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पोषण क्‍या है - What is Nutrition

पोषण क्‍या है: what is nutrition in hindi.

सजीवों (मनुष्‍य समेत सभी जीव जंतु) के शरीर में जैविक क्रियाओं (biological function) के संचालन के लिए उर्जा की आवश्यकता होती है। यह ऊर्जा भोजन से प्राप्त होती है। सजीवों द्वारा भोजन (पोषक पदार्थों) का अन्तर्ग्रहण(भोजन को शरीर में पहुंचाने की क्रिया), पाचन, अवशोषण और स्वांगीकरण करने एवं अपच पदार्थ का परित्याग करने की सम्पूर्ण प्रक्रिया को पोषण कहते हैं। ऊर्जा उत्पादन, शारीरिक वृद्धि और टूट-फूट की मरम्मत के लिए आवश्यक पदार्थों को पोषक पदार्थ कहते हैं।

पोषक तत्‍वों के प्रकार: Types of nutrition in hindi

हमारे आहार में ऐसे फूड शामिल होने चाहिए जो सही मात्रा में पोषक तत्वों की आपूर्ति कर सके। इस तरह के आहार को संतुलित आहार कहा जाता है। ऊर्जा, ऊतकों के रखरखाव और शारीरिक क्रियाओं के लिए हर व्यक्ति को 6 पोषक तत्वों की जरूरत होती है। जिसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, वसा, पानी और खनिज शामिल है। आइए विस्तार से इनके बारे में जानते हैं।

  • प्रोटीन (Protein): शरीर के पोषण लिए प्रोटीन एक बहुत जरूरी न्यूट्रिएंट्स है जिसका सेवन हर किसी को करना चाहिए। हमारे शरीर की अच्छे तरह काम करने के लिए, मांसपेशियों के निर्माण तथा हमारे शरीर की कोशिकाओं को बनाने और सुधारने के लिए प्रोटीन अत्यंत जरूरी है। साथ में प्रोटीन हमारे शरीर की ऊर्जा का स्रोत भी है। प्रोटीन के समृद्ध स्रोत में अंडा, मछली, मीट और बीन्स शामिल है। प्रोटीन शरीर को अमीनो एसिड प्रदान करता है।
  • विटामिन (Vitamin): हमारे शरीर को विटामिन्स की बहुत ही जरूरत है। यदि किसी भी कारण कोई विटामिन हमारे शरीर को न मिल पाए तो हमारा शरीर विटामिन जनित रोगों से ग्रसित हो सकता है। विटामिन वह पदार्थ होते हैं, जो आपके शरीर को ग्रो करने में सहायता करते हैं। यह आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हैं तथा कई बीमारियों से दूर रखते हैं। ज्यादातर विटामिन हमें फल और सब्जी से प्राप्त होता है।
  • मिनरल्स (Minerals): मिनरल्स एक अच्छा न्यूट्रिशन है। कुछ महत्वपूर्ण मिनरल या खनिज हमारे शरीर के ठीक ढंग से काम करने के लिए जरूरी होते हैं। यह न केवल शरीर के मेटाबॉल्जिम को सही करता है बल्कि आपके स्वास्थ्य को भी अच्छा रखता है। इसके स्रोत में फल, सब्जी, डेयरी उत्पाद, मांस और मछली शामिल है।
  • कार्बोहाइड्रेट (Carbohydrate): कार्बोहाइड्रेट के रूप में स्टार्च या मंड प्रमुख भोज्य पदार्थ हैं जो कई तरह के खाद्य पदार्थ में पाया जाता है। आलू, साबूदाना, चावल, साबूत आनाज, पास्ता, रोटी, मक्का आदि में पर्याप्त मात्रा में कार्बोहाइड्रेट पाया जाता है। इसे खाने से शरीर को उर्जा मिलती है तथा यह पाचन में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है।
  • वसा (Fat): वसा या फैट हमारे आहार का मुख्य घटक है और शरीर में कई काम करता है। इसके आवश्यक स्रोत में डेयरी प्रोडक्ट, मांस, बीज, और नट तथा वनस्पति तेल जैसे खाद्य पदार्थ शामिल है। फैट, फैटी एसिड में पच जाता है, जिसका उपयोग ऊर्जा स्रोत के रूप में किया जाता है।
  • पानी (Water): पानी को भी हम न्यूट्रिशन में शामिल करते हैं। शरीर का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा पानी से बना है। यह पर्याप्त एच2ओ पीने से शरीर में तरल संतुलन को बनाए रखने में सहायता मिलती है, जो शरीर में पोषक तत्वों के परिवहन में मदद करता है, शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और भोजन को पचाने में सहायता करता है। इसलिए कभी अपने शरीर में पानी की कमी न होने दें।

शरीर के लिए पोषण की उपयोगिता क्‍या है?: What is the usefulness of nutrition in hindi

किसी भी सजीव के लिए पोषण जरूरी है, इसके लिए शरीर क्रियाएं संभव नहीं है। जिस प्रकार से किसी वाहन के लिए ईंधन की जरूरत पड़ती है उसी प्रकार हमारे शरीर को पोषक तत्‍वों की आवश्‍यकता होती है। आइए विस्‍तार से पोषक तत्‍वों की आवश्‍यकता के बारे में जानते हैं।

  • ऊर्जा (Energy): शरीर के विभिन्न कार्यों के संचालन हेतु आवश्यक ऊर्जा के विभिन्न अवयवों मुख्यतः कार्बोहाइड्रेट एवं वसा के ऑक्सीकरण से प्राप्त होती है।
  • शारीरिक मरम्मत: भोजन शरीर की वृद्धि एवं क्षतिग्रस्त अंगों एवं ऊतकों की मरम्मत में योगदान करता है। इस कार्य को प्रोटीन, खनिज, लवण, विटामिन्स आदि सम्पन्न करने में योगदन करते हैं।
  • उपापचयी नियन्त्रण: भोजन शरीर के विभिन्न अंगों एवं जन्तुओं को उचित दशा में बनाए रखता है और उनका उचित संचालन कर उपापचयी क्रियाओं पर नियन्त्रण रखने में योगदान करता है। इस कार्य में विटामिन्स, खनिज, लवण एवं जल की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
  • इम्‍यूनिटी: सन्तुलित भोजन शरीर में रोग प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाता है। प्रोटीन, खनिज लवण, विटामिन आदि इस कार्य के लिए महत्त्वपूर्ण पदार्थ हैं। इस प्रकार भोजन शरीर की रोगों से रक्षा करता है।

प्रतिदिन कितने पोषण की होती है जरूरत

आमतौर एक ह्यूमन बॉडी को उसकी उम्र और जैविक क्रियाओं के अनुसार पोषक तत्‍वों की जरूरत होती है। बच्‍चों, गर्भवती महिलाओं और वयस्‍कों के लिए अलग-अलग मानक तय किए गए हैं और इन्‍हीं मानकों के अनुसार व्‍यक्ति को अपने भोजन में पोषक तत्‍वों को सम्मिलित करना चाहिए। अगर भारतीयों की बात करें तो भारत सरकार के सर्वे भी यही कहते हैं कि प्रति व्‍यक्ति पोषण उसकी उम्र के अनुसार होने चाहिए। 2012 के सर्वे में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग पोषण के मानक दिए गए हैं। हालांकि हम आपको नूट्रिशनिस्ट (आहार विशेषज्ञ) द्वारा बताई गई पोषण जरूरतों के बारे में बता रहे हैं। आप भी किसी आहार विशेषज्ञ से सलाह लेकर शरीर की जरूरत के हिसाब से पोषक तत्‍व ले सकते हैं।

पोषण प्रतिदिन की जरूरत:

  • प्रोटीन: 64 ग्राम 
  • तरल पदार्थ (पानी, दूध और अन्‍य पेय पदार्थ): 2.5 से 3 लीटर 
  • फाइबर: 30 ग्राम 
  • विटामिन A: 900 माइक्रोग्राम 
  • थाइमिन: 1.2 मिलीग्राम 
  • राइबोप्‍लेविन: 1.3 मिलीग्राम 
  • नियासिन: 16 मिलीग्राम 
  • विटामिन B6: 1.3 मिलीग्राम 
  • विटामिन B12: 2.4 माइक्रोग्राम 
  • फोलेट: 400 माइक्रोग्रम 
  • विटामिन C: 45 मिलीग्राम 
  • कैल्शियम: 1000 मिलीग्राम 
  • आयोडीन: 150 माइक्रोग्राम 
  • आयरन: 8 मिलीग्राम 
  • मैग्‍नीशियम: 400 मिलीग्राम 
  • पोटैशियम: 3800 मिलीग्राम 
  • सोडियम: 460-920 मिलीग्राम 
  • जिंग: 14 मिलीग्राम

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Essay on Healthy Food in Hindi | संतुलित आहार पर निबंध

essay on healthy food in hindi

स्वस्थ भोजन निबंध; सभी महत्वपूर्ण और उपयोगी जानकारी के साथ अंग्रेजी में स्वस्थ भोजन निबंध जहां हर कोई स्वस्थ भोजन के बारे में अधिक जानना चाहता है और स्वस्थ भोजन और शरीर के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्वों से भरे आहार का पालन कैसे करें। हर कोई अब अनुसंधान के बाद स्वस्थ भोजन पसंद करता है स्वास्थ्य समस्याओं को साबित कर दिया है कि अस्वास्थ्यकर भोजन के कारण शरीर उजागर हो रहा है। यहां आपको स्वस्थ भोजन के बारे में सभी जानकारी के साथ अंग्रेजी में एक स्वस्थ भोजन निबंध मिलेगा।

Healthy Food Essay in Hindi – Postik aahar essay in hindi

कुल वसा, संतृप्त वसा, जस्ता, विटामिन डी, कैल्शियम और प्रोटीन का सेवन कम करना। संतुलित स्नैक में कार्बोहाइड्रेट स्रोत और प्रोटीन वसा स्रोत होते हैं। ये खाद्य पदार्थ अपेक्षाकृत सस्ते होते हैं और अच्छी मात्रा में ऊर्जा और कुछ प्रोटीन की आपूर्ति करते हैं। स्वस्थ खाने के क्विज़ में वर्तमान में खाद्य पदार्थों की एक सूची शामिल है, हालांकि, अन्य देशों के लोग क्विज़ तक पहुंच सकते हैं। ऐसा इसलिए हो सकता है क्योंकि सुबह प्रोटीन और फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने से आपकी भूख बाकी दिनों में बनी रहती है। हालांकि, इस बारे में व्यापक सहमति है कि कौन से खाद्य पदार्थ फायदेमंद हैं और लोगों को उनकी स्थिति का प्रबंधन करने में मदद करने के लिए लगता है, और किन खाद्य पदार्थों से बचना है। क्या आपको लगता है कि आपका दोस्त कम वसा और चीनी खाने की ज़रूरत के बारे में आश्वस्त था। आपकी भोजन की पसंद और आप कितना खाते हैं, आपके रक्त शर्करा के स्तर के सापेक्ष है।

यद्यपि करने के लिए तार्किक बात यह है कि उन्हें उतारना है, वे खाद्य कागज से बने होते हैं और यहां तक ​​कि गोंद खाद्य ग्रेड भी होता है, बस अगर आप स्टिकर को बिना नोटिस किए खाते हैं। शक्कर वाले पेय के बजाय पानी पिएं: पानी या बिना पिए पेय पदार्थ से कैलोरी। आप देखेंगे कि आपको कुछ खाद्य समूहों से कम या ज्यादा खाने की ज़रूरत है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इसके अतिरिक्त आवश्यक पोषक तत्वों के पौधों में फाइटोन्यूट्रिएंट्स होते हैं जो आवश्यक नहीं होते हैं लेकिन शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद होते हैं। वे अध्ययन से पता चलता है कि लोगों का वजन कम करने और इसे बंद रखने में मदद करने में आहार असफल हैं। हम वरिष्ठों के लिए स्वस्थ भोजन के महत्व को भी समझते हैं।

पृथ्वी पर स्वास्थ्यप्रद आहार में अक्सर साबुत, फाइबर युक्त खाद्य पदार्थों के अलावा ताजा जड़ी बूटियों का एक समूह शामिल होता है। इसलिए, अपने मांस को चुनने से आपको अधिक परेशानी हो सकती है। लेबल पढ़ें और रसोई के पैमाने का उपयोग करें यदि आप पैक किए गए खाद्य पदार्थों के लिए भाग के आकार से परेशान हैं। इस्लाम हमें सिखाता है कि हमें संतुलित आहार खाना चाहिए जो हमें स्वस्थ रहने में मदद कर सकता है। जोड़ा चीनी के साथ खाद्य पदार्थ खाने के बजाय, फल, सब्जियां जैसे गोभी, फूलगोभी, ककड़ी, भिंडी, पालक, शलजम और साबुत अनाज की कोशिश करें।

घर पर और काम पर अधिक फल, कम वसा वाले डेयरी उत्पाद, सब्जियां और साबुत अनाज वाले खाद्य पदार्थ रखें। Correct सही रूप में सभी पोषक तत्वों से भोजन सहित एक अच्छी तरह से संतुलित आहार exercise नियमित शारीरिक व्यायाम में कम से कम मिनटों iling रवैया diet हमेशा मुस्कुराएं। भोजन: रीडिंग फूड लेबल को एक गेम बनाएं, जिसकी तुलना में आप घर पर भोजन तैयार करते हैं। वसा: हम में वसा का डर होता है, लेकिन हमारे शरीर को इसकी आवश्यकता होती है। हर हफ्ते तरह-तरह की सब्जियां और फल खाकर अपने पोषक तत्वों का सेवन बढ़ाएं। कुछ ऊर्जा पेय चीनी और कैफीन दोनों में उच्च हैं। यह मोटापा, हृदय रोग, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, अवसाद और कैंसर के जोखिम और गंभीरता को कम कर सकता है। एक स्वस्थ आहार बीमारी के लिए आपके जोखिम को कम करता है।

कुछ प्रकार के मांस वसा में उच्च होते हैं – विशेष रूप से संतृप्त वसा। यदि आपके पास कोई नहीं है, तो लाभ प्राप्त करने के बाद आपको एक कार्ड नंबर मिलेगा।

चिकन या टर्की पकाने से पहले त्वचा को बंद कर दें। में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन ने चार अलग-अलग प्रकार के आहारों का परीक्षण करके और विभिन्न आहारों के बीच तुलनीय औसत वजन घटाने के परिणामों का परीक्षण करके उपरोक्त अध्ययन के निष्कर्षों को चुनौती दी। कॉटेज पंजीकृत आहार विशेषज्ञ, स्वस्थ भोजन के लिए खाद्य पदार्थों की रूपरेखा तैयार करते हैं। न केवल हम संतुलित भोजन प्रदान करते हैं, बल्कि हम निवासियों की विशेष आहार आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए भी हर संभव प्रयास करते हैं। हमें अक्सर बताया जाता है कि संतुलित आहार खाना ज़रूरी है, लेकिन संतुलित आहार क्या है। संतृप्त वसा मक्खन, हार्ड मार्जरीन, लार्ड, क्रीम, क्रीम आधारित सॉस, मांस पर वसा, चिकन पर त्वचा, और सॉसेज, बर्गर, काले और सफेद हलवा, मांस pies और पीट जैसे प्रसंस्कृत मांस में पाया जाता है। एक कैलोरी एक कैलोरी एक बार-बार दोहराया जाने वाला आहार नारा है, और अधिक भोजन न करना वास्तव में एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य उपाय है।

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आज हम आपको बताएंगे कुछ ऐसे फूड्स के बारे में जो प्रोटीन से भरे होते हैं । प्रोटीन भोजन एक मुख्य आवश्यक तत्व है, प्रोटीन मानव शरीर के विकास व वृद्धि में सहायक पोशाक तत्व है! यही तत्व शरीर की कोशिकाओं को अर्थात मांस आदि का निर्माण करता है इसकी प्रचूर मात्रा भोजन में रहने से शरीर की कोशिकाओं का निर्मित और मरम्मत आदि कार्य के लिए सुचारू रूप से जीवन भर चलता रहता है। हमारे शरीर के सभी प्रक्रियाओं को अलग अलग मात्रा में अलग अलग समय पर प्रोटींस की जरूरत पड़ती है, शरीर हर समय प्रोटींस का इस्तेमाल करता रहता है, और हमेशा इसकी पूर्ति करना आवश्यक होता है, इसलिए स्वास्थ्य और निरोगी रहने के लिए रोज आहार में प्रोटीन लेना आवश्यक होता है। प्रोटीन के अलावा विटामिन, कार्बोहाइड्रेट, फैट जैसे पोष्टिक तत्व भी हमारे शरीर में संतुलित मात्रा में होते हैं। संतुलित आहार के अंतर्गत मनुष्य अनाज, हरी सब्जियां, दूध, दही और फल आदि खा सकता है जोकि बहुत ही पोस्टिक होते हैं। आधुनिक युग में लोग पौष्टिक आहार से दूर होते हुए हमें दिखाई पर रहे हैं। और तो और पोष्टिक आहार ना लेने के कारण बच्चों में मोटापा, मधुमेह, और ह्रदय रोग जैसी गंभीर बीमारियां उत्पन्न होती जा रही है । स्वस्थ भोजन खाने के रूप में हमें अधिक पानी पीना भी उतना ही महत्वपूर्ण माना जाता है ! स्वस्थ भोजन मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाता है । फॉलो, सब्जियों का भोजन करने से भी हमारे शरीर और मस्तिष्क को स्वस्थ, मजबूत और सक्रिय बनाता है |

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संतुलित आहार पर निबंध Essay on Healthy Food in Hindi

संतुलित आहार पर निबंध Essay on Healthy Food in Hindi: हेलों दोस्तों, आज हम बात करने जा रहे हैं. संतुलित आहार, भोजन अथवा जिसे कह सकते हैं पौष्टिक आहार balanced diet पर.

जीवन में सभी चीजों के मध्य संतुलन और सामजस्य होना बेहद जरुरी हैं. तभी जीवन रुपी यह साइकिल ठीक से चल पाएगी.

संतुलित भोजन निबंध में खासकर बच्चों के लिए संतुलित आहार पर छोटा निबंध और पेरोग्राफ यहाँ बता रहे हैं. परीक्षा के दृष्टिकोण से भी आप इस एस्से को याद कर सकते हैं.

Essay on Healthy Food in Hindi संतुलित आहार पर निबंध

संतुलित आहार पर निबंध Essay on Healthy Food in Hindi

खाना हम सभी खाते हैं. खाते और पीते समय हम दूध, दलिया, फल, जूस का सेवन भी करते हैं. आजकल फास्टफूड चलन में हैं. फास्ट फूड जितनी तेजी से बनता हैं,

उतनी ही तेजी से वह शरीर को नुक्सान भी पहुचाता हैं. दूध दलिया, फल, और जूस को प्रारम्भ से ही भोजन में शामिल करने के लिए कहा जाता हैं.

दूध – दूध एज्मात्र ऐसा संतुलित आहार हैं, जिसका व्यक्ति बचपन से वृद्धावस्था तक उपयोग करता हैं. दूध अपने आप में सम्पूर्ण आहार माना जाता हैं. इसमें पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में होते हैं.

