प्रतियोगिताओ और सफाई अभियान के द्वारा एक अच्छा संदेश विद्यार्थियों और समाज में प्रसारित करने की कोशिश की जा रही हैं|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 7

भारत सरकार ने स्वच्छता अभियान के पिछले दो वर्षो की प्रगति रिपोर्ट जारी की हैं इस सूचि में देशभर के 80 शहर सम्मलित हैं| जो नगर निगम की श्रेणी में आते हैं इनकी जनसंख्या 10 लाख से उपर की हैं|

इस सूची को बनाने के लिए एक टीम का गठन किया जिन्होंने देश के सभी राज्यों के शहरों का दौरा किया| किस शहर में सफाई व्यवस्था कैसी हैं

इस पर आधारित इस सूची के टॉप में उन शहरों को स्थान दिया गया हैं जिनकी सफाई व्यवस्था सबसे अच्छी हैं| वे स्वच्छता अभियान के स्वच्छ शहर हैं|

इस सूचि के उपरी शहरों में कर्नाटक का मैसूर शहर देश का सबसे स्वच्छ शहर हैं, इसके बाद punjab का चण्डीगढ़, फिर तमिलनाडू का चिरापल्ली, चौथा स्थान राजधानी नई दिल्ली का हैं|

फिर विशाखापत्तनम और इसके बाद गुजरात के दो शहर सुरत और राजकोट फिर सिकिम की राजधानी गंगटोक और नौवे और दसवे स्थान पर महारास्ट्र राज्य के दो शहर ग्रेटर मुंबई और पिपरी आते हैं|

इस सूची में दिल्ली चोथे स्थान पर हैं, इससे अंदाजा तो कर सकते हैं नीचें की सूची के शहरों के हालात क्या हैं| हम अपने-अपने घर को साफ़ सुथरा रखकर भी अपने शहर को सुंदर बना सकते हैं|

कचरे को इधर उधर न फेककर यदि कचरा पेटी में डाले तो बहुत बड़े बदलाव देखे जा सकते हैं| सरकार अपने बजट का काफी बड़ा हिस्सा सफाई कर्मचारियों और स्वास्थ्य सेवाओं में खर्च करती हैं|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 8

स्वच्छता अभियान की इस सूची के अंतिम दस शहरों की बात की जाए तो इसमे भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तरप्रदेश के तीन मेरठ और वाराणसी और गाजियाबाद आते हैं झारखंड के दो बिहार छतीसगढ़ और अरुणाचल प्रदेश की राजधानी क्षेत्र भी इस सूची के अंतिम पायदानों पर हैं|

हालात बदले नही हैं बल्कि अब बदले जाने हैं हम और आप मिलकर इस स्थति को सुधारेगे| जरुर आपकों एक सूचि से निराशा हाथ लगी होगी मगर ये आकडे जनवरी 2016 के हैं, जिनके बाद कई बड़े बदलाव हुए हैं प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान में 50 लाख से अधिक विद्यार्थी और शिक्षक स्वैछिक रूप से अपनी सेवाए दे रहे हैं|

साथ ही बॉलीवुड,व्यापार,खेल जगत शिक्षा और राजनीती के कई ऐसे सितारों को इस कार्यक्रम का ब्रांड अबेसदर बनाया हैं|

जो इस कार्यक्रम को जन-जन तक पहुचाने का कार्य कर रहे हैं| स्वच्छ भारत अभियान से ये हस्तियाँ जुड़ीं हुई हैं| सचिन तेंडुलकर, राज्ययोगी ब्रह्मकुमारी, किरण बेदी , अरुण पुरी,गुनुपति वेंकट कृष्ण रेड्डी,प्रियंका चोपड़ा,सोनल मानसिंह, दादी जानकीजी, मृदुला सिन्हा, कपिल शर्मा, अखिलेश यादव, सलमान खान,महेन्द्र सिंह धोनी, ईआर. दिलकेश्वर कुमार, विराट कोहली,के कविता, के कविता,स्वामी रामभद्राचार्यसुरेश रैना,हम्पी कोनेरू,वी.वी.एस. लक्ष्मण,राजू श्रीवास्तव,जे रामेश्वर राव,एस पी बालासुब्रह्मण्यम, पुलेला गोपीचंद, मोहम्मद कैफ ये सूचि बेहद लम्बी हैं|

ये वे हस्तियाँ हैं जिनके फॉलोवर करोड़ो में हैं|

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 9

भारत के इतिहास में महात्मा गाँधी पहले व्यक्ति थे| जिन्होंने देश में व्याप्त गंदगी और गरीबी पर लोगों में जागरूकता लाने के प्रयत्न कियें| महात्मा गाँधी आजादी से ज्यादा महत्वपूर्ण स्वच्छता को मानते थे|

