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गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) - गाय पर निबंध 100 शब्दों में यहाँ देखें
भारत में गाय का कितना महत्व है, यह इस बात से पता चलता है कि गाय की पूजा की जाती है। किसी भी पूजा से पहले गांव-घरों में गाय के गाेबर से लिपा जाता है। गाय का दूध स्वास्थ के लिए अच्छा माना जाता है और गाय भारत की एक महत्वपूर्ण पशु है। हिंदू धर्मावलंबियों के लिए यह पूज्यनीय है और इसे गौ माता की संज्ञा दी गई जाती है। जब मुद्रा प्रचलन में नहीं हुआ करती थी तो वस्तुओं और सेवाओं के आदान-प्रदान के लिए गायों का प्रयोग होता था। कृषि प्रधान भारतीय अर्थव्यवस्था में गायों काो सदैव प्रमुख स्थान रहा है। यही वजह है कि छोटी कक्षाओं के छात्रों के अंदर गाय को लेकर जागरूकता हो, इस सोच के साथ उन्हें गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखने के लिए प्रेरित किया जाता है।
गाय पर निबंध (Hindi Essay on Cow) - गाय पर निबंध 100 शब्दों में (100 Words Essay On Cow)
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कई बार परीक्षा में भी महत्वपूर्ण अंकों के लिए गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखने से संबंधित प्रश्न स्कूली छात्रों से पूछे जाते हैं। साथ ही कई ऐसे भी छात्र होते हैं जिनकी हिंदी विषय पर पकड़ बेहद कमजोर होती है, ऐसे में उन्हें गाय पर निबंध हिंदी में (Essay on Cow in hindi) लिखने में परेशानी महसूस हो सकती है। वहीं कइयों को निबंध लिखने से संबंधित प्रारूप की सटीक जानकारी नहीं होती है, ऐसे में उनके लिए गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखना एक कठिन कार्य बन जाता है।
यदि आप ऊपर बताए गए किसी भी कारण की वजह से गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) ऑनलाइन तलाश रहे हैं, तो ऐसा समझ लीजिए कि आज आपकी यह तलाश खत्म हो गई है क्योंकि आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। गाय पर निबंध (gaay par nibandh) विशेष इस लेख की सहायता से न सिर्फ आपको गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखने में सहायता मिलेगी, बल्कि इस लेख के माध्यम से आप अन्य किसी भी लेख को लिखने के तरीके को भी जान व समझ सकते हैं। हालांकि हम आपसे अनुरोध करते हैं कि गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) विशेष इस लेख को पूरी तरह से कॉपी करने से बचें। इसकी जगह पर आप गाय पर निबंध (Cow Essay in hindi) को लिखने के तरीके व मर्म को समझकर स्वयं ही गाय पर हिंदी में निबंध (Essay on Cow in hindi) लिखने की कोशिश करें। इससे आपको जीवन में फिर कभी किसी लेख को लिखने में समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
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गाय भारत के एक बेहद महत्वपूर्ण पशु में से एक है जिस पर न जाने कितने ही लोगों की आजीविका आश्रित है क्योंकि गाय के शरीर से प्राप्त होने वाली हर वस्तु का उपयोग भारतीय लोगों द्वारा किसी न किसी रूप में किया जाता है। न सिर्फ आजीविका के लिहाज से, बल्कि आस्था के दृष्टिकोण से भी भारत में गाय एक महत्वपूर्ण पशु है क्योंकि भारत में मौजूद सबसे बड़ी आबादी यानी हिन्दू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय आस्था का प्रतीक है। यही वजह है कि गाय भारत में अन्य पशुओं के मुक़ाबले एक विशेष स्थान रखती है।
गाय हिंदू धर्म में सबसे महत्वपूर्ण जानवरों में से एक हैं। उसे देवी स्वरूप में पूजा जाता है और यह कई हिंदू अनुष्ठानों और समारोहों का अभिन्न व महत्वपूर्ण हिस्सा है। गायों को एक ऐसे पशु के रूप में भी देखा जाता है जो हमें दूध, मक्खन, घी आदि प्रदान कर सकता है। यहां इस लेख में गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) के कुछ उदहारण दिए गए हैं जिनकी सहायता लेकर आप गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) सहित अन्य निबंधों को भी आसानी से लिख सकते हैं।
