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विद्यार्थी जीवन पर निबंध – Essay on Student Life in Hindi

Essay on Student Life in Hindi : आज हम विद्यार्थी जीवन पर निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 & 10 के विद्यार्थियों के लिए है.

वर्तमान की भागदौड़ भरी जिंदगी में विद्यार्थियों का जीवन कहीं भटक सा रहा है इसीलिए विद्यार्थियों को उनके जीवन के बारे में समझाने के लिए हमने यह निबंध लिखा है.

जो विद्यार्थी इस निबंध को पढता है वह भली-भांति समझ जाएगा कि उसका यह समय कितना महत्वपूर्ण है.

इस समय विद्यार्थियों का मस्तिष्क इतना चंचल होता है कि वह कुछ भी कर सकते है इसलिए अभिभावकों को भी अपने बच्चों को समय देना चाहिए.

Essay on Student Life in Hindi

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Best Essay on Student Life in Hindi 100 Words

विद्यार्थी जीवन किसी भी व्यक्ति के जीवन का अहम और प्रथम पड़ाव होता है इस समय बच्चों का शारीरिक और बौद्धिक विकास होता है. इस समय विद्यार्थी एक कच्चे घड़े के समान होता है जिसको ठोक-पीटकर, सहलाकर किसी भी आकार में ढाला जा सकता है.

इस समय विद्यार्थी को उचित मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है वह उसे विद्यालय में शिक्षकों द्वारा प्राप्त होता है. यही वह समय होता है जब विद्यार्थी को अच्छा-बुरा, सम्मान-असम्मान, गुण-अवगुण इत्यादि का ज्ञान होना प्रारंभ होता है.

इस समय जो विद्यार्थी लगन और मेहनत करके अच्छी शिक्षा हासिल कर लेते है वही आगे आने वाले जीवन में खुशहाल रहते है और एक अच्छे व्यक्तित्व की मिसाल बनते है.

Vidyarthi Jeevan Essay in Hindi 300 Words

मनुष्य के लिए विद्यार्थी जीवन अति महत्वपूर्ण होता है विद्यार्थी जीवन बाल्यकाल से ही प्रारंभ हो जाता है. विद्यार्थी जीवन किसी मकान की नींव की तरह होता है.

अगर किसी मकान की नींव कमजोर होती है तो उस पर बनाई गई मंजिल ढह जाएगी उसी प्रकार मनुष्य अगर अपने विद्यार्थी जीवन का उपयोग सही से नहीं करता है तो उसका पूरा जीवन व्यर्थ हो जाता है.

जीवन के इस काल में विद्यार्थी को समय का सदुपयोग करना आना चाहिए, विद्यार्थी जीवन से ही व्यक्ति का चरित्र निर्माण होने लग जाता है, उसे अच्छे-बुरे का एहसास होने लगता है हालांकि विद्यार्थी जीवन में व्यक्ति का मन बहुत चंचल होता है इसलिए वह सब कुछ करना चाहता है.

इस समय उसके ज्ञान की पिपासा सबसे ऊंच स्तर पर होती है इस ज्ञान की पिपासा को शांत करने के लिए एक गुरु की आवश्यकता होती है वह गुरु जो उसे सही मार्गदर्शन देकर जीवन में आने वाले उतार-चढ़ाव के बारे में बताएं अपनों से बड़ों का सम्मान करना सिखाए, से सभी भाषाओं का ज्ञान दें.

वर्तमान में विद्यार्थियों की गुरु की तलाश विद्यालय में जाकर पूरी होती है वहां पर अलग-अलग विषयों पर पारंगत शिक्षक गण मिलते है जो कि उन्हें ज्ञान देते है. इस समय विद्यार्थियों को भी संपूर्ण ध्यान एकाग्र करके ज्ञान प्राप्त करना होता है अगर वह इसमें किसी भी प्रकार की चूक करते हैं तो इसका मूल्य उन्हें भविष्य में देना पड़ता है.

विद्यार्थियों को पढ़ाई के अलावा अपने स्वास्थ्य के ऊपर भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि अगर उनका स्वास्थ्य अच्छा नहीं होगा तो वह पढ़ाई नहीं कर पाएंगे इसलिए हमेशा विद्यालय में होने वाले खेल कूद प्रतियोगिताओं में उन्हें भाग लेते रहना चाहिए.

विद्यार्थियों के सामने संपूर्ण भविष्य बाहें फैलाए खड़ा रहता है उन्हें प्रत्येक क्षेत्र की जानकारी लेनी चाहिए और जिस क्षेत्र में उनकी रुचि अधिक हो उसमें ध्यान देना चाहिए.

यही उनके जीवन का सबसे उत्तम समय होता है जब वह अपने आप में हर प्रकार की क्षमता का विकास कर सकते है इसलिए विद्यार्थी जीवन में विद्यार्थियों को हमेशा सचेत और एकाग्र होकर व्यतीत करना चाहिए जिससे भविष्य में आने वाली कठिनाइयों को आसानी से सुलझा सकें.

Latest Essay on Student Life in Hindi 800 Words

विद्यार्थी जीवन खुशहाल भविष्य की ओर पहला कदम होता है. यह वह स्वर्णिम अवसर होता है जो कि जीवन में दोबारा कभी नहीं मिलता है.

यह मनुष्य के लिए ईश्वर का दिया गया सबसे अनमोल उपहार है जिसको अगर कोई व्यर्थ कर देता है तो उसका पूरा जीवन नष्ट भ्रष्ट हो जाता है.

विद्यार्थी जीवन मनुष्य के बाल्यकाल से ही प्रारंभ हो जाता है . बाल्यावस्था में मनुष्य का मन बहुत चंचल होता है उसमें किसी प्रकार का विकार तो नहीं होता लेकिन समाज के अराजक के लोगों द्वारा भटकाया जा सकता है.

इसीलिए विद्यार्थी को इस समय उत्तम शिक्षा और श्रेष्ठ शिक्षक की आवश्यकता होती है. पुरातन काल में माता-पिता अपने बच्चों को गुरुकुल भेज दिया करते थे जहां पर गुरु द्वारा उन्हें अच्छी शिक्षा दी जाती थी साथ ही बच्चों को अनुशासन में रहना और बड़ों का सम्मान करना भी सिखाया जाता था.

गुरु अपने आश्रम में कई सालों तक अपने शिष्यों की परीक्षा लेते थे और उन्हें विद्वानों और पराक्रमी बनाकर ही भेजते थे किंतु वर्तमान में गुरुकुल प्रथा खत्म हो गई है और उनकी जगह विद्यालय और कॉलेजों ने ले ली है यहां पर भी उसी प्रकार वर्तमान शिक्षा प्रणाली के अनुसार शिक्षा दी जाती है.

विद्यार्थियों के लिए विद्यालय की इस संसार में पहला कदम होता है. विद्यार्थी जीवन का यह कार्य ज्ञान अर्जित करने का सबसे अच्छा समय है क्योंकि इस समय विद्यार्थियों को किसी भी प्रकार की चिंता नहीं होती है साथ ही उनका मस्तिष्क पूरी तरह से ज्ञान अर्जित करने के लिए उत्सुक होता है.

मनुष्य का विद्यार्थी जीवन ही तय करता है कि भविष्य में वह कैसा इंसान बनेगा इसलिए विद्यार्थियों को हमेशा अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए और हमेशा अपने शिक्षक के सुझाए गए मार्ग पर चलना चाहिए.

यह वह समय है जब विद्यार्थी कठोर परिश्रम करके शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत होता है इस समय जो विद्यार्थी मन लगाकर ज्ञान अर्जित नहीं करता वह धीरे-धीरे अपने साथियों से पिछड़ जाता है

और कुछ समय बाद वह इसी पिछड़ेपन के कारण कई गलत कामों का शिकार हो जाता है जिस कारण उसका पूरा भविष्य चौपट हो जाता है.

इस काल में विद्यार्थियों को भटकाने के लिए कई प्रकार की बाधाएं आती है वर्तमान में तो यह बताएं मनुष्य ने ही उत्पन्न की है जैसे मोबाइल, कंप्यूटर, टेलीविजन और अन्य प्रकार की भ्रामक वस्तुएं जोकि विद्यार्थी को अपनी ओर खींचती है.

इनके कारण कई विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो चुका है लेकिन जो विद्यार्थी इन सब को चुनौती के रूप में लेकर आगे बढ़ता है उसी का भविष्य निखरता है.

इस स्वर्णिम काल में विद्यार्थी को अपने शिक्षक के दिशा निर्देश अनुसार पढ़ना चाहिए, माता-पिता द्वारा सुझाए गए सुझावो पर ध्यान देना चाहिए, अपने से बड़ों का सम्मान करना चाहिए

साथ ही अपने साथियों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए और कभी भी किसी से झूठ नहीं बोलना चाहिए क्योंकि जो एक बार झूठ बोल देता है फिर वह जीवन भर झूठ बोलता रहता है इसके कारण उसका पूरा भविष्य संकट में पड़ सकता है.

जो विद्यार्थी इस समय केवल मौज मस्ती और व्यर्थ के कार्यों में अपना मन लगाता है तो उसका विद्यार्थी जीवन तो माता पिता की शरण में अच्छा बीत जाता है लेकिन जब उसका जीवन के यथार्थ से सामना होता है तो ऐसा विद्यार्थी स्वंय को अयोग्य मानता है.

मनुष्य को अगर जीवन में सफल होना है तो उसे किसी ना किसी क्षेत्र में पारंगत होना जरूरी होता है और मनुष्य पारंगत तभी हो सकता है जब वह विद्यार्थी जीवन में अच्छी शिक्षा प्राप्त करें.

वर्तमान में तो योग्य व्यक्तियों को भी अपना जीवन चलाने के लिए बहुत कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है इसलिए जो अयोग्य है वो इस प्रतियोगिता भरी दुनिया में कुछ नहीं कर सकता है.

कुछ विद्यार्थी इस समय मेहनत तो करते है लेकिन थोड़ी सी कठिनाई आने पर ही वह अभ्यास करना छोड़ देते है दो कि उनके भविष्य के लिए अच्छा नहीं होता है विद्यार्थी जीवन का तो मतलब यह होता है कि निरंतर अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते जाना और कठिनाइयों को चुनौतियां समझते हुए उनका निराकरण करना चाहिए.

इस समय उम्र में इतना जोश होता है कि वह मुश्किल से मुश्किल कार्य को चुटकियों में कर सकते हैं इस समय उनके पास गुरु होता है जो कि उन्हें सफलता के मार्ग में आने वाली कठिनाइयों को सुलझाने में मदद करता है.

विद्यार्थी जीवन के बाद तो कई प्रकार की घरेलू और सामाजिक समस्याओं का बोझ मनुष्य पर आ जाता है फिर वह चाहकर भी शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकता और अपना उत्तम भविष्य नहीं बना सकता है.

इसीलिए विद्यार्थी को मन को भटकाने वाली सभी वस्तुओं और जिज्ञासाओं से दूर रहना चाहिए जो विद्यार्थी इस समय मन लगाकर मेहनत कर लेता है वह अपना बाकी का जीवन सुख में और खुशहाली से ही व्यतीत करता है.

वास्तव में विद्यार्थी जीवन कठोर अनुशासन, मेहनत और शिष्टाचार का दूसरा नाम है जिस प्रकार सोना आग में तप कर अधिक मूल्यवान कुंदन बन जाता है उसी प्रकार विद्यार्थी जीवन में किया गया कठोर परिश्रम, अनुशासन ही विद्यार्थी को संसार में प्रतिष्ठा और सम्मान दिलाता है.

यही आगे के भविष्य का निर्माण करता है क्योंकि आज तक विद्यार्थी ने जो भी सीखा है उसी से वह धन अर्जित करता है और अपने परिवार का पालन पोषण करता है.

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हम आशा करते है कि हमारे द्वारा Essay on Student Life in Hindi  आपको पसंद आया होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया है तो अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ शेयर करना ना भूले। इसके बारे में अगर आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं।

13 thoughts on “विद्यार्थी जीवन पर निबंध – Essay on Student Life in Hindi”

Vidhyarthi jeevan

Amazing Bro keep it up 😎

thank you daksh

Nice paragraph 👌👌👌

Thank you Devansh for appreciation.

Great essay. Was able to write full 4 pages for my project and even then half of it was left.

Thank you for your appreciation.

This is amazing nibhandh I got full 5 marks in nibhandh

Thank you Kajal for appreciation.

खाने का रिफाईंड तेल पर निबंध लिखें

वसंत तुळशीराम कन्नाके जी हम जल्द ही रिफाईंड तेल पार भी निबंध लिखंगे, अपना सुझाव देने के लिए आप का बहुत बहुत धन्यवाद

I love this site I got full 10 marks with clapping👏👏

Thank you Jiya Verma for appreciation.

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Student Life Essay in Hindi

दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे विद्यार्थी जीवन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। हर किसी की जिंदगी में विद्यार्थी जीवन बहुत ही ज्यादा महत्व रखता है क्योंकि यही वह समय होता है जब विद्यार्थी सही और गलत में पहचान करना सीखते हैं। विद्यार्थी जीवन में एक गुरु का बहुत ज्यादा महत्व होता है क्योंकि वो ही विद्यार्थियों का सही मार्गदर्शन करते हैं। देखा जाए तो विद्यार्थी जीवन में पढ़ाई और अनुशासन सीखने के साथ-साथ विद्यार्थी सच्चे दोस्त भी बनाते हैं। तो ऐसे में अगर आपको विद्यार्थी जीवन पर निबंध अलग-अलग शब्दों में लिखना है तो हमारे आज के इस पोस्ट को सारा पढ़ें और जानें विद्यार्थी जीवन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। 

विद्यार्थी जीवन पर निबंध

विद्यार्थी जीवन पर निबंध 100 शब्दों में

विद्यार्थी जीवन में सबसे ज्यादा महत्व अनुशासन और शिक्षा का होता है। इसके साथ ही साथ खेलकूद के महत्व को भी अनदेखा नहीं किया जा सकता। इसीलिए जो विद्यार्थी अपनी पढ़ाई करने के साथ-साथ खेलकूद में भी हिस्सा लेते हैं वो बहुत बुद्धिमान होते हैं। पढ़ाई लिखाई करके जब विद्यार्थी मानसिक रूप से थक जाते हैं तो ऐसे में खेलकूद से उनकी थकान को दूर किया जाता है। इस तरह से अपना पसंदीदा खेल खेलने के बाद विद्यार्थीयों में फिर से उर्जा भर जाती है। विद्यार्थी जीवन ही वह समय होता है जब विद्यार्थी ज्ञान प्राप्त करने के साथ-साथ संस्कार और अनुशासन जैसी चीजें सीखते हैं। 

विद्यार्थी जीवन पर निबंध 150 शब्दों में

किसी भी इंसान के लिए विद्यार्थी जीवन एक स्वर्णिम काल की तरह होता है क्योंकि इस समय वो अपने भविष्य की आधारशिला रखता है। विद्यार्थी जीवन में ही एक छात्र में शारीरिक और मानसिक गुणों के विकास के साथ-साथ आध्यात्मिक गुणों का भी विकास होता है। इस सब में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण योगदान अध्यापक का होता है, जो अपने सभी विद्यार्थियों को शिक्षा देने के साथ-साथ उन्हें सही रास्ते पर भी चलाते हैं। किसी भी इंसान के लिए शिक्षा हासिल करना आसान नहीं होता इसीलिए विद्यार्थियों को अपनी जिंदगी में एक कामयाब इंसान बनने के लिए दिन रात मेहनत करनी पड़ती है। 

किसी भी देश के लिए विद्यार्थी बहुत महत्व रखते हैं क्योंकि वे पढ़ लिख कर अपने देश के गौरव को ऊंचा बनाते हैं। इसके लिए कोई विद्यार्थी वैज्ञानिक बनता है, कोई डॉक्टर बनता है तो कोई इंजीनियर। इसीलिए अध्यापक अपने छात्रों में सहयोग, संयम, विनम्रता, सेवा और सह अस्तित्व जैसे गुणों को विकसित करने के लिए प्रयास करते हैं। इसमें कोई शक नहीं कि आज के विद्यार्थी आने वाले कल में देश का भविष्य होते हैं। 

विद्यार्थी जीवन पर निबंध 250 शब्दों में

विद्यार्थी जीवन वह समय होता है जब कोई व्यक्ति शिक्षा हासिल करने के लिए किसी स्कूल या फिर कॉलेज में जाता है। विद्यार्थी किसी भी देश के लिए सफलता की कुंजी माने जाते हैं क्योंकि वे देश का भविष्य होते हैं। विद्यार्थी जीवन किसी भी इंसान के जीवन का सबसे सुंदर और यादगार समय होता है। इतना ही नहीं यह किसी भी व्यक्ति के लिए सबसे कीमती समय भी होता है क्योंकि इसी दौरान उसके चरित्र का विकास होता है। 

विद्यार्थी जीवन का महत्व 

विद्यार्थी जीवन में इंसान बहुत सारी चीजें सीखता है। पढ़ाई लिखाई के अलावा उसे ऐसे बहुत सारे कौशल भी सीखने का मौका मिलता है जो आगे चलकर उसके बहुत काम आते हैं। विद्यार्थी के लिए स्कूल में बिताया गया समय बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण होता है क्योंकि उस समय में या तो उसके व्यक्तित्व को बनाया जा सकता है या फिर खराब किया जा सकता है। विद्यार्थी जीवन में एक छात्र को यह सीखने को मिलता है कि वह अपने जीवन में क्या क्या कर सकता है और इसके अलावा दोस्ती जैसे मजबूत रिश्ते भी विद्यार्थी जीवन में ही बनते हैं।  

विद्यार्थी जीवन के कर्तव्य 

विद्यार्थी जीवन के कर्तव्य एक नहीं बहुत सारे होते हैं जो कि निम्नलिखित हैं –

  • अपनी पढ़ाई लिखाई पर बहुत ज्यादा मेहनत करनी चाहिए।
  • दूसरे छात्रों के साथ अच्छा व्यवहार करना चाहिए।
  • अपने अध्यापक और माता-पिता के लिए सम्मान दिखाना चाहिए।
  • विद्यार्थी जीवन में सोशल मीडिया और मोबाइल पर गेम खेलने से बचना चाहिए।
  • छात्र को चाहिए कि वह अपने व्यक्तित्व और चरित्र के निर्माण पर ध्यान दे।
  • अगर कोई कठिन परिस्थिति आ जाए तो उससे निपटना आना चाहिए। 
  • अपने सहपाठियों की मदद करनी चाहिए। 

विद्यार्थी जीवन पर निबंध 500 शब्दों में

विद्यार्थी जीवन किसी भी इंसान के लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण समय होता है। यही वो समय होता है जब छात्रों को नैतिक मूल्यों को ग्रहण करवाया जाता है। इस तरह से यह वह समय है जब कोई भी विद्यार्थी अपने भविष्य को संवारने के लिए सबसे पहली और मजबूत नींव रखता है। विद्यार्थी जीवन में छात्रों को भौतिक सुखों को छोड़कर पूरी मेहनत के साथ शिक्षा को हासिल करना होता है ताकि उनके अंदर मूल तत्वों का विकास हो सके। 

विद्यार्थी जीवन का मतलब 

विद्यार्थी शब्द विद्या+अर्थी से बना है जिसका मतलब होता है विद्या की इच्छा करने वाला। अगर संक्षेप में हम कहें तो विद्यार्थी जीवन का अर्थ होता है किसी भी विषय में निरंतर ज्ञान हासिल करना। जब बच्चा 5 साल का होता है तो तब उसकी शिक्षा का समय शुरू हो जाता है और वो लगभग 25 साल तक की उम्र तक चलता है। वैसे पढ़ाई लिखाई की कोई आयु नहीं होती है और इंसान चाहे तो किसी भी उम्र में शिक्षा हासिल कर सकता है। 

विधार्थी के मुख्य कर्तव्य 

जब कोई व्यक्ति विद्यार्थी जीवन में होता है तो तब उसके कुछ कर्तव्य होते हैं जोकि निम्नलिखित हैं –

  • विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने अंदर विनम्रता का गुण विकसित करें क्योंकि इसे विद्यार्थी जीवन की सबसे पहली सीढ़ी कहा जाता है।
  • विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपने जीवन में अनुशासन को महत्व दें क्योंकि जो व्यक्ति अनुशासन को महत्व देता है वह जिंदगी में काफी आगे जा सकता है। 
  • शिक्षा हासिल करने के लिए विद्यार्थी जीवन में व्यक्ति को चाहिए कि वह खूब परिश्रम करें और दिल लगाकर अपनी पढ़ाई करें। 
  • दुनिया के दूसरे सभी सुखों को छोड़कर शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। 
  • ऐसे लोग जो बुरे कार्यों में लीन रहते हैं उनसे विद्यार्थियों को दूर रहना चाहिए।
  • छात्र को चाहिए कि वह अपने विचार ऊंचे रखे लेकिन सादा जीवन जिएं। 
  •  विद्यार्थी के अंदर किसी भी तरह का अभिमान नहीं होना चाहिए। 

विद्यार्थी जीवन में जाने वाली गलतियां 

वैसे तो विद्यार्थी जीवन किसी भी इंसान के लिए सुनहरा समय होता है पर विद्यार्थी जीवन में लोग बहुत सारी गलतियां भी करते हैं जैसे कि – 

  • विद्यार्थी जीवन में बहुत से लोग बुरी आदतें अपना लेते हैं जैसे कि सिगरेट पीना, शराब पीना और देर रात तक अपने घर से बाहर रहना।
  • गलत संगत में पड़ने की वजह से अकसर विद्यार्थी सही रास्ते से हटकर गलत रास्ते की तरफ चले जाते हैं।
  • विद्यार्थी जीवन में ऐसा भी होता है कि वो अपने बड़ों की बातों को ठीक नहीं मानते और उनकी बातों को जरा सा भी महत्व नहीं देते जो कि एक बहुत ही बुरी बात है। 
  • अपने घर की जिम्मेदारियां पूरी करने से भागते हैं और घर के कार्यों में जरा भी दिलचस्पी नहीं लेते। 
  • विद्यार्थी हमेशा अपने ही कामों में लगे रहते हैं और दूसरे कामों की तरफ बिल्कुल भी ध्यान नहीं देते।
  • बहुत से विद्यार्थी अपनी पढ़ाई की तरफ ध्यान देना छोड़ देते हैं और दूसरे बेकार के कामों में रूचि लेने लगते हैं। 
  • शिक्षा के महत्व को नहीं समझते और पढ़ाई से जान छुड़ाने की कोशिश करते हैं। 
  • आदर्श विद्यार्थी पर निबंध
  • अनुशासन पर निबंध
  • समय का महत्व पर निबंध
  • ऑनलाइन शिक्षा पर निबंध

दोस्तों यह था हमारा आर्टिकल विद्यार्थी जीवन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। इस लेख में हमने आपको बताया कि विद्यार्थी जीवन पर आप अलग-अलग शब्दों में कैसे निबंध लिख सकते हैं। हमें पूरी आशा है कि आपको विद्यार्थी जीवन पर निबंध अवश्य उपयोगी लगा होगा। अगर आपको हमारा यह पोस्ट अच्छा लगा हो तो इसे उन लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें जो विद्यार्थी जीवन पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में ढूंढ रहें हैं। 

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Essay on Student Life in Hindi | छात्र जीवन पर निबंध 100, 150, 200, 500 शब्दों में

Essay on Student Life in Hindi: जिन्दगी में यदि कोई ऐसी चीज़ है जो हमें बाद में बहुत याद आएगी, तो वह हमारा अच्छा student life होगा और इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि विद्यार्थी जीवन सबसे गौरवशाली पलों में से एक था। आमतौर पर student life पढ़ाई, होमवर्क और परीक्षाओं से भरा होता है। लेकिन फिर भी, यह वह चरण है जहां हम लौटने के लिए उत्सुक हैं। कभी सोचा है क्यों? हम दुनिया में विभिन्न चीजों के बारे में बहुत सारा ज्ञान और जानकारी प्राप्त करते हैं और साथ ही शारीरिक, भावनात्मक और सामाजिक रूप से विकसित होते हैं।

हममें से प्रत्येक को अपना student life अलग-अलग ढंग से याद है। Essay on Student Life in Hindi, Student life essay in hindi 250 words, Student life essay in hindi 200 words, Student life essay in hindi 150 words आपके बच्चों के लिए छात्र जीवन के महत्व को समझने में उपयोगी होगा। छात्र जीवन पर इस निबंध के माध्यम से उन्हें यह पहचानने में मदद मिलेगी कि उन्हें स्कूल के बारे में सबसे ज्यादा क्या पसंद है।

Essay on Student Life in Hindi

  • 1 Student Life Essay 10 Lines in Hindi {100 – 150 Words}
  • 2 Short Essay on Student Life in Hindi {250 – 300 Words}
  • 4 विद्यार्थी जीवन की भूमिका
  • 5 विद्यार्थी जीवन का महत्व
  • 7 Long Essay on Student Life in Hindi {500 Words}
  • 8 परिचय (Student life essay in hindi)
  • 9 विद्यार्थी जीवन: एक स्वर्णिम अनुभव
  • 10 विद्यार्थी जीवन के कर्तव्य
  • 11 विद्यार्थी जीवन का महत्व
  • 12 विद्यार्थी जीवन की चुनौतियाँ
  • 13 निष्कर्ष
  • 14.1 प्रश्न1: विद्यार्थी जीवन का सार क्या है?
  • 14.2 प्रश्न 2: विद्यार्थी जीवन क्यों महत्वपूर्ण है?
  • 14.3 प्रश्न 3: विद्यार्थी जीवन से आप क्या समझते हैं?
  • 14.4 प्रश्न 4: क्या विद्यार्थी जीवन महत्वपूर्ण है?
  • 14.5 प्रश्न 5: क्या विद्यार्थी जीवन जीना कठिन है?
  • 14.6 प्रश्न 6: विद्यार्थी कौन है?
  • 14.7 प्रश्न 7: विद्यार्थी जीवन को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?
  • 14.8 प्रश्न 8: एक अच्छे विद्यार्थी के क्या लक्षण होते हैं?
  • 14.9 प्रश्न 9: अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस कब मनाया जाता है?