क्युकि वे जानते थे देश तो आजाद हो जाएगा मगर लोगों की आदतों से भली-भांति परिचित थे| इसमे बदलाव लाना बेहद कठिन हैं| उन्होंने कहा था हम पिछड़े या गरीब हैं तो इसका कारण हमारी दिनचर्या और स्वच्छता के प्रति ध्यान न देना हैं| आज जो देश विकसित हैं|

उनकी ताकत वहा की स्वस्थ आबादी हैं एक बीमार देश कभी भी सुपरपॉवर नही बन सकता हैं| महात्मा गाँधी की इस बात में पूर्ण सत्यता थी|

इस देश का दुर्भाग्य हैं आजादी के 77 साल बाद भी राष्ट्रपिता की इच्छा को किसी ने पूरा करने का साहस नही दिखाया माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी इस बात को पहले से समझ चुके थे महात्मा गाँधी स्वच्छ भारत का सपना देखना चाहते थे|

नरेंद्र मोदी सुपरपॉवर का अतः नरेंद्र मोदी ने अपने कार्यकाल के पहले ही वर्ष स्वच्छता अभियान का बीड़ा उठाया| विश्व के किसी भी देश में राजनेताओ की छवि से स्वय को अलग करते हुए एक आम आदमी की तरह इन्होने न सिर्फ अपनी प्रतिबधता दोहराई बल्कि स्वय राजपथ की सड़को पर अपने हाथ से झाड़ू लगाईं|

स्वच्छता अभियान क्या हैं ?

यह सत्य हैं नकारा नही जा सकता हैं हम आलसी हैं और जल्द ही बीती बात भूल जाते हैं| नरेंद्र मोदी ने स्वय झाड़ू उठाई तो लाखोँ लोगों और सरकारी कर्मचारियों ने भी झाड़ू लगाईं थी|

मगर वहीं नजर आ रहा हैं रात गईं बात गईं| अभियान में लग्न से लगे प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी आज भी स्वयं अपने कार्यालय की सफाई करते हैं|

हमे भी यह आदत विकसित करनी होगी| जब इस देश का प्रधानमन्त्री झाड़ू से सडक पर सफाई कर सकता हैं| तो आखिर हम क्यों नही अपने घर में झाड़ू लगा सकते हैं|

स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 को शुरू किया गया था| इसके उद्घाटन के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने संसद में भाषण दिया था| उन्होंने कहा था हम स्वच्छ भारत अभियान आरम्भ करने जा रहे हैं|

जिनमे देश के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रो में स्वच्छता पर विशेष तोर पर ध्यान देने के अतिरिक्त कचरे निपटान पर भी ध्यान दिया जाएगा|नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर कहा था हमे बापू की 150 व़ी जयंती पर एक स्वच्छ और आदर्श भारत का निर्माण करना हैं|

इसके लिए प्रधानमन्त्री ने देश वासियों से प्रतिवर्ष 100घंटे इस स्वच्छता अभियान में योगदान देने का अनुरोध किया था|

स्वच्छ भारत मिशन योजना के आंकड़े

  • योजना की शुरुआत- 2 अक्टूबर 2014
  • पूरी करने की तिथि- 2 अक्टूबर 2020
  • सरकार – भारतीय जनता पार्टी
  • कुल बजट- 1,96,009 करोड़ रुपये
  • उपलक्ष्य- राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी
  • स्लोगन- नीट & क्लीन इंडिया
  • वेबसाइट- swachhbharat.mygov.in
  • लीडर- नरेंद्र मोदी
  • शौचालय की लागत- 12,000 सरकार द्वारा सहायता
  • कुल शौचालय -1 करोड़ 10 लाख
  • प्रमुख मुद्दे- कचरा निपटान, शौचालय निर्माण और उपयोग
  • स्थान -नई दिल्ली

स्वच्छता अभियान निबंध भाषण कक्षा 10

स्वच्छ भारत अभियान प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट हैं जिनकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2017 को की गईं| इन्हे कई अलग-अलग नामो से जाना जाता हैं जैसे क्लीन इंडिया मिशन, स्वच्छ भारत मिशन, स्वच्छता अभियान इत्यादि|

इस प्रोजेक्ट की शुरुआत में ही प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने सभी देशवासियों को सक्रिय योगदान देने के लिए अपील की थी| यह एक राष्ट्रव्यापी कार्यक्रम हैं विश्व का सबसे बड़ा मिशन को अगले पांच वर्षो में 2 अक्टूबर 2020 तक पूरा किया जाना हैं|