गाय एक पालतू पशु है। सभी पशुओं में गाय को सबसे भोली तथा दयालु जानवर माना जाता है। गाय एक चौपाया जानवर है। इसकी एक नाक, एक मुँह, दो आँखें, दो कान तथा दो सींग होते हैं। यह एक शाकाहारी जानवर है। ये मनुष्य के लिए बहुत उपयोगी हैं। गायें हमें दूध देती हैं जो हमारे भोजन में पौष्टिक आहार का एक प्रमुख श्रोत है। गाय दुनिया भर में दूध की प्राथमिक स्रोत है। गायों से मिलने वाले दूध के कारण हम स्वस्थ और मजबूत रहते हैं। दूध विभिन्न बीमारियों की रोकथाम सहित हमें कई और स्वास्थ्य लाभ भी प्रदान करता है। साथ ही यह हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी मजबूत करता है। दूध से कई और उत्पाद बनाए जाते हैं, जिनमें मक्खन, मिठाई, दही, पनीर, खोया आदि प्रमुख हैं।
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भारत की बहुसंख्यक आबादी हिंदू धर्म में आस्था रखती है। हिंदू धर्म में गायों को एक पवित्र पशु का दर्जा प्राप्त है। हिन्दू धर्म के अनुयायियों के अनुसार गाय देवी स्वरूप है तथा पूजनीय है। यहाँ तक कि हिन्दू धर्म में गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। इस वजह से, लोग अक्सर गाय को "गौ माता" के रूप में भी संबोधित करते हैं। हिंदू अनुयायी गौहत्या को पाप मानते हैं। हालांकि, बहुसंख्यकों के आस्था का प्रतीक होने के बावजूद भी कई गायें भारत में ऐसी भी हैं, जो बेहद बुरी परिस्थितियों में रह रही हैं। कई गायों को काम का ना रहने पर सड़कों पर भटकने के लिए छोड़ दिया जाता है, जिसकी वजह से वे कई बार दुर्घटनाओं व बीमारियों की चपेट में आ जाती हैं और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ती है। हालांकि भारत में आजकल कई ऐसे समूह हैं जिनका ध्यान केवल गौ रक्षा पर ही है। वे गायों को नुकसान से बचाने का प्रयास करते रहते हैं, पर इसके बावजूद भी भारत में गायों की जमीनी हकीकत बेहद जुदा है। इसके अलावा, गायों को किसी भी अन्याय से बचाने के लिए सरकार की तरफ से भी काफी सकारात्मक कदम उठाए जा रहे हैं। इनकी रक्षा के लिए सरकार के अलावा भी कई लोग गठबंधन बनाकर सकारात्मक दिशा में काम रहे हैं।
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गाय के दूध का उपयोग दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ और घरेलू सामान के उत्पादन के लिए किया जाता है। गाय के दूध का उपयोग दही, मट्ठा, पनीर, घी, मक्खन, विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ, खोया, पनीर आदि जैसे उत्पादों की एक पौष्टिक एवं विशाल खाद्य श्रृंखला के निर्माण के लिए किया जाता है। पाचन संबंधी समस्याओं से परेशान रहने वाले रोगी भी गाय के दूध का सेवन कर सकते हैं क्योंकि इसे बेहद सुपाच्य खाद्य पदार्थ माना जाता है। गाय का दूध हमें शारीरिक रूप से मजबूत और पोषित करता है। यह तक कि यह हमें कई तरह की बीमारियों और संक्रमणों से भी बचाता है। यह रोग के खिलाफ हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक है। लोग गाय के गोबर का उपयोग वास्तव में एक समृद्ध उर्वरक के रूप में करते हैं। यह ईंधन और बायोगैस का भी एक बेहतरीन उत्पादक है। गाय के गोबर का उपयोग कीट विकर्षक के रूप में भी किया जाता है। लोग इसका उपयोग भवन निर्माण सामग्री और कागज बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में भी करते हैं। आयुर्वेद में गौमूत्र का उपयोग भी कई तरह की बीमारियों के उपचार में किया जाता रहा है।
