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  • होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi): इतिहास, महत्व, 200 से 500 शब्दों में होली पर हिंदी में निबंध लिखना सीखें

Updated On: March 07, 2024 12:55 pm IST

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होली पर निबंध 10 लाइन (Holi Par Nibandh 10 Lines)

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)  - होली एक ऐसा रंगबिरंगा त्योहार है, जिसे हिन्दू धर्म के लोग पूरे उत्साह और सौहार्द के साथ मनाते हैं। प्यार भरे रंगों से सजा यह पर्व हिन्दू धर्म के लोगो के बीच भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सभी लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले लगते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं। बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं। होली रंगो और खुशियों का त्योहार है। होली का त्यौहार विश्व भर में प्रसिद्ध है। होली का त्यौहार (Holi Festival) हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है। इस त्यौहार को रंगो के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है। होली का त्यौहार भारत के साथ-साथ नेपाल, बांग्लादेश, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा जैसे कई देशों में भी प्रसिद्ध है। इस त्यौहार को सभी वर्गों के लोग मनाते हैं। वर्तमान में तो अन्य धर्मों को मानने वाले लोग भी इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाने लगे हैं। इस त्यौहार में ऐसी शक्ति है कि वर्षों पुरानी दुश्मनी भी इस दिन दोस्ती में बदल जाती है। इसीलिए होली को सौहार्द का त्यौहार भी कहा गया है। ऐसा माना जाता है कि होली का त्योहार (Festival of Holi) हजारों वर्षों से मनाया जा रहा है। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। ये भी पढ़ें - अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर भाषण होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) लिखने के इच्छुक छात्र इस लेख के माध्यम से 200 से 500 शब्दों तक हिंदी में होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi)  लिखना सीख सकते हैं। 

होली पर निबंध 200 शब्दो में (Essay on Holi in 200 words)

होली पर निबंध (holi par nibandh) - होली का महत्व , होली पर निबंध (essay on holi in hindi) - होली कब और क्यों मनाई जाती है.

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली के पर्व को हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। होली अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार अधिकतर फरवरी और मार्च के महीने में पड़ता है। इस त्योहार को बसंतोत्सव के रुप में भी मनाया जाता है। हर त्योहार के पीछे कोई न कोई कहानी या किस्सा प्रचलित होता है। ‘होली’ मनाए जाने के पीछे भी कहानी है। वैसे तो होली पर कई कहानियां सुनाई व बताई जाती है लेकिन कुछ कहानियां हैं जो गहराई से हमारी संस्कृति एंव भाव से जुड़ी है। तो आईये जानते है होली मनाने के पीछे का कारण और संस्कृति एंव भाव।

इसी तरह भगवान कृष्ण पर आधारित कहानी होली का पर्व किस खुशी में मनाया जाता है, इसके विषय में अनेक कथाएँ प्रचलित हैं। एक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने दुष्टों का वध कर गोप व गोपियों के साथ रास रचाई तब से होली का प्रचलन हुआ। वृंदावन में श्री कृष्ण ने राधा और गोप गोपियों के साथ रंगभरी होली खेली थी इसी कारण वृंदावन की होली सबसे अच्छी और विश्व की सबसे प्रसिद्ध होली मानी जाती है। इस मान्यता के अनुसार जब श्री कृष्ण दुष्टों का संहार करके वृंदावन लौटे थे तब से होली का प्रचलन हुआ और तब से हर्षोल्लास के साथ होली मनाई जाती है।

होली पर निबंद 500 शब्दो में (Essay on Holi in 500 words)

प्रस्तावना .

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi):  होली भारतीय संस्कृति का एक प्रमुख धार्मिक पर्व है। यह पर्व फागुन मास के शुक्ल पक्ष में मनाया जाता है और भारत वर्ष में खुशी, आनंद, प्रेम और एकता का प्रतीक है। होली एक सांस्कृतिक महोत्सव है जिसमें लोग अपनी पूर्वाग्रहों और विभिन्न सामाजिक प्रतिष्ठानों को छोड़कर आपसी भाईचारा और प्रेम का आनंद लेते हैं। यह पर्व विभिन्न आदतों, परंपराओं और धार्मिक आराधनाओं के साथ मनाया जाता है और भारतीय समाज के लिए एक महत्वपूर्ण और आनंदमय अवसर है।

होली का त्यौहार कैसे मनाया जाता है?

विश्व के अलग-अलग कोने में अलग-अलग तरह से होली खेली जाती है कहीं फूल भरी होली खेली जाती है तो कहीं लठमार होली तो कहीं होली का नाम ही अलग होता है। होली खेलने का तरीका भले ही सबका अलग अलग हो लेकिन होली हर जगह रंगों के साथ ज़रूर खेली जाती है। होलिका दहन के लिए बड़कुल्ले बनाना, होली की पूजा करना, पकवान बनाना, होलिका का दहन करना इत्यादि किया जाता है।

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) - होली की तैयारी कैसे करें?

पकवान बनाने के बाद घर के सभी लोग उसे एक थाली में सजाकर होलिका दहन वाली जगह जाते हैं। इसके अलावा वे अपने साथ बड़कुल्ले और पूजा का अन्य सामान भी लेकर जाते हैं जिसमें कच्चा कुकड़ा (सूती धागा), लौटे में जल, चंदन इत्यादि सम्मिलित हैं। फिर उस जगह पहुंचकर होली की पूजा की जाती हैं, पकवान का भोग लगाया जाता हैं और बड़कुल्लों को उस ढेर में रख दिया जाता हैं। उसके बाद सभी लोग कच्चे कुकड़े को उस गोल घेरे के चारों और बांधते हैं और भगवान से प्रह्लाद की रक्षा की प्रार्थना करते हैं। पूजा करने के पश्चात सभी अपने घर आ जाते हैं। 

रात में सूर्यास्त होने के बाद पंडित जी वहां की पूजा करते हैं। सभी लोग उस स्थल पर एकत्रित हो जाते हैं। उसके बाद उन लकड़ियों में अग्नि लगा दी जाती हैं। अग्नि लगाते ही, उस ढेर के बीच में रखे मोटे बांस (प्रह्लाद) को बाहर निकाल लिया जाता हैं। होलिका दहन को देखने के लिए लोग अपने घर से पानी का लौटा, कच्चा कुकड़ा, हल्दी की गांठ व कनक के बाल लेकर जाते हैं। पानी से होली को अर्घ्य दिया जाता है। दूर से उस अग्नि को कच्चा कुकड़ा, हल्दी की गांठ और कनक के बाल दिखाए जाते हैं। कुछ लोग होलिका दहन के पश्चात उसकी राख को घर पर ले जाते हैं। 

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh in Hindi) - होली कैसे खेलते है?

इन सब के बाद शुरू होता हैं असली रंगों का त्यौहार। सभी लोग अपने मित्रों, रिश्तेदारों, जान-पहचान वालों के साथ होली का त्यौहार खेलते हैं। पहले के समय में केवल प्राकृतिक रंगों से ही होली खेलने का विधान था लेकिन आजकल कई प्रकार के रंगों से होली खेली जाती हैं।

इसी के साथ लोग फूलों, पानी, गुब्बारों से भी होली खेलते हैं। कई जगह लट्ठमार होली खेली जाती हैं तो कहीं पुष्प वर्षा की जाती हैं। कई जगह कपड़ा-फाड़ होली खेलते हैं तो कई लड्डुओं की होली भी खेलते है। यह राज्य व लोगों के अनुसार भिन्न-भिन्न प्रकार की होती हैं। बस रंग हर जगह उड़ाए जाते हैं।

यह उत्सव लगभग दोपहर तक चलता हैं और उसके बाद सभी अपने घर आ जाते हैं। इसके बाद होली का रंग उतार लिया जाता हैं, घर की सफाई कर ली जाती हैं और नए कपड़े पहनकर तैयार हुआ जाता हैं। भाषण पर हिंदी में लेख पढ़ें- 

होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) -  होली के हानिकारक प्रभाव

होली  का इन्तजार लोगो को पुरे साल भर रहता है। लेकिन कई बार होली पर बहुत सी दुर्घटनाएं भी हो जाती है जिसका ध्यान रखना चाहिए। लोगों द्वारा होली के दिन गुलाल का प्रयोग न कर के केमिकल और कांच मिले रंगों का प्रयोग किया जाता है। जिससे चेहरा खराब हो जाता है कई लोग मादक पदार्थों का सेवन व भाग मिला कर नशा करते हैं जिससे कई लोग दुर्घटना का शिकार भी हो जाते हैं। ऐसे ही होली के दिन बच्चे गुब्बारों में पानी भर कर गाड़ियों के ऊपर फेंकते हैं या पिचकारी और रंगो को आँखों में फेंक के मरते हैं होली में ऐसे रंगों व हरकतों को न करें जिससे किसी व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ें इसलिए होली के दिन सावधानीपूर्वक रंगो को खेलिये जिससे किसी के लिए हानिकारक न हो।

सुरक्षित तरीके से होली खेलने के सुझाव 

होली का त्योहार (Holi Festival) ऐसा त्योहार है, जिसमें सभी लोग इसके रंग में डूबे नजर आते हैं, लेकिन इसकी मौज-मस्ती आपको इन बातों का भी विशेष ख्याल रखना चाहिए ताकि इस प्यार भरे उत्सव का मजा किरकिरा न हो।

  • होली खेलने से पहले अपने पूरे शरीर और बालों पर अच्छी तरह तेल और मॉइश्चराइजर लगा लें। ताकि रंग आसानी से छूट जाएं।
  • होली खेलने के लिए नैचुरल और ऑर्गेनिक रंगों का इस्तेमाल करें, कैमिकल भरे रंगों के इस्तेमाल से बचें। क्योंकि कैमिकल वाले रंगों की वजह से कई बार स्किन एलर्जी तक हो जाती है।
  • होली में ज्यादा पानी को बर्बाद न करें।
  • होली पर फुल कपड़े पहनने की कोशिश करें, ताकि कलर ज्यादा स्किन पर न आए।
  • होली में किसी पर जबरदस्ती कलर नहीं डालें और ध्यान रखें कि मौज-मस्ती में किसी को चोट न आए।
  • होली की मौज-मस्ती में बच्चों का विशेष ख्याल रखें, कई बार ज्यादा समय तक पानी में गीले रहने से बच्चे बीमार भी पड़ जाते हैं

होली रंग का त्योहार है, जिसे मस्ती और आनंद के साथ मनाया जाता है। होली में पानी और रंग में भीगने के लिए तैयार रहें, लेकिन खुद को और दूसरों को नुकसान न पहुंचाने के लिए भी सावधान रहें। अपने दिमाग को खोलें, अपने अवरोधों को बहाएं, नए दोस्त बनाएं, दुखी लोगों को शांत करें और टूटे हुए रिश्तों को जोड़ें। चंचल बनें लेकिन दूसरों के प्रति भी संवेदनशील रहें। किसी को भी अनावश्यक रूप से परेशान न करें और हमेशा अपने आचरण की देखरेख करें। इस होली में केवल प्राकृतिक रंगों से खेलने का संकल्प लें।

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां 

होली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व को भी कुछ असामाजिक तत्व अपने गलत आचरण से प्रभावित करने की कोशिश करते हैं। कुछ असामाजिक तत्व मादक पदार्थों का सेवन कर आपे से बाहर हो जाते हैं और हंगामा करते नजर आते हैं। कुछ लोग होलिका में टायर जलाते हैं, उनको इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इससे वातावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुँचता है। कुछ लोग रंग और गुलाल की जगह पर पेंट और ग्रीस लगाने का गंदा काम करते हैं जिससे लोगों को शारीरिक क्षति होने की आशंका रहती है। अगर में होली से इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो होली का पर्व वास्तव में हैप्पी होली बन जाएगा। इसलिए होली में कुरीतियों से बचें और खुशुयों से होली मनाये यह लोगो के बीच एकता और प्यार लाता है। होली पर निबंध (Holi Par Nibandh) कुछ लाइनों में लिखने के इच्छुक छात्र इस लेख के माध्यम से होली पर निबंध 10 लाइनों (Holi Par Nibandh 10 Lines) में लिखना सीखें।

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होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - Holi Par Nibandh 200, 300, 500 शब्दों में

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होली पर निबंध (holi per nibandh) - भारतीय संस्कृति में प्रत्येक मास की पूर्णिमा किसी न किसी उत्सव के रूप में मनाई जाती है। उत्सव के इसी क्रम में वसंतोत्सव के रूप में फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होली का त्योहार बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। होली का पर्व भारतीय संस्कृति में बुराई को जलाकर भस्म कर देने का उत्सव है। यह भारतीय जीवन-शैली का अभिन्न हिस्सा है। होली पर निबंध (Holi per nibandh) से इस पर्व से जुड़ी विभिन्न पौराणिक कथाओं के बारे में भी जानकारी मिलेगी।

होली पर निबंध (holi par nibandh): होलिका दहन का मुहूर्त

होली निबंध (essay holi in hindi) - होली के त्योहार की तैयारी कैसे करें, होली पर निबंध (essay holi in hindi) - होली में रंगों का क्या महत्व है, होली पर निबंध (essay on holi in hindi) - उपसंहार (conclusion), होली पर निबंध (essay holi in hindi) - होली पर निबंध 10 लाइन (holi essay in hindi 10 lines), देश में होली के लिए प्रसिद्ध शहर (famous cities for holi in the country).

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) -  Holi Par Nibandh 200, 300, 500 शब्दों में

रंगों का त्योहार होली हमारे देश भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। जैसै-जैसे होली का त्योहार नजदीक आता है, लोगों में खासकर बच्चों में इसको लेकर काफी उत्साह नजर आता है। सब अपने लिए होली खेलने की योजनाएं तैयार करने में जुट जाते हैं। होली पर हिंदी निबंध (Essay on holi in hindi) में होली के त्योहार से जुड़े सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर जानकारी दी गई है। उम्मीद है कि इस लेख में होली पर निबंध (holi par nibandh) उन छात्रों के लिए भी फायदेमंद होगा जो होली विषय पर निबंध तैयार करना चाहते हैं।

हिंदी में निबंध- भाषा कौशल, लिखने का तरीका जानें

रंगों का त्योहार होली संस्कृति के अनूठे उल्लास को समेटे हुए है। भारतीय संस्कृति हमेशा से विविधता में एकता का पर्याय रही है। होली का त्योहार इसी विविधता में एकता तथा भाईचारे का प्रतीक है। इस दिन लोग गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगा कर प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं। एक-दूसरे के साथ खुशियां साझा करते हैं और छोटे अपने बड़ों से शुभाशीष प्राप्त करते हैं। विविधतापूर्ण संस्कृति वाले भारत देश में हर धर्म-संप्रदाय के त्योहार धूमधाम से मनाए जाते हैं। इनमें से आपसी प्रेम तथा सद्भावना की भावना को मजबूत करने वाला होली का पर्व विशेष महत्व रखता है। होली के लोकगीत एक माह पहले से ही सुनाई पड़ने लगते हैं।

होली पर निबंध (holi par nibandh) विषय पर केंद्रित होली पर लेख में हमने रंगों के त्योहार होली (Festival of colours) के सार को समेटने का प्रयास किया है। पाठक इस होली पर निबंध हिंदी (Essay on holi in hindi) में से जानकारी जुटाकर न केवल भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक होली के बारे में अपनी जानकारी को समृद्ध बनाएंगे, बल्कि स्कूलों में अध्ययनरत बच्चे अक्सर परीक्षा में पूछे जाने वाले निबंध के प्रश्न की तैयारी भी कर पाएंगे तथा होली पर हिंदी में निबंध (Essay on holi in hindi) सीख कर परीक्षा में भी उसका लाभ उठा सकेंगे।

होली पर निबंध (Essay on Holi Hindi) - होली की शुभकामनाएं (Holi Greetings in Hindi)

होली के अवसर पर लोग एक-दूसरे को होली शुभकामना संदेश भेजते हैं। नीचे कुछ होली के शुभकामना संदेश दिए गए हैं-

  • हर कदम पर खुशियां मिलें, दुख से कभी न हो सामना; जीवन में सारी खुशियां मिलें, होली की है यही शुभकामना!
  • खुशियों से भरी रहे सदा आपकी झोली, रंग-बिरंगी और मंगल हो आपकी होली।
  • जीवन में हो हर्ष के सभी रंगों की भरमार, सबसे हैप्पी होलो हो तुम्हारी मेरे यार।
  • होली की हार्दिक शुभकामनाएं!
  • होली का त्योहार आपके जीवन को रंगों से सरोबार करे।
  • रंगों का त्योहार होली आपके जीवन को और भी रंगीन बनाए!
  • रंगों का त्योहार आपके जीवन को रंगीन बनाए!

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छात्र इस लेख के माध्यम से होलिका दहन का मुहूर्त (Holika Dahan Muhurt) भी जान सकते हैं। फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन किया जाता है तथा उस दिन होली मनाई जाती है। इस वर्ष 2024 में 24 मार्च को होलिका दहन के लिए शुभ मुहूर्त रात 11 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 7 मिनट तक है। होलिका दहन के शुभ मुहूर्त का अपना महत्व है। कहा जाता है कि होलिका दहन से आस-पास नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो जाती है। विज्ञान की दृष्टि से देखें तो होली पहले ही मौसम अनुकूल हो जाने के चलते बीमारियां फैलाने के लिए जिम्मेदार घातक सूक्ष्मजीवों की बाढ़ आ जाती है, होलिका की आग से कफी हद तक इनका विनाश भी हो जाता है।

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होली की प्रचलित कहानियां (Famous stories related to Holi in hindi)

होली का त्योहार राधा-कृष्ण के पवित्र प्रेम से भी जुड़ा हुआ है। पौराणिक समय में श्री कृष्ण और राधा की बरसाने की होली के साथ ही होली के उत्सव की शुरुआत हुई। आज भी बरसाने और नंदगाव की लट्ठमार होली विश्व विख्यात है। यह त्योहार जीवन के उत्साह, उल्लास तथा उमंग को दर्शाता है। होली के पर्व को सतयुग में विष्णु भक्ति के प्रतिफल के रूप में भी मनाया जाता है।

होली की एक कहानी भगवान शिव से भी जुड़ी है। इंद्र ने कामदेव को भगवान शिव की तपस्या भंग करने का आदेश दिया। कामदेव ने उसी समय वसंत को याद किया और अपनी माया से वसंत का प्रभाव फैलाया, इससे सारे जगत के प्राणी काममोहित हो गए। कामदेव का शिव को मोहित करने का यह प्रयास होली तक चला। होली के दिन भगवान शिव की तपस्या भंग हुई। उन्होंने रोष में आकर कामदेव को भस्म कर दिया तथा यह संदेश दिया कि होली पर काम (मोह, इच्छा, लालच, धन, मद) इनको अपने पर हावी न होने दें। तब से ही होली पर वसंत उत्सव एवं होली जलाने की परंपरा प्रारंभ हुई। इस घटना के बाद शिवजी ने माता पार्वती से विवाह की सम्मति दी। जिससे सभी देवी-देवताओं, शिवगणों, मनुष्यों में हर्षोल्लास फैल गया। उन्होंने एक-दूसरे पर रंग गुलाल उड़ाकर जोरदार उत्सव मनाया, जो आज होली के रूप में घर-घर मनाया जाता है।

होली पर हिंदी निबंध (Holi Essay in Hindi) - प्रस्तावना

विद्यार्थियों को परीक्षा में होली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Holi in 200 words in hindi) या होली पर लेख (holi par lekh) या होली पर निबंध 300 शब्दों में (Holi Essay in Hindi 300 words) या हिंदी में होली पर निबंध (holi per nibandh in hindi) लिखने को कहा जाता है। होली पर निबंध ( holi par nibandh) की शुरुआत इस त्योहार के बारे में बताकर कर सकते हैं। होली, जिसे "रंगो का त्योहार" के नाम से भी दुनिया भर में जाना जाता है, हिंदुओं के सबसे प्रमुख त्योहारों में से एक है। फाल्गुन (फागुन) मास की पूर्णमासी के दिन होलिका दहन किया जाता है और इसके अगले दिन चैत्र (चैत) मास की कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा को रंगोत्सव यानी होली का त्योहार मनाया जाता है।

आपमें से कई यह सोच रहे होंगे कि साल 2024 में होली कब मनाई जाएगी? साल 2024 में होली 25 मार्च को मनाई जाएगी। यह त्योहार दुनिया भर के लोगों के द्वारा बेहद ही जोश व उत्साह के साथ मनाया जाता है। हालांकि यह हिंदुओं का त्योहार माना जाता है, लेकिन विभिन्न समुदायों के लोग भी साथ मिलकर, उत्साह और उमंग के साथ बड़ों को भी बच्चा बना देने वाले इस त्योहार में मनोरंजक कार्य करते नजर आ जाते हैं।

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होली के त्योहार के लिए लोग अपने-अपने ढंग से तैयारी में जुट जाते हैं। फागुन मास की शुरुआत ठंड की विदाई का संदेश लेकर आती है और मौसम खुशनुमा होने लगता है। इस त्योहार पर फाग गाने की भी परंपरा रही है, फाग लोकगीतों के बिना कुछ अधूरा सा लगता है। पहले तो लोगों को फाग सुनकर ही ही पता लगता था कि होली आने वाली है। ढोलक, मंजीरे और हारमोनियम के साथ लोग अपने रसीले फाग गायन कौशल से दिल जीत लेते हैं। फाग प्रतियोगिताओं का भी आयोजन इस अवसर पर किया जाता है। होली से पहले पहले और होली के दिन दोपहर तक फगुआ गाया जाता है। इसमें होली से जुड़े लोकभाषा के गीत होते हैं। होली के दिन रात में चैता गाने की भी परंपरा है।

होली के त्योहार को लेकर विशेषकर बच्चों में काफी उत्साह होता है। वे होलिका दहन के लिए काफी पहले से लकड़ियाँ जमा करने लगते हैं। गाँवों में तो हालांकि लकड़ियाँ आसानी से मिल जाती हैं, लेकिन शहर के बच्चे घरों के खराब फर्नीचर आदि की तलाश करते हैं और अमूमन वे दूसरों से माँगकर होलिका की व्यवस्था करते हैं। होलिका तैयार करने में सभी लकड़ियों का योगदान करते हैं। आजकल शहरों में आमतौर पर किसी चौक-चौराहे पर दो-चार दिन पहले से ही लोग पेड़ की सूखी टहनियां, लकड़ी, बांस आदि जमा करने लगते हैं। पहाड़ जैसे इस ढेर में मुहूर्त के अनुसार होलिका दहन करते हैं। लोगों के घरों में पकवान बनता है। होली के पर्व के लिए घर पर मिलने आने वाले लोगों के लिए महिलाएं मिठाइयां, नमकीन और गुझिया बनाने में जुट जाती हैं। रंग और गुलाल का स्टॉक तैयार किया जाता है।

फाल्गुन मास की पूर्णमासी को होलिका दहन के साथ त्योहार की शुरुआत होती है और अगले दिन होली का रंग-बिरंगा त्योहार मनाया जाता है। लोग एक-दूसरे के घर जाकर रंग-गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएँ देते हैं। शहरी संस्कृति ने होली मिलन कार्यक्रमों को जन्म दिया है, जिसमें राजनैतिक दल, संस्थाएं होली मिलन कार्यक्रमों का आयोजन करती हैं।इस दिन तो ऐसा लगता है कि लोगों को एक-दूसरे को रंगने और पानी से भिगाने का लाइसेंस मिला होता है। साथ ही "बुरा न मानो, होली है" का जुमला यह बताता है कि आज के दिन लोगों को रंग-गुलाल लगाने की छूट है और इससे किसी को भी नाराज नहीं होना चाहिए।

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होली रंगों का त्योहार है। होली की पहचान, रौनक और आत्मा इन्हीं रंगों में बसी है। रंगों से सराबोर चेहरे, कपड़े सभी के चेहरों पर बरबस ही मुस्कान ले आते हैं। बुजुर्गों को भी बच्चा बना देने की ताकत इस त्योहार के रंगों में है। कई तरह की आभा वाले रंग होली के त्योहार की जान हैं। बड़े शहरों की बड़ी सोसायटियों में होली के अवसर पर खास आयोजन होने लगे हैं। इस सामूहिक आयोजन में लोग रेन डांस में रंगों से सरोबार होकर नाचते-झूमते हैं। शहरों के बाहर बने वाटर पार्क में भी होली को लेकर कई तरह के आयोजन होने लगे हैं।

होली अब विश्व प्रसिद्ध

राग-रंग के इस लोकप्रिय त्योहार होली को वसंत का संदेशवाहक भी कहा जाता है। होली अब भारत के साथ विश्वभर में मनाया जाने लगा है। रंगों का यह त्योहार पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन होलिका जलाई जाती है, जिसे होलिका दहन कहते हैं। दूसरे दिन होली मनाते हैंं। इसे धुलेंडी व धुरड्डी व कई अन्य नाम से भी मनाते हैं। इस दिन लोग एक दूसरे को रंग, अबीर-गुलाल इत्यादि लगाकर शुभकामनाएं देते हैं। होली के दिन ढोल बजा कर होली के गीत गाये जाते हैं और घर-घर जा कर लोगों को रंग लगाया जाता है। होली के दिन लोग पुरानी कटुता को भूल कर गले मिलते हैं और एकता का संदेश देते हैं। कई प्रदेशों में रंगने और गाने-बजाने का दौर दोपहर तक चलता है। इसके बाद स्नान कर के विश्राम करने के बाद नए कपड़े पहन कर शाम को लोग एक दूसरे के घर मिलने जाते हैं और एक-दूसरे को मिठाइयां खिला कर खुशियां बांटते हैं।

होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) - होली से जुड़ी सामाजिक कुरीतियां

होली जैसे धार्मिक महत्व वाले पर्व को भी कुछ लोग बदनाम करने से नहीं चूकते हैं। कुछ असामाजिक तत्व इस दौरान मादक पदार्थों का सेवन कर आपे से बाहर हो जाते हैं और हंगामा करते नजर आते हैं। कुछ समाज के शरारती तत्व होलिका में टायर जलाते हैं, उनको इस बात का अंदाजा नहीं होता कि इससे वातावरण को बहुत अधिक नुकसान पहुँचता है। कुछ लोग रंग तथा गुलाल की जगह पर पेंट और ग्रीस लगाने का गंदा काम करते हैं जिससे लोगों को शारीरिक क्षति होने की आशंका रहती है। अगर में होली से इन कुरीतियों को दूर रखा जाए तो होली का पर्व वास्तव में हैप्पी होली बन जाएगा।

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होली पर निबंध (Essay on Holi Hindi) - होली क्यों मनाते हैं - होली का इतिहास

होली की शुरुआत से जुड़ी एक पौराणिक कथा है। विष्णुपुराण की एक कथा के अनुसार दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप ने अपने राज्य में भगवान विष्णु की पूजा प्रतिबंधित कर रखी थी। लेकिन उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त निकला और वह दिन-रात भगवान विष्णु की भक्ति में लीन रहता। दैत्यों के राजा हिरण्यकश्यप को यह पसंद नहीं था। ऐसे में जब किसी भी तरह से प्रह्लाद को भगवान विष्णु की भक्ति करने से रोक पाने में उसे सफलता हाथ नहीं लगी, तो उसने प्रह्लाद को जान से मारने का आदेश दिया। हाथी के पैरों तले कुचलने और पहाड़ से फेंककर भी जब प्रहलाद को नहीं मार सका, तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन की होलिका की मदद से प्रह्लाद को जलाकर मारने की योजना बनाई।

होलिका को यह वरदान मिला था कि अग्नि में वह नहीं जलेगी। इसलिए लकड़ियों के ढेर पर वह प्रह्लाद को गोद में लेकर बैठ गई और उसमें आग लगा दी गई। इस होलिका की गोद में बैठा बालक प्रह्लाद भगवान का नाम जपता रहा और उसका बाल भी बांका नहीं हुआ, जबकि वरदान प्राप्त होलिका अपनी दुष्ट इच्छाओं के चलते जलकर भस्म हो गई। मान्यता है कि बुराई पर अच्छाई की जीत की याद में तभी से ही होली का त्योहार मनाया जा रहा है।

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होली का त्योहार आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह एक ऐसा त्योहार है जो हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन सारे लोग अपने पुराने गिले-शिकवे भूल कर गले मिलते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं और एक-दूसरे को होली के पावन पर्व की शुभकामनाएँ देते हैं।

होली अंदर के अहंकार और बुराई को मिटा कर सभी के साथ घुल-मिलकर, भाई-चारे, प्रेम और सौहार्द्र के साथ रहने का त्योहार है। छोटे-छोटे बच्चे अपनी इच्छानुसार रंग और गुलाल और पिचकारी खरीदते हैं और लोगों को रंगों से सराबोर करने का आनंद उठाते हैं। हमें इस बात को समझना होगा कि होली मिल-जुलकर, प्रेम से रहने और जीवन के रंगों को अपने भीतर आत्मसात करने का त्योहार है। इसलिए रंगों का प्रयोग सावधानीपूर्वक करना चाहिए और पानी या रंग भरे बैलून चलाने से बचना चाहिए। होली का त्योहार हमें हमेशा सन्मार्ग पर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है। होली का त्योहार सामाजिक सद्भावना का प्रतीक है। इस त्योहार के कारण लोगों में सामाजिक एकता की भावना मजबूत होती है।

ये भी देखें :

1) होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है।

2) होली भारत के सबसे लोकप्रिय त्यौहारों में से एक है।

3) यह त्यौहार विष्णु भक्त प्रह्लाद को असुरों द्वारा आग में जलाने के प्रयास के विफल होने की याद में मनाया जाता है।

4) इस अवसर पर सांकेतिक रूप से होलिका रूपी बुराई को जलाया जाता है और अगले दिन बुराई के अंत और भक्त प्रह्लाद के प्रचंड ज्वाला में जीवित बच जाने का उत्सव एक-दूसरे पर रंग और गुलाल डालकर हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

5) बच्चे इस त्योहार पर रंग, गुलाल, पिचकारी और पानी वाले गुब्बारों को लेकर बहुत उत्साहित होते हैं।

6) होलिका रूपी बुराई पर अच्छाई की विजय के लिए सभी भगवान की पूजा करते हैं।

8) इस अवसर पर अपने परिजनों, रिश्तेदारों, दोस्तों और पड़ोसियों पर रंग डालकर इसे मनाया जाता है।

9) होली के अवसर पर भारत में शासकीय अवकाश रहता है। लोग इस त्योहार का बड़े उत्साह के साथ आनंद लेते हैं।

10) होली (holi essay in hindi) हिंदुओं के सबसे प्रिय और आनंददायक त्योहारों में से एक है।

उम्मीद करते हैं कि होली पर निबंध हिन्दी में (holi par nibandh hindi mein) देने की हमारी कोशिश सफल रही होगी और छात्रों को holi ka nibandh hindi mein पढ़कर वांछित जानकारी मिल गई होगी। रंगों के त्योहार होली का निबंध हिंदी में होली पर निबंध (Essay on Holi in Hindi) पढ़ने के बाद इस त्योहार की समग्र समझ विकसित करने में यह लेख मददगार होगा; अब आपकी होली पहले से अधिक रंगीन और सुखद होगी, ऐसी हम कामना करते हैं। हैप्पी होली!

हमें उम्मीद है कि आपको होली पर निबंध (holi par nibandh) लिखने में इस लेख से मदद मिलेगी। परीक्षा में हिंदी में होली निबंध (holi essay in hindi) या holi par nibandh in hindi भी पूछा जाता है। इस लेख की सहायता से आप होली पर निबंध ( holi per nibandh) लिख सकते हैं।

देश में कुछ शहरों में होली के आयोजन बहुत प्रसिद्ध हैं और उसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। यूपी के बरसाना और नंदगांव में हर साल लट्‌ठमार होली का आयोजन होता है। इस दौरान देश-दुनिया के पर्यटक इस त्योहार को देखने और उसमें हिस्सा लेने पहुंचते हैं। इस त्योहार का आयोजन लगभग एक सप्ताह चलता है और रंगपंचमी के दिन संपन्न होता है। बरसाना की लट्‌ठमार होली सामान्यत: फाल्गुन मास की शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है। इस दिन नंद गांव के ग्वाल बाल बरसाना में होली खेलने आते हैं और अगले दिन फाल्गुन पक्ष शुक्ल दशमी को बरसाना के ग्वाल बाल नंदगांव में होली खेलने पहुंचते हैं।

इसी तरह मध्यप्रदेश के इंदौर में भी होली या धुलेंडी के पांच दिन बाद रंगपंचमी का त्योहार बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। रंगपंचमी होलकर शासनकाल के दौरान मनाया जाता था और यह परंपरा अब तक बरकरार है। इस दौरान इंदौर में छुट्‌टी घोषित रहती है और शहर के अलग-अलग दिशाओं से लोग रंगों में सरोबार होकर गेर यात्रा के साथ इंदौर के हृदयस्थल राजबाड़ा पहुंचते हैं। इस दौरान साथ चल रहे टैंकर के पानी में रंग घुला रहता है और उससे लोगों पर बौछार की जाती है। इस फाग यात्रा को गेर कहा जाता है। रंगारंग गेर चारों दिशाओं से आकर राजबाड़ा में इकट्‌ठा होती है और लाखों लोगों की भीड़ जुटती है। स्थानीय नगर निगम और जिला प्रशासन पूरा मुस्तैद रहता है।

महत्वपूर्ण प्रश्न :

होली का त्योहार (holi ka tyohar) वर्ष 2024 में कब है?

अक्सर लोग यह पूछते हैं कि कब है होली? (Kab Hai Holi 2024)। तो इसका जवाब है कि होलिका दहन के अगले दिन होली मनाई जाती है। इस वर्ष फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च को सुबह 9 बजकर 54 मिनट से प्रारंभ होगी और 25 मार्च को दोपहर 12 बजकर 29 मिनट पर समापन होगा। 24 मार्च को होलिका दहन होगा। वर्ष 2024 में होली का त्योहार (holi ka tyohar) 25 मार्च को मनाया जाएगा।

क्या होली के दिन चंद्रग्रहण लगेगा?

इस साल हिंदू पंचांग के अनुसार होली के दिन साल का पहला चंद्रग्रहण लगने वाला है। यह चंद्रग्रहण 25 मार्च को सुबह 10 बजकर 24 मिनट से दोपहर 3 बजकर 1 मिनट तक रहेगा। लेकिन यह चंद्रग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। यह चंद्रग्रहण उत्तर पूर्व एशिया, यूरोप, अमेरिका, जापान, रूस, आयरलैंड, इंग्लैंड, स्पेन, इटली आदि में दिखाई देगा।

होलिका दहन का मुहूर्त (Holika Dahan Muhurt) कब है?

होलिका दहन का मुहूर्त (Holika Dahan Muhurt) जानें- फाल्गुन पूर्णिमा को होलिका दहन और उसके दिन होली मनाई जाती है। इस वर्ष 2024 में 24 मार्च को होलिका दहन के लिए मुहूर्त रात 11 बजकर 13 मिनट से लेकर 12 बजकर 7 मिनट तक है।

  • बिहार बोर्ड 10वीं रिजल्ट
  • बिहार बोर्ड 12वीं रिजल्ट

Frequently Asked Question (FAQs)

यह त्यौहार भगवान विष्णु के भक्त प्रह्लाद को असुरों द्वारा आग में जलाने के प्रयास के विफल होने की याद में मनाया जाता है। इस अवसर पर सांकेतिक रूप से होलिका रूपी बुराई को जलाया जाता है और अगले दिन बुराई के अंत और भक्त प्रह्लाद के प्रचंड ज्वाला में जीवित बच जाने का उत्सव एक-दूसरे पर रंग और गुलाल डालकर हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है।

साल 2024 में होली 25 मार्च को मनाई जाएगी।

होली आकर्षक और मनोहर रंगों का त्योहार है, यह हर धर्म, संप्रदाय, जाति के बंधन की सीमा से परे जाकर लोगों को भाई-चारे का संदेश देता है। इस दिन लोग गिले-शिकवे भूल कर गले मिलते हैं और एक दूजे को गुलाल लगाते हैं और एक-दूसरे को होली के पावन पर्व की शुभकामनाएँ देते हैं।

बच्चों के लिए यह रंग, गुलाल, पिचकारी, पानी वाले गुब्बारों और ढेर सारी मस्ती का पर्याय है। वे सुबह से शुरू हो जाते हैं और दिन-भर लोगों को रंगने और भिगोने में व्यस्त रहते हैं। युवा अपनी टोलियों के साथ रंग की मस्ती में सरोबार रहते हैं। घर के बड़े-बुजुर्गों का त्योहार बच्चों और युवाओं के लिए होली के सामान दिलाने और बाद में उनका शिकार बनने से बचने में बीतता है। अपने हमउम्र लोगों के साथ वे भी मस्ती करते हैं। महिलाएं रसोईघर की भारी-भरकम जिम्मेदारियों के बीच भी समय निकालकर जोश-खरोश के साथ होली मनाती हैं, मनाएं भी क्यों न, रंगों से उनको सबसे अधिक प्यार जो होता है।

होली की पहचान, रौनक और आत्मा रंगों में छिपी है। रंगों से सराबोर चेहरे, कपड़े सभी के चेहरों पर बरबस ही मुस्कान ले आते हैं। बुजुर्गों को भी बच्चा बना देने की ताकत इस त्योहार के रंगों में है। कई तरह की आभा वाले रंग होली के त्योहार की जान हैं।

होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है। कुछ जगह इसे धुलेड़ी या धुलेंडी, धुरखेल, धुरड्डी, धूलिवंदन और चैत बदी भी कहा जाता है।

होली आपसी प्रेम और भाई-चारे का संदेश देने वाला मस्ती भरा त्योहार है। रंग में भंग न हो इसके लिए होली पर कुछ सावधानियां रखनी जरूरी होती हैं-

  • होलिका में किसी भी ऐसी वस्तु को जलाने से बचें जिससे वायु प्रदूषण हो। प्लास्टिक और रबर की चीजों का पुनर्चक्रीकरण किया जा सकता है, इनको जलाकर प्रदूषण न फैलाएं।
  • रंग तथा गुलाल की जगह पर पेंट और ग्रीस लगाने का गंदा काम करते हैं जिससे लोगों को शारीरिक क्षति होने की आशंका रहती है।
  • आंख, नाक जैसे संवेदनशील अंगों पर रंग-गुलाल लगाने से बचें।
  • पानी के गुब्बारों से किसी को न मारें, विशेषकर ऊंचे भवनों से नीचे जा रहे लोगों पर गुब्बारे न फेंके।
  • जबरदस्ती किसी के साथ होली न खेलें। 
  • मादक पदार्थों का सेवन करने से बचें। होली हैप्पी बनी रहे इसे ध्यान में रखकर काम करें।

साल 2023 में होली 8 मार्च को मनाई गई।

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How fascinating it is to represent the whole world on just a piece of paper or a sphere. With the help of maps, we are able to represent the real world on a much smaller scale. Individuals who opt for a career as a cartographer are those who make maps. But, cartography is not just limited to maps, it is about a mixture of art , science , and technology. As a cartographer, not only you will create maps but use various geodetic surveys and remote sensing systems to measure, analyse, and create different maps for political, cultural or educational purposes.

Budget Analyst

Budget analysis, in a nutshell, entails thoroughly analyzing the details of a financial budget. The budget analysis aims to better understand and manage revenue. Budget analysts assist in the achievement of financial targets, the preservation of profitability, and the pursuit of long-term growth for a business. Budget analysts generally have a bachelor's degree in accounting, finance, economics, or a closely related field. Knowledge of Financial Management is of prime importance in this career.

Product Manager

A Product Manager is a professional responsible for product planning and marketing. He or she manages the product throughout the Product Life Cycle, gathering and prioritising the product. A product manager job description includes defining the product vision and working closely with team members of other departments to deliver winning products.  

Underwriter

An underwriter is a person who assesses and evaluates the risk of insurance in his or her field like mortgage, loan, health policy, investment, and so on and so forth. The underwriter career path does involve risks as analysing the risks means finding out if there is a way for the insurance underwriter jobs to recover the money from its clients. If the risk turns out to be too much for the company then in the future it is an underwriter who will be held accountable for it. Therefore, one must carry out his or her job with a lot of attention and diligence.

Finance Executive

Operations manager.

Individuals in the operations manager jobs are responsible for ensuring the efficiency of each department to acquire its optimal goal. They plan the use of resources and distribution of materials. The operations manager's job description includes managing budgets, negotiating contracts, and performing administrative tasks.

Bank Probationary Officer (PO)

Investment director.

An investment director is a person who helps corporations and individuals manage their finances. They can help them develop a strategy to achieve their goals, including paying off debts and investing in the future. In addition, he or she can help individuals make informed decisions.

Welding Engineer

Welding Engineer Job Description: A Welding Engineer work involves managing welding projects and supervising welding teams. He or she is responsible for reviewing welding procedures, processes and documentation. A career as Welding Engineer involves conducting failure analyses and causes on welding issues. 

Transportation Planner

A career as Transportation Planner requires technical application of science and technology in engineering, particularly the concepts, equipment and technologies involved in the production of products and services. In fields like land use, infrastructure review, ecological standards and street design, he or she considers issues of health, environment and performance. A Transportation Planner assigns resources for implementing and designing programmes. He or she is responsible for assessing needs, preparing plans and forecasts and compliance with regulations.

An expert in plumbing is aware of building regulations and safety standards and works to make sure these standards are upheld. Testing pipes for leakage using air pressure and other gauges, and also the ability to construct new pipe systems by cutting, fitting, measuring and threading pipes are some of the other more involved aspects of plumbing. Individuals in the plumber career path are self-employed or work for a small business employing less than ten people, though some might find working for larger entities or the government more desirable.

Construction Manager

Individuals who opt for a career as construction managers have a senior-level management role offered in construction firms. Responsibilities in the construction management career path are assigning tasks to workers, inspecting their work, and coordinating with other professionals including architects, subcontractors, and building services engineers.

Urban Planner

Urban Planning careers revolve around the idea of developing a plan to use the land optimally, without affecting the environment. Urban planning jobs are offered to those candidates who are skilled in making the right use of land to distribute the growing population, to create various communities. 

Urban planning careers come with the opportunity to make changes to the existing cities and towns. They identify various community needs and make short and long-term plans accordingly.