इस मिशन को पूरा करने के लिए केंद्र सरकार ने शौचालय निर्माण और कचरे निपटान के सयंत्र भी लगवाए हैं| भारत ने स्वच्छता अभियान को पूरा करने के लिए विश्व बैंक से 96697500000 रूपये का लोन लिया हैं|

बड़ा दर्द होता हैं जब हमारी सरकार इतने प्रयास और पैसे खर्च करके भी लोगों से कुछ अच्छा करने की अपेक्षा करने की उम्मीद करती हैं|

तो परिणाम अपेक्षाकृत नही आते हैं| आज भी हम बड़ी संख्या में ऐसे लोगों को देख सकते हैं जो सरकार द्वारा वितीय सहायता उपलब्ध करवाने के बावजूद शौचालयों का निर्माण Construction of toilets नही करवाते हैं|

Swachh Bharat Abhiyan

Swachh Bharat Abhiyan is a dream project of Prime Minister Narendra Modi, which started on 2 October 2017. These are known by many different names such as Clean India Mission, Clean India Mission, Sanitation Campaign etc.

At the beginning of this project, Prime Minister Narendra Modi appealed to all the citizens to make active contribution. This is a nationwide program to be completed in the next five years by 2 October 2020, the world’s largest mission.

In order to fulfill this mission, the Central Government has also set up toilet and garbage disposal plants. India has taken a loan of 96697500000 from the World Bank to complete the Sanitation Campaign. वर्तमान स्थति (present situation)

यदि किसी सरकारी काम में रूकावट के डर से बनवा भी लेते हैं तो इनका उपयोग नही करते हैं| शौच के लिए वही रेलवे पटरी, खेतो में या झाड़ियो के पीछे ही जाते हैं| सभी शिक्षित नागरिको (Educated citizens) की यह जिम्मेदारी बनती हैं|

हम लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करे और स्वय भी आदतों को बदले और समाज के लिए एक उदाहरन पेश करे| लोगों को यह सोचना चाहिए आखिर सरकार आपके भले के लिए ही कर रही हैं | तो फिर स्वच्छता अभियान में सहयोग करने से पीछे नही हटना नही चाहिए|

स्वच्छता अभियान मेरा योगदान

  • स्वय साफ़ सुथरे रहे और कम से कम अपने परिवार के लोगों को ऐसा कहे|
  • कचरा इधर उधर ना फेके|
  • कोई कचरा फेक रहा हो तो उन्हें ऐसा ना करने के लिए समझाए|
  • अपने घर में शौचालय का निर्माण करवाए और उपयोग करे|
  • अपने विद्यालय को साफ़-सुथरा बनाने में रूचि दिखाए|
  • ऑफिस जाते हैं तो स्वय झाड़ू निकाले|
  • घर का कचरा इधर उधर न फेककर कचरा पेटी में ही डाले|
(Keep yourself clean and at least say to your family members. The garbage does not stop here. If someone is throwing garbage, then explain to them not to do this. Build and use toilets in your home. Show your interest in making your school clean. If you go to the office then you sweep the broom. Do not throw the garbage at home and put it in the trash.)

 निष्कर्ष

स्वच्छता अभियान  Cleanliness campaign के सम्बन्धित सम्पूर्ण जानकारी हमने आप तक पहुचाने की कोशिश की उम्मीद करते हैं, आज का लेख आपकों पसंद आया होगा|इस लेख को सोशल मिडिया पर अधिक से अधिक शेयर कर आप भी  स्वच्छता अभियान  में भूमिका निभा सकते हैं|

We look forward to reaching out to you about all the information related to the cleanliness campaign. Today’s accounting would have liked you.

You can also play a role in the cleanliness campaign by sharing more and more articles on this social media.

Swachata Abhiyan In Hindi Essay  For class 1,  class 2, class 3, class 4,  class 5,  class 6,  class 7,  class 8,  class 9,  class 10,  class 11,  class 12.

  • स्वच्छता पर छोटी कविता
  • सफाई स्वच्छता पर नारे
  • स्वच्छता के प्रकार
  • स्वच्छता की परिभाषा और महत्व

उम्मीद करता हूँ दोस्तों Swachata Abhiyan In Hindi Essay | स्वच्छता अभियान हिंदी निबंध का यह लेख आपकों पसंद आया होगा, यदि आपकों इस निबंध में दी गई जानकारी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरुर करें.

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Short Essay

Swachhta Pakhwada Essay – 10 Lines, 100, 500, 1000 Words

Swachhta Pakhwada Essay in English: Dive into the heart of India’s cleanliness initiative with this insightful Swachhta Pakhwada Essay . Uncover the roots of this nationwide campaign, its significance in promoting hygiene and sanitation, and the impact it has on communities across the country.

