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10+ दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi 2023

Essay on Diwali in Hindi  : दोस्तो आज हमने दिवाली पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है। इस निबंध के माध्यम से हमने भारतवर्ष में मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार Diwali के बारे में जानकारी दी है कि यह कब मनाया जाता है और क्यों मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में मनाया जाता है इस त्यौहार को सभी धर्मों ने स्वीकारा है और खूब उत्साह है और हर्षोल्लास से हर वर्ष इस त्योहार को मनाते है।

दिवाली के इस निबंध को हमने अलग अलग शब्द सीमा मी लिखा है जिससे सभी विद्यार्थियों को निबंध लिखने में आसानी हो। आप दिवाली पर कविता भी पढ़ सकते है

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10 Line Essay on Diwali in Hindi For Class 2,3,4

(1) भारत में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा बनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली है।

(2) प्रत्येक वर्ष दीपावली अमावस्या के दिन सितंबर से अक्टूबर माह के मध्य में मनायी जाती है।

(3) भगवान श्री राम के 14 वर्ष के वनवास काटने के बाद अयोध्या लौटने पर उनके स्वागत में यह त्योहार मनाया जाता है।

(4) यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है जिसमें धनतेरस गोवर्धन पूजा भैया दूज इत्यादि उत्सव शामिल होते है।

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(5) इन दिन सभी लोगों सभी लोग अपने घरों की साफ-सफाई करते है रंग-बिरंगे फूलों और लाइटों से घर को सजाते है।

(6) दिवाली के दिन संध्या के समय भगवान श्री गणेश, महालक्ष्मी और मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

(7) दीपावली किस दिन को प्रकाश पर्व भी कहा जाता है क्योंकि इसमें सभी लोग अपने घरों में दीपक जलाते है जिससे चारों तरफ रोशनी ही रोशनी फैल जाती है।

(8) यह भारत देश का सबसे बड़ा त्यौहार है इसलिए इस उपलक्ष में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाता है।

(9) यह त्यौहार बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है सभी लोग नये कपड़े पहनते है बच्चे पटाखे छुड़ाते है और बड़े लोग एक दूसरे को गले लगाकर दिवाली की बधाइयां देते है।

(10) दिवाली बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी मनाया जाता है।

Short Essay on Diwali in Hindi For Class 5,6

भारत एक विशाल देश है जहां पर प्रत्येक दिन कोई ना कोई त्यौहार मनाया जाता है। इनमें सबसे बड़ा त्योहार Diwali को माना जाता है। दिवाली का त्योहार सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में आता है। इस त्यौहार को प्रमुख रूप से हिंदू धर्म के लोगों द्वारा खूब धूमधाम से मनाया जाता है।

इस त्योहार को मनाने के लिए लोग महीने भर पहले से ही तैयारियां करनी चालू कर देते है। सभी लोग अपने घरों दुकानों और अपने आसपास के क्षेत्र की सफाई करते है और अपने घरों को रंग बिरंगे रंगों से रंगते है।

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दीपावली के त्योहार को मनाने की प्रमुख वजह यह है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौट कर आए थे और वहां की निवासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे जिसके कारण पूरा अयोध्या रोशनी से चमक उठा था।

इसीलिए दीपावली के दिन घोर अंधेरे को पराजित करने के लिए दीपक जलाए जाते है। दीपावली के दिन प्रमुख रूप से मां लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है साथ ही भगवान गणेश और मां सरस्वती की भी पूजा की जाती है।

दीपावली के दिन पूरा भारत रोशनी से जगमग हो उठता है चारों ओर खुशहाली ही खुशहाली छाई रहती है।

Diwali Par Nibandh in Hindi for Class 7, 8,9

भूमिका –

भारत विभिन्न, परंपराओं, संस्कृतियों, विचारों, भाषाओं एवं धर्मों वाला देश है यहां पर प्रत्येक धर्म का त्यौहार सभी लोग खूब धूमधाम से मनाते है। दिवाली का त्यौहार हिंदू धर्म के लोगों का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है और यह पूरे देश में मनाया जाता है।

दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद सितंबर से अक्टूबर माह के बीच में अमावस्या के दिन मनाया जाता है। दिवाली का त्यौहार वर्षा ऋतु के समाप्त होने और शरद ऋतु की प्रारंभ होने का संकेत होता है दीपावली के त्योहार पर मौसम गुलाबी ठंड के लिए भी रहता है जिससे चारों और खुशहाली का मौसम बनता है।

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दिवाली त्यौहार की पौराणिक मान्यता –

इस त्योहार को सिख, बौद्ध और जैन धर्म के लोग भी मनाते है जैन धर्म के लोग इसे महावीर के मोक्ष दिवस के रूप में मनाते है क्योंकि इसी दिन जैन धर्म के भगवान महावीर ने मोक्ष की प्राप्ति की थी तथा सिख समुदाय इसे बन्दी छोड़ दिवस के रूप में मनाता है क्योंकि इसी दिन सिख समुदाय के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था।

दिवाली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है पौराणिक मान्यताओं के अनुसार मां लक्ष्मी को धन-धान्य एवं सुख संपदा की देवी माना जाता है और साथ में भगवान गणेश और मां सरस्वती की पूजा भी की जाती है।

दिवाली का त्यौहार आने से पहले ही लोग अपने घरों की साफ-सफाई और रंगाई पुताई का काम प्रारंभ कर देते है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार Diwali के दिन महालक्ष्मी सभी साफ-सुथरे एवं स्वच्छ घरों में आती है और अपने साथ सुख समृद्धि भी लेकर आती है इसीलिए महालक्ष्मी की पूजा के समय सभी लोग अपने घर के दरवाजे खुले छोड़ देते है।

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दिवाली का आयोजन – 

यह त्यौहार 5 दिनों तक की लंबी अवधि तक चलने वाला त्यौहार है। पहले दिन लोग धनतेरस के रूप में मनाते हैं इस दिन में बाजार से कुछ वस्तुएं खरीद के लाते है दीपावली का दूसरा दिन नारक चतुर्दशी या छोटी दिपावली के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध करके बुराई पर अच्छाई की जीत का परचम लहराया था।

इस त्यौहार का तीसरा दिन बहुत प्रमुख होता है क्योंकि इसी दिन दीपावली का ऐतिहासिक पर्व मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में पधारे थे इसलिए अयोध्या वासियों ने अपने भगवान राम को खुश करने के लिए उनके स्वागत में सभी जगह फूलों की बरसात कर दी और जी के दीपक जला दिए।

इसीलिए दिवाली के दिन भी दीपक जलाए जाते है वर्तमान में दीपक की जगह मोमबत्तियां और चाइनीज लाइटों ने ले ली है। दिवाली के चौथे दिन गोवर्धन पूजा की जाती है माना जाता है कि इसी दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर भगवान इंद्र के क्रोध से हुई भारी वर्षा से बचाया था।

दिवाली का अंतिम दिन भैया दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन सभी भाई बहन एक दूसरे से मिलते है।

उपसंहार –

Diwali के इस पर्व के उपलक्ष में सभी लोग नए कपड़े पहनते है और अपने रिश्तेदारों को मिलते है जिससे समाज में सदभावना उत्पन्न होती है यह त्यौहार धार्मिक परंपरा के साथ साथ सामाजिक भावनाओं के साथ भी जुड़ा हुआ है।

Essay on Diwali in Hindi for Class 10,11,12

प्रस्तावना –.

दीपावली का त्यौहार खुशियों और सुख-समृद्धि का त्यौहार है। यह पांच दिवसीय हिंदुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्यौहार है। दिवाली के त्यौहार को भारत के प्रत्येक राज्य में मनाया जाता है। इस दिन अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी पूरा भारत रोशनी से जगमगाया हुआ होता है।

Diwali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। इस त्यौहार को सिर्फ हमारे देश में ही ही ही विदेशों में भी मनाया जाता है इससे इसकी प्रमुखता का पता लगाया जा सकता है। केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है बल्कि इसका सामाजिक, आध्यात्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और आर्थिक महत्व भी है।

दिवाली के त्यौहार को हिंदू धर्म के लोगों के साथ साथ वर्तमान में अन्य लोगों द्वारा भी बहुत ही धूमधाम है और हर्षोल्लास से मनाया जाता है। दिवाली के दिन सभी लोग अपने दुख दर्द भुला कर खुशी से इस त्योहार को मनाते है।

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वर्ष 2022 में दीपावली कब है – Diwali Kab Hai

इस वर्ष दीपावली का त्यौहार 24 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा । दिवाली के इस पवित्र पर्व को हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण अमावस्या के दिन मनाया जाएगा।

दिवाली त्योहार का इतिहास – History of Diwali in hindi

दीपावली का त्यौहार भारत में प्राचीन समय से ही मनाया जाता रहा है इस त्यौहार का इतिहास अलग-अलग राज्यों के लोग भिन्न-भिन्न मानते है लेकिन अधिकतर लोगों का मानना है कि जब भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक प्रज्वलित किए थे और साथ ही अयोध्या के हर रास्ते को सुनहरे फूलों से सजा दिया गया था।

जिस दिन भगवान राम अयोध्या लौट कर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी जिसके कारण वहां पर कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था इसलिए अयोध्या वासियों ने वहां पर दीपक जलाए थे इसलिए इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय भी माना जाता है।

और यह सच भी है क्योंकि इस दिन पूरा भारत अमावस्या की काली रात होने के बावजूद भी दीपको की रोशनी से जगमगाता रहता है। जैन धर्म के लोग दीपावली के त्यौहार को इसलिए मनाते हैं क्योंकि इस दिन चौबीसवें तीर्थंकर, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी और संयोगवश इसी दिन उनके शिष्य गौतम को ज्ञान प्राप्त हुआ था।

सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं वे लोग त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन ही अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन जेल से रिहा किया गया था

दिवाली त्योहार की तैयारी –

Deepavali के त्यौहार की तैयारियां भारत में महीने भर पहले ही प्रारंभ कर दी जाती है क्योंकि भारत में ज्यादातर है हिंदू धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं इसलिए यह त्यौहार उनका सबसे बड़ा त्यौहार होता है। इस त्यौहार की तैयारियों को लेकर लोग इतने उत्सुक रहते हैं कि वह महीना भर पहले ही अपने घर और प्रतिष्ठानों की साफ सफाई करने लग जाते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि अगर घर में साफ सफाई होगी तो मां लक्ष्मी उनके घर पर आएगी और साथ में सुख समृद्धि भी लेकर आएगी।

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आजकल लोग Diwali के कुछ दिन पहले ही घरों की रंगाई पुताई करवाते हैं साथ ही रंग बिरंगी लाइट ओं और फूलों द्वारा अपने घर और प्रतिष्ठान को सजाते है। बाजारों में इस त्यौहार के पहले एक अलग ही रौनक आ जाती है बाजार भीड़ से खचाखच भरे रहते है हर तरफ लोग खरीदारी करते दिखाई देते है।

दीपावली के त्यौहार को धूमधाम से मनाने के लिए लोग इस दिन के लिए नए कपड़े खरीदते हैं बच्चे खेलने के लिए खिलौने एवं पटाखे खरीदते है। दीपावली का यह त्यौहार 5 दिनों तक चलता है जिस के पहले दिन धनतेरस होती है।

धनतेरस के दिन लोग ज्यादा से ज्यादा खरीदारी करना पसंद करते हैं यह दिल लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन जरूर लेकर जाते है साथी लोग इस दिन सोने और चांदी के आभूषण खरीदना भी पसंद करते है। लोगों का मानना है कि इस दिन खरीदारी करने से घर में बरकत होती है।

दीपावली का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को मार गिराया था। कुछ लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है इस दिन घर के बाहर 5 दीपक जलाए जाते है। प्राचीन परंपरा के अनुसार इस दिन लोग दीपक का काजल अपनी आंखों में डालते है उनका मानना है कि इसे आंखें खराब नहीं होती है।

तीसरा दिन दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है एक दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है साथ ही विद्या की देवी मां सरस्वती और भगवान गणेश की पूजा की जाती है। इस दिन घर में रंगोली बनाई जाती है और तरह-तरह की मिठाइयां बनाई जाती है।

दिवाली के दिन सभी लोग शाम के समय मां लक्ष्मी की पूजा करते है। इस दिन घर को दीपक जलाकर रोशनी से जगमग आ दिया जाता है भारत में इस दिन रात के समय सबसे ज्यादा रोशनी होती है जिसका उदाहरण अंतरिक्ष से ली गई फोटो में आप देख सकते हैं –

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दिवाली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र की क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत अपनी एक अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन घर के बाहर महिलाएं गोबर रखकर पारंपरिक पूजा करती है।

दिवाली त्योहार का आखिरी दिन भाई दूज के रूप में मनाया जाता है इस दिन बहन ने भाई को रक्षा सूत्र बनती हैं साथ ही तिलक लगाकर मिठाई खिलाती है और बदले में भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं और उन्हें अच्छा उपहार भी देते है। यह दिन कुछ कुछ रक्षाबंधन त्यौहार की तरह ही होता है।

दीपावली का महत्व – Importance of Diwali in hindi

दीपावली का त्योहार सभी वर्गों के लोगों के लिए महत्वपूर्ण होता है यह हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना गया है। सबसे बड़ा त्यौहार होने के कारण सभी की आस्था इस समय से जुड़ी हुई है यह त्यौहार सभी तरह के महत्व अपने अंदर समेटे हुए हैं इसके महत्व का वर्णन हमने नीचे किया है –

आध्यात्मिक महत्व –

दीपावली त्यौहार की आध्यात्मिक महत्व जुड़ा हुआ है यह त्योहार अनेक धार्मिक ऐतिहासिक और कहानियों से मिलकर बना है। इस त्योहार की नीव अच्छाई पर टिकी हुई है इसलिए यह त्योहार जब भी आता है तो सभी लोगों में एक अलग ही खुशी और आस्था होती है।

दीपावली के त्यौहार को हिंदू, जैन, सिख आदि धर्मों द्वारा भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई घटना हुई है जिससे अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान और निराशा पर आशा बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

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दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ हो रहा अच्छाई से जुड़ा हुआ है इसलिए लोग इस पर्व पर आध्यात्मिकता की ओर बढ़ते है और इससे अच्छे विचारों को उद्गम होता है।

सामाजिक महत्व –

Diwali के त्योहार का सामाजिक महत्व भी बहुत बड़ा है क्योंकि इस त्योहार पर सभी धर्मों के लोग मिलजुलकर त्योहार को मनाते है। इस दिन सभी लोग पूजा करते हैं एक दूसरे से मिलने जाते है जिससे सामाजिक सद्भावना उत्पन्न होती है।

आजकल की भीड़भाड़ जिंदगी में लोगों को एक दूसरे से मिलने का कोई मिलता है इसलिए इस दिन लोग एक दूसरे से स्नेह मिलन के रूप में मिलते हैं साथ में एक दूसरे को मिठाइयां बांटते हैं और गले मिलते हैं जिसे लोगों को एक दूसरे की भावनाओं और धर्मों को समझने में रुचि उत्पन्न होती है।

दीपावली के दिन छोटे बच्चे बड़ों के पैर छूते हैं और बड़े उन्हें आशीर्वाद देते है। इस त्योहार के दिन लोग एक दूसरे के साथ इतना घुल मिल जाते है जैसे कई रंग एक दूसरे में घुल गए हो, इसलिए इस त्योहार का सामाजिक महत्व भी बढ़ जाता है।

आर्थिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार पर भारतीय लोग जमकर खरीदारी करते हैं वे अपने घरों में सभी सुख सुविधाओं की चीजें लेकर जाते है। सभी लोग अपने घरों में उपहार, सोने-चांदी के आभूषण, बर्तन, राशन का सामान, कपड़े, मिठाइयां इत्यादि लेकर जाते है। इस पर्व पर लोग वर्ष के सभी दिनों से ज्यादा खरीदारी करते है।

हिंदू धर्म के लोगों का मानना है कि दिन खरीदारी करने से घर में किसी भी वस्तु की कमी नहीं रहती है और इस दिन खरीदारी करने से वह वस्तु फलदाई रहती है। इसलिए बाजारों में इस दिन ज्यादा चहल-पहल और अधिक खरीदारी होती है जिसके कारण लोगों की आमदनी बढ़ जाती है।

दीपावली त्योहार के पीछे सबसे पुराना आर्थिक महत्व इस बात पर जुड़ा हुआ है कि भारत में लगभग सभी फसलें मानसून पर निर्भर करती है इसलिए गर्मियों की फसल इस त्यौहार के पर्व से कुछ दिन पहले ही पक कर तैयार हो जाती है तो किसान इस फसल को काटकर बाजारों में बेचकर आमदनी कमाता है।

चूँकि भारत में अधिकतर लोग खेती करते हैं इसलिए कई दिनों बाद फसल को बेचकर इस चमार पर उन्हें अच्छी आमदनी होती है इसलिए इस बार का आर्थिक महत्व और भी बढ़ जाता है।

ऐतिहासिक महत्व –

दीपावली के त्यौहार के इस दिन बहुत सी ऐतिहासिक घटनाएं घटी है जिसके कारण इस त्योहार का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस दिन भगवान राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या में लौटे थे और वे श्रीराम से मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम कहलाए थे।

इसी दिन समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिन्हें धन और सुख-समृद्धि की देवी भी कहा जाता है। स्वामी रामतीर्थ का जन्म व महाप्रयाण दोनों दीपावली के दिन ही हुए थे। दीपावली के पावन अवसर पर आर्य समाज की स्थापना हुई थी।

इसी दिन मुगल समाज के सबसे बड़े बादशाह है अकबर ने दौलत खाने में 40 फीट ऊंचा आकाश दीप जलाकर दीपावली त्यौहार को मनाना शुरू किया था। इस कारण हिंदू और मुसलमान धर्म के लोगों में एक दूसरे के प्रति नफरत खत्म हो गई थी।

1619 में दीवाली के दिन सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया गया था। महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई थी।

विदेशों में दिवाली का त्यौहार – Diwali festival abroad

मलेशिया – दीपावली के पर्व पर मलेशिया में भारत की तरह सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाता है। यहां पर सभी धर्मों के लोगों द्वारा मिलकर इस चौहान को बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है इस त्यौहार के दिन सभी लोगों द्वारा सभी के लिए भोजन की व्यवस्था की जाती है और पूरे दिन भर लोग अच्छे खाने का आनंद उठाते हैं और एक दूसरे से मिलते है।

दिवाली के इस त्योहार को मलेशिया में सामाजिक सद्भावना के रूप में मनाया जाता है

संयुक्त राज्य अमेरिका –

अमेरिका में भी भारतीय मूल के बहुत से लोग बसे हुए हैं इसलिए वहां पर भी Diwali के त्यौहार को उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। सन 2003 में अमेरिका के व्हाइट हाउस में पहली बार दिवाली का त्यौहार मनाया गया था। उसके बाद से लगभग पूरे अमेरिका ने इस त्योहार को अपना लिया। अमेरिका में 4 लाख भारतीय लोग रहते है।

नेपाल –

हमारे भारत देश का पड़ोसी देश नेपाल एक छोटा सा देश है जहां पर हमारी दीपावली के पर्व के दिन ही नव वर्ष मनाया जाता है। नेपाल में दीपावली को “तिहार” या “स्वन्ति” के रूप में जाना जाता है और वहां पर भी इसे 5 दिनों तक मनाया जाता है इस पर्व पर यहां के लोग दान धर्म करते हैं और पशु पक्षियों को भी खाना खिलाते है।

नेपाल के लोगों का मानना है कि इस दिन दान धर्म करने से पूरा साल अच्छा व्यतीत होता है। भारत का पड़ोसी देश होने के कारण नेपाल में भी भारतीय संस्कृति देखने को मिलती है। यहां पर भी पूरे विधि विधान के साथ मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।

सिंगापुर –

सिंगापुर में दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में राजपत्रित अवकाश होता है। यहां पर भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लोग रहते हैं जो कि दीपावली के त्यौहार को बड़ी धूम-धाम से मनाते है। दीपावली के त्यौहार पर सिंगापुर के बाजारों में भी रोनक देखने को मिलती है।

यहां पर भी भारतीय बाजारों की तरह ही सजावट की जाती है और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी होते है। सिंगापुर सरकार द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करवाए जाते है।

मॉरीशस –

इस देश की लगभग 44% आबादी भारतीय लोगों की है जिसके कारण यहां पर हिंदू संस्कृति बहुत बड़े पैमाने पर देखने को मिलती है साथ ही यहां पर दीपावली के त्यौहार के दिन सार्वजनिक अवकाश होता है। इस देश में हिंदी भाषा भी बोली जाती है।

श्रीलंका –

श्रीलंका में भी दीपावली के त्यौहार के उपलक्ष में सार्वजनिक अवकाश होता है यहां पर भारतीय मूल के तमिल लोग अधिक मात्रा में रहते हैं जिसके कारण यहां पर भारतीय संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। यहां पर भी दीपावली को खूब हर्षोल्लास से मनाया जाता है दीपावली के दिन यहां पर महालक्ष्मी की पूजा की जाती है और चारों तरफ मोमबत्तियां और दीपक जलाए जाते है।

इस त्योहार से हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा मिलती रहती है यह त्यौहार हमें सिखाता है कि कभी भी अंधकार से नहीं डरना चाहिए क्योंकि एक छोटे से दीपक की लौ भी काले अंधकार को प्रकाश में बदल सकती है। इसलिए समय हमेशा जीवन में आशावादी रहना चाहिए और अपने जीवन में हमेशा खुश रहना चाहिए।

दीपावली का त्यौहार सांस्कृतिक इन सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है इस त्यौहार से सभी के जीवन में खुशियां आती है इसी त्यौहार के कारण लोगों में आज भी सामाजिक एकता बनी हुई है।

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Essay On Diwali In Hindi – दिवाली पर निबंध 200, 500, 1000 शब्दों में

Essay on Diwali in Hindi ( दिवाली पर निबंध ): जैसा कि हमारे देश में कई तरह के त्योहार मनाए जाते है जिनका अपने आप में अलग अलग विशेषता और महत्व होती है। भारत में होली, दीपावली, रक्षाबंधन, ईद, लोहड़ी आदि त्योहार मुख्य रूप से मनाया जाता है। लेकिन ज्यादातर सबका पसंदीदा त्योहार दीपावली ही होता है। जिसका लोग बेचैनी से इंतजार कर रहे होते है। इस त्योहार का कुछ अलग ही माहौल होता है।

Essay on Diwali in Hindi

क्षात्रो को स्कूल में हमेशा टास्क दिया जाता है “दिवाली पर निबंध लिखें (Write an Essay on Diwali)” ऐसे में कई बच्चो को Essay लिखने में प्रॉब्लम होती है। इसी प्रॉब्लम का समाधान इस लेख में दी जा रही है। यहाँ पर दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali) लिखी जा रही है।

Essay on Diwali – Introduction

हमारे देश भारत में दिवाली को दीपावली के नाम से भी जानते है। Diwali(दिवाली) के बारे में सोचते ही आपके दिमाग में सबसे पहले क्या आता है?

जब भी दिवाली करीब आती है तो लाइट, fireworks (पटाखे), मिठाइयां और ड्राई फ्रूट्स आदि ऐसी चीजे मन में आती है। यह एक ऐसा अवसर होता है जब हमारे परिवार के सभी सदस्य दिवाली की रात मनाने के लिए एक साथ आते हैं।

दिवाली (Diwali) को हिंदू के सबसे बड़े festivals में से एक कहा जा सकता है जो न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर में खुशी और सुंदर भाव के साथ मनाया जाता है। 

दीपावली का त्योहार हर साल october या november के महीने में होता है। यह विजयदशमी (vijayadashmi) के ठीक 20 दिन बाद मनाया जाता है। Deepawali दो शब्दों दीप या दीया और आवली शब्द से मिलकर बना है। दिवाली (Diwali) भारत में ही नही बल्कि विदेशों में भी हिंदुओं और अन्य गैर हिंदू समुदायों द्वारा मनाई जाती है जो वहां रहते हैं। इस त्योहार को अन्य समुदाय (बौद्ध,जैन आदि) के लोग भी मानते है। 

Essay on Diwali – दिवाली (Diwali) कैसे मनाई जाती है?

दीपावली आने के लगभग 10 दिन पहले से ही सभी घरों में साफ सफाई होने लगती है।

लोग अपने अपने घरों, दुकानों आदि की साफ सफाई में जुट जाते है। और बहुत से लोग अपने  घरों या दुकानों को नया बनाने के लिए पेंट कराते है। कहा जाता है की दीपावली पर घरों की सफाई करना इसलिए जरूरी होता है क्योंकि इस दिन lord Ganesha और lordess lakshmi जी ही घरों में वास करते है।

बाजारों में खूब दौड़ भाग होती है। लोग इस मौके पर नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां और गणेश और लक्ष्मी जी की मूर्ति आदि खरीदते है। हिंदुओं द्वारा देवी lakshmi की पूजा की जाती है क्योंकि व्यापारी दिवाली के पर्व पर नई खाता बही की शुरुआत करते हैं। लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है।

लोग खुशी और उत्साह के साथ दिवाली का पूरा आनंद लेते हैं। इस दिन घर में तरह तरह की मिठाइयाँ बनाई जाती हैं और दोस्तों और रिश्तेदारों में बाँटी जाती हैं। लोग अपने पड़ोसी और प्रिय लोगों को आमंत्रित करते हैं। लोग अपने रिश्तेदारों और दोस्तों से मिलने भी जाते हैं और गिफ्ट और सूखे मेवों का आदान प्रदान भी करते हैं।

वही कुछ लोग ऐसे भी जिनके यह त्योहार कुछ अलग ही रूप से मनाया जाता है जैसे शराब का सेवन, जुआ खेलना, टोना-टोटका करना और पटाखों के गलत इस्तेमाल से इसे ख़राब करने में जुटे रहते हैं। जो की समाज की बहुत बुरी आदत है। कम से कम इस दिन तो ये सोच बनाके रखना चाहिए की इस पावन अवसर पर ये बुरी आदत छोड़के अपने अंदर अच्छी आदतों का वास करना चाहिए।

बच्चे इस त्योहार का बेसब्री से इंतजार करते हैं।  उन्हें पटाखे फोड़ने और आतिशबाजी में खूबसूरत रंगोली बनाने और अपने घर को सजाने में भी मजा आता है।

Essay on Diwali: इतिहास

यह त्योहार बहुत ही खूबसूरत और इमोशनल इतिहास के अंदर छिपा हुआ है।

हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस त्योहार के दिन ही भगवान राम (Ram) 14 वर्षों के वनवास के बाद अपनी पत्नी सीता,भाई लक्ष्मण और उनके प्रिय भक्त हनुमान के साथ अयोध्या ( Ayodhya), राक्षस रावण और उसकी सेना को हराने के बाद, लौटे थे।

अमावस(Amavasya) की रात होने के कारण Diwali के दिन काफी अंधेरा होता है, जिस वजह से उस दिन पुरे Ayodhya को दीपों और फूलों से श्री Ram Chandra के लिए सजाया गया था ताकि भगवान राम के आगमन में कोई परेशानी न हो और तब से लेकर आज तक इसे दीपों का त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है।

उस समय पूरे अयोध्या के लोगों ने अपने प्रिय राजकुमार राम पत्नी सीता,भाई लक्ष्मण और हनुमान के साथ मिट्टी के दीये जलाकर और पटाखे फोड़कर स्वागत किया। 

दीपावली त्योहार के बारे में एक और पौराणिक कथा भगवान विष्णु के साथ देवी लक्ष्मी की शादी है। कहते है इस दिन देवी lakshmi ने भगवान विष्णुओ को चुना और उनसे विवाह किया। देवी लक्ष्मी को धन और समृद्धि देने के लिए भी जाना जाता है।

दूसरी तरफ यह भी है की Diwali हिंदुओं का सबसे ज्यादा मनाया जाने वाला त्योहार है। मुगल सम्राट जहांगीर( Jahangir) की कैद से Guru Govind की रिहाई की याद में सिख(Sikh) दीवाली मनाते हैं।

जैन धर्म में भी दीवाली को “महावीर निर्वाण दिवस” महावीर की शारीरिक मृत्यु और अंतिम मुक्ति के दिन के रूप में मनाया जाता है।

बौद्ध देवी लक्ष्मी की पूजा करके diwali मनाते हैं।

दीपावली के उत्सव के बारे में एक और मिथ्या यह है कि विष्णु के अवतार भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर (Narkasur) को मार डाला और राक्षस नरकासुर द्वारा बंदी बनाई गई 16000 से अधिक लड़कियों को रिहा कर दिया। जिस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था, उसे दिवाली से एक दिन पहले नरक चतुर्दशी (Chaturdashi) के रूप में मनाया जाता है।

लोग diwali पर भगवान गणेश की पूजा करते हैं जो बाधाओं को दूर करने और तलाश करने के प्रतीक है। यह त्योहार पूरे देश का त्योहार है।  हिंदू पौराणिक कथाओं के लिए इसका बहुत महत्व है और लोगों को वास्तविक सुख और शांति के महत्व को समझने की जरूरत है।

यह बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है। Diwali अच्छे कर्मों में विश्वास पैदा करती है और खुशी, आनंद और बुराई के अंत का दिन है। यह भारत के प्रत्येक शहर और शहर में और विदेशों में भी भारतीयों द्वारा असाधारण उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह यूनिटी का प्रतीक बन जाता है।  भारत इस पर्व को हजारों सालों से मनाता आ रहा है और आज भी मनाता आ रहा है।

यह पांच दिन तक मनाने जाना वाला त्योहार है जिसमें अच्छा भोजन, आतिशबाजी, रंगीन रेत और विशेष मोमबत्तियां और दीपक शामिल हैं।  हिंदू जहां रहते हैं उसके आधार पर दीवाली की कहानी की व्याख्या करते हैं।

दीपावली कितने दिनों तक मनाते है?

दिवाली का यह त्योहार लगभग 5 दिनों तक मनाया जाता है। जिस के पहले दिन धनतेरस(Dhanteras) होता है। धनतेरस के दिन लोग धातु(Metals) की वस्तुओं जैसे सोने और चांदी के आभूषण को खरीद कर अपने घर जरूर लेकर जाते हैं।

Deepawali का दूसरा दिन नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। कुछ लोग इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।

तीसरा दिन deepawali त्योहार का मुख्य दिन होता है। इस दिन महालक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।

Deepawali के चौथे दिन गोवर्धन (Govardhan) पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान कृष्ण ने इंद्र के क्रोध से हुई लगातार वर्षा से लोगों को बचाने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक उंगली पर उठा लिया था।

दिवाली के त्योहार के आखिरी दिन को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पर बहन अपने भाई को रक्षा बांधकर मिठाई खिलाती है।

दीपावली से तमाम जानकारी प्राप्त करके हम इस निष्कर्ष पर पहुंच गए हैं की दिवाली को सभी उत्साहों में से एक माना गया है जिसका एक अलग ही महत्व है। Deepawali का त्यौहार असत्य पर सत्य की जीत और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है।

दीपावली के त्योहार के दिन हमें अपने अंधकार को मिटाकर दीयों और रोशनी से पूरे एनवायरनमेंट को रोशन करना चाहिए। जैसा कि हम जानते हैं कि दीपावली के पर्व का अर्थ दीप, प्रेम और सुख समृद्धि होता है। इस दिन ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी को दुख पहुंचे क्योंकि ऐसा करने से इस festival का कोई मतलब ही नहीं रह जाता। हमे हर दुखिजनों के साथ इस पर्व को celebrate करना चाहिए।

भेदभाव और अपने अंदर की बुराइयों का त्याग़ करना चाहिए। साथ ही साथ खुद के अंदर भी अंधकार को खत्म करके एक रोशन दीप जलाना चाहिए।

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi 2023): दीपावली पर निबंध हिंदी में 

Diwali essay in hindi : हैप्पी दिवाली यहां देखें दिवाली पर हिंदी निबंध और बच्चों के लिए छोटे-छोटे पैराग्राफ, दीपावली त्यौहार पर आसान 10 लाइन्स और 150 शब्दों में दिवाली निबंध। सभी निबंध pdf रूप में free डाउनलोड करें।.

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दिवाली पर हिंदी निबंध: Hindi Essay on Diwali 2023

Diwali essay in hindi in10 lines.

लाइन 1: दिवाली, दीवाली या दीपावली को 'रोशनी का त्योहार' भी कहा जाता है।

लाइन 2: कई भारतीय संस्कृतियों के लिए दिवाली का त्यौहार ही नए साल की शुरुआत का प्रतीक है।

लाइन 3: दिवाली बुराई पर अच्छाई के डेट का प्रतिक है क्यूंकि इसी दिन भगवान् राम रावण को हराने के बाद 14 साल का वनवास पूरा कर अयोध्या वापस लौटे थे।

लाइन 4: इस दिन अयोध्यावासियों ने अपने श्री राम के लौटने की ख़ुशी में अपने घरों और पूरे शहर को दीयों से सजाया था लोग दीये जलाते हैं.  

