Teacher's Day Essay in Hindi

Teacher’s Day Essay in Hindi, 100, 150, 200, 300, 500 Words

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Teacher’s Day Essay in Hindi

यहां हम आपको “Teacher’s Day Essay in Hindi” उपलब्ध करा रहे हैं. इस निबंध/ स्पीच को अपने स्कूल या कॉलेज के लिए या अपने किसी प्रोजेक्ट के लिए उपयोग कर सकते हैं. इसके साथ ही यदि आपको किसी प्रतियोगिता के लिए भी Essay on Teacher’s Day in Hindi तैयार करना है तो आपको यह आर्टिकल पूरा बिल्कुल ध्यान से पढ़ना चाहिए. 

Teachers Day Essay in Hindi 100 Words 

हर साल 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस (Teachers Day) मनाया जाता है। इस दिन भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और शिक्षाविद्  डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिन होता है। शिक्षक दिवस  शिक्षकों के प्रति सम्मान व्यक्त करने और उनका ध्यानवाद करने के लिए मनाया जाता है। टीचर्स डे के दिन सभी स्कूल, कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। कई स्कूलों में छुट्टी होती है इसलिए इसके एक दिन पहले ही यानी 4 सितंबर के दिन ही बहुत से स्कूल, कॉलेजों में टीचर्स डे को मनाया जाता है। हम सभी लोग शिक्षक दिवस के अवसर पर अपने स्कूल में भव्य आयोजन करते हैं और शिक्षकों के लिए ग्रीटिंग कार्ड्स, चॉकलेट और बहुत से उपहार लाते हैं।

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Teachers Day Essay in Hindi 200 Words 

शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर के दिन मनाया जाता है। इस दिन हमारे देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिन होता है। इन्हीं के जन्मदिन के अवसर पर शिक्षक दिवस को मनाया जाता है। किसी भी व्यक्ति के मानसिक और व्यवहारिक विकास के लिए शिक्षक एक बहुत एहम भूमिका निभाते हैं। शिक्षक अपने कर्तव्य का निर्वाह करते हुए बच्चों को शिक्षा, सही मार्गदर्शन और ज्ञान देते हैं। शिक्षा हर व्यक्ति के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण है। इसे जीवन जीने का सबसे आवश्यक साधन भी कहा जा सकता है, और यह साधन हमें अपने शिक्षक और गुरुओं द्वारा प्राप्त होता है।

जो हमारे जीवन के विभिन्न पढ़ावों में अलग-अलग प्रकार से सहायक होता है। शिक्षक बच्चों को पढ़ना-लिखना सिखाते हैं, उन्हें जीवन की सिख देते हैं और अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित भी करते हैं। शिक्षक एक अबोध बच्चे को न केवल पढ़ना-लिखना ही सीखते हैं, बल्कि उनके व्यक्तित्व, कौशल में और चरित्र निर्माण में भी सहायक होते हैं। शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी शैक्षणिक संस्थानों, स्कूल, कॉलेजों में शिक्षकों के लिए कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। बच्चे इस दिन शिक्षकों के लिए ग्रीटिंग कार्ड, चॉकलेट्स, फूल और उपहार लेकर आते हैं और उनके प्रति अपना प्रेम और सम्मान व्यक्त करते हैं। 

Teacher's Day Essay in Hindi

Teachers Day Essay in Hindi 300 Words 

5 सितंबर को हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस को देश के सभी शिक्षकों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। इस दिन सन 1888 को भारत के महान शिक्षाविद्, दार्शनिक और पूर्व प्रधानमंत्री डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था। वे भारत के प्रधानमन्त्री, दार्शनिक, राजनेता और महान शिक्षक रह चुके थे। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्मदिन पर एक बार कुछ विद्यार्थी उनका जन्मदिन मनाने आए थे, तब राधाकृष्णन जी ने 5 सितंबर को केवल अपने जन्मदिन के रूप में मनाए जाने के बजाए उसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाए जाने का अनुरोध किया। उनके इस प्रस्ताव के कारण ही सन 1962 से लेकर आज तक हर साल 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

शिक्षक इस देश के निर्माण और विकास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। वे देश की युवा पीढ़ी को शिक्षित करते हैं। एक देश तभी विकास कर सकता है, जब उस देश के युवा शिक्षित और सामर्थ्यशाली हो। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए एक व्यक्ति में शिक्षा, अच्छा चरित्र, अनुशासन, शिष्टाचार और कौशल होना बहुत जरूरी है। शिक्षक विद्यार्थी में इन सभी गुणों को का निर्माण कर उन्हें जीवन में सफल बनाने के लिए सहायक होते हैं शिक्षकों के प्रति सम्मान एवं आभार प्रकट करने के लिए बच्चे इस दिन अपने शिक्षकों को फूल, ग्रीटिंग कार्ड एवं कई तरह के उपहार देते हैं।

शिक्षक दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के कारण शिक्षक और बच्चों के बीच का संबंध गहरा और मजबूत हो जाता है। आज के दिन स्कूल, कॉलेज, कोचिंग और शिक्षण संस्थानों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिन बच्चे अपने टीचर्स के लिए नृत्य प्रस्तुति, गायन प्रतियोगिता और भाषण देते हुए। स्कूलों में इस दिन शिक्षकों को अपने रोज के काम से थोड़ा-सा विराम मिलता है। उनके लिए बच्चों द्वारा कई प्रकार की तैयारियां की जाती है। बच्चों द्वारा शिक्षक दिवस के अवसर पर केक भी काटा जाता है और इस दिन को धूमधाम से मनाया जाता है।

Teachers Day Essay in Hindi 500 Words

हर व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का होना बहुत आवश्यक है, जो उसे हर प्रकार की शिक्षा देकर शिक्षित कर सके। सभी के लिए उनका शिक्षक कोई भी व्यक्ति हो सकता है। हमारी संस्कृति में मां को पहला शिक्षक कहा गया है। क्योंकि मां एक बच्चे को जीवन के मूलभूत आचरण, व्यवहार सिखाती है, जो किसी भी इंसान के जीवन में बहुत काम आते हैं। एक मां के बाद बच्चे को सामान्य तौर पर उसके शिक्षक ही शिक्षित करते हैं। जिसके बिना किसी भी व्यक्ति का जीवन अधूरा है। क्योंकि शिक्षा इंसान के जीवन निर्वाह का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है, और उसके सहारे ही इंसान का जीवन मजबूती से टीका रहता है।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why we Celebrate Teachers Day)

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती के दिन हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है। राधाकृष्णन जी का जन्म 5 सितंबर 1888 में तिरुपति, वर्तमान में आंध्र प्रदेश में हुआ था। वे एक महान दार्शनिक, भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति, प्रसिद्ध शिक्षक और राजनीतिज्ञ थे। उन्होंने भारत के कई क्षेत्रों में अपना योगदान दिया था। उनके इस योगदान के लिए उन्हें कई पुरुस्कार मिले हैं। उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान पुरुस्कार से भी पुरुस्कृत किया गया है। क्योंकि राधाकृष्णन जी शिक्षकों की महत्वता को जानते हुए ही अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाए जाने के लिए कहा था। इसलिए ही हर साल 5 सितंबर के दिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस मनाए जाने का इतिहास

शिक्षक दिवस को आज हम सब डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के कारण ही माना पा रहे हैं। राधाकृष्णन जी स्वयं एक शिक्षक थे, इसके साथ ही वे एक  विद्वान, राजनेता, भारत के पूर्व राष्ट्रपति भी थे। वे जब राष्ट्रपति के पद पर थे तब 5 सितंबर 1962 के दिन उनके पास कुछ विद्यार्थियों ने आकर उनका जन्मदिन मनाने का आग्रह किया। तब राधाकृष्णन जी ने 5 सितंबर का दिन केवल अपने जन्मदिन के रुप में न मनाकर शिक्षक दिवस के रूप में अध्यापन पेशे के प्रति उनके समर्पण के रूप में मनाए जाने को कहा था। उस दिन के बाद से लेकर आज तक हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 

शिक्षक देश की पीढ़ी को शिक्षित करने, साक्षर समाज और देश का निर्माण करने में अपना योगदान देते हैं। शिक्षकों के इस कार्य के लिए उन्हें सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस जैसे आयोजन एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ताकि वे अपने कार्य को ऐसे ही करते रहें और इसी प्रकार प्रेरित रहें। हम सभी को शिक्षकों द्वारा दी गई सिख और उनके पाठ को हमेशा याद याद रखना चाहिए व उनकी आज्ञा का पालन चाहिए। इसके साथ ही हम सभी को शिक्षकों के कार्य के लिए उन्हें प्रोत्साहित करना चाहिए एवम सम्मान करना चाहिए, और ऐसे ही शिक्षक दिवस को धूमधाम से मानना चाहिए। 

Teachers Day Nibandh

हमारे सभी प्रिय विद्यार्थियों को इस “ Teacher’s Day Essay in Hindi ” जरूर मदद हुई होगी यदि आपको यह Essay on Teacher’s Day in Hindi अच्छा लगा है तो कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको यह Teacher’s Day Essay in Hindi कैसा लगा? हमें आपके कमेंट का इंतजार रहेगा और आपको अगला Essay या Speech कौन से टॉपिक पर चाहिए. इस बारे में भी आप कमेंट बॉक्स में बता सकते हैं ताकि हम आपके अनुसार ही अगले टॉपिक पर आपके लिए निबंध ला सकें.

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Teachers day essay in hindi शिक्षक दिवस पर निबंध.

Learn Teachers Day Essay in Hindi in 200 and 300 words. शिक्षक दिवस पर निबंध। 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और विद्यार्थियों के लिए शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में। Students today we are going to discuss a very important topic i.e Teachers Day essay in Hindi. Teachers Day essay in Hindi is asked in many exams. The very short essay on Teachers Day in Hindi 250 words and an essay on teachers day in Hindi in more than 300 words. Learn about Teachers Day essay in Hindi and bring better results in our exam.

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Teachers Day Essay in Hindi 200 Words – शिक्षक दिवस पर निबंध

विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षक का एक विशेष स्थान होता है। शिक्षक हमारी सफलता प्राप्ति के लिये हमें कई प्रकार से मदद करते हैं जैसे हमारे ज्ञान, कौशल के स्तर, विश्वास आदि को बढ़ाते है तथा हमारे जीवन को सही आकार में ढालते हैं। हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का बहुत बड़ा हाथ होता है। जीवन में अच्छा करने के लिये वह हमें हर असंभव कार्य को संभव करने की प्रेरणा देते हैं। इसलिये एक विद्यार्थी के रुप में शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम साल में एक बार उन्हें जरुर धन्यवाद देना चाहिए। भारत में ‘शिक्षक दिवस’ प्रति वर्ष 5 सितम्बर को मनाया जाता है। इस दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्मदिवस होता है। डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन पेशे को दिए हैं।

एक बार कुछ विद्यार्थियों ने 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने के लिये उनसे निवेदन किया लेकिन इस पर उन्होंने कहा कि मेरा जन्मदिन मनाने के बजाय आप सभी को शिक्षकों के उनके महान योगदान के लिये सभी शिक्षकों को सम्मान देने के लिये इस दिन को शिक्षक दिवस के रुप में मनाना चाहिये। उनके इस कथन के बाद पूरे भारत भर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाने लगा। 1962 से हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। अपने महान कार्यों और देश की लंबे समय तक सेवा करने के बाद 17 अप्रैल 1975 को उनका निधन हो गया।

Teachers Day Essay in Hindi 300 Words – शिक्षक दिवस पर निबंध

शिक्षक अथवा अध्यापक वह व्यक्ति होता है जो दूसरों को पढ़ा लिखा कर शिक्षा देने का काम करता है । भारत देश सदैव से गुरुओं तथा शिक्षकों का देश रहा है और इस बात पर हमे गर्व है क्योंकि दुनिआ भर में हमारे देश के शिक्षकों ने उच्च स्थान प्राप्त करके सबको भारत की ताकत का आभास कराया है । भारत देश में शिक्षकों, अध्यापकों और गुरुओं का मान सम्मान हमेशा से बहुत अधिक रहा है । पहले अध्यापकों को माता पिता के समान पूजा जाता था पर आजकल स्थिति कुछ बदल गई है, आजकल भारत में भी संसार के अन्य देशों के समान शिक्षा का लेना देना एक प्रकार का व्यवसाय बन कर रहे गया है । यह स्थिति कोई सराहनीय तो नहीं है ।

शिक्षक के महत्व को समझा जाए; शिक्षक श्री शिक्षा देने को व्यवसाय ना मानकर उसे एक पवित्र कार्य या कर्तव्य समझे, शिक्षक का खोया सम्मान उसे फिर से प्राप्त हो जाए या उसे यह सामान दिलाया जा सके – यही भावना रही है शिक्षक दिवस को मनाने के पीछे । शिक्षक दिवस मनाने का संबंध जोड़ा गया देश के राष्ट्रपति रहे महामहिम सर्वपल्ली डॉक्टर राधाकृष्णन के जन्म दिवस के साथ, जिनका जन्म 5 सितंबर 1988 को हुआ था, अर्थात तभी से यह दिवस प्रतिवर्ष 5 सितंबर को मनाया जाने लगा । इसके पीछे कारण था उसका आदर्श अध्यापकत्व ।

शिक्षक दिवस के दिन सभी विद्यालयों में सभाएं होती हैं । बच्चों को अध्यापकों के मान सम्मान से संबंधित प्रेरणा दी जाती है। कई विद्यालयों में तो इस दिन विद्यार्थियों को ही अध्यापक का कार्य सौंपा जाता है ताकि उन्हें अध्यापक के कार्य के महत्व का आभास हो सके ।

कई बार प्रांतीय एव राष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किए जाते हैं । इस दिन प्रांतीय एव राष्ट्रीय स्तर पर उच्च आदर्श स्थापित करने वाले अध्यापकों को पुरस्कृत भी किया जाता है । अब तो अध्यापकों के चुनाव में राजनीति का समावेश होने लगा है । यह निंदा का विषय है । इस दिवस के मनाने का मूल उद्देश्य है कि राष्ट्र के निर्माता कहे जाने वाले शिक्षक को उचित सम्मान दिया जाना । यदि हम सच्चे मन से सादगी और राजनैतिक निरपेक्षता से इस दिवस को मनाए तो हम भारत के परंपरागत गुरु-शिष्य परम्परा को सब तरह से पुनर्जीवित कर सकते हैं ।

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Essay on Teachers Day in Hindi : कैसे लिखें शिक्षक दिवस पर निबंध 100, 200 और 500 शब्दों में

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  • Updated on  
  • सितम्बर 6, 2023

Essay on Teachers Day in Hindi

आज शिक्षक दिवस है। हर साल 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस पर निबंध परीक्षा, स्कूल असाइनमेंट आदि की दृष्टि से बहुत ही महत्त्वपूर्ण विषय है। ऐसे में आइये जान लेते हैं शिक्षक दिवस पर निबंध के कुछ सैंपल निबंध। इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ें और जानिए 100, 200 और 500 शब्दों में Essay on Teachers Day in Hindi. 

Essay on Teachers Day in Hindi 100 शब्दों में  

100 शब्दों में शिक्षक दिवस पर निबंध कुछ इस प्रकार है –

शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन हम अपने शिक्षकों को समर्पण और आभार दिखाते हैं। शिक्षक हमारे जीवन के महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं, वे हमें ज्ञान और मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।

शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं और छात्र अपने शिक्षकों के साथ समय बिताते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षक हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण होता है और हमें उनके साथ आभारी और समर्पित रहना चाहिए।

इसलिए, हमें शिक्षकों के प्रति गहरा समर्पण दिखाना चाहिए और उनके प्रयासों को सराहना करना चाहिए। शिक्षक दिवस हमें यह याद दिलाता है कि शिक्षा हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

teachers day essay 300 words in hindi

Essay on Teachers Day in Hindi 200 शब्दों में   

200 शब्दों में शिक्षक दिवस पर निबंध कुछ इस प्रकार है –

शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है और यह दिन शिक्षकों के समर्पण और योगदान को सलाम करने के लिए उपयोगी है। शिक्षक हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे हमें ज्ञान और नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाते हैं।

शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं जिनमें छात्र अपने शिक्षकों को सम्मान देते हैं। छात्र अपने पसंदीदा शिक्षकों को उनके योगदान के लिए धन्य करते हैं और उनका आभार व्यक्त करते हैं।

शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि शिक्षा हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और हमें उनके साथ आभारी और समर्पित रहना चाहिए। इसलिए, इस दिन हमें शिक्षकों के प्रति गहरा समर्पण दिखाना चाहिए और उनके प्रेरणास्पद शिक्षण के लिए सराहना करना चाहिए।

इस दिवस के माध्यम से हम शिक्षकों को उनकी महत्वपूर्ण भूमिका के लिए प्रशंसा और सम्मान प्रदान करते हैं और उनके साथ अपना आभार व्यक्त करते हैं।

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Essay on Teachers Day in Hindi 500 शब्दों में  

500 शब्दों में Essay on Teachers Day in Hindi कुछ इस प्रकार है –

प्रस्तावना 

शिक्षा ही हमारे समाज के उत्थान की कुंजी है और शिक्षक ही इस कुंजी के धारक होते हैं। शिक्षकों का हमारे जीवन में महत्त्व रेखांकित करने के लिए शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। शिक्षक हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे हमें ज्ञान और समझ प्रदान करते हैं, जो हमारे विकास के लिए महत्वपूर्ण हैं।

शिक्षक दिवस का महत्व 

शिक्षक दिवस के दिन हम अपने शिक्षकों के प्रति आभार और समर्पण की भावना प्रकट करते हैं। हम उनके साथ अपने अनुभव साझा करते हैं और उनसे उनके जीवन के बारे में जानकारी प्राप्त करते हैं, जिससे हम उनके साथ ज्यादा जुड़ सकें। इस दिन हमें यह भी याद दिलाया जाता है कि शिक्षक न केवल ज्ञान के दाता होते हैं, बल्कि वे हमारे मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत भी होते हैं।

शिक्षक दिवस का महत्व यह भी है कि यह हमें याद दिलाता है कि शिक्षा हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। शिक्षकों के बिना कोई भी समाज प्रगति नहीं कर सकता, और इसलिए हमें उनके प्रति गहरा समर्पण और आभार दिखाना चाहिए। वे न केवल हमें पढ़ाते हैं, बल्कि हमारे चरित्र का निर्माण भी करते हैं, और इस दिन के माध्यम से हम उनके योगदान के लिए सराहना करते हैं और उनके प्रेरणास्पद शिक्षण के लिए धन्य मानते हैं।

शिक्षक दिवस हमें शिक्षा के महत्व को पुनर्निरीक्षित करने का मौका भी देता है। यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षा ही हमारे समाज के उत्थान की कुंजी है और शिक्षक ही इस कुंजी के धारक होते हैं। उनका योगदान हमारे देश के भविष्य को बनाने और सुधारने में महत्वपूर्ण होता है।

शिक्षक दिवस का उद्देश्य 

इस दिन को मनाने के द्वारा हम शिक्षकों को उनके साथी और मार्गदर्शक के रूप में स्वीकार करते हैं। हम उनके साथ एक टीम के रूप में काम करते हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में नए उत्थानों को साधने का प्रयास कर रही है।

इस दिन हमें यह भी समझने को मिलता है कि शिक्षक शिक्षा देने के लिए अपने समय, समर्पण, और पूरा दिल लगा देते हैं। उनका काम विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि वे नई पीढ़ियों को ज्ञान और आदर्शों के साथ संजीवनी शक्ति प्रदान करते हैं।

इस दिन को मनाने के द्वारा हम शिक्षकों को साथी और मार्गदर्शक के रूप में स्वीकार करते हैं। हम उनके साथ एक टीम के रूप में काम करते हैं जो शिक्षा के क्षेत्र में नए उत्थानों को साधने का प्रयास कर रही है।

निष्कर्ष 

शिक्षक दिवस हमारे शिक्षकों के प्रति हमारी आदर और समर्पण की भावना को प्रकट करने का मौका है। इस दिन हम उनके योगदान की प्रशंसा करते हैं और उनके साथ उनके महत्वपूर्ण कार्य के प्रति आभारी रहते हैं। शिक्षक दिवस हमें शिक्षा के महत्व को समझने और मान्यता देने का अवसर प्रदान करता है और हमें उनके साथ आभारी और समर्पित रहने का संकेत देता है।

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शिक्षक दिवस पर 10 लाइन्स

शिक्षक दिवस पर 10 लाइन्स कुछ इस प्रकार हैं –

  • शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। 
  • यह दिन शिक्षकों के समर्पण और योगदान को सलाम करने के लिए उपयोगी है।
  • शिक्षक हमारे जीवन में ज्ञान का प्रदाता होते हैं।
  • उनका योगदान हमारे भविष्य को सवरने में महत्वपूर्ण होता है।
  • शिक्षकों का महत्व न केवल ज्ञान देने में होता है, बल्कि वे हमारे चरित्र का निर्माण भी करते हैं।
  • शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों में विशेष कार्यक्रम आयोजित होते हैं।
  • छात्र अपने पसंदीदा शिक्षकों को समर्पण और सम्मान देते हैं।
  • शिक्षक दिवस हमें शिक्षा के महत्व को याद दिलाता है।
  • हमें अपने शिक्षकों के प्रति आभारी और समर्पित रहना चाहिए।
  • इस दिन हम शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा और सम्मान व्यक्त करते हैं।

शिक्षक दिवस कोट्स 

शिक्षक दिवस पर कुछ उपयोगी शिक्षक दिवस कोट्स हैं:

“शिक्षक वो डायमंड होते हैं जो सोंधकर सोंधकर चमकते हैं।” 
“शिक्षा एक ज्यों का उपहार है जो आपके जीवन को रौशनी से भर देता है।” – एल्बर्ट आइंस्टीन
“शिक्षक हमारे भविष्य के निर्माणकर्ता होते हैं, वे नई पीढ़ियों को सपनों की दिशा में ले जाते हैं।” – फ्रैंका पॉम्पडियू
“शिक्षकों का काम न केवल ज्ञान देने में होता है, बल्कि वे जीवन के मूल्यों और नैतिकता की प्रेरणा भी प्रदान करते हैं।” – विक्रम पाटिल
“शिक्षा ही सबसे बड़ा धन है जो हमें कभी नहीं छूटने चाहिए।” 
“शिक्षक एक प्रेरणास्पद द्वार होते हैं जो ज्ञान की दुकान खोलते हैं।” 
“शिक्षा एक पूर्णता की ओर की पहल है, और शिक्षक हमें उस पूर्णता की ओर ले जाते हैं।” 
“शिक्षक वो दीपक होते हैं जो अन्धकार को दूर करते हैं और ज्ञान की रोशनी प्रदान करते हैं।”

शिक्षक दिवस भारत में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन शिक्षकों के समर्पण और योगदान को समर्थन और सम्मान करने का मौका होता है।

शिक्षक दिवस की शुरुआत भारतीय विद्वान और भारतीय गणराज्य के पहले उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के रूप में 1962 में की गई थी।

शिक्षक दिवस का महत्व शिक्षकों के समर्पण और योगदान को समर्थन और सम्मान करने का है। यह एक मौका है छात्रों के लिए उनके पसंदीदा शिक्षकों के साथ समय बिताने का और उनके प्रति आभार और समर्पण व्यक्त करने का।

शिक्षक दिवस के दिन विद्यालयों और शिक्षा संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे कि सभाएँ, प्रतियोगिताएँ, और शिक्षकों के सम्मान का आयोजन। छात्र अपने शिक्षकों को प्रशंसा और सम्मान प्रदान करते हैं।

शिक्षक दिवस का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों के समर्पण और योगदान को समर्थन और सम्मान करना है। यह एक दिन है जब छात्र अपने शिक्षकों के प्रति अपनी प्रशंसा और समर्पण की भावना प्रकट करते हैं।

शिक्षक दिवस का महत्व न केवल भारत में होता है, बल्कि यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाता है ताकि शिक्षकों के महत्व को दुनिया भर में समझा जा सके।

यह था शिक्षक दिवस पर निबंध, Essay on Teachers Day in Hindi पर हमारा ब्लॉग। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay On Teachers Day In Hindi) | 05 September Teachers Day Essay In Hindi

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay On Teachers Day In Hindi)- हम सभी के जीवन में सफलता के पीछे एक शिक्षक का हाथ होता है। माता-पिता के बाद शिक्षक ही हमारे जीवन में अहम महत्व रखते हैं। 5 सितंबर टीचर्स डे के दिन का महत्व इसलिए भी है क्योंकि इस दिन को भारत के पूर्व राष्ट्रपति “डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन” के जन्मदिवस के रूप में मनाया जाता है। वे भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे जो इन पदों पर आसीन होने से पहले एक शिक्षक थे। शिक्षक दिवस (Teachers Day) के दिन छात्र अपने अध्यापकों को उपहार भी देते हैं और टीचर्स डे पर निबंध (Teachers Day Par Nibandh) भी लिखते हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay On Teachers Day In Hindi)

आप हमारे इस पेज से शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (Teachers Day Essay In Hindi) पढ़ सकते हैं। छात्रों के मन में सवाल होता है कि शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?, शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?, शिक्षक दिवस किसकी याद में मनाया जाता है? शिक्षक दिवस का महत्व क्या है? विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है? आदि। आपको इन सभी सवालों के जवाब parikshapoint.com के इस पेज पर दिए शिक्षक दिवस पर लेख (Teacher Day Par Lekh) में मिलेंगे। 5 सितंबर शिक्षक दिवस (5 September Teachers Day) की पूरी जानकारी हमने Shikshak Diwas Par Nibandh में नीचे दी हुई है। इस पेज पर दिए गए Teachers Day Hindi Essay को पूरा पढ़ें।

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आपको बता दें कि हमने Teachers Day Nibandh In Hindi लिखते समय बहुत की आसान भाषा का इस्तेमाल किया है, जिससे कि छात्रों को Essay About Teachers Day In Hindi पढ़ने या याद करने में मुश्किल न हो। शिक्षक दिवस (Shikshak Diwas) के मौके पर स्कूलों में अक्सर Teachers Day Hindi में जानकारी बताते हुए छात्रों को Essay On Teacher Day In Hindi या Paragraph On Teachers Day In Hindi लिखने के लिए दिया जाता है। छात्र हमारे इस पेज पर दिए Teacher Day Essay In Hindi को पढ़कर Shikshak Divas Ke Bare Mein जानकारी हासिल कर सकते हैं और स्कूल में होने वाली शिक्षक दिवस निबंध प्रतियोगिता में भाग ले सकते हैं। Teachers Day In Hindi Essay नीचे से पढ़ें।

05 सितंबर शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (05 September Teachers Day Essay In Hindi)

शिक्षक का मतलब होता है शिक्षा देने वाला और हम सभी के उलझनों से भरे हुए इस जीवन में शिक्षक का होना बहुत ज़रूरी है। माता-पिता के बाद एक शिक्षक ही होता है, जो हमेशा चाहता है कि उसका छात्र अपने जीवन में उससे भी ज़्यादा कामयाबी हासिल करे। शिक्षक ही हमें सिखाते हैं कि कैसे हमें अपने जीवन में अपने लक्ष्य तक पहुँचने के लिए कठिन परिश्रम करना है। वो शिक्षक ही होते हैं जो हमें सही और गलत की पहचान करना सिखाते हैं। जब हम किसी मुश्किल में फंस जाते हैं, तो शिक्षक ही उस मुश्किल से बाहर निकलने में हमारी मदद करते हैं। शिक्षक और विद्यार्थी का रिश्ता ज्ञान से जुड़ा एक रिश्ता है, जिसमें सीखना और सीखाना निरंतर चलता ही रहता है।

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शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

हर वर्ष 5 सितंबर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है और शिक्षकों को सम्मान दिया जाता है। शिक्षक दिवस पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के जन्म दिवस के दिन मनाया जाता है। इस अवसर पर उनको याद किया जाता है। शिक्षक और छात्रों के रिश्तों को और भी अच्छा बनाने का एक महान अवसर होता है। जो स्कूलों, कॉलेजों और संस्थानों में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। शिक्षक दिवस भारत में हर साल राष्ट्रीय स्तर पर 5 सितंबर को मनाया जाता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

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शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

भारत में सन् 1962 से 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस (टीचर्स डे) के रूप में मनाया जा रहा है। शिक्षक दिवस हर साल हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर मनाया जाता है। इसी दिन उन्‍होंने राष्ट्रपति का पद ग्रहण किया था और उसी साल से उनके सम्मान में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?