Explore the key objectives, strategies, and success stories that highlight the transformative power of Swachhta Pakhwada in fostering a cleaner and healthier nation. Whether you’re interested in social initiatives, public health, or community development, this article provides a thorough examination of the Swachhta Pakhwada movement and its role in shaping a brighter, more sustainable future for India.

Swachhta Pakhwada Short Essay in 100 Words

Table of Contents

Swachhta Pakhwada Essay in English in 10 Lines

Explore the essence of India’s Swachhta Pakhwada initiative in this concise essay, highlighting its goals, impact on hygiene and community well-being, and the nation’s commitment to fostering a cleaner and healthier society.

  • Swachhta Pakhwada is a nationwide cleanliness campaign in India.
  • It aims to promote cleanliness, hygiene, and sanitation practices.
  • The initiative is organized twice a year for two weeks.
  • Swachhta Pakhwada involves various activities and programs.
  • Schools, colleges, government offices, and communities actively participate.
  • The campaign emphasizes waste management and proper disposal.
  • It contributes to the Swachh Bharat Abhiyan mission.
  • Awareness programs and cleanliness drives are integral components.
  • Swachhta Pakhwada plays a crucial role in changing public behavior.
  • The initiative reflects India’s commitment to building a cleaner and healthier nation.

Swachhta Pakhwada Essay in 100 Words – Short Essay

Explore the transformative impact of Swachhta Pakhwada, a biannual nationwide cleanliness campaign in India, fostering hygiene, sanitation, and community engagement, contributing significantly to the Swachh Bharat Abhiyan mission and reflecting the nation’s commitment to building a cleaner and healthier society.

Swachhta Pakhwada is a pivotal biannual cleanliness initiative in India, spanning two weeks and promoting hygiene and sanitation. It involves widespread participation from schools, colleges, government offices, and communities.

The campaign integrates diverse activities, emphasizing waste management and proper disposal. Aligned with the Swachh Bharat Abhiyan mission, Swachhta Pakhwada plays a crucial role in reshaping public behavior towards cleanliness.

Through awareness programs and cleanliness drives, it catalyzes a positive impact on communities, reflecting India’s unwavering commitment to creating a cleaner and healthier nation. This initiative stands as a testament to the collective effort to transform India’s landscape through improved sanitation practices.

Swachhta Pakhwada Essay in 500 Words

Delve into the comprehensive exploration of Swachhta Pakhwada through this 500-word essay, uncovering its multifaceted approach to fostering cleanliness, hygiene, and community participation in India.

Swachhta Pakhwada: A Comprehensive Drive towards Cleanliness

Swachhta Pakhwada, a biannual cleanliness campaign in India, stands as a testament to the nation’s commitment to building a cleaner and healthier society. Lasting for two weeks, this initiative is a crucial component of the Swachh Bharat Abhiyan, aiming to transform public behavior towards hygiene and sanitation practices.

This essay explores the multifaceted aspects of Swachhta Pakhwada, emphasizing its significance, objectives, strategies, impact, and the collective effort involved.

The primary objective of Swachhta Pakhwada is to promote cleanliness across various sectors of society, including schools, colleges, government offices, and local communities.

The campaign occurs twice a year, encouraging widespread participation and engagement. It serves as a focused period where diverse activities are organized to create awareness about the importance of cleanliness and proper waste disposal.

One of the key strategies employed during Swachhta Pakhwada is community participation. Schools and colleges organize cleanliness drives, awareness programs, and competitions to instill the values of cleanliness in students.

Government offices conduct special cleanliness activities, encouraging employees to actively contribute to the cleanliness movement. Communities come together to clean public spaces, segregate waste, and promote sustainable sanitation practices.

Waste management is a crucial aspect highlighted during Swachhta Pakhwada. The campaign emphasizes the proper disposal of waste and encourages the segregation of biodegradable and non-biodegradable waste.

This strategic approach aims to address the environmental challenges associated with improper waste disposal and contributes to the larger goal of creating a sustainable and eco-friendly nation.

The impact of Swachhta Pakhwada is evident in the positive changes it brings to communities. By fostering a sense of responsibility towards cleanliness, the campaign contributes to the larger Swachh Bharat Abhiyan mission, which envisions an India free from open defecation and with improved sanitation facilities. The awareness generated during Swachhta Pakhwada transcends the two-week period, leading to long-term changes in people’s behavior and habits.

Furthermore, Swachhta Pakhwada plays a pivotal role in reshaping the narrative around cleanliness in India. It challenges stereotypes and stigmas associated with sanitation practices, promoting the idea that cleanliness is not just a personal responsibility but a collective one. The campaign emphasizes that every individual, community, and organization has a role to play in creating a cleaner and healthier nation.