लाइन 5: दिवाली पर लोग अपने घरों को साफ करते हैं,  फूलों से सजाते हैं, रंगोली बनाते हैं, दीये जलाते हैं और पूरे घर को रौशनी से भर देते हैं।

लाइन 6: पड़ोसी, दोस्त, रिश्तेदार एक-दूसरे से प्यार से मिलते हैं और उपहार एवं मिठाइयाँ लेते - देते हैं।

लाइन 7: दीवाली की रात देवी लक्ष्मी और भगवान श्री गणेश की पूजा की जाती है।

लाइन 8: दिवाली पांच दिनों का त्योहार है।

लाइन 9: दिवाली से एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाई जाती है।

हिंदी दिवाली निबंध - Diwali Essay in Hindi in 200 words

दिवाली एक हिंदू त्योहार है जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली का त्योहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को मनाया जाता है।आमतौर पर दिवाली अक्टूबर या नवंबर में आता है. इस दिन इस दिन श्री राम लंकापति रावण को हराने के बाद अपनी नगरी - अयोध्या - लौटे थे.  भगवान राम की अयोध्या वापसी राई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

दीपावली पांच दिवसीय त्यौहार है. दिवाली त्यौहार में के दौरान, घरों को साफ किया जाता है और घर के हर कोने को दीपक, फूलों और रंगीन रंगोलियों से सजाया जाता है। लोग उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और नए कपड़े पहनते हैं। दिवाली की रात यानि इस पूरे त्यौहार के मुख्या शाम को लोग धन और समृद्धि के देवी-देवता, लक्ष्मी मान और भगवान गणेश की विशेष पूजा करते है।

दिवाली 2023 

दिवाली का महत्त्व, दिवाली के पांच दिन: about all 5 days of diwali.

दिवाली पांच-दिवसीय उत्सव है। 

पहले दिन के उत्सव को धनतेरस कहा जाता है। यह दिन नई चीजें, खासकर सोना और चांदी खरीदने के लिए यह एक शुभ दिन माना जाता है। 

दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का जश्न मनाने का दिन है क्योंकि इस दिन बुरी आत्माओं को दूर रखने के लिए विशेष अनुष्ठान किये जाते हैं। 

दिवाली, यानि के तीसरे दिन, रावण को हराने के बाद भगवान राम की अपने राज्य अयोध्या में वापसी का जश्न है। इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवन गणेश की भी पूजा की जाती है। 

दिवाली का चौथा दिन गोवर्धन पूजा है। मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी उंगली पर उठाया था। 

हम दिवाली क्यों मनाते हैं?

दिवाली पर लंबा निबंध - long essay on diwali in hindi, प्रदूषण मुक्त और पर्यावरण-अनुकूल दीपावली .

दीपावली भारत में मनाए जाने वाले सबसे लोकप्रिय और शुभ त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है, यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का प्रतीक है। दिवाली हिंदू कैलेंडर में कार्तिक महीने की अमावस्या को मनाई जाती है, जो आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर में आती है।

दिवाली संस्कृत के शब्द दीपावली से बना है, जिसका अर्थ है "दीपकों की पंक्ति।" यह त्यौहार नए हिंदू वर्ष की शुरुआत का भी प्रतीक है। इस पर्व को घर के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाकर मनाया जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की और निराशा पर आशा की जीत का जश्न मनाने का समय है। 

दीपावली मानाने के पीछे कई कथन हैं. रावण को हराने के बाद भगवान राम के अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है। श्री राम को 14 साल के लिए अयोध्या से वनवास दिया गया था और उनकी वापसी को बहुत खुशी और उत्सव के साथ मनाया गया था। अयोध्या के लोगों ने उनके वापस स्वागत के लिए दीये जलाए और अपने घरों को सजाया। दिवाली मनाने का एक अन्य कारण धन और समृद्धि की हिंदू देवी लक्ष्मी का सम्मान करना है। लोग धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए दिवाली की रात लक्ष्मी पूजा करते हैं।

दिवाली पूरे भारत में बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाई जाती है। लोग इस त्योहार की तैयारी हफ्तों पहले से ही शुरू कर देते हैं। वे अपने घरों को साफ करते हैं, उन्हें रोशनी और रंगोलियों से सजाते हैं और नए कपड़े खरीदते हैं। दिवाली की रात, लोग अपने घरों और कार्यालयों के चारों ओर दीये और मोमबत्तियाँ जलाते हैं। वे धन और सौभाग्य का आशीर्वाद पाने के लिए लक्ष्मी पूजा भी करते हैं। पूजा के बाद, लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन और मिठाइयाँ बनाते हैं और उन्हें अपने प्रियजनों के साथ बाँटते हैं।

दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। लोग अपने घरों को साफ करते हैं और सजाते हैं, नए कपड़े खरीदते हैं और स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं। दिवाली की रात, लोग दीये जलाने, लक्ष्मी पूजा करने और उपहारों का आदान-प्रदान करने के लिए इकट्ठा होते हैं। दिवाली परिवारों और दोस्तों के एक साथ आने और जश्न मनाने का समय है। यह सभी गिले-शिकवे भूल कर नई शुरुआत करने का समय है। दिवाली आनंद और खुशियाँ फैलाने का भी समय है। दिवाली के अवसर पर समृद्ध घर-परिवार के लोग दान देते हैं और जरूरतमंदों की मदद करते हैं। 

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दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi(1000W)

आज हमने इस आर्टिकल में दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi लिखा है जिसमें हमने प्रस्तावना, पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व, वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व, व्यावसायिक महत्व, दार्शनिक महत्व, दिवाली से लाभ और दिवाली से हानि, Ecofriendly मनाने का तरीके, कविताएं तथा दिवाली पर 10 लाइन के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi)

प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।दिवाली का अर्थ है- दीपों की पंक्ति इस दिन घर- घर को दीपों से सजाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दिवाली कहते हैं। एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती लड़ियों से संपूर्ण वातावरण प्रकाशित हो  उठता होता है।

दीपमालाओं की प्रज्वलित सिखाओ की  घटा देखते ही बनती है, घर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग आपकी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।

बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं। दिवाली मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारंभ हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ-सफाई करवाते हैं तथा रंग लगाते हैं और अनेक प्रकार के रंग बिरंगे बल्ब के द्वारा सजाते हैं।

दीपावली का इतिहास व महत्व History and importance of Deepawali in Hindi

 दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली नाम दिया गया है। अर्थात दीपावली का अर्थ होता है दीपों की अवलि। कार्तिक माह की अमावस्या को मनाया जाने वाला यह पर्व अंधेरी रात को दिये जलाकर दीपावली मनाया जाता है। दीपावली के पीछे अलग-अलग कारण और कहानियां हैं।

1. भगवान राम कार्तिक अमावस्या को 14 वर्ष का वनवास  पूरा करके तथा असुरी कृतियों के प्रति बुराई का दमन करके अयोध्या लौटे थे तो अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत में पूरे अयोध्या को असंख्य दिये जलाकर  उन की स्वागत की थी  तथा उत्सव मनाए थे इसी कारण यह प्रमुख त्योहारों में से एक है।

2. इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने अत्याचारी नरकासुर का वध किया। इसलिए इस दिन जनता खुश हो कर के अपने घरों में घी के दीया जलाए थे।

पौराणिक एवं ऐतिहासिक महत्व Mythological and Historical significance in Hindi

दिवाली का अपना पौराणिक महत्व है। इसका संबंध पुराणों से वर्णित भारतीय समाज के पौराणिक इतिहास से है। इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामांक राक्षस का संहार क्या था, जिसके अत्याचार से संपूर्ण समाज परेशान था, उस दुष्ट राक्षस के सहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दिये जलाए थे, इस मंगलकारी घटना के स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्यौहार मनाया जाता है।

लंका विजय के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो इस दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था, और संपूर्ण भारत वर्ष में दीपक जला कर ख़ुशियाँ मनाई गई थी, कुछ लोग दीपक का प्रारंभ है इसी दिन से मानते हैं किंतु विद्वानों का मानना है कि दिवाली का त्यौहार इससे भी प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है। यह विद्वान इस पर्व का संबंध है मां काली द्वारा रक्तबीज के संघार से ही बताते हैं।

वैज्ञानिक दृष्टि से महत्व Scientific Significance in Hindi

दिवाली का पौराणिक महत्व तो है ही लेकिन इसका वैज्ञानिक दृष्टि से भी महत्व है। वर्षा ऋतु से उत्पन्न न कीड़े, मकोड़े जल, में  घास -फूस एवं गंदगी के सड़ने से उत्पन्न विषैली गैस, तथा घर मकान में व्याप्त सीलन को दूर करने में दिवाली के त्यौहार की महत्वपूर्ण भूमिका है।

लोग दिवाली का त्यौहार आने की बहुत पहले से ही उनके घरों एवं आस पास की सफाई करना प्रारंभ कर देते हैं। वे घर एवं दुकानों पर नया रंग रोगन करवाते हैं।  इससे घर कि सीतन एवं कोनों में छुपे हुए कीट मुखड़े भी नष्ट हो जाते हैं।

प्राचीन काल से दिवाली के दिन सरसों एवं घी का दीपक जलाए जाते थे। इससे वातावरण का प्रदूषण दूर होता था। और कीड़े मकोड़े इसकी दीपशिखा ऊपर जल मरते हैं।

व्यवसायिक महत्व Business Value in Hindi

दिवाली के दिन व्यवसाय लक्ष्मी की पूजा करते हैं। इस दिन से किसी व्यवसाय कार्य का आरंभ है शुभ माना जाता है। इसके पीछे भी कुछ बताने का रहे हैं, इस काल में वर्षा ऋतु पूर्णतय समाप्त हो जाती है। यात्रा और व्यावसायिक कार्य के लिए यह समय अनुकूल माना जाता है।

इस समय किसानों के घर धान की फसल काट कर आना शुरू हो जाती है, और उन्हें इसी समय अपने किसी संबंधी सामग्रियों का क्रय करना होता है। 

दीपावली का दार्शनिक महत्व Philosophical Importance in Hindi

दिवाली को प्रकाश पर्व कहा जाता है। यहां अंधेरे पर प्रकाश से तथा असत्य से सत्य पर विजय की प्रतीक है यह इस दार्शनिक तथ्य को अभिव्यक्त करता है कि, अंधेरा कितना भी खाना हो गया, ज्ञान और कर्तव्य का सामूहिक दीप अंधेरे को प्रकाश में बदल देता है।

किसी समाज के उत्थान के लिए प्रेरक इस तथ्य को वाड़ी देते हुए दीपमाला  की अनगिनत हमसे यह कहते हुए प्रतीत होती है कि, हमारी तरह जल कर देखो तुझे से भी प्रकाश की किरणें निखरने लगेगी जो समाज में छाए हुए अंधेरे को मिटा देगी।

दिवाली से लाभ Benefit from Diwali in Hindi

 दिवाली मात्र एक  त्यौहार ही नहीं अपितु इससे अनेक लाभ भी हैं, घर मोहल्लों के साथ सफाई  वातावरण की शुद्धि,  आपसि सद्भावना का विकास  तथा नए कार्य  व नए योजनाओं का आरंभ है करने की प्रेरणा के साथ-साथ दिवाली हमें अंधेरे से लड़ने की प्रेरणा भी देती है।

दिवाली से हानि Loss from Diwali in Hindi

मनुष्य एक ऐसा प्राणी है, जो अपने आंतरिक (ईर्ष्या और द्वेष से पुण) विचार एवं अज्ञानता पुण व्यवहारों के द्वारा किसी लाभप्रद रीति-रिवाजों को भी हानिकारक बना देता है।

दिवाली के दिन जुआ खेलने शराब पीने पर अनिष्ट आचरण से विनाश को आमंत्रित करने वाले लोग आज भी हैं। ऐसे लोगों के लिए दिवाली का त्यौहार लाभ के बदले हानि को आमंत्रित करता है।

देश में पटाखों के रूप में अरबों रुपए का बारूद फूंक दिया जाता हैं इससे देश की अर्थव्यवस्था को प्रभावित होती है, और वातावरण भी प्रदूषित होता है। अनेक लोग पटाखों के कारण पाली दुर्घटना से प्रदूषित हो कर अपने जीवन को नर्क बना लेते हैं।

दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार Festivals celebrated during Deepawali in Hindi

 दीपावली के दौरान मनाए जाने वाले त्योहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज

धनतेरस Dhanteras in Hindi

कार्तिक कृष्ण पक्ष त्रयोदशी के दिन दीपावली का पहला दिन होता है जिसे धनतेरस कहते हैं। धनतेरस के दिन कुछ भी खरीदना शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि उस दिन घर में लक्ष्मी का आगमन होता है। लोग उस दिन अपने जरूरत का सामान खरीदते हैं, जैसे सोना, चांदी, गाड़ी, कार, बर्तन आदि।

नरक चतुर्दशी Nakarak Chaturdashi in Hindi

कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्दशी के दिन दीपावली का दूसरा दिन होता है इसे नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली, रूप चौदस, काली चौदस के नाम से जानी जाती है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का संहार किया था इसीलिए उनके जीत के किसी के सम्मान में यह त्यौहार मनाया जाता है। अपनी मृत्यु के समय नरकासुर सत्यभामा से विनती की थी कि उनकी मृत्यु को रंगीन प्रकाशमय उत्सव के रूप में मनाया जाए।

दीपावली Deepawali in Hindi

दीपावली का यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। यहां हिंदुओं का मुख्य धार्मिक व सामाजिक पर्व है। कहा जाता है कि रामचंद्र जी 14 बरस का बनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे जिनकी खुशी में अयोध्यावासी असंख्य दीप जलाकर उनका स्वागत किया था।

गोवर्धन पूजा Govardhan Pooja in Hindi

गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गोवर्धन तथा गाय की विशेष पूजा की जाती है। जिसका अपना एक खास महत्व हैं। इस पर्व को कृष्ण भगवान की जन्मभूमि मथुरा, गोकुल, और वृंदावन में खास तौर पर मनाया जाता है।

हालांकि भारत के कई क्षेत्रों में भी ऐसे लोग बहुत ही श्रद्धा के साथ बड़ी धूमधाम से मनाते हैं। गोवर्धन पूजा कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा के दिन गौ के गोबर से गोवर्धन बनाया जाता है और उसे विशेष प्रकार के फूलों से सजा कर उसकी पूजा-अर्चना की जाती है।

कहां जाता है कि मूलाधार बारिश से बचाने के लिए भगवान श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को 7 दिनों तक अपनी एक उंगली पर उठाए रखा। इससे इंद्र क्रोधित हो उठे और मूलाधार बारिश होने लगी गोवर्धन पर्वत के नीचे सभी बृजवासी सुरक्षित थे।

सातवें दिन जब श्री कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को नीचे रखा और गोवर्धन पूजा की अभिभूत बनाकर उसकी पूजा करने को कहा तब से दीपावली के समय गोवर्धन पूजा जाने की कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन गोवर्धन पूजा की जाती है।

भाई दूज Bhai Dooj in Hindi

यह त्यौहार बहन के प्रति भाई का कर्तव्य का बोध कराता है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र और समृद्ध जीवन की कामना करते हैं। इसे भारत के विभिन्न जगहों पर भव बिच, भाई तिलक, रात्र द्वितीय, आदि कहा जाता है।

हिंदू समाज में भाई-बहन के प्रेम को सम्मान दिया जाता है। भाई दूज का यह त्यौहार दीपावली के 2 दिन बाद आता है। हिंदुओं के बाकी परंपराओं की तरह यह त्यौहार भी से जुड़ा हुआ है इस दिन बहनें अपने भाई को तिलक लगाकर, उपहार देकर उनकी लंबी उम्र की कामना करती है।

बदले में भाई अपनी बहन की रक्षा करने का वचन देता है। भाई दूज को यम द्वितीया के नाम से भी जाना जाता है। इसीलिए इस पर्व पर यम देव की पूजा भी की जाती है। मान्यता के अनुसार इस दिन जो यम देवता की पूजा अर्चना करता है उसे असमय मृत्यु का कोई भय नहीं रहता।

दीपावली मेरा प्रिय त्यौहार है मुझे इस त्यौहार का बेसब्री से इंतजार रहता है दीपावली के समय हम घरों में दीया जलाते हैं मुझे यह त्यौहार बहुत ही अच्छा लगता है।

दीपावली कैसे मनाते हैं? How to celebrate Deepawali in Hindi

  • दीपावली के दिन हम रंग बिरंगी रंगोलियां बनाते हैं।
  • उस दिन लोग नए नए कपड़े पहनते हैं।
  • दीपावली के दिन महालक्ष्मी की पूजा की जाती है।
  • उस दिन रात्रि के समय पूरे घरों को असंख्य दीपों से सजाया जाता है ।
  • लोग पटाखे फोड़ते हैं, फुलझड़ियां जलाते हैं, और दीपावली का आनंद लेते हैं परंतु हमें दिवाली में पटाखे नहीं फोड़ना चाहिए।
  • दीपावली के दिन घरों में अनेक प्रकार की मिठाइयां बनाए जाते हैं।
  • दीपावली के दिन लोग एक दूसरे को मिठाई बांटते हैं और दीपावली की शुभकामनाएं देते हैं।

प्रदूषण मुक्त दीपावली Pollution free Deepawali in Hindi

हमें हमेशा प्रदूषण मुक्त दीपावली (Ecofriendly Diwali) की मनाना चाहिए। हमें दीपावली के समय ज्यादा से ज्यादा दिया जलाकर ही दीपावली का आनंद लेना चाहिए। ना की पटाखे फोड़ कर। दीपावली के समय पटाखों के कारण कई प्रकार के हादसे होते हैं।

पटाखों के धुए से वायु भी प्रदूषित होता है तथा उसके ध्वनि से ध्वनि प्रदूषण भी होता है।  दीपावली के समय पटाखों के कारण हमारा वातावरण प्रदूषित होता है इस कारण हमें पटाखों का प्रयोग ना करके हम दीया जलाकर दीपावली मना सकते है। इको फ्रेंडली दीपावली मना कर ही हम हमारे वातावरण को सुरक्षित रख सकते है।

दिवाली पर 10 लाइन 10 lines on Diwali

  • प्रतिवर्ष कार्तिक मास के अमावस के दिन हिंदू समाज में दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है।
  • दिवाली का अर्थ है- दीपों की पंक्ति इस दिन घर- घर को दीपों से सजाया जाता है इसीलिए इस पर्व को दिवाली कहते हैं। 
  • एक साथ असंख्य दीपों की जगमगाती लड़ियों से संपूर्ण वातावरण प्रकाशित हो  उठता होता है।
  • दीपमालाओं की प्रज्वलित सिखाओ की  घटा देखते ही बनती है, घर घर में लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इस दिन लोग आपकी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे के घर जाते हैं और मिठाइयां बांटते हैं।
  • बच्चों के लिए यह दिन विशेष खुशी का होता है इस दिन रंग-बिरंगे कपड़ों को पहनकर पटाखे फोड़ते हैं और अपने दोस्तों के साथ मिठाईयां खाते हैं।
  • दिवाली मनाने की तैयारी पहले से ही प्रारंभ हो जाती है। लोग अपने घरों और दुकानों को साफ-सफाई करवाते हैं तथा रंग लगाते हैं और अनेक प्रकार के रंग बिरंगे बल्ब के द्वारा सजाते हैं।
  • दिवाली का अपना पौराणिक महत्व है। इसका संबंध पुराणों से वर्णित भारतीय समाज के पौराणिक इतिहास से है।
  • इसी दिन काली माता ने रक्तबीज नामांक राक्षस का संहार क्या था, जिसके अत्याचार से संपूर्ण समाज परेशान था, उस दृष्ट राक्षस के सहार के बाद लोगों ने अपने घर में घी के दिये जलाए थे, इस मंगलकारी घटना के स्मृति में ही प्रतिवर्ष यह त्यौहार मनाया जाता है।
  • लंका विजय के बाद जब भगवान राम अयोध्या लौटे, तो इस दिन उनका राज्याभिषेक किया गया था, और संपूर्ण भारतवर्ष में दीपक जला कर खुशियां मनाई गई थी, कुछ लोग दीपक का प्रारंभ है इसी दिन से मानते हैं किंतु विद्वानों का मानना है कि दिवाली का त्यौहार इससे भी प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है।

दीपावली पर कविता Poem on diwali in Hindi

  • गर सूख गया हो दीये का मान, मौसम है स्नेह का तेल चढ़ा लेना। हो मन में कहीं गर लोभ क्रोध का अंधेरा, मौका है प्रेम के दीये जला लेना। घर को मन को कर चुके हो साफ, पड़ोस पड़ोसियों से कचरा क्लेश भी हटा लेना। कब तक रखोगे रामायण में राम, आज दिन है मन में भगवान बसा लेना। गर सूख गया हो दीये का मन, मौसम है स्नेहा का तेल चढ़ा लेना।
  • दीपावली का त्योहार आया, साथ में खुशियों की बौछार लाया। दीपो की सजी है कतार, जगमग आ रहा है पूरा संसार। अंधकार पर प्रकाश की विजय लाया, दीपावली का त्योहार आया। सुख समृद्धि की बौछार लाया, भाईचारे का संदेश लाया। बाजारों में रौनक छाया, दीपावली का त्यौहार आया।
  • दीपों का त्योहार दिवाली आई है, खुशियों का संसार दिवाली आई है। घर आंगन सब नया सा लगता है, नया-नया परिधान सभी को फबता है। नए-नए उपहार दिवाली लाई है, खुशियों का संसार दिवाली लाई है।
  • दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे, खुशी-खुशी सब हंसते आओ आज दिवाली रे, नाचो गाओ खुशी मनाओ आज दिवाली आई, दीप जलाओ दीप जलाओ आज दिवाली रे, नए नए कपड़े पहनो खाओ खूब मिठाई,  हाथ जोड़ कर पूजा कर लो आज दिवाली आई।
  • आओ मिलकर दीप जलाएं अंधेरा धरा से दूर भगाएं। रहा न जाए अंधेरा कहि घर का कोई सुना कोना, सदा ऐसा कोई दीप जलाते रहना, हर घर आंगन में रंगोली सजाएं, आओ मिलकर दीप जलाएं।

निष्कर्ष Conclusion

किसी त्योहार को मनाते समय हमें उसमें निहित कल्याणकारी अर्थ को भी समझना चाहिए। दिवाली के त्यौहार में भी यही दृष्टिकोण अपनाना उचित होगा, तभी हम इसका वास्तविक आनंद प्राप्त कर सकते हैं।

यदि आपको  यह दिवाली पर निबंध Essay on Diwali in Hindi अच्छा लगा हो तो और भी जानकारी पाने के लिए हमारे साथ इसी तरह से जुड़े रहिए।

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – दीपावली पर निबंध हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए यहाँ देखें

दीवाली हिन्दुओं का सबसे प्रमुख त्यौहार है। आज के इस आर्टिकल में हम दीवाली के महत्व को समझते हुए छात्रों के लिए दीपावली पर निबंध लेकर आये हैं। आप यहाँ से दीवाली पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें यह जान सकेंगे। लेख में हमने कक्षा 1 से 10 तक के लिए Diwali essay in Hindi में उपलब्ध कराया है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - दीपावली पर निबंध हिंदी में Class 1 से 10 तक के लिए यहाँ देखें

यह भी देखें: दिवाली के समान ही हिन्दू धर्म में मकर संक्रांति को बहुत शुभ माना जाता है यदि आप जानना चाहते है कि यह त्यौहार क्यों मनाया जाता है, महत्व एवं आसान शब्दों में निबंध लिखने के लिए यहाँ क्लिक करें।

Table of Contents

दिवाली पर निबंध / deepawali in hindi

प्रस्तावना – दीवाली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह त्यौहार प्रत्येक वर्ष बड़ी धूमधाम से भारत के अलग-अलग क्षेत्रों में मनाया जाता है। दीपावली भारत देश के सभी नागरिकों द्वारा बड़ी धूम धाम से मनाया जाने वाला खुशियों भरा त्यौहार है, दीपावली पर हर घर में भगवान गणेश और लक्ष्मी माता जी की पूजा होती है।

भारत के निवासी दीवाली के त्यौहार को अन्य देश में रहते हुए भी बड़े धूमधाम से मनाते है। दिवाली को 2 दिन तक छोटी दीवाली बड़ी दीवाली के रूप में मनाया जाता है।

दिवाली का अर्थ –

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दीपावली का अर्थ दो शब्दों से मिलकर बनी है दीप + आवली जहाँ दीप का अर्थ होता है दीपक और आवली का अर्थ होता है श्रृंखला या रेखा/पंक्ति। दीपावली शब्द संस्कृत भाषा से लिए गए शब्द है।

दिवाली त्यौहार की विशेषता

दिवाली मुख्यतः हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा जाती है। यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है। यह पर्व भारत देश सभी नागरिकों के द्वारा धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

प्रत्येक वर्ष यह त्यौहार कार्तिक मास को अक्तूबर या नवंबर में मनाया जाता है। दीपावली दीपों का त्यौहार है इस दिन भारत देश में विभिन्न प्रकार की लड़ियों और दीयों, मोमबतियों से घर को सजाया जाता है ।

दिवाली क्यों मनाई जाती है

भारत में सबसे बड़ा त्यौहार दिवाली का त्यौहार है। पौराणिक कथाओं के अनुसार दिवाली के त्यौहार को मनाये जाने के पीछे यह तर्क है की जब भगवान श्री राम 14 वर्ष के वनवास को काटकर और रावण का वध करके अपनी जन्मभूमि अयोध्या की तरफ लौटे थे तो उनके अयोध्या लौटने की ख़ुशी में अयोध्या वासियों द्वारा इस दिन घी के दिए जलाये गए थे। उसी दिन से ही दिवाली का यह पवन त्यौहार प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।

दिवाली में विभिन्न प्रकार के उपहारों और मिठाइयों को अपने रिश्तेदारों और पड़ोसियों को दिया जाता है और पटाखे जलाये जाते हैं। दिवाली के त्यौहार में भारत में हर घर में रौशनी फैली होती है।

दिवाली सभी लोगों का एक महत्वपूर्ण त्यौहार है सभी लोगों के द्वारा इस त्यौहार को ख़ुशी के रूप में उत्साहित होकर मनाया जाता है।

दीपावली कब मनाई जाती है

दीपावली दशहरे के 21 दिन बाद अक्तूबर से नवम्बर माह के बीच में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। इस त्यौहार को धूमधाम से कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी से कार्तिक शुक्ल द्वितीय अर्थात् पाँच दिनों मनाया जाता है।

दिवाली में हिन्दू देवी देवता जिनकी पूजा की जाती है

दिवाली के शुभ अवसर पर भगवान श्री गणेश और माता लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है। यह पूजा धन की प्राप्ति और स्वस्थ जीवन की प्राप्ति के लिए की जाती है।

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लक्ष्मी जी घर में स्वागत के लिए उस दिन हर घर में रंगोली बनाई जाती है। इस दिन लक्ष्मी जी और भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना की जाती है।

दिवाली मनाने की तैयारियाँ

इस त्यौहार को बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली के कई दिन पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने के काम में लग जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि जिस घर में साफ सफाई होती है, उसी घर में दिवाली के दिन माँ लक्ष्मी अपनी कृपा बनाये रखती है तथा अपना आशीर्वाद प्रदान करती है।

दीवाली के दिन सभी खुशियां मानते हैं। व्यापारी और दुकानदार अपनी-अपनी दुकानों को सजाते हैं और साफ़ सफाई पर विशेष ध्यान देते हैं। दीपावली के दिन बाजारों में खूब भीड़ होती है क्योंकि लोग खरीददारी करने बाजार जाते हैं और ढेर सारी मिठाइयां पटाखे खरीदते हैं और गणेश जी, लक्ष्मी जी, आदि की तस्वीरें खरीद कर घर में लगाई जाती है मंदिर को सजाया जाता है।

बाजारों में खूब रौनक देखने को मिलती है। दिवाली के इस अवसर पर सभी लोग नए कपड़े, बर्तन, मिठाइयां आदि खरीदते हैं और इक दूसरे को बधाइयाँ देते हैं। रात्रि के समय लक्ष्मी, गणेश के पूजा के बाद पटाखे जलाये जाते हैं । भारत की कुछ-कुछ जगहों पर दीवाली को नया साल की शुरुआत के रूप में माना जाता है।

दिवाली के साथ मनाये जाने वाले त्यौहार

  • दिवाली से पहले दिन- दीपावली का त्यौहार कुल मिलाकर 5 दिनों तक चलता है। दिवाली से एक दिन पहले धनतेरस होता है। इस दिन लोग अपने घर कुछ ना कुछ बर्तन लेकर जरूर आते हैं और कुछ लोग इस दिन सोना- चांदी के आभूषण भी खरीदते है। मान्यता है की धनतेरस के दिन खरीददारी करने से घर में बरकत आती है।
  • दूसरा दिन -दीपावली के दूसरा दिन को नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था। लोगों द्वारा इस दिन को छोटी दिवाली के रूप में भी मनाया जाता है। घर के बाहर दीपक जलाये जाते हैं।
  • तीसरा दिन -यह दीपावली त्यौहार का मुख्य दिन होता है। माँ लक्ष्मी जी की पूजा इस दिन की जाती है, मां सरस्वती और भगवान श्री गणेश की पूजा भी की जाती है। इस दिन घरों के आंगन में रंगोली बनाई जाती है और विभिन्न प्रकार की मिठाइयां रसोई में बनाई जाती है।
  • चौथा दिन -दीपावली के चौथे दिन को गोवर्धन पूजा की जाती है, मान्यता अनुसार इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्र के क्रोध के फलस्वरूप हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी एक छोटी अंगुली पर उठा लिया था। इस दिन महिलाएं घर के बाहर गोबर की पूजा करती है।
  • पांचवा दिन- इस दिन दीपावली के त्यौहार के अंतिम दिन को भाई दूज त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।   बहन अपने भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बाँधती हैं और तिलक लगाकर उन्हें मिठाई खिलाती है और सभी भाई अपनी बहन को उसकी रक्षा करने का वचन और उपहार देते है।

दीपावली का महत्त्व

दीपावली एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जो सभी वर्गों के लोगों के लिए उत्साहवर्धक त्यौहार है यह मुख्यता हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्यौहार माना जाता है। धर्म का अधर्म पर विजय का सूचक यह त्यौहार सभी की आस्था से जुड़ा हुआ है। इस त्यौहार के मानव जीवन में बहुत महत्व हैं। –

दिवाली का सामाजिक महत्व

इस दीपावली के त्यौहार को सभी धर्मों के लोगों के द्वारा मिल-जुलकर मनाया जाता है। इस दिन लोग अपने घर के मंदिरों में पूजा पाठ किया करते हैं। एक दूसरे से मिलने उनके घर जाते है बधाइयाँ देते हैं जिससे सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा मिलता है।

वर्तमान समय में इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में जब किसी के पास किसी अन्य व्यक्ति के लिए समय नहीं है तो यही त्यौहार हैं जिसमें आपको मौका मिल पता है एक दूसरे के साथ मिलने का जिससे लोगों में सद्भावना आती है।

लोगों को एक- दूसरे के त्योहारों की विशेषता का पता लगता है। अलग-अलग धर्मों के लोग एक दूसरे के त्योहारों में रुचि दिखते हैं और त्योहारों को एक साथ मानते हैं। इस तरह त्यौहारों का अपना एक सामाजिक महत्व होता है जो सामाजिक सद्भावना बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाहन करता है।

दीपावली का आध्यात्मिक महत्व

इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है, जब कभी भी दिवाली का त्यौहार आता है तो सभी लोगों में एक उमंग और उत्साह का सञ्चालन होता है।

दीपावली के त्यौहार को सभी वर्ग के लोगों जैसे- हिंदू, सिख ,जैन, आदि धर्मों को मानने वाले लोग भी बड़ी धूमधाम से मनाते है। इन सभी धर्मों में दीपावली के दिन ही ऐसी कोई ना कोई ऐसी घटना घटित हुई है, जिसमें बुराई पर अच्छाई की विजय हुई है।

दीपावली का त्यौहार पूजा पाठ और बुराई पर अच्छाई की जीत से जुड़ा हुआ है। इसलिए लोग इस पर्व पर अध्यात्म की ओर अग्रसर होते हैं और इससे अच्छे विचारों का उत्थान होता है।

दिवाली का आर्थिक महत्व

दीपावली के त्यौहार में भारत के हर बाजार में खरीदारी की जाती है। सभी लोग बाजार जाते हैं और अपने लिए नए कपडे मिठाइयां सामान पटाखे खरीदते हैं।

इस त्योहार में नए सामान को खरीदना शुभ माना जाता है, क्योंकि माँ लक्ष्मी को धन-समृद्धि की देवी के रूप में माना जाता है। दीवाली के समय सोने और चांदी की खूब खरीददारी होती है। साथ ही साथ नए वस्त्र ,मिठाई, और पटाखों की खूब बिक्री भी होती है।

इस दौरान हर जगह खूब चहल पहल देखने को मिलती है आसमान में खूब रोशनी प्रकाशमान रहती है। लोग पटाखों पर खूब खर्चा करते हैं।

दिवाली का त्यौहार की विशेषता

अंधकार पर प्रकाश की विजय, बुराई पर अच्छी की विजय का यह पर्व समाज में नयी उमंग, उत्साह का संचार करता है। आपसी भाई-चारा और प्रेम के सन्देश का सूचक यह त्यौहार अपने आप में बहुत ज्यादा महत्व रखता है।

यह त्यौहार सामूहिक रूप तथा व्यक्तिगत रूप दोनों ही प्रकार से मनाया जाने वाला त्यौहार है जो धार्मिक और सामाजिक विशेषता रखता है।

अलग-अलग राज्य, क्षेत्र में दीपावली मनाने के कारण एवं तरीके अलग-अलग हैं। भारत के सभी जगह यह त्यौहार अपनी अलग-अलग विशेषता को संजोये हुए है।

सभी लोगों में दीपावली के त्यौहार को लेकर बड़ी उत्सुकता होती है। लोग अपने घरों, दफ्तरों की साफ सफाई करना कुछ दिन पूर्व से ही शुरू कर देते हैं। मिठाइयों और उपहार को एक दूसरे को भेंट करते हैं, एक दूसरे के घर जाते है। हर घर के आंगन में सुन्दर रंगोली बनाते है, तरह-तरह के दीपक जलाए जाते हैं और आतिशबाजी का आनंद उठाते है।

बड़े-छोटे सभी आयु वर्ग के लोग इस त्योहार में बढ़ चढ़ कर भाग लेते हैं। अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक यह पवन त्यौहार समाज के हर वर्ग के लिए उत्साह सम्पनता को लेकर आता है। दिवाली का यह पर्व समाज में उल्लास, भाई-चारे व प्रेम का संदेश फैलाता है।

Diwali par Nibandh (निष्कर्ष)

प्रातः उठकर नहाने के बाद सरे काम निपटने के बाद सभी लोग शाम के समय अपने घरों के सामने और प्रवेश द्वार में दीपक जलाते है। इस दिन सभी घरों में धन की देवी माता लक्ष्मी और श्री गणेश जी की पूजा-अर्चना की जाती है।

ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी उसी के घर में प्रवेश करती हैं जिसके घरों में साफ़ सफाई, रौशनी और सजावट होती है। माता लक्ष्मी के स्वागत के लिए हर घर के आंगन में दीपक प्रज्वलित किये जाते हैं।

इस त्यौहार को भारत में रौशनी का त्यौहार कहा जाता है। इस तरह दिवाली का मानव के जीवन एक खास महत्व है।

दिवाली पर निबंध 10 पंक्तियों में

  • दिवाली को दीपों एवं प्रकाश का त्यौहार कहा जाता है।
  • दीपावली सनातनियों का सबसे बड़ा एवं महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक है।
  • दिवाली भारत के अलावा सिंगापुर, मलेशिया, नेपाल, त्रिनिनाद, मॉरिशस जैसे देशों में भी मनाई जाती है।
  • दिवाली के दिन हिन्दू अपने घरों में माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
  • दिवाली हर वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या के दिन मनाई जाती है।
  • यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है।
  • मान्यताओं और शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान श्री राम, लंकापति रावण पर विजय प्राप्त करके, चौदह वर्ष के वनवास को पूर्ण करके अयोध्या लौटे थे।
  • इस दिन सभी हिन्दू मिट्टी के दिये जलाते है है।
  • दिवाली के दिन लोग मिठाइयाँ बांटते हैं और पटाखे जला कर खुशियां मनाते हैं।
  • दिवाली के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित होता है।

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) FAQs –

दीपावली कब मनाई जाती है.