हमारे देश के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर सन् 1888 को हुआ था और उन्हीं की याद में हर साल भारत में इस दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक शिक्षाविद भी थे, जिन्होंने भारत के शिक्षा स्तर को सुधारने के लिए बहुत से कार्य किए। राधाकृष्णन को सन् 1954 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान यानी कि भारत रत्न से सम्मानित किया गया था और उनको 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया था। ऐसा कहा जाता है कि डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के कुछ विद्यार्थियों और दोस्तों ने एक बार उनसे उनके जन्मदिवस को मनाने की बात कही, तो इसपर राधाकृष्णन ने कहा कि ‘अगर मेरा जन्मदिन अलग से मनाने की जगह शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए, तो मुझे बहुत गर्व महसूस होगा।’ बस तभी से भारत में शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत हुई।

शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है?

इस दिन छात्र अपने शिक्षकों की लंबी आयु की कामना करते हैं साथ ही शिक्षकों को बधाई देने के लिए तरह- तरह की योजना बनाते हैं। छात्र इस दिन अपने अध्यापक को तोहफा, ग्रीटिंग कार्ड, पेन, डायरी इत्यादि देकर बधाई देते हैं। स्कूल और कॉलजों समेत अलग-अलग संस्थानों में शिक्षक दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। छात्र विभिन्न तरह से गुरुओं का सम्मान करते हैं, तो वहीं शिक्षक गुरु शिष्य परंपरा को कायम रखने का संकल्प लेते हैं। भारत के अलावा 21 देशों में भी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षकों को हमेशा सम्मान और प्रेम देना चाहिए क्योंकि शिक्षक हमें सफलता के रास्ते पर भेजने की कोशिश करते हैं। माता-पिता अपने बच्चों को प्यार करते हैं और देखभाल करते हैं लेकिन शिक्षक हमें सफलता के मार्ग पर भेजने की पूरी कोशिश करते हैं ताकि वह अपने जीवन में एक अच्छा मुकाम हासिल कर सकें।

शिक्षक दिवस का महत्व क्या है?

शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों के लिए भी शिक्षक दिवस का महत्व अधिक होता है। शिक्षक दिवस छात्रों के लिए शिक्षक के प्रति एक सम्मानित भाव पैदा कराता है। शिक्षक विद्यार्थी के चरित्र का निर्माण करता है और उन्हें एक आदर्श नागरिक बनाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। एक शिक्षक अपने छात्रों को बड़े ही प्यार से और कभी-कभी डांटकर भी शिक्षित करता है। शिक्षक अपने छात्रों को एक अच्छा और नेक इंसान बनाने में मदद करते हैं। शिक्षक के बिना जीवन का किसी भी क्षेत्र में हमें सफलता नहीं मिल सकती। छात्र का भविष्य निर्माण करने में शिक्षक की अहम भूमिका होती है। शिक्षक ही अपने छात्र के अंदर का आत्मविश्वास बढ़ाता है।

ये सच है कि बिना गुरु के हमें ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती। दुनिया में गुरु का स्थान ईश्वर के समान माना गया है। कहा जाता है कि “गुरुर ब्रह्मा गुरुर विष्णु गुरुर देवो महेश्वरः गुरुर साक्षात परब्रह्म:, तस्मै श्री गुरुवे नमः” अर्थात् गुरु ब्रम्हा के सामान है, गुरु विष्णु के सामान है, गुरु ही महेश्वर यानी कि शिव के सामान है। गुरु सभी देवों में श्रेष्ठ परब्रम्ह के सामान है, ऐसे गुरु को हमारा नमन है।

शिक्षक दिवस पर निबंध 150 शब्दों में

भारत में हर साल 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस (टीचर्स डे) के रूप में मनाया जाता है। ये दिन मुख्य रूप से शिक्षकों को सम्मान देने के लिये मनाया जाता है। 5 सितंबर को ही शिक्षक दिवस इसलिए मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन होता है। राधाकृष्णन शिक्षा के प्रति अत्यधिक समर्पित और शिक्षा को बढ़ावा देने वाले व्यक्ति थे। इस दिन पूरा देश उन्हें एक शिक्षक के रुप में भी याद करता है। ये तो हम सभी जानते हैं कि 5 सितंबर को टीचर्स डे होता है लेकिन ये बहुत की कम लोग जानते हैं कि टीचर्स डे 5 सितंबर को ही क्यूं मनाया जाता है। आपको बता दें कि जब 1962 में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने तो कुछ छात्रों ने 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने के लिए कहा। सर्वपल्ली ने अपने छात्रों को इस बात का जवाब देते हुए कहा कि 5 सितंबर को मेरा जन्म दिन मनाने के बजाय क्यूं न इस दिन को अध्यापन के प्रति मेरे समर्पण के लिये शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाये। छात्रों को उनका ये विचार पंसद आया और उसी दिन से पूरे भारत में 5 सितंबर के दिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस पर निबंध 300 शब्दों में

पूरी दुनिया में शिक्षक दिवस (टीचर्स डे) को एक विशेष दिन के रूप में मनाया जाता है। टीचर्स डे गुरू के सम्मान में मनाया जाने वाला एक दिन है, जिसे किसी त्योहार की तरह ही बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। भारत में हर साल शिक्षक दिवस 05 सितंबर को मनाया जाता है, जबकि इंटरनेशनल टीचर्स डे 05 अक्टूबर को होता है। इंटरनेशनल टीचर्स डे की घोषणा साल 1994 को यूनेस्को ने की थी और भारत में शिक्षक दिवस मनाने का विचार भारत के पूर्व राष्ट्रपति, विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का था।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरुमनी में हुआ था। उन्हीं के जन्मदिवस के रूप में हम इस तारीख को शिक्षक दिवस मनाते हैं और उन्हें याद करते हैं। डॉ राधाकृष्णन 05 सितंबर यानी कि अपने जन्मदिन पर जब अपने कार्यालय पहुंचे, तो वहां मौजूद उनके कुछ छात्र और दोस्त इस दिन को खास अंदाज मनाने की ज़िद करने लगे। डॉ. राधाकृष्णन ने इस बात से तो साफ इनकार कर दिया लेकिन उन्होंने अपने छात्रों से कहा कि अगर वो इस दिन को वाकई खास बनाना चाहते हैं, तो इस देश के शिक्षकों के लिए बनाएं। और इस तरह से भारत में 05 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने की शुरुआत डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस पर हुई।

शिक्षक दिवस का दिन सभी शिक्षकों के सम्मान और उनका आभार प्रकट करने का दिन है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने भी कहा था कि पूरी दुनिया एक विद्यालय है, जहां हम कुछ न कुछ नया सीखते हैं। हमारे शिक्षक हमें केवल पढ़ाते ही नहीं हैं, बल्कि हमें अच्छे और बुरे के बीच का फर्क भी समझाते हैं। हम सभी अपने शिक्षकों को सदैव सम्मान करना चाहिए और जीवन में उनके बताए हुए रास्ते पर ही चलना चाहिए।

शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन

Noto Serif Devanagari 2 min

  • हर साल भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है।
  • विश्व स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।
  • भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर सन् 1888 को हुआ था।
  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने ही अपने जन्मदिवस पर ही शिक्षकों का सम्मान करने के लिए शिक्षक दिवस की शुरुआत की थी।
  • शिक्षक दिवस शिक्षकों के आदर और सम्मान का दिन का है।
  • इस दिन को सभी छात्र अपने गुरुओं को सम्मान देकर और तोहफे देकर मनाते हैं।
  • शिक्षक दिवस हमारे जीवन में शिक्षकों के महत्त्व को बताता है।
  • शिक्षक ही अपने छात्रों को शिक्षा और ज्ञान देता है।
  • हमें कभी भी अपने शिक्षक का अपमान या निरादर नहीं करना चाहिए।

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प्रश्न- शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है? उत्तर: भारत में हर साल राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है।

प्रश्न- विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है? उत्तर: विश्व स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

प्रश्न- शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? और शिक्षक दिवस कब से शुरू हुआ? उत्तर: शिक्षक दिवस भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में मनाया जाता है। भारत में शिक्षक दिवस की शुरुआत 5 सितंबर 1962 से हुई।

प्रश्न- शिक्षक दिवस पर निबंध कैसे लिखते हैं? उत्तर: शिक्षक दिवस पर निबंध लिखना सीखने के लिए आप हमारा आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

प्रश्न- शिक्षक दिवस का क्या महत्व है? उत्तरः शिक्षक दिवस छात्रों के लिए शिक्षक के प्रति एक सम्मानित भाव पैदा कराता है और उनके रिश्ते को और भी मजबूत बनाता है।

हम उम्मीद करते हैं कि आपको हमारा यह हिंदी में निबंध (Essay In Hindi) ज़रूर पसंद आया होगा और आपको इस निबंध से जुड़ी सभी ज़रूरी जानकारी भी मिल गई होगी। इस निबंध को अंत तक पढ़ने के लिए धन्यवाद।

parikshapoint.com की तरफ से सभी शिक्षकों को “शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं” (Happy Teachers Day)।

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शिक्षक दिवस पर निबन्ध

Teachers Day Essay in Hindi: नमस्कार दोस्तों, आज हम यहां शिक्षक के महत्व पर निबन्ध लिखने जा रहे हैं। यह हिंदी निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और उच्च कक्षा के विद्यार्थियों के लिए मददगार साबित होगा।

हमने यहां पर अलग-अलग शब्द सीमा में तीन Shikshak Diwas Par Nibandh लिखें हैं। जिससे आपको जानने में काफी मदद मिलेगी।

Teachers Day Essay

शिक्षक दिवस के बारे में सामान्य जानकारी

शिक्षक दिवस कि शुरूआत भारत में 1962 से हुई थी और ये हर साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है। शिक्षक दिवस भारत में ही नहीं पूरे विश्व में International Teachers Day मनाया जाता है। पूरे विश्व में ये अलग-अलग दिन में मनाया जाता है। इसके मनाने का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों की मेहनत को उचित मान-सम्मान देना है।

भारत के पूर्व उप-राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर को हुआ था। वो एक अच्छे शिक्षक भी थे। इसी कारण इनके जन्मदिवस को पूरे भारत में शिक्षक दिन के रूप में मनाया जाता है।

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शिक्षक दिवस पर निबन्ध – Teachers Day Essay in Hindi

शिक्षक दिवस पर निबन्ध (100 शब्द).

Teachers Day in Hindi Essay: टीचर्स डे हर साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है। इसकी शुरूआत 1662 में हुई थी। इस दिन भारत के दूसरे राष्ट्रपति और पहले उप-राष्ट्रपति Dr. Sarvepalli Radhakrishnan का भी जन्म दिन है। जब डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के राष्ट्रपति बने तो उनके साथियों उनका जन्मदिन मनाने की सोची। तो डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा मेरे जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे ख़ुशी होगी।

इस कारण उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। शिक्षक दिवस विश्व के सभी देशों में अलग-अलग दिनांक पर मनाया जाता है। International Teachers Day 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस निबंध (300 शब्द)

भारत में पूर्व से ही गुरू-शिक्षक की परम्परा चलती आ रही है। हमारे माता-पिता ही हमारे पहले गुरू होते हैं। क्योंकि उन्होंने ही हमें यह रंगीन और खूबसूरत दुनिया दिखाई है। इनकी जगह कोई नहीं ले सकता है। लेकिन हमें जीने का सही तरीका अपने शिक्षक से मिलता है और उनके मार्गदर्शन में हम अपनी सफ़लता को हासिल करते हैं।

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

टीचर्स डे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के अवसर पर मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितम्बर 1888 हुआ था। शिक्षक दिवस हर साल 5 सितम्बर को मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन में एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण विद्यमान थे।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारत के उप-राष्ट्रपति बने तो उनके छात्रों ने उनका जन्मदिन मनाने की बात कही तो तब महोदय ने कहा कि मेरे जन्मदिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाए तो मुझे बहुत गर्व होगा। फिर इसके बाद शिक्षक दिवस हर साल उनके जन्मदिवस 5 सितम्बर को मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

हर एक सफ़ल व्यक्ति के पीछे उसके शिक्षक का हाथ होता है। वह व्यक्ति अपने शिक्षक के बताएं रास्ते पर चल कर अपनी सफ़लता प्राप्त करता है। इस सफ़लता के पीछे उसके शिक्षक की कड़ी मेहनत होती है। गुरू का हर किसी के जीवन बहुत ही महत्व होता है। इसी कड़ी मेहनत को उज्जाले में लाने के लिए शिक्षक दिवस मनाया जाता हैं।

इस दिन क्या होता है?

इस दिन स्कूल, कॉलेजों आदि स्थानों में शिक्षकों का सम्मान किया जाता हैं और इस दिन सभी योग्य शिक्षक अपने छात्रों का मार्गदर्शन करते हैं। इस दिन सरकार योग्य शिक्षकों को उचित सम्मान देकर पुरस्कृत करती है। इस प्रकार पूरे दिन उत्सव का माहौल बना रहता है और डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को उनकी जयन्ती पर स्मरण किया जाता है।

आज के समय में हमें शिक्षकों के सम्मान, उनके प्रयास और उनके योगदान की सराहना करनी चाहिए। हमें शिक्षकों का उचित सम्मान करना चाहिए और उनके बताएं मार्ग पर चलना चाहिए।

शिक्षक दिवस निबंध (500 शब्द)

जब बच्चे का जन्म होता है तो उसकी पहली शिक्षक मां होती हैं। लेकिन जब बच्चा स्कूल जाता है तो उसको एक अच्छा नागरिक शिक्षक ही बनाता है। एक व्यक्ति के जीवन में टीचर का महत्व बहुत अहम हिस्सा होता है। इसके मार्गदर्शन में ही वह सफ़लता के शिखर को पाता है।

शिक्षक का महत्व

जीवन में विजय और सफ़लता के लिए शिक्षा ही सबसे अच्छा और शक्तिशाली हथियार है। शिक्षक के ही हाथ में होता है कि वह अपने छात्रों को किस और अग्रेसित करें। जिससे उसको एक सफ़ल जीवन मिल सके। अर्थात् शिक्षक पर पूरे देश की जिम्मेदारी होती है कि वह उसके लिए कैसे नागरिक का पैदा करें और उसको कैसे लक्षण दे? जिससे कि उसमें देश का हित हो।

जब हम जन्म लेते है तो हमें कुछ भी नहीं आता तब एक शिक्षक ही होता है, जो हमारी जिम्मेदारी लेता है कि हमें वो सफ़ल जीवन देगा। हमारे अंधकर के जीवन को प्रकाश की ओर आगे करता है। इसमें वो अपना स्वार्थ नहीं देखता है।

एक शिक्षक ही हमें वो सभी संस्कार देता है, जिससे कि हमें किसी भी जगह पर रूकावट नहीं आती और हर जगह पर बिना किसी स्वार्थ के लिए हमारी मदद के लिए खड़ा रहता है। आज चाहे कोई भी हो जो सफ़ल है, उसके पीछे एक शिक्षक की कड़ी मेहनत का परिणाम है।

शिक्षक दिवस मनाने का उद्देश्य

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक ऐसे महान और प्रतिष्ठित शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 साल शिक्षक के रूप में दिए और उन्होंने सभी शिक्षकों के हित का सोचा और अनुरोध किया कि 5 सितम्बर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाएं। विद्यार्थिओं और शिक्षकों के मध्य रिश्तों को और भी मधुर बनाने के लिए शिक्षक दिवस अहम योगदान देता है। अर्थात् ये एक ऐसा अवसर है जिसमें सभी छात्र अपने शिक्षक का आभार व्यक्त कर कर सकते हैं।

शिक्षक ही एक जीवन को अन्धकार से उजाले में ला सकता है। हमें अपने शिक्षकों को ही नहीं बल्कि सभी शिक्षकों को उतना ही सम्मान देना चाहिए जितना कि हम अपने माता-पिता और शिक्षक को देते हैं। शिक्षक ही एक ऐसा व्यक्ति है जो हमें एक सफल जीवन देता है। अतः हमें इनका निस्वार्थ भाव से सम्मान देना चाहिए।

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Rahul Singh Tanwar

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Very nice ???

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teacher’s Day Essay In Hindi – शिक्षक दिवस निबंध हिंदी में – शिक्षक दिवस निबंध हिंदी में

teachers day essay 300 words in hindi

  • 1 teacher’s Day Essay In Hindi – शिक्षक दिवस निबंध हिंदी में
  • 2.1 शिक्षक दिवस 5th सितंबर को क्यों मनाया जाता है?
  • 2.2 शिक्षक दिवस का महत्व
  • 2.3 स्कूलों में शिक्षक दिवस समारोह

teacher’s Day Essay In Hindi – शिक्षक दिवस निबंध हिंदी में

शिक्षक दिवस.

भारत में शिक्षक दिवस (teacher’s day)हर साल सितंबर के 5 th  को मनाया जाता है। हमारे देश भर के स्कूलों को सजाया जाता है और इस आयोजन को मनाने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। छात्र-छात्राओं के साथ-साथ शिक्षक भी विभिन्न आयोजनों में पूरे जोश के साथ भाग लेते हैं। यह एक ऐसा दिन है जो स्कूल की सामान्य गतिविधियों से छुट्टी प्रदान करता है। इसलिए छात्र विशेष रूप से इस दिन की प्रतीक्षा करते हैं।

शिक्षक दिवस 5 th  सितंबर को क्यों मनाया जाता है?

5 th  सितंबर डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है। डॉ. राधाकृष्णन भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे। उन्होंने १९५२ से १९६२ तक देश की सेवा की। उन्होंने १९६२ से १९६७ तक इसके दूसरे राष्ट्रपति के रूप में भी देश की सेवा की।

डॉ. राधाकृष्णन ने शिक्षकों के लिए बहुत सम्मान किया। राजनीति में प्रवेश करने से पहले, उन्होंने कलकत्ता विश्वविद्यालय, मैसूर विश्वविद्यालय और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय सहित विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया। उन्हें उनके काम के लिए सराहा गया और उनके छात्रों ने उन्हें बहुत प्यार किया। उनका मानना ​​​​था कि यह शिक्षक ही हैं जो युवाओं को आकार देते हैं जो बदले में राष्ट्र के भविष्य को आकार देते हैं। यही कारण है कि उन्होंने एक प्रोफेसर के रूप में अपना काम लगन से किया और अपने छात्रों को अच्छे संस्कार दिए।

जब वे हमारे देश के राष्ट्रपति बने, तो उनके छात्रों ने प्रत्येक वर्ष उनका जन्मदिन मनाने की इच्छा व्यक्त की। उनका जवाब देते हुए, डॉ राधाकृष्णन ने कहा, अगर वे 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं तो उन्हें बहुत खुशी होगी। इसलिए उनके जन्मदिन को हर साल शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व

शिक्षक दिवस (teacher’s day)का अत्यधिक महत्व है। यह उन शिक्षकों के प्रयासों का सम्मान करने और उन्हें महत्व देने का दिन है जो साल भर अथक परिश्रम करते हैं। शिक्षकों की नौकरी दुनिया की सबसे कठिन नौकरियों में से एक है क्योंकि उन्हें युवा दिमाग को पोषित करने की जिम्मेदारी दी जाती है। उन्हें छात्रों से भरी कक्षा दी जाती है। प्रत्येक छात्र अद्वितीय है और एक अलग क्षमता रखता है। कुछ छात्र खेल में अच्छे हो सकते हैं अन्य गणित के प्रतिभाशाली हो सकते हैं जबकि अन्य

अंग्रेजी में गहरी रुचि दिखा सकते हैं। एक अच्छा शिक्षक छात्रों को उनकी रुचि का पता लगाने और उनकी क्षमताओं को पहचानने में मदद करता है। वह छात्रों को उन विषयों या गतिविधियों में अपने कौशल को सुधारने के लिए प्रोत्साहित करती है जिनमें वे रुचि रखते हैं और साथ ही यह सुनिश्चित करते हैं कि वे अन्य विषयों या शिक्षाविदों की समग्र रूप से उपेक्षा न करें।

इस पेशे से जुड़े लोगों को एक विशेष दिन समर्पित करने का कारण उन्हें सम्मान देना और आभार व्यक्त करना है।

स्कूलों में शिक्षक दिवस समारोह

भारत भर के स्कूलों में छात्र शिक्षक दिवस(teacher’s day) बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। छात्र इस दिन अपने पसंदीदा शिक्षकों की तरह तैयार होते हैं और जूनियर कक्षाओं में जाते हैं। उन्हें अलग-अलग कक्षाएं सौंपी जाती हैं जहां वे जाते हैं और इस दिन पढ़ाते हैं। सीनियर विंग और जूनियर विंग दोनों के छात्रों के लिए यह बहुत मजेदार है। वे इन सत्रों के दौरान अध्ययन के साथ-साथ विभिन्न गतिविधियों में शामिल होते हैं। वरिष्ठ छात्र यह सुनिश्चित करते हैं कि स्कूल का अनुशासन पूरे समय बना रहे और जूनियर उसी में उनका सहयोग करें।

कई स्कूलों में, जूनियर छात्र भी विभिन्न शिक्षकों के रूप में तैयार होते हैं और उन्हें अपनी भूमिका निभाने के लिए कहा जाता है। प्रतियोगिताएं आयोजित की जाती हैं और सबसे अच्छी पोशाक और भूमिका निभाने वाला वही जीतता है। शिक्षक दिवस(teacher’s day) के अवसर पर कई अन्य प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाती हैं और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। ये गतिविधियाँ आमतौर पर दिन के दूसरे भाग में होती हैं। पहले हाफ के दौरान, वरिष्ठ छात्र कक्षाएं लेते हैं जबकि शिक्षक आराम करते हैं और स्टाफ रूम में मस्ती करते हैं।

शिक्षक भी सुंदर सज्जा में दिखाई देते हैं। उनमें से ज्यादातर एक साड़ी या कुछ अन्य विशेष पोशाक पहनते हैं और शानदार हेयर स्टाइल के लिए जाते हैं। उनके स्वागत के लिए स्कूलों को अच्छी तरह से सजाया गया है। छात्र विशेष रूप से इस अवसर के लिए कक्षाओं को सजाने के लिए एक दिन पहले स्कूल के बाद वापस आ जाते हैं। वे कक्षाओं को सजाने के लिए विभिन्न नवीन तरीकों को लागू करते हैं और दिन के लिए रचनात्मक गतिविधियों के साथ भी आते हैं। वे शिक्षक दिवस समारोह की तैयारी उसी दिन से शुरू कर देते हैं।

कई स्कूलों में, छात्र नृत्य प्रदर्शन देते हैं, नाटक करते हैं, फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता आयोजित करते हैं, भाषण देते हैं और कई अन्य गतिविधियों में शामिल होते हैं, जबकि शिक्षक उन्हें प्रदर्शन करते हुए देखते हैं। कुछ स्कूलों में छात्रों और शिक्षकों के लिए सामूहिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। यह सब अधिक मजेदार है। वे अलग-अलग खेल खेलते हैं और एक साथ विभिन्न गतिविधियों में शामिल होते हैं और एक साथ अच्छी तरह से बंधे होते हैं।

छात्र इस विशेष अवसर पर अपने शिक्षकों के लिए ग्रीटिंग कार्ड, फूल और अन्य उपहार सामग्री भी लाते हैं। शिक्षक भी अपने छात्रों से विभिन्न प्रकार के रंगीन उपहार पाकर प्रसन्न होते हैं।

शिक्षक दिवस(teacher’s day) भारत में उन शिक्षकों को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है जो अपने छात्रों को अकादमिक और पाठ्येतर गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन करने के लिए पूरे वर्ष कड़ी मेहनत करते हैं। देश भर के विभिन्न स्कूलों में इस दिन कई गतिविधियों की योजना बनाई जाती है। ये गतिविधियाँ शिक्षकों और छात्रों के बीच के बंधन को मजबूत करने का एक अच्छा तरीका हैं।

कुल मिलाकर, यह शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों के लिए भी एक विशेष दिन है।

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teacher’s Day Essay in Hindi)

Short and Long Essay on Teacher’s Day in Hindi – भारत में हर साल 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन की स्मृति में “शिक्षक दिवस” के रूप में मनाया जाता है। वह भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति थे जो इन पदों पर रहने से पहले एक शिक्षक थे।

आज के इस आर्टिकल में हम शिक्षक दिवस पर निबंध (Shikshak Diwas Par Nibandh Hindi Mein) प्रस्तुत करने जा रहे हैं। यह छोटे-बड़े हिंदी निबंध सभी कक्षा के विद्यार्थियों के लिए उपयोगी सिद्ध होंगे।

Table of Contents

शिक्षक दिवस पर निबंध – 1 (100 शब्द)

शिक्षक दिवस हमारे गुरु के सम्मान में मनाया जाता है जो हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन को ज्ञान एवं नैतिक मूल्यों से सुसज्जित करते हैं। शिक्षक का संघर्षपूर्ण प्रयास विद्यार्थियों को निष्ठावान, उत्कृष्ट एवं सशक्त नागरिक बनाता है।

शिक्षक अपनी उन्नत सोच और अनुभवों से प्रेरणा के अनूठे स्रोत होते हैं। उनका मार्गदर्शन हमें विद्यार्थी जीवन को उच्चतम स्तर पर ले जाने की प्रेरणा देता है। हमें सदैव शिक्षकों के प्रति आभारी रहना चाहिए और उनके महत्वपूर्ण योगदान को उचित न्याय देना चाहिए।

शिक्षकों को उनके संघर्षपूर्ण प्रयासों के लिए आदर और सम्मान दिया जाना चाहिए, ताकि हमारे समाज का शिक्षा क्षेत्र मजबूती से आगे बढ़ सके।

शिक्षक दिवस पर निबंध – 2 (200 शब्द)

शिक्षक दिवस का महत्व बहुत अधिक है क्योंकि यह गुरु के प्रति हमारे समर्पण और सम्मान की भावना को प्रकट करता है। हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है ताकि हम शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को समझ सकें।

शिक्षक हमारे समाज के मौलिक नेतृत्व के रूप में कार्य करते हैं, जो छात्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे न केवल ज्ञान प्रदान करते हैं, बल्कि नैतिक मूल्यों, सामाजिक साक्षरता और व्यक्तिगत विकास को भी प्रोत्साहित करते हैं।

शिक्षक छात्रों की अद्भुत क्षमता को पहचानते हैं और उन्हें सही दिशा में मार्गदर्शन करते हैं। शिक्षकों का यह अद्वितीय योगदान हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण है और हमें उनके प्रति आभारी और सम्माननीय रहना चाहिए।

समाज के नेतृत्व में शिक्षक भी अहम भूमिका निभाते हैं, जिनसे नई पीढ़ी को ज्ञान मिलता है। समाज के लिए प्रेरणा बनने का उनका कार्य बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे सामाजिक जीवन को मार्गदर्शन और सहयोग प्रदान करने में सक्षम हैं।

शिक्षकों के सामर्थ्य और प्रेरणा से ही हम उच्चतम स्तर पर पहुंच सकते हैं। शिक्षक दिवस पर हमें शिक्षकों के प्रति अपना आभार और सम्मान व्यक्त करना चाहिए, उनके महत्वपूर्ण कार्यों को पहचानना चाहिए और उनके प्रयासों की सराहना करनी चाहिए।

शिक्षक दिवस पर निबंध – 3 (300 शब्द)

हर साल 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, जो शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने का अवसर होता है। सभ्य समाज के निर्माण में शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे न केवल ज्ञान बल्कि नैतिकता और आदर्श भी प्रदान करते हैं। 

शिक्षक विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं। उनके मार्गदर्शन में ही छात्र जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। उनका संघर्षपूर्ण प्रयास छात्रों को संघर्ष और कठिनाई का सामना करने की क्षमता देता है। शिक्षकों के दृढ़ विश्वास और समर्पण के कारण ही हमारे समाज में उच्च शिक्षा स्थापित हुई है।

शिक्षक ज्ञान को समाज के संघर्षशील स्तर पर प्रस्तुत करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे छात्रों के शैक्षणिक और नैतिक विकास को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। उनकी कड़ी मेहनत, प्रेरणा और दृढ़ संकल्प से ही छात्र अपने लक्ष्य हासिल कर सकते हैं।

शिक्षक न केवल ज्ञान हैं बल्कि छात्रों के जीवन में आदर्श और नैतिकता के प्रतीक भी हैं। हमें उनका आभारी होना चाहिए और शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान को समझना चाहिए।

शिक्षक दिवस पर हमें उनके संघर्षपूर्ण प्रयासों की सराहना करनी चाहिए और उनके प्रति अपना आभार व्यक्त करना चाहिए। यह हमारे लिए उनके महत्वपूर्ण योगदान को पहचानने और समाज में उनका समर्थन करने में सहयोग करने का यह एक अवसर है।

अंत में, शिक्षक दिवस हमें सिखाता है कि शिक्षकों के बिना समृद्ध और सशक्त समाज की कोई संभावना नहीं है। इस दिन हम उन्हें सम्मानित करते हैं और हमारे समाज में उनके महत्वपूर्ण योगदान को समझने के लिए उनके संघर्षों की प्रशंसा करते हैं।

शिक्षक दिवस पर हम एक विशेष प्रस्तावना या कार्यक्रम का आयोजन कर सकते हैं जिसमें छात्र गायन, नृत्य, नाटक आदि के माध्यम से अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त कर सकते हैं और उनके लिए कुछ विशेष सम्मान प्रस्तुत कर सकते हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध – 4 (400 – 500 शब्द)

प्रस्तावना:

शिक्षक ज्ञान, जानकारी और समृद्धि के वास्तविक धारक होते हैं जिनका उपयोग करके वे हमें विकसित करते हैं और हमारे उज्ज्वल जीवन के लिए तैयार करते हैं। हमारी सफलता के पीछे हमारे माता-पिता की तरह हमारे शिक्षक का भी हाथ होता है। इसलिए एक छात्र होने के नाते शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी है कि हम साल में कम से कम एक बार उन्हें धन्यवाद दें।

भारत में शिक्षक दिवस:

शिक्षकों को उनके बहुमूल्य कार्यों के लिए सम्मानित करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितम्बर हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन है, जिसे शिक्षकों के सम्मान में “शिक्षक दिवस” के रूप में मनाया जाता है।

भारत में शिक्षक दिवस की शुरुआत:

भारत में शिक्षक दिवस की शुरुआत 1962 में हुई थी, जब दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन मनाया गया और यही दिन उनके राष्ट्रपति रहने के दौरान शिक्षा में उनकी मार्गदर्शक भूमिका को समर्पित किया गया।

डॉ. राधाकृष्णन संगीत, साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में एक उत्कृष्ट व्यक्तित्व रहे हैं और उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में अपने महत्वपूर्ण योगदान से बड़ी संख्या में लोगों को प्रेरित किया है।

देश में शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाना चाहिए?