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हिंदू धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के लिए गाय सबसे महत्वपूर्ण जानवरों में से एक हैं। इन्हें बेहद पवित्र माना जाता है और अक्सर इन्हें विशेष सम्मान भी दिया जाता है। गाय अर्थव्यवस्था के लिहाज से भी एक महत्वपूर्ण जानवर है। इसकी वजह से हमें दूध, पनीर और अन्य डेयरी उत्पाद प्राप्त होते हैं। हालांकि, भारत में गायों के प्रति मानवीय संवेदना का बड़ा महत्व है। वे सभी लोग जो गौपालक हैं, उनसे उम्मीद की जाती है कि वे गायों के खानपान का अच्छी तरह से ध्यान रखें और साथ ही उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार करें। गाय ना सिर्फ पवित्र प्राणियों के रूप में पूजनीय है, बल्कि उनका आर्थिक महत्व भी बहुत अधिक है। ये हमें दूध, मक्खन, घी, दही और पनीर प्रदान करती है। इनका उपयोग खेतों की जुताई और माल के परिवहन के लिए भी किया जाता है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक वर्तमान में भारत में 300 मिलियन से अधिक गायें रह रही हैं। गाय अपने धार्मिक महत्व के अलावा भारतीय अर्थव्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
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गाय हिंदू धर्म के अनुयायियों के बीच सबसे अधिक पाले जाने वाले जानवरों में से एक हैं और साथ ही उन्हें पवित्र भी माना जाता है। हिंदुओं का मानना है कि गाय समृद्धि और सौभाग्य का प्रतीक है। गाय को धरती माता के प्रतीक के रूप में देखा जाता है और इसे देवी के रूप में पूजा जाता है। गायों को भोजन और आय के स्रोत के रूप में भी देखा जाता है और उनके प्रति मानवीय व्यवहार अपेक्षित है। गाय कई हिंदुओं की आजीविका के लिए आवश्यक है और वह कई हिंदू समारोहों और अनुष्ठानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। गायों के साथ कभी भी दुर्व्यवहार या उन्हें किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाने से बचना चाहिए, क्योंकि उन्हें पवित्र प्राणी के रूप में देखा जाता है। हिंदुओं का मानना है कि गाय को नुकसान पहुंचाना धरती माता को नुकसान पहुंचाने के समान है। इसलिए, हिंदू धर्म के अनुयायी गायों की बेहद देखभाल और उनका अत्यंत सम्मान करते हैं।
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अफसोस की बात है कि सभी गायों के साथ मानवीय व्यवहार नहीं किया जाता है। कई गायें बेहद तंग और गंदी परिस्थितियों में रहने को मजबूर हैं। वे अक्सर कुपोषित और निर्जलित होती हैं। उनके बछड़ों को जन्म के कुछ ही समय बाद ही उनसे छीन लिया जाता है, जिससे उन्हें बहुत कष्ट होता है। कभी-कभी, मांस के लिए उनका क्रूर तरीकों से कत्ल भी किया जाता है। यह महत्वपूर्ण है कि हम गायों के साथ दया और सम्मान के साथ व्यवहार करें। भारत में गायों के प्रति मानवीय व्यवहार एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। डेयरी उत्पादों, मांस और चमड़े के लिए उनका लगातार शोषण किया जाता है। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनके पास जीवन की गुणवत्ता अच्छी हो और उन्हें किसी भी तरह की अनावश्यक पीड़ा को ना उठाना पड़े। हिंदुओं का मानना है कि गायों का सम्मान और देखभाल करना महत्वपूर्ण है। भारत में कई ऐसे कानून हैं जो गायों को दुर्व्यवहार से बचाते हैं।
जहां गाय को हिंदू धर्म में सभी जानवरों के बीच उच्च स्थान प्राप्त है, वहीं वे आर्थिक तौर से भी काफी विशेष मानी जाती हैं। गायें दूध, मक्खन और घी जैसे डेयरी उत्पाद की प्राथमिक स्रोत है, जो भारत में दैनिक आहार का मुख्य हिस्सा है। गायों से प्राप्त होने वाले डेयरी उत्पाद भारत में कई परिवारों के लिए आय का एक प्रमुख स्रोत है। इसके अलावा, गायों से प्राप्त गोबर का उपयोग खाद बनाने के लिए किया जाता है, जो फसलों के लिए एक उत्कृष्ट प्राकृतिक खाद है। गायों के चमड़े का उपयोग जूते, बेल्ट और अन्य सामान बनाने के लिए भी किया जाता है जिसकी दुनिया भर में मांग है।
हम उम्मीद करते हैं कि गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) विशेष इस लेख से गाय पर निबंध (Essay on Cow in hindi) से संबधित आपकी सभी समस्याओं का सामाधान हो गया होगा। गाय पर निबंध (gaay par nibandh) के अलावा अन्य महत्वपूर्ण निबंधों को पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।
गाय के बारे में निबंध कैसे लिखा जाता है?
