एक अच्छा निबंध कैसे लिखते हैं? निबंध लेखन का तरीक़ा/प्रारूप
निबंध वह रचना है जो किसी विषय पर विचारपूर्वक एवं क्रमबद्ध रूप से लिखी जाती है। निबंध-लेखन एक कला है। किसी अन्य कला में प्रवीण होने के लिए जिस तरह निरंतर अभ्यास की आवश्यकता होती है, ठीक उसी तरह विभिन्न विषयों पर अपने विचारों को लिखित रूप में अभिव्यक्त करने के लिए निरंतर अभ्यास द्वारा ही कोई अच्छा निबंध लिख सकता है। और आज हम इसी के बारे में बात करेंगे कि निबंध लेखन का तरीक़ा क्या है और एक अच्छा निबंध कैसे लिखें?
निबंध लेखन का तरीक़ा
निबंध लेखन का एक विस्तृत भाग होता है जो किसी विशेष दृष्टिकोण, विश्लेषण, व्याख्या, तथ्य अथवा प्रक्रियाओं के समुच्चय की वैधता के लिए एक प्रकरण का निर्माण करता है। किसी विषय पर निबंध लिखने से पहले अपने ज्ञान एवं अनुभव के आधार पर ही एक प्रारूप बनाना चाहिए।
निबंध तर्कपूर्ण, वर्णात्मक, विश्लेषणात्मक, अन्वेषणात्मक अथवा समीक्षात्मक हो सकते हैं; लेकिन उन सभी का एक विषय प्रस्तुत करने, संरक्षण प्रदान करने एवं पाठक के लिए एक दृष्टिकोण रखने का सामान्य उद्देश्य होता है। अतः एक निबंध की श्रेष्ठता न केवल प्रस्तुत तथ्यों की वैधता में निहित होती है, बल्कि इन तथ्यों के चयन, समालोचनात्मक मूल्यांकन, संगठन तथा प्रस्तुति पर भी निर्भर होती है।
एक अच्छा निबंध कैसे लिखें?
- अच्छा निबंध लिखने के लिए सबसे पहले तो उस विषय पर अपने ज्ञान एवं अनुभव के बारे में सोचना चाहिए।
- एक अच्छे निबंध में विचारों में क्रमबद्धता होती है और यही क्रमबद्धता किसी भी निबंध को प्रभावी बनाती है।
- निबंध को हर हाल में विषय-केंद्रित होना चाहिए। विषय से भटकाव किसी भी निबंध का सबसे बड़ा दोष माना जाता है।
- निबंध का प्रारम्भ हमेशा विषयवस्तु के परिचय से करें।
- परिचय के बाद निबंध के मध्य भाग को लिखें, इसमें विषयवस्तु को अनावश्यक विस्तार न दें।
- उपसंहार में सारांश के साथ निबंध को समाप्त करें।
- निबंध उसी विषय पर लिखना अधिक अच्छा होता है, जिसकी अच्छी जानकारी हो।
- वर्तनी की दृष्टि से शुद्ध शब्दों का प्रयोग करना चाहिए तथा इनकी अनावश्यक आवृत्ति से बचना चाहिए।
- वाक्य-विन्यास ठीक रखते हुए विराम-चिन्हों का उचित प्रयोग करना चाहिए।
- व्याकरण-सम्मत स्पष्ट भाषा का प्रयोग करना चाहिए।
- निबंध की भाषा-शैली सीधी, सरल, सुबोध तथा विषय के अनुकूल रखनी चाहिए।
- लम्बे-लम्बे क्लिष्ट शब्दों के प्रयोग से यथासंभव बचना चाहिए, क्योंकि इनसे भाषा प्रवाह में बाधा पहुँचती है और निबंध अस्वाभाविक लगने लगता है।
- निबंध का आकार न बहुत छोटा और न ही बहुत लम्बा होना चाहिए।
- सभी विचारों को पूर्णता के साथ स्पष्ट रूप से व्यक्त करना चाहिए।
- मध्य-भाग लिखते समय यह ध्यान रखना चाहिए कि एक अनुच्छेद में एक ही भाव हो। विभिन्न अनुच्छेदों को भी विचारों की भाँति सही क्रम में प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
- विषयवस्तु का वास्तविक प्रसार मध्य-भाग में ही करना चाहिए।
- निबंध का सारांश उपसंहार में ही लिखना चाहिए तथा इसमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि अंतिम वाक्य के साथ निबंध की पूर्णता का आभास हो।
इसे भी पढ़ें: निबंध कितने प्रकार के होते हैं?
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एक उत्तम निबंध कैसे लिखें.
Last Updated: May 9, 2017 By Gopal Mishra 11 Comments
निबंध कैसे लिखें?
How to write an essay in hindi.
निबंध लिखने का तरीका समझने से पहले यह जानना आवश्यक है कि “निबंध क्या है?” और उसके तत्त्व कौन से हैं व सफल निबन्ध की कसौटी क्या है? तत्पश्चात ही उच्च गुणवत्ता का निबन्ध लेखन किया जा सकता है।
निबंध क्या है?
हिंदी के प्रमुख साहित्यकार आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने निबन्ध को परिभाषित करते हुए कहा है-
निबन्ध लेखक अपने मन की प्रवृत्ति के अनुसार स्वच्छंद गति से इधर-उधर फूटी हुई सूत्र शाखाओं पर विचरता चलता है।
उपरोक्त परिभाषा से दो तथ्य तो स्पष्ट हो जाते हैं कि निबन्ध लेखक के मन की प्रवृत्ति के अनुरूप ही होना चाहिए और निबन्ध का लेखन स्वच्छन्द गति पर आधारित हो अर्थात निबन्ध लेखक के व्यक्तित्त्व को, उसके मानसिक चिन्तन को शत-प्रतिशत उजागर करता हो। यानी निबंध ऐसा लिखना चाहिए कि लेखक का चिंतन, वैचारिक स्तर, विषय पर उसकी स्वयं की विचारधारा स्पष्ट हो जानी चाहिए।
यानि हम कह सकते हैं कि-
निबंध, लेखक के व्यक्तित्व को प्रकाशित करने वाली ललित गद्य-रचना है।
इसके अतिरिक्त लेखक को नदी की धारा सम स्वच्छन्दता से बहना चाहिए, किसी अन्य के मत से प्रभावित हुए बिना। लेखक का व्यक्तिगत परिचय या स्वार्थ विषय-वस्तु को प्रभावित न करे- यह अत्यन्त आवश्यक है। ज़रूरी नहीं कि आप जो भी लिखें वो सभी को स्वीकार्य हो, ज़रूरी ये है कि आप निष्पक्ष हो कर लिखें क्योंकि निष्पक्षता ही किसी निबंध की प्रथम और अंतिम कसौटी है।
कुछ अन्य बातों की ओर भी निबन्ध लेखक का ध्यान हो, जैसे-
- पाठक को निबन्ध पढ़ते हुए सहभागिता का अनुभव हो
- लेखक के विचार पाठक को सरलता से समझ आने चाहियें
- जहाँ तक संभव हो लेखक के अनुभव पाठक को आप-बीते अनुभव हों
वस्तुतः किसी भी निबन्ध की सफलता इसी तथ्य पर निर्भर करती है कि पाठक उससे कितनी आत्मीयता अनुभव करते हैं।
निबन्ध कैसे लिखें?
मूलतः हमारा विषय यह था कि “ निबन्ध कैसे लिखें “। एक आप-बीती बताती हूँ -शिक्षण जगत में प्रवेश किया ही था कि एक निराश कर देने वाला अनुभव हुआ। परीक्षा के पश्चात एक विद्यार्थी से परीक्षा संबंधित वार्तालाप करते हुए कहा,” निबन्ध छोड़ आया क्योंकि याद किया हुआ नहीं आया।” मैं अचंभित होते हुए उससे पूछ बैठी,” निबन्ध को भी याद करना होता है क्या?” उसने कोई उत्तर नही दिया।
काफी विचार-मंथन के पश्चात मुझे सम्पूर्ण शिक्षण-प्रक्रिया में यह खामी नज़र आयी कि हम शायद यह समझ ही नहीं पाए थे कि पाठ्यक्रम में निबन्ध-लेखन क्यों जोड़ा गया है। कक्षा में छात्रों का वाद-विवाद होने पर प्रायः यह कहा करती थी कि अगर अपने विचारों को स्पष्ट नहीं कर पा रहे और विवाद का हल हिंसा में खोजते हो तो सारी शिक्षण – व्यवस्था ही असफल है।विचारों को उचित तरीके से स्पष्ट कर पाने की कला को सीखना ही निबन्ध-लेखन का मूल मंतव्य है।
मित्रों, निबंध कैसे लिखें समझने के लिए यह जानना ज़रूरी है कि-
पाठ्यक्रम में निबन्ध – लेखन को क्यों समाहित किया गया :
1. विद्यार्थी अपने विचारों को एकत्र करना सीख पाए। 2. विचारों को संतुलित तरीके से व्यक्त कर पाएं। 3. भाषा को उपयुक्त रूप से प्रयोग करना सीख पाएं। 4. किसी भी विषय पर छात्रों के स्वयं के विचार हों। 5. उनका वैचारिक स्तर निश्चित हो सके। 6. संवेदनात्मक व वैचारिक स्तर पर परिपक्व हो सके। 7. वे अपने विचारों को सकारात्मक दिशा दे पाए। 8. अपने विचारों को दृढ़ता से रखना सीख सके। 9. आलोचनात्मक दृष्टिकोण विकसित हो सके। 10.रटन्तू तोता न बन विचारशील प्राणी बन सके।
अब प्रश्न यह उठता है कि निबन्ध किस प्रकार लिखे जाने चाहियें।
निबन्ध लिखते हुए छात्रों को इन बातों पर ध्यान देना चाहिए-
1) निबंध के विषय पर अधिक से अधिक जानकारी एकत्र करें, इसके लिए आप इन्टरनेट और पुस्कालयों की मदद ले सकते हैं। आप अपने शिक्षक से भी विषय सम्बंधित किताबों या लेखों के बारे में जानकारी ले सकते हैं। यदि आप किसी परिभाषा या वक्तव्य को प्रयोग करना चाहते हैं तो उसे लिख लें और उसका स्रोत भी नोट कर लें। विशेषकर आपकी सोच को बल देती महापुरुषों की उक्तियाँ अवश्य लिख कर याद कर लें।
ध्यान रहे कि अध्यन करने के पीछे का उद्देश्य चीजों को रटना नहीं बल्कि अपने ज्ञान को बढ़ाना और अपनी एक सोच विकसित करना है।
2) पहले से लिखे उत्कृष्ट निबंधों का अध्यन करें। ऐसा करते हुए आपको एक अच्छे निबन्ध के प्रारूप को समझना है। यहाँ यह भी ज़रूरी नहीं कि आप उसी विषय पर निबंध पढ़ें जिसपर आपको खुद लिखना है, आप किसी भी विषय पर लिखा अच्छा निबंध पढ़कर अपना लेखन सुधार सकते हैं।
3) अपने विषय को लेकर आपने जो विचार बनाए हैं उसकी अपने मित्रों या परिवारजनों से चर्चा करें। चर्चा से निकले प्रमुख बिन्दुओं को नोट कर लें और सही हो तो उनका निबंध में प्रयोग करें।
4) निबन्ध लिखने से पहले उसकी एक रूपरेखा बना लें: आरम्भ, मध्य व अंत मे क्या-क्या लिखना है सोच लें और किसी अन्य पेज पर बुलेट पॉइंट्स में लिख लें।
5) निबंध की भाषा सरल व स्पष्ट हो।
6) लेखन शुद्ध , त्रुटि रहित हो।
7) रटा-रटाया न होकर मौलिक विषय-वस्तु हो।
8) अपने अनुभवों पर आधारित हो।
9) हर तथ्य क्रम में हो मसलन समस्या का अर्थ, कारण, दूर करने के उपाय ओर अंत मे उपसंहार-सभी बातें उचित क्रम में हों।
10) अनावश्यक विस्तार से बचें।
11) तथ्यों की पुनरावृत्ति न करें .
12) शीर्षक व उपशीर्षक को रेखांकित करें।
13) विषय से संबंधित किसी प्रसिद्ध कवि या महा-पुरुष की कोई उक्ति स्मृति में हो तो उसे अवश्य लिखें।
14) अंत मे दोबारा पढ़ कर उसमें आवश्यक सुधार करें और वर्तनी पर विशेष ध्यान दें।
इन तथ्यों को ध्यान में रखकर विद्यार्थी निबन्ध-लेखन में शत-प्रतिशत अंक ला सकता है। निबन्ध- लेखन सागर के समान गहरा अवश्य है पर उसमे उतरेंगे तो सफलता रूपी मोती अवश्य ही पाएंगे।
लेखिका हिंदी प्रवक्ता
निबंध लेखन की कला सिखाते इस लेख के लिए हम नीरू ‘शिवम’ जी के आभारी हैं। धन्यवाद!
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November 27, 2022 at 8:30 pm
Didi thank you so much ?
August 3, 2021 at 4:51 pm
दीदी आपका बहुत बहुत धन्यवाद आपके लेख को पढ़कर काफी प्रेरणा मिली कल मेरा शिक्षाशास्त्र परास्नातक द्वितीय वर्ष पंचम प्रश्नपत्र है आशीर्वाद दीजिएगा
November 14, 2018 at 11:50 pm
Kya nibandh mE subject related diagram (chitra) banaya ja sakta h
November 15, 2018 at 8:49 am
नहीं. लेकिन आप इन्फोग्रफिक या टेबल जैसा कुछ बना सकते हैं जिसमे निबंध से सम्बंधित बातें शोर्ट में बतायी गयी हों.
March 8, 2018 at 10:36 pm
Aapne jo bhi baatein kahin hai wo hum jarur dhayan me rakhenge and thanks for your tips ma’am.
February 25, 2018 at 12:00 am
Thanks for the tips ma’am…but I request to you ki hum log 3rd class k bacchho ko nibandh dikhana kaise sikhaye samay ki kami k Karan unless pass school books k bad time nahi hota…. please help
December 28, 2017 at 7:49 pm
Very very thankful sir….
May 18, 2017 at 10:06 pm
बहुत बढ़िया आर्टिकल स्टूडेंट के लिए बहुत ही फायदेमंद, निबंध से परीक्षा में अच्छे मार्क्स पाने का अवसर होता हैं.
May 11, 2017 at 3:10 pm
Thanks for this Post sir….
May 10, 2017 at 6:29 pm
Nice article… Sahi kaha aapne apne vicharon ko sahi tarah se spasht karne ki kala ko sikhna hi nibandh hai. Is article se sabhi students ko nibandh likhne me zarur laabh milega.
May 10, 2017 at 2:46 am
परीक्षा में अच्छे अंक पाने में निबंध का अहम योगदान होता है और इसके लिए सभी students मेहनत भी करते है लेकिन फिर भी सबका रिजल्ट भिन्न होता है । नीरू जी आपके द्वारा बताएं गए टिप्स से यकीनन Students को बहुत मदद मिलेगी ।
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सबसे अच्छा निबंध कैसे लिखें – How To Write An Essay In Hindi Nibandh
How to write an essay in hindi nibandh, निबन्ध कैसे लिखे.
निबन्ध शब्द के आते ही हम सभी के आखो के सामने लम्बे लम्बे पैराग्राफ वाले शब्दों के समूह नजर आने लगते है जिसे लेकर अक्सर हमे यह शिकायत रहती है इन भारी भरकम इतने लम्बे चौड़े शब्दों वालो शब्दों के समूह “निबन्ध” को याद कैसे करे और एक बढ़िया निबन्ध कैसे लिखे
अगर आप पढाई करते है तो हो सकता है आप 6वी, 10वी या 12वी किसी भी क्लास में हो सकते है जहा हमे अध्यापक द्वारा किसी न किसी विषय पर हिन्दी या English में निबन्ध जरुर लिखने को कहा जाता है और उन्हें याद करने को भी कहा जाता है और परीक्षा में भी किसी भी विषय पर निबन्ध या English में Essay लिखने को जरुर प्रश्न पूछे जाते है और यदि हम हिन्दी या English Subject से पढाई करते है तो Exam में किसी ना किसी विषय या किसी मुद्दे या फिर किसी विशेष Topic पर हिन्दी में निबन्ध या फिर English में Essay जरुर लिखने के Question आते है.
तो ऐसे में यदि हम निबन्ध कैसे लिखे, निबन्ध में किन किन किन बातो का ध्यान रखे, निबन्ध लिखने के लिए सभी जरुरी बातो को अच्छे से जानते रहेगे तो हमे निबन्ध लिखने में कोई परेशानी नहीं होगी और फिर यदि हम खुद से निबन्ध लिख सकते है तो फिर उन्हें याद करने में कोई दिक्कत भी नही होती है तो चलिए आज हम पोस्ट के जरिये आप सभी को एक बढ़िया निबन्ध लिखने के बारे में बतायेगे जिससे आप सभी को निबन्ध लिखने और याद करने में आने वाली परेशानी से बच सकते है तो सबसे पहले जान लेते है की ये निबन्ध क्या है.
निबन्ध क्या है
What is an essay nibandh in hindi.
निबन्ध यानि Essay हिन्दी की एक ऐसी संकल्पना है जिसके जरिये हम किसी वस्तुनिष्ठ विषय पर फोकस करते है यानि निबन्ध शब्द की संरचना इस प्रकार हुई है
Table of Contents :-
नि + बन्ध = यानी अच्छी तरीके से बधा हुआ शब्दों का समूह
यानी निबन्ध वह गद्य संरचना है जो की किसी भी विषय पर क्रमबद्ध रूप से लिखी जाती है
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार “यदि पद्य कवियों की कसौटी है तो निबन्ध गद्य की”
प. श्यामसुंदर दास के अनुसार “निबन्ध वह लेखन संरचना है जिसमे किसी भी विषय पर गहन और विस्तारपूर्वक विचार प्रस्तुत होते है”
तो आप समझ गये होगे की निबन्ध में किसी भी भी विषय विशेष पर उनसे जुडी बातो पर फोकस किया जाता है
तो चलिए अब एक अच्छा और बढ़िया निबन्ध कैसे लिखे निबन्ध लिखने में किन किन बातो का ध्यान देना जरुरी होता है इन सभी के बारे में अब आप सभी को बताते है
Nibandh Kaise Likhe
जैसा की आप सभी जान गये होंगे की निबन्ध में किसी भी विषय पर फोकस किया जाता है और उनसे जुडी बातो का निबन्ध में समाहित किया जाता है और निबन्ध शब्दों के सीमा से बढ़े होते है यानी आपने देखा ही होगा की अक्सर परीक्षा में निबन्ध जो लिखने के पूछे जाते है वे शब्द सीमा में होते है यानी 100, 200, 300 400, 500 या फिर 1000 शब्दों में लिखने के लिए पूछे जाते है जो की प्रश्नों के आकार पर निर्भर होते है.
तो ऐसे में एक बढ़िया और सुंदर निबन्ध लिखने के लिए हमे इन बातो पर फोकस करना चाहिए
1 :- निबन्ध के विषय पर फोकस करे
निबन्ध जब लिखने के लिए कहा जाता है तो आपसे यही अपेक्षा की जाती है उस विषय पर आप ज्यादा से ज्यादा सही और सटीक जानकारी दे सो हमे निबन्ध लिखते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए और निबन्ध में इधर उधर की अनावश्यक बातो को लिखने से बचना चाहिए.
2 :- भाषा पर फोकस करे
निबन्ध लिखने में भाषा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है निबन्ध की भाषा हमेसा सरल और सहज होनी चाहिए निबन्ध लिखने में ऐसे शब्दों का चुनाव करना चाहिए जो समझने में आसान हो और सभी शब्द पूर्ण वाक्य में हो यानी त्रुटिरहित नही होनी चाहिए यानी निबन्ध में जब भी कोई बाते लिखी जाये वो पूर्ण हो, आधे अधूरे जानकारी लिखने से बचना चाहिए.
3 :- निबन्ध की भूमिका
जब भी निबन्ध लिखने की शुरुआत करे तो इसकी शुरुआत भूमिका से करना चाहिए जो सधे हुए शब्दों में सटीक हो यानी निबन्ध की भूमिका ज्यादा बड़ी नही होनी चाहिए और यह शब्दों में ऐसे पिरोया जाना चाहिए जिसे पढ़ना वाला पढ़ते ही उस निबन्ध को पढने के लिए आकर्षित हो जाये.
4 :- निबन्ध विषय पर फोकस
निबन्ध लिखते समय हमे जिस विषय पर निबन्ध लिखना है उस विषय पर फोकस करना चाहिए यानि निबन्ध में हमे Point to Point बातो पर ही फोकस करना चाहिए यदि निबन्ध लिखने में हमे दिक्कत आ रही है तो सबसे पहले उसे रफ कॉपी में लिखना चाहिए और उन्हें पढ़ते हुए वाक्यों को सही और क्रमबद्ध कर लेना चाहिए जिससे की आपका लिखा हुआ निबन्ध पढने वालो को तुरंत समझ में आ जाये.
5 :- निबन्ध में शब्दों सीमा पर ध्यान देना
निबन्ध अक्सर शब्दों की निश्चित सीमा में ही लिखने को पूछा जाता है जिसको हमने ऊपर भी बताया है यानि निबन्ध अक्सर एक निश्चित शब्द सीमा में लिखने को पूछा जाता है तो हमे इस बात का जरुर ध्यान देना चाहिए.