दिवाली प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाई जाती है। जो की अक्तूबर और नवम्बर के दौरान पड़ती है।

दिवाली 2024 में कब है ?

इस बार दीवाली 31 अक्टूबर को है ।

Diwali kab manai jaayegi

इस वर्ष दिवाली 31st October को मनाई जाएगी।

दीपावली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है ?

दीपावली के ही दिन भगवन राम चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके लौटे थे, इस लिए दिवाली मनाई जाती है।

दिवाली पर निबंध कैसे लिखें ?

यदि आप दिवाली पर निबंध लिखना चाहते हैं तो इसके लिए आपको दिवाली क्यों, कब ,कैसे मनाई जाती है और इसका क्या महत्व है इनके बारे में जानकारी होनी चाहिए।

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essay on diwali in hindi 400 words

“दिवाली प्रकाश का पर्व है तथा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस त्योहार में विविध परंपराएं, धार्मिक महत्व के साथ-साथ कुछ पर्यावरण संबंधी चिंताएं भी शामिल हैं। आज के इस डिजिटल युग में, यह त्योहार प्रेम और करुणा के मूल्यों की याद दिलाते हुए वैश्विक एकता को बढ़ावा देता है”

दिवाली को दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में भारतीय समुदायों द्वारा सबसे अधिक मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। संस्कृत शब्द “दीपावली” से उत्पन्न इसका शाब्दिक अर्थ है “रोशनी की पंक्तियाँ”, दिवाली रोशनी का त्योहार है, जो अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। यह आम तौर पर पांच दिनों तक चलता है और इसमें मोमबत्तियों, लाइट्स इत्यादि के द्वारा घर को सजाया जाया है । यह त्योहार अत्यधिक महत्व रखता है और त्योहार की अवधि में विभिन्न संस्कृतियों और धर्मों के बीच खुशी, आध्यात्मिकता और एकता का प्रवाह होता है।

सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व (The Cultural and Religious Significance)

दिवाली मुख्यता हिंदू, जैन, सिख और बौद्ध धर्म के अनुयायियों द्वारा मनाई जाती है, प्रत्येक समुदाय इस त्योहार को बहुत महत्व देता है। दीपावली का सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व अलग-अलग है, लेकिन सामान्य तौर पर पर्व अंधेरे पर प्रकाश की जीत, परिवार और समुदाय के महत्व और जीवन तथा आत्मा की जागृति को दर्शाता है

निबंध का उद्देश्य (The Purpose of the Essay)

इस निबंध का उद्देश्य दिवाली के विभिन्न पहलुओं जिनमे दीपावली के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व, धार्मिक संदर्भों, परंपराओं और रीति-रिवाजों और दिवाली द्वारा दिए जाने वाले व्यापक संदेश पर प्रकाश डालना है।

essay on diwali in hindi for class 10th

हिंदू धर्म में दिवाली ( diwali in hinduism).

हिंदू धर्म में दिवाली का विशेष महत्व है और इसे विभिन्न कारणों से मनाया जाता है:

भगवान राम की वापसी

दीपावली को भगवान राम के 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। यह अधर्म पर धर्म की विजय का प्रतीक है।

देवी लक्ष्मी की पूजा

मान्यता ​​है कि दिवाली के दौरान, धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी साफ और अच्छी रोशनी वाले घरों में आती हैं । परिवार उनसे धन और वैभव का आशीर्वाद मांगने के लिए प्रार्थना करते हैं

नरकासुर की कहानी

कुछ क्षेत्रों में, दिवाली राक्षस नरकासुर पर भगवान कृष्ण की जीत की याद में मनाई जाती है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है

जैन धर्म में दिवाली (Diwali in Jainism)

जैन धर्म के अनुयायियों के लिए दिवाली एक विशिष्ट आध्यात्मिक महत्व रखती है, दीपावली भगवान महावीर के निर्वाण प्राप्ति का प्रतीक है, जो जन्म और मृत्यु के चक्र से अंतिम मुक्ति है। जैन लोग इस दिन को मंदिरों में जाकर तथा आत्मज्ञान के मार्ग को इंगित करने के लिए दीपक जलाकर मनाते हैं।

सिख धर्म में दिवाली (Diwali in Sikhism)

सिख धर्म में दिवाली गुरु हरगोबिंद जी से संबंधित घटनाओं के सम्मान में मनाई जाती है, सिख उस दिन को याद करते हैं जब छठे सिख गुरु गुरु हरगोबिंद जी को मुगल सम्राट द्वारा कारावास से रिहा किया गया था। इस घटना को बन्दी छोड़ दिवस के रूप में भी स्मरण किया जाता है। यह घटना धार्मिक स्वतंत्रता के लिए संघर्ष और जीत का प्रतीक है।

बौद्ध धर्म में दिवाली (Diwali in Buddhism)

बौद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए अनुसार, जब गौतम बुद्ध कपिलवस्तु वापस आए तो वहाँ के निवासियों ने दीप जलाकर उनका स्वागत किया,उसी समय बुद्ध ने “अप्पो दीपो भवः” का उपदेश दिया था, आज भी बौद्ध धर्म के अनुयायी दीपावली के दिन स्तूपों पर दीपक प्रज्ज्वलित करके भगवान बुद्ध का स्मरण करते हैं

विभिन्न संस्कृतियों और क्षेत्रों में दिवाली (Diwali in Different Cultures and Regions)

दिवाली विभिन्न संस्कृतियों और क्षेत्रों में विविध तरीकों से मनाई जाती है। प्रत्येक समुदाय के दीपावली को मनाने की अपनी अलग परंपरा तथा रीति-रिवाज होते है:

उत्तरी भारत

उत्तरी भारत में दिवाली को भगवान राम की घर वापसी के रूप में मनाया जाता है। लोग मिट्टी के दीये जलाते हैं, पटाखे फोड़ते हैं और मिठाइयाँ और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।

दक्षिणी भारत

दक्षिण भारत में दिवाली को देवी लक्ष्मी की पूजा, मिठाइयों के आदान-प्रदान तथा घरों के प्रवेश द्वार पर सुंदर रंगोली बनाकर मनाया जाता है।

पूर्वी भारत

पूर्वी भारत में दिवाली देवी काली की पूजा के साथ मनाई जाती है। लोग मंदिरों में दीपक जलाते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं।

पश्चिमी भारत

पश्चिमी भारत में दिवाली व्यवसायों के लिए नए साल की शुरुआत का प्रतीक है। समृद्धि के लिए देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद पाने के लिए लोग “चोपड़ा पूजन” की पारंपरिक प्रथा निभाते हैं।

दिवाली से जुड़ी परंपराएं और रीति-रिवाज (Traditions and Customs Associated with Diwali)

घरों की साफ़-सफाई और सजावट

दिवाली से पहले, घरों को अच्छी तरह से साफ किया जाता है और घरों की सजावट की जाती है। घरों को तरह तरह से सजाया जाता है। रंगोली, फूलों की माला और तोरण का उपयोग उत्सव के माहौल में चार चांद लगा देता है।

यह प्रथा नकारात्मकता को दूर करने और सकारात्मकता तथा धन और समृद्धि लाने वाली देवी लक्ष्मी के स्वागत का प्रतीक है।

रंगोली और प्रकाश व्यवस्था

रंगीन पाउडर का उपयोग करके घरों के प्रवेश द्वार पर एक से बढ़कर एक डिज़ाइन वाली रंगोली का निर्माण किया जाता है तथा तेल के दीपक और मोमबत्तियाँ जलाई जाती है। रंगोली रंगीन पाउडर, चावल या फूलों की पंखुड़ियों का उपयोग करके बनाई जाती हैं और मेहमानों के स्वागत और अच्छे भाग्य का प्रतीक होती हैं। तेल के दीपक और मोमबत्तियाँ जलाना अंधेरे पर प्रकाश की विजय का प्रतीक है। 

पारंपरिक कपड़े और भोजन

लोग नए कपड़े पहनते हैं और परिवार और दोस्तों के साथ सेवन करने के लिए स्वादिष्ट भोजन और मिठाइयाँ तैयार करते हैं। नए कपड़े खरीदना और पहनना एक नई शुरुआत और पुरानी आदतों और नकारात्मकताओं को त्यागने का प्रतीक है। 

मंदिरों के दर्शन करना और आशीर्वाद मांगना

लोग दिवाली के दौरान भगवान से आशीर्वाद लेने के लिए मंदिरों में जाते हैं। इस दौरान मंदिरों को सजाया और रोशन किया जाता है, भक्त प्रार्थना करते हैं, दीपक जलाते हैं और धार्मिक समारोहों में भाग लेते हैं और आने वाले वर्ष में समृद्धि और खुशहाली का आशीर्वाद मांगते हैं।

आतिशबाज़ी और पटाखे

आतिशबाज़ी और पटाखे दिवाली उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं, जो बुराई पर अच्छाई की जीत और प्रकाश के द्वारा अंधेरे को दूर करने का प्रतीक है।

यह त्योहार एकजुटता और पारिवारिक संबंधों के महत्व पर जोर देता है । दीपावली एक ऐसा समय है जब परिवार के लोग एक साथ इकट्ठा होते है, तथा मिलकर त्योहार मनाते है तथा आसपड़ोस एवं सगे संबंधियों तथा दोस्तों को उपहार और मिठाइयों का आदान-प्रदान करते है, यह दिवाली की एक आम परंपरा है। यह एक दूसरे के प्रति स्नेह, प्यार और शुभकामनाएं व्यक्त करने का एक तरीका है

दिवाली का आध्यात्मिक और प्रतीकात्मक अर्थ (Spiritual and symbolic meaning of Diwali)

1. दिवाली व्यक्तियों को अज्ञानता और नकारात्मक गुणों को दूर करने के लिए प्रोत्साहित करती है।

2. दिवाली प्रकाश, प्रेम और अच्छाई का एक सार्वभौमिक संदेश देती है जो किसी भी सीमा से परे होता है।

दिवाली पर पर्यावरण संबंधी चिंताएँ (Environmental Concerns on Diwali)

वायु गुणवत्ता पर पटाखों का प्रभाव (The Impact of Firecrackers on Air Quality)

 दिवाली के दौरान पटाखों का व्यापक उपयोग किया जाता है,  ये आतिशबाजी हवा में काफी हानिकारक रसायन प्रदूषक छोड़ती है, जो हवा की गुणवत्ता को काफी हद तक खराब कर सकती है । पटाखों के कारण वायु प्रदूषण में वृद्धि से खासकर श्वसन संबंधी समस्याओं वाले व्यक्तियों को स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं

पर्यावरण-अनुकूल दिवाली समारोह (Eco-Friendly Diwali Celebrations)

प्रदूषण मुक्त त्योहार मनाने के लिए, Eco-Friendly विकल्पों की खोज लगातार जारी है, बहुत से व्यक्ति कम प्रदूषक आतिशबाजी का विकल्प चुनने लगे हैं, या कुछ मामलों में, पटाखों को पूरी तरह से त्यागने का विकल्प भी चुनने लगे हैं। प्रदूषण के बारे में जागरूकता बढ़ाना भी एक अनिवार्य कदम है। पर्यावरण-अनुकूल दिवाली समारोह के लिए अन्य विकल्पों में एलईडी रोशनी का उपयोग करना, बायोडिग्रेडेबल सामग्रियों से सजावट करना और पारंपरिक दीयों का उपयोग करना शामिल है

डिजिटल युग में दिवाली (Diwali in the Digital Age)

 डिजिटल युग में, दिवाली ने भी डिजिटल दुनिया को पूरी तरह से अपना लिया है। लोग अब त्योहार मनाने के लिए साधारण एवं वीडियो कॉल के माध्यम से परिवार और दोस्तों के साथ जुड़ते हैं, दीपावली की शुभकामनाएं साझा करते हैं और यहां तक ​​कि ऑनलाइन पूजा एवं प्रार्थना समारोह में भी भाग लेते हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म दिवाली से संबंधित पोस्ट, संदेशों आदि से पूरी तरह जगमग रहते है । यह दिवाली की खुशियों को भौगोलिक सीमाओं से परे फैलाने का एक तरीका बन गया है।

दुनिया भर में दिवाली (Diwali Around the World)

दिवाली केवल भारत तक ही सीमित नहीं है बल्कि दुनिया भर में भारतीय समुदायों द्वारा मनाई जाती है। संयुक्त राज्य अमेरिका, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा सहित विभिन्न देशों में, दीपावली कार्यक्रम और उत्सव बहुसांस्कृतिक समारोहों का एक अभिन्न अंग बन गए है 

essay on diwali in hindi 10 lines (दीपावली का निबंध 10 वाक्यों में)

दिवाली का संदेश (The Message of Diwali)

दीपावली अंधेरे पर प्रकाश की विजय, हमारे जीवन में अज्ञानता, नकारात्मकता और बुराई को दूर करने के महत्व का प्रतीक है। दिवाली व्यक्तियों को दुनिया में प्रकाश की किरण बनने, सकारात्मकता, आशा, सच्चाई जैसे मूल्यों को फैलाने का आह्वान करती है, दिवाली का संदेश धार्मिक सीमाओं से परे है। यह अंतरधार्मिक संवाद, एकता और साझा मूल्यों के उत्सव को प्रोत्साहित करता है। विभिन्न चुनौतियों का सामना कर रहे विश्व में, दिवाली का संदेश सांस्कृतिक या धार्मिक पृष्ठभूमि की परवाह किए बिना हमारे जीवन में अच्छाई, प्रकाश और एकता की आवश्यकता की एक सार्वभौमिक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है। आइये हम यह सुनिश्चित करते हुए कि इस तेज़ी से बदलते समय में भी इस त्योहार की मूल भावना जीवंत बनी रहे, त्योहार को जागरूकता और जिम्मेदारी के साथ मनाएं ।

दीपावली के बारे में क्या लिखें?

दिवाली, जिसे रोशनी के पर्व के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रमुख त्योहार है जिसे बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह अंधकार पर प्रकाश और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। दिवाली के दौरान, लोग दीपक जलाते हैं, अपने घरों को सजाते हैं, उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं और पारंपरिक भोजन का आनंद लेते हैं।

सरल शब्दों में दीपावली की विश कैसे करें?

आप किसी को सरल शब्दों में दिवाली की शुभकामनाएं दे सकते हैं, जैसे-आपको दिवाली की शुभकामनाएं या यह दिवाली आपके लिए समृद्धि, शांति और आनंद लेकर आए

दीपावली का प्राचीन नाम क्या है?

दिवाली का प्राचीन नाम दीपावली है। दीपावली संस्कृत के शब्द दीप से बना है, जिसका अर्थ है दीपक या रोशनी, और अवली जिसका अर्थ है पंक्ति तो दीपावली का अर्थ मूलतः है- दीपकों की पंक्ति या रोशनी का त्योहार

दीपावली का क्या महत्व है?

दीवाली बुराई पर अच्छाई एवं अंधकार पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है

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essay on diwali in hindi | दीपावली पर निबंध 1000 शब्दों में | दिवाली

  • by Sachin Vats

दिवाली पर निबंध – 10 lines long and short Essay on Diwali 2024 in Hindi (150, 200, 250 , 400, 500 शब्दों में)

essay on diwali holidays in hindi

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) – दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहर है। जिसे बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। बुराई पर अच्छाई की विजय के प्रतीक है। छात्रों को इस त्योहार और इसकी खूबियों से परिचित कराने के लिए छोटी कक्षाओं से   दिवाली निबंध पर प्रश्न हिंदी भाषा में  पूछा जाता है। इस से उन युवा शिक्षार्थियों को फायदा मिलेगा जो  दिवाली पर निबंध लिखना चाहते हैं।

बच्चों के पास एक निबंध लिखने के लिए बहुत अच्छा समय होता है क्योंकि उन्हें त्योहार के बारे में अपने आनंदमय अनुभव साझा करने का अवसर मिलता है। युवा आमतौर पर इस त्योहार को पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और आनंदमय क्षण लेकर आता है।

वे अपने परिवार , दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ बधाई और उपहार साझा करते हैं। दिवाली त्योहार पर हिन्दी में एक निबंध बच्चों को अपने विचार व्यक्त करने और शुभ त्योहार के सार के बारे में अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करता है।

2024 में दिवाली कब है?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली हर साल कार्तिक महीने के 15वें दिन अमावस्या को मनाई जाती है। दीपावली पूजा में, इस दिन देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा की जाती है।

इस साल दिवाली 31 अक्टूबर को पूरे देश में मनाई जाएगी। लक्ष्मी पूजा मुहूर्त – अपडेट किया जाएगा

अमावस्या तिथि 31 अक्टूबर 2024 को दोपहर 03:55 बजे से शुरू हो रही है।

अमावस्या तिथि 1 नवंबर, 2024 को शाम 06:15 बजे समाप्त होगी।

दीपावली पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Essay on Diwali 10 Lines in Hindi)

  • दिवाली या दीपावली एक भारतीय धार्मिक त्योहार है
  • यह बुराई पर अच्छाई की जीत है
  • दुनिया भर में लोग अलग-अलग कारणों और अवसरों के लिए दिवाली मनाते हैं
  • दीया, मोमबत्तियां जलाना और पटाखे फोड़ना दिवाली समारोह का एक हिस्सा है
  • दिवाली या दीपावली न केवल हिंदू समुदाय में बल्कि अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाई जाती है
  • दिवाली आमतौर पर पांच दिवसीय त्योहार है और इस समय के दौरान भारत में हर साल सोने और नए कपड़ों की बिक्री आसमान छूती है।
  • हिंदू पंचांग के अनुसार दिवाली कार्तिक मास के 15वें दिन मनाई जाती है
  • अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर के महीने में मनाया जाता है
  • आमतौर पर स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों में दीपावली उत्सव के एक भाग के रूप में 3 से 4 दिनों की छुट्टियों की घोषणा की जाती है
  • देश भर के परिवार और दोस्त इस अवसर पर एक साथ आते हैं और दिवाली मानते है ।
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दीपावली पर निबंध 150 शब्द (Short Essay on Diwali in Hindi)

Essay on Diwali in Hindi – रोशनी का त्योहार दिवाली काफी समय से चल रहा है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान राम इस दिन राक्षस राजा रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे। अपने राजा के आगमन पर, अयोध्या के निवासियों ने इस अवसर को मनाने के लिए सड़कों और घरों को तेल के दीयों से रोशन किया। तब से, हिंदू इस त्योहार को धूमधाम से मनाकर परंपरा का पालन कर रहे हैं। यह बच्चों के लिए पसंदीदा त्योहार है क्योंकि उन्हें अपनी पसंदीदा मिठाई खाने और नए कपड़े पहनने को मिलता है।

यह त्योहार हमें सिखाता है कि अच्छाई की हमेशा बुराई पर जीत होती है और हमें प्रकाश से अंधकार को मिटाना चाहिए। हर भारतीय घर में दिवाली के दौरान उत्सव का माहौल देखा जा सकता है। हर कोई घरों की सफाई करने, मिठाइयां बनाने या दीया जलाने में लगा हुआ है।

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दीपावली पर निबंध 200 शब्द (Essay on Diwali 200 words in Hindi)

Essay on Diwali in Hindi – भारत त्योहारों और मेलों का देश है। दिवाली या दीपावली भारत के सबसे महत्वपूर्ण और रंगीन त्योहारों में से एक है। इसे रोशनी का त्योहार कहा जाता है। दीवाली 14 साल के वनवास में रहने के बाद भगवान राम, सीता और लक्ष्मण की अयोध्या वापसी आने का जश्न मनाती है। अयोध्या के लोग बड़ी संख्या में उनका स्वागत करने के लिए खुशी से झूम उठे। यह पर्व भगवान राम के समय से ही मनाया जाता रहा है। लोग अपने घरों, दुकानों और अन्य इमारतों की सफेदी और पेंटिंग करके महान त्योहार की तैयारी करते हैं।

दिवाली के दिन घरों, दुकानों और अन्य इमारतों को मोमबत्ती, दीयों और छोटे बल्बों से सजाया जाता है। हम चारों तरफ रोशनी देख सकते हैं। दिवाली के दिन, लोग अच्छे कपड़े पहनते हैं, वे खुश दिखते हैं और उत्सव के मूड में होते हैं। और वे अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ बधाई का आदान-प्रदान करते हैं। वे मिठाइयों का आदान-प्रदान भी करते हैं।

दीपावली की रात को, धन की देवी भगवान गणेश और लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पटाखों और फुलझड़ियों से खेल रहे लोग। धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए प्रार्थना। यह त्यौहार पूरे भारत में मनाया जाता है। सभी लोग, चाहे वे किसी भी जाति या रचना के हों, उत्सव में शामिल होते हैं।

दीपावली पर निबंध 250 – 300 शब्द (Essay on Diwali 250 – 300 words in Hindi)

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali ) – त्यौहार मानव जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पहलू हैं। वे भाईचारे, को साझा करने और मनुष्यों की सामाजिक प्रकृति का जश्न मनाते हैं। ऐसा ही एक त्योहार है दिवाली। यह हिंदुओं द्वारा राक्षस राजा रावण के साथ एक भयंकर और खूनी लड़ाई के बाद अयोध्या के राजा राम के आगमन की खुशी मे मनाया जाता है। यह अंधेरे के खिलाफ प्रकाश की जीत के मूल विषय का जश्न मनाता है। हमारे मानव मन सामाजिक और व्यवहारिक पैटर्न के लोकाचार से सुसज्जित हैं जो हमारे आसपास के लोगों के साथ जटिल संबंध बनाते हैं।

त्यौहार अपने पड़ोसियों को जानने और उनके साथ जश्न मनाने का सही तरीका है। दिवाली हमें हर किसी के प्रति दयालु होना सिखाती है और अच्छे परिणाम आने की प्रतीक्षा करने के लिए धैर्यवान दिल और दिमाग रखती है। हमारे विश्वास हमारे मन को आकार देते हैं; इसलिए हमें कभी भी त्योहारों में विश्वास नहीं खोना चाहिए। दिवाली लंबे समय से पटाखे फोड़ने से जुड़ी हुई है, लेकिन क्या यह जरूरी है? बिलकूल नही! दिवाली अभी भी आश्चर्यजनक रूप से मनाई जा सकती है यदि हम सभी घर पर रहें और अपने दोस्तों और परिवार के साथ हार्दिक डिनर का आनंद लें। पटाखों को जलाने से वातावरण में हानिकारक गैसें निकलती हैं जो अंततः वायु प्रदूषण का कारण बनती हैं।

पटाखों से हमारे आसपास रहने वाले जानवरों को नुकसान होता है। हमें दूसरों की सुरक्षा से समझौता किए बिना जिम्मेदारी से त्योहार मनाना चाहिए। दिवाली के दौरान, घर ताजा पके हुए भोजन से उठने वाली स्वादिष्ट सुगंध की महक से भर जाते हैं। त्योहार के दौरान स्वादिष्ट व्यंजनों को पकाया और खाया जाता है। हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि त्योहार हमारे बीच भाईचारे की महत्वपूर्ण भावना को बढ़ावा देने के लिए बनाए गए हैं न कि उत्सव के नाम पर हमारे परिवेश को नष्ट करने के लिए।

दिवाली पर निबंध 400 – 500 शब्द (Long Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali ) – सबसे पहले यह समझ लें कि भारत त्योहारों का देश है। दिवाली निश्चित रूप से भारत के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है। यह शायद दुनिया का सबसे चमकीला त्योहार है। विभिन्न धर्मों के लोग Diwali मनाते हैं। सबसे उल्लेखनीय, त्योहार अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है। इसका अर्थ बुराई पर अच्छाई की जीत और अज्ञान पर ज्ञान की जीत भी है। इसे रोशनी के त्योहार के रूप में जाना जाता है। नतीजतन, दिवाली के दौरान पूरे देश में चमकदार रोशनी होती है। दिवाली पर इस निबंध में, हम दिवाली के धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व को देखेंगे।

दीपावली का धार्मिक महत्व

इस त्योहार के धार्मिक महत्व में अंतर है। यह भारत में एक क्षेत्र से दूसरे क्षेत्र में भिन्न होता है। दिवाली के साथ कई देवी-देवताओं, संस्कृतियों और परंपराओं का जुड़ाव है। इन भिन्नताओं का कारण संभवतः स्थानीय फसल उत्सव हैं। इसलिए, इन फसल त्योहारों का एक अखिल हिंदू त्योहार में एक संलयन था।

रामायण के अनुसार दिवाली राम की वापसी का दिन है। इस दिन भगवान राम अपनी पत्नी सीता के साथ अयोध्या लौटे थे। यह वापसी राम द्वारा राक्षस राजा रावण को हराने के बाद की गई थी। इसके अलावा, राम के भाई लक्ष्मण और हनुमान भी विजयी होकर अयोध्या वापस आए।

दिवाली के कारण एक और लोकप्रिय परंपरा है। यहां भगवान विष्णु ने कृष्ण के अवतार के रूप में नरकासुर का वध किया था। नरकासुर निश्चित रूप से एक राक्षस था। सबसे बढ़कर, इस जीत ने 16000 बंदी लड़कियों को रिहा कर दिया।

इसके अलावा, यह जीत बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है। यह भगवान कृष्ण के अच्छे होने और नरकासुर के दुष्ट होने के कारण है।

देवी लक्ष्मी के लिए दिवाली का संबंध कई हिंदुओं की मान्यता है। लक्ष्मी भगवान विष्णु की पत्नी हैं। वह धन और समृद्धि की देवी भी होती है।

एक पौराणिक कथा के अनुसार दिवाली लक्ष्मी विवाह की रात है। इस रात उसने विष्णु को चुना और शादी की। पूर्वी भारत के हिंदू दिवाली को देवी दुर्गा या काली से जोड़ते हैं। कुछ हिंदू दिवाली को नए साल की शुरुआत मानते हैं।

दीपावली का आध्यात्मिक महत्व (Spiritual Significance of Diwali)

दिवाली पर निबंध – सबसे पहले तो कई लोग दिवाली के दौरान लोगों को माफ करने की कोशिश करते हैं। यह निश्चित रूप से एक ऐसा अवसर है जहां लोग विवादों को भूल जाते हैं। इसलिए दिवाली के दौरान दोस्ती और रिश्ते और भी मजबूत हो जाते हैं। लोग अपने दिल से नफरत की सभी भावनाओं को दूर कर देते हैं।

यह खूबसूरत त्योहार समृद्धि लाता है। दीपावली पर हिंदू व्यापारी नई खाता बही खोलते हैं। इसके अलावा, वे सफलता और समृद्धि के लिए भी प्रार्थना करते हैं। लोग अपने लिए और दूसरों के लिए भी नए कपड़े खरीदते हैं।

यह प्रकाश पर्व लोगों में शांति लाता है। यह हृदय में शांति का प्रकाश लाता है। दिवाली निश्चित रूप से लोगों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है। खुशी और खुशी बांटना दिवाली का एक और आध्यात्मिक लाभ है। रोशनी के इस त्योहार में लोग एक दूसरे के घर जाते हैं। वे खुश संचार करते हैं, अच्छा खाना खाते हैं, और आतिशबाजी का आनंद लेते हैं।

अंत में, संक्षेप में, दिवाली भारत में एक बहुत ही खुशी का अवसर है। इस गौरवमयी पर्व के रमणीय योगदान की कोई कल्पना भी नहीं कर सकता। यह निश्चित रूप से दुनिया के सबसे महान त्योहारों में से एक है।

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दिवाली पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

दिवाली क्यों मनाई जाती है.

राक्षस राजा रावण को हराने के बाद भगवान राम के अयोध्या आगमन के उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है।

दिवाली कब मनाई जाती है?

‘कार्तिक’ के महीने में। यह हिंदू कैलेंडर में एक महीना है और अक्टूबर के अंत और नवंबर के बीच कहीं पड़ता है।

दिवाली कैसे मनाई जाती है?

हमारे घरों को पारंपरिक तेल के दीयों से सजाकर दिवाली मनाई जाती है। आप स्वादिष्ट व्यंजन भी बना सकते हैं और उन्हें अपने परिवार और दोस्तों के साथ साझा कर सकते हैं।

आप दिवाली के लिए कैसे बचत कर सकते हैं?

इसके पारंपरिक तरीकों और प्रथाओं से चिपके हुए और पटाखों से दूर रहकर हमारे पास एक सुरक्षित और मजेदार दिवाली है।

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  • General Knowledge

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दिवाली पर निबंध | Essay On Diwali In Hindi | Diwali Par Nibandh

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Diwali Par Nibandh – दिवाली सनातन धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह महान पर्व प्रत्येक वर्ष बड़े धूम धाम से मनाया जाता है। सनातन धर्म का केंद्र बिंदु भारत सहित यह गौरवशाली पर्व विश्व के कुछ देशों में बड़े ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। नेपाल, श्रीलंका, सिंगापूर, मलेशिया, इंडोनेशिया, मॉरीशस व दक्षिण अफ्रीका के कुछ देशों में भी यह पर्व मनाया जाता है। इसके अलावा भारत के लोग जहाँ जहाँ, जिस जिस देशों में बसे है वे उन देशों में अपने इस गौरवशाली पर्व को वही मनाते है, जिससे विदेशो में विशेषकर अमरीका व यूरोप के कुछ देशो में भी यह मनाया जाने लगा है। आज के इस लेख में हम आपको दिवाली पर निबंध ( Essay On Diwali In Hindi ) बताने जा रहे है. यह निबंध आपके स्टूडेंट जीवन में जरुर काम आएगा.

