environment for essay in hindi

पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi

Essay on Environment in Hindi

पर्यावरण, पर  हमारा जीवन पूरी तरह निर्भर है, क्योंकि एक स्वच्छ वातावारण से ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। पर्यावरण, जीवन जीने के लिए उपयोगी वो सारी चीजें हमें उपहार के रुप में उपलब्ध करवाता है।

पर्यावरण से ही हमें शुद्ध जल, शुद्ध वायु, शुद्ध भोजन,प्राकृतिक वनस्पतियां आदि प्राप्त होती हैं। लेकिन इसके विपरीत आज लोग अपने स्वार्थ और चंद लालच के लिए जंगलों का दोहन कर रहे हैं, पेड़-पौधे की कटाई कर रहे हैं, साथ ही भौतिक सुख की प्राप्ति हुए प्राकृतिक संसाधनों का हनन कर  प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे हैं, जिसका असर हमारे पर्यावरण पर पड़ा रहा है।

इसलिए पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने एवं प्राकृतिक पर्यावरण के महत्व को समझाने के लिए हर साल दुनिया भर के लोग 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस – World Environment Day के रूप में मनाते हैं। हमने कभी जाना हैं की इस दिवस को हम क्यों मनाते हैं। इस दिन का जश्न मनाने के पीछे का उद्देश्य लोगों के बीच जागरूकता पैदा करना है ताकि पर्यावरण की सुरक्षा के लिए सकारात्मक कदम उठा सकें।

और साथ ही कई बार स्कूलों में छात्रों के पर्यावरण विषय पर निबंध ( Essay on Environment) लिखने के लिए कहा जाता है, इसलिए आज हम आपको पर्यावरण पर अलग-अलग शब्द सीमा पर निबंध उपलब्ध करवा रहे हैं, जिसका चयन आप अपनी जरूरत के मुताबिक कर सकते हैं –

Environment essay

पर्यावरण पर निबंध – Environment Essay in Hindi

पर्यावरण, जिससे चारों तरफ से  संपूर्ण ब्रहाण्ड और जीव जगत घिरा हुआ है। अर्थात जो हमारे चारों ओर है वही पर्यावरण है। पर्यावरण पर मनुष्य ही नहीं, बल्कि सभी जीव-जंतु, पेड़-पौधे, प्राकृतिक वनस्पतियां आदि पूरी तरह निर्भर हैं।

पर्यावरण के बिना जीवन की कल्पना ही नहीं की जा सकती हैं, क्योंकि पर्यावरण ही पृथ्वी पर एक मात्र जीवन के आस्तित्व का आधार है। पर्यावरण, हमें स्वस्थ जीवन जीने के लिए शुद्ध, जल, शुद्ध वायु, शुद्ध भोजन उपलब्ध करवाता है।

एक शांतिपूर्ण और स्वस्थ जीवन जीने के लिए एक स्वच्छ वातावरण बहुत जरूरी है लेकिन हमारे पर्यावरण मनुष्यों की कुछ लापरवाही के कारण दिन में गंदे हो रहा है। यह एक ऐसा मुद्दा है जिसे सभी को विशेष रूप से हमारे बच्चों के बारे में पता होना चाहिए।

“ पर्यावरण की रक्षा , दुनियाँ की सुरक्षा! ”

पर्यावरण न सिर्फ जीवन को विकसित और पोषित करने में मद्द करता है, बल्कि इसे नष्ट करने में भी मद्द करता है। पर्यावरण, जलवायु के संतुलन में मद्द करता है और मौसम चक्र को ठीक रखता है।

वहीं अगर सीधे तौर पर कहें मानव और पर्यावरण एक – दूसरे के पूरक हैं और दोनों एक-दूसरे पर पूरी तरह से निर्भर हैं। वहीं अगर किसी प्राकृतिक अथवा मानव निर्मित कारणों की वजह से पर्यावरण प्रभावित होता है तो, इसका सीधा असर हमारे जीवन पर पड़ता है।

पर्यावरण प्रदूषण की वजह से जलवायु और मौसम चक्र में परिवर्तन, मानव जीवन को कई रुप में प्रभावित करता है और तो और यह परिवर्तन मानव जीवन के आस्तित्व पर भी गहरा खतरा पैदा करता है।

लेकिन फिर भी आजकल लोग भौतिक सुखों की प्राप्ति और विकास करने की चाह में पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने से नहीं चूक रहे हैं। चंद लालच के चलते मनुष्य पेड़-पौधे काट रहा है, और प्रकृति के साथ खिलवाड़ कर कई ऐसी प्रतिक्रियाएं कर रहा है, जिसका बुरा असर हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है।

वहीं अगर समय रहते पर्यावरण को बचाने के लिए कदम नहीं उठाए गए तो मानव जीवन का आस्तित्व खतरे में पड़ जाएगा।

इसलिए पर्यावरण को बचाने के लिए हम सभी को मिलकर उचित कदम उठाने चाहिए। हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाने चाहिए और पेड़ों की कटाई पर पूरी तरह रोक लगानी चाहिए।

आधुनकि साधन जैसे वाहन आदि का इस्तेमाल सिर्फ जरूरत के समय ही इस्तेमाल करना चाहिए, क्योंकि वाहनों से निकलने वाला जहरीला धुआं न सिर्फ पर्यावरण को दूषित कर रहा है, बल्कि मानव जीवन के लिए भी खतरा उत्पन्न कर रहा है। इसके अलावा उद्योगों, कारखानों से निकलने वाले अवसाद और दूषित पदार्थों के निस्तारण की उचित व्यवस्था करनी चाहिए,ताकि प्रदूषण नहीं फैले।

वहीं अगर हम इन छोटी-छोटी बातों पर गौर करेंगे और पर्यावरण को साफ-सुथरा बनाने में अपना सहयोग करेंगे तभी एक स्वस्थ समाज का निर्माण हो सकेगा।

पर्यावरण पर निबंध – Paryavaran Sanrakshan Par Nibandh

प्रस्तावना

पर्यावरण, एक प्राकृतिक परिवेश है, जिससे हम चारों तरफ से घिरे हुए हैं और जो पृथ्वी पर मौजूद मनुष्य, जीव-जन्तु, पशु-पक्षी, प्राकृतिक वनस्पतियां को जीवन जीने में मद्द करता है। स्वच्छ पर्यावरण में ही  स्वस्थ व्यक्ति का विकास संभव है, अर्थात पर्यावरण का दैनिक जीवन से सीधा संबंध है।

हमारे शरीर के द्धारा की जाने वाली हर प्रतिक्रिया पर्यावरण से संबंधित है, पर्यावरण की वजह से हम सांस ले पाते हैं और शुद्ध जल -भोजन आदि ग्रहण कर पाते हैं, इसलिए हर किसी को पर्यावरण के  महत्व को समझना चाहिए।

पर्यावरण का अर्थ – Environment Meaning

पर्यावरण शब्द मुख्य रुप से दो शब्दों से मिलकर बना है, परि+आवरण। परि का अर्थ है चारो ओर और आवरण का मतलब है ढका हुआ अर्थात जो हमे चारों ओर से घेरे हुए है। ऐसा वातावरण जिससे हम चारों  तरफ से घिरे हुए हैं, पर्यावरण कहलाता है।

पर्यावरण का महत्व – Importance of Environment

पर्यावरण से ही हम है, हर किसी के जीवन के लिए पर्यावरण का बहुत महत्व है, क्योंकि पृथ्वी पर जीवन, पर्यावरण से ही संभव है। समस्त मनुष्य, जीव-जंतु, प्राकृतिक वनस्पतियां, पेड़-पौड़े, मौसम, जलवायु सब पर्यावरण के अंतर्गत ही निहित हैं। पर्यावरण न सिर्फ जलवायु में संतुलन बनाए रखने का काम करता है और जीवन के लिए आवश्यक  सभी वस्तुएं उपलब्ध करवाता है।

वहीं आज जहां विज्ञान से तकनीकी और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिला है और दुनिया में खूब विकास हुआ है, तो दूसरी तरफ यह बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के लिए भी जिम्मेदार हैं। आधुनिकीकरण, औद्योगीकरण और बढ़ती टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पर्यावरण पर गलत प्रभाव पड़ा रहा है।

मनुष्य अपने स्वार्थ के चलते पेड़-पौधे की कटाई कर रहा है एवं प्राकृतिक संसाधनों से खिलवाड़ कर रहा है, जिसके चलते पर्यावरण को काफी क्षति पहुंच रही है। यही नहीं कुछ मानव निर्मित कारणों की वजह से वायुमंडल, जलमंडल आदि प्रभावित हो रहे हैं धरती का तापमान बढ़ रहा है और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या उत्पन्न हो रही है, जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है।

इसलिए पर्यावरण के महत्व को समझते हुए हम सभी को अपने पर्यावरण को बचाने में सहयोग करना चाहिए।

पर्यावरण और  जीवन – Environment And Life

पर्यावरण और मनुष्य एक-दूसरे के बिना अधूरे हैं, अर्थात पर्यावरण पर ही मनुष्य पूरी तरह से निर्भऱ है, पर्यावरण के बिना मनुष्य, अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है, भले ही आज विज्ञान ने बहुत तरक्की कर ली हो, लेकिन प्रकृति ने जो हमे उपलब्ध करवाया है, उसकी कोई तुलना नहीं है।

इसलिए भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए मनुष्य को प्रकृति का दोहन करने से बचना चाहिए।वायु, जल, अग्नि, आकाश, थल ऐसे पांच तत्व हैं, जिस पर मानव जीवन टिका हुआ है और यह सब हमें पर्यावरण से ही प्राप्त होते हैं।

पर्यावरण न सिर्फ हमारे स्वास्थ्य का एक मां की तरह ख्याल रखता है,बल्कि हमें मानसिक रुप से सुख-शांति भी उपलब्ध करवाता है।

पर्यावरण, मानव जीवन का अभिन्न अंग है, अर्थात पर्यावरण से ही हम हैं। इसलिए हमें पर्यावरण की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहना चाहिए।

उपसंहार

पर्यावरण के प्रति हम  सभी को जागरूक होने की जरुरत हैं।  पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटाई पर सरकार द्धारा सख्त कानून बनाए जाना चाहिए। इसके साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ रखना हम सभी को अपना कर्तव्य समझना चाहिए, क्योंकि स्वच्छ पर्यावरण में रहकर ही स्वस्थ मनुष्य का निर्माण हो सकता है और उसका विकास हो सकता है।

पर्यावरण पर निबंध – Paryavaran Par Nibandh

पर्यावरण हमें जीवन जीने के लिए सभी आवश्यक चीजें जैसे कि हवा, पानी, रोशनी, भूमि, अग्नि, पेड़-पौधे, प्राकृतिक वनस्पतियां आदि उपलब्ध करवाता है। हम पर्यावरण पर पूरी तरह निर्भर हैं। वहीं अगर हम अपने पर्यावरण को साफ-सुथरा रखेंगे तो हम स्वस्थ और सुखी जीवन का निर्वहन कर सकेंगे। इसिलए पर्यावरण को सरंक्षित करने एवं स्वच्छ रखने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए।

पर्यावरण, प्रौद्योगिकी, प्रगति और प्रदूषण – 

इसमें कोई दो राय नहीं है कि विज्ञान की उन्नत तकनीक ने मनुष्य के जीवन को बेहद आसान बना दिया है, वहीं इससे न सिर्फ समय की बचत हुई है बल्कि मनुष्य ने काफी प्रगति भी की है, लेकिन विज्ञान ने कई ऐसी खोज की हैं, जिसका असर पर्यावरण पर पड़ रहा है, और जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है।

एक तरफ विज्ञान से प्रोद्यौगिकी का विकास हुआ, तो वहीं दूसरी तरफ उद्योंगों से निकलने वाला धुआं और दूषित पदार्थ कई तरह के प्रदूषण को जन्म दे रहा है और पर्यावरण के लिए खतरा पैदा कर रहा है।

उद्योगों से निकलने वाला दूषित पदार्थ सीधे प्राकृतिक जल स्त्रोत आदि में बहाए जा रहे हैं, जिससे जल प्रदूषण की समस्या पैदा हो रही है,इसके अलावा उद्योगों से निकलने वाले धुंए से वायु प्रदूषण बढ़ रहा है, जिसका मनुष्य के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय – Paryavaran Sanrakshan Ke Upay

  • उद्योगों से निकलने वाला दूषित पदार्थ और धुएं का सही तरीके से निस्तारण करना चाहिए।
  • पर्यावरण की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
  • ज्यादा से ज्यादा पेड़-पौधे लगाना चाहिए।
  • पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगानी चाहिए।
  • वाहनों का इस्तेमाल बेहद जरूरत के समय ही किया जाना चाहिए।
  • दूषित और जहरीले पदार्थों के निपटान के लिए सख्त कानून बनाए जाने चाहिए।
  • लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने के लिए जागरूकता फैलानी चाहिए।

विश्व पर्यावरण दिवस – World Environment Day

लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से 5 जून से 16 जून के बीच विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है। इस मौके पर कई जगहों पर जागरूकता कार्यक्रमों का भी आय़ोजन किया जाता है।

पर्यावरण हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं, इसलिए इसकी रक्षा करना हम सभी की जिम्मेदारी है, अर्थात हम सभी को  मिलकर अपने पर्यावरण को स्वच्छ और सुंदर बनाने में अपना सहयोग करना चाहिए।

  • Slogans on pollution
  • Slogan on environment
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15 thoughts on “पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi”

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Nice sir bhote accha post h aapne to moj kar de h sir thank you sir app easi past karte rho ham logo ke liye

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Thank you sir aapne bahut accha post Kiya h mere liye bahut labhkaari h government job ki tayari ke liye

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bahut badhiya jaankari share kiye ho sir, Environment Essay.

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Thanks sir bhaut acha essay hai helpful hai aur needful bhi isme sari jankari di gye hai environment ke baare Mai and isse log inspire bhi hongee isko.pdkee……..

I love this essay…

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Thanks mujhe ye bahut kaam diya speech per

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पर्यावरण पर निबंध – 10 lines(Environment Essay in Hindi) 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

environment for essay in hindi

Essay on Environment in Hindi – पर्यावरण का अर्थ है एक ऐसा परिवेश जहां हम मिलते हैं, हम रहते हैं और हम सांस लेते हैं। यह जीवित प्राणियों के लिए बुनियादी आवश्यक चीजों में से एक है। पर्यावरण शब्द में सभी जैविक और अजैविक चीजें शामिल हैं जो हमारे आसपास मौजूद हैं। Essay on Environment यह हवा, पानी, भोजन और भूमि जैसी मूलभूत चीजें प्रदान करता है जो हमारी भलाई के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

यह ईश्वर द्वारा मनुष्य को दिया गया एक उपहार है जो मानव जीवन को पोषित करने में मदद करता है।

पर्यावरण का महत्व  (Importance of Environment)

  • यह जीवित चीजों को स्वस्थ और हार्दिक बनाए रखने में एक जोरदार भूमिका निभाता है।
  • यह पारिस्थितिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है।
  • यह भोजन, आश्रय, वायु प्रदान करता है और मानव की सभी आवश्यकताओं को पूरा करता है।
  • इस वातावरण के अतिरिक्त प्राकृतिक सौंदर्य का स्रोत है जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

पर्यावरण पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Essay On Environment 10 Lines in Hindi)

  • हमारे चारों ओर जो कुछ भी है, उसे पर्यावरण कहा जाता है।
  • पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा रखना सभी का दायित्व है।
  • सभी जीवित और निर्जीव जीव पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं।
  • वृक्षारोपण, पुनर्चक्रण, पुन: उपयोग, प्रदूषण कम करने और जागरूकता पैदा करके पर्यावरण को बचाया जा सकता है।
  • एक स्वस्थ वातावरण सभी जीवित प्रजातियों के विकास और पोषण में मदद करता है।
  • हम सभी जानते हैं कि पृथ्वी को ‘नीला ग्रह’ के नाम से जाना जाता है। फिर फिर, यह एकमात्र ऐसा है जो जीवन को बनाए रखता है।
  • पर्यावरण प्रदूषण के कारण ग्लोबल वार्मिंग, अम्लीय वर्षा और प्राकृतिक संसाधनों का ह्रास होता है।
  • पर्यावरण को प्रदूषित करने वाली किसी भी गतिविधि में कभी भी प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए।
  • सभी को यह मानना ​​चाहिए कि पौधों और पेड़ों को बचाना उनका कर्तव्य है। पर्यावरण की रक्षा के लिए प्लास्टिक के प्रयोग से बचें।
  • प्रकृतिक वातावरण
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  • सामाजिक वातावरण

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पर्यावरण पर निबंध 100 शब्द (Essay On Environment 100 Words in Hindi)

Essay on Environment in Hindi – पर्यावरण वह परिस्थिति है जिसमें पृथ्वी के सभी प्राकृतिक संसाधन रहने के अनुकूल होते हैं। मनुष्य, जानवर, पेड़, महासागर, चट्टानें पृथ्वी के प्राकृतिक संसाधन हैं और मिलकर पर्यावरण का निर्माण करते हैं। वे एक जीव के लिए रहने की स्थिति प्रदान करने के लिए जिम्मेदार हैं। पर्यावरण को भौतिक और जैविक में वर्गीकृत किया गया है। पहली श्रेणी में वायुमंडल (वायु), जलमंडल (जल), और स्थलमंडल (ठोस) शामिल हैं। दूसरी श्रेणी में मनुष्य जैसे सभी जीवित प्राणी शामिल हैं। पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व के लिए इन दोनों श्रेणियों की एक साथ आवश्यकता है। इनमें से किसी भी श्रेणी के अभाव में पृथ्वी पर जीवित रहने का कोई अवसर नहीं होगा।

पर्यावरण पर निबंध 150 शब्द (Essay On Environment 150 Words in Hindi)

वह परिवेश जिसमें पृथ्वी पर जीवन मौजूद है, पर्यावरण कहलाता है। पर्यावरण में हवा, पानी, सूरज की रोशनी, पेड़, जानवर और इंसान शामिल हैं। वे पृथ्वी के जीवित और निर्जीव प्राणी हैं। पेड़, मनुष्य और जानवर जीवित जीव हैं। सूर्य, जल और वायु निर्जीव जीव हैं जो मनुष्य के अस्तित्व के लिए महत्वपूर्ण हैं। प्रत्येक प्राणी एक दूसरे के लिए एक प्राकृतिक संसाधन है। उदाहरण के लिए, हिरण एक प्राकृतिक संसाधन है जिसे शेर खा सकता है। इन प्राकृतिक संसाधनों में से किसी एक के अभाव में पृथ्वी पर जीवन का अस्तित्व नहीं हो पाएगा।

हालांकि, पर्यावरण में वायुमंडल और जलमंडल के घटक होते हैं जो जीवित प्राणियों के जीवन को प्रभावित करते हैं। वायुमंडल में नाइट्रोजन और ऑक्सीजन जैसी गैसें मौजूद हैं। जलमंडल सभी जल निकायों को कवर करता है, प्रत्येक जीवित प्राणी इन घटकों की विशेषताओं के अनुसार बनाया गया है। उदाहरण के लिए, जलीय जंतु पानी के भीतर सांस लेने के लिए बनाए जाते हैं। हवाई जानवर हवा में सांस लेने के लिए बने होते हैं

पर्यावरण पर निबंध 200 शब्द (Essay On Environment 200 Words in Hindi)

पर्यावरण पृथ्वी का प्राकृतिक परिवेश है जो किसी जीव को जीवित रहने में सक्षम बनाता है। फ्रांसीसी शब्द ‘एनवायरन’ जिसका अर्थ है घेरना, पर्यावरण शब्द का व्युत्पन्न है। इसमें मनुष्य, पौधे और जानवर जैसे जीवित प्राणी शामिल हैं। वायु, जल और भूमि निर्जीव हैं। उनकी कार्यप्रणाली प्रकृति द्वारा इस तरह से डिजाइन की गई है कि सब कुछ एक दूसरे पर निर्भर है। मनुष्य सभी प्राणियों में सबसे प्रभावशाली प्राणी है जो पृथ्वी के सभी प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर हो सकता है। उसे सांस लेने के लिए हवा की आवश्यकता होती है। न केवल मनुष्य बल्कि पौधों और जानवरों को भी सांस लेने के लिए हवा की आवश्यकता होती है। वायु के बिना पृथ्वी पर जीवन नहीं होगा। पर्यावरण की बर्बादी के लिए सिर्फ इंसान ही जिम्मेदार है।

पर्यावरण को विभिन्न परतों जैसे वायुमंडल, जलमंडल, स्थलमंडल और जीवमंडल में विभाजित किया गया है। वायुमंडल कई गैसों जैसे नाइट्रोजन और ऑक्सीजन से बना है। सभी जल निकाय जलमंडल बनाते हैं। लिथोस्फीयर पृथ्वी का आवरण है जो चट्टान और मिट्टी से बना है। जीवमंडल में जीवन मौजूद है।

पर्यावरण पर निबंध 250 शब्द (Essay On Environment 250 Words in Hindi)

Essay on Environment in Hindi – पृथ्वी परिवेश से बनी है जिसमें सभी सजीव और निर्जीव अपना जीवन व्यतीत करते हैं। प्रकृति की भौतिक, जैविक और प्राकृतिक शक्तियाँ एक साथ मिलकर ऐसी परिस्थितियाँ बनाती हैं जो एक जीव को जीने में सक्षम बनाती हैं। ऐसी परिस्थितियों को पर्यावरण कहते हैं। फ्रांसीसी शब्द ‘एनवायरन’ जिसका अर्थ है घेरना, पर्यावरण शब्द का व्युत्पन्न है।

सभी जैविक (जीवित) और अजैविक (निर्जीव) संस्थाएं पर्यावरण का निर्माण करती हैं। जैविक चीजों में शामिल हैं- मनुष्य, पौधे, जानवर और कीड़े। उन्हें पर्यावरण के जैविक घटकों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। प्रत्येक जैविक प्राणी का अपना एक निश्चित जीवन चक्र होता है। उदाहरण के लिए, मनुष्य पृथ्वी पर सबसे मजबूत जीवित जीव है। उसे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए पौधों और जानवरों की जरूरत है। उनके बिना उसका जीवन-चक्र अस्त-व्यस्त हो जाएगा।

जबकि, अजैविक घटकों में वायुमंडल, स्थलमंडल, जलमंडल और जीवमंडल शामिल हैं। वे पर्यावरण की परतें हैं। इन परतों को पर्यावरण के भौतिक घटकों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। वायुमंडल हवा की वह परत है जो नाइट्रोजन, ऑक्सीजन और अन्य गैसों से बनी होती है। सभी जल निकाय जैसे नदियाँ और महासागर मिलकर जलमंडल बनाते हैं। स्थलमंडल पृथ्वी का सबसे ठोस, सबसे बाहरी भाग है। यह क्रस्ट से बना है जो पृथ्वी की सतह पर मेंटल, चट्टानों और मिट्टी को ढकता है। सबसे महत्वपूर्ण परत जीवमंडल है जहां जीवन मौजूद है। इसमें जलीय, स्थलीय और हवाई पारिस्थितिक तंत्र शामिल हैं। पेड़ों की जड़ प्रणाली से लेकर गहरे पानी के नीचे के जीवन तक जीवमंडल की विशेषता है।

इन सभी जीवों का अस्तित्व एक दूसरे के साथ उनके निरंतर संपर्क पर निर्भर है। उनकी कार्यप्रणाली प्रकृति द्वारा व्यवस्थित है और एक बार बर्बाद होने पर नष्ट हो सकती है। आज पर्यावरण का क्षरण एक प्रमुख मुद्दा बन गया है जिससे मानव को निपटना है।

पर्यावरण पर निबंध 300 शब्द (Essay On Environment 300 Words in Hindi)

Essay on Environment in Hindi – कई तरह से हमारी मदद करने के लिए हमारे आस-पास के सभी प्राकृतिक संसाधनों को पर्यावरण में शामिल किया जाता है, यह हमें आगे बढ़ने और बढ़ने का एक बेहतर माध्यम देता है। यह हमें इस ग्रह पर रहने के लिए सभी चीजें देता है। हालांकि, अपने पर्यावरण को बनाए रखने के लिए, हमें सभी मदद की ज़रूरत है, ताकि यह हमारे जीवन का पोषण करे और हमारे जीवन को बर्बाद न करे। मानव निर्मित तकनीकी आपदा के कारण हमारे पर्यावरण के तत्व दिन-ब-दिन गिरते जा रहे हैं।

केवल पृथ्वी ही एक ऐसी जगह है जहाँ पूरे विश्व में जीवन संभव है और पृथ्वी पर जीवन को जारी रखने के लिए हमें अपने पर्यावरण की मौलिकता को बनाए रखने की आवश्यकता है। विश्व पर्यावरण दिवस एक अभियान है जो हर साल 5 जून को कई वर्षों तक मनाया जाता है ताकि पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के लिए दुनिया भर में जनता के बीच जागरूकता फैलाई जा सके। हमें इस वातावरण में भाग लेना चाहिए ताकि हमारे पर्यावरण संरक्षण के तरीके और सभी बुरी आदतें हमारे पर्यावरण दिवस को नुकसान पहुंचा सकें।