और निबन्ध की शुरुआत भूमिका से होकर प्रस्तावना के साथ होते मुख्य बिन्दुओ अपर फोकस करते हुए उपसंहार के साथ खत्म करना करना चाहिए
निबन्ध लिखते समय ध्यान देने वाली जरुरी बाते
Focus on main point to writing on an essay in hindi.
निबन्ध लिखते समय इन बातो पर जरुर ध्यान देना चाहिए:-
तो ऐसे में यदि आप इन बताये गये सभी बातो को सही से फोकस करते हुए निबन्ध लिखते है तो निश्चित ही एक बढ़िया और अच्छा सा निबन्ध लिख सकते है.
तो आप सबको यह टिप्स निबन्ध कैसे लिखे कैसा लगा कमेंट में जरुर बताये और इस पोस्ट को शेयर भी जरुर करे.
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निबन्ध कैसे लिखे – Essay Writing Nibandh Kaise Likhe
Essay Writing Nibandh Kaise Likhe
निबन्ध कैसे लिखे.
Hindi Essay Kaise Likhe Nibandh Writing – अगर आप 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 या 12 किसी भी कक्षा में पढ़ते है, तो आपको अक्सर किसी न किसी विषय पर निबन्ध लिखने को कहा जाता है, तो अच्छा और सुंदर सा निबन्ध कैसे लिखे, यह मन में सवाल जरुर उठता है, तो चलिए निबन्ध कैसे लिखना है, इसके लिए किन किन बातो का ख्याल रखना जरुरी होता है, तो यहा हिन्दी निबन्ध कैसे लिखे, Hindi Nibandh Essay Kaise Likhe के बारे में जानते है.
निबन्ध क्या है, हिन्दी निबन्ध कैसे लिखे
Hindi nibandh essay kaise likhe.
निबन्ध दो शब्दों से मिलकर बना है, नि और बन्ध जिसका शाब्दिक अर्थ है, अच्छी प्रकार के शब्दों से बंधी हुई रचना, यानि निबन्ध यह गद्य रचना है, जो किसी भी विषय पर विस्तृत पूर्वक क्रमबद्ध लिखा गया होता है.
तो ऐसे में हर किसी के कक्षा में विभिन्न विषयों पर निबन्ध लिखने को कहा जाता है, तो ऐसे में सभी के मन में यही आता है, की एक अच्छा सा हिन्दी निबन्ध, Hindi Essay कैसे लिखे, तो चलिए अच्छे से निबन्ध लिखने के तरीके जानते है.
Nibandh Hindi Essay Kaise Likhe
1 – सबसे पहले निबन्ध का विषय पता होना चाहिए, निबन्ध किस विषय पर लिखना है.
2 – निबन्ध की शुरुआत प्रस्तावना या भूमिका से शुरू करना चाहिए.
3 – निबन्धों को महत्वपूर्ण हैडिंग में बाटना चाहिए, जिससे आप किस हैडिंग में क्या बताना चाहते है, हेडिंग को पढकर ही पता चल जायेगा.
4 – निबन्ध को मुख्यत तीन भागो आरम्भ, मुख्य विषय और उपसंहार में लिख सकते है.
5 – निबन्ध की भाषा सरल और स्पष्ट होनी चाहिए.
6 – निबन्ध के पैराग्राफ में क्या बताना चाहते है, पैराग्राफ में लिखी बाते स्पष्ट होनी चाहिए.
7 – निबन्ध के पैराग्राफ बहुत अधिक बड़े भी नही चाहिए, जिससे पढने और समझने में आसानी होगी.
8 – निबन्ध में भाषा त्रुटी नही होनी चाहिए, तथा शब्द सही मात्रा और उच्चारण के साथ लिखा होना चाहिए.
9 – निबन्ध की लिखावट बहुत ही सुंदर होनी चाहिए.
10 – निबन्ध बहुत अधिक बड़ा भी नही होना चाहिए, जितने शब्दों में निबन्ध लिखने को कहा जाय, उतने ही शब्दों में लिखने का प्रयास करना चाहिए.
11 – जो पॉइंट बहुत अधिक महत्वपूर्ण हो, उसे मोटे अक्षरों या हाईलाइट करना चाहिए.
12 – निबन्ध लिखते समय फुल स्टॉप (|), कामा (,), बिंदी (,) आदि सभी का जरुर उपयोग करना चाहिए, जिससे शब्दों के अर्थ आसानी से समझ में आते है.
तो अगर आप हिन्दी निबन्ध लिखना चाहते है, तो इन निबन्ध लिखने के इन बातो को ध्यान रखते है, तो आप एक बहुत ही अच्छा सा निबन्ध लिख सकते है.
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सभी इंसान अच्छे कहानीकार (स्टोरीटेलर्स) होते हैं और अगर नहीं हैं, तो बन भी सकते हैं। लेकिन बात जब एक अच्छी कहानी लिखने की होती है, तब फिर चाहे आप कितनी भी अच्छी कल्पना क्यों न कर लेते हों और आपके पास में हजारों अच्छे आइडिया ही क्यों न हों, लेकिन फिर भी हो सकता है, कि आप एकदम कन्फ़्यूज हो जाएँ। आपको कुछ एकदम ओरिजिनल बनाना है, न कि किसी की नकल करना है! एक अच्छी कहानी लिखने के लिए आपको प्रेरणा की तलाश करनी होगी, अपना कंटेन्ट तैयार करना होगा और फिर अपने द्वारा किए हुए काम को तब तक रिवाइज करते रहना (दोहराना) है, जब तक कि आप आपकी क्षमता के हिसाब से बेस्ट कहानी न लिख डालें। अगर आप एक अच्छी कहानी लिखना चाहते हैं, तो बस इन आसान से स्टेप्स को फॉलो करें।
प्रेरणा पाना (Getting Inspired)
- एक बुक पढ़ें। अनुभव से ही मदद मिलती है। पढ़ना दिमाग के लिए भी अच्छा होता है, ये आपको इस बारे में जानकारी देगा, कि आखिर एक पब्लिश हुई बुक कैसी नजर आती है। बेशक, आपको न जाने कितनी सारी बुक्स मिल जाएंगी, लेकिन जहां तक हो सके, अपनी लोकल लाइब्रेरी जाकर तलाशने की कोशिश करें और वहाँ से ही एक ऐसी बुक तलाश करें, जो आपकी रुचि के हिसाब से एकदम फिट बैठती हो। हर एक बुक और इंसान अलग होते हैं। हो सकता है, कि एक बुक से आपको अच्छे सेंटेन्स स्टार्टर्स (शुरुआत करने लायक वाक्य), प्रेरणा और आप जिस तरह के टेक्स्ट को लिखना चाहते हैं, वही मिल जाए। अपनी वोकेबुलरी (शब्दावली) को बढ़ाने के लिए अलग-अलग तरह की बुक्स को पढ़ने की पुष्टि कर लें। अगली बात जो आप जानते हैं, वो ये, कि अब आपके पास एक कहानी का आधार होगा।
- कुछ रोचक किरदारों की खासियत पर ध्यान दें। हो सकता है, आपने कभी भी आपके पड़ोसी को उसके पौधों के साथ में बात करते हुए सुना हो या फिर उसे उसकी बिल्ली को हर सुबह वॉक पर ले जाते हुए देखा हो। ये, फिर से, अपने आसपास के लोगों के ऊपर ही ध्यान देना होता है। क्या आपकी सिस्टर बहुत ज्यादा इंटेलिजेंट (गीकी) टाइप है? हो सकता है, आपका अगला इंटेलिजेंट किरदार उसी की पर्सनालिटी पर आधारित हो। इस तरह के लोगों की ज़िंदगी के अंदर झाँककर देखने की कोशिश करें और देखें अगर कोई कहानी बन पाए।
- अपने आसपास के माहौल पर ध्यान दें। एक वॉक पर चले जाएँ या फिर किसी पार्क में बैठकर, वहाँ पर नजर बनाकर कुछ वक़्त बिताएँ और देखें अगर आपको कुछ मिल जाए। हो सकता है, कि आपको किसी गटर के ठीक सामने, गुलाबों से सजा हुआ एक बुके नजर आ जाए या फिर एक पार्क बेंच पर एकदम नए स्नीकर्स दिख जाएँ। खूबसूरत वो वहाँ पर कैसे पहुंचे? अब अपनी खुली आँखों से सपने देखना शुरू कर दें!
- लोग जब बात करें, तब उन्हें सुनें। बस आते-जाते सुना हुआ एक दिलचस्प वाक्य भी आपको एक पूरी कहानी लिखने को प्रेरित कर सकता है। हो सकता है, कि आप किसी को ऐसा कहते हुए सुने, "कोई मुझे नहीं समझता......" या "मेरा डॉग मेरे घर में आने वाले सभी लोगों को बहुत परेशान करता है..." क्या ये एक कहानी लिखने के लिए काफी है? बेशक!
- आप जब कहानी लिखना शुरू करते हैं, तब जरूरी नहीं है, कि आपको आपकी कहानी का अंत मालूम ही होना चाहिए। असल में, कहानी लिखना शुरू करते वक़्त ही, कहानी के बारे में सब-कुछ नहीं मालूम होना, आपको और भी क्रिएटिव संभावनाएं खोजने में मदद कर सकता है और ये आपकी कहानी को और भी मजबूती भी देगा।
- ये जो "ऐसा होता, तो क्या होता" सिनारियो है, ये कुछ प्रैक्टिकल (असलियत से जुड़ा) भी हो सकता है या फिर ये एकदम कुछ अजीब सा भी हो सकता है। आप चाहें तो खुद से पूछ सकते हैं, कि "कैसा हो, अगर मेरा डॉग मुझ से बात करने लग जाए?" या "कैसा हो, अगर मेरे डॉग पर हमेशा नाराज होने वाला मेरा पड़ोसी, किसी दिन उसका किड्नैप (अपहरण) कर लें?"
- बहुत से लोग आप से कहेंगे, कि "आपको सिर्फ वही लिखना चाहिए, जिसके बारे में आपको मालूम है।" एक खयाल के हिसाब से भी माना जाता है, कि अगर आपने आपका बचपन पंजाब के खेत खलिहानों में रहकर बिताया है, या फिर आपने आपकी ज़िंदगी के 10 वर्ष कोंकण की हरियाली में पेंटिंग करने की कोशिश करते हुए बिताए हैं, तो ऐसे में आपको किसी अनजानी जगह पर किसी के जीवन के बीतने के अनुभव के बारे में लिखने के बजाय, आपके अपने इन्हीं अनुभवों के बारे में लिखना चाहिए।
- कुछ रायटरर्स (लेखक) ऐसा कहेंगे, कि आपको उन्हीं चीजों के बारे में लिखना चाहिए, "जिन्हें आप जानते तो हैं, लेकिन पूरी तरह से नहीं।" इसका मतलब, आपको पहले आपके किसी जाने-माने क्षेत्र से शुरुआत करना चाहिए और फिर किसी ऐसी चीज़ के बारे में तलाशना शुरू करें जिसके बारे में हमेशा आपके मन में कोई उत्सुकता हो या जिसके बारे में आपको ज्यादा कुछ मालूम न हो।
- अगर आप असल में घटित हुई घटनाओं के बारे में लिखने को लेकर बहुत ज्यादा कम्फ़र्टेबल हो जाते हैं, तो फिर आपके पास उसमें क्रिएटिविटी शामिल करने लायक जगह ही नहीं रह जाएगी। उदारण के लिए, हो सकता है, आपका कोई एक ऐसा बचपन का फ्रेंड हो, जो आपको बताए बिना कहीं दूर चला गया हो या फिर शायद आप अपने बचपन में हमेशा से ही रोलर-कोस्टर को देखकर अचंभित हुआ करते थे, और जानना चाहते थे, कि आखिर ये सब होता कैसे है। इस दुनिया पर ही गौर करें और फिर उसी से कुछ बना लें।
- जब आपका कोई फ्रेंड आप से ऐसा कहता है, "तुम मानोगे नहीं, लास्ट वीक मेरे साथ क्या हुआ..." उस पर ध्यान दें। यहीं पर आपको आपकी शॉर्ट स्टोरी की शुरुआत मिल सकती हैं।
- एक कहानी किसी भी अनचाही जगह से भी आ सकती है। हो सकता है, कि एक रेडियो डीजे (radio DJ) बस कुछ ही लाइंस में उसके बचपन की यादों को ताजा कर रहा हो, और आप खुद को उसकी कही हुई बातें सुनकर, उसकी लाइफ की कल्पना करते हुए पाते हैं।
- एक बात का ध्यान रखें: अगर आपकी पहचान एक ऐसे लेखक की तरह बन गई है, जो हमेशा ही लोगों के द्वारा सुनाई हुई कहानियाँ की "चोरी" करता है और उन से ही फिक्शन तैयार कर लेता है, तो फिर लोग आपके सामने अपनी बातें शेयर करने में कतराने लग जाएंगे।
- किसी एक जगह के बारे में लिखना, आपको एक मजेदार किरदार बनाने की दिशा में लेकर जाने मदद कर सकता है।
- इस तरह के ओपनिंग सेंटेन्स से कहानी लिखना शुरू करें: "मैंने आज से पहले ये किसी को भी नहीं बताया है।" अगर आपकी कहानी फर्स्ट पर्सन से नहीं बताई जा रही है, तो इसे इस तरह से शुरू कर सकते हैं, "उसने दरवाजा बंद कर दिया। उसके चेहरे पर आंसुओं की धार सी लग गई। क्या किसी ने उसे धोखा दिया है?"
- किसी जगह पर लगी हुई एक खलिहान की तस्वीर पर ध्यान दें। फिर, उसे किसी ऐसे इंसान के नजरिए से डिस्क्राइब करें, जिसने अभी एक मर्डर किया है। अब फिर से किसी एक ऐसी लड़की के नजरिए से ऐसा करें, जिसने अभी-अभी अपनी माँ को खो दिया है। देखें, किस तरह अलग-अलग लोगों के विचार के द्वारा दुनिया को देखने का नजरिया बदल रहा है। आप खुद को ही उस किरदार की जगह पर रखकर देखें!
- बस कुछ 10-15 मिनट्स के लिए लिखें। आपने अपनी गलती को सुधारने के लिए जो भी लिखा है, उसे एक बार फिर से देखें।
- अपनी ज़िंदगी में से किसी एक ऐसे इंसान को चुन लें, जिसे आप बिल्कुल भी पसंद नहीं करते हैं। अब, उस इंसान के नजरिए से एक कहानी लिखना शुरू करें। जितना हो सके उसे पढ़ने वाले के मन में उसके लिए सहानुभूति बनाने की कोशिश करें। यार रखें-ये आपकी कहानी है!
- किसी किरदार को आपको सरप्राइज़ (आश्चर्य) में डालने दें। एक ऐसे किरदार के बारे में लिखें, जिसे आप अच्छी तरह से जानते हैं और फिर इस इंसान को कुछ ऐसा करने दें, जिसके करने के बारे में आपको बिल्कुल भी संभावना न हो। देखें, ये आपको कहाँ तक लेकर जाता है। ये आपकी कहानी को और भी दिलचस्प बना देता है।
- बहस (तर्क)। ऐसे दो किरदार रखें, जो एकदम अलग ही बहस कर रहे हैं, जैसे कि कौन कचरे को बाहर रखने वाला है या कौन मूवी के लिए पे करने वाला है। इस बात को स्पष्ट कर दें, कि ये जो बहस है, वो असल में किसी एक बड़ी और और ज्यादा सीरियस चीज़ के बारे में है, जैसे कि कौन रिश्ते को पहले खत्म करने वाला है या कौन बहुत ज्यादा दे रहा है, लेकिन इसके बदले में उसे कुछ भी नहीं मिल रहा है। जहां तक हो सके, डाइलॉग को ही सारा काम करने दें। हालांकि, उसे बोरिंग भी मत बनाएँ।
- बॉडी लेंग्वेज। ऐसे करीब 500 शब्द लिखें, जो एक-दूसरे के सामने बैठे हुए दो किरदारों के बारे में डिस्क्राइब करते हों। बिना डाइलॉग यूज किए, आपके रीडर्स को खुद ही देखने दें, कि ये दोनों किरदार आखिर एक-दूसरे के बारे में क्या फील करते हैं।
- रोकेया सखावत हुसैन की "Sultana’s Dream"
- प्रज्वल परजुल की "The Cleft"
- आर.के. नारायण की "An Astrologer’s Day"
- प्रेमचंद की "Lottery"
- मृणाल पांडे की "Girls"
- झुम्पा लहिरी की "Interpreter of Maladies"
- रस्किन बॉन्ड की "A Tiger in the House"
- शशि थरूर की "The Political Murder"
- नयनतारा सहगल की "Rich Like Us"
- अनीता नायर की "The Ladies Coupe"
- अरुंधति रॉय की "The God Of Small Things"
- झुम्पा लहिरी की "A Temporary Matter"
- किरण देसाई की "The Inheritance Of Loss"
- मंजु कपूर की "Difficult Daughters"
- मीनाक्षी रेड्डी माधवन की "You Are Here"
अपनी कहानी लिखने की कला को सुधारना
- उदाहरण के लिए, मान लीजिए, आपके पास में पर्पल पर्दे हैं। आपके पर्दे कैसे नजर आते हैं? वो आपको किस की याद दिलाते हैं? वो आपके रूम में कहाँ पर लगे हुए हैं?