Essay On Diwali In Hindi

Table of Contents

दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi)

दीपावली दो शब्दों के मिश्रण से बना एक शब्द है। इसमें प्रथम दीप है तो दूसरा है आवली। दीप या दीया का अर्थ होता है, दीपक। जबकि आवली का अर्थ होता है, शृंखला। इस प्रकार दीपावली का शाब्दिक अर्थ है, दीपो की शृंखला। दीपावली को सामान्य बोलचाल की भाषा में दिवाली कहा जाता है। यह प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। कार्तिक मास की अमावस्या प्रायः अंग्रेजी महीने के नवंबर में आती है मगर कभी कभी यह अक्टूबर में भी आ जाती है। यह हिंदी महीने की कम या अधिक अवधि के कारण होता है।

इस बार यानि वर्ष 2023 में कार्तिक मास की अमावस्या 12 नवंबर को पड़ रही है इसलिए इस बार दिवाली 12 नवंबर 2023, रविवार को मनाई जायेगी। इस बार पूजन का शुभ मुहूर्त संध्या आठ बजे से रात्रि दस बजे तक है।

दिवाली को मनाये जाने के पीछे सनातन धर्म में दो प्रमुख कथाएं अधिक प्रचिलत है। प्रथम कथा श्री राम से जुडी है तो दूसरी कथा श्री कृष्ण से जुडी है। इनमें सबसे प्रमुख चौदह वर्ष के वनवास के बाद श्रीराम का माता सीता सहित लक्ष्मण के साथ अपने गृह प्रदेश अयोध्या का आगमन है।

दीपावली क्यों मनाई जाती है?

दीपावली पर निबंध 150 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 150 Words)

जब भगवान श्री राम लंकापति रावण पर विजय के साथ अपने चौदह वर्ष की वनवास पूरी करके भार्या (पत्नी) सीता व अनुज भ्राता लक्ष्मण के साथ अपने घर की वापसी किया तो उस दिन अयोध्या प्रजा में खुशी की लहर दौड़ गई। वे अपने घरो व गली, सड़को की साफ – सफाई करके अपने राजा के आगमन का स्वागत करने लगे। चूंकि उस दिन अमावस्या थी और अमावस्या की रात अन्धकार भरी होती है। इसलिए प्रजाजन अपने घरो के बाहर दीप प्रज्जलित करके श्री राम के लौटने के मार्ग को प्रकाश से भर दिया ताकि भगवान श्री राम, माता सीता व लक्षमण को आने में कोई समस्या न हो, उन्हें हर जगह प्रकाश मिले। कहते है तभी से दिवाली मनायी जाने लगी। अब यही कारण है, दिवाली की रात को घर-बाहर दीपक जलाये जाते है। दिवाली न केवल श्री राम से नहीं बल्कि श्री कृष्ण से भी जुड़ी हुई है। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने भयानक असुर नरकासुर का वध करके सोलह हजार स्त्रियों को मुक्त करवाया था। इसी खुशी में लोगो के द्वारा दिवाली मनाई जाने लगी।

  • दिवाली के पांच दिनों के त्योहार के बारे में
  • धनतेरस कब है, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
  • लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त और तिथि
  • दिवाली शुभकामनाएं संदेश
  • दिवाली के लिए ट्रेंडी रंगोली डिजाइन
  • धनतेरस की शुभकामनाएं संदेश
  • गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त
  • तुलसी विवाह कब है?

दीपावली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 200 Words)

दिवाली खुशियों का त्यौहार है। यह प्रकाश के साथ साथ रंग का भी त्यौहार माना जाता है। वैसे तो रंगो का त्यौहार होली है मगर दिवाली में भी रंग का एक अपना महत्व है। रंग खुशियों का प्रतिक है। रंग उल्लास का प्रतिक है। रंग आशा का प्रतिक है। इसलिए दिवाली के दिन प्रायः घरो में रंग बिरंगी रंगोली बनाई जाती है। सनातन धर्म में रंगोली न केवल सुंदरता का प्रतिक माना जाता है बल्कि इसका आध्यात्मिक महत्व भी है। सनातन धर्म में रंगोली को शुभ का प्रतीक माना गया है। यह माता लक्ष्मी के आगमन हेतु स्वागत के लिए बनाया जाता है। इसके अलावा दिवाली से पहले लोग अपने घरो को साफ सुथरा करके पेंट पॉलिश भी करवाते है। इस तरह से दिवाली में रंगोली और रंग का विशेष महत्व है।

सभी को पता है प्रकाश का एक महापर्व है मगर यह प्रकाश किन बिन्दुओं का सूचक है ? अगर हम उन बिन्दुओ की बात करें तो दीपक से प्रज्जवलित यह प्रकाश नई दिशा का सूचक है। यह प्रकाश बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतिक है। यह प्रकाश जीवन में हर ओर मिलने वाली सफलता का सूचक है। यह प्रकाश आशा का सूचक है। यह प्रकाश खुशहाली भरा जीवन का सूचक है। यह प्रकाश समृद्धि का सूचक है। यह प्रकाश जीवात्मा का परमात्मा से मिलन का सूचक है।

दीपावली पर निबंध 300 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 300 Words)

वास्तव में, दीपावली में जलाये जाने वाले दीपक ज्ञान, विज्ञान, आशा, सफलता, समृद्धि, विश्वास, संतुष्टि, अच्छाई व साक्षात् ब्रह्म का प्रतिक है। यह दीपक इस बात की ओर संकेत करता है कि मानव को आत्ममंथन के द्वारा अपने अंदर की बुराई पर विजय प्राप्त करनी चाहिए एवं अपने अंतर्मन को प्रकाशित करना चाहिए, तभी मानव में जन्म लेना सफल हो सकता है।

दिवाली हिन्दुओ के महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। यह प्रकाश का महापर्व है। यह खुशियों का व मिलन का त्यौहार है। पटाखे व रौशनी आदि जैसे आतिशबाजी करके लोग अपने उत्साह को प्रकट करते है। इस अवसर पर लोग आपस में मिठाइयां बांटते है। कई लोग इस दिन नए वस्त्र भी धारण करते है। कुछ लोग अपनी क्षमता के अनुसार सोने, चाँदी आदि बहुमूल्य धातुओं से बने ज्वेलरी भी खरीदते है। माना जाता है कि दिवाली में नई खरीददारी शुभ होती है। यह माता लक्ष्मी के आगमन का सूचक होता है।

दीपावली केवल मनोरंजन व खुशियों के बाँटने का त्यौहार नहीं है बल्कि इस रात माता लक्ष्मी व भगवान श्री गणेश जी की भी विधिवत व भक्तिभाव से पूजन किया जाता है। माता लक्ष्मी धन व ऐश्वर्य की अधिष्ठात्री है। जबकि भगवान श्री गणेश विघ्न विनाशक हैं। उनके पूजन से जीवन में आने वाली विघ्न बाधाएं दूर होती है और नए नए मार्ग खुलते है। उसी प्रकार माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से धन का अभाव व दरिद्रता दूर होती है एवं जीवन में धन सम्पदा का आगमन होता है। इससे जीवन में खुशहाली आती है, क्योकि इस जीवन का सबसे बड़ा दुःख धन का दुःख ही होता है। इस तरह धन के आगमन से मनुष्य का जीवन आनंदमय हो जाता है और ये सब माता लक्ष्मी के आशीर्वाद से ही संभव होता है।

दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में (Essay On Diwali In Hindi 500 Words)

दिवाली का त्यौहार पांच दिनों का होता है। इसका आरम्भ मुख्य दिवाली के दो दिन पहले धनतेरस से आरम्भ होता है। धनतेरस का त्यौहार प्रत्येक वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। धनतेरस का वास्तविक नाम धन त्रयोदशी है। समुन्द्र मंथन में इसी दिन देवताओ के वैद्य कहे जाने वाले देव धन्वन्तरि प्रकट हुए थे। उनका प्रागट्य हाथ में सोने के कलश में अमृत लिए हुए था। इसलिए धनतेरस के दिन बर्तन या कोई वस्तु अथवा क्षमता के अनुसार सोने, चाँदी आदि मंहगे धातुओं को खरीदने की प्रथा है। इस दिन बर्तन, वस्तु (धन-समृद्धि का सूचक) व सोने – चाँदी खरीदना शुभ माना जाता है। धनतेरस में बर्तन, वस्तु व सोने चाँदी आदि के खरीदना माता लक्ष्मी के आगमन का सूचक होता है और यह बहुत शुभ होता है। चूँकि धनतेरस से ही माता लक्ष्मी के विशेष पूजन का मुहूर्त आरम्भ हो जाता है।

धनतेरस से अगले दिन व दिवाली से ठीक एक दिन पहले छोटी दिवाली मनाने की प्रथा है। हालांकि कुछ क्षेत्रो में यह दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है, जहाँ सामान्य बोलचाल की भाषा में बासी दिवाली भी कहते है। चूँकि दिवाली से एक दिन पहले की तिथि को यम चतुर्दशी कहते है इसलिए उन स्थानों पर इस तिथि के रात्रि काल में स्त्रियां यम के नाम एक दीपक घर के बाहर जलाया करती है। वैसे छोटी दिवाली को नरक चतुर्दशी के नाम से जाना जाता है। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने सत्यभामा के साथ मिलकर भयानक दैत्य नरकासुर का वध किया था और उसके बंधन से सोलह हजार स्त्रियों को मुक्त करवाया था।

दिवाली के एक दिन पहले वाले इस तिथि को काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है। क्योकि यह तिथि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष के 14वें दिन को पड़ता है। इस तिथि को काली चौदस, नरक चौदस, यम चतुर्दशी और नरक चतुर्दशी के नामो से जाना जाता है। इसके बाद अगले दिन कार्तिक मास की अमावस्या प्रकाश का महापर्व दीपावली मनाई जाती है। पांच दिनों तक मनाये जाने वाले इस महापर्व का यह सबसे प्रमुख दिन होता है।

दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। गोवर्धन पूजा के अगले दिन भाई बहन के प्रेम को समर्पित पर्व भाई दूज मनाया जाता है। पांच दिनों तक मनाये जाने वाले इस महापर्व का पांचवां दिन भाई दूज या यम द्वितीया के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व भाई बहन के प्रेम को समर्पित है। इस दिन बहनें अपने भाई के लम्बे आयु के लिए पूजन करती है और ईश्वर से उसके लिए प्रार्थना करती है। भाई दूज के साथ ही पांच दिनों तक मनाये जाने इस महापर्व दिवाली का समापन होता है।

निष्कर्ष – आज हमने आपको बताया दिवाली पर निबंध ( Essay On Diwali In Hindi) के बारें में, उम्मीद करते है आपको यह जानकारी जरूर पसंद आई होगी.

Q : दिवाली कब है? Ans : 24 अक्टूबर 2022 को

Q : दीपावली के 5 दिन कौन से हैं? Ans : धनतेरस, छोटी दिवाली, बड़ी दिवाली गोवर्धन पूजा और भाई दूज

Q : दिवाली के दूसरे दिन को क्या कहते हैं? Ans : गोवर्धन पूजा

Q : गोवर्धन पूजा कब है? Ans : 26 अक्टूबर को

Q : धनतेरस कब है? Ans : 22 अक्टूबर को

Q : भाई दूज कब है? Ans : 26 अक्टूबर को

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दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - हिंदी में दीपावली पर निबंध कक्षा 1 से 8 तक के लिए 200 से 500 शब्दों में यहां देखें

Updated On: November 09, 2023 04:35 pm IST

  • दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - शुभ …

दिवाली पर पैराग्राफ (Paragraph on Diwali in Hindi)

  • दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Diwali in …
  • दिवाली पर हिंदी में निबंध 500 शब्दों में (Essay on …
  • दिवाली पर निबंध हिंदी में (Essay on Diwali in Hindi) …
  • दिवाली पर हिंदी में निबंध 10 लाइन (Essay on Diwali …
  • हिंदी में दीपावली निबंध (Deepavali Essay in Hindi) - दिवाली …

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi) - शुभ मुहूर्त 

  • दीपदान: लोग अपने घरों, मंदिरों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर दीपक जलाते हैं।
  • पटाखे चलाना: लोग आतिशबाजी और पटाखे चलाते हैं।
  • भाई दूज: बहनें अपने भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं और उन्हें उपहार देती हैं।
  • छोटी दिवाली: यह दीपावली से एक दिन पहले मनाई जाती है। इस दिन, लोग लक्ष्मी पूजन करते हैं।

दिवाली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Diwali in Hindi in 200 words) 

दिवाली पर हिंदी में निबंध 500 शब्दों में (essay on diwali in hindi in 500 words) - प्रस्तावना .

Paragraph on Diwali in Hindi

दिवाली पर निबंध (Essay on Diwali in Hindi)

दिवाली पर निबंध हिंदी में (essay on diwali in hindi) - उपसंहार , दिवाली पर हिंदी में निबंध 10 लाइन (essay on diwali in hindi in 10 lines).

  • दिवाली या दीपावली एक भारतीय धार्मिक त्योहार है। 
  • यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक है.
  • दुनिया भर में लोग अलग-अलग कारणों और अवसरों पर दिवाली मनाते हैं। 
  • दीये, मोमबत्तियाँ जलाना और पटाखे फोड़ना दिवाली उत्सव का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। 
  • दिवाली या शुभ दीपावली न केवल हिंदू समुदाय के बीच बल्कि अन्य धर्मों के लोगों द्वारा भी मनाई जाती है। 
  • दिवाली आमतौर पर पांच दिवसीय त्योहार है और इस दौरान भारत में हर साल सोने और नए कपड़ों की बिक्री आसमान छूती है।
  • हिंदू कैलेंडर के अनुसार, दिवाली कार्तिक माह के 15वें दिन मनाई जाती है। 
  • अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार यह आमतौर पर अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है। 
  • आमतौर पर, दिवाली उत्सव के रूप में स्कूलों, कॉलेजों और सरकारी कार्यालयों के लिए 3 से 4 दिनों की छुट्टियों की घोषणा की जाती है। 
  • इस अवसर पर देश भर से परिवार और मित्र एकत्रित होते हैं और आनंदमय समय एक साथ बिताते हैं।

diwali ke bare mein

हिंदी में दीपावली निबंध (Deepavali Essay in Hindi) - दिवाली के साथ मनाए जाने वाले अन्य त्यौहार 

  • दिवाली लगभग 5 दिनों का त्यौहार है, दिवाली से एक दिन पहले लोग धातु की वस्तुएं (सोना, चांदी, पीतल आदि) की खरीदारी करके धनतेरस का त्यौहार मनाते हैं। 
  • दिवाली के अगले दिन को लोग छोटी दीपावली के रूप में भी मनाते हैं। 
  • दीपावली के तीसरे दिन देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश जी की पूजा की जाती है।
  • इसके बाद, दीपावली से ठीक चौथे दिन पर गोवर्धन पूजा की जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने इंद्रदेव के क्रोध से हुई मूसलाधार वर्षा से लोगों की रक्षा के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठा लिया था।
  • दीपावली के पांचवे दिन आखिरी पर्व को भाई दूज के रूप में मनाया जाता है। 

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दिवाली पर निबंध हिंदी में लिखकर नमूना के साथ यहां विस्तार में बताया गया है। इच्छुक इस लेख में दिए गए बिंदुओं से अपने लिए बेहतरीन हिंदी में दीपावली पर निबंध तैयार कर सकते हैं। 

उत्तर भारत में लोग मिट्टी के दीयों को जलाकर रावण को हराने के बाद श्री राम की अयोध्या वापसी का जश्न मनाते हैं, जबकि दक्षिणी भारत इसे उस दिन के रूप में मनाता है जब भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था।

प्राचीन काल से दिवाली को विक्रम संवत के कार्तिक माह में मनाया जा रहा है। पद्म पुराण और स्कन्द पुराण में दिवाली का उल्लेख मिलता है। दिये को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला माना गया है, जो जीवन के लिए प्रकाश और ऊर्जा का लौकिक दाता भी है।

प्राचीनकाल में दिवाली को दीपोत्सव के नाम से जाना जाता था, जिसका अर्थ है दीपों का उत्सव होता है। 

दिवाली को दीपावली भी कहा जाता है और इसके पीछे कारण यह है कि दीपावली संस्कृत शब्द से लिया गया है, जिसका का अर्थ होता है- दीप + आवलिः (कतार में रखे हुए दिप)।

दीपावली को लेकर कई किस्से हैं लेकिन, हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान राम, रावण को मारकर और 14 वर्षों का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे, उनके आने की खुशी में अयोध्या वासियों ने घी के दीप जलाए व जश्न मनाया था और तब से भारत में दिवाली की शुरुआत हुई।

शुभ दीपावली का उत्सव कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है और ज्योतिष शाश्त्र के अनुसार इस वर्ष दिवाली 12 नवंबर 2023, दिन रविवार को मनाया जाएगा। 

दिवाली का पूरा कैलेंडर यहां दिया गया है- 

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Essay On Diwali In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)

दीपावली निबंध 1 (100 शब्द) :.

हम भारत देश में रहते हैं जिसे अपने सौंदर्य और त्यौहारों की वजह से जाना जाता है इन्हीं में से एक त्यौहार दीपावली होता है। इस दिन को भगवान राम की रावण पर अथार्त ज्ञान की अज्ञान पर जीत के रूप में मनाया जाता है। दीपावली को सर्दियों के समय अक्तूबर या नवंबर में कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है।

इस दिन भगवान श्री राम राक्षस रावण का वध करके और 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस आये थे जिसकी खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीप जलाए थे। दीपावली के आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करने लगते हैं और अपने घर को पूरी तरह से पवित्र कर देते हैं।

इस दिन सभी लोग नए-नए कपड़े पहनकर घरों में लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद सभी लोग मिठाईयां बांटते हैं और पटाखे जलाते हैं। हर घर में अलग-अलग तरह के व्यंजन और पकवान बनाए जाते हैं। इस दिन बहुत से लोग शराब पीते हैं, जुआ खेलते हैं, लड़ाई-झगड़ा करते हैं जिसकी वजह से पर्यावरण भी दूषित होने लगता है जो अच्छी बात नहीं है।

दीपावली निबंध 2 (200 शब्द) :

हम भारत देश में रहते हैं जिसे अलग-अलग धर्मों में एकता, संस्कृति, रीति-रिवाजों और अलग-अलग उत्सवों की वजह से जाना जाता है। भारत देश में सभी धर्मों के त्यौहारों को महत्व दिया जाता है जिस प्रकार हिंदुओं के पर्व दीपावली को महत्व दिया जाता है। दीपावली त्यौहार को कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अपने देश अयोध्या लौटे थे।

श्री राम के आने की खुशी में लोगों ने दिए जलाकर पूरी अयोध्या नगरी को जगमगा दिया था। दीपावली का अर्थ होता है दीपों की पंक्ति जिसमें दीयों को एक पंक्ति में जलाया जाता है। इस दिन के महत्व के रूप में लोग यह कहते हैं कि अगर इस दिन घरों, दुकानों और कार्यालयों की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जाए तो लक्ष्मी जी का प्रवेश होता है।

इस दिन को बेहतर बनाने के लिए लोग नए कपड़े, पटाखे, बर्तन, साज-सज्जा के सामान खरीदते हैं। दीपावली के दिन लोग नए कपड़े पहनकर सबसे पहले लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद सभी लोग आपस में गले मिलते हैं और मिठाईयां बांटते हैं। बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। इस तरह से ओग भगवान श्री राम के प्रति अपनी खुशी और प्रसन्नता प्रकट करते हैं।

दीपावली निबंध 3 (300 शब्द) :

भूमिका : भारत में सभी धर्मों का बहुत महत्व है लेकिन हिन्दू धर्म की दीपावली को सभी धर्मों में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। दीपावली को सिर्फ भारत देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत ही उत्साह और महत्व के साथ मनाया जाता है।

इस दिन को इतना महत्व भगवान श्री राम की रावण पर और अच्छाई की बुराई पर जीत की वजह से मिला है। जिस दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे तो अयोध्यावासियों ने रात को दिन में बदलने के लिए दिए जलाए थे जिसकी वजह से पूरी अयोध्या जगमगाने लगी थी इसलिए इस दिन को सभी लोग दीपावली के रूप में मनाते हैं।

लक्ष्मी पूजन : दीपावली आने की खुशी में लोग अपने घरों, कार्यालयों, दुकानों और कारखानों में अच्छी तरह से साफ-सफाई करते हैं जिससे उनके जीवन के हर अँधेरे को दूर करने के लिए लक्ष्मी जी उनके जीवन में प्रवेश करें। रात के समय लोग नहा-धोकर नए कपड़े पहनते हैं जिसके बाद समय के साथ लक्ष्मी पूजन करके गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी को याद किया जाता है।

दीपावली के दिन सभी लोग बहुत से मजेदार खेल खेलते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं और पटाखे जलाकर इस दिन को बहुत ही खास बना देते हैं। इस दिन सभी जगहों चाहे वह सरकारी कार्यालय हो या सडक सभी को साफ करके अच्छी तरह से सजाया जाता है। इस दिन सभी लोग दिए, मोमबत्ती, लड़ी लगाकर अपने घरों को सजाते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं, मिठाईयां खिलाते हैं और दीपावली की बधाई देते हैं।

उपसंहार : कोई भी त्यौहार उस देश का इतिहास होता है ठीक उसी तरह से भारत का एक इतिहास को दीपावली त्यौहार के रूप में हर साल याद किया जाता है। इसे भारत में एकता के रूप में देखा जाता है। दीपों के त्यौहार को दीपावली को अलग-अलग नामों से जाना जाता है जो बहुत ही आनंद और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार इतना पवित्र और महत्व वाला होता है कि किसी भी व्यक्ति को न्य जीवन जीने के लिए उत्साह प्रदान करता है।

दीपावली निबंध 4 (400 शब्द) :

भूमिका : दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिसे भारत के साथ-साथ बहुत से अन्य देशों में भी मनाया जाता है जहाँ पर भी भारतीय लोग रहते हैं। जब कोई व्यक्ति अपने अज्ञान रूपी अंधकार को हटाकर उसपर ज्ञान रूपी उजाले को प्रज्ज्वलित करता है तो उसे एक बहुत ही असीम और आलौकिक आनंद का अनुभव होता है।

दीपावली भी इसी तरह का त्यौहार है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम अथार्त ज्ञान ने रावण रूपी अज्ञान को पराजित किया था। राम जी के वनवास से वापसी के लिए लोगों ने पूरी अयोध्या नगरी को फूलों, दीपों और रंगों से बहुत ही अच्छी तरह से सजाया था। जिसकी वजह से इसे दीपावली नाम दे दिया गया और हर साल मनाया जाने लगा।

दीपावली का इतिहास : दीपावली त्यौहार को अक्तूबर या नवंबर के महीने में कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इस दिन का हमारे भगवान श्री राम से बहुत ही गहरा संबंध है। इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण को मारकर सीता माता को पुनः प्राप्त किया था।

सीता माता के साथ वनवास काटकर वापस लौटने की खुशी में उनकी प्रजा ने घी के दीए जलाकर अमावस्या की रात को पूर्णिमा में बदल दिया था। इस दिन लोगों ने पूरी अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया था और वहां के बाजारों में बहुत ही भीड़ थी क्योंकि श्री राम के वापस आने की खुशी में लोग मिठाईयां, कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहार खरीद रहे थे।

दीपावली का दिन : दीपावली का त्यौहार आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग उत्साहित होने लगते हैं और अपने घरों और आसपास की साफ-सफाई करें ताकि उनके घर में किसी तरह की अशुद्धि न रह सके। इस दिन लोग बहुत ही खुश रहते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

इस दिन लोग अपने बच्चों के लिए खिलौने, मिठाईयां, बर्तन, कपड़े और पटाखे खरीदते हैं। इस दिन लोग अपने-अपने घरों और काम की जगहों को सजाते हैं। रात के समय लोग अपने-अपने घर में लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद वे अपनी कला का भी प्रदर्शन करते हैं। इस दिन सभी लोग अपने आपसी द्वेष और क्लेश मिटाकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और मिठाईयां खिलाते हैं।

उपसंहार : दीपावली भारत में सभी धर्मों के द्वारा मनाया जाने वाला एक त्यौहार है क्योंकि यह सभी के लिए खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इस त्यौहार की वजह से हर साल लोगों को बुराई पर अच्छाई की जीत का एक नया सत्र सीखने को मिलता है।

किसी भी तरह का पर्व हमें उसके भूत में ले जाता है और हम फिर से एक बार उसके पीछे के कारणों को याद कर पाते हैं। यह एक बहुत ही अच्छा तरीका होता है अपने पुराने समय या अपने देश के अतीत को स्मरण करने का।

दीपावली निबंध 5 (500 शब्द) :

भूमिका : भारत एक त्यौहारों का देश है जिसमें हर महीने कोई-न-कोई त्यौहार या जयंती मनायी जाती है लेकिन इन्हीं में से एक त्यौहार दीपावली होता है जो एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। दीपावली त्यौहार के पीछे बहुत सी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं। इस त्यौहार को मनाने के पीछे एक बहुत ही खास कारण है जो भगवान श्री राम से संबंधित है।

इस दिन भगवान श्री राम ने असुर रावण का वध किया था और अपनी पत्नी सीता को रावण की कैद अथार्त लंका से आजाद कराया था। यह पर्व वर्षा ऋतू के जाने के बाद शीत ऋतू के शुरू होने की ओर संकेत करता है। इस त्यौहार को पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें धनतेरस, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली, गौधन, भाई दूज आदि त्यौहार एक के बाद एक मनाए जाते हैं।

दीपावली का अर्थ : दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है जो संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है दीपों की पंक्ति या दीपों से सजी हुई पंक्ति। इस दिन बहुत सारे दीप और मोमबत्तियां जलाई जाती हैं जिसकी वजह से इस दिन को रौशनी का त्यौहार और दीपोत्सव भी कहा जाता है।

Also Read : दिवाली पर निबंध , दिवाली से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें

इस दिन को मनाने के पीछे वैसे तो बहुत सारी कथाएं होती हैं लेकिन सबसे प्रमुख श्री राम चंद्र जी की असुर रावण पर जीत की कथा है। अमावस्या के दिन बहुत अधिक अँधेरा होता है जिसे दूर करने के लिए दीपों से घरों को सजाया जाता है और अँधेरे को दूर भगाया जाता है। दीपावली के दिन गणेश और लक्ष्मी पूजन किया जाता है जिससे घर में सुख-शांति का प्रवेश हो सके। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने महारस लीला का आयोजन किया था जिसकी वजह से भी इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया था।

दीपावली का महत्व : दीपावली को पूरे भारत में बहुत ही खुशी और धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई, अज्ञान पर ज्ञान की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन को सभी लोगों के द्वारा बहुत ही सुंदर और पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है जिसका भारत की आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्व होता है क्योंकि दीपावली के त्यौहार पर लोग खिलौने, बर्तन, सोना, आभूषण, मिठाईयां, कपड़े आदि की खरीददारी करते हैं और पैसा खर्च करते हैं जिसकी वजह से भारत को भी बहुत लाभ होता है।

इस दिन का महत्व राम, पांडव आदि की वजह से बढ़ जाता है। आज के दिन गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी की पूजा की जाती है क्योंकि आज के ही दिन समुद्र मंथन हुआ था जिसमें लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से आज के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।

बच्चों की दीपावली : दीपावली त्यौहार का नाम सुनते ही बच्चों के चेहरे खुशी से झूमने लगते हैं। सभी बच्चे इस त्यौहार में होने वाली सभी गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। दीपावली के दिन स्कूलों में अध्यापकों के द्वारा बच्चों के लिए सजावट, रंगोली प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिता आयोजित की जाती हैं जिसमें बच्चे बहुत ही उत्साह के साथ भाग लेते हैं।

स्कूलों में दीपावली त्यौहार के कार्यक्रम बहुत दिनों पहले से ही शुरू होने लगते हैं। दीपावली के दिन का बच्चों के लिए बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि इस दिन घर के बड़े बच्चों के लिए मिठाईयां, खिलौने, पटाखे, कपड़े और उपहार खरीदते हैं जिसकी वजह से बच्चों को बहुत अधिक प्रसन्नता होती है।

उपसंहार : दीपावली के दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्व होता है क्योंकि हमारे इतिहास की वजह से आज हम खुश और संपन्न रहते हैं। इस दिन को और अधिक उत्साहित और सुरक्षित बनाने के लिए जितना हो सके बच्चों को ऐसी चीजों से दूर रखना चाहिए जो प्रदूषण या स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हों।

आजकल हम देखते हैं कि लोग पटाखे छोड़कर प्रदूषण फैलाते हैं और कभी-कभी तो बड़े-बड़े पटाखों को छोड़ते समय बच्चों को चोट लग जाती है। कभी-कभी तो बच्चे जल भी जाते हैं और बच्चों की मृत्यु भी हो जाती है। हम सभी को अधिक-से-अधिक कोशिश करनी चाहिए कि हम कम शोर, प्रदूषण और जोखिम लेकर इस दिन को और अधिक महत्व दें।

दीपावली निबंध 6 (600 शब्द) :

भूमिका : भारत देश में बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं जो अलग-अलग धर्मों द्वारा मनाए जाते हैं। इन सभी त्यौहारों में से सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार होता है दीपावली जिसे प्रकाश का पर्व, जश्न-ए-चिराग, रौशनी का पर्व आदि नामों से जाना जाता है। इस त्यौहार को दीपों या रौशनी के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है क्योंकि यह पर्व सभी के लिए भरोसा और उन्नति लेकर आता है।

दीपावली के त्यौहार को बहुत अधिक महत्व इसलिए दिया जाता है क्योंकि इस त्यौहार को श्री राम चंद्र जी के घर लौटने की खुशी में लोगों ने तरह-तरह की मिठाईयां बांटी और आतिशबाजी करके अपनी खुशी को प्रकट किया था जिसके बाद इस दिन को दीपावली त्यौहार के नाम से प्रति वर्ष मनाया जाने लगा।

दीपावली की परंपरा : दीपावली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक मन जाता है क्योंकि यह पर्व लोगों में प्रेम और एक-दूसरे के लिए स्नेह की भावना का विकास करता है। दीपावली के त्यौहार को व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

दीपावली के त्यौहार को भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी अलग-अलग परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। सभी लोगों में दीपावली की बहुत ही उमंग होती है क्योंकि इसमें वे अपने मन की चीजें जैसे – खाना, मिठाईयां, कपड़े, खिलौने, आदि सभी खरीदते हैं। इस दिन सभी लोग अपने घर के साथ-साथ अपने मनों की भी सफाई करते हैं ताकि उनके घर के साथ-साथ उनके मन में किसी भी तरह की कोई गंदगी या हीन भावना न रह सके।

दीपावली का वर्णन : दीपावली के त्यौहार को अक्तूबर या नवंबर यानि कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम चंद्र 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे। दीपावली के त्यौहार को पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें पहले दिन को धनतेरस कहते हैं जिसमें धन के देव कुबेर जी की और अहोई माता की पूजा की जाती है।

धनतेरस के दिन सभी जगह पर बर्तनों की दुकानों को देखा जा सकता है क्योंकि लोग अपने घर में नए बर्तनों को खरीदकर उनकी पूजा करते हैं। दूसरे दिन को छोटी दीपावली कहते हैं क्योंकि इस दिन लोग अपने घर की सारी गंदगी को बाहर निकालकर उसे पवित्र करते हैं।

तीसरे दिन को दीपावली कहा जाता है जिसे लोग बड़े ही उत्साह और धूम-धाम से मनाते हैं। चौथे दिन को गोवर्धन के नाम से जाना जाता है जिसमें भगवान कृष्ण और गोबर की पूजा की जाती है। पांचवे दिन को भाई दूज कहते हैं जिसमें बहनें अपने भाईयों की आरती करती हैं और मिठाईयां खिलाती हैं।

दीपावली की बुराईयाँ : किसी अच्छे और खास उद्देश्य को लेकर बने त्यौहार में भी कालांतर में विकार पैदा हो जाते हैं। जो लोग लक्ष्मी जी की पूजा धन की प्राप्ति करने के लिए करते हैं वहीं पर कुछ लोग इनकी पूजा जूआ खेलकर भी करते हैं। जूआ खेलना एक प्रथा मानी जाती है जिसे पुराने समय से ही खेला जाता रहा है।