शिक्षक दिवस मनाने के कई महत्वपूर्ण कारण हैं, जो हमें सिखाते हैं कि हमारे जीवन को सही दिशा देने के लिए शिक्षक क्यों महत्वपूर्ण हैं और उनके प्रति हमारी कृतज्ञता और समर्पण की भावना क्यों आवश्यक है।

शिक्षकों के समर्पण और योगदान की सराहना करने के लिए शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। शिक्षक छात्रों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके समर्पण की मान्यता से उनकी प्रेरणा और उत्साह बढ़ता है।

शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि शिक्षा का महत्व केवल पढ़ाई तक ही सीमित नहीं है, बल्कि विचारशीलता, सामाजिक सद्भाव और नैतिकता विकसित करने में भी है। शिक्षक दिवस के माध्यम से हम शिक्षकों के समर्पण और प्रेम की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानते हैं।

इससे हमें यह एहसास होता है कि शिक्षक न केवल पढ़ाने के लिए हैं, बल्कि वे छात्रों को सशक्त नागरिक बनाने और जीवन के ध्येय को पूरा करने में भी योगदान देते हैं। इस प्रकार, शिक्षक दिवस हमें यह सिखाता है कि शिक्षकों का योदान सिर्फ किताबें पढ़ाना नहीं है बल्कि इससे बहुत अधिक है। 

शिक्षक दिवस के अवसर पर छात्र अपने शिक्षकों के प्रति अपना आभार और समर्पण व्यक्त कर सकते हैं। शिक्षक दिवस शिक्षा के महत्व को संवेदनशीलता से समझाने का अवसर भी प्रदान करता है। शिक्षा समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का माध्यम है और शिक्षक इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

यह अवसर छात्रों और शिक्षकों के बीच एक गहरा बंधन बुनता है और उनके आदर्शों को प्रेरित करता है। इस दिन के अवसर पर छात्रों को अपने शिक्षकों को उपहार और ग्रीटिंग कार्ड देकर बधाई देनी चाहिए।

शिक्षक दिवस समाज में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका स्थापित करता है और उनके संघर्ष, प्रेरणा और समर्पण की प्रशंसा करता है। यह दिन छात्रों के लिए अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता और समर्पण व्यक्त करने का एक अवसर है और वे अपने शिक्षकों के प्रति गहरी भक्ति की भावना महसूस करते हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध – 5 (500 – 700 शब्द)

शिक्षक समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले व्यक्तियों में से एक होते हैं। वे न केवल ज्ञान के स्रोत होते हैं बल्कि छात्रों के विकास के प्रति उनके समर्पण और सहयोग के लिए भी मूल्यवान होते हैं। शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता और समर्पण की भावना व्यक्त करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है।

शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका:

समाज के विकास और समृद्धि के लिए शिक्षा महत्वपूर्ण है और इसका मुख्य आधार शिक्षक हैं। शिक्षक एक मार्गदर्शक, प्रेरणास्रोत और ज्ञान प्रदाता होते हैं। 

शिक्षक समाज के नेतृत्व में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, वे छात्रों को न केवल विभिन्न विषयों में ज्ञान प्रदान करते हैं बल्कि उनके व्यक्तिगत और आदर्श विकास में भी मदद करते हैं। शिक्षक छात्रों को नैतिक मूल्यों को विकसित करने और उन्हें समाज के जिम्मेदार नागरिक बनने के लिए प्रेरित करने के लिए महत्वपूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं।

शिक्षक न केवल पाठ्यक्रम को पूरा कराते हैं, बल्कि छात्रों की रूचियों, प्रतिभाओं, और गुणों के प्रति समझदारी से प्रतिक्रिया करके उनके विकास को प्रोत्साहित करते हैं। वे छात्रों को उत्कृष्टता हासिल करने के लिए प्रेरित करते हैं और उन्हें खुद को साबित करने के लिए सशक्त बनाते हैं।

शिक्षक दिवस का इतिहास:

भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। शिक्षक दिवस का आयोजन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन पर होता है, जो भारतीय समाज में शिक्षा के क्षेत्र में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए जाने जाते हैं। 

शिक्षा के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियाँ विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं और उनका योगदान आज भी हमारे समाज के उत्कृष्ट शिक्षण संस्थानों में दिखाई देता है। यह दिन उन महान व्यक्तियों को समर्पित है जो हमें ज्ञान, मार्गदर्शन और नैतिक मूल्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं।

शिक्षक दिवस का महत्व:

शिक्षकों के समर्पण और महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने के लिए शिक्षक दिवस का आयोजन किया जाता है। यह एक ऐसा अवसर है जब छात्र समाज के विभिन्न क्षेत्रों से उपलब्ध शिक्षकों के प्रति अपनी कृतज्ञता और समर्पण की भावना व्यक्त कर सकते हैं।

साथ ही, शिक्षक दिवस छात्रों को अपने शिक्षकों के समर्थन में सामाजिक सहयोगी बनने के लिए प्रेरित करता है। शिक्षकों के प्रति समर्पण और कृतज्ञता की भावना से समाज में खुशहाली आती है। ये वे मार्गदर्शक हैं जो हमें सही दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

शिक्षक दिवस मनाने के तरीके:

शिक्षक दिवस मनाना शिक्षकों के महत्वपूर्ण योगदान को मान्यता देने का एक शानदार तरीका है। निम्नलिखित कुछ आदर्श तरीके हैं जिनसे आप शिक्षक दिवस मना सकते हैं:

  • शिक्षकों का सम्मान: शिक्षकों के सम्मान और सराहना के लिए एक विशेष समारोह का आयोजन करें, जैसे सम्मान समारोह, पुरस्कार समारोह और आदि।
  • विशेष कार्यक्रमों का आयोजन: शिक्षक दिवस के अवसर पर स्कूलों और कॉलेजों में विशेष सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करें, जिसमें छात्र गायन, नृत्य, नाटक आदि के माध्यम से अपने शिक्षकों के समर्थन में आगे आ सकें।
  • शिक्षक के प्रति आभार व्यक्त करना: छात्र अपने शिक्षकों को उपहार, ग्रीटिंग एवं धन्यवाद
  • अपना आभार व्यक्त करें: आप शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना करने के लिए व्यक्तिगत रूप से उनके प्रति अपना आभार व्यक्त कर सकते हैं। देकर और उनके संघर्षों की सराहना करके उनके प्रति अपना आभार और समर्पण व्यक्त करते हैं।
  • शिक्षकों की महत्वपूर्ण उपलब्धियों के बारे में बताएं: स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों को शिक्षकों की महत्वपूर्ण उपलब्धियों से अवगत कराया जा सकता है ताकि वे उनके योगदान को समझ सकें।
  • सोशल मीडिया पर उपलब्धि: सोशल मीडिया पर भी शिक्षक दिवस मनाने पर विचार करें, जहां आप समय-समय पर उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को साझा कर सकते हैं।
  • शिक्षकों की सफलताएँ साझा करें: छात्रों और उनके माता-पिता को शिक्षकों की सफलताएँ, जैसे कि उनके संघर्ष और उच्चतम मानकों वाली सफलता की कहानियाँ, साझा करने का अवसर दें।
  • कृतज्ञता पत्रिकाएँ: छात्र कृतज्ञता पत्रिकाएँ तैयार कर सकते हैं और उन्हें अपने शिक्षकों को प्रस्तुत कर सकते हैं, जिसमें उनकी प्रेरणादायक बातों की सराहना की जाएगी।
  • समाज में शिक्षकों के योगदान की सराहना: शिक्षक दिवस के दौरान समाज में शिक्षकों के योगदान की प्रशंसा करने के लिए सार्वजनिक समारोहों का आयोजन किया जा सकता है।
  • विचार-मंथन सत्र: शिक्षक दिवस के अवसर पर छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के बीच एक विचार-मंथन सत्र आयोजित करने पर विचार करें, जिसमें शिक्षा के मुद्दों पर चर्चा की जा सके।
  • दान या सेवा: छात्र और माता-पिता सामुदायिक सेवा परियोजना में शामिल होकर शिक्षकों का समर्थन करने में योगदान दे सकते हैं।
  • सामाजिक सेवा: शिक्षक छात्रों के साथ किसी सामाजिक सेवा परियोजना, जैसे पुस्तक वितरण या स्वच्छता अभियान में शामिल हो सकते हैं। इससे उनका सहयोग तो होगा ही, समाज को भी लाभ होगा।

शिक्षक दिवस हमें सिखाता है कि शिक्षा का महत्व केवल पढ़ाई में ही नहीं है, बल्कि उनके व्यक्तित्व, नैतिकता और समाज में उनकी भूमिका के महत्व को समझने में भी मदद करता है।

शिक्षक दिवस पर 10 वाक्य हिंदी में (10  Lines on Teacher’s Day in Hindi)

  • भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है, जो शिक्षकों के शिक्षा को याद दिलाने का दिन है।
  • शिक्षक हमारे जीवन में मार्गदर्शक, ज्ञान-स्रोत और प्रेरणा स्रोत होते हैं।
  • शिक्षक हमें न केवल शिक्षा देते हैं, बल्कि यह भी सिखाते हैं कि कैसे जीवन में सही मार्ग पर चलना है।
  • उनका संघर्ष और समर्पण हमें नई ऊँचाइयों की प्राप्ति के लिए प्रेरित करता है।
  • शिक्षक हमारे समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और नेतृत्व कौशल को विकसित करते हैं।
  • उनका मार्गदर्शन हमें नेतृत्व, साहस और सहयोग की महत्वपूर्ण बातें सिखाता है।
  • शिक्षक शिक्षा संस्थान के भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं जो नई पीढ़ियों को तैयार करते हैं।
  • इस दिन हमें अपने शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता और समर्पण का अभिवादन करना चाहिए।
  • शिक्षक दिवस हमें याद दिलाता है कि उनके योगदान के बिना हमारा शिक्षा संचार अधूरा होता।
  • हमें उनके संघर्ष और समर्पण की मूर्ति के रूप में शिक्षकों का सम्मान करना चाहिए, और उनके प्रति हमारी आभारी भावना को व्यक्त करना चाहिए।

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टीचर्स डे पर निबंध | Essay on Teachers Day in Hindi

Essay on Teachers Day in Hindi

Essay on Teachers Day in Hindi : हर एक व्यक्ति की सफलता के पीछे एक शिक्षक का हाथ अवश्य होता है। माता – पिता के बाद हमारी जिंदगी में सबसे अहम योगदान शिक्षक का ही होता है। भारत देश में शिक्षकों को बहुत बड़ा दर्जा दिया गया है, क्योंकि शिक्षक ही हमारी जिंदगी को एक सही राह दिखाता है।

शिक्षक दिवस एक ऐसा दिन है, जब शिक्षकों के योगदान को याद और सम्मानित किया जाता है। यह दिन दुनिया भर में अलग – अलग तारीखों में मनाया जाता है। भारत में यह दिवस 5 सितंबर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। भारत में इस दिन का काफी ज्यादा महत्व है, इसलिए इस दिन को सभी स्कूल, कॉलेज और शैक्षणिक संस्थानों में मनाया जाता हैं।

इस आर्टिकल में, मैं आपको Essay On Teachers Day In Hindi में लिखने का तरीका बताऊंगा। आप निम्नलिखित तरीके से शिक्षक दिवस पर निबंध लिख सकते है।

टीचर्स डे पर निबंध – Essay on Teachers Day in Hindi

शिक्षक दिवस एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिवस है, जिस दिन हम अपने शिक्षकों के योगदान को सम्मानित करते है। यह दिन हर साल भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर यानी 5 सितंबर को मनाया जाता है। डॉ. राधाकृष्णन एक कुशल शिक्षक भी थे, जिन्होने शिक्षा के क्षैत्र में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया।

टीचर्स डे भारत के अलावा अन्य देशों में भी मनाया जाता है, लेकिन अलग – अलग तारिखों को मनाया जाता है। यह दिन शिक्षक और छात्र दोनों के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह पूरा दिन शिक्षकों को समर्पित होता है। यह दिन हमें अपनी जिंदगी में शिक्षकों के महत्व को समझाता है।

टीचर्स डे कब मनाते है –

भारत देश में शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है, और इस दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ( Sarvepalli Radhakrishnan ) की जयंती भी मनायी जाती है। यह दिवस भारत के सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थानों में मनाया जाता हैं।

भारत देश की तरह अन्य देशों में भी अलग – अलग तारिखों पर टीचर्स डे मनाया जाता है। इस दिन स्कूल और कॉलेजों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते है और छात्र अपने शिक्षकों के साथ समय बिताते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि हमारी जिंदगी में शिक्षक का कितना ज्यादा महत्व है।

पूरी दुनिया में 5 अक्टूबर को एक विश्व शिक्षक दिवस भी मनाया जाता है। यह दिन यूनेस्को द्वारा 1994 में शुरू किया गया था, जिसका उद्देश्य शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका को पहचानना और उन्हे सम्मानित करना है।

टीचर्स डे का उद्देश्य

टीचर्स डे को पूरे भारत में काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। शिक्षक दिवस का उद्देश्य छात्रों को शिक्षकों के महत्व को समझाना है, और साथ ही छात्रों व शिक्षकों के बीच अच्छे सम्बंध बनाना है।

इसके अलावा इस दिन का उद्देश्य डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की शिक्षाओं को याद करना भी है, जिन्होने शिक्षा के क्षैत्र में काफी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह दिवस हमें अपने टीचर्स की महत्वता को समझाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व

भारत में शिक्षक दिवस का काफी महत्व है, क्योंकि यह दिन हमें अपने शिक्षकों की महत्वता की याद दिलाता है। इस दिन सभी छात्र अपने गुरुओं, शिक्षकों तथा मार्गदर्शकों को याद करते हैं। यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षक केवल ज्ञान का दाता नही होता है, बल्कि हमारे मार्गदर्शक और प्रेरणा स्रोत भी होते हैं।

शिक्षक दिवस का एक महत्व यह भी है कि यह दिन हमें याद दिलाता है कि शिक्षा हमारे समाज के विकास में काफी अहम भूमिका निभाती है। कोई भी समाज बिना शिक्षकों के प्रगति नही कर सकता है। इसलिए हमें अपने शिक्षकों के प्रति गहरा समर्पण और आभार दिखाना चाहिए।

यह दिवस शिक्षकों और छात्रों के बीच अच्छे संबंध बनाता है ताकि शिक्षक और छात्र एक – दूसरे को अच्छे से समझ पाए। शिक्षक दिवस काफी महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह दिन हमें शिक्षकों के योगदान के बारे में सोचने और उनकी सराहना करने का अवसर देता है।

टीचर्स डे क्यों मनाते है

भारत में, टिचर्स डे हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती होती है। डॉ. राधाकृष्णन एक महान दार्शनिक और शिक्षक थे, जिनका शिक्षा के क्षैत्र में काफी अहम योगदान है। उनका अध्यापन से काफी गहरा प्रेम था। उनमें एक आदर्श शिक्षक के सभी गुण मौजुद थे।

डॉ. राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 में तमिलनाडु के तिरुमनी गांव में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनका शिक्षा में काफी ज्यादा भरोसा था। उनका मानना था कि मनुष्य के जीवन में शिक्षा का होना बहुत जरूरी है। इसलिए उन्होने ज्यादा से ज्यादा बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की कोशिश की।

टीचर्स डे हम इसलिए भी मनाते है क्योंकि यह दिन हमें अपने शिक्षकों की महत्वता को समझाता है। इस दिन हम अपने टिचर्स के योगदान के लिए सराहना करते है और उनको धन्यवाद देते है।

टीचर्स डे कैसे मनाते है

टीचर्स डे का दिन डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को याद करते हुए मनाया जाता है क्योंकि वे एक अच्छे दार्शनिक और शिक्षक थे। यह दिन स्कूल – कॉलेज सहित सभी शिक्षण संस्थानों में मनाया जाता है। इस दिन अनेक तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जैसे- टिचर्स सम्मारोह, निबंध प्रतियोगिता, भाषण प्रतियोगिता, शिक्षण प्रतियोगिता आदि।

इस दिन छात्र विशेष रूप से अपने शिक्षकों का सम्मान करते है और उनका आभार व्यक्त करते है। कुछ लोग इस दिन अपने शिक्षकों को उपहार या कार्ड देते है, तो कुछ लोग केक भी काटते हैं। इसके अलावा आजकल लोग शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने के लिए सोशल मीडिया का भी उपयोग करते है।

शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन

  • भारत में शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को धूमधाम से मनाया जाता है।
  • शिक्षक दिवस भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष में मनाया जाता है।
  • यह दिन स्कूल और कॉलेजों सहित सभी शैक्षणिक संस्थानों में मनाया जाता है।
  • यह दिन छात्रों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह दिन उन्हे अपने टिचर्स की महत्वता की याद दिलाता है।
  • शिक्षक दिवस के दिन स्कूलों में कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
  • इस दिन छात्र अपने शिक्षकों को सम्मान देते है और उनका धन्यवाद करते है।
  • कुछ लोग इस दिन केक काटते है और अपने शिक्षकों को उपहार भी देते है।
  • यह दिवस शिक्षकों को समर्पण और उनके योगदान को सलाम करने के लिए उपयोगी है।
  • शिक्षक हमें ज्ञान, कौशल और नैतिक मूल्य प्रदान करते हैं।
  • पूरी दुनिया में 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक भी मनाया जाता है।

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Saraswati Puja Essay in Hindi 

निष्कर्ष

शिक्षक हमारी जिंदगी के अस्तित्व का आधार है क्योंकि शिक्षक ही हमें सफलता के लिए ज्ञान के साथ – साथ मार्गदर्शन भी प्रदान करता है। शिक्षक हमारे चरित्र के निर्माण में भी काफी अहम भूमिका निभाता है, और हमें एक अच्छा नागरिक बनाता है, इसलिए टिचर्स का हमें सम्मान करना बहुत जरूरी है।

टीचर्स डे एक काफी महत्वपूर्ण दिन है जो हमें शिक्षकों के योगदान के बारे में सोचने और उनकी सराहना करने का मौका देता है। आइए हम सभी अपने शिक्षकों का सम्मान करें और उनसे भरपूर शिक्षा प्राप्त करें।

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शिक्षक दिवस पर निबंध 10 lines (Teachers Day Essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500 शब्दों मे

teachers day essay 300 words in hindi

Teachers Day Essay in Hindi – भारत में शिक्षक शब्द पेशेवर पहचान की अवधि से अधिक है। एक शिक्षक के साथ की भावना बहुत गहरी होती है। यदि हम प्राचीन भारत में झाँकें, तो हम अपने शिष्यों की मान्यताओं को आकार देने में गुरुओं ( शिक्षकों ) की व्यापक भूमिका पा सकते हैं। समय की प्रचंड लहरों से टकराकर भले ही यह परम्परा थोड़ी सी क्षीण हो गयी हो, फिर भी यह परम्परा आज भी विद्यमान है। भारत में, शिक्षक दिवस 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का उत्सव पूरे भारत में स्कूलों और कॉलेजों में एक उत्सव का माहौल भर देता है। गतिविधियों में हमारे पसंदीदा शिक्षकों के रूप में भूमिका निभाना, हमारे शिक्षकों को उपहार देना और उनका आभार व्यक्त करना, और हमारे शिक्षकों को सम्मान देने के लिए पार्टियों और भाषणों का आयोजन करना शामिल है।

यदि आप एक छात्र हैं और आने वाले अवसर के लिए शिक्षक दिवस पर निबंध लिखने के लिए संघर्ष कर रहे हैं तो आप सही जगह पर आए हैं। इस लेख में उदाहरण के साथ शिक्षक दिवस पर निबंध का उचित प्रारूप और स्वयं निबंध लिखने के टिप्स शामिल हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध 10 लाइन (Teachers Day Essay 10 lines in Hindi)

  • 1) हम अपने शिक्षकों के प्रति आभार और सम्मान दिखाने के लिए शिक्षक दिवस मनाते हैं।
  • 2) यह डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती 5 सितंबर को एक वार्षिक उत्सव है।
  • 3) जून-जुलाई में हिंदू कैलेंडर में गुरु पूर्णिमा शिक्षक दिवस उत्सव का एक रूप है।
  • 4) दुनिया के हर देश का अपना शिक्षक दिवस होता है।
  • 5) विश्व शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को पड़ता है।
  • 6) भारत 1962 से 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मना रहा है।
  • 7) इस अवसर पर लोग डॉ राधाकृष्णन और अन्य उल्लेखनीय विद्वानों की मूर्तियों को सजाते हैं।
  • 8) शिक्षक अपने नियमित कार्य से एक दिन की छुट्टी लेते हैं।
  • 9) पूरे भारत के छात्र इस दिन को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं।
  • 10) छात्र अपने शिक्षकों का सम्मान करते हैं और सम्मान के प्रतीक के रूप में उन्हें उपहार देते हैं।

इनके बारे मे जाने

शिक्षक दिवस निबंध का प्रारूप (Format of Teachers Day Essay in Hindi)

किसी भी विशिष्ट निबंध विषय की तरह, शिक्षक दिवस निबंध प्रारूप में निम्नलिखित भाग होते हैं:

  • परिचयात्मक भाग : इस भाग को विषय का मूल सार प्रदान करना चाहिए, यहाँ विषय पर तथ्यात्मक जानकारी प्रदान करने की सिफारिश की गई है।
  • निबंध का मुख्य भाग : यहाँ, आपको निबंध विषय के बारे में विवरण देना है। निबंध विषय ‘शिक्षक दिवस’ के मामले में आप एक शिक्षक का महत्व, देश में शिक्षक दिवस क्यों और कैसे मनाया जाता है, और अपने स्वयं के अनुभवों का उल्लेख करें।
  • निष्कर्ष : अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए निबंध का अंत करें।

शिक्षक दिवस पर निबंध 100 शब्द (Teachers Day Essay 100 words in Hindi)

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हमारे शिक्षक हमारे जीवन में एक महान और सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे हमारे ज्ञान, कौशल स्तर, आत्मविश्वास में सुधार करने में हमारी मदद करते हैं और साथ ही सफलता पाने के लिए हमें सही आकार में आकार देते हैं। इसलिए, हमारी भी अपने निष्ठावान शिक्षकों के प्रति कुछ जिम्मेदारियां हैं। हम सभी को एक आज्ञाकारी छात्र के रूप में दिल से स्वागत करने की जरूरत है और जीवन भर शिक्षाओं की उनकी निस्वार्थ सेवा के साथ-साथ विभिन्न छात्रों के जीवन को आकार देने के लिए उन्हें इच्छापूर्ण धन्यवाद देना चाहिए। शिक्षक दिवस (जो साल में एक बार 5 सितंबर को मनाया जाता है) हमारे लिए उनके साथ एक दिन बिताने और धन्यवाद कहने का एक शानदार मौका है।

शिक्षक दिवस पर निबंध 150 शब्द (Teachers Day Essay 150 words in Hindi)

हमारे अध्ययन, समाज और देश में शिक्षकों के योगदान का सम्मान करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाने के पीछे एक बहुत बड़ा कारण है। 5 सितंबर को डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन नाम के एक महान व्यक्ति की जयंती है। वह शिक्षा के प्रति अत्यधिक समर्पित थे और विद्वान, राजनयिक, भारत के राष्ट्रपति और सबसे महत्वपूर्ण रूप से एक शिक्षक के रूप में जाने जाते थे।

एक बार, जब वे 1962 में भारत के राष्ट्रपति बने, तो कुछ छात्रों ने उनसे 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने की अनुमति देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि 5 सितंबर को व्यक्तिगत रूप से मेरे जन्मदिन के रूप में मनाने के बजाय क्यों न इसे शिक्षक दिवस के रूप में अध्यापन पेशे के प्रति मेरे समर्पण के रूप में मनाया जाए। उनके इस बयान के बाद से पूरे भारत में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत हो गई है.

शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्द (Teachers Day Essay 200 words in Hindi)

शिक्षक दिवस हर साल एक महान व्यक्ति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है। वे अध्यापन के पेशे के प्रति अत्यधिक समर्पित थे। ऐसा कहा जाता है कि, एक बार कुछ छात्रों ने उनसे संपर्क किया और 5 सितंबर को उनका जन्मदिन मनाने का अनुरोध किया। और उन्होंने जवाब दिया कि इसे केवल मेरे जन्मदिन के रूप में मनाने के बजाय, आपको सभी शिक्षकों को उनके महान कार्यों और योगदान के लिए सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस के रूप में मनाना चाहिए। शिक्षक देश के भविष्य के निर्माण के वास्तविक निर्माता हैं अर्थात वे छात्रों के जीवन को आकार देते हैं जो अंततः देश का भविष्य हैं।

शिक्षक देश में रहने वाले नागरिकों के भविष्य का निर्माण कर राष्ट्र निर्माता हैं। लेकिन शिक्षकों और उनके योगदान के बारे में सोचने वाला समाज में कोई नहीं था। इसका पूरा श्रेय भारत के केवल एक नेता राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को जाता है जिन्होंने हमें उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की सलाह दी। 1962 से हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। हमारे शिक्षक न केवल हमें विषयों के बारे में पढ़ाते हैं, बल्कि वे हमारे व्यक्तित्व, आत्मविश्वास और कौशल स्तर में भी सुधार करते हैं। वे हमें जीवन भर किसी भी समस्या या कठिनाई से उबरने में सक्षम बनाते हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध 250 शब्द (Teachers Day Essay 250 words in Hindi)

शिक्षक ज्ञान, ज्ञान और समृद्धि के वास्तविक धारक होते हैं जिनका उपयोग करके वे हमें हमारे जीवन के लिए पोषण और तैयार करते हैं। वे हमारे जीवन में दीपक जलाने के स्रोत के रूप में कार्य करते हैं। यह हमारे शिक्षक हैं जो हमारी सफलता के पीछे खड़े हैं। बाहर के शिक्षकों को भी हमारी और हमारे माता-पिता की तरह ही दैनिक दिनचर्या की बहुत सारी समस्याएं होती हैं लेकिन वे हमेशा अपने शिक्षण पेशे को शीर्ष पर रखते हैं और अपनी नौकरी की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए स्कूलों या कॉलेजों में जाते हैं। कोई भी उन्हें उनके अमूल्य काम के लिए धन्यवाद नहीं कहता। इसलिए, छात्रों के रूप में हमारे शिक्षकों के प्रति हमारी कुछ जिम्मेदारी है कि हम कम से कम साल में एक बार उन्हें धन्यवाद कह सकें।

हमारे निस्वार्थ शिक्षकों और उनके अमूल्य कार्य को सम्मान देने के लिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। 5 सितंबर हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती है जिन्होंने पूरे भारत में शिक्षकों का सम्मान करने के लिए अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने का अनुरोध किया था। उन्हें अध्यापन के पेशे से बड़ा लगाव था। हमारे शिक्षक हमारे ज्ञान, कौशल और आत्मविश्वास के स्तर को बढ़ाकर हमें अकादमिक रूप से अद्भुत और नैतिक रूप से अच्छा बनाते हैं। वे हमेशा हमें जीवन में बेहतर करने के लिए हर संभव असंभव कार्य को करने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। शिक्षक दिवस छात्रों द्वारा बहुत खुशी और उत्साह के साथ मनाया जाता है। वे कहते हैं कि उन्हें मौखिक रूप से या ग्रीटिंग कार्ड के माध्यम से ढेर सारी शुभकामनाएं दें।

शिक्षक दिवस पर निबंध 300 शब्द

शिक्षक दिवस सभी के लिए विशेष रूप से शिक्षकों और छात्रों के लिए एक बहुत ही खास अवसर होता है। यह हर साल 5 सितंबर को छात्रों द्वारा अपने शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। 5 सितंबर को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में घोषित किया गया है। हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर को हुआ था, इसलिए भारत में शिक्षक दिवस उनके जन्मदिन पर मनाया जाता है क्योंकि शिक्षण पेशे के प्रति उनके प्यार और स्नेह के कारण। वह शिक्षा में बहुत विश्वास करते थे और विद्वान, राजनयिक, शिक्षक और भारत के राष्ट्रपति के रूप में अत्यधिक प्रसिद्ध थे।

शिक्षक दिवस शिक्षकों और छात्रों के बीच के रिश्ते को मनाने और आनंद लेने का एक शानदार अवसर है। अब एक दिन, यह छात्रों और शिक्षकों दोनों द्वारा स्कूलों, कॉलेजों, विश्वविद्यालयों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में बड़े उत्साह और आनंद के साथ मनाया जाता है। शिक्षकों को अपने छात्रों की ओर से लंबी उम्र की ढेर सारी शुभकामनाएं दी जाती हैं। आधुनिक समय में शिक्षक दिवस मनाने की रणनीति मानक रही है।

छात्र इस दिन बहुत खुश होते हैं और अपने पसंदीदा शिक्षकों को बधाई देने के तरीके की योजना बनाते हैं। कुछ छात्र अपने पसंदीदा शिक्षकों को उपहार, ग्रीटिंग कार्ड, पेन, डायरी आदि देकर शुभकामनाएं देते हैं। कुछ छात्र अपने शिक्षकों को ऑडियो संदेश, ईमेल, वीडियो संदेश, लिखित संदेश, ऑनलाइन चैट, फेसबुक, ट्विटर जैसी सोशल मीडिया वेबसाइटों के माध्यम से भेजकर शुभकामनाएं देते हैं। , आदि। कोई सिर्फ “हैप्पी टीचर्स डे” कहे मौखिक रूप से।

हमें अपने जीवन में अपने शिक्षकों की आवश्यकता और मूल्य का एहसास करना चाहिए और महान कार्य के लिए उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए हर साल शिक्षक दिवस मनाना चाहिए। शिक्षक हमारे माता-पिता से बढ़कर हैं जो हमारे मन को सफलता की ओर ढालते हैं। वे खुश रहते हैं और जीवन में अपनी सफलता तभी प्राप्त करते हैं जब उनके समर्पित छात्र आगे बढ़ते हैं और अपनी गतिविधियों के माध्यम से दुनिया भर में शिक्षकों का नाम फैलाते हैं। हमें अपने जीवन में अपने शिक्षकों द्वारा सिखाए गए सभी अच्छे पाठों का पालन करना चाहिए।

शिक्षक दिवस के लिए लघु निबंध (Short Essay on Teacher’s Day)

हर साल पांच सितंबर को देश भर के स्कूल और कॉलेज भारत में शिक्षक दिवस समारोह आयोजित करते हैं। यह हमारे जीवन में शिक्षकों की कड़ी मेहनत और प्रभाव की सराहना करने का दिन है।

शिक्षक वे हैं जो अपने छात्रों के लिए ज्ञान और सहानुभूति रखते हैं। एक छात्र की सफलता के पीछे सबसे महत्वपूर्ण व्यक्ति उसका शिक्षक होता है। शिक्षकों की मदद और मार्गदर्शन के बिना, छात्र अपने जीवन के बारे में जाने और समझ नहीं पाएंगे। हम पांच सितंबर को शिक्षक दिवस मनाते हैं क्योंकि यह भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ राधाकृष्णन का जन्मदिन है। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जो बच्चों से प्यार करते थे और उन्हें प्यार करते थे। डॉ. राधाकृष्णन एक शिक्षक के रूप में काम करेंगे, और छात्र उन्हें प्यार करते थे। शिक्षक प्रत्येक व्यक्ति के जीवन पर एक महत्वपूर्ण प्रभाव छोड़ते हैं। वे आपकी मदद करते हैं, आपको प्रेरित करते हैं, और आपको अपना सर्वश्रेष्ठ संस्करण बनने के लिए मार्गदर्शन करते हैं।

शिक्षक दिवस शिक्षक और छात्र के जीवन में सबसे यादगार दिनों में से एक है। यह एक ऐसा दिन है जब शिक्षक आराम कर सकते हैं और अपने साथी शिक्षकों से बात कर सकते हैं, पूरे वर्ष के विपरीत जब वे हर दिन कई घंटे कड़ी मेहनत करते हैं। वे स्कूल के समय के दौरान और स्कूल का समय समाप्त होने के बाद भी काम करते हैं। अलग-अलग स्कूल अलग-अलग तरीके से शिक्षक दिवस मनाते हैं। बच्चे इस दिन अपने शिक्षकों को मनाने और उनकी सराहना करने के लिए कई तरह के काम करते हैं।

अपने शिक्षकों की सराहना करने का दिन है

प्रत्येक छात्र को अपने गुरु की कद्र और कद्र करनी चाहिए। प्रत्येक शिक्षक आपकी मदद करने के लिए हर दिन कई त्याग करता है। शिक्षक आपके जीवन के उन लोगों में से एक हैं जो हमेशा आपको किसी और चीज से पहले रखेंगे।

टीचर्स की तरह ड्रेसअप हुए स्टूडेंट्स

हर स्कूल में शिक्षक समारोह आयोजित करने का एक अलग तरीका होता है। छात्रों द्वारा दिवस मनाने के तरीकों में से एक तरीका शिक्षकों का प्रतिरूपण करना है। हाई स्कूल के छात्र अपने शिक्षकों की तरह तैयार होते हैं।

वे अपने शिक्षकों के लिए नाटक प्रस्तुत करते हैं और साथ ही अन्य विषयों को पढ़ाने के लिए विभिन्न कक्षाओं में जाते हैं। यह शिक्षक दिवस समारोह के सबसे अच्छे हिस्सों में से एक है। छात्र अपने शिक्षकों का प्रतिरूपण करने के लिए उत्सुक हैं, और शिक्षक इन नाटकों को देखने के लिए उत्सुक हैं।

प्रत्येक छात्र एक विशेष शिक्षक की तरह तैयार होते हैं, कुछ साड़ी पहनते हैं, और कुछ औपचारिक पैंट और शर्ट पहनते हैं। छात्र जिस शिक्षक का प्रतिरूपण कर रहे हैं, उसके कपड़ों से मेल खाने की पूरी कोशिश करते हैं। कनिष्ठ कक्षाओं को वरिष्ठ छात्रों द्वारा लिए गए कक्षा सत्रों के लिए बैठना पड़ता है। यह नियमित शिक्षण से अलग है। कक्षा में अन्य छात्र अतिरिक्त गतिविधियाँ करते हैं।

शिक्षक दिवस मनाने के अलग-अलग तरीके हैं। आमतौर पर, हाई स्कूल के छात्र शिक्षक दिवस के लिए विभिन्न कार्य करने की पहल करते हैं।

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शिक्षक दिवस पर निबंध 500 शब्द

सबसे पहले तो सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के शुभ अवसर पर मनाया जाता है। वे एक महान नेता, विद्वान और शिक्षक थे। हम इस दिन को हर दिन डॉ. राधाकृष्णन को श्रद्धांजलि देने और अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और प्यार दिखाने के लिए मनाते हैं। इस दिन छात्र शिक्षकों के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं। सबसे आम घटनाएं भाषण, नृत्य और गायन प्रतियोगिताएं और संबंधित शिक्षकों की मिमिक्री हैं। कुछ छात्र शिक्षकों का मनोरंजन करने के लिए अपने शिक्षकों की तरह कपड़े भी पहनते हैं। यह दिन प्यार और हंसी के साथ मनाया जाता है। यह बच्चों के लिए शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करने का एक तरीका है। छात्र अपने पसंदीदा शिक्षक के लिए उपहार भी लाते हैं। इस दिन शिक्षकों के साथ बहुत अच्छा व्यवहार किया जाता है।

शिक्षक हर व्यक्ति के जीवन की रीढ़ होते हैं। शिक्षक ही है जो छात्रों को जीवन का नया अर्थ सिखाता है। वे हमें सही रास्ता दिखाते हैं और कुछ भी गलत करने से रोकते हैं। वे बाहर से देख सकते हैं लेकिन वे प्रत्येक छात्र की देखभाल करते हैं और उनके विकास की कामना करते हैं। उस छात्र को मत भूलो जो अपने शिक्षकों का सम्मान नहीं करता, जीवन में कभी आगे नहीं बढ़ता। शिक्षक छात्र के व्यक्तित्व को ढालते हैं। वे एकमात्र निःस्वार्थ व्यक्ति हैं जो खुशी-खुशी बच्चों को अपना सारा ज्ञान देते हैं।

डॉ. राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे जिन्हें हर कोई प्यार करता था। उनका जन्म 5 सितंबर 1888 को एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। उन्होंने कॉलेज पूरा किया और मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में प्रोफेसर बन गए। वह हैरिस मैनचेस्टर कॉलेज में प्राचार्य और आंध्र विश्वविद्यालय में कुलपति बने। वह भारत के पहले दार्शनिक और उपराष्ट्रपति भी थे। वह 1962 से 1967 तक भारत के राष्ट्रपति बने। उन्होंने लगभग 16 वर्षों तक ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में नैतिकता की शिक्षा दी। उनका मानना ​​था कि शिक्षा केवल किताबों से नहीं आती। ज्ञान प्राप्त करना पेशेवर और अकादमिक से बहुत दूर है।

दुनिया के अन्य महान शिक्षकों ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। अरस्तू का जीवन हमें अच्छे शिक्षार्थी बनना और कभी भी सीखना बंद नहीं करना सिखाता है। गौतम बुद्ध एक राजकुमार के रूप में पैदा हुए थे लेकिन उन्होंने ज्ञान के जीवन के लिए सभी विलासिता को छोड़ दिया। एम्मा विलार्ड जो एक महिला अधिकार कार्यकर्ता थीं, हमें अन्याय के खिलाफ आवाज उठाना और उससे कभी डरना नहीं सिखाती हैं। सावित्रीबाई फुले एक कवियित्री और भारतीय समाज सुधारक थीं। उसने हमें सभी के साथ समान और सम्मान के साथ व्यवहार करना सिखाया।

शिक्षक के मार्गदर्शन के बिना हम अपने भविष्य की कल्पना नहीं कर सकते। वे हमारे भविष्य को उज्जवल बनाने के लिए खुद को जलाते हैं। इस दिन आइए हम दुनिया के सभी महान शिक्षकों को याद करें और उनसे कुछ सीखें। हम प्रत्येक छात्र के साथ धैर्य रखने और प्रत्येक छात्र की कमजोरियों पर काम करने के लिए शिक्षकों को धन्यवाद देते हैं। आपके मार्गदर्शन के बिना हम अधूरे हैं। आपके समर्थन और प्यार के लिए धन्यवाद।

शिक्षक दिवस पर निबंध- क्या करें और क्या न करें

  • परिचय खंड में बहुत अधिक न लिखें।
  • निबंध को सभी के लिए पठनीय बनाएं।
  • लंबी कहानियों को नजरअंदाज करने की कोशिश करें।
  • निबंध में प्रश्न न पूछें।
  • जीवंत उदाहरण देने का प्रयास करें।
  • ऐसा कुछ भी न लिखें जो विषय से संबंधित न हो।
  • ऊपर बताए गए उचित प्रारूप में एक निबंध लिखें।
  • ट्रांज़िशन शब्दों का प्रयोग करने की कोशिश करें जैसे इसलिए, तथापि, सब से ऊपर आदि।

हमने आपको एक अच्छा, आसान और पठनीय निबंध देने की कोशिश की है। यदि आप हमारे निबंधों को रोचक पाते हैं या शिक्षक दिवस निबंध के बारे में कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो हमें कमेंट सेक्शन में बताएं।

शिक्षक दिवस पर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है.

भारत में, शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है जबकि शेष विश्व के लिए यूनेस्को ने 5 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस घोषित किया है।

शिक्षक दिवस पर अपने शिक्षक को देने के लिए उपयुक्त उपहार क्या है?

एक लंबी सूची है जो आपके शिक्षक के लिए एक अच्छे उपहार के रूप में काम करेगी। किताबें, डायरी, कलम, हस्तनिर्मित ग्रीटिंग कार्ड, डेस्क आयोजक, एक छोटे पौधे (अधिमानतः इनडोर पौधे), फूल और चॉकलेट अच्छे शिक्षक दिवस के उपहार होंगे।

शिक्षक दिवस पर हम अपने शिक्षकों के लिए कौन सी विशेष गतिविधि की योजना बना सकते हैं?

शिक्षक दिवस पर, आप अपने शिक्षकों के लिए विभिन्न विशेष गतिविधियों की योजना बना सकते हैं जैसे कि एक कार्यक्रम आयोजित करना, क्लास पार्टी करना, आभार व्यक्त करने वाला एक व्यक्तिगत वीडियो बनाना, उपहार देना और ग्रीटिंग कार्ड देना आदि।

भारत 5 सितंबर को शिक्षक दिवस क्यों मनाता है?

भारत 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाता है जो डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन भी है। इस दिन, भारत का पूरा देश डॉ. एस राधाकृष्णन को याद करता है और हमारे सभी शिक्षकों का सम्मान करता है।

शिक्षक हमारे जीवन में इतने महत्वपूर्ण क्यों हैं?

शिक्षक हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों में से एक हैं क्योंकि वे हमारी वास्तविक क्षमता को सामने लाने में मदद करते हैं। शिक्षक हमारे ज्ञान, दावे, व्यक्तित्व और मानसिकता में योगदान करते हैं। एक शिक्षक का वास्तविक मूल्य हमेशा कम आंका जाता है। और इसलिए, हमें उनके प्रति अपना आभार प्रकट करने का अवसर कभी नहीं छोड़ना चाहिए।

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Teachers Day Essay in Hindi | शीर्षक : शिक्षक दिवस पर लंबे निबंध का महत्व्

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शीर्षक: शिक्षक दिवस: हमारे जीवन में शिक्षकों का महत्व

शिक्षक दिवस का समारोह हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन हम अपने जीवन में शिक्षकों के महत्व का सम्मान करते हैं। शिक्षक दिवस समारोह का मकसद शिक्षकों को सम्मान जताना होता है।

शिक्षक दिवस के अवसर पर हमें संबोधित करना चाहिए कि हमारे जीवन में शिक्षकों का महत्व बेहद अधिक होता है और हमें उन्हें सम्मान देना चाहिए।

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शिक्षक दिवस क्या है

शिक्षक दिवस का हमारे देश में विशेष महत्व है। शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है और इस दिन शिक्षकों को सम्मान दिया जाता है। यह दिन भारतीय शिक्षा नीति के निर्माता दृष्टि को दर्शाता है।

शिक्षक दिवस का इतिहास उस वक्त से जुड़ा हुआ है जब डॉ. सार्वपल्ली राधाकृष्णन देश के राष्ट्रपति थे। इस दिन को राधाकृष्णन जी के जन्मदिन के रूप में चुना गया था।

शिक्षक दिवस का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों के योगदान को सम्मान देना है। शिक्षक दिवस उन सभी शिक्षकों की प्रतिवर्ष में एक दिन की छुट्टी देने का विशेष दिन होता है, जो भारत सरकार द्वारा किया जाता है।

साथ ही शिक्षा के अमूल्य महत्व को भी दर्शाया जाता है। शिक्षकों को किन्हीं न किन्हीं विभिन्न रूपों में समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हमें इस दिन पर उनके योगदान को समझना चाहिए और उन्हें सम्मान देना चाहिए।

शिक्षकों के महत्व

शिक्षकों के महत्व: शिक्षक एक समाज का सबसे महत्वपूर्ण सदस्य होते हैं। वे हमारे देश के भविष्य को आकार देते हैं। वे अपने दिन-प्रतिदिन कार्यों से समाज की नींव को मजबूत करते हैं।

शिक्षकों की उपलब्धियां न केवल उन्हें बल्कि हमारे समाज और देश को विकसित बनाने में भी मदद करती हैं। शिक्षक द्वारा शिक्षा प्राप्त करने से बच्चे में ज्ञान विकसित होता है और वे आने वाले दिनों में सफलता हासिल कर सकते हैं।

शिक्षकों की सफलता का कारण उनकी दृढ़ इच्छाशक्ति, दृष्टिकोण, समझदारी, तकनीकी पाठ्यक्रम जानने की क्षमता और विद्वत्ता होती है। इन सब गुणों से उन्हें उच्च स्तर पर शिक्षा प्रदान करने की क्षमता होती है।

शिक्षकों को समाज का अत्यंत महत्वपूर्ण सदस्य माना जाना चाहिए। उन्हें सम्मान देना चाहिए क्योंकि वे हमारे भविष्य को धारण करते हैं। उच्च शिक्षा संस्थानों के अलावा, शिक्षकों को समर्थन करने वाले सरकारी नीतियों की उपलब्धता भी जरूरी है।

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शिक्षकों की समस्याएं और उनका समाधान

शिक्षकों की समस्याएं और उनका समाधान शिक्षक बनना उन लोगों के लिए एक सम्मानजनक पेशा है जो आगे चल के समाज के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, लेकिन शिक्षक होना आसान नहीं होता है।

कुछ क्षेत्रों में, शिक्षकों को कई समस्याओं से झूंझना पड़ सकता है जो उनके लिए भारी होती हैं। शिक्षकों को इस समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिससे वे बार-बार प्रभावित होते हैं, धीमी तरीके से भावुक होते हैं और कभी-कभी शिक्षार्थियों पर असर डालने में असमर्थ हो जाते हैं।

शिक्षकों की तंगी की समस्याएं उनकी थकान, स्ट्रेस और नींद की कमी से जुड़ी होती हैं। धैर्यपूर्ण, निरंतर कार्य करने वाले शिक्षक भी अक्सर अपने काम के चलते अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

शिक्षकों के दबाव की समस्याएं उनका काम, गुरुत्वाकर्षण तथा शिक्षार्थियों और अभिभावकों के अधिकारों को ले कर उन्हें दबा देती हैं। लगातार दबाव के संबंधों में काम करना उन शिक्षकों को मनोदुखी और थका देता है।

शिक्षकों के शिक्षण संसाधन की समस्याएं शामिल शिक्षकों के पास अलग-अलग शिक्षण संसाधन नहीं होने की समस्या को होती है। मिडिल-क्लास व लो-इंकम ग्रुप जो अक्सर सामान्य स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के परिवार से संबंधित होते हैं, उनके पास प्राप्त करने की संभावना को मध्यम से कम या अधिक नहीं माना जाता।

शिक्षकों के समूह कार्य की समस्याएं उन्हें एक समूह में निष्पक्षता से मिलकर काम करना नहीं होता है। किसी ना-काम करने वाले समूह या बातों के एक विशेष व्यक्ति द्वारा मंच पर उठाए जाने वाले चलते फिरते मुद्दों से निजात पाना फिर शिक्षकों पर भारी पड़ता है।

उनके समाधान के उपाय शिक्षकों को प्रशिक्षित कराना, एक अन्य शिक्षक से सलाह लेना और मुद्दों को संभालने के लिए सामूहिक सहमति तैयार करना जैसे कि अपने घर वालों, सह-शिक्षकों की मदद लेना आदि उपाय हो सकते हैं। शिक्षकों को प्रभावित करने वाली अनेक समस्याओं से निपटने में उन्हें सक्षम बनाना और उनके समाधान के लिए उनके साथ समर्थन जताना एक महत्वपूर्ण कदम होता है।

शिक्षक दिवस के अवसर पर

शिक्षक दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है जो हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। यह दिन उन प्रत्येक शिक्षकों को सम्मानित करने का अवसर है जो हमें शिक्षा देते हैं और हमे जीवन में आगे बढ़ने के लिए तैयार करते हैं। इस दिन को बहुत सम्मान विस्तार से मनाया जाता है।

अधिकतर स्कूलों में शिक्षक दिवस कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस अवसर पर आप अपने प्रिय शिक्षकों को उनके समर्थन में अपने भावों को व्यक्त कर सकते हैं। आप उन्हें भेंट करके उन्हें धन्यवाद देने के साथ-साथ उन्हें अपने जीवन में अपना एक महत्वपूर्ण स्थान भी दें सकते हैं।

आप उन्हें एक उपहार भी दे सकते हैं। इससे आपका शिक्षक खुश होगा और आपसे और उनके बीच का रिश्ता भी मजबूत होगा। शिक्षक दिवस के दिन आप समारोह संग्रहालय भी आयोजित कर सकते हैं।

इससे आपके शिक्षक अपने शैक्षणिक उपलब्धियों के साथ साथ उनकी जीवन की एक संक्षिप्त झलकी भी कैप्चर कर सकते हैं। इस शिक्षक दिवस पर यह सुनिश्चित करें कि आप उन्हें सम्मानित करें।

अपने शिक्षकों के साथ कुछ वर्षों से शिक्षा के माध्यम से संबद्ध होने से मुझे पता चला है कि वे अपने विद्यार्थियों के उत्तम विकास में अत्यधिक रुचि रखते हैं। इसलिए, आपके शिक्षकों का समर्थन अनिवार्य है। शिक्षक समुदाय के पक्षधर होने से लेकर विद्यार्थियों को शिक्षित करने तक, वे समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

शिक्षकों के लिए संदेश

शिक्षकों के लिए संदेश: आप जब अपनी स्कूली दिनों पर वापस जाते हैं, तो समझते हैं कि शिक्षकों का महत्त्व क्या होता है। उन्होंने आपकी जिंदगी में कुछ ऐसा किया होगा जो आप स्कूल जाने के बाद देखते हैं।

उन्हें समझना चाहिए कि उनका काम बहुत विशाल है और वे सबके लिए ही संघर्ष कर रहे होंगे। शिक्षकों के लिए शिक्षा और उनके समर्थन में सक्रिय रहने की सलाह दी जाती है।

आप उन्हें समर्थन और संबोधन करके उनके लिए महत्वपूर्ण हो सकते हैं। उन्हें आपके जीवन का हिस्सा बनाने वाली एक छोटी सी बात याद रखने का संदेश दें जैसे उनके प्रभाव के बारे में सोचना।

वे हमेशा छात्रों के लिए उपलब्ध होते हैं, और यदि संभव हो तो आप उन्हें अपने शिक्षक के बराबर का सम्मान दें। एक सबक सिखने के साथ न सिर्फ वे आपके जीवन में एक अहम भूमिका निभाते हैं, बल्कि वे आपको आने वाले क्षणों के लिए तैयार भी करते हैं। खैर, अपने शिक्षकों के साथ किए गए सभी प्रयासों के कारण आपको इतना कुछ सीखने, जानने और समझने का मौका मिला। अतः शिक्षक दिवस के अवसर पर उन्हें अभिवादन दें और उन्हें अपने जीवन का हिस्सा मानें।

हमारे जीवन में शिक्षकों के महत्व को सम्मानित करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य समाज में शिक्षकों के योगदान के प्रति सम्मान प्रकट करना है।

शिक्षक हमारे देश के भविष्य को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके प्रयासों को स्वीकार करना और उनका सम्मान करना आवश्यक है।

शिक्षक दिवस का इतिहास डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन से जुड़ा है, जो उस समय भारत के राष्ट्रपति थे। इस दिन का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों के योगदान की सराहना करना और उसे पहचानना है।

इस मौके पर शिक्षकों की समस्याओं पर विचार करना और उनका समाधान ढूंढना जरूरी है. शिक्षकों को समाज में उनकी आवश्यक भूमिका को पूरा करने के लिए आवश्यक समर्थन और संसाधन दिए जाने चाहिए।

छात्रों को अपने शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए और उन्हें अपने जीवन का अभिन्न अंग मानना ​​चाहिए।

शिक्षक दिवस पर हिंदी भाषा में लघु निबंध|short essay on teachers day in hindi language

शिक्षक दिवस: हमारे जीवन में शिक्षकों का महत्व

शिक्षक दिवस एक ऐसा दिन है, जब हम अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. शिक्षक हमारे जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वे हमें ज्ञान, कौशल और मूल्य प्रदान करते हैं, जो हमें अपने जीवन में सफल होने में मदद करते हैं.

शिक्षक हमें पढ़ना, लिखना और गणित सीखाते हैं. वे हमें दुनिया के बारे में और भी अधिक जानने में मदद करते हैं. वे हमें विभिन्न विषयों के बारे में सिखाते हैं, जैसे कि विज्ञान, इतिहास, भूगोल और साहित्य. वे हमें विभिन्न कौशल भी सिखाते हैं, जैसे कि सोचना, समस्या हल करना और लिखना.

शिक्षक हमें मूल्य भी सिखाते हैं, जैसे कि नैतिकता, सद्भावना और सम्मान. वे हमें सिखाते हैं कि दूसरों के साथ कैसे व्यवहार करना है. वे हमें सिखाते हैं कि कैसे अपने जीवन में सफल होना है.

शिक्षक हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वे हमें ज्ञान, कौशल और मूल्य प्रदान करते हैं, जो हमें अपने जीवन में सफल होने में मदद करते हैं. हमें अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए.