- हालांकि, आपको बहुत ज्यादा भी स्पष्ट नहीं करना है, क्योंकि बहुत ज्यादा स्पष्ट करने की वजह से आपकी कहानी धीमी पड़ जाएगी। बस आपको अपने रीडर के मन में एक वास्तविक तस्वीर बनाने की कोशिश करना है।
- कंस्ट्रक्टिव क्रिटिसिज़्म (निर्माणकारी आलोचनाओं) को सुनें और समझें, कि कब आपको आपकी राइटिंग स्किल्स में सुधार करने की जरूरत है। इसके साथ, ये भी जानना सीखें, कि कब ये सिर्फ जैलसी है। प्रैक्टिस के जरिए आप इसे करना सीख जाएंगे।
अपनी कहानी तैयार करना
- फर्स्ट पर्सन: फर्स्ट पर्सन को एक ऐसे किरदार के नजरिए से व्यक्त किया जाता है, जो खुद का जिक्र करने के लिए "मैं (I)" का यूज करता है। "मैंने इससे पहले कभी किसी को इसके बारे में नहीं बताया है," ये फर्स्ट-पर्सन राइटिंग का एक उदाहरण है। अगर आप किसी एक किरदार के विचारों और नजरियों पर ही सारा ध्यान लगाना चाहते हैं, तो आपके लिए फर्स्ट पर्सन यूज करना सबसे अच्छा होगा, लेकिन अगर उस किरदार के नजरिया बहुत सीमित होगा, तो ये आपके लिए भी बहुत सीमित हो सकता है। अगर आप अभी शुरुआत ही कर रहे हैं, तो आपके लिए अभी फर्स्ट पर्सन का नजरिया बहुत आसान हो सकता है।
- थर्ड पर्सन: थर्ड पर्सन, उस वक़्त यूज होता है, जब आप "वह" या "वो" लिखकर, बाहरी नजरिए से किसी एक किरदार के बारे में लिखते हैं, जैसे कि, कहना, "वो थक गया था।" थर्ड-पर्सन में, लेखक या तो किरदार के विचारों के एकदम करीब पहुँच जाएगा या फिर किरदार से एकदम दूरी बना सकता है।
- सेकंड पर्सन: सेकंड पर्सन सीधे तौर पर रीडर को "तुम/आप" कहकर संबोधित करता है। जैसे कि, "आप ऑफिस तक जा रहे हैं।" ये रीडर को थामे रखने की अच्छी टेक्निक होती है, लेकिन ये कभी-कभी जरूरत से ज्यादा भी यूज हो सकता है।
- राइजिंग एक्शन/एक्सपोजीशन: ये आमतौर पर शॉर्ट स्टोरी की शुरुआत में आता है, जब रीडर को मुख्य किरदारों, सेटिंग और केंद्रीय संघर्ष से अवगत किया जाता है। हालांकि, कुछ कहानियाँ एक्शन के ठीक बीच में भी शुरू हुआ करती हैं और रीडर्स के मन में, असल में पहले क्या हुआ था, जानने के लिए जिज्ञासा जगाता है।
- संघर्ष: कहानी की असली बाजी। हर कहानी के अंदर कोई न कोई एक दांव होना ही चाहिए नहीं तो रीडर इसे पढ़ ही नहीं पाएगा, फिर चाहे आपकी कहानी की भाषा कितनी ही अच्छी क्यों न हो। हर एक कहानी में एक संघर्ष की या फिर तनाव के पल की जरूरत होती ही है; ये दो पुरुषों के, किसी एक ही महिला को पाने की लड़ाई करने या किसी लड़की के मन में, अपने फ्रेंड के द्वारा उसे पार्टी पर बुलाए जाने या न बुलाए जाने की कश्मकश के जितना ड्रामैटिक भी हो सकता है। संघर्ष किस प्रकार का है, ये कोई मायने नहीं रखता -- अगर कुछ मायने रखता है, तो वो ये कि रीडर्स के मन में आगे क्या होने वाला है, की जिज्ञासा।
- नियति (The falling action): कहानी का समाधान। संघर्ष के समाप्त होने या उसके ऊपर चर्चा होने के बाद, कहानी को अब खत्म होना चाहिए। लेकिन ज़्यादातर कहानियों की इतनी अच्छी खुशनुमा एंडिंग नहीं हुआ करती है। ज़्यादातर कहानियाँ ऐसे किसी शब्द या इमेज पर खत्म हो जाती हैं, जो रीडर्स को सोचते हुए छोड़ देती है। अगर आपकी कहानी आखिर में अच्छी तरह से "समाप्त" हो जाती है, तो आपने रहस्य और आकर्षण को कुछ हद तक कम कर लिया है।
- वो क्या कहते हैं, को डिस्क्राइब करें। डाइलॉग की कुछ परफेक्ट लाइंस किसी भी किरदार के असली मकसद की पहचान करा सकती हैं -- खासकर अगर वो डाइलॉग उसकी सोच से मेल न खा रहा हो, तब।
- वो क्या करते हैं, को डिस्क्राइब करें। क्या वो शख्स अलार्म के बिना भी रोज सुबह छह बजे उठ जाता है या फिर वो रोज सुबह उठने से पहले कई बार "स्नूज (snooze)" बटन दबाकर घंटों तक भी बिता देता है? हर एक छोटा सा काम भी उस किरदार को बनाने में मदद कर सकता है, हालांकि ये आपको शुरुआत में जरूर बेकाम का नजर आ सकता है।
- वो कैसे नजर आते हैं, को डिस्क्राइब करें। क्या वो इंसान मार्केट जाते वक़्त बहुत अजीब ढ़ंग से तैयार हुआ करता है या फिर किसी बहुत दर्दभरे लम्हे में भी अजीब ढ़ंग से मुस्कुराता है? किसी भी किरदार का फिजिकल अपीयरेंस, उसकी मानसिक स्थिति की भी गवाही दे सकता है।
- वो दूसरों के साथ में किस तरह से बातचीत करते हैं, के बारे में भी बताएं। क्या आपका किरदार बहुत ज्यादा शर्मीला है या फिर वो इना ज्यादा बॉसी है, कि उसके आसपास मौजूद हर एक इंसान, उसके मुँह खुल जाने को लेकर घबराता है? क्या वो इसी वजह से वेटर्स के साथ में अच्छे से पेश आता है, क्योंकि उसकी माँ भी कभी एक वेट्रेस थीं या फिर वो सभी वेटर्स के साथ में इसलिए बदसलूकी करता है, क्योंकि एक वेट्रेस ने उसका दिल दुखाया है या फिर बस उसे ऐसा करना अच्छा लगता है? किसी किरदार के बारे में जाहिर करना, उसके बारे में काफी कुछ उजागर कर सकता है।
- दो किरदारों के बीच में मौजूद डाइलॉग भी उनके बारे में काफी कुछ उजागर कर सकते हैं।
- जो नहीं बोला जा रहा है, उसके ऊपर भी ध्यान दें। उदाहरण के लिए, अगर कोई एक छोटा बच्चा इस बात से दुखी है, कि उसके फादर ने उसका बेसबाल गेम मिस कर दिया, लेकिन फिर भी जब वो दोनों अगली बार मिलते हैं, तो वो गेम के बारे में कोई बात किए बिना, वो उन से पूछता है, कि "आपका काम कैसा हुआ?" ये भी उसके बारे में काफी कुछ उजागर कर सकता है।
- अपने डाइलॉग को बहुत ज्यादा भी ज़ोर देना अवॉइड करें, जैसे कि "हरी ने कहा..." की जगह पर "हरी ने व्यक्त किया..." लिखना।
- फिर चाहे सेटिंग कहानी के लिए बहुत ज्यादा जरूरी न भी हो, रीडर्स को कन्फ़्यूज मत करें और उन्हें ये समझ आने दें, कि ये घटना किस जगह पर घटित हो रही है, फिर चाहे ये जगह दुनिया के किसी कोने में मौजूद एक छोटी सी झोपड़ी या एक अनजाना सा स्कूल जैसा कुछ भी क्यों न हो।
- टाइम पीरियड भी सेटिंग का एक बहुत जरूरी हिस्सा हो सकता है। अगर आपकी कहानी 1960 के वर्ष की है, तो अपने रीडर्स को इसके बारे में भरपूर संकेत दे दें या फिर आप ही इसे बार-बार बताते जाएँ, ताकि वो आधी से ज्यादा कहानी को आज के दौर की समझकर न पढ़ते जाएँ।
- वॉइस (Voice) लेखक के शब्दों के साउंड होने के तरीके को डिस्क्राइब करता है, न कि किरदार के द्वारा बोले जाने वाले शब्दों के साउंड को। शॉर्ट स्टोरी में लिखा हुए हर एक शब्द, लेखक की अपनी वॉइस की पहचान बनाने में अपना योगदान देता है।
- "जानकारियों का भंडार भरना" अवॉइड करें। अपने रीडर्स को कहानी की शुरुआत में ही वो हर एक बात न बताते जाएँ, जो आपको लगती हैं, कि उन्हें मालूम होनी चाहिए । अगर आप कुछ होने के पहले ही, सिर्फ अपने किरदारों को और घटनाओं को बताने के ऊपर तीन पेज बर्बाद कर देंगे, तो आपके रीडर्स बोर हो जाएंगे।
- ट्रिक एंडिंग (एक चालाकी से समाप्त) करने से बचें। कोई भी इंसान किसी कहानी के आखिर में ये जानकर खुश नहीं होगा, कि अब तक जो भी हुआ, वो तो सिर्फ एक ख्वाब था या फिर इसे तो बस एक दूसरे नजरिए से पेश किया जा रहा था। ओ हेनरी (O. Henry) इसी तरह की एंडिंग के लिए फेमस हुई थी, लेकिन अब उसे एक बकवास की तरह माना जाता है।
- इसे बहुत सिंपल रखें: हो सकता है, कि आप ऐसा सोचें, कि शॉर्ट स्टोरी लिखने के लिए एक उन्नत, बनावटी भाषा ही यूज की जाना चाहिए। अगर आप एक हाइ सोसाइटी लाइफ के बारे में कोई कहानी लिख रहे हैं, तो फिर इसे यूज करना आपके लिए ठीक रहेगा, लेकिन ज़्यादातर कान्सैप्ट के लिए, इसे छोटा और सिंपल ही रखना सही माना जाता है।
- डाइलॉग को बहुत ज्यादा भी फैलाने से बचें। नरेशन, नॉन-डाइलॉग को आपके रीडर्स को आपकी कहानी के बारे में बेसिक जानकारी बताने के लिए यूज किया जाना चाहिए। डाइलॉग का यूज किरदार के बारे में, उसके स्ट्रगल के बारे में, उसके रिश्ते बगैरह के बारे में बताने के लिए ज्यादा से ज्यादा यूज किया जाना चाहिए, लेकिन इसे कहानी की "सच्चाई" के लिए नहीं यूज होना चाहिए। जैसे कि, एक किरदार को ऐसा कभी नहीं बोलना चाहिए, कि "मनु, मुझे लगा, कि तुम 20 साल के हो और ये तुम्हारा मुंबई में दूसरा साल है..." क्योंकि ये एक ऐसी बात है, जो कहानी के किरदारों को पहले से ही मालूम है।
- कहानी के असली दांव को एकदम स्पष्ट रखें। किसी भी रीडर को, आपकी कहानी को पढ़ते वक़्त और उसे पूरा पढ़ लेने के बाद, इस सवाल का जवाब देते आना चाहिए, कि "इस कहानी का असली मकसद क्या है?" अगर कोई रीडर कहानी पूरी पढ़ लेता है और उसे अभी तक यही नहीं समझ आता, कि असली मुद्दा क्या है, तो फिर आपकी कहानी फेल हो चुकी है।
अपनी कहानी को रिवाइज करना (दोहराना)
- कभी-कभी आपके द्वारा लिखी जा रही कहानी को एक वर्ड डॉक्यूमेंट में प्रिंट करके भी आपको इसे एक नए नजरिए से देखने में मदद मिल सकती है।
- अगर आप सच में अपनी कहानी को सुधारना चाहते हैं, लेकिन अभी एकदम स्तब्ध हैं, तो उसे कम से कम एक या दो महीने के लिए एक तरफ रख दें। आप खुद ही इस वक़्त के दौरान अपने नजरिए में आए बदलाव को देखकर अचंभित हो जाएंगे।
- अपने काम को कुछ वक़्त के लिए एक तरफ रख देना, एक अच्छा आइडिया होता है, लेकिन इसे इतने ज्यादा वक़्त के लिए भी एक साइड न रखें, कि आपकी इस पर से दिलचस्पी ही खत्म हो जाए।
- फीडबैक केवल तभी मददगार साबित होंगे, जब आप इन्हें अच्छे से स्वीकार करें। अगर आपको लगता है, कि आपने दुनिया की सबसे अच्छी कहानी लिख ली है, तो फिर आप असल में किसी की एक बात भी नहीं सुन सकेंगे।
- पुष्टि कर लें, कि आप आपकी कहानी को सही रीडर्स को ही दे रहे हैं। अगर आप एक साइंस फिक्शन लिख रहे हैं, लेकिन आप आपकी कहानी को एक ऐसे राइटर फ्रेंड को पढ़ने के लिए दे रहे हैं, जिसने आज तक कभी भी साइंस फिक्शन नहीं लिखी है, तो आपको बेस्ट फीडबैक नहीं मिल सकेगा।
- नजरिए में आने वाले बदलाव को बदलने की जरूरत। हो सकता है, कि पहली बार पढ़ने पर आपको आपकी कहानी फर्स्ट पर्सन में ही सबसे अच्छी लगे, लेकिन दूसरी बार पढ़ने पर, शायद आपको ऐसा लगने लगे, कि आपके द्वारा बताई जाने वाली कहानी के लिए थर्ड पर्सन ज्यादा सही रहेगा।
- शब्दों में कमी करना। एक नियम के हिसाब से, अपनी कहानी में से कुछ 250 (ये कम से कम 10 पेज के बराबर लंबी होनी चाहिए) तक शब्दों को कम करने के बाद आप मान सकते हैं, कि आपकी कहानी पूरी हो गई है। आप खुद ही आपकी कहानी में मौजूद गैर-जरूरी शब्दों को पाकर दंग रह जाएंगे।
- किसी भी कन्फ़्यूजन को अलग कर दें। खुद से पूछें, कि अगर ये कहानी आपने खुद न लिखी होती, तो इसमें जो भी कुछ हो रहा है, वो आपको अच्छे समझ आता या नहीं। हो सकता है कि कहानी का जो कान्सैप्ट है, वो आपको बहुत अच्छे से मालूम हो, लेकिन आपके जो रीडर्स हैं, वो शायद इसकी वजह से बहुत ज्यादा कन्फ़्यूज भी हो सकते हैं।
- इसमें फीलिंग्स, साउंड्स बगैरह को शामिल करने की पुष्टि कर लें। फीलिंग्स किसी भी कहानी में एक जान डाल देती हैं। आखिर, वो कहानी ही क्या, जिसमें कोई फीलिंग्स न हों?
- जरूरत हो, तो और भी रिसर्च करें। अगर आप 60 के दशक में पानीपत के एक गाँव के बारे में कुछ लिखना चाह रहे हैं, और फिर आपको लगता है, कि आपको इस वक़्त के बारे में उतनी भी जानकारी नहीं है, जितनी की आपको जरूरत है, तो फिर इस वक़्त पर आपको इस एरा के बारे में एक ठोस कहानी लिखने के हिसाब से कुछ बुक्स को पढ़कर रिसर्च कर लेना चाहिए।
- सुदृढ़ (पर्सिस्टेंस) रहें। जब भी आप परेशान हो जाएँ, तब खुद को बस एक बात याद दिलाएँ, कि कोई भी कहानी अपने पहले ड्राफ्ट में ही परफेक्ट नहीं बन जाती है -- लेकिन अगर आप एक दूसरा, तीसरा और शायद चौथा ड्राफ्ट भी लिखते हैं, तो आप में एक अमेजिंग शॉर्ट स्टोरी लिखने की क्षमता है।
- आप आपके मुख्य किरदारों को कैसा बनाना चाहते हैं, से अवगत रहें। अगर आपको मालूम है, कि ऐसा नहीं हो सकता, तो फिर किसी एक बेवकूफ से बच्चे को एक ऐसा कूल सेंटेन्स न दें, जो बोलना उसके स्वाभाव में ही न हो। अपने किरदारों को भी ठीक वैसे ही जानें, जैसे कि आप खुद को जानते हैं। किसी दिन अपने किरदार के अंदर ही रहें।
- एडिट करते रहें। बेशक, विराम चिह्न (punctuation), स्पेलिंग, ग्रामर और वाक्य बोध को चेक करें--लेकिन बड़े सवालों को इग्नोर मत करें। क्या आपके किरदारों के एक्शन और रिस्पोंस मुमकिन होने लायक हैं? क्या आपने प्लॉट के लिए कोई शॉर्टकट लिया है, जो उसे सांसारिक या बनावटी बनाता है?
- अगर आप बहुत आसानी से दूसरे लोगों की राइटिंग से प्रभावित हो जाते हैं, तो बहुत ज्यादा मत पढ़ें। सिर्फ उन्हीं बुक्स के साथ जुड़े रहें, जिन से आप अवगत हैं, और पढ़ें, की लेखक ने किस तरह से किरदारों को, प्लॉट को और लक्ष्यों को निर्धारित किया है। हालांकि, आपको अपने आप को पिंजरे में भी बंद करके नहीं रखना है।
- आप जहां भी जाएँ, अपने साथ में हमेशा एक नोटबुक लेकर जाएँ, ताकि आप के मन में जब भी कोई आइडिया आए, तो आप उसे फौरन लिख सकें। अगर आपके पास में खाली वक़्त हो, अपनी नोटबुक को निकाल लें और आपके मन में आने वाली सबसे पहली चीज़ को लिखने लगें।
- जब लिख रहे हों, तब ऐसी जगह पर न रुक जाएँ, जहां आप कुछ भी नहीं सोच पा रहे हैं। अगर आप ऐसा करते हैं, तो आप आपकी कहानी को कभी भी खत्म नहीं कर पाएंगे। एक ऐसी जगह पर रुकें, जहां आपके दिमाग में कोई प्लान आ रहा हो।
- एकदम फौरन अपनी कहानी की एडिटिंग करना मत शुरू करें, ऐसे में आपके द्वारा गलतियाँ और खामियों को देखे जाने की कम ही संभावना होती है। जब तक आप आपकी कहानी को एक नए नजरिए से देखने लायक न बन जाएँ, तब तक इंतज़ार करें।
- फ़ाइनल कॉपी तैयार करने से पहले ड्राफ्ट्स जरूर तैयार करें। ये आपको एडिटिंग में बहुत मदद करने वाले हैं।
- एक रोचक कहानी लिखने के लिए डाइलॉग और डिटेल्स बहुत जरूरी होती हैं, रीडर्स को आपके किरदारों की जगह पर रखकर देखें।
- जब एक कहानी लिख रहे हों, तब मुख्य किरदार को फोकस करने की पुष्टि कर लें, लेकिन उसके फ्रेंड्स के बारे में भी कहानियाँ बताने की जगह जरूर छोड़ें। हर मुख्य किरदार को सामने आने के लिए टाइम की जरूरत होती है और उसके फ्रेंड्स की हिस्सेदारी भी जरूरी होती है!
- अपने आप को बहुत ज्यादा भी गंभीरता से मत लें।
- अपनी कहानी लिखने से पहले, किरदारों के नाम और वो किस तरह की पर्सनालिटी को दर्शाने वाले हैं, इन सब की एक लिस्ट बना लें।
- काम करते वक़्त ही एडिट मत करें। ये आपकी लिखने की स्पीड को कम कर देता है। इसकी जगह पर बार-बार ब्रेक लेते रहें और जब आप से हो, तब एडिट करें।
- अपनी कहानी को दिलचस्प बनाने के लिए, कभी किसी दूसरे के काम को चोरी न करें। एक अच्छी कहानी लिखने में हमेशा वक़्त लगता है, तो इसलिए आप अपनी तरफ से धैर्य बनाए रखें!
- कहानी को बहुत ज्यादा भी न खींचें। किसी भी सब्जेक्ट को बहुत ज्यादा भी न खींचें। उसके लिए केवल उतनी ही जानकारी दें, जो उसे समझने और रुचि बनाने के हिसाब से सही हो।
- किसी भी चीज़ को पूरी तरह से उल्लेख करने पर आप कभी इसे खत्म नहीं कर पाएंगे ।
- अपने वाक्यों की लंबाई के अलग-अलग होने की पुष्टि कर लें।
- अपनी फैमिली के जैसे, किसी जाने-माने इंसान के बारे में बहुत करीब से जानकारी देना बहुत आसान होता है। या तो अपने परिवार को अपमानित करने से बचने के लिए किरदारों को पर्याप्त रूप से अलग बनाएँ या फिर आगे जो होने वाला है, उसके लिए तैयार रहें।
- बार-बार बहुत बड़े, भारी-भरकम शब्दों का यूज न करें। ये कुछ इस तरह से अनप्रोफेशनल लगते हैं, जैसे कि आपने आपके कंप्यूटर से आपके लिए इन्हें लिखने को कह दिया है, आपको कोशिश यही करना है, कि बार-बार बोरिंग प्लेन शब्दों का कम ही यूज करें।
- राइटर्स ब्लॉक बहुत कॉमन होता है। आप परेशान जरूर हो सकते हैं, लेकिन कभी भी हार नहीं मान सकते हैं; ब्रेक्स लेते रहें और अपने मन को आराम दें। BIC, Bum In Chair को याद रखें, बस इसी पर डटे रहें और ये सब बस BIC के ही बारे में है!
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अगर सही मायने में देखा जाए तो डायरी लिखना बहुत ही आसान है। ऐसा इसलिए क्योंकि डायरी लिखने का कोई नियम-कानून नहीं होते हैं। आपके दिल में जो आता है आप उसमें लिख सकते हैं। भले ही वह बात आपके काम से जुड़ी हो या निजी जिंदगी से जुड़ी हुई हो।
लोग डायरी को एक जर्नल के तरीके से भी लिखते हैं- जैसे खाने से जुड़ी हुई डायरी, स्वास्थ्य से जुड़ी हुई डायरी, अपने ऑफ़िस से जुड़ी हुई डायरी, या फिर स्कूल और कॉलेज की ज़न्दगी से जुड़ी हुई डायरी।
जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि डायरी लिखना कोई बड़ी बात नहीं है परंतु तब भी डायरी लिखने को और भी बेहतर बनाने के लिए आप कुछ मुख्य चीजों का ध्यान दे सकते हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको बताएँगे कि आप डायरी लिखना कैसे शुरू कर सकते हैं और साथ ही लिखते समय किन चीजों का ध्यान देकर आप अपनी डायरी लिखने के तरीके को और भी बेहतर बना सकते हैं?
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डायरी लिखने की शुरुआत कैसे करें?
अगर आप सच में डायरी लिखना चाहते हो तभी आप एक डायरी लिख सकते हो यानी कि सबसे पहले डायरी लिखने की इच्छा होना बहुत ही जरूरी है। सबसे पहले तय कर ले कि आखिर आप अपनी डायरी में लिखना क्या चाहते हैं?
डायरी लिखना एक नियमित कार्य है इसलिए हमेशा अपनी डायरी लिखने का एक समय निर्धारित करें अगर आप एक व्यस्त व्यक्ति हैं तो। हालांकि कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जिनका डायरी लिखने का कोई निर्धारित समय नहीं होता है परंतु ऐसे व्यक्तियों को हमेशा अपनी डायरी अपने साथ लेकर जाना होता है ताकि समय मिलते ही वह अपना डायरी लिख ले।
अपने व्यक्तित्व विकास के लिए डायरी लिखना बहुत ही कारगर साबित हो सकता है।आइए आपको बताते हैं 10 ऐसे बेहतरीन टिप्स जिनके माध्यम से आप एक बेहतर डायरी लिख सकते हैं।
1. सबसे पहले तय करें कि आप डायरी लिखना चाहते हैं
डायरी लिखना कोई एक-दो दिन की बात नहीं है। एक बार शुरू करने पर बहुत ही लंबे समय तक या फिर पूरे जीवन भर डायरी लिखना पड़ता है इसलिए सबसे पहले आपको तय करना होगा कि आप डायरी लिखना शुरू करना चाहते हैं या नहीं?
2. तय करें कि आप किस विषय पर डायरी लिखना चाहते हैं?