In conclusion, Swachhta Pakhwada is a dynamic and impactful cleanliness initiative that goes beyond a routine campaign. It encapsulates the spirit of Swachh Bharat Abhiyan and showcases India’s determination to address hygiene and sanitation challenges.

By integrating diverse activities, fostering community participation, and promoting waste management, Swachhta Pakhwada stands as a beacon of change, paving the way for a cleaner and more sustainable future for the nation.

Also See – Green India Essay – 10 Lines, 100, 500, 1000 Words

1000 Words Swachhta Pakhwada Essay in English

Explore the comprehensive and detailed analysis of Swachhta Pakhwada in this 1000-word essay, uncovering its historical context, multifaceted objectives, community impact, and its integral role in the larger Swachh Bharat Abhiyan mission, providing a thorough understanding of India’s commitment to cleanliness and hygiene.

Introduction

Historical context.

The roots of Swachhta Pakhwada can be traced back to the launch of the Swachh Bharat Abhiyan by Prime Minister Narendra Modi in 2014. This ambitious campaign aimed to make India open defecation-free by constructing toilets, promoting cleanliness, and raising awareness about sanitation. Swachhta Pakhwada emerged as a focused effort within this larger framework, providing a dedicated period for intensified cleanliness activities.

Objectives of Swachhta Pakhwada

The primary objective of Swachhta Pakhwada is to promote cleanliness across various sectors of society. The campaign occurs twice a year, encouraging widespread participation and engagement. It serves as a focused period where diverse activities are organized to create awareness about the importance of cleanliness and proper waste disposal. The multifaceted objectives include fostering a sense of responsibility towards cleanliness, challenging stereotypes associated with sanitation practices, and promoting the idea that cleanliness is a collective responsibility.

Strategies Employed

Swachhta Pakhwada employs various strategies to achieve its objectives. Community participation is a key aspect, with schools, colleges, government offices, and local communities actively involved in organizing cleanliness drives, awareness programs, and competitions. Government offices conduct special cleanliness activities, encouraging employees to contribute to the cleanliness movement. Waste management is a crucial aspect highlighted during Swachhta Pakhwada, emphasizing proper waste disposal and encouraging the segregation of biodegradable and non-biodegradable waste.

Community Participation

One of the pillars of Swachhta Pakhwada is active community participation. Schools and colleges play a significant role in organizing cleanliness drives, awareness programs, and competitions to instill the values of cleanliness in students. This engagement fosters a sense of responsibility towards maintaining a clean environment from a young age. Government offices also contribute by organizing special cleanliness activities, encouraging employees to actively participate in the cleanliness movement.

Waste Management

A crucial strategy employed during Swachhta Pakhwada is the emphasis on waste management. The campaign underscores the importance of proper waste disposal and encourages the segregation of biodegradable and non-biodegradable waste. This strategic approach aims to address environmental challenges associated with improper waste disposal and contributes to the larger goal of creating a sustainable and eco-friendly nation.

Impact of Swachhta Pakhwada

Reshaping the narrative.

Swachhta Pakhwada plays a pivotal role in reshaping the narrative around cleanliness in India. It challenges stereotypes and stigmas associated with sanitation practices, promoting the idea that cleanliness is not just a personal responsibility but a collective one. The campaign emphasizes that every individual, community, and organization has a role to play in creating a cleaner and healthier nation.

Challenges and Solutions

While Swachhta Pakhwada has made significant strides, it is not without challenges. Some communities may face infrastructural issues, hindering the proper implementation of waste management practices. Addressing these challenges requires a collaborative effort from the government, local authorities, and communities. Solutions may include investing in better waste disposal infrastructure, conducting targeted awareness campaigns, and incentivizing sustainable practices.

Success Stories

Highlighting success stories is integral to understanding the effectiveness of Swachhta Pakhwada. Instances of villages achieving open defecation-free status, schools promoting cleanliness as a way of life, and communities actively participating in waste management initiatives showcase the positive outcomes of the campaign. These success stories serve as inspiration and motivation for other regions to emulate similar practices.

Integration with Swachh Bharat Abhiyan

Swachhta Pakhwada is seamlessly integrated into the larger Swachh Bharat Abhiyan mission. The campaign aligns with the overarching goal of making India open defecation-free, ensuring access to proper sanitation facilities, and creating a cleaner and healthier living environment for all. Swachhta Pakhwada serves as a focused and intensified period within this broader framework, contributing significantly to the mission’s success.

In conclusion, Swachhta Pakhwada is a dynamic and impactful cleanliness initiative that goes beyond a routine campaign. It encapsulates the spirit of Swachh Bharat Abhiyan and showcases India’s determination to address hygiene and sanitation challenges. By integrating diverse activities, fostering community participation, and promoting waste management, Swachhta Pakhwada stands as a beacon of change, paving the way for a cleaner and more sustainable future for the nation. The campaign is not only a reflection of India’s commitment to cleanliness but also a testament to the transformative power of collective action in building a healthier society.