इससे समाज व पावन पर्वों के लिए एक कलंक के समान होता है। आज के समय में लोग बहुत अधिक बंब और पटाखे फोड़ते हैं जिसकी वजह से वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाता है। प्रदूषण होने की वजह से व्यक्ति को जीवन जीने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

लक्ष्मी पूजा का इतिहास : रामायण से पहले इस पर्व या त्यौहार को महालक्ष्मी पूजा के नाम से मनाया जाता था क्योंकि इस दिन जब समुद्र मंथन हुआ था तो देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से इस दिन को महालक्ष्मी पूजा के नाम से मनाया जाता था।

इस दिन जो भी व्यक्ति अपने घर की साफ-सफाई रखते हैं और मन से देवी लक्ष्मी जी की आराधना करते हैं तो देवी लक्ष्मी उससे प्रसन्न होकर उस पर अपनी कृपा बरसाती हैं इसलिए इस दिन घर को साफ व स्वच्छ किया जाता है।

इस दिन लोग लक्ष्मी जी के गीत, आरती, मंत्र उच्चारण करते हैं जिससे वे लक्ष्मी जी को प्रसन्न कर सकें। लक्ष्मी जी धन की अधिष्ठात्री देवी होती हैं जिसकी वजह से उन्हें धन का प्रतिक माना जाता है।

उपसंहार : दीपावली के दिन भगवान गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी की पूजा की जाती है क्योंकि कोई भी शुभ कार्य या त्यौहार मनाने में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है क्योंकि उन्हें शुभ शुरुआत के देवता, लक्ष्मी जी को धन की देवी और सरस्वती जी को ज्ञान की देवी माना जाता है। दीपावली की रात के समय सभी लोग अपने घरों के दरवाजे खोलकर सोते हैं क्योंकि उन्हें यह उम्मीद रहती है कि आज के दिन उनके घर में लक्ष्मी जी का वास होगा।

दीपावली निबंध 7 (700 शब्द) :

भूमिका : भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं जिसकी वजह से उनमें अनेकता में भी एकता दिखाई देती है। भारत में चाहे कितने भी धर्म हों या त्यौहार हों उन्हें पूरा भारत मिलकर मनाता है उसी तरह से हिंदुओं का त्यौहार दीपावली भी बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसे सभी जगह पर अलग-अलग त्रिकोण से मनाया जाता है क्योंकि सभी लोगों के नजरिए अलग-अलग होते हैं वे अपने नजरिए के हिसाब से ही अपने पर्व को मनाने में खुशी महसूस करते हैं।

दीपावली क्यों मनायी जाती है : दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिसका नाम सुनते ही लोगों में खुशी और उत्साह का संचार होता है क्योंकि इसे एक ऐसा त्यौहार माना जाता है जो हर व्यक्ति को एक शुद्ध और नया जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।

दीपावली पर्व को कार्तिक मांस की अमावस्या को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन को भगवान श्री राम के वनवास से वापस आने की खुशी में उनकी प्रजा ने अमावस्या के दिन को पूर्णिमा में बदल दिया था इसी वजह से इस दिन को याद रखने के लिए इसे हर साल दीपावली के नाम से मनाया जाने लगा।

स्वच्छता का प्रतीक : जहाँ पर दीपावली के त्यौहार को खुशी और उत्साह का त्यौहार माना जाता है वहीं पर इसे रौनक, ज्ञान, अंतःकरण के साथ-साथ स्वच्छता का भी प्रतीक माना जाता है।

जब घर की सफाई अच्छी तरह से नहीं की जाती है तब घरों में मच्छर, खटमल, पिस्सू, कीड़े, आदि अपना घर बना लेते हैं लेकिन दीपावली के दिन सभी लोग अपने-अपने घरों में साफ-सफाई करके अपनी घर को पूरी तरह से पवित्र कर लेते हैं जिसकी वजह से इस त्यौहार पर चारों तरफ स्वच्छता दिखाई देती है इसीलिए इसे स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है।

दीपावली की तैयारी : दीपावली त्यौहार की तैयारियां बहुत से लोग दीपावली से नौ या दस दिन पहले ही करना शुरू कर देते हैं। दीपावली से पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ-साथ अपने घरों की लिपाई-पुताई करवाते हैं।

लोग अपने घर की साज सज्जा के लिए सभी प्रकार के सामान खरीदते हैं। दीपावली के त्यौहार पर लोग नए बर्तन, कपड़े, खिलौने, मिठाईयां, पटाखे, रंगोली के रंग आदि खरीदते हैं। दीपावली के दिन लोग अलग-अलग तरह की मिठाईयां और पकवान बनाते हैं, अपने घरों पर दीए और मोमबत्ती लगाकर घर को सजाते हैं।

महापुरुषों का निर्वास दिवस : दीपावली के त्यौहार को मनाने के पीछे बहुत सी पौराणिक कथाएं हैं। दीपावली के दिन जैनियों के तीर्थकर महावीर स्वामी जी ने निर्वाण प्राप्त किया था जिसकी वजह से जैनों के लिए इस दिन का बहुत अधिक महत्व है।

स्वामी दयानंद और स्वामी रामतीर्थ जी भी आज के ही दिन निर्वाह को प्राप्त हुए थे। आज का दिन आर्य समाज और सिक्खों के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है। हिंदुओं के लिए दीपावली का बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि इसी दिन श्री राम चंद्र जी अपना 14 वर्ष का वनवास काटकर वापस आए थे।

पूजा की विधि : दीपावली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है क्योंकि आज के दिन लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था इसलिए अगर कोई लक्ष्मी जी को प्रसन्न कर देता है तो उस पर उम्र भर लक्ष्मी देवी की कृपा बरसती है। आज के दिन पूजा के लिए लक्ष्मी माँ की तस्वीर बनाई जाती है जिसपर चांदी का या किसी भी तरह का सिक्का लगाया या चिपकाया जाता है।

आरती की थाली में कुछ पैसे, सोने, रोली, चावल, हल्दी, घी, प्रसाद, शक्कर, मोली, खील, बतासे, आदि रखे जाते हैं जिसके बाद पूरी विधि के साथ लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है जिसमें लोग मुख्य रूप से गीत, आरती, भजन आदि गाते हैं। पूजा के बाद सभी लोगों को प्रसाद बांटा जाता है और एक-दूसरे को दीपावली की बधाई दी जाती है।

उपसंहार : आप सभी लोग दीपावली तो मनाते हैं लेकिन उसके अंदर जो अर्थ छुपा होता है उस अर्थ को समझना भूल जाते हैं। दीपावली पर्व के अंदर एक अर्थ छिपा हुआ है जो हमें अपने अंदर के अंधकार को मिटाकर उसकी जगह पर प्रकाश करना होता है।

दीपावली के त्यौहार पर कभी-कभी ऐसा होता है कि लोग अपने आपसी लड़ाई-झगड़े की वजह से अपने बच्चों को दूसरे बच्चों के साथ खेलने और बधाई देने से रोकते हैं जिसकी वजह से रिश्तों में और इंसानियत में भी कोसों की दूरी हो जाती हिया जिसके बाद किसी को कुछ भी प्राप्त नहीं होता है।

दीपावली निबंध 10 (1000 शब्द) :

भूमिका : हम सभी लोग भारत के वासी है जिसने अनेक महापुरुषों को जन्म दिया है। भारत के अतीत ने बहुत से त्यौहारों और धर्मों में एकता का रूप स्पष्ट किया है। भारत में बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं लेकिन हिंदुओं का पर्व दीपावली बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह पर्व हमें उसके आदिकाल में ले जाता है।

इस पर्व को मनाने के पीछे बहुत से धार्मिक और आर्थिक महत्व छुपे हुए हैं। दीपावली त्यौहार को मनाने के पीछे का उद्देश्य है भारत में सामाजिक एकता को बढ़ावा देना क्योंकि इसमें सभी लोग आपसी भेदभाव भूलकर एक-दूसरे के गले लगकर दीपावली की बधाई देते हैं।

दीपावली का अर्थ : प्राचीन काल में संस्कृत भाषा अधिक बोली जाती थी जिसकी वजह से उस समय इस दिन को संस्कृत भाषा में दीपावली का नाम दिया गया था क्योंकि इसका अर्थ दीपों की पंक्ति है जो अयोध्यावासियों ने दीपों को पंक्तियों में जलाकर सिद्ध किया था इसी वजह से इस दिन को दीपावली के नाम से जाना जाता है।

इस शब्द के पीछे एक अर्थ छुपा हुआ है जो हमें बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की, अस्वच्छता पर स्वच्छता की, अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। इस दिन लोग दीपों को पंक्ति में जलाकर अँधेरे को मिटाने की कोशिश करते हैं क्योंकि वे अँधेरे को चीरकर सभी को प्रकाशमय बनने के लिए प्रेरित करते हैं।

दीपावली का इतिहास : लंकापति रावण एक असुर था जिसने सीता माता का अपहरण किया था। श्री राम ने उस लंकापति रावण को मारकर सीता माता को पुनः प्राप्त किया था जिसे दशहरे के नाम से मनाया जाता है जो दीपावली से 21 दिन पहले आता है।

दशहरे के अगले दिन श्री राम ने अपने भाई भरत से मिल्न किया था और उसे गले लगाया था जिसकी वजह से इस दिन को भरत मिलाव का नाम दिया गया था। इसके बाद दीपावली के दिन भगवान श्री राम, सीता माता और भाई लक्षमण अपना चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे जिसकी खुशी में लोगों ने घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था।

दीपावली पर साफ-सफाई : दीपावली के दिन से कुछ दिनों पहले से ही लोग साफ-सफाई करने लगते हैं लेकिन बहुत से लोग तो ऐसे होते हैं कि वे दशहरा आने के पश्चात घर की साफ-सफाई, लिपाई पुताई करवाने लग जाते हैं ताकि उनका घर साफ और स्वच्छ दिखे।

ठीक प्रकार और अधिक दिनों में सफाई करने की वजह से घर में कई तरह के कीट, मच्छर, पक्षी अपना स्थान बना लेते हैं जिन्हें दूर करने के लिए ठीक प्रकार से साफ-सफाई की जरुरत होती है। इस दिन लोग अपने घर की साफ-सफाई करने के साथ-साथ अपने घर की साज-सज्जा की भी अच्छी तरह से व्यवस्था करते हैं।

दीपावली की तैयारियां : दीपावली के दिन से पहले लोग अपने घर की साफ-सफाई करके उसे स्वच्छ और पवित्र कर लेते हैं ताकि उनके घर में शं की देवी लक्ष्मी जी का वास हो सके। दीपावली के दिन के उपलक्ष में बाजारों में बहुत भीड़ पाई जाती है क्योंकि ऐसे समय में लोग नए कपड़े, मोमबत्तियां, खिलौने, पटाखे, बम्ब, मिठाईयां, रंगोली बनाने के रंग, बर्तन और घर को सजाने के लिए बहुत से सामान खरीदते हैं जिसकी वजह से लोगों को बहुत से लाभ होते हैं। दीपावली के दिन लोग अपने घर पर लक्ष्मी पूजन, मिस्ठानों, व्यंजनों आदि की संपूर्ण रूप से तैयारियां करते हैं।

बच्चों की दीपावली : दीपावली का त्यौहार बच्चों के लिए अधिक महत्व रखता है क्योंकि दीपावली का नाम सुनते ही बच्चों के मन में मिठाई, खिलौने, कपड़े, पटाखे आदि के बारे में विचार आने शुरू हो जाते हैं।

दीपावली के लिए स्कूलों में बच्चों के लिए बहुत सी प्रतियोगिताएं जैसे – दौड़, साज-सजावट की प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिता, कहानी प्रतियोगिता आदि की व्यवस्था की जाती है जिसमें बच्चे बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और विजेता को बहुत ही सम्मान के साथ उपहार दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त बच्चों के लिए आतिशबाजी और पटाखों को लेकर उन्हें सावधानी बरतनी भी बताई जाती है।

दीपावली का आर्थिक महत्व : दीपावली के त्यौहार का जितना धार्मिक महत्व होता है उतना ही इसका आर्थिक महत्व भी होता है क्योंकि दीपावली के त्यौहार पर लोग बहुत सी चीजें खरीदते हैं जिससे बाजारों में बहुत अधिक भीड़ होती है।

दीपावली के दिन लोग नए कपड़े, घर का सामान, उपहार, आभूषण आदि खरीदते हैं क्योंकि आज के दिन खरीददारी और खर्च करने को बहुत अधिक शुभ माना जाता है जो धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी जी के आगमन का संकेत होता है। इस दिन को भारत में सोना और आभूषण खरीदने का दिन माना जाता है क्योंकि आज के ही दिन सभी लोग अपने खर्च की चरम सीमा पर होते हैं।

लक्ष्मी पूजन : आज के दिन जब देवों और राक्षसों के द्वारा समुद्र मंथन किया गया था तो उस समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से आज के दिन को महालक्ष्मी पूजा के नाम से जाना जाता था और इसी वजह से आज के दिन धन की देवी लक्ष्मी जी की भी पूजा की जाती है।

कार्तिक मांस की अमावस्या को रात के समय देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है उनकी आरती, गीत और भजन गाकर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। पूजा होने के बाद सभी लोगों में प्रसाद बांटा जाता है और एक-दूसरे को दीपावली के पर्व की शुभकामनाएं और बधाईयाँ दी जाती हैं।

दीपावली की बुराईयाँ : दीपावली के त्यौहार का एक दूसरा पहलू भी होता है जिसे हम जाने-अनजाने हर साल बढ़ावा देते रहते हैं। इस दूसरे पहलू में आतिशबाजी और पटाखे फोड़ना आता है। इन सभी चीजों का दीपावली के त्यौहार से कोई लेना देना नहीं है लेकिन फिर भी लोग इसे बढ़-चढकर प्रयोग करते हैं।

इन सभी का कोई ऐतिहासिक या पौराणिक वर्णन नहीं है कि प्राचीन काल में भी पटाखे और आतिशबाजी की जाती थी लेकिन इन सभी की वजह से हर साल प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है। इस दिन लोग पैसे को धूल समझकर उससे जूआ खेलते हैं जो ठीक नहीं होता है। आज के लोग अपने कुछ क्षणों के मजे के लिए पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने से पीछे नहीं हटते हैं और अपने जीवन को भी खतरे में डाल लेते हैं।

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Diwali Essay in Hindi- दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी में

In this article, we are providing Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी | Nibandh in 100, 200, 250, 300, 500 words For Students & Children.

दोस्तों हमने Deepawali Par Nibandh | Essay on Diwali in Hindi लिखा है दीपावली | दिवाली पर निबंध हिंदी में कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, और 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए है। 8 Simple Essay on Diwali in Hindi language.

Diwali Essay in Hindi- दिवाली पर निबंध हिंदी में

दीपावली पर निबंध हिंदी में 10 लाइन- Diwali Essay in Hindi 10 lines for Child & Kids ( 100 words )

1. दीपावली हिंदुओं का पावन त्योहार है।

2. यह अक्टूबर-नवंबर के महीने में आता है।

3. दीपावली के दिन ही श्री राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

4. उनके आने पर पूरी अयोध्या नगरी को दीपों से सजाया गया था।

5. दीपावली के आने की तैयारी घर और दुकानों की साफ़-सफ़ाई और रंग-रोगन से होती है।

6. दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस के अवसर पर लोग अपने घरों के लिए नया सामान खरीदते हैं।

7. सभी मित्र-संबंधी आपस में मुँह मीठा करवाते हैं।

8. दीपावली के दिन गणेश-लक्ष्मी का पूजन होता है।

9. सभी रात में अपने घर को दीपों से सजाते हैं और पटाखे चलाते हैं।

10. दीपावली की रात रोशनी की रात होती है।

10 lines दीपावली पर निबंध कक्षा 3

जरूर पढ़े- 10 Lines on Diwali in Hindi

दीपावली पर निबंध 150 शब्द- Diwali Par Nibandh | Diwali Essay in Hindi 150 words

परिचय : दीपावली हिन्दू जाति का प्रधान पर्व है। इसकी प्रतीक्षा लोग बड़ी उत्सुकता से करते हैं।

वर्णन : यह कार्तिक की अमावस्या को खूब धूम-धाम से मनायी जाती है। सबलोग इस दिन संध्या को अपने-अपने घरों को रंग-बिरंगी बत्तियों से सजाते हैं। आज के दिन व्यापारी लोग अपना कार्य शुरू करना शुभ मानते हैं।

लाभ : दीपावली सफाई का त्योहार है। दीपावली के पहले ही घरों एवं दुकानों की लिपाई-पुताई की जाती है। दुकानदारों के पुरान बकाए वसूल हो जाते हैं। लोग मित्रों और संबंधियों से मिलते-जुलते हैं। इससे प्रेम और भाई-चारा बढ़ता है।

हानि : कुछ लोग दीपावली के दिन जुआ खेलना अच्छा समझते हैं लेकिन यह गन्दी आदत है। वे लोग जुआ खेलकर अपना सब कुछ गँवा बैठते हैं। आतिशबाजी के कारण लड़के जल जाते हैं एवं कहीं-कहीं आग लगने की दुर्घटना घट जाती है।

उपसंहार : दीपावली हमारे जीवन में नवीन प्रकाश लाती है। यह हमें भाई-चारा, सहयोग, सुख और शान्ति का सन्देश देती है।

जरूर पढ़े- Hindi Essay Topics

Short Essay on Diwali in Hindi – दीपावली पर निबंध हिंदी में ( 180 words )

दीपावली हिन्दुओं का एक मुख्य त्योहार है। यह कार्तिक मास की अमावास्या के दिन मनाया जाता है।

भगवान राम चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या लौटे। अयोध्या के लोगों ने खुशी में घी के दीपक जलाए। तब से दीपावली मनाते हैं।

दीपावली आते ही खुशी की लहर दौड़ जाती है। घरों और दुकानों की साफ सफाई की जाती है। उन्हें सुन्दर तरीके से सजाया जाता है। घर में अनेक तरह के पकवान और मिठाईयाँ बनती हैं। नए कपड़े खरीदे जाते हैं। इस दिन गाँव एवं नगर दीयों और रंगीन बल्बों के प्रकाश से जगमग करते हैं।

बच्चों को दीपावली बहुत पसंद है। परिक्षाएँ खत्म हो चुकी रहती है और पाठशालाओं में छुट्टियाँ हो जाती है। बच्चे पटाखे खरीदते हैं जैसे -अनार, रॉकेट, फुलझड़ी, चरखी आदि। दीपावली के दो-चार दिन पहले से ही वे पटाखे जलाने लगते हैं । कुछ पटाखे खतरनाक होते हैं। पटाखे सदा बड़ों के संरक्षण में जलाने चाहिए।

दीपावली खुशियों और प्रेम का त्योहार है। इसे हिलमिलकर मनाना चाहिए।

Deepawali Essay in Hindi

Diwali Essay in Hindi

दिवाली पर निबंध हिंदी में- Hindi Essay on Diwali in 200 words

दीपावली या दीवाली हिन्दुओं का एक बहुत पवित्र तथा महत्वपूर्ण त्यौहार है। यह सारे भारत में बड़े धूमधाम और उत्साह से मनाया जाता है। कार्तिक माह की अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है।

दीपों, मिठाइयों, लक्ष्मीपूजन और पटाखों का यह दिन सचमुच अद्भुत है। इस दिन के लिए बहुत पहले से ही तैयारियाँ प्रारंभ हो जाती हैं। घर-द्वार की सफाई, रंग-रोगन, दूकानों की सजावट, नये वस्त्रों, बरतनों, गहनों आदि की खरीद इस अवसर पर की जाती है। लोग-बाग उदारता से धन खर्च करते हैं और आनन्द मनाते हैं।

इसी दिन भगवान राम अपने 14 वर्ष के वनवास के पश्चात सीता के साथ अयोध्या लौटे थे। राम ने दुष्ट रावण का वध किया था। उन्होंने संतों, सज्जनों और दूसरे सभी अच्छे लोगों को रावण के भय से मुक्त किया था। इसी याद में सारी रात दीपक मालायें जलाई जाती हैं, सजावट की जाती है, मिलन मनाया जाता है और पकवान पकाये जाते हैं।

धनी और व्यापारी वर्ग इस दिन धन की देवी लक्ष्मी तथा विद्या के देवता गणेश का पूजन करते हैं। कुछ लोग इस दिन जुआ खेलते हैं। यह एक बड़ी सामाजिक बुराई है। हमें इससे बचना चाहिये। जैन धर्म के महान प्रवर्तक वर्धमान महावीर का देहावसान इसी दिन हुआ था।

इसी दिन आर्य समाज के प्रवर्तक स्वामी दयानन्द सरस्वती ने देह त्याग किया था।

Independence Day Essay in Hindi

Republic Day Essay in Hindi

दिवाली पर निबंध हिंदी में- Essay on Diwali in Hindi Language ( 250 words )

दिवाली या दीपावली एक मुख्य त्योहार है। यह केवल भारत में ही नहीं, विदेशों में भी मनायी जाती है। लोग’ आश्वयुज अमावास्या के दिन यह पर्व मनाते हैं। दिवाली का अर्थ दीपों की पंक्ति है।

उत्तर भारत में यह पर्व पाँच दिनों का है। आन्ध्र प्रदेश में यह तीन दिन मनाया जाता है। दिवाली के एक दिन पूर्व नरक चतुर्दशी पर्व और दिवाली के बाद दूसरे दिन भैया-दूज पर्व मनाया जाता है। नरक चतुर्दशी पर्व मनाने के सम्बन्ध में एक कथा प्रचलित है। श्रीकृष्ण की पत्नी सत्यभामा ने नरक नामक राक्षस का वध किया था। उस घटना की स्मृति में नरक चतुर्दशी पर्व मनाया जाता है।

दिवाली पर्व के सम्बन्ध में यह कथा प्रचलित है। रावण-वध के बाद जब राम अयोध्या लौटे तब पुरजनों ने उनके स्वागत में दीपों का आयोजन किया था। तब से दिवाली प्रचलित हुई। यह पर्व बूढ़े-बच्चे, स्त्री-पुरुष सब बड़े आनंद से मनाते हैं। इस दिन सब स्नान करके नये कपड़े पहनते हैं। वे मीठे पकवान खाते हैं। वे पटाखे जलाते हैं। रात को दीप जलाते हैं और लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

भैया-दूज भाई-बहन का त्योहार है। भाई बहन के घर जाकर खाना खाता है। बहन भाई को कपड़े देती है। भाई बहन को उपहार देता है। इस प्रकार यह पर्व भाई-बहन के प्रेम को बढ़ाने वाला है।

संक्षेप में दिवाली प्रकाश का पर्व है। यह आनंद का त्यौहार है। यह पर्व हमें यह सन्देश देता है कि ज्ञान रुपी प्रकाश अज्ञान रुपी अन्धकार कि दूर करता है।

Meri Pathshala Nibandh

Satsangati Essay in Hindi

दिवाली पर निबंध- Diwali Essay in Hindi for Class 10 ( 300 to 350 words )

दीपावली हिन्दुओं का अत्यन्त प्रमुख पर्व है। यह त्यौहार कार्तिक मास। के कष्ण पक्ष की अमावस्या को समारोह पूर्वक समस्त भारत में मनाया जाता है। यह धन-धान्य की देवी लक्ष्मी की पूजा का पर्व है, इस कारण भी इसका अधिक महत्त्व है।

यह त्यौहार कब से और क्यों मनाया जाता है ? इस सम्बन्ध में एक विचार यह है कि श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात् इसी दिन अयोध या लौटे थे। नगर निवासियों ने उनके स्वागत में दीप जलाए थे, तभी से यह पर्व मनाया जाता है। वैसे यह एक ऋतु पर्व है। वर्षा ऋतु में जो अन्न बोए जाते हैं, वे इस समय तक पक कर तैयार हो जाते हैं। किसानों के घर नए अन्न से भर जाते हैं, उन्हें इसकी प्रसन्नता होती है। किसान के साथ ही व्यापारी और जनता को भी इसकी प्रसन्नता होती है। अतः अन्न और धन-लक्ष्मी के स्वागत का ही यह त्यौहार है।

इसी दिन भगवान् श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध किया था और समुद्र मंथन से लक्ष्मी की उत्पत्ति भी इसी दिन हुई थी। दीपावली अपने साथ कई त्यौहार लेकर आती है। दीपावली से दो दिन पूर्व धन त्रयोदशी होती है। इसके पश्चात् नरक चतुर्दशी (छोटी दीपावली) आती है। अमावस्या को दीपावली का मुख्य उत्सव होता है। अगले दिन अन्नकूट या गोवर्धन पूजा का उत्सव होता है और उससे अगले दिन द्वितीया को भैया दूज का उत्सव मनाया जाता है।

दीपावली से पूर्व लोग घरों की सफाई करवाते हैं। इस दिन प्रातः काल से ही घरों में बड़ी चहल-पहल होती है। लोग बाजार से मिठाइयाँ, फल, खील-बताशे और दीवे लाते हैं। बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे खरीदते हैं।

सायं होते ही लोग घर की मुंडेरों पर सरसों के तेल के दीपकों की पंक्तियाँ जलाते हैं। बिजली के लटू या मोमबत्ती भी जलाये जाते हैं। दीपकों के प्रकाश से अन्धेरी राम भी पूर्णिमा की राम की तरह चमक उठती है। रात को लोग घरों और दुकानों पर लक्ष्मी पूजन करते हैं। लक्ष्मी पूजन के पश्चात् प्रसाद वितरण होता है। बच्चे फुलझड़ी और पटाखे चलाते हैं। इस अवसर पर मित्रों और सम्बन्धियों को भी मिठाई दी जाती है।

वास्तव में यह आनन्द और उत्साह का अनुपम पर्व है।

दिवाली पर निबंध- Deepawali par Nibandh Hindi mein ( 350 to 400 words )

भारत वास्तव में त्यौहारों तथा मेलों का देश है। यहाँ विभिन्न धर्म, जाति तथा सम्प्रदाय के लोग निवास करते हैं। ये लोग समय-समय पर अपने त्यौहार तथा पर्व मनाते हैं। ये पर्व ही भारत की संस्कृति की असली तस्वीर हैं। दीपावली भारतीय त्यौहारों में अपना प्रमुख स्थान रखता है। यह हिन्दुओं का मुख्य त्यौहार है। पूरे भारत वर्ष में यह अत्यंत हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार श्रीरामचन्द्रजी के चौदह वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है। ऐसा विश्वास है कि जब श्रीराम ने लंका के राक्षसपति रावण को हरा दिया तथा सीता माता को उसके चंगुल से मुक्त करा लिया तब वह अपने भाई लक्ष्मण तथा सेवक हनुमान के साथ अयोध्या लौटे थे। तब जनता ने खुशी में घी के दिये जलाकर प्रकाश किया तथा उनका अयोध्या में स्वागत किया। श्री राम के आने से अयोध्या की जनता अत्यंत प्रसन्न थी।

दीपावली आने से पहले लोग अपने घरों में साफ-सफाई तथा पुताई करते हैं। दीपावली से दो दिन पूर्व का दिन धनतेरस माना जाता है। इस दिन बर्तन खरीदना, जेवर या अन्य कोई नयी चीज खरीदना शुभ माना जाता है। दीपावली की रात को लोग लक्ष्मी देवी तथा गणेश की पूजा करते हैं। घरों में दिये, लैम्प आदि जलाये जाते हैं। पकवान बनते हैं तथा मिठाईयाँ पड़ोसियों व रिश्तेदारों में बाँटी जाती हैं। दीपावली की रात को बच्चों की तो मौज होती है। वे मिठाई, पकवान खाते घूमते हैं तथा पटाखे, अनार, फुलझड़ियाँ चलाते हैं। अगले दिन गोवर्धन पूजा होती है। उसके बाद भाई दौज आता है। इस दिन बहनें भाइयों के तिलक लगाती हैं। भाई बहनों को कुछ रुपये उपहार स्वरूप देते हैं।

दीपावली एक पावन पर्व है। लेकिन कुछ लोग जुआ और शराब में अपना पूरा त्यौहार निकाल देते हैं। वे इस दिन डटकर शराब पीते हैं तथा जुआ खेलते हैं। जुए में बहुत सी रकम हार जाते हैं। क्रोध में बीवी, बच्चों को मारते-पीटते हैं। इस पवित्र दिन यह अपिवत्र बातें नहीं करनी चाहिये। मर्यादा और गरिमा की सीमा में रहकर त्यौहार का आनन्द उठाना चाहिये। अत्यधिक धन खर्च करके पटाखे फोड़ना भी गलत है। इसमें से कुछ धन बचाकर दान दे देना चाहिये। ताकि निर्धन लोग भी खुशी के साथ त्यौहार का आनन्द उठा सकें।

दीपों का त्यौहार दिवाली पर निबंध- Essay on Diwali in Hindi with Headings (500 words )

भारतवर्ष त्यौहारों-पर्वो तथा उत्सवों का देश है। भारतीय त्यौहारों में दीपावली का विशेष महत्त्व है। यह इस देश का सांस्कृतिक एवं राष्ट्रीय त्यौहार है। दीपावली दीपों का त्यौहार है। दीपावली का बिगड़ा हुआ रूप है ‘दीवाली’। इसका अर्थ है दीपों की अवली अर्थात् दीपों की कतार (पंक्ति)। इस दिन हिन्दू लोग अपने घरों में दीये, मोमबत्तियाँ तथा बिजली के बल्बों को जलाकर, उनकी पंक्तियाँ अर्थात् कतार लगा देते हैं।

दीपावली कब मनाई जाती है? Diwali ka tyohar kab manaya jata hai

यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस्या को सारे भारतवर्ष में बहुत धूमधाम तथा उल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सभी ओर इतनी अधिक रोशनी की जाती है जिससे अमावस्या की काली रात भी पूर्णमासी की तरह जगमगाने लगती है। दीपावली से पूर्व ‘धनतेरस’ तथा इसके बाद ‘गोवर्धन पूजा’ और ‘भैया दूज’ के त्यौहार मनाए जाते हैं।

दीपावली क्यों मनाई जाती है? Diwali kyon manai jati hai

इस दिन भगवान श्रीराम चौदह वर्षों का वनवास काटकर तथा लंका पर विजय प्राप्त करके सीता तथा लक्ष्मण सहित अयोध्या लौटे थे। इस तिथि को श्रीरामचन्द्र जी का राजतिलक किया गया था। अतः इस दिन सारे अयोध्यावासियों ने इसी खुशी में आनन्दोत्सव मनाया था तथा अपने हर्षोल्लास को प्रकट करने के लिए दीप जलाए थे और मिठाइयाँ बाँटी थीं। जैन धर्म के महावीर स्वामी तथा आर्य समाज के स्वामी दयानन्द सरस्वती जी को भी इसी दिन मुक्ति मिली थी। इसीलिए जैनी तथा आर्य समाज के लोग भी इस त्यौहार को बहुत धूमधाम से मनाते हैं। यह भी कहा जाता है कि महाराज युधिष्ठिर का राजसूय यज्ञ भी इसी तिथि को सम्पन्न हुआ था।

दीपावली कैसे मनाई जाता हैं? Diwali Kaise manai jaati hai

इस दिन लोग अपने घरों व दुकानों को सजाते हैं। गलियों तथा बाजारों को भी सजाया जाता है बाजारों में हलवाइयों की दुकानें खूब सजी होती हैं और सभी लोग मिठाइयाँ खरीदते हैं। इस दिन बाजारों से सुन्दर-सुन्दर खिलौने व बर्तन आदि भी खरीद कर लाए जाते हैं। इस दिन स्त्रियाँ अपने घरों में पकवान भी बनाती हैं। बच्चे व युवक आतिशबाजी चलाते हैं। घरों में आस्थावान लोग गणेश और लक्ष्मी की पूजा करते हैं। लोग दीवाली पूजन के बाद अपने इष्ट मित्रों व सम्बन्धियों के घर मिठाइयाँ भेजते हैं। व्यापारी बन्धु इस दिन अपना नए वर्ष का नया बहीखाता बनाते हैं।

दीपावली के दिन कुछ लोग जुआ खेलना व शराब पीना अच्छा मानते हैं। यद्यपि इस कारण से अनेक घर बर्बाद हो जाते हैं। एक ओर लक्ष्मी की पूजा करके लोग उससे धन-प्राप्ति की प्रार्थना करते हैं तो दूसरी ओर बहुत से लोग जुआ खेल कर धन हार जाते हैं। फिर भी यह पर्व धनी-निर्धन, राजा-रंक एवं शिक्षित-अशिक्षित सभी के लिए हर्षोल्लास प्रदान करने वाला त्यौहार है।

दिवाली पर निबंध- Long Essay on Diwali in Hindi with Headings (650 words )