हम अपने पर्यावरण को पृथ्वी पर हर व्यक्ति द्वारा उठाए गए छोटे-छोटे कदमों से बहुत ही आसान तरीके से बचा सकते हैं; कचरे की मात्रा को कम करने के लिए, कचरे को ठीक से बदलने के लिए, पॉली बैग के उपयोग को रोकने के लिए, पुरानी वस्तुओं को नए तरीके से पुनर्चक्रण करने के लिए, टूटी हुई वस्तुओं की मरम्मत और पुनर्चक्रण, रिचार्जेबल बैटरी या फ्लोरोसेंट रोशनी का उपयोग करना। बारिश के पानी को बचाने, पानी की बर्बादी को कम करने, ऊर्जा बचाने और बिजली के उपयोग को कम करने के लिए अक्षय क्षारीय बैटरी का उपयोग करें।

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पर्यावरण पर निबंध 500 शब्द (Essay On Environment 500 Words in Hindi)

पर्यावरण वह सब कुछ है जो हमारे चारों ओर प्राकृतिक है। आज यह प्राकृतिक पर्यावरण मानवीय गतिविधियों से खतरे में है। पेड़, जंगल, झीलें, नदियाँ, प्राकृतिक पर्यावरण के कुछ प्रमुख घटक हैं, जबकि सड़कों, कारखानों और कंक्रीट के ढांचे आदि का निर्माण पर्यावरण के अतिक्रमण के उदाहरण हैं। मानवीय हस्तक्षेप के कारण हमारे चारों ओर का प्राकृतिक वातावरण समाप्त होता जा रहा है।

पर्यावरण अनमोल है

‘पर्यावरण अनमोल है’; इस दावे को प्रमाणित करने के लिए कम से कम दो मुख्य स्पष्टीकरण हैं। पहला यह है कि आज हम जिस प्राकृतिक वातावरण में रहते हैं, जैसे नदियों, झीलों, जंगलों, पहाड़ियों, भूजल संसाधनों आदि को वर्तमान अवस्था में आने में हजारों या लाखों साल लग गए हैं। पर्यावरण की बहुमूल्यता को प्रमाणित करने का दूसरा तर्क यह है कि यह स्वस्थ और सुखी जीवन के लिए अति आवश्यक है। मुझे थोड़ा विस्तार से बताएं।

कोई भी वनाच्छादित क्षेत्र जिसे आप जानते हैं वह आपके बचपन से रहा है, शायद हजारों वर्षों में विकसित हुआ है। एक प्राकृतिक जंगल को अपनी पूर्ण महिमा में आने और उस सभी जैव विविधता का समर्थन करने में इतने सालों लगते हैं। लेकिन जब किसी जंगल को व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए काटा जाता है, तो चीजें कभी भी वैसी नहीं रहतीं, भले ही जंगल को फिर से बढ़ने का उचित मौका दिया जाए। अफसोस की बात है कि जैव विविधता के नुकसान की भरपाई कभी नहीं की जा सकती, चाहे हम कितनी भी कोशिश कर लें।

यही स्थिति पर्यावरण के अन्य तत्वों के साथ भी है। जिस भूजल का हम प्रतिदिन उपयोग करते हैं, वह हजारों वर्षों की अवधि में निर्मित हुआ है। इसका मतलब है कि भूजल के किसी भी अपशिष्ट को फिर से भरने में सदियों लगेंगे।

जीवन और पर्यावरण

हम रोज़मर्रा के कामों में इतने मशगूल हैं कि हमें उस हंगामे के पीछे की असली ताकत का एहसास नहीं होता, जो हमें चुनौतियों का सामना करने की ताकत देता है। हम सोचते हैं कि हमारी इच्छाएं और महत्वाकांक्षाएं हमें प्रेरित करती हैं, लेकिन यह केवल आधा सच है। महत्वाकांक्षाएं और कुछ नहीं बल्कि मन के लक्ष्य हैं जो हम अपने लिए निर्धारित करते हैं, लेकिन हम उन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सक्षम होते हैं, केवल इसलिए कि हमारा पर्यावरण स्वास्थ्य में हमारा समर्थन करता है।

यह हमें जीवन के लिए सभी आवश्यक आवश्यकताएं प्रदान करता है – ऑक्सीजन, पानी, भोजन, वायु और अन्य महत्वपूर्ण संसाधन। हम एक निर्दिष्ट सीमा से अधिक पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचा सकते। क्योंकि, अगर हम ऐसा करते हैं, तो पृथ्वी पर कोई जीवन नहीं होगा, एक कठिन जीवन के बारे में भूल जाओ।

सौभाग्य से, जिस हवा में हम सांस लेते हैं, उसमें अभी भी 20% ऑक्सीजन सांद्रता द्वारा होती है, जबकि मनुष्यों को सांस लेने या अधिक विशिष्ट होने के लिए – ‘जीने के लिए’ लगभग 19.5% ऑक्सीजन की आवश्यकता होती है। हालाँकि, जिस दर से हम अपने पर्यावरण को नुकसान पहुँचा रहे हैं, टेबल जल्दी से पर्याप्त रूप से बदल सकते हैं, मरम्मत के लिए कोई जगह नहीं छोड़ेंगे।

महासागरों से समुद्री ऑक्सीजन की हानि पहले से ही मछलियों और अन्य समुद्री प्रजातियों के अस्तित्व के लिए खतरा है। समुद्र में ऑक्सीजन के स्तर में गिरावट के लिए जिम्मेदार कारक जलवायु परिवर्तन और पोषक तत्व प्रदूषण हैं। जलवायु परिवर्तन मुख्य रूप से मानवीय गतिविधियों का परिणाम है और यह समग्र रूप से पर्यावरण के लिए भी खतरा है।

ये परिवर्तन संभवत: अलार्म कॉल हैं जो पर्यावरण को होने वाले नुकसान के खिलाफ मानवता को चेतावनी देते हैं। स्वच्छ और सुरक्षित वातावरण के बिना, ग्रह पर किसी भी तरह के जीवन के बारे में सोचना भी बेकार होगा। अगर पर्यावरण को नुकसान होता रहा तो पृथ्वी की सारी सुंदरता गायब हो जाएगी।

यह संदेह से परे है कि ग ग्रह पर जीवन के लिए आवश्यक है और जब तक अपने मूल रूप और आकार में रहता है, जीवन फलता-फूलता रहेगा। लेकिन, अगर यह एक निश्चित स्तर से अधिक क्षतिग्रस्त हो जाता है तो धीरे-धीरे भूमि और समुद्री जीवन समाप्त हो जाएगा, जिससे ग्रह बेजान हो जाएगा। इसलिए पर्यावरण को होने वाले नुकसान की जांच करना और इस संबंध में आवश्यक कदम उठाना हमारी सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।

पर्यावरण पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

पर्यावरण क्यों महत्वपूर्ण है.

पर्यावरण हर किसी के जीवन में एक आवश्यक भूमिका निभाता है। यह सभी जीवों का एकमात्र घर है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पर्यावरण हवा, भोजन, पानी और आश्रय प्रदान करता है।

मानव द्वारा किन प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग किया जाता है?

मनुष्य पृथ्वी पर प्राकृतिक संसाधनों का प्रमुख उपभोक्ता है। वे जानवरों और पौधों से खाद्य उत्पाद प्राप्त करते हैं। वस्त्र मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताओं में से एक है। वह फिर से उन्हीं उल्लिखित संसाधनों से कपड़े प्राप्त करता है।

मनुष्य पर्यावरण को कैसे खराब करेंगे?

मानव द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का दुरुपयोग प्राकृतिक पर्यावरण के क्षरण का प्रमुख कारण है। आदमी की जरूरत ने दुनिया भर के आधे से ज्यादा जंगलों का सफाया कर दिया है। फलस्वरूप आज बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाएँ आम हो गई हैं।

एक पारिस्थितिकी तंत्र क्या है?

एक पारिस्थितिकी तंत्र एक बड़ा समुदाय है जिसमें जीवन के कुछ या सभी रूप एक साथ मिलकर जीवन यापन करते हैं। पृथ्वी पर एक स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र है। पेड़, पौधे, झाड़ियाँ बड़े और छोटे जानवर, कीड़े एक साथ रहते हैं और एक दूसरे पर निर्भर हैं। वन जानवरों का प्राकृतिक आवास है। जानवरों को उनके प्राकृतिक घर से बाहर निकालना उनके पारिस्थितिकी तंत्र के लिए एक बड़ी आपदा होगी।

वनों की कटाई क्या है?

निर्माण, कृषि भूमि और शहरीकरण जैसे विभिन्न उपयोगों के लिए दुनिया भर में पेड़ों को काटना। यह प्राकृतिक पर्यावरण को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है।

पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi (1000W)

पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi (1000W)

आज हम इस आर्टिकल में पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi (1000) लिखा है जिसमें हमने प्रस्तावना, पर्यावरण का अर्थ, पर्यावरण का महत्व, विश्व पर्यावरण दिवस, पर्यावरण से लाभ और हानि, पर्यावरण और जीवन, पर्यावरण प्रौद्योगिकी प्रगति और प्रदूषण, पर्यावरण संरक्षण के उपाय के बारे में लिखा है।

Table of Contents

प्रस्तावना (पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi)

प्रकृति ने हमें एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सौंपा था। किंतु मनुष्य ने अपने लालची पन और विकास के नाम पर उसे खतरे में डाल दिया है। विज्ञान की बढ़ती प्रकृति ने एक और तो हमारे लिए सुख- सुविधा में वृद्धि की है तो दूसरी ओर पर्यावरण को दूषित करके मानव के अस्तित्व पर प्रश्नचिह्न लगा दिया है।

पर्यावरण का अर्थ Meaning of Environment 

“अमृत बांटें कर विष पान, वृक्ष स्वयं शंकर भगवान।”पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है पर +आवरण जिसका अर्थ है हमारे चारों ओर घिरे हुए वातावरण।

पर्यावरण और मानव का संबंध अत्यंत घनिष्ठ है। पर्यावरण से मनुष्य की  भौतिक आवश्यकताओं की पूर्ति होती है। पर्यावरण से हमें जल, वायु आदि कारक प्राप्त होते हैं।

पर्यावरण का महत्व Importance of Environment in Hindi

पर्यावरण से ही हम हैं, हर किसी के जीवन के लिए पर्यावरण का बहुत महत्व है, क्योंकि पृथ्वी पर जीवन पर्यावरण से ही संभव है। समस्त मनुष्य, जीव- जंतु, प्राकृतिक, वनस्पतियों, पेड़- पौधे, जलवायु, मौसम सब पर्यावरण के अंतर्गत ही निहित है।

पर्यावरण न सिर्फ जलवायु में संतुलन बनाए रखने का काम करता है, और जीवन के लिए आवश्यक सभी वस्तुएँ  उपलब्ध कराता है।

विश्व पर्यावरण दिवस World Environment Day 

लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने और इसके प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।

5 जून 1973 को पहला पर्यावरण दिवस मनाया गया था। इस मौके पर कई जगहों पर जागरूकता कार्यक्रम कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है।

पर्यावरण से लाभ और हानि Advantages and Disadvantages of Environment in Hindi

पर्यावरण से लाभ advantages of environment in hindi.

पर्यावरण से हमें स्वच्छ हवा मिलती है। पर्यावरण हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण भाग है। पर्यावरण में जैविक,  अजैविक, प्राकृतिक तथा मानव निर्मित वस्तु का समावेश होता है।

प्राकृतिक पर्यावरण में पेड़, झाड़ियां, नदी, जल, सूर्य प्रकाश, पशु, हवा आदि शामिल है।जो हवा हम हर पल सांस लेते हैं, पानी जिस के सिवा हम जी नहीं सकते और जो हम अपनी दिनचर्या में इस्तेमाल करते हैं, पेड़ पौधे उनका हमारे जीवन में बहुत महत्व है।

यह सब प्राकृतिक चीजें हैं जो पृथ्वी पर जीवन संभव बनाती हैं। वह पर्यावरण के अंतर्गत ही आती हैं। पेड़-पौधों की हरियाली से मन का तनाव दूर होता है, और दिमाग को शांति मिलती है। पर्यावरण से ही हमारे अनेक प्रकार की बीमारी भी दूर होती है।

पर्यावरण मनुष्य, पशुओं और अन्य जीव चीजों को बढ़ाने और विकास होने में मदद करती है। मनुष्य भी पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण भाग है। पर्यावरण का एक घटक होने के कारण हमें भी पर्यावरण का एक संवर्धन करना चाहिए।

पर्यावरण पर हमारा यह जीवन बनाए रखने के लिए हमें पर्यावरण की वास्तविकता को बनाए रखना होगा।

और पढ़ें: जल संरक्षण पर निबंध

पर्यावरण से हानि Disadvantages of Environment in Hindi

आज के युग में पर्यावरण प्रदूषण बहुत तेजी से बढ़ रहा है। बढ़ती हुई जनसंख्या के कारण पर्यावरण की प्रकृति नष्ट हो रही है। हर जगह जहां घने वृक्ष हैं उन्हें काट कर वहां बड़ी इमारत बनाए जा रहे हैं।

गाड़ी की धुआ, फैक्ट्री मे मशीनों की आवाज, खराब रासायनिक जल इन सब की वजह से, वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण हो रहा है। यह एक चिंता का विषय बन चुका है यह अत्यंत घातक है। जिसके कारण हमें अनेक प्रकार की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है और हमारा शरीर हमेशा बिगड़ रहा है।

वही आज जहां विज्ञान में तकनीकी और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिला है और दुनिया में खूब विकास हुआ है तो दूसरी तरफ यह बढ़ते पर्यावरण प्रदूषण के लिए भी जिम्मेदार है। आधुनिकीकरण, प्रौद्योगिकी करण और टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से पर्यावरण पर गलत प्रभाव पड़ रहा है।

मनुष्य  अपने स्वार्थ के चलते पेड़ पौधों की कटाई कर रहा है एवं प्राकृतिक संसाधनों से खिलवाड़ कर रहा है, जिसके चलते पर्यावरण को काफी क्षति पहुंच रही है, यही नहीं कुछ मानव निर्मित कारणों की वजह से वायुमंडल, जलमंडल आदि प्रभावित हो रहे हैं धरती का तापमान बढ़ रहा है और ग्लोबल वाल्मिग की समस्या उत्पन्न हो रही है, जो कि मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए काफी खतरनाक है।

पर्यावरण हमारे लिए अनमोल रत्न है। इस पर्यावरण के लिए हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है। पर्यावरण का सौंदर्य बढ़ाने के लिए हमें साफ-सफाई का भी बहुत ध्यान रखना चाहिए।

  • पेड़ों का महत्व समझ कर हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाना चाहिए। घने वृक्ष वातावरण को शुद्ध रखते हैं और हमें  छाया प्रदान करते हैं। घने वृक्ष पशु पक्षी का भी निवास स्थान है। इसीलिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए।

पर्यावरण और जीवन Environment and life in Hindi

पर्यावरण और मनुष्य एक दूसरे के बिना अधूरे हैं, अर्थात पर्यावरण पर ही मनुष्य पूरी तरह से निर्भर है। पर्यावरण के बिना मनुष्य अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकता है, भले ही आज विज्ञान ने बहुंत तरक्की कर ली हो।

लेकिन प्रकृति में जो हमें उपलब्ध करवाया है, उसकी कोई तुलना नहीं है। इसीलिए भौतिक सुख की प्राप्ति के लिए मनुष्य को प्रकृति का दोहन करने से बचना चाहिए।

वायु, जल, अग्नि, आकाश, थल ऐसे पांच तत्व है, जिस पर मानव जीवन टिका हुआ है, और यह सब हमें पर्यावरण से ही प्राप्त होते हैं। पर्यावरण ना केवल हमारे स्वास्थ्य का ख्याल रखता है बल्कि एक मां की तरह हमें सुख-शांति भी प्राप्त करता है।

पर्यावरण, प्रौद्योगिकी, प्रगति और प्रदूषण Environment, Technology, Progress and Pollution in Hindi

इसमें कोई दो राय नहीं है कि विज्ञान की उन्नत तकनीकी ने मनुष्य के जीवन को बेहद आसान बना दिया है, वहीं इससे ना सिर्फ समय की बचत हुई है बल्कि मनुष्य ने काफी प्रगति भी की है। लेकिन विज्ञान ने कई ऐसी खोज की है जिसका असर हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है, और जो मनुष्य के स्वास्थ्य के लिए खतरा उत्पन्न कर रहा है।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय Environmental protection measures in Hindi

  • उद्योग से निकलने वाला दूषित पदार्थ और धोएं का सही तरीके से निस्तारण करना चाहिए।
  • पर्यावरण हमारे लिए अनमोल रत्न है। इस पर्यावरण के लिए हम सभी को जागरूक होने की आवश्यकता है। पर्यावरण का सौंदर्य बढ़ाने के लिए हमें साफ-सफाई का भी बहुत ध्यान रखना चाहिए। 
  • पेड़ों की अंधाधुंध कटाई पर रोक लगानी चाहिए।
  • वाहनों का इस्तेमाल बेहद जरूरत के समय ही किया जाना चाहिए।
  • दूषित और जहरीले पदार्थों को निपटाने के लिए सख्त कानून बनाने चाहिए।
  • लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझने के लिए जागरूकता फैलाने चाहिए।

हमारे देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की। यह पर्यावरण संतुलन के लिए ही बनाया गया एक उपक्रम है।

इस तरह हमें अपने पर्यावरण को बचाना चाहिए। लोगों को पर्यावरण का महत्व समझाना चाहिए। स्वच्छ पर्यावरण एक शांतिपूर्ण और स्वास्थ्य जीवन जीने के लिए बहुत आवश्यक है। 

पर्यावरण पर 10 लाइन 10 Line on Environment in Hindi

  • पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है परिधान +आवरण इसका अर्थ होता है हमारे चारों ओर् घिरे हुये वातावरण।
  • पर्यावरण और मानव का संबंध घनिष्ठ है।
  • पर्यावरण से ही हम हैं हर किसी के जीवन  के लिए पर्यावरण का बहुत महत्व है क्योंकि पृथ्वी पर जीवन पर्यावरण से ही संभव है।
  • पर्यावरण से हमें जल, वायु आदि कारक प्राप्त होते हैं।
  • पर्यावरण आसिफ जलवायु में संतुलन बनाए रखता है बल्कि, जीवन के लिए सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराता है।
  • लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने और जागरूकता फैलाने के मकसद से 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है।
  • पर्यावरण से हमें स्वच्छ हवा मिलती है।
  • प्राकृतिक पर्यावरण में पेड़, झाड़ियां, नदी, जल, सूर्य प्रकाश, पशु, हवा आदि शामिल है।
  • पर्यावरण ना केवल हमारे स्वास्थ्य का ख्याल रखता है बल्कि एक मां की तरह हमें सुख-शांति भी प्राप्त करता है।
  • घने वृक्ष पशु-पक्षी का निवास स्थान है। घने वृक्ष वातावरण को शुद्ध रखते हैं और हमेशा या प्रदान करते हैं।

निष्कर्ष Conclusion

पर्यावरण के प्रति हम सब को जागरूक होने की आवश्यकता है। पेड़ों की हो रही है अंधाधुन कटाई पर सरकार द्वारा सख्त कानून बनाना चाहिए। इसके साथ ही पर्यावरण को स्वच्छ रखना और हमारा कर्तव्य समझना चाहिए, क्योंकि स्वच्छ पर्यावरण में ही रहकर स्वास्थ्य मनुष्य का निर्माण हो सकता है और उसका विकास हो सकता है।आशा करते हैं आपको हमारा पर्यावरण पर निबंध अच्छा लगा होगा।

1 thought on “पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi (1000W)”

आपने पर्यावरण पर जो निबंध लिखा है सचमुच ही हृदय को छू लेने वाला है। अगर जन-जन में यह क्रांति फैलाई जाए की मनुष्य जहां- जहां घर बनाते हैं वहां 6 फुट का जगह छोड़ना चाहिए और एक आम और नीम का पेड़ जरूर लगाना चाहिए।

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पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on Environment Day in Hindi) - पर्यावरण पर निबंध कैसे लिखें

पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on Environment Day in hindi) - विश्व पर्यावरण दिवस (डब्ल्यूईडी) हमारे पर्यावरण के संरक्षण तथा संवर्धन के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 5 जून को मनाया जाता है। पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में पूछे जाने वाले प्रश्नों में सामान्य प्रश्न है। पर्यावरण दिवस पर निबंध (Environment Day Essay in hindi) लिखना जितना आसान है उतना ही चुनौतीपूर्ण भी है, क्योंकि इसका विषय इतना व्यापक है कि कम शब्दों में समेटना गागर में सागर जैसा है। स्टूडेंट्स की सुविधा के लिए पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on Environment Day hindi) को अधिक प्रभावी तथा सुव्यवस्थित करने में इस लेख को तैयार किया गया है ताकि परीक्षा या किसी प्रतिस्पर्धा से पहले इस विषय पर तैयारी में मदद मिले। योग पर निबंध पढ़ें

विश्व पर्यावरण दिवस 2024 के लिए थीम और मेजबान देश

पर्यावरण संरक्षण के लिए वैश्विक स्तर पर होने वाले सम्मलेन -, पर्यावरण संरक्षण के कुछ उपाय -, वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे पर निबंध (essay on world environment day in hindi) - विश्व पर्यावरण दिवस पर संदेश, पर्यावरण दिवस का क्या महत्व है, पर्यावरण दिवस का जनक कौन है, भारत में पारिस्थितिकी का जनक किनको कहा जाता है, पर्यावरण की 6 थीम क्या है, पहला पर्यावरण दिवस कौन सा था, विश्व पर्यावरण दिवस पर आप अपना योगदान कैसे दे सकते हैं.

पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on Environment Day in Hindi) - पर्यावरण पर निबंध कैसे लिखें

विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को दुनिया भर के 100 से ज़्यादा देशों में मनाया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य पर्यावरण की मौजूदा स्थितियों के बारे में लोगों में जागरूकता बढ़ाना है। इस दिन लोग मिलकर अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए काम करते हैं। हर साल, किसी खास थीम या पर्यावरण संबंधी मुद्दे पर प्रकाश डाला जाता है और प्रतिभागी इसे संबोधित करने के लिए कार्रवाई करने की प्रतिबद्धता जताते हैं। यहाँ ‘विश्व पर्यावरण दिवस’ विषय पर कुछ नमूना निबंध दिए गए हैं।

इससे विभिन्न स्तर पर आयोजित किए जाने वाले पर्यावरण दिवस पर निबंध (Environment Day Essay hindi) प्रतियोगिता या फिर विद्यालय में पर्यावरण दिवस से संबंधित होमवर्क को पूरा करने में भी इससे सहायता होगी। पर्यावरण दिवस पर निबंध पीडीएफ़ के तौर पर इस लेख को डाउनलोड भी कर सकते हैं, ताकि आपको भविष्य में संदर्भ के तौर पर इसकी मदद ली जा सके। चूंकि पर्यावरण दिवस पर लेख (Essay on Environment Day in hindi) लिखना काफी कठिन है क्योंकि यह विषय काफी व्यापक है। ऐसे में पर्यावरण पर निबंध (Essay on Environment Day in hindi) के इस लेख में हम उन सभी पहलुओं का समायोजन करने का प्रयास कर रहें है, जो इस विषय के लिए महत्वपूर्ण हैं।

पर्यावरण पर निबंध (paryavaran diwas par nibandh) का यह लेख उन सभी छात्रों के लिए लाभदायक होगा जो पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में (environment day essay in hindi) लिखना चाहते हैं या इस विषय के प्रति अपनी जानकारी में बढ़ोतरी करना चाहते है। इस लेख में दिए गए पर्यावरण दिवस पर निबंध के माध्यम से छात्रों को पर्यावरण दिवस जैसे विषय पर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त होगी। पर्यावरण दिवस पर हिंदी में निबंध (Essay on Environment Day in hindi) विशेष इस लेख के माध्यम से छात्र निबंध लिखने की कला सिख पाएंगे। इसके साथ ही ऐसे स्कूल में अध्ययनरत छात्रों को भी इस लेख से मदद मिलेगी जो विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध हिन्दी में (Essay on Environment Day in hindi) लिखने में किसी प्रकार का संदर्भ या सहायता की तलाश कर रहे हैं।

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पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on Environment Day in Hindi) - पर्यावरण क्या है?