In essence, Swachhta Pakhwada Essay stands as a beacon of change, symbolizing India’s unwavering commitment to cleanliness and hygiene. The campaign, integrated seamlessly into the Swachh Bharat Abhiyan, goes beyond a routine initiative, fostering long-term behavioral changes and community engagement.

Through diverse strategies, from waste management to community participation, Swachhta Pakhwada contributes significantly to reshaping the narrative around cleanliness, paving the way for a sustainable and healthier future for the nation.

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Swachhta Pakhwada Essay in Hindi

Swachhta Pakhwada Essay in Hindi: स्वच्छता पखवाड़े पर निबंध

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Swachhta Pakhwada Essay in Hindi

यहां हम आपको एक शानदार Swachhta Pakhwada Essay in Hindi उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध को आप कक्षा 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. यदि आप को किसी स्पीच के लिए टॉपिक essay swachhta pakhwada in hindi मिला है तो आप इस लेख को स्पीच के लिए भी उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी निबंध प्रतियोगिता के लिए भी swachhta pakhwada in hindi essay लिखना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए.

Speech on Swachhta Pakhwada in English

स्वच्छता पखवाड़ा पर निबंध 100 शब्द में

स्वच्छता पखवाड़े की शुरुआत अप्रैल 2016 में की गई थी. स्वच्छता पखवाड़े का उद्देश्य भारत सरकार के विभिन्न मंत्रालय और विभाग के कार्य क्षेत्रों में स्वच्छता से संबंधित मुद्दों और प्रथाओं पर बल देने के लिए ही स्वच्छता पखवाड़े का आयोजन किया जाता है. स्वच्छता पखवाड़ा गतिविधियों के लिए सभी मंत्रालयों और विभाग की सहायता हेतु एक वार्षिक कैलेंडर पहले ही जारी कर दिया जाता है. स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत स्वच्छता पखवाड़ा एक प्रमुख कार्यक्रम है. स्वच्छता पखवाड़ा 1 सितंबर से 15 सितंबर के बीच मनाया जाता है. हमारे जीवन में स्वच्छता का बहुत महत्व है इसलिए हम जिस भी स्थान पर रहते हैं हमें वहां के आसपास के स्थान पर स्वच्छता रखना चाहिए जिससे कि हम बीमारियों से दूर रह सके.

Swachhta Pakhwada Essay in Hindi

essay on swachhta pakhwada in hindi

स्वच्छ पखवाड़ा क्या है.

स्वच्छता पखवाड़ा भारत सरकार द्वारा स्वच्छ भारत अभियान के तहत चालू किया गया था। स्वच्छता पखवाड़ा का उद्देश्य भारत सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों के कार्य क्षेत्र में सुरक्षा के मुद्दों और प्रथाओं पर गहनता से बल देने के लिए पखवाड़े का आयोजन करना है। स्वच्छता पखवाड़ा का मतलब कि भारत सरकार के सभी मंत्रालय व उनके अधिकार में आने वाले राज्य व जिले में साफ-सफाई के लिए कार्य किया जाए। स्वच्छता पखवाड़े के अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए कई सारे अभियान चलाए जाते हैं जगह-जगह स्वच्छता से जुड़े पोस्टर और बैनर लगाए जाते हैं। स्वच्छता पखवाड़ा मनाने के लिए भारत सरकार द्वारा सभी मंत्रालयों व विभागों को अलग से छुट्टी व धनराशि प्रदान की जाती है इसमें सभी विभाग अपने कार्यालयों में साफ-सफाई करना प्रारंभ करते हैं जैसे की पुरानी फाइलों को साफ करना नए फर्नीचर बनवाना शौचालय को साफ करना इत्यादि।

स्वच्छता पखवाड़ा क्यों मनाया जाता है?

स्वच्छता पखवाड़ा मनाने का सबसे बड़ा कारण यह है कि लोगों को स्वस्थ जीवन के साथ-साथ स्वच्छ जीवन जीने के लिए भी प्रेरित किया जाए। इसके लिए भारत सरकार ने अपने सभी मंत्रालयों को यह आदेश दिया है कि उनके अधिकार में आने वाले सभी राज्य व जिले में लोगों को साफ सफाई के प्रति जागरूक करें और जितना हो सके अपने देश को साफ बनाएं। स्वच्छ पखवाड़े का मुख्य उद्देश्य लोगों को खुले में शौच करने से रोकना है वह उन्हें आसपास की साफ सफाई रखने के लिए प्रेरित करना भी है। मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा शौचालय और कार्यालयों का स्वयं निरीक्षण भी किया जाता है। सभी मंत्रालयों द्वारा अपने राज्य को सबसे स्वच्छ बनाने के लिए काफी कड़ी मेहनत की जाती है इसमें जगह-जगह गली चौराहे पर स्वच्छता से जुड़े नारे भी लगाए जाते हैं। देश को स्वच्छ बनाने के लिए कई राज्यों और जिलों में स्वच्छता रैलियां भी निकाली जाती है। और लोगों को अपने घर या गली मोहल्ले को साफ करने के बदले में सरकार द्वारा पुरस्कृत भी किया जाता है।