यह हमारे शरीर को आवश्यक पोषण प्रदान कर उसे मजबूत बनाता हैं. बीमारियों से लड़ने के लिए तैयार करता हैं. और शरीर का शारीरिक और मानसिक विकास करता हैं.

दूध को प्रकृति का कल्याण पेय कहा गया हैं. इसमें केल्शियम, पौटेशियम, प्रोटीन, फास्फोरस, राइबोफ्लेविन, नियासिन, विटामिन ए, डी और बी 12 होते हैं. दूध स्मरण शक्ति में वृद्धि करता हैं. दूध अत्यंत गुणकारी हैं. इसे आज से ही अपने आहार में शामिल कर लीजिए.

दलिया -दलिया एक सुपाच्य पदार्थ हैं. इसे गेहूं को दरदरा पीसकर बनाया जाता हैं. स्वास्थ्य के लिए दलिया बहुत लाभदायक हैं. इसे नाश्ते में शामिल अवश्य रूप से करना चाहिए. दलिया खाने से वजन कम होता हैं. यदि प्रतिदिन दलिए का सेवन किया जाए तो पूरे दिन शरीर में ऊर्जा बनी रहती हैं.

शरीर में ऊर्जा के कारण मेटाबोलिज्म सिस्टम भी बढ़िया रहता हैं. दलिया में भरपूर एंटी ओक्सिडेंट होते हैं, जो शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकाल देते हैं. और शरीर को स्वस्थ बनाते हैं.

दलिया खाने से हीमोग्लोबिन बढ़ता हैं. इन्हें दूध फल के साथ नमकीन या मीठा बनाया जा सकता हैं. इसमें यह पोषक तत्व होने के साथ साथ स्वादिष्ट भी लगता हैं.

फल -प्रतिदिन फल का सेवन करने से बीमारियाँ दूर रहती हैं. और सेहत अच्छी होती हैं. यह कहावत तो आप सबने सुनी होगी कि एक सेब रोज खाओ और डॉक्टर को दूर भगाओ.

सभी फल गुणकारी होते हैं. सेब में जहाँ विटामिन ए प्रचुर मात्रा में होता हैं. वही खट्टे फल जैसे संतरा, आम आदि में विटामिन भरपूर होते हैं.

बच्चों को मौसमी फलों का सेवन अवश्य करना चाहिए. इन दिनों आम, लीची, हरे बादाम, जामुन और तरबूज का सेवन करना चाहिए. इनका सेवन करने से गर्मी नहीं सताती हैं और शरीर को ठंडक मिलती हैं.

जूस – आप जिन फलों का सेवन करने से घबराते हैं, उन्हें जूस के रूप में ले सकते हैं. जूस बेहद स्वादिष्ट लगता हैं. आम, गन्ना, संतरा, अनार, मौसमी, घृतकुमारी, नीम्बू, आंवला बाजार में सहजता से मिल जाते हैं.

घृतकुमारी और आंवला जैसे जूस का सेवन तो अनेक बीमारियों से बचाता हैं. आप सभी अपनी पसंद के अनुसार जूस का सेवन कर सकते हैं और स्वयं को स्वस्थ रखकर सुखी व अच्छा जीवन जी सकते हैं.

मोटा मनुष्य ही स्वस्थ होगा, यह कोई अनिवार्य शर्त नहीं हैं. किसी भी शरीर के आकार का इंसान स्वस्थ हो सकता हैं. जीवन में कामयाबी के लिए अच्छे स्वास्थ्य का होना बहुत जरुरी हैं.

विशेष कर विद्यार्थी जीवन में स्वास्थ्य का बड़ा महत्व हैं. यदि स्टूडेंट्स पूर्ण रूप से स्वस्थ नहीं होगा तो वह हमेशा औरों से स्वयं को कमजोर महसूस करेगा, पढ़ाई लिखाई में उसका मन नहीं लगेगा तथा पिछड़ जाएगा.

संतुलित भोजन खाने से हमारा स्वास्थ्य भी अच्छा रहता हैं. अच्छे संतुलित आहार में सभी प्रकार के पोषक तत्व सम्मिलित होते हैं. शरीर के लिए आवश्यक विटामिन, प्रोटीन, खनिज तत्व आदि शामिल किये जाते हैं.

दूध, घी, मक्खन, हरी सब्जियों के सेवन से हमारी सेहत अच्छी रहती हैं. विद्यार्थी को समय पर भोजन करने की आदत विकसित करनी चाहिए. साथ ही उन्हें अच्छे स्वास्थ्य से जुड़ी पुस्तकों सेहत की देखभाल से जुड़े लेख नित्य पढने चाहिए.

व्यक्ति के स्वस्थ रहने के लिए उसे स्वच्छता पर भी ध्यान देना चाहिए. उनके पहनने के कपड़े, सोने के बिस्तर, अपना कमरा आदि भी साफ़ सुथरे होने चाहिए. जहाँ आप अधिकतर समय बीताते हैं वहां पर्याप्त मात्रा में रोशनी भी होनी चाहिए.

अधिक समय तक सोते रहना अच्छे स्वास्थ्य की निशानी नहीं हैं. हमें जल्दी सोकर जल्दी उठने की आदत विकसित करनी चाहिए.

  • संतुलित भोजन एवं उसके अवयव
  • भोजन पर सुविचार अनमोल वचन
  • स्वच्छता की परिभाषा और महत्व

उम्मीद करता हूँ दोस्तों यहाँ दिया गया स्वस्थ भोजन  संतुलित आहार पर निबंध Essay on Healthy Food in Hindi का यह लेख आपकों पसंद आया होगा.

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ESSAY KI DUNIYA

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Essay on Healthy Food in Hindi – संतुलित आहार पर निबंध

July 6, 2018 by essaykiduniya

Get information about Healthy Food in Hindi Language. Here you will get Paragraph and Short Essay on Healthy Food in Hindi Language for students of all Classes in 200, 300 and 500 words. यहां आपको सभी कक्षाओं के छात्रों के लिए हिंदी भाषा में संतुलित आहार पर निबंध मिलेगा।

Essay on Healthy Food in Hindi

Few points on Healthy Food in Hindi Language – संतुलित आहार पर निबंध

1. संतुलित आहार अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही आवश्यक है और इसे स्वस्थ भोजन भी कहा जाता है।

3. संतुलित आहार के अंतर्गत हरी सब्जियां, फल, मांस, मछली और दूध आते हैं।

4. संतुलित आहार के अभाव में व्यक्ति मोटापा और हृदय रोग से ग्रस्त हो जाता है।

5. संतुलित आहार केवल स्वास्थय को ही अच्छा नहीं रखता अपितु दिमाग को भी तेज करता है।

6. संतुलित भोजन शरीर से रोगों को बाहर करता है और मधुमेह और उच्च रक्तचाप से निजात दिलाता है।

7. संतुलित आहार लेने से व्यक्ति में ऊर्जा की कमी नहीं होती है और वह हमेशा स्वस्थ रहता है।

8. बच्चों को संतुलित आहार खिलाने के लिए रंग बिरंगे पकवान बनाने चाहिए और नए नए तरीके निकालने चाहिए।

9. लोगों को धीरे धीरे जंक फूड का त्याग कर संतुलित भोजन की तरफ आकर्षित होना चाहिए।

10. संतुलित आहार स्वस्थ स्वास्थ्य की चाबी है जिसके महत्व को प्रत्येक व्यक्ति को समझना चाहिए।

11. लोगों को चाहिए कि वह वसा का कम से कम सेवन करे और संतुलित आहार लेने की आदत को अपनाए।

Short Essay on Healthy Food in Hindi Language – संतुलित आहार पर निबंध ( 300 words )

हर व्यक्ति को जीवित रहने के लिए भोजन की जरूरत होती है। भोजन हमें शक्ति प्रदान करता है लेकिन शक्ति भी तभी मिलती है जब खाया जाने वाला आहार संतुलित हो। संतुलित आहार का अर्थ है वह भोजन जिसमें प्रोटीन, विटामिन, फैट और कार्बोहाईड्रेट्स जैसे पौष्टिक तत्व संतुलित मात्रा में हो। संतुलित आहार के अंतर्गत मनुष्य अनाज, हरी सब्जियाँ दुध दही और फल आदि खा सकता है जो कि बहुत ही पौष्टिक होते हैं। आधुनिक युग में लोग पौष्टिक आहार से दुर जाते जा रहे है और जंक फूड का सेवन ज्यादा कर रहें हैं।

संतुलित आहार न लेने के कारण बच्चों में मोटापा मधुमेह और हृदय रोग जैसी गंभीर बिमारियाँ उत्पन्न होती जा रही है। संतुलित आहार स्वस्थ जीवन के लिए बहुत ही जरूरी है। आपको अपने खाने की दिनचर्या इस तरह से बनानी चाहिए कि तीनों समय कोई न कोई पौष्टिक भोजन जरूर रहें। हमें स्वाद से ज्यादा खाने की पौष्टिकता पर ध्यान देना चाहिए। सब जानते है कि बच्चों को साधारण भोजन पसंद नहीं आता और वह जल्दी ही उससे बोर भी हो जाते हैं। बच्चों को संतुलित आहार खिलाने के लिए नए नए तरीके निकालने चाहिए। बच्चों को रंग बिरंगा भोजन बहुत पसंद होता है इसलिए उन्हें गाजर मूली आदि का स्लाद खिलाए जिसका अलग अलग रंग उनको आकर्षित करेगा।

पौष्टिकता से भरपूर शिमवा मिर्च, पालक ,मलाई आदि का पिज्जा बनाकर खिलाए जिनसे उन्हें पौष्टिक तत्व भी मिलेंगे और स्वाद भी। संतुलित आहार सिर्फ बच्चों को ही नहीं बड़ो को भी लेना चाहिए क्योंकि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ऊर्जा और हिम्मत की बहुत ही जरूरत होती है। जब इंसान के अंदर पर्याप्त मात्रा में पौष्टिक तत्व होंगे और वह मजबूत होगा तभी तो अच्छे से काम कर पाएगा। हम सबको अपनी दिनचर्या में संतुलित आहार को सम्मलित करना होगा।

Essay on Healthy Food in Hindi Language – संतुलित आहार पर निबंध ( 500 words )

स्वस्थ भोजन हमें अच्छा स्वास्थ्य देता है। यह हमें ऊर्जा देता है जहां जंक फूड बस एक अस्वास्थ्यकर भोजन है, गरीब पोषण मूल्य के साथ भोजन; जंक फूड में बहुत अधिक वसा और चीनी होती है। लेकिन स्वस्थ भोजन पौष्टिक मूल्य से समृद्ध है। इसके अलावा जंक फूड में संरक्षक, रसायन, कृत्रिम रंग और स्वाद होते हैं। लेकिन स्वस्थ भोजन में इन पदार्थों को शामिल नहीं किया जाता है। हालांकि, जंक फूड और स्वस्थ भोजन दोनों स्वादिष्ट हैं लेकिन जंक फूड स्वस्थ भोजन की तुलना में अधिक स्वादिष्ट है। हालांकि, जंक फूड ने शरीर के स्वास्थ्य को प्रभावित किया है और मोटापे, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कभी-कभी जहर जैसी खतरनाक बीमारियों का कारण बनता है। दूसरी तरफ, स्वस्थ भोजन शरीर को बीमारियों से बचाता है और बचाता है।

भोजन हर इंसान के जीवन का एक अनिवार्य हिस्सा है। स्वस्थ खाद्य पदार्थ जिनमें पोषक तत्वों की सही मात्रा होती है उन्हें दैनिक आधार पर सभी द्वारा खाया जाना चाहिए। स्वस्थ तरीके से बढ़ने के लिए एक संतुलित आहार बहुत महत्वपूर्ण है। फल और सब्जियों में बहुत सारे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं। हमें सभी प्रकार के फल और सब्जियां खाना चाहिए। एक स्वस्थ जीवन हमें एक खुशहाल जीवन देता है।

आज की दुनिया में, लोग अधिक तेलवान खाद्य पदार्थ और जंक फूड खाते हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि इस प्रकार के खाद्य पदार्थ स्वास्थ्य के लिए सभी अच्छे नहीं हैं और समय-समय पर अनावश्यक बीमारियों को उकसाकर हमारे दिनचर्या को खराब कर देते हैं। भोजन हमारी ऊर्जा का स्रोत है। तो सही प्रकार के खाद्य पदार्थों का चयन करना जिनमें सही मात्रा में विटामिन और खनिज शामिल हैं, बहुत महत्वपूर्ण है। हमें नियमित रूप से अपने बच्चों को अत्यधिक पौष्टिक भोजन देना चाहिए।

स्वस्थ भोजन खाने के रूप में अधिक पानी पीना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। स्वस्थ भोजन मस्तिष्क और शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाता है। फलों, सब्जियों का स्वस्थ भोजन आपको मजबूत और सक्रिय बनाता है। यह एक अच्छा शरीर के वजन को बनाए रखने और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है। संरक्षित या डिब्बाबंद खाद्य और ऐसे अन्य खाद्य पदार्थ शरीर के लिए पूरी तरह से अस्वास्थ्यकर हैं। कुछ समय से, इससे गंभीर बीमारी और गंभीर बीमारियां होती हैं। जंक फूड खाने वाले बच्चों में अक्सर एकाग्रता की कमी होती है। स्वास्थ्य हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है।

हमें रोज़ाना खेलना चाहिए। दैनिक 3 से 4 किमी तेज चलने से हम फिट और स्वस्थ रह सकते हैं। हमें हर दो घंटे पढ़ने के बाद मुफ्त हाथ व्यायाम करना होगा। यह हमारे दिमाग को ताजा रखता है। धन की कमी ठीक हो सकती है लेकिन स्वास्थ्य नहीं। यह धन से बेहतर है और हर किसी के लिए कुछ और है। हमें स्वस्थ रखने के लिए हम मानक स्वस्थ भोजन का पालन करते हैं। हमें अपने स्वास्थ्य की ओर सावधान रहना चाहिए। हमें अपने माता-पिता को दिखाने के लिए झूठे अध्ययन के लिए लटका नहीं रहना चाहिए।

हम आशा करते हैं कि आप इस निबंध ( Essay on Healthy Food in Hindi – संतुलित आहार पर निबंध ) को पसंद करेंगे।

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Health Essay in Hindi – जीवन उन अनमोल क्षणों के बारे में है जिन्हें हम संजोते हैं, वे यादें जो हमें मुस्कुराती हैं, वे लोग जिनके लिए हम आभारी महसूस करते हैं और वे चीजें जो हमारी आत्मा को प्रभावित करती हैं। जीवन में सबसे कीमती चीजें खरीदी या बेची नहीं जा सकतीं, और वे मूर्त नहीं हैं। स्वास्थ्य उनमें से एक है. यह हर किसी के जीवन की सबसे कीमती चीज़ है जिसे खरीदा नहीं जा सकता लेकिन इसका व्यक्ति के जीवन भर बहुत विविध प्रभाव पड़ता है। स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण घटक है जो किसी भी व्यक्ति की संपूर्ण जीवनशैली को तय करता है। अच्छे और बुरे स्वास्थ्य के प्रभावों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए आज हम इस पर विस्तार से चर्चा करेंगे।

स्वास्थ्य पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Health Essay 10 Lines in Hindi) 100 – 150 Words

  • 1) अच्छा स्वास्थ्य पृथ्वी पर हर इंसान की इच्छा है।
  • 2) मनुष्य की जीवनशैली में स्वास्थ्य एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
  • 3) अच्छी जीवनशैली के लिए अच्छा स्वास्थ्य बहुत जरूरी है।
  • 4) विटामिन और खनिजों से भरपूर पौष्टिक खाद्य पदार्थ खाना अच्छे स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है।
  • 5) अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए नियमित शारीरिक गतिविधि एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
  • 6) स्वास्थ्य समस्याओं के शीघ्र निदान और उपचार के लिए नियमित जांच महत्वपूर्ण है।
  • 7) खराब स्वास्थ्य किसी व्यक्ति को कई शारीरिक, सामाजिक और मानसिक बीमारियों को आमंत्रित कर सकता है।
  • 8) अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना दैनिक दिनचर्या की प्राथमिकता में होना चाहिए।
  • 9) धूम्रपान और शराब जैसी बुरी लतें हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती हैं।
  • 10) स्वास्थ्य एक ऐसी चीज़ है जिसे हम पैसे से नहीं खरीद सकते; हमें इस पर लगातार काम करना होगा.

स्वास्थ्य पर निबंध 200 शब्द (Essay On Health  200 words in Hindi)

आम धारणा के विपरीत, स्वास्थ्य का मतलब केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ होना और किसी भी बीमारी से रहित होना नहीं है, बल्कि इसका मतलब किसी व्यक्ति का समग्र कल्याण भी है। इसमें मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत होना, स्वस्थ अंतर-व्यक्तिगत संबंध रखना, अच्छा संज्ञानात्मक कौशल रखना और आध्यात्मिक रूप से जागृत होना शामिल है।

स्वस्थ रहना कोई अवस्था नहीं है; यह जीवन का एक तरीका है। यह एक प्रक्रिया है. अपने शारीरिक स्वास्थ्य को नियंत्रण में रखने के लिए आपको प्रतिदिन उचित आहार लेने की आवश्यकता है। आप सप्ताह में दो दिन पौष्टिक आहार नहीं ले सकते और बाकी समय जंक फूड खाकर स्वस्थ बने रह सकते हैं। इसी तरह, आप एक ही दिन में 24 घंटे सो नहीं सकते और अगले तीन दिनों तक जाग नहीं सकते। अच्छे आकार में रहने और अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखना आवश्यक है। पोषक तत्वों से भरपूर भरपूर आहार लेने के अलावा स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए पर्याप्त नींद और दैनिक व्यायाम भी करना चाहिए।

अपने आप को ऐसे लोगों से घेरना भी आवश्यक है जो सकारात्मकता लाते हैं और आपको नीचे खींचने के बजाय आपमें सर्वश्रेष्ठ लाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। सामाजिक रूप से सक्रिय रहने और लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के अलावा, अपने अंदर झांकना भी जरूरी है। अपनी आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझने और अपने जीवन को सही दिशा में ले जाने के लिए प्रतिदिन कुछ समय अकेले बैठने के लिए निकालें। यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को बरकरार रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

स्वास्थ्य पर निबंध 250 शब्द (Essay On Health  250 words in Hindi)

स्वास्थ्य सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है जो हमारे पास हो सकती है। यह निर्धारित करता है कि हम दुनिया के साथ कैसे बातचीत करते हैं और अपने जीवन का आनंद कैसे लेते हैं। संतुलित आहार लेना, पर्याप्त नींद लेना और नियमित व्यायाम करना, स्वस्थ जीवन शैली जीने का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह महत्वपूर्ण है कि हम अपने शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने का प्रयास करें।

शारीरिक मौत

स्वस्थ जीवनशैली जीने में ताजे फल और सब्जियां, कम वसा वाले मांस या मछली, जटिल कार्बोहाइड्रेट और स्वस्थ वसा का संतुलित आहार खाना शामिल है। विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ खाने से यह सुनिश्चित करने में मदद मिलती है कि हमें वे सभी महत्वपूर्ण विटामिन और खनिज मिल रहे हैं जिनकी हमारे शरीर को आवश्यकता है। स्वस्थ जीवनशैली बनाए रखने के लिए व्यायाम भी आवश्यक है। बाहर निकलना और पैदल चलना, जॉगिंग, साइकिल चलाना, तैराकी या कोई खेल खेलना जैसी गतिविधियों का आनंद लेना हमारे शरीर को सक्रिय रखने और हमारे दिमाग को सक्रिय रखने का एक शानदार तरीका है।

मानसिक स्वास्थ्य

आजकल मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य से अधिक महत्वपूर्ण है। भावनात्मक, मनोवैज्ञानिक और सामाजिक कल्याण की अच्छी समझ होना आवश्यक है। अपनी भावनाओं और आप अंदर से कैसा महसूस कर रहे हैं, इस पर ध्यान देने के लिए समय निकालना आपके मानसिक स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। योग और ध्यान जैसी गतिविधियों में भाग लेना जो आपको आराम देने में मदद करती हैं, हमारे मानसिक स्वास्थ्य को दुरुस्त करने में मदद करने के बेहतरीन तरीके हैं।

स्वस्थ रहने के लिए जीवन के प्रति समग्र दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है। संतुलित आहार लेना, नियमित रूप से व्यायाम करना और सकारात्मक दृष्टिकोण रखना एक स्वस्थ और संपूर्ण जीवन शैली बनाने के लिए आवश्यक घटक हैं। हमारी शारीरिक, मानसिक और सामाजिक भलाई का ख्याल रखने से शांतिपूर्ण और पूर्ण जीवन सुनिश्चित करने में मदद मिलती है।

स्वास्थ्य पर निबंध 300 शब्द (Essay On Health 300 words in Hindi)

“स्वास्थ्य सिर्फ इस बात पर निर्भर नहीं करता कि आप क्या खा रहे हैं। यह इस बारे में भी है कि आप क्या सोच रहे हैं और क्या कह रहे हैं।” आमतौर पर, एक व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य का आनंद तब कहा जाता है जब वह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होता है। हालाँकि, स्वास्थ्य का इसमें और भी बहुत कुछ है। स्वास्थ्य की आधुनिक परिभाषा में कई अन्य पहलू भी शामिल हैं जिन्हें स्वस्थ जीवन का आनंद लेने के लिए बरकरार रखा जाना चाहिए।

स्वास्थ्य की परिभाषा कैसे विकसित हुई?