Highway Engineer

Highway Engineer Job Description:  A Highway Engineer is a civil engineer who specialises in planning and building thousands of miles of roads that support connectivity and allow transportation across the country. He or she ensures that traffic management schemes are effectively planned concerning economic sustainability and successful implementation.

Environmental Engineer

Individuals who opt for a career as an environmental engineer are construction professionals who utilise the skills and knowledge of biology, soil science, chemistry and the concept of engineering to design and develop projects that serve as solutions to various environmental problems. 

Naval Architect

A Naval Architect is a professional who designs, produces and repairs safe and sea-worthy surfaces or underwater structures. A Naval Architect stays involved in creating and designing ships, ferries, submarines and yachts with implementation of various principles such as gravity, ideal hull form, buoyancy and stability. 

Orthotist and Prosthetist

Orthotists and Prosthetists are professionals who provide aid to patients with disabilities. They fix them to artificial limbs (prosthetics) and help them to regain stability. There are times when people lose their limbs in an accident. In some other occasions, they are born without a limb or orthopaedic impairment. Orthotists and prosthetists play a crucial role in their lives with fixing them to assistive devices and provide mobility.

Veterinary Doctor

Pathologist.

A career in pathology in India is filled with several responsibilities as it is a medical branch and affects human lives. The demand for pathologists has been increasing over the past few years as people are getting more aware of different diseases. Not only that, but an increase in population and lifestyle changes have also contributed to the increase in a pathologist’s demand. The pathology careers provide an extremely huge number of opportunities and if you want to be a part of the medical field you can consider being a pathologist. If you want to know more about a career in pathology in India then continue reading this article.

Speech Therapist

Gynaecologist.

Gynaecology can be defined as the study of the female body. The job outlook for gynaecology is excellent since there is evergreen demand for one because of their responsibility of dealing with not only women’s health but also fertility and pregnancy issues. Although most women prefer to have a women obstetrician gynaecologist as their doctor, men also explore a career as a gynaecologist and there are ample amounts of male doctors in the field who are gynaecologists and aid women during delivery and childbirth. 

An oncologist is a specialised doctor responsible for providing medical care to patients diagnosed with cancer. He or she uses several therapies to control the cancer and its effect on the human body such as chemotherapy, immunotherapy, radiation therapy and biopsy. An oncologist designs a treatment plan based on a pathology report after diagnosing the type of cancer and where it is spreading inside the body.

Audiologist

The audiologist career involves audiology professionals who are responsible to treat hearing loss and proactively preventing the relevant damage. Individuals who opt for a career as an audiologist use various testing strategies with the aim to determine if someone has a normal sensitivity to sounds or not. After the identification of hearing loss, a hearing doctor is required to determine which sections of the hearing are affected, to what extent they are affected, and where the wound causing the hearing loss is found. As soon as the hearing loss is identified, the patients are provided with recommendations for interventions and rehabilitation such as hearing aids, cochlear implants, and appropriate medical referrals. While audiology is a branch of science that studies and researches hearing, balance, and related disorders.

Hospital Administrator

The hospital Administrator is in charge of organising and supervising the daily operations of medical services and facilities. This organising includes managing of organisation’s staff and its members in service, budgets, service reports, departmental reporting and taking reminders of patient care and services.

For an individual who opts for a career as an actor, the primary responsibility is to completely speak to the character he or she is playing and to persuade the crowd that the character is genuine by connecting with them and bringing them into the story. This applies to significant roles and littler parts, as all roles join to make an effective creation. Here in this article, we will discuss how to become an actor in India, actor exams, actor salary in India, and actor jobs. 

Individuals who opt for a career as acrobats create and direct original routines for themselves, in addition to developing interpretations of existing routines. The work of circus acrobats can be seen in a variety of performance settings, including circus, reality shows, sports events like the Olympics, movies and commercials. Individuals who opt for a career as acrobats must be prepared to face rejections and intermittent periods of work. The creativity of acrobats may extend to other aspects of the performance. For example, acrobats in the circus may work with gym trainers, celebrities or collaborate with other professionals to enhance such performance elements as costume and or maybe at the teaching end of the career.

Video Game Designer

Career as a video game designer is filled with excitement as well as responsibilities. A video game designer is someone who is involved in the process of creating a game from day one. He or she is responsible for fulfilling duties like designing the character of the game, the several levels involved, plot, art and similar other elements. Individuals who opt for a career as a video game designer may also write the codes for the game using different programming languages.

Depending on the video game designer job description and experience they may also have to lead a team and do the early testing of the game in order to suggest changes and find loopholes.

Radio Jockey

Radio Jockey is an exciting, promising career and a great challenge for music lovers. If you are really interested in a career as radio jockey, then it is very important for an RJ to have an automatic, fun, and friendly personality. If you want to get a job done in this field, a strong command of the language and a good voice are always good things. Apart from this, in order to be a good radio jockey, you will also listen to good radio jockeys so that you can understand their style and later make your own by practicing.

A career as radio jockey has a lot to offer to deserving candidates. If you want to know more about a career as radio jockey, and how to become a radio jockey then continue reading the article.

Choreographer

The word “choreography" actually comes from Greek words that mean “dance writing." Individuals who opt for a career as a choreographer create and direct original dances, in addition to developing interpretations of existing dances. A Choreographer dances and utilises his or her creativity in other aspects of dance performance. For example, he or she may work with the music director to select music or collaborate with other famous choreographers to enhance such performance elements as lighting, costume and set design.

Videographer

Multimedia specialist.

A multimedia specialist is a media professional who creates, audio, videos, graphic image files, computer animations for multimedia applications. He or she is responsible for planning, producing, and maintaining websites and applications. 

Social Media Manager

A career as social media manager involves implementing the company’s or brand’s marketing plan across all social media channels. Social media managers help in building or improving a brand’s or a company’s website traffic, build brand awareness, create and implement marketing and brand strategy. Social media managers are key to important social communication as well.

Copy Writer

In a career as a copywriter, one has to consult with the client and understand the brief well. A career as a copywriter has a lot to offer to deserving candidates. Several new mediums of advertising are opening therefore making it a lucrative career choice. Students can pursue various copywriter courses such as Journalism , Advertising , Marketing Management . Here, we have discussed how to become a freelance copywriter, copywriter career path, how to become a copywriter in India, and copywriting career outlook. 

Careers in journalism are filled with excitement as well as responsibilities. One cannot afford to miss out on the details. As it is the small details that provide insights into a story. Depending on those insights a journalist goes about writing a news article. A journalism career can be stressful at times but if you are someone who is passionate about it then it is the right choice for you. If you want to know more about the media field and journalist career then continue reading this article.

For publishing books, newspapers, magazines and digital material, editorial and commercial strategies are set by publishers. Individuals in publishing career paths make choices about the markets their businesses will reach and the type of content that their audience will be served. Individuals in book publisher careers collaborate with editorial staff, designers, authors, and freelance contributors who develop and manage the creation of content.

In a career as a vlogger, one generally works for himself or herself. However, once an individual has gained viewership there are several brands and companies that approach them for paid collaboration. It is one of those fields where an individual can earn well while following his or her passion. 

Ever since internet costs got reduced the viewership for these types of content has increased on a large scale. Therefore, a career as a vlogger has a lot to offer. If you want to know more about the Vlogger eligibility, roles and responsibilities then continue reading the article. 

Individuals in the editor career path is an unsung hero of the news industry who polishes the language of the news stories provided by stringers, reporters, copywriters and content writers and also news agencies. Individuals who opt for a career as an editor make it more persuasive, concise and clear for readers. In this article, we will discuss the details of the editor's career path such as how to become an editor in India, editor salary in India and editor skills and qualities.

Linguistic meaning is related to language or Linguistics which is the study of languages. A career as a linguistic meaning, a profession that is based on the scientific study of language, and it's a very broad field with many specialities. Famous linguists work in academia, researching and teaching different areas of language, such as phonetics (sounds), syntax (word order) and semantics (meaning). 

Other researchers focus on specialities like computational linguistics, which seeks to better match human and computer language capacities, or applied linguistics, which is concerned with improving language education. Still, others work as language experts for the government, advertising companies, dictionary publishers and various other private enterprises. Some might work from home as freelance linguists. Philologist, phonologist, and dialectician are some of Linguist synonym. Linguists can study French , German , Italian . 

Public Relation Executive

Travel journalist.

The career of a travel journalist is full of passion, excitement and responsibility. Journalism as a career could be challenging at times, but if you're someone who has been genuinely enthusiastic about all this, then it is the best decision for you. Travel journalism jobs are all about insightful, artfully written, informative narratives designed to cover the travel industry. Travel Journalist is someone who explores, gathers and presents information as a news article.

Quality Controller

A quality controller plays a crucial role in an organisation. He or she is responsible for performing quality checks on manufactured products. He or she identifies the defects in a product and rejects the product. 

A quality controller records detailed information about products with defects and sends it to the supervisor or plant manager to take necessary actions to improve the production process.

Production Manager

Merchandiser.

A QA Lead is in charge of the QA Team. The role of QA Lead comes with the responsibility of assessing services and products in order to determine that he or she meets the quality standards. He or she develops, implements and manages test plans. 

Metallurgical Engineer

A metallurgical engineer is a professional who studies and produces materials that bring power to our world. He or she extracts metals from ores and rocks and transforms them into alloys, high-purity metals and other materials used in developing infrastructure, transportation and healthcare equipment. 

Azure Administrator

An Azure Administrator is a professional responsible for implementing, monitoring, and maintaining Azure Solutions. He or she manages cloud infrastructure service instances and various cloud servers as well as sets up public and private cloud systems. 

AWS Solution Architect

An AWS Solution Architect is someone who specializes in developing and implementing cloud computing systems. He or she has a good understanding of the various aspects of cloud computing and can confidently deploy and manage their systems. He or she troubleshoots the issues and evaluates the risk from the third party. 

Computer Programmer

Careers in computer programming primarily refer to the systematic act of writing code and moreover include wider computer science areas. The word 'programmer' or 'coder' has entered into practice with the growing number of newly self-taught tech enthusiasts. Computer programming careers involve the use of designs created by software developers and engineers and transforming them into commands that can be implemented by computers. These commands result in regular usage of social media sites, word-processing applications and browsers.

ITSM Manager

Information security manager.

Individuals in the information security manager career path involves in overseeing and controlling all aspects of computer security. The IT security manager job description includes planning and carrying out security measures to protect the business data and information from corruption, theft, unauthorised access, and deliberate attack 

Business Intelligence Developer

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होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi)

होली

अपडेट किया गया: 20 फरवरी 2023

होली भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है, जो विश्वभर मेंबड़े धूमधाम सेमनायाजाता है। यहमुख्य रूप से भारत तथा नेपाल में मनाया जाता है।नेपाल की तराई होलीविश्वप्रसिद्ध है। मंजीरा, ढोलकवमृदंग की ध्वनि से गूंजताऔर रंगों से भरा होली का त्योहार, फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। मार्च का महीना जैसे होली कीउत्साह कोऔरभी बढ़ा देता है। इस त्यौहार में सभी की ऊर्जा देखतेही बनती है। होली के अवसर पर बच्चोंमें अलग ही उमंग देखने को मिलता है,वे रंग-बिरंगी पिचकारी को अपने सीने से लगाए, सब पर रंग डालते हैं और जोर-जोर से “होली है..” कहते हुए पूरे मोहल्ले में भागते फिरते हैं।

होली पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Holi in Hindi, Holi par Nibandh Hindi mein)

अक्सर, बच्चों को विद्यालयमें होलीपर निबंध लिखने को दिया जाता है। यहाँ हमने आपकी आसानी के लिए होली पर कई निबंध दिए है, उम्मीद करते है की ये सभी निबंध आपको पसंद आयेंगे-

होली पर निबंध – 1 (100 -150 शब्द )

होली भारत में मनाया जाने वाला एक विशेष पर्व है।यह त्यौहार मार्च महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है।होली का त्यौहार भक्त प्रह्लाद की ईश्वर के प्रति अनन्य भक्ति और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।इस त्यौहार के पहले दिन होलिका रूपी बुराई का सत्य रूपी अग्नि में दहन किया जाता है फिर अगले दिन जीत की ख़ुशी को रंग और गुलाल की होली खेलकर मनाया जाताहै।

होली पर हमें अप्राकृतिक रंगो से त्यौहार को नहीं मनाना चाहिए बल्कि प्राकृतिक फूलों के रंग से और अबीर से होली खेलनी चाहिए। होली पर सभी अपने पुराने बैर भुलाकर एक दूसरे को गले लगाते है और साथ बैठकर गुझिया, पापड़, और अन्य पकवान खाते है।

होली पर निबंध 2: (250 – 300 शब्द)

होली का उत्सव अपने साथ सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है और आसमान में बिखरे गुलाल की तरह ऊर्जा को चारों ओर बिखेर देता है। इस पर्व की ख़ास तैयारी में लोगों के अंदर बहुत अधिक उत्साह को देखा जा सकता है।

होली की तैयारी

होली की विशेष तैयारी में एक दिन से ज्यादा का समय लगता है। इस पर्व पर सबके घरों में अनेक पकवान बनाएं जाते हैं जिसमें गुजिया, दही भल्ले, गुलाब जामुनआदि प्रमुख हैं। लोग महीनो पहले से अपने घर के छतों पर विभिन्न तरह के पापड़ और चिप्स आदि को सुखाने में लग जाते हैं। मध्यमवर्गीय परिवार भी इस त्यौहार पर अपने बच्चों के लिए कपड़े अवश्य खरीदता है।

होली कैसे मनाई जाती है

होली पर सभी बहुत अधिक उत्साहित होते हैं। बड़े भी बच्चे बन जाते हैं,हम, लोगों का चेहरा रंगों से ऐसे रंगते हैं की पहचानना मुश्किल हो जाता है वहीं बड़ों को गुलाल लगाकर उनका आशीर्वाद लेते हैं। अमीर-गरीब, ऊँच- नीच का भेद भुलकर सभी आनंद के साथ होली में झूमते नज़र आते हैं। झूमने का एक अन्य कारण भांग और ठंडाई भी है यह होली पर विशेषतौर पर पीया जाता है। घर की महिलाएं सारे पकवान बना कर जहां दोपहर से होली खेलना प्रारंभ करती है वहीं बच्चे सुबह उठने के साथ ही उत्साह के साथ मैदान में आ जाते हैं।

होली के एक दिन पहले होलिका दहन

होली के एक दिन पहले गांवों  व शहरों के खुले क्षेत्र में होलिका दहन की परंपरा निभाई जाती है। यह भगवान की असीम शक्ति का प्रमाण तथा बुराई पर अच्छाई की जीत का बोध कराती है।

होली आनंद से भरा रंगों का त्यौहार है, यह भारत भूमि पर प्राचीन समय से मनाया जाता है। त्योहारों की ख़ास बात यह है, की इसकी मस्ती में लोग आपसी बैर तक भूल जाते हैं एवं होली त्योहारों में विशेष स्थान रखता है।

यूट्यूब पर देखें: Holi par nibandh

होली पर निबंध– 3  (300 शब्द)

होली रंगो का त्यौहार है, जो भारतवर्ष में ही नहीं अपितु पुरे विश्व में बड़े धूम धाम से मनाई जाती है।यह त्यौहार शरद ऋतू के अंत और वसंत ऋतू के आरम्भ का प्रतिक भीमाना जाता है।होली का त्यौहार भारत में मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में से एक है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्तम और भावपूर्ण उदाहरण हमारे समक्ष प्रस्तुत करता है।

होली का त्यौहार क्यों और कैसे मनाया जाता है ?

होली के इस पावन त्यौहार को मनाने के पीछे कई कथाये प्रचलित है, परन्तु सबसे मान्य कथा भक्त प्रह्लाद की है। प्रह्लाद का पिता हिरण्यकश्यप था, जो की क्रूर और आततायी था।  उसने स्वयं को ही भगवान मान लिया था और चाहता था की उसकी प्रजा भगवन की जगह उसकी पूजा करे , परन्तु उसका पुत्र प्रह्लाद जो की विष्णु का अनन्य भक्त था उसने अपने पिता को पूजने से इंकार कर दिया। इससे क्रुद्ध होकर हिरण्यकश्यप ने उसे तरह तरह की नीति अपनाकर वश में करने का प्रयत्न किया, परन्तु प्रह्लाद अडिग रहा ।

  अतः उसने अपनी बहन होलिका का सहारा लेकर एक षड़यंत्र रचा, परन्तु आग की होली में होलिका के प्रह्लाद को गोंद में लेकर बैठने पर भगवन के चमत्कार से होलिका जल गई और प्रह्लाद बच गया । तब से ही होली का पर्व मनाया जाता है, होली के एक दिन पूर्व होलिका दहन किया जाता है। फिर दूसरे दिन रंग और गुलाल से बुराई पर अच्छाई की जीत की ख़ुशी मनाई जाती है।

होली का हमारे जीवन में महत्व

होली के त्यौहार का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। होली का त्यौहार हमें हर वर्ष एक प्रतिक के रूप में यह सन्देश देता है की हमें सदा सत्य के मार्ग पर चलना चाहिए। फिर चाहे हमारे पथ में हिरण्यकश्यप या होलिका जैसी विपत्तियां क्यों न आये ,जीत सदा सत्य की ही होती है। यह कथा और त्यौहार हमारे जीवन का मार्गदर्शन करती है।

अतः हमें यह त्यौहार बड़े ही हर्षोल्लाष के साथ मनाना चाहिए और अपने से छोटो को इस त्यौहार के महत्व को बताना चाहिए, जिससे की होली के त्यौहार की तरह उनके जीवन में भी खुशियों के विभिन्न रंग और गुलाल भर जाये।

यूट्यूब पर देखें : Holi par nibandh

होली पर निबंध 4: 400 शब्द

प्राचीन समय में होली के अवसर पर जहां मंदिरों में कृष्ण और राम के भजन गूंजते थे, वहीं नगरों में लोगों द्वारा ढोलकव मंजिरों के ताल पर लोकगीत गाए जाते थे। पर बदलते समय के साथ इस त्योहार का स्वरूप भी बदलता नज़र आ रहा है।

कार्यस्थलों तथा विभिन्न संस्थानोंमें होली

होली पर सभी संस्थान, संस्था व कार्यस्थल में छुट्टी दी जाती है मगर छुट्टी से पहले स्कूलों में बच्चे तथा कार्यस्थल पर सभी कार्मचारी एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली की शुभकामनाएं देते हैं।

होली की संध्या में मित्रों से मेल-मिलाप

दिन भर रंगों से खेलने व नाच गाने के पश्चात सभी संध्या में नये वस्त्र पहनते हैं और अपने पड़ोसी व मित्रों के घरों में उनसे मिलने और होली की शुभकामना देने जाते हैं।

होली की हलचल का सभी टीवी चैनलों पर प्रसारण

होली पर सभी टीवी चैनलों में होली के गीत, विशेष कार्यक्रम तथा न्यूज चैनलों के माध्यम से विभिन्न स्थानों की होली प्रसारित की जाती है।

बाजारों की रौनक में, होली की परंपरागत रीति कहीं खो न जाए

होली पर सभी छोटे-बड़े दुकानदार अपने दुकानों के आगे स्टैंड आदि लगा कर विभिन्न प्रकार के चटकीले रंग, गुलाल, पिचकारी व होली के अन्य आकर्षक सामग्री जैसे रंग बिरंगे विग से अपने स्टॉल को भर देते हैं। राशन तथा कपड़ों की दुकानों पर खरीदारी के लिए विशेष भीड़ देखने को मिलती है। पर समय बितने के साथ ज्यादातर लोग अब स्वयं से कोई पकवान नहीं बनाते वे हर प्रकार की मिठाइयां बाजार से ही खरीद लेते हैं। इससे त्योहार की धूम का बाजारीकरण में खो जाने का भय है।

समय के साथ होली का बदलता स्वरूप

परंपरागत विधि से आज इस त्यौहार का स्वरूप बहुत अधिक बदल गया है। पहले लोग होली की मस्ती में अपनी मर्यादा को नहीं भूलते थे। लेकिन आज के समय में त्योहार के नाम पर लोग अनैतिक कार्य कर रहें हैं। जैसे एक-दूसरे के कपड़े-फाड़ देना, जबरदस्ती किसी पर रंग डालना आदि।

होली पर हुड़दंग

होली पर वह भी रंगों से भीग जाते हैं जो अपने घरों से नहीं निकलना चाहते और जैसे की भिगोने वालों का तकिया कलाम बन चुका होता है “बुरा ना मानो होली है”। कुछ लोग त्यौहार का गलत फायदा उठा कर बहुत अधिक मादक पदार्थों का सेवन करते हैं और सड़क पर चल रहीं महिलाओं को परेशान करते हैं। यह सरासर गलत व्यवहार है।

होली पर सभी मस्ती में डूबे नज़र आते हैं। जहां सामान्य व्यक्ति अनेकों प्रकार के स्वादिष्ट भोजन तथा ठंडाई का सेवन करते हैं। वहीं मनचलों को नशे में धुत्त होकर अपनी मनमानी करने का एक अवसर प्राप्त हो जाता है। होली रंगों का त्योहार है इसे प्रेम पूर्वक खेलना चाहिए।

Holi Essay

होली पर निबंध 5: 500 शब्द

अपना घर चलाने के लिए जो पेशेवर घरों से दूर रहते हैं, वह भी होली के समय पर अपने परिवार के पास लौट आते हैं। यह त्योहार हमें हमारे संस्कृति से जोड़ने का कार्य करता है, अतः इस दृष्टी से यह हमारे लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है।

होली का इतिहास व मनाए जाने का कारण

पुराणों के अनुसार, विष्णु भक्त प्रह्लाद से क्रोधित होकर प्रह्लाद के पिता हिरण्यकश्यप ने, पुत्र प्रह्लाद को ब्रह्मा द्वारा वरदान में प्राप्त वस्त्र धारण किए बहन होलिका के गोद में आग से जला देने की मंशा से बैठा दिया। किन्तु प्रभु की महिमा से वह वस्त्र प्रह्लाद को ढ़क लेता है और होलिका जल कर भस्म हो जाती है। इस खुशी में नगरवासियों द्वारा दूसरे दिन होली मनाया गया। तब से होलिका दहन और होली मनाया जाने लगा।

होली के पर्व से जुड़े होलिका दहन के दिन, परिवार के सभी सदस्य को उबटन (हल्दी, सरसों व दही का लेप) लगाया जाता है। ऐसी मान्यता है की उस दिन उबटन लगाने से व्यक्ति के सभी रोग दूर हो जाते हैं व गांव के सभी घरों से एक-एक लकड़ी होलिका में जलाने के लिए दी जाती है। आग में लकड़ी जलने के साथ लोगों के सभी विकार भी जल कर नष्ट हो जाते हैं। होली के कोलाहल (शोर) में, शत्रु के भी गले से लग जाने पर सभी अपना बड़ा दिल कर के आपसी रंजिश भूल जाते हैं।

भारत के विभिन्न राज्यों की होली

ब्रजभूमि की लठमार होली

“सब जग होरी या ब्रज होरा” अर्थात सारे जग से अनूठी ब्रज की होली है। ब्रज के गांव बरसाना में होली प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस होली में नंदगांव के पुरुष और बरसाना की महिलाएं भाग लेती हैं क्योंकि श्री कृष्ण नंदगांव से थे और राधा बरसाना से। जहां पुरुषों का ध्यान भरी पिचकारी से महिलाओं को भिगोने में रहता है वहीं महिलाएं खुद का बचाव और उनके रंगों का उत्तर उन्हें लाठियों से मार कर देती है। सच में यह अद्भुत दृश्य होता है।

मथुरा और वृंदावन की होली

मथुरा और वृंदावन में होली की अलग छटा नज़र आती है। यहां होली की धूम 16 दिन तक छाई रहती है। लोग “फाग खेलन आए नंद किशोर” और “उड़त गुलाल लाल भए बदरा” आदि अन्य लोक गीत का गायन कर इस पावन पर्व में डूब जाते हैं।

महाराष्ट्र और गुजरात की मटकी फोड़ होली

महाराष्ट्र और गुजरात में होली पर श्री कृष्ण की बाल लीला का स्मरण करते हुए होली का पर्व मनाया जाता है। महिलाएं मक्खन से भरी मटकी को ऊँचाई पर टांगती हैं इन्हें पुरुष फोड़ने का प्रयास करते हैं और नांच गाने के साथ होली खेलते हैं।

पंजाब का “ होला मोहल्ला”

पंजाब में होली का यह पर्व पुरुषों की शक्ति के रूप में देखा जाता है। होली के दूसरे दिन से सिक्खों के पवित्र धर्मस्थान “आनंदपुर साहेब” में छः दिवसीय मेला लगता है। इस मेले में पुरुष भाग लेते हैं तथाघुड़सवारी,तीरंदाजी जैसे करतब दिखाते हैं।

बंगाल की “ डोल पूर्णिमा” होली

बंगाल और उड़ीसा में डोल पूर्णिमा के नाम से होली प्रचलित है। इस दिन पर राधा कृष्ण की प्रतिमा को डोल में बैठा कर पूरे गांव में भजन कीर्तन करते हुए यात्रा निकाली जाती है और रंगों से होली खेली जाती है।

मणिपुर की होली

होली पर मणिपुर में “थबल चैंगबा” नृत्य का आयोजन किया जाता है। यहां यह पर्व पूरे छः दिवस तक नाच-गाने व अनेक तरह के प्रतियोगिता के साथ चलता रहता है।

फाल्गुन की पूर्णिमा से उड़ते गुलाल व ढोलक की ताल से शुरू हुई होली भारत के कोने- कोने में विभिन्न प्रकार से हर्षोंल्लास के साथ मनाई जाती है। इस पर्व के आनंद में सभी आपसी मन-मुटाव को भूल कर एक-दूसरे के गले लग जाते हैं।

उम्मीद करते हैं कि ये सभी होली के निबंध आपको पढ़कर अच्छा लगा होगा, आप अपनी आवश्यकता के अनुसार इनमे से कोई भी निबंध इस्तेमाल कर सकते हैं। धन्यवाद!

Frequently asked questions (FAQS) होली से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

उत्तर- प्रह्लाद की बुआ होलिका के नाम पर इस त्यौहार का नाम होली पड़ा।

उत्तर- लठमार होली श्री कृष्ण और राधा के प्रेम का प्रतिक होने के कारण विशेष है।

उत्तर- प्रह्लाद विष्णु भगवान ( नरसिंह अवतार ) का उपासक था।

उत्तर- होली त्यौहार के प्रमुख व्यंजन गुजिया , गुलाब जामुन , ठंडाई आदि हैं।

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होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi

Holi Essay in Hindi : दोस्तों आज हमने होली पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 के विद्यार्थियों के लिए लिखा है इस Holi Par Nibandh की सहायता से हमने होली त्योहार को कैसे मनाया जाता है,

इसका इतिहास क्या है और वर्तमान में Holi को किस तरह से भारत और अन्य देशों में मनाया जाता है इस पर हमने विस्तारपूर्वक निबंध लिखा है। यह निबंध हमने विद्यार्थियों की सहूलियत को ध्यान में रखते हुए अलग- अलग शब्द सीमा में लिखा है।

Holi Essay in Hindi

Get Some Essays on Holi in Hindi for students under 150, 300, 500 and 1500 words।

Short Holi Essay in Hindi 150 Words

होली का त्यौहार हिंदू धर्म में मनाया जाने वाला दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है इस त्यौहार को रंगो के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है। Holi का त्यौहार भारत के साथ-साथ नेपाल बांग्लादेश अमेरिका ऑस्ट्रेलिया कनाडा जैसे कई देशों में भी प्रसिद्ध है।

यह त्यौहार प्रमुख रूप से दो दिनों का होता है जिसने पहले दिन होली दहन किया जाता है जिसमें लकड़ियां और गोबर के कंडे डालकर होलिका दहन किया जाता है।

Holi के दूसरे दिन को धुलण्डी कहा जाता है जिसमें सभी लोग एक दूसरे को रंग-बिरंगे रंग लगाते है इस दिन भारत में लोग कोई भी जात-पात नहीं देखते सभी एक दूसरे से गले मिलकर खूब धूमधाम से होली को मनाते है।

यह भी पढ़ें – 10+ होली पर कविता – Hindi Poem on Holi

इस त्यौहार को प्रेम का त्यौहार भी कहा जाता है क्योंकि जिस दिन सभी लोग अपने गिले-शिकवे भुलाकर दोस्ती कर लेते हैं और पूरे हर्षोल्लास से इस त्योहार को मनाते है। भारत में नंदगांव, वृंदावन और बरसाने की होली बहुत अधिक प्रसिद्ध है इसे देखने के लिए विदेशों से भी पर्यटक आते है।

Essay on Holi in Hindi 300 Words

हिंदू धर्म का होली का त्योहार विश्व प्रसिद्ध है यह त्यौहार मार्च के महीने में मनाया जाता है हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास में इस त्यौहार को मनाया जाता है। इस त्यौहार को मनाया जाने के पीछे एक पौराणिक कथा है

जिसके अनुसार हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस था जिसने ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त कर लिया था कि उसे कोई भी नहीं मार सकता है इसलिए फिर वह वरदान पा कर इतना कुरुर हो गया कि वह अपने आप को ही भगवान मानने लगा वह भगवान विष्णु का बहुत बड़ा दुश्मन था।

हिरण्यकश्यप का एक बेटा था जो कि भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था काफी समझाने के बाद भी वह भगवान विष्णु की पूजा करना नहीं छोड़ रहा था तो हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका की मदद से उसे मारने की कोशिश की,

होलिका को आग में नहीं जलने का वरदान था इसलिए वह प्रहलाद को लेकर जलती आग की चिता पर बैठ गई थी लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद को कुछ भी नहीं हुआ और होलीका जलकर भस्म हो गई।

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इसे बुराई पर अच्छाई की जीत माना गया और होली त्यौहार का उदय हुआ। इसीलिए वर्तमान में लोग अब जगह जगह होली के दिन होलिका का दहन करते है। होलिका का दहन करने के लिए घास फूस और सूखी लकड़ियां साथ में गोबर की बहुत सारे कंडे इस्तेमाल में लिए जाते है।

होलिका दहन से पहले महिलाएं होली की पूजा करती है और इसके बाद होलिका दहन कर दिया जाता है। होली का दूसरा दिन मौज मस्ती का होता है इस दिन सभी लोग एक दूसरे को गुलाल रंग लगाते है और एक दूसरे को रंग बिरंगे रंगों से रंग देते है।

वृंदावन में फूलों की होली भी खेली जाती है यह त्योहार सच में सौहार्द का त्यौहार है क्योंकि इस दिन सभी लोग अपने देश में भूलाकर दोस्ती कर लेते है।

Holi Par Nibandh 500 Words

प्रस्तावना –

हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए होली का त्यौहार बहुत ही महत्वपूर्ण है हिंदू धर्म को मानने वालों के अनुसार होली का त्यौहार हिंदुओं का दूसरा सबसे बड़ा त्यौहार है।

इस त्यौहार को सभी वर्गों के लोग बनाते हैं वर्तमान में तो अन्य धर्मों को मानने वाले लोग भी इस त्यौहार को बड़ी धूमधाम से मनाते है।

यह खुशियां बांटने वाला त्यौहार है इस दिन सभी लोग एक दूसरे से गले मिलकर खुशी खुशी इस त्योहार को मनाते है इस त्यौहार में ऐसी शक्ति है कि वर्षों पुरानी दुश्मनी भी इस दिन दोस्ती में बदल जाती है। इसीलिए होली को सौहार्द का त्यौहार भी कहा गया है।

होली मनाने का कारण –

हिंदू धर्म में Holi मनाने का एक प्रमुख कारण है इसके पीछे एक पुरानी कथा जुड़ी हुई है इस कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम का एक बहुत बड़ा राक्षस था जो कि अपनी भक्ति और शक्ति के लिए बहुत प्रसिद्ध था।

उसे देवताओं से एक वरदान मिला हुआ था जिसके अनुसार उसकी मृत्यु कभी नहीं हो सकती है।

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यह वरदान मिलने के बाद उसमें अहंकार आ गया और वह अपने आप को ही भगवान मानने लगा और अपनी प्रजा से स्वयं की पूजा करने को कहने लगा। प्रजा उसके क्रोध के कारण उसकी पूजा भी करने लगी लेकिन कुछ समय पश्चात ही हिरण्यकश्यप के एक बेटा पैदा हुआ जिसका नाम प्रह्लाद रखा गया।

प्रहलाद बचपन से ही भगवान विष्णु का भक्त बन गया अपने पिता हिरण्यकश्यप के लाख समझाने के बावजूद भी है भगवान विष्णु की ही पूजा करता था इसलिए हिरण्यकश्यप ने क्रोध में आकर अपनी बहन होलिका को अपने ही बेटे को मारने का फरमान सुना दिया। होलिका को वरदान था कि वह किसी भी प्रकार की अग्नि उसे जला नहीं सकती।

होलीका प्रहलाद को लेकर जलती चिता पर बैठ गई लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद को कुछ भी नहीं हुआ और होलिका जलकर राख हो गई।

जिसके बाद यह माना गया कि बुराई चाहे कितनी भी बड़ी क्यों ना हो हमेशा अच्छाई की जीत होती है। इसके बाद से ही होली का त्यौहार मनाया जाने लगा।

होली की मनाने की प्रक्रिया –

होली त्योहार की तैयारियां लोग कई दिनों पहले से ही करने लग जाते हैं बाजारों में रंग बिरंगे गुलाल नए कपड़े और मिठाइयां बिकने को आ जाती है। बाजारों में एक अलग ही रौनक देखने को मिलती है।

होली का त्यौहार 2 दिनों तक चलता है होली के पहले दिन संध्या के समय होलिका दहन किया जाता है। सभी लोग होलिका दहन के बाद एक दूसरे को गले मिलकर होली की शुभकामनाएं देते हैं और पूरे मोहल्ले भर में मिठाइयां बांटते है।

होली का दूसरा दिन धुलण्डी के रूप में जाना जाता है इस दिन सभी लोग एक दूसरे को रंग-बिरंगे रंग से रंगते है। और पूरे दिन भर रंगो से खेलते है। इस दिन लोग खूब मौज मस्ती करते हैं और नई मिठाईयां खाते है।

उपसंहार –

होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक माना जाता है इस त्यौहार से सीख लेते हुए हमें भी अपनी बुराइयों को छोड़ते हुए अच्छाई को अपनाना चाहिए। इस त्यौहार से में एक और सीखने को मिलती है कि कभी भी हमें अहंकार नहीं करना चाहिए क्योंकि अहंकार हमारे सोचने समझने की शक्ति को बंद कर देता है।

हमें होली का त्यौहार अपने परिवार और दोस्तों के साथ खूब धूमधाम से मनाना चाहिए।

Long Essay on Holi in Hindi 1500 Words

रूपरेखा –

भारत त्योहारों का देश है इसीलिए आप प्रत्येक दिन एक त्यौहार के रूप में मनाया जाता है भारत में हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों की जनसंख्या अधिक है इसलिए यहां पर बहुत त्योहार मनाए जाते है। होली का त्यौहार भी एनी त्योहारों में से एक है लेकिन यह त्यौहार अपनी एक अलग पहचान रखता है।

ऐसा माना जाता है कि होली का त्योहार हजारों वर्षों से मनाया जाता है जा रहा है होली के त्यौहार की कृष्ण की रासलीला में भी जिक्र किया गया है भगवान कृष्ण को भी होली का त्योहार बहुत अधिक प्रिय था। होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है साथ ही यह मौज मस्ती का भी प्रतीक है।

होली कब मनाई जाती है –

होली का त्योहार प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में मनाया जाता है हिंदू कैलेंडर के अनुसार इस जोहार को फाल्गुन मास में मनाने की प्रथा है। इस वर्ष 2019 में होली का त्यौहार 20 मार्च 2019 को मनाया जाएगा ।

होली का इतिहास –

होली के त्यौहार का जिक्र है पुराने ग्रंथों में इसे भी देखने को मिलता है जो कि यह बतलाता है कि होली का त्यौहार बहुत बड़ा है। इस त्योहार को मनाने के पीछे एक बहुत ही अच्छी और प्रसिद्ध कथा है।

पुरानी कथा के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम का एक बहुत बड़ा राक्षस हुआ करता था जिसने वर्षों की तपस्या करके भगवान ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर दिया जिसके बाद ब्रह्मा जी ने हिरण्यकश्यप को वरदान मांगने के लिए कहा तो विनय कश्यप ने वरदान में मांगा कि उसे ना दिन में ना रात में, ना देवता ना मनुष्य, ना ही कोई जानवर और ना ही किसी प्रकार के हथियार से उसकी हत्या नहीं की जा सकती है।

हिरण्यकश्यप को यह वरदान मिलने के बाद उसमें अहंकार आ गया और वह सोचने लगा कि वही इस सृष्टि का दाता है और वही सबसे बड़ा भगवान है। वह अपनी प्रजा से क्रूरता पूर्ण व्यवहार करने लगा।

वह भगवान विष्णु को अपना सबसे बड़ा दुश्मन मानता था इसलिए अपनी प्रजा से कहता था कि वह उसकी पूजा करें भगवान विष्णु की पूजा ना करें। प्रजा के कुछ लोगों ने भय वश उसकी पूजा भी करने लगे।

समय बीतने के साथ ही हिरण्यकश्यप के एक बेटा पैदा हुआ जिसका नाम पहलाद रखा गया। प्रहलाद बचपन से ही भगवान विष्णु का भक्त था वह सुबह शाम की पूजा करता था। जैसे ही हिरण्यकश्यप को पता चला कि उसका बेटा भगवान विष्णु का भक्त है तो उसने अपने बेटे को समझाने की कोशिश की लेकिन प्रहलाद में अपने पिता की एक बात ने सुनी।

हिरण्यकश्यप को इस बात को लेकर बहुत क्रोध आया और उसने अपनी बहन होलिका को बुलाया और अपने ही बेटे को मारने को कहा। होलिका को वरदान था कि उसे किसी भी प्रकार की आग जला नहीं सकती है इसलिए उसने अपने भाई का साथ देते हुए प्रहलाद को लेकर जलती हुई आपकी चिता में बैठ गई।

प्रहलाद यह देखकर घबरा गया और भगवान विष्णु की पूजा करने लगा भगवान विष्णु की ऐसी कृपा हुई थी प्रहलाद को एक खरोच तक नहीं आई और होलिका जलकर भस्म हो गई। इसी के बाद से होली का त्यौहार मनाया जाने लगा।

होली कैसे मनाई जाती है –

होली का पर्व भारत के साथ साथ नेपाल अमेरिका ऑस्ट्रेलिया भूटान कनाडा मॉरिशस जैसे देशों में भी खूब धूमधाम से मनाया जाता है होली के त्यौहार की तैयारियां कई दिनों पहले से ही होनी प्रारंभ हो जाती है। महीनों पहले ही बाजारों में रौनक आ जाती है और बाजार रंग बिरंगी रंगों से सजे जाते है।

Holi मनाने के लिए लोग नए कपड़े खरीदते हैं और खूब सारी मिठाइयां खरीदते है। होली के दिन एक जगह चिन्हित कर ली जाती है जहां पर होली जलाई जानी होती है वहां पर पूरे दिन भर लोग लकड़ियां और गोबर के कंडे इकट्ठे करते है शाम तक यह एक बड़े ढेर में बदल जाता है। इस ढेर के बीचो-बीच पहलाद के प्रतीक के रूप में एक लकड़ी लगाई जाती है।

संध्या के समय महिलाओं द्वारा होली की पूजा की जाती है लोटे से जल अर्पण किया जाता है। इसके बाद शुभ मुहूर्त देखकर होलिका दहन कर दिया जाता है जैसे ही आग की लपटें बढ़ने लग जाती हैं पहलाद के प्रतीक वाली लकड़ी को निकाल दिया जाता है और दर्शाया जाता है की बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत ही होती है।

होलिका दहन होते समय कुछ लोग इसमें मीठे व्यंजन भी डालते हैं सब लोग अपनी प्रथा के अनुसार होलिका दहन में वस्तुएं डालते है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार होली का धुआं जिस दिशा की ओर जाता है उस दिशा में उस साल बहुत अच्छी फसल होती है। होलिका दहन के पश्चात सभी लोग एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं देते है और खूब सारी मिठाइयां बांटते है।

धुलण्डी –

होली का दूसरा दिन जिसे धुलण्डी का नाम दिया गया है यह दिल मौज मस्ती का दिन होता है इस दिन बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी मौज मस्ती करते हैं और एक दूसरे को रंग बिरंगी रंग लगाते है। सभी लोग एक दूसरे को ऐसे रंग देते हैं कि शाम होते-होते यह समझ ही नहीं आता है कि कौन सा व्यक्ति कौन है।

कुछ लोग इस दिन पक्के रंगों का भी इस्तेमाल करते हैं जिससे लोगों की सेहत खराब हो जाती है तो हमें पक्के रंगों का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए हमेशा गुलाल से ही धुलण्डी खेलनी चाहिए। बच्चे जिन पार्टियों में पानी भर लेते हैं और पिचकारी उसे एक दूसरे के ऊपर रंग उड़ाते है।

सभी लोग अपनी-अपनी टोलियां बनाकर पूरे मोहल्ले भर में सभी को रंग लगाते फिरते हैं और एक बार आग लगाने के बाद उसे अपनी टोली में शामिल कर लेते हैं और ढोल नगाड़े बजाते हुए निकलते है। इस दिन लोग इतनी मौज मस्ती करते हैं कि सड़कों पर ही नाचने गाने लग जाते है।

भारत की प्रसिद्ध होली –

हमारे भारत देश में कुछ ऐसी जगह है जहां पर Holi का एक अलग ही रूप देखने को मिलता है यहां की होली जो भी एक बार वे दूसरी बार यहां पर जरूर आना चाहता है इनमें से कुछ जगह इस प्रकार हैं

वृंदावन की होली – यहां के लोग रंगों की वजह फूलों से होली खेलते हैं सभी लोग एक दूसरे पर रंग बिरंगे फूल उड़ाते है। भगवान श्री कृष्ण भी यहां पर होली खेला करते थे और वृंदावन भी उन्हीं की नगरी है इसीलिए लोगों में उत्साह है और बढ़ जाता है।

यहां की होली देखने कई विदेशों से पर्यटक आते हैं जो कि यहां पर आकर बहुत ही धूमधाम से होली खेलते है।

बरसाने की होली – यह माता राधा का जन्म स्थान है यहां पर भगवान श्री कृष्ण अपने दोस्तों के साथ नंद गांव से बरसाने में होली खेलने आते थे। उसी तरह आज भी लोग नंद गांव से बरसाने में होली खेले जाते हैं यहां की होली इसलिए प्रमुख है क्योंकि यहां पर महिलाएं पुरुषों पर रंगो की वजह लकड़ी की लाठियों से उन्हें पीटती है।

यह देखने में बहुत ही सुंदर लगता है इसीलिए यहां की होली को लठमार होली भी कहा जाता है। कुछ इसी तरह की होली हरियाणा राज्य में भी खेली जाती है जहां भाभी देवर पर लाठियां बरसाती है। इसमें किसी को चोट नहीं आती क्योंकि पुरुषों के पास बचाव के लिए ढाल होती है।

राजस्थान की होली – राजस्थान की होली हमारे देश के साथ साथ विदेशों में भी प्रसिद्ध है क्योंकि यहां पर होली का त्यौहार आने से महीनों पहले ही ढप और चंग की ताल पर पौराणिक होली के प्रसिद्ध गीत गाए जाते है। यहां पर लोग मोहल्लों में इकट्ठा हो जाते हैं और पूरी रात रात भर गीत गाते हैं और नाचते है।

राजस्थान की होली जो भी एक बार देख लेता है उसका मन यहां पर आने काम दूसरी बात भी करता है।

होली के त्यौहार का महत्व –

होली का ऐतिहासिक महत्व – होली के दिन बुराई पर अच्छाई की जीत हुई थी इसलिए लोगों को इस त्यौहार से शिक्षा मिलती है कि चाहे बुराई कितनी भी बड़ी क्यों ना हो हमेशा अच्छाई की जीत होती है इसलिए वह हमेशा अच्छे रास्ते को अपनाते है।

सामाजिक महत्व – होली एक सौहार्दपूर्ण त्यौहार है जिसमें लोग वर्षों पुरानी दुश्मनी लड़ाई झगड़ा भुलाकर एक दूसरे से गले मिल जाते है इसीलिए इस त्यौहार को दोस्ती का भी प्रतीक कहा गया है। इस दिन समाज में कोई ऊंच-नीच नहीं देखता सभी लोग एक दूसरे को गले लगा कर होली का त्यौहार मनाते है।

इसे समाज में ऊंच-नीच की खाई कम होती है इसलिए यह त्योहार सामाजिक महत्व भी रखता है।

वर्तमान में होली का रूप –

वर्तमान में होली का रूप बदलता जा रहा है क्योंकि युवा लोग इसके महत्व को नहीं समझ रहे हैं और इसी सौहार्दपूर्ण त्योहार की जगह है नशे के त्यौहार के रूप में देख रहे हैं

आजकल की युवा होली के दिन तरह-तरह का नशा करके बैठे रहते है कुछ लोगों को तो इसे गंभीर नुकसान भी हो जाते हैं लेकिन वह इसकी परवाह नहीं करते है।

इस दिन अब युवाओं में लड़ाई झगड़ा तो आम बात हो गई है। लोग होली के त्यौहार पर दुश्मनी भुलाने की जगह अब दुश्मनी बढ़ाने लगे है। आजकल युवा लोग रंग की जगह गोबर नाली का पानी और पक्के रंगों का इस्तेमाल करते हैं जो कि होली की शोभा को धूमिल करते है

यह सब चीजें Holi के त्यौहार की छवि को खराब कर रहे है। हमें लोगों को जागरूक करना होगा।

निष्कर्ष –

होली का त्योहार भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है यह दोस्ती का त्योहार है इसलिए इसे दोस्ती का त्यौहार ही बने रहना देना चाहिए इसे कोई और रूप देने का हमें कोई हक नहीं होता है।

वर्तमान में भटके हुए युवाओं को हमें इस त्यौहार के महत्व और विशेषता के बारे में बताना चाहिए ताकि उनके विचार विचार के प्रति बदले और हमारे इस सौहार्दपूर्ण त्यौहार की छवि बनी रहे।

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हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Holi Essay in Hindi  पर लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

20 thoughts on “होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi”

Very nice essay on holi

Thank you Rubi devi

needs imporvement but overall its ok

thank you Kenisha

ভালো খুব ভালো । Good very good essay. अच्छा है काफी अच्छा है निबन्ध।

सराहना के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आदित्य दास, ऐसे ही हिंदी यात्रा पर आते रहे

Very good essay

thank you Mayank for appreciation.