हो सकता है आपको यह चुनने में मुश्किल हो कि आप किस विषय में डायरी लिखें लेकिन भले ही आपको थोड़ा समय लगे सही से आप इसका चुनाव करें। आप कई विषयों में अपनी इच्छा अनुसार डायरी लिखना शुरू कर सकते हैं।
उदाहरण के लिए – निजी जीवन, फैशन, ट्रैवलिंग, खेल, फूड, एजुकेशन लाइफ, सपनों के बारे में, दोस्तों के बारे में, या परिवार के बारे में। जरूरी नहीं कि आप एक ही डायरी लिखें अगर आपकी इच्छा है और आपके पास समय है तो आ एक से अधिक विषयों पर भी अलग-अलग डायरी लिख सकते हैं। परंतु डायरी का नियमित लिखना बहुत ही जरूरी होता है।
3. ज्यादा बड़ी डायरी ना लें
कुछ लोगों के पास डायरी लिखने के लिए कोई निर्धारित समय नहीं होता है ऐसे में वह अपनी डायरी को हमेशा साथ रखते हैं। चाहे वह अपने ऑफ़िस में हो या कहीं घूमने गए हुए हो वह बैग में अपनी डायरी को हमेशा साथ रखते हैं। कुछ लोग तो अपने तकिए के नीचे भी डायरी को रखते हैं इसलिए डायरी का हेंडी होना बहुत ही जरूरी है जिससे कि आपको कहीं भी डायरी को पकड़कर लिखने में मुश्किल ना हो।
4. अपनी डायरी लिखने का एक निर्धारित समय बनाएं
डायरी लिखने की शुरुआत करने के लिए डायरी लिखने का निर्धारित समय होना बहुत जरूरी है। एक निर्धारित समय तय करने से आपको कई तरह के फायदे हो सकते हैं जैसे आप नियमित रूप से अपनी डायरी को लिख सकते हैं। इसके लिए अलार्म सेट करने पर आप अपनी डायरी लिखने को किसी भी दिन भूलेंगे नहीं।
अपनी डायरी लिखने को और बेहतर बनाने के लिए इसे नियमित रूप से लिखना बहुत ही जरूरी है इसलिए आप निर्धारित समय तय कर सकते हैं जैसे- सुबह उठने के समय, दोपहर को खाना खाने के बाद, या रात को सोने से पहले।’’
5. आपके दिल में जो है वह लिखें – दूसरों की राय ना लें
जैसे कि हम पहली बता चुके हैं डायरी एक निजी जानकारियों से भरी हुई वस्तु होती है इसलिए इसमें वही लिखे जो आपके मन में या दिल में है। डायरी लिखने के लिए दूसरे लोगों की राय लेने की कोई आवश्यकता नहीं है क्योंकि डायरी लिखने का कोई भी नियम नहीं होता है।
भले ही आपके डायरी लिखते समय आपके शब्दों में ग़लतियाँ हो या फिर आपकी राइटिंग खराब हो किस से रे ना लें। अगर आप दूसरों की राय सुनने लगोगे तो आप कभी भी डायरी नहीं लिख पाओगे।अगर आप स्वयं अपनी डायरी को नियमित रूप से लिखेंगे तो धीरे-धीरे आप एक बेहतर डायरी लेखक बन जाओगे और आपका मानसिक विकास तेजी से होगा।
6. तारीख देकर डायरी लिखें
डायरी वो चीज होती है जो आपके वर्तमान और अतीत के सभी जानकारियों को संजोए रहता है ऐसे में और बेहतर तरीके से उन दिनों को याद करने के लिए दिन और तारीख का लिखा होना बहुत ही जरूरी होता है। इसलिये ना सिर्फ नियमित लिखना बल्कि अपने हर एक डायरी लेख के साथ उस दिन का तारीख लिखना भी बहुत ही आवश्यक होता है।
7. डायरी को ईमानदारी से लिखें
आप स्वयं से कभी भी झूठ नहीं बोल सकते इसलिए डायरी में हमेशा सच लिखें। डायरी लिखने के लिए पूर्ण रूप से ईमानदार होना बहुत ही जरूरी है क्योंकि डायरी में आप अपने स्वयं के लिए लिखते हैं।
साथ ही डायरी लिखते समय हर एक जरूरी जानकारी को अच्छे से लिखें कुछ भी ना छोड़ें। हो सकता है आपको थोड़ा ज्यादा समय लगे परंतु आप पूरी जानकारी अपने लेख में लिखें। इससे आप डायरी लिखने में और बेहतर दिन-ब-दिन होते जाएंगे।
8. अपने लेख को शीर्षक दें
अपने लेखों को और भी सुंदर और बेहतर बनाने के लिए उनका एक शीर्षक ज़रुर दें। सबसे ऊपर एक टाइटल ने और बाद में जरूरी जानकारी को आप चाहें तो बुलेट प्वाइंट में भी लिख सकते हैं।इससे दोबारा पढ़ते समय आप जल्दी से उस जानकारी के विषय में जान सकते हैं। टाइटल और बुलेट प्वाइंट के उपयोग से आपका समय लिखने और पढ़ने दोनों के लिए बचेगा।
9. अपने लेख के साथ कोई छोटा चित्र या फोटो लगा सकते हैं
अपने डायरी को और भी सुंदर और बेहतर बनाने के लिए आप उसमें कोई भी चित्र या फोटो लगा सकते हैं या बना सकते हैं। अब उदाहरण के लिए आप मान लीजिए कि आप अपने किसी दोस्त के साथ कोई अच्छी सी मूवी देखने गए हैं और आपका वह दिन आपके लिए एक यादगार दिन है।
ऐसे में डायरी लिखते समय आप उस फिल्म की टिकट को भी उस पेज पर चिपका सकते हैं। अगर आप एक अच्छे चित्रकार हैं तो उस पेज पर आप एक सुंदर सा छोटा चित्र भी बना सकते हैं जो उस डायरी पर लिखे लेख से जुड़ा कुछ दृश्य दर्शाता हो।
10. लिखने में कोई दिन छूट जाए तो चिंता ना करें
भले ही डायरी हर दिन लिखने की चीज हो इसे हर दिन लिख पाना बहुत ही मुश्किल होता है।एक मनुष्य का जीवन बहुत ही उतार-चढ़ाव और मुश्किलों से भरा हुआ होता है ऐसे में हो सकता है किसी दिन आप डायरी ना लिख पाए। ऐसे में ना घबराए और डायरी लिखना ना छोड़ दें।
1 दिन बाद हो या 2 दिन बाद जो भी आपके साथ इस बीच हुआ हो या आप से लिखना छूट गया हो आपको जब समय मिले अपनी डायरी में लिख डालिए। बस धीरे-धीरे करके समय-समय पर आप अपनी डायरी को भरते रहिए। आपको पता ही नहीं चलेगा कि आप कब अपनी पहली डायरी को पूरा कर चुके होंगे।
11. अंत में कुछ और डायरी लिखने से जुड़े टिप्स
- हमेशा डायरी लिखते समय मोटिवेट रहें और खुशी के साथ डायरी लिखें।
- अपनी डायरी को कभी भी यह सोचकर ना लिखें कि – मैं जो लिख रहा हूं या लिख रही हूं उसे कोई और पड़ेगा तो उसे कैसा लगेगा?
- डायरी लिखने को अपनी आदत बना दें।
- कुछ दिन लिखना छूट जाए तो भी चिंता ना करें।
- जब आपका तबीयत ठीक हो या आपका मानसिक हालत सही हो तभी डायरी लिखें।
आशा करते हैं दोस्तों आपको यह डायरी लिखने के बेहतरीन टिप्स अच्छे लगे होंगे। अगर आपको यह आर्टिकल अच्छा लगा है तो अपने सोशल मीडिया पर ज्यादा से ज्यादा लोगों को शेयर करें।
15 thoughts on “डायरी कैसे लिखें? 10 बेहतरीन टिप्स How to write a diary properly in Hindi?”
Keep the Dream alive
Thankuu dear brother
Thanks brother
Thx It’s really helpful I am sharing to all my friends
Thank you so much for teaps
Thank you ….
Thank you very much
Thanku so much bhaiji
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Monica Gupta
Writer, Author, Cartoonist, Social Worker, Blogger and a renowned YouTuber
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July 4, 2017 By Monica Gupta 18 Comments
कहानी लिखने का तरीका – Story Writing Tips for Beginners
कहानी लिखने का तरीका – Story Writing Tips for Beginners – कहानी कैसे लिखें – kahani likhne ka tarika – how to write story in hindi – ऐसे बनती है कहानी … बहुत सारे मैसेज आते हैं वो कहते हैं कि हम भी कुछ लिखना चाहते हैं पर कैसे लिखे समझ नही आता …
जो लिखना चाह्ते हैं लेखक बनना चहते हैं उनके लिए बस एक ही बात कहना चाहूंगी कि अपने चारों तरफ जो भी हो रहा है ध्यान से देखिए observe कीजिए कहानी खुद ब खुद बन जाएगी … फिर उसे शब्दों का रुप दीजिए …
ऐसे बनती है कहानी ..
अब जैसे मैं एक बात बताती हूं बहुत समय पहले मैं एक पार्टी में गई … वहां एक तरफ बैठ गई … और इधर उधर देखने लगी … तभी देखा एक मम्मी अपने बच्चे के शू लेस बांध रही है और बाल ठीक कर रही है तभी बच्चा बोलता मम्मी दादा जी आ रहे हैं सामने से सिर ढक लो… मैं सब देख रही थी.
मम्मी ने उसे कहा सुन तू उधर मत देख … मैंने सिर नही ढकना … हजार रुपये देकर ब्यूटी पार्लर से बाल सेट करवाए हैं … चल तू जा … और अपनी कुछ सहेलियो से बात करने लगी … मैं सब देख रही थी …असल में , बहुत लोग थे पार्टी में इसलिए उस महिला का ध्यान मेरे पर नही गया … मैंने देखा दो तीन सहेलियां आ गई और सब उसकी प्रशंसा कर रही थी कि बहुत सुंदर लग रही हो … और वो इतरा रही थी …
अच्छा हर कोई प्रशंसा नही करता … तो एक महिला और आई उसके पास और बोली … wow hair style तो बहुत अच्छा लग रहा है पर बालों मे सफेद लट जरा भी अच्छी नही लग रही …
इस पर वो महिला चिढ गई और उसने अपना सिर तुरंत ढक लिया और बोली अरे समय ही कहा है सजने सवरने का मैं तो ससुर जी के सामने सिर ढकती हूं और उसने फटाफट सिर ढक लिया ताकि बालो की सफेदी किसी और को न दिखे … और मेरी बन गई कहानी …
मैंने पर्स से paper pen निकाला और main points लिख लिए तुरंत लिख दिया जब मैंने इसे लिखा तो ढेर कमेंटस आए कि यही है जीवन की सच्चाई … ऐसा ही होता है आप बिल्कुल नेचुरल लिखती हैं … बस यही है … आस पास महसूस करो और लिखो …
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कहानी लिखने का तरीका – Story Writing Tips for Beginners …
July 15, 2021 at 6:00 am
Mam mai kahaniya to likh leta hu par us kasani ka nam kaise nirdharit karoo ye samajh nahi aata please mera madad kare
February 27, 2021 at 9:15 pm
बहुत ही बढ़िया पोस्ट शेयर की है आपने
November 7, 2020 at 12:32 am
Bohot achhe
July 15, 2020 at 1:16 am
आपने बहुत अच्छी और सरल तरीके से कहानी लिखना सीखा दिया धन्यवाद मेम
July 3, 2020 at 11:12 pm
Namastey ma’m, Mujhe ek mahan insan k jeevan kahani ko kitab ka naam dena hai. kaise likhna start karu ?
December 12, 2019 at 1:09 pm
Aur ye bhi batayein please,ki ek achhi kahani ki shuruwat kaise karte hain,aur achhe dialogues kaise likhte hain
December 12, 2019 at 1:01 pm
Mujhe likhna bahot pasand hai,mai khud bhi ek kitab likhna chahti hu,aap mujhe batayein ki kitab kaise shaay karte hain?
November 13, 2019 at 9:43 am
मेरा नाम vishnu namdeo हैं और मै mp मे रीवा जिले का रहने वाला हूँ. सबसे पहले आप को थैंक्स,,, मैम मै आप कि छोटी सी कहानी को पढ़ कर धन्य हो गया… वाकई आप का हुनर कमाल का हैं… और मैंने समझ गया कि किस तरह आप ने कहानी लिखने के आइडिया बतया , वो वाकई लाजबाब ….. क्यों कि कहानी कही से बन के नहीं आती..कहानियाँ अक्क्सर हमारे आस – पास ही होती हैं और हम समझ नहीं पाते कि किस पर अपनी कहानियाँ लिखें…….. थैंक्स मैम मै आप का सदैव आभारी रहूंगा जो आप ने कहानियाँ लिखने का आईडीया बताया है
September 4, 2019 at 7:43 pm
Bahut badhiya madam,nice.website nahi hai madam.THANK YOU,,,
August 31, 2019 at 6:21 pm
Hello mam, Muje books likhne ka sokh to bahut he par apni book me likh to du bad me usko kese duniya k samne rakhana he or bad me kya karna he asi koi knowledge muje nahi he to kya aap muje ye sab bataengi?
April 5, 2019 at 6:30 pm
में एक कहानी लिख रहा हूं लेकिन मेरी कहानी में कुछ कमी लग रही है करपा मुझे कुछ बताने का कष्ट करें
March 18, 2019 at 2:02 am
हेल्लो मोनिकाजी केसे है आप। में प्रीतेश देवलिया गुजरात हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है । में हर घड़ी कुछ ना कुछ लिखता रहता हूं वैसे मैने दो कहानियां भी लिखी है गुजराती भाषा में लेकिन अभी भी कुछ कमी लग रही है मुझे थोड़ी मदद चाहिए थी । आपका आभारी रहूंगा
July 21, 2018 at 10:44 pm
Muze ek films likhaneki hai to Muze samjhane ahi aarahi hai kaise likhu kahani to tum help karo meri
July 21, 2018 at 2:52 pm
Mam kya kahani likhte waqt comma, full stop etc yah sab chije lagana zaroori hai.
July 10, 2018 at 6:44 pm
Very nice. & I have also 1 writer. As above you seys, that do before surrounding’s observation. Like Micro observation. These is right. & writing is not my hobby,but passion also. So,mam more things tips give me about writing.
June 30, 2018 at 6:13 pm
Thank you so much aap ne mujhe Ek sahi rasta dikhya shuruat ke liye
Bilkul sahi kaha aap ne , Thank you so much aap ne mujhe Ek sahi rasta dikhya shuruat ke liye
April 28, 2018 at 7:58 am
Bahot Badhiya…
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कैसे लिखें अच्छा ब्लॉग?
- Updated on
- फरवरी 9, 2023
ब्लॉग राइटिंग के बारे में आपने बहुत सी बार सुना होगा और कई लोगों को यह कहते हुए भी सुना होगा कि ब्लॉग राइटिंग से भी पैसे कमाए जा सकते हैं। तो आपके जेहन में आया होगा कि पैसे कमाने के लिए ब्लॉग कैसे लिखें? इस ब्लॉग में ब्लॉग कैसे लिखें, SEO क्या है? फ्री में ब्लॉग कैसे लिखें, पर्सनल राइटिंग इन हिंदी, ब्लॉग इन हिंदी, आर्टिकल राइटिंग इन हिंदी और पैसे कैसे कमाए आदि के बारे में जानेंगे। कई लोग ब्लॉग लिखना चाहते हैं लेकिन वह यही सोच कर रह जाते हैं कि Blog Kaise Likhe? इसीलिए हम यह ब्लॉग लाए हैं जो आपको SEO फ्रेंडली ब्लॉग लिखने में मदद करेगा।
This Blog Includes:
ब्लॉग राइटिंग क्या है, ब्लॉग लिखने से पहले आवश्यक जानकारी , ब्लॉग लिखते समय किन बातों का ध्यान रखें, सही टॉपिक का चयन करें, कीवर्ड रिसर्च ज़रूर करें, पहला ब्लॉग लिखने से पहले ध्यान दें, फ्री में ब्लॉग कैसे लिखें और पैसे कमाए, अन्य प्लेटफार्म जहां ब्लॉग लिख सकते हैं, हिंदी ब्लॉग लिख कर कैसे पैसे कमाएं, seo क्या है, मेटा डिस्क्रिप्शन, seo फ्रेंडली ब्लॉग कैसे लिखें , seo फ्रेंडली ब्लॉग के एडवांटेज क्या है, मात्र 10 मिनट में करें ब्लॉग की सोशल बुकमार्केटिंग, कीवर्ड और थीम की लिस्ट.
ब्लॉग लिखना ही ब्लॉग राइटिंग कहलाता है। ब्लॉग, ब्लॉग राइटर द्वारा साझा किए गए अपने अनुभव, भावना, ज्ञान और कौशल आदि को गूगल के माध्यम से अन्य लोगों तक पहुंचाना ब्लॉग राइटिंग कहलाता है। कुछ लोग ब्लॉग राइटिंग सिर्फ अपने अनुभव को बताने के लिए करते हैं तथा कुछ लोग ब्लॉग राइटिंग पैसे कमाने के लिए करते हैं। आज जब हम गूगल पर कोई भी कीवर्ड सर्च करते हैं तो हजारों ब्लॉग हमें दिखाई देते हैं जैसे- Leverage Edu हर रोज कई सारे ब्लॉग पब्लिश करता है। और अभी जो आपकी स्क्रीन पर आप पढ़ रहे हैं वह भी एक ब्लॉग है जो Leverage Edu की साइट पर उपलब्ध है। यह किसी ना किसी ब्लॉग राइटर द्वारा लिखे गए होते हैं। ब्लॉग फ्री में भी लिखा जा सकता है। यदि ब्लॉग राइटिंग की दुनिया में आप भी अपना ब्लॉग फर्स्ट पेज पर देखना चाहते हैं और चाहते हैं कि आपका ब्लॉग सबसे पहले दिखे तो और भी जानकारी के लिए ब्लॉग को आखिर तक पढ़े।
ब्लॉग हम ऐसे ही शुरू नहीं कर सकते यदि आप चाहते हैं कि आपका ब्लॉग गूगल पर रैंक करें उसके लिए ब्लॉग लिखने से पहले निम्नलिखित बातें जानना आवश्यक है-
- आज का युग अलग-अलग तरह की बोलियों और भाषाओं को सराहना देता है इसका अर्थ यह है कि आप किसी भी भाषा में ब्लॉग लिख सकते हैं।
- ब्लॉग लिखने से पहले ब्लॉग के बारे में पता होना चाहिए।
- ब्लॉग लिखने से पहले गूगल पर सबसे ज्यादा कौन सा कीवर्ड सर्च हो रहा है यह जानना आवश्यक है।
- ब्लॉग उपयोगी होना चाहिए उसमें व्यर्थ का कुछ नहीं लिखा होना चाहिए।
- यदि हम लोग हिंदी में लिख रहे हैं तो मात्राओं और शब्दों का ध्यान देना आवश्यक है। और यदि इंग्लिश में लिख रहे हैं तो स्पेलिंग का विशेष ध्यान रखें।
- ब्लॉग लिखने से पहले हमें SEO के बारे में पता होना चाहिए।
- ब्लॉग लिखना कहां है ये भी पता होना चाहिए। ब्लॉग लिखने के लिए फ्री कई सारी वेबसाइट उपलब्ध है जिसके बारे में हम आगे पढ़ें।
- ब्लॉग लिखने से पहले कोई विषय जैसे-शिक्षा, रेसिपी, खेलकूद आदि निर्धारित करें हर बार अलग-अलग प्रकार के विषयों पर ब्लॉग लिखना सही नहीं है।
- ब्लॉग जिसके द्वारा लिखा जाता है वह ब्लॉगर कहलाता है तथा ब्लॉगर द्वारा जो कंटेंट या आर्टिकल लिखा जाता है ब्लॉग पोस्ट कहलाता है।
- हम जिस भी वेबसाइट का उपयोग ब्लॉग को पब्लिश करने के लिए कर रहे हैं उसकी पूरी जानकारी होनी चाहिए।
- ब्लॉग पोस्ट में इमेज डालें जिससे आपका ब्लॉग आकर्षक लगता है।
- ब्लॉग लिखने से पहले यह ध्यान रखें कि हमें किसी और का ब्लॉग कॉपी नहीं करना है इसे कंटेंट राइटिंग की दुनिया में साहित्यिक चोरी कहा जाता है। खुद के शब्दों में ब्लॉग लिखें।
ब्लॉग लिखते समय नीचे दी गई बातो का ध्यान रखें-
- हमेशा ब्लॉग को लिखते समय आपको सरल हिंदी और आम बोल-चाल की भाषा का प्रयोग करना चाहिए जिसको ज्यादा लोग सुनना और बोलना पसंद करते हैं।
- ब्लॉग को लिखने से पहले इस बात का खास कर ध्यान रखें कि आप किसी भी ब्लॉग की कॉपी ना कर रहे हों अगर आप ऐसा करते है ना ही आपका कोई ब्लॉग पढ़ेगा ना ही वो ब्लॉग की रैंक ला पाएगा।
- ब्लॉग लिखने से पहले जिस भी टॉपिक में लिखें उसमें रीडर्स के सभी सवालों का जवाब मिल पाए।
- हफ्ते में अपने ब्लॉग में कम से कम 2 हाई क्वालिटी आर्टिकल पब्लिश करें।
- ब्लॉग के पुराने लेख को अपडेट करें उनमें नई जानकारी ऐड जरुर करें।
ब्लॉग लिखने से पहले क्या करें?