इस प्रश्न ने स्वतः में बहुत से तत्वों का समावेश कर रखा है। मूलतः पर्यावरण हमारे आस-पास का परिवेश है, जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है। सरल शब्दों में कहें तो सभी तत्व तथा परिस्थितियां जो प्राकृतिक तौर पर हमारे चारों ओर मौजूद हैं पर्यावरण (Environment) कहलाती हैं। पर्यावरण (Environment) को विभिन्न विषयों में प्राकृतिक वास, जनसंख्या पारिस्थितिकी एवं जीवमंडल जैसी शब्दावली से जाना जाता है। पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है – परि और आवरण। परि का तात्पर्य है 'हमारे चारों ओर' तथा आवरण का अर्थ है 'परिवेश'। अर्थात हमारे चारों ओर पृथ्वी पर फैली प्रत्येक वस्तु हमारे पर्यावरण (Environment) का हिस्सा है। यह मूलतः मौलिक और जैविक तत्वों के पारस्परिक संबंध से बना है। पर्यावरण (Environment) के मौलिक तत्वों में स्थान, भू आकृतियाँ, जलाशय, जलवायु, जलअपवाह, शैल, मृदा, खनिज संपत्ति आदि सम्मिलित है, जबकि जैविक तत्व में मानव, पशु, पक्षी एवं वनस्पति सम्मिलित हैं।

विश्व पर्यावरण दिवस हमारे सामने आने वाली पर्यावरणीय चुनौतियों, जैसे जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और जैव विविधता के नुकसान के बारे में जागरूकता बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसी के मद्देनजर हर साल 5 जून को दुनिया भर में कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस का उद्देश्य व्यक्तियों, समुदायों और सरकारों को कार्रवाई करने और अधिक टिकाऊ प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित करना रहता है।

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पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में (Essay on Environment Day in Hindi)

पर्यावरण दिवस - हमारी पृथ्वी जो हमारा घर है, जहां हम मनुष्य, पशु-पक्षी, पौधे निवास करते हैं, इसके ही पर्यावरण के संरक्षण के लिए विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत साल 1972 में मानव पर्यावरण पर आयोजित संयुक्त राष्ट्र सम्मलेन के दौरान हुई थी। पहला विश्व पर्यावरण दिवस (Environment Day) 5 जून, 1974 को “केवल एक पृथ्वी” (Only One Earth) स्लोगन/थीम के साथ मनाया गया था। जिसमें तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने भी भाग लिया था। इसी सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) की भी स्थापना की गई थी। इस विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) को मनाने का उद्देश्य विश्व के लोगों के भीतर पर्यावरण (Environment) के प्रति जागरूकता लाना तथा साथ ही प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्य का निर्वहन करना भी है। इसी विषय पर विचार करते हुए 19 नवंबर, 1986 को पर्यवरण संरक्षण अधिनियम लागू किया गया तथा 1987 से हर वर्ष पर्यावरण दिवस की मेजबानी करने के लिए अलग-अलग देश को चुना गया। साल 2021 में पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के सहयोग से विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) की मेजबानी “पारिस्थितिकी तंत्र का पुनर्निर्माण” विषय के साथ की थी।

पारिस्थितिकी तंत्र का पुनर्निर्माण विषय के साथ साल 2021 से साल 2030 तक संयुक्त राष्ट्र दशक की घोषणा भी की गई थी, जिसका उद्देश्य हमारे पर्यावरण (Environment) को हुई क्षति की भरपाई करना हैं। चाहे वह जंगल हो, पहाड़ हो, मरुभूमि या सागर हो, प्रत्येक का पुनर्निर्माण करना इस दशक का उद्देश्य रखा गया।

हाल के दिनों में जिस तरह से गर्मी और तापमान बढ्ता जा रहा है, पर्यावरण दिवस का महत्व भी बढ़ रहा है। 2024 में भारत की राजधानी दिल्ली में 29 मई को पारा रिकॉर्ड 52.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसने देश में सर्वाधिक गर्म दिन का रिकॉर्ड बनाया। हालांकि मौसम विभाग का कहना था कि पारा मापने की मशीन में कुछ गड़बड़ी के चलते ऐसा हुआ है। इससे पहले राजस्थान केफलौदी में 2016 में तापमान 51 डिग्री सेल्सियस था जो देश में अब तक का सबसे ऊंचा तापमान था। इसी तरह देश के अन्य राज्यों यूपी, बिहार, पंजाब, राजस्थान में भी भीषण गर्मी ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी हैऔर ऐसे में लोगों को पर्यावरण का महत्व समझ में आ रहा है। पर्यावरण में असंतुलन ने लोगों के जनजीवन पर गहरा प्रभाव डाला है।

इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस 2024 का विषय या थीम भूमि पुनर्स्थापन मरुस्थलीकरण और सूखा लचीलापन (Land restoration, desertification and drought resilience) है। मरुस्थलीकरण से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अनुसार, दुनिया की लगभग 40 प्रतिशत भूमि वर्तमान में क्षरण के दायरे में है, जो सीधे दुनिया के आधे निवासियों को प्रभावित कर रही है और दुनिया के लगभग 50 प्रतिशत आर्थिक उत्पादन के लिए एक बड़ा खतरा पैदा कर रही है, जो लगभग 44 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के बराबर है। 2000 के बाद से सूखे की आवृत्ति और लंबाई में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। त्वरित हस्तक्षेप के बिना, सूखा 2050 तक वैश्विक आबादी के तीन-चौथाई से अधिक की आजीविका को खतरे में डाल सकता है।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (यूएनईपी) और सऊदी अरब ने घोषणा की कि भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखे के लचीलेपन पर ध्यान देने के साथ सऊदी अरब विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की मेजबानी करेगा। विश्व पर्यावरण दिवस प्रतिवर्ष 5 जून को मनाया जाता है और पिछले पांच दशकों में यह दिन पर्यावरण जागरूकता के लिए सबसे बड़े वैश्विक मंचों में से एक बन गया है। पृथ्वी के संसाधनों का दोहन करने के कारण होने वाली क्षति को रोकने और पृथ्वी को बचाने के लिए इस साल विश्व पर्यावरण दिवस पर जागरूकता को लेकर चल रही तैयारियों में कई मुद्दों और आ रही परेशानी पर समाधान को लेकर चर्चाएं हो रही है। इन्हीं में एक है प्रैक्टिकल गाइड, जिसे छात्र पर्यावरण दिवस पर हो रही गतिविधियों के लिए बने लिंक https://www.worldenvironmentday.global/2024-updates# पर देख सकते हैं। इनवायरनमेंट डे प्रैक्टिकल गाइड पीडीएफ देखने के लिए नीचे दिए फोटो लिंक पर क्लिक करें।

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हमें विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाने की आवश्यकता क्यों है?

विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) की शुरुआत: मानव द्वारा अपने हित के लिए लगातार पृथ्वी के संसाधनों का दोहन करने के कारण होने वाली क्षति को रोकने और पृथ्वी को बचाने के लिए पर्यावरण दिवस (Environment Day) की शुरुआत की गई। मानव ने पिछले 200 वर्षो में अपनी उन्नति और प्रगति के नाम पर प्रकृति का जो शोषण किया है, उसी का परिणाम है जो आज हम अपने पर्यावरण में परिवर्तन देख रहें है। यदि इस पर अब भी दृढ़ता के साथ विचार नहीं किया गया, तो आने वाले समय में हमें इसके भयंकर परिणाम भुगतने होंगे। इस विषय को लेकर विश्व में जागरूकता और पर्यावरण संरक्षण करने के लिए हर वर्ष 5 जून को वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे यानी अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाया जाता है।

पर्यावरण दिवस (Environment Day) विषय की गंभीरता - मानव ने हमेशा अपने विकास के लिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन करने का प्रयास किया है, इसके लिए विश्व के सभी देश अपनी प्रगति के लिए प्रकृति के संसाधनों का वहन कर रहें है, जिसका परिणाम है कि प्रदूषण का स्तर काफी तेज़ी से बढ़ता जा रहा है। हम अपनी सुख-सुविधा के लिए अधिकाधिक पेट्रोलियम जैसे पदार्थो का उपयोग करते हैं, घर को वातानुकूलित रखने के लिए ए.सी का उपयोग करते हैं तथा साथ ही कारखानों से निकलने वाले जैविक पदार्थ जो सुविधा के अनुसार कहीं भी छोड़ दिए जाते हैं, प्रदूषण को बढ़ावा देने में अपना योगदान दे रहें हैं, जिससे पृथ्वी का बुखार (तापमान) लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में यदि इसे अभी भी कम न किया गया, तो मानव सभ्यता को नष्ट होने में अधिक समय नहीं लगेगा। इस प्रदूषण का भयानक परिणाम यह हो सकता है कि इस पृथ्वी पर जीवन की परिकल्पना करना भी असंभव हो जाएगा।

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सौजन्य:- NCERT

इस विषय की गंभीरता बेहद चिंताजनक है, यदि इस पर अभी भी गंभीरता से विचार नहीं किया गया, तो मानव-जाति का पृथ्वी पर जीवित रहना ही मुश्किल हो जायेगा। ग्लोबल वार्मिंग के कारण लगातार ग्लेसियर पिघल रहे हैं जिसकी वजह से समुद्र में जल का स्तर बढ़ रहा है, यदि ऐसे ही चलता रहा तो कुछ समय पश्चात् धरती के ज्यादातर शहर जलमग्न हो जाएगा। इस पर किसी कवि की लिखी गई यह पंक्तियाँ सच साबित होती नजर आती है (कविता NCERT से ली गई है) -

प्रक्रति ने अच्छा दृश्य रचा

इसका उपभोग करें मानव

प्रक्रति के नियमों का उल्लंघन करके

हम क्यों बन रहें है दानव

ऊँचें वृक्ष घने जंगल ये

सब है प्रकृति के वरदान

इसे नष्ट करने के लिए

तत्पर खड़ा है क्यों इंसान

कक्षा 10वीं के बाद करियर बनाने में सहायक कुछ महत्वपूर्ण लेख पढ़ें

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पर्यावरण प्रदूषण पर अंतरराष्ट्रीय सम्मलेन - पर्यावरण प्रदूषण के संबंध में विश्व की चिंता 20वीं सदी में बढ़ गई। 30 जुलाई 1968 को मानव द्वारा उत्पन्न पर्यावरण की समस्या विषय पर संयुक्त राष्ट्र की सामाजिक और आर्थिक परिषद् ने एक प्रस्ताव पारित किया तथा एक सम्मलेन का आयोजन किया गया, जिसमें कहा गया, “आधुनिक वैज्ञानिक एवं तकनीकी विकास के परिप्रेक्ष्य में मानव तथा उसके पर्यावरण के मध्य संबंधो में विकट परिवर्तन हुआ है।" सामान्य सभा ने इसमें संज्ञानता प्रकट की तथा कहा कि वैज्ञानिकों तथा तकनीकी विकास ने असीमित अवसरों को जन्म दिया है, यदि इन अवसरों का प्रयोग नियंत्रित रूप से नहीं किया गया, तो हमें भयंकर समस्याओं का समाना करना पड़ सकता है। इस सम्मलेन में संयुक्त राष्ट्र ने पर्यावरण प्रदूषण, जल प्रदूषण, क्षरण तथा भूमि के विनिष्टीकरण के अन्य प्रारूप, ध्वनि प्रदूषण, अपशिष्ट तथा कीटनाशकों के प्रभाव पर भी विचार किया।

मानव पर्यावरण स्कॉटहोम सम्मलेन - इस सम्मलेन का उद्देश्य विश्वव्यापी पर्यावरण के संरक्षण की समस्या का निदान तथा सुधार करना था। पर्यावरण के संरक्षण के संदर्भ में विश्वव्यापी स्तर का यह पहला प्रयास था। इसी सम्मलेन में 119 देशों ने ‘एक ही पृथ्वी’ का सिद्धांत को अपनाया था तथा इसी सम्मलेन से वर्ल्ड एनवायरनमेंट डे यानि कि विश्व पर्यावरण दिवस की शुरुआत हुई थी।

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम - 19 नवंबर 1986 को पर्यावरण संरक्षण अधिनियम लागू हुआ। पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के महत्वपूर्ण बिंदु इस प्रकार हैं -

पर्यावरण की गुणवत्ता के संरक्षण हेतु सभी महत्वपूर्ण कदम उठाए जाएंगे।

पर्यावरण प्रदूषण के निवारण, नियंत्रण और उपशमन हेतु राष्ट्रव्यापी योजनाएं बनाना और उनका क्रियान्वयन करना।

पर्यावरण की गुणवत्ता के मानक का निर्धारण करना।

पेरिस जलवायु समझौता - इस समझौते का प्रस्ताव वर्ष 2015 में संयुक्त राष्ट्र के वार्षिक जलवायु सम्मेलन (कॉप-21) के दौरान, 196 पक्षों की ओर से 12 दिसंबर को पारित किया गया था। 4 नवंबर 2016 को यह समझौता लागू हो गया था। पेरिस समझौते का उद्देश्य औद्योगिक काल के पूर्व के स्तर की तुलना में वैश्विक तापमान में बढ़ोत्तरी को 2 डिग्री सेल्सियस से कम रखना है और 1.5 डिग्री सेल्सियस तक सीमित रखने के लिये विशेष प्रयास करना है। तापमान संबंधी इस दीर्घकालीन लक्ष्य को पाने के लिये देशों का लक्ष्य, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन के उच्चतम स्तर पर जल्द से जल्द पहुँचना है ताकि उसके बाद, वैश्विक स्तर में कमी लाने की प्रक्रिया शुरू की जा सके। इसके जरिए 21वीं सदी के मध्य तक कार्बन तटस्थता (नेट कार्बन उत्सर्जन शून्य) हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है।

अन्य लेख देखें:

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भारत द्वारा पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए गए कदम - भारतीय पर्यावरण दिवस

भारतीय पर्यावरण दिवस या फिर कहें तो भारत में पर्यावरण दिवस का साल 2021 का विषय “बेहतर पर्यावरण के लिए जैव ईधन को बढ़ावा देना है, इसके लिए भारत सरकार ने पूरे देश में इथेनाल के उत्पादन और वितरण के लिए E-100 नामक प्रमुख योजना की शुरुआत की हैं। सरकार E-20 अधिसूचना जारी कर रही है जो तेल कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 से 20% इथेनॉल मिश्रित पेट्रोल और इथेनॉल मिश्रण E12 तथा E15 को BIS विनिर्देशों के आधार पर बेचने की अनुमति प्रदान करेगी।

इसके अलावा भारत सरकार ने राष्ट्रीय वनीकरण कार्यक्रम की शुरुआत की है जिसके अंतर्गत पूरे देश में वनों के आस-पास के क्षेत्र में पुनर्वास तथा वन रोपण का कार्य युद्ध स्तर पर किया जाएगा।

हरित भारत राष्ट्रीय मिशन, जलवायु परिवर्तन के लिए कार्य योजना है, जिसमे जलवायु परिवर्तन को जलवायु अनुकूलन में परिवर्तित करना तथा इसकी शमन रणनीति के रूप में अधिक से अधिक वृक्षों को लगाना हैं ।

राष्ट्रिय जैव विविधता कार्य योजना के अंतर्गत प्राकृतिक आवासों के क्षरण तथा हानि में कमी लाने के लिए नीतियों का कार्यान्वयन करना है।

यूज़ एंड थ्रो की प्रक्रिया को छोड़कर रिसायकल की प्रक्रिया को अपनाया जाना चाहिए

वर्षा जल-संचयन प्रणाली का उपयोग किया जाना चाहिए

जैविक खाद का उपयोग किया जाना चाहिए

जहाँ भी संभव हो पेड़-पौधे लगाएं और उनका संरक्षण करें

अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखें

प्लास्टिक का उपयोग न करें

वायुमंडल में कार्बन की मात्रा को कम करने के लिए सौर उर्जा का अधिक से अधिक प्रयोग करें

जल का संतुलित प्रयोग करें

तीन आर अर्थात रीसायकल, रिड्यूस और रियूज़ के सिद्धांत का पालन करें

निष्कर्ष - यह पृथ्वी सिर्फ हमारा घर ही नहीं, बल्कि हमारी माता भी है, इसके शोषण और दोहन को रोकना हमारा कर्तव्य है। यदि अभी भी इसे नहीं रोका गया, तो इसका परिणाम स्वयं मानव जाति को ही भोगने होंगे। पर्यवरण दिवस मनाने का उद्देश्य यह है कि हम प्रकृति के प्रति अपने कर्तव्यों का निर्वहन करें तथा उतना ही उपयोग करें जितना हमारे लिए आवश्यक है। साथ ही अपनी अस्मिता के साथ साथ इस धरती पर रहने वाले सभी जीवों की अस्मिता का आदर करें तथा पर्यवरण को संरक्षित करने का प्रयास करें।

महत्वपपूर्ण लेख:

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विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा वर्ष 1973 में की गई थी और यह अब तक जारी है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाना है। विश्व पर्यावरण दिवस के जश्न में दुनिया भर के 100 से अधिक देश शामिल होते हैं।

पर्यावरण और पारिस्थितिकी के जनक अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट को माना जाता है। अलेक्जेंडर वॉन हम्बोल्ट को 18वीं शताब्दी के अंत में अपने प्रसिद्ध अन्वेषणों और लेखन के माध्यम से आधुनिक पर्यावरण विज्ञान की नींव रखने में उनके जबरदस्त योगदान के कारण पर्यावरण के पिता के रूप में जाना जाता है।

रामदेव मिश्रा एक भारतीय वनस्पतिशास्त्री और पारिस्थितिकीविद् थे जिन्हें 'भारत में पारिस्थितिकी के जनक' के रूप में जाना जाता है। 1940 के दशक से 5 दशकों तक अपने शोध के माध्यम से, उन्होंने मध्य भारत के सूखाग्रस्त क्षेत्रों में कृषि वानिकी, आदिवासी कृषि और जैव विविधता संरक्षण के लिए पारिस्थितिक सिद्धांतों को लागू करने में अग्रणी भूमिका निभाई। उन्होंने जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय में पारिस्थितिकी अनुसंधान केंद्र की स्थापना की और पौधों के उत्तराधिकार, मृदा अपरदन, आवास बहाली पर महत्वपूर्ण अध्ययन किए। उन्होंने बड़े पैमाने पर प्रकाशन किया और छात्रों की कई पीढ़ियों का मार्गदर्शन किया। उन्होंने कमजोर शुष्क क्षेत्रों के स्थायी प्रबंधन के लिए पारंपरिक पारिस्थितिक ज्ञान को आधुनिक विज्ञान के साथ एकीकृत करने की वकालत की।

पर्यावरण विषय को 6 थीम में बाँटा गया है। वे हैं : थीम 1: परिवार एवं मित्र, जिसकी चार उपथीम हैं - (1.1) आपसी संबंध, (1.2) काम और खेल, (1.3) जानवर और (1.4) पौधे ।

अन्य थीमें हैं - ( 2 ) भोजन; ( 3 ) पानी ; ( 4 ) आवास ; ( 5 ) यात्रा और (6) हम चीजें कैसे बनाते हैं।

1972, स्वीडन | मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन

संयुक्त राष्ट्र महासभा ने मानव पर्यावरण पर स्टॉकहोम सम्मेलन के पहले दिन को चिह्नित करते हुए 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाना शुरू किया।

विश्व पर्यावरण दिवस एक वैश्विक आंदोलन है जो दुनिया भर के नागरिकों को हमारे ग्रह की रक्षा और संरक्षण के लिए कार्रवाई करने के लिए एकजुट करता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा 1974 में शुरू किया गया यह वार्षिक कार्यक्रम हम सभी को यह समझने में मदद करता है कि हमारे कार्य हमारे पर्यावरण को स्वस्थ और स्वच्छ बनाने में कैसे मदद कर सकते हैं।

इस खास दिन पर बदलाव लाने में आप कई तरह से मदद कर सकते हैं। सफाई कार्यक्रमों का आयोजन या उनमें हिस्सा लेना, पेड़ लगाना, या अपने समुदाय या परिवार को ऊर्जा का उपयोग कम करने और पानी बचाने के लिए प्रोत्साहित करना - संभावनाएं अनंत हैं। आप दान देकर या उनके साथ स्वयंसेवा करके पर्यावरण संगठनों का समर्थन भी कर सकते हैं। ये छोटे-छोटे कदम उठाने से हम एक स्वस्थ ग्रह बनाने के करीब पहुंचेंगे।

पर्यावरण दिवस का महत्व बताएं?

पर्यावरण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 के स्टॉकहोम सम्मेलन के बाद 1973 में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम द्वारा की गई थी। इस दिवस को मनाने के ज़रिए पर्यावरण प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, जैव विविधता में कमी जैसी गंभीर समस्याओं पर वैश्विक चर्चा को बढ़ावा दिया जाता है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा हर साल इसके लिए एक अलग विषय चुना जाता है, जो किसी खास पर्यावरणीय चुनौती पर फोकस करता है। इस साल के विषय हमारी धरती, हमारा भविष्य के ज़रिए भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखा सहनशीलता पर जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है।

Frequently Asked Question (FAQs)

छात्र इस लेख की मदद से पर्यावरण दिवस पर निबंध लिखना सीख भी सकते हैं और पर्यावरण दिवस पर निबंध pdf भी डाउनलोड कर सकते हैं।

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध लिखने की कला सिखने के लिए आप इस लेख की सहायता ले सकते हैं, पर्यावरण दिवस की महत्वपूर्ण जानकारी इस लेख में उपलब्ध हैं।

वह सभी मौलिक तत्व और परिस्थितियां जो हमारे चारों ओर विद्यमान हैं वही हमारा पर्यावरण है।

पर्यावरण का वर्गीकरण चार प्रकार से किया गया है -

भौतिक पर्यावरण

सांस्कृतिक पर्यावरण

जैविक पर्यावरण

संज्ञात पर्यावरण

पर्यावरण दिवस 5 जून को मनाया जाता है।

 पहली बार पर्यावरण दिवस 5 जून, 1974 को मनाया गया था।

पहले पर्यावरण दिवस का विषय “केवल एक पृथ्वी” था।

पर्यावरण संरक्षण अधिनियम 19 नवंबर, 1986 को लागू किया गया।

पर्यावरण दिवस 2021 का विषय “पारिस्थितिकी तंत्र का पुननिर्माण”  था।

विश्व पर्यावरण दिवस 2024 का थीम- भूमि पुनर्स्थापन, मरुस्थलीकरण और सूखा लचीलापन (Land restoration, desertification and drought resilience) है। यदि इस पर ध्यान नहीं दिया गया तो सूखा 2050 तक वैश्विक आबादी के तीन-चौथाई से अधिक की आजीविका को खतरे में डाल सकता है। सऊदी अरब विश्व पर्यावरण दिवस 2024 की मेजबानी करेगा। 

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पर्यावरण पर निबंध

environment for essay in hindi

By विकास सिंह

essay on environment in hindi

एक पर्यावरण प्राकृतिक दुनिया है जो पृथ्वी को घेरती है और एक विशेष भौगोलिक क्षेत्र बनाती है जिसमें मानव, पशु, पौधे और अन्य जीवित और गैर-जीवित चीजें मौजूद हैं।

पर्यावरण पर निबंध, short essay on environment in hindi (100 शब्द)

एक पर्यावरण प्राकृतिक परिवेश है जो जीवन को पृथ्वी नामक इस ग्रह पर विकसित, पोषण और नष्ट करने में मदद करता है। प्राकृतिक पर्यावरण पृथ्वी पर जीवन के अस्तित्व में एक महान भूमिका निभाता है और यह मनुष्य, जानवरों और अन्य जीवित चीजों को स्वाभाविक रूप से विकसित और विकसित करने में मदद करता है।

लेकिन मानव की कुछ बुरी और स्वार्थी गतिविधियों के कारण, हमारा पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। यह सबसे महत्वपूर्ण विषय है कि हर किसी को यह जानना चाहिए कि हमारे पर्यावरण की रक्षा कैसे करें ताकि इसे हमेशा के लिए सुरक्षित रखा जा सके और साथ ही इस ग्रह पर जीवन के अस्तित्व को बनाए रखने के लिए प्रकृति के संतुलन को सुनिश्चित किया जा सके।

पर्यावरण पर निबंध, essay on environment in hindi (150 शब्द)

जैसा कि हम सभी पर्यावरण से अच्छी तरह से परिचित हैं, यह सब कुछ है जो हमें प्राकृतिक रूप से घेरता है और पृथ्वी पर हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करता है। सब कुछ एक पर्यावरण के अंतर्गत आता है, हवा जो हम हर पल सांस लेते हैं, पानी जो हम अपने दैनिक दिनचर्या, पौधों, जानवरों और अन्य जीवित चीजों के लिए उपयोग करते हैं, आदि। एक पर्यावरण को स्वस्थ वातावरण कहा जाता है जब प्राकृतिक चक्र बिना किसी गड़बड़ी के कंधे से कंधा मिलाकर चलता है। प्रकृति के संतुलन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी पर्यावरण को पूरी तरह से प्रभावित करती है जो मानव जीवन को बर्बाद कर देती है।

अब, मानव के अग्रिम जीवन स्तर के युग में, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, वनों की कटाई, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, अम्ल वर्षा और अन्य खतरनाक आपदाओं के माध्यम से हमारा पर्यावरण काफी हद तक प्रभावित हो रहा है। तकनीकी प्रगति के माध्यम से मनुष्य। हम सभी को अपने प्राकृतिक पर्यावरण की रक्षा के लिए इसे हमेशा की तरह सुरक्षित रखने की शपथ लेनी चाहिए।

पर्यावरण पर निबंध, 200 शब्द:

पर्यावरण का अर्थ है सभी प्राकृतिक परिवेश जैसे भूमि, वायु, जल, पौधे, पशु, ठोस पदार्थ, अपशिष्ट, धूप, वन और अन्य चीजें। स्वस्थ वातावरण प्रकृति के संतुलन को बनाए रखता है और साथ ही पृथ्वी पर सभी जीवित चीजों को विकसित, पोषण और विकसित करने में मदद करता है। हालांकि, आजकल  कुछ मानव निर्मित तकनीकी प्रगति पर्यावरण को कई तरीकों से खराब कर रही है जो अंततः प्रकृति के संतुलन या संतुलन को परेशान करती है। हम इस ग्रह पर भविष्य में जीवन के अस्तित्व के साथ-साथ अपने जीवन को भी खतरे में डाल रहे हैं।

यदि हम प्रकृति के अनुशासन से बाहर कुछ भी गलत तरीके से करते हैं, तो यह पूरे वातावरण को परेशान करता है जिसका अर्थ है वायुमंडल, जलमंडल और लेपोस्फियर। प्राकृतिक पर्यावरण के अलावा, एक मानव निर्मित पर्यावरण भी मौजूद है जो प्रौद्योगिकी, कार्य पर्यावरण, सौंदर्यशास्त्र, परिवहन, आवास, उपयोगिताओं, शहरीकरण आदि से संबंधित है। मानव निर्मित पर्यावरण प्राकृतिक पर्यावरण को काफी हद तक प्रभावित करता है जो हम सभी को एक साथ बचाना चाहिए।