Hey the full stop in hindi is | not this’.’

We have corrected all the mistakes, thank you Sparsh.

Write the fifty line essay on Holi in Hindi and English

We will soon write fifty lines essay on Holi

Very good essay. Super!

Thank you Charchit for appreciation.

bahut hi achha nibandh tha

Dhanyawad Aman ji aise hi website par aakar hamara manobal badhate rahe

bahut hi acha tyohar hai holi ka

Holi ka lekh aap ko pasand aaya hame bhut khushi hui, aise hi website par aate rahe, Dhanyawad.

बहुत ही अच्छा लेख है, एक लेख ऐसा ही मैंने लिखा है अगर आपको पसन्द आये तो ज़रूर बताइये ये रहा

प्रखर जी आप को हमारे द्वारा लिखा गया होली पर निबंध पसंद आया हमे बहुत खुशी हुई, प्रशंसा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद.

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होली पर निबंध 10 lines (Holi Essay in Hindi) 100,150, 200, 250, 300 शब्दों मे Long and Short Essay in Hindi

essay on my festival holi in hindi

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – होली रंगों का त्योहार है जो न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में मनाया जाता है। यह एकता का त्योहार भी है क्योंकि यह लोगों को जाति, जातीयता या धर्म की परवाह किए बिना त्योहार मनाने के लिए एक साथ लाता है। मार्च में पूर्णिमा के दिन भारत में होली दो दिनों तक मनाई जाती है। लोग पहले दिन “ होलिका दहन ” (Holika Dahan) मनाते हैं और चारों ओर इकट्ठा होते हैं और लकड़ी और गाय के गोबर के ढेर जलाते हैं, और होली से संबंधित भजन गाते हैं।

फिर अगले दिन, सभी उम्र के लोग “गुलाल” नामक रंगों और “दुलाहांडी” नामक रंगीन पानी के साथ खेलने के लिए इकट्ठा होते हैं। लोग एक साथ दावत करते हैं और “गुजिया” नामक दिन के लिए बनाई गई विशेष मिठाई खाते हैं और “ठंडाई” या कोल्ड ड्रिंक और “भांग” परोसते हैं। लेकिन होली सावधानी से खेली जानी चाहिए। उपयोग किए गए गुलाल को व्यवस्थित रूप से तैयार किया जाना चाहिए क्योंकि रासायनिक गुलाल त्वचा में जलन पैदा कर सकता है और जहां भी यह संपर्क में आता है। लोगों को होली खेलते समय अपने परिवेश के प्रति जागरूक रहना चाहिए और सावधान रहना चाहिए कि किसी को नुकसान न पहुंचे।

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – भारत में कुछ जगहों पर होली को पांच दिनों तक भी मनाया जाता है। होली एक राष्ट्रीय अवकाश है और इस दिन सभी शिक्षण संस्थान और कार्यालय बंद रहते हैं।

होली पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Essay On Holi 10 lines in Hindi)

  • होली भारत में मुख्य रूप से हर साल हिंदुओं द्वारा मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है।
  • मार्च वह महीना है जब देश में ज्यादातर होली मनाई जाती है, कभी-कभी यह त्योहार दो दिनों से अधिक समय तक मनाया जाता है,
  • भारत के विभिन्न राज्य अलग-अलग तरीकों से होली मनाते हैं और प्रत्येक उत्सव अद्वितीय और सुंदर होता है।
  • होली से एक दिन पहले, एक अनुष्ठान किया जाता है जिसे ‘होलिका दानन’ कहा जाता है, यह एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जिसे हर कोई खेलता है।
  • लोग एक विशाल अलाव बनाते हैं और विभिन्न समारोह करते हैं, और इस तरह ‘होलिका दानन’ दिखाया जाता है।
  • होली एक खुशी और खुशी का त्योहार है जो सभी को खुश करता है।
  • धार्मिक ग्रंथों के अनुसार होली के उत्सव की शुरुआत राधा और कृष्ण ने की थी।
  • होली के दिन लोग अपने परिवार से मिलते हैं और दोस्त एक दूसरे को उत्सव के रूप में रंग लगाते हैं।
  • उत्तर भारत में होली मनाने के तरीके के रूप में गीत गाने की परंपरा है।
  • होली के लिए कई अनोखी मिठाइयाँ बनाई जाती हैं, और सबसे आम में से एक है ‘गुजिया’।

होली पर निबंध 100 शब्दों में (short Essay on Holi in 100 words in Hindi)

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – होली भारत में सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। यह रंगों, खुशी और दोस्ती का त्योहार है। यह मार्च के महीने में मनाया जाता है। यह आमतौर पर बुराई पर अच्छाई की जीत को चिह्नित करने के लिए मनाया जाता है। लोग एक दूसरे को रंग लगाकर त्योहार मनाते हैं। होली को और रंगीन बनाने के लिए लोग वाटर गन, पिचकारी और पानी के गुब्बारों से खेलते हैं।

लोग अपनी दुश्मनी भूलकर रंगों का त्योहार मनाते हैं। लोग सफेद कपड़े पहनकर एक दूसरे के घर जाते हैं। होली के दिन मिठाई और स्वादिष्ट व्यंजन बनाए जाते हैं। लोग अपनों को उपहार बांटते हैं। होली एकता, सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक है।

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होली पर निबंध 150 शब्दों में (Essay on Holi in 150 words in Hindi)

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) -होली हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह रंगों का त्योहार है। होली का त्योहार वसंत ऋतु में दो दिनों तक मनाया जाता है। उत्सव की शुरुआत त्योहार से एक रात पहले होलिका दहन से होती है और अगले दिन को होली कहा जाता है।

होली के मौके पर लोगों में काफी खुशी है। वे अपनी चिंताओं और चिंताओं को भूल जाते हैं। वे स्वादिष्ट खाना बनाते हैं। उन्होंने नए कपड़े पहने। वे एक दूसरे पर रंगीन पानी छिड़कते हैं। वे दूसरों के चेहरों पर रंगीन पाउडर बिखेरते हैं। वे गाते हैं, नाचते हैं और उछल-कूद करते हैं। वे ढोल बजाते हैं और होली के गीत गाते हैं। वे लगभग खुशी से पागल हैं। वे भूल जाते हैं कि वे क्या हैं। शाम को वे अपने दोस्तों, रिश्तेदारों और पड़ोसियों से मिलने जाते हैं। वे एक दूसरे को गले लगाते हैं। वे दूसरों के चेहरे पर अबीर का धब्बा लगाते हैं।

होली एक खुशी का अवसर है जब हम सभी के साथ खुलकर घुलमिल जाते हैं। हम अमीर और गरीब के बीच के सामाजिक भेद को भूल जाते हैं। त्योहार का यह रंग लोगों को एक करता है और जीवन से हर तरह की नकारात्मकता को दूर करता है।

होली निबंध 200 शब्दों में (Holi Essay in 200 words in Hindi)

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – हमारे देश में कई त्योहार मनाए जाते हैं। होली का त्योहार उनमें से एक है। होली रंगों का त्योहार है। यह हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह वसंत की शुरुआत में आयोजित किया जाता है। प्रकृति अपनी गहरी नींद से जागती हुई प्रतीत होती है। पेड़ नए पत्ते लाते हैं। फूल खिलने लगते हैं।

इस दिन लोग रंग-बिरंगे कपड़े पहनकर और हाथ में सूखा पाउडर लेकर सड़कों पर घूमने लगते हैं। उन्होंने अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के चेहरे पर गुलाल और रंग मलकर उनके सुखी और समृद्ध जीवन की कामना की। बच्चे रंगीन पानी से भरे झरनों को लेकर जाते हैं जिसे वे राहगीरों के कपड़ों पर छिड़कते हैं। वे कूदते हैं, नाचते हैं और आनंदित होते हैं। हर दिल में खुशी का वास है। जो लोग परेशान नहीं होना चाहते वे घर के अंदर ही रहें। लेकिन बहुत बार उन्हें बख्शा नहीं जाता है और उनकी इच्छा के विरुद्ध रंगीन पानी में धोए जाते हैं।

लेकिन कुछ लोग होली को बहुत ही अश्लील तरीके से मनाते हैं। वे शराब पीते हैं और हंगामा करते हैं। वे झगड़ा करते हैं और दूसरों का अपमान करते हैं। वे दूसरों पर कीचड़ और गंदगी फेंकते हैं। ऐसी बुराइयों को रोकना चाहिए। लोगों के लिए समस्याएँ पैदा करने के बजाय खुशी और उल्लास लाने के लिए त्योहार मनाए जाने चाहिए।

होली निबंध 250 शब्दों में (Holi Essay in 250 words in Hindi)

Essay on Holi – कई संस्कृतियों, जातियों और धर्मों के देश के रूप में, भारत पूरे वर्ष अपने कैलेंडर में अनगिनत त्योहार मनाता है। सबसे व्यापक रूप से ज्ञात त्योहारों में, हम होली को सरल शब्दों में रंगों का उत्सव पाते हैं, लेकिन जैसे-जैसे हम थोड़ा गहरा गोता लगाते हैं, होली अपने साथ कई अर्थ और ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व लेकर आती है।

होली, कुछ लोगों के लिए, राधा और कृष्ण द्वारा साझा किए गए प्रेम का त्योहार है – प्रेम का एक रूप जिसे किसी विशिष्ट नाम, रूप या आकार की आवश्यकता नहीं होती है। दूसरों के लिए, यह एक कहानी है कि कैसे हम में अच्छाई हमेशा बुराई पर विजयी होकर उभरती है। जबकि कई अन्य लोगों के लिए, होली मस्ती, मस्ती, क्षमा और करुणा का अवसर है। तीन दिनों में फैली, होली की रस्में पहले दिन अलाव के प्रतीक बुराई के विनाश के साथ शुरू होती हैं और दूसरे दो दिनों में रंग, प्रार्थना, संगीत, नृत्य और आशीर्वाद के साथ उत्सव मनाया जाता है। उपयोग किए जाने वाले प्राथमिक रंग विभिन्न भावनाओं और तत्वों का प्रतिनिधित्व करते हैं जैसे भगवान कृष्ण के लिए नीला, प्रजनन क्षमता और प्रेम के लिए लाल और नई शुरुआत के लिए हरा।

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होली निबंध 300 शब्दों में (long Essay on Holi in 300 words in Hindi)

Essay on Holi – होली का त्योहार हर साल मार्च (फागुन) के महीने में पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। इसे एकता, प्रेम, खुशी, खुशी और जीत के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है। हम एक दूसरे के साथ प्यार और खुशी का इजहार करने के लिए इस त्योहार को चमकीले और आकर्षक रंगों में खेलते हैं। इसका अपना महत्व है साथ ही इसे मनाने के कई कारण, कहानियां और मान्यताएं भी हैं।

होली पर निबंध  ( Holi Essay in Hindi ) – बहुत समय पहले, एक राजा हिरण्यकश्यप, उसकी बहन होलिका और उसका पुत्र प्रह्लाद था। प्रह्लाद एक पवित्र आत्मा थे जो भगवान विष्णु के भक्त थे, जबकि उनके पिता चाहते थे कि प्रह्लाद सहित सभी उनकी पूजा करें। लेकिन भक्त प्रह्लाद को यह ज्ञान नहीं था और वे हमेशा भगवान विष्णु की पूजा करते थे। इससे नाराज होकर उसके पिता ने उसे जलाने की योजना बनाई। उसने अपनी बहन होलिका से कहा कि वह प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठ गया क्योंकि होलिका को भगवान से वरदान मिला था कि आग उसे नहीं जला सकती, अपने भाई की बात मानकर होलिका आग में बैठ गई लेकिन प्रह्लाद को इस आग से कोई नुकसान नहीं हुआ हुआ यूं कि इस आग में होलिका जल गई। इसी कथा से होली पर्व की उत्पत्ति हुई।

इस त्योहार के मौके पर सभी अपने अपनों से मिलते हैं, रंग और अबीर से होली खेलते हैं, साथ ही कई ऐसी गतिविधियों में हिस्सा लेते हैं जो एक दूसरे के लिए खुशी दर्शाती हैं। ऐसे में लोग रंगों के इस त्योहार में अपनों के साथ जश्न मनाते हैं.

होली निबंध से संबंधित अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न हिंदी में (FAQs)

होली किस महीने में मनाई जाती है.

जिस महीने मार्च में होली मनाई जाती है वह देश में गर्मी का चरम होता है।

होली का त्यौहार कितने दिनों तक मनाया जाता है?

होली का त्योहार ज्यादातर पांच दिनों तक मनाया जाता है। हालांकि, कुछ जगहों पर इसे पांच दिनों से अधिक समय तक मनाया जाता है।

क्या होली सिर्फ भारत में ही मनाई जाती है?

होली भारत में मनाई जाती है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, सभी धर्मों के लोगों ने भी अपने देश में इस त्योहार के आयोजन में हिस्सा लिया है।

प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने की सिफारिश क्यों की जाती है?

देश ने कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के साथ-साथ विभिन्न तीव्रता के त्वचा रोगों में वृद्धि देखी है।

होली मनाने के लिए भारत में सबसे अच्छी जगह कौन सी हैं?

भारत का हर हिस्सा अपने तरीके से मनाता है लेकिन मथुरा, दिल्ली, जयपुर और आगरा में होली का भव्य उत्सव मनाया जा सकता है।

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Holi 2024 : होली पर निबंध (Holi Essay in Hindi)

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  • Updated on  
  • मार्च 21, 2024

Holi Essay in Hindi

Holi Essay in Hindi : भारत में सभी त्योहारों की अलग प्रसिद्धि है और ये अलग-अलग राज्यों में अलग रूप में दिखाई देते हैं। भारतीय संस्कृति हमेशा से विविधता में एकता का पर्याय रही है। इनमें रंगों का त्योहार होली भी शामिल है। होली का त्योहार विविधता में एकता और भाईचारे का प्रतीक है। इस दिन लोग गिले-शिकवे भूलकर एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगा कर प्रेम और भाईचारे का संदेश देते हैं। एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं। होली के बारे में या होली पर निबंध अक्सर परीक्षाओं में पूछा जाता है और इसलिए यहां हम 100, 250, 500 शब्दों में होली पर निबंध लिखना सीखेंगे।

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रंगों का त्यौहार  होली , खुशी और उमंग का प्रतीक है। भारत के सबसे प्राचीन और लोकप्रिय त्यौहारों में से एक होली सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर में 50 से अधिक देशों में बड़े ही धूम-धाम से मनाया जाता है। होली, भारतीय संस्कृति में आस्था रखने वालों या मानवता के पक्षधरों द्वारा मनाये जाने वाला ऐसा पर्व है, जिसका उद्देश्य केवल बेरंग उदासी या मायूसी को खुशियों और सकारात्मक रंग से भरना होता है।

मुख्य रूप से होली का त्योहार रंगों का त्योहार होता है। हिन्दू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला होली का त्यौहार जो सबसे प्राचीन त्योहारों में से भी एक है जिसे दो दिन बड़ी धूम-धाम, रंगों और ठंडाई के साथ मनाया जाता है। इसमें पहले दिन होलिका दहन होता है जिसे छोटी होली के नाम से जाता है और दूसरे दिन रंगों का त्योहार होता है, जिसे धुलेंडी कहा जाता है। इस दौरान लोग मिल जुलकर रंग खेलते हैं और खुशियां मनाते हैं। 

  • होली का त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है।
  • हर साल होली फागुन (मार्च) के महीने में मनाई जाती है।
  • हर साल होली के पहले दिन पूर्णिमा की रात को होलिका दहन की जाती है।
  • होली के दिन सभी लोग अपने घरो में पकवान बनाते है और रिश्तेदारों के घर जाकर एक दूसरे को रंग लगाते है।
  • होली सामाजिक मतभेद को मिटाकर उत्साह बिखेरने का पर्व माना जाता है।
  • होली के दिन सभी बिना किसी हीनभावना के एक-दूसरे को रंग लगाकर इस पर्व को मनाते है।
  • पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के अनुसार, हिरण्यकश्यप एक घमंडी राजा था जिसने अपनी बहन होलिका को अपने पुत्र प्रह्लाद कि हत्या करवाने के लिए प्रह्लाद सहित आग में बैठजाने को कहा था जिसके परिणाम हेतु होलिका वरदान होने के बाद भी जल गयी। इसलिए हर साल होलिका जलाई जाती है।
  • होली पर गुलाल रंग घमंड पर भक्ति की, अन्याय पर न्याय की जीत का प्रतीक है। इसलिए इस पर्व पर सभी रंगो से खेल कर खुशियां होली मनाते है।
  • इस पर्व पर हमें अपने भीतर कि सभी बुराई को ख़त्म कर प्रेम भाव से सभी का आदर सत्कार करने का प्रण लेना चाहिए।
  • भक्त प्रहलाद ने भी भगवान विष्णु जी को रंग लगाकर अपनी भक्ति को पहले से ज्यादा मज़बूत किया और सभी में प्रेम का सन्देश दिया।

Holi Essay in Hindi

150 शब्दों में Holi Essay in Hindi इस प्रकार हैः

होली बुराई पर अच्छाई की जीत को उत्साह से मनाने का त्योहार है लेकिन हर त्यौहार कि तरह अब माइने बदल गए है। जहां अब भी कुछ जगहों पर होली को तरीके से खुशियां मनाने और बांटने के लिए होली के त्यौहार का स्वागत किया जाता है। होली का त्यौहार दो दिन तक मनाए जाने वाला त्यौहार है। जिसमें एक दिन होलिका जलाई जाती है और दूसरे दिन रंगो कि होली खेली जाती है। होलिका जो हरिण्यकश्यप कि बहन थी उसे वरदान था कि अग्नि उसका बाल भी बाक़ा नहीं कर सकती। जिसका फायदा उठाते हुए राजा ने प्रह्लाद को मारने कि साज़िश रची जिसमे उसने होलिका कि गोद में प्रह्लाद को बिठाकर उसे अग्नि में बैठ जाने को कहा। उसे लगा कि होलिका नहीं जलेगी और प्रह्लाद कि मृत्यु हो जाएगी लेकिन प्रह्लाद का बाल भी बांका न हुआ और होलिका कि मृत्यु होगी। इसी ख़ुशी में होली खेलकर मानाने से एक रात पहले महूरत अनुसार होलिका जलाई जाती है। फिर अगले दिन खेली जाती है।

200 शब्दों में Holi Essay in Hindi इस प्रकार हैः

होली को रंगो के त्यौहार के रूप में जाना जाता है। यह त्यौहार भारतीय संस्कृति में आने वाले महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक माना जाता है। प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में इस त्यौहार का आगमन होता है। इस त्यौहार को पसंद करने वाले लोग हर साल होली के आने का बेसब्री से इंतज़ार करते है। होली एक प्रेम से भरा त्यौहार है जो पूरा परिवार व सभी दोस्त मिलकर मनाते है।

होली के इतिहास कि बात करें तो माना जाता है कि हरिण्यकश्यप नाम का एक शैतान राजा था। जिसे अपनी ताकत का बेहद घमंड था। उनका एक बेटा था जिसका नाम प्रह्लाद था और एक बहन थी जिसका नाम होलिका था। प्रह्लाद विष्णु भगवान का भक्त था। शैतान राजा को ब्रह्मा का आशीर्वाद था कि कोई भी आदमी , जानवर या हथियार उसे मार नहीं सकता था। लेकिन ये आशीर्वाद उसके लिए अभिशाप बन गया। घमंड के कारण हरिण्यकश्यप ने अपनी प्रजा को ये आदेश दिया कि राज्य में भगवान कि नहीं राजा कि पूजा कि जाए और इसी आदेश के चलते राजा ने अपने पुत्र को मार डालने का भी प्रयास किया क्योकि वे विष्णु भगवान कि पूजा में विश्वास रखता था। लेकिन उसकी ये चाल कामयाब न हो पाई।

होली पर निबंध 300 शब्दों में

होली: रंगों का त्योहार

होली का त्यौहार रंगों का त्योहार है, जो बसंत ऋतु में मनाया जाता है । प्रकृति में रंग-बिरंगे फूल बसंत के आगमन का  मानो हृदय से स्वागत करते हैं। बसंत के रंगों का प्रतीक बनकर यह त्योहार हर साल फागुन मास की पूर्णिमा के दिन बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। इसीलिए फागुन का महीना मौज-मस्ती का महीना कहा जाता है। 

भारतीय संस्कृति में हर त्यौहार के पीछे कोई ना कोई कहानी या किस्सा प्रच्वलित होता है। होली मनाए जाने के पीछे भी एक कहानी है। कहते हैं कि हिरण्यकश्यप नामक राजा बड़ा ही अत्याचारी था, जो ख़ुदको भगवान समझता था। उसने सारी प्रजा को आदेश दिया था कि सब लोग ईश्वर की आराधना छोड़कर केवल उसी की आराधना किया करें, पर उसका बेटा प्रहलाद ईश्वर का अनन्य भक्त था। उसने अपने पिता की बात ना मानी। उसने ईश्वर की भक्ति में ही अपने को लगाए रहा। पिता की क्रोध की सीमा न रही हिरण्यकश्यप प्रहलाद को मरवाने के बहुत उपाय किए लेकिन ईश्वर की कृपा से कोई भी उपाय सफल ना हो सका।  हिरण्यकश्यप की एक बहन थी जिसका नाम था होलिका। उसे यह वरदान प्राप्त था कि आग उसे जला नहीं सकती। हिरण्यकश्यप की आज्ञा से प्रहलाद को होलिका की गोदी में बिठा कर आग लगा दी गई पर ईश्वर की महिमा अपरंपार होती है। प्रह्लाद तो बच गया पर होलिका जल गई।इसी घटना की याद में हर साल रात को होली जलाई जाती है और अगले दिन रंगों का त्यौहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

होली का त्यौहार होली की रात्रि से एक दिन पूर्व आरंभ हो जाता है। लोग अपने अपने गांव,मोहल्ले में उपलो,लकड़ियों का ढेर इकट्ठा करते हैं । फिर शुभ घड़ी में इस ढेर यानी होलिका में अग्नि प्रज्वलित की जाती है। इसी अग्नि में लोग नए अनाज की बाली भूनकर अपने आराध्य को अर्पित करते हैं।

होलिका दहन अगला दिन रंग-भरी होली का होता है। इसे धुलैंडी भी कहते हैं। इस दिन सभी धर्म और जाति के छोटे-बड़े बच्चे-बूढ़े, स्त्री-पुरुष एक दूसरे को गुलाल लगाते हैं और रंग डालते हैं।सड़कों पर मस्त युवकों की टोली गाती बजाती निकलती है। एक-दूसरे को मिठाईयां खिलाते हैं और अपने मधुर संबंधों को और भी प्रगाढ़ बनाते हैं।

इसी प्रकार होली एक ऐसा पवित्र त्यौहार है। जिसमें छोटे-बड़े ,अमीर-गरीब आदि सभी प्रकार के भेदभाव समाप्त हो जाते हैं।प्रत्येक व्यक्ति एक-दूसरे को गले लगा लेता है। लोग पुरानी से पुरानी शत्रुता भी होली के दिन भुला देते हैं। 

Holi Essay in Hindi

होली पर निबंध 500 शब्दों में

500 शब्दों में होली पर निबंध इस प्रकार हैः

मुख्य रूप से होली का त्योहार रंगों का त्योहार होता है। हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला होली का त्योहार जो सबसे प्राचीन त्योहारों में से भी एक है जिसे दो दिन बड़ी धूम-धाम और रंगों के साथ मनाया जाता है। इसमें पहले दिन होलिका दहन होता है जिसे छोटी होली के नाम से जाता है और दूसरे दिन रंगों का त्योहार होता है, जिसे धुलेंडी कहा जाता है। इस दौरान लोग मिल जुलकर रंग खेलते हैं और खुशियां मनाते हैं।

राग-रंग का पर्व होली हिंदुओं का लोकप्रिय पर्व है। होली आनंद उत्साह का, मौज, मस्ती और रंगों से सराबोर महोत्सव है। वास्तव में होलिका दहन और होलिकोत्सव, नास्तिकता पर आस्तिकता का, बुराई पर भलाई का, पाप पर पुण्य का तथा दानवता पर देवत्व की विजय का मांगलिक पर्व है ।

होली का त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है यह पर्व बसंत के आगमन का संदेशवाहक है। यह त्यौहार पूर्णिमा से पूर्व बसंत पंचमी से ही शुरू हो जाता है। होली का पर्व किस खुशी में मनाया जाता है, इसके विषय में अनेक कथाएं प्रचलित है। एक कथा के अनुसार भगवान कृष्ण ने दुष्टों का वध कर गोपियों के साथ रास रचाया तब से होली का प्रचलन हुआ, परंतु होली के विषय में सबसे प्रसिद्ध कथा इस प्रकार है

प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नामक अत्यंत बलशाली राजा था। अपनी शक्ति के घमंड में चूर होकर वह स्वयं को भगवान मानने लगा। वो चाहता था कि उसकी प्रजा भगवान के स्थान पर उसकी पूजा करे, परंतु उसका अपना पुत्र प्रहलाद ईश्वर भक्त था । हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद का वध करने के अनेक उपाय किए, परंतु वह सफल ना हो सका। फिर उसने प्रहलाद को आग में जलाकर मार डालना चाहा। हिरण्यकश्यप की एक बहन थी जिसका नाम होलिका था।होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि वह आग में नहीं  जल सकती। हिरण्यकश्यप के आदेश पर होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर लकड़ियों के ढेर में बैठ गई। उस ढेर में आग लगा दी गई परंतु भगवान की लीला तो अद्भुत है ।जिस होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था, वह तो जल गई और प्रहलाद का बाल बांका भी नहीं हुआ।

फाल्गुन की पूर्णिमा के दिन स्त्रियां व्रत रखती है और होली पूजने जाती है। किसी चौक में अथवा खुले स्थान पर लकड़ियों के ढेर या उपलो से होली बनाई जाती है। रात्रि के समय निश्चित समय पर होलिका जलाई जाती है और होली की आग में गेहूं तथा चने की बालियां डाली जाने की परंपरा है।  इसे होलिका दहन कहते हैं।

होली से अगला दिन अर्थात चैत्र की प्रतिपदा को लोग रंग खेलते हैं। इसे धुलैंडी कहते हैं । लोग एक दूसरे से मिलने के लिए उनके घर जाते हैं जहां गुलाल और रंग से उनका स्वागत किया जाता है इस दिन लोग अपनी शत्रुता भूलकर शत्रु को भी गले लगाते हैं। होली के रंग में रंगकर धनी-निर्धन, काले-गोरे, ऊंच-नीच, बालक-वृद्ध के बीच  की सीमा टूट जाती है, और सभी खुले भाव से एक दूसरे का सत्कार ,आदर करते हुए इस पर्व का आनंद लेते है।

वृंदावन की होली विश्व प्रसिद्ध है। सूरदास, नंददास आदि कृष्ण भक्त कवियों ने श्री कृष्ण और राधा के होली खेलने का बड़ा ही मनोहर वर्णन अनेक पदों में किया है। आज भी वृंदावन की कुंज गलियों में जब सुनहरी पिचकारियों  से  रंग बिरंगे  फव्वारे छूटते है  तथा गुलाल बिखरता है तो स्वयं देवता भी भारत भूमि में जन्म लेना चाहने लगते हैं। देश विदेश से अनेक लोग वृंदावन की होली देखने आते हैं।

 बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आजकल होली का रूप बिगड़ गया है। लोग रासायनिक रंगों का प्रयोग करने लगे हैं, बच्चे गुब्बारे मारते हैं। कुछ लोग कीचड़ आदि भी डालते हैं। अनेक व्यक्ति शराब,गांजा,भांग,चरस आदि का सेवन करते हैं, गंदे गाने गाते हैं तथा गाली-गलौज करते हैं। हमें शीघ्र-अतिशीघ्र इस त्यौहार से इन बुराइयों को दूर करना चाहिए तभी हम होली जैसे पवित्र त्यौहार कि पवित्रता को संजो के रख सकते है।

 होली प्रेम व भाईचारे का त्यौहार है, रंगों का त्यौहार है, हर्षोल्लास का त्यौहार है। होली का गुलाबी रंग प्रेम का प्रतीक है। होली मनुष्यों को आपस में जोड़ने का त्यौहार है कवि मैथिलीशरण गुप्त होली का सजीव चित्रण इन पंक्तियों में प्रकट करते हैं:

काली- काली कोयल बोली, होली, होली, होली । फूटा यौवन फाड़ प्रकृति की पीली, पीली, चोली। । 

होली का त्योहार भारत ही बल्कि कई देशों में काफी महत्व रखता है। भारत में मथुरा की होली को विश्व प्रसिद्ध होली माना जाता है। होली के त्योहार पर हम सब एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं और एक-दूसरे को बधाई देकर बुराई पर अच्छाई की विजयी याद करते हैं।

Holi Essay in Hindi for Class 2 इस प्रकार हैः

होली भारत और नेपाल में एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला कार्यक्रम है । रंगों का त्योहार, जो मार्च में होता है, रंगों के त्योहार के रूप में जाना जाता है। होली तीन दिनों तक मनाई जाती है, जिसमें होली पूर्णिमा (पूर्णिमा का दिन) सबसे पहले होती है। पुनो का दूसरा दिन, या छोटी होली। पर्व, या होली दिवस, त्योहार का तीसरा दिन है। लोग इस दिन सफेद कपड़े पहनते थे और जमीन पर इकट्ठा होते थे। इस त्योहार के लिए वे प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल करते हैं और पेंटिंग गन से खेलते हैं। वे मीठी लस्सी पीते हैं और तरह-तरह के खोया, मावा और पिस्ता से बनी मिठाइयां खाते हैं।

Essay on Holi in Hindi Class 4 यहां बताया जा रहा हैः

भारत, कई अलग-अलग भाषाओं, जातियों, परंपराओं, विचारधाराओं, संस्कृतियों, विश्वासों, धर्मों आदि के साथ एक राष्ट्र के रूप में साल भर त्योहारों की अधिकता रखता है। यह वास्तव में भूमि और विविधता की एक इकाई है। होली भारत में सबसे प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है जो न केवल यहां बल्कि अन्य देशों में भी मनाया जाता है और वास्तव में भारत की संस्कृति और मान्यताओं से प्रेरित और प्रभावित है। मूल रूप से यह रंगों, उल्लास और खुशियों का त्योहार है। इतना ही नहीं, त्योहार हमारे चारों ओर बसंत के मौसम की शुरुआत की टिप्पणी करता है और इसीलिए लोग रंगों या गुलाल से होली खेलते हैं, चंदन लगाते हैं, पारंपरिक और स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं जो केवल होली के अवसर पर बनाए जाते हैं और निश्चित रूप से, भूलने के लिए नहीं ठंडाई का प्रसिद्ध पेय। लेकिन जैसा कि हम इस होली निबंध में गहराई से उतरते हैं, ऐसा लगता है कि इसमें असंख्य अर्थ और ऐतिहासिक हैं।

भारत के हर राज्य में होली खेलने या मनाने का अपना अलग तरीका है। साथ ही रंगों और खुशियों के इस त्योहार को मनाने के पीछे हर किसी या हर समुदाय के लिए मायने बदल जाते हैं. आइए अब इस होली निबंध में होली मनाने के कुछ कारणों के बारे में जानें। कुछ लोगों और समुदायों के लिए, होली और कुछ नहीं बल्कि राधा और कृष्ण द्वारा मनाया जाने वाला प्रेम और रंगों का एक शुद्ध त्योहार है – एक ऐसा प्रेम जिसका कोई नाम, आकार या रूप नहीं है। अन्य इसे एक कहानी के रूप में देखते हैं कि कैसे हम में अच्छाई अभी भी बुराई पर विजय प्राप्त करती है। दूसरों के लिए, होली फुरसत, खिलवाड़, क्षमा और करुणा का भी समय है। होली के अनुष्ठान तीन दिनों तक चलते हैं, पहले दिन अलाव द्वारा प्रतीक बुराई के विनाश के साथ शुरू होता है और दूसरे और तीसरे दिन रंग, प्रार्थना, संगीत, नृत्य, भोजन और आशीर्वाद के त्योहार के साथ समाप्त होता है। 

Essay on Holi in Hindi Class 5

Essay on Holi in Hindi Class 5 यहां दिया जा रहा हैः

होली का त्योहार रंगों का त्योहार होता है। हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखने वाला होली का त्योहार जो सबसे प्राचीन त्योहारों में से भी एक है जिसे दो दिन बड़ी धूम-धाम और रंगों के साथ मनाया जाता है। इसमें पहले दिन होलिका दहन होता है जिसे छोटी होली के नाम से जाता है और दूसरे दिन रंगों का त्योहार होता है, जिसे धुलेंडी कहा जाता है। इस दौरान लोग मिल जुलकर रंग खेलते हैं और खुशियां मनाते हैं।

होली की कहानी और किंवदंती दानव राजा हिरण्यकश्यप के समय की है। उसने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद के साथ जलती हुई आग में जाने के लिए कहा ताकि उसका पुत्र भगवान विष्णु के बजाय उसकी पूजा करे। होलिका लपटों और आग के लिए प्रतिरोधी हो सकती है। होलिका तब राख में बदल गई जब वह प्रह्लाद के साथ जलती हुई आग में आगे बढ़ी, लेकिन भगवान विष्णु ने प्रह्लाद को बचा लिया क्योंकि होलिका का श्राप तभी काम करता जब वह अकेले यानी अकेले आग में शामिल होती। तब से, इस दिन को भारत में होली के रूप में जाना जाता है, और यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। इस त्योहार के दौरान, लोगों ने होलिका की मृत्यु के उपलक्ष्य में अलाव जलाया।

दिन भर के उत्साह के बाद लोग शाम को दोस्तों और परिवार के साथ खान-पान और शुभकामनाएं साझा करते हुए बिताते हैं। कहा जाता है कि होली सभी के मन में भाईचारे की भावना पैदा करती है। त्योहार के दिन की शुरुआत तरह-तरह के व्यंजनों की तैयारी के साथ होती है। लोग एक-दूसरे को गुलाल, पानी के रंग और गुब्बारों से रंगते हैं। इस दिन की सबसे अच्छी बात यह है कि हर कोई अपनी शर्म को छोड़कर मस्ती में शामिल होने का फैसला करता है। वे एक-दूसरे को गले लगाते हैं और एक-दूसरे को ‘हैप्पी होली’ की शुभकामनाएं देते हैं। कई हाउसिंग सोसाइटी अपने लॉन में होली का आयोजन करती हैं। पूरे लॉन को ढकने के लिए पीले, हरे, लाल, गुलाबी, ग्रे और बैंगनी जैसे चमकीले और सुंदर रंगों का उपयोग किया जाता है। यह बताना मुश्किल है कि कौन कौन है क्योंकि हर कोई अलग-अलग रंगों के कपड़े पहने हुए है।

होली फाल्गुन के महीने में मनाया जाने वाला प्यार और खुशी का एक हिंदू त्योहार है जो गेंहू की फसल से भी मेल खाता है और धन और खुशी का प्रतिनिधित्व करता है। वसंत का मौसम सर्दियों के अंत और गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है; नतीजतन, वसंत जलवायु विशेष रूप से सुखद होती है, खासकर जब फूल प्रचुर मात्रा में होते हैं। नतीजतन, होली को प्रकृति की वसंत सुंदरता और समृद्ध फसल का सम्मान करने के लिए रंगों के त्योहार के रूप में मनाया जाता है।

होली रंगों का त्योहार है। यह बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की जीत के प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। होली को न केवल हिंदू बल्कि अन्य धर्मों के लोग भी बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। इस त्योहार से जुड़ी कई किंवदंतियां हैं जो इसे और भी रोचक और महत्वपूर्ण बनाती हैं। सबसे लोकप्रिय किंवदंती कहती है कि राजा हिरण्यकशिपु का अपने पुत्र प्रह्लाद के साथ विवाद हो गया था क्योंकि प्रह्लाद ने भगवान विष्णु की पूजा करने पर जोर दिया था। इससे राजा नाराज हो गया और उसने अपने बेटे को मारने का फैसला किया।

हिरण्यकश्यप ने अपने भतीजों को प्रह्लाद को आग में फेंकने के लिए कहा क्योंकि वह उसके राज्य के लिए खतरा था। उनके भतीजे उनके प्रति वफादार थे, इसलिए उन्होंने प्रह्लाद को लकड़ी के एक टुकड़े से बांधकर आग में फेंक दिया। हालांकि, हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने उसके साथ जलती चिता पर बैठकर उसे बचा लिया।

होली पर निबंध

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हरिण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था की वह आग में भस्म नहीं हो सकती। हरिण्यकश्यप ने आदेश दिया की होलिका प्रह्लाद को गोद में लेकर आग में बैठे। आग में बैठने पर होलिका तो जल गई , पर प्रह्लाद बच गया। ईश्वर भक्त प्रह्लाद की याद में इस दिन होली जलाई जाती है।

जो कीटाणुओं को प्रसार करने के लिए अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। ऐसे में रंगों का प्रयोग रोग फैलाने वाले कीटाणुओं के प्रभाव को कम करने में सहायक होता है। दूसरी ओर रंग लगने पर शरीर की सफाई अच्छे से हो पाती है जो स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है।

भूमिका : होली बसंत का एक उल्लासमय पर्व है। … हमारे पूर्वजों में भी होली त्यौहार को आपसी प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इसमें सभी छोटे-बड़े लोग मिलकर पुराने भेदभावों को भुला देते हैं। होली रंग का त्यौहार होता है और रंग आनन्द पर्याय होते हैं।

होली का उत्सव होलिका दहन अनुष्ठान के साथ शुरू होता है जो कि होलिका, दुष्ट दानव, और उस अग्नि से भगवान विष्णु द्वारा प्रह्लाद की रक्षा के सम्मान में मनाया जाता है। लोग लकड़ी इकट्ठा करके अलाव जलाते हैं और उसके चारों ओर गीत गाकर खुशियां मनाते हैं। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

होली से एक दिन पहले, लोग ‘होलिका दहन’ नामक एक अनुष्ठान करते हैं। होली के दूसरे दिन को छोटी होली या नंदी होली के रूप में जाना जाता है, जिसका अर्थ है “रंगों से खेलना”। लोग समूहों में इकट्ठा होते हैं और एक दूसरे पर रंगों से खेलते हैं। परंपरागत रूप से, महिलाएं पुरुषों पर सुगंधित रंग डालती हैं और बच्चे एक-दूसरे पर रंगीन पाउडर फेंकते हैं। होली के तीसरे दिन लोग सुबह जल्दी स्नान करते हैं और फिर दोस्तों और रिश्तेदारों से मिलने जाते हैं। वे प्यार के प्रतीक के रूप में मिठाइयों और नमकीन का आदान-प्रदान करते हैं। यह दिन होली समारोह के अंत का प्रतीक है। होली पूरे भारत और दुनिया भर में अलग-अलग तरह से मनाई जाती है। त्योहार में आम तौर पर गायन, नृत्य, रंगों और पिचकारी (पानी की बंदूकें) के साथ खेलना और गुजिया और लड्डू जैसे व्यंजनों का आनंद लेना शामिल होता है।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको Holi Essay in Hindi के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य  निबंध के ब्लॉग्स  पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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रश्मि पटेल विविध एजुकेशनल बैकग्राउंड रखने वाली एक पैशनेट राइटर और एडिटर हैं। उनके पास Diploma in Computer Science और BA in Public Administration and Sociology की डिग्री है, जिसका ज्ञान उन्हें UPSC व अन्य ब्लॉग लिखने और एडिट करने में मदद करता है। वर्तमान में, वह हिंदी साहित्य में अपनी दूसरी बैचलर की डिग्री हासिल कर रही हैं, जो भाषा और इसकी समृद्ध साहित्यिक परंपरा के प्रति उनके प्रेम से प्रेरित है। लीवरेज एडु में एडिटर के रूप में 2 साल से ज़्यादा अनुभव के साथ, रश्मि ने छात्रों को मूल्यवान मार्गदर्शन प्रदान करने में अपनी स्किल्स को निखारा है। उन्होंने छात्रों के प्रश्नों को संबोधित करते हुए 1000 से अधिक ब्लॉग लिखे हैं और 2000 से अधिक ब्लॉग को एडिट किया है। रश्मि ने कक्षा 1 से ले कर PhD विद्यार्थियों तक के लिए ब्लॉग लिखे हैं जिन में उन्होंने कोर्स चयन से ले कर एग्जाम प्रिपरेशन, कॉलेज सिलेक्शन, छात्र जीवन से जुड़े मुद्दे, एजुकेशन लोन्स और अन्य कई मुद्दों पर बात की है। Leverage Edu पर उनके ब्लॉग 50 लाख से भी ज़्यादा बार पढ़े जा चुके हैं। रश्मि को नए SEO टूल की खोज व उनका उपयोग करने और लेटेस्ट ट्रेंड्स के साथ अपडेट रहने में गहरी रुचि है। लेखन और संगठन के अलावा, रश्मि पटेल की प्राथमिक रुचि किताबें पढ़ना, कविता लिखना, शब्दों की सुंदरता की सराहना करना है।

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होली पर निबंध – Holi Essay in Hindi 2024 (Holi par Nibandh)

Holi Essay in Hindi 2024: हमारा देश पर्वों एवं त्योहारों की भूमि है। यहाँ विभिन्न धर्मों के अनेक त्योहार प्रतिवर्ष मनाए जाते हैं। होली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इसे रंगों का त्योहार (festival of colours) भी कहते हैं। इस आर्टिकल में हम विद्यार्थियों के लिए होली पर हिंदी निबंध लेकर आए हैं। यहाँ से students अपनी पसंद और आवश्यकता के अनुसार होली पर निबंध का चयन कर सकते हैं। यदि आपने भी अपने स्कूल में होली के अवसर पर निबंध लेखन प्रतियोगिता (Essay writing competition) में भाग लिया है तो आप हमारे द्वारा प्रस्तुत कराए गए essays की मदद से होली पर एक शानदार निबंध लिख सकते हैं। Essay on Holi in Hindi for students.