Student Life Essay 10 Lines in Hindi {100 – 150 Words}

1- विद्यार्थी जीवन को जीवन का स्वर्ण युग माना जाता है।

2- यह समय अपने लिए बेहतर भविष्य बनाने का है।

3- विद्यार्थी जीवन आपको अद्भुत और खूबसूरत यादें देता है।

4- एक विद्यार्थी के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम है पढ़ना और सीखना।

5- विद्यार्थी जीवन का व्यक्ति के पूरे जीवन पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है।

6- एक छात्र के रूप में, जीवन कभी-कभी व्यस्त और कठिन हो सकता है।

7- यह अवस्था व्यक्ति के व्यक्तित्व को आकार देती है।

8- विद्यार्थी जीवन काफी आनंददायक होता है क्योंकि इसमें संघर्ष कम होते हैं।

9- जीवन की इसी अवस्था पर हमारा व्यक्तित्व और चरित्र निर्भर करता है।

10- हमें विद्यार्थी जीवन का यथासंभव आनंद लेना चाहिए और उसका सदुपयोग करना चाहिए।

Short Essay on Student Life in Hindi {250 – 300 Words}

विद्यार्थी जीवन वह समय है जो व्यक्ति शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूल या कॉलेज में बिताता है। छात्र ही किसी देश की सफलता की कुंजी होते हैं। वे ही हमारे देश का भविष्य हैं। एक छात्र होना किसी व्यक्ति के जीवन का सबसे खूबसूरत और यादगार समय होता है।

विद्यार्थी जीवन की भूमिका

विद्यार्थी जीवन व्यक्ति के जीवन का न सिर्फ सबसे अच्छा समय होता है बल्कि सबसे महत्वपूर्ण भी होता है। यह समय उनका भविष्य तय करता है. छात्र आमतौर पर स्कूल, होमवर्क, पढ़ाई, कक्षाओं और नई चीजें सीखने में व्यस्त रहते हैं। छात्रों को पहली बार अपने दम पर जीने का मौका विद्यार्थी जीवन में ही मिलता है, और उन्हें वयस्कों के रूप में पहली बार ज्यादातर चीजें करने का मौका मिलता है। विद्यार्थी इस उम्र का सदुपयोग करके अपने लिए एक उज्ज्वल भविष्य बना सकते हैं।

विद्यार्थी जीवन का महत्व

इस दौरान वे जीवन के बारे में बहुत कुछ सीखते हैं। स्कूल के अलावा, वे बहुत सारे कौशल सीखते हैं जो उन्हें अधिक परिपक्व बनने में मदद करते हैं। एक छात्र का व्यक्तित्व स्कूल में बिताए गए समय से बन या बिगड़ सकता है। जब कोई स्कूल जाता है तो वह जीवन के बारे में बहुत कुछ सीखता है। विद्यार्थी जीवन आपको यह समझने में मदद करता है कि जीवन क्या है।

हम अपने दोस्तों के साथ जो मज़ेदार चीज़ें करते हैं और साथ में अच्छा समय बिताते हैं, उसके अलावा, छात्र के रूप में हमारा अधिकांश समय पढ़ाई करने और बेहतर भविष्य के लिए योजनाएँ बनाने में व्यतीत होता है। विद्यार्थी जीवन एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय होता है और प्रत्येक छात्र को इसमें अपना पूरा मन लगाकर कड़ी मेहनत करने की आवश्यकता होती है। आप छात्र बनकर दोबारा वापस नहीं जा सकते, इसलिए इसका आनंद लें, और नई चीज़ों को आज़माने से न डरें।

Long Essay on Student Life in Hindi {500 Words}

परिचय (student life essay in hindi).

Student Life Essay 10 Lines in Hindi: विद्यार्थी जीवन किसी भी व्यक्ति के जीवन का सबसे रोमांचक और यादगार समय होता है। इस दौरान हम न केवल सीखते हैं बल्कि यह भी समझ पाते हैं कि हम कौन हैं। एक छात्र के रूप में अपना समय कोई भी कभी नहीं भूलेगा, क्योंकि यह ज्ञान, अनुभव, मज़ेदार समय और आज़माने के लिए नई चीज़ों से भरा हुआ है। अत: हम कह सकते हैं कि विद्यार्थी जीवन ही वह समय है जब व्यक्ति के जीवन के बीज बोये जाते हैं।

विद्यार्थी जीवन: एक स्वर्णिम अनुभव

विद्यार्थी जीवन न केवल सीखने और शिक्षा से भरा होता है, बल्कि बहुत सारे मज़ेदार और यादगार अनुभवों से भी भरा होता है। इस उम्र में बाहरी दुनिया या ज़िम्मेदारियों की कोई चिंता नहीं होती. विद्यार्थी जीवन वह समय होता है जब व्यक्ति नई चीजें सीखता है। इस दौरान व्यक्ति भविष्य में क्या होगा इसके लिए तैयार हो जाता है। एक छात्र होने के बारे में सबसे अच्छी चीजों में से कुछ हैं दोस्तों के साथ समय बिताना, खाना, पढ़ाई, मजाक करना और मौज-मस्ती करना।

विद्यार्थी जीवन के कर्तव्य

विद्यार्थियों को सबसे पहले अपनी पढ़ाई पर कड़ी मेहनत करनी चाहिए। एक छात्र का सबसे स्पष्ट कर्तव्य अपने शिक्षक और माता-पिता के प्रति सम्मान दिखाना होता है। उन्हें सोशल मीडिया और मोबाइल गेम्स के चक्कर में पड़ने से बचना चाहिए। इस दौरान विद्यार्थी को अपने व्यक्तित्व, चरित्र और व्यवहार के निर्माण पर काम करना चाहिए। जब वे विभिन्न प्रकार के सामाजिक कार्यों में शामिल होते हैं, तो वे सीखते हैं कि एक साथ कैसे काम करना है। उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि कठिन परिस्थितियों से कैसे निपटना है.

Student life हर इंसान के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लोग युवा हैं और जब वे स्कूल में होते हैं तो उनमें बहुत अधिक ऊर्जा होती है। इस दौरान छात्र अच्छे शिष्टाचार, आत्म-नियंत्रण और जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण सीखते हैं। इससे उन्हें समाज का मूल्यवान सदस्य बनने में मदद मिलती है। यह वह समय होता है जब उन्हें पता चलता है कि क्या अच्छा है और क्या बुरा है। एक छात्र को स्कूल में रहते हुए ही यह निर्धारित कर लेना चाहिए कि वह अपने जीवन में क्या करना चाहता है। विद्यार्थी जीवन महत्वपूर्ण है क्योंकि हम सीखते हैं कि मित्र हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण होते हैं।

विद्यार्थी जीवन की चुनौतियाँ

“ Student life ” शब्द में एक व्यक्ति के स्कूल में बिताए गए सभी अच्छे और बुरे समय शामिल होते हैं। हालाँकि, विद्यार्थी जीवन चुनौतियों से भरा होता है। माता-पिता और शिक्षक अक्सर उन पर अपने करियर के लिए सही चीजें चुनने का दबाव डालते हैं। कुछ छात्र जीवन को लेकर चिंतित हो जाते हैं क्योंकि उन्हें सभी चीजें ठीक से समझ नहीं आती हैं। चूँकि हर चीज़ का एक निर्धारित समय होता है, इसलिए स्कूल, काम, नींद, परिवार और दोस्तों के साथ तालमेल बिठाना कठिन हो सकता है। आपको स्कूल के काम, पाठ्येतर गतिविधियों और अपने निजी जीवन को एक साथ संतुलित करना पड़ सकता है।

“Student life” ने हमें दिखाया है कि यह किसी व्यक्ति के लिए सबसे अच्छा समय है क्योंकि वास्तविक जीवन तब शुरू होता है जब आप एक छात्र होते हैं। सिर्फ एक व्यक्ति ही नहीं, बल्कि हर एक स्कूली छात्र के पास स्कूल से जुड़ी उनकी पसंदीदा यादें हैं। एक छात्र के रूप में, आपको स्कूल और अपनी पढ़ाई के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए। हमें विद्यार्थी जीवन का सदुपयोग करना चाहिए और अपने लिए सर्वोत्तम भविष्य बनाना चाहिए।

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FAQ: Essay on Student Life in Hindi

प्रश्न1: विद्यार्थी जीवन का सार क्या है.

उत्तर: विद्यार्थी जीवन का सार छोटी-छोटी बातों में निहित है जैसे सुबह जल्दी स्कूल के लिए तैयार होना या देर से दौड़ना। यह उस सकारात्मक दृष्टिकोण में भी निहित है जो हम अच्छे अनुशासन के कारण विकसित करते हैं।

प्रश्न 2: विद्यार्थी जीवन क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर: विद्यार्थी जीवन को हम ‘स्वर्णिम जीवन’ कहते हैं क्योंकि विद्यार्थी कई आवश्यक चीजें सीखते हैं। विद्यार्थी जीवन का समय हमारे जीवन में खुशियाँ लाता है और एक मजबूत नींव बनाता है। यह हमारे सफल जीवन को भी निर्धारित करता है।

प्रश्न 3: विद्यार्थी जीवन से आप क्या समझते हैं?

उत्तर: यदि आप एक छात्र हैं जो स्कूल या कॉलेज जाते हैं, तो एक छात्र के रूप में आप जो दैनिक गतिविधियाँ करते हैं वही आपका छात्र जीवन है। आप अपने शिक्षकों और दोस्तों के साथ सीखने और खेलने में समय बिताएंगे।

प्रश्न 4: क्या विद्यार्थी जीवन महत्वपूर्ण है?

उत्तर: हम छात्र जीवन के महत्व को नजरअंदाज नहीं कर सकते क्योंकि यह नई सीख का काल है। हम बहुत सी बातें समझने लगते हैं और यदि हमारा विद्यार्थी जीवन संतुलित रहेगा तो हम जीवन में सफलता प्राप्त कर सकेंगे।

प्रश्न 5: क्या विद्यार्थी जीवन जीना कठिन है?

उत्तर: विद्यार्थी जीवन एक सुखद अनुभव है जहाँ हम ज्ञान इकट्ठा करते हैं और दोस्त बनाते हैं। लेकिन यह एक ऐसा चरण भी है जहां हम वास्तविकता का सामना करते हैं और कठिन परिस्थितियों का अनुभव करते हैं। फिर भी, विद्यार्थी जीवन आपको साहसी, जिम्मेदार और भावनात्मक रूप से ग्रहणशील बनाता है।

प्रश्न 6: विद्यार्थी कौन है?

उत्तर: विद्यार्थी वह है जो सीखने के लिए स्कूल या किसी अन्य स्थान पर जाता है।

प्रश्न 7: विद्यार्थी जीवन को प्रभावित करने वाले कारक कौन से हैं?

उत्तर: पारिवारिक पृष्ठभूमि, सीखने का माहौल, अस्वस्थ जीवनशैली आदि कारक विद्यार्थी जीवन को प्रभावित करते हैं।

प्रश्न 8: एक अच्छे विद्यार्थी के क्या लक्षण होते हैं?

उत्तर: अनुशासन, कड़ी मेहनत, समय की पाबंदी, आत्मविश्वास, ज़िम्मेदारी आदि एक अच्छे छात्र के कुछ लक्षण हैं।

प्रश्न 9: अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर: 17 नवंबर को अंतर्राष्ट्रीय छात्र दिवस के रूप में मनाया जाता है।

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध 10 lines (Essay on Student Life in Hindi) 100, 150, 250, 300, 500, शब्दों मे

student life essay 100 words in hindi

Essay Student Life in Hindi – छात्र जीवन किसी व्यक्ति के जीवन के सबसे यादगार चरणों में से एक होता है। विद्यार्थी जीवन का चरण हमारे जीवन की नींव का निर्माण करता है। विद्यार्थी जीवन में हम केवल किताबों से ही नहीं सीखते हैं। हम भावनात्मक, शारीरिक, दार्शनिक और साथ ही सामाजिक रूप से विकसित होना सीखते हैं। इस प्रकार, इस विद्यार्थी जीवन निबंध में हम इसके सार और महत्व को जानेंगे।

विद्यार्थी जीवन पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Student Life Essay 10 Lines in Hindi) 100 – 150 Words

  • 1) विद्यार्थी जीवन को जीवन का स्वर्ण युग माना जाता है।
  • 2) यह अपने लिए बेहतर भविष्य बनाने का समय है।
  • 3) छात्र जीवन आपको अद्भुत और सुंदर यादें देता है।
  • 4) एक विद्यार्थी के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम है पढ़ना और सीखना।
  • 5) विद्यार्थी जीवन का व्यक्ति के संपूर्ण जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है।
  • 6) एक छात्र के रूप में जीवन कभी-कभी व्यस्त और कठिन हो सकता है।
  • 7) यह अवस्था व्यक्ति के व्यक्तित्व को आकार देती है।
  • 8) विद्यार्थी जीवन काफी सुखद होता है क्योंकि इसमें संघर्ष कम होते हैं।
  • 9) हमारा व्यक्तित्व और चरित्र जीवन के इसी पड़ाव पर निर्भर करता है।
  • 10) हमें छात्र जीवन का जितना हो सके आनंद लेना चाहिए और उसका सदुपयोग करना चाहिए।

विद्यार्थी जीवन पर निबंध (Essay on Student Life 250 – 300 Words in Hindi)

छात्र जीवन वह समय है जब एक व्यक्ति शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूल या कॉलेज में व्यतीत करता है। विद्यार्थी देश की सफलता की कुंजी होते हैं। वे हमारे देश का भविष्य हैं। एक छात्र होना एक व्यक्ति के जीवन में सबसे खूबसूरत और यादगार पलों में से एक होता है।

विद्यार्थी जीवन की भूमिका

विद्यार्थी जीवन न केवल किसी व्यक्ति के जीवन का सबसे अच्छा समय होता है बल्कि सबसे महत्वपूर्ण भी होता है। यह समय उनके भविष्य का निर्धारण करेगा। छात्र आमतौर पर स्कूल , गृहकार्य, पढ़ाई, कक्षाओं और नई चीजों को सीखने में व्यस्त रहते हैं। छात्रों को पहली बार अपने दम पर जीने का मौका मिलता है, और उन्हें वयस्कों के रूप में पहली बार ज्यादातर काम करने का मौका भी मिलता है। वे इस उम्र का सदुपयोग कर अपना उज्जवल भविष्य बना सकते हैं।

विद्यार्थी जीवन का महत्व

इस दौरान वे जीवन के बारे में बहुत कुछ सीखते हैं। स्कूल के अलावा, वे बहुत सारे कौशल सीखते हैं जो उन्हें अधिक उत्पादक बनने में मदद करते हैं। एक छात्र के व्यक्तित्व को स्कूल में उनके समय से बनाया या तोड़ा जा सकता है। जब कोई स्कूल जाता है तो जीवन के बारे में बहुत कुछ सीखता है। यह आपको यह समझने में मदद करता है कि जीवन क्या है।

हम अपने दोस्तों के साथ जो भी मज़ेदार चीज़ें करते हैं और साथ में जो अच्छा समय बिताते हैं, उसके अलावा, छात्रों के रूप में हमारा ज़्यादातर समय अध्ययन करने और बेहतर भविष्य की योजनाएँ बनाने में बीतता है। छात्र जीवन एक बहुत ही महत्वपूर्ण समय होता है और प्रत्येक छात्र को कड़ी मेहनत करके अपना पूरा दिल लगाने की जरूरत होती है। आप एक छात्र के रूप में वापस नहीं जा सकते, इसलिए इसका आनंद लें और नई चीजों को आजमाने से न डरें।

विद्यार्थी जीवन पर 500 शब्दों का निबंध (Essay on Student Life 500 Words in Hindi)

छात्र जीवन किसी व्यक्ति के जीवन के सबसे यादगार चरणों में से एक होता है। विद्यार्थी जीवन का चरण हमारे जीवन की नींव का निर्माण करता है। विद्यार्थी जीवन में हम केवल किताबों से ही नहीं सीखते हैं। हम भावनात्मक, शारीरिक, दार्शनिक और साथ ही सामाजिक रूप से विकसित होना सीखते हैं। इस प्रकार, इस विद्यार्थी जीवन निबंध में हम इसके सार और महत्व को जानेंगे।

विद्यार्थी जीवन पर निबंध

छात्र जीवन हमें अनुशासन सीखने और अध्ययन करने में मदद करने के लिए है। इसके बावजूद, जीवन काफी सुखद है। विद्यार्थी जीवन में संघर्ष कम होता है। स्कूल या कॉलेज के लिए तैयार होने के लिए सुबह जल्दी उठना चाहिए।

इसी तरह छात्र जीवन में बस स्टॉप पर दौड़ना बहुत रोमांचक होता है। माताएँ हमें लगातार याद दिलाती हैं कि जल्दी करो और देर न करो। यह सभी माताओं के लिए किसी मंत्र से कम नहीं है।

इसके अलावा, छात्र जीवन में अन्य रोमांचक क्षण भी हैं। हम कभी-कभी अपना होमवर्क पूरा करना भूल जाते हैं और फिर शिक्षक के कहने पर नोटबुक खोजने का नाटक करते हैं।

जैसे-जैसे परीक्षा का समय नजदीक आ रहा है, मज़ा थोड़ी देर के लिए रुक जाता है लेकिन ज्यादा देर के लिए नहीं। छात्र जीवन के बारे में सबसे रोमांचक चीजों में से एक है अपने दोस्तों के साथ पिकनिक और ट्रिप पर जाना।

आप खुद का आनंद लें और खूब मस्ती करें। दोस्तों के साथ परीक्षा परिणाम का इंतजार करना भी मजेदार हो जाता है। छात्र जीवन का सार छोटी-छोटी बातों में निहित है जैसे अपने मित्र के अंकों के बारे में उत्सुक होना, यदि वे अधिक अंक प्राप्त करते हैं तो ईर्ष्या करना, इत्यादि।

खेल की अवधि के लिए उत्साह या एक नए शिक्षक के बारे में सीखना। विद्यार्थी जीवन हमें अनुशासन तो सिखाता ही है साथ ही यह हमें बहुत आनंद भी देता है। यह हर किसी के जीवन में एक यादगार समय होता है।

विद्यार्थी जीवन हर किसी के जीवन का अहम हिस्सा होता है। छात्रों और देश का भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि हम छात्र कैसे हैं। ऐसे में सही मार्गदर्शन मिलना जरूरी है। विद्यार्थी जीवन हमारे जीवन की नींव रखता है।

इसलिए अगर आपकी नींव मजबूत होगी तो इमारत भी मजबूत होगी। हालाँकि, एक कमजोर नींव एक इमारत को खड़ा नहीं कर सकती है। दूसरे शब्दों में, विद्यार्थी जीवन हमें मानवीय गुणों को अपनाने में मदद करता है।

लोगों को यह एहसास नहीं है कि छात्र जीवन पाने के लिए कितना भाग्यशाली और विशेषाधिकार प्राप्त है। कई बच्चे इसे पाने का सपना देखते हैं लेकिन कभी नहीं पाते हैं। इस प्रकार, यदि कोई शिक्षा प्राप्त करता है, तो उसे इसका अधिकतम लाभ उठाना चाहिए।

विद्यार्थी जीवन हमेशा खुशियों से भरा नहीं रहेगा लेकिन यह सार्थक होगा। यह हमें जीवन के पथ पर बढ़ने और ईमानदारी, धैर्य, दृढ़ता, और बहुत कुछ जैसे गुणों को प्राप्त करने में मदद करता है।

छात्र जीवन निबंध का निष्कर्ष

कुल मिलाकर विद्यार्थी जीवन किसी आदर्श से कम नहीं है। भले ही इसमें कई उतार-चढ़ाव हों, अंत में यह सब इसके लायक है। हमारा छात्र जीवन आगे चलकर हमारे जीवन में बहुत कुछ तय करता है। इसलिए हमें न केवल अकादमिक रूप से बल्कि अन्य पहलुओं में भी अच्छे छात्र बनने का प्रयास करना चाहिए। बाद में सफल जीवन के लिए यह रीढ़ की हड्डी की तरह है।

छात्र जीवन निबंध के अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

प्रश्न 1: विद्यार्थी जीवन का सार क्या है.

उत्तर 1: छात्र जीवन का सार छोटी-छोटी बातों में निहित है जैसे सुबह जल्दी स्कूल के लिए तैयार होना या देर से दौड़ना। यह उस सकारात्मक दृष्टिकोण में भी निहित है जो हम अच्छे अनुशासन के कारण विकसित करते हैं।

प्रश्न 2: विद्यार्थी जीवन क्यों महत्वपूर्ण है?

उत्तर 2: हम विद्यार्थी जीवन को ‘सुनहरा जीवन’ कहते हैं क्योंकि विद्यार्थी बहुत सी आवश्यक बातें सीखते हैं। विद्यार्थी जीवन का काल हमारे जीवन में हर्ष और उल्लास लाता है और एक मजबूत नींव का निर्माण करता है। यह हमारे सफल जीवन को भी निर्धारित करता है।

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध | student life essay in hindi | 100-250-500 words, select category.