प्रारंभ में, स्वास्थ्य का अर्थ केवल शरीर की अच्छी तरह से कार्य करने की क्षमता से था। यह केवल शारीरिक बीमारी या बीमारी के कारण बाधित हुआ था। 1948 में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने स्वास्थ्य शब्द को किसी व्यक्ति के समग्र शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण से जोड़ा, न कि केवल बीमारी की अनुपस्थिति से। हालाँकि इस परिभाषा को कुछ लोगों ने स्वीकार किया, लेकिन बड़े पैमाने पर इसकी आलोचना की गई। ऐसा कहा गया था कि स्वास्थ्य की यह परिभाषा अत्यंत व्यापक थी और इसलिए अस्पष्ट लगती थी। काफी समय तक इसे अव्यावहारिक मानकर खारिज कर दिया गया था। 1980 का दशक स्वास्थ्य की एक नई अवधारणा लेकर आया। इसमें स्वास्थ्य को जीवन जीने के लिए एक संसाधन बताया गया, न कि केवल एक राज्य।

आज, एक व्यक्ति स्वस्थ माना जाता है यदि वह अच्छे शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का आनंद ले रहा है।

स्वास्थ्य बनाए रखने का महत्व

अच्छा स्वास्थ्य जीवन में विभिन्न अन्य कार्यों को पूरा करने का आधार बनता है। यहां बताया गया है कि यह कैसे मदद करता है:

पारिवारिक जीवन: जो व्यक्ति शारीरिक रूप से अयोग्य है वह अपने परिवार की देखभाल नहीं कर सकता है। इसी तरह, मानसिक तनाव का अनुभव करने वाला और अपनी भावनाओं को संभालने में असमर्थ व्यक्ति अच्छे पारिवारिक संबंधों का निर्माण और प्रचार नहीं कर सकता है।

कार्य: यह कहने की जरूरत नहीं है कि शारीरिक रूप से अयोग्य व्यक्ति ठीक से काम नहीं कर सकता है। कुशलतापूर्वक कार्य करने के लिए अच्छा मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही आवश्यक है। काम पर पहचान पाने के लिए व्यक्ति को अच्छे सामाजिक और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का भी आनंद लेना चाहिए।

पढ़ाई: खराब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पढ़ाई में बाधक है। अच्छी पढ़ाई के लिए अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के अलावा अच्छा संज्ञानात्मक स्वास्थ्य बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है।

अपनी सेहत का बेहद ख्याल रखना जरूरी है। जब आप स्वस्थ होंगे तभी आप अपने जीवन के अन्य पहलुओं की अच्छी देखभाल कर पाएंगे।

स्वास्थ्य पर निबंध 500 शब्द (Essay On Health  500 words in Hindi)

पहले स्वास्थ्य को शरीर के अच्छे से कार्य करने की क्षमता कहा जाता था। हालाँकि, जैसे-जैसे समय विकसित हुआ, स्वास्थ्य की परिभाषा भी विकसित हुई। इस बात पर इतना ज़ोर नहीं दिया जा सकता कि स्वास्थ्य ही प्राथमिक चीज़ है जिसके बाद बाकी सब चीज़ें आती हैं। जब आप अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखते हैं, तो बाकी सब कुछ ठीक हो जाता है।

इसी तरह, अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखना कई कारकों पर निर्भर करता है। इसमें आपके द्वारा सांस ली जाने वाली हवा से लेकर उन लोगों के प्रकार तक शामिल हैं जिनके साथ आप अपना समय बिताना चाहते हैं। स्वास्थ्य में बहुत सारे घटक होते हैं जिनका समान महत्व होता है। यदि इनमें से एक की भी कमी हो तो व्यक्ति पूर्णतः स्वस्थ नहीं हो सकता।

अच्छे स्वास्थ्य के घटक

सबसे पहले, हमारा शारीरिक स्वास्थ्य है। इसका मतलब है शारीरिक रूप से फिट रहना और किसी भी प्रकार की बीमारी या बीमारी का न होना। जब आपका शारीरिक स्वास्थ्य अच्छा होगा, तो आपकी आयु लंबी होगी। संतुलित आहार लेकर कोई भी व्यक्ति अपने शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रख सकता है। आवश्यक पोषक तत्वों को न चूकें; उनमें से प्रत्येक को उचित मात्रा में लें।

दूसरा, आपको रोजाना व्यायाम करना चाहिए। यह केवल दस मिनट के लिए हो सकता है लेकिन इसे कभी न चूकें। यह आपके शरीर को शारीरिक फिटनेस बनाए रखने में मदद करेगा। इसके अलावा हर वक्त जंक फूड का सेवन न करें। धूम्रपान या शराब न पियें क्योंकि इसके गंभीर हानिकारक परिणाम होते हैं। अंत में, अपने फोन का उपयोग करने के बजाय नियमित रूप से पर्याप्त नींद लेने का प्रयास करें।

आगे, हम अपने मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करते हैं। मानसिक स्वास्थ्य का तात्पर्य किसी व्यक्ति के मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक कल्याण से है। किसी व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य उनकी भावनाओं और परिस्थितियों से निपटने के तरीके को प्रभावित करता है। हमें सकारात्मक रहकर और ध्यान लगाकर अपने मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखना चाहिए।

इसके बाद, किसी व्यक्ति के समग्र कल्याण के लिए सामाजिक स्वास्थ्य और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य समान रूप से महत्वपूर्ण हैं। एक व्यक्ति अपने सामाजिक स्वास्थ्य को तब बनाए रख सकता है जब वह दूसरों के साथ प्रभावी ढंग से संवाद करता है। इसके अलावा, जब कोई व्यक्ति हमसे मिलनसार होता है और सामाजिक समारोहों में भाग लेता है, तो उसका सामाजिक स्वास्थ्य निश्चित रूप से अच्छा होगा। इसी प्रकार, हमारा संज्ञानात्मक स्वास्थ्य मानसिक प्रक्रियाओं को प्रभावी ढंग से निष्पादित करने से संबंधित है। इसे अच्छी तरह से करने के लिए, व्यक्ति को हमेशा स्वस्थ भोजन करना चाहिए और दिमाग को तेज करने के लिए शतरंज, पहेलियाँ और अन्य दिमागी खेल खेलना चाहिए।

केवल शारीरिक स्वास्थ्य ही सब कुछ नहीं है

यह कलंक है जो मानसिक स्वास्थ्य को घेरे हुए है। लोग मानसिक बीमारियों को गंभीरता से नहीं लेते। पूरी तरह से फिट रहने के लिए व्यक्ति को मानसिक रूप से भी फिट रहना चाहिए। जब लोग मानसिक बीमारियों को पूरी तरह से नकार देते हैं तो इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

उदाहरण के लिए, आप कभी भी कैंसर से पीड़ित व्यक्ति को इससे उबरने के लिए नहीं कहते हैं और अवसाद से जूझ रहे किसी व्यक्ति की तुलना में यह सब उनके दिमाग में होता है। इसी प्रकार, हमें मानसिक स्वास्थ्य को भी शारीरिक स्वास्थ्य के समान ही मानना ​​चाहिए।

माता-पिता हमेशा अपने बच्चों की शारीरिक जरूरतों का ख्याल रखते हैं। वे उन्हें पौष्टिक भोजन खिलाते हैं और हमेशा उनके घावों पर तुरंत पट्टी बाँधते हैं। हालाँकि, वे अपने बच्चे के बिगड़ते मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने में विफल रहते हैं। ज़्यादातर इसलिए, क्योंकि वे इसे उतना महत्व नहीं देते। इसका कारण लोगों में जागरूकता की कमी है। यहां तक ​​कि वयस्कों के बीच भी, आप कभी नहीं जान पाते कि कोई व्यक्ति मानसिक रूप से किस दौर से गुजर रहा है।

इस प्रकार, हमें मानसिक बीमारियों के लक्षणों को पहचानने में सक्षम होने की आवश्यकता है। एक हंसता हुआ व्यक्ति एक खुश व्यक्ति के बराबर नहीं होता। हमें मानसिक बीमारियों को वर्जित नहीं मानना ​​चाहिए और लोगों के जीवन को बचाने के लिए इस पर ध्यान देना चाहिए।

स्वास्थ्य पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q.1 स्वस्थ आहार के क्या लाभ हैं.

उत्तर. एक स्वस्थ आहार आपके समग्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने, स्वस्थ वजन बनाए रखने, पुरानी बीमारियों के जोखिम को कम करने, शरीर और दिमाग को दीर्घकालिक लाभ सहित आवश्यक विटामिन और खनिज प्रदान करने में मदद कर सकता है।

Q.2 क्या सक्रिय जीवनशैली बनाए रखना महत्वपूर्ण है?

उत्तर. आपके संपूर्ण स्वास्थ्य और खुशहाली के लिए सक्रिय जीवनशैली बनाए रखना महत्वपूर्ण है। नियमित शारीरिक गतिविधि कई बीमारियों के जोखिम को कम करने में मदद कर सकती है।

Q.3 मैं अपने बीमार होने के जोखिम को कैसे कम कर सकता हूँ?

उत्तर. बीमार होने के जोखिम को कम करने का सबसे अच्छा तरीका अच्छी स्वच्छता का अभ्यास करना है, जिसमें अपने हाथों को बार-बार साबुन और पानी से धोना शामिल है; बीमार लोगों के साथ निकट संपर्क से बचें; और अच्छा महसूस न होने पर घर पर ही रहें।

Viswanath Lab

शारीरिक स्वास्थ्य

  • जीवनचर्या तय करें

हालांकि हमारे पेशेवर जीवन में काफी अड़चनें आ गई हैं और हम में से अधिकांश लोग घरों से काम कर रहे हैं, इसके बावजूद यह जरूरी है कि हम अपने लिए एक रूटीन तय करें और उस पर कायम रहें। दिनचर्या सुनिश्चित हो तो इससे तनाव घटता है और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है। आपके रुटीन में बच्चों को उनकी पढ़ाई में मदद करना, घर से ऑफिस के काम पूरे करना, खाना बनाना, घर के दूसरे काम करना और आसन, व्यायाम, प्रणायाम आदि स्वास्थ्य संबंधी उपाय भी शामिल हों तो बेहतर है।

  • स्वास्थ्यकर भोजन करें और खाने का समय निश्चित रखें

स्वास्थ्यकर भोजन बहुत महत्वपूर्ण है। चीनी युक्त पेय पदार्थों की बजाय अधिक से अधिक पानी का सेवन करें, अपने भोजन में सोडियम और नमक का उपयोग घटाएं। भोजन कम घी, तेल और बटर से पकाएं। ज्यादा फैट वाले मीट की बजाय सीफूड खाएं, ज्यादा से ज्यादा सब्जी और फल खाएं। घर पर रहने की वजह से आपके खान-पान पर भी असर पड़ सकता है। शोध बताते हैं कि अनियमित और असमय भोजन करने से आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। घर पर रहते हुए, आपको सलाह दी जाती है कि अपने भोजन की नियमितता बनाए रखें।

  • नींद पूरी करें

नियमित रूप से आप जितना सोते थे, उसे जरूर पूरा करने की कोशिश करें क्योंकि पर्याप्त नींद बहुत जरूरी है। हर रोज के लिए सोने का एक सामान्य समय और उठने का समय तय रखें। इससे आप बेहतर रूप से नींद पूरी कर पाएंगे और सुबह उठते हुए तरो-ताजा महसूस करेंगे। साक्ष्य बताते हैं कि जो लोग नींद पूरी नहीं करते उनको ज्यादा मानसिक और शारीरिक समस्याएं होती हैं। नींद की कमी से आपकी मौजूदा मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ सकती हैं। अगर आप रात को पर्याप्त (वयस्कों के लिए 7 से 9 घंटे) नींद पूरी करते हैं तो इससे आपकी सीखने की क्षमता, स्मृति, मूड और हृदय का स्वास्थ्य बेहतर होगा और साथ ही रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बेहतर रहेगी।

  • व्यायाम/योग

इन दिनों आप घरों में जरूर हैं, लेकिन सक्रिय रहना और शरीरिक गतिविधियों को जारी रखना बहुत जरूरी है। व्यायाम और योग से आपका शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य दोनों ही बेहतर हो सकता है। अगर आपके इलाके में इस पर कोई प्रतिबंध नहीं हो तो आप बाहर निकल कर टहल लें। अगर बाहर जाने की इजाजत नहीं है तो भी कई व्यायाम हैं जो आप आसानी से घर के अंदर कर सकते हैं, जैसे एक ही जगह पर खड़े-खड़े उछलना, दंड बैठक या पुश-अप। या फिर घर के अंदर एक जगह पर बैठे रहने की बजाय कोशिश कीजिए कि कुछ-कुछ देर अंदर सीमित जगह पर ही टहलते रहें। आप चाहें तो अपने व्यायाम में थोड़ा वजन उठाने को भी शामिल कर सकते हैं। इसके लिए अगर डंबल आदि नहीं हैं तो पानी की बोतल या केन का उपयोग कर सकते हैं। इसी तरह योग तो छोटे कमरे में भी किया जा सकता है।

  • घर से काम करते हुए उत्पादकता बढ़ाएं

बहुत से लोग इन दिनों घरों से दफ्तर का काम कर रहे हैं। अगर आप या आपके परिवार का कोई सदस्य ऐसा कर रहा है तो नीचे दिए कुछ नुस्खे अपना सकता है। इससे इस नए माहौल में काम करते हुए वह अपनी उत्पादकता बढ़ा सकता है-

5.1 घर के अंदर ही एक कार्यस्थल बना लें

घर में अपनी सीमित जगह के अंदर ही अपने काम करने का स्थान तय कर लें। यह चाहे खाली पड़ा गेस्ट रूम हो या फिर आपके डिनर टेबल का ही एक कोना हो। इससे आपको ऑफिस में या काम पर होने का एहसास होगा। साथ ही घर और दफ्तर के काम का फर्क भी बना रहेगा। अगर इस जगह पर कुछ प्राकृतिक रोशनी, ताजी हवा, एक-दो पौधे या बाहर का नजारा दिखे तो इससे आपका मूड बेहतर बना रहेगा और आपकी रचनात्मकता और उत्पादकता बनी रहेगी।

5.2 चहल-पहल करें

काम करते हुए भी यह सुनिश्चित करें कि हर घंटे कम से कम एक-दो मिनट के लिए भी उठ कर खड़े हों जाएं। लंबे समय तक बैठे रहने से आपके शरीर का मेटाबोलिज्म घट सकता है, जिसका स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर होगा। कुछ मिनट के लिए खड़े रहने, स्ट्रेचिंग करने, टहलने से काम पर आपका ध्यान और बढ़ेगा।

5.3 काम के अतिरिक्त भी समय उपलब्ध रखें

अपने प्रियजनों के साथ समय बिताना नहीं भूलें, जो किताब महीनों से आल्मारी में पड़ी है, उसे पढ़ने का समय निकालें। खाना बनाने, साफ-सफाई करने और व्यायाम करने का समय निकालें। आप रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ साप्ताहिक वीडियो चैट का समय भी तय कर सकते हैं।

6.नई हॉबी आजमाएं

तात्कालिक समस्या के बारे में ही सोचते रहने की बजाय कुछ नया आजमाएं! कोई नई हेल्दी चीज पकाएं। किसी नई आर्ट में हाथ आजमाएं, जो तनाव घटाने, रचनात्मकता बढ़ाने, चिंता व अवसाद दूर करने और बुजुर्गों में स्मृति बनाए रखने में प्रभावी पाई गई हैं।

कुछ उपयोगी सामग्री:

  • Harvard T.H. Chan School of Public Health: The Nutrition Source
  • National Institute of Nutrition: Nutrition Information Communication and Education (NICE) Portal
  • World Health Organization: Nutrition
  • Centers for Disease Control and Prevention: Healthy Weight
  • Piedmont Healthcare: Why Routines are Good for Your Health
  • S. Department of Health and Human Services: Importance of Good Nutrition
  • S. Department of Health and Human Services: How to Eat Healthy
  • Harvard Health Publishing: Importance of Sleep : Six reasons not to scrimp on sleep
  • Human Spaces: The Global Impact of Biophilic Design in the Workplace
  • सामग्री और उपयोग
  • घरेलू उपचार
  • त्वचा की देखभाल
  • बालों की देखभाल

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स्वस्थ आहार क्या है, इसके फायदे और डाइट चार्ट – Healthy Food in Hindi

Dt. Arpita Jain is a Clinical Dietitian and Certified Sports Nutritionist with 4 years of experience. She is also the founder of HEALVICK [Live Healthy. Feel Younger] in Mumbai, India. She has a Master's degree in Clinical Nutrition and Die... more

अनुज जोशी ने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम और कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय से मास कम्युनिकेशन में एमए किया है। अनुज को प्रिंट व ऑनलाइन मीडिया जगत में काम करते हुए करीब 11 वर्ष हो गए हैं। इन्हें एडिटिंग व... more