प्राकृतिक पर्यावरण के घटकों का उपयोग एक संसाधन के रूप में किया जाता है, लेकिन यह कुछ बुनियादी भौतिक आवश्यकताओं और जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के लिए मानव द्वारा भी शोषण किया जाता है। हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों को चुनौती नहीं देनी चाहिए और पर्यावरण को इतना प्रदूषण या कचरा डालना बंद करना चाहिए। हमें अपने प्राकृतिक संसाधनों को महत्व देना चाहिए और प्राकृतिक अनुशासन में रहकर उनका उपयोग करना चाहिए।

पर्यावरण पर निबंध, 250 शब्द:

एक पर्यावरण में सभी प्राकृतिक संसाधन शामिल हैं जो कई तरीकों से मदद करने के लिए हमें घेर लेते हैं। यह हमें विकसित होने और विकसित करने के लिए बेहतर माध्यम प्रदान करता है। यह हमें सभी चीजें देता है जो हमें इस ग्रह पर अपना जीवन जीने के लिए चाहिए। हालांकि, हमारे पर्यावरण को भी हमेशा की तरह बनाए रखने के लिए, अपने जीवन को हमेशा के लिए पोषण देने और अपने जीवन को कभी भी बर्बाद नहीं करने के लिए हम सभी से कुछ मदद की आवश्यकता होती है। हमारे पर्यावरण के तत्व दिन-ब-दिन गिरते जा रहे हैं क्योंकि आदमी ने तकनीकी आपदा को बनाया है।

हमें पृथ्वी पर जीवन को जारी रखने के लिए अपने पर्यावरण की मौलिकता को बनाए रखने की आवश्यकता है, एकमात्र जगह जहां पूरे ब्रह्मांड में अब तक जीवन संभव है। विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण संरक्षण और स्वच्छता के प्रति दुनिया भर में जन जागरूकता फैलाने के लिए 5 जून को हर साल सालों से मनाया जाने वाला एक अभियान है। हमें उत्सव के विषय को जानने, अपने पर्यावरण को बचाने के तरीकों को जानने और उन सभी बुरी आदतों के बारे में जागरूक करने के लिए अभियान उत्सव में भाग लेना चाहिए जो पर्यावरण को दिन-प्रतिदिन गिरती जा रही हैं।

हम पृथ्वी पर हर व्यक्ति द्वारा उठाए गए छोटे से कदम से अपने पर्यावरण को बहुत आसान तरीके से बचा सकते हैं। हमें कचरे की मात्रा को कम करना चाहिए, कचरे को ठीक से उसके स्थान पर फेंकना चाहिए, पॉली बैग का उपयोग बंद कर देना चाहिए, कुछ पुरानी चीजों को नए तरीकों से फिर से उपयोग करना चाहिए, उन्हें फेंकने के बजाय टूटी चीजों की मरम्मत और उपयोग करना चाहिए, देखें कि उन्हें सुधारने में कितना समय लगेगा; रिचार्जेबल बैटरी या अक्षय क्षारीय बैटरी का उपयोग करें, फ्लोरोसेंट लाइट, वर्षा जल संरक्षण, पानी की बर्बादी को कम करने, ऊर्जा संरक्षण, बिजली का न्यूनतम उपयोग आदि का उपयोग करें।

पर्यावरण पर निबंध, essay on environment in hindi (300 शब्द)

पृथ्वी पर जीवन का पोषण करने के लिए प्रकृति द्वारा एक उपहार दिया जाता है। जो कुछ हम अपने जीवन को जारी रखने के लिए उपयोग करते हैं वह पानी, हवा, धूप, भूमि, पौधों, जानवरों, जंगलों और अन्य प्राकृतिक चीजों जैसे पर्यावरण के अंतर्गत आता है। हमारा पर्यावरण पृथ्वी पर स्वस्थ जीवन के अस्तित्व को संभव बनाने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, आधुनिक युग में मानव निर्मित तकनीकी प्रगति के कारण हमारा पर्यावरण दिन-प्रतिदिन खराब होता जा रहा है। इस प्रकार, पर्यावरण प्रदूषण आज हमारे सामने सबसे बड़ी समस्या बन गया है।

पर्यावरण प्रदूषण हमारे दैनिक जीवन को सामाजिक, शारीरिक, आर्थिक, भावनात्मक और बौद्धिक रूप से जीवन के विभिन्न पहलुओं में नकारात्मक रूप से प्रभावित कर रहा है। पर्यावरण के दूषित होने से बहुत सारी बीमारियाँ होती हैं जिनसे इंसान पूरी जिंदगी पीड़ित हो सकता है। यह समुदाय या शहर की समस्या नहीं है, यह एक विश्वव्यापी समस्या है जिसे किसी के प्रयास से हल नहीं किया जा सकता है। यदि इसे ठीक से संबोधित नहीं किया जाता है, तो यह एक दिन जीवन के अस्तित्व को समाप्त कर सकता है। प्रत्येक और हर आम नागरिक को सरकार द्वारा शुरू किए गए पर्यावरण सुरक्षा कार्यक्रम में शामिल होना चाहिए।

हमें प्रदूषण से स्वस्थ और सुरक्षित बनाने के लिए अपने पर्यावरण के प्रति अपनी गलतियों और स्वार्थ को ठीक करना चाहिए। यह विश्वास करना कठिन है, लेकिन यह सच है कि हर किसी के द्वारा केवल थोड़ी सकारात्मक हरकत से ही पर्यावरण में भारी बदलाव आ सकता है। वायु और जल प्रदूषण विभिन्न बीमारियों और विकारों के कारण हमारे स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहा है।

एक दिन में कुछ भी स्वस्थ नहीं कहा जा सकता है, क्योंकि हम जो खाते हैं वह पहले से ही कृत्रिम उर्वरकों के बुरे प्रभावों से प्रभावित होता है जो सूक्ष्मजीवों के कारण होने वाली बीमारी से लड़ने के लिए हमारे शरीर की प्रतिरक्षा को कम और कमजोर करता है। इसीलिए, हम में से कोई भी स्वस्थ और खुश होने के बाद भी कभी भी रोगग्रस्त हो सकता है।

इसलिए, यह दुनिया भर में एक प्रमुख मुद्दा है जिसे सभी के निरंतर प्रयासों से हल किया जाना चाहिए। हमें विश्व पर्यावरण दिवस अभियान में पर्यावरण सुरक्षा कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेने के लिए भाग लेना चाहिए।

पर्यावरण पर निबंध, long essay on environment in hindi (400 शब्द)

पृथ्वी पर जीवन को संभव बनाने वाली सभी प्राकृतिक चीजों में जल, वायु, सूर्य का प्रकाश, भूमि, अग्नि, वन, पशु, पौधे आदि शामिल हैं। यह माना जाता है कि ब्रह्मांड में पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिसके लिए आवश्यक वातावरण है जीवन अस्तित्व। पर्यावरण के बिना हम यहां जीवन का अनुमान नहीं लगा सकते हैं इसलिए हमें भविष्य में जीवन की संभावना सुनिश्चित करने के लिए अपने पर्यावरण को सुरक्षित और स्वच्छ रखना चाहिए।

यह दुनिया भर में पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है। सभी को आगे आना चाहिए और पर्यावरण सुरक्षा के अभियान में शामिल होना चाहिए। प्रकृति के संतुलन को बनाए रखने के लिए पर्यावरण और जीवित चीजों के बीच नियमित रूप से होने वाले विभिन्न चक्र हैं। हालांकि, किसी भी तरह से अगर इस तरह के चक्र परेशान हो जाते हैं, तो प्रकृति का संतुलन भी गड़बड़ा जाता है जो अंततः मानव जीवन को प्रभावित करता है।

हमारा पर्यावरण हमें और हजारों वर्षों से धरती पर विकसित होने, विकसित होने और पनपने के लिए अस्तित्व के अन्य रूपों में मदद करता है। जैसा कि मनुष्य को पृथ्वी पर प्रकृति द्वारा बनाया गया सबसे बुद्धिमान प्राणी माना जाता है, उनके पास ब्रह्मांड में चीजों को जानने की बहुत उत्सुकता है जो उन्हें तकनीकी प्रगति की ओर ले जाती है।

हर किसी के जीवन में इस तरह की तकनीकी प्रगति पृथ्वी पर जीवन की संभावनाओं को खतरे में डालती है क्योंकि हमारा पर्यावरण धीरे-धीरे नष्ट हो रहा है। ऐसा लगता है कि एक दिन यह जीवन के लिए इतना हानिकारक हो गया है क्योंकि प्राकृतिक हवा, मिट्टी और पानी प्रदूषित हो रहे हैं। यहां तक ​​कि इसने मानव, पशु, पौधों और अन्य जीवित चीजों के स्वास्थ्य पर अपना बुरा प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया है।

हानिकारक रसायनों का उपयोग करके कृत्रिम रूप से तैयार किए गए उर्वरक मिट्टी को खराब कर रहे हैं जो अप्रत्यक्ष रूप से हमारे शरीर में एकत्र किए गए भोजन के माध्यम से रोजाना खाते हैं। दैनिक आधार पर औद्योगिक कंपनियों से उत्पन्न हानिकारक धूम्रपान, प्राकृतिक हवा को प्रदूषित कर रहे हैं जो हमारे स्वास्थ्य को काफी हद तक प्रभावित करते हैं क्योंकि हम हर पल सांस लेते हैं।

इस तरह की व्यस्त, भीड़ और उन्नत जीवन में हमें दैनिक आधार पर इस प्रकार की छोटी बुरी आदतों का ध्यान रखना चाहिए। यह सच है कि सभी के अंत तक केवल एक छोटा सा प्रयास हमारे गिरते पर्यावरण के प्रति एक बड़ा सकारात्मक बदलाव ला सकता है। हमें केवल अपने स्वार्थ के लिए गलत तरीकों से प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग नहीं करना चाहिए और अपनी विनाशकारी इच्छाओं को पूरा करना चाहिए।

हमें अपने जीवन की बेहतरी के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकियों को विकसित और विकसित करना चाहिए लेकिन हमेशा सुनिश्चित रहें कि यह भविष्य में किसी भी तरह से हमारे पर्यावरण को बर्बाद नहीं करेगा। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि नई प्रौद्योगिकियां पारिस्थितिक संतुलन को कभी नहीं बिगाड़ेंगी।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi

पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi हमारा जीवन पूरी तरह पर्यावरण पर निर्भर हैं, हमारे आस पास के परिवेश में उपलब्ध समस्त प्राकृतिक संसाधन इनवायरमेंट के अंतर्गत आते हैं.

बढ़ती आबादी के चलते इसका दोहन और दुरूपयोग बढ़ा है और पर्यावरण को तीव्र गति से नुक्सान पहुचाया जा रहा हैं. इसके संरक्षण के लिए प्रतिवर्ष 5 जून को पर्यावरण दिवस भी मनाया जाता हैं

आज के आर्टिकल में हम इनवायरमेंट पर कुछ सरल निबंध पढ़ेगे.

जिस पृथ्वी में हम रहते हैं वहांँ आस पास की सभी वस्तुएँ और प्राकृतिक सम्पदा महत्वपूर्ण होते हैं जो हमारे पर्यावरण की नींव बनाए रखते हैं। पर्यावरण के अंतर्गत समस्त चीजें आ जाती हैं जो जीवन यापन में ज़रूरी होती हैं। पर्यावरण के बिना जीवन असंभव है।

दोस्तों प्रस्तुत निबंध में हम पर्यावरण के बारे में बतायेगें जो मानव जीवन के लिए महत्वपूर्ण है। पर्यावरण का रखरखाव ज़रूरी होता है क्योंकि पर्यावरण स्वच्छ होगा तो मनुष्य जीवित रह पाएगा अन्यथा उसका कोई वजूद नहीं रहेगा। पर्यावरण और मनुष्य एक दूसरे से जुड़े हुए हैं पर्यावरण है तो मनुष्य है।

“पर्यावरण” से तात्पर्य है हमारे आसपास का समस्त वातावरण जिसमें सभी जैविक (जिनमें जीवन होता है) व अजैविक तत्व (जिनमें जीवन नहीं होता है) शामिल होते हैं। एक ऐसा आवरण जिससे हम चारों ओर से घेरे हुए हैं जो जीवन जीने के लिए आवश्यक है।

पर्यावरण का महत्व

पर्यावरण जो हमें जीवन जीने में मदद करता है। पर्यावरण वो सारे संसाधन उपलब्ध कराता है जो सजीव प्राणी के लिए ज़रूरी होते हैं जिनके बिना जीवन जिया नहीं जा सकता  है।

पर्यावरण की महत्वपूर्णता को बरकरार रखने के लिए प्रत्येक वर्ष पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए 5 जून को “पर्यावरण दिवस” मनाया जाता है।

पर्यावरण वह सभी वस्तुएँ जो मानव जीवन के लिए ज़रूरी होते हैं उपलब्ध कराता है एवं जलवायु में असंतुलन की स्थिति को नियंत्रित करता है।

पर्यावरण पर प्रभाव

पर्यावरण इस धरती के लिए बहुत उपयोगी है लेकिन आजकल के आधुनिक युग में टेक्नोलॉजी और औद्योगीकरण के अधिक प्रयोग से पर्यावरण पर दुष्प्रभाव पड़ रहे हैं।

पर्यावरण प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो रही है क्योंकि मनुष्य द्वारा पेड़ पौधों को काटा जा रहा है और प्राकृतिक संसाधनों का ह्रास हो रहा है। 

मनुष्य द्वारा पर्यावरण के प्रति लापरवाही की वजह से व अनेक कारणों से जलमंडल, वायुमंडल, स्थलमंडल और जीवमंडल पर प्रभाव पड़ रहा है।

पृथ्वी पर ग्लोबल वार्मिंग और तापमान में बढ़ोत्तरी की समस्या उत्पन्न हो रही है। पर्यावरण की ऐसी समस्याओं के समाधान के लिए सबको जागरुक होने की ज़रूरत है और पर्यावरण के बचाव में एकजुटता एवं सहयोग की ज़रूरत है।

पर्यावरण का संरक्षण

मनुष्य के लिए पर्यावरण महत्वपूर्ण है अतः इसके संरक्षण के लिए हमें अनेक बातों का ध्यान रखकर पालन करना चाहिए। पर्यावरण दूषित ना हो जिसके लिए अधिक से अधिक पेड़ पौधे लगाने चाहिए।

पर्यावरण को स्वच्छ व साफ-सुथरा रखना चाहिए। पेड़ पौधों को काटने से रोकना चाहिए। ऐसे नियम बनाने चाहिए जिनसे ज़हरीले और दूषित करने वाले पदार्थ नियंत्रित किए जा सकें।

पर्यावरण है तो मनुष्य जीवन है। पर्यावरण को बचाए रखने के लिए पर्यावरण के प्रति हमें जागरूक होना चाहिए। अपनी ज़िम्मेदारी को समझ कर पर्यावरण की रक्षा में सहभागी बनना चाहिए ताकि हम मनुष्य स्वस्थ स्वच्छ साफ पर्यावरण में रह सकें।

दोस्तों पर्यावरण हमारी पृथ्वी को एक सुंदर वातावरण देता है। स्वच्छ पर्यावरण में साँस लेना हर इंसान की ज़रूरत है। इस निबंध में पर्यावरण के बारे में उचित जानकारी पढ़ने को मिलेगी जो पर्यावरण के महत्व को दर्शाती है।

पर्यावरण पर निबंध -2

पर्यावरण हमारी पृथ्वी का बहुमूल्य स्वरूप है। जीवन की उत्पत्ति पर्यावरण के कारण ही संभव हो पाई है। पर्यावरण मनुष्य के लिए जितना महत्वपूर्ण है उतनी ही ज़रूरी है पर्यावरण की सुरक्षा।

पर्यावरण अर्थात हमारे आस पास का सम्पूर्ण वातावरण व सम्बन्धित प्राकृतिक संसाधन एवं वस्तुएँं। जीवन यापन में शामिल सभी तत्व पर्यावरण के अंतर्गत आते हैं जिनमें वायुमंडल, जलमंडल, स्थलमंडल, जीव मंडल हैं।

दोस्तों पर्यावरण मनुष्य के लिए उपहार स्वरूप है। पर्यावरण के कारण ही मनुष्य जीवन सम्भव है। प्रस्तुत लेख में पर्यावरण से संबंधित जानकारी को सहज रूप से लिखा गया है जिसे  पढ़कर पर्यावरण की महत्वपूर्णता पता चलेगी। 

पर्यावरण महत्व एवम् विश्व पर्यावरण दिवस

पर्यावरण मनुष्य को ज़रूरी वस्तुएंँ उपलब्ध कराता है जिसके कारण मनुष्य जीवित व स्वस्थ रह सकता है। स्वच्छ वायु, पानी, स्थान, भोजन आदि मनुष्य की मूलभूत आवश्यकताएँ स्वच्छ पर्यावरण से ही संभव है।

पर्यावरण के प्रति जागरूकता लाने एवं पर्यावरण के बचाव स्वरूप हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। विश्व पर्यावरण दिवस पर्यावरण की सुरक्षा एवम् स्वच्छता के मध्य भी जागरूकता फैलाता है। 

पर्यावरण सुरक्षा

पर्यावरण किसी एक मनुष्य की धरोहर नहीं है बल्कि सभी मनुष्य जाति के लिए पर्यावरण का सुरक्षित होना ज़रूरी है। पेड़ पौधे लगाने चाहिए। पेड़ पौधे की कटाई पर रोक लगानी चाहिए।

दूषित करने वाले पदार्थ एवम् ज़हरीले धुएँ से बचाव के नियम चलाने चाहिए। पर्यावरण के संरक्षण के प्रति जागरूकता लाकर उनका पालन करना चाहिए।

पर्यावरण मानव जीवन के लिए ज़रूरी है साथ ही ज़रूरी है पर्यावरण की सुरक्षा। अनेक कार्यों को प्रयोग में लाकर पर्यावरण की सुरक्षा की जा सकती है। 

दोस्तों पर्यावरण की उपयोगिता जितनी ज़रूरी है उतनी ही ज़रूरी है पर्यावरण की देखभाल व सुरक्षा और पर्यावरण के प्रति जागरूकता। इस निबंध में पर्यावरण के बारे में सहज रूप से बताया गया जो पर्यावरण संबंधी जागरूक पक्ष बताता है।

पर्यावरण पर भाषण Environment Speech in Hindi

पर्यावरण पर भाषण Our Environment Speech in Hindi : मानव के जीवन का अस्तित्व पर्यावरण से जुड़ा हैं. हमारी पृथ्वी पर जीवन की सम्भावनाएं भी पर्यावरण की मौजूदगी से संभव हुई हैं.

बच्चों को पर्यावरण के बारे में जानकारी दी जानी चाहिए आज हम निबंध एवं भाषण के माध्यम से एनवायरमेंट के बारे में विस्तार से जानेगे.

Environment Day Speech in Hindi यह शोर्ट भाषण ५ जून के पर्यावरण दिवस के विषय पर दिया गया हैं. स्कूल और कॉलेज के छोटे बड़े स्टूडेंट्स इस लेख की रूपरेखा का उपयोग अपने पसंद के भाषण के लिए कर सकते हैं. परीक्षा अथवा स्कूल के कार्यक्रम में इसकी प्रस्तुती कर सकेगे.

मंचआसीन आदरणीय प्रिंसिपल महाशय, विद्वान् गुरुजनों मुख्य अतिथि महोदय एवं मेरे समस्त स्टूडेंट साथियों. सुप्रभात, इस प्रांगण में विराजमान सभी महानुभावों का मैं ह्रदय की गहराइयों से आभार व्यक्त करता हूँ.

मुझे इस भव्य सम्मेलन को देखकर बड़ी प्रसन्नता हुई आज हम पर्यावरण के विषय पर जागरूक हो रहे है ये सभा इसका प्रत्यक्ष उदहारण हैं. आप सभी के समक्ष पर्यावरण पर भाषण देने का मौका देने के लिए आयोजन समिति को साधुवाद कहना चाहूँगा.

यहाँ विराजमान कुछ बुजुर्ग जन चार पांच दशक पूर्व के जीवन की सच्चाई से परिचित हैं. मैंने भी अपने दादाजी से उस दौर के बारे में काफी सुना हैं. जब मानव की तरक्की के कथित साधन कम थे.

जीवन के निर्वहन में कई बाधाएं हुआ करती थी. जैसे कृषि, जल, आवागमन, सूचना प्रोद्योगिकी आदि के कोई साधन नहीं के बराबर थे. मगर एक बात बड़ी अच्छी थी. हमारा पर्यावरण संरक्षित था.

मानव सदा से महत्वकांक्षी, स्वार्थी तथा औरों पर विजय पाकर विजेता बनने का स्वभाव का रहा हैं. दुर्भाग्य से अब इसने प्रकृति पर विजय पाने की जिद्द ठानी हैं. कथित विकास और एशो आराम के नाम पर पर्यावरण को खत्म किया जा रहा हैं.

प्रकृति अपने नियमों के बंधन का पालन करते हुए आगे बढ़ती हैं, मगर मनुष्य ने पर्यावरण संतुलन को बिगाड़ने की हर हद को पार करने कवायद शुरू कर दी है. जो मानव अस्तित्व के खात्मे का कारण बन सकती हैं.

मानव अपने काल को अपने ही हाथों से पाल पोसकर बड़ा कर रहा है जो एक दिन सभी को निगल जाएगा. आज वक्त आ चूका है कि हम पर्यावरण संरक्षण के नाम पर दिखावे की बजाय इसे बचाने के लिए प्रयास शुरू कर दे.

हमारे आस पास जो कुछ है उसका सम्मिलित नाम ही पर्यावरण हैं. जल, वायु, पेड़,पहाड़ भूमि सभी इसके अंग हैं. हमें पर्यावरण ने वह सब कुछ दिया जो जीवन के लिए आवश्यक था.

हमारी लालच की प्रवृत्ति इतनी बढ़ी की. हम प्रकृति की पूजा के बदले उन्हें प्रदूषण और वनों की कटाई उपहार स्वरूप दे रहे हैं. मनुष्य के इन्ही कर्मों का फल ग्लोबल वार्मिंग, बीमारियों, जल संकट के रूप में मिला हैं.

यदि आप प्रकृति का संतुलन बिगड़ा है और संसाधन सिमित रह गये है तो मानव समुदाय ही इसका जिम्मेदार हैं. अपने जीवन को अधिक सुखमय बनाने की लालसा के कारण आज हालात इतने बुरे हुए हैं.

खासकर पश्चिम के विकसित देशों ने औद्योगिक विकास के नाम पर वनों की अंधाधुंध कटाई के बाद वायु, जल, भूमि को इतनी प्रदूषित किया है कि ओजोन परत में भी छिद्र कर दिया.

हमें भौतिकता के इस दौर को छोडकर पुनः प्रकृति की ओर लौटना होगा. तभी पर्यावरण बचेगा तथा मानव समुदाय भी बचा रह पाएगे. यह जरुरी है कि हम प्रकृति को संतुलित करने के लिए संसाधनों का सिमित मात्रा में ही उपयोग करे.

यदि हम पर्यावरण के बढ़ते खतरे के कारणों का अध्ययन करे तो असीमित रूप से बढ़ी जनसंख्या इसका मूल कारण है. आवास, ईधन तथा अन्य मानव आवश्यकताओं के लिए वनों की कटाई अनवरत होती रही. इससे वन उजड़ते चले गये और वायुमंडल की गैसों का संतुलन बिगड़ गया.

पर्यावरण को बचानें एवं इसके संतुलन को स्थापित करने में वृक्षारोपण अहम भूमिका निभा सकता हैं. हमें चाहिए कि जितने पेड़ों की कटाई आवश्यक हो उनके स्थान पर नयें पौधे लगाए तथा घनी मानव बस्ती में छोटा वन एवं उपवन बनाकर ग्लोबल वार्मिंग को नियंत्रित कर सकते हैं.

प्रकृति के पारिस्थितिकी तंत्र में सभी छोटे बड़े जीवों, पेड़ पौधों का बना रहना जरुरी हैं. किसी जाति की संख्या कम होने अथवा किसी की बढ़ जाने से यह संतुलन बिगड़ जाएगा और ऐसा होने पर भयानक दुष्परिणाम भुगतने पड़ेगे.

आज प्रत्येक शहर की सड़क पर वाहनों की लम्बी कतार उससे होने वाले वायु एवं ध्वनि प्रदूषण ने कई बीमारियों को जन्म दिया हैं. यूरेनियम विस्फोट से अर्जित परमाणु ऊर्जा मानव की प्रकृति को प्रदूषित करने की चाल हैं. वह अपनी जीवन शैली के विविध रूपों से जल, वायु, मृदा तथा ध्वनि प्रदूषण को बढ़ाने में योगदान दे रहा हैं.

पर्यावरण संरक्षण की दिशा में पहला कदम हमें व्यक्तिगत स्तर पर उठाना चाहिए. हम स्वयं ऐसे उपायों को अपनाएं जिससे पर्यावरण के प्रदूषण को कम करने मदद मिल सके. इस अभियान की सफलता के लिए व्यापक स्तर पर जनजागरूकता की भी आवश्यकता हैं.

विशेषकर स्कूल में अध्ययनरत बच्चों को पर्यावरण के विषय में अलग से जानकारी देनी होगी. वनों की कटाई से कारण बाढ़, अकाल, जल संकट, तापमान वृद्धि, सुनामी जैसी आपदाओं का प्रभाव मनुष्य को भुगतना पड़ रहा हैं.