Holi Essay in hindi

होली को रंगों के त्योहार के रूप में जाना जाता है। यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। हर साल मार्च के महीने में हिंदू धर्म के लोगों द्वारा उत्साह के साथ होली मनाई जाती है। जो लोग इस त्योहार को मनाते हैं, वे हर साल रंगों के साथ खेलने के लिए उत्सुकता से इंतजार करते हैं।

दीपावली की तरह होली जैसे त्यौहार पर भी स्कूल आदि में शिक्षकों (Teachers) द्वारा बच्चों को निबंध लिखने के लिए कहा जाता है ऐसे में सभी विद्यार्थी एक उत्कृष्ट निबंध (Excellent essay) लिखने की कोशिश करते हैं।

इस आर्टिकल में हमने 1 से 12 कक्षा के विद्यार्थियों के लिए होली पर छोटे, बड़े, आसान और सरल निबंध प्रस्तुत कराए है जो छात्रों की होली पर निबंध लिखने में बहुत सहायता कर सकते हैं।

  • 1.1 Holi Essay in Hindi 2024 (निबंध 1) of 50 Words
  • 1.2 होली पर निबंध 2 (100 Words)
  • 1.3 Beautiful Essay on Holi in Hindi font for kids
  • 1.4 My Favourite Festival Holi Essay in Hindi
  • 1.5 Holi Essay In Hindi 10 Lines
  • 1.6 Short Essay on Holi in Hindi for Class 1, 2, 3, 4 to 5 Students
  • 1.7 Paragraph On Holi in Hindi (150 words)
  • 1.8 10 Lines on Holi Festival in Hindi Language
  • 1.9 Holi par nibandh in hindi
  • 1.10 Holi Essay hindi mein (200 Words)
  • 1.11 Sample Essay on Holi in Hindi language
  • 1.12 Holi par Essay in Hindi
  • 1.13 Simple Essay on Holi in Hindi for Children
  • 1.14 How to Write an Essay on Holi in Hindi (250 Words)
  • 1.15 Essay Writing on Holi in Hindi
  • 1.16 Short and Long Essay on Holi in Hindi (300 Words)
  • 1.17 Write a Short Essay on Holi in Hindi
  • 1.18 Holi Essay in Hindi for Students and Children
  • 1.19 Essay on Holi in Hindi (350 Words)
  • 1.20 Holi Festival Essay in Hindi (400 Words)
  • 1.21 Best Essay on Holi in Hindi (450 Words)
  • 1.22 Essay on Festival of Colours in Hindi (500 Words)
  • 1.23 निष्कर्ष, (Conclusion)

होली पर हिन्दी निबंध (Holi Essay in Hindi for Students, Essay on Holi 2024 in Hindi, Holi par nibandh hindi mein)

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Holi Essay in Hindi 2024 (निबंध 1) of 50 Words

होली का त्यौहार बच्चों के लिए विशेष रूप से मजेदार और आनंदमय होता है। होलिका दहन के दिन लकड़ी एकत्र की जाती है। सभी महिलाएं होलिका दहन के दिन शाम को होली जलाने से पहले होली की पूजा करती हैं।

सभी धर्मों के लोग एक साथ होली मनाते हैं। होली के दिन हर कोई एक-दूसरे को रंग (colour) लगाकर एक-दूसरे के प्रति प्यार जताता है।

होली पर निबंध 2 (100 Words)

होली हमारे देश का प्रमुख त्योहार है। यह हिंदू धर्म का त्योहार है लेकिन सभी धर्मों के लोगों द्वारा इसे बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। होली के दिन सभी एक-दूसरे पर रंग डालते हैं। होली के एक दिन पहले होलिका दहन (holika dahan) किया जाता है, जो रात में होता है।

होलिका दहन के पीछे एक पौराणिक कथा (mythology) है जो बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाती है। होली के दिन, लोग सभी शिकायतों को भूल जाते हैं और इस त्योहार का आनंद लेते हैं। होली का त्यौहार एक साथ मिलजुल कर मनाया जाता है।

Beautiful Essay on Holi in Hindi font for kids

होली का त्यौहार एक बहुत ही खूबसूरत त्यौहार (beautiful festival) है। यह पूरे भारत में मनाया जाता है। इसे रंगोत्सव के नाम से भी जाना जाता है। होली दो दिन का त्योहार है। इस दिन हम शाम को होलिका दहन करते हैं और दूसरे दिन हम एक दूसरे को गुलाल लगाकर होली का त्योहार मनाते हैं।

यह होली का त्यौहार वसंत के मौसम (Spring season) के आगमन पर मनाया जाता है। हमारे भारत में, यह त्योहार हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। हम इस त्योहार पर रंगों और गुलाल से एक-दूसरे के साथ होली खेलते हैं।

इस दिन हमारी माँ विशेष मिठाइयाँ बनाती हैं। होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

My Favourite Festival Holi Essay in Hindi

होली एक प्रसिद्ध त्योहार (famous festival) है। यह रंगों का त्योहार है। होली दो दिवसीय त्योहार है। हम पहले दिन की रात को होलिका दहन करते हैं। दूसरे दिन लोग रंगों से खेलते हैं। होली हर साल फालुन (मार्च) के महीने में मनाई जाती है।

यह त्योहार लोगों में प्रेम और भाईचारे की भावना उत्पन्न करता है। इस दिन सभी लोग पके हुए खाद्य पदार्थों जैसे गुझिया, पापड़, दही भल्ले आदि का सेवन करते हैं।

इस दिन भगवान विष्णु ने अपने महान भक्त प्रह्लाद को होलिका से बचाया था। होली बुराई पर अच्छाई की जीत को चिन्हित करता है।

Holi Essay In Hindi 10 Lines

होली पूरे भारत में और दक्षिण एशिया के अन्य देशों में बड़े उत्साह के साथ मनाए जाने वाले प्रसिद्ध त्योहारों में से एक है। होली रंगों का त्यौहार है और लोग इस दिन रंग लगाते हैं। होली खुशी का त्योहार है जो वसंत के आगमन का प्रतीक है।

होली को आशा और आनंद का प्रतीक माना जाता है। यह एक अच्छी फसल के लिए धन्यवाद के रूप में मनाया जाता है। होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।

यह त्योहार मार्च के महीने में और कभी-कभी फरवरी के महीने में आता है। होली का त्यौहार हम सभी को मिलकर मनाना चाहिए।

Short Essay on Holi in Hindi for Class 1, 2, 3, 4 to 5 Students

होली रंगों का त्योहार है। यह हिन्दुओं के त्योहार के रूप में है, लेकिन अब हर कोई एक-दूसरे पर रंग उड़ाने के माध्यम से प्यार को साझा करने की इस सुंदर संस्कृति में लिप्त है।

होली प्यार में एक दूसरे को रंग देने का प्रतीक है। होली को सभी संस्कृतियों और राज्यों (Cultures and states) द्वारा व्यापक रूप से भारत में मनाया जाता है। वैसे भी, होली एक मजेदार त्योहार (fun festival) है।

छोटे बच्चे पानी के रंगों के साथ खेलना पसंद करते हैं, बुजुर्ग एक-दूसरे के घरों में जाते हैं, अच्छा भोजन और पल साझा करते हैं। सभी आयु वर्ग के लोग होली के इस त्योहार का आनंद लेते हैं।

Paragraph On Holi in Hindi (150 words)

होली का त्यौहार एक हिंदू त्यौहार (hindu festival) है जो वसंत के आगमन और बुराई पर अच्छाई की विजय का उत्सव है। रंगों का त्योहार प्रेम, हंसी, दोस्ती, आशा और खुशी का उत्सव (celebration of happiness) है।

यह व्यापक रूप से भारत (India) के सबसे रंगीन त्योहार (colorful festival) के रूप में जाना जाता है, और इसे आमतौर पर गुलाल, रंगीन पाउडर के साथ वसंत के रंगों की नकल करते हुए मनाया जाता है।

आमतौर पर हिंदू कैलेंडर में फाल्गुन (मार्च) की पहली पूर्णिमा को मनाया जाता है, होली सभी उम्र के लोगों के लिए एक बहुत अच्छा पर्व है।

एक ऐसा पर्व जो एक दूसरे के साथ जुड़ने, एक दूसरे के साथ गाने और नृत्य करने, भोजन साझा करने के लिए, और आगे आने वाले दिनों की आशा जगाता है। अब इसे पूरे विश्व में उत्साहपूर्वक मनाया जाता है।

10 Lines on Holi Festival in Hindi Language

होली वसंत के मौसम में हर साल मनाया जाने वाला रंगों का त्यौहार है। यह पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन पड़ता है। लोग अपनी पुरानी दुश्मनी को भूल जाते हैं और होली के दौरान एक दूसरे के साथ रंगों से खेलते हैं।

होलिका दहन पूर्णिमा के दिन शाम को किया जाता है जहाँ होलिका दहन के प्रतीक के रूप में लकड़ी का एक बड़ा ढेर जमीन पर जलाया जाता है। महिलाएं इस दौरान पारंपरिक गीत (traditional songs) गाती हैं।

अगले दिन सुबह लोग रंगों से खेलते हैं। छोटे बच्चे (small children) रंगीन पानी से गुब्बारे (balloons) भरते हैं और एक दूसरे पर फेंकते हैं। लोग इस त्योहार का आनंद गाते हुए, नाचते हुए और स्वादिष्ट भोजन (delicious food) करके लेते हैं।

हर कोई इस दिन परिवार (family) और दोस्तों (friends) से मिलता है और अपनी खुशी का इजहार करता है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है।

Holi par nibandh in hindi

होली को रंगों के त्यौहार के रूप में जाना जाता है। यह भारत में सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों (important festivals) में से एक है। प्रत्येक वर्ष मार्च के महीने में हिन्दू धर्म के अनुयायियों (followers) द्वारा उत्साह और उमंग के साथ होली मनाई जाती है।

जो लोग इस त्यौहार को मनाते है वे हर साल रंगों के साथ खेलने और मनोहर व्यंजनों का बेसब्री से इंतजार करते हैं। होली दोस्तों और परिवार के साथ खुशियाँ मनाने के बारे में है।

लोग अपनी परेशानियों को भूल जाते है और भाईचारे का त्योहार मनाने के लिए इस त्यौहार का आनंद लेते है। दुसरे शब्दों में हम अपनी दुश्मनी भूल जाते है और त्यौहार की भावना में खो जाते है।

होली को रंगों का त्योहार कहा जाता है क्योंकि लोग रंगों के साथ खेलते है और त्यौहार के सार में रंग पाने के लिए उन्हें एक दुसरे के चेहरे पर लगाते है।

Holi Essay hindi mein (200 Words)

हमारा देश पर्वों एवं त्योहारों की भूमि है। यहाँ विभिन्न धर्मों के अनेक त्योहार प्रतिवर्ष मनाए जाते हैं। होली हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। इसे रंगों का त्योहार भी कहते हैं। होली का त्यौहार सारे देश में बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है।

होली प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाई जाती है। इस दिन रात में होलिका दहन होता है। होलिका दहन के अगले दिन सुबह सभी एक दुसरे को रंग, अबीर और गुलाल लगाते हैं।

प्रत्येक घरों में मिठाइयाँ और पकवान बनाए जाते हैं। बच्चे उन्हें खाकर बहुत प्रसन्न होते हैं। रंग खेलने के बाद सभी नहा धोकर नए-नए वस्त्र पहनते हैं। सभी इर्ष्या-द्वेष भुलाकर एक-दुसरे के घर जाकर आपस में गले मिलते हैं।

इस दिन लोग एक दुसरे को होली की बधाई देते हैं। होली का कार्यक्रम लगभग एक सप्ताह तक चलता है। जगह-जगह होली मिलन समारोहों का आयोजन होता है। यह एक ऐसा त्योहार है जो समाज में प्रेम और भाईचारे को बनाए हुए है।

Sample Essay on Holi in Hindi language

परिचय: भारत मेलों और त्योहारों का देश है। हिन्दुओं, मुसलमानों और ईसाईयों के अपने त्योहार हैं। होली हिंदुओं का महत्वपूर्ण त्योहार है। यह खुशी और दोस्ती का त्योहार (festival of friendship) है।

उत्सव का समय: यह मार्च-वसंत के मौसम में मनाया जाता है। वसंत वर्ष के सभी मौसमों में सबसे अच्छा है। यह सर्दियों के अंत और गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है।

इसके पीछे की पौराणिक कथा: यह भक्त प्रह्लाद की याद में मनाया जाता है। उसे ईश्वर पर बहुत भरोसा था। उसके पिता हिरण्यकश्यप ने उसे यातनाएं दीं लेकिन उसने भगवान में अपना विश्वास नहीं छोड़ा। हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को अपनी बाहों में प्रह्लाद के साथ अग्नि की ज्वाला में बैठने को कहा। होलिका जलकर राख हो गई लेकिन प्रह्लाद ने लपटों से अछूते को हटा दिया।

यह कैसे मनाया जाता है: शहर के कई स्थानों पर रात में होली जलाई जाती है। ढोल पीटा जाता है। लोग नाचते और गाते हैं। वे गुलाल से एक-दूसरे का मुंह रंगीला बना देते हैं। वे खाते हैं, पीते हैं, नाचते हैं और आनंद लेते हैं। वे एक दूसरे को गले लगाते हैं। उन्होंने घर में तैयार मिठाइयों को साझा किया।

निष्कर्ष: वास्तव में, होली रंगों का त्योहार है। अगर हमारे दिल में उमंग और खुशी है।

Holi par Essay in Hindi

होली हिंदुओं का लोकप्रिय त्योहार (popular festival) है। यह प्रत्येक वर्ष पूरे भारतवर्ष में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। यह बहुत ही मनोहर त्यौहार है। एक-दुसरे पर रंग डालने और अपने साथियों के चेहरे को रंगीन बना देने में बड़ा आनंद आता है।

यह त्यौहार सभी के लिए ख़ुशी और मौज-मस्ती का त्यौहार है। होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस दिन शाम को किसी चौराहे पर लकड़ी आदि जलाते हैं।

इस दिन किसान (farmers) अन्न के नये दाने होलिका की अग्नि में चढ़ा कर नया अन्न खाना शुरू करते हैं। रंग के दिन लोग एक-दुसरे पर गुलाल डालते हैं। इस दिन बड़ा मजा आता है।

बच्चे इस मौके का बेसब्री से इंतजार करते हैं कि कब वो अपने दोस्तों को रंग सके। होली मेल व एकता का पर्व है इसलिए इस मौके पर किसी पर कीचड़ आदि फेंकना या शराब पीना अनुचित है।

केवल प्यार से रंग खेलना चाहिए, मतलब होली का त्यौहार मनाना चाहिए। स्वादिष्ट पकवानों का मिलकर आनंद लेना चाहिए और दुश्मनों को भी दोस्त बना लेना चाहिए। इस त्यौहार की सभी को मुबारकबाद देनी चाहिए।

Simple Essay on Holi in Hindi for Children

होली हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक है जिसे रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है। होली हर साल फाल्गुन (मार्च) के महीने में विभिन्न प्रकार के रंगों के साथ मनाई जाती है। होली का त्यौहार पुरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है।

इस दिन घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं। होली का त्यौहार लोग आपस में गले लगकर और एक दुसरे को रंग लगाकर मनाते हैं। इस दौरान धार्मिक और फाल्गुन गीत (phalgun song) भी गाये जाते हैं। होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है।

होली का त्यौहार मनाने के पीछे एक प्राचीन इतिहास (ancient history) है। प्राचीन समय में हिरनकश्यप नाम का एक असुर था जो भगवान् विष्णु विरोधी था। उसकी एक दुष्ट बहन थी जिसका नाम होलिका था।

कश्यप के पुत्र प्रहलाद भगवान् विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे इसी कारण कश्यप ने अपनी बहन होलिका से पुत्र प्रहलाद को जान से मारने के लिए आग में लेकर बैठने को कहा क्योंकि होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था।

उसके बाद होलिका प्रहलाद को लेकर चिता में बैठ जाती है लेकिन प्रहलाद आग में सुरक्षित बच जाते हैं जबकि होलिका आग में चलकर भस्म हो जाती है।

How to Write an Essay on Holi in Hindi (250 Words)

होली हँसी-खुशी का त्यौहार है। यह एकता और भाई -चारे, मिलन और खुशी का प्रतीक है। होली का त्यौहार फाल्गुन महीने की पूर्णमासी को मनाया जाता है। इसमें एक-दुसरे पर रंग डालते हैं। सूखा, गुलाल रंग भी मलते हैं। रंग पानी में घोलकर पिचकारी चलाने से बड़ा आनंद आता है।

सबके मन मस्त हो जाते हैं। लोग नाचते-गाते हैं और विभिन्न प्रकार के स्वांग रचते हैं। आपस में गले मिलते है। कहते हैं कि, प्रहलाद ईश्वर भक्त था। उनके पिता हिरण्यकश्यप कहता था कि “मुझे ईश्वर मानो।” परन्तु उसका पुत्र प्रहलाद ईश्वर भक्त था।

पिता के कहने पर भी प्रहलाद ने भगवान की भक्ति नहीं छोड़ी। हिरण्यकश्यप की बहिन होलिका थी जिसे आग से नहीं जलने का वरदान प्राप्त था। अत्याचारी हिरण्यकश्यप के कहने पर होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई थी पर होलिका तो जल गई, प्रहलाद बच गया।

होली उस प्राचीन घटना (ancient event) की भी याद दिलाती है। कई बच्चे और कई बड़े भी मिट्टी उड़ाते हैं, गुब्बारे मारते हैं, कालिख मलते हैं, गालियाँ बकते हैं और भद्दे शब्द (ugly words) बोलते है। इससे कभी-कभी लड़ाई-झगड़ा भी हो जाता है।

कुछ लोग नशा करते हैं। ये बुरी बातें हैं। होली ख़ुशी मनाने का पर्व है। इस दिन पुरानी दुश्मनी भूल जानी चाहिए। रूठे हुए लोगों को मनाना चाहिए और इस तरह प्रेम प्रीति का जीवन (life of love) व्यतीत करने का संकल्प करना चाहिए।

Essay Writing on Holi in Hindi

होली एक रंगों का त्योहार है। यह त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का संदेश वाहक (संदेशवाहक = संदेश लाने वाला) है। इसके आगमन पर सभी प्राणी (creature) और यहाँ तक कि प्रकृति भी आनंद और उमंग से इठला जाती है। हिन्दू लोग इसे हर वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं।

यह त्यौहार एकता, मिलन और पवित्र प्रेम का प्रतीक है। इस त्यौहार को किसान लोग बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाते हैं। इन दिनों किसानों की वर्ष भर के परिश्रम (labor) से उगाई गई फसल पक कर तैयार होती है। वे अपनी फसल को लहराई हुई देखकर फुले नहीं समाते हैं।

सभी किसान मिलकर नाचते गाते हैं। इस दिन सभी लोग रात को नए अनाज की बालों को होली की आग में भूनकर उसके दानों को सब में बाँटते हैं और आपसी बैर-भाव को भुलाकर एक दुसरे से गले मिलते हैं। संध्या समय महिलाएं और बच्चे होली की पूजन करते हैं।

होली का अगला दिन दुल्हैंडी का होता है। इस दिन लगभग दोपहर के दो बजे तक रंग और गुलाल से होली खेली जाती है। इस होली के रंग, गुलाल में बच्चे, जवान और बूढ़े पुरुष-महिलाएं सभी हिस्सा लेते हैं। कुछ लोग गुलाल की जगह चंदन का टिका लगाते हैं और आपस में गले मिलते हैं।

गली-मुहल्लों और सड़कों पर अनेक टोलियाँ नाचती-गाती दिखाई पड़ती है। ब्रज की होली बहुत प्रसिद्ध है। इस दिन लोग पकवान बनाते हैं और दुसरे लोगों को मिष्ठान आदि खिलाते है। होली के दिन कुछ लोग तो भांग आदि का भी सेवन करते हैं।

Short and Long Essay on Holi in Hindi (300 Words)

होली रंगों का त्योहार है। यह एक मौसमी त्योहार (seasonal festival) है और हिंदुओं के लिए सबसे सुखद त्योहार है। यह त्योहार पूरे देश में मनाया जाता है। यह मार्च के महीने में चैत के पहले दिन मनाया जाता है। इसकी पृष्ठभूमि में एक कहानी (story) है। प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक अत्याचारी राजा (tyrannical king) था। वह ईश्वर में विश्वास नहीं करता था। उसने अपनी प्रजा को भगवान की पूजा करने से प्रतिबंधित कर दिया।

उनका पुत्र प्रह्लाद भगवान का भक्त था। दुष्ट राजा ने अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद को आग में जिंदा जलाने का आदेश दिया। एक दिव्य उपहार के अनुसार, होलिका आग में नहीं जल सकती थी, लेकिन भगवान की महिमा अद्भुत है। होलिका जल गई और प्रह्लाद का कुछ नहीं हुआ। होलिका दहन उसी घटना को मनाने के लिए होली से एक रात पहले किया जाता है।

होलिका दहन के बाद का दिन हास्य और रंग का होता है। सभी बच्चे, लड़के और लड़कियां रंगों में खेलते हैं। लोग सड़कों पर और सड़कों पर, ड्रम बजाते हुए, गाने गाते हुए समूहों में हँसते, गाते और नाचते हैं। हास्य विनोद अपनी सीमा तक पहुँचता है।

वे अवीर लेते हैं (लाल, हरा, पीला रंग जिसे लोग होली के दिन माथे पर लगाते हैं, इसे अवीर कहा जाता है।) अपने हाथों में और इसे अपने दोस्तों और परिवारों के माथे पर लगाते हैं। शाम को लोग एक-दूसरे के गले मिलते हैं। होली आनंद देने वाला त्यौहार है।

यह त्योहार लोगों को चिंतामुक्त (tension free) करता है। लोग विभिन्न ढंग से अपनी ख़ुशी व्यक्त करते हैं। कुछ लोग इस अवसर पर कीचड़ और गंदे पानी डालते हैं। यह उचित नहीं है। कुछ लोग नशीली वस्तुओं का सेवन करते हैं। गंदे गाने गाते है और नारियों का अपमान करते हैं।

असामाजिक तत्व इस अवसर को गन्दा बनाते हैं। होली का त्योहार हमें प्रेम की शिक्षा देता है। इसे उचित ढंग से मनाना चाहिए। हम लोगों को सभी नागरिक की तरह व्यवहार करना चाहिए। यह त्यौहार हमें भाईचारे का पाठ पढ़ाता है।

Write a Short Essay on Holi in Hindi

होली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस समय ग्रीष्म ऋतु (summer season) की शुरुआत हो जाती है। यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। एक कथा है, प्राचीन काल में हिरनकश्यप नाम का एक असुर राजा हुआ करता था। वह खुद को ईश्वर से भी महान समझता था। उसका पुत्र प्रहलाद परम ईश्वर भक्त था।

हिरनकश्यप ने प्रहलाद को ईश्वर भक्ति छोड़कर अपनी भक्ति करने का आदेश दिया लेकिन प्रहलाद ने अपने पिता का आदेश नहीं माना तो हिरनकश्यप ने अपने बेटे प्रहलाद को मारने का निश्चय किया। हिरनकश्यप की एक बहन भी थी जिसे आग में न जलने का वरदान प्राप्त था जिससे उस पर आग का कोई प्रभाव नहीं पड़ सकता था।

इसलिए असुर राजा ने अपनी बहन को प्रहलाद को लेकर आग में बैठने का आदेश दिया। होलिका अपने भाई का आदेश मानकर प्रहलाद को आग में लेकर बैठ गई। मगर हुआ यूँ कि, प्रहलाद को आग भी नहीं जला सकी, जबकि होलिका आग में न जलने का वरदान प्राप्त होते हुए भी आग में जल गई और प्रहलाद सुरक्षित बच गया।

इस कहानी के आधार पर होली को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक कहा जाता है। इसलिए सभी लोग मिलजुल कर होली का त्यौहार मनाते हैं। होली के दिन रंगों से खेलते हैं, सभी एक-दुसरे पर रंग मलते हैं। बच्चे पिचकारियों में रंग भर कर एक दुसरे पर रंग की पिचकारी मारते हैं।

छोटे-बड़ो की टोलियाँ हर गली-मोहल्लों में गाते -बजाते निकलती हैं और बुरा ना मान होली है, कहकर सब पर रंग छिड़कते हैं। इस दिन सभी कटुता को भूलकर प्रेम के रंग में रंग जाते हैं।

इसलिए होली को मेल-मिलाप का त्यौहार भी कह सकते हैं। होली का त्यौहार हमारे लिए एक संदेश हैं कि, अपने मन की बुराइयों को खत्म करके अच्छाईयों को अपनाओ, यही प्यार भरे जीवन की राह है।

Holi Essay in Hindi for Students and Children

होली रंगों का त्यौहार है जो हर साल फाल्गुन माह की पूर्णिमा को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन, सभी लोग एक-दूसरे को गले लगाते हैं और एक-दूसरे के प्रति अपने प्यार का इजहार करने के लिए रंग और गुलाल लगाते हैं। यह उत्साह और भाईचारे से भरा त्योहार है। इस दिन सभी घरों में गुझिया, पापड़, हलवा आदि बनाया जाता है और आपस में खाते हैं।

इस त्योहार को मनाने के पीछे एक भक्त की कथा है। प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक राजा हुआ करता था जो अपनी प्रजा को स्वयं की पूजा करने के लिए कहता था और खुद को दिव्य मानता था। गरीब लोग डर से राजा की पूजा करते थे, लेकिन राजा का पुत्र, जिसका नाम प्रहलाद था, भगवान विष्णु का परम भक्त था।

हिरण्यकश्यप भगवान विष्णु से नफरत करता था और अपने पुत्र को विष्णु की पूजा करने से मना करता था। सभी प्रयासों के बाद, जब प्रह्लाद ने विष्णु की पूजा करना बंद नहीं किया, तो एक दिन हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन के साथ, जिसका नाम होलिका था, भक्त प्रहलाद को आग में जलाने की योजना बनाई।

होलिका को ब्रह्मा से वरदान मिला था कि वह आग से नहीं जलेगी। होलिका प्रहलाद को जलती हुई अग्नि में लेकर बैठ जाती है, लेकिन प्रह्लाद का बाल बांका नहीं हुआ और होलिका उसी अग्नि में अपने बुरे कर्मों से भस्म हो गयी।

इस तरह, भगवान द्वारा भक्त की स्मृति में और सत्य पर असत्य की जीत के प्रतीक के रूप में होली का त्योहार मनाया गया। तब से लेकर आज तक, होली से एक दिन पहले हर कोई होलिका दहन करता है और दूसरे दिन रंगों के साथ होली का त्योहार मनाता है।

Essay on Holi in Hindi (350 Words)

त्यौहार जीवन की एकरसता को तोड़ने और उत्सव के द्वारा नई रचनात्मक स्फूर्ति हासिल करने के लिए हुआ करते हैं। संयोग से मेल-मिलाप का अनूठा त्यौहार होने के कारण होली में यह स्फूर्ति हासिल करने और साझेपन की भावना को विस्तार देने के अवसर ज्यादा हैं। देश में मनाए जाने वाले धार्मिक व सामजिक त्योहारों के पीछे कोई न कोई घटना अवश्य जुड़ी हुई है।

शायद ही कोई ऐसी महत्वपूर्ण तिथि हो, जो किसी न किसी त्यौहार या पर्व से संबंधित न हो। दशहरा, रक्षाबंधन, दीपावली, रामनवमी, वैशाखी, बसंत पंचमी, मकर संक्रांति, बुद्ध पूर्णिमा आदि बड़े धार्मिक त्यौहार है। इनके अलावा कई क्षेत्रीय त्यौहार भी है। भारतीय तीज त्यौहार साझा संस्कृति के सबसे बड़े प्रतीक रहे हैं।

रंगों का त्यौहार होली धार्मिक त्यौहार होने के साथ-साथ मनोरंजन का उत्सव (entertainment festival) भी है। यह त्यौहार अपने आप में उल्लास, उमंग और उत्साह लिए होता है। इसे मेल व एकता का पर्व भी कहा जाता है। हंसी ठिठोली के प्रतीक होली का त्यौहार रंगों का त्यौहार कहलाता है।

इस त्यौहार में लोग पुराने बैरभाव त्याग एक दुसरे को गुलाल लगाकर बधाई देते हैं और गले मिलते हैं। इसके पहले दिन पूर्णिमा को होलिका दहन और दुसरे दिन के पर्व को धुलेंडी कहा जाता है। होलिका दहन के दिन गली-मुहल्लों में लकड़ी के ढेर लगा होलिका बनाई जाती है।

शाम के समय महिलाएं-युवतियां उसका पूजन करती हैं। इस अवसर पर महिलाएं श्रंगार आदि कर सजधज के आती है। बृज क्षेत्र में इस त्यौहार का रंग करीब एक पखवाड़े पूर्व चढ़ना शुरू हो जाता है। होली भारत का एक ऐसा पर्व है जिसे देश के सभी निवासी सहर्ष मनाते हैं।

हमारे तीज त्यौहार हमेशा साझा संस्कृति के सबसे बड़े प्रतीक रहे हैं। यह साझापन होली में हमेशा दिखता आया है। मुगल बादशाहों की होली की महफिलें इतिहास में दर्ज होने के साथ यह हकीकत भी बयां करती है कि रंगों के इस अनूठे जश्न में हिन्दुओं के साथ मुसलमान भी बढ़-चढ़कर शामिल होते हैं।

मीर, जफर और नजीर की शायरी में होली की जिस धूम का वर्णन है वह दरअसल लोक परंपरा और सामाजिक बहुलता का ही रंग है।

Holi Festival Essay in Hindi (400 Words)

होली एक ऐसा रंग बिरंगा त्यौहार है जिसे हर धर्म के लोग पुरे उत्साह और मस्ती के साथ मनाते हैं। होली रंगों का एक शानदार उत्सव है जो भारत में हिन्दू धर्म के लोगों द्वारा हर साल बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। ये पर्व हर साल बसंत ऋतू के समय फाल्गुन महीने में आता है। यह हर साल चैत्र महीने के पहले दिन मनाया जाता है। इस दौरान पूरी प्रकृति और वातावरण बहुत सुन्दर और रंगीन नजर आते है।

हिन्दू पौराणिक ग्रंथो के अनुसार हिरण्यकश्यप नाम के एक दुष्ट भाई की एक दुष्ट बहन थी होलिका, जो अपने भाई के पुत्र प्रहलाद को अपनी गोद में बिठाकर आग में जलाना चाहती थी। प्रहलाद भगवान् विष्णु के परम भक्त थे, जिन्होंने होलिका की आग से प्रहलाद को बचाया और आग में होलिका को राख कर दिया। तभी से हिन्दू धर्म के लोग शैतानी शक्ति के खिलाफ अच्छाई की विजय के रूप में हर साल होली का त्यौहार मनाते हैं।

होली रंगों का त्योहार है। होली खेलने के लिए लोग तरह-तरह के रंगों का इस्तेमाल करते हैं। पुराने जमाने के लोग प्राकृतिक रंग का प्रयोग करते थे। जिसकी वजह से उनकी स्किन को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। लेकिन अब लोग  रासायनिक आधारित (chemical based) रंग का इस्तेमाल करते हैं। गुलाल का इस्तेमाल करना चाहिए ताकि किसी को कोई नुकसान न पहुंचे। किसी को जबरदस्ती रंग नहीं लगाना चाहिए क्योंकि किसी -किसी की त्वचा संवेदनशील होती है।

केमिकल वाले रंग त्वचा के लिए बहुत हानिकारक होते हैं। होली का ये उत्सव फाल्गुन के अंतिम दिन होलिका दहन की शाम से शुरू होता है। सभी रात में एक जगह इकठ्ठा होकर लकड़ी, घास और गोबर के ढेर को जलाकर उसमें हरी खेजड़ी का एक बड़ा लक्कड़ प्रहलाद के रूप में खड़ा करके होलिका दहन की रिवाज को संपन्न करते हैं।

इसमें महिलाएं रीति से संबंधित गीत गाती है और पुरुष भांग लेकर धमाल गाते है और होली खेलने के लिए सुबह का इंतजार करते हैं। इस दिन सभी लोग सामाजिक विभेद को भुलाकर स्वादिष्ट पकवानों और मिठाइयाँ (sweets) बांटकर खुशी का इजहार करते हैं। होली भारत और भारत में रहने वाले हिन्दुओं का एक प्रमुख त्यौहार है।

लेकिन होली हिन्दू ही नहीं सभी लोग मनाते हैं क्योंकि होली उत्साह, नई आशा और जोश के साथ मनाई जाती है। इस दिन सभी स्कूल, कॉलेज, बैंक, कार्यालय, विश्व विद्यालय और दुसरे सभी संस्थान बंद रहते हैं।

ताकि सभी लोग अपने परिवार के साथ इस रंगीले त्यौहार का लुप्त उठा सके। यह एक ऐसा त्यौहार है जिस दिन लोग अपने बीच के सारे मतभेद को भूल जाते हैं।

Best Essay on Holi in Hindi (450 Words)

होली का पर्व ऋतुराज वसंत के आगमन पर फाल्गुन की पूर्णिमा को आनंद और उल्लास के साथ मनाया जाता है। इन दिनों रबी की फसल पकने की तैयारी में होती है। फाल्गुन पूर्णिमा के दिन लोग गाते-बजाते, हँसते-हँसाते अपने खेतों पर जाते हैं। वहां से वे जौ की सुनहरी बालियाँ तोड़ लाते हैं। जब होली में आग लगती है तब उस अधपके अन्न को उसमें भुनकर एक-दुसरे को बाँटकर गले मिलते हैं।

होलिका दहन के संबंध में कहानी प्रसिद्ध है। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान प्राप्त था कि आगे उसे जला नहीं सकती। हिरण्यकश्यप ईश्वर को नहीं मानता था। वह खुद को ही बड़ा मानता था। उसका बेटा प्रहलाद उसके पिता के विपरीत ईश्वर पर विश्वास करता था। पिता ने उसे ऐसा करने के लिए बार-बार समझाया, किंतु प्रह्लाद पर कोई असर नहीं हुआ।

इससे हिरण्यकश्यप बहुत क्रूद्ध हुआ। उसने अपने पुत्र को तरह-तरह से त्रास दिए, लेकिन प्रहलाद अपने निश्चय से डिगा नहीं। अंत में हिरनकश्यप ने उसे अपनी बहन होलिका के सुपुर्द कर दिया। होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई। होलिका तो जल गई लेकिन भक्त प्रहलाद का कुछ भी नहीं बिगड़ा। इस प्रकार होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की विजय है।

एक कथा के अनुसार, भगवान् श्रीकृष्ण ने इस दिन गोपियों से रासलीला की थी। इसी दिन नंदगाव में सभी लोगों ने रंग और गुलाल के साथ खुशियाँ मनाई थी। नंदगाव और बरसाने की ब्रजभूमि पर इसी दिन बूढ़े और जवान, स्त्री और पुरुष सभी ने एक साथ मिलकर जो रास-रंग मचाया था, होली आज भी उसकी याद ताजा कर जाती है।

पहले प्रतिभोज का आयोजन होता था, गीतों, फागों क उत्सव होते थे, मिठाइयाँ बाँटी जाती थी। बीते वर्षों की कमियों पर विचार होता था। इसके बाद दुसरे दिन होली खेली जाती थी। छोटे-बड़े मिलकर होली खेलते थे। अतिथियों को मिठाइयाँ और तरह-तरह के पकवान खिलाकर तथा गले मिलकर विदा किया जाता था।

लेकिन आज यह पर्व बहुत घिनौना रूप धारण कर चुका है। इसमें शराब और अन्य नशीले पदार्थों का भरपूर सेवन होने लगा है। राह चलते लोगों पर कीचड़ उछाला जाता है। होली की जलती आग में घरों के किवाड़, चौकी, छप्पर आदि जलाकर राख कर दिए जाते हैं। खेत-खलिहानों के अनाज, मवेशियों का चारा तक स्वाहा कर देना अब साधारण सी बात हो गई है।

रंग के बहाने दुश्मनी निकालना, शराब के नशे में मन की भड़ास निकालना आज होली में आम बात हो गई है। यही कारण है कि आज समाज में आपसी प्रेम के बदले दुश्मनी पनप रही है। जोड़ने वाले त्यौहार मनों को तोड़ने लगे हैं।

होली की इन बुराइयों के कारण सभी और समझदार लोगों ने इससे किनारा कर लिया है। रंग और गुलाल से लोग भागने लगे हैं।

Essay on Festival of Colours in Hindi (500 Words)

भारत मेलों और त्योहारों की भूमि है। शायद ही कोई महीना किसी मेले या त्योहार के बिना गुजरे। होली रंगों का त्योहार है। यह आमतौर पर मार्च के महीने में आता है। यह सर्दियों के अंत और गर्मियों की शुरुआत का प्रतीक है। यह मौज-मस्ती और तुच्छता का त्योहार है। यह उल्लास और उमंग का अवसर है। पुरुष, स्त्रीत्व बच्चे सभी उच्च आत्माओं में हैं।

भारत के विभिन्न राज्यों में इसे अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। लोग एक दूसरे पर रंगीन पानी छिड़कते हैं। वे एक दूसरे के चेहरे रंग रगड़ते हैं, गोल पाउडर रंग एक दूसरे पर फेंकते हैं। दिन व्यावहारिक चुटकुले, मजेदार और हँसी द्वारा चिह्नित है। बच्चे अपने हाथों में रंगीन पानी और पानी पंप की बोतलों के साथ सड़कों पर चले जाते हैं।

ड्रमों को पीटा जाता है और गाने गाए जाते हैं और पूरा वातावरण खुशी के जयकारों के साथ बजता है। पुराने लोगों को भी नहीं बख्शा जाता। जो लोग बचते हैं रंग लगवाने से उन पर रंगीन पानी की बाल्टी डाली जाती है। सभी सिर रंग की धूल से भरे हुए हैं, सभी कपड़े रंगीन पानी से गीले हैं और सभी चेहरे रंगीन और पहचान से परे होते हैं।

पानी और रंग फेंकना दोपहर में समाप्त हो जाता है। लोग खुद को साफ करते हैं और साफ कपड़े पहनते हैं। स्वादिष्ट व्यंजन ‘भांग’ से तैयार किए जाते हैं, यह माना जाता है कि यह भगवान शिव का पसंदीदा पेय है। लोग खाना खाते हैं, डांस करते हैं।

पारंपरिक शैली में मथुरा और बृंदाबन में होली मनाई जाती है। ‘रास-लीलाएँ’ की जाती हैं और भगवान कृष्ण और उनकी गोपियों की यादें एक हज़ार तरीकों से पुनर्जीवित होती हैं।

वहाँ, इसका धार्मिक स्पर्श है और होली के त्योहार में भाग लेने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। कई मिथक और किंवदंतियाँ होली से जुड़ी हुई हैं। ऐसा कहा जाता है कि प्रह्लाद अपने पिता हिरणकश्यप द्वारा यातनाएं देता था, क्योंकि प्रह्लाद को ईश्वर में दृढ़ विश्वास था। महान यातनाओं के बावजूद प्रह्लाद ने ईश्वर में अपना विश्वास नहीं छोड़ा।

तब हिरणकश्यप ने अपनी बहन होलिका को अपनी बाहों में प्रहलाद के साथ दफन चिता में बैठने के लिए कहा। होलिका जलकर राख हो गई लेकिन प्रह्लाद आग की लपटों से अछूता नहीं रहा। इस प्रकार होली प्रह्लाद की भक्ति और उनके पिता हिरणकश्यप की क्रूरता को याद करती है।

हर साल एक अलाव जलाया जाता है और खलनायक के लिए होलिका जलाई जाती है। एक अन्य कथा के अनुसार, इस दिन भगवान कृष्ण ने पूतना नामक दैत्य का वध किया।

होली का अब तक एक और महत्व है। यह एक मौसमी त्योहार है, यह कटाई के मौसम की शुरुआत का प्रतीक है। गेहूं की फसलें खेतों में पकी हुई हैं और होली के तुरंत बाद कटाई शुरू हो जाती है। जो भी होली का महत्व हो सकता है, वह निश्चित रूप से एक रंगीन त्योहार है।

यह हमारे जीवन को मस्ती और आनंद, उल्लास और हंसी के बेहतरीन रंगों से भर देता है, लोग सभी पुरानी दुश्मनी भूल जाते हैं और रंगों के इस त्योहार को मनाते हैं।

निष्कर्ष, (Conclusion)

हमारे द्वारा यहाँ प्रस्तुत कराए गए होली पर हिन्दी निबंध विद्यार्थियों के लिए बहुत मददगार साबित होंगे। इनकी सहायता से students होली पर उत्कृष्ट निबंध लिख सकते हैं।

और हाँ, होली के खूबसूरत रंगों की तरह आपको और आपके परिवार को बहुत बहुत रंगों भरी उमंग भरी शुभकामनायें। Happy Holi 2024.