आपको ब्लॉग लिखने से पहले यह अच्छी तरह से पता होना चाहिए कि आपको करना क्या है? यह बहुत अनिवार्य है क्योंकि जब तक खुद ही नहीं समझेंगे तो शुरुआत कैसे होगी। आइए जानते हैं Blog Kaise Likhe में विस्तार से-
ब्लॉग लिखने से पहले आप आपको यह खोजना है कि आपको किस टॉपिक पर लिखना है। उस टॉपिक की आपको अच्छे से नॉलेज है तो आपको उस विषय पर लिखने में दिक्कत नहीं होगी।
कीवर्ड रिसर्च किसी भी ब्लॉग को लिखने के लिए बहुत ही जरूरी होता है। कीवर्ड के बगैर आप अपना ब्लॉग कभी भी गूगल पर आसानी से रैंक करा सकते हैं। कीवर्ड रिसर्च के लिए सबसे पहले आपको यह निर्णय लेना है कि आपको किस टॉपिक पर लिखना है। इसके बाद आप टॉपिक के लिए कीवर्ड खोज सकते है।
जब आप पहली बार ब्लॉग लिखते हैं तो आपके मन में तरह-तरह के सवाल आते हैं कि शुरुआत कैसे की जाए और कहाँ से की जाए। तो अब हम आपको देंगे पहली बार Blog Kaise Likhe के लिए विस्तार से जानकारी-
- आपको Blogger.Com पर जाना है और इसके बाद आपके द्वारा बनाए गए ब्लॉग को ओपन करें।
- ब्लॉगर के डैशबोर्ड में आपको न्यू पोस्ट का विकल्प दिखेगा, उस पर आपको क्लिक करना है।
- क्रिएट न्यू पसत पर आपको क्लिक करना है जिससे नया पेज ओपन होगा।
- जहाँ टाइटल लिखा है वहां आपको हैडलाइन लिखनी है।
- यह हैडलाइन H1 में होती है, जो आपके ब्लॉग पोस्ट के सब्जेक्ट को दर्शाती है।
- फिर आपको पैराग्राफ लिखना शुरू करना है, आपको 2 से 3 पैराग्राफ में अपने लेख के बारें में बताना है कि यह किस विषय में होगा।
- अगर आपके पैराग्राफ पूरे हो जाएँ तो आपकी हैडलाइन H2 में होनी चाहिए।
- ब्लॉग लिखते समय ध्यान दें कि ब्लॉग पोस्ट में इंटर्नल लिंकिंग जरुर आपने की हो।
- ब्लॉग लिखने के बाद आपको इसकी केटेगरी यानि लेबल को ऐड करना है। जिसकी मदद से आप अलग – अलग विषयों पर लिखने पर इस्तेमाल कर सकते है।
- ब्लॉग पोस्ट को पब्लिश करने से पहले पर्मालिंक को सही कस्टमाइज कर लें, जिससे गूगल में Url को इंडेक्स होने पर समस्या न खड़ी हो।
- ब्लॉग पोस्ट में आपको इमेज का इस्तेमाल जरुर करना है, और इसके बाद अपने ब्लॉग को पूरा पढ़ें और किसी भी गलती को फिर से जांच लें और उसके बाद ब्लॉग को पब्लिश कर दें।
आप अपने जीमेल अकाउंट के द्वारा फ्री में ब्लॉग लिख सकते हैं। उसके लिए निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान दें-
- सबसे पहले अपने ब्राउज़र के द्वारा Blogger.com पर जाएं। प्ले स्टोर पर ब्लॉगर नाम से ऐप भी उपलब्ध है। उसे इंस्टॉल करके भी आप ब्लॉग लिख सकते हैं।
- blogger.com का पेज ओपन होने के बाद इसमें लॉगिन करें।
- आपने जिस विषय पर भी ब्लॉग लिखने का सोचा है और उसी नाम से आपके ब्लॉग को जाना जाए उसका नाम डालें।
- फिर अपने ब्लॉग के नाम से रिलेट करता हुआ एक यूनिक ब्लॉग ऐड्रेस डालें।
- अब आपकी स्क्रीन पर ब्लॉग थीम लिखा है उसमें अपने विषय के अनुसार थीम डालें।
- अब बस क्रिएट ब्लॉग पर क्लिक करें और अपना नया ब्लॉग लिखना शुरू करें।
प्लेटफार्मस के नाम नीचे दिए गए हैं-
- WordPress.org
- WordPress.com
- Squarespace
वैसे तो आप ब्लॉग लिख कर कई तरह से पैसे कमा सकते हैं, लेकिन यहाँ हम बात कर रहे है हिंदी ब्लॉग कि, इसके लिए आपको किसी भी टॉपिक में कुछ लिखने के लिए दिया जाएं तो आप उस टॉपिक पर सभी मुख्य बिदुंओं को कवर कर एक अच्छा सा ब्लॉग बना सकते हैं यह नहीं इसकी जानकारी होना बहुत ज्यादा जरूरी होता है। वहीं दूसरी और हिंदी की आपको कई सारी वेबसाइट मिल जाती है जहाँ पर आपको ब्लॉग लिखने के पैसे दिए जाते हैं, लेकिन इनमें भी आपको उन वेबसाइट की जांच पहले करनी है ताकि आपके लिखे हुए ब्लॉग का पूरा पैसा आपको मिल सकें। वहीं अगर आप Leverage Edu के साथ जुड़ कर भी अपने ब्लॉग लिखने के करियर को आगे ला सकते हैं।
SEO का पूरा नाम Search Engine Optimization है। यह ब्लॉगिंग का एक प्रोसेस है जो हमारे ब्लॉग को गूगल के सर्च इंजन पर पहले पेज पर रैंक करने में मदद करता है। अपने ब्लॉग को SEO फ्रेंडली बनाना और गूगल पर रैंक करना उतना भी आसान नहीं है लेकिन यह ज्यादा मुश्किल भी नहीं है यदि आप ध्यान से इसे करते हैं तो आप इसे आसानी से कर सकते हैं।
कीवर्ड और मेटा डिस्क्रिप्शन क्या है?
कीवर्ड और मेटा डिस्क्रिप्शन में अंतर नीचे बताया गया है-
कीवर्ड एक या अनेक शब्दों का एक ऐसा समूह होता है जिसे हम अपने ब्लॉग के नामांतरण के रूप में इस्तेमाल करते हैं। इसे फ्रेज भी कहा जा सकता है, जो टाइटल के रूप में काम में लिया जाता है। जैसे- हम अपने ब्लॉग में यह बताना चाहते हैं कि ब्लॉग कैसे लिखते हैं तो इसके लिए हम “Blog Kaise Likhe” कीवर्ड का इस्तेमाल करेंगे। हमारे ब्लॉग को रैंकिंग दिलाने के लिए हमें टॉप ट्रेंडिंग कीवर्ड को सर्च करना पड़ता है। टॉप ट्रेंडिंग कीवर्ड होते हैं जो यूजर्स के द्वारा सबसे ज्यादा सर्च किए जाते हैं। कीवर्ड का उदाहरण जैसे-
मेटा डिस्क्रिप्शन SEO का वह भाग है जिसमें हम अपने ब्लॉग पर आधारित टॉप ट्रेंडिंग कीवर्ड जो हमने अपने ब्लॉग में हेडिंग के रूप में इस्तेमाल किए हैं उन्हें लिखा जाता है। मेटा डिस्क्रिप्शन 150 शब्दों का होता है। जैसे-
SEO फ्रेंडली ब्लॉग कैसे लिखें इसके लिए निम्नलिखित बिंदुओं को ध्यान से पढ़ें-
- टॉप ट्रेंडिंग कीवर्ड सर्च करें और कीवर्ड को टाइटल में यूज करें।
- पहले पैराग्राफ में तथा आखिरी पैराग्राफ में अपने कीवर्ड का जरूर इस्तेमाल करें। तथा पूरे ब्लॉग में कीवर्ड इस्तेमाल करें।
- SEO फ्रेंडली ब्लॉग लिखने के लिए इमेज का प्रयोग करें।
- SEO फ्रेंडली ब्लॉग में हैडिंग और सबहेडिंग मुख्य भूमिका के रूप में नजर आते हैं। तो यदि आपको अपना ब्लॉग SEO बेस्ड बनाना है तो H2 और H3 टैग का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करें।
- फोकस कीफ्रेज में अपना कीवर्ड डालें।
- टाइटल के बाद अपने ब्लॉग पर आधारित फीचर इमेज का प्रयोग करें।
- इंटर्नल लिंक्स अपने ब्लॉग में डालें जैसे- आपके ब्लॉग पर आधारित यूट्यूब वीडियो का लिंक, किसी और वेबसाइट का लिंक आदि।
- आसान भाषा में कीवर्ड का ध्यान रखते हुए 800 से 2000 के बीच ब्लॉग लिखें।
- अपने ब्लॉग से रिलेट करता हुआ ब्लॉग URL डालें।
- मेटा डिस्क्रिप्शन में टॉप ट्रेंडिंग कीवर्ड को यूज़ करें।
SEO फ्रेंडली ब्लॉग के एडवांटेज निम्नलिखित हैं-
- SEO साइट के ट्रैफिक को बढ़ाता है।
- SEO की मदद से हम अपने ब्लॉग को गूगल पर अच्छी सी अच्छी रैंक दिला सकते हैं।
- SEO की मदद से हम अपने ब्लॉग को फर्स्ट पेज पर ला सकते हैं जिससे कि जितनी अधिक ब्लॉग पर विजिट होगी उतने ज्यादा हम पैसे कमा सकते हैं।
- हमारा आर्टिकल फर्स्ट पेज पर होने पर कई कंपनी द्वारा एडवर्टाइजमेंट के लिए भी कहा जाता है यदि हम उनके एडवर्टाइजमेंट को अपने ब्लॉग में लिंक करते हैं तो उससे भी हम पैसे कमा सकते हैं।
- SEO फ्रेंडली ब्लॉग होने पर सिर्फ कि वह डालने पर वह हमें मिल जाता है यदि SEO सही नहीं होता है तो हमारे ब्लॉग को ढूंढने में कठिनाई होती है।
ब्लॉग लिखने के साथ-साथ उसे गूगल पर रैंक भी कराना होता है जिससे कि आपका ब्लॉग जल्दी से जल्दी फर्स्ट पेज पर आ सके इसके लिए कई सारे प्लेटफार्म उपलब्ध हैं जहां पर आप सोशल बुक मार्केटिंग करके ब्लॉग को अच्छी रैंक दिला सकते हैं और ज्यादा से ज्यादा सेशन पा सकते हैं जिससे कि आपकी साइट पर ट्रैफिक बढ़ेगा और आपको अच्छी इनकम करा सकता है। इसे करने में मात्र 5 से 10 मिनट लगते हैं जो आपको हजारों की इनकम करा सकता है। ऐसे प्लेटफार्म के लिस्ट नीचे दी गई है आइए देखें-
जब हम लिखना शुरू करते हैं तो हमारे मन में यह असमंजस रहता है कि हम किस विषय पर पर्सनल राइटिंग इन हिंदी लिखे जिससे कि हमारा ब्लॉग रैंक कर सकें। आपकी सहायता करने के लिए नीचे टॉप ट्रेंडिंग कीवर्ड्स और थीम की सूची दी गई है जिस पर कि आप ब्लॉग लिख सकते हैं। आइए देखें ब्लॉग इन हिंदी में यह कीवर्ड और थीम्स कौन-कौन सी है जिस पर आप पर्सनल राइटिंग इन हिंदी कर सकते हैं-
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ब्लॉग का मतलब एक प्रकार की वेबसाइट से है जिसे लोग एक डिजिटल डायरी की तरह उपयोग करते हैं और इसपर वे अपना अनुभव, अपने विचार और जानकारियाँ टेक्स्ट, इमेज, विडियो आदि के माध्यम से लोगों के साथ साझा करते हैं। ब्लॉग को शुरुआत में वेबलॉग कहा जाता था।
ब्लॉग बनाने के कई उद्देश्य हो सकते हैं। उदाहरण के लिए यदि आपका कोई बिजनेस है तो आप ब्लॉगिंग के जरिए अपने बिजनेस के बारे में अधिक से अधिक में लोगों को जानकारी दे सकते हैं।
8 प्रकार के ब्लॉग जो आप बना सकते हैं Personal Blog (निजी ब्लॉग ) Group Blog (समूह ब्लॉग ) Niche Blog (विषय आधारित ब्लॉग ) Multi Niche Blog (कई विषयों पर बना ब्लॉग ) Micro Niche Blog (सूक्ष्म विषय पर आधारित ब्लॉग ) Corporate Blog (कॉर्पोरेट ब्लॉग ) Affiliate Blog (एफिलिएट ब्लॉग ) Media Blog (मीडिया ब्लॉग)
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रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।
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29 comments
बहुत बढिया जाणकारी मिली
01 NO. INFORMATION
सुनील जी आपका धन्यवाद, ऐसे ही जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट पर बनें रहें।
Thank you sir
बहुत-बहुत आभार, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।
Realy Very Nice Info.
आपका आभार, ऐसे ही हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।
ब्लॉग अलग अलग विषय पर नहीं लिखा जा सकता हैं क्या? क्या हम अपनी कविताओं और कहानियों को ब्लॉग पर नहीं डाल सकते हैं? ब्लॉग में 800,2000 शब्द होने आवश्यक होता हैं क्या?
दीपा जी, ब्लॉग किसी भी विषय पर लिखा जा सकता है। आप अपनी कहानियों या कविताओं को बिलकुल ब्लॉग पर डाल दाल सकती हैं। शब्द सीमा अगर 600 शब्दों से ऊपर की हो तो अच्छा माना जाता है।
Thank you so much for giving information in detail
लेख को सराहने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार। ऐसे ही और ब्लॉग्स के लिए हमारी वेबसाइट पर बने रहिए।
Blog hume bahut achhe se samjh me aa gya thank you so much sir
आपका धन्यवाद।
Good post hai sir jee
आपका धन्यवाद
सर मैं ब्लॉग लिखना चाहता हूं पर मेरे पास इसकी सही जानकारी नहीं थी इसमें कैसे पेज बनाएं और इसकी शुरुआत कैसे करे कृपया मदद करें। आपका सदैव आभारी रहूंगा।🙏🏻
बहुत-बहुत आभार
Mujhe aapki jankari bahut achhi Lago
आपका शुक्रिया। ऐसे ही हमारी https://leverageedu.com/ पर बने रहिये।
हमारी https://leverageedu.com/ वेबसाइट पर आपको आपके प्रश्न से संबंधित ब्लॉग मिल जाएंगे।
Thank you for the whole info
Sir mujhe bi blogging expert banna he Aapki jankari bahut badiya he
बने रहे हमारी साइट https://leverageedu.com/ पर धन्यवाद
Thank you for the information…
Really nice information thankyou
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Hindi Mein Kaise Likhate Hain | हिंदी में कैसे लिखते हैं
1. देवनागरी अक्षरों का चार्ट डाउनलोड करें | download a chart of devanagari letters, 2. लघु स्वरों से प्रारंभ करें | start with short vowels, 3. दीर्घ स्वर बनाने के लिए लघु स्वर अक्षरों को बढ़ाएँ | extend short vowel letters to make long vowels., 4. स्वरों के आश्रित और स्वतंत्र रूपों का अभ्यास करें। practice dependent and independent forms of vowels., 5. स्वरों में महारत हासिल करने के बाद व्यंजन सीखें | learn consonants after you’ve mastered vowels, 6. अपने लेखन को बेहतर बनाने के लिए स्क्रिप्ट ट्यूटर का उपयोग करें | use a script tutor to improve your writing, 1. एक “कपड़े की रेखा” के साथ अपने पत्र बनाएं | form your letters along a “clothesline.” , 2. शुरुआत हिंदी के कुछ सबसे सामान्य शब्दों से करें | start with some of the most common words in hindi, 3. शरीर के अंगों को सीखने के लिए बच्चों के गीत का प्रयोग करें | use a children’s song to learn parts of the body, 4. अपनी शब्दावली बढ़ाने के लिए अपने घर के आस-पास की वस्तुओं को लेबल करें | label items around your home to increase your vocabulary, 1. विषय-वस्तु-क्रिया शब्द क्रम का प्रयोग करें | use subject-object-verb word order, 2. जैसे आप अंग्रेजी में करेंगे वैसे ही वाक्यों को विराम चिह्न लगाएँ | punctuate sentences as you would in english, 3. कुछ बुनियादी प्रश्नों को लिखने का अभ्यास करें | practice writing some basic questions, 4. स्क्रिप्ट से अधिक परिचित होने के लिए हिंदी में पढ़ें | read in hindi to become more familiar with script, 5. अभ्यास करने के लिए देशी वक्ताओं से जुड़ें | connect with native speakers to practice, hindi mein kaise likhate hain faq’s | हिंदी में कैसे लिखते हैं faq’s.