इस लेख में गाय पर निबंध के बारे में जानकारी दी गई है। छोटे बच्चों के लिए निबंध की शुरुआत इस प्रकार की जा सकती है। गाय एक सौम्य घरेलू जानवर है जिसे बहुत से लोग अपने खेतों में पालते हैं। ये जानवर अपने शांतिपूर्ण स्वभाव के लिए जाने जाते हैं और इन्हें अक्सर विभिन्न कारणों से पाला जाता है। गाय के चार पैर और बड़ा शरीर होता है। उनके दो सींग, दो आंखें, दो कान, एक नाक और एक मुंह होता है।
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गाय पर हिंदी में निबंध (Essay on Cow in Hindi) - गाय पर निबंध 100, 200, 500 शब्दों में यहाँ देखें
Updated On: October 08, 2024 04:42 PM
गाय पर हिंदी में निबंध (Essay on Cow in Hindi)
- 500 शब्दों में गाय पर निबंध (Essay on Cow in …
प्रस्तावना (Introduction)
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गाय पर निबंध (Cow Essay in Hindi)
गाय का उल्लेख हमारे वेदों में भी पाया जाता है। गाय को देव तुल्य स्थान प्राप्त है। कहते हैं कि गाय में सभी देवी-देवताओं का वास होता है। गाय को पालने का चलन बहुत पुराना है। अगर घर में गाय का वास होता है उस घर के सारे वास्तु-दोष अपने आप खत्म हो जाते हैं। इतना ही नहीं, उस घर में आने वाली संकट भी गाय अपने ऊपर ले लेती है। ऐसी मान्यताएं प्रचलित है।
गाय पर छोटे – बड़े निबंध (Short and Long Essay on Cow in Hindi, Cow par Nibandh Hindi mein)
गाय पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द).
गाय एक पालतु पशु है। प्राचीन काल से ही गौ माता को देवी समान समझा जाता है। हर मंगल कार्य में गाय के ही चीजों का प्रयोग होता है। यहां तक की गाय के उत्सर्जी पदार्थ (गोबर, मूत्र) का भी इस्तेमाल होता है। जिसे पंचगव्य(दूध, दही, घी, गोबर, मूत्र) की उपमा दी गयी है। इन तत्वों का औषधिय महत्व भी है। बहुत सारी दवाईयों के निर्माण में घी और गोमूत्र का इस्तेमाल किया जाता है।
गाय की शारीरिक संरचना
गाय की शारीरिक संरचना में गाय के दो सींग, चार पैर, दो आंखे, दो कान, दो नथुने, चार थन, एक मुंह और एक बड़ी सी पूँछ होती है। गाय के खुर उन्हें चलने में मदद करते हैं। उनके खुर जुते का काम करते है तथा चोट और झटकों आदि से बचाते है। गाय की प्रजातियां पूरे विश्व भर में पाईं जाती है। कुछ प्रजातियों में सींग बाहर दिखाई नहीं देते। दुग्ध उत्पादन में भारत का समुचे विश्व में पहला स्थान है। गाय का दूध बेहद लाभदायक और पौष्टिक होता है।
गाय के महत्व
भारत में गाय का पौराणिक, आर्थिक और धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्त्व है। पुराणों के अनुसार गाय की हत्या वर्जित है, यह जघन्य पाप है। भगवान शिव की सवारी नंदी गाय है। धार्मिक और सामाजिक तौर पर गाय को माता का दर्जा प्राप्त है। गाय आर्थिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। गाय से हमें घी, दूध, गोबर आदि प्राप्त होते है।
भारत में गाय को माता का दर्जा दिया गया है। और भी बहुत पालतु जानवर है, लेकिन उन सबमें गाय का सर्वोच्च स्थान है। हम सभी को गाय के पौराणिक और सामाजिक महत्त्व को समझना चाहिए। हम सभी को गाय का सम्मान करना चाहिए।
इसे यूट्यूब पर देखें : Cow Essay in Hindi
निबंध – 2 (400 शब्द)
गाय का दूध अति पौष्टिक होता है। नवजात शिशु भी, जिसे कुछ भी पिलाना मना होता है, उसे भी गाय का दूध दिया जाता है। शिशु से लेकर वृध्दावस्था तक हर उम्र के लोगों को गाय के दूध का सेवन करना चाहिए। बहुत से रोगों से लड़ने की ये हमें ताकत देता है। शिशुओं और रोगियों को विशेष रुप से इसे पीने की सलाह दी जाती है।