‘खाना’ शरीर की मूलभूत जरूरत से अलग अब लोगों के मन को तृप्त करने वाली चीज बन चुका है। कुछ लोग भूख लगने पर खाते हैं, जबकि कुछ लोग सिर्फ भोजन को चखने के लिए खाते हैं। हालांकि, इन सबके बीच अगर आपसे पूछा जाए कि क्या आप पौष्टिक आहार का सेवन करते हैं, तो हो सकता है कि आप थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ जाएं। यह एक गंभीर विषय है, इसलिए बेहतर स्वास्थ्य के लिए इस पर विचार करना जरूरी है। आइए जानते हैं स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना क्या है और स्वस्थ भोजन के फायदे क्या-क्या हैं।

इस लेख की शुरुआत इस सवाल से करते हैं कि स्वस्थ आहार क्या है? आप में से कई लोगों के मन में यह दुविधा चलती होगी कि आज के वक्त में स्वस्थ भोजन जैसी चीज न के बराबर है और अगर है भी, तो वो शायद स्वाद में अच्छी न लगे। इसलिए, नीचे हम आपको स्वस्थ आहार के बारे में पूरी जानकारी दे रहे हैं।

स्वस्थ आहार क्या है – What is Healthy Food in Hindi

स्वस्थ आहार का मतलब ऐसे खाद्य पदार्थों से है, जो विटामिन, कैल्शियम, प्रोटीन जैसे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। आहार जो आपको सेहतमंद और तंदुरुस्त रखने का काम करें और आपको बीमारियों से दूर रखें। स्वस्थ आहार को पांच श्रेणी में बांटा जा सकता है ( 1 ) :

  • हरी सब्जियां और फलियां
  • मीट-मछली, पोल्ट्री उत्पाद
  • दूध उत्पाद जैसे – पनीर, दही

लेख के आगे के भाग में जानिए कि स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना खाने से क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।

स्वस्थ आहार के फायदे – Benefits of Eating Healthy Food in Hindi

स्वस्थ आहार के फायदे अनेक हैं जिन्हें हम निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से जान सकते हैं –

  • स्वस्थ भोजन करने से न सिर्फ आपका शरीर स्वस्थ रहता है बल्कि आपका दिमाग भी तेज होता है ( 2 )।
  • स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना खाने से शरीर मजबूत होता है।
  • स्वस्थ आहार हड्डियों को मजबूत रखते हैं।
  • पौष्टिक भोजन गर्भावस्था के दौरान एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं।
  • हरी-सब्जियां और फल मोटापा, कैंसर, डायबिटीज, ह्रदय रोग जैसी गंभीर शारीरिक समस्याओं से बचाव करते हैं। ( 3 )। खासकर वो खाद्य पदार्थ जिसमें फाइबर की अधिक मात्रा होती है।

पोटैशियम युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन से ब्लड प्रेशर का खतरा कम हो सकता है ( 4 )।

आगे हम आपके साथ स्वस्थ आहार चार्ट की एक सूची शेयर कर रहे हैं।

स्वस्थ आहार का नमूना चार्ट – Sample Healthy Diet Chart in Hindi

नीचे हम आपके साथ स्वस्थ भोजन का आहार चार्ट शेयर कर रहे हैं, हालांकि यह आपके लिए एक उदाहरण के तौर पर साझा कर रहे हैं। इस चार्ट में बताए गए खाद्य पदार्थों में आप अपने अनुसार बदलाव भी कर सकते हैं।

नोट : यह सूची बस उदाहरण के तौर पर दी गई है, इसमें मौजूद खाद्य पदार्थ या उसकी मात्रा अलग-अलग व्यक्ति के स्वास्थ्य या उनके भूख पर निर्भर करती है। खाने के वक्त में भी बदलाव हो सकता है और बीच-बीच में कुछ अन्य चीजों का भी सेवन किया जा सकता है।

अब हम आपको कुछ पौष्टिक आहार के बारे में बताएंगे जिसे आप अपने हर रोज के डाइट में शामिल कर खुद को स्वस्थ रख सकते हैं।

स्वस्थ खाद्य पदार्थ की तालिका – Healthy Food List in Hindi

नीचे जानिए कुछ ऐसे स्वस्थ भोजन जो कि आसानी से बाजार में उपलब्ध हैं, जिसे आप अपने डाइट में शामिल कर खुद को सेहतमंद रख सकते हैं।

हरी सब्जियां – कई लोग खाने में हरी सब्जियां ज्यादा पसंद नहीं करते हैं लेकिन वो ये भूल जाते हैं कि इनसे उन्हें कितना फायदा हो सकता है। सब्जियों में मौजूद विटामिन, कैल्शियम, मिनरल, एंटीऑक्सीडेंट गुण शरीर को मोटापे, ह्रदय रोग के अलावा कई गंभीर बीमारियों से से बचाने का काम करते हैं। स्वस्थ जीवन के लिए दैनिक आहार में हरी-सब्जियों को जरूर शामिल करना चाहिए ( 5 ) ( 6 )।

फल – सब्जियों की तरह ही फल भी सेहत के लिए बहुत जरूरी है। डायबिटीज हो, ब्लड प्रेशर हो, कोलेस्ट्रॉल हो या वजन घटाना हो, फल आपकी मदद करेंगे। फलों में सेब, संतरा, आम और अपने पसंद का कोई भी एक या दो फल आप अपने खाने के रूटीन में शामिल जरूर करें। साथ ही इस बात का ध्यान रखें कि फलों का सेवन संतुलित मात्रा में किया जाना चाहिए ( 5 ) ( 6 )।

सूप – अपने डाइट में सूप भी जरूर शामिल करें, खासकर के तब जब आप अपने बढ़ते वजन से परेशान हैं। नियमित योग या व्यायाम के साथ अपने डाइट में सूप को शामिल करके आप मोटापे की समस्या से बचाव कर सकते हैं( 7 )। इसके साथ ही साथ कभी-कभी आप सूप को अपने एक वक्त के डाइट में भी ले सकते हो क्योंकि यह हल्का होता है।

सब्जियों का जूस – पोटैशियम, विटामिन, कैल्शियम युक्त सब्जियों के जूस को अपने डाइट में शामिल करें। विटामिन सी युक्त जूस से न सिर्फ शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं, बल्कि ये चोट और घाव को जल्दी भरने का काम भी करते हैं। आप गाजर, टमाटर व हरी सब्जियों के जूस को शामिल कर सकते हैं। सिर्फ जूस ही नहीं, बल्कि नारियल पानी जैसे पेय पदार्थ भी आपको सेहतमंद रखने का काम कर सकते हैं। नारियल पानी से शरीर ठंडा होता है और पेट संबंधी समस्याओं से काफी हद तक आराम मिल सकता है ( 8 ) ( 9 ) ( 10 ) ( 11 )।

फलियां और दाल – प्रोटीन, फाइबर और अन्य पोषक तत्वों से भरपूर दाल और फलियां रक्तचाप, मधुमेह जैसी घातक बीमारियों से रोकथाम का काम कर सकती हैं। इसलिए अपने दैनिक आहार में दाल और फलियों को जरूर शामिल करें( 12 )( 13 )( 14 )।

अनाज – चावल, गेहूं, दलिया, मकई , ब्राउन राइस जैसे अनाज और अनाज उत्पाद स्वास्थ्य के लिए जरूरी माने जाते हैं। ये शरीर में ऊर्जा की पूर्ति का काम करते हैं और आपको बीमारियों से बचाने का काम करते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप अपने दैनिक आहार में रोटी, चावल और अन्य अनाज उत्पादों को शामिल करें( 15 )( 16 )।

दूध या दूध युक्त उत्पाद – दूध में कई तरह के पोषक तत्व जैसे – कैल्शियम, विटामिन ए, विटामिन बी 12, पोटैशियम, मैग्नीशियम, जिंक होते हैं। दूध हड्डियों को मजबूत बनाने से लेकर हृदय रोगों, टाइप 2 डायबिटीज, ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से बचाव करने का काम करता है( 16 ), ( 17 )।

इसके साथ ही कोशिश करें आप कम फैट वाला या फैट फ्री दूध उपयोग करें क्योंकि हाई सैचुरेटेड फैट से शरीर हानिकारक कोलेस्ट्रॉल बढ़ने का खतरा हो सकता है। हालांकि यह पहले के शोध में कही गई बात है, अभी के नए शोध के में कुछ बदलाव हुए हैं जिसके परिणाम में यह कहा गया है कि फुल क्रीम दूध ह्रदय के लिए लाभकारी हो सकता है( 18 ), हालांकि इसपर मिलीजुली प्रतिक्रिया है। आपको अगर दूध न पसंद हो तो आप दूध युक्त उत्पाद जैसे – पनीर, चीज़ और अन्य सामग्रियों का उपयोग कर सकते हैं। हालांकि अगर आपको दूध से एलर्जी है तो आप उसके बदले सोया मिल्क, बादाम दूध का उपयोग कर सकते हैं( 19 ), ( 20 )। इसके अलावा डॉक्टर से भी इस बारे में बात कर सकते हैं।

अंडा – प्रोटीन, मिनरल, विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट और ऐसे ही कई पौष्टिक तत्वों से भरपूर अंडा शरीर को न सिर्फ एनर्जी देता है बल्कि स्वस्थ भी रखता है। अंडा उन खाद्य पदार्थों में से एक है जिसमें प्राकृतिक रूप से विटामिन डी पाया जाता है। यह मनुष्य के दिमागी विकास में मदद कर संज्ञानात्मक (cognitive) समस्याओं से बचाव कर सकता है। कई बार उम्र के साथ यादादश्त कमजोर होने लगती है ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि बढ़ती उम्र के साथ आपकी याददाश्त सही रहे तो अपने डाइट में अंडे को शामिल करना न भूलें( 21 )। अंडे का सेवन बच्चे, बूढ़े, जवान लगभग हर उम्र के लोग कर सकते हैं ( 22 )। हालांकि अगर किसी को ऐलर्जी की परेशानी है तो वो अंडे के सेवन से पहले एक बार डॉक्टर से राय लें।

मीट – हरी सब्जियों और फलों की तरह मीट भी स्वस्थ शरीर के लिए बहुत जरूरी है। इसमें न सिर्फ प्रोटीन होता है बल्कि इसमें जिंक भी मौजूद होता है, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता में सुधार करता है, त्वचा को स्वस्थ बनाता है और प्रजनन स्वास्थ्य (reproductive health) को बरकरार रखने का काम करता है। इतना ही नहीं मीट में विटामिन बी 12 और ओमेगा-3 भी होता है जो तंत्रिका तंत्र (Nervous System) , ह्रदय और मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए उपयोगी हो सकता है( 23 )।

मछली – अगर आप अपनी डाइट में मीट नहीं शामिल करना चाहते हैं तो आप मछली का सेवन कर सकते हैं। देखा गया है कि जो बच्चे मछली का सेवन करते हैं उनमें दमा जैसी बीमारी का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। मछली में मौजूद ओमेगा-3 मस्तिष्क और दृष्टि के लिए फायदेमंद होता है। इतना ही नहीं मछली का सेवन अल्जाइमर जैसी भूलने की बीमारी के जोखिम को भी कम कर सकते हैं। मधुमेह के मरीजों में रक्त शर्करा को नियंत्रित करने में मछली का सेवन किया जा सकता है( 24 )। हालांकि हमेशा उस मछली का चुनाव करें जिसमें मरकरी कम मात्रा में हो क्योंकि ज्यादा मरकरी वाली मछली के सेवन नुकसानदायक हो सकता है।

सेब का सिरका – सेब का सिरका वजन कम करने में मददगार साबित हो सकता है। इतना ही नहीं यह ब्लड शुगर के स्तर को कम कर सकता है। हालांकि इसके सेवन के दौरान कुछ सावधानियां रखनी चाहिए और संतुलित मात्रा में इसका सेवन करना चाहिए( 25 )।

डार्क चॉकलेट – चॉकलेट का सेवन भी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है। अगर आपको हृदय रोगों से बचना है तो अपनी डाइट में डार्क चॉकलेट को शामिल करें। डार्क चॉकलेट में कई जरूरी पोषक तत्व मौजूद होते हैं जो हृदय को स्वस्थ रखने का काम कर सकते हैं। इस बात का ध्यान रखें कि डार्क चॉकलेट का सेवन संतुलित मात्रा में किया जाए( 26 )।

ये तो थे पौष्टिक आहार की सूची जिसे आप अपने डाइट में शामिल कर सकते हैं। इस लेख के आगे के भाग में हम आपको उन खाद्य पदार्थों के बारे में बताएंगे जिसे आपको अपने डाइट से हटाना या कम कर देना चाहिए।

खाद्य पदार्थ जो बिल्कुल नहीं खाने चाहिए – Foods to Avoid in Healthy Diet in Hindi

नीचे हम कुछ ऐसे खाद्य पदार्थों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आपको डाइट से बिल्कुल हटा देना चाहिए और अगर आप उन्हें पूरी तरह हटा नहीं सकते तो कम से कम उसके सेवन सीमित कर दें।

तला-भूना खाना – तला-भूना भोजन शरीर के लिए घातक हो सकता है। तले-भूने खाने से ह्रदय संबंधी समस्या, मोटापा, मधुमेह और कई अन्य बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए जितना हो सके इनसे दूर रहें और अगर आपको तला-भूना भोजन बहुत पसंद है तो आप घर का बना तला-भूना भोजन खा सकते हैं, जिसके लिए आप जैतून का तेल या सूरजमुखी के तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं ( 27 ), ( 28 )। कोशिश करें कि इनके सेवन को सीमित करने की।

मीठे खाद्य पदार्थ – मीठे खाद्य पदार्थ जैसे मीठाई, आइस क्रीम, चॉकलेट लोगों के पसंदीदा होते हैं। लेकिन इनका अनियंत्रित मात्रा में किया गया सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकता है। ज्यादा शुगर वाले खाद्य पदार्थ न सिर्फ मोटापा बढ़ाते हैं बल्कि डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का कारण भी बनते हैं। इसके अलावा ये आपके दांतों को भी खराब कर सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि आप इनके सेवन को सीमित करें, ( 29 )।

जंक फूड्स – झटपट बनने वाले और आसानी से उपलब्ध बर्गर, पिज्जा, फ्राइज, पैटीज जैसे जंक फूड्स आज धीरे-धीरे स्वस्थ आहार की जगह ले रहे हैं। लेकिन इन पर बढ़ती निर्भरता आपके स्वास्थ्य के लिए घातक हो सकती है। ऐसे खाद्य पदार्थ मोटापे के साथ हृदय रोग, टाइप 2 डायबिटीज, कैंसर और लीवर से जुड़ी बीमारियों का कारण बन सकते हैं। इसलिए जितना हो सके जंक फूड्स के सेवन से बचें ( 30 ), ( 31 )।

कैफीन – चाय, कॉफी की आदत लगभग हर किसी को होती है। अक्सर लोग तनाव को दूर करने के लिए इसका सेवन करते हैं। लेकिन इनका अनियंत्रित मात्रा में किया गया सेवन स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। चाय और कॉफी कैफीन युक्त होते हैं और शरीर में कैफीन की अधिक मात्रा से अनिद्रा, सिरदर्द, जी मिचलाना, उल्टी, चिंता जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए जितना हो सके इन पेय पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा में करें( 32 ), ( 33 ), ( 34 )।

चीज़, बटर, मायोनीज – जैसा कि ऊपर हमने बताया कि दूध उत्पाद जैसे पनीर, चीज़ का सेवन भी स्वास्थ्य के लिए जरूरी होता है। लेकिन इसमें आप ध्यान रखें कि चीज़, बटर, मायोनीज जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन एक संतुलित मात्रा में कभी-कभी करें। बेहतर है लो फैट डेयरी प्रोडक्ट का उपयोग करें ( 35 )।

सॉफ्ट ड्रिंक – सोडायुक्त पेय पदार्थ या सॉफ्ट ड्रिंक पीने का चलन लगभग हर उम्र के लोगों में दिख रहा है। सॉफ्ट ड्रिंक की बढ़ती यह आदत स्वास्थ्य के लिए चिंता का विषय बन सकती है। दरअसल, इसमें मौजूद शुगर और कैफीन की मात्रा स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकती है। वैज्ञानिक शोध के अनुसार सॉफ्ट ड्रिंक से सेवन से मोटापा, भूख न लगना, दांत खराब होना जैसी स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए जितना हो सके इन पेय पदार्थों से दूर रहें( 36 ), ( 37 ), ( 38 )।

संरक्षित या डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ – जितना हो सके डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ या फ्रोजेन मटर, मीट, मछली और ऐसी ही कई अन्य चीजों के सेवन से बचे। इसके सेवन से बोटुलिज्म नामक बीमारी हो सकती है। यह एक घातक बीमारी है जो क्लोस्ट्रीडियम बोटुलिनम नामक एक रोगाणु द्वारा उत्पन्न जहर के कारण होती है। अगर डिब्बाबंद खाद्य पदार्थ सही तरीके से न रखा गया हो तो इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ सकता है। इससे व्यक्ति के जान भी जा सकती है( 39 )।

अल्कोहल – जितना हो सके अल्कोहल के सेवन से बचे। लगातार अल्कोहल का किया गया सेवन कैंसर, हृदय रोग मधुमेह जैसी घातक बीमारियों का कारण बन सकता है( 40 )।

स्वस्थ और हानिकारक आहार के बाद आगे जानिए स्वस्थ भोजन के लिए कुछ और टिप्स।

स्वस्थ भोजन के लिए कुछ और टिप्स – Other Tips for Healthy Diet in Hindi

तेल-मसाले वाले खाद्य पदार्थ – जितना हो सके तेल मसाले वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचे। इनके लगातार सेवन से कई तरह की जानलेवा बीमारी हो सकती है, जैसे – कैंसर, ह्रदय रोग, सांस संबंधी समस्या( 41 )।

पानी खूब पिएं – शरीर में पानी की कमी निर्जलीकरण का कारण बनती है, जिससे किडनी की समस्या, त्वचा संबंधी समस्या, उल्टी, बुखार और कई अन्य परेशानियां हो सकती है। इसलिए जितना हो सके पानी पिएं( 42 ), ( 43 )।

कम शुगर – शुगर शरीर के लिए जरूरी है लेकिन ज्यादा शुगर युक्त खाद्य पदार्थ का सेवन शरीर के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे दांत खराब हो सकते हैं, मोटापा, डायबिटीज जैसी समस्या खड़ी हो सकती हैं।

उपवास – उपवास करना शरीर के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। उपवास माटोपे का कम करने के साथ-साथ शरीर की कई अन्य समस्याओं को दूर करने में मदद कर सकता है। हालांकि उपवास के दौरान आप नियमित रूप से पानी पीते रहे, फल, ड्राय फ्रूट का सेवन करें ताकि आपके शरीर में उर्जा बनी रहे( 44 )।

इस लेख के जरिए आपको यह तो पता चल ही गया है कि स्वास्थ्य के लिए अच्छा खाना कितना जरूरी है। हमेशा याद रखें कि आप जो खाएंगे, उसी के परिणाम आपकी सेहत पर नजर आएंगे। अब आपको स्वस्थ भोजन के बारे में कई चीजें पता चल गई होगी। इसलिए, अगर अभी तक आप स्वस्थ आहार से अनजान थे, तो अब इनके बारे में जानकर इसे अपने डाइट में शामिल करें। इसके अलावा, अगर आपके पास भी पौष्टिक आहार की जानकारी या सूची है, जिसके बारे में यहां नहीं बताया गया है, तो आप उसे हमारे साथ कमेंट बॉक्स में जरूर शेयर करें।

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Dt. Arpita Jain MSc (Clinical Nutrition & Dietitics)

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Health and nutrition tips: न्यूट्रिशन हेल्थ के लिए क्यों है जरूरी पोषण से भरपूर हैं ये 6 फूड्स, nutrition foods: इम्यूनिटी को बढ़ाने और शरीर को हेल्दी रखने के लिए पोषण का लेना बहुत जरूर होता है. इसलिए पोषण युक्त आहार का सेवन करें.