545 मिलियन से अधिक वक्ताओं के साथ हिंदी भारत की आधिकारिक भाषाओं में से एक है। यह इंडो-आर्यन भाषा देवनागरी लिपि का उपयोग करके लिखी गई है। देवनागरी वर्णमाला क्षैतिज रेखाओं में बाएँ से दाएँ और ऊपर से नीचे लिखी जाती है। वर्णमाला में व्यंजन और स्वर दोनों शामिल हैं। भाषा में एक हजार से अधिक संयुक्ताक्षर भी शामिल हैं, जिनका उपयोग व्यंजनों के समूहों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
Part 1: व्यक्तिगत पत्र बनाना | Forming Individual Letters
हिंदी में लिखने के लिए आपको वर्णमाला के सभी अक्षरों को जानना होगा। चार्ट ऑनलाइन उपलब्ध हैं जिनका उपयोग आप व्यक्तिगत अक्षरों का अभ्यास करने के लिए स्वयं कर सकते हैं। पहले मूल अक्षरों को जानें, फिर आप बेहतर ढंग से समझ पाएंगे कि इन अक्षरों को जोड़कर शब्द कैसे बनाए जाते हैं।
- उत्तरी कैरोलिना विश्वविद्यालय के पास सभी देवनागरी पत्रों का पूरा चार्ट https://taj.oasis.unc.edu/Hindi.Less.25/wrtingsys.htm पर उपलब्ध है। उच्चारण समूहों में विभाजित अक्षरों वाला एक अन्य चार्ट https://www.omniglot.com/writing/devanagari.htm पर उपलब्ध है।
- प्रत्येक दिन कुछ मिनटों के लिए 5 या 6 अक्षरों के एक छोटे समूह का अभ्यास करें। जब आप उन अक्षरों को स्वचालित रूप से लिख सकते हैं, तो अक्षरों के अगले समूह पर जाएँ। समय-समय पर वापस जाना और पत्रों की समीक्षा करना याद रखें ताकि आपने जो सीखा है उसे भूल न जाएं।
हिन्दी में लघु स्वर 5 होते हैं। देवनागरी लिपि में इन अक्षरों का प्रयोग केवल शब्दों के आरंभ में किया जाता है। ये पत्र बुनियादी सिद्धांतों के परिचय के रूप में कार्य करते हैं जिन्हें आप अन्य देवनागरी पत्र लिखना सीखते समय अपनाएंगे।
- आपके द्वारा किए गए स्ट्रोक महत्वपूर्ण हैं। जब आप शब्दों को लिखने के लिए अक्षरों को एक साथ जोड़ना शुरू करेंगे तो उन्हें सही ढंग से और क्रम में करना आसान हो जाएगा। आपका लेटर चार्ट बनने वाले स्ट्रोक्स को रेखांकित कर सकता है, या आप अन्य स्रोतों के लिए ऑनलाइन खोज कर सकते हैं जो आपको प्रत्येक अक्षर के लिए स्ट्रोक्स का सही क्रम देते हैं।
- प्रत्येक अक्षर के शीर्ष पर क्षैतिज रेखा हमेशा अक्षर को समाप्त करने के लिए अंतिम स्ट्रोक होती है। जब आप अभ्यास करते हैं, अक्षरों को समान आकार के करीब रखने की कोशिश करें, ताकि यह रेखा हमेशा लगभग समान ऊंचाई पर रहे।
एक दीर्घ स्वर लघु स्वर का एक विस्तारित संस्करण है। अधिकांश दीर्घ स्वरों के लिए, आप दीर्घ स्वर बनाने के लिए लघु स्वर के आकार में 1 अतिरिक्त आघात जोड़ेंगे। उदाहरण के लिए, ए एक छोटा ए है, जिसकी ध्वनि अंग्रेजी शब्द “अबाउट” के समान है। एक लंबी ए, ए बनाने के लिए पहली के बाद एक और लंबवत रेखा जोड़ें। इस स्वर की ध्वनि अंग्रेजी शब्द “पिता” के समान है।
प्रत्येक देवनागरी स्वर के 2 भिन्न रूप होते हैं। स्वतंत्र रूप का उपयोग तब करें जब स्वर अकेला हो, दूसरे स्वर के आगे हो, या किसी शब्द के आरंभ में हो। जब स्वर एक व्यंजन से जुड़ा हो तो आश्रित रूप (या मात्रा) का उपयोग करें।
- जब तक अन्यथा निर्दिष्ट नहीं किया जाता है, तब तक सभी व्यंजन एक छोटे से जुड़े होते हैं। इसलिए, लघु a, या अ, का कोई मात्रा या आश्रित रूप नहीं है।
- प्रत्येक स्वर की मात्रा 1 या 2 स्ट्रोक होती है जो उस व्यंजन से जुड़ी होती है जिससे स्वर जुड़ा होता है। उदाहरण के लिए, लंबे a के लिए मात्रा एक है (वृत्त के साथ यह दर्शाता है कि व्यंजन को कहाँ जाना चाहिए)। अक्षर सा से जुड़ा एक लंबा ए इस तरह दिखेगा: सा।
देवनागरी अक्षरों को आमतौर पर इस आधार पर वर्गीकृत किया जाता है कि आपके मुंह में ध्वनि कहां और कैसे बनती है। कुछ अक्षरों से शुरू करें, और उन्हें तब तक बार-बार अभ्यास करें जब तक आप उन्हें स्वचालित रूप से नहीं लिख सकते।
- आप विभिन्न स्वर मात्राओं के साथ व्यंजन का अभ्यास भी कर सकते हैं, ताकि आप जान सकें कि इन अक्षरों को कैसे लिखना है। चूंकि हिंदी एक ध्वन्यात्मक भाषा है, इससे आपको शब्दों को पढ़ना और लिखना शुरू करने में मदद मिलेगी।
ऐसी कई देवनागरी वेबसाइटें और एप्लिकेशन मुफ्त में ऑनलाइन उपलब्ध हैं जिनका उपयोग आप अपने लेखन का अभ्यास करने और अपने फॉर्म को सही करने के लिए कर सकते हैं। देवनागरी लिपि सीखने के लिए कई विश्वविद्यालय भाषा विभागों द्वारा https://www.hindibhasha.com / पर उपलब्ध स्क्रिप्ट ट्यूटर की सिफारिश की जाती है।
Part 2 : लघु शब्द बनाना | Creating Short Words
देवनागरी लिपि लिखते समय, सभी अक्षरों में शीर्ष पर एक क्षैतिज रेखा चलती है। अक्षर अनिवार्य रूप से इसी रेखा से लटकते हैं। रेखा के ऊपर विशेषक चिह्न इस बारे में जानकारी प्रदान करते हैं कि अक्षर का उच्चारण कैसे किया जाना चाहिए।
- कुछ अक्षरों के लिए, जैसे लघु a, रेखा पूरे अक्षर के ऊपर नहीं होती है। जब आप कई अक्षरों को एक साथ जोड़ रहे हों तो इसे ध्यान में रखें
चूंकि हिंदी एक ध्वन्यात्मक भाषा है, शब्दों की वर्तनी ठीक वैसी ही होती है जैसे वे ध्वनि करते हैं। यदि आप पहले से ही कुछ बुनियादी बोलचाल की हिंदी सीख चुके हैं, तो आप उन शब्दों की स्पेलिंग अपने आप निकाल सकते हैं।
- उदाहरण के लिए, एक हिंदी शब्द जिससे अधिकांश लोग परिचित हैं, वह है “नमस्ते।” देवनागरी लिपि में लिखे इस अभिवादन को नमस्ते कहते हैं।
- विनम्र शब्द और वाक्यांश लिखना भी महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, यदि आप एक पत्र में “धन्यवाद” कहना चाहते हैं, तो आप धन्यवाद लिखेंगे।
आप बच्चों के गीत “सिर, कंधे, घुटने और पैर की उंगलियों” से परिचित हो सकते हैं। आप अपनी शब्दावली में इन सामान्य शब्दों को जोड़ने के लिए शरीर के अंगों के अंग्रेजी शब्दों को हिंदी शब्दों से बदल सकते हैं। शरीर के अंगों के लिए अधिकांश हिंदी शब्द काफी छोटे शब्द हैं जिन्हें सीखना और लिखना आसान है।
- आप कई भाषा सीखने वाली वेबसाइटों पर शब्द और लिपि पा सकते हैं। उदाहरण के लिए, गाने में शामिल शरीर के अंगों के लिए कई शब्द https://blogs.transparent.com/hindi/hindi-vocabulary-for-body-parts/ पर उपलब्ध हैं। आपको जिन शब्दों की आवश्यकता है, उनके लिए अनुवाद खोजने के लिए आप हिंदी-अंग्रेज़ी शब्दकोश का भी उपयोग कर सकते हैं।
इंटरनेट पर खोज करें या अपने घर के आसपास की वस्तुओं, जैसे फर्नीचर, उपकरण और कपड़ों के सामान के नाम खोजने के लिए हिंदी-अंग्रेज़ी शब्दकोश का उपयोग करें। शब्द को देवनागरी लिपि में एक कार्ड या स्टिकी नोट पर लिखें जिसे आप वस्तु से जोड़ सकते हैं। हर बार जब आप किसी वस्तु को पास करते हैं, तो उस वस्तु के लिए हिंदी शब्द बोलें।
- मुट्ठी भर बड़ी वस्तुओं से शुरुआत करें। एक बार जब आप उन्हें याद कर लेते हैं, तो आप कुछ और जोड़ सकते हैं। आप किसी बड़ी वस्तु से छोटी वस्तु की ओर भी जा सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप अपने बिस्तर (बिस्तर) को लेबल कर सकते हैं, फिर बाद में “तकिया” या “कंबल” के लिए शब्द जोड़ सकते हैं।
Part 3: पूर्ण वाक्य लेखन | Writing Full Sentences
हिंदी वाक्यों का मानक शब्द क्रम अंग्रेजी से भिन्न है। आमतौर पर वाक्य का विषय पहले आता है, उसके बाद कोई संशोधक या वाक्य का उद्देश्य। क्रिया लगभग हमेशा अंतिम होती है। उदाहरण के लिए, अंग्रेजी में, आप कह सकते हैं “ये टमाटर सस्ते हैं।” हालांकि, हिंदी वाक्य “ये टमाटर मस्क हैं।” शाब्दिक अनुवाद होगा “ये टमाटर सस्ते हैं।”
वाक्य के अंत को इंगित करने के लिए हिंदी एक खड़ी रेखा (।) का उपयोग करती है, जिसे पूर्ण विराम कहा जाता है। उदाहरण के लिए: कालापानी नेपाल का हिस्सा है। चिह्न (।) अंग्रेजी में पूर्णविराम या पूर्णविराम के समान कार्य करता है। हालाँकि, अन्य विराम चिह्न, जैसे अल्पविराम और प्रश्न चिह्न, भाषा में आयात किए गए हैं।
- यदि आप पूर्णविराम के बजाय एक बिंदु का उपयोग करते हैं, तो अधिकांश हिंदी पाठक और वक्ता चिह्न का अर्थ एक ही समझेंगे।
- शब्दों के बीच के स्थान को दर्शाने के लिए हिंदी में कोई अलग चिह्न नहीं है। बस एक स्पेस टाइप करें जैसा आप किसी भाषा में टाइप करेंगे, जैसे अंग्रेजी, जो लैटिन वर्णमाला का उपयोग करती है।
हिन्दी में प्रश्न पूछने के लिए क्रिया के ठीक पहले प्रश्नवाचक शब्द (“कौन,” “क्या,” या “कब”) लगाएं। विषय (जिस चीज के बारे में आप पूछ रहे हैं) वाक्य में पहली बात होगी। उदाहरण के लिए, “आपका नाम क्या है?” आप लिखेंगे: “आपका नाम क्या है?” इसका शाब्दिक अनुवाद “आपका नाम क्या है?”
अगर आप हिंदी को सही तरीके से लिखना सीखना चाहते हैं, तो सबसे आसान काम है खूब पढ़ना। पास में एक शब्दकोश रखें, और उन शब्दों को देखें जिन्हें आप नहीं जानते हैं। अपने लेखन का अभ्यास करने के लिए किसी पुस्तक या वेबसाइट से पैसेज कॉपी करने का प्रयास करें।
आप एक देशी हिंदी वक्ता को ऑनलाइन ढूंढ सकते हैं जो आपको हिंदी में आगे-पीछे लिखने को तैयार है। चाहे आप डाक सेवा के माध्यम से पत्र भेजते हों या केवल ईमेल टाइप करते हों, यदि आप नियमित रूप से अभ्यास करते हैं तो आपके लेखन में जबरदस्त सुधार होगा।
- आप हिंदी भाषा सीखने वाले देशी वक्ताओं और छात्रों के लिए विभिन्न मंचों और सामाजिक नेटवर्क में पढ़ और लिख भी सकते हैं। उदाहरण के लिए, Reddit का https://www.reddit.com/r/Hindi/ पर हिंदी भाषा का फ़ोरम उपलब्ध है।
Q1. क्या कोई ऐसा ऐप है जिससे मैं हिंदी में लिखना सीख सकूं | Is there any app where I can learn how to write in Hindi
उत्तर: इसके लिए कई ऐप हैं और उनमें से कई मुफ्त हैं। उनमें से कुछ हैं: Mondly एक लोकप्रिय भाषा सीखने वाला ऐप है। यह हिंदी सहित कई भाषाओं का समर्थन करता है। Duolingo , डुओलिंगो सबसे लोकप्रिय हिंदी सीखने वाले ऐप्स में से एक है। डुओलिंगो में अंग्रेजी बोलने वालों के लिए हिंदी भाषा सीखने का कोर्स है। Kidslipi , किड्सलिपी एक आकर्षक और आसानी से उपलब्ध हिंदी सीखने वाला ऐप है जो छात्रों को रुचि और प्रेरित रखता है।
Q2. Q2. तेजी से हिंदी कैसे सीखें? | How to learn Hindi fast?
उत्तर: सीखना अक्षर, फिर शब्द, कोई भी भाषा कैसे सीखता है। गानों में गाए जाने वाले अक्षरों को ऑनलाइन डाउनलोड करने की कोशिश करें। ऑनलाइन ऐप्स आपको शब्दों को तस्वीरों के साथ बेहतर तरीके से सिखा सकते हैं। सीखने पर प्रतिदिन कम से कम एक घंटा खर्च करने का प्रयास करें और आप प्रगति करेंगे।
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किताब कैसे लिखे?| किताब लिखने की संपूर्ण जानकारी | kitab kaise likhe? | how to write a book?( TOP best 16 TIPS)
By Nihal chauhan
KITAB KAISE LIKHE?किताब लिखना एक लेखक का पहला सबसे बड़ा सपना होता है और उसका पहला सवाल भी की KITAB KAISE LIKHE? ( किताब कैसे लिखे? कोई व्यक्ति लेखक प्रोफेशनल रूप से नहीं होता बल्कि यह एक ऐसा विषय है जिसमें आपकी दिलचस्पी खुद से ही होती है। “आप वह (लेखक) बनते नहीं है, क्युकी आप पहले से ही वह(लेखक) होते हैं” ।
कोई किताब लिखने के बारे में आप तभी सोचते है जब आप इसके लिए खुद को काबिल समझते है। आपकी काबिलियत यानी कि आप का वह नजरिया जो पाठकों को पसंद आए और समझ आये। लेखक की कला होती है कि वह किसी भी बात को या घटना या आसान सी बात को भी इतना दिलचस्प बना देता है कि लोग उसके साथ खो जाते हैं। वह चाहते हुए भी खुद को किताब पढ़ने से रोक नहीं पाते।
एक जर्नलिस्ट और लेखक में क्या अंतर हो सकता है? यह एक सवाल जाने कितनी ही बार एक लेखक के जेहन में आता होगा कि किताब कैसे लिखें? ( kitab kaise likhe? बार बार जाने कितनी बार और तब जाकर वह एक किताब लिखने के लिए खुद को तैयार करता है।
लोगों को लगता है कि जर्नलिस्ट एक लेखक हो सकता है पर इस मामले में मेरा नजरिया अलग है। किताब लिखना कोई बड़ी बात नहीं है। पर क्या वह किताब किसी पाठक द्वारा पड़ी जा रहीं है यह आपके लेखन कला को प्रदर्शित करता है कि आप उसमें कितने निपुण है।
भारत में और विदेशों में कई जर्नलिस्ट किताब लिखते है और उनकी किताब लोग पड़ते है। असल में एक किताब का लिखना और उस किताब को पसंद किया जाना हक़ीक़त में आपको एक लेखक बनाता है। और वही किताब लिखने का सही तरीका होगा।
किताब कैसे लिखें? यह विचार जब आपके मस्तिष्क में आए उससे पहले आपको किताब लिखने से जुड़े कई और भी जरूरी विचारों पर गौर करना बेहद आवश्यक हो जाता है।
किताब लिखने से पहले इन सवालों पर विचार करें :
- किताब क्यु लिखना चाहते हैं?
- क्या किताब लिख कर ज्यादा पैसा कमाया जा सकता है?
- क्या किताब लिखने से प्रसिद्धि हासिल कर सकते हैं?
- क्या आप एक किताब लिख सकते हैं?
- आप किस विषय पर किताब लिख सकते हैं?
- एक सफल किताब कैसे लिखते हैं?
एक किताब का लिखना कितना मुश्किल और आसान हो सकता है यह आपकी लेखन कला में पारंगत निर्धारित करती है। यह बेहद आसान कार्य है और आपको पता भी नहीं चलता कि कब आपने एक किताब लिख ली। यह उनके साथ होता है जो लिखते के साथ साथ उसी में जीते हैं। उन्हें पता नहीं चलता वह लिख रहे थे या अपने विचारों की नैया में सवार होकर लेखन का आकलन भी कर लेते हैं।
किताब को लिखना उतना ही मुश्किल उन के लिए है जिन्हें इसके लिए सोचना पड़ता है और काफी जोर लगाकर भी वह एक किताब को पूरा करने के निकट नहीं पहुँचते यह कोई कार्य नहीं है। इसका कोई लक्ष्य नहीं है किताब लिखना एक सफर है। जो कभी खत्म होने वाला नहीं है।
एक समर्पण भाव होने की आवश्यकता है।
किताब लिखने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह बनता है कि क्या आप किताबें पढ़ते है? क्या आप पढ़ने के जिज्ञासु है यदि है तो ही यह कार्य आपके लिए है अन्यथा नहीं है।
किताब लिखने के तरीके :
किताब लिखने के लिए सबसे पहले आपको यह विचार सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आपको किताब किस विषय में लिखनी है।
औसत एक लेखक एक साल में 4 किताबें लिख लेता है। पर अगर यह आपकी शुरुआत है तो आपको इसमें थोड़ा समय जरुर लग सकता है। किताब लिखने के लिए आपको काफी ज्यादा सोचना होता है। आप जितना ज्यादा सोच पाएंगे उतना ज्यादा आप लिख पाएंगे। आज के इस आधुनिक समय में लिखने के कई उपकरण आपके लेखन को काफी आसान कर देंगे।
किताब लिखने के मामले में ज्यादातर बड़े लेखकों का मानना है कि एक किताब को लिखना आपको कभी निराश नहीं करता। यह आपकी बड़ी उपलब्धि होती है और आप हमेशा इसको लेकर गर्व महसूस करते हैं। आप खुद का शुक्रिया करेगे की आपने अपना बहुमूल्य समय को निकाल कर एक किताब लिखी।
किताब लिखना एक बड़ी क्रिया है इसमे आपको एक विशेष विषय पर लिखना होता है। साथ में आपको एक या अधिक श्रृंखला की जरुरत होती है।
उनको लिखने के लिए आपके पास पर्याप्त ईंधन (content) होना चाहिए।
जब आप एक किताब लिखते हैं तब आपको कुछ भी शॉर्टकट में नहीं लिखना होता है आपको हर बात को विस्तार से और अत्यधिक विस्तार से लिखना है। जिससे आप उस दृश्य को लिख कर प्रस्तुत करते है, जो पाठक अपने मन में अनुभव करता है। शब्द की झनकार मानव मस्तिष्क पर सीधा प्रभाव डालती हैं। जो कि किसी तस्वीर से या चलचित्र से ज्यादा प्रभावशाली सिद्ध होता है।
किताब लिखने की शुरुआत यहा से करें :
1) लिखने के लिए स्थान का चुनाव करें :(kitab kaise likhe?)
लिखने के लिए आप किस जगह पर लिखते है यह भी काफी महत्वपूर्ण हो जाता है। कई बार आप ऐसी स्थिति में होते हैं जहां आप लिखने की कोशिश करना चाहते हैं पर वह जगह संतोषजनक नहीं होती और आपका ध्यान भटका देती है। इसलिए आपको ऐसी जगह का चुनाव करना है जहां पर आपका पूरा मन लगे और कोई भी वस्तु आपको डिस्टर्ब ना करें। चाहे वह कोई रंग हो या आपका पुराना बिस्तर कुछ भी हो सकता है जो आपके ध्यान को भ्रमित करे आपको उस जगह को अपने मुताबिक तैयार करना है।
यह एक लम्बा सफर है। किताब लिखना मामूली नहीं हो सकता। ज़रा सा विचार आपके मन को पलट सकता है। और लंबे समय तक अपने मन को अपने अनुसार चलाना और सोचना यह ऐसा है जैसे कोई लेखक अपने मन पर विजय प्राप्त कर लेता है। यह पेचीदा है पर आपके लिए यह आसान है। निम्नलिखित विचारों को ध्यान में रख कर जगह का चुनाव करें : (kitab kaise likhe?)
- अत्यंत शांत जगह का चुनाव करें।
- कोई डिस्टर्ब या आपके विचारों में रुकावट डालने वाला ना हो।
- कोई पुस्तकालय, कॉफी शॉप या सुविधा के अनुसार आपका घर का खाली कमरा हो सकता है।
- साफ स्वच्छ जगह हो।
- तापमान सामान्य से थोड़ा ठंडा हो।
- घुमावदार कुर्सी हो तो बेहतर है।
2) किताब लिखने से संबंधित उपकरण इकट्ठा करें :
जब आप किताब लिखने की शुरुआत करते है तो आपके पास वह सभी जरूरी उपकरण होने चाहिए जो आपको लिखने में मदद करते है।
कुछ जरूरी सूची नीचे दी गई है :
- पेंसिल होल्डर
- पेंसिल छीलने के लिए कटर
- लैम्प
- नोट पैड
- स्टेपलर
- नैपकिन
- जरुरी दस्तावेज़
- प्रिंटिंग पेपर
- लकड़ी का एक छोटा बोर्ड
- एक सपाट कुर्सी जो रीड को सीधा रखे
- हाई लाइटर
उपयुक्त सामान या आपके लिए आपको जो बेहतर लगे वह सामान आपके पास उपलब्ध हो तो बेहतर है यद्यपि आप इन में से कुछ जरूरी सामान के साथ भी एक किताब लिखने की शुरुआत कर सकते हैं।
उपयुक्त चीजों में सबसे ज्यादा जरूरी सामान एक पेंसिल और लिखने के लिए पेपर और एक अच्छी कुर्सी है।
जब आपको अपना जीवन का सबसे महत्वपूर्ण कार्य बैठ कर करना है तो आप अपनी रीड के प्रति जागरूक रहे और ऐसी कुर्सी का चुनाव करे जो आपकी रीढ़ को सीधा रखे।
एक लेखक के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा और स्वस्थ रखे। एक लेखक के विचार ही होते हैं जो वह किताब में लिख देता है। जगह जगह घूमना जरूरी नहीं है लेखक लिए पर नुक़सानदेह भी नहीं है। आपको हर बार कुछ नया सीखने का प्रयास करना चाहिए कुछ नया देखने का प्रयास करना चाहिए ताकि आपके मन में हर बार नयी विचार धारा उत्पन्न हो सके जो एक लेखक की मूल शक्ति है।
3) अपने दीर्ध (मुख्य/बड़े ) विचार को खोजे :
आप क्या लिखेंगे? क्या ऐसा जिसे आप उतने बड़े पैमाने लिखने में कामयाब होंगे। एक बड़ा विचार जिसके बारे में आप किताब लिखना चाहते है। सबसे गहन अध्ययन और विचार का विषय यही है कि वह विचार कौन सा होगा जिस पर आप लिखना शुरू करेंगे।
यह इतना दम दार और बेहतर हो कि ये आपको बाकी सबसे अलग बनाए। और आप उन विचारों को काफी ज्यादा तोड़ मरोड़ सके। एक किताब हजारो विचारों का संग्रह होती है और जब आप अपने बड़े विचार को ढूँढने में असमर्थ है तो किताब लिखना भी संभव नहीं हो सकता। (kitab kaise likhe?)
अपने बड़े विचार को खोज कर आप उस पर शोध जारी करें और ज्यादा से ज्यादा जानकारी हासिल करें और उसे किस तरह प्रदर्शित करना है। इसकी एक बेहतरीन रूपरेखा तैयार करें। जब आप अपने मुख्य विचार की खोज करे तो कुछ सवालों को खुद से करे :
- में इस (सोचा हुआ) विचार पर क्यु लिख रहा हूँ?
- क्या में इसमे बेहतर हू?
- क्या यह ऐसा विचार है, जो महत्त्वपूर्ण होने के साथ लोगों के आकर्षण का केंद्र बनेगा?
- इस प्रकार के विषय पर कौन से लोग पढ़ना पसंद करेगे?
जब आप इन सवालों के जवाब खोज लेते है। फिर आप अपना मुख्य विचार चयनित करने के लिए तैयार होते हैं। और किताब लिखने के लिए एक कदम आगे बढ़ाते हैं।
4) पता करे दुनिया क्या पसंद कर रहीं हैं :
किताब लिखना एक अलग बात है। परंतु उस किताब का बाजार में चलना, लोगों का ध्यान आकर्षित करना या लोगों का आकर्षण क्या है? उस पर किताब लिखना दोनों अलग चीजे है। आप एक किताब लिखते है जो आपकी अपनी मानसिकता पर आधारित होती है उसमे आपके अपने विचार होते है कई बार ऐसा होगा जब लोग आपकी सोच से अलग सोचना चाहेंगे हालांकि कुछ लोग आपकी सोच से सहमती भी रख सकते हैं परन्तु फर्क इस बात से पड़ेगा कि ज्यादा लोग क्या पसन्द कर रहे हैं। एक किताब लिखना बहुत बड़ी बात होती है। असंख्य मेहनती विचारों का विश्लेषण होती है किताब।
उपरोक्त विचारों से यह तय है कि अपने विचारों को लिखना या किताब का लिखना और लोगों के लिए किताब को लिखना दो बेहद अलग सिद्धांत है। जिसमें अगर आप एक किताब सिर्फ अपने विचारों की पेशकश के लिए लिखते हैं तो वह किताब जरूरी नहीं कि बाजार में ज्यादा सफलता हासिल करे परंतु अगर आप ऐसे विचारो को चिन्हित करे करके एक विशेष किताब लिखते है जिसे दुनिया और लोग पसंद कर रहे हैं तो यह बाजारी मक़सद से पैसे कमाने और प्रख्यात होने के लिए एक बेहतर विकल्प साबित होती है। (kitab kaise likhe?)