वैज्ञानिक भी इसके गुणों का बख़ान करते हैं। केवल दूध ही नहीं, इसके दूध से बने अन्य उत्पाद जैसे दही, मक्खन, पनीर, छाछ सभी डेयरी उत्पाद लाभदायक होते है। जहां पनीर खाने से प्रोटीन मिलता है। वहीं गाय का घी खाने से ताकत मिलती है। आयुर्वेद में तो इसका बहुत महत्व है। अगर किसी को अनिद्रा की शिकायत हो तो नाक में घी की केवल दो-दो बूंद डालने से यह बिमारी ठीक हो जाती है। साथ ही यदि रात में पैर के तलुओं में घी लगा कर सोया जाय तो बहुत अच्छी नींद आती है।
गाय के घृत का धार्मिक महत्व है। इससे हवन-पूजन आदि किया जाता है। और हमारे ऋषि-मुनि जो कुछ भी करते थे, उन सबके पीछे वैज्ञानिक कारण अवश्य होता था। जब गाय की घी और अक्षत(चावल) को हवन कुण्ड में डाला जाता है, तब अग्नि के सम्पर्क में आने पर बहुत सारी महत्वपूर्ण गैसें निकलती है, जो वातावरण के लिए उपयोगी होती हैं। गाय के घी में रेडियोधर्मी गैस को अवशोषित करने की अद्भुत क्षमता होती है। इतना ही नहीं हवन का धुआं वातावरण को शुध्द कर देता है। रुसी वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार एक चम्मच गाय के घी को आग में डालने से लगभग एक टन ऑक्सिजन का निर्माण होता है। यह काफी हैरतअंगेज बात है।
गाय को ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ की हड्डी माना जाता है। जैसे हमारे देश के लिए गांवो का महत्व है, उसी प्रकार गांवो के लिए गायों का महत्व है। पिछले कुछ सालों से गाय के जीवन पर संकट के बादल मंडरा रहे है। इसका प्रमुख कारण है – प्लास्टिक।
शहरों में हर चीज हमें प्लास्टिक में ही मिलता है। जिसे हम प्रयोग के बाद कूड़े-कचरे में फेंक देते है। जिसे चरने वाली मासूम गायें खा लेती है, और अपनी ज़ान गवा देती हैं। हम सबको पता है कि प्लास्टिक नष्ट नहीं होता, इसलिए इसका प्रयोग सोच-समझ कर करना चाहिए। यह सिर्फ गायों के जीवन के लिए ही नहीं वरन् पर्यावरण के लिए भी जरुरी है।
निबंध – 3 (500 शब्द)
हमारे शास्त्रों में गायों को माता का दर्जा दिया गया है। गायो को पुजनीय माना जाता है। इसालिए तो भारतीय घरों में घर की पहली रोटी गौमाता को अर्पित की जाती है। प्राचीन समय में गांवो में गायों की संख्या से सम्पन्नता का आकलन किया जाता था।
ऐसा कहा जाता है कि गायों की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी। और स्वर्ग में स्थान मिला था। हमारे पुराणों में भी गायों की महिमा का वर्णन किया गया है। पुराण में उल्लेख है कि माता कामधेनु सागर मंथन से प्रकट हुई थी। कामधेनु को सुरभि की संज्ञा दी गयी। कामधेनु को ब्रह्म देव अपने लोक ले गये थे। और फिर लोक कल्याण के लिए ऋषि-मुनियों को सौंप दिया था।
गाय के प्रकार
गाय भिन्न-भिन्न रंग-रुप और आकार की होती है। इनका कद छोटा भी होता है, तो लम्बा भी। इसकी पीठ चौड़ी होती है। जैसे हमारा देश विविध जलवायु लिए हुए है, उसी प्रकार पशु भी अलग-अलग जगहों पर अलग- अलग किस्म के पाएं जाते हैं। गाय भी इसका अपवाद नहीं है।
यह भारत की सर्वश्रेष्ठ प्रजाति है। यह मुख्यतः उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब प्रांत में पाई जाती है। यह दूध व्यवसायियों की फेवरेट है, क्योंकि यह सालाना 2000-3000 लीटर तक दूध देती है। इसकी देखभाल अच्छी तरह की जाये तो कहीं भी रह सकती है।
यह मूलतः भारत के गुजरात के गिर के जंगलों में पाई जाती हैं। इसी कारण इसका नाम गिर पड़ा। यह भारत की सबसे दुधारु गाय है। यह सामान्यतः दिन के 50-80 लीटर दूध देती है। इसकी इस खासियत के कारण विदेशों में भी इसकी भारी माँग रहती है। इजराइल और ब्राजील में इसे विशेषतः पाला जाता है।
3) लाल सिंधी
इसके लाल रंग के कारण ही इसका नाम लाल सिंधी है। चूंकि सिंध प्रांत इसका मूल स्थान है, लेकिन अब ये कर्नाटक तमिलनाडू में भी पाई जाने लगी है। यह भी सालाना 2000-3000 लीटर तक दूध देती है।