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध (Essay On Student Life In Hindi)- विद्यार्थी जीवन पर सरल भाषा में निबंध पढ़ें

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध (Essay On Student Life In Hindi)- हम सभी के जीवन का विद्यार्थी जीवन (Student Life) वाला पड़ाव सबसे अहम पड़ाव होता है, क्योंकि यहीं से हम सही और गलत में पहचान करना सीख पाते हैं। जिंदगी में उतार-चढ़ाव की शुरुआत भी विद्यार्थी जीवन से ही होने लगती है। विद्यार्थी जीवन में एक विद्यार्थी का मार्गदर्शन करने में उसके गुरु की सबसे बड़ी भूमिका होती है। विद्यार्थी जीवन में हमारा एक सच्चा मित्र भी ज़रूर बनता है जो हमारे हर सुख-दुख का साथी होता है। विद्यार्थी जीवन में हम पढ़ाई, अनुशासन और समय का महत्त्व सीखते हैं साथ ही खेल-कूद और मौज-मस्ती भी करते हैं।

विद्यार्थी जीवन पर निबंध (Essay On Student Life In Hindi)

अगर आप विद्यार्थी जीवन के बारे में विस्तार से पढ़ना और समझना चाहते हैं, तो parikshapoint.com आपके लिए विद्यार्थी जीवन पर निबंध हिंदी में (Student Life Essay In Hindi) लेकर आया है। इस पोस्ट से आप छात्र जीवन पर निबंध (Student Life Essay) पढ़ सकते हैं। आप हमारे इस पेज पर दिए विद्यार्थी जीवन पर निबंध (Essay On Student Life) पढ़कर जान सकते हैं कि विद्यार्थी जीवन का महत्व क्या होता है, विद्यार्थी जीवन का उद्देश्य क्या है, विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व क्या है, विद्यार्थी जीवन में समय का महत्व क्या है, विद्यार्थी जीवन में खेल का महत्व क्या है आदि।

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध हिंदी में (Student Life Essay In Hindi)

एक कहावत है कि हर विद्यार्थी अपने जीवन में कामयाब इंसान नहीं बनता लेकिन हर कामयाब इंसान अपने जीनव में विद्यार्थी ज़रूर बनता है। अगर आपने अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित कर लिया है और आप उसको लेकर दृढ़निश्चयी हैं, तो आप इस कहावत को झूठा भी साबित कर सकते हैं। विद्यार्थी जीवन संघर्ष से भरा हुआ होता है। विद्यार्थी को शिक्षा प्राप्त करने के लिए लगातार कठिन परिश्रम करना पड़ता है। एक विद्यार्थी का जीवन तीन साल की उम्र से ही शुरू हो जाता है और कई सालों तक चलता है।

ये निबंध भी पढ़ें

विद्यार्थी जीवन भूमिका

विद्यार्थी दो शब्दों से मिलकर बना है, विद्या+अर्थी जिसका अर्थ है विद्या प्राप्त करने वाला इच्छुक व्यक्ति। विद्यार्थी जीवन में छात्र को सही-गलत के बारे में सिखाया जाता है ताकि वो बड़ा होकर सही-गलत की पहचान कर सके। विद्यार्थियों को अनुशासन में रहने के साथ-साथ छोटे-बड़ों से कैसे बात करनी है, ये भी सिखाया जाता है। विद्यार्थी को अपने माता-पिता और गुरु का आदर करना चाहिए। जब किसी विद्यार्थी के परीक्षा में अच्छे नंबर/अंक आते हैं, तो सबसे ज्यादा खुश उनके माता-पिता और गुरु होते हैं और उनका सर गर्व से ऊंचा हो जाता है। पहले विद्यार्थियों को शिक्षा प्राप्त करने के लिए गुरुकुल में भेजा जाता था। लेकिन बाद में शिक्षा सभी के लिए अनिवार्य कर दी गई और नए-नए स्कूलों का निर्माण किया गया। जिससे अब बच्चों को पढ़ने के लिए घर से दूर नहीं जाना पड़ता। आज शिक्षा को अधिक महत्व दिया जाने लगा है। यही कारण है कि आज के विद्यार्थियों को परीक्षा में नंबर लाने का बोझ और कैरियर बनाने के लिए बहुत कठिनाइयों से लड़ना पड़ता है। ऐसे में विद्यार्थियों को सही मार्गदर्शन की जरूरत होती है। अगर उन्हें सही समय पर मार्गदर्शन के साथ-साथ उनकी पसंद के विषय से रूबरू करवाया जाए, तो वो निश्चय ही सफल होंगे। विद्यार्थी को चाहिए कि वह अपनी रुचि के अनुसार विषय को चुनें ताकि वो खुश होकर पढ़ सकें। उन्हें इस तरह की शिक्षा व्यवस्था की सुविधा करनी चाहिए जिससे उन्हें पढ़ाई बोझ ना लगे।

विद्यार्थी जीवन का महत्व

विद्यार्थी जीवन का समय किसी भी इंसान के जीवन का सबसे अधिक महत्वपूर्ण और उत्साह से भरा हुआ समय होता है। विद्यार्थी जीवन का यही समय उसके भविष्य का निर्माण करता है। विद्यार्थी को चाहिए कि वो इस समय का भरपूर प्रयोग करें ताकि उसे भविष्य में निराशा न झेलनी पड़े। विद्यार्थियों को अपने विद्यार्थी जीवन में हर एक कदम को काफी सोच-समझकर उठाना चाहिए। इसलिए विद्यार्थी जीवन का अपना अलग ही महत्व है। विद्यार्थी के जीवन में समय का बहुत महत्व होता है। विद्यार्थी अपने छात्र जीवन में शिक्षा के महत्व को सही प्रकार से समझता है। जब कोई विद्यार्थी विद्यालय में दाखिला लेता है, तो उसका मुख्य उद्देश्य ज्ञान अर्जित करना होता है। जब छात्र विद्यालय जाता है, तो वहां पर उसे नए शिक्षक, नए दोस्त के साथ-साथ बहुत सारे सहपाठी भी मिलते हैं। विद्यालय में एक स्वच्छ वातावरण मिलता है जहां पर वो अध्ययन करते हैं। एक विद्यार्थी के मन में रोज नए-नए विचार उत्पन्न होते हैं। ये विचार सकारात्मक और नकारात्मक दोनों ही प्रकार के हो सकते हैं। एक विद्यार्थी से उम्मीद की जाती है कि वो सकारात्मक ज्ञान को ग्रहण करे और नकारात्मक विचार या भाव को त्याग दे। अगर वो नकारात्मक भाव को स्वीकार करते हैं, तो उन्हें आने वाले समय में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। विद्यार्थी जीवन के महत्व से जुड़े कुछ बिंदुओं का उल्लेख नीचे किया गया है–

अध्ययन करने का सबसे अच्छा समय–

विद्यार्थी जीवन ही ऐसा समय होता है जहां पर आप तनाव मुक्त सहकर अध्ययन कर सकते है। विद्यालयों, विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों में छात्र पढ़ने के लिए जाते हैं, तो उनके ऊपर कमाई और नौकरी का सबसे ज्यादा तनाव रहता है। इसलिए छात्रों को चाहिए कि वो विद्यार्थी जीवन यानी कि पांचवी या सातवीं क्लास से ही तनाव रहित होकर पढ़ाई करें।

विद्यार्थियों पर अनुशासन का महत्व–

विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन का काफी महत्व होता है। एक छात्र तभी सफल हो सकता है जब वह अनुशासन में रहकर पढ़ाई करेगा। अगर व्यक्ति अनुशासन में रहकर पढ़ाई करता है,,तो वह एक दिन निश्चित ही सफल हो जाएगा और आने वाले समय में वह सुखद जिंदगी जिएगा। अगर वही व्यक्ति अनुशासनहीनता को अपनाता है, तो उसे जिंदगी भर हमेशा कठिनाइयों से ही सामना करना पड़ेगा।

विद्यार्थियों का कर्तव्य-

विद्यार्थी जीवन का पहला कर्तव्य होता है अच्छे से पढ़ाई करके अपने परिवार की देखभाल करना।

विद्यार्थी जीवन में खेलों का महत्व–

विद्यार्थी जीवन में खेलों का बहुत अधिक महत्व होता है। विद्यार्थी जीवन ही ऐसा समय होता है जहां पर विद्यार्थी तरह-तरह के खेल सीख सकते हैं। ऐसे में जरूरत होती है उन्हें सही दिशा-निर्देश की। अगर उन्हें खेल के क्षेत्र में सही से आगे बढ़ाया जाए, तो छात्र बहुत आगे जायेंगे। स्कूलों और कॉलेजों में चाहिए कि खेल से संबंधित टीचर को रखें ताकि विद्यार्थी अपने मन पसंद खेल के बारे में उनसे बात कर सकें और वो अपने मन पसंद खेल के करियर क्षेत्र में कहां से शुरुआत करें, कैसे आगे बढ़ें आदि ये सारी जानकारी उन्हें देने की जरूरत है।

सफल बनने के लिए सबसे महत्वपूर्ण विद्यार्थी जीवन–

विद्यार्थी जीवन एक ऐसा जीवन होता है जहां आप एक बेहतर इंसान बन सकते हैं। गुरु और माता–पिता की आज्ञा का पालन करके अगर वो सही से पढ़ाई करें, तो वो किसी भी क्षेत्र में जैसे सरकारी नौकरी, बिजनेस, इंजीनियर आदि अच्छे पद पा सकते हैं और अपने आने वाले समय में बेफिक्र हो कर आराम की जिंदगी जी सकते हैं।

विद्यार्थी जीवन कैसा होना चाहिए?

एक विद्यार्थी को अपनी दिनचर्या में, अपने व्यवहार, कार्यशैली और अपने दिमाग पर संतुलन रखना चाहिए। विद्यार्थी जीवन में आप संस्कार की भाषा बोलना सीखते हैं। विद्यार्थी जीवन को हमेशा स्वतंत्र होकर जीना चाहिए। विद्यार्थी को अपने जीवन के कुछ सुनहरे पलों को खुल कर जीना चाहिए। कुछ विद्यार्थी खेल में भाग लेने व गुरुओं से अपने सवालों से संबंधित समस्याएं को पूछने से भी घबराते हैं परंतु एक विद्यार्थी को ऐसा नहीं होना चाहिए, वह अपनी बात दिल खोलकर बोल सकता है। विद्यार्थियों में हमेशा उत्साह के साथ पढ़ाई करने का जज्बा होना चाहिए।

स्कूल में हमारे द्वारा किए गए छोटे-छोटे हंसी-मजाक, मस्ती, लड़ाई जैसी चीजें उम्र भर के लिए यादें बन कर रह जाती हैं। हमें अपने विद्यार्थी जीवन में किसी भी तरह का फैशन नहीं करना चाहिए तथा स्कूल द्वारा दिए गए यूनिफॉर्म को ही इस्तेमाल करना चाहिए। स्कूल द्वारा दिए गए सभी नियमों का पालन करना चाहिए। विद्यार्थी जीवन प्रतिस्पर्धा का समय होता है, ऐसे में हर छात्र एक दूसरे से आगे बढ़ना चाहते हैं जिसके लिए वो सभी खूब मेहनत भी करते हैं। लेकिन हर बच्चा टॉप नहीं कर सकता है इस बात को भी छात्रों को स्वीकार करना चाहिए। हमें अपने विद्यार्थी जीवन को समझदारी के साथ जीने की जरूरत है। विद्यार्थी जीवन में हमें बुरी चीजों से दूर रहना चाहिए। विद्यार्थी जीवन में छात्रों को सबसे ज्यादा स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत होती है। विद्यार्थी को खेल के साथ-साथ रोज व्यायाम भी करना चाहिए। एक विद्यार्थी को कुछ घंटे मनोरंजन के लिए भी समय निकालना चाहिए ताकि उनका दिमाग़ ठीक रहे और वह सही से पढ़ाई कर सकें। विद्यार्थी को हमेशा अपने समय का सदुपयोग करना चाहिए।

आदर्श विद्यार्थी के गुण

हमारे देश का भविष्य आज की युवा पीढ़ी पर निर्भर करता है। यही विद्यार्थी बाद में युवा बनेंगे जो देश को ऊंचाई पर पहुंचाने का काम करते हैं। विद्यार्थी जीवन में कई तरह के विद्यार्थी होते हैं, एक जो लगातार मेहनत करके पढ़ाई करते हैं और आगे बढ़ते हैं। लेकिन वहीं दूसरी तरफ ऐसे भी विद्यार्थी होते हैं जो सिर्फ मौज मस्ती में ही अपना टाइम खराब कर देते हैं और बाद में उनके हाथ निराशा ही लगती है। आदर्श विद्यार्थियों के गुण निम्नलिखित हैं-

  • एक विद्यार्थी को समय का सही उपयोग करना चाहिए।
  • विद्यार्थी को हमेशा अनुशासन का पालन करना चाहिए।
  • विद्यार्थी को छोटे-बड़ों के साथ-साथ माता-पिता का आदर और उनके द्वारा दिए गए आदेशों का पालन करना चाहिए।
  • छात्र में मदद करने की भावना जरूर होनी चाहिए।
  • छात्र में जिज्ञासा होनी चाहिए।
  • खेल कूद का महत्व विद्यार्थी जीवन में बहुत अधिक होता है।
  • विद्यार्थी में संयम होना चाहिए।
  • अच्छे विद्यार्थी में दिए गए आज के काम को आज ही कर लेने का गुण अवश्य होना चाहिए।
  • अच्छे विद्यार्थी को खुद पर भरोसा रखना चाहिए।
  • विद्यार्थी में प्रश्न करने का मनोबल होना चाहिए।

विद्यार्थी के लिए समय का महत्व

समय बहुत कीमती है और हमें इसे किसी भी तरह से खराब नहीं करना चाहिए और खासकर विद्यार्थियों को। एक बार जो समय चला जाता है वह कभी लौटकर नहीं आता है। समय दुनिया की सबसे अनमोल चीज है जिसका उपयोग हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए करना चाहिए। विद्यार्थियों को अपने कार्य और समय पर विशेष ध्यान देना चाहिए। विद्यार्थियों को चाहिए कि वह अपना कार्य निर्धारित समय पर पूरा करें। विद्यार्थी को खाली समय में अपने बड़ों से इतिहास, समाज, देश आदि के बारे में जानना चाहिए इससे उनकी मानसिक शक्ति का विकास होगा। आज शिक्षा को बेचा जाने लगा है। बड़े-बड़े प्राइवेट स्कूलों का निर्माण होने से गरीब घर के बच्चों में एक निराशा की लहर दिखाई देने लगी है। उन्हें लगता है कि वह प्राइवेट स्कूलों में जाने वाले छात्रों से कम शिक्षित हैं। ऐसे में उनके माता और पिता को सही समय पर राह दिखानी चाहिए कि एक दिन वो भी सरकारी स्कूलों में पढ़कर प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों से भी आगे जा सकते हैं। इसलिए कभी भी शिक्षा को छोटा या बड़ा ना समझें। शिक्षा सबके लिए समान होती है, बस जरूरत होती है उसे सही समय पर सही तरीके से इस्तेमाल करने की। विद्यार्थियों के लिए समय के महत्व से संबंधित कुछ आवश्यक बातें निम्नलिखित हैं–

  • विद्यार्थियों को धन की जगह शिक्षा को महत्व देना चाहिए।
  • विद्यार्थी को कभी भी गलत तरीके से अपने समय को बर्बाद नहीं करना चाहिए।
  • माता-पिता को अपने बच्चों को बचपन से ही समय के महत्व के बारे में बताना चाहिए।
  • उन्हें यह पता होना चाहिए कि समय किसी के लिए रुका नहीं रहता है। इसलिए आपको समय के साथ हमेशा चलते रहना चाहिए।
  • समय रहते ही विद्यार्थियों को अपना कार्य पूरा कर लेना चाहिए।
  • विद्यार्थी जीवन के छात्रों को यह समझना होगा कि सफलता के लिए मेहनत और समय दोनों का महत्व होता है।

विद्यार्थी का लक्ष्य

किसी भी विद्यार्थी का पहला लक्ष्य होता है सही से पढ़ाई करना, जिंदगी में एक नया और ऊंचा मुकाम हासिल करना, जिससे उनका और उनके परिवार का नाम ऊंचा हो। विद्यार्थियों को इन लक्ष्यों को पूरा करने के लिए उन्हें विभिन्न बातों का ध्यान रखना चाहिए–

  • लक्ष्य को पूरा करने के लिए विद्यार्थी समय निकाल कर पढ़ाई करें।
  • विद्यार्थी को अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना चाहिए।
  • विद्यार्थी को चाहिए कि वो अपने लक्ष्य प्राप्त करने के लिए किसी अपने से बड़े व्यक्ति की सलाह लें।
  • विद्यार्थियों को चाहिए कि अपने लक्ष्य को पूरा करने के लिए समय का सही पालन करें।
  • विद्यार्थियों को चाहिए कि वो अपने लक्ष्य को पाने का संकल्प करें और नियंत्रण प्रयास करते रहें जब तक लक्ष्य हासिल ना हो जाए।
  • विद्यार्थियों को खेल आदि जैसे कार्यक्रमों में भाग लेना चाहिए।
  • विद्यार्थियों को अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सहनशक्ति का प्रयोग करना चाहिए।
  • आपको किस दिशा में जाना है इसका सही ज्ञान होना चाहिए।
  • विद्यार्थियों को चाहिए कि वह अपनी समस्याओं को खुद से सुलझाएं।
  • अपने लक्ष्य से संबंधित नई खोज के बारे में जानकारी इकट्ठा करें।
  • अपने लक्ष्य से संबंधित नया तथ्य क्या है, ये पता करें।
  • विद्यार्थी को लक्ष्य से जुड़े प्रशिक्षण, कार्यक्रमों आदि में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए।

विद्यार्थियों का तप क्या है?

विद्यार्थियों का विद्या के लिए अध्ययन करना भी एक तप है। विद्या से उन्हें ज्ञान की प्राप्ति होती है। जीवन में मिलने वाली सफलता को विद्यार्थी जीवन से ही रखा जाता है। विद्यार्थी भविष्य में क्या करने वाले हैं इसकी पटकथा विद्यार्थी जीवन में ही तय कर ली जाती है। विद्यार्थी तप इसलिए भी करता है ताकि उसे अच्छी नौकरी मिले। उसके पास अच्छा और बड़ा घर हो। विद्यार्थी अपने जीवन में दुनिया की सारी सुख सुविधाओं का लाभ उठाने के लिए कठिन परिश्रम करके पढ़ाई करता है ताकि उन्हें यह सारी सुविधाएं आसानी से मिल जाएं।

विद्यार्थी जीवन का उद्देश्य

विद्यार्थी जीवन का मुख्य उद्देश्य होता है ज्ञान अर्जित करना। ऐसे में विद्यार्थियों को चाहिए कि उन्हें जहां से भी जो ज्ञान मिले उसे ग्रहण करने के साथ-साथ उसे अपने सहपाठियों में भी बांटे। इससे उन्हें और भी बातों का पता चलेगा। विद्यार्थी जीवन का मन बहुत चंचल होता है। वह अपने आसपास की दिखने वाली चीजों की तरफ जल्दी आकर्षित हो जाते हैं। ऐसे में उन्हें चाहिए कि वो किसी भी चीज का पहले पूरा ज्ञान हासिल कर लें, तभी उस चीज के बारे में कुछ कहें या उस पर अपनी प्रतिक्रिया दें। जो बच्चे अपने घर से दूर रहकर पढ़ाई करते हैं, उन्हें इन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि वह समय का सदुपयोग करें ताकि उन्हें जल्द ही सफलता मिल सके।

आखिर में निष्कर्ष के तौर पर हम ये कह सकते हैं कि विद्यार्थी जीवन में एक विद्यार्थी को बहुत से अनुभव होते हैं, जैसे वह जागरूक और सक्रिय रहते हुए सभी चीज़ों का ध्यान रखना सीख जाते हैं, उन्हें समय प्रबंधन करना आ जाता है और वह अपने जीवन का लक्ष्य भी निर्धारित कर लेते हैं। एक विद्यार्थी को विद्यार्थी जीवन खुलकर जीना चाहिए, क्योंकि ये जीवन फिर कभी लौटकर नहीं आता।

विद्यार्थी जीवन पर निबंध 100 शब्द में

विद्यार्थियों को अपने समय अनुसार सुबह उठकर पढ़ना चाहिए। गरीब घर के बच्चे कभी-कभी पढ़ाई के लिए उधार लेकर घर से बाहर रहने लगते हैं। एक छोटे से कमरे में उनका आशियाना बन जाता है। पढ़ाई के कारण घर से दूर रहने पर मजबूर बच्चों को आपने अक्सर घरों से दूर रहकर पढ़ाई करते हुए जरूर देखा होगा। ऐसे में आपके मन में ये सवाल कभी ना कभी जरूर आया होगा कि आखिर ये बच्चें अपने घर से दूर रह कर क्यों अनजान शहर में पढ़ने के लिए आते हैं। तो इसका सीधा सा मतलब है अपने बेहतर भविष्य के लिए वह इतना कठिन तप करते हैं। ताकि उनके साथ-साथ उनके परिवार और माता पिता की भी आर्थिक स्थिति सुधर जाए और वो लोग भी बाकी लोगों की तरह अपना जीवन जी सकें। अपने घर को छोड़कर आने वालों में से सबसे ज्यादा गरीब घर के विद्यार्थी होते हैं जो कठिन परिश्रम के साथ-साथ पढ़ाई भी करते हैं।

विद्यार्थी जीवन पर निबंध 200 शब्द में

विद्यार्थी को एक बेहतर भविष्य के लिए सबसे ज्यादा मुश्किलों से होकर गुजरना पड़ता है। कभी उन्हें कम नंबरों के लिए घर से डांट सुनने को मिलती है तो कभी स्कूल में क्लास से बाहर खड़ा कर दिया जाता है। बच्चों में नंबर लाने और अच्छे अंक लाने की होड़ हमेशा बनी रहती है। उन्हें लगता है कि अगर मेरे अच्छे नंबर नहीं आएंगे तो मेरा भविष्य अंधकार में डूब जाएगा। यही कारण है कि बच्चा हर रोज पढ़ाई करने के लिए बड़े-बड़े कोचिंग क्लासों को जॉइन करता है। अगर किसी बच्चे के नंबर कम आएं, तो ऐसे में माता-पिता को चाहिए कि वह अपने बच्चों से बात करें और नंबर अच्छे ना आने पर भी उनका हौसला बढ़ाएं ताकि वह आगे अच्छे नंबर ला सकें। बड़े-बड़े संस्थानों में पढ़ने के लिए बच्चे सुबह भूखे पेट निकल जाते हैं ताकि उनसे कोई विषय या टॉपिक छूट ना जाए। अपने जीवन में सफल होने के लिए ये ना जानें कितनी दूर कड़कती धूप में पैदल चलकर पढ़ने जाते हैं और फिर वहां से ऐसे ही आते हैं। माता-पिता को चाहिए कि अपने बच्चों को समझें और उन पर परीक्षा में अच्छे नंबर लाने का बोझ कभी भी ना डालें। क्योंकि बच्चे खुद ही मेहनत करके अच्छे नंबर लाना चाहते हैं। ऐसे में अगर कोई उन पर परीक्षा के नंबर को लेकर गुस्सा करेगा, तो वो उदास हो जाएंगे और गलत कदम उठाने के लिए भी सोच सकते हैं।

विद्यार्थी जीवन पर 10 लाइन

  • विद्यार्थी को हमेशा अपने गुरु की आज्ञा का पालन करना चाहिए, बड़ों का आदर और छोटे से प्यार करना चाहिए।
  • विद्यार्थियों को चाहिए कि वो किताबी ज्ञान के अलावा भी अपने आसपास से जुड़ी चीजों के बारे में सीखें।
  • एक विद्यार्थी को खेल, गाने, डांस अथवा अपनी रुचि के अनुसार किसी एक विषय का चयन करके उसमें भाग लें।
  • विद्यार्थी को ज्यादा से ज्यादा पढ़ाई पर ध्यान देना चाहिए ताकि पेपर में उनके अच्छे अंक आ सके।
  • एक विद्यार्थी से यह अपेक्षा की जाती है कि वो शांत स्वभाव का हो।
  • अच्छे विद्यार्थी को चाहिए कि उसे जहां से भी शिक्षा मिले उसे ग्रहण करें।
  • विद्यार्थियों को शुरू से सिखाया जाना चाहिए कि वो सबकी मदद के लिए हमेशा तत्पर रहें।
  • विद्यार्थी को हमेशा सजग रहना चाहिए ताकि उनसे कोई भी चीज छूट ना जाए।
  • हर काम में विद्यार्थियों को हमेशा सबसे आगे होना चाहिए।
  • विद्यार्थी को कभी भी अभद्र भाषा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

विद्यार्थी जीवन पर कविता

चुप्पी तोड़ी, विद्यार्थी ने भी मुँह खोला, “उसी भीड़ में बुरी तरह मैं फँसा हुआ था। लाख छटपटाया, हाथों ने किंतु न तोला एक बार भी तन को, जैसे धँसा हुआ था सुग्राही दलदल में । संमुख डँसा हुआ था एक व्यक्ति भीड़ के नाग का, बदन खुला था दाँत दीखते थे, मानो शव हँसा हुआ था निखिल परिग्रह संग्रह पर, वायु में घुला था महामरण का भय, प्रिय जीवन विवश तुला था क्रूर काल के हाथों, हाहाकार खो गए सिर पर चढ़ा ख़ून, आँसू से नहीं धुला था, दबे हुए बात की बात में बिदा हो गए। पत्नी कहीं रो रही थी, पति कहीं विकल था, पुत्र कहीं पछाड़ खाते थे, नाश अचल था ।”