स्वच्छता पखवाडा कब शुरू हुआ?

स्वच्छता पखवाड़ा अप्रैल 2016 में शुरू किया गया था। स्वच्छता पखवाडा मिशन स्वच्छ भारत मिशन के तहत ही श्री प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा चालू किया गया था। पकवाड़ा गतिविधियों के लिए मंत्रालयों की योजना में सहायता हेतु वार्षिक कैलेंडर पहले से ही मंत्रालयों को भेज दिया जाता है। स्वच्छता पखवाड़े में श्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले मंत्रालय को स्वच्छता के लिए श्रेष्ठ विभाग का पुरस्कार भी दिया जाता है। मंत्रालय और मीडिया द्वारा स्वच्छता शपथ ली जाती है तथा लोगों को स्वच्छता संदेश फैलाने के लिए जागरूक भी किया जाता है। स्वच्छता पखवाड़ा मनाने के लिए हर विभाग को अलग-अलग दिन दिए जाते हैं ताकि वह अपने अधिकार में आने वाले राज्य जिलों में स्वच्छता के लिए काम कर सके और उस काम की रिपोर्ट भी मंत्रालय को दे सके। स्वच्छ भारत अभियान से लोगों में स्वच्छता के प्रति एक जागरूकता तो आई थी परंतु लोग खुले में शौच करना नहीं छोड़ पा रहे थे इसके लिए स्वच्छ पखवाड़ा को बड़ी कठोरता के साथ शुरू किया गया था धीरे-धीरे लोगों में स्वच्छता पखवाड़े के प्रति समझ और जिम्मेदारी देखने को मिली। जिन राज्यों में स्वच्छता पखवाड़ा अच्छे से आयोजित हो जाता है उसे भारत सरकार द्वारा सम्मानित भी किया जाता है।

स्वच्छता पखवाड़े का महत्व

स्वच्छता पखवाड़ा भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के द्वारा अप्रैल 2016 में स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत शुरू किया गया था। स्वच्छता पखवाड़े को मनाने का महत्व है कि लोगों को साफ सफाई व खुले में शौच ना करने के लिए भी जागरूक किया जाए। स्वच्छता पखवाड़े से देश में लोगों स्वच्छता के प्रति काफी जागरूकता दिखाई है। स्वच्छता पखवाड़ा जितने दिन भी राज्य में मनाया जाता है उसकी ऑनलाइन मॉनिटरिंग भी की जाती है जिससे कि राज्य में कितनी सफाई हुई है यह अनुमान लगाया जा सके। राज्य में हुई सफाई का अनुमान लगाने के बाद सभी मंत्रालयों को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने राज्य में हुई सफाई के बारे में सबको बताना होता है। 

स्वच्छता पखवाड़े के बाद से देश में लोगों ने कचरा फैलाना काफी कम कर दिया है वह अब कचरा दान में ही कचरा डालते हैं तथा इससे भारत में अलग-अलग सूखा व गीला कचरा इकट्ठा किया जाता है। भारत देश में स्वच्छता अभियान के बाद कई लोगों को नया रोजगार मिला है और 81000 टन सूखा कचरा देश ने इकट्ठा कर विश्व रिकॉर्ड भी बनाया है। भारत को स्वच्छ बनाने का सपना सबसे पहले भारत के राष्ट्रपिता कहे जाने वाले महात्मा गांधी जी ने देखा था उन्होंने लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए कई सारे आंदोलन किए थे। उनकी राह पर चलकर हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा स्वच्छता अभियान का शुभारंभ किया गया तथा देश को स्वच्छ बनाने के लिए कई सारे कड़े कदम भी उठाए गए।

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Essay on Swachhta Pakhwada in English

Essay on Swachhta Pakhwada in English , In India, the government has taken many initiatives to make India a clean India. Among others, Swachhta Pakhwada is one of the most important and famous missions that have taken place in India. The objective of this mission is to make India a clean and green country. Swachh Bharat Abhiyan is translated to Clean India mission. Through this mission, India had taken a step towards a clean India. This drive was designed to cover all the towns and cities of India to make them neat and clean. 

essay on swachhta pakhwada in english

Swachhta Pakhwada Essay in English

This campaign was controlled by the Indian government and was launched by the Prime Minister, Narendra Modi . Its launch date was 2nd October. With this launch date, the vision of Mahatma Gandhi was honored, his vision was to make our country, a Clean India . This cleanliness drive of Swachhta Pakhwada ran on a national level. It had worked in all the rural and urban areas, as well as towns.