4) राठी नस्ल, कांकरेज, थारपरकर
यह राजस्थान की जानी-मानी नस्ल है। इसका नाम राठस जनजाति के नाम पर पड़ा है। यह हर दिन 6-8 लीटर दूध देती है। कांकरेज राजस्थान के बाड़मेर, सिरौही और जालौर में अधिक मिलती है। वहीं थारपरकर जोधपुर और जैसलमेर में अधिक दिखती है।
5) दज्जल और धन्नी प्रजाति
यह तीनों प्रजातियां पंजाब में पाई जाती हैं। यह काफी फुर्तीली मानी जाती है। धन्नी प्रजाति ज्यादा दूध नहीं देती। किन्तु दज्जल देती हैं।
6) मेवाती, हासी-हिसार
यह हरियाणा की प्रमुख नस्लें हैं। मेवाती का उपयोग कृषि कार्य में ज्यादा किया जाता है। जबकि हासी-हिसार हरियाणा के हिसार क्षेत्र में मिलती हैं।
गाय का भोजन बहुत ही साधारण होता है। यह शुध्द शाकाहारी होती है। यह हरी घास, अनाज, चारा आदि चीजें खाती हैं। इसे कोई भी साधारण परिवार आराम से पाल सकता है। गायों को मैदानों की हरी घास चरना बहुत पसंद होता है। गाय के दूध से खाने की बहुत सारी चीजें बनती है। गाय के दूध से दही, मक्खन, छाछ, पनीर, छेना और मिठाइयां आदि बनायी जाती है। इसका दूध काफी सुपाच्य होता है। यह हमारी प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है, अनेक रोगों से लड़ने की शक्ति देता है।
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गाय पर निबंध (Essay On Cow In Hindi)
In this Article
गाय पर सबसे आसान 5 लाइन (5 Lines On Cow In Hindi)
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गाय एक बहुत सीधी-साधी और सबकी प्रिय पालतू जानवरों में से एक है, जो बिना किसी को नुकसान पहुंचाए हम मनुष्यों को कई प्रकार से लाभ पहुंचाती है। गाय के चार पैर, दो सींग, दो आंखें और दो कान, मुंह और एक पूँछ होती है। यह भोजन के रूप में घास खाती है। गाय हमें दूध देती है जिससे हम ताकतवर बनते हैं। हिन्दू धर्म में गाय को एक माँ का दर्जा दिया गया है। गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना गया है।
स्कूल में बच्चों को मेरी गाय पर निबंध लिखने के बारे में अक्सर पूछा जाता है, यहाँ हम आपको सबसे आसान शब्दों में गाय पर लेख लिखने के बारे में बताने वाले हैं। कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6 के बच्चों के लिए यह निबंध सबसे उपयोगी होगा। तो आइए देखते हैं:
गाय हमारी माता होती है, और इसपर निबंध लिखना सबसे आसान होता है। तो आइए, मेरी गाय पर 5 छोटे व आसान वाक्य लिखना सीखते हैं:
- गाय एक पालतू जानवर है।
- गाय के 4 पैर, 2 सींग और एक पूंछ होती है।
- दुनिया में कई प्रकार के रंगों की गाय पाई जाती हैं।
- गाय शांत स्वभाव की होती है।
- गाय घास, पत्ते और हरी सब्जियां खाती है।
गाय का उल्लेख तो वेदों और पुराणों में भी किया गया है। गाय को पालतू जानवरों में सबसे ऊँचा स्थान प्राप्त है। गाय में बारे में और ज्यादा जानकारी के लिए नीचे 10 आसान पंक्तियों को पढ़ें। यह कक्षा 1 के बच्चों में लिए संक्षेप में लिखा गया है। यदि आपको 100 शब्दों में गाय पर छोटा निबंध भी जानना है तो नीचे दी गई 10 लाइन की पक्तियों को पढ़ें।
- गाय हमारी माता होती है।
- गाय का एक बड़ा शरीर, चार पैर, दो सींग, दो आँखें और एक पूँछ होती है।
- ये शुद्ध शाकाहारी जानवर है।
- गाय के बच्चे को बछड़ा कहते हैं।
- भारत में गाय की 30 से भी ज्यादा नस्लें पाई जाती हैं।
- हिन्दू धर्म के अनुसार गाय में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है।
- गाय एक बहुत वफादार जानवर है।
- गाय हमें दूध देती है।
- गाय के दूध में प्रोटीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है।