संतुलित पर्यावरण से स्वास्थ्य के अनगिनत लाभ हैं. स्वच्छ वायु, जल के होने से बीमारियों से बचाव संभव हैं. शरीर के समग्र स्वास्थ्य के अच्छा बनाने के लिए मृदा, भूमि, तापीय तथा ध्वनि व विकिरण प्रदूषण भी हानिकारक हैं.

यदि हम निरंतर प्रकृति के अंगो को यूँ ही दूषित करते गये तो एक दिन ये हमारे लिए उपयोगी नहीं रह पाएगे. तथा इनके अभाव में जीवन निर्वाह संभव नहीं हैं. मानव शरीर जिन पांच तत्वों से मिलकर बना हैं किसी एक की गुणवत्ता में कमी आने से भयंकर विकार उत्पन्न हो जाएगे.

अभी तक पर्यावरण के असंतुलन की वह स्थिति नहीं है जहाँ से इसमें सुधार नहीं किया जा सकता हैं. हम अभी सजगता से काम ले तो निश्चय ही मानव जाति के हित में यह सबसे बड़ा कदम हो सकता हैं. हम अपने पर्यावरण को बचाने के तरीके खोजकर इन्हें लोगों तक पहुचाने होंगे.

नवीकरण संसाधनों के संतुलित उपयोग यथा जल, विद्युत्, गैस, पेट्रोल आदि के बचाव तथा वृक्षारोपण की आदत डालकर हम इसमें अपना सक्रिय योगदान दे सकते हैं. सरकार भी अपने स्तर पर वनों की कटाई को रोकने तथा प्रदूषण कम करने के लिए कानून बनाए.

आखिर में सभी से यही निवेदन करना चाहूगा कि हम सभी जिस स्तर पर पर्यावरण को बचाने में योगदान कर सकते हैं अवश्य करे. लोगों तक पर्यावरण को बचाने के सरल तरीके प्रचारित कर उन्हें भी भागीदारी के लिए प्रेरित करे. तभी हम भावी पीढ़ी को सुरक्षित भविष्य एवं स्वर्ग सी धरा दे सकेगे.

One comment

Hallo Please mother’s Day par nibhand chaiya kal tak

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Home » Essay Hindi » Essay On Environment In Hindi पर्यावरण पर निबंध

Essay On Environment In Hindi पर्यावरण पर निबंध

Essay On Environment In Hindi पोस्ट में पर्यावरण पर निबंध (Paryavaran Par Nibandh Hindi Mein) और सामान्य जानकारी है। पर्यावरण हमारे आसपास के वातावरण को कहते है। पृथ्वी पर मौजूद आवरण जिससे मनुष्य और अन्य जीव जंतु घिरे हुए है, पर्यावरण कहलाता है। यह धरती पर मौजूद समस्त जीवों को प्रयत्क्ष रूप से प्रभावित करता है। वायु, जल, भूमि इत्यादि इसी पर्यावरण के अंग है। कई कारकों के कारण पर्यावरण प्रदूषित हुआ है। तो आइए मित्रों, पर्यावरण पर निबंध “Paryavaran Essay In Hindi” लेखन का प्रयास करते है।

पर्यावरण पर निबंध Essay On Environment In Hindi

Save Environment Essay In Hindi – पर्यावरण क्या है? इस प्रश्न का उत्तर समझना जरूरी है। पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है – परि+आवरण। परि का अर्थ “चारो और” है जबकि आवरण का अर्थ “ढ़का हुआ” है। इसका शाब्दिक अर्थ हुआ कि वह वातावरण जिससे जीव जंतु चारो और से ढके हुए है, पर्यावरण कहलाता है। इस दुनिया में सभी जैविक और अजैविक तत्व पर्यावरण में आते है। एक तरह से कहे तो प्रकृति ही पर्यावरण है। मनुष्य भी पर्यावरण का अभिन्न अंग है। पेड़ पौधे भी इसी पर्यावरण के अंतर्गत आते है।

पहाड़, समुद्र, रेगिस्तान इत्यादि भी पर्यावरण से सबन्ध रखते है। लहराते हुए खेत, खुशबू बिखेरते हुए फूल , कलकल करके बहता हुआ पानी, सभी पर्यावरण ही है। सामान्य शब्दों में कहे तो पृथ्वी पर स्थिति सभी तत्व पर्यावरण कहलाते है। पर्यावरण कोई एक चीज ना होकर कई तत्वों का समावेश है। जल, हवा और भूमि पर्यावरण के मुख्य अंग है। इनके प्रदूषित होने पर पर्यावरण प्रदूषण होता है।

पर्यावरण को बुद्धिमान मनुष्य ने दो भागों में बांटा है। पहला प्राकतिक पर्यावरण और दूसरा कृतिम पर्यावरण। आकाश में बादलों का पास आकर बारिश करना, बिजली का चमकना, आंधी तूफानों का आना इत्यादि सब प्राकृतिक पर्यावरण है। इसमें मनुष्य की कोई भूमिका नही होती है। कृतिम पर्यावरण मनुष्य जनित होता है। जब मनुष्य भौतिक या रासायनिक क्रियाओं से प्रकृति को प्रभावित करता है, तब इसे कृतिम पर्यावरण कहते है। कृतिम पर्यावरण में वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, मृदा प्रदूषण आते है। मनुष्य ने अपना स्वभाव ही प्रकति को छेड़छाड़ का बना लिया है।

  • जल प्रदूषण पर निबंध
  • मृदा प्रदूषण पर निबंध
  • वायु प्रदूषण पर निबंध

पर्यावरण का महत्व पर निबंध Paryavaran Par Nibandh Hindi Mein –

Essay On Environment In Hindi – धरती पर जीवन हवा और पानी के कारण है। हम इस पृथ्वी पर सांस लेते है और पानी पीते है। क्या बिना हवा और पानी के जीवन हो सकता है? इसका जवाब होगा नही। अगर धरती पर हमारे लिए उचित पर्यावरण नही होता तो जीवन सम्भव नही था। पृथ्वी पर जीवन पर्यावरण के कारण ही है। हम जो भोजन करते है वो पर्यावरण ही हमें देता है। मनुष्य पूरी तरह से पर्यावरण पर निर्भर है। पर्यावरण जीवन के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करता है। अगर पर्यावरण को कोई दिक्कत होती है तो मनुष्य भी इसी दिक्कत का सामना करता है। मनुष्य एक लालची इंसान है जो पर्यावरण का महत्व जानता है लेकिन लालचवश प्रकृति को नुकसान पहुंचाता है।

करोडों सालों से पृथ्वी पर जीवन लगातार जारी है। हम भी इसी अनवरत जीवन का एक हिस्सा है। जब धरती पर मनुष्य भी नही था, तब भी पर्यावरण अपनी औट में जीवन पनपा रहा था। पर्यावरण में जल से जीवन की शुरुआत मानी जाती है। सबसे पहले जीव की उत्पत्ति पानी में हुई थी। उसके करोडों साल बाद मनुष्य इस धरती पर आए। आज तक जीवन जारी है और इस धरती के अंत तक जीवन रहेगा।

Importance Of Environment In Hindi –

जब प्रकृति या पर्यावरण में असंतुलन होता है, तब हमें पर्यावरण का क्रोध दिखाई देता है। कभी सुनामी तो कभी भूकम्प से पर्यावरण दहल जाता है। ज्यादा बारिश से बाढ़ तो बारिश ना होने से अकाल जैसी स्थिति पर्यावरण में पैदा हो जाती है। मनुष्य पर्यावरण को सबसे अधिक नुकसान पहुंचा रहा है। जीव जो भी क्रियाए करता है, वो पर्यावरण को प्रभावित करती है। पर्यावरण में जो भी प्रक्रिया होती है, वो जीव को प्रभावित करती है। एक तरह से कहे तो पर्यावरण और जीव एक दूसरे से जुड़े हुए है। इन दोनों के बीच कोई ना कोई माध्यम जरूर होता है।

आप जानते है कि पेड़ पौधे प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा भोजन का निर्माण करते है। इस क्रिया के बाद पेड़ पौधे ऑक्सीजन छोड़ते है जिसे जीव जंतु ग्रहण करते है। अगर पेड़ पौधे ना हो तो प्राणवायु ऑक्सीजन नही मिलेगी। इससे यह साबित होता है कि पर्यावरण के एक घटक को नुकसान होने पर अन्य घटकों पर प्रभाव पड़ता है।

पर्यावरण पर निबंध Paryavaran Essay In Hindi –

पर्यावरण पर निबंध Essay On Environment In Hindi – पर्यावरण में हम मनुष्य के अलावा भी कई जीव जंतु रहते है। हाथी , शेर, गाय जैसे बड़े जीवों से लेकर चींटी , मक्खी जैसे छोटे जीव तक सभी पर्यावरण का हिस्सा है। जुरासिक काल में पाया जाने वाले डायनासोर भी इसी पर्यावरण का हिस्सा था जो पर्यावरण में आयी उथल पुथल के कारण ही विलुप्त हो गया। धरती पर राज करने वाला मनुष्य भी इसी पर्यावरण पर निर्भर है।

महासागर में पाये जाने वाली विशालकाय व्हेल से लेकर छोटी मछली भी पर्यावरण का ही अहम हिस्सा है। चाहे जमीन पर रेंगने वाला प्राणी हो या फिर चलने वाला प्राणी हो, ये सभी पर्यावरण में आते है। आकाश में उड़ने वाले पक्षी हो या फिर पानी में तैरने वाले जीव हो, पर्यावरण इन सब को घेरे हुए है। पर्यावरण में पाये जाने वाले तमाम जीवित प्राणी इसे प्रभावित करते है।

पर्यावरण को प्रभावित करने वाले कारक –

Essay On Environment In Hindi – पर्यावरण को प्रभावित करने वाले मुख्य कारक मनुष्य जनित है। वैसे कुछ प्राकृतिक कारण जैसे कि भूकम्प , बाढ़, अकाल इत्यादि भी पर्यावरण को प्रभावित करते है। मनुष्य जनित कारणों में फैक्टरियों से निकलने वाला प्रदूषित जल और धुंआ मुख्य है। दूसरा मुख्य कारण जनसंख्या विस्फोट और बढ़ता शहरीकरण है। पेड़ पौधों की अंधाधुंध कटाई भी पर्यावरण को बहुत प्रभावित करती है।

घटते जंगल इस बात का प्रतीक है कि हम कितने लालची हो गए है। पेड़ पौधे जो हमारे जीवन का आधार है, उन्हें हम अपने फायदे के लिए काट रहे है। वाहनों से निकला धुंआ भी पर्यावरण को प्रदूषित करता है। प्लास्टिक भी पर्यावरण प्रदूषण का बड़ा कारक है। इन सभी कारकों से जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण इत्यादि होते है। पर्यावरण प्रदूषण से निजात पाने के लिए दूषित प्रदार्थो का उचित निस्तारण होना चाहिए।

Environment Essay In Hindi पर्यावरण पर निबंध –

पर्यावरण के प्रदूषित होने के कारण ग्लोबल वार्मिंग की वैश्विक समस्या उत्पन्न हुई है। मौसम चक्र और जलवायु परिवर्तन में अनियमितता आयी है। सर्दी के मौसम में ज्यादा सर्दी और गर्मी के मौसम में ज्यादा गर्मी होना आम हो गयी है। बारिश भी अनियमित आ रही है, रेगिस्तानी इलाकों में बाढ़ और मैदानी इलाकों में सुखा हो जाना भी नई बात नही है। लोगो को पीने के लिए साफ पानी और सांस लेने के लिए साफ हवा नही मिल रही है। इस कारण महामारी और कई प्रकार की बीमारियां फैलती है।

मानव जाति के अस्तित्व के लिए पर्यावरण संतुलित रहना आवश्यक है। पर्यावरण के कोप का शिकार धरती पर मौजूद समस्त जीव है। वर्तमान का सबसे अहम और गम्भीर मुद्दा पर्यावरण संरक्षण का है। हमें पर्यावरण को बचाने के हरसंभव प्रयास करने चाहिए। एक जिम्मेदार इंसान पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी रखता है।

जल, हवा और मिट्टी हमें आज भी मिल रही है और कल भी मिलेगी। परन्तु शुद्ध जल, शुद्ध वायु और शुद्ध मृदा हमारी जरूरत है। वर्तमान में हमें वायु और पानी ही नही सब्जियां और फल भी अशुद्ध मिल रहे है। आने वाला समय तो और संकट से घिरा हुआ है। शुद्ध जल और वायु हमारा अधिकार है। जब जागे तब सवेरा है, भौतिक सुखों को कुछ हद तक त्यागकर हम पर्यावरण संरक्षण के लिए नया सवेरा ला सकते है। स्वच्छ और स्वस्थ समाज का निर्माण शुद्ध पर्यावरण पर निर्भर है। हमारी आने वाली पीढ़ियों का जीवन आज पर निर्भर करता है। आज हमें पर्यावरण संरक्षण की सोच रखनी होगी।

पर्यावरण के बारे में जानकारी Information About Environment In Hindi –

Essay On Environment In Hindi – प्रत्येक वर्ष की 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य लोगों में पर्यावरण के महत्व के बारे में जागरूकता लाना है। पर्यावरण प्रदूषण के गम्भीर खतरों से लोगो को अवगत कराना उद्देश्य है। विश्व पर्यावरण दिवस के दिन ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण किया जाता है।

हमें प्रकति का शुक्रिया कहना चाहिए जिसके कारण मनुष्य जाति और सम्पूर्ण जीव आराम से जीवन जी रहे है। मानव जीवन के अस्तित्व के लिए पर्यावरण जरूरी है। पर्यावरण संरक्षण कल को बेहतर बनाने के लिए आज की जरूरत है। पर्यावरण से धरती के तमाम जीव जुड़े हुए है। पर्यावरण जीवन का आधार है।

यह भी पढ़े –

  • जल पर निबंध
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध
  • जनसँख्या विस्फोट पर निबंध

Note – इस पोस्ट Essay On Environment In Hindi में पर्यावरण पर निबंध (Paryavaran Par Nibandh Hindi Mein) पर सामान्य जानकारी आपको कैसी लगी। यह आर्टिकल “Paryavaran Essay In Hindi” अच्छा लगा हो तो इसे शेयर भी करे।

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पर्यावरण शब्द पढ़ने, लिखने, बोलने या सुनने में जितना छोटा है, इसका अर्थ उतना ही ज़्यादा बड़ा और गहरा है। प्रकृति से मिली पर्यावरण की शक्तियों का अंदाज़ा लगाने अगर हम बैठेंगे, तो शायद हमारा पूरा एक जीवन भी इसके लिए कम रहेगा। पर्यावरण एक ऐसा विषय है जिसके बारे में जितना पढ़ा जाए या लिखा जाए उतना ही कम है। मनुष्य, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे आदि सभी चीज़ें पर्यावरण से ही जीवित हैं। पर्यावरण के बिना मानव जीवन की कल्पना करना असंभव है। हम सभी पर्यावरण के साथ और पर्यावरण हमारे साथ हर तरह से जुड़ा हुआ है।

सुबह के उजाले से लेकर रात के अंधेरे तक पृथ्वी पर सभी कार्य पर्यावरण की मदद से ही सम्पन्न होते हैं, इसीलिए प्रकृति या पर्यावरण को कमजोर समझना मनुष्य की सबसे बड़ी भूल है। अगर आप जानना चाहते हैं कि पर्यावरण क्या है या पर्यावरण का क्या अर्थ है या पर्यावरण किसे कहते हैं, पर्यावरण कितने प्रकार के होते हैं, पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है, तो आप ये आर्टिकल पढ़ सकते हैं।

जिन पेड़ों की ठंडी हवा से हमें तपती गर्मी में चैन मिलता है, जिस धूप के सेक से हमारे बदन की सर्दी कम होती है, जिस स्वच्छ जल को पीकर हम अपनी प्यास बुझाते हैं या जिस खेत में उपजे अन्न से हमारी भूख शांत होती है ये सब पर्यावरण का ही खेल है। जिस तरह से सुबह, दोपहर, शाम और रात प्रकृति के नियम के अनुसार होते हैं ठीक उसी तरह से पर्यावरण के भी कुछ अपने नियम हैं। पर्यावरण का हर काम उसके नियम के अनुरूप ही होता है। जब इस सृष्टि का निर्माण हुआ होगा तभी से पृथ्वी पर पर्यावरण की भी उत्पत्ति हो गई होगी क्योंकि बिना पर्यावरण के दुनिया का बनना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन था।

पर्यावरण का अर्थ

पर्यावरण दो शब्दों ‘परि’ (जो हमारे चारों ओर है) और ‘आवरण’ (जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है) के मेल से बना है, जिसका शाब्दिक का अर्थ है हमारे चारों ओर का आवरण यानी कि वातावरण। पर्यावरण (Environment) शब्द एक फ्रेंच भाषा के शब्द एनविरोनिया (Environia) से लिया गया है जिसका मतलब होता है हमारे आस-पास या चारों ओर।

जिस परिवेश या वातावरण में हम सब निवास करते हैं यह उस परिवेश के जैविक पर्यावरण (जो जीवित होते हैं) और अजैविक पर्यावरण (जो जीवित नहीं होते हैं) दोनों को दर्शाता है। पर्यावरण और जीव प्रकृति के दो संगठित और जटिल घटक होते हैं। पर्यावरण हम सभी के जीवन को नियंत्रित करने का काम करता है क्योंकि सबसे ज़्यादा हम पर्यावरण के साथ ही संपर्क में आते हैं और पर्यावरण में रह कर ही अपना जीवन व्यतित करते हैं।

पर्यावरण क्या है?

पर्यावरण किसी एक तत्व का नाम नहीं है ब्लकि यह विभिन्न तत्वों के योग के मिलकर बना है। जो तत्व या चीजें हमें अपने आसपास नज़र आती हैं वही हमारा पर्यावरण है। पर्यावरण भौतिक और बल को दर्शाता है। पर्यावरण को वातावरण या स्थिति के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें व्यक्ति, जीव या पौधे निवास करते हुए अपना हर कार्य करते हैं।

मनुष्य के जीवन चक्र में पर्यावरण की मुख्य भूमिका होती है क्योंकि हम सभी सबसे अधिक पर्यावरण के ऊपर ही निर्भर हैं। पर्यावरण के पास प्राकृतिक चीजों का उत्पादन करने और सौंदर्य दर्शाने की शक्तियाँ मौजूद हैं। पर्यावरण वह स्थिति है जिसमें एक जीव जन्म लेता है, फिर उसकी जीवन प्रक्रिया चलती है और फिर एक समय ऐसा आता है जब उसका अंत होता है।यह जीवित जीव की वृद्धि और विकास को प्रभावित करता है।

अन्य शब्दों में कहा जाए तो पर्यावरण उस परिवेश को दर्शाने का काम करता है जो सभी सजीवों को चारों तरफ से घेरे रहता है और उनके जीवन को प्रभावित करता है। पर्यावरण वायुमंडल, जलमंडल, स्थलमंडल और जीवमंडल से बना हुआ है।

मिट्टी, पानी, हवा, आग और आकाश पर्यावरण के मुख्य घटक हैं, जिन्हें हम पंचतत्व भी बोलते हैं। पर्यावरण ने हम सभी को एक आरामदायक जीवन जीने के लिए और ज़रूरत के अनुसार उनका उपभोग करने के लिए हमें प्राकृतिक संसाधन प्रदान किए हैं। पर्यावरण का संबंध उन चीज़ों से है जो किसी वस्तु के बहुत पास है और उस पर उसका सीधा प्रभाव पड़ता हो। हमारा पर्यावरण उन चीजों या साधनों को दिखाता है जो हमसे हर रूप में अलग हैं और हमारे जीवन को प्रभावित करते हैं।

पर्यावरण किसे कहते हैं?

जो कोई भी वस्तुएं हमारे आसपास या चारों ओर होती हैं, जैसे- पेड़-पौधे, जीव-जंतु, नदी, तालाब, हवा, मिट्टी तथा मनुष्य और उनके द्वारा जो कोई भी क्रियाएं की जाती हैं, उसी को हम पर्यावरण (Environment) कहते हैं। अलग-अलग दर्शनशास्त्रियों ने पर्यावरण को अपने-अपने शब्दों में परिभाषित किया है, जैसे-

  • टाॅसले के अनुसार- ’’प्रभावकारी दशाओं का वह सम्पूर्ण योग जिसमें जीव रहते हैं, पर्यावरण कहलाता है।’’
  • फिटिंग के अनुसार- ’’जीवों के पारिस्थितिकी का योग पर्यावरण है अर्थात् जीवन की पारिस्थितिकी के समस्त तथ्य मिलकर पर्यावरण कहलाते हैं।’’
  • बोरिंग के अनुसार- ’’एक व्यक्ति के पर्यावरण में वह सब कुछ सम्मिलित किया जाता है जो उसके जन्म से मृत्यु पर्यंन्त प्रभावित करता है।’’
  • मैकाइवर के अनुसार- ’’पृथ्वी का धरातल और उसकी सारी प्राकृतिक दशाएँ- प्राकृतिक संसाधन, भूमि, जल, पर्वत, मैदान, खनिज पदार्थ, पौधे, पशु तथा सम्पूर्ण प्राकृतिक शक्तियाँ जो कि पृथ्वी पर विद्यमान होकर मानव जीवन को प्रभावित करती हैं, भौगोलिक पर्यावरण के अन्तर्गत आती हैं।’’
  • गिलबर्ट के अनुसार- ’’वातावरण उन समाग्रता का नाम है, जो किसी वस्तु को घेरे रहते है तथा उसे प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है।’’

पर्यावरण कितने प्रकार के होते हैं?

पर्यावरण के मुख्य रूप से चार प्रकार होते हैं, जो निम्नलिखित हैं-

1. प्राकृतिक पर्यावरण- यह पर्यावरण का वो भाग है जो प्रकृति से हमें वरदान के रूप में मिला है। जो प्राकृतिक शक्तियाँ, प्रक्रियाएँ और तत्व मनुष्य के जीवन को प्रभावित करते हैं, उन्हें प्राकृतिक पर्यावरण के साथ में जोड़कर देखा जाता है। ये वो शक्तियाँ हैं जिनसे पृथ्वी पर विभिन्न वातावरणीय चीजें जन्म लेती हैं, जिसमें जैविक चीजें और अजैविक चीजें दोनों ही मौजूद होती हैं। जैविक चीजों में मनुष्य, पेड़-पौधे, जीव-जंतु, प्राकृतिक वनस्पति आदि चीजें आती हैं, तो वहीं अजैविक चीजों में जल, तापमान, हवा, तालाब, नदी, महासागर, पहाड़, झील, वन, रेगिस्तान, ऊर्जा, मिट्टी, आग आदि चीजें शामिल हैं।

2. मानव निर्मित पर्यावरण- इस तरह के पर्यावरण में मानव द्वारा निर्मित चीजें शामिल होती हैं, जैसे- उद्योग, शैक्षणिक संस्थाएँ, अधिवास, कारखाने, यातायात के साधन, वन, उद्यान, श्मशान, कब्रिस्तान, मनोरंजन स्थल, शहर, कस्बा, खेत, कृत्रिम झील, बांध, इमारतें, सड़क, पुल, पार्क, अन्तरिक्ष स्टेशन आदि। मानव अपनी शिक्षा और ज्ञान के बल पर विज्ञान तथा तकनीक की मदद से भौतिक पर्यावरण के साथ क्रिया कर जिस परिवेश का निर्माण करता है, उसे ही हम मानव निर्मित पर्यावरण कहते हैं।

3. भौतिक पर्यावरण- इस पर्यावरण में प्रकृति से बनी चीजों पर प्रकृति का ही सीधा नियन्त्रण होता है। इसमें मानव का किसी भी तरह का कोई हस्तक्षेप शामिल नहीं होता है। भौतिक पर्यावरण में जलमण्डल, स्थलमण्डल और वायुमण्डल का अध्ययन किया जाता है। इसके अलावा स्थलरूप, जलीय भाग, जलवायु, मृदा, शैल तथा खनिज पदार्थ आदि विषयों का भी इसमें अध्ययन करने को मिलता है।

4. जैविक पर्यावरण- मानव और जीव-जन्तुओं के मिलकर एक-दूसरे की मदद से जैविक पर्यावरण का निर्माण किया है। मानव एक सामाजिक प्राणी है जिस वजह से वह सामाजिक, भौतिक तथा आर्थिक गतिविधियों से जुड़ा रहता है। इसमें सभी तरह के जीव प्रणाली शामिल होते हैं। इन सभी के बीच जो संबंध होता है उसको परिस्थितिकी कह जाता है। यह एक प्रकार से संतुलन बनाए रखने की प्रक्रिया भी होती है। इसके अंतर्गत पेड़-पौधे, जीव-जन्तु, सूक्ष्म जीव, मानव आदि का अध्ययन शामिल है।

पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है और क्यों?