Health And Nutrition Tips: न्यूट्रिशन हेल्थ के लिए क्यों है जरूरी? पोषण से भरपूर हैं ये 6 फूड्स

Nutrition Foods:पोषण से भरपूर होती है. हरी सब्जियां

  • दूध में भरपूर मात्रा में विटामिन बी, कैल्शियम, और प्रोटीन होता है.
  • ब्रोकली में प्रोटीन काफी मात्रा में पाया जाता है,
  • ड्राई फ्रूट्स में बादाम को प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है.

Nutrition Foods: एक स्वस्थ शरीर के लिए जरूरी है स्वस्थ आहार का लेना व्यक्ति अगर सही पोषण का इस्तेमाल करता हैं तो वह कई बीमारियों से बच सकता है. आज के समय में अक्सर लोगों में खून की कमी और कैल्शियम की कमी देखने को मिलती है जिसके कारण वो अधिकांश समय थकान और कमजोरी को महसूस करते है. ये सब कुछ आपके अच्छे खान-पान ना करने का कारण है. दरअसल हम अपनी डेली लाइफ में इतने व्यस्त हो जाते हैं कि हमें ध्यान ही नहीं रहता की हमने क्या खाया और क्या खाना चाहिए इससे हमारा शरीर दिनों दिन बीमारियों के गिरफ्त में आता जाता है और हम इन सबसे बेखर रहते है. तो चलिए आज हम आपको ऐसे ही पोषण आहार के बारे में बताते हैं जिनका सेवन आपको जरूर करना चाहिए.

न्यूट्रिशन से भरपूर हैं ये 6 फूड्स 

1. ब्रोकलीः, यह भी पढ़ें.

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ब्रोकली पोषण से भरपूर होती है. हरी सब्जियां खाने की सलाह तो डॉक्टर से लेकर बड़े-बड़े स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी देते हैं, क्योंकि ये विटामिन सी, फोलिक एसिड और पोटैशियम से भरपूर होती हैं. ब्रोकली में प्रोटीन काफी मात्रा में पाया जाता है, इसलिए इसके सेवन से आपके शरीर को पोषक तत्वों की कमी नहीं पा पाती इससे आप अपने आप को फिट रख सकते हैं.

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दूध में भरपूर मात्रा में विटामिन बी, कैल्शियम, मैग्नीशियम और प्रोटीन होता है, ऐसा माना जाता है  इसलिए एक गिलास दूध हर रोज अपनी डाइट में शामिल करें, जो आपकी सेहत के लिए पोषण देने का काम कर सकता है.   

3. बादामः 

बादाम को सेहत के लिहाज से सबसे अच्छा माना जाता है. ड्राई फ्रूट्स में बादाम को प्रोटीन का अच्छा स्रोत माना जाता है. यह दिमाग को काफी फायदा पहुंचाता है बादाम को आप कच्चा भी खा सकते हैं या पानी में भीगोकर दूध के साथ पी सकते हैं. 

4. मूंग दालः

दालों को प्रोटीन के लिए अच्छा स्त्रोत मानते हैं. मूंग दाल साबुत हो या फिर धुली हुई, पोषक तत्वों से भरपूर होती है. कहा जाता है कि इसको अंकुरित करने के बाद खाना चाहिए क्योंकि अंकुरित होने के बाद इसमें पाए जाने वाले पोषक तत्व जैसे- आयरन, कैल्शियम, प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम, सोडियम, क्लोराइड, पोटैशियम और विटामिन की मात्रा बढ़ जाती है जो आपके स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो सकती है.

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5. रामदानाः

रामदाना छोटे-छोटे सफेद दाने की तरह होता है. इसे अमरनाथ या राजगिरा भी कहा जाता है. ग्लूटेन फ्री रामदाना मैगनीज, फास्फोरस और आयरन का भरपूर स्रोत माना जाता है जो आपके शरीर को पोषण देने का काम कर सकता है.

कुट्टू को अक्सर व्रत करने वाले लोग फलाहार में कुट्टू से बनी चीजों का सेवन करते हैं. इसे भी ओट्स और गेहूं की तरह आटा बनाकर खाया जा सकता है अगर इसका सेवन किया जाए तो शरीर में प्रोटीन की कमी नहीं होती है. क्योंकि माना जाता है कि कुट्टू में आयरन के गुण मौजूद होते हैं.

अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है

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पोषण और उसके प्रकार Article on Nutrition and Its Type in Hindi

पोषण और उसके प्रकार Article on Nutrition and Its Type in Hindi

आज के इस आर्टिकल में हम आपको पोषण और उसके प्रकार के बारे में बताएंगे (Article on Nutrition and Its Type in Hindi)

Table of Content

पोषण क्या है? What is Nutrition?

सभी जीवों को, चाहे वो पेड़ हो या, जंतु या मनुष्य हों, सभी को अपने दैनिक जीवन में विभिन्न क्रियाओं को करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है| दरअसल यदि आप जीवों को एक मशीन की तरह भी देखें तो यह पाएंगे कि एक मशीन भी बिना ऊर्जा के कार्य नहीं कर सकती, उसी प्रकार जीव भी बिना ऊर्जा के दैनिक कार्य नहीं कर सकते|

जीवों को उत्सर्जन, स्वासन और संतति जैसी क्रियाएं करनी होती हैं, जिन्हे करने में वे तभी सक्षम हो पाते हैं, जब वे पोषित होते हैं| जीवों को आवश्यक ऊर्जा पोषण द्वारा प्राप्त होती है|

जिस प्रकार जीवों द्वारा करने वाली क्रियाएं अलग अलग वर्गों से हैं उसी प्रकार उन क्रियाओं के लिए वांछित पोषण भी अलग अलग प्रकार का होता है| जैसे यदि उन्हे तुरन्त ऊर्जा चाहिए तो वे कार्बोहाइड्रेट की ओर जाते हैं, यदि उन्हे रोगों से लड़ना होता है तो विटामिन की ओर रुख करते हैं| इसी आधार पर पोषण के अलग अलग प्रकार होते हैं, एवं उन पोषक तत्वों को संग्रहित करने वाले खाद्य पदार्थ भी अलग अलग होते हैं| 

पोषण के प्रकार Types of Nutrition

जिस प्रकार सजीव ऊर्जा द्वारा अलग अलग क्रियाएं करते हैं, उसी प्रकार सजीवों द्वारा अलग अलग प्रकार के पोषण की भी आवश्यकता होती है| सजीवों की इन्ही आवश्यकता पर, पोषण के निम्न प्रकार हैं :- 

  • प्रोटीन (Protien) 
  • विटामिन ( Vitamin) 
  • मिनरल ( Mineral) 
  • कार्बोहाइड्रेट ( Carbohydrates) 
  • वसा ( Fat) 
  • पानी ( Water) 
  • ज़िंक ( Zinc) 

1) प्रोटीन Protein :-

प्रोटीन जीवों द्वारा सबसे ज्यादा वांछित पोषण होता है| प्रोटीन के अनेकों फायदे एवं नुकसान हैं| प्रोटीन की सहायता से शरीर में हुई क्षति को पूरा किया जा सकता है| इसका मुख्य कार्य ही रोगों से लड़ने का और मरम्मत एवं निर्माण का होता है|

प्रोटीन के स्रोत को यदि एक ग्राम लिया जाए तो यह कुल 1 ग्राम प्रोटीन में 4 कैलोरी देता है| प्रतिदिन सामान्य मनुष्य को 600 प्रोटीन कैलोरी की ज़रूरत होती है| 

प्रोटीन के कई फायदे तो हैं ही लेकिन उसके साथ ही प्रीति के कई नुकसान भी हैं| नीचे उन्हे ही वर्गीकृत किया गया है :- 

प्रोटीन के फायदे Benefits Of Protein

  • प्रोटीन से भूख नियंत्रित रहती है| भूख का संतुलन निर्धारित होता है| 
  • प्रोटीन के सेवन से मांसपेशियाँ मजबूत होती हैं| 
  • प्रोटीन वजन कम करने में काफी ज्यादा सहायक है| 
  • प्रोटीन की रोग प्रतिरोधक क्षमता लाजवाब होती है| 
  • प्रोटीन बालों और त्वचा को खोई हुई रंगत लौटा देता है| 
  • प्रोटीन के सेवन से शरीर में रक्तकोशिका, नाखून, त्वचा, बाल और अन्य अंगों का निर्माण एवं मरम्मत होती हैं| 
  • प्रोटीन के सेवन से तनाव को कम किया जा सकता है| 
  • प्रोटीन की मदद से ऊतकों एवं कोशिकाओं की मरम्मत होती है|
  • प्रोटीन शरीर की कार्यप्रणाली को काफी हद तक सुरक्षित रखता है| 

प्रोटीन के नुकसान Disadvantage Of Protein

  • प्रोटीन के अत्यधिक सेवन से किडनी संबंधित रोग हो जाते हैं|
  • प्रोटीन से मूत्र संबंधी रोग होते हैं|
  • प्रोटीन का प्रतिशत दैनिक जीवन की कैलोरी में केवल 30% होना चाहिए| 
  • प्रोटीन के अत्यधिक सेवन से शरीर में कोलेस्ट्रोल का स्तर बढ़ जाता है और यह हृदय के लिए काफी ज्यादा नुकसान होता है| 

प्रोटीन के स्रोत Sources Of Protein

  • अंडा, मीट, मछली, सोयाबीन, राजमा, मूंग, अरहर, कद्दू के दाने इत्यादि| 

2) विटामिन और मिनरल Vitamin And Minerals

जहां प्रोटीन शरीर में मरम्मत का कार्य करते हैं वहीं विटामिन और मिनरल शरीर में कार्यप्रणाली को देखते हैं, और शरीर को सुचारू ढंग से चलाने में मदद करते हैं| यदि भोजन में विटामिन और मिनरल को न रखा जाए तब वह संतुलित भोजन नहीं कहलाता है|

 विटामिन कई प्रकार के होते हैं :- जैसे विटामिन ए, बी, सी, डी, इ इत्यादि| हर प्रकार के विटामिन का एक अलग कार्य होता है, जैसे विटामिन ए का प्रयोग आँखों के लिए किया जाता है और यह रतौंधी नामक बीमारी को ठीक करने में सहायता करता है|

विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई एवं विटामिन के, वसा का निर्माण करते हैं| यानी कि ये मांसपेशियों के निर्माण एवं वृद्धि में काफी सहायक होते हैं| 

वहीं विटामिन सी, बी, जलीय विटामिन है यानी कि ये रक्त की शुद्धता और निर्माण के लिए सहायक होते हैं| ये जलीय होते हैं इस कारण ये ज्यादा देर तक शरीर मे नही रहते और इन्हे समय समय पर लेते रहना काफी ज्यादा जरूरी है| 

विटामिन और मिनरल के फायदे Benifits Of Vitamins And Minerals 

  • हृदय :- विटामिन और मिनरल का सबसे ज्यादा फायदा हमारे हृदय को होता है| दरअसल विटामिन के कुछ प्रकार :- ए, सी और ई के साथ बीटा केरोटीन में एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं| ये हृदय को शुद्ध रखते हैं और रक्त की शुध्दता बनाए रखते हैं| विटामिन बी 3 और नियासीन की मौजूदगी के कारण कोलेस्ट्रोल लेवल भी काफी ज्यादा कम हो जाता है| 
  • मेटाबोलिज्म : – मेटाबॉलिज्म एक प्रकार की प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत, पोषक तत्वों को संग्रहित किया जाता है और उन्हे समय समय पर जलाया जाता है| ऐसे पोषक तत्वों में संग्रहित होने वाले तत्व केवल मिनरल और विटामिन ही होते हैं क्यूंकि इन्ही के अंदर संग्रहित होने की विशेषता होती है| 
  • विटामिन एवं मिनरल हड्डियों की स्वस्थता के लिए काफी ज्यादा आवश्यक तत्व हैं| यदि विटामिन और मिनरल का शरीर में संतुलन न बना रहे तो हड्डियां टूटने का खतरा काफी ज्यादा बढ़ जाता है क्यूंकि हड्डियों के जोड़ की प्रतिरोधी क्षमता खो जाती है| हड्डियों के लिए विशेष रूप से आवश्यक तत्व विटामिन डी और विटामिन के हैं| इन दोनों की मौजूदगी के बिना हड्डियां कैल्शियम ग्रहण नहीं कर सकती हैं| 

विटामिन और मिनरल के नुकसान Disadvantage of Vitamin and minerals 

  • यदि इन्हे चिकित्सक के परामर्श के बिना नहीं लिया गया तो ये नकारात्मक कार्य करते हैं| 
  • ये फास्फोरस का निर्माण करते हैं जिससे कई सारे ऊतकों को नुकसान पहुंचता है| 
  • विटामिन का यदि ज्यादा सेवन किया जाए तो पेट दर्द, डायरिया जैसी बीमारियां हो सकती है| 
  • यदि प्रतिदिन आप 10 मिलीग्राम से ज्यादा विटामिन बी का सेवन करते हैं तो आपको लकवा मारने की संभावनाएं कई गुणा बढ़ जाती हैं| 
  • ये ज़िंक का भी निर्माण करते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को क्षति पहुंचाता है| 

विटामिन और मिनरल के स्रोत Sources of vitamins and minerals 

  • विटामिन और मिनरल यूं तो लगभग हर खाद्य पदार्थ में मौजूद होते हैं लेकिन मीट, सूखे मेवे और दालें इनकी मुख्य स्रोत हैं| 

3) कार्बोहाइड्रेट Carbohydrate

कार्बोहाइड्रेट सभी पोषकों मे सबसे विशेष पोषक है क्यूंकि यह शरीर को तुरन्त ऊर्जा प्रदान करता है| कार्बोहाइड्रेट शरीर में पानी की कमी को भी पूर्ण करता है क्यूंकि इनमें पानी जितना ही ऑक्सिजन और हाइड्रोजन मौजूद होता है और आश्चर्यजनक कारक यह है कि मौजूद ऑक्सिजन और हाइड्रोजन का अनुपात भी जल जितना ही होता है| 

कार्बोहाइड्रेट ऊर्जा के मुख्य स्रोतों में से एक है और यदि भोजन में इसका सेवन न किया जाए तो शरीर कार्य करना लगभग बंद कर सकता है| 

एक सामान्य मनुष्य को 225 से 335 ग्राम कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता हर दिन होती है और यह कैलोरी में गिना जाए तो यह लगभग नौ सौ से तेरह सौ कैलोरी प्रदान करता है| 

कार्बोहाइड्रेट के प्रकार Types of Carbohydrates 

कार्बोहाइड्रेट एक बेहद विस्तृत पोषक है और यह लगभग हर खाद्य पदार्थ में मौजूद होता है| कार्बोहाइड्रेट के विस्तार के कारण, कार्बोहाइड्रेट के कई प्रकार भी खोजे गए हैं| वे प्रकार निम्न हैं :- 

  • स्टार्च :- यह कार्बोहाइड्रेट का मुख्य प्रकार होता है और यह कार्बोहाइड्रेट के अन्य प्रकार शुगर के कारण होता है| 
  • फाइबर :- फाइबर का निर्माण भी शुगर के कारण ही होता है| यह मुख्य तौर पर पाचन तंत्र में सहायता करता है| 
  • चीनी :- वे सभी खाद्य पदार्थ जो मीठे होते हैं उनमें कार्बोहाइड्रेट मौजूद होता है| इस प्रकार के कार्बोहाइड्रेट से दैनिक जीवन के कार्यों के लिए काफी ज्यादा ऊर्जा मिलती है| 

कार्बोहाइड्रेट के लाभ Benifits Of Carbohydrate 

  • कार्बोहाइड्रेट शरीर को तुरन्त ऊर्जा प्रदान करते हैं, एवं चुस्त दुरुस्त करने में सहायक होते हैं| 
  • कार्बोहाइड्रेट शरीर को विभिन्न तरह के रोगों से बचाता है| 
  • यह पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है| 
  • कार्बोहाइड्रेट की मदद से मोटापे को भी कम किया जा सकता है| 

कार्बोहाइड्रेट के नुकसान Disadvantage of Carbohydrates 

  • कार्बोहाइड्रेट यदि अधिकता से लिया जाए तो यह मोटापे को काफी तेजी से बढ़ाता है| 
  • यदि कार्बोहाइड्रेट का सेवन ज्यादा किया जाए तब यह सीधा घात हृदय पर करता है और इसका प्रभाव हमारे दिमाग पर भी पड़ता है| 
  • यह ग्लूकोज में रक्त की मात्रा बढ़ा देता है| 
  • इसके कारण याददाश्त पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है| 
  • कार्बोहाइड्रेट की अधिकता से बीमारियां जैसे :- डीमेंशिया, एल्जाइमर इत्यादि होती हैं| 

कार्बोहाइड्रेट के स्रोत Sources of Carbohydrates 

  • कार्बोहाइड्रेट काफी ज्यादा विस्तृत पोषण है इस कारण यह काफी सारे खाद्य पदार्थों में पाया जाता है| इसके प्रकार भी अलग अलग पदार्थों में पाया जाता है| 
  • चीनी :- यह दूध और दूध से बने अन्य तत्वों में पाई जाती है| इसके अन्य स्रोत फल और सब्जियां हैं| 
  • स्टार्च :- स्टार्च, बीन्स मटर और अन्य अनाजों में पाई जाती हैं| 
  • फाइबर :- फाइबर, सब्जियों साबुत अनाजों और अन्य प्रकार के सूखे अनाजों एवं मेवों में पाए जाते हैं| 
  • गौरतलब है कि कार्बोहाइड्रेट अलग अलग प्रकार की हर वह खाद्य वस्तु जिसमें शर्करा होती है, उसमें पाया जाता है| 

वसा हमारे शरीर में कई सारे मुख्य कार्यों के लिए जरूरी होता है| यह तुरन्त ऊर्जा प्रदान करने से लेकर, ऊर्जा के संग्रहण तक कार्य करता है| 

वसा के स्रोत Sources of Fat 

  • वसा लगभग उन सभी खाद्य पदार्थों मे मौजूद होती है, जिनमें कार्बोहाइड्रेट होते हैं और इसके कार्य भी लगभग कार्बोहाइड्रेट जैसे ही होते हैं| 
  • वसा के मुख्य स्रोत हैं :- दूध से बने पदार्थ, मांस, सूखे मेवे और हरी सब्जियां| 