गाय से मिलने वाले विभिन्न लाभ केवल इसे पूजनीय नहीं बनाते बल्कि इनमें सारा ब्रह्मांड समाया है। अगर आप ध्यान दें तो पाएंगे कि हर शुभ काम के लिए गाय से प्राप्त हुई चीजों का उपयोग होता ही है। अगर आपको हिंदी में गाय पर शॉर्ट कम्पोजिशन या पैराग्राफ लिखना है तो इस एस्से को पढ़े:
गाय हमारी माता है, जिन्हें हिन्दू धर्म में पूजा जाता है। खेती, परिवहन और अनेक प्रकार से मानव विकास में गाय की एक अहम भूमिका रही है। गाय के चार पैर, दो सींग, एक नाक, दो आँखें, दो कान और एक पूंछ होती है। गाय एक शाकाहारी जानवर है, जो घास और पत्तियों खाती है। गाय हमें दूध देती है जिससे हमारी हड्ड़ियां मजबूत होती है। गाय के दूध से हम विभिन्न डेयरी उत्पाद जैसे पनीर, क्रीम, दही, घी, मिठाई आदि तैयार करते हैं। गाय के दूध में प्रोटीन भरपूर पाया जाता है। गाय का दूध दुनिया में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाता है और साथ ही यह कई प्रकार में भी उपलब्ध है। गाय स्वभाव की सीधी और मेहनती जानवर है। किसान खेतों में फसलों की कटाई और जमीन की जुताई के लिए इनकी सहायता लेते हैं। इतना ही नहीं इनके गोबर का इस्तेमाल गांवों में ईंधन और खाद के तौर पर भी किया जाता है। आज के समय में विज्ञान की मदद से गाय के गोबर से बायोगैस बनाई जाती है, जिसका उपयोग स्थायी ऊर्जा स्रोत का उत्पादन करने के लिए किया जा रहा है।
गौमाता हमारे जीवन को बहुत प्रभावित करती है। इनसे हमें अनेकों फायदे मिलते हैं। इसका हमारे समाज में सर्वोच्च स्थान प्राप्त है। हम सभी को गाय के पौराणिक और सामाजिक महत्व को समझना चाहिए और उनका हमेशा सम्मान करना चाहिए।
हम सब जानते हैं कि गाय अनेक प्रकार से सब को लाभ प्रदान करती और हमे उनकी इस निस्वार्थ सेवा का आभारी होना चाहिए। यह न सिर्फ किसानों के लिए मददगार साबित होती है, बल्कि इसके द्वारा दिए गए दूध से कई सारे लोगों को रोजगार मिलता है। अगर आपके बच्चे की पसंदीदा जानवर गाय है और वो गाय पर लेख लिखना चाहता है तो उसके लिए 400 से 600 का निबंध दिया गया है। आइए देखते हैं:
गाय क्या है? (What is Cow?)
गाय एक पालतू जानवर है। यह हमारे समाज में सम्मानित जानवरों में से एक मानी जाती है। गाय को इंसानों के लिए सबसे उपयोगी प्रजातियों में से एक माना जाता है और देश के सभी हिस्सों में इसकी पूजा भी की जाती है। गाय हमे दूध देती है, जिसका उपयोग दही, पनीर, घी, आदि सहित कई प्रकार के उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है।
गाय की भूमिका? (Role of Cow)
गाय को हिन्दू धर्म में ‘गौ माता’ कहा जाता है और उनकी पूजा भी होती है। बात करें लोगों के जीवन में गाय की क्या भूमिका है तो गाय हमें दूध देती है। दूध से मिलने वाले कई फायदे हैं, जो इंसान के मानसिक और शारीरिक विकास लिए बेहद जरूरी है। दूध में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं जिससे इंसान के शरीर को लाभ होता है। गाय सिर्फ हमे दूध या उससे बने उत्पाद ही नहीं प्रदान करती है बल्कि ये हमारी खेती को सफल बनाने में कई प्रकार से भूमिका निभाती है, चाहे वो गोबर से खाद बनाना हो या या जमीन की जुताई कर के उसे अधिक उपजाऊ बनाना हो।
गाय के प्रकार और रंग (Types of Cow and their Colors)
भारत में लगभग 30 तरीके की गाय की नस्लें पाई जाती है। सभी गाय मूल रूप से तीन से चार रंगों में पाई जाती है जिनमें काली, लाल, भूरी या सफेद शामिल है।
गाय के लाभ (Benefits of Cow)
गाय के गोबर और गौ मूत्र के कई फायदे हैं। ये दोनों चीजें कीटनाशक, कवकनाशी दवाएं बनाने में मदद करती हैं। इसके साथ गाय का दूध भी बहुत फायदेमंद होता है, यह कई तरह के डेरी उत्पादों को बनाने में मदद करता है।
गाय का महत्व (Importance of Cow)