यहाँ कुछ तरीके दिए गए हैं, जिनसे हम अपने शिक्षकों को सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त कर सकते हैं:

  • हम अपने शिक्षकों को एक पत्र लिख सकते हैं, जिसमें हम उनके द्वारा दिए गए ज्ञान और समर्थन के लिए धन्यवाद दे सकते हैं.
  • हम अपने शिक्षकों को एक उपहार दे सकते हैं, जैसे कि एक फूल या एक किताब.
  • हम अपने शिक्षकों के साथ समय बिता सकते हैं, जैसे कि उनके साथ एक कॉफी पीना या उनके साथ एक पार्क में घूमना.
  • हम अपने शिक्षकों के बारे में दूसरों को बता सकते हैं, और उन्हें बता सकते हैं कि वे हमारे लिए कितने महत्वपूर्ण हैं.

शिक्षक दिवस एक ऐसा दिन है, जब हम अपने शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता व्यक्त करते हैं. हमें अपने शिक्षकों को बताना चाहिए कि हम उनके द्वारा दिए गए ज्ञान और समर्थन के लिए कितना आभारी हैं.

FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – पहला शिक्षक दिवस भारत में 1962 में मनाया गया था।

उत्तर – नेशनल अवॉर्ड फॉर टीचर्स (National Teachers Award) मेधावी शिक्षकों को दिया जाने वाला राष्ट्रीय पुरस्कार है।

उत्तर – भारत के राष्ट्रपति हर साल 5 सितंबर को शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार वितरित करते हैं।

उत्तर – विश्व शिक्षक दिवस हर साल 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

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Essay on Diwali In Hindi | दिवाली पर निबंध

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Teacher’s Day Essay in Hindi: शिक्षक दिवस पर निबंध 250, 300, 500 शब्दों में, साथ ही पढ़ें टीचर्स डे पर कविता और अनमोल वचन

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5 सितंबर को हर साल शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसी दिन भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था। उन्हीं के सम्मान में 5 सितंबर का दिन प्रतिवर्ष शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

समाज में शिक्षकों की भूमिका तथा उनके संघर्षों के प्रति कृतज्ञता और सम्मान प्रकट करने के लिए हर साल शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

इस दिन विद्यालय, महाविद्यालय तथा अन्य शैक्षणिक संस्थानों में विभिन्न तरीके के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें छात्र-छात्राएं अपने विचारों की अभिव्यक्ति करने के लिए भाषण देते हैं और कविताएं पढ़ते हैं।

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इस दिन छात्र अपने अभिभाषण और कविताओं के माध्यम से अपने जीवन में शिक्षक की भूमिका का मूल्यांकन करते हैं। शिक्षक दिवस पर विभिन्न संस्थानों में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन भी किया जाता है।

इस आर्टिकल में आप को शिक्षक दिवस पर निबंध और कविताएं पढ़ने को मिलेगी जिन्हें आप अपने शिक्षण संस्थानों में सुना सकते है। इन सामग्रियों के माध्यम से आप एक प्रभावशाली भाषण भी तैयार कर सकते हैं।

आइये जानें- 5 सितंबर शिक्षक दिवस का इतिहास व रोचक तथ्य

  • शिक्षक दिवस 2023 पर यह जोरदार भाषण दे कर करें शिक्षकों का धन्यवाद

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विषय–सूची

शिक्षक दिवस पर निबंध (Teacher’s Day Essay in Hindi)

छात्र जीवन में शिक्षक की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है। शिक्षक के मार्गदर्शन में ही हम जीवन के नैतिक मूल्यों को समझते हैं और जीवन की सही राह को अपनाते हैं।

शिक्षा की हमें नीति का पाठ पढ़ाते हैं बिना शिक्षक के हमारा नैतिक विकास नहीं हो सकता। इसीलिए शिक्षकों के सम्मान में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

5 सितंबर 1888 को भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म हुआ था। शिक्षा के क्षेत्र में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के उत्कृष्ट योगदान के सम्मान में उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी पेशे एक शिक्षक थे। इसके अलावा वह एक दार्शनिक और दर्शनशास्त्र के प्रोफ़ेसर भी थे। उन्होंने दर्शनशास्त्र पर कई सारी किताबें भी लिखी हैं। राधाकृष्णन जी की शिक्षण शैली अत्यंत प्रभावशाली थी। एक शिक्षक के रूप में उन्होंने लोगों को बहुत प्रभावित किया था।

उनका मानना था कि देश के नैतिक भविष्य को बनाने में शिक्षकों की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण होती है। वह शिक्षा को हथियार की तरह मानते थे जिसके बल बूते पर जीवन का हर संघर्ष लड़ा जा सकता है।

अपने जीवन काल में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने विभिन्न विद्यालयों और विश्वविद्यालयों में अध्यापन का कार्य किया। इतना ही नही वह बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के कुलपति भी नियुक्त किए गए और आगे चलकर भारत के पहले उपराष्ट्रपति बने।

भले ही शिक्षक दिवस की शुरुआत डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी के योगदान के सम्मान में हुई थी लेकिन यह आज भी हमारे शिक्षकों को सम्मान के रूप में समर्पित है।

शिक्षक एक मोमबत्ती की तरह होता है जो खुद जलकर दूसरों को रोशनी देता है। शिक्षा के अभाव में जीवन निरर्थक हो जाता है। एक शिक्षक शिक्षा की आभा के माध्यम से हमारे जीवन में फैले हुए अज्ञान के अंधकार को दूर करता है और हमारे जीवन को सार्थक बनाता है।

सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी मानते थे कि शिक्षक ही देश के भविष्य का निर्माण करता है क्योंकि वह देशभर के युवाओं को राष्ट्र को विकास की नई दिशा एवं गति देने के लिए प्रेरित करता है।

हमें अपने शिक्षकों का हृदय से सम्मान करना चाहिए एवं सदैव उनके प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करनी चाहिए।

शिक्षक दिवस पर छोटा निबंध 250 शब्दों में (Teachers Day Essay In Hindi 250 Words)

भारत में पांच सितंबर का दिन हर साल राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति तथा द्वितीय राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती भी होती है।

उनकी जयंती के उपलक्ष में ही भारत का यह राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाया जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि विश्व स्तर पर 5 अक्टूबर का दिन अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है लेकिन भारत में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने के लिए सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जयंती का दिन चुना गया।

दरअसल एक बार सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी ने अपने जन्मदिन मनाने के आग्रह पर छात्रों से कहा था कि अगर वह उनके जन्मदिन को सही तरीके से मनाना चाहते हैं और उन्हें कोई उपहार देना चाहते हैं तो 5 सितंबर का दिन शिक्षक दिवस के रूप में मनाए।

वह भारत के एक महान दार्शनिक दूरदर्शी नेता तथा आदर्श तथा उत्कृष्ट शिक्षक थे। जब उनका निधन हो गया तब उनकी जयंती का दिन उनके सम्मान में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।

शिक्षक दिवस का यह दिन शिक्षक और विद्यार्थी दोनों के लिए खास होता है। शिक्षक दिवस का एक दिन शिक्षकों को समर्पित होता है।

इस दिन देश भर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं खासकर स्कूल कॉलेज तथा विश्वविद्यालय में शिक्षक दिवस पर निबंध लेखन तथा भाषण प्रतियोगिता आदि का आयोजना किया जाता है।

शिक्षक दिवस का दिन शिक्षक को समर्पित होता है। शिक्षक की भूमिका हमारी भारतीय संस्कृति और हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है। एक तरफ जहां हमारी संस्कृति शिक्षकों को ईश्वर से भी महान बताती है तो वहीं दूसरी ओर शिक्षक हमारे जीवन का कायाकल्प भी करते हैं!

हमेशा देव शिक्षकों का आदर करना चाहिए एवं उनकी बात माननी चाहिए! आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!

आइये जानते हैं –

  • भारत   की   पहली महिला शिक्षिका – सावित्री बाई
  • कौन है भारत की प्रथम मुस्लिम महिला शिक्षिका
  • महान गणिज्ञ व वैज्ञानिक – सत्येंद्र नाथ बोस का जीवन परिचय

शिक्षक दिवस (टीचर्स डे) पर कविता शायरी (Shayari On Teacher’s Day Poem in Hindi)

कविता 1 – ईश्वर से बढ़कर महान है गुरु।, कविता 2 – बिन गुरु शिक्षा होत न ज्ञान, शिक्षक दिवस पर अनमोल वचन (quotes on teachers day hindi).

  • छात्रों के जीवन में शिक्षक की भूमिका एक कुम्हार की तरह होती, जो अबोध छात्रों को गढ़ कर, उन्हें ज्ञान की आंच पर पका कर ज्ञानी और विद्वान बनाता है।
  • शिक्षक जीवन के ध्येय को साधने के सारे उपाय बताता है।
  • जरूरी नहीं है कि जीवन में शिक्षक कोई व्यक्ति ही हो, कई बार परिस्थितियां, घटनाएं और समय भी शिक्षक की भूमिका निभाते हैं। जो हमें जीवन की वास्तविकता बताकर सही मार्ग दिखाते हैं।
  • हमारे जीवन में शिक्षा के सिद्धांतों की नींव डालते हैं जिन सिद्धांतों पर चलकर हम एक महान जीवन जीते हैं।
  • सनातन संस्कृति में गुरु और माता-पिता को ईश्वर से श्रेष्ठ बताया गया है।
  • बिना गुरू ज्ञान के ईश्वर से भेंट नहीं हो सकती। गुरू ही ईश्वर और मोक्ष तक जाने का मार्ग दिखाता है।
  • गुरु हमारे जीवन में ज्ञान रूपी प्रकाश भरकर जीवन के अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर देता है।
  • शिक्षक केवल वह व्यक्ति नहीं होता जो हमें किसी संस्था में पढ़ाता है बल्कि हर वह चीज जो हमें जीवन का पाठ पढ़ाती है जिससे हम बहुत कुछ सीखते हैं, वह हमारे गुरु के समान होती है।
  • शिक्षक एक ऐसा व्यक्तित्व है जो अपने अनुभवों को हमारे साथ साझा करता है, हमें एक नए दृष्टिकोण से आकलन करना सिखाता है तथा हमारी गलतियों से हमें प्रेरित होना सिखाता है।
  • जिस प्रकार ब्रह्मा को जीवन का रचयिता माना जाता है ठीक उसी प्रकार शिक्षक को नीति, ज्ञान और बुध्दि का रचयिता माना जाता है।

आज इस लेख के जरिए हमने आप को शिक्षक दिवस पर निबंध Essay On Teacher’s Day तथा शिक्षक दिवस पर कविता Poem On Teacher’s Day In Hindi परचर्चा की । उम्मीद करते हैं आपको यह आर्टिकल बेहद पसंद आया होगा।

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ताज़ा हवा और रोशनी के लिए

Teachers Day Essay in Hindi | शिक्षक दिवस निबंध

Teachers Day Essay in Hindi

टीचर्स डे या शिक्षक दिवस 5 सितंबर को भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के दिन मनाया जाता है. इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है.

हमारा इतिहास गवाह है की शिक्षक का पद सदियों से सबसे ऊपर रहा है। शिक्षक हर देश की तरक्की की पहली नीव है। एक अच्छा शिक्षक हमारे जीवन में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब बच्चा पैदा होता है तो उसकी सबसे पहली शिक्षक उसकी मां होती है। चाहे वह मां हो या स्कूल कॉलेज में मिले टीचर यह दोनों ही दुनिया के सबसे बड़े गुरु होते हैं। यह ना केवल हमें शिक्षा देते हैं बल्कि हमारे आने वाले कल को एक सुनहरे मोड़ पर भी ले जाते हैं। हमारे जीवन की हर एक तरक्की का पहला कदम इन से पूछ कर उठाया जाता है, क्योंकि एक शिक्षक कभी भी अपने विद्यार्थी का बुरा नहीं चाहता. वो बस यह चाहते हैं कि वह जीवन में जो भी कदम उठाएं वह उनके लिए अच्छा साबित हो।

एक अच्छे विद्यार्थी की यह निशानी होती है कि वह अपने गुरु के सभी आदेश माने और उन्हें सबसे ज्यादा इज्जत दे। जो इंसान अपने गुरु की इज्जत करना जानता है केवल वही इंसान सफलता में कभी मात नहीं खाता। अपने गुरु से शिक्षा लेना और उस शिक्षा को अच्छी जगह पर उपयोग करना यही होती है एक अच्छे विद्यार्थी की निशानी।

टीचर्स डे के उपलक्ष में हम यहाँ teachers day essay in hindi, shikshak diwas par nibandh (शिक्षक दिवस पर निबंध) लेकर आए हैं जो आप अपना स्कूल का काम पूरा करने या असाइनमेंट के लिए इन निबंधों का इस्तेमाल कर सकते हैं.

Short Essay on Teacher in Hindi | शिक्षक पर निबंध हिंदी में 300 Words

प्रस्तावना | hindi essay on teacher.

एक शिक्षक हमारे समाज का ऐसा कारीगर है जो उसे कण-कण जोड़कर हर रोज अपनी मेहनत से बनाता है। एक शिक्षक समाज को तब तक आकार देता है जब तक वह तरक्की की राह पर ना पहुंच जाए। और हर दिन अपनी उस मेहनत पर गर्व करता है। अपने शिष्य को तरक्की की ऊंचाइयों पर चमकता देखकर जो खुशी एक शिक्षक की आंखों में होती है, वह कई सालों तक की गई उनकी मेहनत के कारण होती है। अकसर विद्यार्थी अपने शिक्षक से डरते जरूर है परंतु हमेशा उनकी इज्जत और सम्मान पूरा करते हैं।

एक अच्छा शिक्षक ना केवल बच्चों को पढ़ाता है बल्कि बच्चों की मनोदशा को भी समझता है और उनसे बातचीत करके उनकी सभी परेशानियों का हल निकलता है। जब कोई बच्चा बिना डरे अपने शिक्षक से अपने दिल की सारी बातें कर सकें, इसका यह मतलब होता है कि उस शिक्षक ने अपने विद्यार्थी का दिल हर तरफ से जीत लिया है। ऐसे शिक्षक बहुत कम मिलते हैं जिनसे बच्चे खुलकर बात कर सकते हैं, परंतु जब हमें ऐसे शिक्षक मिलते हैं तब वह हमारी जिंदगी का सबसे अनमोल हिस्सा कहलाते हैं।

उपसंहार | टीचर्स डे निबंध

एक शिक्षक के ज्ञान और उसकी कला में ऐसी ताकत होती है जिससे वह पूरी दुनिया को बदल सकता है। कहने को तो लोग यह भी कहते हैं कि एक शिक्षक की नौकरी एक आम नौकरी जैसी है परंतु यह बात बहुत कम लोग महसूस कर पाते हैं कि हम सब को सफल बनाने वाला भी एक शिक्षक ही है। चाहे हमारे देश का प्रधानमंत्री हो क्या कोई बहुत अच्छा डॉक्टर हो सभी के सिर पर उनके शिक्षक का हाथ रहा है। आज हम जहां भी खड़े हैं हम केवल अपने शिक्षक के दम पर खड़े हैं।

यह हमेशा याद रखें कि गुरु का महत्व और गुरु का पद जीवन में सबसे ऊपर होता है। सदैव उनका आदर और सत्कार करते रहें तब ईश्वर भी आपकी तरक्की में आपका साथ देंगे।

Hindi Essay on Teacher | शिक्षक पर निबंध 500 Words

प्रस्तावना | teacher per nibandh.

हमारी इस धरती पर ईश्वर का सबसे बड़ा वरदान इस शिक्षक के रूप में धरती पर आया है। एक शिक्षक की वजह से पूरी दुनिया सकारात्मक बनती है और सभी को जीवन में कुछ बनने के लिए प्रेरित करती है। जो सीख एक शिक्षक देता है उसी सीख से दुनिया एक बेहतर रूप लेती जा रही है। शिक्षक नई सोच और नई उमंग का सबसे अच्छा जरिया होता है। सभी के जीवन में अच्छे शिक्षक का होना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना जिंदा रहने के लिए सांसे लेना जरूरी होता है।

शिक्षक हमें अहिंसा के ऊपर शिक्षा और कलम की ताकत को समझाता है। एक अच्छा शिक्षक लोगों को जीने का नजरिया देता है और हर उस रास्ते से अवगत कराता है जो तरक्की की ओर बढ़ता रहे। एक अच्छा शिक्षक कभी भी अपने विद्यार्थी को कोई गलत रास्ते पर चलने की सलाह नहीं देगा, और पूरी कोशिश करता रहेगा कि उनका विद्यार्थी हमेशा सच्चाई और अच्छाई की राह पर चलते हुए मेहनत करता रहे। चाहे कोई भी हो, हर सफल मनुष्य के पीछे उसके शिक्षक का हाथ जरूर होता है। यदि शिक्षक ना हो तो शिक्षा का हर रंग बेरंग हो जाता है।

गुरु केवल आपको शिक्षा नहीं देते बल्कि आपको एक अच्छा इंसान भी बनाते हैं। शिक्षक आपको केवल किताबी ज्ञान नहीं देता, क्योंकि पढ़ाई से बाहर भी एक दुनिया है उसका सामना करना सबको आना चाहिए। शिक्षक हमें दुनिया की सच्चाईयों से अवगत कराते हैं और उस दुनिया में हर बुराई से लड़ने की ताकत और समझ भी देते हैं। एक शिक्षक समाज पर अपनी अच्छाइयों की छाप छोड़ जाता है और अपने विद्यार्थी की जिंदगी को आसमान की हर उस ऊंचाई पर लेकर जाता है, यहां पहुंचने का सपना हम सभी देखते हैं।

शिक्षक का महत्व | Mera Priya Shikshak

एक शिक्षक इतना भरोसेमंद होता है कि जब एक बच्चा बहुत छोटा होता है तो उसकी मां उसकी अध्यापिका के भरोसे उसे स्कूल छोड़कर जाती है। क्योंकि वह जानते हैं कि इसका ख्याल जितना हम अपने घर में रखते हैं उतना ही ख्याल उसकी अध्यापिका स्कूल में रखेगी। केवल एक विद्यार्थी का ही नहीं बल्कि मां बाप को भी उनके शिक्षक से बहुत उम्मीदें होती हैं। अपने बच्चों की तरक्की की डोर मां बाप पूरे भरोसे के साथ उनके शिक्षक के हाथ में दे देते हैं। क्योंकि इतिहास गवाह है कि जब भी किसी शिक्षक ने अपने शिष्य का हाथ थाम कर उसे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया है, ऐसा विद्यार्थी कभी असफल नहीं हुआ है।

उपसंहार | Adarsh Shikshak Par Nibandh

शिक्षक ऐसे भी होते हैं जो किसी विद्यार्थी को जिंदगी भर याद रह जाते हैं। यह सच है कि सभी के जीवन में एक बार एक ऐसा शिक्षक जरूर आता है जो उन्हें सिर्फ पढाता नहीं बल्कि दुनिया भी दिखाता है। ऐसे शिक्षक को हम सभी जिंदगी भर याद रखते हैं। जब भी कहीं किसी अच्छे शिक्षक की बात होती है हम सभी के दिमाग में एक ऐसा शिक्षक का नाम जरूर आता है, जिसके बारे में सोच कर हमारी आंखों में चमक और चेहरे पर एक मुस्कान आती है। क्योंकि उनके जैसा शिक्षक दोबारा मिलना बहुत मुश्किल होता है। इसीलिए कहते हैं कि जब तक भी आपके गुरु आपके साथ हैं उन से भरपूर ज्ञान लें और जितना हो सके उतनी अच्छी बातें भी सीखें। गुरु के सुनहरे शब्द आपका जीवन बना सकते हैं।

Shikshak Diwas Par Nibandh | शिक्षक दिवस निबंध 1000 Words

प्रस्तावना | paragraph on teachers day in hindi.

शिक्षक चाहे कोई भी हो, कहीं भी हो या किसी भी विषय का हो, यह सभी हमारी तरफ से पूरी इज्जत और सम्मान के हकदार हैं, क्योंकि इन्होंने अपने परिवार और अपनी जरूरतों को किनारे रखकर हमेशा अपने विद्यार्थियों का साथ दिया है। शिक्षक स्वयं को और अपने परिवार को एक बार के लिए चाहे पीछे छोड़ दे परंतु अपने विद्यार्थियों को कभी पीछे नहीं छूटने देते। हर शिक्षक अपने आप से यह वादा करता है कि वह अपने शिष्य की तरक्की के लिए पूरी जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेते हैं, और जहां भी वह डट जाएंगे वहां उनका साथ देने के लिए हमेशा खड़े रहते हैं।

जब कोई विद्यार्थी सफल होता है उसकी सफलता का पूरा श्रेय उसके शिक्षक को जाता है, अपने विद्यार्थी की सफलता देखना एक शिक्षक के लिए उसके जीवन की सबसे बड़ी खुशी कहलाता है। जब कोई विद्यार्थी विजयी नहीं होता तब सबसे ज्यादा दुख उसके शिक्षक को ही होता है, किन्तु एक शिक्षक में ऐसी ताकत होती है कि वह स्वयं तो उठ खड़े होते हैं और अपने विद्यार्थी को भी उठाते हैं। अपने विद्यार्थियों को फिर से आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं और उनकी ताकत बनकर उनके पीछे खड़े रहते हैं। एक अच्छा शिक्षक कभी भी अपने विद्यार्थी को हार मानने की सलाह नहीं देता। निराशा चाहे हजार बार ही क्यों ना सामने आए परंतु एक शिक्षक उस निराशा को हटाने के लिए लाखों बार मेहनत करने को भी डटकर तैयार खड़े रहते हैं।

स्वयं को खुशनसीब समझिए यदि आपके जीवन में भी कोई ऐसा शिक्षक है जिन्होंने आपके जीवन की दशा पूरी तरह से बदल कर रख दी। अच्छे शिक्षक हमें पढ़ाने के लिए जो भी चीजें लगती है उनके लिए हमेशा तैयार खड़े रहते हैं, और हमें सिखाई जाने वाली चीजें तब तक हमें सिखाते हैं जब तक हम उन्हें अच्छे से समझ नहीं जाते। कभी कभी तो ऐसा लगता है कि जैसे गुरु में कोई दिव्य शक्तियां हैं, ना ही वो कभी थकते हैं और ना ही कभी हार मानते हैं।

महत्व | Teachers Day Essay in Hindi

अगर कभी आपको ऐसा लगता है कि आपका शिक्षक आपको बहुत ज्यादा काम देता है या आपको कठिनाइयों से गुजरने के लिए कहते हैं। अपने शिक्षक की ऐसी बातों का कभी बुरा ना माने क्योंकि आपको ऐसी परिस्थिति में डालकर आपका शिक्षक केवल आपको हर चुनौती के लिए तैयार करना चाहता है। चुनौतियों से लड़ने के लिए जो शक्ति चाहिए होती है उसके लिए आपका शिक्षक आपको कठिन स्थिति में डाल देता है। उनके दिए गए हर काम भी इज्जत करें और उसे पूरा करें।

एक विद्यार्थी की मदद करने के लिए शिक्षक किसी भी हद तक चले जाते हैं। केवल कक्षा के अंदर ही नहीं बल्कि आपको जीवन का ज्ञान भी देते हैं। दुनिया में जीना सिखाते हैं और किस तरह आगे बढ़ना है उन सभी रास्तों से आपको परिचित करवाते हैं। शिक्षक एक सीढ़ी है जिस पर आप अंधा भरोसा कर सकते हैं, क्योंकि कोई भी शिक्षक कभी अपने विद्यार्थी का बुरा नहीं चाहते, अपने हर एक विद्यार्थी को तरक्की करते हुए देखना उनका परम सपना होता है।

एक अध्यापक होना दुनिया का सबसे मुश्किल काम होता है। एक अच्छा गुरु इस बात का उदाहरण है कि किस तरह आप एक जूनून रखने वाले व्यक्ति बन सकते हैं। इतिहास गवाह है कि एक अच्छे गुरु की इज्जत एक विद्यार्थी किस तरह करता है। गुरु का दर्जा इतना ऊपर होता है कि एक विद्यार्थी अपने गुरु के लिए कुछ भी कर सकता है। भारत के इतिहास में यह बात लिखी गई है कि एकलव्य ने द्रोणाचार्य से यह वादा किया था कि वह गुरुदक्षिणा में जो भी मांगेंगे एकलव्य उन्हें वह अवश्य देगा।

गुरुदक्षिणा लेने का समय आया तब द्रोणाचार्य ने एकलव्य से ऐसा कहा कि वह अपना दाएं हाथ का अंगूठा काटकर उन्हें दे दे। एकलव्य के दिल में अपने गुरु के लिए इतना इज्जत और सम्मान भरा था कि उन्होंने हंसते-हंसते अपना एक अंगूठा काटकर द्रोणाचार्य के लिए गुरु दक्षिणा के रूप में दे दिया। एकलव्य और द्रोणाचार्य यह दोनों ही एक अच्छे शिक्षक और एक अच्छे शिष्य के बहुत बड़े उदाहरण है। अपने गुरु की इज्जत और आदेश का पालन करने की कला आपको किसी-से सीखनी है तो उसका सबसे अच्छा और बड़ा उदाहरण एकलव्य का है।

उपसंहार | Hindi Essay on Teacher

आप अपना गुरु चाहे किसी को भी मानते हों, फिर चाहे वह आप को जन्म देने वाली आपकी मां हो, विद्यालय में मिली आप की अध्यापिका यह दोनों ही साक्षात शिक्षक के रूप में भगवान का रूप होते हैं। माना की सफलता के लिए कड़ी मेहनत और लगन बहुत जरूरी होती है, परन्तु इन दोनों चीजों के साथ-साथ अपने गुरु का आशीर्वाद भी बहुत जरूरी होता है। उस आशीर्वाद से भी बढ़कर यह जरूरी है कि जब तक आप अपने गुरु की शरण में हैं और उसके बाद भी कभी अपने गुरु की इज्जत करना ना भूलें। एक गुरु ही तो है जिन्होंने आपको इस लायक बनाया कि आज आप सफलता की सीढ़ियों पर खड़े हैं। हमेशा अपने गुरु के आभारी रहें।

आशा करते हैं की आपको हमरा यह Teachers Day Essay in Hindi, शिक्षक दिवस निबंध लेख आपको पसंद आया होगा. नीचे टिप्पणी करके हमने इसके बारे में जरुरु बताएं. और अगर आपको यह टीचर्स डे निबंध पसंद आए तो अपने दोस्तों के साथ शेयर भी जरुर करें.

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Editorial Team

Editorial Team

One response.

निबंध आर्टिकल पढ़कर मुझे मेरे बचपन की याद आ गया। काश उस टाइम में इंटरनेट का दौर होता तो हमें इतना मुसीबतों का सामना नहीं पड़ता और हम आसानी से निबंध लिखकर हमारी टीचर को दिखा देते हैं।

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Essay On Teacher’s Day In Hindi)

Essay On Teacher’s Day In Hindi

In this Article

शिक्षक दिवस पर 10 लाइन का निबंध (10 Lines On Teacher’s Day In Hindi)

शिक्षक दिवस पर निबंध 200-300 शब्दों मे (short essay on teacher’s day in hindi 200-300 words), शिक्षक दिवस पर निबंध 400-600 शब्दों में (essay on teacher’s day in hindi 400-600 words), शिक्षक दिवस के बारे मेंं रोचक तथ्य (interesting facts about teacher’s day in hindi), अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (faqs), शिक्षक दिवस के इस निबंध से हमेंं क्या सीख मिलती है (what will your child learn from a teacher’s day essay).