यह भी पढ़ें:

  • होली क्यों मनाई जाती है? Why is Holi Celebrated in Hindi

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by: Jamshed Khan

मैं इस ब्लॉग का एडिटर हु और मुझे लिखने का बहुत शौक है। इस ब्लॉग पर मैं एजुकेशन और फेस्टिवल से रिलेटेड आर्टिकल लिखता हूँ।

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  • निबंध ( Hindi Essay)

essay on my festival holi in hindi

Essay on Holi in Hindi | होली पर निबंध हिंदी में

Essay on holi in Hindi

आज आपके लिए लेकर आएं हैं Essay on Holi in Hindi. जिसमे आपको 10 Lines on Holi in Hindi, Paragraph on Holi in Hindi के साथ साथ Short Essay on Holi in Hindi और Long Essay On Holi In Hindi भी मिलेगा।

यह निबंध कक्षा 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11 और 12 तक के विद्यार्थी उपयोग में ला सकते हैं।

Table of Contents

10 Lines On Holi In Hindi

Set-1. यह Set कक्षा 1,2,3,4 और 5 के विद्यार्थियों के लिए है।

  • होली पर्व प्रति वर्ष भारत मे हिंदुओं के द्वारा मनाया जाता है।
  • होली का पर्व प्रतिवर्ष मार्च महीने में मनाया जाता है , कभी कभी यह त्यौहार दो दिनों से भी ज्यादा चलता है।
  • हर प्रदेश में होली पर्व अलग अलग तरीक़े से मनाया जाता है।
  • होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है।
  • होलिका दहन के दिन लोग लकड़ी इकट्ठा करके आग जलाते है और उसके चारों तरफ परिक्रमा करते हैं।
  • होली एक खुशी का त्यौहार है जो सबके जीवन मे प्रसन्नता लाता है।
  • ग्रंथो के आधार पर होली की शुरुआत कृष्ण और राधा रानी ने की थी।
  • होली के दिन लोग अपने परिवार , दोस्त से मिलते हैं, उन्हें रंग लगाते है।
  • होली के दिन उत्तर भारत मे गाना गाने का रिवाज है।
  • होली के लिए कई मिठाईयां बनती है , जिसमे से गुझियाँ सबसे आम है।

Set-2 यह कक्षा 6,7 और 8 के लिए उपयोगी है।

  • होली एक ऐसा त्यौहार जिसे पूरे भारत मे खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
  • होली एक ऐसा त्यौहार है जो लोगो को जोड़ता है, उनमें भाईचारा बढ़ाता है, जिससे शांति और खुशियाँ बढ़ती है।
  • होली में सब एक साथ मिलकर जश्न मनाते है , जिससे लोगो मे एकता बढ़ती है।
  • यह त्यौहार प्रति वर्ष हिंदी कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास में मनाया जाता है।
  • फाल्गुन माह को गर्मी और ठंडी का संधिकाल कहा जाता है।
  • होली में कई अलग अलग रंग खेले जाते हैं जो अलग अलग भावनाओं की व्याख्या करते हैं।
  • होली को लेकर एक सबसे प्रचलित बात यह है कि इस दिन लोग अपने दुश्मनों को भी माफ कर देते हैं और उन्हें भी गले लगा लेते हैं।
  • यदि होली का असली रंग देखना है तो शाम को देखना चाहिये जब सबसे ऊपर प्रेम का रंग चढ़ा होता है। सभी एक साथ गाना गाते हैं और नृत्य करते हैं।
  • होली पर्व हमें तीन बड़े संदेश देता है, असत्य कभी अमर नही है, दुख हमेशा नही रह सकता और हमेशा अच्छे की ही जीत होती है।
  • वयस्क लोग एक दूसरे के चेहरे पर रंग लगाते है, और बहुत ही मस्ती भरे अंदाज में त्यौहार मनाते हैं।

Paragraph on My Favourite Festival Holi

भारत और नेपाल में मनाया जाने वाला होली एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, असत्य पर सत्य की विजय का प्रतीक है। होली का पर्व प्रति वर्ष मार्च माह में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। लोग अपने अपने घरों पर मिठाई, गुझिया, नमकीन जैसे तरह तरह के पकवान बनाते हैं।

होली के दिन छोटे बच्चों को यह पूरी छूट रहती है कि वह किसी पर भी रंग डाल सकते हैं, क्योंकि उनके हाथ मे पिचकारी रहती है। हर तरफ नजारा बिलकुल रंगीन होता है , किसी का चेहरा पहचानना बहुत मुश्किल होता है। यही एक ऐसा दिन है जब लोग किसी की शक्ल से ज्यादा प्रेमभाव को अहमियत देते हैं। इस त्यौहार की यही विशेषता है। इसी वजह से होली का पर्व पूरे देश मे इतने उल्लास के साथ मनाया जाता है।

Short Essay On Holi in Hindi (300 Words)

हमारा देश त्योहारों का देश है जहाँ त्यौहार आते ही रहते हैं। लेकिन कुछ त्यौहार ऐसे होते हैं जिनका सबसे ज्यादा इंतजार रहता है। ऐसा ही एक त्यौहार होली का त्यौहार है जो आपसी भाईचारे को बढ़ाने वाला त्यौहार है।

प्रतिवर्ष बच्चो से लेकर बुजुर्ग तक सभी को होली के आगमन का इंतजार रहता है क्योंकि यह त्यौहार है ही कुछ खास जिसका आनंद सभी उठाते हैं।

दो दिन मनाते हैं होली का त्यौहार

होली का उत्सव दो दिनों तक चलता है। इस पावन त्यौहार की शुरुआत होलिका दहन से हो जाती है , जिस दिन प्रतीकात्मक होलिका बनाकर उसका दहन किया जाता है, और सभी लोग ऐसी कामना करते हैं कि होलिका दहन के साथ उनके जीवन के सभी दुखों का भी दहन हो गया है।

कुछ लोग घर मे ही होलिका दहन करते हैं। इसके लिए वो गाय के गोबर से छोटे छोटे गोल आकार के उपले बना लेते हैं और उन्हें सुखवा लेते हैं।

फिर होलिका दहन के दिन उन्ही उपलों का दहन करते हैं। होलिका दहन के दूसरे दिन रंग, अबीर, गुलाल खेला जाता है।

इस दिन को होली धुलेंडी कहते हैं। इस दिन क्या बच्चे, क्या युवा सभी मस्ती में चूर होते हैं। सुबह से लोग रंग खेलना शुरू कर देते हैं।

लोग सभी के घर जाते हैं, रंग लगाते हैं और होली की बधाई देते हैं। करीब दोपहर तक रंग खेलने का कार्यक्रम चलता है।

इसके बाद सब लोग नहाकर और नए वस्त्र धारण करते हैं। शाम के वक़्त लोग अपने सगे संबंधियों से मिलते हैं और उन्हें होली पर्व की शुभकामनाएं देते हैं।

विद्यालयों और कार्यालयों में होली

सभी विद्यालयों में होली के पहले ही छुट्टी घोषित कर दी जाती है, लेकिन बच्चे अपने मित्रों को रंग लगाने से बिलकुल भी नही चूकते।

स्कूल का समापन होने के बाद विद्यार्थी स्कूल प्रांगण में ही जमकर रंगों की बारिश कर देते हैं। जो बच्चे सुबह साफ सुथरे स्कूल परिधान में घर से निकले थे उन्हें अब पहचानना भी बहुत मुश्किल हो रहा होता है।

वही कार्यालयों में लोग मर्यादित रहते हैं। होली के वक़्त जो लोग एक दूसरे से नही मिल पाएंगे वो पहले से ही होली की बधाई दे देते हैं।

माथे पर अबीर और गले लगकर एक दूसरे को होली की शुभकामनाएं देते हैं। होली के दिन सभी कार्यलयों का अवकाश रहता है।

होली आनंद और मस्ती का त्यौहार है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन लोग आपसी दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे को गले लगाते हैं। यही इस त्यौहार की सबसे बड़ी खूबी है।

Essay On Holi in Hindi (600 Words)

रंगों का त्यौहार होली हिंदुओं का एक प्रमुख त्यौहार है जो देश में पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है। वैसे तो यह त्यौहार हिंदुओं का त्यौहार है लेकिन फिर भी देश के अलावा विदेशों में भी होली खेली जाती है।

सबसे ज्यादा हिन्दू भारत मे ही रहते हैं। भारत के अलावा नेपाल में भी होली काफी धूमधाम से मनाई जाती है। पाकिस्तान और बाकी के अन्य देश जहाँ हिन्दू अल्पसंख्यक है वहाँ भी होली का पर्व सब मिलजुल कर मनाते हैं।

होली कब मनाई जाती है? | When is Holi celebrated?

हिन्दू कैलेंडर के आधार पर होली का पर्व प्रति वर्ष मार्च के फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यदि आम कैलेंडर के अनुसार देखे तो यह कभी कभी फरवरी में भी पड़ जाता है।

होली एक ऐसा पर्व है जिसमे लोग अपने सभी दुख भूलकर खुलकर हँसते है, मस्ती करते हैं और अपने गिले शिकवे भूलकर गले मिलते है, एक साथ वक़्त गुजारते है और परिवार के लोगो से मिलते जुलते हैं।

होली मनाने के पीछे की वजह | Why we Celebrate Holi in Hindi.

होली त्यौहार मनाने के पीछे की अनेक वजहें है लेकिन सभी का सार यही निकलता है कि बुराई पर हमेशा अच्छाई की जीत ही होती है।

सच कभी हारता नही है, परेशान भले हो सकता है, लेकिन अंत मे विजय सत्य की ही होती है। फाल्गुन मास में मनाया जाने वाला त्यौहार होली फगवाह नाम से भी जाना जाता है।

होली त्यौहार ठंडी और गर्मी के संधिकाल में मनाया जाता है। इसी दौरान खेतों में फसलें लहराने लगती है, सरसों खेतों में पूरी तरह खिल चुकी होती है।

धान की बालियां अब पक चुकी होती है। होली का संबंध भी फसलों से है। होली शब्द की उत्पत्ति होला से हुई है। इसका शाब्दिक अर्थ है भगवान की पूजा करना ताकि नई और अच्छी फसल मिल सकें।

होली से जुड़ी पौराणिक कहानियाँ | Mythological stories related to Holi.

कोई हिन्दू त्यौहार हो और उसके पीछे कोई पौराणिक कहानी न हो ऐसा बहुत कम होता है। होली से संबंधित भी कई पौराणिक कहानियाँ प्रचलित है जो निम्नलिखित है:-

होलिका की कहानी

होलिका की कहानी सबसे ज्यादा लोकप्रिय कहानी है होली के संबंध में। बहुत पहले की बात है एक दैत्य था जिसका नाम हिरणकश्यप था, उसकी एक बहन होलिका और पुत्र प्रह्लाद था।

हिरणकश्यप खुद को भगवान मानता था और सभी को यह कहता था कि उसकी पूजा करें लेकिन प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त थे और उन्ही की आराधना करते थे।

हिरणकश्यप को यह बात बिलकुल भी अच्छी नही लगती, इसलिए वह प्रह्लाद को जान से मारने की कोशिश करने लगा।

इसके लिए पहले उसने प्रह्लाद को पहाड़ से नीचे फिकवाया लेकिन भगवान विष्णु ने उन्हें बचा लिया। इसके बाद उन्हें गर्म तेल के कड़ाहे में डाल दिया पर प्रह्लाद वहाँ भी बच गये।

अपने सारे तरीके असफल होते देखकर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका के पास एक साड़ी थी। उसे पहनकर यदि वो आग में भी बैठ जाती तो भी नही जलती।

इसलिए वह प्रह्लाद को लेकर आग में बैठ गई। लेकिन तभी तेज हवाएं चलने लगी और वह साड़ी होलिका के शरीर से अलग हो गई और प्रह्लाद के शरीर से लिपट गई, जिससे प्रह्लाद तो आग से बच गए लेकिन होलिका जल गई।

होलिका का दहन होना इस बात का प्रतीक था कि बुराई कभी भी अच्छाई को हरा नही सकती। इसी वजह से हर वर्ष होलिका दहन किया जाता है।

कामदेव से जुड़ी एक कहानी

होली और होलिका दहन की एक कहानी कामदेव से भी जुड़ी है। शिव से ध्यान में लीन थे, पार्वती बहुत कोशिश कर रही थी कि शिव ध्यान से उठे क्योंकि उन्हें विवाह करना था लेकिन वह सफल नही हुई।

तब उन्होंने कामदेव से मदद माँगी। कामदेव ने एक पुष्प बाण चलाई, और वह जाकर शिव जी की तीसरी आँख में लग गई।

शिव जी गुस्सा हो गए और तीसरी आँख खोल दी जिससे कामदेव भस्म हो गए। लेकिन उनकी पत्नी रति का रो रो कर बुरा हाल हो गया।

अगले दिन शिव जी का गुस्सा जब शांत हुआ तो उन्होंने कामदेव को वापस जीवनदान दिया। जिस दिन कामदेव भस्म हुए थे उस दिन होलिका दहन मनाई जाने लगी और जिस दिन उन्हें दूसरा जीवन मिला, वह होली के तौर पर मनाई जाने लगी।

कृष्ण और पूतना की कहानी

कंस कृष्ण को मारना चाहता था इसीलिए उसने पूतना को गोकुल भेजा। कृष्ण को मारने के मकसद से पूतना नामक राक्षसी ने कृष्ण को अपनी गोद में लिया और उसे स्तनपान कराने लगी।

स्तनपान के दौरान उसने श्रीकृष्ण को विषपान कराया लेकिन कृष्ण को कुछ नहीं हुआ बल्कि पूतना की मृत्यु हो गई। ऐसा कहा जाता है उसी वक्त से होली का पर्व पूरे देश में धूमधाम के साथ मनाया जाता है। कृष्ण से जुड़ी नगरी जैसे ब्रज, मथुरा,वृंदावन,बरसाने,काशी आदि शहरों में होली की एक अलग ही छटा देखने को मिलती है।

महाभारत से जुड़ी एक प्राचीन कहानी

एक कथा महाभारत से भी जुड़ी है एक कथा के मुताबिक युधिष्ठिर ने श्रीकृष्ण को बताया कि जब श्री राम के पूर्वज रघु का शासन हुआ करता था उस वक्त एक महिला को कोई मार नहीं सकता था वह महिला एक असुर थी और बहुत अत्याचार करती थी।

तभी एक दिन गुरु वशिष्ट ने कहा कि उस औरत को भी मारा जा सकता है लेकिन इसके लिए बच्चों को विशेष कार्य करने होंगे।

उन्होंने बताया कि यदि बच्चे लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़े लें और शहर के बाहर किसी इलाके में जाएं और उन लकड़ी के छोटे-छोटे टुकड़ों को घास से ढक कर उन्हें जला दें और फिर उस जलती हुई आग के चारों तरफ जश्न मनाए, तालियां बजाए, गाने गाए और परिक्रमा करें। जब उन बच्चों ने ऐसा किया तो उस राक्षसी की मृत्यु हो गई।

पहले रासायनिक रंगों का चलन इतना ज्यादा नही था। अधिकतर रंग प्राकृतिक होते थे। लेकिन आज होली में जिन रंगों का उपयोग किया जाता है वो पक्के रंग होते हैं जो महीनों बाद भी नही छूटते। इसलिए होली खेले, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि किसी को यदि रंगों से दिक्कत है तो उसे जबरन न रंगे, किसी पर पक्का रंग न लगाएं और पूरे मर्यादित तरीके से यह त्यौहार मनाएँ।

मेरा प्रिय त्यौहार होली पर निबंध (My Favorite Festival Essay on Holi in Hindi)

होली के त्यौहार में ना सिर्फ लोगों को रंगा जाता है बल्कि यह त्यौहार लोगों के जीवन में नई खुशियाँ लेकर आता है।

भारत जैसे देश में जहां हर माह कोई न कोई त्यौहार आता है, वहां होली जैसे त्यौहार का विशेष तौर पर इंतजार रहता है यह इस बात का घोतक है कि हमारे जीवन में होली का कितना ज्यादा महत्व है।

होली का त्यौहार एक जश्न है, एक उमंग है, एक आशा है, एक उम्मीद की किरण है। यह एक ऐसा त्यौहार है जिसमें निर्धन और अमीर के बीच कोई भेद नहीं रहता क्योंकि सभी एक रंग में रंगे नजर आते हैं।

रंगो के इस पवित्र त्यौहार से जुड़ी कई प्राचीन मान्यताएं हैं। वक्त के साथ यह त्यौहार अपने नए-नए रूप भी दिखाता रहा है, त्योहार को मनाने के तौर तरीकों में आज भले ही बदलाव आ गया हो लेकिन भावना वही है जो पहले हुआ करती थी।

होली त्यौहार से जुड़ी कुछ प्राचीन परम्पराएं | Some ancient traditions related to Holi festival.

होली त्योहार से जुड़ी कई ऐसी कहानियां हैं जिनको जानने के बाद हमें यह पता चलता है कि यह त्यौहार कितना प्राचीन है। इस त्यौहार की जड़े उतनी ही पुरानी है जितना पुराना हमारे देश का इतिहास है।

प्राचीन काल में यह त्यौहार महिलाओं के द्वारा विशेष रूप से मनाया जाता था। इस त्यौहार के दिन महिलाएं चंद्र देव की पूजा करती थी और अपने घर एवं परिवार की सुख समृद्धि की कामना करती थी।

धीरे-धीरे यह त्यौहार किसानों के द्वारा भी मनाया जाने लगा। किसान अपने कच्चे अन्न का यज्ञ में दान किया करते थे और उसका प्रसाद लेते थे। ऐसा करने का उद्देश्य था फसल की पैदावार अच्छी हो।

उस जमाने में अन्न को होला नाम से पुकारा जाता था इसी वजह से इस त्यौहार का नाम होलिकोत्सव पड़ गया।

भारतीय कैलेंडर के हिसाब से देखें तो चैत्र नवरात्रि से नव वर्ष प्रारंभ हो जाता है होली का पर्व चैत्र नवरात्रि के कुछ पहले ही मनाया जाता है। इस आधार यह भी कहा जा सकता है कि होली पर्व नवसंवत और वसंत मौसम के आगमन का भी प्रतीक है।

ऐसा भी कहा जाता है कि इसी दिन पृथ्वी के प्रथम पुरुष मनु जन्मे थे इसी वजह से इस दिन को मन्वादि तिथि भी कहा जाता है।

भारत में मनाए जाने वाली कुछ विशिष्ट होली | Some special Holi celebrated in India.

मथुरा और वृंदावन में होली का उत्सव.

भगवान कृष्ण की जन्मस्थली और उनकी लीलास्थली मथुरा और वृंदावन में होली का एक अलग ही जश्न देखने को मिलता है।

यहां मनाई जाने वाली होली इतनी प्रसिद्ध है कि देश के कोने-कोने से लोग होली के पर्व में सम्मिलित होने के लिए यहां आते हैं।

मथुरा और वृंदावन में मनाई जाने वाली होली प्रेम और भक्ति का अनोखा संगम है, जिसमें होली मनाते वक्त तरह-तरह की प्रेम लीलाएं की जाती हैं। ऐसा माना जाता है कि होली पर्व की शुरुआत श्री कृष्ण और राधा रानी के द्वारा ही की गई थी।

बरसाने की लठमार होली

बरसाना उत्तर प्रदेश का एक गांव है जहां पर मनाई जाने वाली लठमार होली पूरे देश में काफी ज्यादा प्रसिद्ध है। इसके चर्चे हमें हर जगह सुनने को मिल जाते हैं।

बरसाने के आस-पास के गांव में रहने वाले लोग इस होली को देखने के लिए विशेष रूप से होली के दिन एकत्रित होते हैं। यह होली बरसाना और नंदगांव कि महिलाओं और पुरुषों के बीच खेली जाती है।

ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण जब अपने बाल्यावस्था में थे तब वह राधा रानी को देखने के लिए बरसाने आए थे लेकिन इस दौरान उन्होंने राधा रानी को तो परेशान किया ही साथ ही साथ उनकी सखियों को भी छेड़ दिया था जिसके बाद सखियां उनके पीछे दौड़ी थी ऐसा कहा जाता है तभी से यहां लट्ठमार होली की प्रथा चली आ रही है।

इस दिन महिलाएं पुरुषों को लाठी से मारती हैं। इस होली को मनाने के लिए सभी लोग बरसाने की राधा रानी मंदिर में एकत्रित हो जाते हैं। जिसके बाद नंदगांव के चरवाहे बरसाने की महिला चरवाहों के साथ और बरसाने के चरवाहे नंदगांव की महिला चरवाहों के साथ होली खेलते हैं। यह होली देखने में बहुत ही मनोरंजक लगती है।

बंगाल में मनाई जाने वाली डोल पूर्णिमा होली.

यह होली बंगाल और ओडिशा में मनाई जाती है। इस होली की खासियत यह है कि कृष्ण और राधा रानी को होली के दिन पहले एक डोल में बैठाया जाता है, इसके बाद पूरे गाँव मे घुमाया जाता है। साथ में भजन-कीर्तन और रंगों वाली होली भी चलती रहती है।

युगांश होली

भारत के पूर्वी राज्य मणिपुर में पूरे 6 दिनों तक होली मनाई जाती है इस होली को युगांश होली के नाम से जाना जाता है।

इस होली की शुरुआत भी होलिका दहन के दिन से होती है लेकिन यहां होलिका दहन के दिन घासफूस की एक झोपड़ी बनाई जाती है जिसके बाद उसमें आग लगाई जाती है और होलिका दहन मनाया जाता है।

इसके बाद अगले दिन लड़कों की टोलियां लड़कियों की टोलियों के साथ होली खेलते हैं। होली खेलने के बाद वह लड़कियों को उपहार भी देते हैं।

होली के पर्व के दौरान लोग भगवान श्री कृष्ण के मंदिर में पीले और सफेद रंग के परिधान ही पहन कर जाते हैं और थाबल चोंगबा वाद्ययंत्र के साथ संगीत एवं नृत्य करते हैं।

यहां होली का पर्व विशेष इस वजह से भी होता है क्योंकि होली के पर्व के दिन लड़के-लड़कियों को एक दूसरे से मिलने का अवसर दिया जाता है।

लड़के-लड़कियां एक दूसरे के ऊपर गुलाल लगाते हैं और ढोल-ढोलक-चोलाम नामक नृत्य एक साथ करते हैं।

पंजाब की होली मोहल्ला

होली के अगले दिन पंजाब की एक जगह होलगढ़ में होला मोहल्ला मनाया जाता है। इसकी शुरुआत सिख गुरु के द्वारा की गई थी होला-मोहल्ला एक तरह का बनावटी हमला है,जिसमें पैदल, घुड़सवार, तीरंदाज दो अलग-अलग गुटों में बढ़ जाते हैं और फिर एक दूसरे पर हमला करते हैं।

होला-मोहल्ला मे मोहल्ला शाब्दिक अर्थ है मय हल्ला जहां पर मय अर्थात बनावटी और हल्ला का मतलब हमला है।

सिख समुदाय के लिए होला-मोहल्ला का बहुत ज्यादा महत्व है। श्री गुरु गोविंद सिंह ने होला-मोहल्ला की शुरुआत इस वजह से की थी ताकि सिख समुदाय के लोगों मैं युद्ध कौशल का विकास हो सके।

मटकी फोड़ होली.

देश के कई राज्यों में मटकी फोड़ होली का बहुत ज्यादा चलन है खासकर महाराष्ट्र और गुजरात मे। मटकी फोड़ होली में एक मटकी को ऊँचाई पर बांध दिया जाता है जो मक्खन से भरी होती है। मटकी ऊँचाई पर टाँगने का काम महिलाएं करती है।

इसके बाद पुरुष टोली बनाकर इस मटकी तक पहुँचने का प्रयास करते हैं। पुरुषों की कई अलग अलग टोलियाँ इसे छूने का प्रयास करती है, लेकिन सभी सफल नही हो पाते। देखने मे यह बहुत ही दिलचस्प लगता है।

आपसी प्रेम और सद्भाव बढ़ाने वाला त्यौहार बड़ी ही सादगी से मनाया जाना चाहिए। जैसा कि आज हम सब जानते है कि दुनियाँ शुद्ध पेयजल की समस्या से जूझ रही है। ऐसे में हमारा यह दायित्व बनता है कि रंगों की जगह गुलाल से होली खेले और बेशकीमती पानी को बचाएं।

Holi Quotes in Hindi

होली का पर्व तभी आनंददायक लगता है जब अपने दोस्तों और परिवार से मिलते हैं, बात करते हैं। लेकिन यदि वो हमसे बहुत दूर रह रहे हो तो फिर शुभकामनाएं संदेश भेजना सबसे बेहतर रहता है। होली त्यौहार से जुड़े कुछ प्रसिद्ध Quotes इस प्रकार है:-

रंगों के त्यौहार में सभी की हो भरमार, ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार, यही दुआ है भगवान् से हमारी हर बार, होली मुबारक हो मेरे यार|

राधा का रंग और कान्हा की पिचकारी , प्यार के रंग से रंग दो दुनिया सारी , ये रंग न जाने कोई जात न कोई बोली मुबारक हो आपको रंग भरी होली !!

ये रंगो का त्यौहार आया है साथ अपने खुशियाँ लाया है हमसे पहले कोई रंग न दे आपको इसलिए हमने शुभकामनाओं का रंग सबसे पहले भिजवाया है हैप्पी होली।।

होलिका दहन क साथ बीते पूरे वर्ष की सारी कड़वी यादों, अनुभवों और दु:खों को जलाकर आने वाले नववर्ष में प्रेम, उल्लास, आनंद, उमंग और भाईचारे के साथ जीवन व्यतीत करें। होली की हार्दिक शुभकामनायें | |

रंगों के त्यौहार में सभी रंगों की हो बहार, ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार, यही दुआ है भगवान से हमारी हर बार, होली मुबारक हो आपको दिल से हर बार। “Happy Holi

आज की होली में आपके सब सुख दर्द जल जाए और कल की रंगपंचमी के सारे रंग आपके जीवन में खुशियों से भर जाए। “Happy Holi.

इससे पहले की होली की शाम हो जाए, बधाईंयो का सिलसिला आम हो जाए.. और सारा नेटवर्क जाम हो जाए… क्यों ना एडवांस में होली की राम-राम हो जाए।

खाले गुजिया और पीले थोड़ी ठंडाई; सुंदर लगे तू रंगों में नहाई; मेरे संग भी खेल ले होली; और बन जा मेरी लुगाई! हैप्पी होली मुबारक हो!

साधे रंग को गलती से आप ना कोरा समझो, इसी में समाये इन्द्रधनुषी सातों रंग, जो दिखे आपको जिंदगी सादगी भरी किसी की, तो आप यूँ समझो सतरंगी है दुनिया उसकी, होली आयी सतरंगी रंगों की बौछार लायी, ढेर सारी मिठाई और मीठा-मीठा प्यार लायी। “Happy Holi

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मेरा प्रिय त्योहार : होली पर अनुच्छेद | Paragraph on My Favourite Festival in Hindi

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मेरा प्रिय त्योहार : होली पर अनुच्छेद | Paragraph on My Favourite Festival : Holi in Hindi!

होली मेरा सबसे प्रिय त्योहार है । इस दिन घर-घर में उमंग एवं प्रसन्नता छायी रहती है । बाजारों में कई दिनों पूर्व से ही चहल-पहल देखी जा सकती है । मैं होली के अवसर पर माता-पिता के साथ खरीदारी करने जाता हूँ । नये वस्त्र, रंग, अबीर, पिचकारी आदि की खरीदारी करता हूँ । इनके अलावा पकवानों की सामग्री भी खरीदी जाती है । होली के दिन बहुत धूम- धाम रहती है । मैं अपने मित्रों तथा हमउम्र लोगों पर रंग डालता हूँ । मित्र भी मेरे साथ होली खेलते हैं । पिताजी तथा बुजुर्ग माथे पर गुलाल लगाकर मुझे आशीर्वाद देते हैं । फिर पुए-पकवानों को खाने तथा खिलाने का सिलसिला आरंभ होता है । गिन तथा गलियों में लोग खुश होकर नाचते हैं तथा एक-दूसरे पर रंग डालते हैं । इस दिन लोग आपसी वैर और द्वेष भुलाकर एक-दूसरे से गले मिलते हैं । शाम को ढ़ोल-नगाड़े बजाए जाते हैं । लोग गीत गाकर नाचते हैं । मैं इन कार्यक्रमों में उत्साह से भाग लेता हूँ । रंगों का त्योहार होली मुझे बहुत ही आकर्षक लगता है । यह हमें बुराई से दूर रहने तथा अच्छाई के मार्ग पर चलने की शिक्षा देता है ।

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Essay on holi in hindi होली पर निबंध.

Essay On Holi in Hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और विद्यार्थियों के लिए होली के त्यौहार पर निबंध हिंदी में। What is Holi or why we celebrate Holi in Hindi? We have written a very short essay on Holi in Hindi/ Holi Nibandh. Now you can take an example to write a paragraph on Holi in Hindi and Holi essay in Hindi in a better way. We have added Holi festival essay in Hindi/ Essay on Holi in Hindi in 100, 200, 300, 350, 450 and 500 words. Now you can learn essay on Holi in Hindi language along with few lines on Holi in Hindi. If you get a chance to give Holi speech in Hindi you will find good sentences here. होली का त्योहार।

Essay on Holi in Hindi

hindiinhindi Essay on Holi in Hindi

Essay on Holi in Hindi 200 Words

होली का त्यौहार हर फागुन मार्च के महीने में मनाया जाता है। होली के साथ अनेक कथाएं जुडी है। होली मनाने के एक रात पहले होली को जलाया जाता है। इसके पीछे एक लोकप्रिय कथा है। भक्त प्रहलाद के पिता हरिण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानते थे। उन्होने प्रहलाद को विष्णु भक्ति करने से रोका जब वह नहीं माने तो उन्होने प्रहलाद को मारने का प्रयास किया था।

प्रहलाद के पिता ने आखिर अपनी बहन होलिका से मदद मांगी और होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। होलिका अपने भाई की सहायता करने के लिए तैयार हो गई थी। होलिका प्रहलाद को लेकर चिता में जा बैठी परन्तु भगवान विष्णु जी की कृपा से प्रहलाद बचे रहे और होलिका जल कर राख हो गई। इस कथा से इस बात की शिक्षा मिलती है कि बुराई पर अच्छाई की जीत हमेशा होती है। आज भी लोग होली जलाते है और अगले दिन सब लोग एक दूसरे पर गुलाल और तरह-तरह के रंग डालते है इस दिन लोग सुबह उठकर रंगों को लेकर अपने दोस्तों एवं रिश्तेदारों के साथ मिलकर होली खेलते है।

सभी लोग अपनी दुश्मनी भूलकर कर दोस्तों की तरह एक दूसरे से गले लगते है वह एक दूसरे को गुलाल लगाते है और मिठाईयाँ खाते है। होली का त्यौहार पूरे भारतवर्ष में धूमधाम से मनाया जाता है।

Essay on Holi in Hindi 300 Words

नीले, पीले, लाल, गुलाबी रंगों की बात चलते ही सबसे पहले मन में होली का खयाल आता है। सच ही तो है, होली हम भारत के लोगों के लिए केवल एक त्योहार ही नहीं, बल्कि रंगों का ही दूसरा नाम है। हर तरफ उड़ता रंग-गुलाल, पिचकारियाँ थामे नन्हे-नन्हे हाथ, ढोल के साथ होली के गीत और गुझिया का स्वाद! यही तो खासियत है इस त्योहार की।

होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, इसलिए इसे फाल्गुनी भी कहते हैं। खेतों में सरसों के फूल खिल उठते हैं। पेड़-पौधों पर नई चमक आ जाती है। खेतों में गेहूं की बालियाँ नाचने लगती हैं। इस त्योहार की शुरुआत तो वसंत पंचमी से ही शुरू हो जाती है। यह त्योहार दो दिन का होता है। पहले दिन होलिका दहन किया जाता है। इसके लिए चौराहे या किसी खुली जगह पर एक डंडा गाड़कर उसके पास लकड़ियाँ और उपले इकट्ठे किए जाते हैं। उसका पूजन किया जाता है। लोग अपने घरों में बने पकवानों का यहाँ भोग लगाते हैं। दिन ढलने पर ग्रह-नक्षत्रों की स्थिति के आधार पर तय समय में होलिका जलाई जाती है। इसमें गेहूं की बालियाँ और चने के होले भी भूने जाते हैं।

होलिका दहन के पीछे एक कहानी है। माना जाता है कि हिरण्यकश्यप नाम का एक बहुत बलशाली असुर था। वह इतना घमंडी हो गया था कि उसने अपने राज्य में ईश्वर का नाम लेने पर ही पाबंदी लगा दी थी, लेकिन उसका पुत्र प्रहलाद ईश्वर–भक्त था। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को वरदान मिला हुआ था कि वह आग में भस्म नहीं हो सकती। हिरण्यकश्यप ने प्रहलाद को मारने की इच्छा से यह आदेश दिया कि होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर आग में बैठे। ऐसा करने पर प्रह्लाद को तो भगवान् ने बचा लिया, लेकिन होलिका जल गई। भक्त प्रहलाद की याद में ही हर साल होलिका जलाई जाती है। यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। दूसरे दिन रंग खेलने वाली होली यानी धुलेंडी मनाई जाती है। इस दिन लोग एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और होली के गीत गाते हैं।

Essay on Holi in Hindi 350 Words

होली हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है। होली रंगों का त्योहार है जिसे हर साल फाल्गुन (मार्च) के महीने में बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। सभी बच्चे और युवा रंगों से खेलते हैं। यह त्योहार लोगों में प्रेम और भाईचारे की भावना उत्पन्न करता है। इस दिन सभी लोग अपने पुराने गिले शिकवे भूल कर गले मिलते हैं और एक दुसरे को रंग गुलाल लगाते हैं। इस दौरान सभी मिलकर ढोलक, हारमोनियम की धुन पर नाचते – गाते हैं। होली के दिन पर सभी खासतौर पर घर में बने गुजिया, पापड़, दही-भल्ले, हलवा, पानी पूरी, आदि खाते और खिलाते हैं।

होली उत्सव के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। इसके पीछे एक लोकप्रिय पौराणिक कथा है:

हिरण्यकश्यप नाम का एक असुर राजा था जिसका पुत्र था प्रहलाद जो विष्णु भगवान् का भक्त था जबकि उनके पिता विष्णु के विरोधी थे। हिरण्यकश्यप अपने ही पुत्र को मारना चाहता था क्यूंकि प्रहलाद भगवान् विष्णु को मानता था। हिरण्यकश्यप चाहता था की उसका पुत्र उसे भगवान् कहे न की विष्णु को। हिरण्यकश्यप ने बार-बार प्रहलाद को विष्णु की भक्ति करने से रोका और जब प्रहलाद नहीं माने तो उन्होंने प्रहलाद को जान से मारने का प्रयास किया। हिरण्यकश्यप की बहन होलिका को भगवान से प्राप्त वरदान था की कोई भी उसे आग में जला नहीं सकता जब तक उसके पास भगवान् से प्राप्त चुन्नी होगी। प्रहलाद के पिता ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी और दोनों ने मिलकर प्रहलाद को मारने का एक षड़यंत्र रचा। जिसमे होलिका प्रहलाद को अपने गोद में लेकर जलती चिता में जाकर बैठ जाती है परन्तु भगवान् विष्णु की कृपा से प्रहलाद को कुछ हानि नहीं होती है और होलिका चिता में जलकर भष्म हो जाती हैं। तभी से हिन्दु धर्म के लोग बुराई के खिलाफ अच्छाई के विजय के रुप में हर साल होली का त्योहार बड़े धूमधाम से मनाते हैं। होली के इस उत्सव में सभी एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर दिनभर होली का जश्न मनाते हैं।

होली एक ऐसा त्यौहार है जिस दिन लोग अपने बीच के सारे मतभेदों को भूल जाते हैं। सभी लोग एक दुसरे के ऊपर रंगों को फेकते हैं, माथे पर अबीर लगाते हैं और एक – दुसरे को गले लगाकर होली खेलते हैं।

Essay on Holi in Hindi 400 Words

होली भारत त्योहारों का देश है। यहाँ समय-समय पर अनेक त्योहार मनाए जाते हैं फिर भी कुछ त्योहार अधिक महत्त्वपूर्ण और उल्लासमय होते हैं। हमारे अनेक त्योहारों में सबसे रंगीन त्योहार है – होली। फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है।

होली मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है। हिरण्यकश्यप नाम का राजा स्वयं को भगवान कहकर लोगों से अपनी पूजा करवाता था। उसने विष्णु की तपस्या करके ऐसा वरदान पा लिया था कि वह न दिन में मरे, न रात में, न आदमी से मारा जाए, न जानवर से, न देवता से मारा जा सके न राक्षस से, न अंदर मारा जाए न बाहर। उसने सोचा जब मैं मर ही नहीं सकता तो मैं भगवान ही हो गया। वरदान के मद में वह लोगों को सताने लगा। उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। वह सब जगह नारायण का वास मानता था। हिरण्यकश्यप चिढ़कर अपने ही बालक को सताने लगा। प्रहलाद को पहाड़ से गिराया गया, हाथी से कुचलवाया गया, परंतु प्रहलाद बच गया। अंत में प्रहलाद को हिरण्यकश्यप की बहन होलिका के साथ आग में बैठा दिया गया। उसकी बहन होलिका के पास एक वरदानी चादर थी जिसकी विशेषता थी कि जो कोई उसे ओढ़कर अग्नि में प्रवेश करेगा, उसे अग्नि जला नहीं सकेगी। आग भड़की तो विष्णु की कृपा से हवा का झोंका ऐसा आया कि होलिका की वरदानी चादर उसके ऊपर से उड़कर प्रहलाद के ऊपर पड़ गई। इस प्रकार प्रह्लाद का बाल भी बाँका न हुआ पर होलिका जलकर भस्म हो गई। लोग बहुत प्रसन्न हुए परंतु राजा क्रोध से आग बबूला हो गया। उसने प्रहलाद को एक खंभे पर लिपटने का आदेश दिया। भगवान को याद करके प्रहलाद खंभे से लिपट गया तभी चमत्कार हुआ। खंभा फटी और भगवान आधा शेर और आधा नर का (नृसिंह) रूप धारण करके प्रकट हुए। उन्होंने गरजकर हिरण्यकश्यप को पकड़ लिया और अपने घुटनों पर रखकर उसे नाखूनों से फाड़ डाला।

हिरण्यकश्यप के नाश और होलिका दहन के उल्लास में हर वर्ष होली जलाकर मनाई जाती है। दूसरे दिन सुबह सभी एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं और रंग डालते हैं। घर के लोग आने वालों को मिठाइयाँ खिलाते हैं। सभी खुशी-खुशी एक-दूसरे के गले मिलते हैं।

भगवान कृष्ण की जन्मभूमि वृंदावन की होली का रंग तो अनोखा ही होता है। हमें चाहिए कि मौजमस्ती तथा उल्लास से भरे इस त्योहार को स्वच्छ और सुंदर ढंग से मनाएँ।

Essay on Holi in Hindi 450 Words

भारत त्योहारों और पर्वो का देश है। यहाँ हर वर्ष अनेक त्योहार मनाए जाते हैं। रक्षा-बन्धन, दीपावली, दशहरा, होली आदि यहाँ के प्रसिद्ध त्योहार है। होली त्योहार सामाजिक एकता, मेलजोल और प्रेम भावना का प्रतीक है।

होली का त्योहार बसंत ऋतु में मनाया जाता है। बसन्त में जब प्रकृति के अंग-अंग में यौवन फूट पड़ता है, तो होली का त्योहार उसका श्रृंगार करने आता है। इस त्योहार को बसंत का यौवन भी कहा जाता है। इस दिन चारों ओर राग-रंग, उल्लास एवं उमंग का वातावरण होता है। मौसम का रंग तथा मुस्कान देखकर हमारा मन ही रंग-बिरंगा होने लगता है। इसलिए होली को रंगों का त्योहार भी कहते हैं। होली का त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस कारण इसे ‘फाग’ भी कहते हैं।

हमारा देश कृषि प्रधान देश है। फरवरी और मार्च के महीने में गेहूँ और चने के दाने पक जाते हैं। अग्नि देवता को प्रसन्न करने के लिए आहुति दी जाती है। नए अनाज की बाले भूनकर अपने इष्ट मित्रों में बाँटी जाती हैं। होलिका दहन के बाद लोग परस्पर एक दूसरे के गले मिलते हैं। अगले दिन फाग खेला जाता है। चारों ओर रंग और गुलाल उड़ता दिखाई देता है। लोग एक दूसरे के चेहरे पर गुलाल लगाते हैं।

“ग़म हमारे दूर करके, भरती खुशियों से झोली। वैरभाव दूर कर, आपस में गले मिलाती होली। ”

होली खेलने के बहाने लोग अपने सारे काम-काज और वैर-विरोध भूलकर आपस में गले मिलते हैं। इस अवसर पर लोगों के चेहरे एवं वस्त्र रंग-बिरंगे हो जाते हैं। चारों ओर मस्ती और उमंग का वातावरण छा जाता है। लोगों की टोलियाँ मस्ती से गाती, नाचती, ढोल-मंजीरे बजाती हुई गली-मोहल्ले में निकलती है। वृन्दावन की होली सबसे प्रसिद्ध है। यह भाईचारे का त्योहार है। दुश्मन भी इस दिन अपनी दुश्मनी को भूलकर एक-दूसरे के गले मिलते हैं। | यह मिलन का त्योहार है। इसे समता, प्रेम और भाईचारे से मनाना चाहिए। तभी हम इसका सच्चा आनन्द उठा सकते हैं।

पौराणिक कथा

इस त्योहार के साथ एक पौराणिक कथा भी जुड़ी हुई है। प्राचीनकाल में हरिण्यकश्पयु नामक एक निर्दयी और नास्तिक राजा था। वह अपने आप को भगवान मानता था। वह चाहता था कि प्रजा उसे परमात्मा से भी बढ़कर सम्मान करे तथा उसकी पूजा करे। लेकिन उसका पुत्र प्रहलाद विष्णु भक्त था। उसने अपने पिता का विरोध किया। हरिण्कश्पयु ने क्रोध में आकर अपने बेटे का वध करवाना चाहा। तब उसने अपनी बहन होलिका को बुलवाया, जिसको कि अग्नि देवता ने एक ओढणी के रूप में आग में न जलने का वरदान दिया था | हरिण्कश्पय के आदेश पर वह प्रहलाद को लेकर जलती आग में बैठ गई। लेकिन भगवान की कृपा से ऐसी आँधी चली कि वह ओढनी उड़कर प्रहलाद पर आ गई जिससे वह बच गया। होलिका जलकर राख हो गई। तब से यह पर्व प्रति वर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। रात्रि के समय होलिका-दहन किया जाता है। लोग इसकी परिक्रमा करते हैं।

Essay on Holi in Hindi 500 Words

In this 500 words essay you will find Holi information in Hindi and can get 10 lines on Holi festival in Hindi. Holi festival in hindi 500 words and now you can say happy Holi in Hindi language.