– विद्यार्थी भीड़ में / त्रिलोचन

इस निबंध में हमने विद्यार्थी के जीवन पर विस्तार से चर्चा की है। विद्यार्थी का जीवन कैसा होता है, विद्यार्थी जीवन का लक्ष्य क्या होना चाहिए, विद्यार्थी का उद्देश्य क्या होता है, विद्यार्थी को विद्या क्यों प्राप्त करनी चाहिए, विद्यार्थी का महत्व क्या होता है, विद्यार्थी जीवन में एक छात्र को कौन-कौन सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है, आदि चीजों को शामिल करने की कोशिश की गई है। निबंध में हमने अच्छे से समझाने की कोशिश की है ताकि पढ़ने वाले पाठक वर्ग को आसानी से समझ में आ जाए। विद्यार्थी जब अपने आपसे जुड़ा हुआ कोई निबंध को पढ़ते हैं, तो उन्हें इस ऐसा लगना चाहिए कि निबंध नहीं है बल्कि उनके जिंदगी से जुड़े सभी पहलुओं का उल्लेख किया गया है। किसी भी निबंध को लिखते समय ध्यान रहे कि निबंध को आकर्षित तरीके से लोगों के सामने परोसा जाए ताकि उन्हें देखते ही निबंध पसंद आ जाए और वह उसे पढ़ने के लिए व्याकुल हो उठें। किसी भी चीज का लिखने का उद्देश्य होता है कि उसे पाठक वर्ग ज्यादा से ज्यादा प्रभावित हों तथा उसे अपने आचरण में उतारें।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह हिंदी में निबंध (Essay In Hindi) ज़रूर पसंद आया होगा और आपको इस निबंध से जुड़ी सभी ज़रूरी जानकारी भी मिल गई होंगी। इस निबंध को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध- Vidyarthi Jeevan Par Nibandh

In this article, we are providing an Student Life | Vidyarthi Jeevan Par Nibandh विद्यार्थी जीवन पर निबंध हिंदी में | Essay in 100, 150. 200, 300, 500, 800 words For Students. Student Life Essay in Hindi

Short Essay on Student Life in Hindi ( 100 to 150 words )

हमारे जीवन का जो समय विद्यालय में पढ़ने-लिखने में बीतता है उसे छात्र जीवन कहते हैं। इस जीवन में मनुष्य योग्य बनकर अपने जीवन को सफल और उन्नतिशील बना सकता है।

यह जीवन विद्यार्थी के लिए अमूल्य होता है। इस जीवन में जैसा बीज बोया जायेगा उसका फल भावी जीवन में उसी प्रकार मिलेगा। छात्र जीवन बड़ा कोमल होता है। इसमें सम्भलकर कदम रखना पड़ता है।

विद्यार्थियों का मुख्य ध्येय अपनी पाठ्य-पुस्तकों का अध्ययन होना चाहिए। संसार की घटनाओं से परिचित होने के लिए उन्हें दैनिक तथा साप्ताहिक अखबारों को भी पढ़ना चाहिए। विद्यालय में शिक्षकों की आज्ञा पालन करना तथा उनके द्वारा बतलाये हुए मार्ग पर चलना चाहिए। विद्यार्थी को बुरे लड़कों की संगति से दूर रहना चाहिए। उनको सक्रिय राजनीति से दूर रहना चाहिए क्योंकि उन्हें पढ़ाई-लिखाई के साथ-साथ स्वास्थ्य पर भी विशेष ध्यान रखना आवश्यक है।

Adarsh Vidyarthi Par Nibandh

Vidyarthi Jeevan Par Nibandh Essay- विद्यार्थी जीवन पर निबंध 200 शब्द 

विद्यार्थी जीवन सबसे अधिक मज़ेदार और याद रखने योग्य होता है। परन्तु वास्तव में यह फूलों की शैय्या भी नहीं होता। कईयों के लिए यह बड़ा कठिन जीवन है। यह काम और अनुशासन से भरा होता है। यही वह जीवन होता है जब कोई अपना भविष्य बनाता या बिगाड़ता है। हर विद्यार्थी को पढ़ने के उद्देश्य से विद्यालय में जाना चाहिए। यही वह समय होता है जब पढ़ने, सीखने, सहयोग, अनुशासन, सही और बुरे में अन्तर का ज्ञान और अपने चरित्र और व्यक्तित्व के विकास जैसी अच्छी आदतें सीखता है।

विद्यार्थी जीवन उत्तरदायित्वों से भरा होता है। एक अच्छा विद्यार्थी अपना समय सफल तभी बना सकता है जब वह समर्पण और पढ़ने की इच्छा से कक्षा में जाता है। यही वह समय है जब वह अपना शरीर, दिमाग और आत्मा का विकास करता है। वह एक उद्देश्य रखता है और उसे अध्ययन में परिश्रम, नियमितता, अनुशासन और समर्पण से पाने की कोशिश करता है। वह अपने बड़ों का आदर करना सीखता है। यही समय अपने भविष्य को बना कर अच्छे और सम्माननीय नागरिक, एक अच्छा मित्र और पड़ोसी और सामाजिक कार्यक्रर्ता बनता है। विद्यार्थी जीवन हर मनुष्य के जीवन का सुनहरी समय होता है। इस का अच्छी प्रकार ध्यान रखना चाहिए।

Essay on Discipline in Hindi

विद्यार्थी जीवन पर निबंध | Hindi Essay Vidyarthi Jeevan Par Nibandh in 300 to 350 words

‘बच्चा इन्सान का पिता होता है’ बच्चों की शिक्षा उनके बचपन से ही शुरू हो जाती है। उसे प्रारम्भिक शिक्षा और तीन R सिखाए जाते हैं यानि कि पढ़ना, लिखना और अंकगणित। छटी कक्षा तक उस की शिक्षा पर माता-पिता और अध्यापक काफी ध्यान देते हैं। परन्तु जब वह बड़ी कक्षा में आ जाता है तो पढ़ाई में उसकी रुचि कम हो जाती है। यह किताबों के बढ़ते बोझ के कारण होता है।

वह विद्यार्थी जो अपने आप पढ़ता है उसकी पढ़ाई में कभी रुचि खत्म नहीं होती, वह अपनी पढ़ाई में और रुचि लेना शुरु कर देता है। अपनी पुस्तकों के इलावा वह और कई अच्छी पुस्तकें पढ़ता है जो उसकी कई प्रकार से सहायता करती हैं। उसका ज्ञान बढ़ता है। उसका शब्द कोष बढ़ता है और लिखने की अपना तरीका हो जाता है। उसके लिए विद्यालय में जाना जरूरी हो जाता है। वह अपने माता-पिता और अध्यापकों को प्रिय होता है। वह प्रसारित पत्र, वाद-विवाद प्रतियोगिता, निबन्ध लेखन आदि में जीतता है। उसके लिए विद्यार्थी जीवन आनन्ददायक होता है, उसका अधिकतर समय पढ़ाई में बीतता है। वह अपने अध्यापकों और बड़ों में नियमित नहीं है। पीछे वह जाते हैं। उने कम अंक आते हैं। वे बिना छुट्टी लिए स्कूल से अनुपस्थित रहते हैं। उनके लिए विद्यार्थी जीवन विनोदहीन और बोझ लगता है।

यह माता-पिता और अध्यापकों का कर्त्तव्य है कि वे वैसे विद्यार्थियों का प्यार से मार्ग दर्शन करें और किताबों से प्रेम करने में उनकी सहायता करें नहीं तो वे भटक जाएँगे और बुरी संगति में पड़ जाएँगें ।

विद्यार्थी जीवन न फूलों की सेज है न ही काँटों की । परन्तु उसे पढ़ाई की तरफ प्रेरित करना पड़ेगा। उसे नैतिक पाठ पढ़ाना चाहिए और महान व्यक्तियों की पुस्तकें पढ़ने के लिए देनी चाहिएँ। वह उनकी सफलता का राज़ जानेगा। विद्यार्थी का जीवन कठिन है। मैं विद्यार्थी जीवन में सीखने की भावना होनी चाहिए।

परिश्रम, ज्ञान संचय और समर्पण द्वारा विद्यार्थी जीवन में सफलता प्राप्त होती है। यह एक लगातार होनी वाली क्रिया है। जो उद्देश्य के साथ जीवन में परिश्रम करते हैं। वे हमेशा सफल होते हैं। वे जीवन के पिछले साल में जीवन का आनन्द लेते हैं। उनका लोग सम्मान करते हैं। वे अच्छे नागरिक बन जाते हैं। अच्छा नागरिक देश का खज़ाना होता है।

विद्यार्थी और अनुशासन पर निबन्ध- Essay on Student and Discipline in Hindi

Long Student Life Essay in Hindi | विद्यार्थी जीवन पर निबंध in 700 to 800 words

विद्या अर्जन करने वाले को विद्यार्थी कहते हैं। देखा जाए तो मनुष्य आजीवन कुछ-न-कुछ सीखता रहता है, ज्ञान प्राप्त करता रहता है। इस प्रकार हम सभी आजीवन विद्यार्थी ही रहते हैं। साधारणतः हम उसे विद्यार्थी कहते हैं, जो विद्यालय में अध्ययन करता है। प्राचीन भारत में विद्यार्थी जीवन को ब्रह्मचर्य आश्रम की संज्ञा दी गई थी। पाँच वर्ष की आयु से पच्चीस वर्ष की अवस्था को विद्यार्थी जीवन कहा जाता था। इस काल में मनुष्य का कार्य गुरुकुलों में विद्योपार्जन होता था ।

प्राचीन विद्यार्थी-

प्राचीन काल के विद्यार्थी का जीवन, रहन-सहन और क्रिया-कलाप आज के विद्यार्थी से सर्वथा भिन्न था। उस काल में भारतीय विद्यार्थी जंगलों में गुरु के आश्रमों में रहकर विद्याध्ययन करते थे। वहाँ राजा और रंक का भेद नहीं था। सभी विद्यार्थियों को समान रूप से शिक्षा दी जाती थी। उन आश्रमों का व्यय राजा तथा जनता वहन करती थी । उस समय गुरु की आज्ञा का पालन करना, विद्याध्ययन करना और गुरु की सेवा करना विद्यार्थी का कर्त्तव्य माना जाता था। उस काल के विद्यार्थियों का आचरण और चरित्र बहुत ऊँचा होता था। इसका कारण यह था कि विद्यार्थी अच्छे परिवेश में शिक्षा प्राप्त करते थे।

वर्तमान विद्यार्थी-

प्राचीन विद्यार्थी और आधुनिक विद्यार्थी में बहुत अन्तर है। आज का विद्यार्थी आश्रमों में न रहकर समाज के बीच रहकर शिक्षा ग्रहण करता है। अतः आज की सामाजिक अच्छाइयों और बुराइयों का प्रभाव उस पर पड़ता है। वह अपने जीवन का बहुत कम समय विद्यालय में व्यतीत करता है। उसका अधिकांश समय परिवार और समाज में बीतता है। इसलिए उसके जीवन पर विद्यालय से अधिक बाहर के वातावरण का प्रभाव पड़ता है। वैसे आज के शिक्षा संस्थान व्यवसायी प्रवृत्ति के शिकार हैं। उनका उद्देश्य शिक्षा प्रदान करना कम, अर्थोपार्जन करना अधिक है। इन सब का प्रभाव विद्यार्थी जीवन पर भी पड़ता है। व्यक्ति परिवेश की देन होता है।

विद्यार्थी जीवन मनुष्य जीवन का सबसे महत्वपूर्ण काल है। यह कहना असंगत न होगा कि विद्यार्थी जीवन शेष जीवन की नींव है। इसी काल में उसके ज्ञान, चरित्र, आचरण और व्यवहार का विकास होता है। विद्यार्थी जीवन में ही सच्चे नागरिक का निर्माण होता है। किसी भी देश का भविष्य उस देश के विद्यार्थियों पर निर्भर करता है। यदि विद्यार्थी चरित्रवान, दृढव्रती कर्त्तव्यपरायण और शक्तिशाली होंगे तो वह देश निश्चित रूप से उन्नति करेगा।

विद्यार्थियों के गुण और कर्त्तव्य-

जब तक किसी में गुण का बीजारोपण नहीं होता है तब तक वह अपने कर्त्तव्य का भी पालन नहीं कर सकता है। विद्यार्थी में अनुशासन, स्वावलम्बन और गुरु-भक्ति परायणता, विनम्रता, उदारता, त्याग आदि गुणों का विकास हो सकता है। प्रत्येक विद्यार्थी में अनुशासन का होना बहुत आवश्यक है। इस गुण के कारण ही वह अपने जीवन को नियोजित कर सकता है। स्वावलम्बन भी विद्यार्थी का एक प्रमुख गुण है। विद्यार्थी को अपना प्रत्येक कार्य स्वयं करना चाहिए। दूसरों के भरोसे रहना ठीक नहीं है। किसी की सहायता या दया चाहने वाला विद्यार्थी अपने जीवन में कभी सफलता नहीं प्राप्त कर सकता है। विद्यार्थी को परिश्रमी होना चाहिए, क्योंकि प्रतिभा, परिश्रम पर निर्भर करती है। विद्यार्थी को हर प्रकार के नियमों का पालन करना चाहिए। माता–पिता तथा गुरुजनों की आज्ञापालन करना विद्यार्थी का विशेष गुण है।

आजकल विद्यार्थी गुरुजनों के प्रति अवज्ञा, सहपाठियों के साथ कलह, माता-पिता के प्रति अश्रद्धा जैसे व्यवहार करते हैं। यह उनके जीवन के लिए अहितकर है। प्रत्येक विद्यार्थी को इन बुराइयों से बचकर अध्ययन करना चाहिए । विद्यार्थी को सादाजीवन, उच्च विचार का ही अनुकरण करना चाहिए।

विद्यार्थी के जीवन का विकास तभी हो सकता है जब वह अपने गुरु के प्रति श्रद्धा और भक्ति रखे। विद्यालय तथा उसके बाहर शिक्षकों का अपमान करना, उनका मजाक उड़ना तथा निन्दा करना बहुत बड़ा अपराध है। ऐसे शिक्षार्थी गुरु के स्नेह से वंचित रहते हैं। वे गुरु की बातें को ध्यान से नहीं सुन पाते और इस प्रकार अपनी ही हानि करते हैं।

विद्यार्थी में जानने की भावना होनी चाहिए । यही प्रवृत्ति मनुष्य को नित्यप्रति नई-नई बातें जानने की प्रेरणा देती है। इसके लिए विद्यार्थी को एकाग्रचित्त होना चाहिए।

विद्यार्थी को अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। इसके लिए विद्यार्थी को व्यायाम और तरह-तरह के खेल-कूद पर विशेष ध्यान देना चाहिए। साथ ही उसे सहिष्णुता, परोपकार, निर्भीकता, स्वावलम्बन, पारस्परिक प्रेम, उदारता आदि मानवीय गुणों का विकास करना चाहिए ।

आधुनिक विद्यार्थी में उपर्युक्त गुणों का अभाव देखा जाता है। दुर्भाग्य से आज विद्यालयों का वातावरण भी प्रतिकूल है। ऐसे वातावरण में वर्तमान युग का विद्यार्थी किसी महान लक्ष्य की प्राप्ति कर भी पायेगा ?

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दोस्तों इस लेख के ऊपर Vidyarthi Jeevan Par Nibandh ( विद्यार्थी जीवन पर निबंध ) आपके क्या विचार है? हमें नीचे comment करके जरूर बताइए।

Vidyarthi Jeevan Par Nibandh’ ये हिंदी निबंध class 4,5,7,6,8,9,10,11 and 12 के बच्चे अपनी पढ़ाई के लिए इस्तेमाल कर सकते है। यह निबंध नीचे दिए गए विषयों पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध हिंदी में | Essay on Student Life in Hindi

Essay on Student Life in Hindi:  एक इन्सान के जीवन में सभी कालों से महत्वपूर्ण विद्यार्थी जीवन का काल होता है यही से उनके भविष्य की दिशा तथा दशा तय हो जाती हैं.

अच्छी परवरिश, अच्छी शिक्षा, अच्छी संगती तथा मेहनत लग्न करने वाले विद्यार्थी जीवन में सफलता के नयें नयें आयाम स्थापित करते है. आज का हमारा हिंदी निबंध विद्यार्थी जीवन पर ही लिखा गया हैं. 

Student Life, Vidyarthi Jeevan Essay में हम इस कालावधि के महत्व के बारे में आपकों इस छोटे स्टूडेंट् लाइफ एस्से के जरिये बता रहे हैं.

मनुष्य के लिए विद्यार्थी जीवन बहुत महत्वपूर्ण होता है, बाल्यकाल से ही मनुष्य का विद्यार्थी जीवन आरम्भ हो जाता हैं. मनुष्य का बाल्यकाल कोमल पौधे के समान होता हैं, जिसे समुचित देखभाल और मार्गदर्शन की आवश्यकता होती हैं.

पहले माता-पिता अपनी संतानों को बाल्य काल में ही गुरुकुल अथवा आश्रम भेज दिया करते थे. वहां के विद्यार्थियों को कठोर अनुशासन में रखा जाता था.

वर्षों के निरंतर अभ्यास के उपरान्त विद्यार्थी गुरुकुल अथवा आश्रम से विद्वान एवं पराक्रमी बनकर बाहर निकलते थे. आज गुरुकुल की परम्परा नहीं हैं. गुरुकुल तथा आश्रमों का स्थान विद्यालयों ने ले लिया हैं. परन्तु आज भी पूर्व की भांति विद्यार्थी जीवन ही मनुष्य का भविष्य निर्धारित करता हैं.

विद्यार्थी जीवन में मनुष्य ज्ञान अर्जित करता हैं, साथ ही उसे आगे बढने की प्रेरणा मिलती हैं. विद्यार्थी जीवन में ही मनुष्य में सच्चा नागरिक बनने की योग्यता उत्पन्न होती हैं.

जीवन में कठोर परिश्रम से निरंतर अभ्यास करने वाले विद्यार्थी ही परीक्षा में उतीर्ण होते हैं. दूसरी ओर कठोर परिश्रम से घबराने वाले विद्यार्थी मन लगाकर अभ्यास नहीं करते और पिछड़ जाते हैं.

वास्तव में विद्यार्थी जीवन मनुष्य के लिए फूक फूक कट कदम रखने वाला काल होता हैं. इस काल में उचित मार्गदर्शन की विशेष आवश्यकता होती हैं.

जो विद्यार्थी स्वयं पर नियंत्रण रखकर, उचित अनुचित का विचार करके निर्णय लेता हैं, वह पथभ्रष्ट होने से बचा रहता हैं, इस प्रकार निरंतर परिश्रम से विद्यार्थी शिक्षित होकर अपना भविष्य सुरक्षित करने में सफल रहता हैं.

लेकिन जो विद्यार्थी उचित दिशा निर्देश पर ध्यान नही देता, परिश्रम से जी चुराता है और विद्यार्थी जीवन का मौज मस्ती में दुरूपयोग करता हैं.

वह अपने पैरों पर स्वयं कुल्हाड़ी मारने जैसा कार्य करता हैं. कुछ ही वर्षों में मौज मस्ती का समय व्यतीत हो जाता है और जब जीवन के यथार्थ से सामना होता है तो ऐसा विद्यार्थी स्वयं को अयोग्य पाता हैं.

आज के संसार में किसी भी इन्सान को सफल होने के लिए उसके पास योग्यता का होना बेहद जरुरी है. निक्कमे तथा अयोग्य लोगों के बारे में कोई नहीं पूछता हैं. निरंतर तेजी से कम्पीटीशन का युग ज्यों ज्यों बढ़ रहा है उसके अनुकूल स्वयं को संघर्ष करते हुए आगे बढाने पर ही सफलता अर्जित करनी पड़ती हैं.

जिस व्यक्ति में आरम्भ से ही संघर्ष करने की क्षमता व जूनून नहीं हैं. वह न तो संघर्ष करने की स्थिति में रहता है और न ही यह निश्चय कर पाता है कि अब उन्हें किस राह जाना हैं.

एक विशेष क्षेत्र में योग्यता के अर्जन के लिए इन्सान को कड़ा परिश्रम करना पड़ता हैं. तब जाकर वह एक क्षेत्र में महारत हासिल कर पाता हैं. यदि विद्यार्थी जीवन से ही चरित्र निर्माण सम्बन्धी इन छोटी छोटी बातों का अनुसरण किया जाए तो लक्ष्य प्राप्ति की राह अधिक आसान हो जाती हैं.

विद्यार्थी जीवन को इसलिए भी जीवन निर्माण की अवधि माना जाता हैं क्योंकि इस समय स्टूडेंट्स पर परिवार घर आदि किसी तरह की जिम्मेदारियों के बंधन से मुक्ति भी रहती हैं. जिससे वह अपने क्षेत्र में मेहनत करते हुए अच्छा कर पाता हैं.

हरेक विद्यार्थी के जीवन में कुछ सपने होते है जिन्हें वह बड़ा होकर साकार करना चाहता हैं. सभी सपनों के पूरा होने का द्वार शिक्षा ही हैं. कोई डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक आदि बनना चाहता है.

मगर सही दिशा में निरंतर अभ्यास एवं संघर्ष के बिना छोटा हो या बड़ा सभी कार्य असम्भव बनकर ही रह जाते हैं. यहाँ अपने सपनों से बिछड़ा होने पर आगे वह अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों का निर्वहन भी ठीक तरीके से नहीं कर पाता हैं.

वाकई में विद्यार्थी जीवन बेहद सावधानी के साथ आगे बढने वाला वक्त होता हैं. उम्रः के इस मोड़ पर जहाँ उन्हें अपने चरित्र निर्माण एवं संघर्ष के साथ जीवन बिताना होता है वही उन्हें एक अच्छे भविष्य की आस भी रखनी होती हैं.

उन्हें यह बात निश्चय कर लेनी चाहिए कि विद्यार्थी जीवन में की गयी मेहनत उनकों अपने लक्ष्य तक जाने में मदद करेगी साथ ही कठोर परिश्रम के आगे कोई भी लक्ष्य बड़ा या असम्भव नही होता हैं जिसे हासिल नही किया जा सके.

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व Essay on the importance of discipline in student life

बिना अनुशासन विद्यार्थी जीवन की कल्पना करना बहुत कठिन है. स्कूल जाने का एक बड़ा कारण यही होता है कि एक बच्चे के भीतर अनुशासन का पालन करने के भाव उत्पन्न किये जाए.

जीवन में अनुशासन में रहे छात्र ही अच्छा परफोर्म कर पाते हैं. ऐसे छात्र हर टीचर की निगाहों में रहते हैं और हर वक्त प्रशंसा हासिल करते है.

यदि किसी स्टूडेंट्स या बच्चे को अनुशासन के बारे में बताया जाए, तो उसे अपने भावी जीवन में आने वाली कठिनाइयों को हल करने में ज्यादा तकलीफ नहीं होगी. वहीं दूसरी तरफ जो छात्र अनुशासन और बेसिक नियमों का पालन नहीं करते हैं उन्हें काफी बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं.

जो छात्र अनुशासनहीन होता है उसे अमूमन कोई भी पसंद नहीं करता. आगे चलकर अनुशासन हीन व्यक्ति लाइफ में ईर्ष्या, अहिंसा, असत्य, बड़ों से झूठ बोलना, बड़ों का आदर ना करना, अपने गुरु का आदर ना करना, गलत संगत आदि बुरी आदतों की लत लग जाती है और एक आदर्श जीवन से बहुत दूर हो जाता हैं.

Q. काक चेष्टा बको ध्यानं श्वान निद्रा तथैव च अल्पहारी गृह त्यागी विद्यार्थी पंच लक्षणं का अर्थ क्या हैं?

Q. आधुनिक विद्यार्थी जीवन चुनौतियों से भरा क्यों हैं, q. एक विद्यार्थी का पहला उद्देश्य क्या होता हैं.

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आशा करता हु फ्रेड्स आपकों  Essay on Student Life in Hindi, यानि विद्यार्थी जीवन पर निबंध का यह लेख अच्छा लगा होगा, यदि आपकों स्टूडेंट लाइफ हिंदी एस्से, विद्यार्थी जीवन पर निबंध लिखों, विद्यार्थी जीवन का भाषण, शोर्ट निबंध विद्यार्थी जीवन पर दी गई जानकारी अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे.

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध | Essay on Students Life in Hindi

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध | Essay on Students Life in Hindi!