भारत वर्ष में अनेक धर्मो, विश्वासों और आस्थावाले लोग रहते हैं। इसलिए यहाँ अनेक त्यौहार मनाए जाते हैं। भारत में पर्वो की गौरवशाली परंपरा है। सभी लोग अपने-अपने त्यौहार उल्लास और आनंद से मनाते हैं। हिन्दू बहुसंख्यक हैं, इसलिए उनके त्यौहार भी अधिक हैं। कुछ त्यौहार क्षेत्रीय हैं और कुछ राष्ट्रीय। हिन्दुओं के प्रमुख त्यौहार हैं— दीपावली, विजयदशमी (दुर्गापूजा) रक्षा बन्धन और होली। दीपावली हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है। यह कहना असंगत न होगा कि दीपावली भारत का राष्ट्रीय पर्व है।

परिचय | Dipawali ka arth 

दीपावली मनाने के बारे में एक कहानी प्रचलित है। कहते हैं कि इसी दिन श्री रामचन्द्र जी लंका पर विजय प्राप्त कर अयोध्या लौटे थे। इस खुशी में अयोध्या-वासियों ने घर-घर दीप जलाए थे और आनंद मनाया था। तभी से यह त्यौहार पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

Dipawali ka Itihas

दीपावली पर्वो का समूह है। यह शरद ऋतु में मनाई जाती है। दीपावली का त्यौहार कार्तिक कृष्ण पक्ष 13 से लेकर कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तक अर्थात 5 दिनों तक मनाया जाता है। इस त्यौहार का पहला दिन ‘धन तेरस’ कहलाता है। इस दिन लोग नए-नए बर्तन खरीदते हैं। घर-घर में यमराज की पूजा होती हैं और दीप जलाकर घर के द्वार पर रखा जाता है। चतुर्दशी का दिन ‘नरक चौदस’ कहलाता है। कहा जाता है कि भगवान विष्णु ने नरसिंह अवतार लेकर अत्याचारी राजा हिरण्य कश्यप का वध किया था और भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी। एक अन्य घटना के अनुसार इसी दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर को मारा था। इस दिन घरों की सफाई की जाती है। मुख्य पर्व कार्तिक अमावस्या को मनाया जाता है। उस दिन शाम को लक्ष्मी जी का पूजन किया जाता है और घर-घर दीप जलाये जाते हैं। बच्चे फुलझड़ियाँ और पटाखे छोड़ते हैं। लोग स्वादिष्ट भोजन करते हैं। बच्चे प्रेम से मिठाइयाँ खाते हैं। चौथा दिन ‘गोवर्द्धन पूजन’ का होता है। इसी दिन श्रीकृष्ण ने गोवर्द्धन पर्वत उठाकर इन्द्र के कोप से गोकुल के लोगों की रक्षा की थी। दीपावली का पाँचवाँ दिन ‘भैया दूज’ या ‘यम द्वितीया’ के नाम से प्रसिद्ध है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाती हैं और मिठाइयाँ खिलाती हैं। कहा जाता है कि इस दिन यमुना नदी में स्नान करने से यमराज के चक्कर से बचा जा सकता है।

पर्व की विशेषता | Dipawali parv ka mahatva 

यह पर्व वर्षा समाप्त होने के बाद आता है। बरसात के कारण अनेक मकान टूट-फूट जाते हैं इनकी लोग मरम्मत करते हैं। महीनों पहले से घरों की लिपाई-पुताई और सफाई होने लगती है। सभी घर तरह-तरह से सजाए जाते हैं। बाजारों को साफ-सुथरा करके सजाया जाता है। रंग-बिरंगे फूल-पत्तियों और बल्बों से शहर वाले अपने मकानों, दुकानों और गलियों को सुसज्जित करते हैं। हर ओर प्रसन्नता और आपसी वैर-भाव भूलकर प्रेमपूर्वक लोग एक दूसरे से मिलते हैं और शुभकामनाएँ देते हैं। सभी के मन और हृदय शुद्ध और स्वच्छ हो जाते हैं। सफाई से रोग फैलाने वाले कीड़ों-पतंगों का नाश हो जाता है। आतिशबाजी और पटाखों की गंध और धुएँ से कीटाणु नष्ट हो जाते हैं।

पर्व के दुरुपयोग से हानियाँ

वह लोग जो जोश में आकर अपनी हैसियत से अधिक खर्च कर देते हैं, वे कर्ज से लद जाते हैं। वे वर्ष भर कष्ट पाते हैं। कई लोग दीपावली पर जुआ खेलना आवश्यक समझते हैं। जुआ खेलने से धन-दौलत हार जाते हैं। इससे उन्हें बहुत आर्थिक हानि हो जाती है, जिससे उनका जीवन दुःखी हो जाता है। कतिपय लोग इस अवसर पर नशीले पदार्थों का सेवन करते हैं, जो उनके लिए हानिप्रद होता है। लापरवाही से आतिशबाजी छोड़ने से कभी-कभी आग लग जाती है, जिससे जन-धन का बहुत नुकसान होता है।

दीपावली आनंद का पर्व है। इसे प्रेम पूर्वक और सावधानी से मनाना चाहिए। साज-सज्जा, आतिशबाजी आदि पर व्यर्थ पैसे खर्च करना बुरा है। जुआ खेलने तथा दूसरे दुर्व्यसनों से बचना चाहिए। आतिशबाजी छोड़ते समय सावधानी बरतनी चाहिए जिससे दुर्घटनाएँ न हों। यह त्यौहार हमें अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। इसलिए हमें ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जो हमारे लिए हानिप्रद हो।

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Essay in Hindi on Diwali | दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में

  • by Rohit Soni
  • Essay , Education

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अगर आप एक स्टूडेंट हैं तो आप इस निबंध से एक आईडिया ले सकते हैं Essay in Hindi on Diwali – दीपावली क्यों मनाई जाती है दिवाली पर निबंध? लिखने के लिए। या फिर आप इसे ही परीक्षा में लिख सकते हैं।

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Essay in Hindi on Diwali – दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में

Essay in Hindi on Diwali - दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में

हर घर में हो उजाला, आये ना रात काली; हर घर में मने खुशिया, हर घर में हो दिवाली।।

  • यह भी देखें – दीपावली पर शायरी और शुभकामनाएं फोटो

[ रूपरेखा – (1) प्रस्तावना (2) त्योहारों में दीपावली का महत्व (3) पर्व मनाने का कारण, समय और अवधि, (4) दीपावली त्योहार की तैयारी (5) उपयोगिता एवं हानियाँ, (6) उपसंहार। ]

प्रस्तावना (Introduction)

दीपावली पूरे भारत में हर्षोल्लास के साथ मनाई जाती है। दीपावली प्रकाश का पर्व है इस दिन सभी के घरो में घी या तेल के दीपक जलाए जाते हैं। और साथ में पटाखे, फुलझड़ी इत्यादि जलाए जाते हैं। बच्चे और यूवा आमतौर पर इस त्योहार को बेहद पसंद करते हैं क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और आनंदमय क्षण लेकर आता है। सभी अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलते हैं और अपने प्रियजनों के साथ बधाई और उपहार साझा करते हैं। दीपावली का त्योहार हम हर साल मनाते हैं।

त्योहारों में दीपावली का महत्व

सभी त्योहारों में दीपावली का विशेष महत्व है। यह कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है और भारत के सबसे बड़े और सर्वाधिक महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। दीपावली दीपों का त्योहार है। इसलिए इस त्योहार को प्रकाश पर्व या रोशनी का त्योहार के नाम से भी जाना जाता है। दीवाली को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है। आध्यात्मिक रूप से यह ‘अंधकार पर प्रकाश की विजय’ को दर्शाता है। भारत वर्ष में मनाए जाने वाले सभी त्यौहारों में दीपावली का सामाजिक और धार्मिक दोनों दृष्टि से अत्यधिक महत्व है।

पर्व मनाने का कारण, समय और अवधि

दीपावली इसलिए मनाई जाती है, क्योंकि जब त्रेतायुग में अयोध्या के राजा भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास पूरा करके और रावण को पराजित कर अपने अयोध्या नगरी में वापस लौटे तब, वहाँ के प्रजाजनों ने इस खुशी में पूरे अयोध्या नगरी में दिये जलाकर जश्न मनाया। जिससे कार्तिक मास की अमावश की काली रात पूर्णिमा की रात में बदल गई। और इसी कारण से इस त्योहार को प्रकाश पर्व या रोशनी का त्योहार के नाम से भी जाना जाता है। दीवाली को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में भी मनाया जाता है।

दीपावली त्योहार की तैयारी

दीपावली का त्योहार बहुत बड़ा त्योहार माना जाता है। इसलिए दीपावली के एक माह पहले से ही इसकी तैयारियाँ शुरु हो जाती है। लोग अपने घरों की साफ-सफाई करने लगते हैं। घर में पुताई-लिपाई के साथ अपने-अपने घरों के चारों तरफ साफ-सफाई करते हैं। सभी लोग अपने घरों में साल भर से जमा हुए कवाड़, टूटे फुटे सामान को घर से बाहर निकाल देते हैं। माना जाता है कि जहाँ साफ सफाई होती है वहाँ लक्ष्मी जी का वास होता है।

इसके साथ ही घरो की सजावज पर भी विशेष ध्यान दिया जाता है। चूँकि दीपावली रोशनी का त्योहार है इसलिए सभी लोग अपने घरो में रंग-बिरंगी लाइट, झिलमिली आदि से सजावज करते हैं। इस प्रकार से दीपावली पर चारों तरफ जगमगाती लाइटे और दीपक को देखकर मन खिलखिला उठता है। ऐसा लगता है की चाँद सितारे पृथ्वी पर उतर आए हैं।

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उपयोगिता एवं हानियाँ

दीपावली में घी या तेल के दीपक जलाने से घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर हो जाती है और चारों ओर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। तथा घर में सुख-समृद्धि का निवास होता है। इसके साथ ही दीपावली का त्योहार हमारे प्राचीन संस्कृति को दर्शाता है व हमें सही राह पर चलने की सीख देता है।

परन्तु दीपावली पर्व की कुछ हानियाँ भी सामने आती है जैसे पटाखो के कारण प्रदूषण फैलता है। घी एवं तेल की बहुत अधिक बर्बादी होती है। अत्यधिक सजावट के कारण बिजली की बर्बादी होती है। अत्यधिक मिठाई व पकवान खाने के कारण लोगो का स्वास्थ्य बिगड़ता है।

उपसंहार (Conclusion)

दीपावली का त्योहार रोशनी का त्योहार है। जैसे-जैसे दीपावली का त्योहार नजदीक आने लगता है तो इसके साथ ही घरों की रौनक भी बढ़ने लगती है। दीपावली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है इसलिए अंधेरे जैसे शैतान को दीपक जलाकर दूर भगाया जाता है। दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह त्योहार हमें बहुत ही अच्छे से मनाना चाहिए जिससे आपस में भाई चारा बना रहे। दीवाली अपने साथ अपार ख़ुशी और प्रेम लेकर आता हैं।

चूंकि यह त्योहार पर दीपो का त्योहार है इसलिए हमें दीपक आदि जला कर ही इसे मनाना चाहिए लेकिन हम पटाखे फुलझड़ी अनार जैसे चीजो में फिजूल के खर्चे करते हैं। जिससे कि पैसा तो व्यर्थ होता ही है इसके साथ ही वातावरण भी प्रदूषित होता है। अतः इन चीजो का भी ध्यान रखना चाहिए जिससे प्रकृति और अन्य जीवों को भी कोई नुकसान न हो।

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यह भी पढ़ें – ठंड मे बिना पानी के कैसे नहाए ?

दीपावली पर निबंध 250 शब्दों में

दीपावली एक रोशनी का पर्व है यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है। दीपावली हम हर साल कार्तिक मास की अमावस्या को मनाते हैं। इस दिन शाम को घी या तेल के दीपक जलाए जाते हैं। और भगवान श्री गणेश, माता लक्ष्मी और राम जी की पूजा की जाती है। इसके बाद सभी बच्चे और बड़े जन मिलकर आतिशबाजी (पटाखे, चक्री, अनार, राकेट जलाते हैं) करते हैं।

सभी लोग एक दूसरे को मिठाई और उपहार भेट करते हैं। यह त्योहार खासकर बच्चों को सबसे ज्यादा पसंद होता है। दीपावली का पर्व भगवान श्री राम के 14 वर्ष वनवास पूरा करके अयोध्या वापस लौटने की खुशी में अयोध्या की प्रजाजनो द्वारा पूरे नगरी में दिया जलाकर मनाया गया था। तभी से यह त्योहार मनाने की परंपरा शुरु हुई। आज भी पूरे भारतवर्ष में दीवाली को बहुत ही हर्षोउल्लास से मनाया जाता है।

दीपावली त्योहार के 1 माह पहले से ही सभी लोग अपने-अपने घरों की साफ सफाई में जुट जाते हैं। और घरों के साथ-साथ आसपास की जगहों की भी साफ सफाई की जाती है। घरों को रंग-बिरंगी लाईट और झिलमिली आदि से सजाते हैं। कुछ जगहों पर माताएं और बहने घरों के द्वार पर रंगोलिया बनाती हैं, जो काफी आकर्षक लगता है।

दीपावली के एक दिन पहले धनतेरश होता है इस दिन खूब खरीदारी की जाती है। लोग नए नए सामान खरीद कर घरों में लाते हैं। दीपावली के दिन व्यापारी अपने दुकान और वाहनों की भी पूजा करते हैं। इस प्रकार से दीवाली के त्योहार पर काफी चहल-पहल रहती है।

Diwali Essay in Hindi 10 Lines – दीपावली पर निबंध 10 लाइन

  • दीपावली भारत का सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ा त्यौहार है।
  • दीपावली को दीपों का त्योहार भी कहा जाता है।
  • यह त्यौहार भगवान श्री राम के चौदह वर्ष वनवास के बाद अयोध्या वापस लौटने की खुशी में मनाया जाता है।
  • दीपावली के एक माह पहले से ही लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करने लगते हैं।
  • दिवाली त्यौहार धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा और भैया दूज त्यौहार का समूह माना जाता है।
  • दीवली के दिन सभी लोग मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं।
  • बच्चों को यह त्योहार बहुत पसंद आता है क्योंकि पटाखे, फुलझड़ी, चक्री आदी जलाने को मिलते है।
  • दीपावली बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार है।
  • दीवाली के दिन सभी बच्चे, युवा, और बूढ़े सभी देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं।
  • सभी लोग दोस्तों और पड़ोसियों के साथ मिठाई और उपहार बांटते हैं।

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FAQ दीपावली

Diwali 2022 date in india.

Monday, 24 October

5 days of Diwali 2022 (Diwali के साथ और कौन से त्यौहार मनाए जाते हैं?)

Dhanteras – October 22, Saturday

Naraka Chaturdasi (Chotti Diwali) – October 23, Sunday

Lakshmi Puja (Diwali Festival) – October 24, Monday

Govardhan Puja – October 26, Wednesday

Bhai Dooj – October 27, Thursday

दीपावली पर सबसे ज्यादा महत्व किसका होता है?

दीपावली में मिट्टी के बने दीपक का सबसे ज्यादा महत्व होता है।

चंद्रयान 3 पर निबंध 100, 300, 500 शब्दों में | Chandrayaan 3 Essay in Hindi

Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya   पर हम उपयोगी , ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके। View Author posts

2 thoughts on “Essay in Hindi on Diwali | दीपावली पर निबंध 500 शब्दों में”

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Thanks sir aap hamre rashtbhasa hindi ko aur behtar bana rahe hai ✍️

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Lavkush Kumar जी धन्यवाद!

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दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

दिवाली

दीपावली (Deepawali) या दिवाली का अर्थ है दीपों की अवली मतलब दीपों की पंक्ति। यह पर्व विशेष कर भारत और भारत के पड़ोसी देश नेपाल में बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त अन्य देशों में (जहां हिंदू निवास करते हैं) भी यह विधि पूर्वक मनाया जाता है। यह पर्व अपने साथ खुशी, उत्साह और ढ़ेर सारा उमंग लेकर आता है। कार्तिक माह के अमावस्या को दिवाली का पर्व अनेक दीपों के प्रकाश के साथ मनाया जाता है। इस विशेष दिन पर अमावस्या की काली रात दिपों के जगमगाहट से रौशन हो जाती है। दिपावली पर पुराने रीत के अनुसार सभी अपने घरों को दीपक से सजाते हैं।

दिवाली पर 10 वाक्य   || दिवाली के कारण होने वाला प्रदूषण पर निबंध

दीपावली 2021 पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Diwali 2021 in Hindi, Deepawali par Nibandh Hindi mein)

निबंध – 1 (300 शब्द).

प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूर्ण कर अयोध्या वापस आने के उपलक्ष्य में दिवाली मनाया गया, तब से प्रति वर्ष दिवाली मनाया जाने लगा। स्कंद पुराण के अनुसार दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं प्रचलित हैं। अतः आध्यात्मिक दृष्टि से दिवाली हिंदुओं का बहुत अधिक महत्वपूर्ण त्योहार है।

दीपावली (Deepawali) के उपलक्ष्य में विभिन्न प्रचलित कथाएं (इतिहास)

दिवाली का इतिहास बहुत पुराना है, इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं जैसे कुछ लोगों के अनुसार सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाया जाता है। कुछ लोगों का मानना है द्वापर में कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक आमवस्या को किया था इसलिए मनाया जाता है। कुछ के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थी, एवं अन्य के अनुसार माँ शक्ति ने उस दिन महाकाली का रूप लिया था इसलिए मनाया जाता है।

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दीपावली की सर्वाधिक प्रचलित कथा

दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम के रावण का वध कर चौदह वर्ष पश्चात माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटने के उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया। तब से प्रति वर्ष कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाया जाने लगा।

दीपावली कब मनाई जाती है

उत्तरी गोलार्द्ध में शरद ऋतु के कार्तिक माह की पूर्णिमा को यह दिपोत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है। ग्रेगोरी कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार अक्टूबर या नवम्बर माह में मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) का महत्व

दिवाली की तैयारी के वजह से घर तथा घर के आस-पास के स्थानों की विशेष सफाई संभव हो पाती है। साथ ही दिवाली का त्योहार हमें हमारे परंपरा से जोड़ता है, हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराता है। इस बात का भी ज्ञान कराता है कि, अंत में विजय सदैव सच और अच्छाई की होती है।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच के राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है।

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निबंध – 2 (400 शब्द)

दीपावली (Deepawali), स्वयं में अपनी परिभाषा व्यक्त करने वाला एक शब्द है, जिसे हम सब त्योहार के रूप में मनाते हैं। यह दीपों और रोशनी का त्योहार है। हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की अमावस्या को हम दीवाली के रुप में मनाते हैं। इसे सभी हिंदू देशों जैसे की भारत, नेपाल, आदि में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। परन्तु इस वर्ष कोरोना के कारण दीवाली की परिभाषा थोड़ी अलग होगी। खुशियां तो आएंगी परंतु अभी लोगों से दूरी बनाने में ही समझदारी है।

2020 की कोरोना वाली दीवाली

इस वर्ष जहां एक ओर पूरा विश्व कोरोना नामक महामारी से लड़ रहा है तो वही त्योहारों का मौसम भी ज़ोर पर है। त्योहारों का आनंद जरूर उठाये परन्तु यह याद रखें की सावधानी हटी, दुर्घटना घटी अर्थात कोरोना किसी भी रूप में आप तक पहुंच सकता है इस लिये कुछ नियमों का पालन करें जैसे:

  • बाज़ार आवश्यक होने पर ही जाएं।
  • सामान लेने के बाद घर आकर सामान को सैनिटाइज जरूर करें।
  • मास्क पहनना न भूलें और एक छोटा सैनिटाइजर भी साथ में अवश्य रखें।
  • दीवाली अपने साथ ठंडक को भी दस्तक देती है तो अपनी सेहत का भी ध्यान दें।
  • एक जिम्मेदार नागरिक बनें और बच्चों को भी पटाखों से होने वाले नुकसान बताएं।
  • मौसम बदलने पर ज्यादातर लोग बीमार पड़ते हैं इस लिये त्योहार की भागा दौड़ी में खुद का ख्याल रखना न भूलें।
  • घरों में डस्टिंग और सफाई आदि करने से कई बार श्वास संबंधी रोग से पीड़ित लोगों को दिक्कत होने लगती है, इस लिये इसे करने से बचें क्यों की किसी भी तरह की श्वास संबंधी बीमारी होने पर लोगों में बेमतलब कोरोना की आशंका हो जाती है।
  • स्वास्थ्य के अतिरिक्त लोकल सामानों को खरीदें और लोकल के लिये वोकल बनें और भारतीय उत्पाद अपनाएं।
  • दीयों से खूबसूरत कुछ नहीं लगते, इस लिये विदेशी लाइटों की जगह घरों को मिट्टी के दीयों से सजाएँ और देश की अर्थव्यवस्था सुधारने में मदद करें।

अपकी दीवाली केवल परिवार के साथ

दीवाली रोशनी का त्योहार तो है ही, साथ में खुशियां भी लाती है। बच्चों से लेकर बूढ़ों तक हर कोई इस दिन का बेसबरी से इंतजार करता है। नए कपड़ों, रंग-बिरंगी मिठाइयों और रंगोली के सामान से बाजारों में रौनक आ जाती है। लोग जम कर खरीदारी करते हैं और अपने-अपने घरों को भी सजाते हैं। इस दिन पूरे देश में खुशी का माहौल रहता है।

इस दीवाली खुद भी सुरक्षित रहें और दूसरों को भी रखें इस लिये इस वर्ष किसी के घर न जाएं सब को फ़ोन पर ही बधाई दे दें। अच्छा भोजन खाएं, ज्यादा बाज़ार के उत्पाद न खाएं घर पर बना खाना खाएं और स्वास्थ्य का विशेष ध्यान दें और परिवार के साथ इसका आनंद लें।

हर त्योहार की अपनी खासियत होती है, ठीक इसी प्रकार रोशनी के इस पर्व को समृद्धि का सूचक माना जाता है। ज्यादातर घरों में इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा-अर्चना की जाती है और धन-धान्य का वरदान मांगा जाता है। इस वर्ष पर्यावरण और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए एक शांत और रोशनी से भरपूर त्योहार अपने-अपने परिवार के साथ मनाएं।

Diwali Essay

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निबंध – 3 (500 शब्द)

दीपावली (Deepawali) धन, धान्य, सुख, चैन व ऐश्वर्य का त्योहार है। भारत के विभिन्न राज्य इस अवसर पर पौराणिक कथाओं के आधार पर विशेष तरह की पूजा करते हैं। दिवाली, भारत तथा नेपाल में प्रमुख रूप से मनाया जाता है। इसके अलावा अन्य देशों में भी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

भारत के विभिन्न स्थान पर दिपावली मानाने की वजह

भारत के विभिन्न राज्यों में दिवाली मानाने की अलग-अगल वजह है। उन में से कुछ प्रमुख निम्नवत् हैं-

  • भारत के पूर्वी भाग में स्थित उड़ीसा, बंगाल इस दिन माता शक्ति को, महाकाली का रूप धारण करने के वजह से मनाते हैं। और लक्ष्मी के स्थान पर काली की उपासना करते हैं।
  • भारत के उत्तरी भाग में स्थित पंजाब के लिए दिवाली बहुत महत्व रखता है क्योंकि 1577 में इसी दिवस पर अमृतसर में स्वर्ण मंदिर की नींव रखी गई थी। और इसी दिन पर सिक्खों के गुरु हरगोबिंद सिंह को जेल से रिहा किया गया था।
  • भारत के दक्षिण भाग में स्थित राज्य जैसे तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, आदि दिवाली पर, द्वापर में कृष्ण द्वारा नरकासुर के वध के खुशी में कृष्ण की पूजा करके मनाते हैं।

विदेश में दिपावली का स्वरूप

  • नेपाल – भारत के अलांवा भारत के पड़ोसी देश नेपाल में दिपावली का त्योहार धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिवस पर नेपाली कुत्तों को सम्मानित करते हुए उनकी पूजा करते हैं। इसके अलांवा वह संध्याकाल में दीपक जलाते हैं तथा एक-दूसरे से मिलने उनके घर जाते हैं।
  • मलेशिया – मलेशिया में हिंदुओं की संख्या ज्यादा होने के वजह से इस दिन पर सरकारी अवकाश दिया जाता है। लोग अपने घरों में पार्टी आयोजित करते हैं। जिसमें अन्य हिंदू व मलेशियाई नागरिक सम्मिलित होते हैं।
  • श्रीलंका – इस द्वीप में रह रहे लोग दिवाली के सुबह उठ कर तेल से स्नान करते हैं और पूजा के लिए मंदिर जाते हैं। इसके अतिरिक्त यहां दिवाली के मौके पर खेल, आतिशबाजी, गायन, नृत्य, भोज आदि आयोजित किया जाता है।

इन सब के अतिरिक्त अमेरिका, न्यूजीलैंड, मॉरिशस, सिंगापुर, रीयूनियन, फिजी में बसे हिंदुओं द्वारा यह पर्व मनाया जाता है।

दीपावली (Deepawali) पर ध्यान रखने योग्य बातें

विशेषकर लोग दीपावली (Deepawali)पर पटाखे जलाते हैं, यह पटाखे अत्यधिक खतरनाक होते हैं। मस्ती में होने के वजह से अनचाही दुर्घटना होने का खतरा बना रहता है। अतः त्योहार के धूम-धाम में व्यक्ति को सुरक्षा का भी पूर्ण खयाल रखना चाहिए।

दीपावली (Deepawali)पर अभद्र व्यवहार न करें

कई लोगों का मानना है, दिपावली के अवसर पर जुआ खेलने से घर में धन की बाढ़ आ जाती है। इस कारणवश अनेक लोग इस अवसर पर जुआ खेलते हैं। यह उचित व्यवहार नहीं है।

अत्यधिक पटाखो का जलाया जाना

पटाखों के आवाज से अनेक बेजुबान जानवर बहुत अधिक डरते हैं। इसके अलांवा बड़े-बुजुर्ग और गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज़ भी इन ध्वनि से परेशानियों का सामना करते हैं। इसके साथ ही दिवाली के दूसरे दिन प्रदुषण में वृद्धि हो जाती है।

दिवाली खुशीयों का त्योहार है। इससे जुड़ी प्रत्येक चीज हमें खुशी देती है। हम सभी को समाज के ज़िम्मेदार नागरिक होने के नाते यह कर्तव्य बनता है की हमारे मस्ती और आनंद के वजह से किसी को भी किसी प्रकार का कष्ट न होने पाए।

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Essay on diwali in hindi दिवाली पर निबंध.

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hindiinhindi Essay on Diwali in Hindi

Essay on Diwali in Hindi 200 Words

भारत एक त्यौहारों का देश है। यहाँ पर कई त्यौहार मनाए जाते है उनमें से एक हैं दीवाली। दीवाली या दीपावली भारत का एक बड़ा त्यौहार है। दीपावली का मतलब ‘दीपक की पंक्ति है’। यह त्यौहार राम जी के चौदह वर्ष बाद बनवास से अध्योया वापिस लौट आने की खुशी में मनाया जाता है। इस दिन अध्योया के लोगों ने उनका स्वागत धी के दीपक जलाकर किया था। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

लोग इस त्यौहार को बहुत हर्ष और उल्लास के साथ मनाते है। लोग अपने घरों को दीपक से सजाते है और हर तरफ रोशनी फैलाते है। शाम के वक्त माता लक्ष्मी जी की और गणेश जी की पूजा की जाती है। पूजा के बाद बच्चे पटाखे जलाते है। यह त्यौहार रिश्तेदारों तथा दोस्तों को मिठाईयॉ बॉटकर, तोहफे देकर मनाया जाता है। यह त्यौहार हिन्दुओं के लिए बहुत महत्वपूर्ण है और वह बेसब्री से इस त्यौहार का इंतजार करते हैं। हमें बुराई पर अच्छाई की जीत जो इस त्यौहार का प्रतीक है, इससे कुछ सीख लेनी चाहिए और कोई भी गलत काम नहीं करना चाहिए।

Essay on Diwali in Hindi 250 Words

दीपावली यानी रोशनी, सजावट, पटाखे, मिठाई, और हाँ, स्कूल की लंबी छुट्टियाँ भी! अब ऐसे त्योहार का भला किसे इंतजार नहीं रहेगा! क्या बच्चे, क्या बड़े सभी दीपावली का बेसब्री से इंतजार करते हैं। दीपावली का अर्थ है – दीपों की पंक्ति। माना जाता है कि इस दिन अयोध्या के राजा श्री रामचंद्र चौदह बरस के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे। लोगों ने अपने राजा के स्वागत में घी के दीपक जलाए थे। उस समय अमावस्या की अँधेरी रात दीयों की रोशनी से जगमगा उठी थी। तब से आज तक यह त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को उसी उमंग, उसी जोश के साथ मनाया जाता है।

दीपावली कई दिनों तक मनाया जाने वाला त्योहार है। दशहरे के बाद से ही इसकी तैयारियाँ शुरू होने लगती हैं। घरों और दुकानों की साफ-सफाई, और रँगाई-पुताई की जाती है। यहाँ तक कि गली-मोहल्लों में भी रंग-बिरंगी झालरों से सजावट की जाती है। लोग नए कपड़े खरीदते हैं। घरों में मिठाइयाँ और पकवान बनाए जाते हैं।

दीपावली से दो दिन पहले धनतेरस का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन घर में एक दीया जलाया जाता है और बर्तन खरीदे जाते हैं। इसके अगले दिन छोटी दीपावली मनाई जाती है। इस दिन भी खूब रोशनी की जाती है और बड़ी दीपावली की सारी तैयारियाँ पूरी कर ली जाती हैं।


अगले दिन यानी बड़ी दीपावली को सुबह से ही लोग अपने मित्रों और, रिश्तेदारों के घर मिठाइयाँ और पकवान लेकर शुभकामनाएँ देने जाने लगते हैं। शाम को माँ लक्ष्मी और गणेशजी की पूजा की जाती है। सभी घर, गलियाँ और बाजार दीयों, मोमबत्तियों और रंगीन बल्बों से जगमगा उठते हैं। भले ही देश के अलग-अलग राज्यों में इसे अलग-अलग तरह से मनाया जाता हो, पर यह हर जगह खुशियाँ लेकर आता है।

Essay on Diwali in Hindi 300 Words

भारत त्यौहारों का देश है और दिवाली भारत में हिन्दुओं द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा त्योहार है। यह त्यौहार प्रतिवर्ष कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया है। दीपावली का मतलब होता है, दीपों की अवली यानि पंक्ति। दिवाली दशहरा के 20 दिन बाद अक्टूबर या नवंबर महीने में मनाया जाता है। दशहरे के बाद से ही घरों में दिवाली की तयारियाँ शुरू हो जाती है। इस दिन ही अयोध्या के राजा श्री राम ने लंका के अत्याचारी राजा रावण का नाश कर और चौदह वर्ष का वनवास काटकर सीता, लक्ष्मण सहित अयोध्या वापस लौटकर आये थे। उनकी विजय और आगमन की खुशी में अयोध्यावासियों ने पूरे नगर को घी के दीयों से प्रकाशित कर दिया था। उस दिन से ही प्रत्येक वर्ष भारतवासी इस दिन दीप जलाकर अपना हार्दिक हर्षोउल्लास प्रकट करते हैं और एक दूसरे को मिठाईया खिलाकर अपनी प्रसन्ता जाहिर करते है।

दिवाली से कुछ दिन पहले से ही घर, दुकान और कार्यालय की साफ़ – सफाई की जाती है क्यूंकि ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन अपने घर, दुकान, और कार्यालय आदि में सफाई रखने से उस स्थान पर लक्ष्मी माता का प्रवेश होता है। इस दिन सभी लोग खास तौर से बच्चे उपहार, मिठाईयां, पटाखे और नये कपड़े बाजार से खरीदते हैं। दिवाली के दिन घर, दुकान, कार्यालय में लक्ष्मी और गणेश पूजा की जाती है। पूजा संपन्न होने के बाद सभी एक दूसरे को प्रसाद और उपहार बाँटते हैं तथा साथ ही ईश्वर से अपने जीवन और दूसरों की खुशियों की कामना करते हैं। शाम के समय सभी अपने घर में पूजा करने के बाद घरों को दीयों से सजाते हैं और अंत में पटाखों और विभिन्न खेलों से सभी दिवाली की मस्ती में डूब जाते है।

दिवाली सभी के लिये एक महत्वपूर्ण उत्सव है क्योंकि यह लोगों के लिये खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इसी दिन लोग बुरी आदतों को छोड़कर अच्छी आदतों को अपनाते हैं। इस दिवाली के साथ ही बुराई पर अच्छाई की जीत के साथ ही नए सत्र की शुरुआत भी होती है। सभी भारतीयों के लिए दिवाली एक प्रिय त्यौहार है।