“मस्ती का त्योहार है होली, बोलो सबसे मीठी बोली। मिलकर खेलेंगे हम जोली, आपस का प्यार है होली।

भारत त्यौहारों का देश है। हम पूरे वर्ष के दौरान कई त्यौहार मनाते हैं। होली हिंदुओं का एक महत्वपूर्ण त्योहार है और यह सर्दियों के मौसम के अंत में और वसंत की शुरुआत में मनाया जाता है। यह बहुत खुशी और उत्साह का एक रंगीन त्योहार है, जिसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है। होली का पर्व प्रतिवर्ष फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है | इस पर्व का विशेष धार्मिक, पौराणिक व सामाजिक महत्व है। होली को बुराई पर सच्चाई की विजय के रूप में मनाया जाता है इस त्योहार को मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा प्रसिद्ध है। प्राचीनकाल में हिरण्यकश्यप नामक असूर राजा ने ब्रह्मा के वरदान तथा अपनी शक्ति से मृत्यु पर विजय प्राप्त कर ली थी। राजा हिरण्यकश्यप ने ईश्वर पर विश्वास नहीं किया अपितु अपनी शक्तियों में विश्वास किया। अभिमानवश वह स्वयं को अजेय समझने लगा। प्रहलाद भगवान का भक्त था जबकि उनके पिता हिरण्यकश्यप विष्णु के विरोधी थे| उन्होंने प्रहलाद को विष्णु भक्ति करने से रोका जब वह नहीं माने तो उन्होंने प्रहलाद को मारने का प्रयास किया।

उनकी बहन होलिका को एक ईश्वर-प्रतिभाशाली वरदान था कि कोई उसे आग में जला नहीं पाएगा। प्रहलाद के पिता ने आखिर अपनी बहन होलिका से मदद मांगी। होलिका अपने भाई की सहायता करने के लिए तैयार हो गई और प्रह्लाद को लेकर चिता में जा बैठी परन्तु भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद सुरक्षित रहे और होलिका जल कर भस्म हो गई। तभी से होलिका दहन परंपरागत रूप से हर फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। सभी रात में एक जगह इकठ्ठा होकर लकड़ी और गोबर के ढेर को जलाकर होलिका दहन के रिवाज को संपन्न करते है।

होलिका दहन की अगली सुबह, लोग रंग-बिरंगी होली को एक साथ मनाने के लिये एक जगह इकठ्ठा हो जाते है। इस दिन लोग एक-दूसरे के घर जाकर रंग गुलाल लगाते हैं। साथ ही मजेदार पकवानों का आनंद लेते। होली एक ऐसा त्यौहार है जिस दिन लोग अपने बीच के सारे मतभेदों को भूल जाते हैं, टूटे रिश्तों को बनाते हैं और फिर खुश दुनिया में वापस आ जाते हैं। उन पर रंगों को फेंक कर, माथे पर अबीर लगाने और एक-दूसरे को गले लगाने के दवारा होली खेलते हैं।

लोग होली के गाने गाकर और अपने परिवार, दोस्तों और पड़ोसियों के साथ मिलकर संगीत पर नाचकर सड़क पर रंग खेलते हैं। दोपहर के बाद, लोग नमस्कार करने के लिए एक-दूसरे के घर जाते हैं। जगह और संस्कृति के अनुसार होली का उत्सव भिन्न होता है। कुछ जगहों पर, सफेद रंग की पोशाक में होली खेलने की एक परंपरा है और शाम को ऍक-दूसरे को अपना प्यार, स्नेह और भाईचारे दिखाने के लिए गले लगाते हैं।

कुछ लोग सच्ची भावना से त्योहार नहीं मनाते हैं, वे शराब पीते हैं और अन्य लोगों के चेहरों पर कीचड़ का इस्तेमाल करते हैं। इसे टाला जाना चाहिए। हमें स्वच्छ होली खेलना चाहिए। हमें लोगों को इन गतिविधियों को छोड़ने और त्योहार को सही भावना से मनाने के लिए प्रेरित करना चाहिए क्योंकि यह बहुत सारे रंग, मित्रों और खुशी का उत्सव है।

Essay on Holi in Hindi 600 Words

होली भारतीय समाज का एक अति विशिष्ट और महत्वपूर्ण त्योहार है। इस त्योहार को भारतीय समाज अत्यंत प्राचीन काल से नाना रूपों, रंगों और नामों से मनाता आता रहा है, जिसे आज हम रंगों के त्योहार होली के नाम-रूप में जानते-पहचानते और मनाते हैं। कभी इसे मदनोत्सव कहकर पुकारा जाता था। पहले, इस दिन सभी लोग एक-दूसरे पर पुष्पों और उनके बने मधुर, सुकोमल रंगों के इत्रों आदि को डालते थे। बाद में इनका स्थान समुचित रंगों ने ले लिया।

भारतीय समाज एक धर्म-प्राण और तीज-त्योहारों वाला देश रहा है। आज के भौतिकवादी समय में भी भारतवर्ष ने अपनी इस महान् परम्परा को किंचित मात्र भी नहीं छोड़ा है। आज भी समग्र भारतीय समाज इस पर्व के दिन एक अजब उत्साह और उल्लास से भर उठता है। वस्तुत: जैसा कि प्रायः विद्वानों द्वारा कहा भी जाता है, भारतीय पर्व, भारतीय जनमानस की आनंदोत्सव के प्रतीक और उसकी उल्लासपूर्ण अभिव्यक्ति है।

हम सभी इस बात से पूर्णत: परिचित हैं कि साहित्य अपने सारतत्व के लिए मूलतः मानव समाज पर ही न केवल निर्भर होता है अपितु अगर यह कहा जाए कि वो पूर्णत: उसकी आनन्द और विवाद पर ही अवलम्बित होता है, तो किसी प्रकार की असंगति नहीं होगी। साहित्य में जब मानव-जीवन की अपनी बाह्य एवं आन्तरिक रूप-स्वरूप व्यक्त अभिव्यक्त होता है, तब इसका संकेत वस्तुत: यही होता है कि मानवीय जीवन जिन-जिन आयामों, रूपों और भिन्न-भिन्न पक्षों से आप्लावित हुआ करता है साहित्य में वो सभी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से चित्रित होते ही रहते हैं। जिस प्रकार साहित्य में मानव जीवन की कठोर वास्तविकताएं चित्रित एवं अभिव्यंजित होती है ठीक उसी प्रकार मानवीय जीवन के अह्लादपरक क्षण भी साहित्य में चित्रित होते हैं। भारतीय मानव का एक ऐसा ही आह्वापरक क्षण है होली का पवित्र त्योहार। हिन्दी साहित्य में इस उल्लासपूर्ण त्योहार का व्यापक एवं अत्यंत समृद्ध चित्रण हुआ है। यहाँ तक कि भारतीय संस्कृत-साहित्य की भी इस संदर्भ में किसी से पीछे नहीं कहा जा सकता। फिर भी हिन्दी कविता का स्थान इस संदर्भ में अत्यधिक महत्वपूर्ण एवं उल्लेखनीय रहा है।

होली का चित्रण साहित्य में वैसे तो प्रत्यक्ष रूप से अत्यंत विपुल मात्रा में हुआ है जिसमें प्रमाणों से हिन्दी साहित्य का समग्र इतिहास भरा पड़ा है। किन्तु इसका महत्व तब और भी बढ़ जाता है जब इस होली के त्योहार का उल्लास साहित्य में अप्रत्यक्ष रूप से चित्रित होता है। यथाः

चितवत जारी ओर चख चकि चौंध कौंधे भनि प्रणमेस मातु किरन खरी सी है छवि प्रतिबिम्ब छुट्यों छिति है छपाकार ते छाजत छबीली राजै कनक छरी सी है दीनौ हर लुरक गुलाब को प्रसून ग्रास झुक झुक झुमि झुमि झाँकत परी सी है। आनन अमल अरविन्द ते अमल अति। अद्भुत अमूल आया उफनि परी सी है।

इसी प्रकार से भिखारीदास ने भी होली का भव्य चित्रण अपने काव्य में किया है उनकी एक अत्यंत प्रसिद्ध काव्यांश इस प्रकार से है।

कढ़ि के निसंक पैठि जाति झुंड झुंडन में, लोगन को देखि दास अनंद पगति है। दौरि दौरि जहाँ तही लाज करि डारति है। अंक लगि कंठ लगिबे को उजगारी है। चमक झमक बारी, ठमक जमक बारी, रमक नमक बारी जाहिर जगति है। राम असि रखरे की रन में नरन में निलाज बनिता सी होगी खेलन लगति है।

इसी प्रकार की एक कविता पद्माकर जी ने भी लिखी है। यथाः

फागु की भीर, अभीरिन में गहि गोविंद ले गई भीतर गोरी। भाई करी मन की पदमाकर ऊपर भाई कबीर की झोरी।। छीख पितंबर कम्मर ते सुबिदा पई मीडि कपोलन रोरी नैन बचाय कही मुसनम बला फिर आइयो खेलन होरी॥

अत: हमारे कहने का अभिप्राय जो था वह इन उदाहरणों से पूर्णत: सिद्ध हो जाता है कि जिस प्रकार रंगों का यह त्योहार हम भारतीयों में व्यापकता में बसा हुआ है उसी प्रकार हमारे साहित्य में भी।

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essay on my festival holi in hindi

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Holi Essay In Hindi | होली पर हिन्दी निबंध | essay on Holi in hindi | Holi: The festival of colors- होलीः गुलाल से गुलजार रंगो का त्योहार

By: savita mittal

The start of Spring- वसंत से आगाज | Holi Essay

The victory of the good over the evil- अच्छाई पर बुराई की जीत का पर्व, holi in the pages of history- इतिहास के पन्नों में होली का जिक्र, colorful country- रंगो से सराबोर देश, braj holi- ब्रज की होली, holi in india and across the globe- देश-विदेश में होली के रंग.

फाल्गुन की पूर्णिमा और बसंत की बयार, गर्मी की दस्तक और होली का त्योहार होली। होली एक ऐसा त्योहार, जिसके दस्तक देते ही समूचा देश गुलाल से गुलजार हो उठता है। कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश का हर कोना रंगों में सराबोर हो खुशियों के इस पर्व को पूरी मौज-मस्ती के साथ मनाता है। मशहूर शायरनज़ीर अकबराबादीने होली को कुछ तरह बयां करते हुए कहा है-

यहाँ पढ़ें : होलिका दहन का पर्व

जब फागुन रंग झमकते हों तब देख बहारें होली की। और दफ़ के शोर खड़कते हों तब देख बहारें होली की।। बाज़ार, गली और कूचों में ग़ुल शोर मचाया होली ने। दिल शाद किया और मोह लिया ये जौबन पाया होली ने।।

रंग और गुलाल ही होली के प्रमुख अंग हैं। प्रकृति भी इस समय रंग-बिरंगे यौवन के साथ अपनी चरम अवस्था पर होती है। फाल्गुन माह में मनाए जाने के कारण इसे फाल्गुनी भी कहा जाता है। फाल्गुन मास (मार्च महीना) की पूर्णिमा को मनायी जाने वाली होली को बसंत का त्योहार, रंगों का त्योहार और प्यार के त्योहार के रूप में भी जाना जाता है। वैसे तो होली का पर्व देश की शान है लेकिन साथ ही होली उन त्योहारों में से एक है, जिन्हें पूरे एशिया सहित कई पश्चिमि देशों में भी बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है।

होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होने के साथ ही यह अनेकता में एकता का त्योहार भी है। होली के दिन सभी लोग आपसी गिले-शिकवे भूल कर एक-दूसरे से गले मिलते हैं और सब साथ मिल कर होली खेलते हैं। जिसके कारण इसे प्यार का पर्व भी कहा जाता है।

होली के एक दिन पहले होलिका दहन का रिवाज होता है, जिसे कई जगहों पर छोटी होली के नाम से जाना जाता है। इसके अगले दिन बड़ी होली खेली जाती है, जिसे देश के हर कोनों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। कई जगहों पर इसे रंग वाली होली, तो कहीं धुलेटी, धलांडी और फाग्वाह भी कहा जाता है।

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Holi Essay

वैसे तो होली का त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को ही मना गया है लेकिन वास्तव में होली का पर्व वसंत पंचमी के दिन से ही शुरू हो जाता है।

वसंत पंचमी के पर्व से ही खेतों में लहलहाती सरसों और इठलाती गेहूँ की बलियाँ…बाग-बगीचों में फूलों की चादर बिछ जाती है। पेड़-पौधे, पशु-पक्षी सभी खुशी से परिपूर्ण हो उठते हैं। वसंत की बयार के साथ हीचारों तरफ रंगों की फुहार फूट पड़ती है और सभी लोग पहली बार रंग – गुलाल उड़ा कर होली के आगमन का शंखनाद कर देते हैं। Holi Essay

Holi

नारद पुराण और भविष्य पुराण जैसे पुराणों की प्राचीन हस्तलिपियों और ग्रंथो में भी होली के पर्व का उल्लेख मिलता है। हिन्दु धर्म में मनाए जाने वाले हर त्योहार की तरह होली की भी एक पौराणिक कथा है, जिसके साक्ष्य भागवत पुराण में मिलते हैं। इस कथा के अनुसार प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नामक एक अत्यंत बलशाली असुर था। अपने बल के अहंकार में आकर वह खुद को ही भगवान मानने लगा था।

इसी कारण उसने अपने राज्य में ईश्वर का नाम लेने पर भी पाबंदी लगा दी थी। मगर, हिरण्यकश्यप का पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था और हमेशा विष्णु का ही ध्यान करता रहता था।

प्रह्लाद की ईश्वर भक्ति से क्रोधित होकर हिरण्यकश्यप ने अपनी बहन होलिका को आदेश दिया कि वह प्रह्लाद के लेकर आग में बैठ जाए। दरअसल होलिका को वरदान प्राप्त था कि वह आग में भस्म नहीं हो सकती।

हिरण्यकश्यप का आदेश मान कर होलिका प्रह्लाद को अपनी गोंद में लेकर आग में बैठ गई । आग में बैठते ही अग्नि की लपटें होलिका को अपने चपेट में लेने लगीं लेकिन प्रह्लाद को एक आंच भी नहीं आई। इस प्रकार होलिका तो जल गई, मगर प्रह्लाद सुरक्षित बच गया।

इस घटना को अच्छाई की बुराई पर जीत के रूप में देखा जाता है। जहाँ होलिका को समाज में व्याप्त बैर और बुराई का प्रतीक जाना  माना जाता है, वहीं प्रह्लाद को प्रेम तथा आनंद का रूप माना जाता है।

होली के संदर्भ में एक और कथा प्रचलित है, जिसके अनुसार इसी दिन भगवान कृष्ण ने कंस द्वारा भेजी पूतना नाम की राक्षसी का वध किया था। पूतना के वध के पश्चात अगले दिन पूरे ब्रज में होली खेल कर खुशियाँ मनायी गईं थी। यही वो दिन था जब राधा-कृष्ण पहली बार मिले थे। इसीलिए पूतना वध को बुराई पर अच्छाई की जीत और राध-कृष्ण के मिलन को प्यार के पर्व के रूप में मनाया जाता है।

पौराणिक त्योहार होने के साथ ही होली एतिहासिक त्योहार भी है, जिसका जिक्र इतिहास के पन्नों में कई जगहों पर मिलता है। वसंत ऋतु में मनाए जाने के कारण इतिहास में होली का उल्लेख वसंतोत्सव और कामहोत्सव के रूप में किया गया है।

इतिहासकारों के अनुसार सबसे पहले होली का उत्सव मनाने का प्रचलन आर्यों में था, साथ ही इस त्योहार को ज्यादातर पूर्वी भारत में मनाया जाता था। होली के त्योहार का वर्णन जैमिनी के पूर्व मीमांसा-सूत्र सहित अनेक पुरातन धार्मिक पुस्तकों में मिलता है। इसके अतिरिक्त प्रसिद्ध अरबी यात्री अल-बरुनी ने भी अपने यात्रावृतांत ‘किताब-उल-हिंद’ में भी ‘होलिकोत्सव’ के नाम से होली के त्योहार का उल्लेख किया है।

मध्यकाल में भी देश में होली खेलने के पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। मुगलकालीन ग्रंथ अकबरनामा में मुगल बादशाह अकबर और उनकी बेगम जोधाबाई के होली खेलने का जिक्र मिलता है। वहीं अलवर संग्रहालय में संग्रहित एक मुगलकालीन चित्र में जहाँगीर और नूरजहाँ को होली खेलते हुए दिखाया गया है।

मुगल बादशाह शाहजहाँ के समय तक होली खेलने का मुग़लिया अंदाज़ ही बदल गया था। उनके ज़माने में होली का जिक्र ‘ईद-ए-गुलाबी’ या ‘आब-ए-पाशी’ ( रंगों की बौछार ) के रूप में किया गया है। इसके अलावा मध्ययुगीन हिन्दी साहित्य में दर्शित कृष्ण की लीलाओं में भी होली का विस्तृत वर्णन मिलता है।

मध्यकालीन भारतीय मंदिरों पर बनी आकृतियों में भी होली के सजीव चित्र देखे जा सकते हैं। जहाँ एक ओर विजयनगर की राजधानी हंपी मेंबने एक चित्रफलक पर होली का बेहद खूबसूरत चित्र उकेरा गया है।तो वहीं एक कलाकृति में मेवाड़ के राजा महाराणा को अपने दरबारियों के साथ होली का जश्न मनाते हुए दिखाया गया है।

इसके अलावा सहित्य के कई ग्रंथो मसलन हर्ष की प्रियदर्शिका व रत्नावली , कालिदास की कुमारसंभवम्, चंद बरदाई द्वारा रचित पृथ्वीराज रासो सहित भक्ति काल में कबीर, मीराबाई, सूरदास से लेकर आदिकाल में विद्यापति तक की रचनाओं में होली का विस्तृत वर्णन मिलता है।

holi

देश के विभिन्न कोनों में होली का त्योहार अनेक तरह से मनाया जाता है। सभी समुदाय अपनी-अपनी परंपराओं के आधार पर होली का जश्न मनाते हैं। लेकिन होलिका दहन और रंगों की होली अमूमन पूरे देश में एक समान ही मनायई जाती है।

होली के सात दिन पहले से ही इसकी तैयारियाँ शुरू हो जाती हैं। गली, मोहल्लों और नुक्कड़ों तथा चौपालों पर बाँस, लकड़ी और गोबर के उपलों से होलिका लगाई जाती है। छोटी होली के दिन दोपहर से ही होलिका का विधिवत पूजन आरंभ हो जाता है। जिसके बाद रात को पूर्णिमा के आरंभ के साथ होलिका दहन होता है।

होलिका दहन के अगले दिन को धूलिवंदन कहा जाता है। इस दिन लोग रंगों और गुलाल से होली खलते हैं। सूरज की पहली किरण के साथ ही लोग अपने चाहने वालों के साथ तो होली खेलते ही हैं, साथ ही सभी लोग आपसी कड़वाहटों पर भी गुलाल छिड़क कर हर रिश्ता गुलजार कर लेते हैं।

शहरों, मोहल्लों और गाँवों में जगह-जगह टोलियाँ रंग-बिरंगे कपड़े पहने नाचती-गाती दिखाई पड़ती हैं। वहीं बच्चे भी पिचकारियों और पानी भरे गुब्बारों के साथ होली का भरपूर आनन्द लेते हैं। मौज-मस्ती का ये सिलसिला दोपहर तक चलता रहता है, जिसके बाद सभी नए कपड़े पहनकर शाम को एक-दूसरे के साथ मिलकर स्वादिष्ट पकवानों के जायकों का लुत्फ उठाते हैं।

holi

होली का पर्व अमूमन पूरे देश में बेहद धूम-धाम और उतने ही हर्षोल्लास से मनाया जाता है लेकिन जमकर होली खेलने की फेहरिस्त में मथुरा का नाम शुमार है। मथुरा की होली न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी खासी मशहूर है, जिसका लुत्फ उठाने के लिए देश-विदेश से कई पयर्टक आते हैं। मथुरा की होली अपने आप में बेहद खास है। अमूमन पूरे देश में जहाँ एक या दो दिन तक होली का जश्न मनाया जाता है वहीं मथुरा नगरी पूरे 15 दिनों तक होली के रंग में सराबोर रहती है। 15 दिनों तक चलने वाली इस होली में हर दिन अलग और अनोखा होता है।

मथुरा की होली में सबसे मशहूर लठमार होली है। ब्रज के बरसाना गाँव में खेली जाने वाली लठमार होली बेहद अनोखी होती हैं। इस होली को कृष्ण और राधा के प्रेम से जोड़ कर देखा जाता है।

माना जाता है कि कृष्ण का रंग सांवला था इसलिए वोराधा के गोरे रूप को देखकर चिढ़ते थे। जिसके कारण कृष्ण अपने दोस्तों के साथ राधा को रंग लगाने बरसाने जाते थे। तब राधा और उनकी सखियाँ कृष्ण और उनके सखाओं पर जमकर डंडे बरसाती थीं। तब से ये होली लठमार होली के नाम से मशहूर हो गई। होली के दिन जहाँ पूरे देश में रंगों से होली खेली जाती है, वहीं ब्रिज में लठमार होली खेलने का रिवाज है।

होली के पर्व पर मथुरानगरी का नजारा सीधा लोगों के दिलों पर दस्तक देता है। 15 दिवसीय होली पर मथुरा में नन्दगाँव की होली , बरसाने की होली, फूलों की होली, लड्डुओं की होली भी खासी दिलचस्प होती है।

यहाँ पढ़ें : भारतवर्ष का हिन्दी नव वर्ष

होली के दिन पूरा भारत गुलाल से गुलजार हो उठता है। पूर्वी भारत में भी होली का त्योहार काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यहाँ होली को फगुआ कहा जाता है। वहीं मणिपुर में होली का पर्व छह दिनों तक मनाया जाता है।

उत्तर प्रदेश और बिहार में होली के दिन रंग खेलने के अलावा लोक गीतों और नृत्यों का आयोजन किया जाता है। होली के दिन यहाँ ठंडाई पीने का रिवाज भी है।

गुजरात स्थित द्वारकाधीश मंदिर में होली का भव्य आयोजन किया जाता है। इस दौरान दूर-दूर से श्रद्धालु भगवान कृष्ण के दर्शन करने द्वारका आते हैं।

जम्मू-कश्मीर में भी होली के त्योहार को गर्मियों की फसल कटाई के आरंभ के रूप में मनाया जाता है। बड़ी सख्यां में लोग होली समारोह में हिस्सा लेते हैं और पूरे धूम-धाम से परंपराओं के साथ होली का जश्न का मनाते हैं।

महाराष्ट्र में होली की तैयारियाँ लगभग एक हफ्ते पहले ही शुरू हो जाती है। छोटी होली के दिन होलिका दहन के बाद पारंपरिक मिष्ठान पुरान पोली खाई जाती है। बच्चों में ‘होली रे होली पुरान्ची पोली’ कहकर चिल्लाते हुए पुरान पोली का स्वाद चखते हैं।

उत्तराखंड में भी होली पूरे धम-धाम से मनाई जाती है लेकिन यहाँ के कुमाऊँ क्षेत्र में होली का विशेष महत्व है। यहाँ होली को मुख्य रूप से तीन तरह से मनाया जाता है – बैठकी होली, खड़ी होली और महिला होली। बैठकी होली में स्थानीय नृत्य और लोकगीत गाते हुए पारंपरिक रूप में होली मनाई जाती है, वहीं खड़ी होली मनाने का प्रचलन ज्यादातर कुमाऊँ क्षेत्र के गाँवों में है।

होली की धूम न सिर्फ देश में बल्कि विदेशों में भी खासी दिलचस्प होती है। इस दिन नेपाल, पाकिस्तान, अमेरिका, फिजी, मॉरिशस, इंडोनेशिया, गुयाना सहित कई देश होली के रंग में रंग जाते हैं।

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Reference – 2020, holi festival of colours , wikipedia 2020, होली , विकिपीडिया

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मेरा नाम सविता मित्तल है। मैं एक लेखक (content writer) हूँ। मेैं हिंदी और अंग्रेजी भाषा मे लिखने के साथ-साथ एक एसईओ (SEO) के पद पर भी काम करती हूँ। मैंने अभी तक कई विषयों पर आर्टिकल लिखे हैं जैसे- स्किन केयर, हेयर केयर, योगा । मुझे लिखना बहुत पसंद हैं।

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होली पर निबंध Essay on Holi In Hindi

होली पर निबंध Essay on Holi In Hindi

इस लेख में आप होली पर निबंध (Essay on Holi In Hindi) पढेंगे। इसमें आप होली त्यौहार क्या है, महत्व, तारीख, कैसे मानते हैं, इसकी कहानी जैसी कई जानकारियाँ दी गयी है।

भारत को दुनिया के अन्य देशों से अलग और अनोखी बनाने वाली चीजें यहां मौजूद त्यौहार, भाईचारा और अध्यात्म है। शायद ही अन्य कोई ऐसा देश होगा जहां हर महीने में कोई न कोई त्यौहार आता ही रहता हो।

होली पर निबंध Essay on Holi In Hindi  

भारत दुनिया में इकलौता ऐसा देश है, जहां सभी धर्म के लोग एक साथ भाईचारा बनाकर रहते हैं। सभी धर्म और संप्रदाय के त्यौहारों को पूरे भारत में मनाया जाता है, जो भाईचारे की मिसाल पेश करता है।

होली एक ऐसा प्रसिद्ध त्यौहार है, जिसे केवल हिंदू ही नहीं बल्कि सभी धर्म के लोग बड़े ही प्रेम और उल्लास से मनाते हैं। 

केवल हिंदुस्तान में ही नहीं बल्कि दुनिया के दूसरे देशों में भी होली का उत्सव मनाया जाता है। हर किसी को होली का त्यौहार बहुत ही प्रिय लगता है, चाहे वह छोटा बालक हो या फिर वृद्ध। 

होली त्यौहार हिंदुओं के लिए एक मुख्य त्यौहार होता है। हिंदुस्तान में प्रत्येक त्यौहारों के पीछे कोई ना कोई पुरानी घटना अथवा कथा अवश्य जुड़ी होती है, जो समस्त मानव जाति को एक सकारात्मक संदेश देती है। 

इस पवित्र दिन में पूरा भारत रंग बिरंगे रंगों से झूम उठता है। सभी लोग अपने पुराने गिले-शिकवे को छोड़कर एक साथ मिलकर होली मनाते हैं। 

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होली त्यौहार क्या है? What is Holi festival in Hindi

होली का त्यौहार वसंत के महीने में मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर वर्ष फागुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। 

होली हर्षोल्लास और भाईचारे का संदेश देने वाला त्यौहार है। यह मुख्य रूप से हिंदुस्तान में मनाया जाता है लेकिन दूसरे देशों में जहां हिंदू जनसंख्या निवास करती है वहां होली का यह पवित्र त्यौहार मनाया जाता है।

कहा जाता है कि इस दिन पुराने दुश्मन भी एक दूसरे की गलतियों को भूलाकर पुनः मित्र बन जाते हैं। रंग-बिरंगे गुलाल तथा रंगो के साथ होली खेली जाती है। होली का त्यौहार अत्यंत प्राचीन है। 

जब दुनिया में ईसाई और अन्य धर्मों की खोज नहीं हुई थी तभी से यह त्यौहार मनाया जाता है, जिसका उल्लेख इतिहास में साफ-साफ देखा जा सकता है। कई इतिहासकार बताते हैं, कि प्राचीन समय में राजा महाराजा होली के पावन पर्व पर बड़े ही भव्य रुप से होली का आनंद उठाते थे।

इस दिन सभी लोग अपना शर्म और झिझक पीछे छोड़कर एक साथ मिलकर होली खेलते है। जब सारा गली मोहल्ला एक साथ मिलकर होली खेलते हैं तो यह नजारा वाकई में देखने लायक होता है। 

आमतौर पर वसंत ऋतु एक बेहद खूबसूरत ऋतु माना जाता है, जिसमें कई प्राकृतिक बदलाव होते हैं। इस महीने में खेतों में फसलें भी काफी अच्छी तादाद में उगती है जिससे किसानों को काफी लाभ होता है। 

इस प्रकार किसान भाई बहनों को होली के त्यौहार के आनंद के साथ ही फसलों का अच्छा मुनाफा भी प्राप्त हो जाता है।

होली कब है? (2023) When is Holi? (2023) in Hindi

होली का त्यौहार हर वर्ष हिंदू शास्त्र के अनुसार मनाया जाता है। स्नेह और एकता का प्रतीक माना जाने वाला यह त्यौहार पुराणों और शास्त्रों के अनुसार तय किया जाता है। 

पंचांग के अनुसार होली का पर्व हर वर्ष फागुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यदि 2023 में होली पर्व के तिथि की बात करें तो यह तिथि 8 मार्च बुधवार के दिन पड़ रहा है।

होली शब्द होलिका से बना हुआ है। इसी कारण होली के मुख्य त्यौहार के एक दिन पहले होलिका दहन मनाया जाता है। होलिका दहन 7 मार्च के दिन किया जाएगा। 

हिंदू धर्म के मान्यताओं के अनुसार सभी पौराणिक त्यौहारों को एक निश्चित समय अथवा मुहूर्त पर मनाया जाना अनिवार्य होता है।

होली का महत्व Importance of Holi in Hindi

भारत में मनाए जाने वाले प्रत्येक प्राचीन त्यौहारों और उत्सवों के पीछे कोई न कोई गूढ़ रहस्य अवश्य छुपा होता है। होली का उत्सव बुराई पर अच्छा के जीत को दर्शाता है। 

यह त्यौहार समस्त मानव जाति को यह बताता है कि सत्य कभी पराजित नहीं हो सकता। होली से जुड़े हुए प्राचीन कहानियां अथवा कथाओं के माध्यम से लोगों को सत्य के पथ पर चलते रहने का एक उत्कृष्ट संदेश लोगों को प्राप्त होता है।

आज के समय में लोग जिस प्रकार अपने व्यस्त दिनचर्या में लुप्त हैं, इससे तो कभी भी भाईचारा और एकता का विकास नहीं हो सकता। ऐसे में केवल होली जैसे यह त्यौहारों के कारण ही लोग अपने काम से थोड़ा समय निकाल कर इकट्ठे होकर जीवन का वास्तविक आनंद उठाते है।

होली के कारण लोग अपने परेशानियों को भूल कर त्यौहार का पूरा लाभ लेते हैं। विज्ञान के अनुसार यदि मानसिक तनाव और बीमारियों से जूझ रहा कोई व्यक्ति इकट्ठे होकर मौज मस्ती करता है, तो उसकी बीमारियां तीव्रता से ठीक होती हैं। यह बात तो स्पष्ट है कि होली का त्यौहार व्यस्त लोगों के मानसिक तनाव को भी दूर करता है।

यदि प्राचीन धरोहरों और कलाकृतियों पर नजर डाली जाए, तो कई ऐसे साक्ष्य है जो प्राचीन समय में भी होली का त्यौहार मनाने के सबूत पेश करते हैं। कई प्राचीन मंदिर, तोरण इत्यादि धरोहर के शिलाओं पर ऐसी चित्रकारिता देखी गई है, जो होली के महत्व को दर्शाती है।

वैसे तो होली का त्यौहार हर किसी के लिए बेहद हर्ष तथा उल्लास का पर्व होता है, लेकिन यदि बच्चों की बात की जाए तो वे होली पर कुछ ज्यादा ही उत्साहित रहते हैं। 

होली के कई दिनों पहले ही बच्चे रंगो और पिचकारियों को खरीदना शुरू कर देते हैं। इस प्रकार यह पता चलता है की बड़ों से लेकर बच्चों तक हर कोई होली के इस पवित्र त्यौहार का महत्व भली भांति जानता है।

होली त्यौहार कैसे मनाते हैं? How do Holi celebrated in Hindi?

होली का पवित्र पर्व अपने साथ खुशियां और मनोरंजन साथ लाता है। जब यह त्यौहार आने वाला होता है तो  करीब कई हफ्तों पहले से ही बाजारों में होली खेलने के लिए रंग बिरंगे कलर, सजावट के सामान, गुलाल पिचकारी इत्यादि खिलौने मिलने शुरू हो जाते है। 

कई दिनों पहले से ही स्थानीय लोग त्यौहार की खुशी में अपने घरों और दुकानों को साफ-सुथरा करने और सजाने में जुट जाते हैं। घरों में तरह-तरह के पकवान तथा मिठाइयां बनाई जाती है। भारत में विशेषकर गुजिया जो एक प्रकार की मिठाई ही होती है जो होली में बहुत प्रसिद्ध है।

होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। होलिका दहन में सभी लोग इकट्ठा होते हैं और अपने बुराइयों को त्यागने का संकल्प लेते हैं। होलिका दहन के पूजा पाठ के बाद लोगों में प्रसाद भी वितरण किया जाता है।

हर किसी को अगले दिन का इंतजार होता है, जब लोग घरों से बाहर निकलकर होली का मजा उठाते हैं। तेज आवाज में गीत की ताल पर लोग गुलाल उड़ाते हुए नाच गाना करते हैं। 

बच्चे अपने पिचकारीओं से भरे खिलौनों से सभी लोगों पर ‘होली है!’ कहकर रंग उड़ाते है। बड़े लोग भी होली खेलने में पीछे नहीं हटते हैं। बुरा न मानो होली है कह कर एक दूसरे पर पानी की रंग-बिरंगे बौछारें करते हुए होली का मजा उठाते हैं।

आमतौर पर भारत के सभी राज्यों में एक प्रकार की होली नहीं मनाई जाती। सभी जगहों पर विभिन्न तरीकों से होली मनाने का रिवाज पुराने समय से चलता आया है।

व्रज और मथुरा की होली पूरे देश में सभी का आकर्षण बिंदु रहता है। इसके अलावा महाराष्ट्र, गोवा, बंगाल और असम इत्यादि राज्यों में भी बहुत ही अनोखे प्रकार से होली खेली जाती है।

मथुरा और वृन्दावन में होली त्यौहार Holi in Mathura and Vrindavan in Hindi

ऐसे तो होली पूरे हिंदुस्तान में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है, लेकिन वृंदावन तथा मथुरा में होली मनाने का रिवाज बड़ा ही अद्भुत है। यहां एक या दो नहीं बल्कि पूरे 15 दिनों तक होली मनाई जाती है।

पारंपरिक संगीत और तैयारियों के साथ कई दिनो पूर्व ही होली मनाने का कार्यक्रम शुरू हो जाता है। देश विदेश से होली पर मथुरा और वृंदावन में आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या हजारों में होती है। 

भगवान श्री कृष्ण के धाम में हर कोई नई ऊर्जा तथा आशाएं लेकर यहां आते हैं। ढोल नगाड़े के संग सभी भक्त जन अपने सारे दुखों को भुलाकर केवल होली का आनंद लेते हैं।

होली के उत्सव पर केवल भारतीय ही नहीं बल्कि विदेशी भी आते हैं, जिनके स्वागत में सुंदर-सुंदर रंगोलियां बनाई जाती हैं। 

यहां मंदिरों को बहुत भव्य रूप से सजाया जाता है। होली के दिन अक्सर भांग पीने की परंपरा है। गुलाल- अबीर, संगीत, पकवान, हंसी और ठहाकों से पूरे वृंदावन और मथुरा में देखने लायक नजारा होता है।

दूसरे देशों में होली का उत्सव Holi Celebration in other Countries in Hindi

होली का त्यौहार का उद्गम भले ही भारत में हुआ हो, लेकिन इसे दुनिया के विभिन्न देशों में ठीक उसी प्रकार मनाया जाता है, जिस प्रकार भारतवासी मनाते हैं।

दुनिया के विभिन्न देशों में भारतीय बसे हुए हैं जिसके कारण अलग-अलग देशों में भी इन त्यौहारों को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। नेपाल, अमेरिका, स्पेन, कैरेबियाई देशों इत्यादि देशों में भी होली एक बड़ा पर्व है।

होली का त्यौहार फागुन मास में मनाए जाने की वजह से यह फगुआ के नाम से भी जाना जाता है। इसके अलावा विदेशों में छोटे बड़े शिक्षा संस्थानों में होली के कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है।

हमारे पड़ोसी मुल्क नेपाल में एक बड़ी हिंदू आबादी निवास करती है, जिसके कारण हिंदुओं के त्यौहार वहां बहुत प्रचलित है। नेपाल की राजधानी काठमांडू में प्राचीन दरबार तथा नारायणहिती दरबार में एक बांस का स्तंभ रूप जमीन में गाड़ दिया जाता है, जिसके पश्चात पारंपरिक रूप से होली मनाने की शुरुआत होती।

होली त्यौहार का इतिहास व कहानी History and Story of Holi Festival in Hindi

होली का इतिहास बेहद प्राचीन है। इस त्यौहार को मनाने के पीछे कई प्राचीन धारणाएं और पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। वैसे तो होली मनाने के पीछे एक नहीं बल्कि कई कारण इतिहासकार मानते हैं किंतु सबसे प्रख्यात कथा भक्त प्रहलाद से जुड़ी हुई है।

पुराणों के अनुसार प्राचीन समय में हिरण्यकशिपु नामक एक असुर हुआ करता था। जो अपने आप को सर्वश्रेष्ठ बताता था। हिरण्यकशिपु को यह बिल्कुल भी अच्छा नहीं लगता था, कि कोई उसके राज्य में उसे छोड़कर किसी दूसरे ईश्वर की पूजा करें। 

वह राक्षस स्वयं को ही परमेश्वर कहता था तथा सभी को उसकी पूजा करने के लिए बाध्य करता था। यदि कोई उसकी बात नहीं मानता तो वह उसे मौत के घाट उतार देता था। 

दरअसल हिरण्यकशिपु को यह वरदान प्राप्त था, कि कोई भी नर, नारी, किन्नर, पशु इत्यादि जीव नाही पाताल लोक, धरती लोक तथा स्वर्ग लोक में उसे किसी भी हथियार से नही मार सकता है। जिसके कारण उसे और भी अधिक घमंड हो गया था।

लेकिन हिरण्यकशिपु का ही पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु कि हमेशा आराधना करता रहता था। हिरण्यकशिपु को जब यह बात पता लगी कि स्वयं उसका पुत्र ही उसे ईश्वर मानने से इन्कार करता है, तो उसे बहुत क्रोध आया। 

जब वह भक्त प्रहलाद के मन में विष्णु जी के प्रति विष नहीं घोल पाया तो उसने भक्त प्रहलाद को मार डालने का निश्चय किया।

हिरण्यकशिपु ने भक्त प्रहलाद को मारने की सैकड़ों बार कोशिश की लेकिन वह प्रहलाद को एक खरोच भी नहीं पहुंचा पाया। भगवान विष्णु का आशीर्वाद होने के कारण भक्त प्रहलाद हर बार अपने पिता के जाल से निकल जाता था। 