विद्‌यार्थी जीवन साधना और तपस्या का जीवन है । यह काल एकाग्रचित्त होकर अध्ययन और ज्ञान-चिंतन का है । यह काल सांसारिक भटकाव से स्वयं को दूर रखने का काल है । विद्‌यार्थियों के लिए यह जीवन अपने भावी जीवन को ठोस नींव प्रदान करने का सुनहरा अवसर है । यह चरित्र-निर्माण का समय है । यह अपने ज्ञान को सुदृढ़ करने का एक महत्त्वपूर्ण समय है ।

विद्‌यार्थी जीवन पाँच वष की आयु से आरंभ हो जाता है । इस समय जिज्ञासाएँ पनपने लगती हैं । ज्ञान-पिपासा तीव्र हो उठती है । बच्चा विद्‌यालय में प्रवेश लेकर ज्ञानार्जन के लिए उद्‌यत हो जाता है । उसे घर की दुनिया से बड़ा आकाश दिखाई देने

लगता है । नए शिक्षक नए सहपाठी और नया वातावरण मिलता है । वह समझने लगता है कि समाज क्या है और उसे समाज में किस तरह रहना चाहिए । उसके ज्ञान का फलक विस्तृत होता है । पाठ्‌य-पुस्तकों से उसे लगाव हो जाता है । वह ज्ञान रस का स्वाद लेने लगता है जो आजीवन उसका पोषण करता रहता है ।

विद्‌या अर्जन की चाह रखने वाला विद्‌यार्थी जब विनम्रता को धारण करता है तब उसकी राहें आसान हो जाती हैं । विनम्र होकर श्रद्धा भाव से वह गुरु के पास जाता है तो गुरु उसे सहर्ष विद्‌यादान देते हैं । वे उसे नीति ज्ञान एवं सामाजिक ज्ञान देते हैं, गणित की उलझनें सुलझाते हैं और उसके अंदर विज्ञान की समझ विकसित करते हैं । उसे भाषा का ज्ञान दिया जाता है ताकि वह अपने विचारों को अभिव्यक्त कर सके । इस तरह विद्‌यार्थी जीवन सफलता और पूर्णता को प्राप्त करता हुआ प्रगतिगामी बनता है ।

ADVERTISEMENTS:

विद्‌यार्थी जीवन मानवीय गुणों को अंगीभूत करने का काल है । सुख-दु:ख, हानि-लाभ, सर्दी-गर्मी से परे होकर जब विद्‌यार्थी नित्य अध्ययनशील हो जाता है तब उसका जीवन सफल हो जाता है । विद्‌या प्राप्ति के निमित्त कुछ कष्ट तो उठाने ही पड़ते हैं, आग में तपे बिना सोना शुद्ध नहीं होता । इसलिए आदर्श विद्‌यार्थी जीवन में सुख की चाह न रखते हुए केवल विद्‌या की चाह रखता है । वह धैर्य, साहस, ईमानदारी, लगनशीलता, गुरुभक्ति, स्वाभिमान जैसे गुणों को धारण करता हुआ जीवन-पथ पर बढ़ता ही चला जाता है । वह संयमित जीवन जीता है ताकि विद्‌यार्जन में बाधा उत्पन्न न हो । वह नियमबद्ध और अनुशासित रहता है । वह समय की पाबंदी पर विशेष ध्यान देता है ।

विद्‌या केवल पुस्तकों में नहीं होती । ज्ञान की बातें केवल गुरुजनों के मुखारविन्द से नहीं निकलतीं । ज्ञान तो झरने के जल की तरह प्रवाहमान रहता है । विद्‌यार्थी जीवन इस प्रवाहमान जल को पीते रहने का काल है । खेल का मैदान हो या डिबेट का समय, भ्रमण का अवसर हो अथवा विद्‌यालय की प्रयोगशाला, ज्ञान सर्वत्र भरा होता है । विद्‌यार्थी जीवन इन भांति- भांति रूपों में बिखरे ज्ञान को समेटने का काल है । स्वास्थ्य संबंधी बातें इसी जीवन में धारण की जाती हैं । व्यायाम और खेल से तन को इसी जीवन में पुष्ट कर लिया जाता है । विद्‌यार्थी जीवन में पढ़ाई के अलावा कोई ऐसा हुनर सीखा जाता है जिसका आवश्यकता पड़ने पर उपयोग किया जा सके ।

गुण- अवगुण, अच्छा-बुरा, पुण्य-पाप, धर्म- अधर्म सब जगह है । विद्‌यार्थी जीवन में ही इनकी पहचान करनी होती है । चतुर वह है जो सार ग्रहण कर लेता है और असार एवं सड़े-गले का त्याग कर देता है । सार है विद्‌या, सार है सद्‌गुण और असार है दुर्गुण । विद्‌यार्थी जीवन में दुर्गुणों से एक निश्चित दूरी बना लेनी चाहिए ।

अच्छी आदतें अपनानी चाहिए । बुजुर्गों का सम्मान करना सीख लेना चाहिए । मधुर वाणी का महत्त्व समझ लेना चाहिए । अखाद्‌य तथा नशीली चीजों से परे रहना चाहिए । शारीरिक एवं मानसिक स्वच्छता पर विशेष ध्यान देना चाहिए । पर्यावरण सुधार के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए । विद्‌यार्थी जीवन समाप्त होने पर इन सब बातों पर ध्यान देना नासमझी ही है ।

विद्‌यार्थी जीवन संपूर्ण जीवन का स्वर्णिम काल है । इसका पूरा आनंद उठाना चाहिए । इस जीवन में अनेक प्रकार के प्रलोभन आते हैं जिनसे सावधानी बरतने की आवश्यकता है ।

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध – Student Life Essay In Hindi

आज हम Student Life Essay In Hindi के बारे में जानेगे आप भी यदि विद्यार्थी जीवन पर हिंदी में निबंध जानना चाहते है तो ये पोस्ट पूरा पढ़े

एक व्यक्ति के जीवन में विद्यार्थी जीवन का बहुत महत्व होता है इसलिए चलिए बिना देरी किये जानते है Vidyarthi Jeevan Par Nibandh

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Student Life Essay In Hindi

Student Life Essay In Hindi

किसी भी व्यक्ति के जीवन के सभी कालो में से विद्यार्थी जीवन काल बहुत ही महत्वपूर्ण होता है एक व्यक्ति के जीवन में विद्यार्थी काल बाल्यकाल से ही शुरू हो जाता है बाल्यकाल कोमल पौधे के समान होता है जिसको सही मार्गदर्शन की बहुत जरूरत होती है

विद्यार्थी जीवन सोने के समान है जिसको घिसा जाए उतना ही चमकता है विद्यार्थी जीवन में किया गया कठोर परिश्रम, शिष्टाचार और अनुशासन विद्यार्थी को भविष्य में बहुत सम्मान दिलाती है

विद्यार्थी जीवन व्यक्ति का शुरुआती पड़ाव होता है जिसके आधार पर व्यक्ति का भविष्य तय होता है यदि किसी मकान की नींव शुरुआत से ही कमजोर होती है तो वो ढह जाएगी उसी प्रकार जो व्यक्ति के विद्यार्थी जीवन की नींव कमजोर होगी तो वो भी ढह जाएगा और अपने जीवन में असफलता ही प्राप्त करेगा

विद्यार्थी जीवन में ही व्यक्ति का मानसिक विकास होता है जिससे व्यक्ति को यदि विद्यार्थी जीवन में सही शिक्षा दी जाए और अनुशासन सिखाया जाए तो वो भविष्य में एक अच्छा व्यक्ति बनता है और इसके विपरित व्यक्ति को यदि विद्यार्थी जीवन में ही सही शिक्षा न दी गई और वो ग़लत संगत में पड़ जाएं और अनुशासन का पालन न करे और ग़लत काम करता रहे तो वो भविष्य में भी ग़लत काम करता रहेगा और उसका जीवन कचरे के समान हो जाएगा इसलिए विद्यार्थी जीवन में सही शिक्षा मिलनी बहुत आवश्यक है

पहले के समय में माता पिता अपने बच्चे को सही शिक्षा देने के लिए गुरुकुल में भेजते थे जहां पर विद्यार्थी को अनुशासन में रखा जाता था और कठोर परिश्रम और अभ्यास करना पडता था लेकिन आज गुरुकुल रहे नहीं है इसलिए माता पिता अपने बच्चे को सही शिक्षा देने के विद्यालयों में भेजते है

विद्यार्थी जीवन में उनको स्वयं पर नियंत्रण रखना और उचित अनुचित, नैतिक अनैतिक, वैध अवैध, व्यवहार दुर्व्यवहार के फर्क के बारे में सिखाया जाता है जिससे उसका भविष्य सुरक्षित बने और भविष्य में एक अच्छा व्यक्ति बने और स्वयं पर नियंत्रण रखकर और उचित अनुचित का विचार करके निर्णय ले

Student Life Is Golden Life

अर्थात विद्यार्थी जीवन स्वर्णिम जीवन होता है

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Vidyarthi Jeevan Par Nibandh In Hindi

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध – Essay on student life in Hindi

हेलो दोस्तों, में आज आपके लिए लेकर आया हूँ विद्यार्थी जीवन पर निबंध (Essay on student life in Hindi). विद्यार्थी जीवन या स्टूडेंट लाइफ, जीवन का सबसे मजबूत जड़ है. जिंदगी में सही कदम के साथ आगे कैसे बढ़ें और हर मुश्किल स्थितिओं का सामना कैसे किया जाये, ये सब आपको अपने छात्र जीवन में ये सब सिखाया जाएगा. विद्यार्थियों में इतना ताकत होता है की, वह आपने सही सोच से पुरे दुनिया को बदल सकते हैं. तो बिना देरी किये चलिए हमारे मुख्य लेख की ओर बढ़ते हैं, जो है विद्यार्थी जीवन पर निबंध.   

प्रस्तावना      

मानव जीवन बहुत सारे साधना और अच्छे कार्यों का परिणाम है. मानव जीवन काल को कई चरणों में विभाजित किया गया है. विद्यार्थी जीवन उनमें से एक है. यह अध्ययन के लिए एक महान समय है. प्राथमिक विद्यालय से विश्वविद्यालय तक सभी स्तरों पर छात्रों को विद्यार्थी जीवन बिताना पड़ता है. छात्रों के लिए विद्यार्थी जीवन बहुत महत्वपूर्ण है. वास्तविक जीवन का समय विद्यार्थी जीवन है. भावी जीवन की नींव विद्यार्थी जीवन में रखी गई है.

अतीत भारत में विद्यार्थी जीवन

अनादिकाल से, भारत विज्ञान, साहित्य, संस्कृति और दर्शन के क्षेत्र में दुनिया में अग्रणी रहा है. भारत की वैदिक सभ्यता को शिक्षा के क्षेत्र में हमेशा याद किया जाता है. गुरुकुल आश्रम का निर्माण प्रकृति का अध्ययन करने के लिए  जंगलों में किया गया था. गुरुकुल आश्रम में प्रवेश करने के लिए उस समय एक कठोर परीक्षा प्रणाली थी.

vidyarthi jeevan par nibandh

किताबी ज्ञान के बजाय आत्म-ज्ञान के विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता था. चरित्र निर्माण, संयम और आध्यात्मिकता शिक्षा के मुख्य उद्देश्य थे. विद्यार्थी वास्तविक ज्ञान के लिए लगातार प्रयास करते थे. सत्य, ईमानदारी, विनम्रता, संयम, सेवा और त्याग वैदिक छात्र जीवन के आभूषण थे. विद्यार्थी जीवन की खोज और समीक्षा कर रहे थे. भगवान कृष्ण की भक्ति और द्वापरयुग में छात्र जीवन की भव्यता आज भी छात्र समुदाय को महान मार्गदर्शन और ज्ञान प्रदान करती है.

भारत में विदेशियों के प्रवेश और शासन ने प्राचीन भारतीय शिक्षा प्रणाली की जड़ें खराब कर दीं. शिक्षण की प्रकृति और प्रसार सिकुड़ गया. पश्चिमी शिक्षा के प्रतिष्ठित रूप ने छात्रों को आकर्षित किया. शिक्षण प्रणाली धीरे-धीरे बदल गई.

वर्तमान के विद्यार्थी जीवन

वर्तमान छात्र जीवन अतीत के शानदार छात्र जीवन से पूरी तरह से अलग है. छात्रों के अध्ययन के लिए अब विशेष शैक्षणिक संस्थान और छात्रावास स्थापित किए जा रहे हैं. पढ़ाने के लिए शिक्षकों को काम पर रखा जा रहा है. वर्तमान पाठ्यक्रम में अतीत की तुलना में बहुत अधिक परिवर्तन है. विद्यार्थी जीवन उम्र के प्रभाव से मुक्त नहीं है. छात्र जीवन में आज भी कुछ कमियां हैं. लक्ष्य प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और समर्पण धीरे-धीरे कम हो रहे हैं. अध्ययन के लिए दृढ़ निश्चय, एकाग्रता, रुचि और रुचि की कमी स्वयं स्पष्ट है. शिक्षा छात्रों को पेशेवर बनने के लिए प्रेरित करती है. जनसंख्या विस्फोट, सामाजिक परिवर्तन और रोजगार की कमी के कारण छात्र समाज निराशा की स्थिति में है.

वर्तमान, छात्र जीवन बलिदान से अधिक सुखद की ओर जा रहा है. छात्र समाज को इसके लिए पूरी तरह दोषी नहीं ठहराया जा सकता. हमारी त्रुटिपूर्ण शिक्षण विधियाँ इसके लिए जिम्मेदार हैं. विज्ञान के अद्भुत आविष्कारों, फिल्म और टेलीविजन  ने विशेष रूप से छात्र समुदाय को प्रभावित किया है. विलासिता, फैशन और अपराध के लिए सिनेमा, टीवी प्रत्यक्ष प्रेरणा हैं. नग्न, अश्लील फिल्में कुछ छात्रों को गुमराह करती हैं. विद्यार्थी जीवन के साथ राजनीति को जोड़ना वर्तमान युग में एक सामान्य घटना होने जा रही है. यह छात्र जीवन के विपरीत है. कॉलेज स्तर पर, छात्र राजनीति विज्ञान का अध्ययन करते हैं; लेकिन प्रत्यक्ष राजनीति में भागीदारी अपरिहार्य है. आज के समाज में, राजनीतिक आंदोलनों और राजनीतिज्ञों द्वारा हथियार के रूप में छात्रों की स्वीकृति ने छात्र जीवन के पाठ्यक्रम को बदल दिया है. परिणामस्वरूप, तर्कसंगत या अनुचित उद्देश्यों के लिए छात्र विरोध कर रहे हैं. यह छात्रों में वांछनीय नहीं है.

छात्र जीवन भविष्य के लिए प्रशिक्षण का जीवन है. छात्र समुदाय में छात्र गुणों की प्रशंसा आज के छात्रों में दुर्लभ है. अनुशासन के बजाय अराजकता जीवन की सजावट बनती जा रही है. शिष्य शब्द आज बदल गया है. वह आज सत्ता में होने से हिचक रहे हैं. आदेशों का पालन, कर्तव्य, विनम्रता, सच्चाई, संयम और भक्ति का प्रदर्शन धीरे-धीरे छात्रों में कम होता जा रहा है.

विद्यार्थी जीवन के विभिन्न आदर्श

खामियों के बावजूद, छात्र जीवन के कुछ महान पहलू अभी भी हैं. आज के छात्र देश और विदेश से परिचित हैं. उच्च शिक्षा और अनुसंधान के लिए छात्र आज विदेश यात्रा करते हैं. वह नए पाठ्यक्रम से परिचित है. छात्र समुदाय के ज्ञान के आधार का विस्तार किया गया है. छात्र देश और जाति के कल्याण में संलग्न है.

देश के भविष्य के नेताओं के पास छात्र निकाय के लिए कई जिम्मेदारियां हैं. खासकर छात्र जीवन के लिए छात्रों को महान काम करना पड़ेगा. छात्र जीवन विद्यालय जीवन से जुड़ा होता है. उनका विद्यालय कर्तव्य स्कूल के नियमों और अनुशासन को बनाए रखना है. छात्रों को हीन भावना, अहंकार, स्वार्थ और पूर्वाग्रह से मुक्त होना चाहिए.

दुनिया बदल रही है. वैश्विक परिवर्तन में छात्रों को शामिल होना जरूरी है. इसलिए, चयनित पाठ्यपुस्तकों के अलावा दैनिक समाचार पत्रों और अन्य पत्रिकाओं को पढ़ना उनके क्षितिज को व्यापक करेगा. उनकी एक जिम्मेदारी विद्यालय लाइब्रेरी का अच्छा उपयोग करना है. छात्रों को याद रखने की जरूरत है ‘समय सर्व-शक्तिशाली है’. समय का अच्छा उपयोग छात्र जीवन से सीखना चाहिए.

छात्र जीवन अनुभव और ज्ञान प्राप्त करने का सही समय है. इसलिए, छात्र जीवन की सफलता के लिए, छात्र समुदाय को साधना के मार्ग का अनुसरण करना होगा. उच्च चिंता के साथ सरल जीवन जीना और खराब चिंता से बचना छात्रों का काम है. वे देश के लिए आशा के स्रोत हैं. देश की प्रगति उन पर निर्भर करती है. देश के पिता महात्मा गांधी को छात्र समाज से बहुत उम्मीदें थीं. उन्होंने कहा था; “छात्रों को जीवन की शुरुआत में छात्र और अंत में भी छात्र होकर रहना चाहिए”. इसलिए छात्र जीवन की सफलता के लिए छात्रों के व्यक्तिगत प्रयासों के साथ  शिक्षकों, माता-पिता और समाज की बहुत ज़िम्मेदारी होती है. इन सबसे ऊपर, छात्र जीवन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा का उपयोग करने के तरीके को बदलने की आवश्यकता है.

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  • नारी शिक्षा पर निबंध
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  • नशा मुक्ति पर निबंध
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ये था हमारे लेख विद्यार्थी जीवन पर निबंध (Essay on student life in Hindi) . उम्मीद करता हूँ की आपको ये लेख पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है, तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करना न भूलें. मिलते हैं अगले लेख में. धन्यवाद.

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Nibandh

विद्यार्थी जीवन का महत्व पर निबंध

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रूपरेखा: प्रस्तावना - बिना किसी तनाव के पढाई - विद्यार्थी जीवन के प्रकार - विद्यार्थी जीवन पर अनुशासन का महत्व - एक विद्यार्थी का कर्तव्य - आज का विद्यार्थी - छात्रों का बुरे आदतें की ओर आकर्षित होना - परिवार की समस्याएं - विद्यार्थी जीवन में अभ्यास का महत्व - विद्यार्थी जीवन में खेलों का महत्व - उपसंहार।

एक समय आता है जब बालक या युवक किसी शिक्षा-संस्था में अध्ययन करता है, वह जीवन ही विद्यार्थी जीवन (Student Life) है । कमाई की चिंता से मुक्त अध्ययन का समय ही विद्यार्थी-जीवन है। भारत की प्राचीन विद्या-विधि में पचीस वर्ष की आयु तक विद्यार्थी घर से दूर आश्रमों में रहकर विविध विद्याओं में निपुणता प्राप्त करता था, किन्तु देश की परिस्थिति-परिवर्तन से यह प्रथा गायब हो गई। इसका स्थान विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों ने ले लिया। इन तीनों संस्थाओं में जब तक बालक या युवक पढ़ते है, वह विद्यार्थी कहलाते है। उसकी अध्ययन पद में उसका जीवन “विद्यार्थी-जीवन (Vidyarthi Jeevan) नाम से नामांकित किया जाता है। आधुनिक भारत में गुरुकुल तथा छात्रावास नियम प्राचीन ऋषि- आश्रमों का बदला हुआ समय है।

आज का विद्यार्थी-जीवन दो प्रकार का है, पहला वह जो परिवार में रहते हुए विद्यार्थी - जीवन पूरा करता है। दूसरा जो छात्रवास में रहकर अपना विद्यार्थी जीवन समाप्त करता है | परिवार में रहते विद्यार्थी -जीवन में विद्यार्थी परिवार में रहकर ठसकी समस्याओं, आवश्यकताओं, माँगों को पूरा करते हुए भी अध्ययन करता है। नियमित रूप से विद्यालय जाना और पारिवारिक कामों को करते हुए भी घर पर रहकर ही पढ़ाई करना, उसके विद्यार्थी-जीवन की पहचान है। दूसरी ओर, छात्रावास में जो विद्यार्थी रहते है वह पारिवारिक समस्याओं से मुक्त शैक्षिक वातावरण में रहता हुआ विद्यार्थी-जीवन का निर्वाह कर अपना शारीरिक, मानसिक तथा आत्मिक विकास करता है।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का बड़ा महत्व होता है। अनुशासन सफलता की कुंजी है। अनुशासन मनुष्य के विकास के लिए बहुत आवश्यक है। यदि मनुष्य अनुशासन में जीवन व्यतीत करता है तो वह स्वयं के लिए एक सुखद और उज्जवल भविष्य निर्धारित करता है और यदि किसी व्यक्ति के भीतर(अंदर) अनुशासनहीनता होती है तो वह स्वयं के लिए कठिनाइयां उत्पन्न करता है और निराशा एवं असफलता प्राप्त करता है।

यदि किसी विद्यार्थी में अनुशासन की कमी होगी तो उनका भविष्य खतरे में होगा। यदि आंखें उठाकर हम देखे तो अनुशासन मनुष्य के जीवन में हर रूप में विद्यमान है। इस संसार में हर कोई अनुशासन का पालन करता है जैसे, जिस प्रकार सूर्य समय पर उगता व अस्त होता है, पेड़-पौधों में भी अनुशासन व्याप्त है। घड़ी की सुई भी अनुशासन का पालन करते हुए चलती है। वर्तमान समय में देखा जाए तो हर तरफ अनुशासनहीनता दिखाई देती है। यही कारण है कि आज देश में अधिक विद्यार्थी का जीवन सफल नहीं हो पा रहा है। अतः विद्यार्थियों के जीवन में अनुशासन का विशेष महत्व है।

विद्यार्थी-जीवन उन विद्याओं, कलाओं के शिक्षण का काल है, जिनके द्वारा वह छात्र-जीवन में ही कमाई कर अपने परिवार का देखभाल कर सके यही एक विद्यार्थी का कर्तव्य है। यह काल संघर्षमय संसार में सम्मानपूर्वक जीने तथा निर्माण करने का समय है। इन सबके निमित्त सीखना, शारीरिक और मानसिक विकास करने, नैतिकता द्वारा आत्मा को विकसित करने की स्वर्णिम समय है यह विद्यार्थी जीवन। निश्चित-पादयक्रम के अध्ययन से छात्र सीखता है। समाचार पत्र-पत्रिकाओं, पुस्तकों के अध्ययन तथा आचार्यों के प्रवचनों से वह मानसिक विकास करता है। शैक्षणिक-प्रवास और भारत-दर्शन कार्यक्रम उसके मानसिक-विकास में विकास करता हैं। हर रोज सुबह उठकर व्यायाम कर अपना शारीरिक विकास करता है।

प्रश्न यह है कि क्या आज का शिक्षार्थी सही अर्थ में विद्यार्थी-जीवन का दायित्व पूर्ण कर रहा है ? इसका उत्तर नहीं में होगा। कारण, उसे अपने विद्यार्थी-जीवन में न तो ऐसी शिक्षा दी जाती है, जिससे जीवन में प्रवेश करते ही जीविका का साधन प्राप्त हो जाये। और नाही उसे वैवाहिक अर्थात्‌ पारिवारिक जीवन जीने की कला का पाठ पढ़ाया जाता है। इसलिए जब वह विद्यार्थी-जीवन से अर्थात्‌ गैर-जिम्मेदारी से पारिवारिक-जीवन अर्थात्‌ सम्पूर्ण जिम्मेदारी के जीवन में कदम रखता है तो उसे असफलता का सामना करना पड़ता है। आज का विद्यार्थी जीवन के लिए अनुचित अनेक प्रकार के विषयों का अपने दिमाग पर बोझ लादता है। सिखने के नाम पर पुस्तकों का भार अपने कमर पर लादता है।

आज का विद्यार्थी-जीवन विद्या की साधना, मन कौ एकाग्रता और अध्ययन के चिंतन-मन से कोसों दूर है। इसीलिए छात्र पढ़ाई से जी चुराता है, श्रेणियों से पलायन करता है। आज के छात्र हर वक़्त नकल करके पास होना चाहता है। जाली-डिग्रियों के भरोसे अपना भविष्य उज्ज्वल करने की प्रयास करता है। स्कूल, कॉलिजों में उपयुक्त खेल-मैदानों, श्रेष्ठ खेल-उपकरणों तथा योग्यशिक्षकों के अभाव में विद्यार्थी-जीवन की पहुँच से परे होते जा रहे हैं। ऐसे में आज का विद्यार्थी- जीवन जीवन को स्वस्थ और उत्तेजित बनाने में पिछड़ रहा है। आज का छात्र विद्यार्थी-जीवन में राजनीति से प्रेम करता है। हड़ताल, तोड़-फोड़, जलूस, नारेबाजी, का पाठ पढ़ता है। जो पढ़ता है, वह उसे प्रत्यक्ष करता है। आज के छात्र का विद्यार्थी-जीवन प्रेम और वासना के आकर्षण का जीवन है। वह गर्ल फ्रेंड, तथा बॉय फ्रेंड बनाने में रुचि लेता है । व्यर्थ घूमने-फिरने, होटलों-क्लबों में जाने में समय का सदुपयोग मानता है।