पर्यावरण दिवस (Environment Day) या विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) हर साल 5 जून का मनाया जाता है। पेड़-पौधे पर्यावरण में प्रदूषण के स्तर को कम करने का काम करते हैं और अशुद्ध पर्यावरण को शुद्ध करने में भी अपना पूरा योगदान देते हैं, लेकिन औद्योगीकरण के विकास का असर पर्यावरण पर बुरा पड़ रहा है।

पर्यावरण प्रदूषण जैसे-जैसे बढ़ता जा रहा है उसकी वजह से कभी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा भी बढ़ता जा रहा है। ऐसे में सबसे ज़्यादा जरूरी है कि लोगों को पर्यावरण के प्रति जागरूक किया जाए। इसी उद्देश्य के साथ हम हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के रूप में मनाते हैं।  

पर्यावरण दिवस मनाने की शुरुआत सबसे पहले स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में हुई थी। इसी देश में दुनिया का सबसे पहला पर्यावरण सम्मेलन भी आयोजित किया गया था, जिसमें कुल 119 देशों ने हिस्सा लिया था। इसी सम्मेलन में संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम की नींव रखी गई थी और हर साल 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाए जाने का संकल्प भी लिया गया था।

सन् 1972 में संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से वैश्विक स्तर पर पर्यावरण प्रदूषण की समस्या और चिंता की वजह से विश्व पर्यावरण दिवस मनाने की पहल की गई। हमारे देश में भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने प्रकृति और पर्यावरण के प्रति चिंताओं को जाहिर किया था। विश्व पर्यावरण दिवस मनाने का उद्देश्य केवल इतना है कि दुनियाभर के सभी लोग पर्यावरण प्रदूषण की चिंताओं से अवगत हों और प्रकृति तथा पर्यावरण का महत्त्व बताते हुए दूसरों को जागरूक करें।

भविष्य में अगर हम अपने आसपास के वातावरण को साफ, सुंदर और उपयोगी देखना चाहते हैं, तो सबसे पहले हमें अपने पर्यावरण के साथ जंगली जानवरों जैसा बर्ताव करना बंद करना होगा। पर्यावरण में मौजूद सभी चीज़ों का इस्तेमाल हमें भूखे भेड़ियों की तरह नहीं बल्कि इंसान बनकर ही करना होगा। जब हम पर्यावरण का साथ देंगे तो उससे कही गुना ज़्यादा बढ़कर पर्यावरण हमारा साथ देगा। जितनी सहायता की ज़रूरत हमें प्राकृतिक पर्यावरण की है, तो उससे अधिक सहायता प्रकृति को बचाने के लिए हमें करनी होगी।

पर्यावरण पर निबंध 150 शब्द

हमारे पर्यावरण में लगभग सभी प्रकार के प्राकृतिक संसाधन पाए जाते हैं, जो अलग-अलग तरीकों से हमारी सहायता करते हैं। ये प्राकृतिक पर्यावरण हमें चारों ओर से घेरे हुए हैं। यह हमें आगे बढ़ने और विकसित होने का बेहतर माध्यम प्रदान करते हैं। यह हमें वो सब कुछ उपलब्ध करवाते हैं, जिसकी हमें जीवन यापन करने हेतु सबसे ज़्यादा ज़रूरत होती है। हमारा पर्यावरण भी हमसे कुछ मदद की अपेक्षा रखता है जिससे कि हमारा जीवन भी बना रहे और पर्यावरण भी कभी नष्ट न हो।

इस धरती पर अगर हम जीवन को बनाए रखना चाहते हैं, तो उसके लिए हमें सबसे पहले पर्यावरण को बचाकर रखना होगा और उसका संरक्षण करना होगा। पिछले कई वर्षों से हम पर्यावरण के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने के लिए 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस तो मनाते हुए आ रहे हैं लेकिन पर्यावरण स्वच्छता और सुरक्षा के मामले में हमारा देश आज भी दूसरे देशों के मुकाबले बहुत पीछे है।

पर्यावरण जैसे गंभीर विषय को जानने के लिए कि हमें हमारे पर्यावरण को किस प्रकार सुरक्षित रखना है और उन बातों के बारे में जानने के लिए जिनसे पर्यावरण को नुकसान पहुँचता है, हम सभी को पर्यावरण के लिए चलाई जा रही अलग-अलग मुहिम और पर्यावरण बचाओ अभियान का हिस्सा बनना चाहिए।

पर्यावरण पर निबंध 300 शब्द

हमारा पर्यावरण पृथ्वी पर जीवों के स्वस्थ जीवन के लिए सबसे अहम भूमिका निभाता है। इसके बावजूद भी हमारा पर्यावरण दिन-प्रतिदिन मानव निर्मित तकनीक तथा आधुनिक युग के आधुनिकरण की वजह से नष्ट होता जा रहा है। यही कारण है कि आज हमें पर्यावरण प्रदूषण जैसी सबसे बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

पर्यावरण के बिना मानव जीवन की कल्पना तक नहीं की जा सकती। हमें अपने भविष्य को जीवित रखने के लिए सबसे पहले पर्यावरण का भविष्य सुरक्षित रखना होगा। इसकी जिम्मेदारी किसी एक इंसान की नहीं बल्कि पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति की है। हर व्यक्ति को अपने-अपने स्तर पर पर्यावरण संरक्षण जैसे मुहिम का हिस्सा ज़रूर बनना चाहिए।

पर्यावरण सामाजिक, शारीरिक, आर्थिक, भावनात्मक तथा बौद्धिक रूप से हमारे दैनिक जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रभावित करता है लेकिन पर्यावरण प्रदूषण की समस्या ने वातावरण में विभिन्न प्रकार की बीमारीयों को जन्म दिया, जिसे आज हर व्यक्ति अपने जीवन में झेल रहा है। अब यह किसी समुदाय या शहर की समस्या नहीं रही बल्कि अब तो यह दुनियाभर की समस्या बन चुकी है।

इस समस्या का समाधान किसी एक व्यक्ति के प्रयास करने से नहीं होगा। अगर इसका निवारण पूर्ण तरीके से नहीं किया गया, तो एक दिन ऐसा आएगा जब पृथ्वी पर जीवन का कोई अस्तित्व नहीं रहेगा। इसीलिए प्रत्येक आम नागरिक को सरकार द्वारा चलाए जा रहे पर्यावरण आन्दोलन में शामिल होना होगा।

हम सभी को अपनी गलती में सुधार करते हुए पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त कराना होगा। यह मानना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन सही यही है कि हर व्यक्ति द्वारा उठाया गया छोटे-से-छोटा भी सकारात्मक कदम एक दिन बड़ा बदलाव ज़रूर लाता है।

हमें अब समझना होगा कि वो समय आ चुका है कि प्राकृतिक संसाधनों का दोहन बंद करते हुए उनका सही तरीके से इस्तेमाल करें। हमें इस बात का भी पूरा ख़्याल रखना होगा कि जीवन को बेहतर बनाने के लिए विज्ञान तथा तकनीक को विकसित करने के साथ-साथ पर्यावरण को भी किसी प्रकार का नुकसान न पहुँचे।

ये भी पढ़ें :-

  • पर्यावरण से जुड़े सामान्य ज्ञान के 100 प्रश्न उत्तर
  • प्रदूषण पर निबंध
  • ध्वनि प्रदूषण पर निबंध
  • मृदा प्रदूषण पर निबंध

पर्यावरण से सम्बंधित FAQs

प्रश्न- पर्यावरण का क्या अर्थ है?

उत्तरः “परि” जो हमारे चारों ओर है”आवरण” जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है, अर्थात पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ होता है चारों ओर से घेरे हुए।

प्रश्न- विश्व पर्यावरण दिवस (world environment day) कब मनाया जाता है?

उत्तर- विश्व पर्यावरण दिवस हर साल 5 जून को मनाया जाता है।

प्रश्न- पर्यावरण का मानव जीवन में क्या महत्व है?

उत्तरः पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत महत्व है। मनुष्य एक पल भी इसके बगैर नहीं रह सकता। जल, थल, वायु, अग्नि, आकाश इन्हीं पांच तत्वो से ही मनुष्य का जीवन है और जीवन समाप्त होने पर वह इन्हीं में विलीन हो जाता है।

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Environment essay in hindi

Environment पर निबंध, कहानी, जानकारी | Environment essay in hindi

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यहां, हमने पर्यावरण (Environment) निबंध प्रदान किया है। और परीक्षा के दौरान पर्यावरण (Environment) पर निबंध कैसे लिखना है, इस बारे में एक विचार प्राप्त करने के लिए छात्र इस पर्यावरण (Environment) निबंध के माध्यम से जा सकते हैं। और फिर, वे अपने शब्दों में भी एक निबंध लिखने का प्रयास कर सकते हैं।

Table of Contents

पर्यावरण पर एस्से (Essay on Environment)

हर साल 5 जून को हम सभी विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाते हैं। पृथ्वी पर उपस्थित सभी सजीव और निर्जीव पर्यावरण का प्रतिनिधित्व करते हैं। हमारे Environment में पौधे, जीव, जल, वायु और अन्य जीवित चीजें मौजूद हैं। हमारा पर्यावरण जलवायु परिवर्तन, भूआकृतिक उपायों और जलीय उपायों से प्रभावित होता है। मनुष्य और जानवरों का जीवन पूरी तरह से जलवायु पर निर्भर है। 

हमारा पर्यावरण पृथ्वी पर जीवन का समर्थन करता है। हम जो कुछ भी सांस लेते हैं, महसूस करते हैं और ऊर्जा पर्यावरण से आती है। Environment को एक आवरण माना जाता है जो पृथ्वी पर जीवन को बनाए रखने में मदद करता है। सभी ग्रहों में, यह हमारा ग्रह पृथ्वी ही है जो जीवन का समर्थन करता है।

पर्यावरण का महत्व (Importance of Environment)

आए दिन हमें पर्यावरण को होने वाले खतरों के बारे में सुनने को मिलता है। हमारे पर्यावरण में जंगलों से लेकर समुद्र तक सब कुछ शामिल है, जो हमारे दैनिक जीवन को प्रभावित करता है। यह वनों की कटाई, प्रदूषण, मिट्टी का कटाव आदि हो सकता है, जिसे गंभीरता से संबोधित करने की आवश्यकता है।

1. लोगों की आजीविका पर्यावरण पर निर्भर करती है

अरबों लोग अपनी आजीविका के लिए Environment पर निर्भर हैं। उदाहरण के लिए, 1.5 अरब से अधिक लोग भोजन, दवा, आश्रय आदि के लिए वनों पर निर्भर हैं। फसल खराब होने पर किसान जंगल की ओर रुख करते हैं। लगभग दो अरब लोग कृषि से जीविकोपार्जन करते हैं, और अन्य तीन अरब लोग समुद्र पर निर्भर हैं।

2. पर्यावरण की ताकत खाद्य सुरक्षा

जैव विविधता के नुकसान के कारण कई नकारात्मक परिणाम सामने आते हैं, लेकिन कमजोर खाद्य सुरक्षा व्यापक है। यदि हम अपने कीमती जानवरों और पौधों की प्रजातियों को खो देते हैं, तो हम कीटों और बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाते हैं। इसके कारण, हमारे स्वास्थ्य को मधुमेह और हृदय रोग जैसी संबंधित बीमारियों का अधिक खतरा होता है। इसलिए, हमें हर इंसान के लिए भोजन सुनिश्चित करने के लिए अपने महासागरों और जंगलों की रक्षा करनी चाहिए।

3. पेड़ हवा को साफ करते हैं

प्रदूषण एक महत्वपूर्ण मुद्दा है और हर साल 7 मिलियन लोग प्रदूषण के कारण मर जाते हैं। प्रदूषित हवा हमारे स्वास्थ्य और जीवन काल को प्रभावित करती है, जिसमें व्यवहार संबंधी समस्याएं, विकास संबंधी देरी और अल्जाइमर और पार्किंसंस जैसी बीमारियां शामिल हैं। पेड़ ऑक्सीजन छोड़ते समय कार्बन मोनोऑक्साइड, नाइट्रोजन डाइऑक्साइड और सल्फर डाइऑक्साइड जैसे वायु प्रदूषकों को हटाने के लिए एक फिल्टर के रूप में काम करते हैं।

4. पर्यावरण कई बीमारियाँ लाता है

हमें यह भी पता चला कि कोविड-19 सबसे अधिक संभावना एक जूनोटिक (zoonotic) बीमारी है। रोग तब फैलते हैं जब मनुष्य अन्य जानवरों की प्रजातियों के क्षेत्र को परेशान करते हैं। शोध के अनुसार, लगभग 60% मानव संक्रमण जानवरों से उत्पन्न होते हैं। बर्ड फ्लू और स्वाइन फ्लू भी पशुओं से जुड़ी बीमारियां हैं।

पर्यावरण के लाभ (Benefits of the Environment)

हमारा Environment हमें अत्यधिक लाभ प्रदान करता है, जिसे हम अपने पूरे जीवन काल में चुका नहीं सकते हैं। पर्यावरण में जानवर, पानी, पेड़, जंगल और हवा शामिल हैं। पेड़ और जंगल हवा को फ़िल्टर करते हैं और हानिकारक गैसों को अंदर लेते हैं, और पौधे पानी को शुद्ध करते हैं, प्राकृतिक संतुलन बनाए रखते हैं और कई अन्य।

Environment अपने कामकाज पर नियमित रूप से नजर रखता है क्योंकि यह पारिस्थितिकी तंत्र के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण प्रणालियों को विनियमित करने में मदद करता है। यह पृथ्वी पर संस्कृति और जीवन की गुणवत्ता को बनाए रखने में भी मदद करता है। पर्यावरण प्रतिदिन होने वाले प्राकृतिक चक्रों को नियंत्रित करता है। ये प्राकृतिक चक्र जीवित चीजों और पर्यावरण को संतुलित करते हैं। यदि हम इन प्राकृतिक चक्रों को बिगाड़ते हैं, तो यह अंततः मनुष्यों और अन्य जीवित प्राणियों को प्रभावित करेगा।

हज़ारों सालों से, Environment ने इंसानों, जानवरों और पौधों को फलने-फूलने और बढ़ने में मदद की है। यह हमें उपजाऊ भूमि, हवा, पशुधन, पानी और जीवित रहने के लिए आवश्यक चीजें भी प्रदान करता है।

पर्यावरणीय गिरावट का कारण

मानव गतिविधियाँ पर्यावरणीय क्षरण का प्राथमिक कारण हैं क्योंकि अधिकांश मनुष्य किसी न किसी तरह से Environment को नुकसान पहुँचाते हैं। मनुष्यों की गतिविधियाँ जो पारिस्थितिक क्षरण का कारण बनती हैं, वे हैं प्रदूषण, दोषपूर्ण पर्यावरण नीतियां, रसायन, ग्रीनहाउस गैसें, ग्लोबल वार्मिंग, ओजोन क्षरण आदि।

औद्योगिक क्रांति और जनसंख्या विस्फोट के कारण पर्यावरण संसाधनों की मांग में वृद्धि हुई है, लेकिन अत्यधिक उपयोग और दुरुपयोग के कारण उनकी आपूर्ति सीमित हो गई है। अक्षय और गैर-नवीकरणीय संसाधनों के व्यापक और गहन उपयोग के कारण कुछ महत्वपूर्ण संसाधन समाप्त हो गए हैं। संसाधनों के विलुप्त होने और तेजी से बढ़ती जनसंख्या से हमारा पर्यावरण भी अस्त-व्यस्त है।

विकसित दुनिया द्वारा उत्पन्न कचरा Environment की अवशोषण क्षमता से परे है। इसलिए, विकास प्रक्रिया के परिणामस्वरूप पर्यावरण प्रदूषण, पानी और वातावरण हुआ, अंततः पानी और वायु की गुणवत्ता को नुकसान पहुंचा। इसके परिणामस्वरूप श्वसन और जल जनित रोगों की घटनाओं में भी वृद्धि हुई है।

निष्कर्ष रूप में हम कह सकते हैं कि Environment ही है जो हमें जीवित रखता है। पर्यावरण के कंबल के बिना, हम जीवित नहीं रहेंगे।

इसके अलावा, जीवन में पर्यावरण के योगदान को चुकाया नहीं जा सकता है। इसके अलावा पर्यावरण ने हमारे लिए जो कुछ किया है, उसे हमने ही नुकसान पहुंचाया है।

FAQ (Frequently Asked Questions)

Environment का उचित रखरखाव मनुष्य को कैसे मदद करता है.

मनुष्य अपनी अधिकांश दैनिक आवश्यकताओं को पर्यावरण से प्राप्त करता है। इसके अलावा, पर्यावरण प्रदूषण से बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।

हम अपने आसपास के Environment की रक्षा कैसे कर सकते हैं?

पहला कदम हमारी मानसिकता को बदलना है, और सार्वजनिक स्थानों पर कूड़ा डालना बंद करना है। प्लास्टिक के उपयोग को कम करने के लिए कदम उठाएं क्योंकि यह हमारे पर्यावरण के लिए सबसे बड़े खतरों में से एक है। साथ ही ‘ Reduce, Reuse और Recycle ‘ के नारे को याद रखें और पर्यावरण की रक्षा की दिशा में एक साहसिक कदम उठाएं। और हर कीमत पर, जल, मिट्टी और वायु के प्रदूषण से बचें।

Environment प्रदूषण के मुख्य कारण क्या हैं?

पर्यावरण और प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक उपयोग, पर्यावरण संरक्षण में कमी, प्राकृतिक संसाधनों का विनाश पर्यावरण प्रदूषण के प्रमुख कारण हैं।

निबंध लिखते समय किन नियमों का पालन करना चाहिए?

1. यह व्याकरणिक के रूप से सही हो।  2. इसमें पूर्ण वाक्य का इस्तेमाल करे। 3. इसमें किसी भी तरह का abbreviations का उपयोग नहीं करे।

आशा करता हूं कि आज आपलोंगों को कुछ नया सीखने को ज़रूर मिला होगा। अगर आज आपने कुछ नया सीखा तो हमारे बाकी के आर्टिकल्स को भी ज़रूर पढ़ें ताकि आपको ऱोज कुछ न कुछ नया सीखने को मिले, और इस articleको अपने दोस्तों और जान पहचान वालो के साथ ज़रूर share करे जिन्हें इसकी जरूरत हो। धन्यवाद।

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पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi | जानिये महत्व और पर्यावरण संरक्षण के उपाय

पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi | जानिये महत्व और पर्यावरण संरक्षण के उपाय

Table of Contents

पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi

(Environment) पर्यावरण पर निबंध:- इस आर्टिकल में हमने Environment के बारे में जानकारी दी है, पर्यावरण सुनने में, बोलने में, और लिखने में जितना आसान लगता है उतना ही यह बड़ा और गहरा है| प्रकृति से मिली पर्यावरण शक्तियों का अगर अंदाजा लगाया जाए तो पूरा जीवन भी कम है इसके लिए|

आप जानते ही है यह एक ऐसा विषय है जिसके लिए जितना पढ़ा जाए या लिखा जाए उतना कम है| मनुष्य, पशु-पक्षी, पेड़-पौधे आदि सभी चीजे Environment से ही जीवित है| इस पुरे आर्टिकल में सम्पूर्ण जानकारी दी गयी है|

पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi | जानिये महत्व और पर्यावरण संरक्षण के उपाय

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पर्यावरण एक ऐसा चक्कर है, जिसमे सब चारो तरफ से घिरे हुए है| और इस पृथ्वी पर मौजूद मनुष्य, जीव-जन्तु, पशु-पक्षी, आदि जीवन जीने में मदद करता है| स्वच्छ पर्यावरण में ही व्यक्ति का विकास संभव है| हम सभी लोग Environment की वजह से ही ही स्वच्छ भोजन ग्रहण कर सकते है| इसलिए सभी को Environment का महत्व समझना चाहिए|

जैसे पेड़-पोधो से हमे ठंडी हवा मिलती है, कड़ी धुप में छाव मिलती है और प्यास लगने पर स्वच्छ पानी मिलता है, खेतो से अन्न प्राप्त होता है यह सब पर्यावरण का खेल है| जिस तरीके से सुबह, दोपहर, शाम और रात प्रकृति के नियम से होते हैं ठीक उसी तरह से पर्यावरण के भी कुछ अपने नियम होते हैं| Environment के बिना दुनिया का बनना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है|

पर्यावरण का अर्थ और पर्यावरण किसे कहते है?

पर्यावरण का अर्थ, पर्यावरण शब्द मुख्य रूप से दो शब्दों से मिलकर बना है, परि + आवरण | परि का अर्थ होता है चारो ओर, आवरण का अर्थ होता है ढका हुआ| मतलब जो हमे चारो ओर से घेरे हुए है|

जो भी कोई वस्तुए जो हमारे चारो ओर से घिरी हुई है, जैसे मनुष्य, पेड़-पौधे, जीव-जंतु, नदी, मिट्टी आदि उनके द्वारा जो भी क्रियाएं की जाती है| उसे पर्यावरण कहते है| दूसरी शब्दों में कहा जाए तो एक ऐसा वातावरण जो हमे चारो तरफ से घेरे हुए है, उसे पर्यावरण कहते है| Environment सामग्री और बल को संदर्भित करता है। Environment को उस वातावरण या स्थिति के रूप में परिभाषित किया जा सकता है जिसमें व्यक्ति, जीव या पौधे रहते हैं और अपने कार्य करते हैं।

Environment मानव के जीवन चक्र में एक प्रमुख भूमिका निभाता है क्योंकि हम सभी पर्यावरण पर सबसे अधिक निर्भर हैं। पर्यावरण में प्राकृतिक चीजों को पैदा करने और सुंदरता दिखाने की शक्ति है। Environment वह अवस्था है जिसमें कोई जीव जन्म लेता है, तब उसकी जीवन प्रक्रिया चलती रहती है और फिर एक समय आता है जब उसका अंत हो जाता है। यह जीवित जीवों की वृद्धि और विकास को प्रभावित करता है।

पर्यावरण कितने प्रकार के होते हैं?

पर्यावरण मुख्य रूप से चार प्रकार के होते है, प्राकृतिक पर्यावरण, मानव निर्मित पर्यावरण, भौतिक पर्यावरण और जैविक पर्यावरण इन्हे विस्तार में जानते है:-

प्राकृतिक (Environment):- प्राकृतिक पर्यावरण पर्यावरण का वह भाग होना चाहिए जो हमें प्रकृति से वरदान के रूप में प्राप्त हुआ है। मानव जीवन को प्रभावित करने वाली प्राकृतिक शक्तियाँ, प्रक्रियाएँ और तत्व प्राकृतिक वातावरण के साथ संयुक्त हैं। ये ही वे शक्तियाँ हैं जिनके द्वारा पृथ्वी पर विभिन्न वस्तुओं का जन्म होता है।

इनमें ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक दोनों तरह की चीजें मौजूद होती हैं। जैविक वस्तुओं में मनुष्य, पौधे, पशु, प्राकृतिक वनस्पति आदि आते हैं, जबकि अकार्बनिक वस्तुओं में जल, तापमान, वायु, तालाब, नदी, समुद्र, पर्वत, झील, वन, मरुस्थल, ऊर्जा, मिट्टी, अग्नि आते हैं। आदि शामिल हैं।

मानव निर्मित (Environment):- मानव निर्मित पर्यावरण में मनुष्य द्वारा बनाई गई चीजें शामिल हैं, जैसे शैक्षणिक संस्थान, बस्तियां, कारखाने, परिवहन के साधन, जंगल, उद्यान, श्मशान घाट, कब्रिस्तान, मनोरंजन स्थल आदि और भी बहुत कुछ। मनुष्य द्वारा अपनी शिक्षा और ज्ञान के बल पर विज्ञान और प्रौद्योगिकी की सहायता से भौतिक पर्यावरण के साथ अंतःक्रिया द्वारा निर्मित पर्यावरण को मानव निर्मित पर्यावरण कहा जाता है।

भौतिक (Environment):- इस वातावरण में प्रकृति द्वारा निर्मित वस्तुओं पर प्रकृति का सीधा नियंत्रण होता है। इसमें किसी प्रकार का मानवीय हस्तक्षेप शामिल नहीं है। भौतिक वातावरण में जलमंडल, स्थलमंडल और वातावरण का अध्ययन किया जाता है। इसके अलावा इसमें स्थलाकृति, जल निकाय, जलवायु, मिट्टी, चट्टान और खनिज आदि विषयों का भी अध्ययन किया जाता है।

जैविक (Environment):- जैविक पर्यावरण का अर्थ यह है की मानव और जीव-जन्तुओ ने मिलकर एक दूसरे की मदद से जैविक पर्यावरण का निर्माण किया है| मानव एक सामाजिक प्राणी है जिस वजह से वह सामाजिक, भौतिक तथा आर्थिक गतिविधियों से जुड़ा रहता है। और साथ ही इसमें जीव प्रणाली भी शामिल होते हैं। इन सभी के जो बीच संबंध होता है उसको जैविक पर्यावरण कहा जाता है। इसके अंतर्गत पेड़-पौधे, जीव-जन्तु, सूक्ष्म जीव, मानव आदि का अध्ययन शामिल है।

Importance Of Environment | महत्व

जैसा की हम सब जानते है, हर किसी के जीवन में Environment का बहुत महत्व है पर्यावरण से ही हम है| क्यूंकि पृथ्वी पर जीने के लिए Environment बहुत महत्वपूर्ण है, सभी मनुष्य, जीव-जंतु, प्राकृतिक, पेड़-पौधे, मौसम आदि यह सभी पर्यावरण के अंतर्गत आते है| पर्यावरण हमारे जीवन के लिए आवश्यक सभी वस्तुए उपलब्ध कराता है|

आज हमे विज्ञान से तकनीकी और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा मिला है जिसकी वजह से दुनिया में खूब विकास हुआ है| लकिन दूसरी तरफ इस विज्ञान के कारण पर्यावरण दूषित हो रहा है| आधुनिकीकरण, औद्योगीकरण और बढ़ती टेक्नोलॉजी के कारण प्रदूषण फैलता है| जिसे Environment पर गलत प्रभाव पढ़ रहा है|

कई लोग अपने स्वार्थ के लिए पेड़-पौधे की कटाई करते है, एवं प्राकृतिक संसाधनों साथ खिलवाड़ करते है| जिसके कारण Environment को काफी क्षति पहुंच रही है। यही नहीं केवल कुछ मानव निर्मित कारणों की वजह से वायुमंडल, जलमंडल आदि भी प्रभावित हो रहे हैं हमारी धरती का तापमान बढ़ रहा है और ग्लोबल वार्मिंग की समस्या भी उत्पन्न हो रही है| जिसके कारण मनुष्य के स्वास्थ्य पर काफी खतरनाक प्रभाव पड़ सकता है| इसलिए पर्यावरण के महत्व को समझते हुए हम सभी को अपने पर्यावरण को बचाने में सहयोग करना चाहिए।

Environment | संरक्षण के उपाय

1. व्यवसाय से निकलने वाले दूषित पदार्थ और धुएं का सही तरीके से निपटान करना चाहिए।

2. पर्यावरण की साफ़-सफाई पर अधिक ध्यान देना चाहिए।

3. सभी को ज़्यदा से ज़्यदा पेड़-पौधे लगाने चाहिए।

4. पेड़ों की अंधाधुंध कटाई बंद होनी चाहिए|

5. बेहद जरूरत के समय ही वाहनों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

6. दूषित और जहरीले पदार्थों से निपटान के लिए सख्त कानून बनाने चाहिए।

7. लोगों को पर्यावरण के महत्व को समझाने के लिए जागरूकता फैलाई जानी चाहिए।

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पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Save Environment Essay in Hindi)

पर्यावरण का संबंध उन जीवित और गैर जीवित चीजो से है, जो कि  हमारे आस-पास मौजूद है, और जिनका होना हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके अंतर्गत वायु, जल, मिट्टी, मनुष्य, पशु-पक्षी आदि आते है। हालांकि एक शहर, कस्बे या गांव में रहते हुए हम देखते है कि हमारे आस-पास का वातावरण और स्थान वास्तव में एक प्राकृतिक स्थान जैसे कि रेगिस्तान, जंगल, या फिर एक नदी आदि थे, जिन्हे हम मनुष्यों ने अपने उपयोग के लिए इमारतो, सड़को या कारखानो में तब्दील कर दिया है।

पर्यावरण बचाओ पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Save Environment in Hindi, Paryavaran Bachao par Nibandh Hindi mein)

पर्यावरण संरक्षण पर निबंध– 1 (250 – 300 शब्द).