शरीर के लिए पोषण की आवश्यकता क्या है? What’s the need of Nutrition

किसी भी सजीव को जीवित रहने के लिए जिन क्रियाओं को करना होता और उन क्रियाओं को करने के लिए पोषण की आवश्यकता होती है| पोषण के निम्न कार्य हैं :- 

  • ऊर्जा :- पोषण का कार्य ऊर्जा देने का सबसे अधिक. है| बिना पोषण के ऊर्जा दिए कोई भी सजीव जीवित नहीं रह सकता है| 
  • शारीरिक मरम्मत :- पोषण का दूसरा कार्य शरीर की मरम्मत करना भी होता है| जिस तरह आप देखते हैं मशीन में डाला गया ईंधन केवल उसे चलाता है, वहीं शरीर में ऊर्जा के लिए अवशोषित किया गया ईंधन न केवल ऊर्जा देता है बल्कि शरीर की क्षतिपूर्ति भी करता है| 
  • पाचन नियंत्रण :- पोषण तत्व शरीर की कार्यप्रणाली को सुचारू ढंग से चलाने में काफी ज्यादा सहायक होते हैं| ये पाचन तंत्र से लेकर हृदय प्रणाली तक को स्वस्थ रखते हैं| 

प्रतिदिन कितने पोषण की आवश्यकता होती है? How many Nutritions I need per day

पोषण की जरूरत अलग अलग व्यक्ति पर निर्भर करती है| यदि किसी व्यक्ति का शरीर स्वस्थ है तो उसे अपेक्षाकृत कम पोषण की आवश्यकता होगी वहीं यदि कोई व्यक्ति बीमार है तो वह ज्यादा पोषण तत्व की मांग करेगा| 

वहीं यदि किसी की उम्र युवा है तो वह व्यक्ति संतुलित आहार लेगा, वहीं बचपन में ज्यादा और बुढ़ापे में कम पोषण की आवश्यकता होती है| 

सामान्य तौर पर आपको निम्न मानकों पर अलग अलग पोषण की आवश्यकता होती है| 

  • प्रोटीन :- प्रोटीन की आवश्यकता कुल 64 ग्राम तरल पदार्थो में होती है और इतना ही लगभग ठोस पदार्थों में भी| गौरतलब है कि इतने प्रोटीन से आप कुल 256 कैलोरी प्राप्त करते है और दिन भर में कुल 600 कैलोरी प्रोटीन आवश्यक होता है| 
  • कार्बोहाइड्रेट : – कार्बोहाइड्रेट की आवश्यकता लगभग 900 से लेकर 1300 कैलोरी होती है, यदि आप ज्यादा खाते हैं तो यह आपके कुल भोजन का 45% से लेकर 65% तक होना चाहिए| 
  • मिनरल :- यह भोजन का कुल 50% होना चाहिए| 
  • विटामिन : – विटामिन की आवश्यकता आपकी संरचना पर निर्भर करती है| संपूर्ण खाने का 55% विटामिन होना आवश्यक है| विटामिन बी का सेवन 10 ग्राम से ज्यादा न करें| 
  • वसा :- वसा का निर्धारण कार्बोहाइड्रेट पर निर्भर करता है| यदि कार्बोहाइड्रेट कम हो तो वसा ज्यादा रखें| 
  • ज़िंक :- 10-20 प्रतिशत ज़िंक सेहत के लिए फायदेमंद होता है| यदि इससे ज्यादा ज़िंक का सेवन किया जाए तो वह हानिकारक दिशा में कार्य कर सकता है| 

4 thoughts on “पोषण और उसके प्रकार Article on Nutrition and Its Type in Hindi”

Nice information about the neturation thanks a lots by you

Thanku good. Information about the neturation

Very nice information about nutrition . Thank you so much.

Good information about nutrients.

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स्वस्थ कैसे रहें पर निबंध (How to Keep Healthy Essay in Hindi)

हमेशा से ही कहा जाता रहा है कि ‘सेहत’ ही इंसान की असली दौलत होती है। हमारे शरीर की फिटनेस और स्वास्थ्य ही हमें अपने जीवन में हर समय ऊर्जावान बनाये रखने में मदद करती है। इन दिनों हम देख रहे हैं, कि हम में से कई लोग स्वास्थ्य संबंधी किसी न किसी समस्या से पीड़ित हैं। यह सब हमारे स्वास्थ्य के प्रति हमारी लापरवाही और खानपान के कारण होती है। अपने शरीर को स्वस्थ रखने और अच्छे जीवन को पाने के लिए हमें विभिन्न चीजों के पालन करने की आवश्यकता हैं।

मैंने इस निबंध के माध्यम से स्वस्थ और फिट रहने के कुछ सामान्य तरीके को दर्शाया है। मैं आशा करता हूं कि यह निबंध आपको आपके जीवन में इन आदतों को विकसित करने और स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करेगा।

स्वस्थ रहने के तरीके पर दीर्घ निबंध (Long Essay on How to Keep Healthy in Hindi, Swasth rahane ke tarike par Nibandh Hindi mein)

1500 words essay.

स्वास्थ्य होने का मतलब केवल बाहरी यानी शारीरिक रूप से स्वस्थ होने से नहीं होता है। इसमें शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वस्थ होना भी बहुत ही आवश्यक है। अच्छा स्वस्थ हमें अधिक ऊर्जा और कार्य करने की क्षमता से लाभान्वित करता है। हममें से हर कोई स्वस्थ और फिट रहने की इच्छा रखता है। लेकिन आपको खुद को स्वस्थ और फिट रहने के लिए बहुत ही प्रयास करने की आवश्यकता होती है। शरीर की देखभाल करने और स्वस्थ रहने का भाव हमारे मन में तभी आता है, जब हम स्वस्थ की समस्याओं से पीड़ित होते हैं। एक स्वस्थ शरीर हमें तनाव से मुक्त रखने में हमारी मदद करता है और तनाव से मुक्त रहकर हम अपने जीवन को स्वस्थ और खुशहाल बना सकते है।

स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं की उत्पत्ति

बहुत तेज गति से चल रही हमारी व्यस्त जीवन शैली में हमारे जीवन में आने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हमारे लिए बहुत ही चिंता का विषय होती है। तनाव और परेशानियां हमारे इस व्यस्त और भागदौड़ भरी जिंदगी का हिस्सा बन गयी हैं। यह हमारे मन और शरीर के संतुलन को बिगाड़ देता है। हमारे व्यस्त भरी जिंदगी में, हमारे पास अपना ख्याल रखने तक का समय भी नहीं होता है। हमारे स्वास्थ्य के प्रति यही लापरवाही हमारे शरीर को बेढंग और हमारे लिए अनेक स्वास्थ्य समस्याएं पैदा करती है।

हम अपने स्वस्थ जीवन शैली को जीना तक भूल जाते हैं। आज के समय में मोबाइल भी हमारी स्वास्थ्य समस्या का मूल कारण में से एक है। हममें से बहुत से लोग अपना भोजन, व्यायाम आदि दिनचर्या को भुलाकर केवल इसी मोबाईल की दुनिया में ही व्यस्त रहते हैं। अस्वास्थ्यकारी भोजन करने की आदत भी हमारे शरीर में विभिन्न प्रकार की बीमारियां और समस्याएं पैदा करती है। इस पीढ़ी के युवाओं में धूम्रपान, शराब पीने और नशीली दवाओं के उपयोग की आदत बहुत तेजी से बढ़ रही है और यही आज की युवा पीढ़ी में विभिन्न गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं को पैदा करने का एक प्रमुख कारण बन गई है।

स्वस्थ रहने के कुछ आवश्यक तरीके

स्वास्थय के प्रति लापरवाही ही हमारे अस्वस्थ होने का कारण होती है। इसका एहसास हमें तब होता है, जब हम विभिन्न स्वास्थय समस्याओं से पीड़ित हो जाते हैं। हमारी शारीरिक प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती हैं और इस प्रकार हम किसी भी प्रकार की बीमारी की चपेट में आसानी से आ जाते हैं। हमारे शरीर को स्वस्थ और फिट रखने के लिए बहुत ही धैर्य और प्रयास की आवश्यकता होती है। ऐसा करना मुश्किल अवश्य है पर असंभव नहीं है। हमें खुद ही अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत रहने की आवश्यकता है। इसलिए हमें खुद को स्वस्थ रखने के लिए कई रणनीतियों का अपनाने की आवश्यकता हैं। खुद को स्वस्थ रखने के लिए मैंने यहां निचे कुछ उपायों को दर्शाया है, जो की हमें स्वस्थ रखने में मददगार साबित होंगी।

  • पौष्टिक भोजन करें

स्वस्थ शरीर के लिए हमें अपने आहार में स्वस्थ भोजन को अपनाना चाहिए। हमें अपने भोजन में पत्तेदार हरी सब्जियां, अनाज, दालें, फल आदि को अपने आहार में शामिल करना चाहिए। ये खाद्य पदार्थ विटामिन, प्रोटीन, खनिज और अन्य पौष्टिक आहार, जो हमारे विकास के लिए महत्वपूर्ण और आवश्यक होते है, ये सभी घटक इन खाद्य पदार्थों में शामिल होते हैं। हमें जंकफूड खाने और कोल्ड ड्रिंक्स पिने से खुद को बचाना चाहिए, क्योंकि इनमें कोई भी पोषक तत्व नहीं होते हैं। ये खाद्य पदार्थ केवल टेस्ट या स्वाद के लिए अच्छे होते हैं लेकिन ये हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होते हैं। ये हमारे मोटापे की समस्या का मुख्य कारण हैं, जिसके कारण आजकल बहुत से लोग इससे पीड़ित हैं।

कोविड-19 के इस महामारी के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन और हमारे राष्ट्रीय स्वास्थ्य विभागों द्वारा भोजन में पौष्टिक आहार लेने और अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने की सलाह पहले ही दी जा चुकी है। यह हमें इस घातक महामारी से बचाव और कई अन्य रोगों से बचाने में हमारी मदद करती है। इस तरह के भोजन से हम खुद को रोग मुक्त और अपने शरीर को स्वस्थ रख सकते हैं।

  • रोजाना व्यायाम करें

हमें अपने व्यस्त कार्यक्रम में से कुछ समय अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम करने की आवश्यकता हैं। रोजाना 20-30 मिनट का वर्कआउट और फास्ट वॉकिंग हमें किसी भी तरह की बीमारी या स्वास्थ्य संबंधी समस्या को दूर करने में हमारी सहायता करती है। यह हमारी सहनशीलता को बढ़ाने और हमारी मांसपेशियों और हड्डियों को मजबूत करने में हमारी मदद करती है। यह तनाव को रोकने में भी हमारी मदद करती है और हमें अच्छी नींद देती है। योग और ध्यान से भी हमें अपने शारीर को फिट और उर्जावान बनाये रखने में मदद मिलती हैं।

  • भरपूर पानी का सेवन

हमें नियमित रूप से अधिक पानी पिने की आदत को अपनाना चाहिए। पानी के नियमित सेवन करने से हमारे शरीर से विषाक्त और अपशिष्ट पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। खूब पानी पीना भी स्वस्थ जीवन शैली का एक हिस्सा है। रोजाना कम पानी पीना भी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकती है।

  • सुबह जल्दी उठना

हमें हमेशा से ही यह सलाह दी जाती है कि – “जल्दी सोना और सुबह जल्दी उठाना व्यक्ति को स्वस्थ, धनी और बुद्धिमान बनाता है”। हम सभी को सुबह जल्दी उठने की आदत को विकसित करना चाहिए। सुबह की सैर या जॉगिंग हमारे शरीर को ताजी ऑक्सीजन युक्त हवा से समृद्ध कराती है। सुबह जल्दी उठने से हम खुद को अधिक सक्रीय और ऊर्जावान महसूस करते है। हम अपने अलग-अलग काम को समय से पूरा कर सकते हैं, और इससे देर होने के अनावश्यक तनाव से भी बचा जा सकता है। एक अच्छी नींद जो हमारे दिमाग और शरीर को आराम देती है, जो की एक स्वस्थ शरीर के लिए बहुत ही आवश्यक है।

  • अपने भोजन को ठीक से चबाकर खाये

इस भाग दौड़ भरी जिंदगी में हम में से बहुत से लोग खाना ठीक से चबाए बिना ही जल्दी से खा लेते हैं। हमें भोजन को ठीक से चबाकर खाना बहुत ही आवश्यक है। चबाया हुआ भोजन शरीर द्वारा आसानी से पचाया जा सकता है और इस प्रकार हमें अधिक पोषण और ऊर्जा प्राप्त होती है। ठीक से चबाकर खाया हुआ भोजन हमारे शरीर को अधिक पोषण और शक्ति प्रदान करता है। अगर हम खाना ठीक से चबाए बिना खाते हैं, तो इससे पाचन संबंधी कई समस्याएं हो सकती हैं और इसके कारण पेट में सूजन और वजन बढ़ सकता है।

  • स्वच्छ जीवन

हमें स्वयं को विभिन्न रोगों से मुक्त रखने के लिए अच्छी स्वछता बहुत ही आवश्यक है। अस्वच्छ रहन-सहन कई बार हमारी गंभीर बीमारियों का कारण बन जाती है। हमें नहाने, खान से पहले हाथ धोने और अपने आस-पास के पर्यावरण को साफ़ और स्वच्छ रखने की अच्छी आदत विकसित करनी चाहिए। अच्छी स्वच्छता बनाए रखना स्वस्थ जीवन शैली का एक आवश्यक अंग है।

  • मोबाइल फोन का सीमित उपयोग करें

आजकल मोबाइल फोन आलस्य और लापरवाही का कारण बन गया है। कई बार हम डायनिंग टेबल पर भी इसका इस्तेमाल नहीं छोड़ते हैं। हमें मोबाइल फोन के उपयोग को सीमित करने की आवश्यकता हैं, ताकि हम अपने शरीर और उसकी आवश्यकताओं पर ध्यान केंद्रित कर सकें। इससे हमें अपने काम को समय पर पूरा कर सकेंगे और अपने स्वास्थ्य को ठीक रखने में भी काफी सहायता मिलेगी।

क्या अमीरी की जगह अच्छे स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी जानी चाहिए ?

आजकल लोग आमतौर पर पैसा कमाने और सफलता के पीछे भागने पर अधिक ध्यान देते हैं। वे सभी अपने स्वास्थ्य की परवाह किये बिना ही कड़ी मेहनत करते हैं। इस तरह से हमारी इच्छाएं कभी खत्म नहीं होती है और साथ ही हमारे स्वास्थ पर इसका काफी असर होता है। इन दिनों हममें से ज्यादातर लोगों को मोटापा, मधुमेह, कैंसर, फेफड़ों की समस्या, अस्थमा, उच्च रक्तचाप आदि जैसे कई गंभीर समस्याओं से पीड़ित व्यक्ति को देखा जा सकता हैं। यह बदलाव हमारे व्यस्त जीवन शैली और हमारे अस्वस्थ खाने की आदतों के कारण होती है।

मुझे लगता है कि इस तरह से पैसे कमाने का कोई फायदा नहीं है, जिसके कारण हमारा स्वास्थ्य ही खराब हो जाए। पैसा स्वास्थ्य से ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है क्योंकि एक बार जब हम बीमार हो जाते हैं तो पैसा हमारे स्वास्थ्य और फिटनेस को वापस नहीं कर सकता है। इसलिए स्वास्थ्य को पैसे से ज्यादा महत्वपूर्ण समझा जाता है, क्योंकि अच्छा स्वास्थ्य हमें खुश रखता है और हमें विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से भी मुक्त रखता है। यदि हम खुद को स्वस्थ रखते है तो हम जीवन भर पैसे कमा सकते हैं लेकिन स्वास्थ्य खराब हो जाने पर ये पैसे दोबारा हमें कभी वैसा स्वास्थ्य नहीं दे सकते है।

स्वस्थ तन में ही स्वस्थ मन और विचार का वास होता है। सकारात्मक सोच हमारे स्वास्थ्य को भी बढ़ावा देती है, क्योंकि यह हमारे मन और शरीर में नकारात्मकता और अवांछित तनाव से छुटकारा दिलाने में हमारी मदद करते है। शरीर के स्वास्थ्य स्थिति के बारे में नियमित रूप से सूचित करने के लिए हमें अपने शरीर की नियमित जांच कराने की आवश्यकता है।

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दा इंडियन वायर

स्वास्थ्य पर निबंध

health and nutrition in hindi essay

By विकास सिंह

health essay in hindi

स्वास्थ्य एक व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण को दर्शाता है। किसी व्यक्ति को अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए कहा जाता है जब वह किसी भी शारीरिक बीमारियों से रहित होता है, मानसिक तनाव होता है और अच्छे पारस्परिक संबंधों का आनंद लेता है।

विषय-सूचि

स्वास्थ्य पर निबंध, health essay in hindi (200 शब्द)

लोकप्रिय धारणा के विपरीत, स्वास्थ्य का अर्थ केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ होना और किसी भी बीमारी से रहित होना नहीं है, इसका अर्थ व्यक्ति का समग्र कल्याण भी है। इसमें मानसिक और भावनात्मक रूप से मजबूत होना, स्वस्थ अंतर-व्यक्तिगत संबंधों को रखना, अच्छे संज्ञानात्मक कौशल होना और आध्यात्मिक रूप से जागृत होना शामिल है।

स्वस्थ होना कोई अवस्था नहीं है; यह जीवन का एक तरीका है। यह एक प्रक्रिया है। अपने शारीरिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए आपको हर दिन उचित आहार की आवश्यकता होती है। आप सप्ताह में दो दिनों के लिए पौष्टिक आहार नहीं ले सकते हैं और बाकी के लिए जंक पर हॉग कर सकते हैं और फिर भी स्वस्थ रह सकते हैं।

इसी तरह, आप एक ही दिन 24 घंटे नहीं सो सकते हैं और अगले तीन दिनों तक जाग सकते हैं। अच्छे आकार में रहने और अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए स्वस्थ जीवन शैली को बनाए रखना आवश्यक है। पोषक तत्वों से भरपूर भोजन करने के अलावा, स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए रोजाना पर्याप्त नींद और व्यायाम भी करना चाहिए।

अपने आप को उन लोगों से घेरना भी आवश्यक है जो सकारात्मकता लाते हैं और आपको नीचे खींचने के बजाय आपके सर्वश्रेष्ठ को बाहर लाने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। सामाजिक रूप से सक्रिय होने और लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने के अलावा, भीतर देखना भी आवश्यक है। अपनी आवश्यकताओं को बेहतर ढंग से समझने और अपने जीवन को सही दिशा में ले जाने के लिए हर दिन कुछ समय अपने आप बैठने के लिए निचोड़ें। यह आपके संपूर्ण स्वास्थ्य को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है।

अच्छा स्वास्थ्य पर निबंध, good health essay in hindi (300 शब्द)

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“स्वास्थ्य केवल आपके खाने के बारे में नहीं है। यह इस बारे में भी है कि आप क्या सोच रहे हैं और क्या कह रहे हैं। “आम तौर पर, किसी व्यक्ति को स्वस्थ तब कहा जाता है जब वह मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ हो और अच्छे स्वास्थ्य का आनंद ले सके। हालांकि, स्वास्थ्य इससे कहीं ज्यादा है। स्वास्थ्य की आधुनिक परिभाषा में विभिन्न अन्य पहलू शामिल हैं जिन्हें स्वस्थ जीवन का आनंद लेने के लिए बरकरार रखने की आवश्यकता है।

स्वास्थ्य की परिभाषा कैसे विकसित हुई?