गुरु ही माँ-बाप का दूसरा रूप है। हमारे जीवन में ऐसे कम ही लोग होते हैं जो निःस्वार्थ भाव से हमें कुछ दे और बदले में आपसे कोई अपेक्षा न रखे – हमारे शिक्षक उसी श्रेणी में आते हैं। ज्ञान जो किसी भी व्यक्ति के विकास और उसकी प्रगति के लिए जरूरी है उसे देने के लिए शिक्षक अपना सारा जीवन समर्पित कर देता है और जब उनका पढ़ाया हुआ कोई बच्चा नाम रोशन करता है तो वो इसमें अपनी जीत समझते हैं। एक शिक्षक ही होते हैं, जो आपको आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं। गुरु-शिष्य का रिश्ता भारत की संस्कृति का एक महत्वपूर्ण रिश्ता रहा है। माता-पिता हमेंं इस दुनिया में लाते हैं और शिक्षक हमें जीने का सलीका सिखाते हैं। शिक्षक वो होते जिनकी जरूरत हमेंं जीवन के हर मोड़ पर पड़ती है और यह हमेशा ही अपने छात्रों का भला चाहते और हर कठिन परिस्थितियों में उनका मार्गदर्शन करते हैं। ऐसे में शिक्षक जैसे महान व्यक्तित्व का सम्मान और उनका आभार जितना व्यक्त किया जाए उतना कम है।

शिक्षकों के सम्मान के लिए 5 सितंबर को पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। जिसका इतिहास यह है कि भारत के पहले उपराष्ट्रपति व दूसरे राष्ट्रपति जिन्हे एक बेहतरीन शिक्षक के रूप में जाना जाता है, उन्हीं के जन्मदिवस पर पूरे भारत में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। जी हाँ! हम बात कर कर रहे हैं डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी की जिन्होंने अपने 40 वर्ष शिक्षक के रूप में दिए और शिक्षा के क्षेत्र में उनका यह योगदान देखते हुए उनके जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। यह दिन उन हर एक शिक्षकों को समर्पित है, जिन्होंने पूरी ईमानदारी से अपना कर्तव्य निभाया।

शिक्षक दिवस पर 10 लाइन के छोटे और आसान वाक्य का निबंध लिखने के लिए लेख को पढ़ना जारी रखें।

  • भारत में हर साल शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है।
  • देश के प्रथम उपराष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की याद में शिक्षक दिवस मनाते है।
  • डॉ.राधाकृष्णन ने अपने जन्म दिवस पर शिक्षकों का सम्मान देने के लिए शिक्षक दिवस की शुरुआत की थी।
  • इस दिन छात्र शिक्षकों के प्रति सम्मान और आभार व्यक्त करते हैं।
  • स्कूल, कॉलेज में इस दिन को बड़े ही धूम से मनाया जाता है।
  • शिक्षक दिवस हमारे जीवन में शिक्षकों के महत्त्व को दर्शाता है।
  • शिक्षक हमेंं जीवन में बेहतर करने और आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं।
  • इस दिन छात्र अपने पसंदीदा शिक्षक को तोहफे देते हैं।
  • इस दिन सभी बच्चे शिक्षकों का मनोरंजन करते हैं।
  • शिक्षक दिवस हम सभी बच्चों के लिए बहुत खास दिन होता है।

शिक्षक दिन पर निबंध 200-300 शब्दों में अगर एक शार्ट पैराग्राफ तैयार करना हो या हिंदी में शार्ट एस्से लिखना हो तो नीचे दिए निबंध की मदद ले सकते हैं। आइए देखते हैं:

शिक्षकों के सम्मान और उनकी महत्वता बताते के लिए और उनके प्रति आभार व्यक्त करने के लिए भारत में हर साल 5 सितंबर वाले दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है। इस दिन देश के सर्वप्रिय शिक्षक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था, जो देश के पूर्व राष्ट्रपति भी रहे हैं। पूरा देश उनकी याद में और अन्य शिक्षकों के सम्मान के लिए शिक्षक दिवस मनाता है। यह एक ऐसा दिन है जिसमे छात्र अपने शिक्षक द्वारा किए गए संघर्षों, मेहनत और लगन का सम्मान करते हुए अपना आभार व्यक्त करता है। यह बात हर कोई जानता है जीवन के किसी भी पड़ाव या फिर क्षेत्र में शिक्षक का होना महत्वपूर्ण होता है और बिना उनके किसी भी चीज को सीखना और समझना आसान नहीं है। शिक्षक हमारे जीवन का वो अहम हिस्सा है, जिसको हम भले ही अनदेखा कर दें लेकिन वो कभी भी अपने विद्याथियों को अनदेखा नहीं करते हैं। शिक्षक दिवस के दिन स्कूल और कॉलेज में बड़ी धूम मचती है और इस दिन शिक्षक सिर्फ आराम करते हैं। बच्चे अपने प्रिय शिक्षकों के लिए तोहफे लाते हैं, कुछ हाथ से बनाते हैं तो कुछ उनके सम्मान में फूल देते हैं। शिक्षक दिवस का तात्पर्य सिर्फ इतना है कि वह हमेंं अहसास दिलाता है की जिंदगी में आप जितने भी आगे चले जाओ या फिर कामयाब हो लेकिन अपनी शिक्षक द्वारा की गई आप मेहनत को कभी भी भुलाना नहीं चाहिए। भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया भर के अलग-अलग देश अपना शिक्षक दिवस मनाता है।

Short Essay on Teacher’s Day in Hindi

हमने शिक्षक दिवस को लिखते समय बहुत की आसान भाषा का इस्तेमाल किया है, जिससे कि छात्रों को इस निबंध को पढ़ने या याद करने में मुश्किल न हो। यदि शिक्षक दिवस पर आपको एक लॉन्ग एस्से लिखना है तो नीचे हमारे द्वारा लिखे गए 400-600 शब्दों वाले निबंध को पढ़ें और अपने रचनात्मक तरीके से बेहतरीन निबंध लिखें।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why is Teacher’s Day Celebrated?)

भारत में साल 1962 से 5 सितंबर को शिक्षक दिन मनाया जाता है। यह हर साल हमरे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के मौके पर मनाया जाता है। इस दिन राधाकृष्णन जी ने अपने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी और उसके बाद से हर साल उनके सम्मान में उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाने लगा। साथ ही देश भर के तमाम शिक्षकों द्वारा समाज में किए गए अमूल्य योगदान के लिए उन्हें सम्मान देने के लिए भी मनाया जाता है।

स्कूल में शिक्षक दिवस कैसे मनाते हैं? (How Teacher’s Day Is Celebrated In School?)

प्रत्येक साल शिक्षक दिवस स्कूलों में बड़े ही जोश और धूमधाम से मनाया जाता है। यह दिन शिक्षकों के दिन इसलिए खास होता है क्योंकि वह पूरा साल छात्रों पर मेहनत करते हैं और उन्हें एक दिन आराम दिया जाता है, साथ ही उनके मनोरंजन का पूरा आयोजन होता है। वैसे तो हर विद्यालय का शिक्षक दिवस मानाने का अपना-अपना तरीका होता है। इस दिन बच्चे अपने शिक्षक के लिए कक्षा को सजाते हैं और अपने पसंदीदा टीचर के लिए उपहार भी लाते हैं। सबसे पहले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की पूजा की जाती है और उसके बाद आयोजित कार्यक्रम शुरू किए जाते हैं। छोटी कक्षा के छात्रों के साथ शिक्षक क्लास में ही गेम, अंताक्षरी आदि खेलते हैं और छोटे बच्चे अपने टीचर के लिए फूल, चॉकलेट उपहार में लेकर जाते हैं। वहीँ बड़ी क्लास के बच्चे शिक्षकों के लिए बड़े स्तर पर कार्यक्रम आयोजित करते हैं। कुछ बच्चे अपनी टीचर की एक्टिंग करते हैं तो कुछ उनके लिए डांस और नाटक का आयोजन करते हैं, शिक्षक इन नाटकों को देखने के लिए उत्सुक होते हैं। बाद में विद्यालय के सभी शिक्षकों को प्रधानाचार्य द्वारा सम्मानित अवार्ड दिया जाता है। आखिर में छात्र अपनी कक्षा में शिक्षक के लिए केक काटते हैं और स्वादिष्ट नाश्ते का आनंद उठाते हैं। इस दिन एक शिक्षक और छात्र के बीच असीम प्रेम होता है।

शिक्षक दिवस का महत्व (Importance Of Teacher’s Day)

शिक्षक दिवस भारत में हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है। इस दिन देश भर के सभी शिक्षकों का सम्मान किया जाता है और उनके प्रति आभार व्यक्त करते हैं। इस दिन का शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों के लिए भी महत्व अधिक होता है। शिक्षक दिवस छात्रों के लिए अपने शिक्षक के प्रति एक सम्मानित भाव पैदा कराता है। शिक्षक अपने छात्रों को काबिल बनाते हैं और उनके चरित्र का बेहतर तरीके से निर्माण भी करता है। विद्यार्थियों को एक कामयाब और अच्छा इंसान बनाने में शिक्षक अहम भूमिका निभाते हैं। एक शिक्षक ही बच्चे को सही दिशा दिखाते हैं। शिक्षकों से आगे बढ़ने की प्रेरणा कभी प्यार से मिलती है तो कभी डांट भी खानी पड़ती है। विद्यार्थी के गलत होने पर शिक्षक उसे उसकी गलती का अहसास दिलाने का प्रयास करते हैं। बच्चे इनकी देख-रेख में एक अच्छे छात्र और नेक इंसान बनते हैं। शिक्षक के बिना जीवन में किसी भी क्षेत्र में सफलता पाना नामुमकिन है। छात्र के उज्जवल भविष्य के पीछे हमेशा से एक अच्छे शिक्षक का हाथ रहा है और बच्चा पढ़ाई में अच्छा हो या कमजोर दोनों का ही आत्मविश्वास बढ़ाते हैं।

  • शिक्षक दिवस दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है।
  • यूनेस्को ने 5 अक्टूबर को विश्व शिक्षक दिवस घोषित किया था और साल 1994 से मनाया जा रहा है।
  • थाईलैंड में 16 जनवरी को शिक्षक दिवस मनाते हैं।
  • शिक्षक दिवस के दिन स्कूल, कॉलेज आदि में डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की फोटो लगाकर उन्हें याद करते हैं।

1. भारत में शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर को मनाया जाता है।

2. विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

विश्व स्तर पर शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर को मनाया जाता है।

3. हर साल 5 सितंबर को शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार कौन देता है?

हर साल 5 सितंबर को भारत के राष्ट्रपति शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार देकर सम्मानित करते हैं।

4. भारत में पहला शिक्षक दिवस कब मनाया गया था?

भारत में पहला शिक्षक दिवस 5 सितंबर 1962 में मनाया गया था।

5. डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन कौन थे?

भारत के पहले उपराष्ट्रपति व दूसरे राष्ट्रपति थे जो एक बहुत अच्छे शिक्षक थे और बच्चों में बहुत प्रिय थे।

इस निबंध से आपके बच्चे को अपने शिक्षकों का महत्व समझ आएगा। वो जानेगा कि न केवल शिक्षक दिवस पर बल्कि आम दिनों में भी उन्हें अपने टीचर का आभार व्यक्त करना चाहिए। यह निबंध आपके बच्चे को शिक्षक दिवस के बारे में अच्छी जानकारी देता है और अलग-अलग शब्द सीमा के अनुसार कैसे एक अच्छा लेख लिख सकते हैं यह भी सीखने को मिलता है।

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Essay on Teacher Day in Hindi | शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में

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शिक्षक को समाज का शिल्पकार भी कहा जाता है। शिक्षक की वजह से हम अच्छे बुरे का ज्ञान हासिल कर पाते है। हमारे जीवन मे माता-पिता के बाद को सच्चा हितैषी है तो वह शिक्षक ही है। Essay on Teacher Day in Hindi  में आज हम शिक्षक के महत्व के बारे में जानेंगे।

शिक्षक दिवस में निबंध और शिक्षक दिवस पर भाषण (Speech On Teachers Day In hindi) की तलाश कई Students को रहती है।

तो आज हम आपके लिए Speech और Essay दोनों लेकर आए हैं। Essay on Teacher Day in Hindi  को आसान भाषा मे लिखा गया है, ताकि समझने और याद करने में आसानी रहे।

Table of Contents

5 lines On Teachers Day for Kid – शिक्षक दिवस के अवसर पर बच्चों के लिए 5 लाइन.

  • 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • इस दिन विद्यार्थी शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान दिखाते हैं।
  • विद्यार्थियों के द्वारा गाने, नाटक और नृत्य का आयोजन किया जाता है।
  • पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का आज के दिन जन्म हुआ था।
  • डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन भी एक अध्यापक थे, जिन्होंने 40 वर्षों तक अलग-अलग कॉलेजों में अध्यापन किया है।

Essay on Teacher Day in Hindi – शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (200 Words)

गुमनामी के अंधेरे में था,पहचान बना दिया दुनिया के गम से मुझे अनजान बना दिया उनकी ऐसी कृपा हुई, गुरु ने मुझे एक अच्छा इंसान बना दिया।

लोग कहते हैं कि तकदीर गढ़ने वाले भगवान होते हैं लेकिन यदि खुली आंखों से भगवान को देखना चाहते हैं तो हमें शिक्षकों को देखना चाहिए क्योंकि हमारी असली तकदीर शिक्षक ही गढ़ते हैं।

गुरु की महिमा का बखान चंद शब्दों में करना बहुत ही मुश्किल है। इनके बारे में जितना भी लिखा जाए और कहा जाए वह सब कम है, क्योंकि आज दुनिया जैसी दिखती हैं उनमें गुरुओं का सबसे अहम योगदान है।

देश के शिक्षकों को समर्पित 5 सितंबर का दिन हमारे देश में बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।

5 सितंबर एक ऐसा दिन होता है जहाँ पर शिक्षक और एक विद्यार्थी के बीच विषयों से हटकर एक अलग तरह का संवाद होता है।

आमतौर पर विद्यार्थी अपने शिक्षकों से थोड़ा भयभीत रहते हैं लेकिन 5 सितंबर के दिन यह भय खत्म हो जाता है जब शिक्षक भी उनके साथ तरह तरह के कार्यक्रमों में भाग लेते हैं और उन्हें प्रोत्साहित करते हैं।

5 सितंबर के दिन ही हमारे देश के पूर्व राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ना सिर्फ एक बहुत अच्छे राष्ट्रपति थे जिनको हमारा देश हमेशा याद रखता है बल्कि वो एक ऐसे शिक्षक थे जिनकी कक्षा लेने के लिए विद्यार्थी आतुर रहते थे।

इन्हीं के जन्म दिवस के उपलक्ष पर भारत में हमेशा 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

Essay on Teacher Day in Hindi – शिक्षक दिवस पर निबंध हिंदी में (500 Words)

Introduction – प्रस्तावना

शिक्षकों का समाज के प्रति जो योगदान है उसके लिए कृतज्ञता जताने के लिए हर देश में शिक्षक दिवस विशेष तौर पर मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस मनाने का विचार नया नहीं है बल्कि यह 19वीं शताब्दी से चला आ रहा है। शुरुआती दौर में शिक्षक की किसी विशेष उपलब्धि पर पूरा सम्मान दिया जाता था, लेकिन धीरे-धीरे हर देश ने यह समझा की शिक्षकों का सम्मान किया जाना कितना जरूरी है और फिर दुनिया के हर एक देश ने शिक्षक दिवस मनाना शुरू किया।

भारत में शिक्षक दिवस 5 सितंबर के दिन मनाया जाता है। इसी दिन हमारे देश के द्वितीय राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था, जबकि दुनिया के दूसरे देशों में शिक्षक दिवस 5 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है।

Importance of Teachers day – शिक्षक दिवस का महत्व

भारत में हमेशा ही गुरुओं को एक ऊंचा दर्जा दिया गया है और यह बताया गया है कि गुरु का महत्व ईश्वर से भी ज्यादा है। हमारे देश में गुरुओं को बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है।

गुरुओं के सम्मान के लिए वैसे तो हर दिन हैं लेकिन गुरु पूर्णिमा और शिक्षक दिवस विशेष तौर पर गुरुओं को समर्पित दिन है।

गुरु पूर्णिमा विशेष तौर पर शिक्षकों को समर्पित है साथ ही साथ ऐसे गुरुओं को समर्पित है जो हमारी आध्यात्मिक प्रगति में मदद करते हैं।

गुरु पूर्णिमा का संबंध वेदव्यास से है जो कि महाभारत,वेद, पुराण जैसे ऐतिहासिक लेखों के रचयिता थे। गुरु पूर्णिमा आषाढ़ मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।

वहीं शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष 5 सितंबर के दिन मनाया जाता है। इसी दिन हमारे पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।

उनके राष्ट्रपति बनने के बाद कुछ विद्यार्थियों और मित्रों ने उनका जन्म दिवस मनाने की कोशिश की तब इस मौके पर उन्होंने कहा था कि उन्हें इस बात की बहुत खुशी होगी यदि 5 सितंबर के दिन देश के हर एक शिक्षक को याद किया जाए और उन्हें सम्मानित किया जाए क्योंकि समाज में उनका योगदान बहुत बड़ा है। तभी से 5 सितंबर के दिन शिक्षक दिवस मनाया जाने लगा है।

International Teachers Day – अंतरराष्ट्रीय शिक्षक दिवस

विश्व शिक्षक दिवस या अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस प्रतिवर्ष 5 अक्टूबर के दिन मनाया जाता है। 5 अक्टूबर के दिन अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने की घोषणा 5 अक्टूबर 1966 को पेरिस में हुई थी इसको इसकी घोषणा करने वाला यूनेस्को था।

अंतर्राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाने के पीछे की मूल भावना यह थी कि शिक्षकों को उचित सम्मान मिले। शिक्षकों का योगदान समाज में बहुत ज्यादा है लेकिन उन्हें इस योगदान के लिए उतना सम्मानित नहीं मिलता था, जितने सम्मान के वह हकदार है।

How do you celebrate Teachers’ Day in India? भारत मे शिक्षक दिवस कैसे मनाते हैं?

शिक्षक दिवस के दिन पढ़ाई से संबंधित कोई कार्य नहीं होते बल्कि उसकी जगह विद्यार्थी अपने शिक्षकों के लिए चित्र बनाते हैं कविताएँ सुनाते हैं और उनके बारे में भाषण देते हैं।

भारत में शिक्षक दिवस को बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। 5 सितंबर के दिन सभी विद्यार्थी एवं शिक्षक विद्यालय आते हैं, लेकिन इस दिन कोई भी कक्षाएँ नहीं लगती हैं, बल्कि इसकी जगह पर कई सांस्कृतिक एवं रचनात्मक गतिविधियां होती है।

जैसे कई विद्यार्थी चित्रकारी के माध्यम से शिक्षकों के प्रति अपना सम्मान दिखाते हैं, वहीं कुछ भाषण के जरिए शिक्षकों के महत्व का बखान करते हैं। कुछ शिक्षकों के सामने कविता प्रस्तुत कर उनका मनोरंजन करते हैं तो कुछ गाने एवं नृत्य के साथ शिक्षकों का मनोरंजन करते हैं।

विद्यार्थियों के कार्यक्रम खत्म हो जाने के बाद शिक्षक भी अपने विद्यार्थियों को शिक्षक दिवस की प्रस्तुति के लिए उन्हें शाबाशी देते हैं और भाषण के माध्यम से उन्हें अच्छे भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी देते हैं।

Importance Of Teachers in Our Life – शिक्षकों का हमारे जीवन मे महत्व

हमारे जीवन मे शिक्षकों का बहुत ज्यादा है। शिक्षक पृथ्वी पर मौजूद भगवान ही है। ये इतने महत्वपूर्ण है, इसीलिए इन्हें भगवान का दर्जा मिला है।

जब बोलना सीख ही रहे होते हैं, हाथ कलम का बोझ उठाने के लायक मजबूत भी नही हो पाते हैं उस वक़्त एक शिक्षक ही हमारा हाथ पकड़कर पहला अक्षर लिखवाता है।

शिक्षक को भी थकान होती होगी लेकिन फिर भी वह अपना काम पूरी जिम्मेदारी से करते हैं। यदि वो अपने काम मे लापरवाही करने लगें तो बच्चों का बेशकीमती बचपन जिसमें सीखने की शक्ति सबसे ज्यादा होती है, वह बर्बाद चला जाएगा।

इसके बाद जब हम थोड़ा बड़े होते हैं, तो गणित, विज्ञान, इतिहास, भूगोल आदि की पहली समझ हमें शिक्षक ही देते है।

यही से हमें अपनी रुचि पता चलती है। जिस विषय मे रुचि होती है फिर आगे की पढ़ाई उसी विषय मे करते हैं। वहाँ पर भी शिक्षक ही पढ़ाते हैं। इसी शिक्षा के आधार पर ही हमारी नौकरी लगती है।

यानी शिक्षक बचपन मे हमारी उंगली पकड़ते हैं और तब तक नही छोड़ते है जब तक हम कुछ बनकर अपने पैरों पर खड़े नही हो जाते।

Conclusion – उपसंहार

हम सब यह भलीभांति जानते हैं कि शिक्षक हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए खूब मेहनत करते हैं। हालांकि यह उनका पेशा है लेकिन वो सिर्फ इस वजह से काम नही करते बल्कि उनका मकसद होता है अच्छे और योग्य इंसान बनाना। इसलिए आज हम जिस भी मुकाम पर है एक बार पीछे मुड़कर सभी शिक्षकों को दिल से धन्यवाद जरूर कहना चाहिए।

Welcome Speech for Teachers Day – शिक्षक दिवस पर स्वागत भाषण.

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, उप प्रधानाचार्य महोदय एवं यहां उपस्थित सभी शिक्षकगण और मेरे प्यारे साथियों।

आज हम सब यहाँ शिक्षक दिवस की एक अनुपम बेला को आनंदमय तरीके से मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं।

जैसा कि आपको पता ही है कि आज 5 सितंबर का दिन है और आज के दिन ही हमारे दूसरे राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।

डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन की बहुत तीव्र इच्छा थी कि उनके जन्मदिवस के दिन सिर्फ उन्हें न याद करके बल्कि देश के समस्त शिक्षकों को याद किया जाए। इसी वजह से यह दिन शिक्षक दिवस के रूप में पूरे देश में उत्साह पूर्वक मनाया जाता है।

सच कहूं तो हम बहुत सौभाग्यशाली हैं जो हमें आप जैसे मूल्यवान शिक्षक मिले जो ना सिर्फ हमें विषयों का ज्ञान देते हैं बल्कि नैतिकता और मानवीय मूल्यों की भी पहचान कराते हैं।

आज मैं अपने सभी शिक्षकगण का तहे दिल से आभार व्यक्त करता हूं और चाहता हूं कि वह हमारा मार्गदर्शन इसी तरह से करते रहें और हमारे ऊपर उनका आशीर्वाद हमेशा बना रहे।

आज के इस पावनबेला पर हम विद्यार्थियों ने मिलकर आप सबके लिए कुछ विशेष तैयारियाँ की हैं जैसे किसी ने नृत्य, भाषण तो किसी ने एक अच्छा गीत तैयार किया है। हम सब आज मंच के माध्यम से आप सब के सम्मान में अपनी प्रस्तुति देने के लिए बहुत उत्साहित है।

हमारे शिक्षक कभी हमारे लिए नरम होते हैं तो कभी गर्म होते हैं हमारी नासमझी और गलतियों की हमें सजा भी देते हैं वहीं दूसरी तरफ हमें अच्छी चीजों की सीख भी देते हैं।

हमारे शिक्षक चाहते हैं कि हम अपने जीवन में एक अच्छे मुकाम पर हो। हम बच्चे हैं हो सकता है हम आज इस बात के महत्व नहीं समझ पा रहे हो लेकिन हमें इस बात पर पूरा भरोसा है कि हमारी शिक्षकों के आँख में पल रहा सपना कभी झूठा नहीं हो सकता।

कभी-कभी हम कक्षा में जरूरत से ज्यादा शरारत करने लगते हैं और यह सोचते हैं कि शिक्षकों को इस बारे में पता नहीं चलेगा लेकिन अब जाकर समझ आ रहा है कि यह हमारी सूझबूझ नहीं बल्कि शिक्षकों की सहनशीलता है जिसकी वजह से हमें कक्षा में थोड़ी शरारत करने का मौका मिलता है।

शिक्षक इस बात को भलीभांति समझते हैं कि एक विद्यार्थी को विकास करने के लिए किन-किन चीजों की जरूरत पड़ती है।

तभी तो समाज शिक्षक को एक मूर्तिकार भी कहते हैं जो निर्जीव मूर्ति नहीं बल्कि सजीव मूर्ति की रचना करते हैं और उन्हीं सजीव मूर्ति से समाज का निर्माण होता है।

मुझे आज भी वह दिन याद आता है जब मैं छठवीं कक्षा में था। मैं अपने विद्यालय में नया-नया था। मेरे अंदर कुछ आत्मविश्वास की कमी थी मैं पढ़ने में अच्छा था लेकिन आत्मविश्वास की कमी के चलते अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहा था।

तभी मेरे एक शिक्षक ने इस बात को भांप लिया और मुझे कक्षा में हमेशा आगे बैठने के लिए कहा उन्होंने ना सिर्फ मुझे बैठने के लिए कहा आप बल्कि मेरे लिए एक सीट ही सुनिश्चित कर दी।

कक्षा में सबसे आगे बैठने से मेरे अंदर आत्मविश्वास का जन्म हुआ और मैं खुद पर विश्वास करने लगा फिर उसका परिणाम यह हुआ कि मैं परीक्षा में अव्वल दर्जे से पास हुआ।

यह सिर्फ एक उदाहरण है। ऐसे अनेकों उदाहरण है जो यह बताते हैं कि शिक्षक एक सच्चे पारखी होते हैं। वह इस बात को भलीभांति समझते हैं कि किस विद्यार्थी को किन चीजों की जरूरत है।

फिर वह सब उस विद्यार्थी को उपलब्ध भी कराते हैं। आज के इस पावन अवसर पर मुझे कुछ बोलने का अवसर मिला इसके लिए मैं अपने शिक्षकों का तहे दिल से धन्यवाद व्यक्त करता हूं और एक दो लाइनों के साथ अपने शब्दों को विराम देता हूं कि

गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागै पाएं । बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दिओ बताए।।

अब मैं आदरणीय प्रधानाचार्य को मंच पर आमंत्रित करना चाहूंगा और वह मंच पर आकर मां सरस्वती के सामने रखे दीपक को प्रज्वलित करके आज के कार्यक्रम की शुरुआत करें।

Teachers Day Speech by Principal – प्रिंसिपल का शिक्षक दिवस पर भाषण

यहां उपस्थित सभी आदरणीय शिक्षकगण एवं मेरे प्यारे बच्चों.