गाय का इंसान के जीवन में बहुत अहमियत है। हमारे इस्तेमाल के लिए गाय अनाज एकत्र करने के बाद बचे पौधे के हिस्सों को खा सकती हैं जो उसका चारा होता है। किसान और कंपनियां उप-उत्पादों के लिए भुगतान न करके इस तरह से पैसे बचा सकते हैं और उन्हें पशु चारा के रूप में बेचकर पैसे भी कमा सकते हैं।
गाय का धार्मिक महत्व (Religious Importance of Cow)
गाय को हिंदू पौराणिक कथाओं में पवित्र माना जाता है। सदियों से, हिंदुओं द्वारा इसे देवी की तरह पूजा जाता रहा है। हिंदू अक्सर गाय को “गौ माता” के रूप में भी संदर्भित करते हैं जिसका अर्थ है गाय माता क्योंकि वे जिस प्रकार हमें लाभ पहुंचाती है वे केवल एक माँ ही कर सकती है। गाय देवी समान है और इसलिए उन्हें मारना पाप माना जाता है।
गाय की शारीरिक बनावट (Body Structure of a Cow)
गाय का शरीर बड़ा होता है। इसके चार पैर, दो आंखें-कान, नाक, मुंह, दो सींग और एक पूंछ होती है।
गाय की उपयोगिता (Utility of Cow)
- भारत में गायों को पवित्र माना जाता है और उनके दूध का बड़ी मात्रा में सेवन किया जाता है।
- यह खेती करने के लिए उपयोगी है।
- सामान लाने ले जाने में भी इनका इस्तेमाल किया जाता है।
- गाय का घी बच्चों के दिमाग के विकास में मदद करता है।
- यह दांतों और हड्डियों को मजबूत बनाने में भी मदद करता है।
गाय का उपसंहार (Cow’s Epilogue)
गाय हमें दूध, घी व अन्य सेवाएं देती है। बदले में मानव प्रजाति उसको सिर्फ कष्ट दे रही है। हम गाय सड़कों पर खुला छोड़ देते हैं जिससे वे प्लास्टिक और अन्य जहरीले पदार्थो का सेवन कर लेती हैं और बीमार हो जाती हैं जो अक्सर उनकी मृत्यु का कारण भी बन जाता है। जिसका प्रतिकूल प्रभाव कहीं न कहीं हमारे ऊपर भी पड़ता है।
गाय की वर्तमान स्थिति (Current Status of Cow)
बदलते समय में केवल नाम मात्र गाय हमारी माता है लेकिन यह दुखद बात है कि हमारी ओर से मिलने वाली सेवा एक माँ को मिलने वाली सेवा के सामान नहीं है। जब गाय से मिलने वाले दूध व अन्य उत्पाद से समस्त मानव लाभ उठाता है तो उसका खयाल रखने के लिए भी समस्त मानव प्रजाति को एक जुट होना होगा। कोई भी गाय बेसहारा सड़कों पर न घूमे ताकि उन्हें सड़क दुर्घटना और जहरीले पदार्थों से बचाया जा सके और उसके लिए उनके रहना खाने की वयवस्था होनी चाहिए। इसके लिए हम सबको एक साथ आना होगा। कई ऐसे लोग भी हैं जो गाय के माध्यम से अपनी रोजी रोटी भी चला रहे हैं उनके लिए यह मदद करेगा।
- गाय आपको 6 मील दूर से सूंघ सकती हैं।
- गाय एक अच्छी तैराक होती हैं।
- गाय का चार भाग में पेट होता है।
- गाय प्रतिदिन 40 गैलन तक लार का उत्पादन कर सकती हैं।
- गाय लगभग 360 डिग्री तक देख सकती है।
गाय से जुड़े ऐसे काई सवाल होंगे जो आप जानना चाहते होंगे। आइए देखते हैं आखिर वह प्रश्न कौन से हैं।
1. गाय का गोबर कैसे उपयोगी है?
गाय के गोबर कीटनाशक, कवकनाशी दवाएं बनाने में मदद करती हैं।
2. क्या गाय पालतू जानवर है?
जी हाँ, गाय एक पालतू जानवर है और लोग इसे घरों में पालते हैं।
3. गाय के दूध में क्या पाया जाता है?
गाय के दूध में फॉस्फोरस, कैल्शियम, विटामिन डी और बी और पोटैशियम भरपूर मात्रा में पाए जाते है।
4. गाय को माता क्यों माना जाता है?
हिन्दू धर्म में गाय को पवित्र और शुभ माना जाता है, इसलिए इन्हे माँ का दर्जा दिया है। कई जगह पर इनकी पूजा की जाती है और बच्चे इन्हे गौ माता कहते है।
5. गाय कितने साल तक जीती है?
गायों की औसत उम्र 15 से 20 साल होती है।
अगर आपका बच्चा क्लास 1 या 2 में है और उसे गाय पर पैराग्राफ, कुछ लाइन्स, निबंध या हिंदी में एस्से लिखना है तो इस लेख में दिए गाय पर अनुच्छेद से आपके बच्चे को न केवल अच्छा लिखना आएगा बल्कि उसको गाय से जुड़ी सभी जरूरी जानकारी भी प्राप्त होगी।
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