वर्तमान में तेजी से बढ़ते महँगाई की मार ने, पारिवारिक उलझनों और संकटों ने, दूरदर्शन की चकाचौंध ने, सामाजिक कुरूपता और राजनीतिक अस्थिरता ने भारतीय जीवन से ही जीवन-जीने का हक छीन लिया है। गिरते परीक्षा-परिणाम, फस्ट डिवीजन और डिस्टिकशन की गिरतीसंख्या वर्तमान विद्यार्थ-जीवन के अभिशाप के प्रमाण हैं। जो विद्यार्थी के पारिवारिक की समस्याएँ तथा परेशानी बढ़ा देती हैं।

विद्यार्थी जीवन में उचित पढाई-लिखाई का होना अधिक महत्वपूर्ण है। विद्वानों का कहना है कि, अभ्यास विद्यार्थी जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अभ्यास का किसी भी विद्यार्थी के जीवन में बहुत अहम भूमिका होता है। किसी भी विद्यार्थी को निरन्तर अभ्यास करने से ही विद्या प्राप्त होती है और अभ्यास न करने से विद्या समाप्त हो जाती है। अभ्यास करने की कोई सीमा नहीं होती। निरन्तर अभ्यास से व्यक्ति कुछ भी प्राप्त कर सकता है। अभ्यास के बल पर असंभव कार्य को भी संभव किया जा सकता है।

विद्यार्थी जीवन काल में पढ़ाई के साथ ही खेलों का भी अधिक महत्व है। विद्यार्थी का पढाई के साथ-साथ खेल में भी रूचि रखना अत्यंत आवश्यक है। वे विद्यार्थी जो अपनी पढ़ाई के साथ-साथ खेलों को भी बराबर का महत्व देते हैं, वे प्रायः कुशाग्र बुद्धि के होते हैं।

खेल प्रत्येक मनुष्य के जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है और खेल मानव शरीर के लिए उतना ही जरूरी है जितना कि भोजन, खासतौर पर विद्यार्थियों के जीवन में मानसिक बोझ और शारीरिक थकान को हल्का करने का एक साधन खेलकूद भी है। खेल हमारे सम्पूर्ण विकास का एक अहम हिस्सा है, जिससे हम दिनभर की थकान को नई ऊर्जा में बदल सकते हैं। इसीलिए विद्यार्थी के साथ-साथ हर व्यक्ति के जीवन में खेल का होना अधिक महत्वपूर्ण हैं।

इसी प्रकार और भी ऐसी बहुत सी महत्वपूर्ण बातें हैं जो विद्यार्थी जीवन का महत्व को दर्शाता है। विद्यार्थी का उचित लगन, उनका कर्तव्य, समाज के प्रति योगदान आदि उन्हें सफल और बेहतरीन भविष्य की ओर ले जाती हैं। विद्यार्थी जीवन किसी भी मनुष्य के जीवन का सबसे अच्छा और यादगार काल होता है। विद्यार्थियों को अपने विद्यार्थी जीवन काल में अपनी उचित शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल कूद और व्यायाम पर पूर्ण रूप से ध्यान रखना चाहिए तथा उन्हें इस विद्यार्थी जीवन में बहुत ही परिश्रमी और लगनशील होनी चाहिए। हर व्यक्ति को अपने जीवन में सफल होने के लिए उचित शिक्षा प्राप्त करना बहुत ही आवश्यक है।

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध | Essay On Student Life in Hindi

student life essay 100 words in hindi

  • 1 Essay On Student Life in Hindi
  • 2 विद्यार्थी जीवन पर निबंध (1000 शब्द) – Short Essay On Student Life
  • 3 छात्र जीवन
  • 4 छात्र जीवन में अनुशासन
  • 5 विद्यार्थी जीवन में पलों का आनंद लें
  • 6 मेरी कुछ स्कूली छात्र जीवन की यादें
  • 7 छात्र जीवन में दोस्त
  • 8 विद्यार्थी जीवन पर 10 पंक्तियाँ

Essay On Student Life in Hindi

Essay On Student Life in Hindi:इस लेख में आप विद्यार्थियों और बच्चों के लिए 1000 शब्दों में ‘छात्र जीवन निबंध’ पढ़ेंगे। इसमें छात्र जीवन के बारे में अनुशासन, यादें, दोस्त, 10 लाइनें और बहुत कुछ शामिल है।

आइए शुरू करते हैं यह छात्र जीवन निबंध…

विद्यार्थी जीवन पर निबंध (1000 शब्द) – Short Essay On Student Life

किसी व्यक्ति के जीवन का सबसे रोमांचक और यादगार हिस्सा उसका छात्र जीवन होता है। यह किसी व्यक्ति के जीवन का वह अद्भुत और प्यारा समय होता है जो भर जाता है आनन्द के साथ और हँसी और वयस्क दुनिया की सभी चिंताओं से मुक्त है।

हम छात्र जीवन में इस चरण के दौरान देखते हैं, एक छात्र का दिमाग विचारों से भरा होता है, और उनका दिल सपनों से भरा होता है। इसी समय व्यक्ति अपने भविष्य के लिए स्वयं को तैयार करता है।

छात्र जीवन न केवल सबसे खुशहाल होता है बल्कि व्यक्ति के जीवन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा भी होता है। बेशक, इस उम्र में चिंता करने के लिए कोई सांसारिक तनाव और जिम्मेदारियां नहीं हैं, लेकिन यह छात्र के लिए ही बहुत महत्वपूर्ण है।

छात्र आमतौर पर अपने स्कूली जीवन, गृहकार्य, पढ़ाई, कक्षाओं, नई चीजों को सीखने और अपने दिन-प्रतिदिन के संघर्षों में व्यस्त रहते हैं। छात्र इसका एक बड़ा हिस्सा खर्च करते हैं स्कूल में दिन और अध्ययन और ज्ञान वे केवल वही चीजें नहीं हैं जो वे सीखते हैं।

कड़ी मेहनत, अनुशासन, अच्छे शिष्टाचार विकसित करना और एक अच्छा चरित्र होना कुछ ऐसी चीजें हैं जो एक छात्र के समग्र विकास का हिस्सा हैं।

हालाँकि, स्कूल उतना नीरस और उबाऊ नहीं है जितना लगता है क्योंकि वे खेल का आनंद लेते हैं, खेल खेलें पर जाएं पुस्तकालय , व्यावहारिक कक्षाएं लें, और यहां तक ​​कि पार्क में समय बिताएं। छात्रों द्वारा कई अन्य गतिविधियां भी की जाती हैं।

छात्र जीवन में अनुशासन

विद्यार्थी जीवन वह समय है जो मानव जीवन के बीज बोता है। एक छात्र का सबसे महत्वपूर्ण कार्य कड़ी मेहनत करना, अध्ययन करना और ज्ञान प्राप्त करना है।

स्कूल के प्रति समर्पण, पढ़ाई और परीक्षा के लिए कड़ी मेहनत छात्र जीवन यही बताता है और इसे प्रोत्साहित करना चाहिए। सब कुछ सुचारू रूप से प्राप्त करने के लिए, एक छात्र को चाहिए अनुशासित होना .

अनुशासन एक ऐसी चीज है जो पाठ्यक्रम में नहीं है, लेकिन शिक्षकों और माता-पिता की शिक्षा और मार्गदर्शन एक छात्र को एक अनुशासित व्यक्ति बनने में मदद करते हैं। अनुशासन एक छात्र को जीवन में विकास करने के लिए प्रेरित करता है और उसके लक्ष्यों को प्राप्त करें .

यह एक छात्र को मेहनती बनाता है और उसे पूरे समय अवधि के दौरान प्रेरित, ईमानदार और प्रोत्साहित करता रहता है। यह एक विकसित करने में मदद करता है अच्छा चरित्र और उचित सामाजिक व्यवहार बनाए रखें।

अनुशासन एक छात्र को जीवन में सही चीजों को आकर्षित करने और हर क्षेत्र में सफलता हासिल करने में मदद करता है।

विद्यार्थी जीवन में पलों का आनंद लें

छात्र जीवन न केवल से भरा है शिक्षा और ज्ञान, लेकिन बहुत सारे यादगार पल भी जो एक छात्र वास्तव में आनंद लेता है। छात्रों को अपने दम पर जीने का मौका मिलता है, और उन्हें पहली बार वयस्कों के रूप में ज्यादातर चीजों का अनुभव भी होता है।

बाइक चलाना, वाद्य यंत्र बजाना, और रोमांच पर जाना आमतौर पर किशोर अवस्था के दौरान होता है, और यह छात्रों के लिए बहुत अधिक आनंददायक होता है।

ड्रिल अवधि के दौरान दोस्तों के साथ खेलना, स्कूल में मनोरंजक गतिविधियों का आनंद लेना और स्थानीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेना कुछ ऐसी गतिविधियाँ हैं जो एक व्यक्ति को खुश करती हैं।

यह संतुष्टि और सफलता की भावना विकसित करता है। खर्च करने की गुणवत्ता दोस्तों के साथ समय एक साथ खाना, एक साथ पढ़ाई करना, मजाक करना और मौज-मस्ती करना एक छात्र के जीवन की कुछ वास्तविक खुशियाँ हैं। पिकनिक और अध्ययन यात्राएं भी कुछ सुखद क्षण हैं जिनका आप अनुभव करते हैं।

मेरी कुछ स्कूली छात्र जीवन की यादें

केवल एक व्यक्ति विशेष ही नहीं, बल्कि प्रत्येक स्कूली छात्र की अपनी स्कूल जीवन की कुछ पसंदीदा यादें होती हैं। यहां छात्र जीवन के कुछ यादगार और सुखद पल हैं जो बताते हैं कि छात्र जीवन मेरे लिए कितना खास है।

  • हर दिन स्कूल के समय के बाद, मैं और मेरे दोस्त आइसक्रीम खाने जाते हैं गर्मी के मौसम . हमने इस दौरान साथ में कुछ गर्म खाना पसंद किया सर्दी और बरसात के मौसम .
  • हर शनिवार को हम जाते हैं वीडियो गेम खेलें पास के गेमिंग सेंटर में। यह वहां का यादगार समय है कि मैंने अपने दोस्तों के साथ खूब एन्जॉय किया।
  • रविवार को छुट्टियां होती हैं, लेकिन फिर भी मैं अपना लंबित होमवर्क पूरा करता हूं और घर पर कुछ घंटे पढ़ाई करता हूं। शाम को हम फुटबॉल खेलने जाते हैं और हम इसका भरपूर आनंद लेते हैं। ड्रिल अवधि के दौरान भी, हम फुटबॉल खेलना स्कूल के मैदान पर।
  • स्कूल के बारे में सबसे अच्छी बात यह है कि मैं और मेरा दोस्त एक साथ पढ़ते हैं और कठिन विषयों को समझने में एक-दूसरे की मदद करते हैं। यह न केवल आनंददायक है बल्कि शिक्षा को भी आसान बनाता है।

छात्र जीवन में दोस्त

जब हम स्कूल में होते हैं तो बहुत से ऐसे लोग होते हैं जिनसे हम अपने दैनिक जीवन में मिलते हैं। मेरे सभी सहपाठी मेरे अच्छे मित्र हैं, और वे अन्य सभी के भी अच्छे मित्र हैं।

हमारे सीनियर्स और जूनियर्स भी हमारे साथ काफी फ्रेंडली हैं। हमारे सीनियर हमारी पढ़ाई में मदद करते हैं और परीक्षा के दौरान हमारा मार्गदर्शन भी करते हैं।

इसके अलावा, हम अपने जूनियर्स की भी इसी तरह से मदद करते हैं। जबकि स्कूल में बहुत सारे दोस्त और सहपाठी हैं, मेरे करीबी और पसंदीदा दोस्त टोनी, स्टीव, नताशा, ब्रूस और पीटर हैं। वे स्कूल में ज्यादातर समय मेरे साथ रहते हैं, और हम लगभग सब कुछ एक साथ करते हैं।

हम एक साथ अध्ययन करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि हम सभी को एक विषय ठीक से समझ में आ गया है, इसलिए इस तरह से हम परीक्षा के लिए खुद को तैयार करते हैं। यहां तक ​​कि हम कभी-कभार एक-दूसरे के घर कुछ मौज-मस्ती करने भी जाते हैं।

विद्यार्थी जीवन पर 10 पंक्तियाँ

  • छात्र जीवन किसी भी व्यक्ति के जीवन की सबसे खूबसूरत और यादगार यात्राओं में से एक होता है।
  • दुनिया भर में, छात्र जीवन कम उम्र में शुरू होता है जब लोग 3 से 5 साल के होते हैं।
  • मेरे जीवन में, यह तब शुरू हुआ जब मैं 4 साल का था, और मैंने अपने स्कूल में किंडरगार्टन शुरू किया।
  • मैं अपने छात्र जीवन का आनंद लेता हूं, क्योंकि मुझे हर दिन विभिन्न विषयों और विषयों पर नई चीजें सीखने को मिलती हैं।
  • मैं अपने दोस्तों के साथ नियमित रूप से अध्ययन करता हूं, और हम यह सुनिश्चित करते हैं कि हममें से प्रत्येक ने अवधारणाओं को ठीक से समझा है और परीक्षाओं में अच्छे अंक प्राप्त कर सकते हैं।
  • स्कूल के बाद हर दिन, मैं पास के एक स्टोर में जाकर कुछ आइसक्रीम खाना पसंद करता हूँ।
  • हमारी ड्रिल अवधि के दौरान, मैं अपने दोस्तों के साथ फुटबॉल खेलता हूं, और जब भी हमें कुछ खाली समय मिलता है, हम स्थानीय मैदान में इकट्ठा होते हैं और एक साथ फुटबॉल खेलते हैं।
  • स्कूली जीवन के सबसे दिलचस्प हिस्सों में से एक वे गतिविधियाँ और प्रतियोगिताएँ हैं जिनमें हम भाग लेते हैं।
  • स्कूली जीवन हमें नई चीजें सीखने के बहुत सारे अवसर देता है, और हम न केवल खुद को शिक्षित करते हैं बल्कि बचपन में चरित्र और अच्छे व्यवहार की भावना भी विकसित करते हैं।
  • हमारे दोस्तों के साथ बिताए जाने वाले सभी गतिविधियों और सुखद क्षणों के अलावा, हमारे छात्र जीवन का प्रमुख हिस्सा हमारी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करना और भविष्य की योजना बनाना है। बेहतर करियर .

इस ‘विद्यार्थी जीवन’ निबंध ने हमें यह जानने में मदद की है कि किसी व्यक्ति के लिए यह सबसे अच्छा समय है, क्योंकि बाहरी दुनिया में वास्तविक जीवन एक छात्र के रूप में शुरू होता है।

कोई भी अपने छात्र जीवन को नहीं भूल सकता है, क्योंकि यह ज्ञान, अनुभव, सुखद क्षणों और मस्ती से भरा हुआ है। इसलिए हमें विद्यार्थी जीवन का सही उपयोग करना चाहिए और बेहतर लोगों के रूप में विकसित होना चाहिए।

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विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध

Essay on Importance of Discipline in Students life in Hindi: हम यहां पर विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में छात्र जीवन में अनुशासन का महत्व (Chatra Jeevan Mein Anushasan ka Mahatva) के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध | Essay on Importance of Discipline in Students life in Hindi

विद्यार्थी जीवन और अनुशासन 150 शब्दों में निबंध (vidyarthi jeevan mein anushasan ka mahatva).

अनुशासन हर व्यक्ति के लिए जरूरी होता है। विद्यार्थी के जीवन में अनुशासन एक अलग ही महत्व रखता है। अनुशासन के जरिए ही विद्यार्थी अपने जीवन में सफलता हासिल करता है। अनुशासन विद्यार्थी को सही रास्ता दिखाने में मदद करता है। ऐसे तो अनुशासन हर व्यक्ति के लिए जरूरी है। लेकिन विद्यार्थियों के लिए यह अत्यधिक जरूरी इसलिए है क्योंकि विद्यार्थी के जीवन की शुरुआत स्कूल से होती है और स्कूल से ही विद्यार्थी यदि अनुशासन की पालना करता है।

तब विद्यार्थी ना सिर्फ सफलता हासिल करता है बल्कि विद्यार्थी आगे जाकर एक अच्छा और आदर्श नागरिक भी बन सकता है। विद्यार्थी यदि अनुशासन की पालना करता है तो विद्यार्थी के संस्कार की जड़े मजबूत हो जाती है जो भविष्य में और पूरे जीवन व्यक्ति को आदर्श इंसान बनाती है।

अनुशासन व्यक्ति को जीवन जीने का तरीका, बड़ों का सम्मान करना, माता-पिता का आदर करना, अध्यापकों का सम्मान करना, धैर्य रखना और परिश्रम करना सिखाता है। अनुशासन दो प्रकार के होते हैं। एक वह जो हम अपने आपसे सीखते हैं। उसे आत्म अनुशासन कहते हैं और दूसरा जो किसी अन्य को देखकर सीखते हैं उसे प्रेरित अनुशासन कहते हैं।

vidyarthi jeevan mein anushasan nibandh

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध 250 शब्दों में (Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan Nibandh)

अनुशासन हमारे जीवन में काफी अहमियत रखता है। यह जीवन में क्रमबद्धता को संदर्भित करता है, जो किसी के भी जीवन में सफलता के लिए आवश्यक है। हर कोई अपने जीवन में अलग-अलग रूप में अनुशासन का पालन करता है। अनुशासन हमें ईमानदार, मेहनती, धैर्यवान, महत्वाकांक्षी, स्वतंत्र और समयनिष्ठ बनाता है। अनुशासन के बिना जीवन रडार के जहाज के समान है।

हम सब जानते है की विद्यार्थी राष्ट्र के भविष्य की संपत्ति हैं। विद्यार्थी जीवन पुरे जीवन की नींव का निर्माण करते हैं इसलिए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का काफी गहरा महत्व है। एक अनुशासित विद्यार्थी का जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोण होता है। अनुशासन हमेशा विद्यार्थी के लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए एक मार्गदर्शक का काम करता है। एक अनुशासित छात्र अपने लक्ष्य से कभी विचलित नहीं होता और इससे विद्यार्थी अपने जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में सफलता प्राप्त करते हैं।

अनुशासन के दो प्रकार है। पहला है प्रेरित अनुशासन और दूसरा है आत्म-अनुशासन। प्रेरित अनुशासन एक ऐसी चीज है जो दूसरे हमें सिखाते हैं या हम दूसरों को देखकर सीखते हैं। जबकि आत्म-अनुशासन भीतर से आता है और हम इसे अपने आप सीखते हैं। विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के कई अनगिनत लाभ है। विद्यार्थी के सकारात्मक दिमाग और स्वस्थ शरीर के लिए अनुशासन जरुरी है। अनुशासन विद्यार्थी को तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना है।

अनुशासन विद्यार्थी को पढ़ाई के साथ-साथ जीवन के अन्य क्षेत्रों के प्रति एकाग्र और प्रेरित होना सिखाता है। एक अनुशासित विद्यार्थी अपनी शैक्षणिक संस्थान का गौरव होता है। समाज द्वारा हमेशा उनका सम्मान किया जाता है। अनुशासन के बिना हम एक सफल छात्र की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

vidyarthi jeevan me anushasan ka mahatva essay in hindi

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध 500 शब्दों में (Vidyarthi Jeevan Mein Anushasan ka Mahatva Nibandh)

हिंदी में एक कहावत है कि अनुशासन ही सफलता की कुंजी है। अनुशासन जीवन में आवश्यक व्यवहारों में से एक है। लेकिन दुनिया में कुछ ही लोग अनुशासन से जीवन जीना पसंद करते है। वैसे तो अनुशासन हर उम्र की व्यक्ति के लिए जरुरी होता है लेकिन विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व अधिक होता है। क्योंकि विद्यार्थी जीवन हमारे पूरे जीवन की नींव होती है, जिस पर हमारी जिंदगी की इमारत बनती है।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन की कमी से बहुत भ्रम और विकार पैदा करते है, जो उनके आने वाले भविष्य को तहसनहस कर देते है। बिना अनुशासन के पढ़ाई करना और सफलता पाना बेहद मुश्किल है। अनुशासन जीवन को क्रमबद्धता प्रदान करता है।

अगर हम विद्यार्थी जीवन में ही अनुशासन का महत्व समझ जाते है तो हमें किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता। विद्यार्थी जीवन बाहरी अनुशासन के साथ साथ आत्म अनुशासन बहुत भी महत्वपूर्ण है, जो उनके सिर की इच्छाओं और जुनून को रोकने में मददगार साबित होता है।

वर्तमान समय में माता-पिता अपने व्यस्त करियर के कारण अपने बच्चों को समय नहीं दे पाते हैं, जिसके कारण बच्चे अपने अकेलेपन को दूर करने के लिए टीवी, मोबाइल, इंटरनेट का सहारा लेते हैं और वो अनुशासन से जीना छोड़ देते है। देर रात तक जागना, सुबह देर से उठना, अपने मित्रों के साथ पार्टी करना आजकल फैशन बन गया है, जो आने वाले समय के लिए खतरे की घंटी है। विद्यार्थी जीवन में अगर अनुशासन का अभाव हो तो उदासी, चिड़चिड़ापन, कुसंगति जैसे लक्षण का हमारी जिंदगी में प्रवेश हो जाता है।

विद्यार्थी के लिए अनुशासन का रूप यह है कि वह नियमित रूप से अपने स्कूल जाता है, हमेशा अपने शिक्षकों का सम्मान करता है और जो उसने कहा है उस पर अमल करता है, स्कूल के सभी छात्रों के साथ अच्छा व्यवहार करता है, उनका सामाजिककरण करके उनके साथ मित्रवत व्यवहार करता है।

हमेशा अपने से बड़े लोगों का सम्मान करें, पढ़ाई के दौरान अपना ध्यान कहीं और न लगाएं, हमेशा एकाग्रता से पढ़ाई करें, अपने माता-पिता का सम्मान करें और उनके कहे अनुसार काम करें। अनुशासन की अवहेलना करने वालों की तुलना में अनुशासित बच्चा अपने करियर को अधिक आसानी से और स्वतंत्र रूप से चुन सकता है।

अनुशासन के द्वारा ही बच्चों में धैर्य, संयम, नियमितता जैसे गुण आते है, जो उनके जीवन में सफलता पाने के लिए बेहद जरुरी है। अनुशासन बच्चों के दिमाग पर बहुत प्रभाव डालता है। किसी भी व्यक्ति के बहेतर चरित्र का निर्माण केवल अनुशासन से ही हो सकता है। इसलिए विद्यार्थी को अनुशासन का महत्व समझना बेहद जरुरी है।

अनुशासन एक राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और समाज में शारीरिक और नैतिक कानूनों के प्रति सम्मान प्रदर्शित केवल अनुशासन के द्वारा ही हो सकता है। हम सभी जानते हैं कि विद्यार्थी राष्ट्र की भविष्य की संपत्ति हैं। राष्ट्र के एक सुनहरे भविष्य के लिए अगर हम विद्यार्थी जीवन में ही अनुशासन की नींव डाल देते है तो बच्चे आगे जाकर देश के विकास में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देते है और देश को प्रगति के पथ पर ले जाते है।

विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध (800 शब्द)

जीवन जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। विद्यार्थी जीवन ही व्यक्ति के संपूर्ण जीवन का आधार होता है। किसी व्यक्ति का भविष्य जीवन की इस अवधि पर निर्भर करता है। यदि यह आधारशिला कमजोर हो तो भविष्य कठिनाइयों से भरा होगा और असफलता का सामना भी करना पड़ सकता है। इन सबके लिए अनुशासन एक बहुत जरूरी चीज है।

अनुशासन ही विद्यार्थी जीवन की सफलता की कुंजी है। सिर्फ अनुशासन ही विद्यार्थी को जीवन में एकाग्र, स्वतंत्र, समयनिष्ठ और महत्वाकांक्षी बनाता है। दूसरों का सम्मान करना और आज्ञाकारी रहना अनुशासन का सिद्धांत है। अनुशासन विद्यार्थी को तनाव मुक्त जीवन देता है और साथ साथ आत्मविश्वास को बढ़ाता है। 

अनुशासन का महत्व

अनुशासन वह प्रकृति है जो प्रकृति द्वारा बनाई गई हर चीज में मौजूद है। हमारा ब्रह्मांड भी अनुशासन को अनुसरण करता है। तारे, ग्रह, चंद्रमा और सूर्य  अपनी निश्चित धरी और गति पर ही घूमते है। यदि ब्रह्मांड की वस्तुएं कुछ नियमों के अनुसार काम करना बंद कर देती हैं तो चारों ओर अराजकता और अव्यवस्था फैल जाएगी।