Through this drive, people are becoming aware of the significance of cleanliness. On the date of launch, Swachhta Pakhwada was launched to celebrate the 145th birth anniversary of Mahatma Gandhi, our father of the nation. He had many ideologies about cleanliness.

This drive was operated under the Ministry of Drinking and Sanitation or rural areas and the Ministry of Housing and Urban Affairs or urban areas. This drive was sighted for 5 years. The government believed in completing the proposed plans by Mahatma Gandhi on 2nd October 2019.

  • Ministry of Home and Urban Affairs: This organization monitors the drive for cleanliness in the urban areas of our country. Another name for this project in urban areas is Swachhta Pakhwada Mission- Urban.
  • Ministry of Drinking Water and Sanitation: This ministry focuses on the coverage of sanitation in rural areas. This project is named Swachhta Pakhwada Mission – Gramin.

True words by Mahatma Gandhi:

When there is both outer and inner cleanliness, it takes us to Godliness.

This is how Mahatma Gandhi wanted to promote the concept of cleanliness. The main aim of Swachhta Pakhwada is to give awareness to the citizens of the country about cleanliness. He wanted to make people aware of their responsibility and priority towards cleanliness in their surroundings or nearby areas.

Through this mission, they also wanted to give people awareness about the spread of infectious parasites and filth. It aims at eliminating the unhealthy methods of open defecation. The government gives people different types of facilities when it comes to sanitation.

They provide basic sanitation facilities by making solid-liquid waste disposal, and toilets, and supplying clean drinking water. This mission focuses on covering more than 4041 statutory towns, as well as cities across the country so that India will get cleaner roads, streets, and infrastructure in cities and towns.

Swachh Bharat Essay in English

The Prime Minister of India, Narendra Modi, guarantees that this drive is to awaken a sense of nationalism among the people of India. There is not any political agenda included in this drive’s mission. This is how he motivated people to come together and work in the form of a team. This is how people can dedicate 100 hours per year to this campaign.

People should understand the fact that this mission cannot be met by one individual of a country or the government alone. Of course, every citizen should understand his or her responsibility and duty to keep the country clean and green so that they can prevent the spread of different kinds of diseases.

Nine public figures were nominated by the prime minister to work on this drive. With this, he wanted to spread the word and mission of this Swachhta Pakhwada. The names were Priyanka Chopra, Sachin Tendulkar , Shashi Tharoor, Salman Khan, Kamal Hassan, Mridula Sinha, Anil Ambani, Baba Ramdev, and the whole cast of the popular television series named Taarak Mehta Ka Oolta Chashma. Through this drive, they were asked to develop a chain system by further nominating 9 people.

Essay on Swachh Bharat Abhiyan in English

There were many steps being taken by the government to make this mission successful. The total cost of the project was expected to be Rs. 62009 crore for the period of 5 years. Rs. 14623 was being funded by the central government of India, out of the whole expected budget.

Not only this, but even the World Bank also helped India in this mission by providing some financial assistance so that this mission can become successful with the right implementation of the drive.

Of course, this mission has given many successful outcomes that can be appreciated. The success of this drive resulted in reduced rates of death and lethal diseases. Aside from that, the annual benefits of Rs. 50000 for every household in rural areas was the outcome of the Swachhta Pakhwada.

This mission has also shown great success in enhancing the travel and tourism sector in India. Clean and green India attracted a lot of travelers all over the world. This is how the economy and the GDP of the country have enhanced with a greater rise in the number of employment options in our country.

The prime minister of India also received the Global Goalkeeper award from Gates Foundation as he made hard efforts to make this mission successful and result-oriented. Through this mission, he wished to make India a cleaner and greener country. This award was given to him on 25th Sept in New York.

Essay on Swachata in English

Swachhta Pakhwada is referred to as Ek Kadam Swachhta ki Aur. Last but not the least, it is said to be a reminder for all the citizens of the country to respect nature and protect it from deadly extinction. We should not stain its natural beauty. This is how we should focus on the cleanliness aspects of our surroundings so that we can contribute to the cleanliness of our country.

Not a single person, even the entire society should contribute to the objective of Swachhta Pakhwada so that we can make our country clean and green. We should live in a clean and green area and this mission can help us to meet our goals.

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