सर्वप्रथम शिक्षक दिवस की इस पावनबेला पर भारत के द्वितीय राष्ट्रपति डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन को मैं नमन करता हूं और समाज के प्रति उनके कार्यों के लिए उनके प्रति सम्मान व्यक्त करता हूं।

आज यह देख करके बहुत खुशी हो रही है कि हमारे विद्यालय में पढ़ने वाले छात्र एवं छात्राएं कितने रचनात्मक कार्य कर सकते हैं। शिक्षक दिवस सिर्फ शिक्षकों के लिए नहीं है बल्कि शिक्षकों से ज्यादा यह छात्र एवं छात्राओं के लिए है, क्योंकि एक शिक्षक उतना ही अच्छा होता है जितने अच्छे उसके छात्र और छात्राएं होती हैं।

शिक्षक की पहचान उसके द्वारा पढ़ाएं गए विद्यार्थियों से ही होती है इसलिए यदि आप लोग अपने जीवन में अच्छा करेंगे तो हमारा सम्मान खुद ही बढ़ जाएगा।

जैसा कि आप सब यह जानते हैं कि शिक्षक दिवस डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस के दिन मनाया जाता है, क्योंकि वह एक शिक्षक थे अपने जीवन के आखिरी काल में जब उनसे यह पूछा गया कि आप एक राष्ट्रपति के रूप में याद किया जाना पसंद करेंगे या फिर एक शिक्षक के रूप में तब उन्होंने कहा था कि वह जीवनपर्यंत एक शिक्षक के रूप में याद किए जाना ज्यादा पसंद करेंगे।

बच्चों आप लोगों के भाषण, गायन और आप लोगों ने जो यहां पर कार्यक्रम प्रस्तुत किए हैं वह सब वाकई में सराहनीय है। हम सब मंच पर बैठकर आपके द्वारा किए गए इन सभी कार्यक्रम की प्रशंसा ही कर रहे थे।

बच्चों आप लोगों का रचनात्मक होना बहुत ज्यादा जरूरी है यदि आप लोग रचनात्मक रहेंगे तो भविष्य काफी सुरक्षित रहेगा, क्योंकि रचनात्मक लोगों में अच्छे निर्णय करने की क्षमता होती है।

वह किसी रूढ़िवादी एवं परंपरागत सोच के गुलाम नहीं होते हैं। वह अपने हर एक निर्णय में अच्छे से अच्छा करने की कोशिश करते हैं डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन भी एक ऐसे ही व्यक्तित्व थे।

इसलिए बच्चों आप सब अपनी रचनात्मकता को इसी तरह बरकरार रखिए और जब भी हमारे विद्यालय में कोई भी सांस्कृतिक कार्यक्रम होता है तो उसमें आप सब बढ़-चढ़कर हिस्सा लीजिए क्योंकि किताबों में लिखा हुआ ज्ञान लेना तो जरूरी है ही साथ ही साथ कुछ ज्ञान अनुभव के माध्यम से मिलता है वह सब भी आप लेने की कोशिश करिए।

और हमारा पूरा साथ आप लोगों के साथ है आप सब अपने जीवन में काफी उन्नति हासिल करें एक सफल व्यक्ति बने और समाज और देश का नाम रोशन करें आज के इस पावन बेला पर मैं बस आप सब लोगों के लिए यही दुआ करूंगाऔर अपने इन्हीं शब्दों के साथ में अपने शब्दों को विराम देता हूँ।

Poems On Teachers day in Hindi – हिंदी में शिक्षक दिवस पर कविताएँ

आदर्शों की मिसाल बनकर, बाल जीवन संवारता शिक्षक |

सदाबहार फूल-सा खिलकर, महकता और महकाता शिक्षक ||

नित नए प्रेरक आयाम लेकर हर पल भव्य बनाता शिक्षक |

संचित ज्ञान का धन हमें देकर, खुशियां खूब मनाता शिक्षक ||

पाप व लालच से डरने की, धार्मिक सीख सिखाता शिक्षक |

देश के लिए मर मिटने की, बलिदानी राह दिखाता शिक्षक ||

प्रकाशपुंज का आधार बनकर, कर्तव्य अपना निभाता शिक्षक |

प्रेम सरिता की बनकर धारा, नैया पार लगाता शिक्षक ||

Thank-you Poem For Teachers day in Hindi – हिंदी में शिक्षक दिवस के लिए धन्यवाद कविता

रोज सुबह मिलते है इनसे, क्या हमको करना है ये बतलाते है | ले के तस्वीरें इन्सानों की, सही गलत का भेद हमें ये बतलाते है | कभी ड़ांट तो कभी प्यार से, कितना कुछ हमको ये समझाते है । है भविष्य देश का जिन में , उनका सबका भविष्य ये बनाते है | है रगं कई इस जीवन में, रगों की दुनिया से पहचान, ये करवाते है । खो ना जाये भीड़ में कहीं हम, हम को हम से ही ये मिलवाते है । हार हार के फिर लड़ना ही जीत है सच्ची, ऐसा एहसास ये हमको करवाते है । कोशिश करते रहना हर पल, जीवन का अर्थ हमें ये बतलाते है । देते है नेक मज़िल भी हमें, राह भी बेहत्तर हमे ये दिखलाते है । देते है ज्ञान जीवन का, काम यही सब है इनका, ये शिक्षक कहलाते है, ये शिक्षक कहलाते है ||

Poem On Teacher’s Day – शिक्षक दिवस पर कविता

गुरु बिन ज्ञान नहीं गुरु बिन ज्ञान नहीं रे।अंधकार बस तब तक ही है, जब तक है दिनमान नहीं रे॥ मिले न गुरु का अगर सहारा, मिटे नहीं मन का अंधियारा लक्ष्य नहीं दिखलाई पड़ता, पग आगे रखते मन डरता। हो पाता है पूरा कोई भी अभियान नहीं रे। गुरु बिन ज्ञान नहीं रे॥ जब तक रहती गुरु से दूरी, होती मन की प्यास न पूरी। गुरु मन की पीड़ा हर लेते, दिव्य सरस जीवन कर देते। गुरु बिन जीवन होता ऐसा, जैसे प्राण नहीं, नहीं रे॥ भटकावों की राहें छोड़ें, गुरु चरणों से मन को जोड़ें। गुरु के निर्देशों को मानें, इनको सच्ची सम्पत्ति जानें। धन, बल, साधन, बुद्धि, ज्ञान का, कर अभिमान नहीं रे, गुरु बिन ज्ञान नहीं रे॥ गुरु से जब अनुदान मिलेंगे, अति पावन परिणाम मिलेंगे। टूटेंगे भवबन्धन सारे, खुल जायेंगे, प्रभु के द्वारे। क्या से क्या तुम बन जाओगे, तुमको ध्यान नहीं, नहीं रे॥

Quotes on Teachers Day in Hindi – शिक्षक दिवस पर प्रेरणादायी विचार.

गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः । गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

जो बनाए हमें अच्छा और सच्चा इंसान,दे सही-गलत की पहचान,उन शिक्षकों को कोटि-कोटि प्रणाम।

साक्षर हमें बनाते हैं

जीवन क्या है समझाते हैं

जब गिरते हैं हम हार कर तो साहस वही बढ़ाते हैं

ऐसे महान व्यक्ति ही शिक्षक कहलाते हैं।

गुरु की उर्जा सूर्य-सी, अम्बर-सा विस्तार,

गुरु की गरिमा से बड़ा, नहीं कहीं आकार।

गुरु का सद्सान्निध्य ही,जग में हैं उपहार,

प्रस्तर को क्षण-क्षण गढ़े, मूरत हो तैयार।

गुरु का महत्व कभी न होगा कम,

भले कर ले कितनी भी उन्नति हम,

वैसे तो हैं इंटरनेट पे हर प्रकार का ज्ञान,

पर अच्छे बुरे की नहीं हैं उसे पहचान।

शांति का पढ़ाया पाठ, अज्ञान का मिटाया अंधकार,गुरु ने सिखाया हमें नफरत पर विजय है प्यार!

Gumnami ke andhere me tha, Ek pehchaan bana diya, Duniya ke gum se mujhe, Unhone anjaan bana diya, Unki aisi kripa huyi ke, Guru ji ne mujhe ek achha, Insaan bana diya.

आपके कुछ प्रश्न.

भारत मे शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

5 सितंबर को देश मे शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

भारत मे शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है?

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस के दिन उनकी याद में मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस के दिन क्या करते हैं?

देश के सभी शिक्षकों को सम्मानित करते हैं।

शिक्षक दिवस 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है?

5 सितंबर 1888 को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था। उनकी इच्छा थी कि उनका जन्मदिन शिक्षकों को समर्पित हो।

विश्व शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है?

प्रतिवर्ष 5 अक्टूबर के दिन विश्व शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

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शिक्षक दिवस पर निबंध

Teachers Day Essay in Hindi

विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षक का एक विशेष स्थान होता है। राष्ट्र के भविष्य को सवारने में शिक्षको की महत्त्व भूमिका होती है, उनके की सहायता से एक आदर्श नागरिक का जन्म होता है।

5 सितंबर को हमारे देश में शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस मनाया जाता है, वहीं आज की युवा पीढी को शिक्षकों के महत्व को समझाने एवं गुरु-शिष्य के अनूठे रिश्ते की परंपरा को कायम रखने के लिए आजकल स्कूल-कॉलेजों में इस विषय पर निबंध प्रतियोगिता आयोजित करवाई जाती है, या फिर कई बार परीक्षा में इस दिवस पर निबंध लिखने के लिए कहा जाता है।

जीवन में शिक्षक के महत्त्व को समझने के लिए विभिन्न शब्दों एवं आसान और सरल शब्दों में हम यहाँ शिक्षक दिवस पर निबंध –  Teachers Day Essay  उपलब्ध कराने जा रहे है, जो आपके बच्चो और विद्यार्थियों के लिए विविध प्रतियोगिताओ में उपयोगी साबित हो सकते है।

Teachers Day Essay in Hindi

शिक्षक दिवस पर निबंध – Teachers Day Essay in Hindi

हमारी सफलता के पीछे हमारे शिक्षक का बहुत बड़ा हाथ होता है। हमारे माता-पिता की तरह ही हमारे शिक्षक के पास भी ढ़ेर सारी व्यक्तिगत समस्याएँ होती हैं लेकिन फिर भी वह इन सभी को भूलकर रोज स्कूल और कॉलेज आते हैं तथा अपनी जिम्मेदारी को अच्छी तरह से निभाते हैं।

कोई भी उनके बेशकीमती कार्य के लिये उन्हें धन्यवाद नहीं देता इसलिये एक विद्यार्थी के रुप में शिक्षकों के प्रति हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि कम से कम साल में एक बार उन्हें जरुर धन्यवाद दें।

शिक्षको के कार्य को समर्पित करते हुए 5 सितम्बर का दिन पुरे देश में शिक्षक दिवस के रूप मनाया जाता है। शिक्षकों को सम्मान देने और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिवस को याद करने के लिये हर साल इसे मनाया जाता है। देश के विकास और समाज में हमारे शिक्षकों के योगदान के साथ ही शिक्षक के पेशे की महानता को उल्लेखित करने के लिये हमारे पूर्व राष्ट्रपति के जन्मदिवस को समर्पित किया गया है।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक महान शिक्षक थे, जिन्होंने अपने जीवन के 40 वर्ष अध्यापन पेशे को दिए है। वे विद्यार्थियों के जीवन में शिक्षकों के योगदान और भूमिका के लिये प्रसिद्ध थे। इसलिये वे पहले व्यक्ति थे जिन्होंने शिक्षकों के बारे में सोचा और हर वर्ष 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाने का अनुरोध किया।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर 1888 को हुआ था और 1909 में चेन्नई के प्रेसिडेंसी कॉलेज में अध्यापन पेशे में प्रवेश करने के साथ ही दर्शनशास्त्र शिक्षक के रुप में अपने करियर की शुरुआत की।

उन्होंने देश में बनारस, चेन्नई, कोलकाता, मैसूर जैसे कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों तथा विदेशों में लंदन के ऑक्सफोर्ड जैसे विश्वविद्यालयों में दर्शनशास्त्र पढ़ाया है। अध्यापन पेशे के प्रति अपने समर्पण की वजह से उन्हें अपने बहुमूल्य सेवा की पहचान के लिये 1949 में विश्वविद्यालय छात्रवृत्ति कमीशन के अध्यक्ष के रुप में नियुक्त किया गया।

1962 से शिक्षक दिवस के रुप में 5 सितंबर को मनाने की शुरुआत हुई। अपने महान कार्यों से देश की लंबे समय तक सेवा करने के बाद 17 अप्रैल 1975 को उनका निधन हो गया।

शिक्षक विद्यार्थियो के जीवन के वास्तविकतः कुम्हार की तरह होते हैं, जो न सिर्फ हमारे जीवन को आकार देते हैं बल्कि हमें इस काबिल बनाते हैं कि हम पूरी दुनिया में अंधकार होने के बाद भी प्रकाश की तरह जलते रहें। इसी वजह से हमारा राष्ट्र ढ़ेर सारे प्रकाश के साथ प्रबुद्ध हो सकता है।

हमारे शिक्षक हमें शैक्षणिक दृष्टी से तो बेहतर बनाते ही हैं, साथ ही हमारे ज्ञान और विश्वास के स्तर को बढ़ाकर नैतिक रुप से भी हमें अच्छा बनाते है। जीवन में अच्छा करने के लिये वह हमें हर असंभव कार्य को संभव करने की प्रेरणा देते हैं। विद्यार्थी इस शिक्षक दिवस को बहुत उत्साह और खुशी के साथ मनाते है। विद्यार्थी अपने शिक्षकों को ग्रीटिंग कार्ड देकर बधाई भी देते हैं।

हमें पूरे दिल से ये प्रतिज्ञा करनी चाहिये कि हम अपने शिक्षक का सम्मान करेंगे क्योंकि बिना शिक्षक के इस दुनिया में हम सभी अधूरे हैं।

शिक्षक दिवस पर निबंध – Shikshak Par Nibandh

Shikshak Par Nibandh

प्रस्तावना-

शिक्षकों के सम्मान में एवं भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर 5 सितंबर को हर साल हमारे देश में धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

यह दिवस समाज में न सिर्फ शिक्षकों के महत्व को बताता है, बल्कि शिष्यों के ह्रद्य में अपने शिक्षक के प्रति आदर-भाव की भावना भी प्रकट करता है, क्योंकि गुरु ही अपने शिष्य के जीवन से अंधकार मिटाकर उसे ज्ञान के प्रकाश की तरफ ले जाते हैं, जिससे मनुष्य सफलता हासिल करता है।

गुरु के बिना ज्ञान संभव नहीं है और बिना ज्ञान के मनुष्य का जीवन निर्रथक होता है। वहीं गुरुओं की महिमा तो बड़े-बड़े कवियों ने भी अपने श्लोंकों के माध्यम से बताई है और शिक्षकों को इस समाज में भगवान के बराबर दर्जा दिया गया है।

“गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः। गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥

शिक्षक दिवस कब मनाया जाता है? – When is Teachers Day

हमारे भारत देश में गुरु-शिष्य के अनूठे रिश्ते के बारे में तो वेद-पुराणों में भी बताया गया है। वहीं शिक्षकों के सम्मान में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर हर साल 5 सितंबर को हमारे देश में शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

शिक्षक, राष्ट्र निर्माता होते हैं, अपनी ज्ञान की गंगा से शिष्यों के जीवन में अज्ञानता को दूर करते हैं साथ ही एक  सभ्य समाज एवं शिक्षित राष्ट्र का निर्माण करने में अपनी महत्वपूर्ण भागीदारी निभाते हैं।

इसलिए यह दिन शिक्षकों को समर्पित दिन है, वहीं इस दिन समाज में उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता है और देश के पूर्व राष्ट्रपति  डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को याद किया जाता हैं, क्योंकि उन्होंने अपना पूरा जीवन अध्यापन कार्य में समर्पित कर दिया था एवं समाज में शिक्षकों के महत्व को बताने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है? – Why is Teachers Day Celebrated

स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति एवं पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाते हैं। 5 सितंबर, 1888 सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था।

वे एक अच्छे राजनेता होने के साथ महान शिक्षकविद और अच्छे दार्शनिक भी थे, जिन्होंने अपने जीवन का अधिकांश समय समाज में शिक्षको के महत्व को बताने एवं शिक्षण कार्य की महानता को बताने में व्यतीत कर दिया था, एवं देश के विकास एवं उत्थान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी।

इसलिए उनके सम्मान में हर साल उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। उन्होंने राष्ट्रपति के तौर पर साल 1962 से 1967 तक राष्ट्र की सेवा की थी। आपको बता दें कि साल 1962 में  डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी को देश का राष्ट्रपति के रुप में नियुक्त किया गया था।

उसके बाद उनके द्धारा समाज में किए गए महान कामों  के लिए उनके सम्मान में लोगों ने  5 सितंबर के दिन को ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर मनाने का फैसला किया था।

लेकिन, हमेशा ही समाज में शिक्षकों के महत्व को बताने वाले राधाकृष्णन जी ने इसे मनाने से मना कर दिया और 5 सितंबर को उनकी जयंती को मनाने की बजाय ‘शिक्षक दिवस’ के रुप में मनाने की इच्छा जताई थी।

जिसके बाद से हर साल इस दिन को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाने लगा। 5 सितंबर, 1962 को हमारे देश में पहली बार शिक्षक दिवस मनाया गया था।

देश के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देने वाले डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी शिक्षकों का काफी सम्मान करते थे।

वे अपने जीवन में करीब 40 साल तक शैक्षणिक कार्य से जुड़े रहे। आपको बता दें कि राजनीती में आने से पहले उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी, कलकत्ता यूनिवर्सिटी, मैसूर यूनिवर्सिटी समेत कई शिक्षक संस्थानों में अध्यापक के तौर पर काम किया था। वे अपने छात्रों के पसंदीदा शिक्षक के रुप में जाने जाते थे।

वहीं उन्होंने अपने महान विचारों से लोगों को शिक्षकों के महत्व के बारे में जागरूक किया। इसके साथ ही राष्ट्र निर्माण में शिक्षकों के योगदान का उल्लेख किया। इसके साथ ही उन्होंने सभ्य एवं शिक्षित समाज का निर्माण करने वाले शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में अनुरोध किया था।

इसलिए उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है

शिक्षक दिवस कैसे मनाया जाता है? – How Is Teachers Day Celebrated

हमारे देश में 5 सितंबर को हर साल धूमधाम से शिक्षक दिवस मनाया जाता है। शिक्षक दिवस को लेकर बच्चे काफी उत्साहित रहते हैं, साथ ही अपने टीचर्स को सम्मानित करने एवं उन्हें स्पेशल महसूस करवाने के लिए विशेष तरह की तैयारियों में कई दिन पहले से ही जुट जाते हैं।

इस मौके पर स्कूल, कॉलेजों समेत अन्य शिक्षक संस्थानों में विशेष तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है साथ ही इस दिन समाज में उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों को सम्मानित भी किया जाता है।

शिक्षक दिवस का दिन हर  शिक्षक और छात्रों के लिए बेहद अहम दिन होता है, इस दिन शिक्षकों के महत्व को छात्रों को समझाने के लिए शिक्षक दिवस पर भाषण , निबंध लेखन समेत कई प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाता है।

इसके अलावा स्कूलों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में छात्र स्लोगन, कविता आदि के माध्यम से शिक्षकों के प्रति अपने भावना को प्रकट करते हैं साथ ही उनका आभार जताते हैं।

इस मौके पर कई छात्र अपने टीचर्स को गिफ्ट या फिर अपने हाथ से बनाया हुआ ग्रीटिंग कार्ड देकर भी इस दिन को खास मनाने की कोशिश करते हैं एवं अपने गुरु-शिष्य के रिश्तों की डोर को मजबूत करते हैं, साथ ही  भारत में गुरु शिष्य की अनूठी परंपरा को कायम करने का संकल्प लेते हैं।

गुरु-शिष्य का रिश्ता बेहद पवित्र एवं अनूठा रिश्ता होता है, जिसमें एक शिक्षक निस्वार्थ भाव से अपने शिष्यों को पढ़ाता है, और एक अभिभावक की तरह अपने छात्र की सफल जीवन की कामना करताहै, हालांकि, वर्तमान में गुरु-शिष्य का रिश्ता महज औपचारिक बन गया है एवं शिक्षक व्यवसाय महज सिर्फ एक पेशा बन चुका है।

जिसमें तमाम शिक्षक, पैसों के लालच में छात्र के भविष्य को अंधकार में डाल रहे हैं, जिसकी वजह से यह रिश्ता तार-तार हो रहा है, और शिक्षक-शिष्य के रिश्ते की गरिमा घट रही है।

वहीं छात्रों और शिक्षकों दोनों का ही फर्ज है कि वे इस रिश्ते के महत्व को समझें एवं गुरु-शिष्य की परंपरा को कायम रखने में अपनी भागीदारी निभाएं।

शिक्षक दिवस, शिक्षकों को अपने दायित्व को याद दिलवाने एवं छात्रों को अपने गुरुओं के सम्मान की याद दिलवाता है। इसलिए, शिक्षक दिवस गुरु-शिष्य दोनों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

शिक्षक दिवस पर निबंध – Paragraph On Teachers Day

Paragraph On Teachers Day

गुरु के बिना मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति नहीं हो सकती है। शिक्षक, मनुष्य के जीवन का मुख्य आधार होते हैं। शिक्षक का हर किसी के जीवन में बेहद महत्व है। एक शिक्षक, न सिर्फ छात्र का सही मार्गदर्शन कर उनके जीवन को सफल बनाते हैं, बल्कि एक सभ्य एवं शिक्षित समाज के निर्माण में भी मद्द करते हैं।

इसके साथ ही विकसित राष्ट्र के विकास में अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। इसलिए शिक्षकों के सम्मान में हर साल  5 सितंबर को भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के मौके पर शिक्षक दिवस मनाया जाता है।

शिक्षक, शिष्य एवं ईश्वर के बीच एक सेतु का काम करते हैं। इसलिए शिक्षक को भगवान से भी ऊंचा दर्जा दिया गया हैं, वहीं महान संत कबीर दास ने भी अपने इस दोहे के माध्यम से गुरु की महिमा बताई है –

“गुरु गोबिंद दोऊ खड़े, का के लागूं पाय। बलिहारी गुरु आपणे, गोबिंद दियो मिलाय।।”

शिक्षक दिवस 5 सितंबर को ही क्यों मनाया जाता है? – Why Teachers Day Celebrated On 5th September

स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपति एवं महान शिक्षक डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी का जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु में हुआ था। उन्होंने न सिर्फ अपने जीवन का ज्यादातर समय अध्यापन के कार्य में व्यतीत किया बल्कि समाज के लोगों को शिक्षकों महत्व बताया एवं राष्ट्रनिर्माण में शिक्षकों के योगदान के बारे में जागरूक करने में अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभाई।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन जी एक महान राजनेता होने के साथ-साथ एक अच्छे शिक्षक भी थे। 1962 में देश के राष्ट्रपति के पद पर सुशोभित होने से पहले उन्होंने अपने जीवन के करीब 40 साल शिक्षक के तौर पर काम किया था, वे समस्त संसार को एक ही स्कूल मानते थे।

उन्होंने, अपने महान विचारों से लोगों को शिक्षकों के महत्व को बताया था, साथ ही शिक्षक की राष्ट्र निर्माण एवं समाज के उत्थान में भूमिका का भी बखान किया था।

डॉ. राधाकृष्णन ने 1962 से 1967 में जब देश के राष्ट्रपति के पद का कार्यभार संभाला था, तब लोगों ने 5 सितंबर को उनके जन्मदिवस को उनके सम्मान में ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर मनाने का फैसला लिया था, लेकिन उन्होंने अपनी जयंती को ‘राधाकृष्णन दिवस’ के तौर पर नहीं बल्कि शिक्षकों के सम्मान में शिक्षक दिवस बनाने का अनुरोध किया था। तभी से इसे शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

वह हमारे देश के ऐसे पहले राष्ट्रपति थे, जिन्होंने शिक्षकों के हित के बारे में सोचा और शिक्षकों के महत्व को बताया।

प्रख्यात शिक्षाविद रह चुके डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का मानना था कि एक आदर्श और अच्छा शिक्षक वह होता है जो छात्र को उसके भविष्य में आने वाली चुनौतियों से लड़ने के लिए तैयार करे और उसे सक्षम बनाए।

वहीं उनके विचार लोगों को अपनी तरफ काफी प्रभावित करते थे, एवं वे भी छात्रों के पसंदीदा शिक्षक थे, इसलिए शिक्षक दिवस के दिन डॉ. राधाकृष्णनन जी को याद किया जाता है और उन्हें श्रद्धांजली अर्पित की जाती है।

कौन थे डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन? – Who is Dr Sarvepalli Radhakrishnan

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन न सिर्फ देश के सर्वप्रथम उप-राष्ट्रपति एवं दूसरे राष्ट्रपति थे बल्कि वे एक महान शिक्षक, दार्शनिक, भारतीय संस्कृति के संवाहक और प्रख्यात शिक्षाविद थे, जिनका जन्म 5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के तिरूतनी गांव में हुआ था और शिक्षकों से उनका बेहद लगाव होने की वजह से उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है।

आपको बता दें कि उन्होंने अपने जीवन के करीब 40 साल अध्यापन कार्य किया। उनकी ख्याति एक प्रख्यात और पसंदीदा शिक्षक के रुप में देश के कोने-कोने में फैली थी। वे न सिर्फ देश की नामचीन शिक्षण संस्थानों में लेक्चर देते थे, बल्कि विदेशों में भी उन्हें शिक्षा पर लेक्च र देने के लिए बुलाया जाता था।

राधाकृष्णन जी का मानना था कि एक शिक्षक के बिना मनुष्य कभी अपनी मंजिल तक नहीं पहुंच सकता एवं उनकी नजरों में एक आदर्श शिक्षक वही होता है, जो कि युवाओं को देश के भविष्य के रुप में तैयार करता है।

देश के विकास में अपना महत्पूर्ण योगदान देने वाले डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को साल 1962 में देश का दूसरा राष्ट्रपति के रुप में नियुक्त किया गया था। वहीं 17 अप्रैल 1975 में लंबे समय तक बीमार रहने के बाद उनका निधन हो गया था, लेकिन आज उनके महान कार्यों की बदौलत उन्हें आज भी याद किया जाता है एवं उनकी जयंती को शिक्षक दिवस के तौर पर मनाया जाता है।

शिक्षक दिवस का महत्व – Importance of Teachers Day

शिक्षक दिवस को पूरे भारत देश में बेहद हर्षोल्लास और धूमधाम से मनाया जाता है।शिक्षकों के सम्मान में मनाए जाने वाला यह दिन शिक्षक और शिष्य दोनों के लिए बेहद खास दिन होता है।

इन दिन समाज के विकास में अच्छा काम करने वाले शिक्षकों के योगदान के लिए उन्हें सराहा जाता है एवं उन्हें सम्मानित किया जाता है।

आपको बता दें कि एक आदर्श शिक्षक एक सभ्य समाज के साथ-साथ शिक्षित राष्ट्र का भी निर्माण करता है, एवं युवाओं को देश के भविष्य के लिए तैयार करता है एवं जीवन में आने वाली किसी भी परेशानी का मुकाबला करने के सक्षम बनाता है। इसी वजह से यह दिन शिक्षकों के लिए समर्पित किया गया है।

वहीं यह दिवस न सिर्फ शिक्षकों को छात्र के प्रति अपने दायित्वों की याद दिलवाता है, बल्कि छात्रों के मन में भी अपने गुरुओं के प्रति सम्मान का भाव पैदा करता है।

5 सितंबर को शिक्षकों के सम्मान में मनाए जाने वाले शिक्षक दिवस के मौके पर विद्यालयों एवं शिक्षण संस्थानों में कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किए जाते हैं, एवं इनके माध्यम से आज की युवा पीढ़ी को शिक्षक के महत्व को बताया जाता है।

इसके साथ ही यह दिवस गुरु और शिष्य के रिश्ते को और अधिक मजबूती प्रदान करने में मद्द करता है।

यह दिन समाज के लिए उत्कृष्ट काम करने वाले शिक्षकों का मनोबल भी बढ़ाता है। शिक्षक दिवस के मौके पर हर छात्र को अपने शिक्षकों के सम्मान करने का संकल्प लेना चाहिए क्योंकि गुरु के बिना हम सभी का जीवन अपूर्ण है एवं किसी भी तरह का ज्ञान प्राप्त करना असंभव है, वहीं किसी महान कवि ने सही ही कहा है कि –

“गुरु बिना ज्ञान नहीं और ज्ञान बिना आत्मा नहीं, कर्म, धैर्य, ज्ञान और ध्यान सब गुरु की ही देन है।।”

4 thoughts on “शिक्षक दिवस पर निबंध”

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Nice Article Admin Ji on Teachers Day Essay.

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Such a great article about teachers day really amazing. Thanks for sharing this with us.

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बहुत ही सुंदर, उपयोगी, लाभप्रद लेख लिखा है. इस लेख को लिखने के लिए आपका हृदय से धन्यवाद. शिक्षक दिवस कि शुभकामनाएं.

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Apako bhi Shikshak Diwas ki Shubhkamnaye.