अंत में हिरण्यकशिपु ने अपनी बहन होलिका से मदद मांगी, जिसे अग्नि में ना जलने का वरदान प्राप्त था। जब होलिका प्रहलाद को लेकर अग्नि पर बैठी तो उसका वरदान भी काम नहीं किया और वह जलकर राख हो गई। इस असत्य पर सत्य की जीत के कारण तभी से ही होली का त्यौहार मनाया जाता है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने होली पर निबंध (Essay on Holi In Hindi) पढ़ा। आशा है कि यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। अगर यह आर्टिकल आपको पसंद आया हो और जानकारी से भरपूर लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।

3 thoughts on “होली पर निबंध Essay on Holi In Hindi”

As usual amazing article …. really fantastic …. Thanks for sharing this!! 🙂 🙂

It was really amazing

The essay is for not us it is for the whole world

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Nibandh

होली पर निबंध

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रुपरेखा : आनंद, उल्लास का पर्व - होली 2022 - मदनोत्सव के रूप में वर्णन - समाज में प्रचलित कथाएँ - होलिका दहन और होली मिलन - आधुनिक युग में प्रदर्शन मात्र - उपसंहार।

भारतीय पर्व परम्परा में होली आनन्दोल्लास का सर्वश्रेष्ठ रसोत्सव है। मुक्त, स्वच्छन्द परिहास का त्यौहार है । नाचने- गाने, हँसी-ठिठोली और मौज-मस्ती की त्रिवेणी है। सुप्त मन की गुफाएं में पड़े ईर्ष्या-द्वेष जैसे निकृष्ट विचारों को निकाल फेंकने का सूंदर अवसर माना जाता है। होली वसंत ऋतु का यौवनकाल है। ग्रीष्म के आगमन की सूचक है। वनश्री के साथ-साथ खेतों की श्री एवं हमारे तन-मन की श्री भी फाल्गुन के ढलते-ढलते सम्पूर्ण आभा में खिल उठती है। इसीलिए होली पर्व को आनंद, उल्लास का पर्व कहा जाता है।

वर्ष 2022 में होली का त्यौहार 18 मार्च, शुक्रवार के दिन खूब रंगो के साथ मनाई जाएगी।

दशकुमार चरित में होली का उल्लेख 'मदनोत्सव' के नाम से किया गया है। वैसे भी, वसंत काम का सहचर है। इसलिए कामदेव के विशेष पूजन का विधान है। कहीं फाल्गुन शुक्ल द्वादशी से पूर्णिमा तक, कहीं चैत्र शुक्ल द्वादशी से पूर्णिमा तक मदनोत्सव का विधान है। आमोद-प्रमोद और उल्लास के अवसर पर मन की अमराई में मंजरित इस सुख सौरभ का अपना स्थान है। व्यापनशील विष्णु और शोभा-सौंदर्य की अधिष्ठात्री लक्ष्मी के पुत्र हैं । इसका तात्पर्य यह है कि प्रत्येक व्यक्ति के भीतर दो चेतनाएँ होती हैं, एक आत्मविस्तार की और दूसरी अपनी ओर खींचने की। दोनों का सामंजस्य होता है तो काम जन्म लेता है। एक निराकार उत्सुकता जन्म लेती है। वह उत्सुकता यदि बिना किसी तप के आकार लेती है तो अभिशप्त होती है और अपने को छार करके आकार ग्रहण करे तो भिन्न होती है।

होली के साथ अनेक दंत-कथाओं का संबंध जुड़ा हुआ है। पहली कथा है प्रहलाद और होलिका की | प्रहलाद के पिता हरिण्यकशिपु नास्तिक थे और वे नहीं चाहते थे कि उनके राज्य में कोई ईश्वर की पूजा ना करे, किन्तु स्वयं उनका पुत्र प्रहलाद ईश्वर भक्त था। अनेक कष्ट सहने के बाद भी जब उसने ईश्वर भक्ति नहीं छोड़ी, तब उसके पिता ने अपनी बहन होलिका को प्रहलाद के साथ आग में बैठने को कहा। होलिका को यह वरदान प्राप्त था कि वह अग्नि में नहीं जलेगी। अग्नि ज्वाला में होलिका प्रहलाद को लेकर बैठी। परंतु परिणाम उल्टा निकला। होलिका आग में जल गई और प्रहलाद सुरक्षित बाहर आ गए। दूसरी पौराणिक कथा के अनुसार ठुण्डा नामक राक्षसी बच्चों को पीड़ा पहुँचाती तथा उनकी मृत्यु का कारण बनती थी। एक बार वह राक्षसी पकड़ी गई। लोगों ने क्रोध में उसे जीवित जला दिया। इसी घटना की स्मृति में होली के दिन आग जलाई जाती है। भारत कृषि प्रधान देश है। होली के अवसर पर पकी हुई फसल काटी जाती है । खेत की लक्ष्मी जब घर के आँगन में आती है तो किसान अपने सुनहले सपने को साकार पाता है । वह आत्म-विभोर हो नाचता है, गाता है।

फाल्गुन पूर्णिमा होलिका दहन का दिन है। लोग घरों से लकड़ियाँ इकट्ठी करते हैं। अपने-अपने मुहल्ले में अलग-अलग होली जलाते हैं । होली जलाने से पूर्व स्त्रियाँ लकड़ी के ढेर को उपलों का हार पहनाती हैं, उसकी पूजा करती हैं और रात्रि को उसे अग्नि की भेंट कर देते हैं। लोग होली के चारों ओर खूब नाचते और गाते हैं तथा होलो की आग में नई फसल के अनाज की बाल को भून कर खाते हैं। होली से अगला दिन धुलेंडी का है। फाल्गुन की पूर्णिमा के चन्द्रमा की ज्योत्स्ता, वसंत को मुस्कराहट, परागी फगुनाहट, फगुहराओं की मौज-मस्ती, हँसी-ठिठोली, मौसम की दुंदभी बजाती धुलेंडी आती है। रंग भरी होली जीवन की रंगीनी प्रकट करती है। मुँह पर अबीर-गुलाल, चन्दन या रंग लगाते हुए गले मिलने में जो मजा आता है, मुँह को काला- पीला रंगने में जो उल्लास होता है, रंग भरी बाल्टी एक दूसरे पर फेंकने में जो उमंग होती है, निशाना साधकर पानी- भरा गुब्बारा मारने में जो शरारत की जाती है, वे सब जीवन की सजीवता प्रकट करते हैं।

आज होली उत्सव में शील और सौहारद्द्र संस्कारों की विस्मृति से मानव आचरण में चिंतनीय विकृतियों का समावेश हो गया है। गंदे और अमिट रासायनिक लेपों, गाली- गलौज, अश्लील गान और आवाज-कसी एवं छेड़छाड़ ने होली की धवल-फाल्गुनी, पूर्णिमा पर ग्रहण की गर्हित छाया छोड़ दी है, जिसने पर्व की पवित्रता और सत् संदेश की अनुभूति को तिरोहित कर दिया है। आज होली परम्परा-निर्वाह की विवशता का प्रदर्शन-मात्र रह गया है। कहीं होली की उमंग तो दीखती नहीं, शालीनता की नकाब चढ़ी रहती है। उल्लास दुमका रहता है। नशे से उल्लास की जाग्रति का प्रयास किया जाता है। आज का मानव अर्थ चक्र में दबा हुआ उससे त्रस्त है। भागते समय को वह समय की कमी के कारण पकड़ नहीं पाता। इसलिए आनंद, हर्ष, उल्लास, विनोद, उसके लिए दूज का चन्द्रमा बन गये हैं। इस दम घोटू वातावरण में होली-पर्व चुनौती है। इस चुनौती को स्वीकार करें। मंगलमय रूप में हास्य, व्यंग्य-विनोद का अभिषेक करें।

बच्चों का सबसे पसंदिता त्योहार है होली। चहुँ ओर अबीर-गुलाल, रंग भरी पिचकारी और गुब्बारों से बच्चों तथा बड़ों मग्न हो जाते है। छोटे-बड़े, नर-नारी, सभी होली के रंग में रंगे रहते है । डफ-ढोल, मृदंग के साथ नाचती-गांती, हास्य-रस की फुब्वारें छोड़ती, परस्पर गले मिलती, वीर बैन उच्चारती, आवाजें कसती, छेड़छाड़ करती टोलियाँ दोपहर तक होली के प्रेमानन्द में डूबी रहती हैं। सचमुच होली भारत का सबसे रंगीन त्योहार है।

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होली पर निबंध Essay on Holi in Hindi

Essay on Holi in Hindi

रंगों का त्योहार होली, भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्योहार न सिर्फ हिंदू धर्म में महत्वपूर्ण माना जाता है, बल्कि पूरे देश में सभी धर्मों के लोग इसे हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। होली, फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाई जाती है, जो सर्दियों के मौसम के अंत और वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है।

होली का अर्थ है जीवन के रंग भरना। इसे भारतीय विरासत में विशेष रूप से मनाया जाता है, जहां रंग, प्यार और हंसी के संगीत में लोग खुशी से नाचते हैं। यह त्योहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है।

होली के पर्व की शुरुआत होलिका दहन के साथ होती है, जिसे होलिका दहन कहा जाता है। इस अवसर पर लोग मिलकर होलिका की प्रतिमा को जलाते हैं, जो हिरण्यकशिपु की बहन और प्रह्लाद की आंतरिक शक्ति होलिका का उपयोग कर उसे नष्ट करने के लिए प्रयास किया था।

होली के दिन लोग एक-दूसरे पर गुलाल, अबीर और रंग की पाउडर फेंकते हैं। इस दिन के माहौल में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी खुशी, उमंग और प्यार का एहसास करते हैं। इसे ‘फाग मेला’ के रूप में भी जाना जाता है, जिसमें लोग गाने और नृत्य के साथ होली का आनंद लेते हैं।

होली का यह पर्व न केवल रंगों का उत्सव है, बल्कि एक साथी सामाजिक संदेश भी देता है। यह एकता, भाईचारा और सामाजिक समरसता की भावना को बढ़ावा देता है। इसे मनाने का एक अनूठा तरीका है कि लोग भूल जाते हैं कि वे किसी भी धर्म या जाति के हैं, और एक-दूसरे के साथ प्यार और समरसता के भाव को महसूस करते हैं।

होली का महत्व (Importance of Holi In Hindi)

होली का महत्व कई रूपों में है:

भाईचारा और सौहार्द (Brotherhood and Harmony):

होली एक ऐसा त्योहार है जो लोगों को आपस में मिलाता है। इस दिन लोग अपने मतभेद भुलाकर एक-दूसरे को रंग लगाते हैं और गले मिलते हैं। यह त्योहार समाज में सौहार्द और भाईचारे का संदेश देता है।

बुराई पर अच्छाई की विजय (Victory of Good over Evil):

होली से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं, जिनमें से एक भक्त प्रह्लाद और राजा हिरण्यकश्यप की कथा है। प्रह्लाद भगवान विष्णु का भक्त था, जबकि हिरण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानता था। भगवान विष्णु ने अपने नरसिंह अवतार में हिरण्यकश्यप का वध किया और प्रह्लाद की रक्षा की। अतः होली को बुराई पर अच्छाई की विजय के रूप में भी देखा जाता है।

नए जीवन की शुरुआत (Beginning of New Life):

वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक होने के नाते, होली नए जीवन की शुरुआत का भी संदेश देती है। जिस प्रकार पेड़-पौधे वसंत में नया जीवन प्राप्त करते हैं, उसी प्रकार होली हमें भी पुराने गिले-शिकवे भुलाकर नई शुरुआत करने की प्रेरणा देती है।

होली का उत्सव (Celebration of Holi)

होली का उत्सव दो दिनों तक चलता है। पहली रात को लोग होलिका दहन करते हैं, जो बुराई के नाश का प्रतीक है। इसके बाद अगले दिन धुलंडी मनाई जाती है, जिस दिन लोग रंग खेलते हैं, पानी की पिचकारियों से एक-दूसरे को भिगोते हैं, और मिठाई खाते हैं। होली के दौरान ढोल और नाच-गाना का भी खूब धूम रहता है।

होली सिर्फ एक त्योहार नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का एक खास हिस्सा है। यह त्योहार हमें खुशियां बांटने, सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने और नए जोश के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देता है।

होली पर निबंध 150 शब्दों में (Essay on Holi in 150 Words in Hindi)

होली, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह फागुन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली का महत्व रंग और प्रेम की भावना को उत्सवी रूप में व्यक्त करने में है। इस दिन लोग गुलाल, अबीर और रंग की पाउडर फेंकते हैं। होली के माहौल में सभी खुशी और उमंग से भर जाते हैं। यह त्योहार एकता, समरसता और प्यार का प्रतीक है। होली का उत्सव न केवल रंगों का है, बल्कि एक साथी सामाजिक संदेश भी है। इसे मनाने से हम समाज में एकता और भाईचारा बढ़ाते हैं। इस प्रकार, होली हमारे जीवन में रंग और प्रेम की भावना को जगाती है।

होली पर निबंध 200 शब्दों में (Essay on Holi in 200 Words in Hindi)

रंगों का त्यौहार होली, भारत के सबसे लोकप्रिय त्यौहारों में से एक है। यह त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है।

होली का महत्व कई रूपों में है। यह त्यौहार भाईचारा, सौहार्द, और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। वसंत ऋतु के आगमन के साथ, यह त्यौहार नए जीवन की शुरुआत का भी संदेश देता है।

होली का त्यौहार दो दिनों तक चलता है। पहली रात को लोग होलिका दहन करते हैं, जो बुराई के नाश का प्रतीक है। अगले दिन धुलंडी मनाई जाती है, जिस दिन लोग रंग खेलते हैं, पानी की पिचकारियों से एक-दूसरे को भिगोते हैं, और मिठाई खाते हैं।

होली के रंग:

होली के रंगों का भी विशेष महत्व है। लाल रंग प्रेम का प्रतीक है, पीला रंग खुशी का प्रतीक है, और हरा रंग उर्वरता का प्रतीक है।

होली सिर्फ एक त्यौहार नहीं है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति का एक खास हिस्सा है। यह त्यौहार हमें खुशियां बांटने, सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने और नए जोश के साथ जीवन जीने की प्रेरणा देता है।

इसके अलावा:

  • होली के त्यौहार में कई गीत और नृत्य भी होते हैं।
  • होली के त्यौहार के दौरान लोग विशेष प्रकार के व्यंजन भी बनाते हैं।
  • होली के त्यौहार को पूरे भारत में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

यह त्यौहार हमें सिखाता है:

  • हमें भेदभाव भुलाकर एकजुट होकर रहना चाहिए।
  • हमें हमेशा खुश रहना चाहिए और दूसरों को भी खुशी देनी चाहिए।
  • हमें बुराई पर अच्छाई की विजय का संदेश देना चाहिए।

होली पर निबंध 300 शब्दों में (Essay on Holi in 300 Words in Hindi)

होली, भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो हर साल बड़े उत्साह और खुशी के साथ मनाया जाता है। यह त्योहार फागुन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है और रंग, प्यार और उत्साह का प्रतीक है। होली का महत्व रंगों की खेलते हैं।

होली के दिन लोग एक-दूसरे पर गुलाल, अबीर और रंग की पाउडर फेंकते हैं। इस दिन के माहौल में बच्चे से लेकर बुजुर्ग तक सभी खुशी, उमंग और प्यार का एहसास करते हैं।

होली का उत्सव न केवल रंगों का है, बल्कि एक साथी सामाजिक संदेश भी है। यह एकता, भाईचारा और सामाजिक समरसता की भावना को बढ़ावा देता है। इसे मनाने का एक अनूठा तरीका है कि लोग भूल जाते हैं कि वे किसी भी धर्म या जाति के हैं, और एक-दूसरे के साथ प्यार और समरसता के भाव को महसूस करते हैं।

इस प्रकार, होली एक अद्वितीय त्योहार है जो रंग, उमंग और प्यार के साथ हमारे जीवन को रंगीन बनाता है। इस त्योहार को मनाकर हम न केवल समाज में एकता का संदेश देते हैं, बल्कि हम भावनात्मक रूप से भी अपने प्यार और भगवान के प्रति श्रद्धा को व्यक्त करते हैं।

होली पर निबंध 500 शब्दों में (Essay on Holi in 500 Words in Hindi)

होली, रंगों का त्योहार, भारत के सबसे प्रिय और लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है, जो आमतौर पर मार्च में आता है। होली वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है, जो रंगों, उत्साह और खुशी का त्योहार है।

होली का महत्व:

होली का महत्व कई धार्मिक और सांस्कृतिक कहानियों से जुड़ा हुआ है। एक प्रचलित कहानी के अनुसार, भक्त प्रह्लाद भगवान विष्णु के अनन्य भक्त थे, जबकि उनके पिता हिरण्यकश्यप एक क्रूर राजा थे जो स्वयं को भगवान मानते थे। हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए, लेकिन भगवान विष्णु ने हर बार उसे बचाया। अंत में, हिरण्यकश्यप की बहन होलिका, जो आग में जलने से अक्षत रहने का वरदान प्राप्त कर चुकी थी, प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठ गई।

लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से प्रह्लाद बच गए और होलिका जल गई। इसी घटना की याद में होली का त्योहार मनाया जाता है।

होली के त्यौहार की रस्में:

होली का त्योहार दो दिनों तक मनाया जाता है। पहले दिन को होलिका दहन कहा जाता है। इस दिन लोग लकड़ी और गोबर के ढेर को इकट्ठा करके होलिका का प्रतीक बनाते हैं और शाम को उसे जलाते हैं। इस अवसर पर लोग भगवान विष्णु और प्रह्लाद की पूजा करते हैं।

दूसरे दिन को रंगों वाली होली या धुलंडी कहा जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे पर रंग, पानी और गुब्बारे फेंककर उत्सव मनाते हैं। बच्चे पिचकारी और रंगों से खेलते हैं, और लोग मिठाइयां और गुझिया जैसी विशेष व्यंजन बनाते हैं।

होली का सामाजिक महत्व:

होली का त्योहार सामाजिक समरसता और भाईचारे का प्रतीक है। यह त्योहार सभी सामाजिक और धार्मिक बाधाओं को मिटाकर लोगों को एकजुट करता है। होली का त्योहार लोगों के जीवन में खुशी, उमंग और उत्साह लाता है।

होली का त्योहार भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक है। यह त्योहार लोगों को जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण प्रदान करता है और उन्हें एक दूसरे के साथ प्रेम और भाईचारे का भावना से जीने के लिए प्रेरित करता है।

होली का त्योहार भारत के अलावा नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश और अन्य देशों में भी मनाया जाता है।

होली के त्योहार को विभिन्न नामों से जाना जाता है, जैसे कि रंगों का त्योहार, वसंत का त्योहार और प्रेम का त्योहार।

होली के त्योहार के दौरान कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाता है, जैसे कि गायन, नृत्य और नाटक।

होली के बदलते स्व रूप:

हाल के वर्षों में, होली के त्योहार में कुछ बदलाव देखने को मिले हैं। पहले के समय में, प्राकृतिक रंगों, जैसे कि हल्दी, कुमकुम और इंडिगो का इस्तेमाल किया जाता था। ये रंग त्वचा के लिए हानिरहित होते थे और पर्यावरण को भी नुकसान नहीं पहुंचाते थे।

हालांकि, अब बाजार में सिंथेटिक रंगों की भरमार है। ये रंग त्वचा में जलन पैदा कर सकते हैं और आंखों को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं। साथ ही, ये रंग पर्यावरण प्रदूषण में भी योगदान देते हैं।

इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम होली के पारंपरिक रंगों का उपयोग करने की परंपरा को बनाए रखें। प्राकृतिक रंगों का इस्तेमाल न सिर्फ सेहत के लिए फायदेमंद है, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बेहतर है।

होली की सुरक्षा:

होली के उत्साह में कभी-कभी सुरक्षा का ध्यान रखना छूट जाता है। तेज आवाज वाले पटाखों का इस्तेमाल से बचना चाहिए। ऐसे पटाखे पर्यावरण को प्रदूषित करते हैं और साथ ही चोट भी पहुंचा सकते हैं।

होली खेलते समय ज्यादा पानी का इस्तेमाल भी कम करना चाहिए। जल संरक्षण आज के समय की एक महत्वपूर्ण आवश्यकता है। होली को एक सार्थक त्योहार बनाने के लिए हमें पर्यावरण और सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए।

होली का भविष्य:

होली का त्योहार सदियों से भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग रहा है। यह त्योहार हमें प्रेम, सद्भाव और भाईचारे का संदेश देता है। भविष्य में भी हमें इस त्योहार को हर्षोल्लास के साथ मनाते रहना चाहिए, लेकिन साथ ही पर्यावरण और सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा।

Class 5, Class 6 और Class 7 के लिए Holi Par Nibandh

होली (Holi)भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है जो रंग और प्यार की भावना को साझा करता है। यह त्योहार हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली का महत्व अत्यधिक है, क्योंकि यह समाज में एकता, सद्भावना और प्रेम की भावना को प्रकट करता है।

होली का उत्सव प्राचीन कथाओं और ऐतिहासिक घटनाओं के साथ जुड़ा हुआ है। एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, हिरण्यकशिपु नामक राक्षस अपने पुत्र प्रह्लाद के प्रति विरोध था। प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे, जिससे उनके पिता को क्रोध आया। उन्होंने अपनी बहन होलिका की मदद से प्रह्लाद को जलाने की कोशिश की, परंतु भगवान की कृपा से प्रह्लाद संरक्षित रहे और होलिका की आग में वहीं खुद जल गई। इसे होलिका दहन कहा जाता है और होली का उत्सव इस घटना की याद में मनाया जाता है।

होली के पर्व के दिन, लोग एक-दूसरे पर गुलाल, अबीर और रंग की पाउडर फेंकते हैं। यह एक प्रकार का खुशी का उत्सव है, जिसमें सभी भाग लेते हैं। इस दिन लोग अपने दोस्तों और परिवार के साथ मिलकर खेलते हैं और एक-दूसरे को रंगों से रंगते हैं। होली के माहौल में हर कोई खुश होता है और सभी एक-दूसरे के साथ प्यार और खुशी का आनंद लेते हैं।

होली के उत्सव में गीत, नृत्य और रंगों का खेल होता है। सभी गाते हैं, नाचते हैं और आपस में रंग फेंकते हैं। यह एक वास्तविक रंगीन उत्सव है जिसमें सभी भाग लेते हैं और एक-दूसरे के साथ मिलकर खुशी का आनंद लेते हैं।

समाप्तित में, होली एक ऐसा त्योहार है जो जीवन में रंग और प्यार की भावना को बढ़ावा देता है। इसे मनाने से हम न केवल समाज में एकता का संदेश देते हैं, बल्कि हम भावनात्मक रूप से भी अपने प्यार और भगवान के प्रति श्रद्धा को व्यक्त करते हैं।

होली पर निबंध 10 लाइन में (Holi Par Nibandh 10 Line Me)

  • होली भारतीय संस्कृति का एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
  • यह रंगों का उत्सव होता है और फागुन मास के पूर्णिमा को मनाया जाता है।
  • होली उत्सव में लोग रंगों से खेलते हैं और एक-दूसरे को गुलाल लगाते हैं।
  • यह त्योहार एकता, सद्भावना और प्यार की भावना को प्रकट करता है।
  • होली के दिन लोग अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर मिठाईयाँ खाते हैं।
  • इस उत्सव में सभी भाग लेते हैं और रंगों का खेलते हैं।
  • होली के दिन लोग खुशियों की खातिर बदले में आपस में मिलते हैं।
  • यह त्योहार हमें समाज में जुड़ने और एक-दूसरे के साथ प्यार और समरसता की भावना को महसूस कराता है।
  • होली का उत्सव हर साल उत्साह से मनाया जाता है और सभी को खुशियों से भर देता है।
  • यह उत्सव हमें खुशियों का महत्व और साझा करने की महत्वपूर्णता को याद दिलाता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

होली दो दिन तक क्यों मनाई जाती है.

होली दो दिन तक मनाई जाती है, जिसके पीछे कई धार्मिक और सांस्कृतिक कारण हैं।

पहला दिन (First Day):

  • होलिका दहन (Holika Dahan):  यह दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। भक्त प्रह्लाद को उनकी भक्ति के कारण आग में जलने के लिए भेजा गया था, लेकिन भगवान विष्णु की कृपा से वे बच गए, जबकि उनकी बुआ होलिका जल गईं। इस घटना की याद में होलिका दहन किया जाता है।

दूसरा दिन (Second 2) :

  • धुलंडी (Dhulandi):  यह दिन रंगों का त्योहार है। यह वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है, जो प्रकृति के नवीनीकरण का समय है। लोग एक दूसरे पर रंग डालकर खुशियां मनाते हैं और गिले-शिकवे भुलाकर भाईचारा स्थापित करते हैं।

अन्य कारण :

  • पूर्णिमा:  होली फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है। पूर्णिमा को चंद्रमा अपने पूर्ण आकार में होता है, जो खुशियों और समृद्धि का प्रतीक है।
  • लोककथाएं:  होली से जुड़ी कई लोककथाएं भी हैं, जो इस त्योहार को दो दिन तक मनाने का कारण बताती हैं।

होली के बारे में निबंध कैसे लिखें?

1. प्रस्तावना:.

होली के बारे में निबंध लिखने के लिए सबसे पहले एक आकर्षक प्रस्तावना लिखें। इसमें होली के त्योहार का महत्व, इसकी उत्पत्ति और इसके विभिन्न नामों का उल्लेख करें।

2. त्योहार का महत्व:

होली के त्योहार के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को समझाएं। भक्त प्रह्लाद और होलिका की कहानी का उल्लेख करें। होली को वसंत ऋतु के आगमन और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक बताएं।

3. त्योहार की रस्में:

होली के त्योहार की विभिन्न रस्मों का वर्णन करें। होलिका दहन, रंगों वाली होली, धुलंडी, मिठाइयों का वितरण, और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का उल्लेख करें।

4. सामाजिक महत्व:

होली के त्योहार का सामाजिक महत्व पर प्रकाश डालें। यह त्योहार सामाजिक समरसता, भाईचारा, और प्रेम का प्रतीक है। यह त्योहार सभी सामाजिक और धार्मिक बाधाओं को मिटाकर लोगों को एकजुट करता है।

5. पर्यावरण और सुरक्षा:

होली के त्योहार के दौरान पर्यावरण और सुरक्षा का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है। प्राकृतिक रंगों का उपयोग करने और तेज आवाज वाले पटाखों से बचने पर जोर दें।

6. निष्कर्ष:

होली के त्योहार के बारे में सारांश लिखें। यह त्योहार भारतीय संस्कृति का एक अभिन्न अंग है और हमें इसे हर्षोल्लास के साथ मनाते रहना चाहिए।

होली: रंगों का त्योहार

होली, रंगों का त्योहार, भारत के सबसे लोकप्रिय त्योहारों में से एक है। यह त्योहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है और यह वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। होली का त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी है।

होली का महत्व

होली का त्योहार कई धार्मिक और सांस्कृतिक कहानियों से जुड़ा हुआ है। एक प्रचलित कहानी के अनुसार, भक्त प्रह्लाद भगवान विष्णु के अनन्य भक्त थे, जबकि उनके पिता हिरण्यकश्यप एक क्रूर राजा थे जो स्वयं को भगवान मानते थे। हिरण्यकश्यप ने प्रह्लाद को मारने के कई प्रयास किए, लेकिन भगवान विष्णु ने हर बार उसे बचाया। अंत में, हिरण्यकश्यप की बहन होलिका, जो आग में जलने से अक्षत रहने का वरदान प्राप्त कर चुकी थी, प्रह्लाद को अपनी गोद में लेकर आग में बैठ गई।

होली की रस्में

दूसरे दिन को रंगों वाली होली या धुलंडी कहा जाता है। इस दिन लोग एक दूसरे पर रंग, पानी और गुब्बारे फेंककर उत्सव मनाते हैं। बच्चे पिचकारी और रंगों से खेलते हैं, और लोग मिठाइयां और गुझिया जैसी विशेष व्यंजन बनाते हैं। शाम के समय लोग एकत्रित होकर होली के गीत गाते हैं और नाचते हैं। होली के दौरान कई क्षेत्रों में विशेष रूप से मथुरा और वृंदावन में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

होली का त्योहार सामाजिक सद्भाव और भाईचारे का प्रतीक है। यह त्योहार सभी धर्म, जाति और वर्गों के लोगों को एक साथ लाता है। रंगों के इस उत्सव में लोग एक-दूसरे पर रंग डालते हैं और गिले-शिकवे भुलाकर खुशियां मनाते हैं। होली का त्योहार हमें यह संदेश देता है कि जीवन में प्रेम और सद्भाव का होना कितना जरूरी है।

पर्यावरण और सुरक्षा:

हालांकि होली खुशियों का त्योहार है, लेकिन हमें पर्यावरण और सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए। पहले के समय में प्राकृतिक रंगों, जैसे कि हल्दी, कुमकुम और इंडिगो का इस्तेमाल किया जाता था। अब बाजार में सिंथेटिक रंगों की भरमार है, जो त्वचा को नुकसान पहुंचाते हैं और पर्यावरण को भी प्रदूषित करते हैं। इसलिए, होली के त्योहार को मनाते समय प्राकृतिक रंगों का ही उपयोग करना चाहिए। साथ ही, तेज आवाज वाले पटाखों से बचना चाहिए और पानी की बर्बादी भी कम करनी चाहिए।

होली का त्योहार रंगों, खुशियों और उल्लास का प्रतीक है। यह त्योहार हमें बुराई पर अच्छाई की जीत और प्रेम तथा सद्भाव का संदेश देता है। भविष्य में भी हमें होली के इस पर्व को परंपरागत तरीके से मनाते रहना चाहिए और पर्यावरण और सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए।

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होली पर निबंध 2024 | Essay On Holi In Hindi

प्रिय विद्यार्थियों आज हम आपके साथ होली पर निबंध 2024 Essay On Holi In Hindi  अर्थात मेरा प्रिय त्योहार होली का निबंध में आपकों कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के स्टूडेंट्स के लिए 100, 200, 250, 300, 400, 500 शब्दों में यहाँ छोटा बड़ा होली एस्से Essay On Holi In Hindi पढ़ने को मिलेगा.

रंगो के त्योहार होली पर निबंध | Essay On Holi In Hindi

होली पर निबंध 2024 | Essay On Holi In Hindi

Essay On Holi Festival In Hindi And English : India is a colorful & religious country here over the year celebrate many of the Festivals,  Holi Festival (होली पर निबंध) one of them.

this is a great Hindu festival, it is celebrated all over the world on Phalguna Purnima (in approx march month).

Essay On Holi Festival In English

India is a country of festivals and fairs. Holi is the most popular of all seasonal festivals. it foretells the coming spring.

to celebrate this festival of color, people throw colored water and rub the faces of one another with the powder called gulal.

it is a special day for students. they seem to be full of health, vigor, and vitality. on this day they forget their enemies with one another.

the people celebrate this festival with great enthusiasm. they use big hoses to shower colored water on the passengers. to be precise a complete sense of merriment prevails on the day of the Holi festival.

(100 शब्द) होली पर निबंध Essay On Holi Festival In Hindi

भारत त्योहारों और मेलों का देश है। होली सभी मौसमी त्यौहारों में सबसे लोकप्रिय है। आगामी बसंत ऋतू के आगमन की खबर देने के रूप में होली का पर्व आता है.

रंग के इस उत्सव का जश्न मनाने के लिए, रंगों के साथ पानी फेंकते हैं और एक दूसरे के चेहरे पर गलाल के साथ रगड़ते हैं।

यह छात्रों,बड़े बूढों सभी के लिए एक विशेष दिन है। वे स्वास्थ्य, शक्ति और जीवन शक्ति से भरे हुए प्रतीत होते हैं। इस दिन वे अपने दुश्मनी को एक दूसरे के साथ भूल जाते हैं।

लोग होली के उत्सव को बहुत उत्साह से मनाते हैं। वे यात्रियों पर रंगो एवं गुलाल का पानी को स्नान करने के लिए बड़ी नली का उपयोग करते हैं। होली त्यौहार के दिन मौज मस्ती मजाक को कोई भी दिल पर नही लेता है. इस तरह यह होली का त्यौहार आपसी प्रेम व भाईचारें को बढाता है.

(150 शब्द) होली पर निबंध

होली हमारे देश के प्रमुख त्योहारों में से एक है. इसे रंगो का त्योहार भी कहते है. होली का त्योहार फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. इस त्योहार का संबंध प्रहलाद की कथा से माना जाता है.

उसे सजा देने के उसके पिता हिरन्यकश्यप ने अपनी बहिन होलिका की गोद में उसे रखकर आग में बैठाया. तब होलिका तो जल गई परन्तु भक्त प्रहलाद बच गया. तब से यह त्योहार उनकी याद में मनाया जाता है. संध्या के समय होली जलाई जाती है.

होली में नयें अनाज की बालियों को सेका जाता है. अगले दिन धुलंडी होती है. सभी लोग रंग, अबीर, गुलाल आदि से खेलते है और अपनी ख़ुशी प्रकट करते है. इस दिन आपसी मतभेद भुलाकर सभी लोग गले मिलते है. घरों में मिठाई और अच्छे पकवान परोसे जाते है.

इस होली के त्योहार पर कुछ लोग कीचड़ उछालते है और शराब आदि का नशा करते है. यह बुराई नहीं अपनानी चाहिए. होली का त्योहार आपसी मेल-जोल, प्रेम और भाईचारे को बढ़ाने वाला है.

(400 शब्द) Essay On Holi In Hindi For Kids

हमारे देश में वर्ष पर्यन्त त्यौहार मनाए जाते है. अलग-अलग धर्मो के अनुयायी अपने अपने व्रत त्योहारों को बड़ी लग्न व् श्रद्धा के साथ मनाते है. भारत के मुख्य त्योहारों में दीपावली, रक्षाबन्धन, दशहरा और होली प्रमुख चार बड़े पर्व है.

इन चारो त्योहारों का विभाजन वर्णों के आधार पर किया गया है. रक्षाबन्धन जिन्हें ब्राह्मणों का त्यौहार माना जाता है. दशहरा क्षत्रियो का दीपावली को वैश्यों का तो होली का त्यौहार शुद्रो का माना जाता है.

इसे रंगों का त्यौहार Color festival भी कहते है. पूर्व में चाहे जो भी स्थति रही हो. आज के समय में न सिर्फ हिन्दू धर्म के चारों वर्ण मनाते है. बल्कि सिख, जैन सहित सभी धर्मो के अनुयायी भी इस पर्व को धूमधाम से मनाते आ रहे है.

विभिन्नता में यही एकता हमारे भारतवर्ष की पहचान है. जिन्हें निरंतर आगे बढ़ाने में ऐसें जैसे फैस्टिवल महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है.

विशिष्ट त्यौहार- बंसत ऋतू का पहला त्यौहार बसंत पंचमी है. इसके बाद यह पर्व आता है. हर साल हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाई जाती है. उसी रात को अथवा दुसरे दिन प्रत्येक गाँव नगर या स्थान स्थान पर होलीका दहन किया जाता है.

इस होली की आग से प्रत्येक सनातनधर्मी अपने घर के आस-पास होली की स्थापना कर सही मुहूर्त पर इसका दहन करते है.

मनाने का तरीका- इस अवसर पर नये पके हुए अन्न को आग में भुना जाता है. तथा इस भुने हुए अन्न को प्रसाद को सभी मित्रों व् रिश्तेदारों में वितरित किया जाता है. संस्कृत भाषा में होली के इस पके हुए अन्न को होलक कहा जाता है.

इसी कारण इस उत्सव को होलिकोउत्सव या होली कहते है. कुछ लोग इस त्यौहार का सम्बन्ध प्रहलाद की बुआ होलिका से मानते है. इसके मनाने के पीछे कई पौराणिक कथाएँ जुड़ी हुई है तथा प्राचीन काल से होली का त्योंहार मनाया जाता रहा है.

होली खेलना- होलिका दहन के उपरांत लोग रंग और गुलाल से खेलते है. अपरान्ह में स्नान भोजन इत्यादि करने के पश्चात सभी लोग साफ़ तथा नवीन वस्त्र धारण करके एक दुसरे के यहाँ जाते है. और एक दुसरे से मिलते है.

होली के इस अवसर पर शत्रु भी मित्र के समान परस्पर मिलते है. और ऐसा जान पड़ता है. मानो आज उनकी सालों की दुश्मनी समाप्त हो गई है.

उपसंहार(महत्व)-  देश और स्थान के भेद के कराण भारत में इस पर्व को मनाने के ढंग और उनकी रीतियों में भी थोड़ा अंतर पाया जाता है. ब्रज में कई दिनों तक रंग की होली होती हैं.

और होली नामक गीत लगभग सम्पुरण उत्तर भारत में बड़े प्रेम के साथ गाया जाता हैं. ब्रज की होली प्रसिद्ध है. परन्तु किसी किसी प्रदेश में पंचमी के दिन भी खेली जाती हैं.

(500 शब्द) होली निबंध essay on holi in hindi for class 3

एक ही तरह का जीवन जीते जीते व्यक्ति उब जाता हैं. इसके लिए समाज ने अनेक पर्वों त्योहारों एवं मेलों आदि की व्यवस्था की हैं. हमारे देश में सभी धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं. सभी के अपने अपने त्योहार हैं. हिन्दुओं के प्रमुख त्योहारों में होली का महत्वपूर्ण स्थान हैं.

होली मनाने का कारण – होली का त्योहार फाल्गुन पूर्णिमा के दिन मनाया जाता हैं. वसंत ऋतू के आगमन से चारों ओर वातावरण सुगन्धित हो जाता हैं. खेतों में फसले पकने के लिए तैयार हो जाती हैं.

किसान फसलों को देखकर खुश हो उठता हैं. उसकी यही ख़ुशी होली के त्योहार के रूप में फूट पड़ती हैं. यह भी कहा जाता है कि प्राचीनकाल में दैत्यराज हिरन्यकशिपु ने अपने पुत्र प्रहलाद को मारने के लिए अपनी बहिन होलिका को बुलाया था.

होलिका को वरदान मिला था कि वह आग में नही जलेगी. वह प्रहलाद को लेकर आग में बैठ गई, भगवान की कृपा से प्रहलाद तो बच गया परन्तु होलिका जल गई. इसी ख़ुशी में प्रतिवर्ष होली के दिन होलिका का दहन किया जाता हैं.

होली मनाने का तरीका -होली का त्योहार की तैयारी एक माह पहले से होने लगती हैं. घरों व मुहल्लों में उपले लकड़ियाँ एकत्रित कर जलाई जाती है, होली के शुभ मुहूर्त में आग लगाई जाती हैं. क्षेत्रीय परम्पराओं के अनुसार होली का त्योहार मनाया जाता हैं.

मथुरा में जलती होली के बिच से पंडा निकलता हैं. सभी एक दूसरे पर रंग, अबीर, गुलाल डालते है तथा आपस में गले मिलते हैं. बरसाने की लट्टमार होली पूरे विश्व में प्रसिद्ध हैं.

होली में जौ एवं गेहूं की बालियाँ भुनकर सब एक दूसरे से प्रेम सहित भेट करते हैं. पुराने गिले शिकवे भूलकर एक दूसरे को गले मिलते हैं. होली को प्रीति पर्व भी कहा जाता हैं. सब एक दुसरे को रंगों से सराबोर कर देते हैं.

होली की अच्छाईयां – होली का त्योहार परस्पर प्रेम और सौहार्द की भावना को बढ़ाता हैं. होली पर अमीर गरीब का भेद मिट जाता हैं. सभी में नया उत्साह, नई उमंग, नया जोश दिखाई देता हैं.

होली की बुराइयां – होली के त्योहार के साथ कुछ बुराइयां भी जुड़ी हुई हैं. इस दिन कई लोग शराब भांग आदि का सेवन करते हैं. और नशे में एक दूसरे से झगड़ा कर बैठते हैं. रंग लगाने के बहाने लोग दूसरों पर कीचड़, कोलतार, तेज़ाब आदि भी डाल देते हैं. जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता हैं.

उपसंहार – होली के त्योहार के साथ जुड़ी हुई ये छोटी सी बुराइयां यदि दूर हो जाये तो इससे अच्छा और कोई त्योहार नही हैं. यह मेल मिलाप और भाईचारे की भावना को विकसित करता हैं. आपस में भेदभाव भुलाकर हम सबकों होली का त्यौहार मनाना चाहिए.

(600 शब्द) होली निबंध Short Essay On Holi In Hindi

होली का इतिहास- होली को मनाए जाने के पीछे कई कथाएँ एवं कारण बताए जाते हैं. पुराणों में दैत्यों के राजा हिरन्यक्ष्यप की कथा आती हैं. यह भगवान विष्णु का विरोधी था. इसका पुत्र प्रहलाद विष्णु भक्त था. हिरण्यकशिपु ने प्रहलाद से रुष्ट होकर उसे मरवाने के प्रयास किये. किन्तु सफल न हुआ.

अंत में उसकी बहिन ने प्रहलाद को मारने का उपाय सुझाया. उसके पास एक अग्निरोधक चादर थी. वह उसे ओढ़कर और प्रहलाद को गोद में लेकर अग्नि के बीच बैठ गई, किन्तु आंधी से चादर प्रहलाद पर लिपट गई और वह बच गया. उसकी बुआ जलकर मर गई.

इसी स्मृति में होली जलाई जाती हैं. कुछ लोग इसे ऋतु या फसल का उत्सव भी मानते हैं. नई फसल के होलो या बालों को आग में भूना जाता हैं. और बांटा जाता हैं.

मनाने का समय और स्वरूप- होली का त्योहार फाल्गुन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता हैं. यह त्योहार दो दिन चलता हैं. पहले दिन लकड़ी के उपलों का ढेर लगाकर उसमें आग लगाई जाती हैं. लोग इसकी आग में गेहूं की बालें और चने के पौधे या होले भूनते हैं इसकी परिक्रमा लगाते और जयकार करते हैं.

अगले दिन रंग की होली होती हैं स्त्री, पुरुष, बालक, वृद्ध सभी होली के रंग में मस्त हो जाते हैं. घरों पर मिलने जाते हैं. एक दूसरों को गुलाल लगाते हैं. आने वालों को ठंडाई और पकवानों से स्वागत किया जाता हैं.