चुनाव आपका है। की आप किस तरह के विचारों को लिखते है जो आपको पसंद है वह या जो लोगों की पसंद है वह। फिर यदि लोगों की और आपकी पसंद एक ही है तो यह एक बहुत बढ़िया संयोग है जो एक सफल किताब को प्रकाशित करेगा।
अब मुख्य सवाल यह है कि :
- कैसे पता करे कि लोगों को क्या पढ़ना पसंद है या उनके आकर्षण का केंद्र क्या है ?
जबाब : इसके लिए आप किताबों की ऑनलाइन दुकानों पर जाकर देख सकते है कि लोग क्या पसंद कर रहे हैं उन्हें किस तरह के विचार ज्यादा आकर्षित कर रहे हैं। आप नीचे दी गई वेबसाइट पर जाकर बेस्ट सेलर वाली किताबों को देख सकते हैं।
- amazon.in
- amazon. Kindle
- Flipkart books
ऐसी ही कुछ और वेबसाइट पर जाकर आप यह अनुमान लगा पाएंगे कि आज के दौर में लोगों की पसंद क्या है। और उसके बाद अपने मुख्य विचार पर गौर करके इस तरह से किताब लिखने की शुरुआत करते हैं।
5) आकर्षक अनुक्रम बनाए :
आपकी किताब के शुरुआती पन्ने यह निर्धारित कर देते हैं कि पाठक उसको पढ़ने योग्य समझता है या नहीं। आप खुद भी एक पाठक रहे होंगे विचार करे कि किसी किताब को पढ़ने से पहले या पढ़ने के लिए जब किताब का चुनाव किया तब आपने उसमे क्या देखा जो आपने उस किताब को पढ़ने का फैसला लिया। (kitab kaise likhe?)
यह विचार सुनिश्चित कर देंगे कि आपको किताब के कौन से हिस्सों पर ज्यादा ध्यान देकर कार्य करना है। पाठक आमतौर पर जिन चीजों को देख कर अपनी किताब का चुनाव करते है वह निम्न है :
- शीर्षक (tittle)
- उपशीर्षक (subtitle )
- आवरण चित्र ( cover photo)
- मुख्य पृष्ठ (main page)
- अनुक्रम (index)
- पिछला अग्रभाग (back front page)
ऊपर दिए गए कुछ नाम किताब के वह हिस्से है जिस पर एक पाठक की सीधी और पहली नजर पड़ती है और इनको देखने के बाद वह किसी किताब का चयन करना पसंद करते हैं। (kitab kaise likhe?)
चुकीं अब आपको पता है कि यह किताब के सबसे मुख्य भाग होते है तो आपको इनके ऊपर विशेष रूप से मेहनत करने की आवश्यकता होती है।
पुरानी कहावत है कि :
“जो दिखेगा, वही बिकेगा”
किसी नियमित अच्छे पाठक के लिए मेरी समझ में किसी किताब को चुनने का सबसे बड़ा कारण होगा कि वह किताब का अनुक्रम देखता है। और किताब के भीतर जो भी हो पर आपका अनुक्रम अगर काफी ज्यादा आकर्षक और प्रभावी है तो निश्चित रूप से आपकी किताब को पसंद किया जाता है। कहने का तात्पर्य है कि किताब के अनुक्रम को सबसे ज्यादा ध्यान पूर्वक और बेहद आकर्षक बनाना है।
5) किताब को छोटे हिस्सों में बांट लो :
आप किसी भी चीज की शुरुआत छोटे छोटे हिस्से से ही करते है और किताब लिखने के लिए भी आपको अपने सब्जेक्ट को छोटे छोटे टुकड़ों में लिखना होगा। आपको एक एक शब्द से एक एक पेज से सबका हिसाब रखना होता है। किताब लिखना एक बड़ी परियोजना जैसा है और इसमे समय लगेगा इसलिए आप इसको छोटे छोटे खंड में बांट लेते हैं। इस तरह आप पहले कुछ सप्ताह में लिखने की शुरुआत कर पाएंगे।
किताब लिखना बेहद सहूलियत का कार्य है आपको कुछ खास और बेहतर लिखना है जो लोगों को आकर्षित करें। हमें सिर्फ पन्ने नहीं भरने है। (kitab kaise likhe?)
आप अपनी लिखे जाने वाली किताब को समझे और फिर पैराग्राफ, पेज, भाग सारी चीजों को निर्धारित करते चले। एक महीने की अवधि के बाद आप करीब अपने 100 पेज पूरे कर पाएंगे।
अब आप किताब की रूप रेखा रेखा निर्धारित कर चुके है और यह अब पहले से आसान और बेहतर होता जा रहा है।
6) समय निर्धारित करे :
आप कितना भी कोशिश कर ले पर आप अपने किसी कार्य के लिए पर्याप्त समय तब तक नहीं दे सकते जब तक आप उस कार्य के लिए एक निर्धारित समय नहीं निकाल लेते।
किताब लिखना शुरुआत में आपको पहाड़ तोड़ने जैसा लगता है और हो सकता है यह वैसा ही हो पर यह असंभव नहीं है। हम अपनी सूझबूझ से इसे बेहतर और प्रगतिशील तरह से लिख सकते हैं। (kitab kaise likhe?)
जरुरी है कि आप लिखने के लिए समय निकाले आप संकल्प करें कि आपको 6 घंटे उसको देना है फिर आप निश्चिंत हो सकते है। आपका कार्य भी आगे बढ़ता है। आपको अपने निर्धारित समय का पूरा उपयोग करना होता है। बेशक आप अपनी सुविधा के लिए टुकड़ों में तोड़ सकते हैं। आप कुछ घण्टे सुबह कुछ दोपहर या कुछ शाम और रात के लिए बाँट सकते है। इस तरह आपको सोचने का मौका भी मिलता है। जो आपको एक बेहतर लेखक बनाता है।
आम तौर पर लेखक लिखने के लिए निर्धारित समय नहीं निकाल पाते क्योंकि वह Netflix या कोई बॉलीवुड हॉलीवुड मूवी देखते हैं। पर फिर भी आपको अपनी किताब लिखने के लिए साप्ताहिक 6 घंटे निकाल लेने चाहिए।
7)किताब के मुख्य विचारों पर अडिग रहे :
जो आपकी किताब के बड़े विचार है उनको लिखने के साथ भूलते नहीं जाना है यानी कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि किताब का जो सिद्धांत हमने निर्धारित किया है उसका प्रभाव कम हो जाए। चुकीं पाठक किताब के शीर्षक को पढ़ते हैं और शीर्षक ही किताब के सिद्धांत का वर्णन करता है। (kitab kaise likhe?)
हमें अपने विचारों को और कहानी को इस तरह शब्दों में पिरोना है कि उसका सैद्धांतिक भाव स्पष्ट होना चाहिए। हालांकि हम अन्य क्षेत्रों में विचार करके भी लिखना चाहेंगे परंतु एक निश्चित सीमा में उससे ज्यादा अधिक नहीं।किताब का शीर्षक ऐसा होना चाहिए कि लोगों के सामने आते ही वह उस किताब को पढ़ने के लिए जिज्ञासा जाहिर करें।
8) एक रूपरेखा तैयार करें :
किताब किसी भी विषय में हो फिक्शन या नॉन फिक्शन इत्यादि परंतु जरूरी यह है, कि आपको उसका एक आकार निर्धारित करके चलना होगा। कहा पर कौन-सा तथ्य सही रहेगा या नहीं रहेगा यह सब आपको पहले से ही एक ढाँचा तैयार करके रख लेना होगा। इसके बाद आपको लिखना है और अपने ढांचे को मद्देनजर रखते हुए। अब यह कार्य बेहतर और आसान होगा।
आपकी किताब की रूप रेखा आपको मदद करेगी और लिखने में और किताब कितनी अच्छी होगी यह भी पता लगाया जा सकता है।
आपको कहानी में चल रहे दिन, दिनांक, मौसम इत्यादि सब को नजर रखते हुए लिखना होगा जो कि आप बिना रूपरेखा बनाए आसानी से नहीं हो सकता है।
शुरुआत से लेकर आखिरी तक आपको किस जगह पर रोमांच, सस्पेंस अंकित करना है इन सब का खाका आपको पहले तैयार रखना होगा। (kitab kaise likhe?)
पाठक को नए विचार मिलते रहे किताब का संपर्क उससे बना रहे हमेशा एक रोचक सवाल बना ही रहे जो पाठक को किताब के आखिरी पन्ने पर खीच कर ले जाए।
और इस तरह की कहानी या विचार लिखे जाए जिनका अंदाजा लगाना नामुमकिन हो।
यह सब आपको अपनी रूपरेखा में अंकित करके उसको सही तरह से किताब में लिखना होगा।
यदि कहीं ऐसा होता है किताब लिखने के दौरान की आप अपना आत्मविश्वास खो दे या आपको यह लगे कि नहीं अब और नहीं लिख सकते यह अच्छी किताब नहीं हो सकती इत्यादि रूपरेखा आपको ऐसे किसी भी नकारात्मक विचारों से बचाती है। आप बस पॉइंट टू पॉइंट लिखते जाये और अंत में आप जीत जायेगे। (kitab kaise likhe?)
इस मामले में मेरा व्यक्तिगत दृष्टिकोण है कि हमें कोई कार्य शुरू करने से पहले सोच लेना चाहिए कि वह आप कितना अच्छे से कर पाएंगे और किताब लिखने से पहले उसकी रूपरेखा तैयार करना एक बेहद जरुरी स्टेप है किताब लेखन के मामले में।
किताब की रूपरेखा तैयार करते समय इन बातों का ध्यान रखें :
- तारीखें, समय, दिन, ऋतु : कहा क्या समय बताना है याद रखे।
- रोचक किरदार : किताब की जरुरत के अनुसार रोचक किरदार बनाए जो समय समय पर सस्पेंस को बढ़ाते रहे।
- सवाल : जितने सवाल उतनी जिज्ञासा सवालों को आखिरी तक ले जाए। सवालों की कड़ियां बनाए।
- समस्याओं को चरितार्थ करे और संघर्ष को भी पाठक को यह सब सच लगे इस तरह का संघर्ष।
- सारे किरदारों के चरित्र को उजागर करते रहे।
- प्राकृतिक सुंदरता का वर्णन या किसी डरावने जंगल जगह का वर्णन विस्तार से करे।
- किरदारों के मानसिक भावों को भी लिखे।
और भी कई मुख्य बाते है जो कि किसी किताब को बेहद रोचक बना सकती है इन सबका प्रयोग किस तरह और कैसे करना है यह काम लेखक निर्धारित करता है। (kitab kaise likhe?)
9) समय सीमा बनाए :
किताब लिखना एक बेहद बड़ा और शांति प्रिय कार्य है किसी भी तरह की जल्दबाजी यहा आपका कार्य बिगाड़ सकती है। या यह आपके प्रदर्शन को बेकार कर सकती है। परंतु लिखने की गति इतनी होनी चाहिए कि जो समय हम निर्धारित करते है उस समय पर आपकी किताब का एक हिस्सा या पूरी किताब लिख चुकी हो।
समस्या यही है कि अगर हम कोई डेडलाइन लागू नहीं करते तो हमारा कार्य पिछड़ जाता है। (kitab kaise likhe?)
हमे डर होना चाहिए कि मैंने पूरा हिसाब लगा के इतने दिन में इतना लिखूँगा या इतना समय निर्धारित किया था फिर यह अभी तक भी अधूरा क्यु है? जब तक आप एक डेड लाइन तैयार नहीं करते। आपके अंदर कार्य करने की लालसा उत्पन्न नहीं होती जो कि एक किताब लिखने के लिए बेहद जरुरी है। हाल के लिए आप अपने पहले पन्ने की रूपरेखा तैयार करे और याद रखे उसमे सभी बड़े विचार अंकित किए जाए। (kitab kaise likhe?)
इसमे आप अपने करीबी मित्र या परिवार वालों को उत्तरदायी बना सकते हैं।
10) शब्दों का गणित रखे :
आप कितने शब्द प्रतिदिन लिखते हैं यह तय करता है कि आपकी किताब किस गति से लिखी जा रही है। आपको शब्दों की गणना का ज्ञान होना चाहिए।
जब आप एक निर्धारित शब्दों को लिखने का लक्ष्य बना लेते तो किताब लिखने की प्रक्रिया प्रगतिशील होती है। आपको पहले यह सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि आप एक दिन में कितने शब्द लिखेंगे। और फिर एक सप्ताह में कितने शब्द लिखते है उसके उपरांत एक माह में कितने शब्द लिखते हैं। (kitab kaise likhe?)
यह सब हिसाब किताब रखने का ही कारण है कि हमे यह पता चलता रहे की हमे कब अपने काम को ज्यादा समय देना है या कब हम कुछ अन्य कार्यों पर ध्यान भी दे सकते है। आखिर किताब लिखना कोई एक दिन का कार्य नहीं है। हमे अपनी दिनचर्या में इसको शामिल करना होगा और निर्धारित समय अथवा शब्दों को पूरा करना होगा।
मान लीजिए आप एक दिन में 1000 शब्द लिखते है। इस हिसाब से आपने एक सप्ताह में 7000 शब्द लिखे और एक महीने में 30000 शब्द लिखे। कहने का तात्पर्य है कि हमारा टारगेट फिक्स होना चाहिए और कब गति बढ़ानी है कब कम कर सकते हैं यह सब हमें पता होना चाहिए।
आप अपनी क्षमताओं के अनुसार कितने शब्दों को लिखना है सुनिश्चित करें और कम से कम 500 से 700 शब्द प्रतिदिन लिखने का जिम्मा ले यह आपकी किताब को लिखने की पर्याप्त गति प्रदान करेगा। (kitab kaise likhe?)
किताब लिखने की रफ्तार को और बढ़ाने के लिए अपने समय में से कुछ खास समय निकाले जैसे कि यदि आप एक सप्ताह में किसी दिन ज्यादा फ्री रहते है वह कौन सा दिन होता है जब आप ज्यादा फ्री है उस समय को आप निर्धारित रेखा में जोड़ ले।
सप्ताह में रविवार को आप अपनी किताब को ज्यादा समय दे सकता है। और उस समय आप ज्यादा आरामदायक स्थिति में होते हैं। लिखने का सबसे खूबसूरत दिन संडे ही माना जाता है।
यह आपकी किताब के लेखन को अतिरिक्त गति देगा। (kitab kaise likhe?)
11) अन्य दैनिक जिम्मेदारियों के साथ लेखन कैसे सम्भव करेंगे?
लिखना कोई जंग नहीं है ना ही कोई दौड़ है जो आपको जीतने की होड़ लगानी है। आप को सिर्फ अपने आप को उतना ही परिवर्तित करना है कि जितना आप हो सकते है उससे अधिक नहीं अगर आप ऐसा करेंगे तो कुछ भी संभव नहीं हो पाएगा और आपकी निजी जिंदगी को समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
असल में आप सिर्फ उतना ही लिखे जितना आपको महत्वपूर्ण लगता है।
जैसा कि मैंने कहा किताब लिखना हमारे जीवन का हिस्सा है और यह हमारे अनुसार चलेगा यदि कोई और जरुरी चीजे है। जिनका परिणाम आपके किताबी लेखन से बदल रहा है तो आपको पहले वह करना होगा। (kitab kaise likhe?)
किताब लिखना हमारे जीवन का हिस्सा हो सकता है परंतु किताब लिखना जीवन नहीं है। हमें हमारी सारी मूलभूत जिम्मेदारियों का निर्वहन करते हुए किताब को पूरा करना है।
यह हमारे विचार है हम उनको जब मन करे तब लिखेंगे वह ज्यादा बेहतर है और सफल भी होगा। यदि आप अपने मन में कोई और कार्य को लेकर चिंतित है और लिखने का प्रयास करते है तो यह आपके विचारों को प्रभावित करेगा और इससे आपकी पूरी मेहनत बेकार हो सकती है।
याद रखे कि आपको अपने मन को चिंता मुक्त होकर अपने विचारों का प्रकटीकरण करना है। जब तक आपका मन खाली और शांत नहीं होगा यह आपके विचारों को प्रभावित करेगा जिसका सीधा असर हमारी लेखन कला पर पड़ता है।
आपको अपनी दिनचर्या में से आसान समय निकाल कर उस समय में अपनी किताब को लिखना है।और आखिरी में आप दिनचर्या के अनुसार उतना ही समय लेखन को दे जो आपको आसान लगे और आपके लेखन उत्पादकता को भी बढ़ाए।
12) एकाग्रता स्थापित करने के लिए आधुनिक संगणक (एप्लीकेशन) का उपयोग करें :
आपकी एकाग्रता आपकी सोच का विकास करती है और आपकी सोच आपके विचारों का उत्पादन करती है। और किताब लिखने के लिए हमे अपने अनुसार लाखों विचारो की आवश्यकता होती है। ऐसे में हम समझ सकते है कि हमारे लिए एकाग्रता एक महत्वपूर्ण जरुरत है।
आप अपने फोन की आवाज सुनकर विचलित हो जाते है या बार बार आपको संदेश और कॉल आते है और आप अपने मेल के notifications से परेशान है जो कि आपकी एकाग्रता के पक्के दुश्मन है।
ऐसे में हम अपनी एकाग्रता को बनाए रखने के लिए कुछ आधुनिक एप्स का उपयोग कर सकते हैं जो कि आपकी एकाग्रता को बनाए रखने के लिए काफी महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। (kitab kaise likhe?)
यह एप्लिकेशन आपकी एकाग्रता को सुरक्षित रखते है साथ ही यह आपके लेखन से जुड़े पूरे विवरण को (शब्दों की गिनती /पेज /) का पूरा हिसाब लगा के रखते है। जिससे आपका समय भी बचता है और आपका कार्य आसान भी होता है।
नीचे दिए गए कुछ एप्लिकेशन आपको किताब लिखने के लिए मददगार सिद्ध होंगे:
- फोकस राइटर
- स्क्रिप्ट
- द रीडसी बुक एडिटर Editor
- Freedom app
- Stay focus
- Write room
ऊपर दिए गए आधुनिक संगणक किताब लिखने के लिए बेहद उपयोगी सिद्ध होंगे।
13) आत्मविश्वास बनाए रखे मनोबल ना गिरने दे :
जैसा कि हम सभी जानते है किताब लिखना कोई आसान कार्य नहीं है और यह अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि होती है कि आप किसी किताब को लिखने के लिए कार्य कर रहे हैं। और किताब लिखने के लिए काफी ज्यादा समय लगता है और समय के साथ आपको निराशा घेरने लगती है। ऐसी स्थिति में कई समस्याएं आती है जो आपके दिमाग को बेकार और आपके मनोबल को तोड़ने का प्रयास करेगे पर आपको अडिग रहना है और अपना आत्मविश्वास बनाए रखना है आखिरी तक हमे अपने उन विचारों पर स्थगित रहना है जो हमने शुरुआती दिनों में किताब लिखने के लिए प्रतिबद्ध थे। हमे उन विचारों को सोचना चाहिए।
हर लेखक के मन में ऐसे नकारात्मक ख्याल आते है कि वह जो लिख रहा है वह बेहतर नहीं है और भी कई अनावश्यक और नकारात्मक विचार आते हैं। परंतु सच्चे लेखक का कर्तव्य है कि वह उनका सामना करते हुए अपनी किताब को गंतव्य तक ले जाए।
एक किताब को पूरा करना बिल्कुल ही आसान नहीं होता इसमे लेखक के निजी जिंदगी से जुड़े दुख सुख को नजरअंदाज करते हुए वह अपनी कला को सबके सामने प्रदर्शित करता है।
सारी बातों का मुख्य सार यह है कि आपको अपना मनोबल बनाए रखना है हर लेखक के मन में ऐसे सवाल आते है पर वह फिर भी अपने कदम पीछे नहीं रखते और अपनी किताब को पूरा करते हैं।
14) खत्म करने की जल्दबाजी से बचें :
जल्दबाजी का काम शैतान का काम होता है यह कहावत तो आपने सुनी ही होगी और इसका असर आपके कार्य पर पड़ता है यह आपके कार्य की गुणवत्ता को खराब करता है।
किताब लिखते समय और किताब लिखने के आखिरी चरण में हमे किताब पूरी करने की जल्दी हो सकती है जो स्वाभाविक बात है। परंतु हमें इससे बचना है।
और अपनी लेखन कला की गुणवत्ता को और बेहतर बनाए रखना है। एक किताब एक एक सेकंड से लेके एक साल या उससे अधिक की मेहनत की साक्षी होती है। हमें यह बात अच्छे से पता है कि गलतियां और भूल दोनों ही जल्दबाजी की पैदाइश है और हम अपनी इतनी बड़ी मेहनती पूंजी पर कोई गलती या भूल बिल्कुल नहीं करना चाहेंगे।
इसलिए हमें कोई जल्दबाजी नहीं करनी है अपना धैर्य बनाए रखें और बेहद इत्मीनान के साथ अपने कार्य को सम्पूर्ण करे ।
15) जांच करे कोई गल ती है तो सही करे :
किताब लिखने के उपरांत आप खुद उसकी जांच करे कि कहीं कोई गड़बड़ी और गलती तो नहीं रह रहीं है? क्या सब कुछ वैसा ही है? जैसा आपने निर्धारित किया था और अगर नहीं है तो आप उसको ठीक करे और कोई जरूरी बदलाव भी है तो उसको भी अवश्य करे।
यह क्रिया किताब समाप्ति के बाद करनी है। कुछ और जोड़ना चाहते है तो जोड़े और सब कुछ सही है तो आपका अगला कदम उठाए। एक एक शब्द और भाव पर बारीकी से अध्ययन और जांच करें उसका प्रभाव समझे। इसमें समय लगेगा पर यह आपके सम्पूर्ण मेहनत का फल है इसके साथ लापरवाही नहीं बरत सकते।
16) किताब प्रकाशित कैसे करें :
और आखिरकार आप वहाँ पहुँचते है जो आपकी योजना के अनुसार था। एक लेखक के लिए यह सबसे बड़ी उपलब्धि और हर्ष का विषय होता है।
सच्चा लेखक हमेशा अपनी पूरी कोशिश करता है कि उसकी किताब को ज्यादा से से ज्यादा लोगों के बीच पहुँचा सके।
आप किताब को कैसे प्रकाशित करते है यह आप पर निर्भर करता है। आप amazon kindle जैसे बेबसाइट पर भी प्रकाशित कर सकते हैं।
किताब क्यु लिखना चाहते हैं ?