Essay on Diwali in Hindi 350 Words

भारत त्योहारों की भूमि के रूप में जाने वाला महान देश है। यहाँ प्रसिद्ध और सबसे ज्यादा मनाया जाने वाले त्योहारों में से एक दीवाली या दीपावली है। दीवाली हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो देश भर में और साथ ही देश के बाहर हर साल मनाया जा रहा है। यह रोशनी का त्योहार है, जो कि लक्ष्मी के घर आने और बुराई से सच्चाई की जीत का प्रतीक है। यह तब मनाया जाता है, जब 14 वर्ष के वनवास के बाद भगवान राम, सीता और लक्ष्मण अयोध्या लौटे थे और अयोध्या के लोगों ने उनका तेल का दीपक जलाकर स्वागत किया था। यही कारण है कि इसे ‘प्रकाश का महोत्सव’ कहा जाता है। इस दिन भगवान राम ने लंका के राक्षस राजा, रावण को मार डाला ताकि पृथ्वी को बुरी गतिविधियों से बचाया जा सके। यह हिन्दू कैलेंडर द्वारा हर साल कार्तिक के महीने की अमावस्या पर मनाया जाता हैं। दीवाली के दिन हर कोई खुश होता है और एक दसरे को बधाई देता है। लक्ष्मी का स्वागत करने के लिए लोग अपने घरों कार्यालयों और दुकानों को साफ करते हैं और सफेदी भी करवाते है, वे अपने घरों को सजाते हैं, और दीपक जलाकर माता लक्ष्मी का स्वागत करते है।

दिवाली के त्योहार में पांच दिन का जश्न है जिसे आनंद और प्रसन्नता के साथ मनाया जाता है। दिवाली का पहला दिन धनतेरस के रूप में जाना जाता है, दूसरे दिन नारका चतुर्दशी या छोटी दिवाली है, तीसरी दिन मुख्य दीवाली या लक्ष्मी पूजा है,चौथे दिन गोवर्धन पूजा है और पांचवे दिन भैया दौज है। दिवाली समारोह के पांच दिनों में से प्रत्येक का अपना धार्मिक और सांस्कृतिक विश्वास है। दिवाली त्योहार पूरे देश का त्योहार है। यह हमारे देश के प्रत्येक नुक्कड़ और कोने में मनाया जाता है। इस प्रकार यह त्यौहार भी लोगों के बीच एकता की भावना पैदा करता है। यह एकता का प्रतीक बन गया है। भारत इस त्यौहार को हजारों सालों से मना रहा है और आज भी इसे जश्न और उल्लास के साथ मनाया जाता है, जो ऐतिहासिक और धार्मिक दोनों है।

Essay on Diwali in Hindi 400 Words

दीपावली बच्चो का सबसे मन-पसंदिदा त्यौहार है। यह उन्हें पटाके चलने के साथ साथ जश्न मानाने का भी मौका देता है। दीपावली के साथ जुडी बहुत कहानिया है। दीपावली का त्यौहार भगवान राम व पत्नी सीता और उनके भाई लक्ष्मण का 14 वर्षो के बनवास काटने के बाद उनकी वापसी के सम्मान के रूप में मानते हैं। ऐसा कहा जाता है की प्रभु श्री राम ने लंका-पति रावण को मर जब अयोध्या में वापिसी की थी, इसी ख़ुशी में प्रभु के स्वागत के लिए दीपवाली मनाई जाती है। विष्णु के “वामन” अवतार द्वारा महाबली चाकुरवर्ती की हार भी इसी दिन हुई थी।

दीवाली से एक दिन पहले नरक चतुदर्शी का त्यौहार होता है जिसे लोग अगले दिन दीप और पटाखों के साथ इस अवसर को मनाते है। दिवाली का अर्थ ही दीपों की पंक्तियां है। दिवाली सिर्फ हिंदुओं का ही नहीं बल्कि जैन और सिख लोग भी इसे अपने-अपने कारन इस त्यौहार को मनाते हैं। जैन:ओ के आखिरी देवता वर्धमान महावीर का निर्माण भी इसी दिन हुआ था। इस दिन पर लोग धन की देवी माँ लक्ष्मी देवी जी की पूजा करते हैं। माना जाता है कि इसे जिन माता लक्ष्मी अपने भक्तों को दर्शन देती हैं। दरअसल दिवाली का दूसरा नाम ही लक्ष्मी पूजा है। मारवाड़ी लोक भी इसी दिन माँ लक्ष्मी पूजा को बहुत महत्व देते हैं, यहां तक कि उनका नया साल की दिवाली के साथ ही शुरू होता है।

दिवाली के दिन सभी सुबह जल्दी उठकर स्नान करके, नए कपड़े पहनते हैं, स्वादिष्ट मिठाई के साथ अपना दिन बताते हैं। घर में छोटे-बड़े श्रद्धा के साथ लक्ष्मी जी की पूजा करते हैं। सूर्यास्त में दीपक जलाते हैं और पटाखे भी फोड़ते हैं। अमृत की अंधेरी रात में दीपावली पर जलाया दीपक चमक उठता है। दिवाली पर आतिशबाजी सर्दियों की ठंडक कम कर देती है। दिवाली की रात जैसे ही गाढ़ी हो जाती है और पटाखों का शोर कम हो जाता है, अगले वर्ष तक रहने वाली खुशियां लिपटकर बच्चे अपने बिस्तर पर सो जाते हैं।

Essay on Diwali in Hindi 450 Words

दिवाली हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध त्यौहार है। दीपावली को दीपों का त्यौहार भी कहा जाता है। इस दिन लोग अपने घरों पर मोमबत्तियों और दीपकों की कतार लगा देते है। यह त्यौहार कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या को पूरे भारत में बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार विशेष रूप से पांच दिन तक होता है। पहले दिन धनतेरस के रूप में जाना जाता है, जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है। दूसरे दिन नरका चतुर्दशी या छोटी दिवाली के रूप में जाना जाता है, जिसे भगवान कृष्ण की पूजा करके मनाया जाता है। तीसरे दिन मुख्य दिवाली दिवस के रूप में जाना जाता है जिसे देवी लक्ष्मी की पूजा करके मनाया जाता है।

चौथे दिन भगवान कृष्ण की पूजा करके गोवर्धन पूजा के रूप में जाना जाता है। लोग अपने दरवाजे पर पूजा करके गोबर के गोवर्धन बनाते हैं। पांचवें दिन यम द्वितिया या भाई दौज के रूप में जाना जाता है। जिसे भाइयों और बहनों द्वारा मनाया जाता है। दिवाली पर दीपों, मोमबत्तियों और बिजली के बल्बों से इतनी रौशनी की जाती है की अमावस्या की रात पूर्णिमा की रात जैसे जगमगाती है। कहा जाता है की इस दिन श्रीराम 14 साल बनवास काटकर तथा रावण का वध कर, सीता और लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे। इसके आने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने दिये जलाये थे। साथ ही हर घर मिठाईयां बाँटी थी। इसीलिए दिवाली को बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक भी माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि इस दिन अपने घर, दुकान, और कार्यालय आदि में साफ-सफाई रखने से उस स्थान पर लक्ष्मी का प्रवेश होता है। दिवाली के दिन घरों को दीयो से सजाना और पटाखे फोडने का भी रिवाज है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन नई चीजों को खरीदने से घर में लक्ष्मी माता आती है। इस दिन सभी लोग खास तौर से बच्चे उपहार, पटाखे, मिठाइयां और नये कपडे बाजार से खरीदते है। शाम के समय, सभी अपने घर में लक्ष्मी आराधना करने के बाद घरों को रोशनी से सजाते है। पूजा संपन्न होने पर सभी एक दूसरे को प्रसाद और उपहार बाँटते है, साथ ही ईश्वर से जीवन में खुशियों की कामना करते है।

अंत में पटाखों और विभिन्न खेलों से सभी दीवाली की मस्ती में डूबा जाते है। दीपावली का त्योहार सभी के जीवन को खुशी प्रदान करता है। नया जीवन जीने का उत्साह प्रदान करता है। अंधकार पर प्रकाश की विजय का यह पर्व समाज में उल्लास, भाईचारे व प्रेम का संदेश फैलाता है। दीप जलते रहें मन से मन मिलते रहें, गिले शिकवे सारे मन से निकलते रहें, सारे विश्व मे सुख-शांति की प्रभात ले आये, ये दीपो का त्योहार खुशी की सौगात ले आये…

Essay on Diwali in Hindi 500 Words

जन-जन ने हैं दीप जलाए, लाखों और हज़ारों ही । धरती पर आकाश आ गया, सेना लिए सितारों की ।

भूमिका – ‘दीपावली’ का अर्थ होता है – ‘दीपों की आवली या पंकित’ यह त्यौहार कार्तिक मास की अमावस को मनाया जाता है । यह सब धर्मो का सबसे बड़ा त्यौहार है । इस दिन लोग अमावस की काली रात को असंख्य दीपक जलाकर पूर्णिमा में बदल देते हैं ।

इतिहास : इस त्योहार को मनाने के कारणों में सबसे प्रमुख कारण है इस दिन भगवान श्री राम लंका के राजा रावण को मारकर तथा वनवास के चौदह वर्ष पूरे कर सीता और लक्ष्मण सहित अयोध्या लोटे थे । उनके स्वागत में अयोध्यावासियों ने घी के दीये जलाये थे ।

जैन धर्म के प्रवर्तक महावीर स्वामी तथा आर्यसमाज के संस्थापक स्वामी दयानंद और अट्ठेत वेदान्त के संस्थापक स्वामी रामतीर्थ को इसी दिन निर्वाण प्राप्त हुआ था । सिक्ख भाई भी दीवाली को बड़े धूमधाम से मनाते है क्योंकि छठे गुरु हरगोबिंद सिंह जी 52 राजाओं को ग्वालियर की जेल से मुक्त करवाकर लाए थे । इन सबकी पवित्र याद में सब धर्मो के द्वारा यह दिन बड़े सम्मान से मनाया जाता है । दीपावली से दो दिन पूर्व ” धनतेरस’ मनाई जाती है । इस दिन लोग नए बर्तन खरीदना शुभ मानते हैं । अगले दिन चौदस के घरों का कूड़ा-कर्कट बाहर निकाला जाता है और छोटी दीवाली मनाई जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध किया था ।

मनाते की तैयारी : दीपावली है कुछ दिन पहले ही लोग घरों की लिपाई-पुताई करवा कर उन्हें चमकाना शुरू कर देते हैं घर, बाजार सजाना शुरू कर देते हैं । मिठाइयाँ, पटाखे और सजावट की वस्तुओं से बाजार भर जाते हैं ।

” होली लाईं पूरी, दीवाली लाई भात । “

मनाने का ढंग : अमावस्या के दिन दीवाली मनाई जाती है । घरों में रोशनी की जाती है । रात को लश्मी-पूजा की जाती है । सगे-संबंधियों और मित्रों को मिठाइयाँ तथा उपहार भेजे जाते है । बच्चे बम तथा पटाखे चलाते हैं । व्यापारी लोग लक्षमी-पूता के बद नये बही-खाते शुरू करते हैं । अमृतसर की दीवाली की शोभा अनोखी होती है ।

दिवाली पूरे वातावरण में उमंग, उल्लास, उत्साह और नवीनता का संचार करती है ।

संदेश : यह त्यौहार हमे अंधेरे पर प्रकाश की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत की प्रेरणा देता है । कहीं-कहीं पटाखों को लापरवाही से चलाते समय बच्चों के हाथ-पाँव जल जाते है । ‘ अहिंसा परमो धर्म: ‘ का पालन करते हुए अधिकार जैन लोग पटाखे नहीं चलाते ताकि जीव हत्या न हो । ऐसा करने से धन की हानि पर भी अंकुश लगता है ।

उपसंहार : जिन महापुरषों की याद में यह दीपावली पर्व मनाया जाता है, हमें उनके आदर्शो पर चलना चाहिए। यह त्योहार सबके मनों में ज्ञान का उजाला भरे इसी शुभेच्छा के साथ हमें इसे मनाना चाहिए।

Essay on Diwali in Hindi 700 Words

आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी ने एक स्थान पर लिखा है: “दीपावली प्रकाश का पर्व है। इस दिन जिस लक्ष्मी की पूजा होती है, वह गरुड़वाहिनी है; शक्ति, सेवा और गतिशीलता उसके मुख्य गुण हैं। प्रकाश और अंधकार का नियत विरोध है। अमावस्या की रात को प्रयत्नपूर्वक लाख-लाख प्रदीपों को जलाकर हम लक्ष्मी के उलुकवाहिनी रूप की नहीं, गरुड़वाहिनी रूप की उपासना करते हैं। हम अंधकार का समाज से बटकर रहने की स्वार्थपरता का प्रयत्नपूर्वक प्रत्याख्यान करते हैं और प्रकाश का, समाजिकता का और सेवावृत्ति का आह्वान करते हैं। हमें भूलना नहीं चाहिए कि यह उपासना ज्ञान द्वारा चालित और क्रिया द्वारा अनुगमित होकर ही सार्थक होती है।

”सर्वध्या दया महालक्ष्मी स्त्रिगुणा परमेश्वरी।

लक्ष्यातिलक्ष्य स्वरूपा सा व्याप्य कुत्स्नं व्यवस्थिता ।।”

अर्थात् दीपावली प्रकाश का त्योहार है। यह घने अंधकार को दूर भगाने वाले उज्ज्वल प्रकाश का त्योहार। यह मानव-मन की साम्यवादिता और पवित्रता का त्योहार है। हमारा मन परस्पर अंधी और जाग्रत दोनों ही प्रकार की वृत्तियों से युक्त होता है और ये ही दोनों हमारे सम्पूर्ण जीवन को प्रभावित करती हैं। जिस व्यक्ति में अंधी वृत्तियों का दबाव ज्यादा होता है, वह व्यक्ति अपने जीवन में जिस-जिस प्रकार के कार्यों को संपन्न करता है उन्हें प्रायः असामाजिक और कुकृत्य कहकर संज्ञानित किया जाता है। किन्तु जिस व्यक्ति में जाग्रत वृत्तियों का बाहुल्य होता है वह व्यक्ति अपने सम्पूर्ण जीवन में जितनी भी कार्यों को संपन्न करता है उन्हें सम्पूर्ण समाज पूरी हार्दिकता के साथ न केवल सम्मानीय स्थान प्रदान करता है, अपितु उन्हें सम्पूर्ण समाज का अनुकरणीय प्रतिमान के रूप में भी स्थापित करता है। दीपावली एक ऐसा ही त्योहार है जो मानव-मन की सात्विक वृत्तियों को प्रेरित, पोषित और पल्लवित करता है। वह हममें अनेकानेक ऐसे जीवन-संकल्पों को जाग्रत कराती है जो न केवल हमारे व्यक्तिगत, मनुष्योचित-विकास के प्रधान कारक होते हैं बल्कि सम्पूर्ण समाज के समुचित उन्नयन के कारक भी होते हैं।

दीपावली भारत का एक अति प्राचीन त्योहार है। कहा जाता है कि ये त्योहार महात्मा बुद्ध के समय में और गुप्तकाल में भी इसी भांति मनाया जाता था, जिस प्रकार इसे आज मनाया जाता है। दीपावली का ऐतिहासिक, पौराणिक और सांस्कृतिक महत्व भारतीयों के लिए बहुत अधिक है। उनकी आन्तरिक भावनाएं और आस्थाएं इस पर्व से पूर्णत: मिली और घुली हुई हैं।

दीपावली का पर्व जिस गहरे उत्साह और जोश के साथ मनाया जाता है उससे हम सभी लोग परिचित हैं। इस अवसर पर प्रत्येक भांति की स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाता है। घरों की सफाई आदि व्यापक स्तर पर हम लोगों ने इस अवसर पर ही होती हुई देखी हैं। हम सभी लोग साफ-सुथरे वस्त्र और अन्य भांति के अनेक प्रसाधन धारण करते हैं। इस अवसर पर नाना भांति के खाद्य पदार्थ और व्यंजन तैयार किए जाते हैं। सबसे महत्वपूर्ण यह है कि इस दिन शाम को हर घर में लक्ष्मी जी की पूजा होती है ताकि प्रत्येक प्रकार की अभावग्रस्तता से हम मुक्त हो सके।

किन्तु इस व्यापक पर्व का जो सामाजिक-महत्व है उसे अत्यंत उच्चतर श्रेणी का कहा जा सकता है। द्विवेदी जी ने इसे रेखांकित करते हुए लिखा है: “आज से हजारों वर्ष पहले मनुष्य ने निश्चय किया था कि वह दरिद्रता की अवस्था में नहीं रहेगा, वह सामाजिक रूप में समृद्ध रहेगा। एक व्यक्ति नहीं, एक परिवार नहीं, एक जाति भी नहीं, बल्कि समूचा मानव समाज समृद्धि चाहता है, अदारिद्र्य चाहता है, अभावों का अन्त चाहता है, उल्लास और उमंग चाहता है दीपावली का उत्सव उसी सामाजिक मंगलेच्छा का दृश्यमान मूर्तरूप है।” अर्थात यह त्योहार एक सामान्य प्रकार का उत्सव न होकर एक अति विशिष्ट उद्देश्य और लक्ष्य से प्रेरित उत्सव है। यह पर्व समूची मानव-जाति की शुभेच्छा चाहने वाला और उस शुभेच्छा को प्राप्त करने हेतु गतिशीलता प्रदान करने वाला पर्व है।

अन्त में कहा जा सकता है कि दीपावली मात्र मनोरंजन आदि का पर्व नहीं अपितु, वह समस्त मानव सभ्यता के मूल में गतिशील रही उस जिजीविषा का पर्व है जो उसे निरन्तर मंगल की ओर, प्रकाश की ओर, हार्दिकता और मनुष्यता की ओर गतिशील बने रहने का संदेश देता है।

Essay on Diwali in Hindi 1000 Words

रूपरेखा : दीपावली का महत्त्व, दीपावली की तैयारी, दीपावली मनाने के विविध कारण, सजे-धजे बाज़ार, मनाने की विधि, लक्ष्मी पूजन का महत्त्व, गोवर्धन और भैयादूज, कतिपय कुरीतियों का समावेश और उनका निवारण, दीपावली का संदेश, उपसंहार।

दीपावली दीपों का त्योहार है। प्रकाश का त्योहार है। सुख-समृधि का त्योहार है। हर्ष-विनोद का त्योहार है। प्यार-प्रीति और उल्लास का त्योहार है। मनुष्य ने ईश्वर से सदैव अँधेरे से उजाले की ओर ले जाने की प्रार्थना की है -“तमसो मा ज्योतिर्गमय – हे प्रभु! हमें अंधकार से प्रकाश की ओर ले चलो।” यह अंधकार अज्ञान का है, अभाव का है, दीन-हीनता और गरीबी का है, आपसी वैरभाव और मनमुटाव का है। दीपावली के दिन दीप जलाकर हम जैसे संपूर्ण मानवजाति को इन सबसे मुक्त करने की कामना करते हैं, ज्ञान का प्रकाश फैलाने का संकल्प लेते हैं और गा उठते हैं – जगमग जगमग दीप जल उठे, चमक उठी है रजनी काली।

सारे भारत में शरद ऋतु में दीपावली का त्योहार किसी-न-किसी रूप में बड़े उत्साह से मनाया जाता है। कई सप्ताह पहले से ही इस त्योहार की तैयारी आरंभ हो जाती है। सभी लोग अपने घरों की सफ़ाई करते हैं। वर्षाकाल में मकानों के अंदर और बाहर जो गंदगी इकट्ठी हो जाती है, उसे निकाल दिया जाता है। मकानों की रँगाई और पुताई की जाती है, सड़कों और गलियों की विशेष सफ़ाई कराई जाती है। दुकानदार अपनी दुकानों की सफ़ाई कराकर उन्हें आकर्षक ढंग से सजाते हैं। त्योहार के समय सभी ग्राम तथा नगर बड़े ही साफ़-सुथरे दिखाई देते हैं। इसलिए हम दीपावाली को स्वच्छता का त्योहार भी कह सकते हैं।

दीपावली हमारे देश का बहुत प्राचीन त्योहार है। कहा जाता है कि दीपावली के दिन श्री रामचंद्र जी चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या लौटे थे। इसलिए अयोध्यावासियों का हृदय उल्लास से भरा हुआ था। विजयी राम के स्वागत में अयोध्या नगर के निवासियों ने नगर की दीपमालाओं से सजाया था। तभी से दीपावली का त्योहार प्रतिवर्ष मनाया जाने लगा।

यह सुख-समृद्धि का त्योहार है। कृषि प्रधान देश में खरीफ़ की फ़सल इस समय तक कटकर घर में आ जाती है। घर अन्न से भर जाते हैं और लोग हर्षपूर्वक दीपावली मनाकर समृधि की देवी लक्ष्मी का पूजन करते हैं।

दीपावली का त्योहार वास्तव में प्रकाश और आनंद का पर्व है। इस अवसर पर घरों में तरह-तरह की मिठाइयाँ और पकवान बनते हैं। बाज़ार से खील, बतासे, मिठाइयाँ, खिलौने, लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियाँ आदि खरीदकर लाई जाती हैं। बच्चे पटाखे और विभिन्न प्रकार की आतिशबाज़ी खरीदते हैं। शहर की सड़कों पर और गली में आतिशबाज़ी की दुकानें पहले से लगी रहती हैं।

दीपावली का पर्व लगातार पाँच दिनों तक मनाया जाता है – धनतेरस से लेकर भैयादूज तक। दीपावली के दो दिन पूर्व धनतेरस होती है। यह भी दीपावली का ही अंग है। धनतेरस के दिन बाज़ार सजाए जाते हैं और वे दीपावली तक सजे रहते हैं। बरतनों की दुकानों की शोभा तो देखते ही बनती है। इस दिन प्रायः सभी हिंदू परिवारों में कोई छोटा या बड़ा बरतन अवश्य खरीदा जाता है। धनतेरस के अगले दिन छोटी दीपावली होती है। छोटी दीपावली पर भी लोग कुछ दीपक जलाकर अपना उल्लास प्रकट करते हैं।

दीपावली के दिन सायंकाल में लक्ष्मी और गणेश की पूजा की जाती है। दुकानदार अपनीअपनी दुकानों पर भी लक्ष्मी-गणेश का पूजन करते हैं। इस पूजन के बाद जगमगाते दीपकों से मकानों और दुकानों की सजावट की जाती है। चारों ओर बच्चे पटाखे छोड़ते हुए घूमते हैं। शहरों में बिजली की रोशनी से भी सजावट होती है। उस समय का दृश्य बड़ा ही मनोहारी होता है। अमावस्या के गहन अंधकार के बीच छोटे-छोटे दीपों की मालाएँ बहुत आकर्षक लगती हैं। जब बच्चे जी भरकर आतिशबाज़ी छोड़ लेते हैं और पटाखों का संग्रह समाप्त हो जाता है, तब वे घर जाकर प्रसाद, खील-बतासे और मिठाइयाँ खाते हैं। लोग अपने पड़ोसियों और संबंधियों के यहाँ उपहार के रूप में खील-बतासे, मिठाई-पकवान आदि भेजते हैं। देर रात तक चहल-पहल रहती है और पटाखों की आवाज़ गूंजती रहती है।

दीपावली के दूसरे दिन गोवर्धन पूजा की धूमधाम रहती है। इस दिन लोग अपनी पशु-संपदा की पूजा करते हैं। अनेक स्थानों पर गाय-बैलों को रंगों से अलंकृत भी किया जाता है। तीसरे दिन भैयादूज (भ्रातृ द्वितीया) का पर्व मनाया जाता है। भैयादूज के दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं। उन्हें मिठाई खिलाती हैं और उनके मंगलमय भविष्य की कामना करती हैं।

खेद की बात है कि इस पवित्र पर्व के साथ कुछ बुराइयाँ भी जुड़ गई हैं। आजकल खतरनाक ढंग से आतिशबाज़ी छोड़ने का रिवाज़ बहुत बढ़ गया है। इसके कारण प्रायः आग लग जाने की दुर्घटनाएँ हो जाती हैं। कभी-कभी बच्चे अपने हाथ-पैर आदि जला बैठते हैं। आतिशबाज़ी से प्रदूषण भी बहुत फैलता है। यदि बच्चे आतिशबाज़ी का प्रयोग करें भी तो हलकी-फुलकी आतिशबाज़ी का प्रयोग करें और बड़ों के निर्देशन में ही करें। यह प्रसन्नता की बात है कि अब धीरे-धीरे लोगों में आतिशबाज़ी के भयंकर परिणामों के प्रति चेतना जगने लगी है।

इस पर्व पर लोग जुआ भी खेलते हैं, जिसके कारण अनेक परिवार नष्ट हो जाते हैं। यह कुरीति दीपावली के अवसर पर जैसे भी आई हो, उचित नहीं है। शायद उल्लास के इस पर्व को मनाने की उमंग में यह दुष्प्रवृत्ति बढ़ती गई। इस कुरीति को बिलकुल ही समाप्त कर देने का संकल्प लेना चाहिए। अच्छा यह होगा कि दीपावली को हम प्रकाश का ही पर्व बना रहने दें। उसे अँधरे की ओर न ठेलें। धरती पर फैले सभी प्रकार के अँधेरे को मिटाने का संकल्प लें। इस कवि की गुहार भी सुनें – जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना, अँधेरा धरा पर कहीं रह न पाए।

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दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi): सरल भाषा में Diwali Essay In Hindi पढ़ें

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दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi)- घरों में रोशनी की झिलमिलाहट और बाज़ारों में मिट्टी के दीयों की महक बताती है कि दिवाली (Diwali) या दीपावाली (Deepawali) का त्योहार आने ही वाला है। हिंदुओं का सबसे प्रमुख और बड़ा त्योहार दिवाली है। दीपों का खास पर्व होने की वजह से इसे दीपावली या दिवाली के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ होता है दीपों की अवली यानी कि पंक्ति। दिवाली हमारे जीवन के दुखों के अंधकार को दूर कर खुशियों की रोशनी भरने का संदेश देकर चली जाती है। आप हमारे इस पेज से दिवाली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi) पढ़कर दिवाली के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi)

स्कूल में पढ़ने वाले छात्र इस आर्टिकल को पढ़कर अपने स्कूलों में हिंदी में दिवाली पर निबंध (Essay In Hindi Diwali) आसानी से लिख सकते हैं। अगर आप दिवाली के बारे में जानना चाहते हैं, तो parikshapoint.com आपके लिए दीपावली पर निबंध हिंदी में (Essay On Deepawali In Hindi) लेकर आया है। इस पोस्ट से आप दिवाली पर हिंदी में निबंध (Essay For Diwali In Hindi) पढ़ सकते हैं। आप हमारे इस पेज पर दिए Diwali Nibandh In Hindi पढ़कर जान सकते हैं कि दिवाली कब और क्यों मनाई जाती है? हमनें Hindi Diwali Essay एकदम सरल, सहज और स्पष्ट भाषा में लिखा है, ताकि हर वर्ग के लोग हमारे इस Diwali In Hindi Essay को आसानी से समझ सकें।

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स्कूलों में छात्रों को अक्सर दिवाली पर्व (Diwali Festival) के अवसर पर निबंध प्रतियोगिता में Hindi Essay Diwali लिखने के लिए दिया जाता है, जिसमें वह Diwali Ka Nibandh लिखते हैं। आप हमारे इस पेज पर दिए गए Hindi Essay About Diwali को पढ़कर Diwali In Hindi के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं और एक बेहतर Essay Of Diwali In Hindi लिखकर दिखा सकते हैं। इस पेज से आप हिंदी में दिवाली पर निबंध (Diwali Essay Hindi) के साथ-साथ दिवाली पर निबंध 300 शब्दों में और दिवाली पर निबंध 10 लाइन भी नीचे से पढ़ सकते हैं। Nibandh On Diwali In Hindi पढ़ने के लिए नीचे देखें।

दिवाली पर निबंध हिंदी में (Diwali Essay In Hindi)

भारत के लोग त्योहारों के ज़रिए अपनी खुशी ज़ाहिर करने में पीछे नहीं हटते और हमारे देश में हर महीने कोई-न-कोई त्योहार मनाया जाता है। अलग-अलग धर्मों के लोग अपने-अपने त्योहार अपनी परंपरा, संस्कृति और रीति-रिवाज के अनुसार मनाते हैं। इन्हीं में से एक त्योहार है दिवाली। दिवाली खुशियों का त्यौहार है, जिसे हिंदू धर्म के लोग बड़ी ही उत्साह के साथ मनाते हैं। दिवाली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक चलता है, जिसमें धनतेरस, छोटी दिवाली, दिवाली, गोवरधन पूजा और भाईदूज शामिल है। दिवाली का त्योहार केवल हमारे देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। दिवाली के दिन अमावस्या की काली रात होती है, लेकिन इसके बावजूद भी दीपक और रंग-बिरंगी लाइटों की रोशनी से काली रात भी जगमगा उठती है। दिवाली का अर्थ, इतिहास और महत्त्व जानने के लिए आगे पढ़ें।

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दिवाली का अर्थ

दिवाली शब्द संस्कृत के दीपावली शब्द से लिया गया है। दीपावली दो शब्दों दीप+आवली से मिलकर बना है, जिसका हिंदी में अर्थ है दीपक और श्रृंखला यानी कि दीपकों की श्रृंखला या दीपों की पंक्ति। दिवाली के पर्व को दीपोत्सव भी कहा जाता है। दीपक को स्कन्द पुराण में सूर्य के हिस्सों का प्रतिनिधित्व करने वाला भी माना गया है। दिवाली के अर्थ को आसान शब्दों में इस प्रकार समझ सकते हैं कि दिवाली का त्योहार अंधकार से प्रकाश में ले जाने वाला रोशनी का उत्सव है।

दिवाली कब मनाई जाती है?