गलियों और बाजारों में लोग समूहों में गाते, बजाते, रंग गुलाल उड़ाते घूमते हैं. सायंकाल स्थान स्थान पर होली मिलन समारोह आयोजित होते हैं. मन्दिरों में भी भक्तिभाव से होली खेली जाती हैं.

महत्व- होली उल्लास और मस्ती का त्योहार है. यह वर्ष भर के बैर विरोध को भुलाकर गले मिलने का पर्व हैं. कुछ लोग शराब आदि का सेवन करके अशोभनीय उत्पात भी करते हैं. इसे रोका जाना चाहिए. होली के द्वारा हमें सामाजिक प्रेमभाव को बढ़ाने के अवसर प्राप्त होते हैं.

संदेश- मेल मिलाप और प्रेम की वृद्धि होली के त्योहार का लक्ष्य हैं. होली का त्योहार हिन्दू धर्म से सम्बन्धित होने पर भी धार्मिक भेदभाव से युक्त हैं. इस त्योहार का आधार सामाजिकता हैं. लोगों को मतभेद भुलाकर परस्पर प्रेम एवं मेल से रहने का संदेश होली देती हैं.

एक दूसरे के गले मिलकर सारे गिले शिकवे दूर किये जाते हैं. दूसरों की हंसी उड़ाने की आदत तो मनुष्यों की होती ही हैं. परन्तु होली अपने ऊपर ही हंसने का अवसर देती हैं. इससे आदमी के दोष उसके सामने आते हैं. तथा उनसे बचने का अवसर उसको प्राप्त होता हैं.

(1000 शब्द) होली पर निबंध 2024 Short & Long essay on holi in hindi

भारत को त्योहारों के देश के रूप में जाना जाता है यहाँ भांति भांति के पर्व त्यौहार मनाए जाते है. होली हिन्दुओं का महत्वपूर्ण त्योहार है.

इसे रंगों का त्योहार भी कहा जाता है फाल्गुन माह की पूर्णिमा को यह हर साल मनाया जाता है. जिस तरह हर पर्व त्योहार को मनाने के पीछे एक पौराणिक कथा कहानी व कई कारण जुड़े होते है. होली मनाने के पीछे भी कुछ स्टोरीज जुड़ी है

हम होली क्यों मनाते है (Why We Celebrate Holi)

हिंदू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन के महीने में होली (जिसे फगवा या भोजपुरी भी कहा जाता है) फाल्गुन पूर्णिमा (या पूरनमाशी, पूर्ण चंद्रमा) पर मनाया जाता है।

यह पूर्णिमा की शाम से शुरू होने वाली रात और एक दिन तक रहता है। पहली शाम को होलीका दहन या छोटी होली और अगले दिन होली, रंगवाली होली, धुलेटी, धुलंडी या फगवा के नाम से जाना जाता है.

इसकों मनाने की तिथि हिन्दू पंचाग के अनुसार निर्धारित होती है. हर साल यह सर्द ऋतु की समाप्ति एवं बसंत के आगमन के समय फाल्गुन की पूर्णिमा तिथि को मनाते है. जो हर साल मार्च के पहले से तीसरे सप्ताह में अमूमन होती है.

होली क्यों मनाई जाती है, होली मनाने का कारण व कहानी हिंदी में (Why We Celebrate Holi festival In Hindi)

एक समय की बात है कि भारतवर्ष में एक हिरण्यकशिपु नाम का राक्षस राज करता था. उसके एक पुत्र था जिसका नाम प्रहलाद था. प्रहलाद भगवान का परम भक्त था. परन्तु उसका पिता भगवान को अपना शत्रु मानता था. वह अपने राज्य में ईश्वर का नाम लेने तक को मना करता था.

परन्तु वह अपने पुत्र प्रहलाद को ईश्वर भजन से न रोक सका. इस पर हिरण्यकशिपु ने प्रहलाद को पहाड़ से भी गिराया, सर्पो की कोठरी में बंद कराया. हाथी के सामने डलवाया परन्तु उस भक्त का कुछ भी न हुआ.

अतः में हिरण्यकशिपु बोला कि मेरी बहिन होलिका को बुलाओं और उससे कहो कि प्रहलाद को अग्नि में लेकर बैठ जाय जिससे प्रहलाद तो जलकर मर जाएगा. और अग्नि होलिका का कुछ नही बिगाड़ सकती.

क्योंकि होलिका को यह वरदान था कि उसे अग्नि नही जला सकती. अतः होलिका को बुलाया गया. उसने अपने भाई की बात मानी और अग्नि के बीच होलिका प्रहलाद को लेकर बैठ गईं.

प्रहलाद भगवान् को याद करता रहा. भगवान की कृपा से अग्नि प्रहलाद के लिए बर्फ के समान शीतल हो गई और उस अग्नि ने होलिका को भस्म कर दिया. उसी दिन से यह होलिका जलाई जाती है. हे भगवान तुमने भक्त जैसे प्रहलाद की रक्षा की वैसे सबकी रक्षा करना.

यह होली का पर्व फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है. यह हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्यौहार है. इस दिन सभी स्त्री पुरुष बच्चे होली का पूजन करते है. पूजन के बाद होलिका को जलाया जाता है. इस पर्व पर व्रत भी करना चाहिए.

होली के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत होकर पहले हनुमान जी भैरोजी आदि देवताओं की पूजा करे. फिर उन पर जल, रोली, माला, चावल, फूल, प्रसाद, गुलाल, चन्दन, नारियल आदि चढावे. दीपक से आरती करके दंडवत प्रणाम करे. फिर सबके रोली से तिलक लगादे. और जिन देवताओं को आप मानते है उनकी पूजा करें.

फिर थोड़े से तेल को सब बच्चों का हाथ लगाकर किसी चौराहे पर भैरों के नाम से एक ईट पर चढ़ा देवे. यदि कोई लड़का हुए का या लड़की के विवाह का उजमन करता होवे तो वह होली के दिन ही उजमन करे.

इस उद्यापन में एक थाली में १३ जगह ४-४ पूरी और सीरा रखे उन पर अपनी श्रद्धानुसार रूपये कपड़े तथा १३ गोबर की सुपाड़ी की माला रखें. फिर उन पर हाथ फेरकर अपनी सासूजी को पाय लगकर देवे. सुपाड़ी की माला अपने घर में ही टांग देवे.

इस दिन अच्छे अच्छे भोजन, मिठाई, नमकीन पकवान बनावें. फिर थोड़ा थोड़ा सभी सामान एक थाली में देवताओं के नाम का निकाल कर ब्राह्मणी को दे देवें. भगवान का भोग लगाकर स्वयं भोजन कर लेवें.

होली की पूजा विधि और सामग्री (Holi Puja Vidhi in Hindi, Holi puja kaise Kare, Holi Puja Niyam)

पहले जमीन पर थोड़े गोबर और जल का चौका लगा देवे. चौका लगा देने के बाद एक सीधी लकड़ी के चारो तरफ गुलरी की माला लगा देवे. उन मालाओं के आस-पास गोबर की ढाल, तलवार खिलोने आदि रख दे.

जो होली पूजन का समय नियत हो, उस समय जल, मोली, रोली, चावल, फूल, गुलाल, गुड़, आदि से होलिका पूजन करने के बाद ढाल तलवार अपने घर में रख लेवे. चार जेल माला अपने घर में पीतर जी, हनुमान जी, शीतलामाता तथा घर के नाम की उठाकर अलग रख देवे.

यदि आपके यहाँ घर में होली न जलती हो तो सब ओर यदि होली घर में ही जलाते हो तो एक माला ऊख, पूजा की समस्त सामग्री, कच्चे सूत की कुकड़ी, जल का लौटा, नारियल, बूट (कच्चे चने की डाली), पापड़ आदि सब सामान गाँव या शहर की होली जिस स्थान पर जलाते है वहां लेकर चले जाये.

वहां जाकर डंडी होली का पूजन करे. जेल माला, नारियल आदि चढ़ा देवे. परिक्रमा देवे, पापड़ बुटं आदि होली जलने पर भुन लेवे. सभी बांटकर खा लेवे. ऊख घर वापिस ले आए. यदि घर पर होली जलावे तो शहर गाँव वाली होली में से ही अग्नि लाकर घर ही होली जलावें. फिर घर आकर पुरूष अपने घर की होली का पूजन करने के बाद जलावें.

घर की होली में अग्नि लगाते ही उस डंडा या लकड़ी को बाहर निकाल लेवे. इस डंडे को भक्त प्रहलाद मानते है. स्त्रियाँ होली जलाते ही एक घंटी से सात बार जल का अर्ध्य देकर रोली चावल चढ़ावे.

फिर होली के गीत या बंधाएं गावें. पुरूष घर की होली में बुन्ट और जौ की बाल पापड़ आदि भुनकर तथा उन्हें बांटकर खा लेवें. होली पूजन के बाद बच्चे तथा पुरूष रोली से तिलक टीका लगावे. छोटे अपने बड़ों के पाँव छूकर आशीर्वाद लेवे.

यह ध्यान रहे कि जिस लड़की का विवाह जिस साल हुआ हो, वह उस साल ससुराल की जलती हुई होली को न देखे. यदि हो सके तो अपने मायके चली जावें.

  • होली पर शायरी
  • सीता पर कविता
  • दशहरा पर निबंध

आशा करता हूँ मित्रों होली पर निबंध में दी गई जानकारी आपकों अच्छी लगी होगी. यदि आपकों  essay on holi in hindi का यह लेख पसंद आया हो तो प्लीज इसे सोशल मिडिया पर जरुर शेयर करे.

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होली का त्योहार हिंदी निबंध Holi Festival Essay in Hindi

Holi Festival Essay in Hindi : दीवाली हमें प्रकाश का संदेश देती है। रक्षाबंधन भाई-बहन के स्नेह की गौरवगाथा गाता है, दशहरा बुराई पर भलाई की विजय को सूचित करता है, तो होली का त्योहार हमें आनंद और उत्साह से भर देता है।

होली का त्योहार हिंदी निबंध - Holi Festival Essay in Hindi

होली का त्योहार हिंदी निबंध – Holi Festival Essay in Hindi

होली के समय की प्राकृतिक सुंदरता.

सचमुच, होली भारतीय जनता के प्राणों का पर्व है। यह त्योहार ऋतुराज वसंत की मादकता और मोहकता का संदेश लेकर आता है। जब पत्ते-पत्ते में, डाल-डाल में, वृक्ष-वृक्ष में नवजीवन का संचार होता है और ‘झूमे यह जमीन, झूमे यह आसमान’ का मनोहर दृश्य नजर आता है; जब किसान अपनी फसल को देखकर संतोष का अनुभव करने लगता है, तब बड़े उल्लास के साथ फाल्गुन शुक्ल पूर्णिमा के दिन होली का यह मस्तीभरा त्योहार मनाया जाता है।

संबंधित पौराणिक लोककथाएँ

होली का त्योहार मनाने के संबंध में कुछ पौराणिक कथाएँ प्रचलित हैं। दानवराज हिरण्यकशिपु ईश्वर को ही नहीं मानता था। लेकिन उसका पुत्र प्रल्हाद ईश्वर का अनन्य भक्त था। अपने ईश्वरभक्त पुत्र प्रल्हाद को दंड देने का उसने निश्चय किया। एक दिन दानवराज की बहन होलिका प्रल्हाद को गोद में लेकर आग में बैठ गई। आग में न जलने का उसे वरदान मिला हुआ था, फिर भी वह जलकर भस्म हो गई और प्रल्हाद का बाल तक बाँका न हुआ। उस दिन की याद में होली जलाई जाती है। इस प्रकार यह त्योहार बुराई पर भलाई की विजय का प्रतीक है। यह मान्यता भी प्रचलित है कि बालकृष्ण ने पूतना राक्षसी को मारकर इसी दिन गोपियों के साथ रासलीला और रंग खेलकर उत्सव मनाया था।

होली का वर्णन-आनंद, नृत्य और गीत

होली के आगमन के पहले ही घर-घर में धूम मच जाती है। लोग अपने-अपने घरों की सफाई करते हैं । गृहिणियाँ मधुर पकवान तैयार करने लगती हैं । बाजारों में रंगो की दुकानें खुल जाती हैं । ढेरों लकड़ियाँ इकट्ठी की जाती हैं। पूर्णिमा की शाम को होली जलाई जाती है। ज्यों ही उसकी लपटें आकाश की ओर बढ़ती है त्यों ही लोगों के मुँह से निकल पड़ता है, ‘ जय होली, जय होली।’ महिलाएँ नारियल, कुंकुम और चावल से होली की पूजा करती हैं। बच्चे खुशी के मारे तालियाँ बजाते हैं। नए धान को होली की आग में सेंककर उसका प्रसाद बाँटा जाता है। दूसरे दिन लोग होली खेलते हैं। लोग रंगभरी पिचकारियाँ लेकर निकल पड़ते हैं । ईर्ष्या और दुश्मनी को भुलाकर सभी एक-दूसरे पर रंग छिड़कने का आनंद लूटना चाहते हैं। सभी जगह गाने बजाने और नृत्य का उल्लास होता है। एक ओर रंग, दूसरी ओर गुलाल । बच्चे, युवक और बूढ़े, कन्याएँ और स्त्रियाँ सभी रंग से तर ! पर होली का वास्तविक आनंद तो स्नेहभरे देवर-भाभी को ही मिलता है।

दोषों का निवारण

यह बड़े दुख की बात है कि कुछ लोग इस दिन भाँग या शराब पीते हैं, दूसरों पर किचड़ उछालते हैं, गालियाँ बकते हैं और भद्दे गीत गाते हैं । अनाज और गाय-भैसों का चारा भी होली में स्वाहा कर देते हैं। इन बुराइयों से बचना चाहिए। हमें होली के रंगीन त्योहार को शुद्ध रंग और निर्मल अनुराग से मनाना चाहिए। होली रंगों का रास बने, सभ्यता और संस्कृति का उपहास नहीं।

Rakesh More

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होली पर निबंध | My Favourite Festival Holi Essay in Hindi

My Favourite Festival Holi Essay in Hindi: नमस्कार, आज हम जानेंगे Holi Essay In Hindi के बारे में, आखिर होली किस उपलक्ष में मनाई जाती है होली का त्यौहार मानाने के पीछे क्या कारण है, तो चलिए My Favourite Festival Holi Essay in Hindi के बारे में विस्तार से जानते हैं!

होली भारत में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्योहार है। यह भारत में मनाए जाने वाले मुख्य त्योहारों में से एक है। होली को सभी लोग मिल-जुलकर साथ में मानते हैं! होली को रंगों का त्यौहार भी कहा जाता है! होली का त्यौहार हर एक भारतीय काफी उत्साह और धूम-धाम से मनाता है!

होली का त्यौहार अपने रंग उत्सव के कारण जाना जाता है यह रंगों का एक ऐसा त्यौहार है जिसे सभी धर्म के लोग साथ में मिलजुल कर मनाते हैं।

होली के 1 दिन पहले होलिका दहन किया जाता है इस त्योहार का इतिहास प्रहलाद नाम के एक बालक पर आधारित है, जिसके बारे में आप नीचे जानेंगे। होली लोगों के बीच एकता का प्रतीक है।

लोग सफेद पोशाक पहनकर होली के इस त्यौहार को मनाना पसंद करते हैं, हर एक व्यक्ति इस त्योहार को काफी उत्साह के साथ मनाता है होली के दिन सभी लोग अपने घरों में विशेष प्रकार की मिठाइयां और व्यंजन बनाते हैं।

होली का त्यौहार कब मनाया जाता है :

मार्च महीने में वसंत ऋतु के आगमन पर फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन होली का पर्व काफी उत्साह के साथ मनाया जाता है।

लोग तीन दिनों तक इस त्योहार को एक अलग अंदाज में मनाते हैं। सभी लोग एक जगह इकट्ठा होते हैं, नृत्य करते हैं, और इस त्योहार का आनंद लेते हैं।

शाम को, वे उपहार का आदान-प्रदान करने और मिठाई खाने के लिए अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के घर जाते हैं। पहले दिन, महिलाएं रंगों से काफी सुनहरे बर्तन बनाती हैं।

होली का त्यौहार क्यों मनाया जाता है :

होली के संबंध में एक कहानी है जो काफी प्रसिद्ध है प्राचीन काल में हिरण्यकश्यप नाम का एक राक्षस था उसकी एक बहन थी जिसका नाम होलिका था। होलिका को आग में ना जलने का वरदान प्राप्त था।

हिरण्यकश्यप का एक पुत्र था जिसका नाम प्रहलाद था। प्रहलाद भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था लेकिन उसका पिता हिरण्यकश्यप स्वयं को भगवान मानता था वह अपने राज्य के सभी निवासियों से कहता था की भगवान् की भक्ति छोड़कर सभी मेरी पूजा करें!

और साथ ही वह भगवान विष्णु का विरोधी था इसलिए उसे अपने पुत्र प्रहलाद की विष्णु भक्ति बिल्कुल भी पसंद नहीं आती थी और वह इसके खिलाफ था।

हिरण्यकश्यप अपने पुत्र की विष्णु भक्ति को देखकर बहुत परेशान हो गया था और उसने अपने पुत्र प्रह्लाद को मारने की कई सारी योजनाएं बनाई लेकिन उसकी कोई भी योजना सफल नहीं हो सकी। अंत में हिरण्यकश्यप ने अपने पुत्र प्रहलाद को मारने के लिए अपनी बहन होलिका से मदद मांगी होलिका एक दुष्ट कन्या थी उसने अपने भाई की यह बात मान ली।

क्योंकि होलिका को आग में ना जलने का वरदान प्राप्त था इसलिए वह प्रहलाद को अपने साथ अग्नि में लेकर बैठ गई और प्रहलाद भगवान विष्णु का बहुत बड़ा भक्त था इसलिए वह आग में बैठने पर भी भगवान विष्णु का लगातार नाम ले रहा था भगवान विष्णु की कृपा से भक्त प्रहलाद को कुछ भी नहीं हुआ लेकिन होलिका उस आग में जलकर राख हो गई!

इसीलिए होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है जो “बुराई के ऊपर अच्छाई की विजय” है और होलिका दहन के बाद होलिका की मृत्यु की ख़ुशी में होली का त्यौहार काफी धूमधाम से मनाया जाता है।

बाद में, भगवान विष्णु नरसिंह के रूप में प्रकट हुए और हिरण्यकश्यपु को अपने पंजे से मारकर उसकी गोद में डाल दिया, होली के पहले दिन होलिका दहन किया जाता है जिसमें लोग नकारात्मक प्रवृत्ति की आहुति देते हैं और एक दूसरे के साथ भाईचारे से रंग और गुलाल से खेलते हैं होली का त्यौहार भारत में एक अलग ही खुशी और उत्साह प्रदान करता है।

होली के बारे में | Holi Essay in Hindi

होली अपने दोस्तों और परिवार के साथ आनंद लेने का त्योहार है। लोग अपनी परेशानियों को भूलकर भाईचारे के साथ इस त्योहार को खुशी-खुशी मनाते हैं। सभी लोग एक-दुसरे को Happy Holi कहकर रंग लगते हैं।

कुछ लोग पानी के गुब्बारों में पानी भरते हैं और लोगों पर उन गुब्बारों को फेंककर उनका स्वागत करते हैं। साथ ही कुछ लोग एक दुसरे पर रंग डालने के लिए “पिचकारी” का उपयोग करते हैं और लोगों पर रंगीन पानी फेंकते हैं।

लोग नए कपड़े पहनते हैं और दोस्तों और रिश्तेदारों के बीच मिठाई वितरित करते हैं। इस दिन सभी लोग हर प्रकार के भेद-भाव से दूर होकर एक दुसरे के गालों पर अबीर और गुलाल लगते हैं और गले मिलते हैं।

Essay on holi in hindi

होली(Holi) बुराई से छुटकारा पाने और अच्छाई का परिचय देने का त्यौहार है। लोग अपने पिछले द्वेष-दुश्मनी को भूलकर एक दूसरे से मिलते हैं, और शुभकामनाएँ देते हैं।

इस प्रकार, होली लोगों को करीब लाता है और उन्हें सद्भाव में मिल-जुलकर रहना सिखाता है। प्रत्येक त्योहार परिवार के सदस्यों को फिर से जोड़ता है, और लोगों को एक साथ एकजुट करने, उनकी भावनाओं को साझा करने में भी मदद करता है। यह आध्यात्मिक इतिहास को याद दिलाने का सबसे सरल तरीका है।

यह लोगों को यह भी बताता है कि ये वसंत की शुरुआत है। होली का त्यौहार समन्वय प्रदान करता है और बच्चों और अन्य लोगों के बीच नई ऊर्जा प्रदान करता है।

यह हर एक व्यक्ति को जीवन में काम करने के लिए प्रोत्साहित करता है। अतीत के दुखद दिनों को भूलकर और प्रेरित होकर नए दिनों की शुरुआत करना सबसे सरल तरीका है। होली का सबसे अच्छा हिस्सा यह है कि किसी भी उम्र के लोग इस त्योहार का आनंद ले सकते हैं।

होली हिंदुओं के सबसे अच्छे त्योहारों में से एक है। क्योंकि यह सभी सदस्यों को एकजुट करता है और व्यक्तियों के बीच सामाजिक सद्भाव को बढ़ावा देता है, लोग ताज़ा महसूस करते हैं और एक नए दृष्टिकोण के साथ अपने जीवन को आगे बढ़ाते हैं। रंगों का त्योहार होली पारिवारिक सामाज और एक समुदाय के दौरान सामाजिक एकता को बनाए रखता है।

होली को “रंगों के त्योहार” के रूप में भी जाना जाता है। इस त्योहार के महत्व के बारे में छात्रों को समृद्ध करने की आवश्यकता है। क्युकी अगर छात्रों को इसके बारे में सम्पूर्ण जानकारी होगी तभी वो किसी दुसरे व्यक्ति को इसके बारे में जागरूक कर पायेंगे और उनपर इसका प्रभाव पड़ेगा।

होली के एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता है। लोग लकड़ी इकट्ठा करते हैं और उस लकड़ी को जलाते हैं। यह प्रक्रिया खराब, नकारात्मक, चीजों पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है। हिंदू शास्त्र के अनुसार, भागवत पुराण भगवान विष्णु द्वारा होलिका के विध्वंस के अवसर पर होली मनाई जाती है।

द्वारका, गुजरात का एक शहर, द्वारका के पवित्र अभयारण्य में और व्यापक व्यंग्य और संगीत उत्सव के साथ होली मनाता है। राज्य के ब्रज दृश्य के भीतर एक पड़ोसी शहर मथुरा, में लट्ठ मार होली मनाई जाती है।

महिलाओं द्वारा लाठी डंडों से लट्ठ मार होली को देखने के लिए हजारों लोग जमा होते हैं। कई विदेशी हमारी संस्कृति का अनुभव करने के लिए होली के समय भारत में घुमने आते हैं।

Holi Essay in Hindi 150 Words :

होली, भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसे रंगों के उत्सव के रूप में मनाया जाता है। ये त्यौहार हर साल मार्च की शुरुआत या उसके अंत में मनाया जाता है और लोग इसे दिल से मनाते हैं। होली के दिन सभी लोग अपनी पुरानी दुश्मनी या लड़ाई को भूलकर बड़े ही प्रेम और उत्साह से इस त्योहार को मानते हैं।

इस दिन लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं और स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हैं। इस दिन पिचकारी और गुलाल का इस्तमाल होता है जिससे सारा माहौल खुशी से भरा रहता है। यह त्यौहार सभी मित्रों और सजे संबंधों को एक साथ लेकर आता है और हर तरफ मुस्कुराहट और प्यार का माहौल बना रहता है।

होली का सबसे खास हिस्सा है उसका रंग बिरंगी दुनिया। हर रंग एक अलग भावना को व्यक्त करता है। इस दिन, सभी लोग एक दूसरे को गले लगाकर बधाई देते हैं। बुरा ना मानो, होली है – ये कहकर सभी दुनिया भर में इस त्यौहार को मनाते हैं।

घरो में मिठाई और खाना बनाने का भी एक अलग महत्व होता है। लोग एक दूसरे को गुझिया, मालपुआ और ठंडाई से नवाजते हैं। इस दिन, रिश्तेदारों और दोस्तों को अपने घर बुलाया जाता है जिसे एक साथ खुशियाँ मिलती हैं।

होली का महत्व है एकता और प्रेम का। रंगों से सजा हुआ ये त्यौहार दिखाता है कि कितना महत्व है एक दूसरे के साथ मिलकर जीने का। इस दिन लोग सभी झगड़े भूल जाते हैं और मोहब्बत भरे रंगों में खो जाते हैं।

समप्त रूप से कह सकते हैं कि होली भारतीय संस्कृति का एक अहम हिस्सा है, जो प्रेम और एकता को बढ़ावा देता है। रंगों का ये त्यौहार दिखता है कि जीवन में खुशी और सहयोग कितना महत्वपूर्ण है। Anmol Hindi की तरफ से आप सभी को होली 2024 की शुभकामनाएं !

होली का त्योहार हमारे राष्ट्र की एक छवि है, यह विश्व के सभी देशों में हमारी संस्कृति को दर्शाता है होली का त्यौहार लोगों में बहुत अधिक दृढ़ता लाता है और उन्हें खुश करता है। आपको होली के बारे में ये जानकारियां कैसी लगी हमें नीचे Comment Box में अवश्य बताएं अगर आपको होली पर यह निबंध पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते हैं!

3 thoughts on “होली पर निबंध | My Favourite Festival Holi Essay in Hindi”

thank you very much aapki post kafi achhi he

धन्यवाद Honey, हमारे Blog के साथ बने रहें और ऐसी ही अच्छी जानकारियां प्राप्त करते रहें।

Everything is very open with a clear clarification of the challenges. It was really informative. Your website is extremely helpful. Many thanks for sharing!

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Holi essay ideas in Hindi and English

Holi essay in english and hindi: this holi, ditch the paint and celebrate with words discover unique essay ideas for both hindi and english learners. explore the festival's vibrant colours, historical stories, and the spirit of togetherness. get ready to unleash your creativity.

essay on my festival holi in hindi

New Delhi: Holi is one of the most auspicious festivals of colours, it holds a special place in the hearts of millions of people across the country and the globe too. People celebrate the festival of Holi with religious fervour, and joyous celebration and seek the blessings of the elderly and god on this day. It is a celebration of joy, love, and unity, marked by the playful splashing of colourful powders, traditional music and delicious food to enjoy with friends and family on this day.

Holi is a festival celebrated across all genders, castes and social statuses by performing various activities. Students in school celebrate the festival of Holi by delving into various cultural activities such as play, dance and essay writing competitions.

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Here is an article prepared for you to get ideas on the festival of Holi on how to write short, 10 lines, 150 words, and creative and inspiring essays in Hindi and English on the festival of Holi.

Holi essay in Hindi

  • Holi, ek rangon ka tyohaar hai, jo har saal phaagun mahine mein manaya jata hai. Yeh tyohaar pyaar, khushi aur ekta ka pratik hai. Log is din gulal aur abeer se ek doosre ko rangte hain aur khushi se nachte gaate hain. Holi ka mahatva Bharat ki sanskriti mein gehra hai aur yeh desh bhar mein bade dhoom dhaam se manaaya jaata hai.
  • Holi ka tyohaar bharat ki visheshata hai, jismein sabhi varg, jaati aur dharm ke log ek saath milte hain. Is din sabhi ke chehre par muskurahat hoti hai aur har koi apne sukh aur samriddhi ka aashirvaad deta hai. Yeh ek anand aur prem ka parv hai, jo sabko khushiyan aur pyaar ka ehsaas dilata hai.
  • Holi ka tyohaar buraai par acchai ki vijay ka pratik hai. Is din Bhagwan Vishnu ke bhakt Prahlad aur Hiranyakashyap ke katha ko yaad kiya jaata hai. Iske saath hi, Holika Dahan ke roop mein buraai ko jalaane ka pratha bhi hoti hai. Holi ke is mahatvapurn din par, log ek doosre ko khushiyan bhejte hain aur nayi shuruaat ke liye utsaahit hote hain.

Holi essay in English

  • Holi, known as the festival of colours, is one of the most vibrant and joyous festivals celebrated in India. It marks the arrival of spring and the victory of good over evil. People gather to play with vibrant coloured powders, known as gulal, and spray water on each other. This colourful celebration transcends barriers of age, gender, and social status, bringing people together in a spirit of unity and joy. Families and communities come together to share sweets, dance to traditional music, and exchange warm wishes.  Holi is also a time to forgive past grievances and start anew, fostering bonds of friendship and camaraderie. The festival holds deep cultural significance, with various legends and mythological stories associated with it. Overall, Holi is a time of immense happiness and exuberance, where people forget their differences and celebrate life with zest and enthusiasm.
  • Holi holds significant cultural and religious importance in Hindu mythology. It commemorates the victory of good over evil, with the tale of Prahlad and Holika symbolising this triumph. On the eve of Holi, bonfires are lit to signify the burning of evil spirits, known as Holika Dahan. The following day, people engage in playful revelry, smearing each other with colours and water. Traditional Holi sweets like gujiya and thandai add to the festive spirit. Additionally, the festival transcends religious boundaries, with people from all walks of life coming together to celebrate. Holi is a time of renewal and rejuvenation, symbolizing the arrival of spring and the promise of new beginnings. It promotes harmony, togetherness, and forgiveness, fostering a sense of unity among communities.
  • Holi, the festival of colours, is a celebration of joy, love, and unity. It brings people of all backgrounds together in a colourful spectacle of camaraderie and festivity. The vibrant hues of gulal symbolise the diversity of life and the beauty of unity in diversity. During Holi, old grievances are forgotten, and relationships are strengthened through shared laughter and joy. The festival transcends barriers of caste, creed, and religion, emphasising the universal values of love and compassion. Holi is also a time for feasting and merriment, with traditional delicacies and sweets adding flavour to the celebrations. As the colours fly and the music plays, Holi creates an atmosphere of pure bliss and happiness, spreading smiles and warmth to all who partake in its festivities.

10 lines Holi essay in Hindi

  • Holi, bharat mein manaya jaane wala ek mahatvapurn tyohaar hai. Is din log gulal aur abeer se ek doosre ko rangte hain aur khushi se naachte gaate hain. Holi ka tyohaar phaagun mahine mein manaya jaata hai, jab mausam khushnuma hota hai. Is din, sabhi log apne doston aur parivaar ke saath rangon ka utsav manate hain. Holi ka mahatva Bharat ki sanskriti mein gehra hai aur yeh tyohaar sabhi vargon mein utsaah ka pratik hai. Holi ke din, log ek doosre ko gulal lagate hain aur mithaiyan baantte hain. Holi ka tyohaar pyaar, khushi aur ekta ka pratik hai, jo sabhi ko saath lekar aata hai. Is din, buraai par acchai ki jeet ka bhi parv manaya jaata hai, jise Holika Dahan ke roop mein dekha jaata hai. Holi ke is khubsurat tyohaar ko sabhi log khushi se manate hain aur naye roop mein naye sapne dekhte hain.
  • Holi buraai par acchai ki vijay ka pratik hai, jo Haranyakashyap aur Prahlad ki katha se juda hai. Is din log Holika Dahan karte hain, jo buraai ko jalaane ka pratha hai. Yeh tyohaar dharma aur adhyatmikta ka bhi pratik hai. Holi ke is avsar par log ek doosre ko rang lagate hain aur khushi se milte hain. Prahlad ki katha ko yaad karke log is din ko yaad karte hain. Is din par gharo ko sundar tarike se sajaaya jaata hai aur mithaiyan banti hain. Har kona har taraf gulal ka jadoo hai, jo sabko bhaata hai. Yeh tyohaar logon ko naye sapno aur umeedon ke saath bharaata hai. Holi ke is mahaul mein sab ek doosre ke saath prem aur samriddhi ki kaamna karte hain. Holi ka mahaul prem aur utsaah se bhara hota hai, jo har kisi ko prabhavit karta hai.

10 lines Holi essay in English

  • Holi, the festival of colours, is celebrated with immense joy and enthusiasm across India. It marks the victory of good over evil and the arrival of spring. People gather to play with vibrant colours, smear each other with gulal, and exchange warm wishes. Holi is a time to forgive past grievances and strengthen bonds of friendship and love. Traditional sweets like gujiya and thandai add flavour to the celebrations. Bonfires are lit on the eve of Holi to symbolize the burning of evil spirits. The festival transcends barriers of caste, creed, and religion, fostering unity and harmony. Holi holds deep cultural significance and is celebrated with great fervour in every corner of the country. It is a time for fun, laughter, and spreading happiness among family and friends. Holi encapsulates the spirit of joy, renewal, and togetherness, making it a truly special celebration.
  • On the eve of Holi, bonfires are lit to signify the burning of Holika, the evil demoness. The festival brings people together to celebrate love, joy, and the triumph of truth. It is a time for forgiveness, reconciliation, and letting go of past animosities. Holi transcends religious boundaries, uniting people from diverse backgrounds in a spirit of camaraderie. The vibrant colours of Holi represent the diversity of life and the beauty of unity in diversity. Holi is a celebration of hope, renewal, and the promise of a brighter tomorrow. It teaches us to overcome darkness with light and spread love and happiness wherever we go. Holi serves as a reminder of the eternal battle between good and evil, and the eventual victory of righteousness.
  • Holi is a time for rejoicing, laughter, and spreading happiness to all. It is a festival that transcends boundaries, bringing people together in a spirit of unity and harmony. The vibrant colours of Holi symbolize the energy and excitement of life. It is a time to forget past grievances and embrace the joys of the present moment. Holi marks the arrival of spring, bringing with it a sense of renewal and rejuvenation. Bonfires are lit to symbolise the triumph of good over evil and the victory of light over darkness. Traditional sweets and delicacies add flavor to the celebrations, as families come together to share laughter and joy. Holi is a celebration of love, friendship, and the bonds that unite us all. It teaches us to appreciate the beauty of diversity and cherish the moments we share with loved ones. Above all, Holi reminds us to spread happiness wherever we go and to always celebrate life with open arms.

My favourite festival Holi essay

  • Holi, my favourite festival, holds a special place in my heart due to its vibrant colours and joyful celebrations. It is a time when friends and family come together to spread happiness and love. The festival marks the arrival of spring and symbolizes the victory of good over evil. I love the tradition of playing with colours, smearing gulal on each other, and dancing to lively music. Holi is also a time for indulging in delicious sweets and delicacies like gujiya and thandai. The atmosphere during Holi is filled with laughter, excitement, and positivity. I cherish the memories of celebrating Holi with my loved ones, creating colourful rangolis, and enjoying festive treats. The festival teaches us the importance of forgiveness, unity, and spreading joy to others. Overall, Holi is a celebration of life, happiness, and the bonds that bring us closer together.
  • Holi is not just a festival; it is a celebration of joy, love, and unity. I am captivated by the colourful spectacle of Holi, where people of all ages and backgrounds come together to play with colours and rejoice in the spirit of camaraderie. The festival brings a sense of renewal and rejuvenation as it marks the end of winter and the beginning of spring. I enjoy the tradition of smearing gulal on friends and family, exchanging warm wishes, and indulging in festive sweets. Holi teaches us the importance of forgiveness and letting go of past grievances. It transcends religious and social barriers, fostering a sense of togetherness and harmony among people. The vibrant colours of Holi symbolize the diversity and beauty of life, reminding us to embrace each moment with joy and positivity. Overall, Holi is a time for spreading happiness, building stronger bonds, and celebrating the beauty of life in all its colours.

Short essay on Holi

  • Holi, the festival of colours, is a time for rejoicing and renewal. It marks the end of winter and the beginning of spring, symbolizing the triumph of good over evil. People celebrate by playing with colours, smearing each other with gulal, and sharing sweets and delicacies. Bonfires are lit on the eve of Holi to commemorate the burning of Holika, the evil demoness. The festival brings people together in a spirit of unity and harmony, transcending social and cultural barriers. It is a time for forgiveness and reconciliation, as people let go of past grievances and embrace the joys of the present moment. Holi is a celebration of life, love, and the beauty of diversity. It teaches us to cherish the moments we share with loved ones and to spread happiness wherever we go.
  • Holi, often referred to as the festival of colours, is one of the most joyous and vibrant festivals celebrated in India. It signifies the triumph of good over evil and the arrival of spring. People gather to play with colours, smear each other with gulal, and indulge in festive treats. Bonfires are lit on the eve of Holi to symbolize the burning of Holika, the evil demoness. The festival transcends social barriers, bringing people of all ages and backgrounds together in a spirit of unity and camaraderie. Holi is also a time for forgiveness and reconciliation, as people let go of past grievances and start afresh. Traditional songs, dances, and delicious sweets add to the festive atmosphere. Overall, Holi is a celebration of joy, love, and the vibrant colours of life.

These essay ideas serve as a celebration of Holi’s cultural significance and its enduring appeal as a festival that brings people together in a spirit of joy, love, and togetherness.

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What to Know About Holi, India’s Most Colorful Tradition

The ancient festival has Hindu roots, but growing numbers worldwide are taking part in the celebration, which features bonfires, singing, dancing, prayer, feasting and clouds of pigmented powder.

Celebrants are covered in red and pink hues outside a temple.

By John Yoon and Hari Kumar

A rainbow haze swirls through India, where raucous laughter rings out as friends and strangers douse one another with fists full of pigmented powder. It is time for the ancient Hindu tradition of Holi, an annual celebration of spring.

In 2024, crimson, emerald, indigo and saffron clouds will hover over the country on March 25 for one of its most vibrant, joyful and colorful festivals.

“Playing Holi,” as Indians say, has spread far beyond India’s borders.

The revelry starts at sundown.

Holi (pronounced “holy”), also known as the “festival of colors,” starts on the evening of the full moon during the Hindu calendar month of Phalguna, which falls around February or March.

It begins with the kindling of bonfires. People gather around the flames to sing, dance and pray for an evening ritual called Holika Dahan, which re-enacts the demise of a Hindu demoness, Holika.

All sorts of things are thrown into the fires, like wood, leaves and food, in a symbolic purge of evil and triumph of good.

From Delhi, Archie Singhal, 24, visits her family in Gujarat the day before Holi, when the fire is lit in the evening. The next morning, she prepares for the bursts of powder, called gulal, by applying oil on her body so the colors don’t stick to her skin. She puts on old clothes she doesn’t mind tossing.

Why the colors?

Holi’s roots are in Hinduism. The god Krishna, cursed by a demon with blue skin, complained to his mother, asking why his love interest Radha is fair while he is not. His mother, Yashoda, playfully suggests that he paint Radha’s face with any colors he wishes. So Krishna smears color on her so they look alike.

Holi is in part a celebration of the love between Krishna and Radha that looks past differences. Today, some of the gulal used during Holi is synthetic. But the colors traditionally come from natural ingredients, such as dried flowers, turmeric, dried leaves, grapes, berries, beetroot and tea.

“There is an environment of freedom,” Ms. Singhal said, adding that she doesn’t hesitate to throw colors on her younger brother, parents, aunts, uncles and neighbors.

Everyone takes part.

The ancient Hindu festival eschews the religious, societal, caste and political divisions that underpin India’s often sectarian society . Hindu or not, anybody can be splashed with brightly colored dust, or even eggs and beer.

Some partake in worship, called puja, offering prayers to the gods. For others, Holi is a celebration of community. The festival gets everyone involved — including innocent passers-by.

“People forget their misunderstandings or enmity during this occasion and again become friends,” said Ratikanta Singh, 63, who writes, sometimes about Holi, in Assam, in northeastern India.

There’s a feast.

When not throwing around gulal, friends, families and neighbors partake in a buffet of traditional dishes and drinks. They include gujiya, dumpling-like fried sweets filled with dried fruits and nuts; dahi vada, deep-fried lentil fritters served with yogurt; and kanji, a traditional drink made by fermenting carrots in water and spices.

Some celebrate Holi with thandai, a light green concoction of milk, rose petals, cardamom, almonds, fennel seeds and other ingredients. For thousands of years, the drink has sometimes been laced with bhang, or crushed marijuana leaves, which add to the mood of revelry.

Holi has ancient roots.

Holi has been documented for centuries in Hindu texts. The tradition is observed by people young and old, particularly in Northern India and Nepal, where the stories behind the festival originated.

Holi also marks the harvesting of crops with the arrival of spring in India, where more than half of the population lives in rural areas.

Traditions vary across India.

Holi celebrations are as diverse as the Indian subcontinent. They are particularly wild in North India, considered the birthplace of the Hindu god Krishna, where celebrations can last more than a week.

In Mathura, a northern city where Krishna is said to have been born, people recreate a Hindu story in which Krishna visits Radha to romance her, and her cowherd friends, taking offense at his advances, drive him out with sticks.

In the eastern state of Odisha, people hold a dayslong festival called Dola Purnima . Grand processions of people shouldering richly decorated carriages with idols of Hindu gods are a large part of the festivities there. The processions are full of drumbeats, songs, colorful powder and flower petals thrown into the air.

In southern India, where Holi is not celebrated as widely, many temples carry out religious rites. In the Kudumbi tribal community, in the southwest, temples cut areca palms and transport their trunks to the shrine in a ritual that symbolizes the victory good over evil.

It’s not just in India.

Holi is celebrated around the world, wherever the Indian diaspora has gone. More than 32 million Indians and people of Indian origin are overseas, most in the United States, where 4.4 million reside, according to the Indian government.

It is also widely enjoyed in countries as varied as Fiji, Mauritius, South Africa, Britain and other parts of Europe.

Holi is known as Phagwah in the Indian communities of the Caribbean, including in Guyana , Suriname and Trinidad and Tobago.

The festival has also been used by the Indian government to project soft power and reshape its image as part of its “ Incredible India ” tourism campaign.

On Holi, “the world is a global village,” said Shubham Sachdeva, 29, from an eastern Delhi suburb, who added that his friends in the United States were celebrating Holi with their roommates whether they were Indian or not. “All this brings the world close to each other.”

An earlier version of a picture caption with this article misstated the location of a Holika Dahan celebration. It was in Durban, South Africa, not India.

How we handle corrections

John Yoon is a Times reporter based in Seoul who covers breaking and trending news. More about John Yoon

Hari Kumar covers India, based out of New Delhi. He has been a journalist for more than two decades. More about Hari Kumar

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