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi) - टीचर्स डे पर 200, 500 शब्दों में हिंदी में निबंध देखें

Updated On: September 29, 2023 12:30 pm IST

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शिक्षक दिवस पर निबंध (Teachers Day Essay in Hindi)

शिक्षक दिवस पर निबंध 200 शब्दों में (Teachers Day Essay in Hindi in 200 words)

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  • भारत में हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है।
  • यह डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर मनाया जाता है।
  • वह एक दार्शनिक, शिक्षक और भारत के पहले उपराष्ट्रपति थे।
  • एक छात्र के जीवन में शिक्षक बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • शिक्षक समाज की रीढ़ हैं।
  • शिक्षक दिवस पर हम अपने शिक्षकों को पुरस्कृत करके या उनके बारे में दो शब्द कहकर उन्हें सम्मान देते हैं।
  • स्कूल और कॉलेजों में शिक्षक दिवस बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।
  • इस दिन छात्र विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करते हैं।
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शिक्षक दिवस पर निबंध लिखने की सरल प्रक्रिया इस लेख में बताई गई है, छात्र यहां दिए गए सैंपल का उपयोग करके शिक्षक दिवस पर हिंदी में निबंध लिखना सिख सकते हैं। 

हर साल, भारत डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को उनके योगदान और उपलब्धियों के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में राष्ट्रीय शिक्षक दिवस मनाता है। 5 सितंबर, 1888 को जन्मे डॉ. राधाकृष्णन ने न केवल भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया, बल्कि एक विद्वान, दार्शनिक और भारत रत्न से सम्मानित भी थे।

डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। सर्वपल्ली राधाकृष्णन और शिक्षकों के समाज के प्रति योगदान को शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है

देश में पहली बार 1962 को शिक्षक दिवस मनाया गया था और तभी से पुरे देश में शिक्षक दिवस मनाया जा रहा है। इसी साल मई में डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने देश के दूसरे राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभाला था। 

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन (5 सितंबर, 1888) को पूरे देश में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। 

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मेरे शिक्षक पर निबंध (My Teacher Essay in Hindi)

पहले के समय में हमारे देश में शिक्षक को इस तरह का सम्मान दिया जाता था, परन्तु आज के समय में शिक्षक और छात्र दोनो ही बदल गये है। पहले के समय में शिक्षण एक पेशा ना होकर एक उत्साह और एक शौक का कार्य था, पर अब यह मात्र एक आजीविका चलाने का साधन बनकर रह गया है। लेकिन मुझे लगता अभी भी सब कुछ खत्म नही हुआ है। जब भी मैं छात्रों को शिक्षक दिवस मनाते हुए देखता हूँ मैं काफी भावुक हो जाता हूँ और इसके साथ ही काफी प्रसन्न भी महसूस करता हूँ। यह सब देखकर मुझे लगता है अभी भी हमारे दिलो में शिक्षको के लिए विशेष स्थान है।

शिक्षक दिवस पर 10 वाक्य | मेरे प्रिय अध्यापक पर निबंध

मेरे शिक्षक पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on My Teacher in Hindi, Mere shikshak par Nibandh Hindi mein)

मेरे शिक्षक पर निबंध – 1 ( 250 – 300 शब्द).

इस बात से को इनकार नही कर सकता है कि स्कूल के पहले दिन से लेकर कालेज के आखिरी दिन तक वह हमें पढ़ाते है हमारी कमियां खोजते है और हमें शिक्षा देते है। इसके अलावा वह हमारे व्यक्तित्व का भी निर्माण करते है अगर संक्षिप्त में कहे तो वह हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं।

शिक्षक हमारे भविष्य के निर्माता

वैसे तो कई रिश्ते है जिनका हमारे ह्रदय में विशेष स्थान होता है और मुझे विश्वास है कि उनमें से एक है शिक्षक का रिश्ता जो हमारे लिए सबसे प्रिय है। खासतौर से वह जो हमारे साथ सख्ती से पेश आते थे और हमें गलतियों पर सजा दिया करते थे।

जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते है यह नफरत प्रेम में बदल जाता है, क्योंकि हम अपने पेशे में डांट का महत्व महसूस करते है। कबीर दास ने शिक्षक के कार्य को नीचें के पंक्तियो में बखूबी समझाया है।

“गुरु कुम्हार शिष कुंभ है, गढ़ि गढ़ि काढ़ै खोट, अंतर हाथ सहार दै, बाहर बाहै चोट”

उपर के पंक्तियों में कबीर दास जी कहते है कि शिक्षक एक कुम्हार के तरह है और छात्र पानी के घड़े के तरह जो उनके द्वारा बनाया जाता है और इसके निर्माण के दौरान वह बाहर से घड़े पर चोट करता है और इसके साथ ही सहारा देने के लिए अपना एक हाथ अंदर भी रखता है।

इसलिए मैं अपने शिक्षक को इतना प्रेम करता हूँ (खासतौर से उनका जो मुझे ज्यादे डांटते थे)। वो वह व्यक्ति थे जो मेरे भविष्य निर्माण के लिए जिम्मेदार है।

जब मैं एक छात्र था, तब मैं एक अंग्रेजी लेखक बनना चाहता था। जब यह बात मैंने अपने दोस्तो और माता-पिता को बताया तो वह मुझ पर हंसने लगे क्योकि मेरी अंग्रेजी काफी खराब थी। मेरे शिक्षक हमेशा डांटते और सजा दिया करते थे पर मैनें कभी अपना धैर्य नही खोया। यह उनके मार्गदर्शन और मेहनत का फल ही जिससे कि मैं एक अंग्रेजी शिक्षक और लेखक बन पाया। पहले मैं उनके द्वारा मुझसे कड़ाई बरतने पर मुझे काफी बुरा लगता था, पर अब मैं उन्हे धन्यवाद देता हूँ क्योंकि उनके कड़ाई और मेरे उपर किये गये मेहनत का फल मुझे प्राप्त हुआ।

तो आपको भी अपने कड़ाई बरतने वाले शिक्षको की बातो का बुरा नही मानना चाहिए, क्योंकि वह आपको वो बनायेंगे जो आप बनना चाहते हो। दूसरे शब्दो में कहे तो वह आपके भविष्य के निर्माता है।

Meri Teacher par nibandh – 2 (400 शब्द)

यह सच है कि हमारे माता-पिता हमारे पहले शिक्षक है। वह हमें काफी कुछ सिखाते है, इस बात इन्कार नही किया जा सकता है, पर हमारी असली शिक्षा तब शुरु होती है जब हम स्कूल जाते है। जहा हम अपने शिक्षको द्वारा ज्ञान प्राप्त करना शुरु करते हैं। शिक्षक एक व्यक्ति के जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है।

हमारे जीवन में शिक्षक का महत्व

एक शिक्षक एक मार्गदर्शक, गुरु, मित्र होने के साथ ही और कई भूमिकाएं निभाते है, जिनके बारे में हम सोच भी नही सकते है। यह विद्यार्थी के उपर निर्भर करता है, कि वह अपने शिक्षक को कैसे परिभाषित करता है। संत तुलसी दास के ने इसे नीचे के पंक्तियों में बहुत ही अच्छे तरीके से समझाया है।

“जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तिन तैसी”

उपर के पंक्तियों में संत तुलसी दास ने बताया है कि भगवान/गुरु एक व्यक्ति को वैसे ही नजर आयेंगे जैसा कि वह सोचेगा। उदहारण के लिए अर्जुन भगवान श्रीकृष्ण को अपना मित्र मानते थे, वही मीरा बाई भगवान श्रीकृष्ण को अपना प्रेमी ठीक इसी प्रकार से यह शिक्षक के उपर भी लागू होता है।

मेरे नर्सरी शिक्षक – मेरे सब कुछ

मेरे नर्सरी शिक्षक के व्यक्तित्व में कुछ जादू सा था, मैं उन पर आंख मूंदकर भरोसा करता था। मैं उनके साथ के अपने इस रिश्ते को बयान नही कर सकता पर हाँ मैं यह अवश्य कह सकता हूँ कि यह कई रिश्तो का मिश्रण था।

मेरे प्राइमरी (प्राथमिक) शिक्षक – मेरे गुरु

ऐसा कहा जाता है कि एक इमारत की नींव मजबूत हो तो इमारत मजबूत होती है, और व्यक्ति जितने चाहे उतनी मंजिले उसमें जोड़ सकता है लेकिन अगर नींव कमजोर हो तो ऐसा करना काफी खतरनाक होता है। मैं काफी भाग्यशाली था जो मुझे इतने अच्छे प्राथमिक शिक्षक मिले जिन्होंने मेरे जीवन में चरित्र और शिक्षा की नींव रखी और इसी मजबूत नींव के वजह से आज मैं इस मुकाम पर पहूँच पाया हूँ।

मेरे माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक – मेरे अनुशासन कर्ता

आज मेरे अंदर जो भी अनुशासन है वह मेरे माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक के द्वारा ही दी गयी है। वह मुझे डांटा करते थे, मुझ पर चिल्लाया करते थे और मुझे मेरे सीमा तक पहूँचाते थे। जब मैं विद्यालय में था, तब मुझे उनकी बातो का काफी बुरा लगता था, पर अब मैं इस बात को समझ चुका हूँ कि यह सब उन्होंने मेरे भलाई के लिए किया।

मेरे सेंकडरी और हायर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षक – मेरे दोस्त

किसी ने सच ही कहा कि जब बेटे/बेटी के जूते उनके माता पिता या शिक्षक के जूते के बराबर हो जाये तो वह दोस्त बन जाते है। मैं अपनी हर व्यक्तिगत बाते अपने शिक्षको के साथ बांटा करता था, जिससे वह इन बातो में मेरा मार्गदर्शन किया करते थे। यह उनका मार्गदर्शन ही था, जो मैं किशोरावस्था के कई समस्याओं से बच गया।

एक शिक्षक हमारे जीवन में एक अभिनेता की तरह कई भूमिकाएं निभाता है, जो हमारी जीवन में हमारे लिए मददगार साबित होती है। जिनसे हमें एक बेहतर व्यक्ति एक अच्छा इंसान बनने की प्रेरणा मिलती हैं।

निबंध – 3 (500 शब्द)

मेरे लिए यह बताना काफी मुश्किल है कि एक व्यक्ति के जीवन में शिक्षक का क्या महत्व है, क्योंकि हम में ज्यादेतर लोगो की वह एक पूरी दुनिया ही होते है। वह लोग काफी सौभाग्यशाली होते है, जिन्हे अच्छे शिक्षक मिलते है।

शिक्षक का हमारे जीवन में महत्व

एक पैदा हुए बच्चे का दिमाग बिल्कुल खाली होता है, हम कह सकते है यह एक खाली स्लेट की तरह होता है और इस स्लेट पर एक शिक्षक जो भी सिखाता है वह उस बच्चे का व्यक्तित्व बन जाता है।

हमें शिक्षा देने वाले

एक शिक्षक का मुख्य लक्ष्य छात्रों को ज्ञान देना होता है। वह अपने छात्रो को सबसे अच्छे तरीके से सीखाने का प्रयास करता है और उनके जरुरत के हिसाब से खुद को ढालता है। इसके साथ ही एक शिक्षक को कई बार काफी कम संसाधनो या बिल्कुल ना के बराबर के संसाधनो के साथ विद्यार्थियों को पढ़ाना होता है जैसे की सरकारी विद्यालयों में जो वाकई में एक चुनौती का कार्य होता हैं।

कई बार एक शिक्षक को अपन वित्तीय जरुरतो को पूरा करने के लिए काफी लम्बे समय तक कार्य करना होता है क्योंकि एक शिक्षक को काफी कम वेतन मिलता है। इसके साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता बनाये रखने के लिए एक शिक्षक को उस विषय में नोट बनाने और अन्य जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता होती है। इस प्रकार से हम कह सकते है कि एक शिक्षक का कार्य काफी कठिन कार्य होता है।

शिक्षक एक चरित्र निर्माता

किताबी ज्ञान देने के अलावा एक शिक्षक बच्चों को नैतिक ज्ञान भी देते हैं। जो कि कई बार औपचारिक रुप से होता है तो कई बार साधरण रुप से, जब मैं एक बच्चा था तो एक बार मैने अपने एक दोस्त से बिना पूछे उसका रबड़ ले लिया और उसे लौटाना भूल गया। इस पर मेरे दोस्त ने मेरे शिक्षक से जा कर कह दिया कि मैने उसका रबड़ चुराया है। इस बात पर मैं रोने लगा और कहा मैं उससे पूछना भूल गया था, मैंने चोरी नही की, इस बात पर मेरे शिक्षक ने मुझसे कहा की “मैं तुम्हारी बात पर यकीन करता हूँ, लेकिन तुम्हे दूसरे की वस्तु लेने से पहले पूछना चाहिए था” तब से लेकर आज तक उनके इस बताये गए पाठ को मैं कभी नही भूला।

छोटी-छोटी चीजे जो विद्यालयों में सिखायी जाती है, जैसे कि तमीज, झूठ ना बोलना,  हमेशा धन्यवाद और कृपया कहना, कक्षा में आने पर या कुर्सी पे बैठने से पहले आज्ञा लेना आदि, भले ही यह चीजे काफी छोटी प्रतीत होती हो पर मेरा यकीन मानिए यह छोटी चीजे आसानी से परिस्थितियों को तोड़ और जोड़ सकती है।

शिक्षक एक पथ प्रदर्शक और एक गुरु

जब मैं 10वीं कक्षा में था, तो मुझे समझ नही आ रहा था कि मुझे कौन सा विषय चुनना चाहिए विज्ञान या वाणिज्य, मैं जितने लोगो से सलाह लेता उतना ही ज्यादे भ्रमित हो जाता। अंत में इस विषय में मैने अपने शिक्षक से सलाह ली और “उन्होंने मुझसे कहा अपने दिल की बात सुनो तुम्हे अपना उत्तर मिल जायेगा” और वास्तव में मुझे मेरा उत्तर मिल गया।

एक शिक्षक एक दोस्त

मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि कोई व्यक्ति कितना भी प्रतिभासाली क्यों ना हो, अगर वह भावनात्मक रुप से अच्छा नही है तो वह अच्छा प्रदर्शन नही कर सकता है। अगर एक छात्र अपने शिक्षक को अपना मित्र मान ले तो मेरा विश्वास मानिए वह अपने भावनात्मक बाधाओं को आसानी से पार कर जायेगा।

शिक्षक हमारे शुभचिंतक

कुछ व्यक्ति ऐसे होते है, जो आपको कभी धोखा नही देते है। उनमें से एक है आपके शिक्षक, इससे कोई फर्क नही पढ़ता है कि आप उनके विषय में क्या सोचते है वह हमेशा ही आपके शुभ चिंतक रहेंगे।

ऐसा ही एक वाकया मैं आप लोगो के सामने रखना चाहूँगा, जब मैं स्कूल में था। हमारे एक गणित के शिक्षक थे जो हमेशा हमारे साथ काफी कड़ाई के साथ पेश आते थे, वह अक्सर हमे डांटते थे और पिटाई भी किया करते थे। दूसरे शब्दो में कहे तो उन्होंने हमारा जीना मुश्किल कर दिया था। एक दिन इन सब बातो को लेकर हमारा धैर्य जवाब दे गया और हममे उनकी मोटरसाईकल में आग लगा दी, जिसके बाद इस मामले की एफ.आई.आर दर्ज हुई और जब हमारे एक सहपाठी को धमकाया तो उसने कुछ लोगो के नाम बता दिये और जब पुलिस उन लड़को को गिरफ्तार करने आयी तो हमारे गणित के शिक्षक ने अपनी शिकायत वापस ले ली।

हम में से किसी ने भी ऐसा सोचा भी ना था, हम उनके पास गये और उनसे क्षमा मांगी और उनसे पूछा कि उन्होंने अपनी शिकायत वापस क्यों ले ली उन्होंने जो कहा अब वह मैं आपको बताने जा रहा हूँ, उन्होंने कहा “एक विद्यार्थी के रुप में आपसे गलतियां होती है और मेरा काम है उन्हे ठीक करना, लेकिन मैं तुम लोगो को ऐसी सजा नही दे सकता जो तुम्हारा भविष्य खराब कर दे और तुम्हे एक अपराधी बना दे, इसलिए मैने अपनी शिकायत वापस ले ली।” उनकी इस बात पर हम काफी रोये और अपने इस किये के लिए उनसे माफी मांगी, वास्तव में यही शिक्षक का असली चरित्र होता है।

अंत में मैं यहि कहूंगा कि एक शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो हमें सही मायनों में एक पूर्ण इंसान बनाता है।

निबंध – 4 (600 शब्द)

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, हम एक समय में कई भूमिकाएं निभाते है। जैसे कि हम एक बेटे हो सकते है, या माता, पिता, भाई, पति, दोस्त, बास, कर्मचारी आदि जैसे रिश्तो में एक ही समय पर बंधे हो सकते है। हर एक रिश्ते का क्षेत्र और सही रुप से निर्धारित होता है पर कुछ ऐसे रिश्ते होते है जो काफी जटिल होते है और इन्हे शब्दो में बयान नही किया जा सकता है। देखा जाये तो यह कई रिश्तो का मिश्रण होते है, कुछ ऐसा ही रिश्ता एक छात्र और शिक्षक का भी होता है। इस रिश्ते को परिभाषित करना काफी कठिन है क्योंकि शिक्षक हमारे जीवन में कई महत्वपूर्ण किरदार निभाते है।

शिक्षक और विद्यार्थी का रिश्ता

  • एक विशेष रिश्ता (एक नर्सरी के छात्र और उसके शिक्षक के मध्य)

मुझे इस बात का पुरा भरोसा है कि आप सबको भी यही लगता होगा की एक नर्सरी के छात्र का उसके शिक्षक/शिक्षिका के साथ एक ऐसा विशेष संबंध होता है, जिसे परिभाषित नही किया जा सकता है। मेरे पास इसके लिए सिर्फ एक ही शब्द है वो है जादुई, अगर वह मुझसे कुछ करने के लिए कहा करती थी, तो मैं कभी मना नही कर पाता था। एक बार मैंने उनसे मासूमियत से पूछा “मैडम क्या आप मुझे पसंद करती हैं?” इस पर उन्होंने मुझे जवाब दिया कि “हाँ बिल्कुल” उस दिन मुझे काफी प्रसन्न्ता हुई।

एक दिन कुछ कारणों से मैं नाराज हो गया और घर पर खाना नही खा रहा था। मेरे माता-पिता ने हर कोशिश की पर उन्हें कोई कामयाबी नही मिली, अंत में मेरे पिता जी ने मेरे स्कूल टीचर को फोन किया और मुझे उनसे बात करने के लिए कहा। उन्होंने मुझसे कहा कि “धीरेन्द्र………” मैंने तुरंत जवाब दिया “हाँ मैम मैं बिल्कुल भी गुस्सा नही हूँ और अभी खाना खा लूंगा और अपना होमवर्क भी करुंगा………” उनका मुझ पर कुछ इस तरह का प्रभाव था।

अब एक शिक्षक के तौर मैं भी अपने छोटे-छोटे छात्रों के साथ कुछ वैसा ही रिश्ता बनाने का प्रयास करता हूँ। अब इसमें मुझे सफलता मिलेंगी या नही यह चर्चा का विषय हो सकता है, पर मैं अपने तरफ से हमेशा ही एक अच्छा शिक्षक बनने का प्रयास करुंगा।

  • एक आर्मी कैडेट और उसके प्रशिक्षक का रिश्ता

जब मैं छठवीं कक्षा में था तब मैंने एन.सी.सी में शामिल हुआ था। मुझे याद है कि हमारे प्रशिक्षक एक सख्त इंसान थे और हम उन्हे गब्बर पुकारा करते थे। आज मेरे अंदर जो भी अनुशासन और संघर्षशीलता है वह उन्ही के बदौलत है। उन्होंने हमे बचने के तरीके और कई चीजे सिखायी। हमारे बीच का यह रिश्ता डर पे टिका हुआ था। यह बिल्कुल शोले फिल्म के गब्बर सिंह के आतंक के तरह था।

वह जब भी चिल्लाया करते थे “लड़को क्या तुम भूखो हो?”  हम जवाब दिया करते थे “नही सर”, इसके बाद वह फिर से पूछा करते थे “क्या तुम थके हो” और फिर से जवाब दिया करते थे “नही सर”। अब मैं जब भी थका महसूस करता हूँ मुझे उनकी वह चिल्लाहट याद आ जाती है और मेरा शरीर फिर से स्फूर्ति से भर जाता है।

  • किशोर छात्रों और उनके शिक्षकों के मध्य का रिश्ता

किशोरावस्था का समय जिदंगी का सबसे महत्वपूर्ण समय माना जाता है। सामान्यतः इस समय में शिक्षक और छात्र का रिश्ता समझ, प्रेम और आकर्षण पर टिका होता है। किशोरावस्था के बच्चो को संभालने के लिए एक शिक्षक के लिए यह सबसे जरुरी होता है कि वह काफी परिपक्व हो, नही तो इस बात की ज्यादे संभावना है कि हर चीज उलट-पुलट हो जायेगी।

यह उम्र ऐसी होती है जब मनुष्य के मन में विद्रोह भरा होता है। मेरा मतलब है कि एक किशोर को कोई काम करने से जितना भी रोका जाता है वह उसके प्रति उतना ही ज्यादे ही आकर्षित होता है। इसलिए एक अच्छे शिक्षक के लिए यह काफी आवश्यक है कि कड़ाई भी काफी सोच-समझ करे क्योंकि ज्यादे कड़ाई भी  चीजो को बिगाड़ सकती है।

जब मैं आठवीं कक्षा में था, तो मेरी अंग्रेजी काफी खराब थी। इसलिए मैं सही उत्तर नही लिख पाता था। एक दिन मेरे अंग्रेजी के अध्यापक ने मुझे बुलाया और उनके हाथ में मेरी साहित्य की एक कापी थी मुझे लगा कि आज मुझे फिर से डांट पड़ने वाली है या फिर उससे भी बुरा मेरे माता-पिता को बुलाया जायेगा। लेकिन भगवान का शुक्र था कि ऐसा कुछ भी नही हुआ, उन्होंने मुझसे विनम्रता से मेरी समस्या के बारे में पूछा पर मैं डर के मारे इस विषय में उन्हे कुछ बता नही पाया। जब मुझे लगा कि वह मुझे नही डाटेंगी तब मैने उन्हे अपनी समस्या के बारे में बताया उसके बाद उन्होंने मुझ पर काफी मेहनत की और आज यह उन्हीं के मेहनत तथा मेरे दृढ़ इच्छाशक्ति का नतीजा है, जिससे मेरी अंग्रेजी काफी सुधर गयी। इस पुरे घटना को आपको का बताने का मतलब यह है कि अगर वह मुझे डांटती या सजा देती, तो मुझे इस बात का पूरा भरोसा है परिस्थितियां विपरीत हो जाती।

मैं भी अपने छात्रों के साथ ऐसा ही करने का प्रयास करता हूँ, पर कई बार परिस्थितियां काफी पेचीदा हो जाती है। उदाहरण के लिए, एक बार मेरी एक छात्रा ने मुझसे पुछा “सर मैं आपको कैसी लगती हूँ” इस पर मैने हसते हुए कहा “तुम एक अच्छी लड़की हो।”

अंत में मैं यही कहूँगा की एक शिक्षक और छात्र का रिश्ता दुनिया भर के सबसे अच्छे रिश्तो में से एक है, क्योंकि यह कई रिश्तो का मिश्रण होता है।

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FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – हमें शिक्षकों का आदर इसलिए करना चाहिए क्योंकि वो हमें ज्ञान देते हैं।

उत्तर – शिक्षक वह व्यक्ति होता है जो सीखने की प्रक्रिया में छात्रों की सहायता करता है।

उत्तर – हमारे पूर्व राष्ट्रपति डॉ. अब्दुल कलाम ने कहा था कि ‘शिक्षण एक महान पेशा है’।

उत्तर – जो शिक्षक अपने स्वार्थ के लिए काम नहीं करते और छात्रों की मदद के लिए तैयार रहते हैं वे अच्छे शिक्षक होते हैं।

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शिक्षक दिवस पर निबंध Teachers Day Essay in Hindi

by StoriesRevealers | May 15, 2020 | Essay in Hindi | 0 comments

teachers day essay in hindi

Teachers Day Essay in Hindi : शिक्षक दिवस एक राष्ट्रीय त्योहार है, जिसे पूरे भारत में मनाया जाता है। शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को मनाया जाता है, क्योंकि यह डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिन है, जो भारत के पूर्व राष्ट्रपति थे।

डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म 5 सितंबर, 1888 को हुआ था। वे एक दार्शनिक, शिक्षाविद, मानवतावादी और धार्मिक विचारक थे। उन्होंने धर्म और दर्शन पर कई किताबें लिखीं।

उन्होंने कई प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों जैसे मैसूर, चेन्नई, कोलकाता और लंदन में ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय में दर्शन शास्त्र के प्रोफेसर के रूप में पढ़ाया। उन्हें वर्ष 1949 में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अध्यक्ष के रूप में भी नियुक्त किया गया था और एक शिक्षक होने के नाते वे हमेशा शिक्षक समुदाय से प्यार करते थे।

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डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने अपने देश के पुरुषों को अपने जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने के लिए कहा। इसलिए, 1962 से, 5 सितंबर को हमेशा शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है।

Teachers Day Essay in Hindi

teachers day essay in hindi

माँ हमेशा बच्चे के लिए पहली शिक्षक होती है अगला एक शिक्षक है जो हमें सिखाता है। बगवदगीथा के अनुसार शिक्षक को भगवान माना जाता है।

बचपन से ही ऐसे कई शिक्षक ने हमारे स्वभाव को ढाला जो हमें कल के बेहतर नागरिक बनने के लिए तैयार करता है। शिक्षक ही वह व्यक्ति होता है जिसे जीवन भर याद रखा जाता है। शिक्षक की छाप बहुत गहरी और प्यार भरी होती है।

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शिक्षक दिवस अन्य व्यवसायों के विपरीत हमारे समाज में शिक्षक की भूमिका पर प्रकाश डालता है शिक्षक समाज पर एक जबर्दस्त प्रभाव डालता है। शिक्षक हि हमारे जीवन के भविष्य को अच्छा बनाने और उसे बुरे कामे में नष्ट करने से बचाता है।

हमारे स्कूल में हम शिक्षक दिवस को बहुत भव्य रूप से मनाते हैं। उस दिन छात्र अपने शिक्षकों को माला, फूल और आश्चर्यजनक उपहार आदि देते हैं।

शिक्षक दिवस पर छात्र गीत गाते हैं, नृत्य करते हैं और बड़ी कक्षाओं के विद्यार्थी अध्यापक के रूप में छोटी कक्षाओं के बच्चो को पढ़ाने जाते है। हमारे स्कूल के प्रधानाचर्य शिक्षक दिवस के महत्व के बारे में भाषण देते हैं और अच्छे शिक्षकों को प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार भी दिए जाते हैं।

अंत में हमारे स्कूल के प्रिंसिपल स्कूल के सभी छात्रों को शुभकामनाएं और आशीर्वाद के साथ प्रोत्साहित करते हैं। और इस तरह हम इसे शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं।

शिक्षक छात्र का रिश्ता अब उतना दिव्य नहीं रहा है जैसा कि पहले था, कई बदलावों के कारण। एक शिक्षक अब एक निस्वार्थ गुरु नहीं है। शिक्षक किसी भी कार्यालय या कारखाने में काम करने वाले किसी अन्य कर्मचारी की तरह ही वेतन प्राप्त करने के लिए काम कर रहे है। आजकल पक्षपात के कारण एक शिक्षक का महत्व घट रहा है।

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पहले समय में शिक्षक छात्रों को दंडित करते थे और एक अर्थ था। लेकिन अब सब कुछ उल्टा हो गया है। समाज को शिक्षकों के सम्मान की उम्मीद करना मुश्किल है।

वर्तमान में शिक्षकों के लिए इन समस्याओं को दूर करना और स्वयं की गरिमा को बनाए रखना आवश्यक है। लेकिन सभी छात्रों को शिक्षक दिवस के महत्व को जानना चाहिए और उनका सम्मान करना चाहिए। मैं एक बार फिर अपने सभी शिक्षकों को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देता हूं।

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