हिंदी कैलेंडर के अनुसार दिवाली का त्यौहार दशहरे के 21 दिन बाद कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है, जो अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अक्टूबर या नवंबर का महीना होता है। दिवाली के त्योहार की रौनक पाँच दिनों तक रहती है। दिवाली की विशेष बात यह है कि इसके साथ चार अन्य त्यौहार और मनाये जाते हैं। दिवाली का उत्साह एक दिन नहीं बल्कि पूरे एक हफ्ते तक रहता है। दिवाली के त्योहार के साथ-साथ शरद ऋतु यानी सर्दियां की प्रारंभ हो जाती हैं और मौसम भी ठंडा होने लगता है।

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दिवाली का इतिहास

भारत में दिवाली या दीपावली का त्योहार प्राचीन समय से ही मनाया जाता हुआ आ रहा है। दिवाली के इतिहास को लोग कई अलग-अलग तरह से देखते हैं, लेकिन ज़्यादतर लोग मानते हैं कि जब भगवान श्री रामचन्द्रजी चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे, तब अयोध्या वासियों ने उनके स्वागत के लिए घी के दीपक जलाए थे और पूरी अयोध्या नगरी को फूलों से सजा दिया था। जिस दिन भगवान श्री राम अयोध्या लौटकर आए थे उस दिन अमावस्या की काली रात थी। हर तरफ अंधेरा ही अंधेरा था जिस वजह से वहाँ पर कुछ भी साफ नज़र नहीं आ रहा था। इसलिए अयोध्या वासियों ने वहाँ पर दीपक जलाकर पूरी अयोध्या नगरी को रोशन कर दिया था। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश की विजय का दिन भी माना जाता है क्योंकि दिवाली के दिन जहाँ एक तरफ पूरे भारत में अमावस्या की काली रात होती है, तो वहीं दूसरी तरफ दीपकों की रोशनी उस काली रात को रोशन कर देती है। हिंदू धर्म के लोगों के अलावा अन्य धर्म के लोग भी इस त्योहार को बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं।

दिवाली का महत्त्व

हिंदू धर्म के लोगों के लिए दिवाली का विशेष महत्त्व होता है। दिवाली का त्योहार घरों की साफ-सफाई से शुरू होता जिसके बाद इस त्योहार में एक के बाद एक कई चीज़ें शामिल होती चली जाती हैं, जैसे- नए कपड़े और नए बर्तनों की खरीदारी, घरों की सजावट के लिए लाइटें और अन्य सामग्री, लक्ष्मी और गणेश की नई तस्वीर, मिठाइयां, प्रसाद, गिफ्ट आदि। लोग दिवाली की तैयारी दिवाली से लगभग दस दिन पहले ही शुरू कर देते हैं। दिवाली हमें हमारी परंपरा से जोड़ने का काम करती है और हमारे आराध्य के पराक्रम का बोध कराती है। दिवाली हमें ये ज्ञान और शिक्षा भी देकर जाती है कि अंत में विजय हमेशा सच और अच्छाई की ही होती है। हिंदू धर्म का सबसे बड़ा त्योहार होने के कारण हर हिंदू की आस्था दिवाली से जुड़ी हुई है। दिवाली का त्योहार कई तरह के महत्त्व को अपने अंदर समेटे हुए है, जैसे- आध्यात्मिक, सामाजिक, आर्थिक, ऐतिहासिक आदि।

सबसे पहले अगर हम इसके आध्यात्मिक महत्त्व को देखें, तो हमें दिवाली के पर्व से जुड़ी हुई कई धार्मिक और पौराणिक कहानियां सुनने को मिलती हैं। इस त्योहार को हिंदू, जैन, सिख आदि कई धर्मों के लोग बड़ी ही धूमधाम से मनाते हैं। इन सभी धर्मों में दिवाली के दिन ऐसी कोई ना कोई घटना ज़रूर हुई है, जो अंधकार पर प्रकाश, अज्ञान पर ज्ञान, निराशा पर आशा और बुराई पर अच्छाई की विजय को दर्शाती है। दिवाली का त्यौहार धर्म और अध्यात्म से जुड़ा हुआ है, जो लोगों के विचारों में सकारात्मकता लाने का काम करता है और लोगों को अध्यात्म की तरफ बढ़ने के लिए भी प्रेरित करता है। आध्यात्मिक महत्त्व के साथ दिवाली का सामाजिक महत्त्व भी बहुत बड़ा है। दिवाली के पर्व को सभी धर्मों के लोग मिल-जुलकर मनाते हैं। लोग एक-दूसरे से मिलने के लिए और दिवाली की शुभकामनाएं देने के लिए उनके घर जाते हैं, जो सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा देता है। दिवाली के अवसर पर हम भारतीय लोग जमकर खरीदारी भी करते हैं जिससे बाज़ारों में आर्थिक उछाल आता है और विक्रेताओं की आमदनी भी बढ़ती है। इससे दिवाली का आर्थिक महत्त्व और भी बढ़ जाता है। दिवाली के दिन कई ऐतिहासिक घटनाएं हुईं, जैसे- भगवान राम चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे, समुंदर मंथन के दौरान मां लक्ष्मी का जन्म हुआ, आर्य समाज की स्थापना हुई, अकबर ने दीप जलाकर दिवाली का त्योहार मनाया, सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को जेल से रिहा किया, महावीर स्वामी को इस दिन मोक्ष की प्राप्ति हुई आदि। ये सभी घटनाएं दिवाली के ऐतिहासिक महत्त्व को दर्शाती हैं।

दिवाली खुशियों का त्योहार है और खुशियाँ हमेशा बांटने से ही बढ़ती हैं। दिवाली के पर्व के अवसर पर जिस प्रकार एक दीपक अंधेरे को दूर करके हमारे आसपास रोशनी देने का काम करता है, ठीक उसी प्रकार हम भी अपने आसपास के ज़रूरत मंद लोगों की मदद कर उनके जीवन के दुख के अंधेरे को दूर कर खुशियों की रोशनी देने का काम कर सकते हैं। ये ही दिवाली का संदेश भी है और उद्देश्य भी।

दिवाली पर निबंध 300 शब्द में

दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi)- दिवाली खुशियों का त्योहार है, जो हर किसी के लिए खुशियां लेकर आती है। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई इस त्योहार को बड़ी ही धूम-धाम के साथ मनाता है। दिवाली का त्योहार स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि जगहों पर भी बहुत ही उल्लास के साथ मनाया जाता है। दिवाली कार्तिक मास की अमावस्या को साल में एक बार मनाई जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार दिवाली अक्टूबर या नवम्बर के महीने में होती है। सबसे पहले दिवाली प्रभु राम के चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके अयोध्या वापस आने की खुशी में अयोध्या के लोगों ने घी के दीये जलाकर मनाई थी। तब से हर साल पूरे देश में दिवाली मनाई जाने लगी।

स्कंद पुराण में दिवाली से जुड़ी अनेक कथाएं सुनने को मिलती हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से अगर देखें, तो दिवाली हिंदुओं का बहुत बड़ा और महत्त्वपूर्ण त्योहार है। दिवाली का इतिहास बहुत ही पुराना है और इससे जुड़ी अनेक पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं, जैसे- कुछ लोगों का मानना है कि सतयुग में भगवान नृसिंह ने इस दिन हिरण्यकश्यप का वध किया था। इसलिए इस उपलक्ष्य में दिवाली मनाई जाती है। कुछ लोग मानते हैं कि द्वापर युग में भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर का वध कार्तिक अमावस्या को किया था, इसलिए दिवाली मनाई जाती है। और कुछ लोगों के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी दूध सागर से प्रकट हुई थीं और उन्होंने महाकाली का रूप लिया था। इसलिए ये त्योहार मनाया जाता है। दिवाली मनाए जाने वाले कारणों में सबसे प्रचलित कहानी त्रेता युग में प्रभु राम की है, जिसमें उन्होंने रावण का वध किया था और चौदह वर्ष के बाद माता सीता और भाई लक्ष्मण के साथ अयोध्या लौटे थे, जिसके उपलक्ष्य में पूरी अयोध्या नगरी को फूलों और दीपों से सजाया गया था और तब से हर साल कार्तिक अमावस्या को दिवाली मनाई जाने लगी।

दिवाली के साथ जुड़ी अनेक पौराणिक कहानियां इसके महत्त्व को और अधिक बढ़ा देती हैं। इस त्योहार से हम सभी को सच्चाई की राह पर चलने की सीख प्राप्त होती है। हमें दिवाली का त्योहार एक-दूसरे के साथ अपनी खुशियां बांटकर मनाना चाहिए और इस बात को भी हमेशा याद रखना चाहिए कि हम अपने उत्साह की वजह से प्रकृति और प्राकृतिक चीज़ों को नुकसान न पहुंचाएं।

दिवाली पर 10 लाइनें

1. दिवाली का त्योहार हिंदुओं के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे दीपों का त्योहार भी कहा जाता है। 2. दिवाली का त्योहार पूरे पांच दिनों तक चलता है, जिसमें धनतेरस, छोटी दिवाली, दीपावली, गोबरधन पूजा और भाई दूज शामिल है। 3. दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम चौदह साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे। 4. भगवान श्री राम के वापस अयोध्या लौटने की खुशी में वहां के लोगों ने इस दिन को दिवाली के रूप में मनाया। 5. दिवाली का त्योहार हर साल अक्टूबर या नवम्बर माह में कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। 6. इस दिन पूरे भारत को दुल्हन की तरह सजाया जाता है। 7. दिवाली की शाम भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की पूजा की जाती है। 8. इन दिन सभी लोग अपने घरों, दुकानों, दफ्तरों आदि में दीप जलाते हैं। 9. दिवाली के दिन सभी लोग अपने पड़ोसियों और रिश्तेदारों को मिठाई, गिफ्ट आदि देते हैं। 10. इन दिन बहुत से लोग पटाखे भी जलाते हैं।

People also ask

प्रश्न- दिवाली का क्या महत्व है? उत्तरः दिवाली का महत्त्व धर्म और इतिहास से जुड़ा हुआ है।

प्रश्न- दीपावली के दिन किसकी पूजा की जाती है? उत्तरः भगवान लक्ष्मी और गणेश जी की।

प्रश्न- दीपावली पर हम क्या क्या करते हैं निबंध? उत्तर: हर कोई इस त्यौहार को बड़ी ही धूम धाम से मनाता है। साथ ही स्कूलों, कॉलेजों, दफ्तरों आदि में भी दिवाली का त्यौहार बहुत ही उल्लास के साथ मनाया है। अधिक जानकारी के लिए हमारा ये आर्टिकल पढ़ें।

प्रश्न- दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध लिखना है? उत्तर: दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

प्रश्न- दिवाली कब है 2023? उत्तर: दिवाली इस बार 12 नवंबर को है।

प्रश्न- दीपावली का प्राचीन नाम क्या है? उत्तर: इसे दीपोत्सव भी कहते हैं। दीपों का खास पर्व होने के कारण इसे दीपावली या दिवाली नाम दिया गया।

प्रश्न- दिवाली सिख हिस्ट्री? उत्तर: सिख धर्म के लोग भी इस त्यौहार को बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं। वे लोग इस त्यौहार को इसलिए मनाते है क्योंकि इसी दिन अमृतसर में 1577 में स्वर्ण मन्दिर का शिलान्यास हुआ था। साथ ही सिक्खों के छठे गुरु हरगोबिन्द सिंह जी को भी इसी दिन ग्वालियर की जेल से जांहगीर द्वारा रिहा किया गया था।

प्रश्न- दीपावली मनाने के कारण? उत्तर: दिवाली इसलिए मनायी जाती है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम 14 साल का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे।

प्रश्न- दीपावली का अर्थ? उत्तर: शुद्ध शब्द “दीपावली” है , जो ‘दीप’ (दीपक) और ‘आवली’ (पंक्ति) से मिलकर बना है जिसका अर्थ है ‘दीपों की पंक्ति’।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह हिंदी में निबंध (Essay In Hindi) ज़रूर पसंद आया होगा और आपको इस निबंध से जुड़ी सभी ज़रूरी जानकारी भी मिल गई होगी। इस निबंध को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।

parikshapoint.com की तरफ से आप सभी को “दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं” (Happy Diwali)।

1 thought on “दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi): सरल भाषा में Diwali Essay In Hindi पढ़ें”

भाई बहुत ही बढ़िया और सरल भाषा में निबंध लिखा है। मुझे दीवाली पर लिखे सायरी काफी पसंद आए। आगे भी ऐसे ही लेख को आप देते रहेगा। आप मेरे पोस्ट पर भी जा सकते है। जिसमे हमने आपको यदि इंटरनेट न होता तो कें बारे में विस्तारपर्वक चर्चा की है।

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दिवाली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi

(दिवाली पर निबंध / दीपावली पर निबंध – Essay on Diwali in Hindi – Hindi Essay On Diwali – Diwali Essay in Hindi – Diwali Par Nibandh – Diwali Nibandh in Hindi – Diwali Festival Essay in Hindi – दिवाली के त्योहार पर निबंध – Essay on the festival of Diwali in Hindi)

दिवाली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है। रोशनी के इस त्यौहार को “दीपावली ” के नाम से भी जाना जाता है। दिवाली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। भले ही बुराई रावण की तरह शक्तिशाली और बुद्धिमान हो, लेकिन उसका अंत एक दिन अवश्य होता है।

Table of Contents

दीपावली पर निबंध (300 शब्दों में) – Diwali Essay in Hindi

दिवाली, हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जिसका अर्थ है ‘दीपकों की पंक्ति।’ यह त्यौहार ख़ुशी और उत्सव का प्रतीक है और हर साल अक्टूबर और नवंबर के बीच मनाया जाता है। दिवाली के दिन लोग अपने घरों को सुंदर ढंग से सजाते हैं और रात में दीयों से रोशनी करते हैं।

दिवाली का महत्व कई परंपराओं और कहानियों से जुड़ा हुआ है। एक प्रमुख किंवदंती के अनुसार, इस दिन भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण अपने 14 साल के वनवास से अयोध्या लौटे थे, लोगों ने उनके स्वागत के लिए दीपक जलाए थे। इसके साथ ही श्रीकृष्ण ने राक्षस नरकासुर का वध करके लोगों को खुशहाली भी दिलाई थी।

दिवाली के पांच दिवसीय त्योहार में हर दिन का विशेष महत्व होता है। पहले दिन को ‘धनतेरस’ कहा जाता है, जिसमें लोग अपने व्यवसायों और घरों की सफाई करते हैं। दूसरे दिन को ‘छोटी दिवाली’ कहा जाता है, जिसमें लोग अपने घरों को खूबसूरती से सजाते हैं। तीसरे दिन को ‘मुख्य दिवाली’ कहा जाता है, जब लोग अपने घरों को दीयों से रोशन करते हैं और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं।

दिवाली के इस खास मौके पर लोग नए कपड़े पहनते हैं और मिठाइयां बनाते हैं। फूल और पटाखे फोड़े जाते हैं और दुकानों, बाजारों और घरों को रंग-बिरंगे दीयों से सजाया जाता है।

दिवाली के चौथे दिन को ‘गोवर्धन पूजा’ कहा जाता है, जिसमें गाय माता की पूजा की जाती है। इस दिन, लोग बहुत सारे विशेष व्यंजन, जैसे खील-बताशा, बर्फी, गुलाब जामुन और अन्य स्वादिष्ट भोजन तैयार करते हैं और उन्हें दोस्तों और परिवार के साथ साझा करते हैं।

दिवाली के आखिरी दिन को ‘भाई दूज’ कहा जाता है, जिसमें बहनें यमराज की पूजा करती हैं और अपने भाइयों के लिए आशीर्वाद मांगती हैं।

दिवाली का त्योहार हर किसी के जीवन में सुख और समृद्धि का प्रतीक है। इसे एक नई शुरुआत का संकेत माना जाता है और लोग नए संकल्प लेते हैं और अपने जीवन को सफल और खुशहाल बनाने की कोशिश करते हैं।

दिवाली के इस उत्सव के तहत, लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर खुशियाँ मनाते हैं, और सामाजिक और आपसी दोस्ती को मजबूत करते हैं।

दिवाली पर निबंध (500 शब्दों में) – Diwali Nibandh in Hindi

दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” के रूप में जाना जाता है, न केवल भारत में बल्कि दुनिया भर के हिंदू समुदायों द्वारा मनाए जाने वाले सबसे प्रमुख और प्राचीन हिंदू त्योहारों में से एक है। यह भव्य त्योहार अपने साथ समृद्धि, खुशियाँ और रोशनी की आशा लेकर आता है, जिसे विभिन्न समुदायों के लोगों द्वारा अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है।

दिवाली कार्तिक माह की अमावस्या को पड़ती है। यह एक ऐसा समय होता है जब अंधेरी रात अनगिनत दीपकों और दीयों के साथ जीवंत हो उठती है, जिससे आसपास का वातावरण जगमगा उठता है। दिवाली का बड़ा धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह चौदह साल के वनवास के बाद भगवान राम की अयोध्या वापसी की याद दिलाता है। उनकी वापसी के दौरान, अयोध्या के निवासियों ने अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक, दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था।

इसके अतिरिक्त, इस दिन, भगवान कृष्ण ने राक्षस नरकासुर को हराया था, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक था। दिवाली जैन धर्म के संस्थापक भगवान महावीर के निर्वाण दिवस का भी प्रतीक है। इन कई कारणों से, दिवाली कई लोगों के दिलों में एक विशेष स्थान रखती है।

यह त्यौहार पांच दिनों तक चलता है, जो धनतेरस से शुरू होता है और भाई दूज के साथ समाप्त होता है। दिवाली की तैयारियां कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं। घरों की अच्छी तरह से सफाई की जाती है और सजावट शुरू हो जाती है। नए कपड़े सिले जाते हैं और तरह-तरह की स्वादिष्ट मिठाइयाँ बनाई जाती हैं। ठंड का मौसम भव्यता, स्वच्छता और जीवंत सजावट के समय में बदल जाता है, जो हमारे घरों में धन की देवी लक्ष्मी का स्वागत करता है।

पहले दिन, धनतेरस पर, लोग सोने और चांदी के आभूषण जैसी धातु की वस्तुएं खरीदते हैं क्योंकि इस दिन इन सामग्रियों में निवेश करना शुभ माना जाता है। दूसरा दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली है, जब कुछ लोग पटाखे फोड़कर भी जश्न मनाते हैं।

तीसरा दिन, मुख्य दिवाली का दिन, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए समर्पित है। यह दिन खासतौर पर उन व्यापारियों के लिए बहुत महत्व रखता है जो नए बही-खाते की शुरुआत करते हैं। विभिन्न आयु वर्ग और विभिन्न वर्गों के लोग धार्मिक अनुष्ठान करने और देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश का आशीर्वाद लेने के लिए एक साथ आते हैं।

चौथे दिन, गोवर्धन पूजा मनाई जाती है, जो भगवान इंद्र के प्रकोप के कारण होने वाली मूसलाधार बारिश से ग्रामीणों की रक्षा के लिए भगवान कृष्ण द्वारा गोवर्धन पर्वत को उठाने का प्रतीक है। यह पर्व प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण के महत्व पर जोर देता है।

दिवाली का आखिरी दिन, भाई दूज, भाई-बहन के रिश्ते को समर्पित है। बहनें अपने भाइयों की आरती करती हैं और उनकी सलामती के लिए प्रार्थना करती हैं और बदले में भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

दिवाली धार्मिक सीमाओं से परे है, विभिन्न धर्मों और पृष्ठभूमि के लोग त्योहार मनाने के लिए एक साथ आते हैं। यह एक सामाजिक और सांस्कृतिक उत्सव है जो परिवारों और दोस्तों के बीच प्यार, एकता और खुशी का प्रतीक है।

रोशनी का त्योहार दिवाली हमारे दिलों में एक खास जगह रखता है। यह एक नई शुरुआत का आरंभ करता है और हमारे जीवन को खुशी, आशा और सकारात्मकता से भर देता है। यह वह समय है जब अंधकार दूर हो जाता है और प्रकाश बुराई पर विजय प्राप्त करता है। यह त्योहार हमें याद दिलाता है कि अच्छे कर्म, एकता और विश्वास हमें हमेशा एक उज्जवल कल की ओर ले जाएंगे।

दिवाली के त्योहार पर निबंध (600 शब्दों में) – Essay on the festival of Diwali in Hindi

प्रस्तावना:

दिवाली हिंदुओं के सबसे लोकप्रिय और महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है, जिसे बड़े उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। आमतौर पर छोटे बच्चों को यह त्योहार बहुत पसंद आता है क्योंकि यह सभी के लिए ढेर सारी खुशियाँ और उपहार लाता है। दिवाली का त्योहार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है।

दिवाली का मतलब

“दिवाली”, जिसे “दीपावली” के नाम से भी जाना जाता है, भारत और दुनिया भर में रहने वाले हिंदुओं के सबसे पवित्र त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार हिंदू पौराणिक और सांस्कृतिक धार्मिक महत्व से ओत-प्रोत है और विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों और परंपराओं के साथ मनाया जाता है।

दिवाली का अर्थ “दीपकों की पंक्ति” से है, जो दर्शाता है कि इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा दीपक या दीये जलाना है। ‘दीपावली’ संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है – दीप+आवली। ‘दीप’ का अर्थ है ‘दीपक’ और ‘आवली’ का अर्थ है ‘श्रृंखला’, जिसका अर्थ है दीपकों की श्रृंखला या दीपकों की पंक्ति।

इस त्यौहार के अवसर पर घरों को दीपों से सजाया जाता है, जिससे रात बेहद खूबसूरत और रोशनी से भरी हो जाती है। यह दीयों की चमकती रोशनी है जिसका महत्वपूर्ण प्रतीक बुराई के अंधेरे से अच्छाई की रोशनी की ओर बढ़ना है।

दिवाली त्योहार की तैयारियां

“दिवाली” के त्यौहार की तैयारियां दिवाली से कई दिन पहले ही शुरू हो जाती हैं। दिवाली के आगमन से ही लोग अपने घरों को सजाना शुरू कर देते हैं। इस त्योहार की तैयारियों में घर की साफ-सफाई सबसे अहम होती है। लोग अपने घरों को साफ-सुथरा करके सजाते हैं, जिससे घर का वातावरण शुद्ध और रमणीय हो जाता है।

ऐसा माना जाता है कि दिवाली के दिन, धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी जी का आगमन होता हैं, और वह विशेष रूप से उन घरों में प्रवेश करती हैं जहां साफ-सफाई और सुशीलता बनी रहती है। इसलिए ऐसा माना जाता है कि देवी लक्ष्मी के स्वागत के लिए घर का साफ सुथरा होना जरूरी है। देवी लक्ष्मी के आगमन को घर में सुख-समृद्धि बढ़ने का संकेत माना जाता है और इसलिए यह तैयारियों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

दिवाली नजदीक आते ही लोग अपने घरों को दीयों और तरह-तरह की लाइटों से सजाना शुरू कर देते हैं। इस त्यौहार की शुरुआत घर के कोने-कोने में दीपक और मोमबत्तियाँ जलाकर की जाती है, जिससे रात के समय घर की सुख-समृद्धि में रोशनी फैल जाती है। दीये और रोशनी का यह उत्स्व बुराई के अंधेरे को हराने और अच्छाई की रोशनी की ओर बढ़ने का संकेत है।

“लक्ष्मी पूजन” का विशेष महत्व है

इस दिन विशेष रूप से धन की देवी माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। दिवाली के शुभ अवसर पर धन की देवी मां लक्ष्मी, विघ्नहर्ता गणेश और धन संचय के देवता कुबेर की विधि-विधान से पूजा करने का विशेष महत्व माना जाता है। दिवाली, जिसे धनतेरस के नाम से भी जाना जाता है, धन और समृद्धि की प्राप्ति के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।

इस दिन लोग अपने घर में आने वाले धन का स्वागत करने के लिए अपने घरों को विशेष तरीके से सजाते, साफ-सुथरा और तैयार करते हैं। धनतेरस के दिन लोग अपने घरों को धन और समृद्धि से भरने के लिए देवी लक्ष्मी की पूजा कर उन्हें प्रसन्न करते हैं।

धनतेरस के दिन भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है क्योंकि वह घर के रास्ते को साफ और सुरक्षित रखते हैं और बाधाओं को दूर करते हैं। कुबेर जी की पूजा से धन के प्रवाह पर नियंत्रण रहता है।

प्रदोष काल में लक्ष्मी पूजन सबसे अधिक फलदायी माना जाता है। धनतेरस का महत्व यह भी है कि यह धन निवेश और व्यापार के लिए शुभ समय होता है। इस दिन लोग नई संपत्ति की योजना बनाते हैं और नवीनतम व्यावसायिक प्रक्रियाओं में पहल करते हैं।

दिवाली का मतलब है दीपों की पंक्ति और रोशनी की ओर बढ़ना। इस त्योहार की तैयारियां दिवाली से कई दिन पहले से ही शुरू हो जाती हैं, जिससे हमारे घरों में रोशनी और खुशियां आती हैं। “लक्ष्मी पूजन” इस त्योहार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि यह धन और समृद्धि की देवी देवी लक्ष्मी की पूजा है, जो हमारे जीवन में समृद्धि और वित्तीय स्थिति की कामना करती है। दिवाली के दिन घरों को दीपों से सजाने के साथ-साथ आध्यात्मिक और आत्मनिर्भरता की भावना बढ़ती है, जिससे हम अपने जीवन में नए आदर्शों और समर्पण की ओर बढ़ सकते हैं।

दीपावली पर निबंध (900 शब्दों में) – Essay on Diwali in Hindi

दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” भी कहा जाता है, भारत और दुनिया भर में बड़े धूमधाम से मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिंदू त्योहार है। इस त्योहार का महत्व आने वाले समय में सुख, समृद्धि और रोशनी की आशा से जुड़ा है। दिवाली को “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है क्योंकि इस दिन लोग अपने घरों में दीये और पटाखे जलाते हैं, जो रोशनी का प्रतीक है। इस त्योहार के दौरान लोग अपने घरों को सजाते हैं, नए कपड़े पहनते हैं और साफ-सफाई करते हैं। इसके साथ ही दिवाली आध्यात्मिक और आत्मनिर्भर भावना को बढ़ावा देती है और लक्ष्मी पूजन के माध्यम से समृद्धि की कामना करती है।

दिवाली का इतिहास

हिंदू मान्यताओं के अनुसार दिवाली का इतिहास भगवान श्री राम के आगमन से जुड़ा है। भगवान श्री राम, माता सीता और भगवान लक्ष्मण ने चौदह वर्ष के वनवास के बाद अपनी प्रिय अयोध्या लौटने का फैसला किया था। उनके आगमन के दिन अमावस्या की रात थी, जिसके कारण पूरा नगर अंधकार में डूबा हुआ था। लोगों ने अपने घरों को दीपों और फूलों से सजाया था, ताकि भगवान राम और उनके परिवार के स्वागत के लिए पूरा शहर उज्ज्वल और सुंदर हो। 

तब से लेकर आज तक इसे रोशनी के त्योहार और अंधेरे पर प्रकाश की जीत के रूप में मनाया जाता है। लोग अपने घरों को दीयों और दीपों से सजाते हैं, जिससे घरों में रोशनी होती है और त्योहार की भावना में उत्सव का माहौल पैदा होता है। इसे “दीपावली” कहा जाता है, जिसका अर्थ है “दीपकों की पंक्ति”। यह पंक्ति न सिर्फ घर को रोशन करती है बल्कि यह भी दर्शाती है कि रोशनी हर समय बुराई को हराती है।

इस शुभ अवसर पर, भगवान गणेश, लक्ष्मी जी, राम जी और अन्य देवताओं की मूर्तियाँ बाजारों में खरीदारी के लिए उपलब्ध होती हैं। इस समय बाजारों में विशेष रौनक रहती है। इस अवसर पर लोग नए कपड़े, उपहार, आभूषण, बर्तन, मिठाइयाँ और अन्य सामान खरीदते हैं। 

हिंदू धर्म के अनुसार, दिवाली का त्योहार नई व्यावसायिक गतिविधियों की शुरुआत का भी प्रतीक है। व्यवसायी लोग दिवाली के त्योहार पर नए बही-खाते शुरू करके वित्तीय सफलता की आशा करते हैं।

इसके साथ ही लोगों का मानना है कि यह खूबसूरत त्योहार सभी के लिए धन, समृद्धि और सफलता लाता है। दिवाली के अवसर पर, लोग अपने परिवार, दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ उपहारों और मिठाइयों का आदान-प्रदान करने के लिए उत्सुक रहते हैं, जिससे खुशियों का आदान-प्रदान होता है और रिश्ते मजबूत होते हैं।

दिवाली में पटाखों का महत्व

दिवाली को “रोशनी का त्योहार” कहा जाता है। इस त्यौहार में बच्चे पटाखे और विभिन्न प्रकार की आतिशबाजी जैसे फुलझड़ी, रॉकेट, फव्वारे, चकरी आदि जलाना पसंद करते हैं। दिवाली में पटाखों का भी महत्व है क्योंकि पटाखे इस त्योहार की खुशियों को और भी रंगीन बना देते हैं।

पटाखे फोड़ना इस त्योहार को रंगीन और आनंदमय बनाता है। पटाखे दिवाली मनोरंजन का एक हिस्सा हैं और बच्चों और वयस्कों के बीच मनोरंजन का एक स्रोत हैं। पटाखे अपनी आवाज और ध्वनि से लोगों को आनंद लेने का वातावरण देते हैं और त्योहार के माहौल को और अधिक जीवंत और उत्सवपूर्ण बनाते हैं।

दिवाली के साथ मनाये जाने वाले त्यौहार

  • दिवाली का त्यौहार लगभग 5 दिनों तक मनाया जाता है। दिवाली 5 त्योहारों धनतेरस, नरक चतुर्दशी, महालक्ष्मी पूजा, धनतेरस और भाई दूज का संगम है।
  • धनतेरस: यह दिवाली के त्योहार का पहला दिन होता है, जिसमें लोग सोने और चांदी के आभूषण जैसी धातु की वस्तुएं खरीदते हैं।
  • नरक चतुर्थी (छोटी दिवाली): दिवाली के दूसरे दिन को नरक चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है और कुछ लोग इसे छोटी दिवाली के रूप में भी मनाते हैं।
  • मुख्य दीपावली (दिवाली): यह दिवाली का मुख्य दिन है, जिसमें लोग देवी महालक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा करते हैं। इस दिन को “अमावस्या” के रूप में मनाया जाता है, जिसका अर्थ है कि अमावस्या की रात होने के बावजूद, अमावस्या की रात को अच्छाई का प्रतीक माना जाता है।
  • गोवर्धन पूजा: दिवाली के त्योहार का चौथा दिन गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बलभद्र गिरिराज रूप की पूजा की जाती है और कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं।
  • भैया-दूज: दिवाली के त्योहार का आखिरी दिन भैया-दूज के रूप में मनाया जाता है, जिसमें बहनें अपने भाइयों की लंबी उम्र के लिए प्रार्थना करती हैं और उनकी रक्षा की कामना करती हैं।

ये त्यौहार अलग-अलग तरीके से मनाए जाते हैं और हर दिन का अपना विशेष महत्व होता है, हर दिन से अपनी-अपनी महत्वपूर्ण कहानियां और धार्मिक मान्यताएं जुड़ी हैं।

दिवाली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियाँ

दिवाली जैसे धार्मिक महत्व के त्योहार के शुभ अवसर पर भी कुछ असामाजिक तत्व शराब, जुआ, जादू-टोना और पटाखों के दुरुपयोग जैसी अपनी बुरी आदतों से इसे खराब करने में लगे रहते हैं। पटाखों के अत्यधिक उपयोग से ध्वनि प्रदूषण बढ़ सकता है, जिससे क्षेत्र और आसपास के लोगों को परेशानी हो सकती है। यदि दिवाली के दिन इन बुराइयों को समाज से दूर रखा जाए तो दिवाली का त्योहार सचमुच शुभ दिवाली बन जाएगा।

दिवाली, जिसे भगवान श्री राम की अयोध्या वापसी के दिन के रूप में जाना जाता है, को अच्छाई के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है, और लक्ष्मी पूजा के साथ धन और समृद्धि की कामना की जाती है। पांच दिनों की दिवाली अपने अंदर के अंधेरे को मिटाकर पूरी दुनिया को रोशन करने का त्योहार है। दिवाली के दिन, लोग पटाखों का उपयोग करते हैं, जो उत्सव की आवाज़ और रंगों के साथ जश्न मनाने में मदद करते हैं। हमें यह समझना होगा कि दिवाली के त्योहार का मतलब रोशनी, प्यार और सुख-समृद्धि है। ऐसे में पटाखों का प्रयोग सावधानी से और बड़ों की मौजूदगी में करना चाहिए। इस दिन अवगुणों को दूर करने की जरूरत है ताकि यह त्योहार अपने वास्तविक महत्व को उजागर कर सके।

दिवाली पर निबंध 10 लाइन (Essay on Diwali in 10 lines)

  • दिवाली, जिसे “रोशनी का त्योहार” भी कहा जाता है, भारत का एक प्रमुख और महत्वपूर्ण त्योहार है। 
  • यह त्यौहार भगवान राम की अयोध्या वापसी की ख़ुशी को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है, जब लोग दीपक और रंगोली के साथ उनके आगमन का स्वागत करते हैं।
  • इस दिन, हिंदू अनुयायी मिट्टी के दीपक जलाते हैं और अपने घरों को रंगोली से सजाते हैं। 
  • इस त्योहार के मौके पर बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी और उत्साह का इजहार करते हैं, जो खास लगता है।
  • हिंदू धर्म के अनुसार दिवाली के इस दिन धन की देवी मां लक्ष्मी और विघ्नहर्ता भगवान गणेश की पूजा की जाती है, जिसका महत्व धन, समृद्धि और सफलता की प्राप्ति से जुड़ा है। 
  • लोग इस दिन को अपने दोस्तों और पड़ोसियों के साथ खुशी के लिए उपहार और मिठाइयाँ देकर मनाते हैं।
  • दिवाली को भारत में सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाया जाता है और इस त्योहार को बहुत धूमधाम से मनाने की तैयारी की जाती है। 
  • यह हिंदू समुदाय के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है, और इसे अन्य धर्मों और संप्रदायों के लोगों द्वारा भी मनाया जाता है। 
  • दिवाली एक महत्वपूर्ण सामाजिक और पारंपरिक अवसर है, जो परिवारों और प्रियजनों के बीच प्रेम और मेल-मिलाप का प्रतीक है।

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  19. दिवाली निबंध 500 शब्द इन हिंदी

    दिवाली निबंध इन हिंदी - Diwali par nibandh Hindi me, 150, 200, 300 500 शब्दों में दीपावली पर निबंध, हिंदी में बच्चों के लिए दीपावली पर निबंध यहां पाएं!

  20. दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi)

    दिवाली पर निबंध (Diwali Essay in Hindi) दीपावली (Deepawali) या दिवाली का अर्थ है दीपों की अवली मतलब दीपों की पंक्ति। यह पर्व विशेष कर भारत और भारत के ...

  21. Essay on Diwali in Hindi दिवाली पर निबंध

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  22. दिवाली पर निबंध (Essay On Diwali In Hindi): सरल भाषा में Diwali Essay

    दिवाली पर निबंध (Diwali Essay In Hindi)- दिवाली खुशियों का त्योहार है, जो हर किसी के लिए खुशियां लेकर आती है। बच्चे हों या फिर बड़े हर कोई इस त्योहार ...

  23. दिवाली पर निबंध

    दीपावली पर निबंध (300 शब्दों में) - Diwali Essay in Hindi. दिवाली, हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जिसका अर्थ है 'दीपकों की पंक्ति।' यह त्यौहार ख़ुशी ...