अनुशासन हमारे जीवन को नियंत्रित करता है। यह हमारे जीवन को जीने लायक बनाता है। विद्यार्थियों को बचपन से ही अनुशासन में रहना सिखाया जाना चाहिए ताकि उनमें अच्छे गुणों का विकास हो सके और भविष्य में किसी भी प्रकार की कठिनाई में वे स्वयं को सफल व्यक्ति के रूप में पहचान सकें। सिर्फ अनुशासन लक्ष्य और सफलता के बीच एक पुल की तरह काम करता है।

अनुशासन के प्रकार

वैसे तो पुरे जीवन में अनुशासन के कई रूप होते है लेकिन  विद्यार्थी जीवन में अनुशासन के दो प्रकार है। पहला है प्रेरित अनुशासन, जिस में विद्यार्थी दूसरों को देखकर सीखते हैं या किसी महान विभूति के जीवन से प्रेरणा लेकर सीखते है। दूसरा है आत्म-अनुशासन, जो हमारे भीतर से आता है और हम इसे अपने आप सीखते हैं। आत्म-अनुशासन सही और गलत के बीच अंतर करने में मदद करता है। व्यक्ति सही निर्णय लेता है और सकारात्मकता फैलाता है।

अनुशासन के लाभ

अनुशासन ही विद्यार्थी को श्रेष्ठता प्रदान करता है। उसे संस्थान और समाज में उत्तम स्थान दिलाने में सहायता करता है। अनुशासन विद्यार्थी को धैर्यवान और संयमित बनाता है। यह विद्यार्थी को शांत रहने में मदद करता है। अनुशासन की वजह से विद्यार्थी अपने निश्चित लक्ष्य को आसानी से हांसिल कर पाते है। अपने दैनिक जीवन में क्रमबद्धता सिर्फ अनुशासन से ही आती है ।

विद्यार्थी को अनुशासन से सकारात्मक दृष्टिकोण प्राप्त होता है। इन में समझदारी का विकास होता है। समय पर सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ती है। अनुशासन जीवन में ईमानदारी और नैतिकता जैसे गुणों का विकास करता है। अनुशासन के कारन विद्यार्थी कभी बुरी संगत में नहीं पड़ता। अनुशासन से विद्यार्थी में नेतृत्व के गुण विकसित कर सकते हैं। अनुशासन आपको जिम्मेदार होना सिखाता है।

विद्यार्थी के लिए किताबी शिक्षा के साथ साथ  शारीरिक शिक्षा भी उतनी ही महत्वपूर्ण है। शारीरिक शिक्षा केवल अनुशासन से ही मिलती है। अनुशासन आत्म-नियंत्रण और समर्पण जैसी भावना का विकास होता है। जो खुद को नियंत्रित नहीं कर सकता वह दूसरों को नियंत्रित कभी नहीं कर सकता। यह आपके सहनशीलता के स्तर को भी बढ़ाता है।

अनुशासनहीनता के नुकसान

अनुशासन के अभाव में विद्यार्थी एकाग्रता का अध्ययन नहीं कर पाता है। अनुशासन की कमी के कारण विद्यार्थी चिड़चिड़े हो जाते हैं। विद्यार्थी को छोटी-छोटी बातों पर गुस्सा आने लगता है। अनुशासन के बिना विद्यार्थी में धैर्य और आत्म-संयम की कमी हो जाती है और वह हर कार्य को शीघ्रता से करना चाहता है।

वह अपने से बड़े लोगों का सम्मान नहीं करता है। विद्यार्थी बड़े सपने देखता है लेकिन अनुशासन की कमी के कारण उनमें सफल नहीं हो पाता। वह उस कार्य को कभी पूरा नहीं कर पाता। अनुशासन की कमी के कारण विद्यार्थी काम की चोरी करना शुरू कर देता है। वह उसे दिया गया काम कभी नहीं करता है और बहाने बनाने लगता है।

अनुशासन की कमी के कारण उनकी शिक्षा पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अनुशासन की कमी के कारण विद्यार्थी परीक्षा में सफल नहीं हो पाता और निराश हो जाता है, जिसका परिणाम बहुत ही खराब होता है। उसका भविष्य खतरे में पड़ जाता है।

विद्यार्थी एक कोरे कागज की तरह होता है, जिसमें कुछ भी लिखा जा सकता है। यदि छात्र को उचित समय पर सही शिक्षा नहीं मिलती है तो वह अपने लक्ष्य से भटक सकता है और गलत रास्ते पर जा सकता है, इसलिए विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्व ओर भी बढ़ जाता है। अनुशासन के बिना विद्यार्थी जीवन की कल्पना करना मूर्खतापूर्ण है।

विद्यार्थी हमारे देश की भावी पीढ़ी हैं, जो आगे बढ़कर हमारे देश का निर्माण करेंगे। अगर विद्यार्थी अनुशासन में रहना नहीं जानते हैं तो वे देश को तबाही की दिशा में ले जायेंगे। विद्यार्थी को अपने विद्यार्थी जीवन में काफी अनुशासित रहना चाहिए। जो अनुशासित होता है वह जीवन में ऊँचा उठता है। महापुरुषों का जीवन अनुशासन का उदाहरण है।

हमने यहां पर  “विद्यार्थी जीवन में अनुशासन का महत्त्व पर निबंध (Essay on Importance of Discipline in Students life in Hindi)” शेयर किया है। उम्मीद करते हैं कि आपको यह निबंध पसंद आया होगा, इसे आगे शेयर जरूर करें। आपको यह निबन्ध कैसा लगा, हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं।

  • आदर्श विद्यार्थी पर निबंध
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  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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Comments (5).

Sir Very Nice Essay

Inspirative essay 👍👍

Good nibandh sir

Best website for kids

Very nice nibandh

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Student Life Essay In Hindi

विद्यार्थी जीवन पर निबंध – Student Life Essay In Hindi

विद्यार्थी जीवन पर निबंध – essay on student life in hindi.

मानव जीवन की चार अवस्थाओं में से ब्रह्मचर्य आश्रम जन्म से लेकर 25 वर्ष तक की आयु के काल को कहा जाता है। यही जीवन विद्यार्थी जीवन भी है। प्राचीन काल में विद्यार्थी को गुरुकुल में रहकर विद्याध्ययन करना पड़ता था।

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न  हिंदी निबंध  विषय पा सकते हैं।

विद्यार्थी शब्द दो शब्द के मेल से बना है- विद्या + अर्थी। जिसका अर्थ है विद्या प्राप्ति की इच्छुक। जीवन के प्रारंभिक काल का लक्ष्य विद्या प्राप्ति है, यह जीवन का स्वर्णिम काल कहा जाता है।

जिस प्रकार सुदृढ़ भवन निर्माण में कार्यरत कारीगर सावधानीपूर्वक नींव का निर्माण करता है, उसी प्रकार मानव जीवन रूपी भवन के सुदृढ़ निर्माण के लिए विद्यार्थी जीवन का सुव्यवस्थित होना नितांत आवश्यक है। सरल, छलरहित, उत्साहयुक्त आशावादी लहरों में उमंगपूर्ण तरंगित होता यह काल उसके भविष्य को निर्धारित करता है। इसी अवस्था में शारीरिक, मानसिक व बौद्धिक शक्तियों का विकास होता है। शिक्षा द्वारा जीवन लक्ष्यों का निर्धारण होता है।

सफल विद्यार्थी इसी काल में सामाजिक, धार्मिक नैतिक नियमों, आदर्शों व संस्कारों को ग्रहण करता है लेकिन आजकल गुरुकुलशिक्षा प्रणाली नहीं है। आज का विद्यार्थी विद्यालयों में विद्याध्ययन करता है। आज गुरुओं में कठोर अनुशासन का अभाव है। आज शिक्षा का संबंध धने से जोड़ा जाता है। विद्यार्थी यह समझता है कि वह धन देकर विद्या प्राप्त कर रहा है।

उसमें गुरुओं के प्रति आदर के भाव की कमी पाई जाती है। साथ ही कर्मठ, कर्तव्यनिष्ठ शिक्षकों का भी अभाव हो गया है। शिक्षा में नैतिक मूल्यों का कोई स्थान नहीं है। इसका उद्देश्य केवल परीक्षा पास करना रह गया है। इन्हीं कारणों से आज का विद्यार्थी अनुशासनहीन, फैशन का दीवाना, पश्चिमी सभ्यता का अनुनायी तथा भारतीय संस्कृति से दूर हो गया है। आदर्श विद्यार्थी के गुणों की चर्चा करते हुए कहा गया है कि-

काक चेष्टा बको ध्यानं श्वान निद्रा तथैव च। अल्पाहारी गृह त्यागी विद्यार्थिनः पंच लक्षणं ।।

अर्थात् विद्यार्थी को कौए के समान चेष्टावान व जिज्ञासु होना चाहिए। विद्यार्थी को बगुले के समान ध्यान लगाकर अध्ययन में रत रहना चाहिए। उसे कुत्ते की भाँति सोते हुए भी जागरूक रहना चाहिए। इसके लिए उन्हें कुसंगति से बचना चाहिए तथा आलस्य का परित्याग करके विद्यार्थी जीवन के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए प्रयत्नशील होना चाहिए।

आज के विद्यार्थी वर्ग की दुर्दशा के लिए वर्तमान शिक्षा पद्धति भी जिम्मेदार है। अतः उसमें परिवर्तन आवश्यक है। इसलिए विद्यार्थियों में विनयशीलता, संयम, आज्ञाकारिता जैसे गुणों का विकास किया जाना चाहिए। विद्यार्थी को स्वयं भी इन गुणों के विकास के लिए प्रयत्नशील रहना चाहिए। अत: शिक्षाविदों का दायित्व है कि वे देश की भावी पीढ़ी को अच्छे संस्कार देकर उन्हें प्रबुद्ध तथा कर्तव्यनिष्ठ नागरिक बनाएँ।

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Essay on Student Life: 100, 200 and 300 Words

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  • Updated on  
  • Apr 21, 2024

Essay on Student Life

Essay on student life: Student life, a phase that encompasses the essence of youth, is a period of transformation, self-discovery, and boundless opportunities. It’s a time when a student undergoes changes and faces challenges in academics, friendships, and personal growth. In this blog, we’ll explore the multifaceted aspects of student life and provide sample essays in various word counts, giving a glimpse into this remarkable journey.

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Sample Essay on Student Life in 100 Words

A student’s life is an exciting ride of learning, self-discovery and experiences. It’s a blend of early-morning classes, late-night study sessions, and the thrill of making lifelong friends. This phase teaches a student to balance academics with extracurricular activities, fostering their growth as individuals. Each day is a new adventure, a chance to learn, explore, and evolve. The memories one creates during these years shape the future, moulding one into the person one aspires to become. It’s a time when a student embraces the joy of acquiring knowledge and savour the taste of independence. With the right balance of study and leisure, it becomes a cherished chapter in a student’s life.

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Sample Essay on Student Life in 200 Words

Student life is a period of transformation and exploration. It’s a period where one transitions from childhood to adulthood, navigating through the complexities of education and personal growth. In the midst of academic challenges, students often form close bonds with peers. These friendships provide crucial support in times of stress and celebration during moments of success. However, it’s not all smooth, the pressure to excel, manage finances, and make important life decisions can be overwhelming.

The student life is a pivotal period of self-discovery and personal development. It’s not just about textbooks and lectures; it’s a journey of exploration and experimentation. From joining clubs and societies to engaging in community service, these experiences help in uncovering a student’s passions and talents. It’s a time when they build bonds that often last a lifetime, creating a support system that stands the test of time.

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Sample Essay on Student Life in 350 Words

Student life, often referred to as the best years of one’s life, it’s a bundle of experiences that shape the future. It’s a time when one embarks on a journey of academic pursuits, self-discovery, and personal growth. These years are marked by hard work studying, social interactions, and a quest for independence.

The classroom becomes a second home. But student life is not just about academics; it’s a holistic experience. Friendship bonds provide the emotional support needed. The pressure to excel academically can be suffocating at times. Balancing coursework, extracurricular activities, and part-time jobs is a delicate juggling act. Financial constraints can add to the stress, making students contemplate their choices and priorities.

Despite these obstacles, student life offers a unique opportunity for self-discovery. It’s a time when young minds explore their passions, talents, and interests. It’s a period when taking risks is encouraged, and opportunities are abundant. Whether through involvement in clubs, sports, or artistic pursuits, it’s during this phase that one lays the foundation for future careers and aspirations.

Beyond academics and friendships, student life encourages us to explore the world. From educational trips to international exchanges, these experiences broaden horizons and expose one to different cultures and ideas. It’s a time when one learns to navigate the complexities of the real world. These experiences broaden one’s mindset, help in building a global outlook and enhance adaptability.

In conclusion, student life is a remarkable chapter in the books of everyone’s lives. It is a rollercoaster of experiences that challenge us, shape us, and ultimately prepare us for the world beyond. It is a time of intellectual growth, enduring friendships, and personal discovery. Despite the trials and tribulations, it is a journey worth embracing, for it is during these years that lays the groundwork for our future endeavours and aspirations,

Student life is a phase that bridges the gap between adolescence and adulthood. It’s a transformative journey filled with academic pursuits, personal growth, enduring friendships, and the resilience to overcome challenges. This period of life is not merely a stepping stone, it’s a phase where one lays the foundation for the future, equipping oneself with knowledge, skills, and experiences that will serve us throughout our lives

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Short Essay on Student Life

Find the sample essay on student life below:

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Student life is filled with growth, aspirations, self-discovery, and boundless opportunities. The student life helps an individual have an understanding of moral values and build a quality life.

The most important part of a student’s life is the management of Time. A student’s life demands discipline and routine and that will require the skill of management of time.

A student’s life is a golden life because it is a phase where a student embraces the victories, savours the taste of failure and understands the workings of the world as a whole.

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Rajshree Lahoty

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जीवन पर निबंध (Life Essay in Hindi)

एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र जीवन के लिए बहुत आवश्यक होता है। जहां कही भी जीवन हो, वहां एक स्वस्थ पारिस्थितिकी तंत्र की आवश्यकता होती है, जो जीवन के विकास के अनुकुल हो। नीचे दिए गए निबंध में जीवन के विभिन्न पहलुओं को हम अलग-अलग दृष्टिकोण से देखने की कोशिश करेंगे।

जीवन पर छोटे और बड़े निबंध (Short and Long Essays on Life in Hindi, Jivan par Nibandh Hindi mein)

निबंध 1 (250 शब्द) – जीवन की सुंदरता और उसके महत्व.

कुछ चीजें जो बढ़ सकती है और कई गुना तक बदलाव होता है, उसे जीवन माना जाता है। हम जीवन की कई किस्मों से घिरे हुए है, लेकिन उनमें से मानव जीवन इन सबमें प्रमुख और सबसे अधिक गुणों वाला है। इस ग्रह पर मनुष्य में अन्य जीवन को प्रभावित करने की शक्ति है।

जीवन की सु ंद रता क्या है ?

जीवन की सुंदरताका असली महत्व यह है कि यह दूसरों के लिए कितना मूल्य रखती है। दूसरों की मदद करने में बिताया गया जीवन, एकांत में बिताए गए जीवन से काफी अधिक मूल्यवान होता है। जीवन की सच्ची सुंदरताका महत्व इस बात पर निहित होता है कि वह दूसरों की देखभाल और मदद के लिए किस प्रकार खर्च किया जाता है। प्रेम का बिखराव जीवन में दूसरों के लिए जितना अधिक होगा वह उतना ही अधिक सुंदर होगा। जीवन एक उस खड़े पेड़ की तरह है, जो प्रकृति के तत्वों पर, पंक्षियों और राहगीरों का सामना करता है और यह एक अकेले रह रहे आदमी की अपेक्षा अधिक सुंदरहोता है, जो अपने आस-पास के लोगों के लिए अपनी आंखे बंद किया रहता है।

जीवन महत्वपूर्ण क्यों है ?

हर एक जीवन महत्वपूर्ण है और यह आपस में एक दूसरे से जुड़े होते है। प्रत्येक प्रजाति, चाहे वो मनुष्य हो, पशु हो या पक्षी इस दुनिया में अपने उद्देश्य की पूर्ति करते है और सभी एक दूसरे को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रुप से प्रभावित करते है। भले ही वो चाहे एक छोटी प्रजाति की हो और इस ग्रह से लुप्त हो जाती है लेकिन यह दूसरे जीवों को भी प्रभावित करती है। यदि हिरण लुप्त हो गया तो बाघ बचा रहेगा, और एक ऐसी श्रृखला की शुरुआत होगी जो एक दिन इस ग्रह को बेजान कर देगा और सारा ग्रह बदल जाएगा।

इसलिए हम सभी के जीवन के लिए यही हित में है कि हम सभी जीवन प्रजाती के रूपों को महत्व दें और ग्रह के प्रत्येक जीवों को भी बराबर महत्व दें और उसकी रक्षा करें।

निबंध 2 (400 शब्द) – जीवन एक सुंदर तोहफा और यात्रा है

जीवन की दार्शनिक परिभाषा अपनी जैविक परिभाषा से व्यापक रुप में भिन्न है। जीव विज्ञान जीवन के भौतिक पहलुओं को ही मानता है, जबकि दर्शन उन गुणों को मानता है जो जीवन को दूसरों के लिए योग्य बनाता है। इस निबंध में हम जीवन को समझने की कोशिश करेंगे, और जैविक और दार्शनिक दोनों बिन्दुओं से इसे देखने की कोशिश करेंगे।

जीवन एक सु ंद र उपहार है

हम में से अधिकांश लोगों का मत है कि जीवन एक सुंदरउपहार है। जीवन को एक सुंदरउपहार के रुप में देखा जाता है क्योंकि इसके कारण दूसरों के लिए इसका मूल्य होता है। इस ग्रह का प्रत्येक जीवन एक विशिष्ट उद्देश्य के लिए होता है। पेड़, पशु, पक्षि, मनुष्य, कीड़े, सभी अपने-अपने तरीके से ग्रह और अन्य जीवन के विकास में योगदान करते है।

इसके अलावा, मानव जीवन एक बहुत बड़ा उपहार है क्योकि यह मौजूदा जीवन रूपों में सबसे शक्तिशाली है। मनुष्य के पास सपने देखने, काम करने और लक्ष्य हासिल करने जैसी असाधारण क्षमता होती है, और इस ग्रह पर इस तरह की कोई अन्य प्रजाति नहीं है। इसके अलावा मनुष्य अच्छे और बुरे दोनों कारणों से ग्रह के प्रत्येक जीवन को प्रभावित करता है। मानव जीवन एक उपहार है क्योंकि यह अन्य कमजोरों और कमजोर जीवन को बचाने के लिए और उसका संरक्षण करने के लिए होता है। यह दार्शनिक जीवन की सौहार्द या सुंदरता थी। अब जीवन की भौतिक सुंदरता पर ध्यान देते है। मनुष्यों को असाधारण रुप से निपुण अंगों और कुशल मस्तिष्क के साथ बनाया गया है, जिससे उन्हें दूसरों से श्रेष्ट माना जाता है। इन शक्तियों कि वास्तविक सुंदरता जीवन के सभी अच्छे कारणों से कितने जीवन को प्रभावित करता है यह उसपर निर्भर करता है।

जीवन एक सफर है

जीवन की पूर्वावश्यकताओं में से एक है जीवन का विकास। जहां जीवन है वहां विकास है। जैसे विकास की अवस्थाएं होती है वैसे ही जीवन की यात्रा चलती है। आइए हम मानव जीवन के उदाहरण पर विचार करें। जब बच्चा पैदा होता है, तो वह छोटा होता है और उनका शारीरिक और मानसिक रुप से विकास नहीं हुआ होता है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है वैसे ही बच्चा बढ़ता रहता है। इसी तरह अन्य सभी प्रजातियों के साथ भी होता है।

समय के साथ-साथ जीवन बढ़ता है और अधिक प्रमुख हो जाता है। प्रत्येक वर्ष बीतने के साथ ही बच्चे समझदार और बड़े होते जाते है, और वो जल्दी ही एक स्मार्ट युवा हो जाते है। अन्य जीवन रूपों के साथ भी ऐसा ही होता है। यहां बहुत सारी नई चीजे है, और सभी अनुभव बढ़ने के साथ-साथ ही सीखते है। इसलिए यह कहना गलत नही होगा कि जीवन विकास और अनुभवों की यात्रा है और सभी को समझदार और मूल्यवान बनाने के लिए है।

यह हमेशा ध्यान में रखना चाहिए कि जीवन एक बहुत मूल्यवान उपहार है, लेकिन यह केवल मानव जीवन ही नहीं है, यहां तक की सबसे कमजोर प्रजातियों का जीवन भी बहुत मूल्यवान होता है, जैसे कि ऋषियों में से एक बुद्धिमान ऋषि का जीवन होता है।

Essay on Life

निबंध 3 (600 शब्द) – जीवन का सच्चा मूल्य

जो कुछ भी स्वयं से बढ़ता है और उसका स्वयं का मेटाबोलिज्म (चय-पचय) होता है, उसे जीवित या जीवन के रुप में माना जाता है। मनुष्य, जानवर, कीड़े, सुक्ष्म जीव, पौधे ये सभी जीवित है या इनमें जीवन होता है। ग्रह पर बहुतायत मात्रा में जीवन उपलब्ध है, लेकिन इनकी गुणवत्ता क्या मायने रखती है? जीवन की गुणवत्ता, विशेषता विभिन्न इंद्रियों द्वारा पहचाना जाता है, इसके बारे में हम इस निबंध में चर्चा करेगें।

जीवन का सच्चा मूल्य

हम अपने चारों ओर विभिन्न प्रकार के जीवन से घिरे हुए है। पौधों, जानवरों, कीड़ों, पक्षियों, उभयचरों आदि सहित अन्य अरबों प्रजातियां इस ग्रह पर है, प्रत्येक और हर एक का जीवन, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो, सबका एक महत्वपूर्ण स्थान है, इनका अपना ही एक मूल्य है और ये इस पारिस्थितिकी तंत्र में अपने तरीके से अपना योगदान देते है। लेकिन कुछ अलग मूल्यों और गुणों के कारण मानव जीवन को दूसरों की तुलना में अधिक मूल्यवान माना जाता है, जो अस्तित्व में एक दूसरे के मूल्यों से जोड़ता है।

मानव अस्तित्व के सही और सच्चे मूल्यों को समझने के लिए, सिर्फ खाने और काम करने का अलावा हमें जीवन को अलग-अलग दृष्टिकोण से देखने की आवश्यकता है। जीवन का सच्चा अर्थ है कि दूसरों की रक्षा करें और उसकी हमेशा मदद करें। सौभाग्य से मनुष्यों को असाधारण बुद्धि और दिमाग के साथ निपुणता के उपहार एक साथ दिया गया है, और ऐसा कोई अन्य प्राणी इस ग्रह पर नहीं है। केवल मनुष्य ही आवश्यकता के समय के साथ एक दूसरे की सहायता कर सकता है, और साथ ही साथ अन्य जीवित प्राणीयों की आवश्यकता पड़ने पर मदद करने की क्षमता रखता है।

मानव जीवन का यही सबसे बड़ा मूल्य है, जो मनुष्य धारण किए हुए है। दूसरे शब्दों में कहें तो जीवन का सच्चा मूल्य दूसरों के लिए कितने मदद का मूल्य अपने अंदर रखता है। एक ऐसे पेड़ के उदाहरण पर चर्चा करते है जो दशकों से सूरज और बारिश से अपनी टहनियां को दूर रखता आ रहा है। उस पेड़ का जीवन निश्चित रुप में काफी मूल्यवान है। इसी प्रकार पेड़ की तरह अपने जीवन के मूल्यक को प्राप्त करना चाहते है तो हमेशा दूसरों की सेवा, प्यार और देखभाल करने में अपने जीवन को खर्च करे।

जीवन में मूल्यों को कैसे जोड़े ?