प्रारंभ में, स्वास्थ्य का अर्थ केवल शरीर की अच्छी तरह से कार्य करने की क्षमता था। यह केवल शारीरिक बीमारी या बीमारी के कारण बाधित था। यह 1948 में था कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) एक व्यक्ति के समग्र शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण के साथ स्वास्थ्य शब्द से जुड़ा हुआ है, न कि केवल बीमारी का अभाव है।

हालांकि इस परिभाषा को कुछ लोगों ने स्वीकार किया, लेकिन इसकी काफी आलोचना हुई। यह कहा गया था कि स्वास्थ्य की यह परिभाषा बेहद व्यापक थी और इस प्रकार यह अस्पष्ट थी। लंबे समय तक अव्यावहारिक होने के कारण इसे छोड़ दिया गया था। 1980 स्वास्थ्य की एक नई अवधारणा लेकर आया है। इसने स्वास्थ्य को जीने के लिए एक संसाधन के रूप में बताया और न केवल एक राज्य के रूप में।

आज, एक व्यक्ति को स्वस्थ माना जाता है यदि वह अच्छे शारीरिक, मानसिक, सामाजिक, आध्यात्मिक और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का आनंद ले रहा है।

स्वास्थ्य को बनाए रखने का महत्व:

अच्छा स्वास्थ्य जीवन में विभिन्न अन्य कार्यों को पूरा करने का आधार बनता है। यहाँ है कि यह कैसे मदद करता है:

पारिवारिक जीवन: कोई व्यक्ति जो शारीरिक रूप से अनफिट है, वह अपने परिवार की देखभाल नहीं कर सकता है। इसी तरह, कोई व्यक्ति मानसिक तनाव का अनुभव कर रहा है और अपनी भावनाओं को संभालने में असमर्थता अच्छे पारिवारिक संबंधों का निर्माण और प्रचार नहीं कर सकता है।

कार्य: यह बिना कहे चला जाता है कि शारीरिक रूप से अनफिट व्यक्ति ठीक से काम नहीं कर सकता है। अच्छी तरह से काम करने के लिए अच्छा मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही आवश्यक है। काम पर पहचान पाने के लिए अच्छे सामाजिक और संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का भी आनंद लेना चाहिए।

अध्ययन: गरीब शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य अध्ययन में बाधा है। अच्छी तरह से अध्ययन करने के लिए अच्छे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के अलावा अच्छे संज्ञानात्मक स्वास्थ्य को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

निष्कर्ष:

अपने स्वास्थ्य का अत्यधिक ध्यान रखना आवश्यक है। यह केवल तभी है जब आप स्वस्थ होंगे आप अपने जीवन के अन्य पहलुओं का अच्छे से ध्यान रख पाएंगे।

स्वास्थ्य पर निबंध, good health essay in hindi (400 शब्द)

स्वास्थ्य उस राज्य को दिया गया नाम है जहाँ व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ है, उसके पारस्परिक संबंध अच्छे हैं और वह आध्यात्मिक रूप से जागृत है। एक संपूर्ण जीवन का आनंद लेने के लिए व्यक्ति को अपने स्वास्थ्य के हर पहलू का अत्यधिक ध्यान रखना चाहिए।

स्वास्थ्य को अनुकूलित करने की तकनीक:

स्वास्थ्य को अनुकूलित करने में सहायता के लिए यहां कुछ सरल तकनीकें दी गई हैं:

स्वस्थ आहार योजना का पालन करें:  अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने की दिशा में पहला कदम विभिन्न सूक्ष्म पोषक तत्वों से भरपूर आहार है। आपके आहार में विशेष रूप से ताजे फल और हरी पत्तेदार सब्जियां शामिल होनी चाहिए। इसके अलावा दालें, अंडे और डेयरी उत्पाद हैं जो आपके संपूर्ण विकास और अनाज में मदद करते हैं जो आपको पूरे दिन चलने के लिए ऊर्जा प्रदान करते हैं।

उचित आराम करें:  अपने शरीर को स्वस्थ रहने और काम करने के लिए ऊर्जा बनाए रखने के लिए पर्याप्त आराम देना आवश्यक है। इसके लिए रोजाना 8 घंटे की नींद जरूरी है। किसी भी हालत में आपको अपनी नींद से समझौता नहीं करना चाहिए। नींद की कमी आपको सुस्त बनाती है और आपको शारीरिक और मानसिक दोनों तरह से नालियां बना देती है।

नियमित व्यायाम करें: यह आपकी पसंद के किसी भी शारीरिक व्यायाम में लिप्त होने के लिए अपने दैनिक कार्यक्रम से कम से कम आधा घंटा निकालने का सुझाव दिया गया है। आप ब्रिस्क वॉकिंग, जॉगिंग, स्विमिंग, साइकिलिंग, योगा या अपनी पसंद के किसी अन्य व्यायाम की कोशिश कर सकते हैं। यह आपको शारीरिक रूप से फिट रखता है और आपके दिमाग को आराम देने का एक शानदार तरीका भी है।

ब्रेन गेम्स खेलें:  आपके लिए शारीरिक व्यायाम करना जितना महत्वपूर्ण है, उतना ही आपके लिए ब्रेन गेम खेलना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। ये आपके संज्ञानात्मक स्वास्थ्य के लिए अच्छे हैं।

ध्यान लगाएं:  ध्यान अपने मन को शांत करने और आत्मनिरीक्षण में बैठने का एक शानदार तरीका है। यह आपको उच्च स्थिति में ले जाता है और विचारों की अधिक स्पष्टता देता है।

अपने आसपास सकारात्मक लोगों को रखें:  सकारात्मक लोगों के साथ खुद को घेरना आपके लिए जरूरी है। उन लोगों के साथ रहें, जिनके साथ आप स्वस्थ और सार्थक चर्चा में लिप्त हो सकते हैं और वे भी जो आपको हतोत्साहित करने के बजाए आपके भीतर श्रेष्ठता लाते हैं। यह आपके भावनात्मक के साथ-साथ सामाजिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा है।

रूटीन चेक-अप के लिए जाएं:  वार्षिक स्वास्थ्य जांच के लिए नामांकन करना एक अच्छा विचार है। एहतियात हमेशा इलाज से बेहतर है। इसलिए यदि आपको रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की कमी या ऐसा कोई मुद्दा दिखाई दे तो आप चिकित्सा सहायता ले सकते हैं और ठीक होने से ठीक पहले उसे ठीक कर सकते हैं।

आज, लोग एक दुसरे से प्रतिस्पर्धा में इतने फंस गए हैं कि वे अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना भूल जाते हैं। यह समझना आवश्यक है कि स्वास्थ्य पहले आता है। स्वास्थ्य का अनुकूलन करने और आनंदपूर्वक जीने के लिए पूर्वोक्त बिंदुओं का पालन करना चाहिए।

स्वास्थ्य पर निबंध, health essay in hindi (500 शब्द)

स्वास्थ्य शारीरिक, मानसिक और सामाजिक कल्याण की स्थिति है। स्वास्थ्य का प्रमुख महत्व है और बाकी सब कुछ बाद में आता है। अच्छी सेहत बनाए रखना हम हवा में सांस लेने, पीने के पानी, हम जो खाना खाते हैं, जिस तरह के लोगों से हम निपटते हैं और व्यायाम की मात्रा में हम शामिल हैं, सहित कई कारकों पर निर्भर करता है।

मानसिक स्वास्थ्य शारीरिक स्वास्थ्य जितना ही महत्वपूर्ण है:

जहां एक व्यक्ति के शुरुआती वर्षों से ही शारीरिक रूप से स्वस्थ होने पर बहुत अधिक महत्व दिया जाता है, वहीं कई लोग भावनात्मक और मानसिक रूप से मजबूत रहने के लिए जरूरत और महत्व को नजरअंदाज कर देते हैं। यह समय है कि लोगों को यह समझना चाहिए कि मानसिक स्वास्थ्य बनाए रखना और उस दिशा में काम करना कितना महत्वपूर्ण है।

माता-पिता को अक्सर उनके बच्चों को खाने के लिए महत्व देना चाहिए और उनके शारीरिक स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छता के स्तर को बनाए रखने की आवश्यकता होती है। कई माताओं को अपने बच्चों के खाने की आदतों पर चिंता दिखाई देती है। वे अपने बच्चों को शारीरिक रूप से फिट और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए विभिन्न माध्यमों का उपयोग करके भोजन करने के लिए मजबूर करते हैं।

लेकिन हमने शायद ही किसी को देखा हो जो अपने बच्चे के दिमाग में क्या चल रहा है, इसे समझने के लिए उतना ही ध्यान देता है। माता-पिता अक्सर अपने बच्चों को कार्य करने के लिए निर्देश देते हैं, लेकिन यह विश्लेषण करने की कोशिश नहीं करते हैं कि उनका बच्चा किसी चीज से परहेज या इनकार क्यों कर रहा है। बच्चों के साथ समय बिताना और उनकी भावनात्मक जरूरतों को पूरा करना उतना ही ज़रूरी है जितना उन्हें खाना खिलाना।

यह न केवल बच्चों के लिए बल्कि हर उम्र के लोगों के लिए अच्छा है। प्रत्येक व्यक्ति को अपने मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को उतना ही महत्व देना चाहिए जितना वह अपने शारीरिक कल्याण को देता है। यह इसी की कमी है जो अवसाद, उच्च रक्तचाप और तनाव जैसी समस्याओं को जन्म दे रहा है।

भारत में स्वास्थय देखभाल:

भारत के नागरिकों के लिए कोई राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा प्रणाली नहीं है। यही कारण है कि निजी क्षेत्र देश में मुख्य स्वास्थ्य सेवा प्रदाता है। जबकि देश में कई स्थानों पर सरकारी अस्पताल हैं जहाँ निदान मुफ्त में किया जाता है और लोगों को मुफ्त दवाएँ भी दी जाती हैं, बहुत से लोग स्वच्छता की कमी के कारण इन सुविधाओं का दौरा करने में संकोच करते हैं। इसके अलावा, इन सेवाओं की मुफ्त सेवाओं के बाद से यहाँ बहुत प्रतीक्षा है।

सरकार को इन सुविधाओं को बनाए रखने के लिए काम करना चाहिए और इनमें से अधिक स्थापित करना चाहिए ताकि हर नागरिक की जरूरतों को पूरा किया जा सके। भारत में आम आदमी को भारी स्वास्थ्य देखभाल खर्च वहन करने की आवश्यकता होती है। उनके द्वारा की गई अधिकांश बचत उनके परिवार के स्वास्थ्य की देखभाल करने में खर्च की जाती है। हेल्थकेयर इंश्योरेंस खरीदने वालों को भी अपनी जेब से राशि खर्च करनी पड़ती है, जब यह विभिन्न उपचारों से गुजरना पड़ता है क्योंकि इन नीतियों में खामियां हैं।

जीवन में हर कदम पर इतनी प्रतिस्पर्धा है। प्रत्येक व्यक्ति दूसरे को पछाड़ना चाहता है, चाहे वह स्कूल या कॉलेज स्तर पर हो या जीवन में बाद में जीवनशैली को बनाए रखने और अपने स्वास्थ्य को पीछे ले जाने के लिए। लोगों को इस तथ्य को पहचानना चाहिए कि स्वास्थ्य पहले आता है। यह तभी है जब हम स्वस्थ हों हम जीवन के अन्य पहलुओं पर बेहतर काम कर सकते हैं। सरकार को देश की भलाई के लिए अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करनी चाहिए।

स्वास्थ्य पर निबंध, health essay in hindi (600 शब्द)

स्वास्थ्य को शुरू में एक अवस्था के रूप में जाना जाता था जिसमें एक व्यक्ति मानसिक और शारीरिक रूप से फिट था। किसी व्यक्ति के बीमार पड़ने या अन्य शारीरिक बीमारियों से पीड़ित होने पर उसे बाधित होने के लिए कहा गया था। हालांकि, दशकों से, स्वास्थ्य की परिभाषा में बदलाव आया है और यह अब एक व्यापक परिप्रेक्ष्य को कवर करता है।

स्वास्थ्य के विभिन्न घटक:

स्वास्थ्य के मूल रूप से पाँच घटक हैं। एक व्यक्ति को स्वस्थ माना जाता है जब ये सभी जांच में होते हैं। इन घटकों पर एक नज़र है:

शारीरिक स्वास्थ्य: शारीरिक स्वास्थ्य किसी भी बीमारी या बीमारी से रहित, शारीरिक रूप से स्वस्थ हो रहा है। अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य लंबे जीवन काल को बढ़ावा देता है।

शारीरिक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखें?

  • एक उचित आहार योजना का पालन करें जिसमें सभी आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व शामिल हैं
  • ऑयली, शुगर और जंक फूड का सेवन कम करें
  • धूम्रपान, शराब पीने और ड्रग्स लेने से बचें
  • रोजाना पर्याप्त नींद लें
  • नियमित रूप से व्यायाम करें
  • नियमित स्वास्थ्य जांच के लिए जाएं
  • मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य
  • इसमें एक व्यक्ति का मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक कल्याण शामिल है। हमारा मानसिक स्वास्थ्य मूल रूप से विभिन्न स्थितियों को महसूस करने, सोचने और संभालने के तरीके को प्रभावित करता है। मानसिक स्वास्थ्य को ध्यान में रखना उतना ही आवश्यक है जितना कि शारीरिक स्वास्थ्य को अक्षुण्ण रखना।

मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखें?

  • अपने शारीरिक स्वास्थ्य का ध्यान रखें
  • मूल्य और खुद का सम्मान करें
  • अच्छे और सकारात्मक लोगों के साथ खुद को घेरें
  • ध्यान
  • व्यायाम में लिप्त रहें
  • तनाव से निपटने के तरीके जानें
  • सामाजिक स्वास्थ्य
  • सामाजिक स्वास्थ्य एक व्यक्ति की अपने दोस्तों, पड़ोसियों, रिश्तेदारों और समाज के अन्य लोगों के साथ पारस्परिक संबंधों को बनाने और बनाए रखने की क्षमता है। यह एक व्यक्ति की उचित रूप से कार्य करने की क्षमता और विभिन्न सामाजिक स्थितियों के अनुकूल होने का भी उल्लेख करता है।

सामाजिक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखें?

  • खुद को तैयार करो
  • प्रभावी ढंग से संवाद करने के लिए अच्छे संचार कौशल सीखें
  • मिलनसार और सकारात्मक रहें
  • क्रोध प्रबंधन की कला सीखें
  • सामाजिक समारोहों में भाग लें
  • एक अच्छे श्रोता बनो
  • संज्ञानात्मक स्वास्थ्य
  • जब किसी व्यक्ति का मस्तिष्क सभी मानसिक प्रक्रियाओं को कुशलतापूर्वक कर सकता है, तो उसे अच्छे संज्ञानात्मक स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए कहा जाता है। प्रक्रियाओं और गतिविधियों में नई चीजें सीखना, अच्छा निर्णय, भाषा का कुशल उपयोग अपनी बात और मजबूत अंतर्ज्ञान का संचार करना शामिल है।

संज्ञानात्मक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखें?

  • स्वस्थ खाओ
  • हर दिन 8 घंटे की नींद लें
  • मस्तिष्क की शक्ति को बढ़ाने के लिए ब्राह्मी, अहवागंधा और कैलामस जैसी जड़ी-बूटियां लें
  • शतरंज, सुडोकू, शब्द पहेली आदि जैसे दिमागी खेल खेलें
  • सार्थक चर्चाओं में लिप्त
  • मल्टीटास्क न करें
  • व्यायाम
  • आध्यात्मिक स्वास्थ्य
  • यह मूल रूप से जीवन के अर्थ को समझने के लिए किसी व्यक्ति के आंतरिक स्व के साथ संबंध की भावना स्थापित कर रहा है। आध्यात्मिक स्वास्थ्य को अक्षुण्ण रखने से व्यक्ति जीवन में अधिक सकारात्मक, धैर्यवान और क्रमबद्ध बनता है।

आध्यात्मिक स्वास्थ्य कैसे बनाए रखें?

  • प्रत्येक दिन कुछ समय के लिए आत्मनिरीक्षण में बैठने का समय निकालें।
  • यदि आप विचार करते समय ध्यान केंद्रित नहीं कर सकते हैं तो एक डायरी लें और अपने विचारों को कलमबद्ध करें
  • गहरी सांस लेने का अभ्यास करें
  • योग का अभ्यास करें
  • प्रार्थना करना

सांस्कृतिक स्वास्थ्य क्या है?

यह मूल रूप से एक शिक्षा अनुशासन है जो उचित सांस्कृतिक जानकारी के बारे में शिक्षित करता है। यह अंतर-सांस्कृतिक या अंतर-सांस्कृतिक क्षमता को संदर्भित करता है जो प्रभावी क्रॉस-सांस्कृतिक संचार स्थापित करने के लिए आवश्यक है।

इसे चार श्रेणियों में बांटा गया है:

राष्ट्रीय: यह उस व्यक्ति के मूल्यों, सिद्धांतों और हितों के बारे में सांस्कृतिक साक्षरता पर केंद्रित है जो किसी व्यक्ति का है।

चिकित्सा: यह चिकित्सा प्रतिनिधियों और संगठनों की सांस्कृतिक क्षमता पर केंद्रित है।

जातीय: यह सांस्कृतिक साक्षरता पर ध्यान केंद्रित करता है जो एक व्यक्ति से संबंधित जातीय समूह के मूल्यों, सिद्धांतों और हितों के बारे में है।

शिक्षा: यह छात्रों और पेशेवरों की सांस्कृतिक साक्षरता पर केंद्रित है। कई स्कूलों ने इसे अपने पाठ्यक्रम में शामिल करना शुरू कर दिया है।

स्वास्थ्य का मतलब केवल यह नहीं है कि आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में ऊपर वर्णित विभिन्न अन्य तत्वों का समावेश हो। जबकि अच्छा शारीरिक स्वास्थ्य एक स्वस्थ जीवन के लिए आधार देता है, आपको संपूर्ण जीवन का आनंद लेने के लिए अन्य सभी स्वास्थ्य घटकों को बरकरार रखना चाहिए।

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इस लेख से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।

विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध

Health and Hygiene Essay in Hindi: अपने आसपास स्वच्छता होनी जरूरी है। स्वच्छता चाहे देश की हो या अपने घर की, इसे बनाये बनाए रखना बहुत ही जरूरी है। अन्यथा वह आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालते हैं। आज का आर्टिकल जिसमें हम स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध के बारे में जानकारी आप तक पहुंचाने वाले हैं।

इस निबंध में स्वास्थ्य और स्वच्छता के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध | Health and Hygiene Essay in Hindi

स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध (250 शब्द).