पर्यावरण दो शब्दों से मिलकर बना है, परि + आवरण जिसका अर्थ है- बाहरी आवरण। बिना घर के जिस प्रकार हम सुरक्षित नहीं होते उसी प्रकार बिना पर्यावरण की सुरक्षा हमारा कोई अस्तित्व नहीं। पर्यावरण सभी जीवों को जीने के लिए उचित स्थिति प्रदान करती है।

पर्यावरण संरक्षण का महत्व

हमारे द्वारा श्वसन के लिए वायु का इस्तेमाल किया जाता है, पीने तथा अन्य दैनिक कार्यो के लिए पानी का इस्तेमाल किया जाता है सिर्फ इतना ही नही जो भोजन हम खाते है वह भी कई प्रकार के पेड़-पौधो, पशु-पक्षीओं और सब्जियो, दूध, अंडो आदि से प्राप्त होता है। आवश्यकताओ को ध्यान में रखते हुए इन संसाधनो की सुरक्षा बहुत ही जरुरी हो गई है।

पर्यावरण संरक्षण के उपाय

इस लक्ष्य की प्राप्ति सिर्फ सतत विकास के द्वारा ही संभव है। इसके अलावा उद्योग ईकाईयों द्वारा तरल और ठोस सह-उत्पाद जो कि कचरे के रुप में फेक दिए जाते है इनके भी नियंत्रण की आवश्यकता है, क्योंकि इनके कारण प्रदूषण बढ़ता है। जिससे की कैसंर और पेट तथा आंत से जुड़ी कई बीमारियां उत्पन्न होती हैं।

यह तभी संभव है जब हम सरकार के ऊपर निर्भरता छोड़कर व्यक्तिगत रुप से इस समस्या के समाधान के लिए जरुरी कदम उठायें। पर्यावरण की देखभाल करना हमारे लिए प्राथमिकता होनी चाहिए। पर्यावरण की सुरक्षा जीवन की सुरक्षा है।

इसे यूट्यूब पर देखें: पर्यावरण संरक्षण पर निबंध

निबंध – 2 (400 शब्द)

समय के शुरुआत से ही पर्यावरण ने हमारी वनस्पतिओं और प्राणी समूहो से संबंध स्थापित करने में मदद की है, जिससे की हमारा जीवन सुनिश्चित हुआ हैं। प्रकृति ने हमें कई सारे भेंट प्रदान किये है जैसे कि पानी, सूर्य का प्रकाश, वायु, जीव-जन्तु और जीवाश्म ईँधन आदि जिससे इन चीजो ने हमारे ग्रह को रहने योग्य बनाया है।

पर्यावरण का संरक्षण और बचाव कैसे सुनिश्चित करें

क्योंकि यह संसाधन काफी ज्यादे मात्रा उपलब्ध है, इसलिए बढ़ती जनसंख्या के कारण धनी और संभ्रांत वर्ग के विलासतापूर्ण इच्छाओं को पूरा करने के लिए इनका काफी ज्यादे मात्रा में तथा बहुत ही तेजी के साथ उपभोग किया जा रहा है। इसलिए हर प्रकार से इनका संरक्षण करना बहुत ही आवश्यक हो गया है। यहां कुछ रास्ते बताएं गये है जिनके द्वारा इन प्राकृतिक संसाधनो के अत्यधिक उपयोग पर काबू पाया जा सकता है और इन्हे संरक्षित किया जा सकता है।

  • खनिज और ऊर्जा संसाधनः विभिन्न प्रकार के खनिज तत्वो जिनसे कि उर्जा उत्पन्न कि जाती है इसके अंतर्गत कोयला, तेल और विभिन्न प्रकार के जीवाश्म ईंधन आते हैं। जिनका उपयोग मुख्यतः बिजली उत्पादन केंद्रो और वाहनो में किया जाता है, जो कि वायु प्रदूषण में अपना मुख्य योगदान देते है। इसके अलावा वायु जनित बिमारियों के रोकथाम के लिए नवकरणीय ऊर्जा के संसाधनो जैसे कि हवा और ज्वारीय ऊर्जा को बढ़वा देने की आवश्यकता है।
  • वन संसाधनः वनो द्वारा मृदा अपरदन को रोकने और सूखे के प्रभाव को कम करने के साथ ही जल स्तर को स्थिर रखने में महत्वपूर्ण योगदान निभाया जाता है। इसके साथ ही इनके द्वारा वातावरण की परिस्थितियों को काबू में रखने के साथ ही जीवो के लिए कार्बन डाइआक्साइड के स्तर को भी नियंत्रित किया जाता है, जिससे की पृथ्वी पर जीवन का संतुलन बना रहता है। इसलिए यह काफी महत्वपूर्ण है कि हम वन संरक्षण और इसके विस्तार पर ध्यान दे, जो कि बिना लकड़ी के बने उत्पादो के खरीद को बढ़ावा देकर और राज्य सरकारो द्वारा वृक्षारोपण तथा वन संरक्षण को बढ़ावा देकर किया जा सकता है।
  • जल संसाधनः इसके साथ ही जलीय पारिस्थितिक तंत्र का भी लोगो द्वारा दैनिक कार्यो जैसे कि पीने के लिए, खाना बनाने के लिए, कपड़े धोने के लिए आदि के लिए उपयोग किया जाता है। वैसे तो वाष्पीकरण और वर्षा के द्वारा जल चक्र का संतुलन बना रहता है परन्तु मनुष्यों द्वारा ताजे पानी को बहुत ज्यादे मात्रा में इस्तेमाल और बर्बाद किया जा रहा है। इसके साथ ही यह काफी तेजी से प्रदूषित भी होते जा रहा है। इसलिए भविष्य में होने वाले पानी के संकट को देखते हुए इसके लिए कुछ महत्वपूर्ण फैसले लेने की आवश्यकता है। जिसके लिए हमे बड़ी परियोजनाओं के जगह पानी के छोटे-छोटे जलाशय निर्माण, ड्रिप सिचाई विधी को बढ़ावा देना, लीकेज को रोकना, नगरीय कचरे के पुनरावृत्ति और सफाई जैसे कार्यो को करने की आवश्यकता है।
  • खाद्य संसाधनः हरित क्रांति के दौरान कई सारे तकनीको द्वारा फसलो के उत्पादन को बढ़ाकर भूखमरी के समस्या पर काबू पाया गया था, लेकिन वास्तव में इससे मिट्टी के गुणवत्ता पर काफी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा। इसलिए हमें खाद्य उत्पादन के लिए सतत उपायो को अपनाने की आवश्यकता है। जिसके अंतर्गत गैर-जैविक उर्वरकों और कीटनाशको के उपयोग के जगह अन्य विकल्पो को अपनाने तथा कम गुणवत्ता वाली मिट्टी में उपजने वाले फसलो को अपनाने की आवश्यकता है।

इस प्रकार से हम कह सकते है सिर्फ एक व्यक्ति के रुप में लिए गये हमारे व्यक्तिगत फैसलो के साथ सतत विकास और सही प्रबंधन के द्वारा ही हम अपने इस बहूमुल्य पर्यावरण की रक्षा कर सकते है।

निबंध – 3 (500 शब्द)

“कीसी भी पीढ़ी का इस पृथ्वी पर एकाधिकार नही है, हम सभी यहा जीवन व्यय के लिए है – जिसकी कीमत भी हमें चुकानी होती है” मारग्रेट थेचर का यह कथन हमारा प्रकृति के साथ हमारे अस्थायी संबंधो को दर्शाता है। पृथ्वी के द्वारा हमारे जीवन को आसान बनाने और इस ग्रह को रहने लायक बनाने के लिए प्रदान किये गए तमाम तोहफे के जैसे कि हवा, सूर्य का प्रकाश, पानी, जीव-जन्तु और खनिज आदि के बावजूद भी, हम अपने स्वार्थ के लिए हम इन संसाधनो का दोहन करने से बाज नही आ रहे है।

पृथ्वी को बचाने के लिए पर्यावरण को बचाने की जरुरत

हमारे बढती आबादी स्तर के वर्तमान जरुरतो को पूरा करने के लिए हम बिना सोचे-समझे अंधाधुंध रुप से अपने प्राकृतिक संसाधनो का उपभोग करते जा रहे है। हम अपने भविष्य के पीढ़ी के लिए भी कोई चिंता नही कर रहे है। इस प्रकार से आज के समय में सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि हमें अपने नवकरणीय और गैर नवकरणीय संसाधनो के संरक्षण के और अपनी इस पृथ्वी के सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाने की आवश्यकता है।

पर्यावरण पर प्रदूषण के प्रभाव

  • वायु प्रदूषणः यातायात तंत्र के निर्माण और बड़े स्तर पर पेट्रोल तथा डीजल के उपयोग के कारण प्रदूषण के स्तर में काफी तेजी से वृद्धि हुई है, जिससे कई तरह के अनचाहे और गैस वाले वायु में मौजूद हानिकारक कणो की मात्रा में भी काफी वृद्धि हुई है। इस बढ़े हुए कार्बन मोनो-आक्साइड, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, सल्फर आक्साइड, हाइड्रोकार्बन और लेड की मात्रा से सूर्य की पराबैंगनी किरणो से हमारी रक्षा करने वाला हमारा ओजोन की परत खत्म होने लगी है। जिसके कारण तापमान में काफी वृद्धि दर्ज की गयी है, जिसे सामान्यतः ग्लोबल वार्मिंग के नाम से जाना जाता है।
  • जल प्रदूषणः मनुष्यों और पशुओं के अपशिष्ट, उद्योगो से निकलने वाले जल में घुलनशील गैरजैविक रसायन जैसे कि मर्करी और लेड तथा पानी में जैविक रसायनो के बहाव जैसे कि डिटर्जेंट और तेल जो कि  ताजे पानी के तालाबो और नदियों में मिल जाते है पानी को दूषित कर देते है और यह पानी हमारे पीने योग्य नही रह जाता है। इन्ही कारणों से जलीय जीवन भी काफी बुरे तरीके से प्रभावित हो गया है, इसके साथ ही फसलो के पैदावार में कमी और पीने का पानी मनुष्यों तथा जानवरों के लिए अब और सुरक्षित नही रह गया है।
  • भूमि प्रदूषणः ज्यादे मात्रा में उर्वरको और कीटनाशको जैसे कि डीडीटी के छिड़काव और फसलो की पैदावार बढ़ाने के लिए उस पानी का उपयोग जिसमें नमक की मात्रा अधिक हो, इस तरह के उपाय भूमि को बेकार कर देते है। इस तरह के प्रदूषण को भूमि प्रदूषण के नाम से जाना जाता है और इसी के कारण मृदा अपरदन में भी वृद्धि हुई है जिसके लिए निर्माण और वनोन्मूलन आदि जैसे कारण मुख्य रुप से जिम्मेदार है।
  • ध्वनि प्रदूषणः वाहनो से निकलने वाला शोर-शराबा, कारखानो और भारत में दिवाली के दौरान फोड़े जाने वाले पटाखो मुख्य रुप से ध्वनि प्रदूषण के जिम्मेदार है। यह जानवरो को गंभीर रुप से हानि पहुंचाता है क्योंकि वह खुद को इसके अनुरुप ढाल नही पाते है, जिससे उनके सुनने की क्षमता क्षीण पड़ जाती है।

पर्यावरण संरक्षण मात्र सरकार का ही काम नही है, इसके लिए एक व्यक्ति के रुप में हमारा स्वंय का योगदान भी काफी आवश्यक है। जाने-अनजाने में हम प्रतिदिन प्रदूषण में अपना योगदान देते है। इसलिए प्रकृति के प्रदान किए गये भेंटो का उपयोग करने वाले एक उपभोक्ता के रुप में यह हमारा कर्तव्य है कि हम जल संरक्षण को बढ़ावा दे और वस्तुओं के पुनरुपयोग और पुनरावृत्ति में हिस्सा ले, बिजली और पानी जैसे संसाधनो की बर्बादी आदि कार्यो को बंद करें। इन सब छोटे-छोटे उपायो द्वारा हम अपने ग्रह के हालत में काफी प्रभावी बदलाव ला सकते है।

Essay on Save Environment in Hindi

निबंध – 4 (600 शब्द)

प्राकृतिक पर्यावरण मानव जाति और दुसरे जीवो के लिए एक वरदान है। इन प्राकृतिक संसाधनो में हवा, ताजा पानी, सूर्य का प्रकाश, जीवाश्म ईंधन आदि आते है। यह जीवन के लिए इतने महत्वपूर्ण है कि इनके बिना जीवन की कल्पना भी नही की जा सकती है। लेकिन बढ़ती आबादी के बढ़ते लोभ के कारण, इन संसाधनो का बहुत ही ज्यादे मात्रा में दुरुपयोग हुआ है। यह आर्थिक विकास मानव स्वास्थ्य के लिए बहुत गंभीर साबित हुआ है, जिनके विषय में नीचे चर्चा की गयी है।

पृथ्वी पर जीवन को बचाने के लिए पर्यावरण को बचाने के कारण

यहां प्राकृतिक संसाधनो के दुरुपयोग और हानि को रोकने के लिए और प्रदूषण द्वारा पृथ्वी के जीवो पर होने वाले निम्नलिखित प्रभावो पर चर्चा की गयी है। इसलिए पृथ्वी पर जीवन को बचाने के लिए यह काफी आवश्यक है कि हम पर्यावरण को बचाएं।

  • वायु प्रदूषणः यातायात के लिए पेट्रोल और डीजल के बढ़ते उपयोग से और उद्योगो द्वारा ऊर्जा उत्पादन के लिए जीवाश्म ईंधन के बढ़ते दहन से वायु प्रदूषण में सबसे ज्यादे वृद्धि हुई है। जिसके कारणवश सल्फर आक्साइड, हाइड्रोकार्बन, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन और कार्बन मोनो आक्साइड आदि के स्तर में भी वृद्धि हुई है। ये हानिकारक गैसे मानव स्वास्थ्य पर काफी बुरा प्रभाव डालती हैं, जिससे क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, फेफड़ों का कैंसर और अन्य कई प्रकार की श्वसन संबंधित बीमारियां उत्पन्न हो जाती है। इसके द्वारा ओजोन परत का भी क्षय होता जा रहा है, जिससे मनुष्य पहले की अपेक्षा पैराबैंगनी किरणो से अब उतना ज्यादे सुरक्षित नही रह गया है। इसके साथ ही इससे वायु प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग में भी बढ़ोत्तरी हुई है, जिसके कारणवश मनुष्य की प्रतिरक्षा प्रणाली कमजोर हुई है।
  • जल प्रदूषणः उद्योगो से निकलने जल में घुलनशील आकार्बनिक रासायनो और मनुष्यों तथा पशुओं के अपशिष्टो के ताजे पानी में मिलने तथा सिचाईं के दौरान उर्वरको और कीटनाशको के पानी में मिलने के कारण जल प्रदूषण की समस्या उत्पन्न होती है। यह ना सिर्फ पीने के पानी की गुणवत्ता को खराब करता है, बल्कि की कैंसर तथा पेट और आंत संबंधित कई सारी बिमारीयो को भी जन्म देता है। इसके अलावा जलीय जीवन पर भी इसका नकरात्मक प्रभाव पड़ता है, जल प्रदूषण मछलिंयो को भी खाने योग्य नही रहने देता है।
  • भूमि प्रदूषणः रासायनिक उर्वरको और कीटनाशको के उपयोग से मिट्टी में मौजूद ना सिर्फ बुरे कीट बल्कि की अच्छे कीट भी मर जाते है। जिससे हमें कम पोषक वाले फसलो की प्राप्ति होती है। इसके अलावा भूमि प्रदूषण द्वारा रसायन से संक्रमित फसलो के सेवन से म्यूटेशन, कैंसर आदि जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती है। तेजी से हो रहे वनोन्मूलन और निर्माण के कारण बाढ़ के आवृति में भी वृद्धि हुई है। जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर मानव जीवन का विनाश होता जा रहा है।
  • ध्वनि प्रदूषणः कारखानों और वाहनों से उत्पन्न होने वाले अत्यधिक शोर-सराबे के कारण मनुष्य के सुनने की क्षमता पर असर पड़ रहा है, जिसके परिणामस्वरूप अस्थायी या स्थायी सुनने की शक्ति क्षीण पड़ जाती है। मनुष्य के उपर ध्वनि प्रदूषण का मानसिक, भावनात्मक और दिमागी स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे तनाव, चिंता और चिड़चिड़ाहट आदि जैसी समस्याएं उत्पन्न होती है, जिससे हमारे कार्य के प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।

पर्यावरण को बचाने के उपाय

इतिहास के पन्नो को पलटने पे पता चलता है कि हमारे पूर्वज पर्यावरण संरक्षण को लेकर हमसे कही ज्यादे चिंतित थे। इसके लिए हम सुंदरलाल बहुगुणा को मिसाल के तौर पर देख सकते है, जिन्होने वन्य संसाधनो के सुरक्षा के लिए चिपको आंदोलन की शुरुआत की थी। ठीक इसी प्रकार मेधा पाटेकर ने जनजातीय लोगो के लिए पर्यावरण सुरक्षा के प्रभावी प्रयास किए थे, जो कि  नर्मदा नदी पर बन रहे बांध से नकरात्मक रुप से प्रभावित हुए थे। आज के समय में एक युवा के रुप में यह हमारा दायित्व है कि पर्यावरण सुरक्षा के लिए हम भी इसी तरह के प्रयास करे। कुछ छोटे-छोटे उपायो द्वारा हम प्रकृति को बचाने में अपना सहयोग दे सकते हैः

  • हमे 3 आर(3R) के धारणा को बढ़ावा देना चाहिए, जिसके अंतर्गत रेड्यूज़, रीसायकल रीयूज जैसे कार्य आते है। जिसमें हम गैर नवकरणीय ऊर्जा के स्त्रोतो के अधिक उपयोग को कम करके जैसे कि लोहा बनाने के लिए लोहे के कचरे का इस्तेमाल करना जैसे उपाय कर सकते है।
  • ऊर्जा बचाने वाले ट्यूब लाइट और बल्ब आदि उत्पादो का उपयोग करना।
  • पेपर और लकड़ी का कम उपयोग करना जितना ज्यादे हो सके ई-बुक और ई-पेपर का इस्तेमाल करना।
  • जीवाश्म ईंधन का उपयोग कम से कम करना कही आने-जाने के लिए पैदल, कार पूल या सार्वजनिक परिवाहन जैसे उपायो का उपयोग करना।
  • प्लास्टिक बैग के जगह जूट या कपड़े के बैग का इस्तेमाल करना।
  • पुनरुपयोग की जा सकने वाली बैटरियों और सोलर पैनलो का उपयोग करना।
  • रसायनिक उर्वरको का उपयोग कम करना और गोबर से खाद बनाने के लिए कम्पोस्ट बिन की स्थापना करना।

वैसे तो सरकार ने प्रकृति और वन्यजीव के सुरक्षा के लिए कई सारे कानून और योजनाएं स्थापित की गई है। लेकिन फिर भी व्यक्तिगत रुप से यह हमारा कर्तव्य है कि हरेक व्यक्ति पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे  और अपनी आने वाली पीढ़ीयो के भविष्य को सुरक्षित करे, क्योंकि वर्तमान में हमारे द्वारा ही इसका सबसे ज्यादे उपयोग किया जा रहा है। इसे लेस्टर ब्राउन के शब्दों में बहुत ही आसानी से समझा जा सकता है, “हमने इस पृथ्वी को अपने पूर्वजो से प्राप्त नही किया है, बल्कि की अपने आने वाली पीढ़ीयों से छीन लिया है”।

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पर्यावरण का महत्व | Importance Of Environment

इस पोस्ट में जानने के लिए👇.