अब जब हमने जीवन के सही मूल्यों के बारे में जान लिया है कि इसका सही मूल्य क्या है, तो अब हम उनके परिवर्तनों के बारे में चर्चा करेगें जिससे की हम अपने जीवन को अधिक मूल्यवान बनाने के लिए उन्हें अपना सकें। जीवन में मूल्यों को जोड़ना सबकुछ नही है, बल्कि अपने दृष्टिकोण में परिवर्तन करना है। आपको बस दूसरों को देखने और अपने देखने के तरीकों में बदलाव करना पड़ेगा। नीचे कुछ बदलाव के बारे में चर्चा की है जिन्हें आप अपने जीवन के मूल्यों में जोड़ने के लिए अपना सकते है।

  • बहिर्मुखी बनें

आप खुद को केवल अपने तक ही सीमित न रखें, बल्कि दूसरों तक भी पहुंचे या दूसरों के संम्पर्क में भी रहे। उनसे जुड़कर आप उनकी समस्याओं, आकांक्षाओं इत्यादि के बारे में जानें। अपने पड़ोसियों से बात करे और उन्हें सामाजिक बनायें। जितना अधिक आप समाजिकरण करेगें आपके मूल्यों में उतनी ही वृद्धि होती रहेगी।

अपने जीवन को और अधिक मूल्यवान बनाने के लिए एक और तरीका है कि आप दूसरों को अधिक सम्मान दे – चाहे वह छोटा हो या बड़ा, अमीर हो या गरीब, बलवान हो या कमजोर सभी को सम्मान दें। यदि आप दूसरे सभी के साथ सम्मान का व्यवहार करेंगे तो आप न केवल अपने जीवन को सम्मान के लायक बनाएंगे बल्कि आप दूसरों के सम्मान को भी अर्जित कर सकेंगे।

  • विचारशील और सहायक बनें

आपको हमेशा दूसरों की पीड़ा और जरूरतों के प्रति विचारशील होने की आवश्यकता है, केवल इंसानों के प्रति ही नहीं बल्कि जानवरों के लिए भी यही भाव रखना चाहिए। उनकी मदद करें, समर्थन करें और उनकी समस्याओं के प्रति दया भाव रखें।

  • दूसरे के जीवन को भी महत्व दें

आप जितना ही अधिक मूल्य अन्य के जीवन को देगें, उतना ही अधिक मूल्य आप खुद के लिए भी जोड़ेंगे। यह एक तरह से लेन-देन का रिश्ता होता है। अन्य के जीवन से मेरा मतलब है मनुष्यों के साथ-साथ पशुओं, पौधों, पक्षियों आदि के जीवन से हैं।

एक साहसी व्यक्ति खड़े होकर अपने जीवन और साथ ही दूसरों के जीवन के लिए भी बोल सकता है। इसके विपरीत किसी में साहस की कमी का मतलब है कि अपने जीवन को डर और निराशा में बिताना। ऐसे जीवन का मतलब न तो खुद के लिए कोई महत्व है और न ही यह दूसरों के लिए किसी काम का है।

जीवन की परिभाषा बहुत ही विशाल है, और यह कई मामलों में एक दूसरे से बहुत ही अलग हो सकती है, लेकिन जीवन का सारांश यह है कि – “जीवन का अनुमान नहीं लगाया जा सकता कि यह कितनी लंबी है, लेकिन यह कितना मूल्यवान है ये हम ही तय करते है”।

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student life essay Hindi & English | 500+ Words Essay on student life

If you want to destroy a nation, make its young generation irresponsible and indolent.”

1. Introduction –

2. The Flowering Period:

3. A Period of Preparation:

4. At School or College:

5. Social and Cultural Activities:

6. Character building:

500 Words Essay On Student Life |  student life essay Hindi & English | 500+ Words Essay on student life

1. Introduction:- Student life is the golden period of life. A student is gen early free from the woes and worries of the world. Parents keep him away from the burden and responsibilities of home, so that he may pay full attention to his studies.

2. The Flowering Period: A student is a young person. He is pulsating with energy and enthusiasm. He has the glow of romance in him. There is the vision of his dreams coming true. Life unfolds its beauty and charm before him. It holds out prospects for bright future. Students take great interest in games and sports. They are also fond of movies.

3. A Period of Preparation: Student life is, in fact a period of preparation. A student has to learn and prepare himself to meet the challenges of life. He has to lead a disciplined life. He has to harness his energy in the right direction. He has to be truthful and pure by heart. He has to keep off bad company and shun politics. He has to develop his talent and broaden his outlook. He has to develop the sense of social responsibility, will power and the capacity for hard work in him. He has to prove himself worthy of the confidence the nation reposes in him.

4. At School or College: At school the student should learn to think for Himself. No one has ever been great by following others blindly. When the teacher says something in the class, the student should try to understand it for himself. He should think about it in his own way. If he does not agree with the teacher, he should boldly say so to him. A good teacher will not be angry at it. He will rather be glad to find such an intelligent student in his class. When a student reads a book, he is not expected to learn by heart what is written in the book. He must think, understand and then commit to the memory only that which is beneficial to him.

5. Social and Cultural Activities: The student has a duty towards society as well. The student of today is the citizen of tomorrow. He should take part in social and cultural activities. He should go to villages to serve the villagers and mix up with them. He should take part in N.C.C. and scouting. He must aim at his development. He should help the old, the blind and the handicapped.

6. Character building: Students must pay full attention to the building of their character. Gandhiji and all other great men did so, when they were at school. A student should be honest, true sincere and virtuous. His behavior towards all must be praiseworthy. He should be kind and humble. These qualities enable him to meet out the varied challenges of life when he comes out of his school. The nation looks at him with great expectations and aspirations. He should prove himself worthy of the same.

500 Words Essay On Student Life | student life essay Hindi & English | 500+ Words Essay on student life

Student life the most memorable phase of every person’s life. It is the phase in which the whole foundation of a person’s life is laid upon.

1. परिचय – विद्यार्थी जीवन जीवन का स्वर्णिम काल होता है। एक छात्र दुनिया के संकटों और चिंताओं से जल्दी मुक्त हो जाता है। माता-पिता उसे घर के बोझ और जिम्मेदारियों से दूर रखते हैं, ताकि वह अपनी पढ़ाई पर पूरा ध्यान दे सके।

2. पुष्पन कालः विद्यार्थी युवा होता है। वह ऊर्जा और जोश से धड़क रहा है। उनमें रोमांस की चमक है। उनके सपनों के साकार होने का सपना देखा जा रहा है। जीवन उसके सामने अपनी सुंदरता और आकर्षण प्रकट करता है। यह उज्जवल भविष्य की संभावनाएं रखता है। छात्र खेल और खेल में बहुत रुचि लेते हैं। उन्हें फिल्मों का भी शौक है।

3. तैयारी की अवधि: विद्यार्थी जीवन वास्तव में तैयारी का काल है। एक छात्र को जीवन की चुनौतियों का सामना करने के लिए खुद को सीखना और तैयार करना होता है। उसे अनुशासित जीवन जीना होता है। उसे अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाना होगा। उसे दिल से सच्चा और शुद्ध होना चाहिए। उसे बुरी संगत से दूर रहना होगा और राजनीति से दूर रहना होगा। उसे अपनी प्रतिभा को विकसित करना होगा और अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाना होगा। उसे अपने अंदर सामाजिक जिम्मेदारी, इच्छा शक्ति और कड़ी मेहनत की क्षमता की भावना विकसित करनी होगी। उसे खुद को उस भरोसे के लायक साबित करना होगा, जिस पर देश भरोसा करता है।

4. स्कूल या कॉलेज में: स्कूल में छात्र को अपने लिए सोचना सीखना चाहिए। दूसरों का आंख मूंदकर अनुसरण करने से कोई कभी महान नहीं होता। जब शिक्षक कक्षा में कुछ कहता है, तो छात्र को उसे अपने लिए समझने का प्रयास करना चाहिए। उसे इस बारे में अपने तरीके से सोचना चाहिए। यदि वह शिक्षक से सहमत नहीं है, तो उसे साहसपूर्वक उससे ऐसा कहना चाहिए। एक अच्छा शिक्षक इससे नाराज नहीं होगा। उसे अपनी कक्षा में ऐसा बुद्धिमान छात्र पाकर खुशी होगी। जब कोई छात्र किसी पुस्तक को पढ़ता है, तो उससे यह अपेक्षा नहीं की जाती है कि वह पुस्तक में लिखी गई बातों को दिल से सीख ले। उसे सोचना चाहिए, समझना चाहिए और फिर केवल वही याद रखना चाहिए जो उसके लिए फायदेमंद हो।

5. सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियाँ: छात्र का समाज के प्रति कर्तव्य है भी। आज का छात्र कल का नागरिक है। उसे सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेना चाहिए। उन्हें गाँवों में जाकर गाँववालों की सेवा करनी चाहिए और उनसे घुलना-मिलना चाहिए। उन्हें एन.सी.सी. में भाग लेना चाहिए। और स्काउटिंग। उसे अपने विकास का लक्ष्य रखना चाहिए। उसे वृद्धों, नेत्रहीनों और विकलांगों की मदद करनी चाहिए।

6. चरित्र निर्माण: छात्रों को अपने चरित्र निर्माण पर पूरा ध्यान देना चाहिए। गांधीजी और अन्य सभी महापुरुषों ने ऐसा तब किया जब वे स्कूल में थे। विद्यार्थी को ईमानदार, सच्चा ईमानदार और सदाचारी होना चाहिए। सभी के प्रति उनका व्यवहार प्रशंसनीय होना चाहिए। वह दयालु और विनम्र होना चाहिए। ये गुण उसे स्कूल से बाहर आने पर जीवन की विभिन्न चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाते हैं। राष्ट्र उन्हें बड़ी उम्मीदों और आकांक्षाओं की नजर से देखता है। उसे खुद को इसके लायक साबित करना चाहिए।

छात्र जीवन पर 500 शब्द निबंध | student life essay Hindi & English | 500+ Words Essay on student life

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Student Life Essay

500 words essay on student life.

Student life is one of the most memorable phases of a person’s life. The phase of student life builds the foundation of our life. In student life, we do not just learn from books. We learn to grow emotionally, physically, philosophically as well as socially. Thus, in this student life essay, we will learn its essence and importance.

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The Essence of Student Life Essay

Student life is meant to help us learn discipline and study. Despite that, life is quite enjoyable. The struggle is low in student life. One must get up early in the morning to get ready for school or college.

Similarly, rushing to the bus stop is very exciting during student life. The mothers constantly remind us to hurry up and not be late. It is no less than a mantra for all mothers.

In addition, there are other exciting moments in student life. We sometimes forget to complete our homework and then pretend to find the notebook when the teacher asks for it.

With the examination time around the corner, the fun stops for a while but not long. One of the most exciting things about student life is getting to go on picnics and trips with your friends.

You get to enjoy yourself and have a  lot of fun. Even waiting for the exam result with friends becomes fun. The essence of student life lies in the little things like getting curious about your friend’s marks, getting jealous if they score more, and so on.

The excitement for games period or learning about a new teacher. While student life teaches us discipline, it also gives us a lot of fun. It is a memorable time in everyone’s life.

Importance of Student Life

Student life is a vital part of everyone’s life. The future of the students and the country depends on how we are as students. Thus, getting the right guidance is essential. Student life builds the foundation for our life.

Thus, if your foundation is strong, the building will be a strong one too. However, a weak foundation cannot make a building stand. In other words, student life helps us embrace human qualities.

People don’t realize how lucky and privileged one is to even get a student life. Many children dream of having it but never get one. Thus, if one gets to attain education, one must make the most of it.

Student life won’t always be filled with happiness but it will be worthwhile. It helps us grow in the path of life and acquire qualities such as honesty, patience, perseverance, and more.

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Conclusion of Student Life Essay

All in all, student life is no less than perfect. Even though it has many ups and downs, it is all worth it in the end. Our student life determines a lot of things in our lives later on. Therefore, we must strive to be good students not just academically but also in other aspects. It is like a backbone to have a successful life later on.

FAQ of Student Life Essay

Question 1: What is the essence of student life?

Answer 1: Student life’s essence lies in the little things such as getting ready for school early in the morning or running late. It also lies in the positive attitude that we develop due to good discipline.

Question 2: Why is student life important?

Answer 2: We call the student life ‘golden life’ as students learn many essential things. The period of student life brings joy and happiness to our lives and builds a strong foundation. It also determines our successful life.

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध (Student Life Essay In Hindi)

विद्यार्थी जीवन पर निबंध (Student Life Essay In Hindi Language)

आज   हम विद्यार्थी जीवन पर निबंध (Essay On Student Life In Hindi) लिखेंगे। विद्यार्थी जीवन पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

विद्यार्थी जीवन पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On Student Life In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कई विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे , जिन्हे आप पढ़ सकते है।

जीवन का सबसे अहम पहलू विद्यार्थी जीवन को माना जाता है। ऐसा इसलिए, क्योंकि यही वह समय होता है जब कोई भी व्यक्ति अपने जीवन के सार को सीख पाता है। यदि कोई व्यक्ति अपने जीवन में पूर्ण रूप से सफल होता है, तो उसके पीछे विद्यार्थी जीवन ही होता है। जब उसने अपने जीवन के कठिन पहलुओं को सार्थक बनाया होता है और कई सारी ऐसी बातों को सिखा होता है, जिनके माध्यम से वह अपने जीवन को आगे बढ़ाता है।

विद्यार्थी जीवन का महत्व

जब भी कोई बच्चा स्कूल में होता है तो सबसे पहले उसे वह शिक्षा दी जाती है जो उसे जीवन में काम आती है। जिसमें सबसे पहले बड़ों का सम्मान करना, अपने कार्यों को अपने हाथ से करना, जीवन में अपने महत्वपूर्ण लक्ष्य निर्धारित करना आदि शामिल होते हैं।

अगर विद्यार्थी जीवन में नियमित रूप से कर्तव्य शीलता, अनुशासन को अपनाया जाए तो निश्चित रूप से ही जीवन में सफलता मिल सकती है। विद्यार्थी जीवन का महत्व इसलिए भी महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस समय किसी भी विद्यार्थी के भविष्य का निर्धारण हो पाता है।

जीवन में वही विद्यार्थी सफलतापूर्वक आगे बढ़ता है, जिसने पूरे अनुशासन और धैर्य के साथ खुद को आगे बढ़ाया है।

विद्यार्थी जीवन में माता-पिता का योगदान

कई बार हमने ऐसा देखा है कि जब बच्चा अपने विद्यार्थी जीवन में होता है, तो माता-पिता लाड़ दुलार की वजह से उस पर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते और हमेशा उस की फरमाइश को पूरा करते हैं। ऐसे में माता-पिता यह भूल जाते हैं कि विद्यार्थी जीवन में बच्चों को इतना ज्यादा प्यार देने पर कई बार बच्चों के बिगड़ने की संभावनाएं बढ़ जाती है।

ऐसे में माता-पिता का योगदान है कि वह बच्चों के मन को समझते हुए कार्य को आगे बढ़ाएं और उनके परस्पर मित्रता का व्यवहार करें। विद्यार्थीों के जीवन को सही प्रकार से साकार करने के लिए माता-पिता का योगदान सबसे महत्वपूर्ण है।

क्योंकि माता-पिता को ही बच्चों का पहला गुरु माना जाता है। ऐसे में बच्चों को समझाते हुए माता पिता अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं। ऐसे में निश्चित रूप से बच्चों को सफलता मिल सकती है।

विद्यार्थी जीवन में शिक्षकों का बेहतरीन महत्व

बच्चों का मन बहुत ही कोमल होता है। ऐसे में जब भी वह अपने विद्यार्थी जीवन की शुरुआत करते हैं, तो सबसे पहले उनके सामने उनके शिक्षक होते हैं। शिक्षक ऐसे व्यक्तित्व के धनी होते हैं, जो अपने विद्यार्थीों को देखते ही उनके बारे में जानकारी हासिल कर लेते हैं।

ऐसे में शिक्षकों की भूमिका होती है कि वे अपने विद्यार्थीों को सही दिशा की ओर मार्गदर्शन करें और उन्हें अच्छे भविष्य के लिए प्रेरित करते रहें। कई बार विद्यार्थी अपने शिक्षकों से डर जाते हैं और उनसे अपने दिल की बात नहीं कर पाते हैं।

ऐसे में शिक्षकों की विशेष भूमिका बन जाती है कि वे अपने विद्यार्थियों का सही तरीके से ध्यान रखें और उन्हें गलत राह में जाने से रोके।

विद्यार्थी जीवन है संपूर्ण जीवन का आधार

हमेशा विद्यार्थी जीवन को, जीवन के आधार के रूप में जाना जाता है। क्योंकि यही वह समय होता है जब जीवन में काफी कुछ हासिल कर सकते हैं और नया सीख भी सकते हैं। जो उनके जीवन में काम आ सकता है और जीवन के लिए जरूरी माना गया है।

सामान्य रूप से ऐसा देखा जाता है कि जो बच्चे सही तरीके से चीजों को नहीं सीखते, उन्हें नियमित रूप से दिक्कत होने लगती है और उनके जीवन का आधार बिगड़ने लगता है। ऐसे में यदि अपने विद्यार्थी जीवन से ही अपने भविष्य के बारे में सोच लिया जाए, तो जीवन को सही बनाते हुए आगे बढ़ा जा सकता है।

जिसमें अपने भविष्य को भी सही दिशा दी जा सकती है और किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सकता है।

विद्यार्थी जीवन में होने वाली गलतियां

विद्यार्थी जीवन में हमसे कई प्रकार की गलतियां होती हैं। लेकिन हमें इसका अंदाजा बाद में होता है। आज हम यहां पर विद्यार्थी जीवन में होने वाली गलतियों के बारे में विचार करने वाले है। जो की कुछ  प्रकार है।

  • ऐसे समय में हम ज्यादातर बड़ों की बातों को नकार देते हैं और उनकी बातों को महत्त्व भी नहीं देते हैं, जो कि गलत है।
  • हमेशा अपने काम में ही व्यस्त रहते हैं और किसी पर भी ध्यान नहीं देते हैं।
  • घर की जिम्मेदारियों से दूर भागते हैं और अपनी जिम्मेदारियों को किसी दूसरे के कंधे पर लाद देते हैं।
  • विद्यार्थी जीवन में सबसे महत्वपूर्ण योगदान हमारी पढ़ाई का होता है और उस समय हम पढ़ाई पर ध्यान ना देकर दूसरी स्थिति की तरफ ज्यादा ध्यान देने लगते हैं, जो कि जीवन की बड़ी गलतियों में से एक है।
  • अक्सर विद्यार्थी, जीवन में अपने सही मार्ग से पीछे हट जाते हैं और गलत संगत में आने लगते हैं। जिससे जीवन खतरे में हो सकता है।
  • बुरी आदतों के साथ-साथ बुरी हरकतें भी घर करने लगती हैं, जिसमें स्मोकिंग करना, ड्रिंक करना, रात भर घर से बाहर रहना इस तरह की बुरी आदतें शामिल है।

विद्यार्थी जीवन में उद्देश्य का निर्धारण

विद्यार्थी जीवन में हमेशा अपने उद्देश्य का निर्धारण करना चाहिए। कहने का मतलब यह है कि हमेशा जीवन में होने वाली गतिविधियों या अपने भविष्य के लिए सजग रहते हुए आगे बढ़ना चाहिए। जिससे बाद में किसी भी प्रकार का पश्चाताप ना होने पाए। ऐसे में मुख्य भूमिका परिवार की भी मानी जाती है।

इस प्रकार से हमने देखा कि विद्यार्थी जीवन हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण समय होता है। जब आसानी से ही समस्या का हल निकाला जा सकता है और भविष्य को सही दिशा की ओर ले जाया जा सकता है। कई बार ऐसा होता है कि विद्यार्थी जीवन में भटकाव आने लगता है। ऐसे में किसी भी तरह से बहकावे में ना आए और जो सही लगता हो उसी के तरफ कदम बढ़ाए।

विद्यार्थी जीवन में चली आ रही दिक्कतों को दूर करते हुए अगर आप आगे बढ़ेंगे, तो निश्चित रूप से ही भविष्य में सफलता प्राप्त कर सकेंगे और किसी भी प्रकार की मुसीबत को आसानी से ही दूर कर सकेंगे। ऐसे में हमेशा अपने विद्यार्थी जीवन में धैर्य रखते हुए, मेहनत करते रहें और सही दिशा की ओर हमेशा अग्रसर रहे|

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तो यह था विद्यार्थी जीवन पर निबंध (Student Life Essay In Hindi) , आशा करता हूं कि विद्यार्थी जीवन पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On Student Life) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है , तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

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Student Life Essay

Friends, in today’s article, we will tell you essay on student life in 100, 150, 250, 500 words. Student life holds great importance in everyone’s life because this is the time when students learn to differentiate between right and wrong. A Guru is very important in student life because he is the one who guides the students properly. If seen, along with learning education and discipline in student life, students also make true friends. So in such a situation, if you want to write essay on student life in different words, then read this post of ours today and learn essay on student life in 100, 150, 250, 500 words.

Table of Contents

essay on student life in 100 words

Discipline and education are of utmost importance in student life. Along with this, the importance of sports cannot be ignored. That’s why students who take part in sports along with their studies are very intelligent. When students get mentally tired after studying, then their fatigue is removed by playing sports. In this way, after playing their favorite game, the students get re-energized. Student life is the time when students learn things like culture and discipline along with acquiring knowledge. 

essay on student life in 150 words

Student life is like a golden period for any person because at this time he lays the foundation stone of his future. In student life itself, along with the development of physical and mental qualities in a student, spiritual qualities also develop. The most important contribution in all this is that of the teacher, who along with teaching all his students, also guides them on the right path. It is not easy for any person to get education that’s why students have to work hard day and night to become a successful person in their life. 

Students are very important for any country because they raise the pride of their country by studying and writing. For this, some student becomes a scientist, some becomes a doctor and some becomes an engineer. That is why teachers try to inculcate in their students the qualities like co-operation, restraint, humility, service and co-existence. There is no doubt that the students of today are the future of the country. 

essay on student life in 250 words

Student life is the time when a person goes to a school or college to get an education. Students are considered the key to success for any country because they are the future of the country. Student life is the most beautiful and memorable time in the life of any human being. Not only this, it is also the most precious time for any person because during this time his character develops. 

importance of student life 

Man learns many things in student life. Apart from writing studies, he also gets a chance to learn many such skills which will be of great use to him later. The time spent by a student in school is very important because during that time either his personality can be made or destroyed. In student life, a student gets to learn what he can do in his life and apart from this, strong relationships like friendship are also formed in student life only.  

duties of student life 

The duties of student life are not one but many which are as follows –

  • You should work very hard on your studies.
  • Must behave well with other students.
  • Show respect to your teacher and parents.
  • Avoid playing games on social media and mobile in student life.
  • The student should concentrate on building his personality and character.
  • If a difficult situation arises, one should know how to deal with it. 
  • You should help your classmates. 

essay on student life in 500 words

Student life is the most important time for any human being. This is the time when students are made to imbibe moral values. In this way, this is the time when any student lays the first and strongest foundation to shape his future. In student life, students have to achieve education with full hard work except material pleasures so that the basic elements can be developed in them. 

meaning of student life 

The word Vidyarthi is derived from Vidya + Arthi which means one who desires for knowledge. If we say in short, then student life means continuous acquisition of knowledge in any subject. When the child is 5 years old, then the time of his education starts and it lasts till the age of about 25 years. By the way, there is no age for education and if a person wants, he can get education at any age. 

main duties of the student 

When a person is in student life then he has some duties which are as follows –

  • The student should develop the quality of humility in himself because it is called the first step of student life.
  • The student should give importance to discipline in his life because the person who gives importance to discipline can go far ahead in life. 
  • In order to get education, a person needs to work hard in student life and do his studies wholeheartedly. 
  • Leaving all other pleasures of the world, attention should be paid to education. 
  • Students should stay away from such people who indulge in bad deeds.
  • A student should keep his thoughts high but lead a simple life. 
  •  There should not be any kind of pride inside the student. 

mistakes in student life 

By the way, student life is a golden time for any person, but in student life, people also make many mistakes like – 

  • In student life, many people adopt bad habits like smoking cigarettes, drinking alcohol and staying out of their house till late night.
  • Due to falling in the wrong company, students often move away from the right path and go towards the wrong path.
  • It also happens in student life that they do not accept the words of their elders properly and do not give any importance to their words, which is a very bad thing. 
  • They run away from fulfilling their household responsibilities and do not take any interest in household chores. 
  • Students are always busy in their own works and do not pay any attention to other works.
  • Many students stop paying attention to their studies and start taking interest in other useless activities. 
  • They do not understand the importance of education and try to escape from studies.

Friends, this was our article on student life essay in 100, 150, 250, 500 words. In this article, we told you how you can write essay on student life in different words. We have full hope that you must have found the essay on student life useful. If you liked this post of ours, then definitely share it with those people who are looking for essay on student life in 100, 150, 250, 500 words.

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vikashkumarpanvari

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