स्वच्छता हमारे जीवन से जुड़ी हुई एक अच्छी आदत है। जिसे हर किसी को अपने जीवन में अपनाना चाहिए, क्योंकि स्वच्छता से मनुष्य के जीवन को मानसिक और शारीरिक रूप से बहुत से लाभ हो सकते हैं। अच्छा स्वास्थ्य किसी के भी जीवन को बेहतर बना सकता है। क्योंकि अच्छे स्वास्थ्य का मूल मंत्र स्वच्छता है। स्वच्छता का सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। यदि साफ सफाई नहीं होगी तो हमारा स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रह पाएगा।

स्वस्थ हम तभी रह सकते हैं, जब हम अपने आसपास की गंदगी को दूर कर बीमारियों से बचकर अच्छा जीवन जी सकते हैं। सभी लोगों को स्वच्छता को अपनी नैतिक जिम्मेदारी समझनी चाहिए। और अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखने से कभी भी हिचकिचाना नहीं चाहिए। क्योंकि स्वच्छता एक स्वस्थ जीवन की कुंजी है।

इसीलिए भारत सरकार द्वारा आज के समय में गांधीजी के आदर्शों पर कायम होकर स्वच्छता अभियान निकाला गया है, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को साफ सफाई और स्वच्छता  के महत्व को समझाना है। स्वच्छता एक बहुत ही अच्छा आदत है और एक पुण्य का भी काम है जिसे जीवन का स्तर बढ़ाने के लिए एक बड़ी जिम्मेदारी के रूप में हर एक व्यक्ति को इसका अनुसरण करना चाहिए। हमेशा से हम सुनते आए हैं कि हमारे जीवन में स्वच्छता और पवित्रता होना अत्यंत आवश्यक होता है, क्योंकि जहां साफ सफाई होती है वहीं पर ईश्वर निवास करते हैं।

इसीलिए आज के समय में लोगों को साफ सफाई को एक जिम्मेदारी के रूप में अपनाना चाहिए। और अपने घर को और आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखना चाहिए। इस आदत को लोगों को खुद भी अपनाना चाहिए और अपने बच्चों को भी अपनाने की प्रेरणा देनी चाहिए ,ताकि हमारा आने वाला जनरेशन एक स्वच्छ और शुद्ध वातावरण में जीसं

स्वास्थ्य तथा स्वच्छता पर निबंध (800 शब्द)

स्वास्थ्य और स्वच्छता एक दूसरे से परस्पर संबंधित हैं। उनका आपस में गहरा संबंध हैं। हमारे आसपास स्वच्छता होगी तभी हम स्वस्थ रह पाएंगे क्योंकि गंदगी हमेशा बीमारियों उत्पन्न करती हैं। स्वास्थ्य जीवन का सबसे बड़ा धन हैं और उसके लिए हमेशा सफाई रखना जरूरी हैं। सरकार ने भी इसके लिए सफाई कार्यक्रम चलाए हैं क्योंकि स्वच्छता और स्वास्थ्य हमारे लिए बहुत ज्यादा जरूरी हैं।

स्वच्छता हमें अच्छा स्वास्थ्य प्रदान करती हैं। हमें ऐसे ही कूड़ा- करकट इधर-उधर नहीं फेंकना चाहिए। ना ही इधर-उधर पानी एकत्रित होने देना चाहिए क्योंकि इससे मच्छर इकट्ठे होते हैं। हमें प्रदूषण भी नहीं फैलाना चाहिए क्योंकि इससे हमारे स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता हैं।

हमें अपने आसपास में शुद्धता बनाए रखनी चाहिए। स्वच्छता ही अच्छे स्वास्थ्य की चाबी हैं।स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क निवास करता हैं इसलिए मनुष्य को अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए। माना जाता है कि स्वास्थ्य एक अमूल्य धन हैं। जो एक बार खो जाए तो फिर वापस नहीं आता हैं इसलिए हमें आसपास साफ-सफाई स्वच्छता का ध्यान रखना चाहिए।

स्वच्छता है तो स्वास्थ्य है हमें नियमित रूप से अपने शरीर ,घर ,आसपास के मोहल्ले की सफाई करनी चाहिए।अपने आसपास जितनी ज्यादा सफाई रहतीं है हमारा शरीर उतना ही ज्यादा तंदुरुस्त रहेगा। हमारे स्वास्थ्य व स्वच्छता के लिए है स्वच्छ भारत अभियान भी चलाया गया हैं।

स्वच्छता पर गौतम बुद्ध के विचार

गौतम बुध ने अच्छे स्वास्थ्य का आनंद लेने के लिए, किसी के परिवार सच्ची खुशी लाने के लिए, सभी को शांति दिलाने के लिए ,किसी को पहले अपने अनुशासन तथा अपने मन को नियंत्रित करना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति अपने दिमाग को नियंत्रित कर सकता हैं तो वह ज्ञान के मार्ग का पता लगा सकता हैं और सभी ज्ञान और गुण उसके पास स्वाभाविक रूप से आ जाएंगे। बुद्ध ने कहा है स्वास्थय सबसे बड़ा उपहार हैं, संतुष्टि सबसे बड़ी संपत्ति है, वफादारी सबसे अच्छा रिश्ता हैं। इसका मतलब है यदि हमारा दिमाग स्वस्थ हैं तो हमारा सभी के साथ साथ स्वस्थ रहेगा। इसका मतलब है हमारा दिमाग शांत रहेगा तो हम किसी भी व्यक्ति की उपस्थिति में शांतिपूर्ण व्यवहार करेंगे।

स्वास्थ्य पर महात्मा गांधी के विचार

महात्मा गांधी का कहना हैं स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन हैं। सोने चांदी के टुकड़े नहीं। अच्छा स्वास्थ्य बनाए रखने के लिए अच्छी आदतों की जरूरत होती हैं। बीमारी तथा संक्रमण स्वच्छता के कारण कम हो रही हैं।

स्वच्छता और स्वास्थ्य में अंतर

स्वास्थ्य को शारीरिक तथा मानसिक रूप से तंदुरुस्ती के रूप में परिभाषित किया जाता हैं। जिसके अंतर्गत कोई विकार नहीं होना अर्थात जो किसी भी विकार से मुक्त हैं। स्वच्छता स्वास्थ्य को सुधारने के लिए उन दिनों की गतिविधियों को संदर्भित करती हैं। स्वच्छता अच्छी तथा सुखद दैनिकर्चया में हमारी सहायता करती हैं।

स्वच्छता का पहला स्त्रोत

जल स्वच्छता का प्रमुख तथा प्रथम स्त्रोत हैं। स्वच्छ जल अच्छे स्वास्थ्य तथा स्वच्छता का का प्रमुख स्रोत हैं। अशुद्ध पानी पीकर बीमारी होती हैं। गांव में अक्सर लोग तालाबों और नदियों में स्नान करते हैं। मवेशियों को भी स्नान कराते हैं, कपड़े धोते हैं और फिर यदि इस पानी का उपयोग यदि हम पीने के लिए करें तो इससे घातक बीमारीयां उत्पन्न हो सकती हैं क्योंकि बहुत सारे सूक्ष्म जीव मिल जाते हैं। इस पानी को उबाला जाना चाहिए इसके पश्चात उसमें कीटाणु नहीं रहते और यह पानी पीने योग्य बन सकता हैं।

स्वच्छता का दूसरा स्त्रोत

स्वच्छता का दूसरा संतुलित और पौष्टिक भोजन हैं। भोजन हमारे स्वास्थ्य का प्रमुख आधार हैं। बिना भोजन जीवन संभव नहीं हैं। भोजन हमारे शरीर को स्वस्थ रखता हैं। भोजन हमारे शरीर को शक्ति देता हैं। दुध सबसे पौष्टिक भोजन हैं जो हमारे शरीर को ऊर्जा प्रदान करता हैं। बासी भोजन तथा ज्यादा भोजन करने की वजह से भी हमारा शरीर बीमार हो जाता हैं। जब भी कोई बीमारी या महामारी चलती है तो उस समय हमें भोजन के बारे में भी ध्यान रखने के लिए कहा जाता हैं। पौष्टिक आहार खाने के लिए कहा जाता हैं।

स्वच्छता हमारे अच्छे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही जरूरी हैं। इसलिए हमें आसपास हमेशा स्वच्छता बनाए रखनी चाहिए। साफ सफाई बनाए रखना बहुत ही जरूरी है। क्योंकि स्वच्छता नहीं होने की वजह से कई प्रकार की बीमारियां फैलती है। जो सीधा हमारे स्वास्थ्य पर प्रभाव डालती है। भारत सरकार द्वारा भी स्वच्छता अभियान चलाकर देश को साफ बनाया जा रहा है। ताकि देश में रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य पर कम से कम प्रभाव पड़े।

दैनिक दिनचर्या और प्रतिस्पर्धी दुनिया मैं जीवन की लड़ाई लडने के लिए हमारे स्वस्थ होना बहुत जरूरी हैं। यदि कोई व्यक्ति संपूर्ण रूप से स्वस्थ हैं तो वह दुनिया का सबसे धनी व्यक्ति हैं। एक स्वस्थ शरीर में स्वस्थ दिमाग निवास करता हैं और हमारे विकास तथा सुखी दिनचर्या के लिए हमारा स्वास्थ्य बहुत ज्यादा जरूरी हैं। अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता का होना बहुत ज्यादा जरूरी हैं। हमारे आस-पास जितनी ज्यादा स्वच्छता रहेगी। हम इतने ज्यादा स्वस्थ रहेंगे। स्वच्छता और स्वास्थ्य परस्पर एक दूसरे से संबंधित हैं।

स्वच्छता और स्वास्थ्य दोनों एक दूसरे से संबंधित है। आज का हमारा आर्टिकल जिसमें हमने स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध( Health and Hygiene Essay in Hindi) के बारे में संपूर्ण जानकारी आप तक पहुंचाई है। हमें पूरी उम्मीद है, कि हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी आपको पसंद आई होगी। यदि किसी व्यक्ति को इस आर्टिकल से संबंधित कोई सवाल है, तो वह हमें कमेंट में बताएं।

  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध
  • स्वच्छता पर निबंध
  • पर्यावरण पर निबंध

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स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध- Essay on Health and Hygiene in Hindi

In this article, we are providing information about Health and Hygiene in Hindi- Short Essay on Health and Hygiene in Hindi Language. स्वास्थ्य और स्वच्छता पर निबंध, Swachata aur Swasthya Par Nibandh for class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 students.

स्वास्थय किसी भी धन से बढ़कर होता है और हर व्यक्ति के लिए उसका स्वास्थय सबसे महत्वपूर्ण होता है। स्वास्थय और स्वच्छता का आपस में बहुत गहरा संबंध है। जहाँ पर स्वच्छता होगी वहीं पर अच्छा स्वास्थय होगा। हमारे वातावरण का हमारे स्वास्थय पर बहुत प्रभाव पड़ता है। यदि हमारा वातावरण स्वच्छ होगा तो हमारा स्वास्थय स्वस्थ रहेगा और यदि वातावरण दुषित होगा तो उसके हमारे स्वास्थय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेंगे। साफ सफाई चाहे फिर वह शरीर की हो या फिर घर की स्वास्थय पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव डालती है।

स्वच्छता ही है जिससे व्यक्ति स्वस्थ महसूस करता है वरना गंदगी में कीटाणु पनपने से हम बहुत से रोगों का शिकार हो जाते हैं और हमारा स्वास्थय खराब हो जाता है। यदि हमारे आस पास सफाई होती है तो हम प्रफुल्लित महसुस करते हैं और प्रत्येक कार्य करने में हमारा मन लगता है और दुसरी तरफ अगर हमारे आस पास गंदगी है तो चाहे हम कितना भी एकाग्रचित होकर कार्य करने की कोशिश करे, हम उस कार्य को बेहतरीन तरह से नहीं कर सकेगा और हमारा स्वास्थय भी बिगड़ता चला जाऐगा।

हमारे स्वास्थय और स्वच्छता को ध्यान में रखते हुए स्वच्छ भारत अभियान की मुहीम चलाई गई है जिससे की हमारा आस पास का वातावरण स्वच्छ रहे और हम स्वस्थ रहे लेकिन बहुत से लोग फिर भी कूड़ा करकट, पॉलीथिन, कागज आदि को खुले में डाल देते हैं जिससे की बिमारियाँ बढ़ती है। लोगों को चाहिए कि वह मिल जुलकर वातावरण को स्वच्छ रखे क्योंकि हर व्यक्ति का स्वास्थय बहुत जरूरी है। हम सबको मिलकर स्वच्छता और स्वास्थय की प्रति कदम बढ़ाना चाहिए। हमें नियमित रूप से अपने शरीर की, घर की और आस पास के मोहल्ले की सफाई करनी चाहिए। हमें ताजा खाना ही खाना चाहिए। हमें अपने आस पास पानी के एकत्रित नहीं होने देना चाहिए क्योंकि इसमें मच्छर और मक्खियाँ बैठते हैं जो भोजन को दुषित करते हैं और साथ ही बहुत सी बिमारियों को भी पैदा करते हैं। हमारा स्वास्थय स्वच्छता पर निर्भर करता है। जितना अधिक हम अपने आस पास सफाई रखेंगे उतने ही तंदुरूस्त हम रह सकेंगे।

कहा जाता है कि स्वास्थय अमूल्य धन है जो एक बार खो गया तो सब कुछ खो गया और वह दोबारा आसानी से नहीं मिलता है। इसलिए स्वास्थय को स्वस्थ रखने के लिए हमें चाहिए कि हम सफाई और स्वास्थय दोनों का ध्यान रखे और स्वच्छ भारत और स्वस्थ स्वास्थय की तरफ कदम बढ़ाए।

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Essay, Paragraph or Speech on “Health and Nutrition” Complete Essay, Speech for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Health and Nutrition

The World Health Organization defines health as a state of complete physical, mental and social well-being, and not merely the absence of disease or infirmity’; and nutrition as an input to and foundation for health and development

A healthy body is a healthy adage that has stood the test of time. Nutrition is the most important factor in maintaining and keeping good health Nutrition begins with food and includes everything that the body needs in order to live i.e. function and grow. Food that one eats regularly constitutes our diet. Dietary habits are habitual decisions an individual or culture makes. Although humans are omnivores, each culture holds some food preferences and some food taboos. Individual dietary choices may be more or less healthy. The choice of food may also vary according to an individual’s genetic makeup, environment and health. For a significant section of the population, lack of food and malnutrition are the main impediments to healthy eating. Conversely, amongst the affluent, obesity is a larger concern.

Healthy nutrition, basically, is eating wholesome and balanced food from all the basic food groups; which consist of dairy group, poultry group, grains and pulses group, fruits and vegetables group, and some from fats, oils and sweets group, so as to get a healthy mix of proteins, carbohydrates, fats, vitamins and minerals., proteins are needed as the building blocks and for the chemical machinery of the human body, carbohydrates for immediate fuel and energy, fats for long-term storage of fuel and energy, vitamins e.g. A, B-complex, C, D, E, K) and minerals (e.g. calcium, magnesium, potassium, phosphorus, iron, zinc, sodium) for maintaining good health. It is equally important to drink an adequate quantity of water, a guideline says eight glasses a day; and proper ingestion and absorption of essential food materials in the body. A good nutrition should be part of an overall healthy lifestyle including regular exercise, not smoking and not drinking alcohol because food alone is not the solution to a longer and healthier life.

Healthy eating is also an important part of personal well-being as it drastically improves physical fitness, allows one to feel better and does wonders to personal health does not mean adopting a strict diet or giving up certain Preferred foods, but limiting the fattening and harmful foods such as white-flour products, processed foods, solid hydrogenated fats, sweets and fast food .Eating wrong could be deadly. Heart disease, cancer, stroke and diabetes have been directly linked to the way people eat, Eating habits can even influence some of the genetic problems e.g. the gradual bone thinning that result in osteoporosis which may be controlled if enough calcium is consumed, adequate vitamin-D levels are maintained, and weight-bearing exercises form a regular feature. Similarly, possibility of genetically predisposed diabetes and coronary heart disease could be reduced by avoiding obesity and adopting a healthy regime of diet and physical exercise.

That infection and malnutrition are related is well known. Better nutrition means stronger immune system, less illness and better health. Healthy children learn much better, healthy people are stronger. They are more productive and more adept at utilizing opportunities to gradually overcome poverty and hunger in a sustainable way.

Although death is inevitable; extending life through good health is possible. Nutrition is the key to health and longevity. ‘Aging’ is contributed by compounds called free radicals which attach themselves to health cells making them to lose their structure and function. Inclusion of antioxidants, readily available through many fruits and vegetables, in the diet could delay this process.

 Let “Food be our Medicine’ and not let ‘Medicine become our Food.’

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health and nutrition in hindi essay

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Leana S. Wen

Washington, d.c..

Education: California State University, Los Angeles, BS; Washington University School of Medicine, MD; University of Oxford, MSc

The Checkup With Dr. Wen: Readers recall the suffering of vaccine-preventable diseases

These stories are essential to convincing people to vaccinate their children.

Nurse Anita Eastwood attends to a 27-year-old polio patient in an iron lung on Nov. 30, 1954. (AP Photo)

Why the spread of bird flu to a Texas dairy worker is so alarming

After jumping from cattle to a person, the disease should be taken seriously.

Cows at a cattle farm in Austin on April 2. (Adam Davis/EPA-EFE/Shutterstock)

The Checkup With Dr. Wen: How covid-19 might have improved public health infrastructure

A new coalition is bridging the divide between public health and health care.

An ambulance drives through Borough Park in New York City on Sept. 28, 2020. (Spencer Platt/Getty Images)

One woman’s story of agony shows why childhood immunizations are so crucial

Ina Pinkney explains why childhood immunizations are so crucial.

Ina Pinkney awaits patrons in her restaurant in Chicago on Sept. 23, 2002. (Tim Boyle/Getty Images)

The Checkup With Dr. Wen: Why cancer rates are rising among younger people

Even though overall cancer rates are falling, young people are at greater risk.

Catherine, Princess of Wales, attends the Remembrance Sunday service in London on Nov. 12. (Kin Cheun/(AP photo)

Too few people are screened for colon cancer. This new test might help.

Colorectal cancer is one of the deadliest cancers, yet 1 in 3 eligible people have never been tested for it.

A flag installation on the National Mall spotlights colorectal cancer cases on March 12. (Paul Morigi/Getty Images for Fight Colorectal Cancer)

The Checkup With Dr. Wen: Do you know a vaccine skeptic? Here are 10 simple responses.

Parents are just trying to do what’s best for their kids. Here’s how to help them.

An infant is vaccinated in Fayetteville, Ga., in 2021. (Angie Wang/AP)

How to counter vaccine misinformation in political discourse

Childhood immunizations should not be a partisan talking point.

A campaign button for independent presidential candidate Robert F. Kennedy Jr. on a supporter outside the Supreme Court on March 18. (Jabin Botsford/The Washington Post)

The Checkup With Dr. Wen: Nutrition isn’t just about what you eat, but also when and how

Three tips for healthier eating habits to improve heart health.

A volunteer adds fresh fruit to grocery bags at a Martha's Table location on April 23, 2020. (Toni L. Sandys/The Washington Post)

She suffered extreme fatigue for years. So she offered her illness to science.

One woman’s struggle with myalgic encephalomyelitis/chronic fatigue syndrome might help millions of Americans.

The National Institutes of Health headquarters in Bethesda, Md. (Francis Chung/Politico/AP)

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