नमस्कार, आज हम पर्यावरण के महत्व यानी  Importance Of Environment in Hindi को समझेंगे, जितना हमारे जीने के लिए खाना और पानी आवश्यक है उतना ही हमारे लिए एक स्वच्छ पर्यावरण आवश्यक है। आज अगर हम अपने जीवन को स्वच्छ और रोगमुक्त होकर गुजार रहे हैं तो उसमे पर्यावरण का एक बहूत महत्वपूर्ण योगदान है पर्यावरण के महत्व यानी  Importance Of Environment को जानने से पहले हमारे लिए यह जानना जरूरी है कि आखिर पर्यावरण क्या होता (What is the Environment) है तो चलिए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं।

पर्यावरण क्या है :

पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, परि + आवरण । जिसमे परि का अर्थ है चरों ओर, और आवरण का अर्थ है घिरा हुआ अर्थात चारों ओर से घिरा हुआ।

पर्यावरण के अंतर्गत पेड़-पौधे, जीव-जंतु, वृक्ष आदि आते हैं यानी जो कुछ भी हमारे आस-पास है चाहे वह सजीव हो या निर्जीव सभी हमारे पर्यावरण से जुड़े हुए हैं।

आज पृथ्वी पर जीवन संभव है इसका एकमात्र कारण पर्यावरण ही है अगर पर्यावरण हमारे अनुकूल नहीं होता तो शायद आज हम और आप नहीं होते।

हम अपने दैनिक जीवन में जिन सभी चीजों के संपर्क में हैं वो सभी पर्यावरण में ही मौजूद हैं प्रकृति ने हमें एक शुद्ध एवं स्वच्छ पर्यावरण प्रदान किया है हमारा सदैव यही प्रयास रहना चाहिए की हम इसे हर हाल में स्वच्छ रखें।

पर्यावरण का महत्व |  Importance Of Environment in Hindi

पर्यावरण का हमारे जीवन में बहुत महत्व है, पर्यावरण के द्वारा ही पृथ्वी पर जीवन संभव है यदि आज हम जीवित हैं तो उसमे बहुत बड़ा हाथ पर्यावरण का है एक अच्छा और स्वच्छ पर्यावरण हमें बेहतर जीवन जीने में मदद करता है।

आप जानते होंगे की जब हम सांस लेते हैं तो ऑक्सीजन ग्रहण करते हैं और जब हम सांस छोड़ते हैं तो उसके साथ कार्बन-डाई-ऑक्साइड छोड़ते हैं।

लेकिन क्या आपने कभी सोचा है जो हम ऑक्सीजन लेते हैं वो हमें कहाँ से मिलता है, ये ऑक्सीजन हमें पेड़-पौधों से मिलता है और ये सभी पेड़-पौधे हमारे पर्यावरण का हिस्सा हैं।

पर्यावरण पृथ्वी का एक अभिन्न अंग है, प्राचीन काल में मानव अपने चारों ओर के वातावरण को काफी स्वच्छ और सहेज कर रखता था, वह अपना ज्यादातर समय वातावरण को स्वच्छ रखने में ही देता था।

Importance of environment in hindi

प्राचीन काल में मानव पर्यावरण के महत्व (Importance Of Environment Studies) को काफी अच्छी तरह से समझता था वह जानता था की अगर पर्यावरण स्वच्छ है तो हम भी स्वच्छ रह सकेंगे।

पर्यावरण न केवल जलवायु को संतुलित बनाए रखता है बल्कि जीवन के लिए जो कुछ भी आवश्यक है वो सभी चीजे हमें पर्यावरण द्वारा ही प्राप्त होती है।

लेकिन आज के समय में मानव पर्यावरण के महत्व (importance of environment education) को भूलता जा रहा है जिसका सीधा प्रभाव हमारे स्वास्थ पर पड़ रहा है प्राचीन समय में मानव मीलों की यात्रा पैदल ही कर लेता था लेकिन आज थोड़े दूर पैदल चलने में व्यक्ति की साँसे फूलने लगती है।

प्राचीन काल में मनुष्य को प्रकृति द्वारा पूर्ण रूप से पौष्टिक सब्जियां, फल आदि प्राप्त होती थी और उसके सेवन से ही वह पूरे दिन ऊर्जा से भरे रहते थे और उन्हें पूरी उम्र कोई बीमारी नहीं होती थी।

इसी कारण आज हर 10 में से 6 लोग कम उम्र में ही अनेक बिमारियों की चपेट में आ जाते है। इसके बावजूद भी कोई पर्यावरण को गंभीरता से नहीं लेता और हमेशा इसे नुकशान पहुचाने में लगा रहता है।

आज के समय में मनुष्य ने कई नए अविष्कार कर दिखाए हैं जिससे मानव जीवन और आसन हो गया है, मनुष्य ने कई गगनचुम्बी इमारतें खड़ी कर दी हैं, अनेकों फैक्ट्री, कारखानों का निर्माण हो चुका है। जिसका सीधे प्रभाव हमारे पर्यावरण पर पड़ रहा है।

फैक्ट्रीयों कारखानों से निकलने वाला धुआं हमारे पर्यावरण को बहूत बुरी तरह प्रभावित कर रहा है आज मनुष्य अपनी सुविधा के लिए पेड़-पौधे काटकर वहां बड़ी-बड़ी इमारतें खड़ी कर रहा है लेकिन वो ये नहीं सोचता की हमें जीने के लिए ऑक्सीजन भी इन्ही पेड़-पौधों से मिलता है।

आज व्यक्ति एक स्थान से दुसरे स्थान पर बहुत ही कम समय में पहुँच जाता है क्यूंकि आज अनेक प्रकार के वाहन मौजूद हैं और इसका विकास और तेजी से बढ़ता जा रहा है लेकिन इसके साथ ही इन वाहनों से निकलने वाले धुएं के कारण हमारा पर्यावरण भी तेजी से प्रदूषित हो रहा है।

पर्यावरण प्रदुषण को कैसे नियंत्रित करें :

पर्यावरण प्रदुषण को रोकने का सबसे जरूरी और महत्वपूर्ण उपाय है अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगायें। क्यूंकि पेड़-पौधे हमें एक स्वच्छ वायु प्रदान करते हैं जो हमारे स्वास्थ के लिए बहूत आवश्यक है।

पेड़-पौधे कार्बन-डाई-ऑक्साइड ग्रहण करते हैं और हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हैं जो हमारे वायुमंडल का संतुलन बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

  • हमें फैक्ट्रीयों, कारखानों से निकलने वाले धुएं पर नियंत्रण करना होगा।
  • फैक्ट्रीयों, कारखानों से निकलने वाले दूषित जल को नदियों या तालाबों में जाने से रोंके और इसकी व्यवस्था किसी अन्य जगह की जानी चाहिए जहाँ कोई नदी या तालाब न हो, इससे हमारे नदियों या तालाबों का जल सुरक्षित बना रहेगा।
  • वाहनों का उपयोग कम करना होगा।
  • वाहनों के इंजन को कुछ इस प्रकार डिजाइन किया जाना चाहिए जिससे अधिक ऊर्जा कुशल परिवहन प्रणालियों का विकास हो सके।
  • बाइक या कार का उपयोग कम से कम करें जितना संभव हो पैदल चलें, इससे आपका स्वास्थ भी अच्छा रहेगा और पर्यावरण प्रदुषण को रोकने में आपका यह कदम सराहनीय होगा।
  • जब भी संभव हो पर्यावरण की दृष्टि से सुरक्षित पेंट और सफाई उत्पादों का उपयोग करें।
  • किसी भी अपशिष्ट पदार्थ को जलाने से बचें, ये कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को बढ़ाते हैं और पर्यावरण को बुरी तरह नुकसान पहुंचाते हैं।
  • पर्यावरणीय रूप से सुदृढ़ नीतियों का समर्थन करें, जो ऊर्जा विकास की गतिविधियों को कम करें, ऊर्जा संरक्षण पर जोर दें और नवीकरणीय संसाधनों के उपयोग को प्रोत्साहित करें।
  • हमें ठोस और खतरनाक कचरे के रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।
  •  कूड़ा-कचरा कभी भी इधर-उधर न फेकें इन्हें केवल कूड़ेदान में ही डाले।

पर्यावरण के प्रकार :

पर्यावरण को तीन भागों में बांटा गया है जो कुछ इस प्रकार है-

1.प्राकृतिक पर्यावरण: इसके अंतर्गत वे सभी जैविक एवं अजैविक  तत्व शामिल हैं जो इस पृथ्वी पर प्राकृतिक रूप से पाए जाते हैं जैविक तत्वों में सभी जीव जंतु, पेड़-पौधे देखने को मिलते हैं ये सभी विशेष रूप से पर्यावरण में मौजूद हैं।अजैविक तत्वों में वायुमंडल में मौजूद सभी गैसें, जल, अग्नि, ऊर्जा, तापमान, वायु, मृद्दा शामिल हैं ये सभी तत्व प्राकृतिक रूप से पृथ्वी में विद्यमान हैं।

2. मानव निर्मित पर्यावरण: मानव निर्मित पर्यावरण के अंतर्गत वे सभी चीजें सम्मिलित हैं जो खुद मानव द्वारा बनायीं गयी हैं इसके अंतर्गत कृषि, तकनीक, शहर, कारखाने, स्टेशन आदि चीजें मौजूद हैं! मानव द्वारा निर्मित वस्तुओं से पर्यावरण पर कई सारे बुरे प्रभाव भी पड़ रहे हैं! जो की हमारे वातावरण को बुरी तरह प्रभावित कर रहें हैं।

3. सामजिक पर्यावरण: सामजिक पर्यावरण से शायद आप समझ गए होंगे की हम किसकी बात करने वाले हैं सामजिक पर्यावरण के अंतर्गत सभी सामजिक एवं सांस्कृतिक मान्यताओं को सम्मिलित किया गया है, आर्थिक धार्मिक एवं राजनितिक संस्था और संगठन भी सामजिक पर्यावरण का हिस्सा हैं।

पर्यावरण से क्या लाभ है :

पर्यावरण हमारे चारों ओर की प्राकृतिक दुनिया है जिसमे पृथ्वी पर सभी जीवित और निर्जीव चीज़े शामिल है। पर्यावरण के कई लाभ हैं जिनका मानव आनंद ले रहा है और एक प्रजाति के रूप में हमारे अपने अस्तित्व के लिए पर्यावरण की रक्षा करना भी महत्वपूर्ण है।

जलवायु नियमन: इसे Climate regulation भी कहते है। ये पर्यावरण, कार्बन डाइऑक्साइड के अवशोषण और पौधों द्वारा ऑक्सीजन के उत्पादन के माध्यम से पृथ्वी की जलवायु को विनियमित करने में मदद करता है।

जैव विविधता: पर्यावरण विभिन्न प्रकार के पौधों और जानवरों के लिए आवास प्रदान करता है और इन आवासों को संरक्षित करने से जैव विविधता को बनाए रखने में मदद मिलती है।

प्राकृतिक संसाधन: पर्यावरण हमें प्राकृतिक संसाधन जैसे पानी, लकड़ी और खनिज प्रदान करता है, जिन पर हम अपने अस्तित्व के लिए निर्भर हैं।

स्वच्छ हवा और पानी: एक स्वस्थ वातावरण स्वच्छ हवा और पानी प्रदान करने में मदद करता है, जो मानव स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हैं।

मनोरंजन और विश्राम: पर्यावरण बाहरी मनोरंजन और विश्राम के अवसर प्रदान करता है, जो तनाव को कम करने और समग्र कल्याण में सुधार करने में मदद करता है।

पर्यावरण की रक्षा और संरक्षण के लिए कदम उठाकर, हम यह सुनिश्चित कर सकते हैं कि हम आने वाली पीढ़ियों के लिए इन और अन्य लाभों का आनंद लेना जारी रखें।

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वायुमंडल में सम्मिलित विभिन्न गैसें :

गैसेंसम्मिलित मात्र प्रतिशत में
नाइट्रोजन78%
ऑक्सीजन20%
आर्गन0.93%
कार्बन-डाई ऑक्साइड0.036%
नीऔन0.002%
हीलियम0.0005%
क्रिप्टोन0.001%
जिनौन0.00009%
हाइड्रोजन0.00005%

अंतिम शब्द :

हमें उम्मीद है की आपने पर्यावरण और उसके महत्व Importance Of Environment in Hindi को समझा और जाना होगा, पर्यावरण हमारे जीवन की नीव है हमें पर्यावरण को दूषित होने से बचाना होगा क्यूंकि अगर हम इसी तरह पर्यावरण को दूषित करते रहे तो शायद आने वाले समय में पृथ्वी पर जीवन ही संभव न हो।

अगर आपको पर्यावरण का महत्व यानी Importance Of Environment से कुछ सीखने को मिला हो तो आप इसे अपने मित्रों को भी शेयर कर सकते हैं ताकि वो भी पर्यावरण को प्रदूषित होने से बचाने के लिए अपना योगदान दें।

अगर आपको हमारे पर्यावरण पर इस निबंध (importance of environment essay) से कोई समस्या या आपके कोई सुझाव हैं तो हमें Comment Box में जरूर बताएं हमें जानकार अच्छा लगेगा, धन्यवाद।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल :

पर्यावरण का महत्व क्या है.

पर्यावरण के कारण ही आज पृथ्वी पर जीवन संभव है यदि आज हम जीवित हैं तो उसमे बहुत बड़ा हाथ पर्यावरण का है एक अच्छा और स्वच्छ पर्यावरण हमें बेहतर जीवन जीने में मदद करता है।

पर्यावरण से क्या लाभ है?

पर्यावरण का सबसे अच्छा लाभ है, ये हमें स्वच्छ हवा और स्वच्छ पानी प्रदान करता है जो मनुष्य के जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण है।

5 thoughts on “पर्यावरण का महत्व | Importance Of Environment”

Bahut achha hai 👍👍👌👌👌

हमें जानकर ख़ुशी हुई की आपको ये आर्टिकल पसंद आया धन्यवाद Susheel Nagesh

अत्यंत सुंदर शब्दों में कही गई सटीक विषयवस्तु है आपकी। बोर्ड परीक्षा में पर्यावरण का महत्व विषय पर निबंध आता है तो छात्र पर्यावरण प्रदूषण से पेज भर देते है प्रदूषण के प्रकार , हानियां इत्यादि। वास्तव में महत्व प्रतिपादित करने के लिए उपरोक्त विषयवस्तु अनिवार्य है ,जो सम्मझाना शिक्षक का दायित्व है।

धन्यवाद Sangeeta जी, आपने बिलकुल सत्य बात कही। आज के समय में व्यक्ति लगभग पर्यावरण का महत्व भूल ही गया है, वो इस बात पर ध्यान ही नहीं देता की अगर हम पर्यावरण को स्वच्छ रखेंगे तभी हम भी स्वस्थ रह पाएंगे। पर्यावरण के महत्व के बारे में बताने के लिए ही हमने इस Article को लिखा। हमें जानकार अत्यन ख़ुशी हुई की आपको हमारा Article पसंद आया।

Keep on working, great job!

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Friday, 12 July 2024

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  • Cover Story

State Editions

Tree plantation by cops shows their sensitivity to environment.

Chief Minister Mohan Yadav has said that the Ek Ped Maa Ke Naam campaign initiated by Prime Minister Shri Narendra Modi on Environment Day has taken the form of a public campaign in the entire country. The target is to plant 5 crore 51 lakh saplings in the state. This is an attempt to awaken social consciousness towards environmental protection. Madhya Pradesh Police including plantation as its priority shows their sensitivity towards the environment. It is encouraging to see that along with the police personnel, their families are also considering tree plantation as their responsibility. Chief Minister Dr. Yadav praised the police functioning in the anti-Naxal campaign and the sensitivity of the police in maintaining law and order in the entire state. He said the police work effectively and the state government is with them. Chief Minister Dr. Yadav was addressing the "Ek Ped Maa Ke Naam" campaign organized at the 25th Battalion of Bhopal.

Chief Minister Dr. Yadav plants Rudraksha sapling

Chief Minister Yadav planted Rudraksha saplings and inaugurated the state-level program by releasing balloons in the sky. At the same time, 1 lakh 25 thousand saplings were planted simultaneously in the police units of the entire state. On his arrival, Chief Minister Dr. Yadav was welcomed by girls with tilak with the police band playing in the background. The Chief Minister was given a guard of honour. The Chief Minister visited the campus and interacted with the police personnel and members of police families who had gathered for the program. Director General of Police Shri Sudhir Saxena presented a memento to Chief Minister Dr. Yadav.

PM Shri Modi added a human touch to campaign by linking plantations with mothers

Chief Minister Yadav said that water, forest, and land connect us with nature and encourage the basic qualities of humanity. Destruction of forests and uncontrolled pollution have increased carbon emissions, which can be compensated only by planting trees. Prime Minister Modi has added a human and personal touch to the campaign by linking the plantations with mothers. Planting a tree in the name of mothers is a tribute to Indian culture. As per Prime Minister Shri Modi's call, we have to plant the sapling and take care of it till it grows five feet tall.

Planting trees will inspire police families to protect the environment

Director General of Police Shri Sudhir Saxena said that under the guidance of Chief Minister Dr. Mohan Yadav, the 'Ek Ped Maa Ke Naam - Massive Tree Plantation' campaign organized by Madhya Pradesh Police in all the police units of the state will help in environmental protection by bringing the police personnel and their families closer to nature. Along with protecting the earth, it is also our responsibility to nourish the earth by planting trees.

Three-year-old Vijayansh Kushwaha plants sapling with his mother

On the instructions of the Director General of Police Shri Sudhir Saxena, police personnel and their families participated with enthusiasm in the tree plantation program organized in all the police units of the state. At the event in Bhopal, three-year-old Vijayansh Kushwaha came with his mother to plant saplings in police uniform. Chief Minister Dr. Yadav praised Vijayansh's enthusiasm and planted a sapling with him.

On this occasion, many children planted saplings along with their mothers, and many policemen also planted saplings in the memory of their mothers with their photographs. The massive tree plantation campaign was celebrated in all the police units of the state including Bhopal.

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Ai technology combating illegal mining, minerals’ transportation, rural youth should recognise their capabilities: jayant, up govt eyes csr funds to enrich visitors’ experience, double-decker bus rams into parked truck in hathras, 2 killed, up launches scheme for allotment of corporate office plots in greater noida, cm conducts aerial survey of flood-hit areas of shravasti and balrampur, sunday edition, ganga needs cleansing, st. moritz summer’s rich alpine palette, rejoice in the monsoon magic this season, who is a fool, a resounding tribute to pandit bhajan sopori, a celebration of artistic diversity and creative dialogue, e-mail this link to a friend..

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India’s daredevils defy gravity in the Well of Death

  • Deep Read ( 1 Min. )
  • By Ahmer Khan Contributor

July 10, 2024 | Aligarh, India

Muhammad Faheem, a stunt performer in northern India, rides his motorcycle inside a 30-to-50-foot-diameter wooden cylinder formed like a barrel. The breathtaking show – known in Hindi as Maut ka Kuan, or Well of Death – brings a modern twist to classic tent circuses, with cars and motorcycles replacing animals and tightrope walkers.

Despite the modest wages, dangerous operational hurdles, and declining attendance, Mr. Faheem says he is passionate about trying to thrill the heart of every audience member who shows up.

Why We Wrote This

Some people seek out thrills, and others provide them. In India, stunt drivers ensure that audiences feel an adrenaline rush from death-defying performances.

“Every challenge we face, financial or logistical, is just another part of the act,” he explains. “It’s what makes the final applause so worth it.” 

Expand the story to see the full photo essay.

When he was a teenager, Muhammad Faheem visited a festival in Delhi and watched gravity-defying performers drive up and around the steep walls of a cylindrical arena. In Hindi, the carnival attraction is known as Maut ka Kuan, or Well of Death, because performers risk falling off at any moment.

“I wasn’t scared; I was drawn to it,” Mr. Faheem says. “It felt like the roaring engines and the cheering crowd were saying, ‘You belong here.’”

Today, Mr. Faheem is one of those stunt performers in northern India, riding his motorcycle inside a 30-to-50-foot-diameter wooden cylinder formed like a barrel. The breathtaking shows – which were once very popular in the region but now pull in smaller crowds – bring a modern twist to classic tent circuses, with cars and motorcycles replacing animals and tightrope walkers.

Despite the modest wages and dangerous operational hurdles, Mr. Faheem remains passionate about thrilling the heart of every audience member.

“Every challenge we face, financial or logistical, is just another part of the act,” he says. “It’s what makes the final applause so worth it.” 

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  1. पर्यावरण पर निबंध । Essay on Environment in Hindi । Paryavaran par nibandh Hindi mein

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  2. विश्व पर्यावरण दिवस पर निबंध 2023

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  3. पर्यायवरण पर निबंध

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  4. Environment Essay In Hindi 1000 Words

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  5. Save The Environment Essay In Hindi

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  6. Essay on Environment in Hindi

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  1. paryavaran par nibandh/10 lines essay on environment in hindi/essay on environment in hindi

  2. Essay on Environment

  3. पर्यावरण किसे कहते हैं

  4. Essay on Students Life in Hindi

  5. Essay on environment pollution in hindi || पर्यावरण प्रदुषण पर निबंध || paryavaran pradushan

  6. Environment essay 10 lines in english and hindi || पर्यावरण पर निबंध इंग्लिश और हिन्दी में

COMMENTS

  1. पर्यावरण पर निबंध (Environment Essay in Hindi)

    पर्यावरण पर निबंध (300 - 400 शब्द) - Environment par Nibandh. प्रस्तावना. धरती पर हम जिस परिवेश में रहते हों उसे पर्यावरण कहते हैं जो हमारे जीवन का अनिवार्य हिस्सा है और हमें ...

  2. पर्यावरण पर निबंध

    Essay on Environment in Hindi. पर्यावरण, पर हमारा जीवन पूरी तरह निर्भर है, क्योंकि एक स्वच्छ वातावारण से ही स्वस्थ समाज का निर्माण होता है। पर्यावरण ...

  3. पर्यावरण पर निबंध

    पर्यावरण पर निबंध 10 पंक्तियाँ (Essay On Environment 10 Lines in Hindi) हमारे चारों ओर जो कुछ भी है, उसे पर्यावरण कहा जाता है।. पर्यावरण को स्वच्छ और हरा-भरा ...

  4. पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi (1000W)

    प्रस्तावना (पर्यावरण पर निबंध Essay on Environment in Hindi) प्रकृति ने हमें एक स्वच्छ और स्वस्थ वातावरण सौंपा था। किंतु मनुष्य ने अपने लालची पन और ...

  5. Essay on Environment : पर्यावरण पर हिन्दी में रोचक निबंध

    पर्यावरण (Environment) शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है, परि और आवरण जिसमें परि का मतलब है हमारे आसपास या कह लें कि जो हमारे चारों ओर है। - Essay on Environment in Hindi

  6. पर्यावरण दिवस पर निबंध (Essay on Environment Day in Hindi)

    पर्यावरण पर निबंध (paryavaran diwas par nibandh) का यह लेख उन सभी छात्रों के लिए लाभदायक होगा जो पर्यावरण दिवस पर निबंध हिंदी में (environment day essay in hindi) लिखना चाहते हैं या इस विषय के ...

  7. पर्यावरण और विकास पर निबंध (Environment and Development Essay in Hindi)

    पर्यावरण और विकास पर निबंध (Environment and Development Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / August 25, 2018. विकास एक निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है, हालांकि हर विकास के अपने ...

  8. पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)

    पर्यावरण प्रदूषण पर छोटे-बड़े निबंध (Short and Long Essay on Environmental Pollution in Hindi, Paryavaran Pradushan par Nibandh Hindi mein) आइए, हम छोटे और बड़े निबंधों के माध्यम से पर्यावरण ...

  9. Essay on environment in hindi, article, paragraph: पर्यावरण पर निबंध, लेख

    पर्यावरण पर निबंध, long essay on environment in hindi (400 शब्द) पृथ्वी पर जीवन को संभव बनाने वाली सभी प्राकृतिक चीजों में जल, वायु, सूर्य का प्रकाश, भूमि ...

  10. पर्यावरण संरक्षण पर निबंध

    Here We Share With You Environment Conservation Essay in Hindi For School Students & Kids In Pdf Format Let Read And Enjoy:-Short Essay On Environment Conservation Essay in Hindi In 300 Words. भारत में पर्यावरण के प्रति वैदिक काल से ही जागरूकता रही है ...

  11. Essay Environment in Hindi

    पर्यावरण पर निबंध 1000 शब्दों में PDF (पर्यावरण प्रदूषण / संरक्षण) Essay Environment in Hindi, पर्यावरण का जीवन में महत्व अथवा पर्यावरण संरक्षण हमारा दायित्य

  12. पर्यावरण पर निबंध

    December 27, 2023 Kanaram siyol HINDI NIBANDH. पर्यावरण पर निबंध | Environment Essay in Hindi हमारा जीवन पूरी तरह पर्यावरण पर निर्भर हैं, हमारे आस पास के परिवेश में उपलब्ध समस्त ...

  13. Essay On Environment In Hindi पर्यावरण पर निबंध

    September 25, 2019 by Knowledge Dabba. Essay On Environment In Hindi पोस्ट में पर्यावरण पर निबंध (Paryavaran Par Nibandh Hindi Mein) और सामान्य जानकारी है। पर्यावरण हमारे आसपास के वातावरण को कहते ...

  14. पर्यावरण पर निबंध

    पर्यावरण पर निबंध (Essay On Environment In Hindi)- पर्यावरण शब्द पढ़ने, लिखने, बोलने या सुनने में जितना छोटा है, इसका अर्थ उतना ही ज़्यादा बड़ा और गहरा है ...

  15. Environment पर निबंध, कहानी, जानकारी

    पर्यावरण पर एस्से (Essay on Environment) हर साल 5 जून को हम सभी विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) मनाते हैं। पृथ्वी पर उपस्थित सभी सजीव और निर्जीव पर्यावरण का ...

  16. पर्यावरण पर निबंध हिन्दी में। Essay on Environment in Hindi

    मानव हस्तक्षेप के आधार पर पर्यावरण को दो भागों में बांटा जा सकता है, जिसमें पहला है प्राकृतिक या नैसर्गिक पर्यावरण और मानव निर्मित पर्यावरण। - Essay on Environment in ...

  17. विश्व पर्यावरण दिवस 2024 पर निबंध

    विश्व पर्यावरण दिवस 2024 पर निबंध (World Environment Day Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / January 13, 2017. जीवन को बेहतर और अधिक प्राकृतिक बनाने के लिए पूरे विश्वभर में ...

  18. पर्यावरण पर निबंध

    Categories Essay in Hindi Tags Environment Essay in Hind, पर्यावरण का अर्थ, पर्यावरण कितने प्रकार के होते हैं, पर्यावरण किसे कहते है, पर्यावरण पर निबंध, पर्यावरण पर ...

  19. पर्यावरण पर संक्षिप्त में निबंध || Short Essay on Environment in Hindi

    पर्यावरण सभी जीवो के जीवन का महत्वपूर्ण अंग है। प्रकृति के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। वायु, अग्नि, अकाश, जल-थल आदि ...

  20. PDF पर्यावरण पर निबंध ...

    व यर्ु प्रदूषण पर नि बंध - Essay on Air Pollution. Water Pollution in Hindi - जल प्रदूषण पर नि बंध 1500 शब्दों में. Global Warming पर निबंध. िशय मुक्ति पर निबंध 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों ...

  21. मनुष्य और पर्यावरण पर निबंध

    मनुष्य और पर्यावरण पर निबंध | Essay on Man and the Environment in Hindi! Essay # 1. मानव तथा पर्यावरण का परिचय (Introduction to Man and the Environment): भूगोल में प्रायः मानव तथा पर्यावरण के पारस्परिक संबंध का ...

  22. पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Save Environment Essay in Hindi)

    पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Save Environment Essay in Hindi) By अर्चना सिंह / June 3, 2023. पर्यावरण का संबंध उन जीवित और गैर जीवित चीजो से है, जो कि हमारे आस-पास मौजूद ...

  23. पर्यावरण का महत्व

    नमस्कार, आज हम पर्यावरण के महत्व यानी Importance Of Environment in Hindi को समझेंगे, जितना हमारे जीने के लिए खाना और पानी आवश्यक है उतना ही हमारे लिए एक स्वच्छ पर्यावरण ...

  24. Tree plantation by cops shows their sensitivity to environment

    Chief Minister Mohan Yadav has said that the Ek Ped Maa Ke Naam campaign initiated by Prime Minister Shri Narendra Modi on Environment Day has taken the form of a public campaign in the entire ...

  25. Earth's core has slowed so much it's moving backward ...

    New research confirms the rotation of Earth's inner core has been slowing down as part of a decades-long pattern. How this slowdown might affect our planet remains an open question.

  26. India's daredevils defy gravity in the Well of Death

    In Hindi, the carnival attraction is known as Maut ka Kuan, or Well of Death, because performers risk falling off at any moment. "I wasn't scared; I was drawn to it," Mr. Faheem says.