जब आप खुद से यह सवाल करेगे की आप क्यु लिखना चाहते हैं तो आपको आपका विचार साफ होना चाहिए कि आप किताब क्यु लिखना चाहते हैं।
- क्या आप ज्यादा पैसा कमाने के लिए लिख रहे हैं?
- क्या आप सिर्फ शौक के लिए लिख रहे हैं?
- क्या आप दिखावे के लिए लिखना चाहते हैं?
ऊपर लिखे सवालों में से अगर किसी एक भी उत्तर अगर हाँ है तो यह लेखन कला आपके लिए नहीं है। कारण यह है कि दुनिया में पहले ही बहुत लेखक है और एक लेखक ज्यादा पैसे नहीं कमा सकता केवल गिने चुने लोग ही है जो ज्यादा पैसे कमाते है। हां अगर आप किसी न्यूज एजेंसी के लिए या किसी फिल्म इत्यादि में लिख कर पैसा कमा सकते हैं।
और तीसरी बात की आप शो ऑफ के लिए कभी एक बेहतरीन किताब तैयार नहीं कर सकते। और किताब लिखने से आप ज्यादा फेमस नहीं हो सकते। अगर आपको पब्लिसिटी ही चाहिए तो आप कोई मार dhad का वीडियो बना के किसी को गाली देकर फेमस हो सकते है यह एक आसान रास्ता होगा। परंतु किताब लिख कर आप फेमस होने के चांस बेहद कम ही है। इसलिए सोच समझ कर आप इसमें आए क्युकी जाने कितने ही लोग जोश में आके यह शुरू करते और और अधूरा ही कर पाते है जिसमें आपका समय और मन दोनों ही खराब होते हैं।
किताब के प्रकाशन के बारे में अधिक जानकारी चाहते हैं तो हमें नीचे कमेंट करके बताये। आपको उचित जानकारी उपलब्ध करवायी जायेगी। लेख से संबंधित कोई और सवाल भी आप नीचे कमेंट box में कमेंट करके पूछ सकते हैं।
उम्मीद है आप समझ गए होंगे एक किताब लिखना बहुत ही धैर्य और संयम का कार्य है इसमें कोई जल्दबाजी नहीं होती। यह असंभव कार्य नहीं है बस आपको खुद पर भरोसा होना चाहिए पहली बार यह मुश्किल हो सकता है उसके बाद यह आपको असान होगा।
आपके लिए एक खास उपहार है, और नीचे दी गई यह किताब आपको एक पुख्ता मार्गदर्शन देगी, शायद इसे पढ़ने के बाद आपके जीवन की हर शंखा और हर जिज्ञासा का अंत होगा। यदि आप एक लेखक है या लेखक बनना चाहते है तो यह छोटी सी किताब आपके लिए एक बड़ा बदलाव लेकर आएगी…
दोस्तों उम्मीद है आपको हमारा ये लेख किताब कैसे लिखे?| किताब लिखने की संपूर्ण जानकारी | kitab kaise likhe? | how to write a book?( TOP 16 TIPS) पसंद आया होगा ।लेख से संबंधित शिकायत और सुझाव नीचे कमेंट box में या हमें मेल करके दर्ज करा सकते हैं। हिंदी भाषा के विकास में योगदान देने के लिए कृपया हमें ज्यादा से ज्यादा शेयर और follow करें ।
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मैं Nihal Chauhan एक ऐसी सोच का संरक्षण कर रहा हू, जिसमें मेरे देश का विकास है। में इस हिंदुस्तान की संतान हू और मेरा कर्तव्य है कि में मेरे देश में रहने वाले सभी हिंदुस्तानियों को जागरूक करू और हिंदी भाषा को मजबूत करू। आपके सहयोग की मुझे और हिंदुस्तान को जरुरत है कृपया हमसे जुड़ कर हमे शेयर करके और प्रचार करके देश का और हिंदी भाषा का सहयोग करे।
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Please. Mujhe koi I’d do ki khud ki book Kese Likhe Please
किस तरह की Id चाहिए आपको?
kitab likhna apne aap mein ek uplabdi hai.yadi koi mere lekh se prabhivit hokar aisa krta hai toh muhe accha lagega
काफी अच्छा लेख है #globalonlimemony.com
motivetional guideline thanks a lotus
धन्यावाद प्रिय पाठक।
जब आप खुद से यह सवाल करेगे की आप क्यु लिखना चाहते हैं तो आपको आपका विचार साफ होना चाहिए कि आप किताब क्यु लिखना चाहते हैं। अगर आप को इन प्रश्नों के उत्तर देने हो तो आप के उत्तर क्या होंगें कृपया स्पष्ट और विस्तार में बताईये 7800549724 ( whataap no ) पर संदेह का निवारण करने की कृपा करें
बहुत सुंदर जानकारी मेरी एक किताब लिख कर छपने के लिए तैयार है, उसके पूर्व में आपके लिए सुझावों पर अमल कर , आगे बढ़ूंगा। धन्यवाद
हमारे Facebook पेज पर हमसे जुड़े किताब लिखने के संदर्भ में सारी जानकारी और सारे सवालों के जबाब उम्मीद है आपको वहां मिल जाएंगे।
Ramesh chaudhary में आपसे बात करना चाहता हु में आर्मी में जॉब करता हु और आपसे कुछ पर्सनल सामाजिक बात करना चाहता हु अगर आप मुझसे बात करेंगे तो मुझे बहुत खुशी होगी जय हिंद 7990049976
उम्मीद है आपकी किताब की एक प्रीति हमे भी पढ़ने को मिलेगी।
आपके द्वारा दी गई जानकारी काफी अच्छी है। मैंने आपकी वैबसाइट को बूकमार्क कर लिया है। हमे उम्मीद है की आप आगे भी ऐसी ही जानकारी देते रहेंगे। हमने भी लोगो को जानकारी देने की छोटी सी कोशिश की है अगर आपको अच्छी लगे तो आप हमारी वैबसाइट को एक backlink जरूर दे। हमारी वैबसाइट का नाम है DelhiCapitalIndia.com जहां हमने केवल दिल्ली से संबन्धित पोस्ट लिखा है। जैसे – Leela Hotel || Leela Palace दिल्ली का लीला होटल
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हिंदी में कैसे लिखें हैं – Hindi mein kaise likhte hain जानिए
भारत में बहुत से माता-पिता अपने बच्चों को इंग्लिश पढ़ने पर बहुत ही ज्यादा जोर दिए हुए हैं इससे बच्चों के अंदर इंग्लिश तो इंप्रूवमेंट हो गई लेकिन वह बच्चे हिंदी में लिखन बिल्कुल नहीं जानते और भारत में रहकर बहुत से बच्चे जो इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ते हैं आप उनसे हिंदी में कुछ लिखवा कर चेक भी कर सकते हैं
लेकिन हम आप लोगों को इस शानदार पोस्ट में हिंदी में कैसे लिखें के बारे में आपको ऐसी जानकारी देंगे, कि आप बहुत ही आसानी से Hindi mein kaise likhte hain सीख जाएंगे आप इस शानदार पोस्ट में अंत तक बने रहें और हिंदी में लिखने के बारे में जाने।
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हिंदी में कैसे लिखते हैं
अगर आपको हिंदी लिखने में परेशानी होती है तो इसके लिए अब आपको परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि आप बहुत से ऐसे टूल भी आ गए हैं जिनके सहारे आप बड़े आसानी से हिंदी लिख सकते हैं लेकिन फिर भी आपको खुद से भी हिंदी लिखनी आनी जरूरी हैं।
और इसको इंप्रूवमेंट करने के लिए आपको हिंदी में कविताएं कहानी न्यूज़पेपर को बहुत ही ध्यान से पढ़ने की जरूरत है इससे आपका पढ़ने और लिखने दोनों स्किल बेहतर होगी और इस अभ्यास को आपको लगातार 3 महीने तक करना है उसके बाद आप खुद से भी हिंदी को बड़े आसानी से लिख सकते हैं और पढ़ भी सकते हैं।
हिंदी में लिखना कैसे सीखे
सबसे पहले आप रोज 1 घंटे हिंदी लिखना सीखने के ऊपर ध्यान दें इसके लिए आप कोई हिंदी की किताब को सामने रखकर अपने कॉफी पर उसकी नकल उतारे यह हिंदी मे लिखना सीखने का सबसे जबरदस्त तरीका में से एक है ।
जब आप इसका अ भ्यास 1 महीने तक कर ले तो आप दूसरों से किताब को पढ़वा कर कर खुद से लिखने का अभ्यास शुरू करें ऐसा करने से आप खुद से सही-सही हिंदी लिखना शुरू कर देंगे।
लेकिन हिंदी में कुछ ऐसे शब्द भी होते हैं जिनको लिखना बहुत मुश्किल होती है तो आप उसके लिए हिंदी वर्णमाला की बुक को भी पढ़ना शुरू कर दे इससे आपको हिंदी के बड़े शब्दों को भी लिखने में आसानी हो जाएगा।
क्योंकि हिंदी में Mantra भी लगाना पड़ता है और बहुत से लोग मांत्रा को ठीक से नहीं लगा पाते इससे भी भी उनकी हिंदी में लिखावट गलत हो जाती है।
और हिंदी लिखना सीखने के लिए हिंदी में पढ़ने और बोलने की भी कोशिश किया करें इससे आपको हिंदी की की समझ बढ़ेगी और आपको लिखने में बहुत ही आसानी होगी।
आप जब हिंदी में कुछ सुन तो उसे अपने दिमाग में भी लिखने की ऐसी कोशिश करें कि इसे कैसे लिखा जा सकता है ऐसा करने से आप निश्चित ही बहुत ही जल्दी समय में हिंदी सीख लेंगे क्योंकि इन्हीं सब तरीकों को फॉलो करके हमने भी हिंदी सीखा है और ज्यादातर लोग भी इसी तरह से ही सीखते हैं।
Hindi me kaise jaldi likhte hai
और अगर आप जल्दी हिंदी लिखना चाहते हैं तो इसके लिए भी बहुत से ऐप आज प्ले स्टोर पर मौजूद है और आप उसके इस्तेमाल से भी इंग्लिश में टाइपिंग करके हिंदी में लिख सकते हैं और यह बहुत आसान भी है और इसमें समय भी कम लगता है और इसकी एक खास बात यह भी है कि बोलकर भी आसानी से हिंदी में लिख सकते हैं हम आपको इसके बारे में भी बताएंगे।
Google input Tool से हिंदी कैसे लिखें
यह गूगल के द्वारा विकसित किया गया एक टूल है इसमें आप इंग्लिश में टाइपिंग करके हिंदी में लिख सकते हैं और आप हिंदी में बोलकर भी लिख सकते हैं इसका इस्तेमाल आज के समय में बहुत ही ज्यादा होता है क्योंकि बहुत से लोगों को हिंदी लिखने में परेशानी होती है और इस आप प्ले स्टोर से भी डाउनलोड कर सकते हैं।
https://www.google.com/inputtools/try/
Hindi keybord App से हिंदी कैसे लिखें
यह हिंदी कीबोर्ड ऐप है जिस पर आपको हिंदी में टाइपिंग करके लिखना होता है और यह भी हिंदी सीखने वाले लोगों को लिए बहुत ही बेहतरीन ऐप है और आप इसके इस्तेमाल से भी अच्छी हिंदी लिख सकते हैं।
https://play.google.com/store/apps/details?id=com.clusterdev.hindikeyboard&hl=en&gl=US
Esey hindi typing tool – Esey हिंदी टाइपिंग का टूल
यह आपके ब्राउज़र में हिंदी टाइपिंग करने के लिए बनाया गया है आप इसके इस्तेमाल से हिंदी में टाइपिंग कर सकते हैं। https://www.easyhindityping.com/
Google hindi input App
गूगल मैं इसे हिंदी में लिखने वालों के लिए बनाया है और यह आपका फोन में भी जरूर डाउनलोड होगा इससे आप किसी भी एप्स में हिंदी में लिख सकते हैं ।
Indic language input tool
इसे माइक्रोसॉफ्ट के द्वारा बनाया गया है और यह हिंदी भाषा में भी उपलब्ध है आप इससे भी आसानी से हिंदी लिख सकते है । https://google-indic-keyboard.fileplanet.com/apk
Lipikaar Aap
इससे आप हिंदी के साथ-साथ भारत की और भी अन्य भाषाओं में भी आप लिख सकते हैं और इसका भी इस्तेमाल बहुत से लोग करते हैं ।
Quillpad app
अगर आप हिंदी में ब्लॉगिंग और वर्डप्रेस पर डायरेक्ट लिखना चाहते हैं तो आप इस ऐप से बिल्कुल शुद्ध और सही हिंदी लिख सकते हैं और इससे आप अपने सोशल मीडिया कैप्शन या अन्य के बारे में भी हिंदी में लिख सकते हैं ।
Hindikhoj Hindi Typing Tool
यह भी एक हिंदी टाइपिंग टूल है जिससे आप ब्राउज़र में हिंदी टाइपिंग कर सकते हैं ।
ऊपर बताया गया सभी एप्लीकेशन से हिंदी में टाइपिंग कर सकते हैं लेकिन इसके लिए आपको इंटरनेट की भी हो सकता होगी।
लेकिन अगर आप खुद से हिंदी लिखना सीख गए तो यह आपके लिए बहुत ही अच्छा होगा और आप दूसरों को भी हिंदी लिखना सीख सकेंगे ।
हिंदी में कैसे लिखते हैं – Video
आप लोगों ने इस शानदार पोस्ट में Hindi mein kaise likhte hain के सभी तरीकों के बारे में जाना और हमें उम्मीद है किया शानदार पोस्ट आपको बहुत ही अच्छा लगा होगा अगर आप हिंदी मे लिखना सीखना चाहते हैं तो यह तरीका आपके लिए बहुत ही अच्छा होगा और आप इससे निश्चित ही हिंदी लिखना सीख जाएंगे।
और आप इस शानदार पोस्ट को hindieguide.com पर पढ़ रहे हैं हमने आपके लिए अपने वेबसाइट में और भी महत्वपूर्ण विषयों के बारे में जानकारी लिखी हुई है आप उन पोस्टों को भी जरूर पढ़ें और इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।
नमस्कार ! हिंदी ई-गाइड ब्लॉग पर आप शिक्षा, इंटरनेट, टेक्नोलॉजी, क्या और कैसे से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारीयाँ जानने और सीख के लिए है, उम्मीद करता हूँ आप कम शब्दों में सरलता से समझ पाएंगे । …
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Diary writing in Hindi | diary Lekhan in Hindi | डायरी लेखन
diary writing
डायरी लेखन .
डायरी-लेखन क्या है?
डायरी लिखने का उद्देश्य .
मानव के समस्त भावों मानसिक उद्वेगों,अनुभूति विचारों को अभिव्यक्त करने में साहित्य का सर्वोच्च स्थान है। समीक्षकों ने डायरी को साहित्य की कोटि में इसलिए रखा है क्योंकि वह किसी महत्वपूर्ण व्यक्ति के व्यक्तित्व का उदघाटन करती है या मानव समाज के विभिन्न पक्षों का सूक्ष्म और जीवंत चित्र उपस्थित करती हैं। डायरी लेखक अपनी रूचि और आवश्यकतानुसार राजनीतिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, साहित्यिक विभिन्न पक्षों के साथ निजी अनुभूतियों का चित्रण कर सकता है।
डायरी लिखते समय कुछ बातों का ध्यान रखें.
Diary writing format , डायरी लेखन के उदाहरण, 1. पुरस्कार प्राप्त होने के बाद हुई प्रसन्नता ।, 2. सत्रांत परीक्षा की तिथि की घोषणा पर होनेवाली प्रतिक्रिया।, 3. परीक्षा में प्रथम अंक लाने पर मन पुलकित हुआ ।, personal diary writing samples, 4. अच्छे दोस्त के चले जाने के बाद जो दुःख हुआ।, 5. परीक्षा में कम अंक लाने पर अपने गुण-दोष का आंकलन ।, डायरी लेखन के प्रकार .
1. व्यक्तिगत डायरी
2. वास्तविक डायरी
3. काल्पनिक डायरी
4. साहित्यिक डायरी
डायरी लेखन का संबंध सीधे-सीधे लेखक के ह्रदय से होता है उसके अपने व्यक्तिगत अनुभव, उसकी विचारधारा और समाज की वर्तमान परिस्थिति का आकलन करने पर जो शब्द उसके ह्रदय से निकलते हैं। उन सभी को उस सारांश के रूप में संग्रहित करना ही डायरी लेखन होता है।
डायरी लेखन कार्य -
-विद्यालय के यादगार पलों को डायरी में लिखो .
-सबसे अधिक रोमांचक यात्रा का अनुभव डायरी में लिखो .
-पहली हवाई यात्रा के अनुभव पर डायरी विधा में लेखन करो .
-अपनी दिनचर्या के बेहद खास पलों को डायरी में लिखो .
एक साहित्यिक की डायरी
भारत के प्रसिद्धि प्रगतिशील कवि और हिन्दी साहित्य की स्वातंत्र्योत्तर प्रगतिशील काव्यधारा के शीर्ष व्यक्तित्व गजानन माधव 'मुक्तिबोध' द्वारा लिखी गई पुस्तक है। यह पुस्तक 'भारतीय ज्ञानपीठ' द्वारा 25 जून, सन 2000 में प्रकाशित की गई थी। हिन्दी साहित्य में सर्वाधिक चर्चा के केन्द्र में रहने वाले मुक्तिबोध एक कहानीकार होने के साथ ही समीक्षक भी थे।
पुस्तक अंश
‘डायरी’ शब्द एक भ्रम पैदा करता है और यह गलतफहमी भी हो सकती है कि मुक्तिबोध की ये डायरियाँ भी तिथिवार डायरियाँ होंगी। लेकिन वास्तविकता यह है कि ‘एक साहित्यिक की डायरी’ केवल उस स्तम्भ का नाम था, जिसके अन्तर्गत समय-समय पर मुक्तिबोध को अनेक प्रश्नों पर विचार करने की छूट न केवल सम्पादन की ओर से बल्कि स्वयं अपनी ओर से भी होती थी।
‘वसुधा’ के पहले नागपुर के ‘नया खून’ साप्ताहिक में वह ‘एक साहित्यिक की डायरी’ स्तम्भ के अन्तर्गत कभी अर्द्ध-साहित्यिक और कभी गैर-साहित्यिक विषयों पर छोटी-छोटी टिप्पणियाँ लिखा करते थे, जो एक अलग संकलन के रूप में प्रकाशन के लिए प्रस्तावित हैं। डायरी में केवल ‘वसुधा’ में प्रकाशित किस्तों-जो स्वयं में स्वतन्त्र निबन्ध हैं-को शामिल करने का उनका उद्देश्य ही यही था कि वे न तो सामयिक टिप्पणियों को साहित्य मानते थे और न साहित्य को सामयिक टिप्पणी वस्तुतः जैसा कि श्री ‘अदीब’ ने लिखा है, मुक्तिबोध की डायरी उस सत्य की खोज है, जिसके आलोक में कवि अपने अनुभव को सार्वभौमिक अर्थ दे देता है।
मुक्तिबोध की मृत्यु के पहले श्रीकांत वर्मा ने उनकी केवल 'एक साहित्यिक की डायरी' प्रकाशित की थी, जिसका दूसरा संस्करण 'भारतीय ज्ञानपीठ' से उनकी मृत्यु के दो महीने बाद प्रकाशित हुआ।
कुछ महत्त्वपूर्ण डायरियाँ
- द डायरी ऑफ अ यंग गर्ल – ऐनी फ्रैंक
- पैरों में पंख बाँधकर – रामवृक्ष बेनीपुरी
- रूस में पच्चीस मास – राहुल सांस्कृत्यायन
- सुदूर दक्षिण पूर्व – सेठ गोविंद दास
- हरि घाटी – डॉ.रघुवंश
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